Star–ZEE विवाद: क्या यह स्पोर्ट्स राइट्स के बदल देगा नियम?

JioStar (पहले Star India) और Zee Entertainment Enterprises Ltd. (ZEEL) के बीच अरबों रुपये के ICC टीवी राइट्स विवाद का अगला बड़ा मुकदमा इस महीने लंदन कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन में होने जा रहा है।

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Friday, 14 November, 2025
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अदिति गुप्ता, असिसटेंट एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।

रिलायंस इंडस्ट्रीज की JioStar (पहले Star India) और Zee Entertainment Enterprises Ltd. (ZEEL) के बीच अरबों रुपये के ICC टीवी राइट्स विवाद का अगला बड़ा मुकदमा इस महीने लंदन कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन (LCIA) में होने जा रहा है। इस मामले को भारत की मीडिया, कानूनी और स्पोर्ट्स राइट्स इंडस्ट्री की नजरें बड़ी बारीकी से देख रही हैं। यह इंडस्ट्री का एक सबसे हाई-स्टेक्स विवाद माना जा रहा है क्योंकि ICC के राइट्स IPL के बाद क्रिकेट की सबसे कीमती संपत्ति हैं।

इस मामले के नतीजे से यह तय होगा कि ICC राइट्स सबलाइसेंसिंग डील के फेल होने की जिम्मेदारी किसकी है। इसके साथ ही यह भविष्य में स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्टिंग कॉन्ट्रैक्ट्स में पेमेंट सुरक्षा, प्रदर्शन की शर्तें और जोखिम बांटने के तरीके को भी प्रभावित करेगा।

यह विवाद अगस्त 2022 से चल रहा है, जब Star India (अब JioStar) ने Zee के साथ 2024-2027 के लिए ICC मेन्स और अंडर-19 इवेंट्स के टीवी ब्रॉडकास्ट राइट्स सबलाइसेंस करने का समझौता किया था, जबकि डिजिटल राइट्स अपने पास रखी थीं।

JioStar ने ICC राइट्स लगभग 3 बिलियन डॉलर में हासिल किए थे। JioStar के लिए इस डील के फेल होने का मतलब था कि उसे ICC इवेंट्स के ब्रॉडकास्ट और डिजिटल मनीटाइजेशन स्ट्रेटेजी को दोबारा तैयार करना पड़ा। वहीं Zee, जो Sony के साथ अपनी मर्जर डील फेल होने के बाद पहले ही वित्तीय संकट और अनिश्चितता से जूझ रही थी, के लिए यह विवाद लंबी अवधि के कैपिटल एलोकेशन पर असर डाल सकता है।

कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह आर्बिट्रेशन भविष्य में स्पोर्ट्स राइट्स एग्रीमेंट्स के लिए एक गाइड का काम कर सकता है, जिससे पेमेंट ट्रिगर्स और प्रदर्शन की शर्तें स्पष्ट रूप से तय हों। PSL Advocates की पार्टनर सुविज्ञा अवस्थी ने कहा कि इस केस का नतीजा यह बताएगा कि भुगतान की टाइमलाइन को रेगुलेटरी या थर्ड-पार्टी अप्रूवल जैसी शर्तों से जोड़ा जाना कितना महत्वपूर्ण है।

Singhania and Co. के मैनेजिंग पार्टनर रोहति जैन ने कहा कि यह विवाद पार्टियों को अपने कॉन्ट्रैक्ट्स को फिर से देखने के लिए मजबूर कर सकता है। भविष्य में कॉर्पोरेट गारंटी के बजाय एस्क्रो अकाउंट्स के जरिए पेमेंट सुरक्षित करने के प्रावधान रखे जा सकते हैं। भविष्य के सौदे में, वह कह रहे हैं, 'पेमेंट को बायर्स की वित्तीय स्थिति या लंबित मर्जर से जोड़ने वाले क्लॉज होंगे। लाइसेंसर्स भी मटेरियल ब्रेच और कंडीशन्स प्रीसिडेंट को अधिक स्पष्ट रूप से परिभाषित करेंगे ताकि किसी भी लूपहोल को रोका जा सके।' 

इस महीने होने वाली सुनवाई में कॉन्ट्रैक्चुअल टाइमलाइन, गवाहों की गवाही, वित्तीय रिकॉर्ड और पत्राचार का विस्तृत परीक्षण होगा। दोनों पक्ष तथ्य गवाह, विशेषज्ञ मूल्यांकन और दस्तावेज पेश करेंगे ताकि नुकसान का कारण और माप तय किया जा सके।

वकील बी. श्रवंथ शंकर के अनुसार, LCIA ट्रिब्यूनल यह निर्धारित करेगा कि Zee ने USD 203.56 मिलियन एडवांस और बैंक गारंटी पूरी की या नहीं, या Star ने ICC अप्रूवल जैसी कंडीशन्स पूरी कीं या नहीं। सुनवाई में गवाहों की तीव्र क्रॉस-एक्सामिनेशन, वित्तीय नुकसान और ब्रॉडकास्टिंग वैल्यूएशन पर विशेषज्ञ गवाही, पत्राचार और पेमेंट रिकॉर्ड की समीक्षा होगी, और सुनवाई एक से दो हफ्ते तक चल सकती है।

बी. शंकर के अनुसार, यह विवाद भविष्य के कॉन्ट्रैक्ट्स में बैंक गारंटी, लेटर्स ऑफ क्रेडिट और एस्क्रो व्यवस्था जैसी सुरक्षा शर्तों को अनिवार्य बना सकता है। भविष्य के समझौतों में स्पष्ट रूप से तय समयसीमा, रेगुलेटरी अप्रूवल, डिफॉल्ट पर स्टेप-इन राइट्स और फोर्स मैज्योर क्लॉज शामिल होंगे। जोखिम का बंटवारा छोटे खिलाड़ियों के लिए कम अवधि और अधिक एकत्रित ब्रॉडकास्टर्स के साथ होगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह विवाद प्रीमियम स्पोर्ट्स संपत्तियों के लिए जटिल सबलाइसेंसिंग स्ट्रक्चर को हतोत्साहित कर सकता है। ब्रॉडकास्टर्स टीवी और डिजिटल राइट्स दोनों अपने पास रखने को प्राथमिकता देंगे बजाय उन्हें कम वित्तीय क्षमता वाले खिलाड़ियों के बीच बांटने के। Rohit Jain ने कहा कि अरबों रुपये के स्पोर्ट्स राइट्स डील्स में अब अधिक सख्त वित्तीय सुरक्षा की जरूरत होगी।

Suhael Buttan, SKV Law Offices के पार्टनर, के अनुसार सुनवाई खत्म होने के बाद तुरंत फैसला होना असंभव है। LCIA के जटिल मामलों में आमतौर पर सुनवाई के कई महीने बाद ही पुरस्कार आता है। अनुमान है कि यह ICC राइट्स विवाद शुरू से अंत तक लगभग दो साल तक खिंच सकता है। हारने वाला पक्ष अंग्रेजी कोर्ट में चुनौती दे सकता है, और भारत में एन्फोर्समेंट में 12-24 महीने लग सकते हैं। कुल मिलाकर नवंबर 2025 की सुनवाई से अंतिम एन्फोर्समेंट 30-48 महीने तक फैल सकता है, यानी मामला 2027 या 2029 तक लंबित रह सकता है।

समझौते के तहत Zee को USD 203.56 मिलियन की पहली किश्त और बैंक गारंटी प्रस्तुत करनी थी। Star का आरोप है कि Zee ने ये जिम्मेदारियां पूरी नहीं कीं, जिससे Star को USD 1.003 बिलियन का नुकसान हुआ। Zee इसे खारिज करती है और कहती है कि Star ने ICC अप्रूवल और जरूरी दस्तावेज पूरे नहीं किए। Zee ने बैंक गारंटी कमीशन और ब्याज के लिए USD 8.06 मिलियन का काउंटरक्लेम दायर किया।

यह आर्बिट्रेशन की प्रक्रिया मार्च 2024 में शुरू हुई और दिसंबर 2024 तक दस्तावेजी कार्रवाई चलती रही।

  

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Eros International Media Limited जल्द बदलेगा अपना नाम, बोर्ड ने प्रस्ताव को दी मंजूरी

भारतीय फिल्म प्रॉडक्शन व डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी इरोज इंटरनेशनल मीडिया लिमिटेड (Eros International Media Limited) ने अपने नाम में बदलाव को लेकर बड़ा फैसला लिया है।

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Friday, 14 November, 2025
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भारतीय फिल्म प्रॉडक्शन व डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी इरोज इंटरनेशनल मीडिया लिमिटेड (Eros International Media Limited) ने अपने नाम में बदलाव को लेकर बड़ा फैसला लिया है। कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 13 नवंबर 2025 को हुई बैठक में कंपनी का नाम बदलकर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कंपनी का नाम 'Eros International Media Limited' से बदलकर 'Eros Media Technologies Limited' किया जाएगा।

हालांकि यह बदलाव तभी लागू होगा जब शेयरधारक और संबंधित नियामक प्राधिकरण (Regulatory Authorities) इसकी अंतिम स्वीकृति देंगे।

कंपनी जल्द ही शेयरधारकों से औपचारिक मंजूरी लेने के लिए पोस्टल बैलट शुरू करेगी। इसके लिए बोर्ड ने ड्राफ्ट नोटिस, ई-वोटिंग की रिकॉर्ड डेट और स्क्रूटिनाइजर की नियुक्ति को भी मंजूरी दे दी है। 

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TV Vision के मुख्य वित्तीय अधिकारी संतोष थोटम ने दिया इस्तीफा

टीवी विजन लिमिटेड के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) संतोष थोटम ने अपने पद से निजी कारणों के चलते इस्तीफा दे दिया है।

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Thursday, 13 November, 2025
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टीवी विजन लिमिटेड (TV Vision Limited) के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) संतोष थोटम ने अपने पद से निजी कारणों के चलते इस्तीफा दे दिया है। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की स्वीकृति के बाद उनका इस्तीफा 10 नवंबर 2025 से प्रभावी हो गया है।

संतोष थोटम ने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा है कि वे 10 नवंबर 2025 के व्यावसायिक घंटों के बाद पद छोड़ रहे हैं। उन्होंने बोर्ड से अनुरोध किया है कि उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए संबंधित नियामक संस्थाओं को इसकी जानकारी दे दी जाए।

अपने पत्र में संतोष थोटम ने बोर्ड के सहयोग और समर्थन के लिए आभार भी जताया है। उन्होंने कहा कि कंपनी में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें जो सहयोग मिला, उसके लिए वे दिल से धन्यवाद देते हैं।

संतोष थोटम एक योग्य एकाउंटेंट हैं और उन्हें Finance d Accounts के क्षेत्र में 20 साल से भी ज्यादा का अनुभव है। 

बता दें कि टीवी विजन लिमिटेड, श्री अधिकारी ब्रदर्स ग्रुप की एक स्वतंत्र सूचीबद्ध कंपनी है। इसकी स्थापना 30 जुलाई 2007 को टी.वी. विजन प्राइवेट लिमिटेड के रूप में हुई थी और बाद में 23 जून 2011 को इसे पब्लिक लिमिटेड कंपनी में बदला गया।

कंपनी ब्रॉडकास्टिंग बिजनेस में सक्रिय है और इसके पास कई लोकप्रिय टीवी चैनल हैं जिनमें ‘मस्ती’ (म्यूजिक और यूथ चैनल), ‘माइबोली’ (मराठी म्यूजिक चैनल), ‘दबंग’ (भोजपुरी चैनल) और ‘धमाल’ शामिल हैं।

 

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पत्रकारों की सूझबूझ से टली अनहोनी, आत्महत्या की कोशिश की नाकाम

तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में बुधवार को एक तनावपूर्ण पल देखने को मिला जब कुछ पत्रकारों ने समय रहते एक ट्रांसजेंडर महिला को पुल से कूदने से रोक लिया।

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Thursday, 13 November, 2025
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तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में बुधवार को एक तनावपूर्ण पल देखने को मिला जब कुछ पत्रकारों ने समय रहते एक ट्रांसजेंडर महिला को पुल से कूदने से रोक लिया। यह घटना उस वक्त हुई जब ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग मुफ्त आवास व जमीन के पट्टे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।

जानकारी के मुताबिक, ट्रांसजेंडर लोगों का एक समूह तिरुनेलवेली जिला कलेक्टर ऑफिस के बाहर इकट्ठा हुआ था। वे तिरुनेलवेली-तिरुवनंतपुरम हाईवे पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे थे जिससे सड़क पर ट्रैफिक रुक गया।

प्रदर्शनकारी हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर नारेबाजी कर रहे थे। उनका आरोप था कि उन्होंने कई बार आवेदन दिए हैं, यहां तक कि मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के विशेष शिकायत निवारण शिविर में भी अपनी बात रखी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इसी दौरान अचानक एक ट्रांसजेंडर महिला थामिराबरनी नदी के पुल की ओर दौड़ी और कूदने की कोशिश करने लगी। वहां मौजूद पत्रकार तुरंत उसके पीछे दौड़े और उसे पकड़कर नीचे गिरने से बचा लिया। पत्रकारों की इस सूझबूझ से एक बड़ी अनहोनी टल गई।

घटना के बाद मौके पर मौजूद अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बात करने की कोशिश की। इसी बीच जब जिला कलेक्टर का काफिला दफ्तर से निकल रहा था तो प्रदर्शनकारियों ने उनका रास्ता रोक लिया।

कलेक्टर को वाहन से उतरकर प्रदर्शनकारियों से आमने-सामने बात करनी पड़ी। उन्होंने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर के आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारी शांत हो गए और प्रदर्शन खत्म कर दिया।

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समभाव मीडिया के बोर्ड ने मनोज बी. वडोदरिया को फिर से MD नियुक्त करने की दी मंजूरी

मीडिया और एंटरटेनमेंट सेक्टर की प्रमुख कंपनी समभाव मीडिया लिमिटेड ने सितंबर 2025 में खत्म हुई दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। कंपनी का प्रदर्शन इस बार मिला-जुला रहा।

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Thursday, 13 November, 2025
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मीडिया और एंटरटेनमेंट सेक्टर की प्रमुख कंपनी समभाव मीडिया लिमिटेड ने सितंबर 2025 में खत्म हुई दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। कंपनी का प्रदर्शन इस बार मिला-जुला रहा। साथ ही, बोर्ड ने कुछ अहम प्रबंधन फैसले और नई रणनीतिक योजनाओं का भी ऐलान किया है।

कंपनी का तिमाही मुनाफा इस बार काफी घट गया है। सितंबर 2025 की तिमाही में समभाव मीडिया ने ₹0.70 लाख का स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह आंकड़ा ₹26.20 लाख था। यानी मुनाफे में करीब 97% की गिरावट आई है।

कंपनी की ऑपरेशन्स से आय भी घटकर ₹900.45 लाख रह गई, जो पिछले साल की समान अवधि में ₹965.78 लाख थी, यानी करीब 6.8% की कमी। छमाही आधार पर कंपनी का मुनाफा ₹25.87 लाख रहा, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह ₹103.63 लाख था।

कंपनी के निदेशक मंडल ने मनोज बी. वडोदरिया को अगले तीन सालों के लिए फिर से मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त करने की मंजूरी दी है। उनकी नई अवधि 28 जनवरी 2026 से शुरू होगी। वडोदरिया एक स्व-निर्मित बिजनेसमैन हैं, जो वित्तीय समझ और अनुभव के लिए जाने जाते हैं। उनके नेतृत्व में कंपनी ने कई चुनौतियों के बावजूद विस्तार की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।

समभाव मीडिया ने घोषणा की है कि वह गुजरात न्यूज ब्रॉडकास्टर्स प्राइवेट लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाएगी। कंपनी अब अपने मौजूदा प्रेफरेंस शेयर्स और कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (CCDs) को इक्विटी शेयरों में बदलने की योजना बना रही है। इस प्रक्रिया के बाद समभाव मीडिया की हिस्सेदारी बढ़कर 36.85% हो जाएगी, जिससे यह कंपनी समभाव मीडिया की एसोसिएट कंपनी बन जाएगी।

कंपनी को उम्मीद है कि यह रणनीतिक कदम उसके टेलीविजन और न्यूज ब्रॉडकास्टिंग सेगमेंट में मौजूदगी को और मजबूत करेगा।

कंपनी के खिलाफ 2021-22 और 2022-23 के लिए आयकर विभाग की जांच प्रक्रिया जारी है। हालांकि प्रबंधन का मानना है कि इन मामलों का कंपनी की वित्तीय स्थिति पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन अंतिम नतीजा अभी बाकी है।

हालांकि तिमाही नतीजों में गिरावट दिखी है, लेकिन समभाव मीडिया की रणनीतिक योजनाएं, जैसे प्रबंधन में स्थिरता और नई अधिग्रहण प्रक्रिया यह दर्शाती हैं कि कंपनी लंबी अवधि के विकास और बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने पर ध्यान दे रही है।

अब निवेशक और इंडस्ट्री जगत की नजरें इस पर टिकी हैं कि आने वाले क्वार्टर में ये कदम कंपनी के प्रदर्शन को किस तरह प्रभावित करते हैं, खासकर तब जब मीडिया के इस्तेमाल करने के तरीकों और प्रसारण क्षेत्र में तेजी से बदलाव आ रहे हैं।

गौरतलब है कि मनोज वडोदरिया एक दूरदर्शी मीडिया उद्यमी और अपने दम पर सफलता हासिल करने वाले बिजनेसमैन हैं। उन्होंने बहुत कम उम्र में व्यापार की दुनिया में कदम रखा था और शुरुआती दौर में कई मुश्किल परिस्थितियों का सामना किया। इन चुनौतियों ने उन्हें एक परिपक्व, समझदार और ऊर्जावान इंसान बना दिया। व्यावहारिक अनुभव के चलते उन्होंने मीडिया और वित्त दोनों क्षेत्रों में गहरी समझ विकसित की और एक कुशल बिजनेस लीडर के रूप में पहचान बनाई।

वह एक प्रसिद्ध साहित्यकार स्वर्गीय भूपतभाई वडोदरिया के बेटे हैं। उन्होंने अहमदाबाद स्थित समभाव ग्रुप ऑफ कंपनीज की स्थापना की और इसके मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। शुरू में यह ग्रुप सिर्फ अखबार और पत्रिकाओं के प्रकाशन का काम करता था, लेकिन वडोदरिया के नेतृत्व में इसे टीवी न्यूज चैनल, एफएम रेडियो स्टेशन और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में चलने वाले एंटरटेनमेंट सिस्टम जैसे कई नए क्षेत्रों में विस्तार मिला। आज समभाव ग्रुप को पश्चिम भारत के सबसे विविध मीडिया समूहों में गिना जाता है।

उनके नेतृत्व में समभाव मीडिया साल 1995 में पब्लिक कंपनी बनी और बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) दोनों शेयर बाजारों में लिस्ट हुई। मनोज वडोदरिया की साहित्यिक पृष्ठभूमि और मीडिया की गहरी समझ ने कंपनी को लगातार आगे बढ़ने की दिशा दी है। वे मीडिया मैनेजमेंट में माहिर हैं और टीम बनाने, संकट से निपटने और कठिन परिस्थितियों में सही निर्णय लेने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं।

उनकी अगुवाई में समभाव ग्रुप ने पत्रकारिता में निष्पक्षता, जिम्मेदारी और विश्वसनीयता को हमेशा प्राथमिकता दी है। यही वजह है कि वीटीवी गुजराती चैनल आज एक भरोसेमंद न्यूज प्लेटफॉर्म के रूप में जाना जाता है।

एक सफल कारोबारी होने के साथ-साथ मनोज वडोदरिया सामाजिक और परोपकारी गतिविधियों में भी सक्रिय रहते हैं।

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IFFI 2025 में मीडिया कवरेज को आसान बनाने के लिए PIB ने किए कई नए इंतजाम

प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने गोवा में होने वाले इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) के लिए मीडिया की बेहतर सुविधा के मकसद से कई नई पहलें शुरू करने का ऐलान किया है।

Last Modified:
Wednesday, 12 November, 2025
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प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने गोवा में होने वाले इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) के लिए मीडिया सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से कई नई पहलें शुरू करने की घोषणा की है।

PIB के प्रिंसिपल डायरेक्टर जनरल धीरेंद्र ओझा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पिछले साल के फिल्म फेस्टिवल में 700 से ज्यादा पत्रकारों को मान्यता दी गई थी, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। उस दौरान 50 से अधिक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थीं, जिनमें फिल्ममेकर, जूरी मेंबर और स्टार्स शामिल हुए थे।

उन्होंने कहा कि इस बार भी PIB की ओर से 18 भाषाओं में मल्टीलिंगुअल प्रेस रिलीज जारी की जाएंगी, जिनमें कोंकणी भाषा भी शामिल है। इसके अलावा, प्रेस कॉन्फ्रेंस की लाइव कवरेज यूट्यूब पर उपलब्ध होगी और पत्रकारों को एचडी फोटो कैप्शन भी मिलेंगे।

फेस्टिवल के दौरान “IFFIwood” नाम का खास स्टूडियो फिर से तैयार किया जाएगा, जहां पत्रकारों को फिल्म से जुड़े कलाकारों और मेकर्स के साथ एक-से-एक इंटरव्यू करने का मौका मिलेगा। वहीं, मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए फिल्म अप्रीसिएशन कोर्स की शुरुआत 18 नवंबर से की जाएगी।

PIB का माइक्रोसाइट भी पत्रकारों के लिए एक सिंगल हब की तरह काम करेगा, जहां प्रेस रिलीज, फोटोज़ और लाइव इवेंट्स के लिंक एक ही जगह पर मिल सकेंगे।

अधिकारियों ने यह भी बताया कि उद्घाटन समारोह के प्रारूप को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया जारी है और प्रसारण सामग्री से जुड़ी कॉपीराइट गाइडलाइन्स को पहले से स्पष्ट रूप से साझा किया जाएगा।

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हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स इस कंपनी में करेगी ₹16.22 करोड़ का निवेश, बोर्ड ने दी मंजूरी

हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड (HMVL) ने सोमवार को अपनी बोर्ड मीटिंग में कई अहम फैसले लिए।

Last Modified:
Tuesday, 11 November, 2025
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हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड (HMVL) ने सोमवार को अपनी बोर्ड मीटिंग में कई अहम फैसले लिए। कंपनी की यह बैठक दोपहर 12 बजे शुरू होकर 1:02 बजे समाप्त हुई।

बैठक में सबसे पहले कंपनी ने 30 सितंबर 2025 को खत्म हुई तिमाही और अर्धवार्षिक अवधि के लिए अपने अनऑडिटेड वित्तीय परिणामों (स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड) को मंजूरी दी। 

इसके अलावा बोर्ड ने एक अहम निवेश प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। कंपनी AI Growth Private Limited में 16.22 करोड़ रुपये तक का निवेश करेगी। यह निवेश कंपनी के इक्विटी शेयरों या कन्वर्टिबल इक्विटी लिंक्ड इंस्ट्रूमेंट्स (जैसे कम्पलसरी कन्वर्टिबल प्रेफरेंस शेयर) को सब्सक्राइब करके किया जाएगा। सीधे शब्दों में कहें तो हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड अब AI Growth Pvt. Ltd. में 16.22 करोड़ रुपये लगाएगी और इसके बदले उसे ऐसे शेयर मिलेंगे जो कुछ समय बाद कंपनी के सामान्य शेयरों में बदल जाएंगे।

कंपनी ने बताया कि यह निवेश एक तेजी से बढ़ रही फिनटेक कंपनी में किया जा रहा है, जिससे भविष्य में बेहतर पूंजी रिटर्न की उम्मीद है। साथ ही, इस निवेश से हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स अपने मीडिया संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर सकेगा। यह अधिग्रहण किसी भी रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन के अंतर्गत नहीं आता है और कंपनी के प्रमोटर समूह का इस फिनटेक कंपनी में कोई हित नहीं है।

AI Growth Private Limited की स्थापना 22 अगस्त 2020 को हुई थी। यह कंपनी व्यक्तिगत और संस्थागत निवेशकों के लिए फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म चलाती है और कॉरपोरेट्स को डेट फाइनेंसिंग सॉल्यूशंस भी प्रदान करती है।

पिछले तीन वित्तीय वर्षों में कंपनी का टर्नओवर रहा:

  • FY 2024 – ₹21.24 करोड़

  • FY 2023 – ₹12.80 करोड़

  • FY 2022 – ₹0.62 करोड़

निवेश का सौदा कैश कंसिडरेशन के रूप में किया जाएगा और इसका मूल्य 16.22 करोड़ रुपये तक होगा। शेयरहोल्डिंग का सटीक प्रतिशत उन शेयरों के कन्वर्जन के समय तय किया जाएगा जो भविष्य में इक्विटी में बदले जाएंगे।

कंपनी ने बताया कि यह निवेश सितंबर 2030 तक पूरा हो जाएगा। इस सौदे के लिए किसी सरकारी या नियामक स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है।

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‘TV9 नेटवर्क’ ने पत्रकार मनीष रंजन को किया प्रमोट, अब सौंपी यह जिम्मेदारी

मनीष रंजन ने करीब तीन साल पहले भारतीय बहुभाषी सोशल मीडिया कंपनी ‘शेयरचैट’ (ShareChat) में अपनी करीब 13 महीने पुरानी पारी को विराम देकर यहां वापसी की थी।

Last Modified:
Monday, 10 November, 2025
Manish Ranjan..

‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) ने डिजिटल पत्रकार मनीष रंजन पर और अधिक भरोसा जताते हुए उन्हें असिस्टेंट एडिटर के पद पर प्रमोट किया है। मनीष रंजन ने करीब तीन साल पहले भारतीय बहुभाषी सोशल मीडिया कंपनी ‘शेयरचैट’ (ShareChat) में अपनी करीब 13 महीने पुरानी पारी को विराम देकर यहां वापसी की थी।

इस नेटवर्क के साथ अपनी दूसरी पारी में वह ‘टीवी9’ (डिजिटल) में बिजनेस, यूटिलिटी, एग्रीकल्चर, ऑटो और टेक जैसे अहम सेक्शंस की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इसके साथ ही वह प्रोडक्ट और एसईओ कॉर्डिनेशन (एडिटोरियल) का काम भी देख रहे हैं। बता दें कि ’शेयरचैट’ से पहले मनीष रंजन ’टीवी9’ (डिजिटल) में बिजनेस सेक्शन के इंचार्ज थे।

मनीष रंजन को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब 17 साल का अनुभव है। इन वर्षों में उन्होंने ’जी बिजनेस’, ’भास्कर’, ’आईटीवी नेटवर्क’ और ’पत्रिका’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों के साथ काम किया है। इस दौरान उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यम में काम किया है। टीवी9 में इन सेक्शन को संभालने के अलावा मनीष रंजन टीवी9 भारतवर्ष के YouTube प्लेटफॉर्म पर भी एक शो करते हैं। इस शो का नाम है मनीष इकोनॉमी शो। इसके अलावा मनीष रंजन ने टीवी9 की बिजनेस बेवसाइट मनी9.कॉम को भी दोबारा शुरु करने ने अहम भूमिका अदा की है।

मनीष ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2007-08 में ’एक्सचेंज4मीडिया’ से की थी। अवॉर्ड विनिंग जर्नलिस्ट मनीष ने ‘पत्रिका’ में रहते हुए पत्रिका डिजिटल के बिजनेस सेक्शन को टॉप पर पहुंचाया था, जिसके लिए उन्हें केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से बेस्ट डिजिटल जर्नलिस्ट का अवार्ड भी मिल चुका है।

समाचार4मीडिया की ओर से मनीष रंजन को उनके प्रमोशन के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।

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पत्रकार अवधेश कुमार को मिला पंडित माधवराव सप्रे राष्ट्रीय रचनात्मकता सम्मान

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अवधेश कुमार को हिंदी भाषा और रचनात्मक लेखन में उल्लेखनीय योगदान के लिए पंडित माधवराव सप्रे राष्ट्रीय रचनात्मकता सम्मान से सम्मानित किया गया।

Last Modified:
Saturday, 08 November, 2025
mediaforum

वरिष्ठ पत्रकार, स्तंभकार और राजनीतिक विश्लेषक अवधेश कुमार को उनके उत्कृष्ट रचनात्मक लेखन और हिंदी भाषा के प्रति समर्पण के लिए पंडित माधवराव सप्रे राष्ट्रीय रचनात्मकता सम्मान से नवाजा गया है। छत्तीसगढ़ राज्योत्सव 2025 के अवसर पर उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने उन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भी मौजूद रहे। अवधेश कुमार लंबे समय से भारतीय राजनीति, सामाजिक मुद्दों और राष्ट्रीय परिदृश्यों पर अपनी गहन और विश्लेषणात्मक लेखनी के लिए जाने जाते हैं। वे अमर उजाला के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘खबरों के खिलाड़ी’ से भी जुड़े हुए हैं और सामाजिक-राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।

यह सम्मान छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पंडित माधवराव सप्रे की स्मृति में आरंभ किया गया है। पंडित सप्रे हिन्दी साहित्य के प्रमुख हस्ताक्षर और छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता के जनक माने जाते हैं। यह पुरस्कार हर वर्ष ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है, जो मीडिया, साहित्य और हिंदी भाषा के क्षेत्र में विशिष्ट रचनात्मक योगदान देकर राष्ट्र की प्रतिष्ठा बढ़ाए। अवधेश कुमार को यह सम्मान उनके लेखन, विचारों और हिंदी के प्रति समर्पण की मान्यता के रूप में देखा जा रहा है।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, पुलिस मीडिया ब्रीफिंग पर अपना रुख स्पष्ट करें केंद्र व राज्य सरकारें

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र और राज्यों से कहा कि वे पुलिस द्वारा मीडिया को ब्रीफिंग देने के लिए बनाए जाने वाले प्रस्तावित मैनुअल पर अपनी प्रतिक्रिया दें।

Last Modified:
Friday, 07 November, 2025
SC89

सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस के लिए एक नया मैनुअल बनाने का निर्देश दिया है। यह मैनुअल संवेदनशील मामलों में मीडिया को ब्रीफिंग देते समय आरोपियों और पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा करेगा। इसका मुख्य मकसद यह है कि मीडिया ट्रायल न हो और पुलिस द्वारा साझा की गई जानकारी सही और संतुलित हो।

इस मैनुअल में यह बताया जाएगा कि मीडिया ब्रीफिंग के दौरान क्या करें और क्या न करें। खासकर ऐसे शब्दों से बचना होगा जो किसी व्यक्ति को कलंकित करें, पीड़ित को दोष दें, या नैतिक टिप्पणियाँ करें। साथ ही, पीड़ितों के नाम, चेहरे, आवाज़ और परिवार की जानकारी को छुपाने पर जोर दिया गया है ताकि दोबारा चोट न पहुंचे।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि यह दस्तावेज़ बहुत विस्तार से तैयार किया गया है। जस्टिस एमएम सुंदरश और सतीश चंद्र शर्मा ने वरिष्ठ वकील गोपाल शंकर नारायणन की सराहना की, जिन्होंने अमिकस क्यूरी के रूप में इस मैनुअल को तैयार किया। अब केंद्र और राज्यों को इसे देखकर अपनी प्रतिक्रिया देनी होगी।

यह मामला पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ (PUCL) की 1999 में दायर याचिका से जुड़ा है। उस याचिका में पुलिस एनकाउंटर और मीडिया ब्रीफिंग के लिए दिशानिर्देश बनाने की जरूरत बताई गई थी। कोर्ट ने कई अन्य याचिकाओं पर भी सुनवाई की।

मैनुअल का उद्देश्य जांच की सुरक्षा, नागरिकों को सही और समय पर जानकारी, अपराध पीड़ितों की गरिमा और प्राइवेसी, और आरोपी, गवाह और संदिग्ध को निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार सुनिश्चित करना है।

इस दस्तावेज़ में मीडिया ब्रीफिंग सेल बनाने और एक प्रवक्ता नियुक्त करने का सुझाव दिया गया है। केवल वही प्रवक्ता प्रेस रिलीज़, मीडिया ब्रीफिंग और सोशल मीडिया अपडेट साझा करेगा। सभी जानकारी पुलिस के कानूनी अधिकारियों और अभियोजन विभाग द्वारा जांच के बाद ही दी जाएगी।

ड्राफ्ट में कहा गया है कि पुलिस केवल सही, जांची हुई और आवश्यक जानकारी ही साझा करे। मीडिया ब्रीफिंग को कानूनी, आवश्यक, अनुपातिक और जवाबदेह होना चाहिए। पुलिस को मामले की मेरिट, सबूत, कथित कबूलनामे, जांच तकनीक या निगरानी तरीकों पर टिप्पणी करने से बचना होगा। वहीं, मीडिया में फैल रही गलत जानकारी को सुधारना होगा।

दस्तावेज़ चार हिस्सों में बांटा गया है। इसमें बताया गया है कि मीडिया को कैसे ब्रीफ करें, कानूनी और नीति संबंधी नियम, प्रेस रिलीज़ और ब्रीफिंग प्रोटोकॉल, संकट के समय संचार, हिरासत में मौत, आत्महत्या, लापता व्यक्तियों के मामले और मीडिया को ब्रीफ करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी क्या होगी।

2010 में गृह मंत्रालय ने अरुषि तलवार हत्याकांड के बाद संक्षिप्त दिशानिर्देश जारी किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी केंद्र को समान दिशानिर्देश लाने के लिए कहा था। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मीडिया की स्वतंत्रता संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत सुरक्षित है, लेकिन जांच के दौरान हर आरोपी को निष्पक्ष सुनवाई का हक है और मीडिया ट्रायल में किसी को पहले से दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।

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बालाजी टेलीफिल्म्स ने लॉन्च किया ‘बालाजी स्टूडियो’, नए क्रिएटिव टैलेंट को मिलेगी उड़ान

देश की अग्रणी एंटरटेनमेंट कंपनी बालाजी टेलीफिल्म्स लिमिटेड ने अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करते हुए बालाजी स्टूडियो का शुभारंभ किया है।

Last Modified:
Friday, 07 November, 2025
BalajiStudios7845

देश की अग्रणी एंटरटेनमेंट कंपनी बालाजी टेलीफिल्म्स लिमिटेड ने अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करते हुए बालाजी स्टूडियो का शुभारंभ किया है। यह सिर्फ एक प्रोडक्शन यूनिट नहीं, बल्कि एक क्रिएटिव इकोसिस्टम है, जो नए और स्वतंत्र टैलेंट को अवसर, संसाधन और समर्थन देकर उन्हें अपनी कहानियां बनाने की पूरी आजादी देगा। स्टूडियो का मकसद है OTT और टीवी दोनों प्लेटफॉर्म्स के लिए नई और गुणवत्तापूर्ण कहानी पेश करना।

बालाजी स्टूडियो एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां साहसिक विचार, नई सोच और एक्सपेरिमेंटेशन को प्रोत्साहन मिलेगा। यह स्टूडियो टैलेंट को तकनीकी और क्रिएटिव समर्थन के साथ-साथ एक मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर भी देगा, ताकि वे अपने विचारों को वास्तविकता में बदल सकें।

जैसे-जैसे एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में डिजिटल कंटेंट और दर्शकों की पसंद बदल रही है, बालाजी स्टूडियो भविष्य के लिए तैयार हब के रूप में उभरता है। यह न सिर्फ कंटेंट बनाने में मदद करेगा, बल्कि टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म्स, ब्रांड्स और इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स के साथ साझेदारी कर नई कमाई के अवसर भी खोलेगा।

बालाजी टेलीफिल्म्स की फाउंडर और जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर एकता आर कपूर ने कहा, “बालाजी स्टूडियो सिर्फ एक नया बिजनेस वर्टिकल नहीं, बल्कि भारतीय एंटरटेनमेंट का भविष्य सभी क्रिएटिव्स के लिए खुला है। हम उन टैलेंट और ऑरिजिनल वॉइसेज के लिए एक घर बना रहे हैं जो नई कहानियों और नए दृष्टिकोण लेकर आएंगे।”

चीफ रेवेन्यू ऑफिसर नितिन बर्मन ने बताया, “बालाजी स्टूडियो वह जगह है जहाँ क्रिएटिविटी और कमर्शियल विजन मिलते हैं। यहाँ नए आइडियाज को सही दिशा, स्केलेबिलिटी और दर्शकों तक पहुँच का समर्थन मिलेगा। स्टूडियो की खासियत है इसका क्रिएटिव फ्रीडम और स्ट्रैटेजिक फोकस का संतुलन।”

स्टूडियो का लक्ष्य है कि सीनियर प्रोफेशनल्स और नए टैलेंट दोनों को अवसर मिलें, जिससे वे नए और इनोवेटिव कंटेंट के साथ दर्शकों से जुड़ सकें। बालाजी स्टूडियो कंटेंट क्रिएशन के नए तरीके खोजने और इंडस्ट्री में रचनात्मक साझेदारियों को बढ़ावा देने पर भी ध्यान देगा।

बालाजी टेलीफिल्म्स भारत की प्रमुख एंटरटेनमेंट कंपनी है, जो टीवी, फिल्मों और डिजिटल कंटेंट में काम करती है। शौभा कपूर और एकता कपूर के नेतृत्व में कंपनी ने पिछले दो दशकों में टीवी इंडस्ट्री में मजबूत पकड़ बनाई है। कंपनी ने क्यूंकि सास भी कभी बहु थी, कहानी घर घर की, कसौटी जिंदगी की जैसे हिट धारावाहिक और नागिन 1 से 6 तक की लोकप्रिय फैंटेसी सीरीज बनाई है।

फिल्मों में भी कंपनी ने द डर्टी पिक्चर, एलएसडी, एक विलेन, उड़ता पंजाब, वीरे दी वेडिंग, ड्रीम गर्ल जैसी सफल और अलग तरह की फिल्मों का निर्माण किया है। बालाजी टेलीफिल्म्स का उद्देश्य हमेशा कहानी कहने के नए तरीके और क्रिएटिव एक्सपेरिमेंट लाना रहा है। 

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