HT मीडिया लिमिटेड की मंगलवार को हुई बोर्ड मीटिंग में वरिष्ठ कॉर्पोरेट अधिवक्ता और कंपनी सचिव मनहर कपूर को 20 मई 2025 से कंपनी का पूर्णकालिक निदेशक नियुक्त किए जाने की मंजूरी मिल गई है।
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Vikas Saxena
HT मीडिया लिमिटेड की मंगलवार को हुई बोर्ड मीटिंग में वरिष्ठ कॉर्पोरेट अधिवक्ता और कंपनी सचिव मनहर कपूर को 20 मई 2025 से कंपनी का पूर्णकालिक निदेशक (Whole-time Director) नियुक्त किए जाने की मंजूरी मिल गई है। यह फैसला कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में नामांकन एवं पारिश्रमिक समिति की सिफारिश पर लिया गया। मनहर कपूर को तीन साल के कार्यकाल के लिए यह जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो शेयरधारकों की मंजूरी के अधीन होगी।
मनहर कपूर 1 जून 2022 से HT मीडिया समूह में ग्रुप जनरल काउंसल और कंपनी सचिव के रूप में जुड़े हुए हैं। इस भूमिका में वे समूह के कानूनी, सेक्रेटेरियल और अनुपालन कार्यों की जिम्मेदारी संभालते आ रहे हैं। उनके योगदान और अनुभव को देखते हुए अब उन्हें कंपनी के रणनीतिक प्रबंधन में और बड़ी भूमिका दी गई है।
HT मीडिया से पहले कपूर रॉयल एनफील्ड/आइशर मोटर्स में जनरल काउंसल और कंपनी सचिव के रूप में कार्यरत थे, जहां वे समूह की कॉर्पोरेट गवर्नेंस, कॉन्ट्रैक्ट मैनेजमेंट, विवाद निपटान, आईपीआर और अंतरराष्ट्रीय इकाइयों में अनुपालन जैसे महत्वपूर्ण दायित्व संभालते थे।
लगभग 24 वर्षों के प्रोफेनल अनुभव रखने वाले मनहर कपूर ने कई प्रमुख कंपनियों के साथ काम किया है और देश-विदेश में डेब्ट-इक्विटी लेन-देन, अधिग्रहण (M&A) और नए व्यवसायों की स्थापना में अहम भूमिका निभाई है। वे कानून में स्नातक हैं और उन्होंने फाइनेंस व स्ट्रैटेजी में एमबीए भी किया है।
HT मीडिया बोर्ड की इस नियुक्ति को कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति और कॉर्पोरेट नेतृत्व को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
समिति के सदस्यों ने 'इंडिया इंटरनेशनल सेंटर' में आयोजित एक कार्यक्रम में शपथ ग्रहण की। इस दौरान पत्रकारिता की साख, स्वतंत्रता और जिम्मेदारी को फिर से मजबूत करने का संकल्प लिया गया
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Samachar4media Bureau
पिछले दिनों गठित ‘एडिटर्स क्लब ऑफ इंडिया’ (Editors Club Of India) की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की घोषणा कर दी गई है। समिति के सदस्यों ने दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में शपथ ग्रहण की। यह कार्यक्रम पत्रकारिता की साख, स्वतंत्रता और जिम्मेदारी को फिर से मजबूत करने के संकल्प का प्रतीक बना। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई।

इस मौके पर ‘एडिटर्स क्लब ऑफ इंडिया’ के प्रेजिडेंट अमिताभ अग्निहोत्री ने कहा, ‘आज पत्रकारिता राजनीतिक, तकनीकी और कारोबारी दबावों से गुजर रही है। ऐसे समय में एडिटर की भूमिका और जिम्मेदारी पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है। जब सूचना अनगिनत हो, भ्रम भी बढ़ता है। ऐसे समय में एडिटर सिर्फ खबर का नहीं, सत्य का संरक्षक होता है।’
इसके साथ ही उनका यह भी कहना था, ’यह संगठन एक मजबूत, निष्पक्ष और भरोसेमंद मंच बनेगा, जो एडिटर्स को तकनीकी, कानूनी और पेशेवर चुनौतियों में मदद देगा। हम किसी संस्था से लड़ने नहीं आए हैं, हम पत्रकारिता का भविष्य सुरक्षित करने आए हैं।’

शपथ ग्रहण के दौरान 32 सदस्यों को शामिल किया गया। 10 सदस्यीय नई कमेटी इस प्रकार हैं।
1-सीनियर वाइस प्रेजिडेंट – संजय गोस्वामी
2-जनरल सेक्रेटरी – डॉ. सुनील कौशिक
3-कोषाध्यक्ष – सतेन्द्र भाटी
4-संगठन सचिव – नरेश वशिष्ठ
5-वाइस प्रेजिडेंट– अरविंद सिंह
6-वाइस प्रेजिडेंट – आलोक कुमार द्विवेदी
7-ज्वाइंट सेक्रेटरी – पूनम मिश्रा
8-ज्वाइंट सेक्रेटरी – आशीष कुमार ध्यानी
9-एनआरआई/इंटरनेशनल कोऑर्डिनेटर – डॉ. चन्द्रसेन वर्मा
10-आईटी एवं डिजिटल हेड – संजय नारायण सिंह
इस मौके पर सीनियर वाइस प्रेजिडेंट संजय गोस्वामी ने कहा, ‘आज डिजिटल मीडिया, फेक न्यूज, राजनीतिक ध्रुवीकरण और विज्ञापन के दबावों ने एडिटर की भूमिका को मुश्किल बना दिया है। जानकारी ज्यादा है, लेकिन सत्य कम दिखाई देता है। इसलिए आज की परीक्षा सबसे कठिन है।’ उन्होंने एडिटर सेफ्टी, फेक न्यूज रोकथाम और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाने की घोषणा की।
वहीं, जनरल सेक्रेटरी डॉ. सुनील कौशिक ने कहा कि संगठन का लक्ष्य पूरे देश के एडिटर्स को एक मंच पर लाना और पत्रकारिता को सम्मान व स्वतंत्रता दिलाना है। उन्होंने कहा, ‘हम संघर्ष से पीछे नहीं हटते, लेकिन हमारी प्राथमिकता सिर्फ सत्य की रक्षा करना है।’
ज्वाइंट सेक्रेटरी पूनम मिश्रा ने कहा कि महिला पत्रकारों के लिए सुरक्षा, सम्मान और नेतृत्व के अवसर सुनिश्चित करना संगठन की प्राथमिकता है। एक सुरक्षित महिला ही सबसे मजबूत पत्रकार होती है।
कार्यक्रम के अंत में एडिटर्स क्लब ऑफ इंडिया ने 10 राष्ट्रीय प्राथमिकताएं-एडिटर सेफ्टी, प्रेस फ्रीडम, नैतिक पत्रकारिता, फेक न्यूज के खिलाफ अभियान, डिजिटल स्किल डेवलपमेंट, महिला पत्रकार सशक्तिकरण, युवा एडिटर ट्रेनिंग, कानूनी सहायता, राष्ट्रीय संवाद विस्तार और मीडिया-पब्लिक रिलेशन में पारदर्शिता तय कीं।
मीडिया में अपने अब तक के सफर में लगभग हर बड़ी खबर पर उनकी ग्राउंड रिपोर्टिंग ने मीडिया गलियारों में सुर्खियां बटोरी हैं। हाल ही में बिहार चुनाव की शानदार कवरेज को लेकर उनकी काफी सराहना हुई है।
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Samachar4media Bureau
शानदार एंकरिंग और दमदार ग्राउंड रिपोर्टिंग के दम पर मीडिया में अपनी अलग पहचान बनाने वालीं टीवी पत्रकार लवीना राज ने ‘नेटवर्क18’ (Network18) समूह को अलविदा बोल दिया है। वह इस समूह के हिंदी न्यूज चैनल ‘न्यूज18 इंडिया’ (News18 India) में बतौर एंकर करीब तीन साल से अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं। ‘नेटवर्क18’ से लवीना राज की विदाई पर टीम ने उन्हें शानदार फेयरवेल पार्टी दी। लवीना ने सोशल मीडिया पर फेयरवेल की तस्वीरें भी शेयर की हैं।
शुक्रिया @News18India हमेशा चमकते रहो ❤️
— Lavina (@RajLaveena) November 14, 2025
जल्द मिलते है एक नए सफ़र पर ? pic.twitter.com/d0j3SCViAP
समाचार4मीडिया से बातचीत में लवीना राज ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की है। अपनी नई पारी के बारे में लवीना राज का कहना था कि वह जल्द ही एक अन्य संस्थान में जॉइन करने जा रही हैं। हालांकि, अपनी नई पारी के बारे में उन्होंने अभी खुलासा नहीं किया है।
मूल रूप से जयपुर (राजस्थान) की रहने वाली लवीना को मीडिया में काम करने का करीब नौ साल का अनुभव है। मीडिया में अपने अब तक के सफर में लगभग हर बड़ी खबर पर उनकी ग्राउंड रिपोर्टिंग ने मीडिया गलियारों में सुर्खियां बटोरी हैं। हाल ही में बिहार चुनाव की शानदार कवरेज को लेकर उनकी काफी सराहना हुई है।
‘नेटवर्क18’ से पहले लवीना राज करीब तीन साल तक ‘जी समूह’ के साथ जुड़ी हुई थीं। यहां शुरू में इस समूह के रीजनल चैनल ‘जी’ (राजस्थान) में करीब डेढ़ साल बिताने के बाद करीब डेढ़ साल तक उन्होंने ‘जी हिन्दुस्तान’ (Zee Hindustan) में बतौर एंकर अपनी भूमिका निभाई थी। इस चैनल पर वह दो प्राइम टाइम शो शाम सात बजे ‘मेरा राज्य मेरा देश’ और रात दस बजे ‘अखंड भारत’ होस्ट करती थीं।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो ‘जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी’ (JNU) से जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएट लवीना ने मीडिया में अपने करियर की शुरुआत ‘न्यूज इंडिया’ (News India), जयपुर से की थी। इसके बाद यहां से वह ‘A1 TV’ और ‘जी समूह’ होती हुईं वह ‘नेटवर्क18’ पहुंची थीं, जहां से उन्होंने अब अपनी पारी को विराम दे दिया है।
समाचार4मीडिया की ओर से लवीना राज को उनकी नई पारी के लिए अग्रिम शुभकामनाएं।
केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर चल रहे एक वायरल संदेश को पूरी तरह गलत बताया है।
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Samachar4media Bureau
केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर चल रहे एक वायरल संदेश को पूरी तरह गलत बताया है। इस संदेश में दावा किया जा रहा था कि सरकार ने फाइनेंस एक्ट 2025 के तहत रिटायर कर्मचारियों को मिलने वाले फायदे, जैसे DA बढ़ोतरी और पे कमीशन संशोधन, वापस ले लिए हैं। लेकिन सरकार ने साफ कहा है कि यह दावा बिल्कुल फेक है।
प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने जानकारी दी है कि ऐसे किसी भी बदलाव की घोषणा सरकार ने नहीं की है। रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए DA, पे कमीशन या किसी भी पोस्ट-रिटायरमेंट बेनिफिट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
सरकार ने लोगों से अपील की है कि ऐसे अफवाहों पर भरोसा न करें, और किसी भी खबर को साझा करने से पहले उसे आधिकारिक स्रोतों से जरूर जांच लें।
? Will retired Govt employees stop getting DA hikes & Pay Commission benefits under the Finance Act 2025⁉️
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) November 13, 2025
A message circulating on #WhatsApp claims that the Central Government has withdrawn post-retirement benefits like DA hikes and Pay Commission revisions for retired… pic.twitter.com/E2mCRMPObO
वह यहां डायरेक्टर और को-फाउंडर के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे। समाचार4मीडिया से बातचीत में संकेत उपाध्याय ने 'द रेड माइक' से अलग होने की पुष्टि की है।
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Samachar4media Bureau
जाने-माने पत्रकार और सीनियर न्यूज एंकर संकेत उपाध्याय ने डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म 'द रेड माइक' (The Red Mike) की सभी जिम्मेदारियों से खुद को अलग कर लिया है। वह यहां डायरेक्टर और को-फाउंडर के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।
समाचार4मीडिया से बातचीत में संकेत उपाध्याय ने 'द रेड माइक' से अलग होने की पुष्टि की है। संकेत उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने यह फैसला निजी कारणों से लिया है। वह फिलहाल अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिताना चाहते हैं। संकेत उपाध्याय के अनुसार, ‘अभी तय तय नहीं है कि मैं आगे क्या करूंगा लेकिन पत्रकारिता मेरा प्यार है और रहेगी। देखते हैं जीवन किस दिशा में करवट लेता है।’ आपको यह भी बता दें कि पिछले महीने ही संकेत उपाध्याय की माताजी का देहावसान हुआ था।
संकेत उपाध्याय ने ‘एऩडीटीवी’ (NDTV) में अपनी पारी को विराम देने के बाद करीब दो साल पहले पत्रकार वरिष्ठ पत्रकार सुनील सैनी और सौरभ शुक्ला के साथ 'द रेड माइक' की शुरुआत की थी।
संकेत उपाध्याय के करियर की बात करें तो उन्होंने अक्टूबर 2023 में ‘एनडीटीवी’ को अलविदा कहा था। उस समय वह करीब साढ़े चार साल से इस संस्थान में कंसल्टिंग एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
उस दौरान उन्होंने 2019 में दूसरी बार ‘एनडीटीवी’ के साथ अपनी पारी शुरू की थी। वह एनडीटीवी 24X7 और एनडीटीवी इंडिया दोनों ही चैनलों पर नजर आते थे। वह NDTV इंडिया के रात नौ बजे के प्राइम टाइम शो 'खबरों की खबर' का चेहरा थे। इसके अलावा संकेत हिंदी न्यूज जगत का सबसे पुराना डिबेट शो 'मुक़ाबला' और अंग्रेजी में देश का सबसे पुराना डिबेट शो 'The Big Fight' होस्ट करते थे।
संकेत उपाध्याय ने प्रिंट पत्रकार के तौर पर वर्ष 2002 में 'इंडो एशियन न्यूज सर्विस' (IANS) से अपने कॅरियर की शुरुआत की थी। इसके बाद वह जयपुर चले गए और ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ अखबार जॉइन कर लिया। वे वहां सिटी रिपोर्टर के तौर पर करीब दो साल तक कार्यरत रहे।
वर्ष 2005 में उन्होंने 'एनडीटीवी' के साथ टीवी की दुनिया में कदम रखा। यहां उन्होंने सिटी डेस्क से शुरुआत की और बाद में उन्हें एनडीटीवी के अंग्रेजी चैनल 'NDTV 24×7' का लखनऊ ब्यूरो हेड बना दिया गया। जिस समय संकेत को यह बड़ी जिम्मेदारी दी गई, उस समय उनकी उम्र महज 23 साल थी।
वर्ष 2008 में संकेत ने दिल्ली का रुख किया और यहां अंग्रेजी चैनल 'टाइम्स नाउ' के साथ करीब साढ़े पांच साल तक काम किया। यहां उन्होंने प्रिंसिपल करेसपॉन्डेंट के तौर पर जॉइन किया था और वर्ष 2014 में जब इस्तीफा दिया था, तब वह यहां डिप्टी न्यूज एडिटर के तौर पर काम कर रहे थे। अपनी इस पारी के दौरान संकेत ने लगभग सभी बड़ी घटनाओं, जिनमें बाढ़ की त्रासदी से लेकर चुनाव और दंगों सभी को कवर किया। सात बजे अपने शो की एंकरिंग के अलावा वह उस समय चैनल के एडिटर-इन-चीफ अरनब गोस्वामी की गैरमौजूदगी में कई बार 'NewsHour' शो को भी होस्ट करते थे।
वर्ष 2014 में संकेत ने आउटपुट इंचार्ज के तौर पर 'इंडिया टुडे' ग्रुप जॉइन कर लिया था। यहां उन्होंने एक रिपोर्टर और एंकर दोनों की भूमिका निभाई। यहां अन्य महत्वपूर्ण काम करने के साथ ही उन्होंने 'First Up' शो को भी होस्ट किया था।
इसके बाद संकेत उपाध्याय ने वर्ष 2016 में 'CNN News 18' में बतौर डिप्टी एग्जिक्यूटिव एडिटर के तौर पर अपनी पारी शुरू की। यहां चैनल के दिन के सभी ऑपरेशंस में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती थी। इसके अलावा वह यहां शाम का प्राइम टाइम शो भी होस्ट करते थे। इसके बाद ‘इंडिया अहेड’ होते हुए उन्होंने फिर ‘एनडीटीवी’ के साथ अपनी दूसरी पारी शुरू की थी, जहां से करीब दो साल पहले इस्तीफा देकर उन्होंने बतौर को-फाउंडर अपना डिजिटल मीडिया वेंचर ‘द रेड माइक’ शुरू किया था, जहां से अब उन्होंने खुद को अलग कर लिया है।
JioStar (पहले Star India) और Zee Entertainment Enterprises Ltd. (ZEEL) के बीच अरबों रुपये के ICC टीवी राइट्स विवाद का अगला बड़ा मुकदमा इस महीने लंदन कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन में होने जा रहा है।
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Samachar4media Bureau
अदिति गुप्ता, असिसटेंट एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की JioStar (पहले Star India) और Zee Entertainment Enterprises Ltd. (ZEEL) के बीच अरबों रुपये के ICC टीवी राइट्स विवाद का अगला बड़ा मुकदमा इस महीने लंदन कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन (LCIA) में होने जा रहा है। इस मामले को भारत की मीडिया, कानूनी और स्पोर्ट्स राइट्स इंडस्ट्री की नजरें बड़ी बारीकी से देख रही हैं। यह इंडस्ट्री का एक सबसे हाई-स्टेक्स विवाद माना जा रहा है क्योंकि ICC के राइट्स IPL के बाद क्रिकेट की सबसे कीमती संपत्ति हैं।
इस मामले के नतीजे से यह तय होगा कि ICC राइट्स सबलाइसेंसिंग डील के फेल होने की जिम्मेदारी किसकी है। इसके साथ ही यह भविष्य में स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्टिंग कॉन्ट्रैक्ट्स में पेमेंट सुरक्षा, प्रदर्शन की शर्तें और जोखिम बांटने के तरीके को भी प्रभावित करेगा।
यह विवाद अगस्त 2022 से चल रहा है, जब Star India (अब JioStar) ने Zee के साथ 2024-2027 के लिए ICC मेन्स और अंडर-19 इवेंट्स के टीवी ब्रॉडकास्ट राइट्स सबलाइसेंस करने का समझौता किया था, जबकि डिजिटल राइट्स अपने पास रखी थीं।
JioStar ने ICC राइट्स लगभग 3 बिलियन डॉलर में हासिल किए थे। JioStar के लिए इस डील के फेल होने का मतलब था कि उसे ICC इवेंट्स के ब्रॉडकास्ट और डिजिटल मनीटाइजेशन स्ट्रेटेजी को दोबारा तैयार करना पड़ा। वहीं Zee, जो Sony के साथ अपनी मर्जर डील फेल होने के बाद पहले ही वित्तीय संकट और अनिश्चितता से जूझ रही थी, के लिए यह विवाद लंबी अवधि के कैपिटल एलोकेशन पर असर डाल सकता है।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह आर्बिट्रेशन भविष्य में स्पोर्ट्स राइट्स एग्रीमेंट्स के लिए एक गाइड का काम कर सकता है, जिससे पेमेंट ट्रिगर्स और प्रदर्शन की शर्तें स्पष्ट रूप से तय हों। PSL Advocates की पार्टनर सुविज्ञा अवस्थी ने कहा कि इस केस का नतीजा यह बताएगा कि भुगतान की टाइमलाइन को रेगुलेटरी या थर्ड-पार्टी अप्रूवल जैसी शर्तों से जोड़ा जाना कितना महत्वपूर्ण है।
Singhania and Co. के मैनेजिंग पार्टनर रोहति जैन ने कहा कि यह विवाद पार्टियों को अपने कॉन्ट्रैक्ट्स को फिर से देखने के लिए मजबूर कर सकता है। भविष्य में कॉर्पोरेट गारंटी के बजाय एस्क्रो अकाउंट्स के जरिए पेमेंट सुरक्षित करने के प्रावधान रखे जा सकते हैं। भविष्य के सौदे में, वह कह रहे हैं, 'पेमेंट को बायर्स की वित्तीय स्थिति या लंबित मर्जर से जोड़ने वाले क्लॉज होंगे। लाइसेंसर्स भी मटेरियल ब्रेच और कंडीशन्स प्रीसिडेंट को अधिक स्पष्ट रूप से परिभाषित करेंगे ताकि किसी भी लूपहोल को रोका जा सके।'
इस महीने होने वाली सुनवाई में कॉन्ट्रैक्चुअल टाइमलाइन, गवाहों की गवाही, वित्तीय रिकॉर्ड और पत्राचार का विस्तृत परीक्षण होगा। दोनों पक्ष तथ्य गवाह, विशेषज्ञ मूल्यांकन और दस्तावेज पेश करेंगे ताकि नुकसान का कारण और माप तय किया जा सके।
वकील बी. श्रवंथ शंकर के अनुसार, LCIA ट्रिब्यूनल यह निर्धारित करेगा कि Zee ने USD 203.56 मिलियन एडवांस और बैंक गारंटी पूरी की या नहीं, या Star ने ICC अप्रूवल जैसी कंडीशन्स पूरी कीं या नहीं। सुनवाई में गवाहों की तीव्र क्रॉस-एक्सामिनेशन, वित्तीय नुकसान और ब्रॉडकास्टिंग वैल्यूएशन पर विशेषज्ञ गवाही, पत्राचार और पेमेंट रिकॉर्ड की समीक्षा होगी, और सुनवाई एक से दो हफ्ते तक चल सकती है।
बी. शंकर के अनुसार, यह विवाद भविष्य के कॉन्ट्रैक्ट्स में बैंक गारंटी, लेटर्स ऑफ क्रेडिट और एस्क्रो व्यवस्था जैसी सुरक्षा शर्तों को अनिवार्य बना सकता है। भविष्य के समझौतों में स्पष्ट रूप से तय समयसीमा, रेगुलेटरी अप्रूवल, डिफॉल्ट पर स्टेप-इन राइट्स और फोर्स मैज्योर क्लॉज शामिल होंगे। जोखिम का बंटवारा छोटे खिलाड़ियों के लिए कम अवधि और अधिक एकत्रित ब्रॉडकास्टर्स के साथ होगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह विवाद प्रीमियम स्पोर्ट्स संपत्तियों के लिए जटिल सबलाइसेंसिंग स्ट्रक्चर को हतोत्साहित कर सकता है। ब्रॉडकास्टर्स टीवी और डिजिटल राइट्स दोनों अपने पास रखने को प्राथमिकता देंगे बजाय उन्हें कम वित्तीय क्षमता वाले खिलाड़ियों के बीच बांटने के। Rohit Jain ने कहा कि अरबों रुपये के स्पोर्ट्स राइट्स डील्स में अब अधिक सख्त वित्तीय सुरक्षा की जरूरत होगी।
Suhael Buttan, SKV Law Offices के पार्टनर, के अनुसार सुनवाई खत्म होने के बाद तुरंत फैसला होना असंभव है। LCIA के जटिल मामलों में आमतौर पर सुनवाई के कई महीने बाद ही पुरस्कार आता है। अनुमान है कि यह ICC राइट्स विवाद शुरू से अंत तक लगभग दो साल तक खिंच सकता है। हारने वाला पक्ष अंग्रेजी कोर्ट में चुनौती दे सकता है, और भारत में एन्फोर्समेंट में 12-24 महीने लग सकते हैं। कुल मिलाकर नवंबर 2025 की सुनवाई से अंतिम एन्फोर्समेंट 30-48 महीने तक फैल सकता है, यानी मामला 2027 या 2029 तक लंबित रह सकता है।
समझौते के तहत Zee को USD 203.56 मिलियन की पहली किश्त और बैंक गारंटी प्रस्तुत करनी थी। Star का आरोप है कि Zee ने ये जिम्मेदारियां पूरी नहीं कीं, जिससे Star को USD 1.003 बिलियन का नुकसान हुआ। Zee इसे खारिज करती है और कहती है कि Star ने ICC अप्रूवल और जरूरी दस्तावेज पूरे नहीं किए। Zee ने बैंक गारंटी कमीशन और ब्याज के लिए USD 8.06 मिलियन का काउंटरक्लेम दायर किया।
यह आर्बिट्रेशन की प्रक्रिया मार्च 2024 में शुरू हुई और दिसंबर 2024 तक दस्तावेजी कार्रवाई चलती रही।
भारतीय फिल्म प्रॉडक्शन व डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी इरोज इंटरनेशनल मीडिया लिमिटेड (Eros International Media Limited) ने अपने नाम में बदलाव को लेकर बड़ा फैसला लिया है।
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Vikas Saxena
भारतीय फिल्म प्रॉडक्शन व डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी इरोज इंटरनेशनल मीडिया लिमिटेड (Eros International Media Limited) ने अपने नाम में बदलाव को लेकर बड़ा फैसला लिया है। कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 13 नवंबर 2025 को हुई बैठक में कंपनी का नाम बदलकर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कंपनी का नाम 'Eros International Media Limited' से बदलकर 'Eros Media Technologies Limited' किया जाएगा।
हालांकि यह बदलाव तभी लागू होगा जब शेयरधारक और संबंधित नियामक प्राधिकरण (Regulatory Authorities) इसकी अंतिम स्वीकृति देंगे।
कंपनी जल्द ही शेयरधारकों से औपचारिक मंजूरी लेने के लिए पोस्टल बैलट शुरू करेगी। इसके लिए बोर्ड ने ड्राफ्ट नोटिस, ई-वोटिंग की रिकॉर्ड डेट और स्क्रूटिनाइजर की नियुक्ति को भी मंजूरी दे दी है।
टीवी विजन लिमिटेड के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) संतोष थोटम ने अपने पद से निजी कारणों के चलते इस्तीफा दे दिया है।
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Vikas Saxena
टीवी विजन लिमिटेड (TV Vision Limited) के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) संतोष थोटम ने अपने पद से निजी कारणों के चलते इस्तीफा दे दिया है। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की स्वीकृति के बाद उनका इस्तीफा 10 नवंबर 2025 से प्रभावी हो गया है।
संतोष थोटम ने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा है कि वे 10 नवंबर 2025 के व्यावसायिक घंटों के बाद पद छोड़ रहे हैं। उन्होंने बोर्ड से अनुरोध किया है कि उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए संबंधित नियामक संस्थाओं को इसकी जानकारी दे दी जाए।
अपने पत्र में संतोष थोटम ने बोर्ड के सहयोग और समर्थन के लिए आभार भी जताया है। उन्होंने कहा कि कंपनी में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें जो सहयोग मिला, उसके लिए वे दिल से धन्यवाद देते हैं।
संतोष थोटम एक योग्य एकाउंटेंट हैं और उन्हें Finance d Accounts के क्षेत्र में 20 साल से भी ज्यादा का अनुभव है।
बता दें कि टीवी विजन लिमिटेड, श्री अधिकारी ब्रदर्स ग्रुप की एक स्वतंत्र सूचीबद्ध कंपनी है। इसकी स्थापना 30 जुलाई 2007 को टी.वी. विजन प्राइवेट लिमिटेड के रूप में हुई थी और बाद में 23 जून 2011 को इसे पब्लिक लिमिटेड कंपनी में बदला गया।
कंपनी ब्रॉडकास्टिंग बिजनेस में सक्रिय है और इसके पास कई लोकप्रिय टीवी चैनल हैं जिनमें ‘मस्ती’ (म्यूजिक और यूथ चैनल), ‘माइबोली’ (मराठी म्यूजिक चैनल), ‘दबंग’ (भोजपुरी चैनल) और ‘धमाल’ शामिल हैं।
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में बुधवार को एक तनावपूर्ण पल देखने को मिला जब कुछ पत्रकारों ने समय रहते एक ट्रांसजेंडर महिला को पुल से कूदने से रोक लिया।
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Samachar4media Bureau
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में बुधवार को एक तनावपूर्ण पल देखने को मिला जब कुछ पत्रकारों ने समय रहते एक ट्रांसजेंडर महिला को पुल से कूदने से रोक लिया। यह घटना उस वक्त हुई जब ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग मुफ्त आवास व जमीन के पट्टे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।
जानकारी के मुताबिक, ट्रांसजेंडर लोगों का एक समूह तिरुनेलवेली जिला कलेक्टर ऑफिस के बाहर इकट्ठा हुआ था। वे तिरुनेलवेली-तिरुवनंतपुरम हाईवे पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे थे जिससे सड़क पर ट्रैफिक रुक गया।
प्रदर्शनकारी हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर नारेबाजी कर रहे थे। उनका आरोप था कि उन्होंने कई बार आवेदन दिए हैं, यहां तक कि मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के विशेष शिकायत निवारण शिविर में भी अपनी बात रखी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इसी दौरान अचानक एक ट्रांसजेंडर महिला थामिराबरनी नदी के पुल की ओर दौड़ी और कूदने की कोशिश करने लगी। वहां मौजूद पत्रकार तुरंत उसके पीछे दौड़े और उसे पकड़कर नीचे गिरने से बचा लिया। पत्रकारों की इस सूझबूझ से एक बड़ी अनहोनी टल गई।
घटना के बाद मौके पर मौजूद अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बात करने की कोशिश की। इसी बीच जब जिला कलेक्टर का काफिला दफ्तर से निकल रहा था तो प्रदर्शनकारियों ने उनका रास्ता रोक लिया।
कलेक्टर को वाहन से उतरकर प्रदर्शनकारियों से आमने-सामने बात करनी पड़ी। उन्होंने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर के आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारी शांत हो गए और प्रदर्शन खत्म कर दिया।
मीडिया और एंटरटेनमेंट सेक्टर की प्रमुख कंपनी समभाव मीडिया लिमिटेड ने सितंबर 2025 में खत्म हुई दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। कंपनी का प्रदर्शन इस बार मिला-जुला रहा।
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Vikas Saxena
मीडिया और एंटरटेनमेंट सेक्टर की प्रमुख कंपनी समभाव मीडिया लिमिटेड ने सितंबर 2025 में खत्म हुई दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। कंपनी का प्रदर्शन इस बार मिला-जुला रहा। साथ ही, बोर्ड ने कुछ अहम प्रबंधन फैसले और नई रणनीतिक योजनाओं का भी ऐलान किया है।
कंपनी का तिमाही मुनाफा इस बार काफी घट गया है। सितंबर 2025 की तिमाही में समभाव मीडिया ने ₹0.70 लाख का स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह आंकड़ा ₹26.20 लाख था। यानी मुनाफे में करीब 97% की गिरावट आई है।
कंपनी की ऑपरेशन्स से आय भी घटकर ₹900.45 लाख रह गई, जो पिछले साल की समान अवधि में ₹965.78 लाख थी, यानी करीब 6.8% की कमी। छमाही आधार पर कंपनी का मुनाफा ₹25.87 लाख रहा, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह ₹103.63 लाख था।
कंपनी के निदेशक मंडल ने मनोज बी. वडोदरिया को अगले तीन सालों के लिए फिर से मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त करने की मंजूरी दी है। उनकी नई अवधि 28 जनवरी 2026 से शुरू होगी। वडोदरिया एक स्व-निर्मित बिजनेसमैन हैं, जो वित्तीय समझ और अनुभव के लिए जाने जाते हैं। उनके नेतृत्व में कंपनी ने कई चुनौतियों के बावजूद विस्तार की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।
समभाव मीडिया ने घोषणा की है कि वह गुजरात न्यूज ब्रॉडकास्टर्स प्राइवेट लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाएगी। कंपनी अब अपने मौजूदा प्रेफरेंस शेयर्स और कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (CCDs) को इक्विटी शेयरों में बदलने की योजना बना रही है। इस प्रक्रिया के बाद समभाव मीडिया की हिस्सेदारी बढ़कर 36.85% हो जाएगी, जिससे यह कंपनी समभाव मीडिया की एसोसिएट कंपनी बन जाएगी।
कंपनी को उम्मीद है कि यह रणनीतिक कदम उसके टेलीविजन और न्यूज ब्रॉडकास्टिंग सेगमेंट में मौजूदगी को और मजबूत करेगा।
कंपनी के खिलाफ 2021-22 और 2022-23 के लिए आयकर विभाग की जांच प्रक्रिया जारी है। हालांकि प्रबंधन का मानना है कि इन मामलों का कंपनी की वित्तीय स्थिति पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन अंतिम नतीजा अभी बाकी है।
हालांकि तिमाही नतीजों में गिरावट दिखी है, लेकिन समभाव मीडिया की रणनीतिक योजनाएं, जैसे प्रबंधन में स्थिरता और नई अधिग्रहण प्रक्रिया यह दर्शाती हैं कि कंपनी लंबी अवधि के विकास और बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने पर ध्यान दे रही है।
अब निवेशक और इंडस्ट्री जगत की नजरें इस पर टिकी हैं कि आने वाले क्वार्टर में ये कदम कंपनी के प्रदर्शन को किस तरह प्रभावित करते हैं, खासकर तब जब मीडिया के इस्तेमाल करने के तरीकों और प्रसारण क्षेत्र में तेजी से बदलाव आ रहे हैं।
गौरतलब है कि मनोज वडोदरिया एक दूरदर्शी मीडिया उद्यमी और अपने दम पर सफलता हासिल करने वाले बिजनेसमैन हैं। उन्होंने बहुत कम उम्र में व्यापार की दुनिया में कदम रखा था और शुरुआती दौर में कई मुश्किल परिस्थितियों का सामना किया। इन चुनौतियों ने उन्हें एक परिपक्व, समझदार और ऊर्जावान इंसान बना दिया। व्यावहारिक अनुभव के चलते उन्होंने मीडिया और वित्त दोनों क्षेत्रों में गहरी समझ विकसित की और एक कुशल बिजनेस लीडर के रूप में पहचान बनाई।
वह एक प्रसिद्ध साहित्यकार स्वर्गीय भूपतभाई वडोदरिया के बेटे हैं। उन्होंने अहमदाबाद स्थित समभाव ग्रुप ऑफ कंपनीज की स्थापना की और इसके मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। शुरू में यह ग्रुप सिर्फ अखबार और पत्रिकाओं के प्रकाशन का काम करता था, लेकिन वडोदरिया के नेतृत्व में इसे टीवी न्यूज चैनल, एफएम रेडियो स्टेशन और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में चलने वाले एंटरटेनमेंट सिस्टम जैसे कई नए क्षेत्रों में विस्तार मिला। आज समभाव ग्रुप को पश्चिम भारत के सबसे विविध मीडिया समूहों में गिना जाता है।
उनके नेतृत्व में समभाव मीडिया साल 1995 में पब्लिक कंपनी बनी और बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) दोनों शेयर बाजारों में लिस्ट हुई। मनोज वडोदरिया की साहित्यिक पृष्ठभूमि और मीडिया की गहरी समझ ने कंपनी को लगातार आगे बढ़ने की दिशा दी है। वे मीडिया मैनेजमेंट में माहिर हैं और टीम बनाने, संकट से निपटने और कठिन परिस्थितियों में सही निर्णय लेने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं।
उनकी अगुवाई में समभाव ग्रुप ने पत्रकारिता में निष्पक्षता, जिम्मेदारी और विश्वसनीयता को हमेशा प्राथमिकता दी है। यही वजह है कि वीटीवी गुजराती चैनल आज एक भरोसेमंद न्यूज प्लेटफॉर्म के रूप में जाना जाता है।
एक सफल कारोबारी होने के साथ-साथ मनोज वडोदरिया सामाजिक और परोपकारी गतिविधियों में भी सक्रिय रहते हैं।
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने गोवा में होने वाले इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) के लिए मीडिया की बेहतर सुविधा के मकसद से कई नई पहलें शुरू करने का ऐलान किया है।
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Samachar4media Bureau
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने गोवा में होने वाले इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) के लिए मीडिया सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से कई नई पहलें शुरू करने की घोषणा की है।
PIB के प्रिंसिपल डायरेक्टर जनरल धीरेंद्र ओझा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पिछले साल के फिल्म फेस्टिवल में 700 से ज्यादा पत्रकारों को मान्यता दी गई थी, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। उस दौरान 50 से अधिक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थीं, जिनमें फिल्ममेकर, जूरी मेंबर और स्टार्स शामिल हुए थे।
उन्होंने कहा कि इस बार भी PIB की ओर से 18 भाषाओं में मल्टीलिंगुअल प्रेस रिलीज जारी की जाएंगी, जिनमें कोंकणी भाषा भी शामिल है। इसके अलावा, प्रेस कॉन्फ्रेंस की लाइव कवरेज यूट्यूब पर उपलब्ध होगी और पत्रकारों को एचडी फोटो कैप्शन भी मिलेंगे।
फेस्टिवल के दौरान “IFFIwood” नाम का खास स्टूडियो फिर से तैयार किया जाएगा, जहां पत्रकारों को फिल्म से जुड़े कलाकारों और मेकर्स के साथ एक-से-एक इंटरव्यू करने का मौका मिलेगा। वहीं, मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए फिल्म अप्रीसिएशन कोर्स की शुरुआत 18 नवंबर से की जाएगी।
PIB का माइक्रोसाइट भी पत्रकारों के लिए एक सिंगल हब की तरह काम करेगा, जहां प्रेस रिलीज, फोटोज़ और लाइव इवेंट्स के लिंक एक ही जगह पर मिल सकेंगे।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि उद्घाटन समारोह के प्रारूप को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया जारी है और प्रसारण सामग्री से जुड़ी कॉपीराइट गाइडलाइन्स को पहले से स्पष्ट रूप से साझा किया जाएगा।