आईआईटी-कानपुर के पूर्व छात्र और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी रिसर्चर्स में शुमार त्रपित बंसल ने Meta के हाल ही में स्थापित सुपरइंटेलिजेंस यूनिट को जॉइन कर लिया है
आईआईटी-कानपुर के पूर्व छात्र और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी रिसर्चर्स में शुमार त्रपित बंसल ने Meta के हाल ही में स्थापित सुपरइंटेलिजेंस यूनिट को जॉइन कर लिया है। बंसल अब मार्क जुकरबर्ग की महत्वाकांक्षी AGI (Artificial General Intelligence) प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन की टिप्पणियों का हवाला देते हुए आई रिपोर्ट्स से पता चलता है कि त्रपित बंसल उन शीर्ष नियुक्तियों में से हैं, जिन्हें मेटा द्वारा 100 मिलियन डॉलर (लगभग 854.3 करोड़ रुपये) का जॉइनिंग बोनस दिया गया है।।
त्रपित बंसल डीप लर्निंग, लॉजिकल रीजनिंग और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) में गहरी विशेषज्ञता रखते हैं। बंसल का करियर तकनीक और अकादमिक शोध के दुर्लभ मेल का उदाहरण है। उन्होंने आईआईटी कानपुर से मैथमेटिक्स और स्टैटिस्टिक्स में ग्रेजुएशन किया और बाद में University of Massachusetts Amherst से कंप्यूटर साइंस में PhD की। उनके शोध का फोकस मेटा-लर्निंग और NLP पर रहा।
साल 2012 में उन्होंने गुरुग्राम स्थित Accenture Management Consulting में एनालिस्ट के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने IISc बेंगलुरु में Bayesian मॉडलिंग और इनफरेंस पर शोध किया। इस दौरान वे Facebook, Google, Microsoft और OpenAI जैसी कंपनियों में इंटर्नशिप कर चुके हैं, जहां उन्होंने डीप लर्निंग, नॉलेज ग्राफ और रिइंफोर्समेंट लर्निंग जैसे क्षेत्रों में काम किया।
2022 में त्रपित बंसल ने OpenAI को फुलटाइम रिसर्चर के तौर पर जॉइन किया, जहां उन्होंने कंपनी के को-फाउंडर इल्या सुत्सकेवर के साथ मिलकर रीजनिंग के लिए रिइंफोर्समेंट लर्निंग पर काम किया। इस दौरान उन्होंने OpenAI के पहले रीजनिंग एआई मॉडल 'o1' को विकसित करने में अहम योगदान दिया, जो बाद में ChatGPT की लॉजिकल कैपेसिटी की नींव बना।
अब बंसल Meta Superintelligence Labs में शामिल हो गए हैं, जिसे जुकरबर्ग ने AGI पर काम के लिए स्थापित किया है। इस लैब का नेतृत्व पूर्व Scale AI CEO अलेक्ज़ेंडर वांग और पूर्व GitHub CEO नैट फ्रीडमैन कर रहे हैं। MSL इन दिनों OpenAI, Anthropic और DeepMind जैसी कंपनियों से टॉप AI रिसर्चर्स को आकर्षक पैकेज पर हायर कर रहा है। Bloomberg और The Wall Street Journal की रिपोर्ट्स के मुताबिक Meta चार साल के भीतर स्टॉक ऑप्शन और विशाल कंप्यूट एक्सेस समेत $300 मिलियन तक के ऑफर दे रही है। हालांकि बंसल की सैलरी डील सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि उन्हें भी इसी स्तर के प्रोत्साहन मिले होंगे।
इस तरह की हायरिंग ने इंडस्ट्री में खलबली मचा दी है। हाल ही में OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने Meta पर "$100 मिलियन साइनिंग बोनस" देने का आरोप लगाया, हालांकि उन्होंने दावा किया कि उनके सर्वश्रेष्ठ रिसर्चरों ने इन ऑफर्स को ठुकरा दिया। फिर भी त्रपित बंसल के साथ-साथ लुकास बेयर, एलेक्ज़ेंडर कोलेसनिकोव, ज़ियाओहुआ झाई, जैक रे और जोहान शाल्कविक जैसे प्रमुख रिसर्चरों के प्रस्थान से लगता है कि Meta का ऑफर काफी आकर्षक साबित हो रहा है।
चूंकि Meta अब तक कोई रीजनिंग-सक्षम AI मॉडल पेश नहीं कर सका है, ऐसे में बंसल की एंट्री को उस खाई को भरने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। ऐसी उम्मीद है कि वे Meta के अगले जनरेशन के LLMs (Large Language Models) को डिज़ाइन और विकसित करने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे, ताकि कंपनी OpenAI के o3 और DeepSeek के R1 जैसे मॉडल्स की टक्कर में आ सके।
हालांकि Meta के प्रवक्ता एंडी स्टोन ने हाई सैलरी पैकेज की खबरों को खारिज किया है, लेकिन इंडस्ट्री के जानकार मानते हैं कि ये नियुक्तियां इस बात का संकेत हैं कि Meta किस तेजी और गंभीरता के साथ AGI की दौड़ में आगे निकलने की कोशिश कर रहा है।
Moët Hennessy India ने सिद्धार्थ सूरी (Siddharth Suri) को अपना नया मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किया है।
Moët Hennessy India ने सिद्धार्थ सूरी (Siddharth Suri) को अपना नया मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किया है। यह उनके लिए कंपनी में वापसी का मौका है, क्योंकि उन्होंने पहले FMCG और एल्कोहलिक बेवरेज इंडस्ट्री में कई सालों तक नेतृत्व किया है।
सिद्धार्थ सूरी के पास 20 साल से अधिक का अनुभव है। उन्होंने इस दौरान Diageo, Pernod Ricard और PepsiCo जैसी बड़ी कंपनियों में वरिष्ठ पदों पर काम किया। हाल ही में उन्होंने Hindustan Coca-Cola Beverages (HCCB) में ready-to-drink alcoholic cocktails लॉन्च किए।
सिद्धार्थ सूरी का अनुभव घरेलू, ट्रैवल रिटेल और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक फैला हुआ है। उनका जोर बिजनेस को बढ़ाने, टीम को तैयार करने और बदलाव लाने पर रहता है।
उनकी कंपनी में वापसी से Moët Hennessy India की स्थिति लक्ज़री स्पिरिट्स मार्केट में मजबूत होने की उम्मीद है, और कंपनी इन्वेंशन, मार्केट विस्तार और टैलेंट डेवलपमेंट पर ध्यान देगी।
ABP Group में नेशनल हेड रहे ओमन थॉमस (Oommen Thomas) अब RICE Admas Group के ग्रुप सीईओ के रूप में शामिल हो गए हैं।
ABP Group में नेशनल हेड रहे ओमन थॉमस (Oommen Thomas) अब RICE Admas Group (Kolkata) के ग्रुप सीईओ के रूप में शामिल हो गए हैं।
RICE Admas Group की स्थापना 1985 में प्रो. (डॉ.) समित राय ने की थी। यह समूह पश्चिम बंगाल के प्रमुख शैक्षिक समूहों में से एक है। समूह Admas University कोलकाता के 120 एकड़ कैम्पस से संचालित करता है।
RICE Education पश्चिम बंगाल में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में एक अहम भूमिका निभाता रहा है।
समूह की तकनीकी शाखा Adamas Tech Consulting दुनिया भर में IT और डिजिटल समाधान देती है। इसके संचालन भारत, सऊदी अरब, दुबई, इंग्लैंड और अमेरिका में हैं, और कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में विस्तार की योजना है।
इसके अलावा समूह Adamas International School, Adamas World School और Adamas Kids भी संचालित करता है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने पूर्व क्रिकेटर मिथुन मन्हास को अपना नया ऑनररी प्रेजिडेंट नियुक्त किया है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने पूर्व क्रिकेटर मिथुन मन्हास को अपना नया प्रेजिडेंट नियुक्त किया है। यह घोषणा बोर्ड की 94वीं वार्षिक आम बैठक के बाद मुंबई में रविवार, 28 सितंबर को की गई।
45 साल के मन्हास ने दिल्ली और जम्मू-कश्मीर की तरफ से फर्स्ट-क्लास क्रिकेट खेला और बाद में कोच के रूप में काम किया। वे रोजर बिन्नी से इस पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, जिन्होंने बोर्ड की उम्र की सीमा पूरी होने के बाद पद छोड़ दिया था। इस नियुक्ति के साथ मन्हास BCCI का नेतृत्व करने वाले पहले अनकैप्ड खिलाड़ी बन गए हैं, यानी उन्होंने कभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व नहीं किया।
यह BCCI के इतिहास में तीसरी बार है जब कोई क्रिकेटर बोर्ड का नेतृत्व कर रहा है, इससे पहले यह जिम्मेदारी सौरव गांगुली और रोजर बिन्नी के पास रही।
मन्हास के साथ राजीव शुक्ला को वाइस-प्रेजिडेंट बनाया गया है, जो बोर्ड में लंबे प्रशासनिक अनुभव को लाएंगे। अन्य नियुक्तियों में देवाजित सैकिया को सेक्रेटरी, प्रभतेज सिंह भाटिया को जॉइंट-सेक्रेटरी और ए. रघुराम भाट को ट्रेजरर बनाया गया।
बोर्ड ने जयदेव शाह को एपेक्स काउंसिल का एकमात्र सदस्य चुना, जबकि अरुण सिंह धूमल और एम. खैरुल जमाल मजूमदार को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) गवर्निंग काउंसिल में शामिल किया गया।
नई नेतृत्व टीम से उम्मीद है कि वे भारतीय क्रिकेट के एक महत्वपूर्ण चरण का संचालन करेंगे, जिसमें गवर्नेंस, वित्तीय निगरानी और खेल के विभिन्न फॉर्मेट्स व प्लेटफॉर्म्स में विस्तार का संतुलन बनाए रखना शामिल होगा।
साउथ एशिया के फॉरेन कॉरेस्पॉन्डेंट्स क्लब (FCC South Asia) और भारतीय पत्रकारिता जगत के लिए गर्व का क्षण है।
साउथ एशिया के फॉरेन कॉरेस्पॉन्डेंट्स क्लब (FCC South Asia) और भारतीय पत्रकारिता जगत के लिए गर्व का क्षण है। क्लब के प्रेजिडेंट डॉ. वाइल अव्वाद ने आधिकारिक तौर पर इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ प्रेस क्लब्स (IAPC) की अध्यक्षता संभाल ली है। उन्होंने यह जिम्मेदारी लंदन प्रेस क्लब से ली, जब नई दिल्ली में FCC South Asia द्वारा आयोजित एसोसिएशन की असेंबली मीटिंग संपन्न हुई।
1958 में स्थापित, FCC South Asia इस क्षेत्र के सबसे पुराने और सम्मानित प्रेस क्लबों में से एक है। इसका एक लंबा इतिहास संवाद को बढ़ावा देने, मीडिया स्वतंत्रता की रक्षा करने और साउथ एशिया को कवर करने वाले अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों के लिए मंच उपलब्ध कराने का रहा है। इस साल IAPC असेंबली की मेजबानी नई दिल्ली में करना क्लब की वैश्विक मीडिया सहयोग को आगे ले जाने की ऐतिहासिक उपलब्धि है।
IAPC दुनिया भर के 50 से ज्यादा प्रेस क्लबों को जोड़ता है और पत्रकारों की वैश्विक आवाज़ और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रचार-प्रसार का काम करता है। लंदन से नई दिल्ली को नेतृत्व का हस्तांतरण, डॉ. अव्वाद की अध्यक्षता में, अंतरराष्ट्रीय मीडिया संवाद में साउथ एशिया की भूमिका को मजबूत करने का प्रतीक माना जा रहा है।
FCC South Asia के प्रेजिडेंट और नए IAPC प्रेजिडेंट डॉ. वाइल अव्वाद ने कहा, “ऐसे अहम समय में यह जिम्मेदारी लेना मेरे लिए सम्मान की बात है। आज पत्रकारिता झूठी सूचनाओं से लेकर घटती स्वतंत्रता तक, अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रही है और प्रेस क्लबों को एकजुट होकर खड़ा होना होगा। मैं सभी सदस्य क्लबों के साथ मिलकर सहयोग मजबूत करने, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम करूंगा कि हर जगह पत्रकारों को सच्चाई बताने के लिए जरूरी सहयोग मिल सके।”
सीरिया में जन्मे भू-राजनीतिक विश्लेषक और विदेशी संवाददाता डॉ. एस. एच. वाइल अव्वाद को इस साल 24 मई को फॉरेन कॉरेस्पॉन्डेंट्स क्लब ऑफ साउथ एशिया (FCC) का प्रेजिडेंट चुना गया था।
भारत में रहते हुए उन्होंने 2025–27 कार्यकाल के लिए FCC South Asia का नेतृत्व संभाला। वे टीवी पैनलों और स्ट्रैटेजिक-एफेयर्स मंचों पर एक परिचित चेहरा हैं और दक्षिण एशिया तथा मध्य पूर्व मामलों पर रिपोर्टिंग और टिप्पणी का चार दशक से ज्यादा का अनुभव अपने साथ लेकर आए हैं।
IAPC के सेक्रेटरी-जनरल जारोस्लाव व्तोदार्जिक ने कहा, “डॉ. अव्वाद का प्रेजिडेंट चुना जाना इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ प्रेस क्लब्स के लिए एक नया अध्याय है। FCC South Asia का नेतृत्व और विदेशी संवाददाताओं को सहयोग देने की लंबी परंपरा हमारे वैश्विक नेटवर्क को और समृद्ध करेगी। हमें विश्वास है कि उनके मार्गदर्शन में एसोसिएशन और मजबूत होगा और दुनिया भर में प्रेस स्वतंत्रता के लिए एक प्रकाशस्तंभ की तरह काम करेगा।”
दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार, 26 सितंबर 2025 को पत्रकार रवीश कुमार और डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म 'न्यूजलॉन्ड्री' द्वारा दायर याचिकाओं को बंद कर दिया है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रेस स्वतंत्रता और कॉरपोरेट जवाबदेही से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में शुक्रवार, 26 सितंबर 2025 को पत्रकार रवीश कुमार और डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म 'न्यूजलॉन्ड्री' द्वारा दायर याचिकाओं को बंद कर दिया है। ये याचिकाएं केंद्र सरकार के आदेशों को चुनौती दे रही थीं, जिसमें अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) से संबंधित रिपोर्ट और वीडियो हटाने को कहा गया था। वैसे बता दें कि कोर्ट ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि मामले से संबंधित पक्षों के बीच समझौता हो गया है।
कोर्ट का अवलोकन
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने अडानी एंटरप्राइजेज के साथ एक “समझौता” कर लिया है। इस व्यवस्था के अनुसार:
26 सितंबर 2025 दोपहर 12:00 बजे तक याचिकाकर्ताओं की वेबसाइट या उनके माध्यम से होस्ट की गई कोई भी सामग्री नहीं हटाई जाएगी।
जो सामग्री पहले हटाई जा चुकी है, उसे फिर से अपलोड नहीं किया जाएगा।
यह व्यवस्था केवल तब तक वैध होगी जब तक AEL की सिविल मुकदमे में अंतरिम निषेधाज्ञा आवेदन का निर्णय नहीं हो जाता।
कोर्ट ने अडानी एंटरप्राइजेज को दोनों मामलों में शामिल होने की अनुमति भी दी और याचिकाकर्ताओं को पार्टियों के संशोधित मेमो दाखिल करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान 'न्यूजलॉन्ड्री' की ओर से सीनियर एडवोकेट सौरभ कृपाल ने बताया कि अंतरिम निषेधाज्ञा के फैसले तक वर्तमान स्थिति बनी रहे। अडानी की ओर से सीनियर एडवोकेट अनुराग अहलुवालिया ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता अपील करने की बजाय सिविल जज के समक्ष ऑर्डर 39, रूल्स 1 और 2 के तहत आवेदन करेंगे।
न्यायमूर्ति दत्ता ने केंद्र सरकार को आदेश के अनुसार सुधार जारी करने के लिए भी निर्देश दिया, जबकि यह भी स्पष्ट किया कि यह निर्णय मामले की मेरिट पर कोर्ट की राय को प्रतिबिंबित नहीं करता।
विवाद का पृष्ठभूमि
यह कानूनी विवाद तब शुरू हुआ जब केंद्र सरकार ने रवीश कुमार और 'न्यूजलॉन्ड्री' को अडानी एंटरप्राइजेज के कथित मानहानि संबंधी कंटेंट को हटाने के लिए निर्देश जारी किए। रवीश कुमार ने अपने एडवोकेट शंतनु डेर्घावेण के माध्यम से कहा कि ये आदेश प्रेस स्वतंत्रता का उल्लंघन हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत सुरक्षित है। कुमार की सामग्री कॉर्पोरेट जवाबदेही, सार्वजनिक हित की पत्रकारिता और लोकतांत्रिक निगरानी पर केंद्रित है।
इसी तरह, 'न्यूजलॉन्ड्री' ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) द्वारा 16 सितंबर 2025 को जारी किए गए आदेश को चुनौती दी, जिसमें अडानी एंटरप्राइजेज द्वारा मानहानिकारक माने गए लेख और वीडियो हटाने को कहा गया। ये निर्देश रोहिणी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के 6 सितंबर 2025 के एक्स पार्टे गैग आदेश पर आधारित थे, जिसमें पत्रकार परांजॉय गुप्ता ठाकुरता और अन्य के खिलाफ AEL की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री की प्रकाशन पर रोक लगाई गई थी।
दिल्ली जिला कोर्ट ने हाल ही में रोहिणी ट्रायल कोर्ट के व्यापक गैग आदेश को रद्द कर दिया। अपीलीय अदालत ने कहा कि व्यापक प्री-पब्लिकेशन प्रतिबंध कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं हैं और कंटेंट हटाने के लिए माध्यमों पर निर्भरता से उत्पन्न जोखिमों को उजागर किया। इस आदेश ने अपीलकर्ताओं को आगे के निर्णय तक तत्काल अनुपालन से बचाया।
दिल्ली हाई कोर्ट ने पत्रकार राजदीप सरदेसाई को लेकर सोशल मीडिया पर की गई मानहानिकारक टिप्पणी के मामले में टीवी टुडे नेटवर्क को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने पत्रकार राजदीप सरदेसाई को लेकर सोशल मीडिया पर की गई मानहानिकारक टिप्पणी के मामले में टीवी टुडे नेटवर्क को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह टिप्पणियां उस समय की गई थीं जब सरदेसाई ने अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती का इंटरव्यू लिया था, जो उस वक्त अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की लिव-इन पार्टनर थीं और उनकी मौत को लेकर विवादों के बीच सुर्खियों में थीं।
यह आदेश जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने 3 सितंबर 2025 को पारित किया। मानहानि का यह केस टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड ने साल 2020 में दाखिल किया था, जिसमें सोशल मीडिया यूजर अनुराग श्रीवास्तव द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों को आधार बनाया गया था।
कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादी द्वारा की गई टिप्पणियां बेहद मानहानिकारक थीं। अदालत के फैसले में कहा गया, “पूरे मामले और परिस्थितियों को देखते हुए अदालत का मानना है कि आपत्तिजनक ट्वीट्स अत्यंत मानहानिकारक थे और प्रतिवादी इन्हें सही साबित करने में असफल रहा, जबकि उसे इसके लिए पर्याप्त अवसर दिया गया था।”
कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादी का ऐसा गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार निंदनीय है।
राजदीप सरदेसाई को रिया चक्रवर्ती से बातचीत के बाद कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था। इस इंटरव्यू में रिया ने कहा था कि सुशांत सिंह राजपूत मानसिक परेशानियों से जूझ रहे थे और इशारा किया था कि उनकी नाजुक मानसिक स्थिति उनकी असामयिक मौत की वजह बन सकती है।
भारत का मैन्यूफैक्चरिंग एक्सपोर्ट अभी वैश्विक स्तर पर केवल 2% है। अगर भारत वास्तव में 'विकसित भारत 2047' का लक्ष्य हासिल करना चाहता है तो इस हिस्सेदारी को कम से कम 5% तक बढ़ाना होगा।
मुंबई में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में 'Business Today' के ग्रुप एडिटर सिद्धार्थ जराबी से खास बातचीत में अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने कहा कि अमेरिका ने एकतरफा 50% टैरिफ लगाया है, लेकिन अब भारत को इससे निपटना है। उन्होंने कहा कि यह घटना भारत के लिए केवल अल्पकालिक समस्या नहीं है, बल्कि इससे हमें अपनी दीर्घकालिक विकास रणनीति पर भी गंभीरता से विचार करना होगा।
तन्वी गुप्ता जैन ने बताया कि पिछले 30-40 सालों में विश्व अर्थव्यवस्था ने तेज विकास किया, क्योंकि हर देश ने वैश्विक बाजार को अपनाया और निर्यात पर भरोसा किया। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। अब बड़े देश अपने उद्योगों की रक्षा के लिए ऊंचे टैरिफ और पेनॉल्टी का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ऐसे में भारत को यह मान लेना चाहिए कि केवल निर्यात-आधारित रणनीति अब सुरक्षित नहीं है। तन्वी गुप्ता जैन ने यह भी चेताया कि आने वाले समय में भारत को दो बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। पहली, चाइना शॉक 2.0 – यानी चीन से निकला सस्ता सामान अन्य देशों में डंप होना और प्रतिस्पर्धा बढ़ाना। दूसरी- ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) – जो पारंपरिक नौकरियों पर असर डालेगा।
मुंबई में हुए इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में एकता कपूर ने कहा कि उनका पैशन प्रोजेक्ट है ज्योतिष शास्त्र यानी एस्ट्रोलॉजी। वो इसे शुरू करेंगी। इसे वो सालों से करना चाहती थीं।
टीवी और बॉलीवुड की जानी मानी प्रोड्यूसर और कंटेंट क्वीन एकता इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में पहुंची। यहां एकता कपूर ने अपने ज्योतिष शास्त्र प्रेम पर बात की। उन्होंने कहा कि उन्हें सप्लीमेंट और एस्ट्रोलॉजी से प्यार है। उन्होंने कहा, 'अब मैं इसमें (एस्ट्रोलॉजी) और ज्यादा दिलचस्पी रखती हूं। सौभाग्य की बात ये है कि अब दुनिया बदल गई है और सभी को भी इसमें दिलचस्पी है।
लेकिन इसमें बहुत गलतियां भी है। इंटरनेट पर लोग बेसिक चार्ट को गलत तरह से पढ़ रहे हैं और लोगों को भारी स्ट्रेस में डाल रहे हैं। वो लोगों में डर और चिंता पैदा करके फायदा उठा रहे हैं और उनपर प्रेशर डाल रहे हैं कि अगर आप ये चीजें नहीं करेंगे तो आपकी जिंदगी खत्म है।
अगले 5 सालों में आपका मारक बिगड़ जाएगा और आप मर जाओगे। चीजें इतनी सिंपल नहीं हैं। चीजें इतनी डरावनी भी नहीं है। अंत में प्रोड्यूसर एकता कपूर ने कहा कि एस्ट्रोलॉजी उनका अगला बिजनेस प्रोजेक्ट होगा। वो इसे शुरू करेंगी। इसे वो सालों से करना चाहती थीं। ये उनका पैशन प्रोजेक्ट है।
'ऑर्गनाइजर' के एडिटर प्रफुल्ल केतकर ने हिंदू राष्ट्र को लेकर संघ का दर्शन बताया है। उन्होंने कहा है कि हिंदू राष्ट्र का विचार बहिष्कार का नहीं, साझा सभ्यता की विरासत का विचार है।
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव मुंबई के मंच पर शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सौ साल पूरे होने को लेकर आयोजित सेशन में संघ के मुखपत्र ऑर्गनाइजर के एडिटर और 'द आरएसएस सेंचुरीः आइडियोलॉजी, आइडेंटिटी एंड इंडियाज डेस्टिनी' पुस्तक के लेखक प्रफुल्ल केतकर और लेखक तुषार गांधी शामिल हुए।
प्रफुल्ल केतकर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दर्शन को इस विचार पर आधारित बताया कि 'हिंदू' भारत की यूनिक सिविलाइजेशनल ताकत को परिभाषित करता है। उन्होंने यह भी कहा कि सभ्यता के लिहाज से देखें तो आध्यात्मिक लोकतंत्र भारत की यूएसपी है।
प्रफुल्ल केतकर ने कहा कि आपको अपना ईश्वर चुनने का अधिकार है। आपके पास एक गांधी हैं, जो नास्तिक होने का दावा कर सकते हैं और हिंदू हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आपके पास एक और गांधी हैं, जिन्होंने कहा कि पूरी तरह धार्मिक हूं और हिंदू हो सकता है।
प्रफुल्ल केतकर ने कहा कि एकेश्वरवादी हिंदू हो सकता है, बहुदेववादी हिंदू हो सकता है और एक सर्वेश्वरवादी हिंदू हो सकता है। ऐसी आजादी केवल इसी जमीन पर दी गई है और यही यहां की यूएसपी भी है। संघ के सफर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि संघ उपेक्षा, नफरत के दौर से गुजरते हुए अब स्वीकृति तक पहुंचा है। केतकर ने कहा कि शुरुआती वर्षों में संघ का मजाक बना और आज 83 हजार से अधिक शाखाएं और 32 इंस्पायर्ड संगठन हैं।
वह करीब तीन साल से इस समूह के डिजिटल-फर्स्ट न्यूज प्लेटफॉर्म ‘तक चैनल्स’ (Tak Channels) से जुड़े हुए थे।
युवा पत्रकार अक्षय शर्मा ने ‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह को बाय बोल दिया है। वह करीब तीन साल से इस समूह के डिजिटल-फर्स्ट न्यूज प्लेटफॉर्म ‘तक चैनल्स’ (Tak Channels) से जुड़े हुए थे।
समाचार4मीडिया से बातचीत में अक्षय शर्मा ने बताया कि वह फिलहाल नोटिस पीरियड पर हैं और जल्द ही एक अन्य बड़े मीडिया संस्थान के साथ टीवी की दुनिया में अपनी नई पारी शुरू करने जा रहे हैं। इस संस्थान के नाम का खुलासा वह वहां जॉइन करने के बाद करेंगे।
अक्षय शर्मा को टीवी, डिजिटल मीडिया और जनसंपर्क ( PR) में काम करने का एक दशक से अधिक का अनुभव है। पूर्व में वह सहारा समय, जी मीडिया, स्वराज एक्सप्रेस, सूर्या समाचार जैसे प्रमुख मीडिया संस्थानों में भी विभिन्न पदों पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
अक्षय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सोशल मीडिया टीम का हिस्सा रहने के साथ-साथ हरियाणा सीएम ऑफिस में बतौर प्रेस कंसल्टेंट भी कार्य कर चुके हैं।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर निवासी अक्षय सामाजिक क्षेत्र में भी काफी सक्रिय रहे हैं। अक्षय शर्मा के अनुसार, सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों की बदौलत उन्हें भारत स्काउट और गाइड संस्था से दो बार राज्यपाल पुरस्कार और एक बार राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
तक चैनल्स में करीब तीन साल के अपने कार्यकाल के दौरान अक्षय शर्मा ने ‘यूपी तक’ और ‘राजस्थान तक’ पर काम किया। इस दौरान वर्ष 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव, निकाय चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव की कवरेज में उन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसके अलावा उन्होंने महाकुंभ और राजस्थान विधानसभा चुनाव जैसे बड़े आयोजनों की कवरेज भी संभाली। तक चैनल्स में रहते हुए उन्होंने कई विशेष कार्यक्रमों में राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक हस्तियों को न्यूज रूम गेस्ट के रूप में आमंत्रित कर संस्थान की गतिविधियों को आगे बढ़ाया।
समाचार4मीडिया की ओर से अक्षय शर्मा को उनकी नई पारी के लिए अग्रिम रूप से बधाई और ढेरों शुभकामनाएं।