Gen-Z और A-First डिजिटल एंटरटेनमेंट कंपनी Rusk Media ने अपनी सीरीज बी फंडिंग राउंड में 103 करोड़ रुपये (लगभग 12 मिलियन डॉलर) जुटाए।
Gen-Z और A-First डिजिटल एंटरटेनमेंट कंपनी Rusk Media ने सीरीज बी फंडिंग राउंड में 103 करोड़ रुपये (लगभग 12 मिलियन डॉलर) जुटाए। इस राउंड का नेतृत्व IvyCap Ventures ने किया, जबकि LC Nueva, InfoEdge Ventures, Woori Venture Partners और कंपनी के प्रमोटर और परिवार ने भी इसमें हिस्सा लिया।
इस फंडिंग राउंड की जानकारी Entrackr ने मार्च में सबसे पहले रिपोर्ट की थी।
अब तक Rusk Media ने कुल लगभग 21.5 मिलियन डॉलर फंडिंग जुटाई है, जिसमें 9.5 मिलियन डॉलर की सीरीज ए फंडिंग भी शामिल है, जिसे DAOL Investment और Audacity Ventures ने लीड किया था।
इस फंड का इस्तेमाल कंपनी अमेरिका, यूरोप और EMEA मार्केट में अपने विस्तार और ग्लोबल ऑडियंस के लिए नए एंटरटेनमेंट प्रोजेक्ट्स बनाने में करेगी।
Rusk Media सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए कंटेंट बनाती और बांटती है। इसमें वेब सीरीज, अनस्क्रिप्टेड फॉर्मेट्स, माइक्रो-ड्रामा और लाइव इवेंट्स शामिल हैं। कंपनी की टेक्नोलॉजी और AI-सक्षम वर्कफ्लोज प्रोडक्शन, डिस्ट्रीब्यूशन और दर्शकों से जुड़ने में मदद करते हैं।
कंपनी का कहना है कि उसने अब तक 20 टाइटल्स में 50 से ज्यादा सीजन रिलीज किए हैं और ज्यादातर IPs खुद के पास हैं। इसके मशहूर शो हैं Battleground, Playground S4, Engaged, The Society, School Friends और Roomies। कंपनी के प्लेटफॉर्म Rumble (B2B) और Alright App (B2C) सोशल मीडिया और OTT पर करीब 1 बिलियन मासिक व्यूज लेते हैं।
Rusk Media कंटेंट की प्लानिंग, प्रोडक्शन, डिस्ट्रीब्यूशन और कमाई तक खुद करती है। कंपनी मोबाइल-फर्स्ट अप्रोच अपनाकर दुनिया भर के युवा दर्शकों को टारगेट करती है।
पिछले वित्तीय साल (FY24) में Rusk Media का सालाना राजस्व 40.6% बढ़कर 56.8 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान कंपनी के नुकसान में 56% की गिरावट आई और यह 28.7 करोड़ रुपये पर आ गया। FY25 में कंपनी का राजस्व बढ़कर 100 करोड़ रुपये पहुंच गया।
‘एनबीएफ’ के फाउंडिंग प्रेजिडेंट अरनब गोस्वामी का कहना है यह ब्लैकआउट नागरिकों के स्वतंत्र समाचार पाने के अधिकार को छीनता है और लोकतंत्र की आत्मा पर हमला करता है।
‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन’ (NBF) ने तमिलनाडु में राज्य सरकार के स्वामित्व वाले तमिलनाडु अरासु केबल टीवी नेटवर्क (TACTV) द्वारा ‘Puthiya Thalaimurai’ न्यूज चैनल का प्रसारण 10 दिनों से अधिक रोके रखने की कड़ी निंदा करते हुए इसे प्रेस की आजादी पर हमला बताया है। यह चैनल ‘एनबीएफ’ का अहम सदस्य है। फेडरेशन ने कहा कि राज्य-स्वामित्व वाले डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म को किसी वैध न्यूज चैनल की आवाज को मनमाने ढंग से बंद करने का न तो कानूनी और न ही नैतिक अधिकार है।
‘एनबीएफ’ की ओर से जारी एक प्रेस स्टेटमेंट में कहा गया है, ‘पिछले 10 दिनों से जारी यह ब्लैकआउट ‘राज्य प्रायोजित सेंसरशिप’ (State-Sponsored Censorship) का उदाहरण है। यह प्रेस की स्वतंत्रता और नागरिकों के निर्बाध रूप से समाचार प्राप्त करने के अधिकार का गंभीर उल्लंघन है। ‘Puthiya Thalaimurai’ को प्रसारण से रोककर राज्य सरकार ने सार्वजनिक संसाधनों का दुरुपयोग करते हुए स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने और सूचना के प्रवाह को नियंत्रित करने की कोशिश की है।’
फेडरेशन का कहना है कि यह कदम पारदर्शिता और जवाबदेही जैसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर सीधा हमला है। किसी सरकारी नेटवर्क का इस्तेमाल उन मीडिया संस्थानों को रोकने के लिए करना, जो सरकार से स्वतंत्र या आलोचनात्मक रुख रखते हैं, बेहद खतरनाक मिसाल है और मीडिया की आजादी के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है।
इस बारे में ‘एनबीएफ’ के फाउंडिंग प्रेजिडेंट अरनब गोस्वामी का कहना है, ‘एनबीएफ प्रेस की स्वतंत्रता को दबाने के ऐसे जबरदस्ती और अनुचित प्रयासों से काफी चिंतित है। यह ब्लैकआउट नागरिकों के स्वतंत्र समाचार पाने के अधिकार को छीनता है और लोकतंत्र की आत्मा पर हमला करता है। राज्य की ताकत का इस तरह दुरुपयोग किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।’
फेडरेशन ने ‘TACTV’ से मांग की है कि ‘Puthiya Thalaimurai’ न्यूज चैनल का प्रसारण उसके सभी 1.75 करोड़ सब्सक्राइबर्स के लिए तुरंत और बिना शर्त बहाल किया जाए। साथ ही तमिलनाडु सरकार से आग्रह किया गया है कि इस ‘सेंसरशिप’ जैसी कार्रवाई की जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कदम उठाया जाए।
इसके साथ ही एनबीएफ ने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि ‘सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी राज्य या निजी डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क नागरिकों की न्यूज तक पहुंच को बाधित न करे या किसी चैनल के साथ भेदभाव न करे।
इस प्रेस स्टेटमेंट के अंत में ‘एनबीएफ’ ने प्रेस की स्वतंत्रता के बचाव के अपने संकल्प को दोहराया और कहा कि वह ‘Puthiya Thalaimurai’ सहित उन सभी मीडिया संस्थानों के साथ मजबूती से खड़ा है, जो जनहित में निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अरुण कुमार चौबे को प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम करने का 25 वर्षों से अधिक का अनुभव है।
‘BAG Convergence’ (न्यूज24 डिजिटल) ने सीनियर मीडिया प्रोफेशनल अरुण कुमार चौबे को एडिटर (Synergy and Brand Solutions) के पद पर नियुक्त किया है। कंपनी के अनुसार, अरुण कुमार चौबे समूह के डिजिटल और टीवी चैनलों के बीच बेहतर सिनर्जी स्थापित करने, कंटेंट को मल्टीप्लेटफॉर्म्स पर मजबूत करने और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर ब्रैंडेड कंटेंट को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
अरुण कुमार चौबे को प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम करने का 25 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने मीडिया में अपने करियर की शुरुआत लखनऊ में ‘द पायनियर’ के साथ बतौर ट्रेनी जर्नलिस्ट की थी और बाद में हिन्दुस्तान टाइम्स (रांची एडिशन) से जुड़ गए। डिजिटल मीडिया की दुनिया में उनका सफर वर्ष 2004 में zeenews.com के साथ शुरू हुआ। इसके बाद उन्होंने दैनिक जागरण, इंडिया टुडे ग्रुप, और डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग्स के बिजनेस वर्टिकल फाइनेंशियल क्रॉनिकल जैसे कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम किया।
वर्ष 2017 में अरुण कुमार चौबे ने एक बार फिर ‘जी मीडिया’ समूह को जॉइन किया और zeebiz.com में बतौर एसोसिएट एडिटर अपनी नई पारी की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने zeenews.com, mylord.in (एक लीगल वेबसाइट) और india.com जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया।
अरुण कुमार चौबे ने India.com के यूट्यूब पेज के लिए Pol.Punch और Foodshaala जैसे नए आईपी (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) कॉन्सेप्ट भी विकसित किए। यहां अपनी पारी को विराम देने से पहले वह Digital 2C यूनिट के प्रमुख थे, जहां उन्होंने जी मीडिया के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय टीवी चैनलों तथा समूह की वेबसाइटों के बीच तालमेल (synergy) को और मजबूत किया।
प्रांजल मिश्रा को मीडिया में काम करने का करीब सात साल का अनुभव है। उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है।
युवा पत्रकार प्रांजल मिश्रा ने ‘सीएनएन न्यूज18’ (CNN News18) से मीडिया में अपनी नई पारी का आगाज किया है। उन्होंने यहां पर बतौर एसोसिएट प्रड्यूसर जॉइन किया है।
प्रांजल मिश्रा इससे पहले ‘टाइम्स नाउ’ (TIMES NOW) में न्यूज को-ऑर्डिनेटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। पूर्व में वह न्यूज एजेंसी ‘एशियन न्यूज इंटरनेशनल’ (ANI) में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
इसके अलावा वह ‘विऑन’ (WION) में असिस्टेंट मैनेजर (गेस्ट रिलेशंस) और ‘रिपब्लिक’ (Republic) में न्यूज को-ऑर्डिनेटर भी रह चुके हैं।
मूल रूप से सिद्धार्थनगर (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले प्रांजल मिश्रा को मीडिया में काम करने का करीब सात साल का अनुभव है। उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है।
समाचार4मीडिया की ओर से प्रांजल मिश्रा को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
मुंबई में आयोजित 25वें FICCI Frames के दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने कहा कि भारत के मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को विकास के साथ जिम्मेदारी भी संतुलित करनी होगी।
मुंबई में आयोजित 25वें FICCI Frames के दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने कहा कि भारत के मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को विकास के साथ जिम्मेदारी भी संतुलित करनी होगी। उन्होंने इसे “भारतीय क्रिएटिविटी का अगला सुनहरा युग” बताया और नियामक सुधार और जवाबदेही के महत्व पर जोर दिया।
क्रिएटिविटी सिर्फ पैसे कमाने तक सीमित नहीं
संजय जाजू ने कहा, “यह (एंटरटेनमेंट) क्षेत्र सिर्फ पैसे कमाने के लिए नहीं है, बल्कि लोगों के दिमाग में सोच बनाने, राय बनाने और समाज में प्रभाव डालने के लिए भी है। इसलिए यह जरूरी है कि यह विकास बड़ी जिम्मेदारी के साथ आए।” उन्होंने गलत जानकारी, पायरेसी और मनी लॉन्ड्रिंग को रचनात्मक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले मुद्दे बताया। जाजू ने समान और निष्पक्ष राजस्व वितरण की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि कंटेंट निर्माता “अपना हक पा सकें।”
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सटीक खबरें
संजय जाजू ने अनुच्छेद 19(1) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का महत्व बताया और साथ ही सटीक खबरों के प्रसार का आग्रह किया। उन्होंने चर्चा की कि कैसे लोग क्लिकबेट और नकली सामग्री का इस्तेमाल अपने कंटेंट को मोनेटाइज करने के लिए करते हैं, जिससे गलत जानकारी और फेक न्यूज फैलती है और जनता का विश्वास कमजोर होता है।
पायरेसी रचनाकारों को हतोत्साहित करती है
संजय जाजू ने कहा कि पायरेसी कंटेंट क्रिएटर्स को प्रेरित नहीं करती। “बौद्धिक संपदा किसी भी रचनात्मक प्रक्रिया का मूल है। यह जरूरी है कि कंटेंट क्रिएटर अपने काम से होने वाले मूल्य को मोनेटाइज कर सके। अगर ऐसा नहीं होगा, तो खुले अर्थव्यवस्था में कंटेंट कभी नहीं आएगा। इसलिए पायरेसी पर उसी तरह ध्यान दिया जाना चाहिए जैसा अब हो रहा है।”
उन्होंने बताया कि सरकार Motion Picture Association और Producers Guild के साथ मिलकर पायरेटेड कंटेंट को ब्लॉक करने पर काम कर रही है, क्योंकि ऐसे कंटेंट से राष्ट्रीय सुरक्षा और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े सवाल उठते हैं।
प्रसारण क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता
इसी भावना को साझा करते हुए, केविन वज, CEO-Entertainment, JioStar और FICCI के मीडिया व एंटरटेनमेंट समिति के अध्यक्ष, ने भी सुधारों की आवश्यकता बताई, खासकर ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर में। उन्होंने कहा कि लीनियर ब्रॉडकास्टिंग अभी भी भारी नियामक दबाव में काम कर रही है, जिससे कृत्रिम कीमतें बनती हैं और इनोवेशन पर रोक लगती है।
केविन वज ने कहा, “हम हमेशा सहनशीलता की वकालत करते रहे हैं। अगर हम M&E सेक्टर के लिए अपनी महत्वाकांक्षी विकास योजनाओं को साकार करना चाहते हैं, तो हल्का नियामक ढांचा सबसे बेहतर है, जो इंडस्ट्री की सर्वोत्तम प्रथाओं और स्व-नियमन पर आधारित हो।”
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल बदलाव
संजय जाजू ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एंटरटेनमेंट क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला रहा है। “यह जरूरी है कि हम इसके संभावित नुकसान को कम करें और इस तकनीक से मिलने वाले लाभ का पूरा फायदा उठाएं।”
भारत को विश्व का प्रोडक्शन हब बनाने का लक्ष्य
संजय जाजू ने कहा कि भारत को विश्व का प्रोडक्शन देश बनाना चाहिए। भारत के पास लगभग 17 देशों के साथ को-प्रोडक्शन समझौते हैं और प्रोत्साहन भी दिए जा रहे हैं। उन्होंने अनुमति प्रक्रियाओं को सरल बनाने और India CineClub के माध्यम से कंटेंट प्रोडक्शन और कॉन्सर्ट आयोजित करने की बात की। इस डिजिटल सिंगल-विंडो क्लियरेंस सिस्टम का बीटा वर्जन अक्टूबर के अंत तक लाइव होने वाला है, ताकि कॉन्सर्ट सीजन को मिस न किया जाए और कॉन्सर्ट इकोनॉमी को बढ़ावा मिले।
कॉन्सर्ट इकोनॉमी पर जोर
संजय जाजू ने बताया कि कॉन्सर्ट इकोनॉमी पर तुरंत ध्यान दिया जाना चाहिए, क्योंकि यह सेक्टर सीधे तौर पर 80 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देता है और इसे दोगुना करने की योजना है।
IICT की प्रगति और भविष्य
संजय जाजू ने Indian Institute of Creative Technology (IICT) की विस्तारपूर्ण जानकारी दी। इसका कैंपस गोरेगांव, मुंबई में बन रहा है। IICT का 52% FICCI और CII के पास है, जबकि 48% महाराष्ट्र और केंद्र सरकार के पास है। इसे 2028 तक खोलने की उम्मीद है।
AVGC-XR और नई तकनीकें
संजय जाजू ने बताया कि AVGC-XR (एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स, एक्सटेंडेड रियलिटी) 30% वृद्धि वाले सेगमेंट के रूप में उभरे हैं। इसके अलावा AI और 5G डाइरेक्ट-टू-मोबाइल जैसी नई तकनीकें भारत में कंटेंट बनाने और उपभोग करने के तरीके को बदल सकती हैं।
उन्होंने निष्कर्ष निकाला, “यह भारतीय क्रिएटिविटी का अगला सुनहरा युग है। आइडियाज अवसरों से मिल रहे हैं, जुनून पैसे में बदल रहा है, और कला वाणिज्य में परिवर्तित हो रही है।”
वह समूह के विभिन्न प्लेटफार्म्स पर एंटरटेनमेंट की एडिटोरियल टीम का नेतृत्व करेंगी और कंटेंट प्लानिंग, डेवलपमेंट व स्ट्रैटेजी की जिम्मेदारी संभालेंगी।
युवा पत्रकार गीतम श्रीवास्तव ने ‘BAG Convergence’ में एंटरटेनमेंट एडिटर के पद पर जॉइन किया है। संस्थान की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, वह समूह के विभिन्न प्लेटफार्म्स पर एंटरटेनमेंट की एडिटोरियल टीम का नेतृत्व करेंगी और कंटेंट प्लानिंग, डेवलपमेंट व स्ट्रैटेजी की जिम्मेदारी संभालेंगी।
टीवी और डिजिटल दोनों क्षेत्रों में उनका अनुभव ‘BAG Convergence’ के एंटरटेनमेंट सेक्टर को और मजबूत करेगा। वे दर्शकों के लिए समयबद्ध, आकर्षक और विश्वसनीय एंटरटेनमेंट खबरें प्रदान करेंगी।
बता दें कि गीतम श्रीवास्तव को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का करीब 15 साल का अनुभव है। पूर्व में वह ‘जी मीडिया’, ‘एबीपी न्यूज’, ‘इंडिया न्यूज’ और ‘न्यूज एक्स’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में विभिन्न पदों पर अपनी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं। ‘BAG Convergence’ से पहले वह ‘जी मीडिया’ के एंटरटेनमेंट वर्टिकल ‘bollywood life’ की video Lead की जिम्मेदारी संभाल रही थीं।
कंपनी के अनुसार, गीतम की नियुक्ति से ‘BAG Convergence’ की डिजिटल न्यूज शाखा 'News24' और इसका एंटरटेनमेंट-फोकस्ड प्लेटफॉर्म E24 काफी लाभान्वित होंगे। उनकी विशेषज्ञता और नई सोच BAG Convergence को विविध दर्शकों तक लेकर जाएगी और नवीन कंटेंट स्ट्रैटेजी लाने में मदद करेगी और उनके नेतृत्व में ‘BAG Convergence’ का एंटरटेनमेंट वर्टिकल विश्वास, नवीनता और गुणवत्ता के साथ जानकारी देने वाला प्रमुख नाम बनेगा।
समाचार4मीडिया की ओर से गीतम श्रीवास्तव को नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
युवा पत्रकार कमलेश तिवारी अब ‘जी न्यूज’ (Zee News) की कश्ती में सवार हो गए हैं। उन्होंने यहां पर आउटपुट टीम में डिप्टी एग्जिक्यूटिव प्रड्यूसर के पद पर जॉइन किया है।
युवा पत्रकार कमलेश तिवारी अब ‘जी न्यूज’ (Zee News) की कश्ती में सवार हो गए हैं। उन्होंने यहां पर आउटपुट टीम में डिप्टी एग्जिक्यूटिव प्रड्यूसर के पद पर जॉइन किया है।
कमलेश तिवारी इससे पहले ‘एनडीटीवी’ (NDTV) में बतौर सीनियर प्रड्यूसर मॉर्निंग शिफ्ट को लीड कर रहे थे। हालांकि, यहां उनका सफर महज आठ-नौ महीने ही रहा।
मूल रूप से गोंडा (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले कमलेश तिवारी को मीडिया में काम करने का करीब दस साल का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ‘इंडिया न्यूज’ (India News) से की थी। इसके अलावा वह करीब छह साल तक ‘टीवी9’ (TV9) की टीम का हिस्सा भी रहे हैं।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो मुंबई से ग्रेजुएट कमलेश तिवारी ने माखनलाल चतुर्वेद पत्रकारिता विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेश में मास्टर्स की डिग्री ली है।
समाचार4मीडिया की ओर से कमलेश तिवारी को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
देश की अग्रणी डीटीएच कंपनी डिश टीवी इंडिया लिमिटेड एक बार फिर टैक्स विवाद को लेकर सुर्खियों में है।
देश की अग्रणी डीटीएच कंपनी डिश टीवी इंडिया लिमिटेड एक बार फिर टैक्स विवाद को लेकर सुर्खियों में है। केंद्रीय जीएसटी और सेंट्रल एक्साइज आयुक्त, औरंगाबाद ने कंपनी के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट (औरंगाबाद बेंच) में अपील दायर की है। यह अपील कस्टम्स, एक्साइज और सर्विस टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (CESTAT), मुंबई के उस आदेश को चुनौती देती है जिसमें फैसला डिश टीवी के पक्ष में आया था।
यह विवाद लगभग ₹42.19 करोड़ की राशि से जुड़ा है। यह मामला स्मार्ट कार्ड्स की सप्लाई से संबंधित है, जिन्हें डिश टीवी ने सेट टॉप बॉक्स निर्माताओं को जॉब वर्क (ठेका कार्य) के आधार पर उपलब्ध कराया था। कंपनी का कहना है कि उसने यह सप्लाई वैध जॉब वर्क के रूप में की थी, लेकिन सर्विस टैक्स विभाग, औरंगाबाद ने इसे असली जॉब वर्क नहीं माना।
विभाग ने आरोप लगाया कि कंपनी ने जनवरी 2014 से जून 2017 के बीच गलत तरीके से CENVAT क्रेडिट लिया है और इसे वापस करने का प्रस्ताव रखा।
4 जुलाई 2019: कमिश्नर, सीजीएसटी और सेंट्रल एक्साइज, औरंगाबाद ने टैक्स विभाग के पक्ष में फैसला दिया।
फरवरी 2025: डिश टीवी ने इस आदेश को चुनौती देते हुए CESTAT मुंबई में अपील की, जहां फैसला कंपनी के पक्ष में आया।
अक्टूबर 2025: अब टैक्स कमिश्नर ने हाई कोर्ट (औरंगाबाद बेंच) में अपील दायर की है, जिससे मामला एक बार फिर कानूनी मोड़ पर पहुंच गया है।
यदि हाई कोर्ट CESTAT के आदेश को पलट देता है, तो डिश टीवी को न सिर्फ ₹42.19 करोड़ की विवादित राशि चुकानी पड़ सकती है, बल्कि बराबर की पेनल्टी और लागू ब्याज भी देना पड़ सकता है।
फिलहाल, यह मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में विचाराधीन है और उद्योग जगत की निगाहें इसके अगले फैसले पर टिकी हैं।
इस संस्थान में 7 अक्टूबर 2025 उनका आख़िरी कार्यदिवस था। ‘जी ग्रुप’ के साथ उनका पांचवां कार्यकाल था।
मीडिया इंडस्ट्री में दो दशक से अधिक लंबे और शानदार करियर के बाद हेमलता शर्मा ने ‘जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ (ZMCL) को अलविदा कह दिया है। इस संस्थान में 7 अक्टूबर 2025 उनका आख़िरी कार्यदिवस था। ‘जी ग्रुप’ के साथ उनका पांचवां कार्यकाल था।
‘जी मीडिया’ में अपने कार्यकाल के दौरान हेमलता शर्मा ‘डिस्ट्रिब्यूशन एंड रिसर्च’ टीम की प्रमुख रहीं। उन्होंने समूह के न्यूज चैनल्स के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय डिस्ट्रीब्यूशन स्ट्रैटेजी का सफल नेतृत्व किया। उन्होंने ‘कनेक्टेड टीवी’ (CTV) जैसे उभरते क्षेत्र में ज़ी मीडिया की मौजूदगी को मजबूत किया और ई-स्पोर्ट्स तथा नई डिजिटल पहलों जैसे भविष्यवादी प्रोजेक्ट्स की भी अगुवाई की।
मीडिया इंडस्ट्री में 20 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ हेमलता शर्मा ने डिस्ट्रीब्यूशन क्षेत्र में कई नई पहलों को आगे बढ़ाया। उन्होंने पारंपरिक प्रसारण (ब्रॉडकास्ट) और डिजिटल इकोसिस्टम के बीच एक प्रभावी सेतु का काम किया। उनके नेतृत्व में जी मीडिया की मार्केट में पहुंच और प्रभाव काफी बढ़ा और समूह के चैनल बदलते कंटेंट उपभोग के दौर में मजबूती से स्थापित हुए।
हेमलता शर्मा इंडस्ट्री मंचों और सम्मेलनों में भी जानी-पहचानी शख्सियत रही हैं। वह Satcab Symposium और कई मीडिया लीडरशिप पैनल्स में हिस्सा लेती रही हैं, जहां उन्होंने टीवी वितरण में इनोवेशन और डेटा-आधारित परिवर्तन पर अपने विचार साझा किए।
हेमलता शर्मा ने अपने करियर में मीडिया और टेलीकॉम सेक्टर में कई अहम नेतृत्व पदों पर काम किया है। उन्होंने Zee TV, Zee Cinema, Zee GEC और क्षेत्रीय चैनलों के लॉन्च के दिनों में अहम भूमिका निभाई। वह पहली MSO Siticable की लॉन्चिंग टीम का हिस्सा रहीं और Turner के चैनल्स जैसे HBO, CNN, Cartoon Network, Ten Sports और Ten Cricket से भी जुड़ी रहीं। इसके अलावा उन्होंने Airtel Broadband & Telecom, Reliance, Zee News, Wion, Zee Business और HSM व साउथ रीजनल न्यूज़ चैनलों के साथ भी काम किया।
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड अपने निवेशकों और शेयरधारकों के साथ सार्थक बातचीत के लिए ‘संवाद – जयपुर एडिशन’ नामक विशेष कार्यक्रम का आयोजन 31 अक्टूबर 2025 को जयपुर में करने जा रहा है।
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड अपने निवेशकों और शेयरधारकों के साथ सार्थक बातचीत के लिए ‘संवाद – जयपुर एडिशन’ नामक विशेष कार्यक्रम का आयोजन 31 अक्टूबर 2025 को जयपुर में करने जा रहा है। इस बैठक में कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी और प्रबंधन प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे, जो कंपनी की रणनीतियों, भविष्य की योजनाओं और विकास से जुड़ी दिशा पर चर्चा करेंगे।
कंपनी ने बताया कि पिछले कुछ तिमाहियों में जी एंटरटेनमेंट ने मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में कई बड़े और बदलावकारी फैसले लिए हैं। डिजिटल कंटेंट, नई साझेदारियों और ओरिजिनल प्रोजेक्ट्स पर फोकस करते हुए कंपनी लंबे समय के मूल्य निर्माण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।
‘संवाद’ कार्यक्रम का उद्देश्य निवेशकों और शेयरधारकों के साथ पारदर्शी बातचीत करना और उनके सुझावों के आधार पर कंपनी की रणनीति को और मजबूत बनाना है। इस दौरान प्रतिभागियों को प्रश्न पूछने और सीधे प्रबंधन से संवाद करने का अवसर मिलेगा।
बैठक में भाग लेने के लिए पूर्व-पंजीकरण अनिवार्य रखा गया है। पंजीकरण की अंतिम तिथि 29 अक्टूबर 2025 है।
फेडरेशन का कहना है, ‘Puthiya Thalaimurai’ चैनल की आवाज को सरकारी नियंत्रण वाले नेटवर्क के जरिये दबाना सत्ता के दुरुपयोग का गंभीर उदाहरण है।
‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन’ (NBF) ने तमिलनाडु में राज्य सरकार के स्वामित्व वाले तमिलनाडु अरासु केबल टीवी नेटवर्क (TACTV) द्वारा ‘Puthiya Thalaimurai’ न्यूज चैनल का प्रसारण रोके जाने की कड़ी निंदा की है। फेडरेशन ने इसे ‘मनमाना और अलोकतांत्रिक कदम’ बताया है और कहा है कि यह प्रेस की स्वतंत्रता और नागरिकों के सूचना पाने के अधिकार पर सीधा हमला है।
‘एनबीएफ’ की ओर से जारी एक स्टेटमेंट में कहा गया है कि बिना किसी कारण, स्पष्टीकरण या वैधानिक प्रक्रिया के चैनल को ऑफ-एयर करना संस्थागत सेंसरशिप की श्रेणी में आता है। यह कदम मीडिया की आजादी के खिलाफ है और लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करता है।
यह भी पढ़ें: तमिलनाडु के इस न्यूज चैनल का प्रसारण अरासु केबल पर बैन किए जाने का विरोध
फेडरेशन का कहना है, ‘Puthiya Thalaimurai’ लंबे समय से तमिलनाडु में निष्पक्ष, निर्भीक और जनहितकारी पत्रकारिता के लिए जाना जाता है। इस चैनल की आवाज को सरकारी नियंत्रण वाले नेटवर्क के जरिये दबाना सत्ता के दुरुपयोग का गंभीर उदाहरण है। यह संदेश देता है कि सरकार की आलोचना करने वाले मीडिया संस्थानों को मनमाने ढंग से दंडित किया जा सकता है, जो लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है।
एनबीएफ ने यह भी कहा कि राज्य के स्वामित्व वाले केबल नेटवर्क को जनता का निष्पक्ष माध्यम होना चाहिए, न कि सत्ता के दमन का औजार। सार्वजनिक संसाधनों से चलने वाले नेटवर्क का उपयोग किसी वैध समाचार चैनल को ब्लॉक करने के लिए करना जनता के भरोसे और संविधान में निहित लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
फेडरेशन की मांग है कि ‘TACTV’ पर ‘Puthiya Thalaimurai’ चैनल का प्रसारण तुरंत और बिना किसी शर्त बहाल किया जाए। साथ ही, तमिलनाडु सरकार से यह भी आग्रह किया गया है कि इस मनमाने कदम के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और प्रेस की स्वतंत्रता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई जाए।
एनबीएफ ने केंद्र सरकार से भी अपील की है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information & Broadcasting) और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें। साथ ही, ऐसे ठोस नियम बनाए जाएं ताकि कोई भी सरकारी या निजी डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ‘कैरेज कंट्रोल’ का दुरुपयोग कर किसी चैनल की आवाज न दबा सके।
एनबीएफ ने कहा, यह केवल एक चैनल के खिलाफ कदम नहीं है, बल्कि हर पत्रकार, हर न्यूजरूम और हर नागरिक के ‘जानने के अधिकार’ पर हमला है। फेडरेशन ने ‘Puthiya Thalaimurai’ चैनल के साथ एकजुटता जताते हुए कहा कि स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने की हर कोशिश का सशक्त विरोध किया जाएगा।