चार्टर्ड अकाउंटेंट और तमिल पॉलिटिकल मैगजीन 'तुगलक' के एडिटर एस. गुरुमूर्ति ने बैंक कर्मचारियों पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद अब अपने बारे में एक बड़ा खुलासा किया है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट और तमिल पॉलिटिकल मैगजीन 'तुगलक' के एडिटर एस. गुरुमूर्ति ने बैंक कर्मचारियों पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद अब अपने बारे में एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि उन पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) में बोर्ड का पद संभालने के लिए दबाव डाला गया था।
गुरुमूर्ति ने यह बात अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) के महासचिव सी.एच. वेंकटचलम को भेजे एक ई-मेल में कही और बाद में उन्होंने संघ के सदस्यों के साथ भी मेल साझा किया है।
अपने ई-मेल में गुरुमूर्ति ने वेंकटचलम से कहा, ‘आप सभी सोचते हैं कि मेरा आरबीआई बोर्ड में शामिल होना एक बड़ी बात है। मुझ पर उस पद को लेने के लिए दबाव डाला गया था, क्योंकि आरबीआई बोर्ड में काउंटर व्यू (counter view) रखने के लिए बहुत ज्यादा लोग नहीं थे।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे इसकी जरूरत नहीं थी और न ही मैंने इसकी इच्छा व्यक्त की थी। दशकों तक मैंने कभी भी सरकार में या सरकार से कोई पद नहीं लिया और न ही कभी लूंगा।’
गुरुमूर्ति ने कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड में पश्चिमी फाइनेंशियल मीडिया द्वारा मेरी आलोचना की गई थी और मुझे खुशी है कि आप कम्युनिस्ट अब अपने विचार साझा करते हैं।’
गुरुमूर्ति ने कहा कि उन्होंने किसी भी सार्वजनिक मंच पर किसी को यह बताने की अनुमति नहीं दी कि वह आरबीआई बोर्ड में हैं।
गुरुमूर्ति ने आगे कहा, ‘आपने आरबीआई बोर्ड में मेरे होने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। शायद आप इस बात को नहीं जानते कि यदि मैं आरबीआई के बोर्ड में नहीं होता तो मेरे लिए चीजें थोड़ी अलग होतीं।
गुरुमूर्ति ने वेंकटचलम को यह पत्र उस कमेंट्स के जवाब में लिखा, जो सोशल मीडिया पर उन्हें मिल रहे हैं। दरअसल ‘तुगलक’ पत्रिका के वार्षिक समारोह में उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकर्स को लेकर टिप्पणी की थी, जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोग उनकी निंदा कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एस. गुरुमूर्ति ने चेन्नई में तमिल पत्रिका 'तुगलक' की 52वीं वर्षगांठ समारोह में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उनके लिए तमिल शब्द 'काझीसदाई' का प्रयोग किया था, जिसका अर्थ मैला या गंदा होता है।
दरअसल, पत्रिका 'तुगलक' की 52वीं वर्षगांठ समारोह में उपस्थित एक श्रोता के सवाल का जवाब देते हुए गुरुमूर्ति ने कहा था कि सरकारी बैंकों के अच्छे कर्मचारी अपनी नौकरी इस कारण से छोड़ रहे हैं क्योंकि उनका पैकेज बहुत कम है और वे स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं कर पा रहे हैं। अब हमारे पास केवल 'काझीसदाई' (मैले या गंदे) बचे हैं और यह उनके साथ मिलकर देश को वित्तीय क्षेत्र में विश्व स्तर पर कंपटिशन करना है।’
गुरुमूर्ति के इस बयान का सरकारी बैंक यूनियनों ने कड़ा विरोध किया है। इस मामले में अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ की तमिलनाडु यूनिट ने बयान जारी करते हुए कहा, ‘हमें उम्मीद नहीं थी कि उनके जैसा शख्स इस तरह के शब्दों का प्रयोग कर सकता है। वो आरबीआई में सर्वोच्च पद पर हैं और उन्होंने बैंककर्मियों के लिए आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने किया, जिन्होंने कोरोना महामारी के समय बैंक कर्मचारियों के निस्वार्थ सेवा के लिए उन्हें सलाम किया है।’
इस मामले में अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के सचिव वेंकटचलम ने कहा, ‘हम गुरुमूर्ति की विवादित टिप्पणी के लिए कड़ी निंदा करते हैं और उनसे मांग करते हैं कि वो अविलंब बैंक कर्मचारियों से मांफी मांगे। इसके अलावा हम सरकार से मांग करते हैं कि उनके खिलाफ एक्शन ले और उन्हें आरबीआई के बोर्ड से बाहर करे।’
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।‘वायकॉम18 स्पोर्ट्स’ को जॉइन करने से पहले पुष्पेंद्र सिंह एक शॉर्ट वीडियो प्रॉडक्शन और क्रिएटर इकनॉमी स्टार्टअप ‘Fandawm’ के को-फाउंडर रहे हैं।
‘वायकॉम18 स्पोर्ट्स’ (Viacom18 Sports) ने पुष्पेंद्र सिंह को चीफ प्रॉडक्ट ऑफिसर के तौर पर नियुक्त किया है। ‘वायकॉम18 स्पोर्ट्स’ को जॉइन करने से पहले पुष्पेंद्र सिंह एक शॉर्ट वीडियो प्रॉडक्शन और क्रिएटर इकनॉमी स्टार्टअप ‘Fandawm’ के को-फाउंडर रहे हैं।
इस बारे में अपनी एक लिंक्डइन पोस्ट में पुष्पेंद्र सिंह ने लिखा है, ‘वायकॉम 18 स्पोर्ट्स में चीफ प्रॉडक्ट ऑफिसर के रूप में अपनी नई पारी की घोषणा करते हुए मुझे काफी खुशी हो रही है। आईपीएल डिजिटल मीडिया अधिकारों के साथ वायकॉम18 एक शानदार स्पोर्ट्स वीडियो स्ट्रीमिंग अनुभव देने के लिए पूरी तरह तैयार है। धन्यवाद वायकॉम18 टीम।’
पुष्पेंद्र सिंह को शॉर्ट वीडियो, ओटीटी म्यूजिक, वीडियो स्ट्रीमिंग, ई-कॉमर्स, प्रॉडक्ट मैनेजमेंट एंड ग्रोथ, कंटेंट स्ट्रैटेजी और मोबाइल एंड इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स का काफी अनुभव है। पूर्व में वह MX Player, MX TakaTak, Gaana, Amazon, Snapdeal, Genpact Headstrong और Sapient जैसी जानी-मानी कंपनियों में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।‘आईआईएमसी‘ के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा, हमारा उद्देश्य है कि ‘आईआईएमसी‘ कम्युनिकेशन की दुनिया के ‘ग्लोबल लीडर्स’ तैयार करे।
देश की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘इंडिया टुडे’ (India Today) के 'बेस्ट कॉलेज सर्वे' (Best College Survey) में ‘भारतीय जनसंचार संस्थान‘ (IIMC), नई दिल्ली को पत्रकारिता एवं जनसंचार के क्षेत्र में देश का सर्वश्रेष्ठ मीडिया शिक्षण संस्थान घोषित किया गया है।
इस उपलब्धि पर ‘आईआईएमसी‘ के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा, ‘आईआईएमसी‘ परिवार के लिए बड़े ही गर्व का विषय है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और संस्थान के चेयरमैन अपूर्व चंद्र के मार्गदर्शन और सहयोग से संस्थान अकादमिक गुणवत्ता के मानकों को स्थापित करने में सफल रहा है।‘ उन्होंने कहा कि ‘आईआईएमसी‘ के सभी पूर्व महानिदेशकों, श्रेष्ठ प्राध्यापकों, अधिकारियों और कर्मचारियों के अथक प्रयास से ही हम लगातार कई वर्षों से पहले स्थान पर हैं।
प्रो. द्विवेदी के अनुसार, ‘डिजिटल मीडिया और मीडिया कन्वर्जेंस आज की जरुरत है। ‘आईआईएमसी‘ ने मीडिया शिक्षण, प्रशिक्षण और शोध के क्षेत्र में एक अलग जगह बनाई है। हमने मीडिया क्षेत्र की जरूरतों के हिसाब से पाठ्यक्रमों को निरंतर अपडेट किया है। यही कारण है कि ‘आईआईएमसी‘ के पूर्व छात्र आज देश के ही नहीं, विदेशों के भी मीडिया, सूचना और संचार संगठनों में नेतृत्वकारी भूमिका में हैं।
प्रो. द्विवेदी ने कहा कि विद्यार्थियों की सफलता ही किसी संस्थान की सफलता है। हम अपने विद्यार्थियों को हर वह अवसर सुलभ करा रहे हैं, जो उनके सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी हैं। हम चाहते हैं कि दुनिया के सफलतम लोगों से हमारे विद्यार्थी संवाद कर पाएं। हमारा उद्देश्य है कि ‘आईआईएमसी‘ कम्युनिकेशन की दुनिया के ‘ग्लोबल लीडर्स’ तैयार करे।
गौरतलब है कि ‘भारतीय जनसंचार संस्थान‘ सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन पत्रकारिता और जनसंचार के क्षेत्र में प्रमुख शिक्षण संस्थान है। ‘आईआईएमसी‘ हिंदी पत्रकारिता, अंग्रेजी पत्रकारिता, विज्ञापन एवं जनसंपर्क, रेडियो एवं टेलीविजन, डिजिटिल मीडिया, ओड़िया, मराठी, मलयालम और उर्दू पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करता है।
नवनियुक्त राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा को खेलों में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिल्ली में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में यह सम्मान दिया गया।
‘प्रो स्पोर्टीफाई’ (Pro Sportify) के संस्थापक और हरियाणा से नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा को भारतीय खेलों में उनके बेजोड़ योगदान के लिए ‘स्पोर्ट्स फैन अवार्ड 2022‘ (Sports Fan Award 2022) से सम्मानित किया गया है।
नवनियुक्त राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा को दिल्ली में रविवार को आयोजित ‘स्पोर्ट्स फिलेंथ्रॉपी अवॉर्ड्स’ कार्यक्रम में खेलों में उनके उल्लेखनीय योगदान और लीग के माध्यम से ओलंपिक खेलों को बढ़ावा देने में अनुकरणीय समर्पण के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
बता दें कि ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) के फाउंडर व मैनेजिंग डायरेक्टर कार्तिकेय शर्मा एक दशक से भी ज्यादा समय से खेलों का समर्थन कर रहे हैं। प्रो रेसलिंग लीग, बिग बाउट इंडियन बाक्सिंग लीग, द इंडियन एरिना पोलो लीग और दो अन्य आगामी लीगों को वह बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं।
इस अवार्ड के मिलने के बाद कार्तिकेय शर्मा ने एक ट्वीट कर अपनी खुशी का इजहार किया। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं, जो आपने मुझे ये सम्मान दिया। मेरा मानना है कि खेल युवाओं को अच्छी और ऊंची जगह के लिए अग्रसर करता है और मैं हमेशा युवाओं के लिए और खेल जगत के लिए अपना पूर्ण रूप से सहयोग दूंगा।‘
मैं बहुत - बहुत आभारी हूँ आपका जो आपने ये सम्मान मुझे दिया। मेरा मानना है कि खेल युवाओं को एक अच्छी और ऊँची जगह के लिए अग्रसर करता है और मैं हमेशा युवाओं के लिए और खेल जगत के लिए अपना पूर्ण रूप से सहयोग दूंगा ।#SportsFanAward pic.twitter.com/rc0JMpcpFw
— Kartik Sharma (@Kartiksharmamp) June 26, 2022
हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह, टीम इंडिया के सुपरफैन सुधीर कुमार गौतम, सुगुमर कुमार, देश की पहली महिला ओलंपियन कर्णम मल्लेश्वरी और लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त ने उन्हें शानदार ट्राफी प्रदान की। गौरतलब है कि राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार विजेताओं, अर्जुन पुरस्कार विजेताओं और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेताओं समेत भारतीय खेल दिग्गजों ने इस अवॉर्ड के लिए कार्तिकेय शर्मा को चयनित किया।
कार्यक्रम की झलक आप यहां देख सकते हैं-
राजधानी में स्पोर्ट्स फिलेंथ्रॉपी अवॉर्ड 2022- सांसद कार्तिक शर्मा का भव्य सम्मान समारोह #SportsFanAward2022 #KartikeyaSharma #sports@UdayPratapSingh pic.twitter.com/0eoCvTM3p0
— India News (@IndiaNews_itv) June 26, 2022
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नवनियुक्त राज्यसभा सदस्य और ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) के फाउंडर व मैनेजिंग डायरेक्टर कार्तिकेय शर्मा का कहना है कि ये योजना देश की सशस्त्र सुरक्षा प्रणाली को एक नए मुकाम पर ले जाएगी।
रक्षा सेनाओं (आर्मी, नेवी, एयर फोर्स) में भर्ती के लिए पिछले दिनों सरकार द्वारा लॉन्च की गई ‘अग्निपथ योजना’ (Agnipath Scheme) का काफी विरोध हो रहा है। इस योजना को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं। ‘चार साल बाद अग्निवीर क्या करेंगे?’ के जवाब में केंद्रीय बलों (सीएपीएफ); यूपी, हरियाणा, उत्तराखण्ड, आदि राज्यों में पुलिस व सम्बद्ध विभागों में भर्ती में प्राथमिकता की घोषणा की जा रही हैं। कई औद्योगिक घराने भी सरकार की इस योजना के समर्थन में आगे आए हैं। हाल ही में ‘महिंद्रा’ ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने अग्निवीरों को सेवानिवृत्ति के बाद अपने ग्रुप में नौकरी देने की बात कही है।
देश के बड़े न्यूज ब्रॉडकास्टर्स में शुमार ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) ने भी सरकार की इस योजना का समर्थन किया है।
नवनियुक्त राज्यसभा सदस्य और ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) के फाउंडर व मैनेजिंग डायरेक्टर कार्तिकेय शर्मा का कहना है कि सेना में भर्ती की ‘अग्निपथ’ स्कीम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच का परिणाम है। ये योजना गेम-चेंजर साबित होगी और देश की सशस्त्र सुरक्षा प्रणाली को एक नए मुकाम पर ले जाएगी।
इसके साथ ही कार्तिकेय शर्मा ने घोषणा की है कि चार साल की नौकरी के बाद उनके नेटवर्क की तरफ से भी अग्निवीरों को हरसंभव मदद की जाएगी और योग्यता के आधार पर नौकरी पर रखा जाएगा।
I firmly believe that @narendramodi ji vision of Agnivir will be a game changer for India’s defence and produce committed Human Resource whose consumption can drive growth across the sectors. https://t.co/to1J18QAU9
— Kartik Sharma (@Kartiksharmamp) June 21, 2022
गौरतलब है कि कार्तिकेय शर्मा ने काफी कम उम्र में मीडिया बिजनेस में मजबूती से अपने पैर जमा लिए हैं और हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में हरियाणा से कांग्रेस के अजय माकन को हराकर अपनी जीत दर्ज की है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।'जी न्यूज' के एडिटर-इन-चीफ व सीईओ सुधीर चौधरी ने शुक्रवार के अपने शो ‘डीएनए’ (DNA) में इस पूरे फैसले और ‘जी न्यूज’ की कवरेज को लेकर विस्तार से बात की।
गुजरात में वर्ष 2002 में हुए दंगों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री) को क्लीन चिट दे दी है। इसके साथ ही दंगों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (SIT) की जांच को सही ठहराया है। यही नहीं, अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने 'जी न्यूज' व उसके एडिटर-इन-चीफ व सीईओ सुधीर चौधरी की कवरेज का भी जिक्र किया है।
SIT on Gujarat riots quizzed me twice for my interview with then CM @narendramodi .They wanted me to say what he didn’t say. UPA Govt wanted this IV badly to implicate Modi. I’m happy truth prevailed in Supreme Court’s order. SC has dedicated 2 pages to this incidence. pic.twitter.com/tTY5lyUY6L
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) June 24, 2022
बता दें कि 72 साल के एहसान जाफरी कांग्रेस नेता और सांसद थे। उन्हें उत्तरी अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसाइटी के उनके घर से निकालकर गुस्साई भीड़ ने मार डाला था। एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने दंगे की साजिश के मामले में मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती दी थी। मजिस्ट्रेट ने एसआईटी की उस क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार किया था, जिसमें तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी समेत 63 लोगों को दंगों की साजिश रचने के आरोप से आजाद किया गया था। हाई कोर्ट भी इस फैसले को सही करार दे चुका है। जाकिया जाफरी ने विशेष जांच दल की रिपोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अब अहम फैसला लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि इस केस को 16 साल तक जिंदा रखा गया और कई याचिकाएं दायर की गईं। जो लोग भी कानून के गलत इस्तेमाल में शामिल हैं, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करनी चाहिए।
गौरतलब है कि पूर्व सीबीआई निदेशक आरके राघवन के नेतृत्व वाली एसआईटी ने तत्काल मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रशासन को क्लीन चिट दी थी। इसे जाकिया जाफरी ने चुनौती दी थी। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पुलिस की कमी के बावजूद प्रशासन ने दंगों को शांत कराने की पूरी कोशिश की, लेकिन कुछ अधिकारियों ने निजी स्वार्थ के लिए इस मामले को संवेदनशील बनाया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन अधिकारियों ने दावा किया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बड़े अधिकारियों ने मीटिंग में दंगे की साजिश रची। इन अधिकारियों का दावा था कि वे इस मीटिंग में मौजूद थे, जबकि सच में वे इस मीटिंग में मौजूद नहीं थे।
सुधीर चौधरी ने शुक्रवार के अपने शो ‘डीएनए’ (DNA) में इस पूरे फैसले और ‘जी न्यूज’ की कवरेज को लेकर विस्तार से बात की। सुधीर चौधरी ने उस दौरान नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू किया था, जिसको लेकर भी काफी हंगामा हुआ था। सुधीर चौधरी का कहना था कि इस मामले में उनसे भी कई बार पूछताछ हुई थी और जांच एजेंसी हर बार यही जानना चाहती थीं कि क्या नरेंद्र मोदी ने ये कहा था कि गुजरात में दंगे गोधरा कांड का बदला लेने के लिए हुए थे। सुधीर चौधरी के अनुसार, ऐसा कुछ नहीं था। नरेंद्र मोदी ने ऐसा कुछ नहीं कहा था और अपनी कवरेज में उन्होंने पूरा सच दिखाया था। सुधीर चौधरी के अनुसार, कुछ लोगों ने उनके इंटरव्यू के अंशों को तोड़-मरोड़कर पेश किया, ताकि इसमें मोदी और तत्कालीन सरकार की साजिश दिखे। अपने शो में सुधीर चौधरी ने वर्ष 2002 की कवरेज को भी दिखाया है।
इस मुद्दे पर शुक्रवार का पूरा DNA शो आप यहां देख सकते हैं-
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‘बिजनेसवर्ल्ड’ समूह के चेयरमैन और ‘एक्सचेंज4मीडिया’ समूह के फाउंडर व एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा ने ‘आईटीवी नेटवर्क’ के फाउंडर व एमडी कार्तिकेय शर्मा को राज्यसभा सदस्य बनने पर बधाई दी है।
‘बिजनेसवर्ल्ड’ समूह के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ और ‘एक्सचेंज4मीडिया’ समूह के फाउंडर व एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा ने ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) के फाउंडर व मैनेजिंग डायरेक्टर कार्तिकेय शर्मा से मुलाकात की और उन्हें राज्यसभा सदस्य बनने पर बधाई दी।
कार्तिकेय शर्मा से मुलाकात करने के बाद डॉक्टर बत्रा ने अपने ट्विटर पर लिखा, प्रिय कार्तिक, आज मैं जब आपसे मिल रहा हूं तो आप एक युवा इंडिपेंडेंट राज्यसभा सदस्य हैं। इतनी कम उम्र में इस उपलब्धि के लिए आपको बधाई। मुझे इन तीन चीजों को लेकर काफी खुशी है कि आप अपने पिता की विरासत को आगे ले जाने का काम कर रहे हैं। इसके अलावा आप काफी फिट हैं और सदैव अच्छे इरादे के साथ लोगों की मदद करते हैं।
उनके इस ट्वीट पर राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा ने लिखा है, मेरे प्रिय मित्र और भाई अनुराग, आपके इस प्रेम और स्नेह के लिए मैं आभारी हूं। ये सच्चा प्यार और गर्मजोशी आपने हमेशा मुझे दी है और इसके लिए आपका शुक्रिया।
My dearest friend & brother Dr.@anuragbatrayo, thank you for the genuine love & warmth you have always given me. https://t.co/a0ncBNOABJ
— Kartik Sharma (@Kartiksharmamp) June 22, 2022
गौरतलब है कि कार्तिकेय शर्मा ने काफी कम उम्र में मीडिया बिजनेस में मजबूती से अपने पैर जमा लिए हैं और हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में हरियाणा से कांग्रेस के अजय माकन को हराकर अपनी जीत दर्ज की है। वहीं, डॉक्टर अनुराग बत्रा पिछले दो दशक से भी अधिक समय से मीडिया बिजनेस में हैं। वह मीडिया जगत से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय बेबाकी से रखने के लिए जाने जाते हैं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।अनुराग मिश्रा करीब पांच साल से ‘राजस्थान पत्रिका‘ के नेशनल ब्यूरो में गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के साथ-साथ छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की खबरों को भी देख रहे थे।
पत्रकार अनुराग मिश्रा वत्स को ‘राजस्थान पत्रिका’ ने उत्तर प्रदेश (डिजिटल और न्यूजपेपर) का संपादकीय प्रभारी बनाया है।
साल 2003 में ‘स्टार न्यूज’ से अपने करियर की शुरुआत करने वाले अनुराग मिश्र ’सीएनबीसी’, ’आईबीएन7’, ’एनडीटीवी’, ’जी न्यूज’ और ’न्यूज18’ जैसे जाने-माने चैनल्स में रिपोर्टिंग समेत कई अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। वह ’ईटीवी’ में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और हरियाणा के हेड रह चुके हैं।
अनुराग मिश्रा द्वारा वर्ष 2016 में गए किए देश के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर के इंटरव्यू ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। इस इंटरव्यू में जस्टिस ठाकुर ने कहा था कि केंद्र व राज्य सरकारों की नाकामी की वजह से लोग न्यायालय का रुख करते हैं। अनुराग मिश्र द्वारा लिया गया यह इंटरव्यू देश के तमाम न्यूज चैनल्स और अखबारों समेत कई विदेशी चैनल्स में छाया रहा था।
इसके अलावा इंटरपोल की रिपोर्ट के आधार पर अवैध वेस्ट ई-वेस्ट के जलाए जाने को लेकर उनकी खबर के बाद उत्तर प्रदेश सरकार अलर्ट हुई थी। यही नहीं, अनुराग की खबर पर ‘नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल’ (NGT) ने एक्शन लेते हुए यूपी सरकार पर जुर्माना भी लगाया था।
अनुराग मिश्रा करीब पांच साल से ‘राजस्थान पत्रिका‘ के नेशनल ब्यूरो में गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के साथ-साथ छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की खबरों को भी देख रहे थे। ‘राजस्थान पत्रिका‘ द्वारा अनुराग को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने पर कई वरिष्ठ पत्रकारों ने उन्हें बधाई दी है।
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एक ओर जहां पूरी दुनिया में लोगों का भरोसा मीडिया के न्यूज कंटेंट से घटा है, वहीं भारत के लिए एक अच्छी खबर निकलकर सामने आई है। दरअसल, भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल है जहां न्यूज कंटेंट के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि इसका खुलासा ‘रॉयटर्स इंस्टीट्यूट’ के हाल ही के एक सर्वे में हुआ है।
रॉयटर्स इंस्टीट्यूट ने पिछले हफ्ते अपने डिजिटल न्यूज रिपोर्ट का 11वां संस्करण जारी किया। 46 देशों पर किए गए सर्वे में भारत समेत सात देश ऐसे हैं, जहां न्यूज कंटेंट पर लोगों का विश्वास बढ़ा है। अन्य सभी देशों में लोगों का विश्वास कम हो रहा है।
रिपोर्ट के जरिए यह पता चला है कि पूरी दुनिया में अन्य चीजों के साथ ही सोशल मीडिया के जरिए न्यूज की खपत में वृद्धि हुई है। हालांकि मीडिया द्वारा न्यूज रिपोर्ट्स पर भरोसे में भारी गिरावट आई है और न्यूज से विश्वास का उठना लोगों की प्रवृत्ति बनती जा रही है।
रिपोर्ट में पाया गया कि भारत में 41 प्रतिशत लोग न्यूज कंटेंट पर विश्वास करते हैं। सालभर पहले की तुलना में यह संख्या तीन प्रतिशत बढ़ी है। वहीं, 69 प्रतिशत के साथ फिनलैंड इस मामले में सबसे आगे और दुनिया के सबसे ताकतवर देश माने जाने वाले अमेरिका सबसे पीछे है। अमेरिका में न्यूज के प्रति भरोसे में तीन फीसदी की गिरावट आई है और यहां के 26 फीसदी लोग ही न्यूज पर विश्वास करते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, लोग खबरों से इसलिए भी दूर हो रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इनमें बहुत ज्यादा राजनीति होती है। वहीं, कोविड की खबरों की भरमार ने भी लोगों को असहज किया है। सर्वे के मुताबिक, दुनिया में न्यूज पर विश्वास कोरोना काल से पहले की तुलना में ज्यादा और वर्ष 2015 की अपेक्षा में कम है।
भारत में हुए सर्वे से पता चला कि देश में न्यूज के लिए 53 फीसदी लोग यूट्यूब की मदद ले रहे हैं, जबकि 51 प्रतिशत लोग न्यूज तक पहुंच के लिए वॉट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं। सर्वे में शामिल 12 प्रमुख देशों में फेसबुक न्यूज (30 प्रतिशत) के लिए सबसे लोकप्रिय सोशल नेटवर्क बना हुआ है। इसके बाद यूट्यूब (19 प्रतिशत) और वॉट्सऐप (15 प्रतिशत) का स्थान है।
न्यूज तक पहुंचने के माध्यम के रूप में फेसबुक की लोकप्रियता में 2016 के बाद से 12 प्रतिशत की गिरावट आई है। अपेक्षाकृत ज्यादा युवा आबादी वाला भारत भी एक मजबूत मोबाइल केंद्रित बाजार बन चुका है। यहां स्मार्टफोन के माध्यम से अब 72 प्रतिशत लोग न्यूज तक पहुंच रहे हैं, जबकि कंप्यूटर के माध्यम से केवल 35 प्रतिशत लोग न्यूज तक पहुंच रहे हैं। वहीं, न्यूज एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म और ऐप जैसे- गूगल न्यूज (53 फीसदी), डेली हंट (25 फीसदी), इनशॉर्ट्स (19 फीसदी), और न्यूजपॉइंट (17 फीसदी) न्यूज तक पहुंचने के अहम माध्यम बन गए हैं।
भारत में जिन लोगों ने सर्वे में हिस्सा लिया, उनमें से 84 फीसदी लोग ऑनलाइन ही न्यूज देखते हैं। साथ ही यहां 63 प्रतिशत लोग न्यूज सोशल मीडिया नेटवर्क के जरिये देखते हैं, लेकिन अभी भी 59 प्रतिशत लोग न्यूज के लिए टेलीविजन का ही उपयोग करते हैं, जबकि 49 प्रतिशत लोग न्यूज के लिए प्रिंट मीडियम का इस्तेमाल करते हैं।
भारत में ये हैं भरोसेमंद ब्रैंड
भारत में सार्वजनिक प्रसारकों में डीडी न्यूज और ऑल इंडिया रेडियो सबसे भरोसेमंद ब्रांड हैं। रिपोर्ट में अंग्रेजी भाषी लोगों ने इंडिया टुडे टीवी, एनडीटीवी 24×7 और बीबीसी को सबसे लोकप्रिय बताया। प्रिंट में टाइम्स ऑफ इंडिया, इकनॉमिक टाइम्स और हिंदुस्तान टाइम्स की बादशाहत कायम है और इन सभी ब्रांडों को मिला दिया जाए तो न्यूज में भरोसा बढ़कर 41 प्रतिशत हो जाता है। कोरोना महामारी के बाद 2021 में प्रिंट मीडिया की आय में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
सर्वे में यह भी पता चला कि 30 वर्ष से कम उम्र के लोग सीधे न्यूज मीडिया से जुड़ने में बहुत कम दिलचस्पी रखते हैं और पत्रकारिता को कैसा दिखना चाहिए, इस पर अलग-अलग विचार हैं। वहीं, अब ज्यादातर लोगों के पास न्यूज जानने के लिए कई और विकल्प आ गए हैं, जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स या फिर मोबाइल एग्रीगेटर। वहीं, कई देशों में 30 साल से कम उम्र के युवाओं के बीच टिकटॉक काफी ज्यादा प्रचलित है और ये आंकड़ा 40 प्रतिशत तक जा पहुंचा है और उनमें से 15 प्रतिशत न्यूज के लिए इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं। वहीं, अन्य प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम और यूट्यूब भी इस समूह के भीतर न्यूज तक पहुंचने के लिए अधिक लोकप्रिय हो गए हैं, जबकि फेसबुक के जरिये भी लोग न्यूज तक पहुंच रहे हैं।
इस तरह से किया गया है सर्वेक्षण-
न्यूज में लोगों के विश्वास को लेकर ये निष्कर्ष रॉयटर्स इंस्टीट्यूट डिजिटल न्यूज रिपोर्ट 2022 में शामिल हैं, जिसे ‘रॉयटर्स इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म’ द्वारा कमीशन किया गया था, जो ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग का हिस्सा है। यह रिपोर्ट समझने में मदद करने के लिए है, कि विभिन्न देशों में खबरों का उपभोग कैसे किया जा रहा है। YouGov द्वारा जनवरी के अंत और फरवरी 2022 की शुरुआत में एक ऑनलाइन प्रश्नावली का उपयोग करके इस पर रिसर्च किया गया है और फिर यह रिपोर्ट प्रकाशित की गई है।
इस सर्वे में एशिया में 11, दक्षिण अमेरिका में 5, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका में 3 और यूरोप में 24 सहित कुल 46 देशों का सर्वेक्षण किया गया है, जो दुनिया की आधी से अधिक आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रत्येक देश में 2,000 से अधिक लोगों से सवाल-जवाब किए गए। लेखकों ने हालांकि आगाह किया है कि, चूंकि सर्वेक्षण ऑनलाइन आयोजित किया गया था, इसलिए यह उन लोगों की समाचार खपत की आदतों का कम प्रतिनिधित्व कर सकता है जो अधिक उम्र के और कम संपन्न हैं।
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भारतीय पत्रकार मिताली मुखर्जी ‘रॉयटर्स इंस्टीट्यूट’ से जुड़ गई हैं। उन्हें ‘फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म’ के पत्रकार कार्यक्रमों (जर्नलिस्ट प्रोग्राम्स) की नई डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया है। यह दुनियाभर में परिचर्चा, जुड़ाव और शोध के माध्यम से पत्रकारिता के भविष्य की खोज के लिये समर्पित एक अनुसंधान केंद्र है और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग का हिस्सा है।
उनकी नई भूमिका बारे में रॉयटर्स इंस्टीट्यूट ने कहा, ‘वह जर्नलिस्ट फेलोशिप प्रोग्राम और कई अन्य पहलुओं (initiatives) की देखरेख करेंगी। मिताली डायरेक्टर डॉ. रासमस नीलसन (Dr. Rasmus Nielsen) को रिपोर्ट करेंगी और हमारी सीनियर मैनेजमेंट टीम का हिस्सा होंगी। वह 1 सितंबर को अपना पदभार ग्रहण करेंगी।’
रॉयटर्स इंस्टीट्यूट ने आगे बताया कि मिताली हमारी टीम के साथ काम करते हुए, दुनियाभर में पत्रकारिता के भविष्य की खोज करने, अभ्यास (practice) और अनुसंधान (research) को जोड़ने और रॉयटर्स इंस्टीट्यूट की वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान विकसित करने के हमारे मिशन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इसके अतिरिक्त वह वैश्विक मंचों पर संस्थान का प्रतिनिधित्व करेंगी और दुनियाभर में न्यूज इंडस्ट्री के सामने आने वाली चुनौतियों पर चल रही बातचीत के रूप में हमारी वैश्विक पत्रकारिता संगोष्ठी श्रृंखला को होस्ट व क्यूरेट करेंगी।
मिताली मुखर्जी राजनीतिक अर्थव्यवस्था से जुड़ी पत्रकार हैं, जिन्हें टीवी, प्रिंट और डिजिटल पत्रकारिता में दो दशकों से अधिक का अनुभव है। वह साउथ एशिया जर्नलिज्म फेलोशिप 2020 (South Asia Journalism Fellowship 2020), रायसीना एशियन फोरम फॉर ग्लोबल गवर्नेंस यंग फेलो 2019 (Raisina Asian Forum for Global Governance Young Fellow 2019) और 2017 में ऑस्ट्रेलिया इंडिया यूथ डायलॉग (Australia India Youth Dialogue) की 2017 फेलो के लिए चिवनिंग फेलो थीं। 2020 में, उन्हें उनकी दो बिजनेस स्टोरीज के लिए भारत में प्रतिष्ठित रेड इंक अवार्ड्स के लिए नॉमिनेट किया गया था।
अपने पत्रकारिता करियर के दौरान, मिताली ‘द वायर’ (The Wire) और ‘मिंट’ (Mint) में कंसल्टिंग बिजनेस एडिटर की भूमिका निभा चुकी हैं। इससे पहले वह ‘सीएनबीसी टीवी18’ (CNBC TV18) में मार्केट्स एडिटर और ‘टीवी टुडे’ (TV Today) और ‘दूरदर्शन’ (Doordarshan) में प्राइम टाइम एंकर थीं। वह ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) में फेलो रही हैं, जहां उन्होंने संगठन के लिए जेंडर इनिशिएटिव्स का नेतृत्व किया। मिताली ने दो स्टार्ट-अप की भी सह-स्थापना की है, जो सिविल सोसायटी और फाइनेंशियल लिट्रेसी पर केंद्रित हैं।
मिताली ने अपनी पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। 2001 में वह नई दिल्ली स्थित आईआईएमसी से टेलीविजन जर्नलिज्म में गोल्ड मेडलिस्ट हैं। साथ ही पॉलिटिकल साइंस में भी वह गोल्ड मेडलिस्ट हैं।
अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए मिताली ने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह पत्रकारिता की दुनिया में और समाचारों के भविष्य के लिए एक विशेष रूप से महत्वपूर्ण मोड़ है। दुनियाभर के पत्रकारों को उनके काम के लिए सुना जाना चाहिए और उनका समर्थन किया जाना चाहिए। यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि हम पत्रकारिता समुदाय के भीतर संवाद और बहस के लिए एक जगह तैयार करें, ताकि हम उन परिवर्तनों और चुनौतियों का सामना कर सकें, जिनका हम सामना कर रहे हैं। मैं रॉयटर्स इंस्टीट्यूट में पत्रकार कार्यक्रमों (जर्नलिस्ट प्रोग्राम्स) की डायरेक्टर की भूमिका निभाने के लिए उत्साहित हूं और खुद को सम्मानित महसूस कर रही हूं, क्योंकि यह एक ऐसी संस्था हैं, जिसका मैं सबसे ज्यादा सम्मान करती हूं।’
So very excited to join the amazing team at The Reuters Institute for the Study of Journalism. I move to Oxford where I hope to keep learning from and collaborating with outstanding journalists across the world.
— Mitali Mukherjee (@MitaliLive) June 21, 2022
Journalism matters ✊@risj_oxford https://t.co/tsdgOSjMLX
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इस पद पर उनकी नियुक्ति एक जून 2022 से प्रभावी होगी और वह ‘एबीपी नेटवर्क’ के मुंबई ऑफिस से अपना कामकाज संभालेंगे।
‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) ने समीर राव को अपने पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी (100% subsidiary) ‘एबीपी क्रिएशंस प्राइवेट लिमिटेड’ (ABP Creations Pvt. Ltd) का चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर नियुक्त किया है।
इस पद पर उनकी नियुक्ति एक जून 2022 से प्रभावी होगी और वह ‘एबीपी नेटवर्क’ के मुंबई ऑफिस से अपना कामकाज संभालेंगे। मीडिया और एंटरटेनमेंट प्रोफेशनल समीर राव को टीवी, फिल्म और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स में काम करने का दो दशक से ज्यादा का अनुभव है।
‘एबीपी नेटवर्क’ को जॉइन करने से पहले वह पूर्व में ‘यूट्यूब’ (YouTube), ‘स्टार इंडिया’ (STAR India), ‘डिस्कवरी कम्युनिकेशंस’ (Discovery Communications),‘विनोद चोपड़ा फिल्म्स’ (Vinod Chopra Films) और ‘यूटीवी मोशन पिक्चर्स’ (UTV Motion Pictures) में प्रमुख पदों पर अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो समीर राव ने ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट’ (IIM) अहमदाबाद से बिजनेस मैनेजमैंट में पीजी डिप्लोमा किया है।
समीर राव की नियुक्ति के बारे में ‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) के सीईओ अविनाश पांडेय का कहना है, ‘एबीपी नेटवर्क में हमें समीर राव का स्वागत करते हुए काफी खुशी हो रही है। हमें यकीन है कि उनका अनुभव और काबिलियत नेटवर्क की सफलता में और योगदान देगी और वह एबीपी क्रिएशंस प्राइवेट लिमिटेड को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।’
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