‘सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया’ (SPNI) ने अपनी लीडरशिप टीम में कुछ बड़े बदलाव किए हैं। ये बदलाव तुरंत प्रभाव से प्रभावी हो गए हैं।
‘सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया’ (SPNI) ने अपनी लीडरशिप टीम में कुछ बड़े बदलाव किए हैं। ये बदलाव तुरंत प्रभाव से प्रभावी हो गए हैं। इन बदलावों के तहत चीफ रेवेन्यू ऑफिसर (ऐड सेल्स और इंटरनेट बिजनेस) के पद पर कार्यरत रोहित गुप्ता को इस जिम्मेदारी से मुक्त कर सोनी पिक्चर्स नेटवर्क के मैनेजमेंट और बोर्ड के सलाहकार की जिम्मेदारी सौंपी गई है। नेटवर्क को आगे बढ़ाने में पिछले दो दशकों में रोहित ने काफी योगदान दिया है। अपनी नई भूमिका में रोहित सीनियर मैनेजमेंट को सलाह देने का काम करेंगे और विभिन्न मुद्दों पर सीईओ के साथ मिलकर काम करेंगे।
वहीं, चीफ रेवेन्यू ऑफिसर (डिस्ट्रीब्यूशन) और बिजनेस हेड (स्पोर्ट्स) राजेश कौल को वर्तमान जिम्मेदारी के साथ इंटरनेशनल सेल्स की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह दुनियाभर में ब्रैंड की मजबूती के लिए डिजिटल टीम के साथ मिलकर काम करेंगे। फिलहाल इंटरनेशनल सेल्स की कमान संभाल रहे नीरज अरोड़ा सीधे राजेश कौल को रिपोर्ट करेंगे।
इसके साथ ही संदीप मेहरोत्रा को हेड (Ad Sales, Network Channels) के पद पर नियुक्त किया गया है। ढाई दशक से अधिक के शानदार करियर के साथ संदीप को रेवेन्यू बढ़ाने और क्लाइंट्स व व्यवसायों को दक्षता प्रदान करने का अनुभव है। अपनी नई भूमिका में संदीप सीधे सीईओ को रिपोर्ट करेंगे।
सोनी एंटरटेनमेंट, डिजिटल बिजनेस और स्टूडियोनेक्स्ट के बिजनेस हेड दानिश खान को नेटवर्क चैनल्स लाइसेंसिंग का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। वहीं, बिजनेस हेड (English, Factual Entertainment & Sony AATH) तुषार शाह को सोनी पिक्चर्स नेटवर्क में नवसृजित चीफ मार्केटिंग ऑफिसर (CMO) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
कॉरपोरेट स्ट्रैटेजी और बिजनेस डेवलपमेंट के पद पर कार्यरत आदित्य मेहता वर्तमान भूमिका के साथ-साथ नेटवर्क के लिए डाटा एनालिटिक्स सीओई (CoE) को मजबूती देने का काम करेंगे। वह व्यवसाय मुद्रीकरण (Business Monetization) के लिए भी जिम्मेदार होंगे।
वहीं, चीफ फाइनेंस ऑफिसर के पद पर कार्यरत नितिन नादकर्णी (Nitin Nadkarni) को ब्रॉडकास्ट ऑपरेशंस एंड नेटवर्क इंजीनियरिंग (B.O.N.E) डिपार्टमेंट की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। ब्रॉडकास्ट ऑपरेशंस एंड नेटवर्क इंजीनियरिंग के हेड किंगशुक भट्टाचार्य (Kingshuk Bhattacharya) अब नितिन को रिपोर्ट करेंगे।
इन बदलावों के बारे में सोनी पिक्चर्स नेटवर्क के एमडी और सीईओ एनपी सिंह का कहना है, ‘नेटवर्क ने भविष्य के लिए तैयार संगठन बनाने के लिए विजन 3.0 की शुरुआत की है। आज घोषित किए गए सभी नेतृत्व परिवर्तन उस विकासवादी इरादे को दर्शाते हैं।‘
वहीं, नेटवर्क की चीफ एचआर ऑफिसर (CHRO) मनु वाधवा का कहना है, ‘नेटवर्क में किए गए ये बदलाव प्रतिभा और नेतृत्व क्षमताओं को मजबूत करने के लिए हमारे निरंतर फोकस का परिणाम है और यह यह कदम सुनिश्चित करेगा कि हम गतिशील मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में आगे रहें।‘
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‘द एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड’ (The Associated Journals Limited) ने वरिष्ठ पत्रकार राजेश झा को अपने अखबार और डिजिटल प्रॉपर्टीज का ग्रुप एडिटर-इन-चीफ नियुक्त किया है। इस नई जिम्मेदारी से पहले वह ‘इंडिया टुडे’ (India Today) मैगजीन में एडिटर (न्यूज) की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
बता दें कि राजेश झा को देशभर के तमाम प्रमुख अखबारों और मैगजींस में काम करने का तीन दशक से ज्यादा का अनुभव है। पूर्व में वह ‘इंडिया टुडे’(India Today), ‘द इंडियन एक्सप्रेस’(The Indian Express), ‘बिजनेस स्टैंडर्ड‘(Business Standard), ‘ओपन’(Open), ‘आउटलुक मनी’(Outlook Money) और ‘अमृत बाजार पत्रिका’ (Amrita Bazar Patrika) में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। इसके अलावा वह ‘वर्ल्ड बैंक’ (World Bank) में कंसल्टेंट भी रह चुके हैं।
वहीं, वरिष्ठ पत्रकर जफर आगा पहले की तरह www.qaumiawaz.com में एडिटर-इन-चीफ की जिम्मेदारी निभाते रहेंगे। उन्हें प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काम करने का करीब तीन दशक का अनुभव है और वह लंबे समय से ‘द एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड’ (The Associated Journals Limited) समूह से जुड़े हुए हैं।
बता दें कि 'एसोसिएटेड जर्नल्स' की स्थापना वर्ष 1937 में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने की थी। इसके तहत अंग्रेजी में 'नेशनल हेराल्ड', हिंदी में 'नवजीवन' और उर्दू में 'कौमी आवाज' नाम से अखबारों का प्रकाशन किया जाता है।
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‘वॉल्ट डिज्नी’ (Walt Disney) के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर बॉब चापेक (Bob Chapek) अगले तीन सालों के लिए इस पद पर बने रहेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी के साथ उनका अनुबंध फरवरी में समाप्त होना था, लेकिन कंपनी बोर्ड की हुई बैठक में इस पद पर चापेक का कार्यकाल अगले तीन तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
‘वॉल्ट डिज्नी’ की बोर्ड अध्यक्ष सुसान अरनॉल्ड (Susan Arnold) की ओर से इस बारे में एक स्टेटमेंट जारी किया गया है। इस स्टेटमेंट में महामारी के कारण उत्पन्न हुईं परिस्थितियों के बारे में सुसान का कहना था कि कंपनी ने न केवल चुनौतियों का कड़ा सामना किया बल्कि और मजबूती के साथ उभरी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डिज्नी के शेयरों में मंगलवार को 0.5प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई हालांकि इस साल इसमें करीब 40 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।
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बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने हाल ही में लोकमत मीडिया हाउस के खिलाफ दाखिल मानहानि वाद को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने यह कहते हुए मामला खारिज किया कि मीडिया को प्राथमिकी दर्ज होने की खबर देने का अधिकार है और प्रकाशक से समाचार प्रकाशित होने से पहले प्राथमिकी की सत्यता का पता लगाने की अपेक्षा नहीं की जाती।
हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विनय जोशी ने 20 जून को लोकमत मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन विजय दर्डा और इसके एडिटर-इन-चीफ राजेंद्र दर्डा द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आपराधिक मानहानि की शिकायत को खारिज कर दिया। उन्होंने 20 मई, 2016 को दैनिक 'लोकमत' में प्रकाशित एक समाचार को लेकर एक व्यक्ति द्वारा दाखिल मानहानि शिकायत पर एक मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने का आग्रह किया था।
बता दें कि यह खबर शिकायतकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होने से संबंधित थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि यह मामला 'झूठा और मानहानिकारक है क्योंकि प्रकाशकों ने समाचार प्रकाशित करने से पहले तथ्यों को सत्यापित नहीं किया।'
शिकायतकर्ता ने अदालत में कहा कि आवेदक (लोकमत) समाचार पत्र में प्रकाशित खबरों के लिए जिम्मेदार हैं, जिन्होंने संबंधित समाचार की सत्यता की पुष्टि किए बिना इसे प्रकाशित किया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि पुलिस रिपोर्ट 'पूरी तरह से झूठी और मनगढ़ंत' थी।
शिकायतकर्ता ने कहा कि कथित घटना के समय वह अपराध स्थल पर था ही नहीं और बाद में उसका नाम आरोप पत्र से हटा दिया गया। उसने आरोप लगाया कि आवेदकों ने पुलिस रिपोर्ट की सत्यता का पता लगाए बिना समाचार प्रकाशित किया, जिससे उसकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। न्यायाधीश ने समाचार पत्र के मालिकों के खिलाफ मानहानि के मामले को खारिज करते हुए प्रेस की स्वतंत्रता और मीडिया द्वारा प्रदान की जाने वाली जानकारी के महत्व पर जोर दिया।
कोर्ट ने कहा, 'यह सामान्य ज्ञान की बात है कि दैनिक समाचार पत्रों में कम से कम कुछ स्थान अपराधों के मामले दर्ज होने, अदालतों में मुकदमे दाखिल होने, जांच की प्रगति, व्यक्तियों की गिरफ्तारी आदि से संबंधित समाचारों के लिए निर्धारित होते हैं। इनसे कुछ समाचार बनते हैं, जिन्हें जानना जनता का अधिकार है।'
लोकमत की खबर के मुताबिक, यह मामला यवतमाल जिले के मारेगांव स्थित मारवाड़ी चौक की संपत्ति के विवाद में रविंद्र घीसूलाल गुप्ता व अरविंद गुप्ता परिवार के बीच विवाद व मारपीट का था। दोनों पक्षों के खिलाफ दर्ज मामले की खबर 20 मई 2016 को लोकमत में संतुलित तरीके से प्रकाशित की गई थी। रविंद्र गुप्ता ने लोकमत मीडिया के चेयरमैन विजय दर्डा और एडिटर-इन-चीफ राजेंद्र दर्डा के खिलाफ फौजदारी मुकदमा दायर किया था।
प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी ने इस पर 16 जनवरी 2018 को प्रोसेस इशू किया था। इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने यवतमाल के प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी के आदेश पर रोक लगा दी और दोनों पर फौजदारी शिकायत को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया।
इस खबर को लेकर ‘लोकमत’ ने अपने एक संपादकीय में कहा, ‘पीआरबी एक्ट के तहत किसी भी अखबार में खबरों के चयन और प्रस्तुतिकरण की संपूर्ण जिम्मेदारी संपादक की होती है। अखबार के प्रिंट लाइन में इस बात का स्पष्ट तौर पर जिक्र भी होता है। ऐसी स्थिति में किसी खबर को लेकर चेयरमैन या एडिटर-इन-चीफ को शिकायत के घेरे में नहीं रखा जा सकता है। सर्वोच्च न्यायालय ने केएम मैथ्यू मामले में फैसला दिया था कि अखबारों में प्रकाशित खबरों के लिए एडिटर के जिम्मेदार होने से चेयरमैन, ग्रुप एडिटर व अन्य को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। हाई कोर्ट ने इस दलील को मान्य किया। वास्तव में केवल अखबार की लाइन में नाम है इसलिए मीडिया संस्था के उच्च अधिकारियों के खिलाफ फौजदारी मामला दायर नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद यह देखने में आता है कि कुछ लोग चेयरमैन, एडिटर-इन-चीफ या ग्रुप एडिटर जैसे पद पर बैठे लोगों को शिकायत के घेरे में शामिल कर लेते हैं। यह प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है और इसके पीछे अखबार के पूरे प्रबंधन को दबाव में लाने की मंशा रहती है। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ था। संपादक का नाम शिकायत पत्र में शामिल नहीं था जबकि चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ का नाम शामिल किया गया था। इस मामले में लोकमत ने जो खबर प्रकाशित की थी, वह एफआईआर के आधार पर थी। खबर का स्रोत स्पष्ट था इसलिए मानहानि जैसी कोई बात उठती ही नहीं है।
भारतीय संविधान का आर्टिकल 19(1)(ए) फ्रीडम ऑफ स्पीच को सुनिश्चित करता है। मीडिया को यह अधिकार है कि वह उन सभी बातों को रिपोर्ट करे जो पब्लिक डोमेन में हैं। लोगों को जानकारी देना उसका न केवल अधिकार है बल्कि दायित्व भी है। निश्चय ही बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ का यह फैसला दूरगामी है और मीडिया प्रबंधन को बगैर किसी भय के काम करने में मदद मिलेगी। मीडिया को प्रताड़ित करने, दबाव डालने या भयभीत करने की कोशिश करने की प्रवृत्ति पर भी रोक लगेगी। मीडिया के मजबूत होने का सीधा सा अर्थ है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूती मिलेगी। लोगों की आवाज मजबूत करने का माध्यम आखिर मीडिया ही तो है।’
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भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'शुक्रवार संवाद' का विमोचन मंगलवार को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने किया। इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी, डीन अकादमिक प्रो. (डॉ.) गोविंद सिंह, पुस्तक के संपादक व डीन छात्र कल्याण प्रो. (डॉ.) प्रमोद कुमार, डॉ. पवन कौंडल व श्री संत समीर भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर प्रो. सुरेश ने कहा कि 'शुक्रवार संवाद' समाज और संस्कृति का विमर्श है। नवोदित पत्रकारों के लिए यह पुस्तक बेहद उपयोगी है। यह पुस्तक न सिर्फ मीडिया से जुड़े विभिन्न विषयों पर एक नए तरीके से सोचने पर विवश करती है, बल्कि समाज और संस्कृति से जुड़े मुद्दों को भी सरल शब्दों में पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि संचार, मीडिया, विज्ञापन और जनसंपर्क के विद्यार्थियों की जानकारी का आकाश जितना विस्तृत होगा, उनकी अभिव्यक्ति भी उतनी ही बेहतर होगी। इस दिशा में यह पुस्तक सभी विद्यार्थियों के लिए मूल्यवान है।
आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी ने कहा कि कोई भी समाज सार्थक संवाद से ही जीवंत बनता है। 'शुक्रवार संवाद' भारतीय जन संचार संस्थान का ऐसा लोकप्रिय विमर्श मंच बन चुका है, जहां सिर्फ पत्रकारिता नहीं, बल्कि समाज जीवन के विविध क्षेत्रों की प्रतिभाएं विद्यार्थियों से संवाद करती हैं। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से ये समस्त संवाद हमारे पास संरक्षित हो जाएंगे। यह पुस्तक हम सभी की चिंतन और विमर्श प्रकिया को आगे बढ़ाएगी।
आईआईएमसी के डीन छात्र कल्याण एवं पुस्तक के संपादक प्रो. (डॉ.) प्रमोद कुमार ने कहा कि विद्यार्थियों के कौशल विकास और महत्वपूर्ण विषयों पर उनकी समझ को विकसित करने के लिए आईआईएमसी वर्ष 2020 से 'शुक्रवार संवाद' नामक कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों को अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर वह जानकारी प्रदान की जाती है, जो उन्हें क्लासरूम में प्राप्त नहीं होती। यह जानकारी आईआईएमसी के दूसरे विद्यार्थियों के भी काम आए, इस दृष्टि से इन कार्यक्रमों का संकलन इस पुस्तक में किया गया है।
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इसे काम का अत्यधिक दबाव कह लें, खबरों को जल्दी से जल्दी ‘ब्रेक’ करने की होड़ कह लें अथवा लापरवाही। कई बार तमाम न्यूज संस्थानों से कुछ इस तरह की गलतियां हो जाती हैं, जिससे उन्हें किरकिरी का सामना करना पड़ता है और ‘भूल सुधार’ तक प्रकाशित/प्रसारित करना पड़ता है।
हाल ही में कुछ ऐसा ही नामी-गिरामी हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा की खबर को लेकर ‘नेटवर्क18’ समूह की हिंदी न्यूज वेबसाइट ‘न्यूज18 इंडिया’ के साथ हुआ, जब उसे सार्वजनिक रूप से गलती मानते हुए भूल सुधार पब्लिश करना पड़ा।
दरअसल, हुआ कुछ ऐसा कि हाल ही में पंजाबी कॉमेडियन सुरिंदर शर्मा का निधन हो गया था। इस पर ‘न्यूज18 इंडिया’ ने ’पंजाबी कॉमेडियन सुरिंदर शर्मा का निधन, शोक में मनोरंजन जगत’ नाम से वेबसाइट पर एक खबर पब्लिश कर दी। इस खबर में ‘न्यूज18 इंडिया’ ने बताया कि पंजाबी इंडस्ट्री के मशहूर कॉमेडियन, कवि और लेखक सुरिंदर शर्मा अब इस दुनिया में नहीं रहे। उन्होंने थियेटर से लेकर फिल्मों और शोज में भी काम किया था। लेकिन, इस खबर में जो फोटो लगाई गई, वह जाने-माने हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा की थी।
देखते ही देखते यह खबर वायरल हो गई। इसके बाद तो सोशल मीडिया पर सुरेंद्र शर्मा की तस्वीर वायरल होने लगी। कई प्रशंसकों ने उन्हें श्रद्धांजलि देना तक शुरू कर दिया। सुरेंद्र शर्मा तक भी यह खबर पहुंची। इसके बाद उन्होंने खुद एक वीडियो जारी किया और अपनी सलामती के बारे में बताया। इसके बाद ‘न्यूज18 इंडिया’ ने इस बारे में अपनी गलती मानी और सुरिंदर शर्मा की सही फोटो लगाते हुए भूल सुधार पब्लिश किया। अपने माफीनामे में ‘न्यूज18 इंडिया’ ने इस गलती को मानवीय भूल बताते हुए खेद प्रकट किया है। अपने भूल सुधार में इस वेबसाइट ने लिखा-‘इस खबर में मानवीय भूलवश हिंदी के सुप्रसिद्ध हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा की फोटो प्रकाशित हो गई थी, इसके लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं।‘ ‘न्यूज18 इंडिया’ की इस खबर को आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं।
गौरतलब है कि कुछ साल पहले तमाम मीडिया संस्थानों ने मसालों के किंग के रूप में चर्चित एमडीएच के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी (अब दिवंगत) के निधन की खबर चला दी थी। बाद में उनके परिवार की ओर से इस खबर का खंडन करते हुए एक विडियो जारी किया गया था। मीडिया में चल रहीं इस तरह की खबरों पर परिवार ने निंदा भी की थी। उस समय परिवार की ओर से जारी संदेश में कहा गया था कि वह एकदम स्वस्थ हैं। बता दें कि सोशल मीडिया पर धर्मपाल के निधन की अफवाह उड़ने के बाद कई प्रमुख न्यूज वेबसाइट ने भी यह खबर पब्लिश कर दी थी।
मशहूर हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा द्वारा अपनी सलामती के बारे में शेयर किए गए वीडियो को आप यहां देख सकते हैं-
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‘वायकॉम18 स्पोर्ट्स’ को जॉइन करने से पहले पुष्पेंद्र सिंह एक शॉर्ट वीडियो प्रॉडक्शन और क्रिएटर इकनॉमी स्टार्टअप ‘Fandawm’ के को-फाउंडर रहे हैं।
‘वायकॉम18 स्पोर्ट्स’ (Viacom18 Sports) ने पुष्पेंद्र सिंह को चीफ प्रॉडक्ट ऑफिसर के तौर पर नियुक्त किया है। ‘वायकॉम18 स्पोर्ट्स’ को जॉइन करने से पहले पुष्पेंद्र सिंह एक शॉर्ट वीडियो प्रॉडक्शन और क्रिएटर इकनॉमी स्टार्टअप ‘Fandawm’ के को-फाउंडर रहे हैं।
इस बारे में अपनी एक लिंक्डइन पोस्ट में पुष्पेंद्र सिंह ने लिखा है, ‘वायकॉम 18 स्पोर्ट्स में चीफ प्रॉडक्ट ऑफिसर के रूप में अपनी नई पारी की घोषणा करते हुए मुझे काफी खुशी हो रही है। आईपीएल डिजिटल मीडिया अधिकारों के साथ वायकॉम18 एक शानदार स्पोर्ट्स वीडियो स्ट्रीमिंग अनुभव देने के लिए पूरी तरह तैयार है। धन्यवाद वायकॉम18 टीम।’
पुष्पेंद्र सिंह को शॉर्ट वीडियो, ओटीटी म्यूजिक, वीडियो स्ट्रीमिंग, ई-कॉमर्स, प्रॉडक्ट मैनेजमेंट एंड ग्रोथ, कंटेंट स्ट्रैटेजी और मोबाइल एंड इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स का काफी अनुभव है। पूर्व में वह MX Player, MX TakaTak, Gaana, Amazon, Snapdeal, Genpact Headstrong और Sapient जैसी जानी-मानी कंपनियों में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
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देश की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘इंडिया टुडे’ (India Today) के 'बेस्ट कॉलेज सर्वे' (Best College Survey) में ‘भारतीय जनसंचार संस्थान‘ (IIMC), नई दिल्ली को पत्रकारिता एवं जनसंचार के क्षेत्र में देश का सर्वश्रेष्ठ मीडिया शिक्षण संस्थान घोषित किया गया है।
इस उपलब्धि पर ‘आईआईएमसी‘ के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा, ‘आईआईएमसी‘ परिवार के लिए बड़े ही गर्व का विषय है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और संस्थान के चेयरमैन अपूर्व चंद्र के मार्गदर्शन और सहयोग से संस्थान अकादमिक गुणवत्ता के मानकों को स्थापित करने में सफल रहा है।‘ उन्होंने कहा कि ‘आईआईएमसी‘ के सभी पूर्व महानिदेशकों, श्रेष्ठ प्राध्यापकों, अधिकारियों और कर्मचारियों के अथक प्रयास से ही हम लगातार कई वर्षों से पहले स्थान पर हैं।
प्रो. द्विवेदी के अनुसार, ‘डिजिटल मीडिया और मीडिया कन्वर्जेंस आज की जरुरत है। ‘आईआईएमसी‘ ने मीडिया शिक्षण, प्रशिक्षण और शोध के क्षेत्र में एक अलग जगह बनाई है। हमने मीडिया क्षेत्र की जरूरतों के हिसाब से पाठ्यक्रमों को निरंतर अपडेट किया है। यही कारण है कि ‘आईआईएमसी‘ के पूर्व छात्र आज देश के ही नहीं, विदेशों के भी मीडिया, सूचना और संचार संगठनों में नेतृत्वकारी भूमिका में हैं।
प्रो. द्विवेदी ने कहा कि विद्यार्थियों की सफलता ही किसी संस्थान की सफलता है। हम अपने विद्यार्थियों को हर वह अवसर सुलभ करा रहे हैं, जो उनके सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी हैं। हम चाहते हैं कि दुनिया के सफलतम लोगों से हमारे विद्यार्थी संवाद कर पाएं। हमारा उद्देश्य है कि ‘आईआईएमसी‘ कम्युनिकेशन की दुनिया के ‘ग्लोबल लीडर्स’ तैयार करे।
गौरतलब है कि ‘भारतीय जनसंचार संस्थान‘ सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन पत्रकारिता और जनसंचार के क्षेत्र में प्रमुख शिक्षण संस्थान है। ‘आईआईएमसी‘ हिंदी पत्रकारिता, अंग्रेजी पत्रकारिता, विज्ञापन एवं जनसंपर्क, रेडियो एवं टेलीविजन, डिजिटिल मीडिया, ओड़िया, मराठी, मलयालम और उर्दू पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करता है।
नवनियुक्त राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा को खेलों में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिल्ली में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में यह सम्मान दिया गया।
‘प्रो स्पोर्टीफाई’ (Pro Sportify) के संस्थापक और हरियाणा से नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा को भारतीय खेलों में उनके बेजोड़ योगदान के लिए ‘स्पोर्ट्स फैन अवार्ड 2022‘ (Sports Fan Award 2022) से सम्मानित किया गया है।
नवनियुक्त राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा को दिल्ली में रविवार को आयोजित ‘स्पोर्ट्स फिलेंथ्रॉपी अवॉर्ड्स’ कार्यक्रम में खेलों में उनके उल्लेखनीय योगदान और लीग के माध्यम से ओलंपिक खेलों को बढ़ावा देने में अनुकरणीय समर्पण के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
बता दें कि ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) के फाउंडर व मैनेजिंग डायरेक्टर कार्तिकेय शर्मा एक दशक से भी ज्यादा समय से खेलों का समर्थन कर रहे हैं। प्रो रेसलिंग लीग, बिग बाउट इंडियन बाक्सिंग लीग, द इंडियन एरिना पोलो लीग और दो अन्य आगामी लीगों को वह बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं।
इस अवार्ड के मिलने के बाद कार्तिकेय शर्मा ने एक ट्वीट कर अपनी खुशी का इजहार किया। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं, जो आपने मुझे ये सम्मान दिया। मेरा मानना है कि खेल युवाओं को अच्छी और ऊंची जगह के लिए अग्रसर करता है और मैं हमेशा युवाओं के लिए और खेल जगत के लिए अपना पूर्ण रूप से सहयोग दूंगा।‘
मैं बहुत - बहुत आभारी हूँ आपका जो आपने ये सम्मान मुझे दिया। मेरा मानना है कि खेल युवाओं को एक अच्छी और ऊँची जगह के लिए अग्रसर करता है और मैं हमेशा युवाओं के लिए और खेल जगत के लिए अपना पूर्ण रूप से सहयोग दूंगा ।#SportsFanAward pic.twitter.com/rc0JMpcpFw
— Kartik Sharma (@Kartiksharmamp) June 26, 2022
हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह, टीम इंडिया के सुपरफैन सुधीर कुमार गौतम, सुगुमर कुमार, देश की पहली महिला ओलंपियन कर्णम मल्लेश्वरी और लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त ने उन्हें शानदार ट्राफी प्रदान की। गौरतलब है कि राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार विजेताओं, अर्जुन पुरस्कार विजेताओं और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेताओं समेत भारतीय खेल दिग्गजों ने इस अवॉर्ड के लिए कार्तिकेय शर्मा को चयनित किया।
कार्यक्रम की झलक आप यहां देख सकते हैं-
राजधानी में स्पोर्ट्स फिलेंथ्रॉपी अवॉर्ड 2022- सांसद कार्तिक शर्मा का भव्य सम्मान समारोह #SportsFanAward2022 #KartikeyaSharma #sports@UdayPratapSingh pic.twitter.com/0eoCvTM3p0
— India News (@IndiaNews_itv) June 26, 2022
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नवनियुक्त राज्यसभा सदस्य और ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) के फाउंडर व मैनेजिंग डायरेक्टर कार्तिकेय शर्मा का कहना है कि ये योजना देश की सशस्त्र सुरक्षा प्रणाली को एक नए मुकाम पर ले जाएगी।
रक्षा सेनाओं (आर्मी, नेवी, एयर फोर्स) में भर्ती के लिए पिछले दिनों सरकार द्वारा लॉन्च की गई ‘अग्निपथ योजना’ (Agnipath Scheme) का काफी विरोध हो रहा है। इस योजना को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं। ‘चार साल बाद अग्निवीर क्या करेंगे?’ के जवाब में केंद्रीय बलों (सीएपीएफ); यूपी, हरियाणा, उत्तराखण्ड, आदि राज्यों में पुलिस व सम्बद्ध विभागों में भर्ती में प्राथमिकता की घोषणा की जा रही हैं। कई औद्योगिक घराने भी सरकार की इस योजना के समर्थन में आगे आए हैं। हाल ही में ‘महिंद्रा’ ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने अग्निवीरों को सेवानिवृत्ति के बाद अपने ग्रुप में नौकरी देने की बात कही है।
देश के बड़े न्यूज ब्रॉडकास्टर्स में शुमार ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) ने भी सरकार की इस योजना का समर्थन किया है।
नवनियुक्त राज्यसभा सदस्य और ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) के फाउंडर व मैनेजिंग डायरेक्टर कार्तिकेय शर्मा का कहना है कि सेना में भर्ती की ‘अग्निपथ’ स्कीम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच का परिणाम है। ये योजना गेम-चेंजर साबित होगी और देश की सशस्त्र सुरक्षा प्रणाली को एक नए मुकाम पर ले जाएगी।
इसके साथ ही कार्तिकेय शर्मा ने घोषणा की है कि चार साल की नौकरी के बाद उनके नेटवर्क की तरफ से भी अग्निवीरों को हरसंभव मदद की जाएगी और योग्यता के आधार पर नौकरी पर रखा जाएगा।
I firmly believe that @narendramodi ji vision of Agnivir will be a game changer for India’s defence and produce committed Human Resource whose consumption can drive growth across the sectors. https://t.co/to1J18QAU9
— Kartik Sharma (@Kartiksharmamp) June 21, 2022
गौरतलब है कि कार्तिकेय शर्मा ने काफी कम उम्र में मीडिया बिजनेस में मजबूती से अपने पैर जमा लिए हैं और हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में हरियाणा से कांग्रेस के अजय माकन को हराकर अपनी जीत दर्ज की है।
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गुजरात में वर्ष 2002 में हुए दंगों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री) को क्लीन चिट दे दी है। इसके साथ ही दंगों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (SIT) की जांच को सही ठहराया है। यही नहीं, अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने 'जी न्यूज' व उसके एडिटर-इन-चीफ व सीईओ सुधीर चौधरी की कवरेज का भी जिक्र किया है।
SIT on Gujarat riots quizzed me twice for my interview with then CM @narendramodi .They wanted me to say what he didn’t say. UPA Govt wanted this IV badly to implicate Modi. I’m happy truth prevailed in Supreme Court’s order. SC has dedicated 2 pages to this incidence. pic.twitter.com/tTY5lyUY6L
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) June 24, 2022
बता दें कि 72 साल के एहसान जाफरी कांग्रेस नेता और सांसद थे। उन्हें उत्तरी अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसाइटी के उनके घर से निकालकर गुस्साई भीड़ ने मार डाला था। एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने दंगे की साजिश के मामले में मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती दी थी। मजिस्ट्रेट ने एसआईटी की उस क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार किया था, जिसमें तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी समेत 63 लोगों को दंगों की साजिश रचने के आरोप से आजाद किया गया था। हाई कोर्ट भी इस फैसले को सही करार दे चुका है। जाकिया जाफरी ने विशेष जांच दल की रिपोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अब अहम फैसला लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि इस केस को 16 साल तक जिंदा रखा गया और कई याचिकाएं दायर की गईं। जो लोग भी कानून के गलत इस्तेमाल में शामिल हैं, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करनी चाहिए।
गौरतलब है कि पूर्व सीबीआई निदेशक आरके राघवन के नेतृत्व वाली एसआईटी ने तत्काल मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रशासन को क्लीन चिट दी थी। इसे जाकिया जाफरी ने चुनौती दी थी। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पुलिस की कमी के बावजूद प्रशासन ने दंगों को शांत कराने की पूरी कोशिश की, लेकिन कुछ अधिकारियों ने निजी स्वार्थ के लिए इस मामले को संवेदनशील बनाया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन अधिकारियों ने दावा किया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बड़े अधिकारियों ने मीटिंग में दंगे की साजिश रची। इन अधिकारियों का दावा था कि वे इस मीटिंग में मौजूद थे, जबकि सच में वे इस मीटिंग में मौजूद नहीं थे।
सुधीर चौधरी ने शुक्रवार के अपने शो ‘डीएनए’ (DNA) में इस पूरे फैसले और ‘जी न्यूज’ की कवरेज को लेकर विस्तार से बात की। सुधीर चौधरी ने उस दौरान नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू किया था, जिसको लेकर भी काफी हंगामा हुआ था। सुधीर चौधरी का कहना था कि इस मामले में उनसे भी कई बार पूछताछ हुई थी और जांच एजेंसी हर बार यही जानना चाहती थीं कि क्या नरेंद्र मोदी ने ये कहा था कि गुजरात में दंगे गोधरा कांड का बदला लेने के लिए हुए थे। सुधीर चौधरी के अनुसार, ऐसा कुछ नहीं था। नरेंद्र मोदी ने ऐसा कुछ नहीं कहा था और अपनी कवरेज में उन्होंने पूरा सच दिखाया था। सुधीर चौधरी के अनुसार, कुछ लोगों ने उनके इंटरव्यू के अंशों को तोड़-मरोड़कर पेश किया, ताकि इसमें मोदी और तत्कालीन सरकार की साजिश दिखे। अपने शो में सुधीर चौधरी ने वर्ष 2002 की कवरेज को भी दिखाया है।
इस मुद्दे पर शुक्रवार का पूरा DNA शो आप यहां देख सकते हैं-
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