ये सभी नियुक्तियां पिछले दो माह के भीतर हुई हैं। बता दें कि 'बीबीसी' के चार सीनियर एंप्लॉयीज ने इसी साल अप्रैल में नई और इंडिपेंडेंट कंपनी 'कलेक्टिव न्यूजरूम' (Collective Newsroom) लॉन्च की है।
भारत में ‘ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कंपनी’ यानी कि 'बीबीसी' (BBC) के चार सीनियर एंप्लॉयीज द्वारा इसी साल अप्रैल में लॉन्च की गई नई और इंडिपेंडेंट कंपनी 'कलेक्टिव न्यूजरूम' (Collective Newsroom) ने बीबीसी वर्ल्ड सर्विस की शीर्ष सर्विस ‘बीबीसी हिन्दी’ (BBC Hindi) के लिए 12 पत्रकारों को ब्रॉडकास्ट जर्नलिस्ट के तौर पर नियुक्त किया है।
ये सभी नियुक्तियां पिछले दो माह के भीतर हुई हैं। नियुक्त किए गए ये सभी 12 नए पत्रकार 'बीबीसी हिन्दी' के एडिटर नितिन श्रीवास्तव को रिपोर्ट कर रहे हैं और ऑनलाइन न्यूज 'बीबीसी हिन्दी' के लोकप्रिय टेलीविज़न कार्यक्रम ‘दुनिया’, यूट्यूब चैनल और ‘दिन भर’ पॉडकास्ट की टीमों का हिस्सा बन चुके हैं।
इन नई भर्तियों में यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश में बीबीसी ब्यूरो के लिए रिपोर्टर्स की नियुक्तियां भी शामिल हैं। ज्ञात रहे कि इन सभी जगहों पर पिछले एक वर्ष से कोई भी स्थायी रिपोर्टर नहीं था।
बता दें कि बीबीसी वर्ल्ड सर्विस की भारतीय भाषाओं के एडिटर अभिजीत कांबले (बीबीसी मराठी), दीपक चूड़ास्मा (बीबीसी गुजराती), ख़ुशबू संधु (बीबीसी पंजाबी), नितिन श्रीवास्तव (बीबीसी हिन्दी), जीएसके राममोहन (बीबीसी तेलुगू) एवं थांगावेल अपची (बीबीसी तमिल) 'कलेक्टिव न्यूजरूम' की सीईओ रूपा झा, डिप्टी सीईओ और डायरेक्टर ऑफ जर्नलिज्म मुकेश शर्मा और आउटपुट एडिटर शशांक चौहान को रिपोर्ट करते हैं।
पिछले दो महीने के भीतर जिन 12 नए पत्रकारों को नियुक्त किया गया है। उनके नाम इस प्रकार हैं।
1. संदीप राय: करीब पंद्रह वर्षों से मीडिया और बीबीसी हिंदी सेवा में बतौर फ्रीलांसर काम करने का तजुर्बा है।
2. सैयद इमाम रिज़वी: उत्तर प्रदेश रिपोर्टर जो कई न्यूज चैनलों, पीटीआई और आईएएनएस में करीब 17 वर्ष काम कर चुके हैं।
3. सीटू तिवारी: बिहार रिपोर्टर का पदभार संभालने वाली सीटू तिवारी ‘दूरदर्शन’ समेत कई संस्थानों से जुड़ी रही हैं। वह बीबीसी हिंदी के लिए बिहार से रिपोर्ट करती रही हैं।
4. विष्णुकांत तिवारी: रामनाथ गोएंका पुरस्कार विजेता विष्णु भोपाल ब्यूरो का चार्ज संभाल चुके हैं।
5. हिमांशु दुबे: इन्होंने न्यूज़ प्रड्यूसर के तौर पर जॉइन किया है और इससे पहले ‘आजतक डिजिटल’, ‘दैनिक भास्कर डिजिटल’ और कई जगहों पर पत्रकारिता कर चुके हैं>
6. शिल्पा ठाकुर: बीबीसी में आने से पहले ‘आजतक डिजिटल’ में काम कर चुकी हैं।
7. सौरभ कुमार यादव: इससे पहले ‘इनशॉर्ट्स’ और ‘ईटीवी भारत’ में काम कर चुके हैं।
8. मुकुंद कुमार झा: असिस्टेंट प्रड्यूसर के तौर पर बीबीसी में भर्ती होने से पहले मुकुंद ‘जी न्यूज’, ‘टाइम्स नेटवर्क’ और ‘द क्विंट’ की डिजिटल टीमों में काम कर चुके हैं।
9. अदिति शर्मा: पेशेवर इंजीनियर अदिति ने एक आईटी कंपनी छोड़ पीटीआई न्यूज़ से पत्रकारिता शुरू की और अब असिस्टेंट प्रड्यूसर हैं।
10. अरशद मिसल: ‘बीबीसी हिंदी’ की टीवी टीम में शामिल होने के पहले वह ‘दैनिक भास्कर ऑनलाइन’ में कार्यरत थे।
11. अभिषेक कुमार: ‘बीबीसी’ में आने के पहले ‘मनीकंट्रोल’ और ‘टीवी टुडे’ में काम कर रहे थे।
12. तारीक़ खान: लखनऊ में कैमरामैन के पद पर जिम्मेदारी संभाली है।
सूत्रों के मुताबिक, कालरा को मीडिया टेक कंपनी के बोर्ड में बने रहने के लिए मना लिया गया है।
राजेश कालरा ने ‘Asianxt Digital Technologies’ (पूर्ववर्ती नाम ‘एशियानेट न्यूज मीडिया एंड एंटरटेनमेंट’) के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों का कहना है कि उन्हें कंपनी के बोर्ड में बने रहने के लिए मना लिया गया है, जिसमें वे वर्ष 2020 में एग्जिक्यूटिव चेयरमैन के रूप में नियुक्ति के साथ शामिल हुए थे।
इस बारे में हमारी सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (exchange4media) ने राजेश कालरा से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन खबर प्रकाशित होने तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी थी।
मीडिया के क्षेत्र में जाना-माना नाम राजेश कालरा इससे पहले ‘टाइम्स इंटरनेट’ में चीफ एडिटर के रूप में काम कर चुके हैं, जहां उन्होंने समूह के प्रमुख न्यूज और एंटरटेनमेंट प्लेटफॉर्म्स को लॉन्च करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनमें TOI, ET, मुंबई मिरर, बैंगलोर मिरर, अहमदाबाद मिरर, पुणे मिरर, नवभारत टाइम्स, महाराष्ट्र टाइम्स, इंडियाटाइम्स, Ei Samay, I am Gujarat, विजय कर्नाटक और समयम (तेलुगु, तमिल, मलयालम) शामिल हैं।
वर्ष 2000 से 2006 के बीच वह एक एंटरप्रिन्योर भी रह चुके हैं, जब उनकी कंपनी ने Yahoo India, MSN India और Mantra Online जैसी वेबसाइट्स के डायनामिक हिस्सों को मैनेज किया। इसी दौरान उन्होंने भारत की पहली 24x7 न्यूज वेबसाइट NaradOnline की भी शुरुआत की।
बता दें कि ‘Asianxt Digital Technologies’ ने हाल ही में अपने डिजिटल-फर्स्ट और टेक-ड्रिवन दृष्टिकोण को दर्शाने के लिए रीब्रैंडिंग किया है। यह कंपनी Asianetnews.com और IndigoMusic.com जैसे मल्टी-लिंगुअल डिजिटल ब्रैंड्स का संचालन करती है। इसके अलावा, यह Asianet News Network का भी स्वामित्व रखती है, जिसमें Asianet News (मलयालम), Asianet Suvarna News (कन्नड़) और कन्नड़ प्रभा दैनिक जैसे प्रमुख समाचार ब्रैंड शामिल हैं।
पंकज राय इससे पहले ‘जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड’ में ‘विऑन’ और ‘जी बिजनेस’ के बिजनेस हेड पद पर कार्यरत थे, जहां से उन्होंने कुछ समय पूर्व इस्तीफा दे दिया था
‘जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (ZMCL) में ‘विऑन’ (WION) और ‘जी बिजनेस’ (Zee Business) के बिजनेस हेड पद से इस्तीफा देने के बाद पंकज राय ने अपनी नई पारी AI-संचालित डिजिटल एक्सपीरियंस प्लेटफॉर्म ‘Publive’ से शुरू की है। यहां उन्हें चीफ बिजनेस ऑफिसर (CBO) के रूप में नियुक्त किया गया है।
बता दें कि पंकज राय को मीडिया सेल्स और डिजिटल स्ट्रैटेजी का करीब दो दशक का अनुभव है। ‘Publive’ में अपनी इस भूमिका में वह ब्रैंड सेल्स को लीड करेंगे और ब्रैंड्स के कंटेंट-आधारित विकास में मदद करेंगे। उनके अनुभव और रणनीतिक दृष्टिकोण से ‘Publive’ के बाजार विस्तार और साझेदारियों को मज़बूती मिलेगी।
इस नियुक्ति के बारे में ‘Publive’ के फाउंडर और सीईओ मानवदीप सिंह ने कहा, ‘हम पंकज को अपनी टीम में शामिल करके बेहद उत्साहित हैं। उनके अनुभव और रणनीतिक सोच से हमारी विकास यात्रा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।’
वहीं, पंकज राय का कहना है, ‘Publive डिजिटल पब्लिशिंग को AI-ड्रिवन इनोवेशन के जरिए नए स्तर पर ले जा रहा है। इस ऊर्जावान टीम का हिस्सा बनकर मैं उत्साहित हूं और ब्रैंड्स को कंटेंट-आधारित ग्रोथ में सहयोग करने के लिए पूरी तरह तैयार हूं।’
बता दें कि 'जी मीडिया' से पहले पंकज राय दो साल से अधिक समय तक 'द क्यू नेटवर्क' (The Qyou Network ) (ब्रॉडकास्ट, गेमिंग व सीटीवी) में ब्रांच हेड और 'द क्यू एंड गेमिंग सॉल्यूशंस' (The Q and Gaming Solutions) में नेशनल हेड के तौर पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने 'मिड-डे' (Mid-day) और 'पीपल इंटरएक्टिव' (People Interactive) जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों के साथ भी काम किया है।
Eros International Media Limited के नॉन-एग्जिक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर (स्वतंत्र निदेशक) अरुण पवार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है
Eros International Media Limited के नॉन-एग्जिक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर (स्वतंत्र निदेशक) अरुण पवार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 11 फरवरी 2025 को अपना त्यागपत्र सौंपा, जिसे कंपनी द्वारा स्वीकार कर लिया गया है।
अरुण पवार ने अपने त्यागपत्र में लिखा कि वह कुछ व्यक्तिगत कारणों से स्वतंत्र निदेशक पद पर कार्य जारी नहीं रख सकते। उन्होंने बोर्ड के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अपने इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से स्वीकार करने का अनुरोध किया।
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को यह जानकारी दी है। हालांकि इसके अनुसार, उनके इस्तीफे के पीछे कोई अन्य महत्वपूर्ण कारण नहीं बताया गया है।
गौरतलब है कि अरुण पवार को 5 दिसंबर 2024 से स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था, लेकिन अब उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए इस पद से इस्तीफा दे दिया है।
जी मीडिया (Zee Media) ने अपनी सीनियर मैनेजमेंट टीम में दो नई नियुक्तियां की हैं।
जी मीडिया (Zee Media) ने अपनी सीनियर मैनेजमेंट टीम में दो नई नियुक्तियां की हैं। हर्ष मित्तल और संदीप जिंदल को सीनियर मैनेजमेंट पर्सनल की कैटेगरी में शामिल किया गया है।
हर्ष मित्तल, जो कि वर्तमान में फाइनेंस और अकाउंट्स के सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं, उन्हें अब सीनियर मैनेजमेंट पर्सनल की कैटेगरी में नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति रिपोर्टिंग में बदलाव के चलते की गई है। उनकी नियुक्ति 11 फरवरी 2025 से प्रभावी है। हर्ष मित्तल एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और उनके पास आठ वर्षों का प्रोफेशनल अनुभव है। उन्होंने सीसीएस यूनिवर्सिटी से स्नातक किया है।
इसके अलावा, संदीप जिंदल, जो वर्तमान में कॉमर्शियल हेड के पद पर कार्यरत हैं, को भी सीनियर मैनेजमेंट पर्सनल की श्रेणी में शामिल किया गया है। यह नियुक्ति भी रिपोर्टिंग में बदलाव के कारण की गई है। संदीप जिंदल की नियुक्ति 11 फरवरी 2025 से प्रभावी है। वह सप्लाई चेन मैनेजमेंट के अनुभवी पेशेवर हैं और मीडिया एंटरटेनमेंट, एफएमसीजी, आईटी एवं ब्रॉडकास्टिंग, ऑटोमोटिव, मैन्युफैक्चरिंग, पावर सेक्टर, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल तथा प्रोसेस और एनवायरनमेंट बिजनेस सहित कई क्षेत्रों में 30 वर्षों का अनुभव रखते हैं। उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में स्नातक किया है और सप्लाई चेन मैनेजमेंट में डिप्लोमा भी प्राप्त किया है।
कंपनी ने इन नियुक्तियों को अपनी पॉलिसी के अनुरूप बताया है।
बहुप्रतीक्षित पिच मैडिसन ऐडवर्टाइजिंग रिपोर्ट (PMAR) 2025 बुधवार को मुंबई में जारी की गई, जिसमें विज्ञापन, मार्केटिंग और मीडिया क्षेत्र के दिग्गज और बिजनेस लीडर्स शामिल हुए।
बहुप्रतीक्षित पिच मैडिसन ऐडवर्टाइजिंग रिपोर्ट (PMAR) 2025 बुधवार को मुंबई में जारी की गई, जिसमें विज्ञापन, मार्केटिंग और मीडिया क्षेत्र के दिग्गज और बिजनेस लीडर्स शामिल हुए। यह रिपोर्ट, जो अपनी 23वें संस्करण में है, हर साल की तरह इस बार भी आने वाले वर्ष में मार्केट को आकार देने वाले प्रमुख रुझानों और बदलावों पर प्रकाश डालती है। PMAR को पिच और मैडिसन वर्ल्ड के सहयोग से लॉन्च किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय विज्ञापन खर्च (AdEx) में 11% की वृद्धि होने की संभावना है और यह इस साल ₹1.2 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। रिपोर्ट में कहा गया, "हमारा 2025 के लिए वृद्धि अनुमान 2024 की तुलना में अधिक सकारात्मक है, जिसमें 11% की वृद्धि का अनुमान है। यदि हमारे आंकड़े सही साबित होते हैं, तो भारतीय विज्ञापन खर्च ₹1.2 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा, जिससे ₹12,000 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व जुड़ेगा।"
मैडिसन वर्ल्ड के चेयरमैन सैम बलसारा ने इस वृद्धि का श्रेय कई कारकों को दिया, जिनमें आईपीएल, चैंपियंस ट्रॉफी, एशिया कप और भारत के कुछ द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज शामिल हैं, जो टीवी और डिजिटल विज्ञापन को गति देंगे। अन्य प्रमुख कारणों में एफएमसीजी, ऑटोमोबाइल और ड्यूरेबल्स सेक्टर की ऑर्गेनिक ग्रोथ, MSMEs और स्टार्टअप्स द्वारा डिजिटल विज्ञापनों पर बढ़ता खर्च, कनेक्टेड टीवी (CTV) विज्ञापन का उभरना और आउट-ऑफ-होम (OOH) विज्ञापन इंडस्ट्री में डिजिटल और टेक्नोलॉजी इनोवेशन के साथ बुनियादी ढांचे में वृद्धि शामिल हैं।
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि 2025 में वैश्विक विज्ञापन खर्च (AdEx) में स्थिर वृद्धि देखने को मिलेगी, जिसमें WARC मीडिया के अनुमान के अनुसार 2024 की तुलना में 8% की वृद्धि होगी। इसके विपरीत, भारत का विज्ञापन बाजार वैश्विक रुझानों से तेज गति से बढ़ने की संभावना है। यह अंतर दर्शाता है कि वैश्विक औसत की तुलना में भारतीय विज्ञापन क्षेत्र अधिक मजबूती और विकास की गति बनाए हुए है।
रिपोर्ट में कहा गया, "हमें उम्मीद है कि 2025 भारतीय विज्ञापन इंडस्ट्री के लिए कुछ राहत लेकर आएगा, विशेष रूप से मौजूदा केंद्रीय बजट के बाद, जिसका उद्देश्य उपभोक्ता भावनाओं को मजबूत करना और कुछ सेक्टर्स को प्रोत्साहन देना है।"
मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं के बीच ₹1 लाख करोड़ की अतिरिक्त डिस्पोजेबल इनकम (खर्च करने योग्य आय) बढ़ने से ब्रैंड्स को सीधा लाभ मिलेगा और वे मार्केटिंग व विज्ञापन में अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित होंगे।
यह सुधार अनैच्छिक (डिस्क्रेशनरी) खर्च में वृद्धि करेगा, जिससे एफएमसीजी, रिटेल, ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट और ट्रैवल जैसे उपभोग-प्रधान सेक्टर्स की मांग बढ़ेगी, जो पारंपरिक रूप से भारत में विज्ञापन इंडस्ट्री में सबसे बड़े योगदानकर्ता रहे हैं।
पिच मैडिसन ऐडवर्टाइजिंग रिपोर्ट (PMAR) प्रमुख रुझानों का विश्लेषण करती है, विभिन्न क्षेत्रों की वृद्धि को उजागर करती है और डिजिटल, टेलीविजन, प्रिंट और आउटडोर मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर विज्ञापन खर्च का पूर्वानुमान देती है। यह रिपोर्ट Pitch और Madison World की साझेदारी में जारी की जाती है।
सेक्टर-वार भविष्यवाणियां:
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का डिजिटल विज्ञापन परिदृश्य तेजी से विकसित हो रहा है और 2025 में यह लगातार नए बदलाव लाएगा। बढ़ती इंटरनेट पहुंच और मोबाइल उपयोग में वृद्धि के कारण, यह क्षेत्र कई अवसरों और चुनौतियों का सामना करेगा, जिससे डिजिटल विज्ञापन में लगातार इनोवेशन होता रहेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है, "डिजिटल, विज्ञापन खर्च (AdEx) का मुख्य चालक बना रहेगा और इसका कुल शेयर 42% से बढ़कर 44% हो जाएगा। हालांकि, 2025 में इसकी वृद्धि दर मध्यम स्तर पर रहेगी और यह 17% रहने का अनुमान है।"
2025 में डिजिटल विज्ञापन खर्च (Digital AdEx) 17% की वृद्धि के साथ ₹53,000 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है, जो 2024 की तुलना में ₹7,700 करोड़ अधिक होगा। यह सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स में सबसे अधिक वृद्धि दर होगी।
2024 में कनेक्टेड टीवी (CTV) एक गेम-चेंजर बनकर उभरा और आने वाले सालों में भी इसका दबदबा बना रहेगा। भारत में CTV को अपनाने की दर तेजी से बढ़ रही है और अनुमान है कि 2025 के अंत तक 50-60 मिलियन घरों में CTV मौजूद होगा। विज्ञापन से होने वाली अनुमानित कमाई ₹2,300-2,500 करोड़ तक पहुंच सकती है। यह बदलाव दर्शकों की देखने की आदतों में एक बड़ा परिवर्तन दर्शाता है, क्योंकि परंपरागत टीवी से हटकर लोग डिजिटल प्लेटफॉर्म की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे विज्ञापनदाताओं के लिए नए अवसर खुल रहे हैं।
2025 में इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग और अधिक विस्तार करेगी। ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन के कारण एमेजॉन, फ्लिपकार्ट और अन्य विशेष ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर विज्ञापन खर्च बढ़ेगा, जिससे इस क्षेत्र में और तेजी आएगी।
2024 में टेलीविजन विज्ञापन में कुछ वृद्धि देखी गई, जिसका प्रमुख कारण चुनाव और आईपीएल और वर्ल्ड कप जैसे बड़े आयोजन रहे। हालांकि, डिजिटल मीडिया की तीव्र वृद्धि और CTV के बढ़ते प्रभाव के कारण टेलीविजन विज्ञापन (TV AdEx) पर दबाव बना रहा। खासकर 2024 की आखिरी तीन तिमाहियों में कई विज्ञापनदाताओं ने अपेक्षा से कम खर्च किया।
2025 की बात करें तो, आईपीएल, चैंपियंस ट्रॉफी, एशिया कप और भारत के द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज जैसे प्रमुख खेल आयोजनों से टीवी विज्ञापन को समर्थन मिलेगा। हालांकि, 2024 की तरह कोई बड़े चुनाव (जैसे विधानसभा चुनाव) नहीं होंगे, जिससे अतिरिक्त विज्ञापन खर्च की संभावना कम है। अगर बजट उपभोक्ता भावना को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और खर्च बढ़ता है, तो इससे टीवी विज्ञापन को भी बढ़ावा मिल सकता है।
हालांकि, डिजिटल मीडिया लगातार बढ़ता रहेगा और इसका बाजार हिस्सा और अधिक मजबूत होगा, जिससे टीवी विज्ञापन पर दबाव बना रहेगा। लेकिन, कुछ ब्रांड्स फिर से टीवी की ओर लौट रहे हैं, खासकर हाई-इंपैक्ट शोज के लिए, और एफएमसीजी क्षेत्र में भी कुछ ऑर्गेनिक ग्रोथ देखने को मिल रही है।
2025 में टीवी विज्ञापन की वृद्धि धीमी लेकिन स्थिर रहेगी। रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में टीवी विज्ञापन ₹2,000 करोड़ की वृद्धि के साथ 6% बढ़कर ₹36,520 करोड़ तक पहुंच सकता है। हालांकि, कुल विज्ञापन खर्च में इसका हिस्सा घटकर 30% हो जाएगा, जिससे यह डिजिटल के बाद दूसरा सबसे बड़ा माध्यम बना रहेगा।
एक सकारात्मक पहलू यह है कि भारत का टेलीविजन विज्ञापन बाजार वैश्विक स्तर पर मजबूत बना हुआ है। वैश्विक स्तर पर टेलीविजन का बाजार हिस्सा 13% है और इसमें -5% गिरावट का अनुमान है, जबकि भारत में यह काफी अधिक है।
भारत में डिजिटल मीडिया के तेजी से बढ़ते प्रभाव के बावजूद, प्रिंट विज्ञापन अब भी मजबूत बना हुआ है और विज्ञापन जगत के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ बना रहेगा।
2025 के लिए रिपोर्ट का अनुमान है कि प्रिंट विज्ञापन खर्च (Print Adex) की रिकवरी जारी रहेगी और इसमें कुल 7% की वृद्धि होगी। अगर इसे संख्याओं में देखें, तो प्रिंट विज्ञापन बाजार 2025 में लगभग ₹22,000 करोड़ तक पहुंच सकता है, जो एक सकारात्मक संकेत है।
हालांकि, यह 7% वृद्धि ऐसे समय में अनुमानित है जब 2024 के आम चुनावों जैसे बड़े आयोजन नहीं होंगे, जो प्रिंट विज्ञापन की बढ़त के मुख्य कारकों में से एक था।
इसके बावजूद, कुल विज्ञापन खर्च (Total AdEx) में प्रिंट का योगदान धीरे-धीरे घटेगा। 2024 में प्रिंट विज्ञापन का कुल बाजार में हिस्सा 19% था, जो 2025 में घटकर 18% रहने की संभावना है। यह गिरावट डिजिटल मीडिया के बढ़ते प्रभाव और उसके बढ़ते विज्ञापन बजट को दर्शाती है।
आउट-ऑफ-होम (OOH) विज्ञापन तेजी से बढ़ रहा है, जिसका प्रमुख कारण तकनीकी विकास, बेहतर बुनियादी ढांचा और अधिक निवेश हैं।
डिजिटल आउट-ऑफ-होम (DOOH) एक महत्वपूर्ण ट्रेंड बनकर उभरा है, जिसने 2024 में 12-15% की वृद्धि दर्ज की, खासकर बड़े शहरों में। हालांकि, DOOH का 70% हिस्सा छोटे फॉर्मेट्स (स्क्रीन्स) से जुड़ा है, जो ज्यादातर मॉल, ट्रांजिट एरिया और कॉर्पोरेट हब्स जैसी जगहों पर स्थित हैं।
2025 में, DOOH की वृद्धि और तेज होगी, जिसमें सड़कों और अन्य बाहरी जगहों पर डिजिटल स्क्रीन बढ़ने की संभावना है।
फिलहाल, डिजिटल OOH विज्ञापन पूरे OOH बाजार का 10% हिस्सा रखता है। हालांकि, प्रोग्रामेटिक विज्ञापन (Programmatic Advertising) अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन इस क्षेत्र में इनोवेशन जारी है।
2024 में, एयरपोर्ट, मॉल और मेट्रो स्टेशनों जैसी ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर OOH विज्ञापन में वृद्धि देखी गई। 2025 में हवाई यात्रा में 7-10% की वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे गैर-मेट्रो हवाई अड्डों पर भी विज्ञापनदाताओं की दिलचस्पी बढ़ रही है।
मॉल में डिजिटल OOH तेजी से विस्तार कर रहा है, खासतौर पर लग्जरी और ब्यूटी ब्रांड्स इस प्लेटफॉर्म का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके अलावा, मेट्रो नेटवर्क के विस्तार के साथ, स्टेशन नेमिंग राइट्स (स्टेशन के नाम से जुड़ा विज्ञापन) और स्टैटिक व डिजिटल विज्ञापनों के जरिए ब्रांड्स के लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
भारत में रेडियो स्टेशनों का पारंपरिक FM विज्ञापनों से आगे बढ़ना जारी है। वे डिजिटल कंटेंट को अपनाकर विज्ञापनदाताओं को आकर्षित कर रहे हैं और अपनी पहुंच बढ़ा रहे हैं।
ऑडियंस की बदलती प्राथमिकताओं और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, रेडियो नेटवर्क अब स्ट्रीमिंग, सोशल मीडिया और डिजिटल-फर्स्ट रणनीतियों का उपयोग कर रहे हैं ताकि विज्ञापनदाता अपने दर्शकों के साथ ज्यादा डायनामिक और प्रभावी तरीके से जुड़ सकें।
रेडियो अब भी एक किफायती और प्रभावशाली विज्ञापन माध्यम बना हुआ है, खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों में।
रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में रेडियो विज्ञापन में 9% की वृद्धि होने की संभावना है, जिससे इसका कुल बाजार ₹2,700 करोड़ तक पहुंच सकता है।
हालांकि, इस वृद्धि के बावजूद, रेडियो विज्ञापन खर्च (Radio Adex) का कुल विज्ञापन बाजार में योगदान सिर्फ 2% पर बना रहेगा।
भारतीय सिनेमा विज्ञापन उद्योग 2025 में लगभग 9% की धीमी वृद्धि दर दर्ज कर सकता है। हालांकि, यह अभी भी एक छोटे मार्केट से काम कर रहा है और अन्य विज्ञापन माध्यमों की तुलना में इसकी वृद्धि सीमित रही है।
इतिहास में, सिनेमा विज्ञापन का कुल विज्ञापन बाजार में हिस्सा 1% से कम ही बना रहा है और इसमें कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिला है।
2025 में, सिनेमा विज्ञापन बाजार लगभग ₹950 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। हालांकि, यह अब भी COVID-पूर्व राजस्व स्तर ₹1,050 करोड़ से कम रहेगा। महामारी के प्रभाव से पूरी तरह उबरने में अभी और समय लग सकता है।
OTT प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते प्रभाव ने सिनेमा विज्ञापन को नुकसान पहुंचाया है। अब ज्यादा दर्शक मनोरंजन के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे सिनेमा हॉल में दर्शकों की संख्या घटी है।
'पिच मैडिसन ऐडवर्टाइजिंग रिपोर्ट 2025' को डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें:
https://e4mevents.com/pitch-madison-advertising-report-2025/download-report#downloadReport
2021 तक टेलीविजन सबसे बड़ा विज्ञापन माध्यम बना रहा, लेकिन 2022 से इसका विज्ञापन खर्च (AdEx) शेयर गिरने लगा। 2022 में इसका हिस्सा 34% था, जो 2023 और 2024 में हर साल 1% कम होता गया।
पिच मैडिसन ऐडवर्टाइजिंग रिपोर्ट (PMAR) के अनुसार, भारतीय टेलीविजन विज्ञापन बाजार 2024 में सुस्त वृद्धि के दौर से गुजरा, जो केवल 5% की बढ़ोतरी के साथ ₹34,453 करोड़ तक पहुंचा। यह पिछले सात वर्षों में सबसे धीमी वृद्धि रही, जिसकी घोषणा बुधवार को जारी रिपोर्ट में की गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 की चौथी तिमाही में टेलीविजन पर विज्ञापन खर्च (TV AdEx) में 13% की गिरावट देखी गई, जिसका मुख्य कारण त्योहारी सीजन की कमजोर मांग रही।
वहीं, टीवी इंडस्ट्री को एक और बड़ा झटका तब लगा, जब 2024 में विज्ञापनदाताओं की संख्या में 23% की गिरावट आई। 2023 में टेलीविजन विज्ञापनदाताओं की संख्या 11,127 थी, जो 2024 में घटकर 8,653 रह गई। रिपोर्ट में कहा गया कि कई पारंपरिक टीवी विज्ञापनदाता डिजिटल प्लेटफॉर्म की ओर रुख कर रहे हैं।
2021 तक टेलीविजन सबसे बड़ा विज्ञापन माध्यम बना रहा, लेकिन 2022 से इसका विज्ञापन खर्च (AdEx) शेयर गिरने लगा। 2022 में इसका हिस्सा 34% था, जो 2023 और 2024 में हर साल 1% कम होता गया।
विज्ञापनदाताओं में, फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) सेक्टर टेलीविजन पर हावी रहा, जिसमें 3% की वृद्धि देखी गई और इसने कुल विज्ञापन खर्च में 46% का योगदान दिया। हिंदी जनरल एंटरटेनमेंट चैनल (GEC) और स्पोर्ट्स कार्यक्रम टीवी विज्ञापन का मुख्य आधार बने रहे, जो कुल टेलीविजन विज्ञापन वॉल्यूम का 8% रहे। रीजनल टीवी विज्ञापन ने भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की, जिसमें 9-12% की वृद्धि दर देखी गई।
हालांकि, 2024 के निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स को 2025 में सुधार की उम्मीद है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का कुल विज्ञापन खर्च 2025 में ₹1.2 लाख करोड़ तक पहुंचने की संभावना है, जो 2024 के ₹1.08 लाख करोड़ से 11% अधिक होगा। इस वृद्धि का मुख्य कारण प्रमुख खेल आयोजनों जैसे कि IPL, ICC चैंपियंस ट्रॉफी, एशिया कप और भारत की द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज होगी, जो टीवी और डिजिटल दोनों विज्ञापन राजस्व को बढ़ावा देने की उम्मीद है।
विशेष रूप से, टेलीविजन पर विज्ञापन खर्च 2025 में 6% बढ़कर ₹36,500 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
हालांकि यह वृद्धि अभी भी मध्यम स्तर की मानी जा रही है, लेकिन इंडस्ट्री को उम्मीद है कि बड़े आयोजनों और स्पोर्ट्स व एंटरटेनमेंट कंटेंट के मजबूत प्रदर्शन से टेलीविजन की प्रासंगिकता बनी रहेगी, जबकि डिजिटल प्लेटफॉर्म का दबदबा बढ़ता रहेगा।
बदलते मीडिया परिदृश्य के साथ, विज्ञापनदाताओं के एकीकृत टीवी और डिजिटल रणनीतियों को अपनाने की उम्मीद है, ताकि हाई-इम्पैक्ट इवेंट्स का लाभ उठाकर अधिकतम दर्शकों तक पहुंचा जा सके। डिजिटल और टेलीविजन के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा के साथ, 2025 भारतीय विज्ञापन उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष साबित होगा।
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बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (टाइम्स ग्रुप) के मैनेजिंग डायरेक्टर विनीत जैन आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। ऐसे में उनके असाधारण नेतृत्व को याद करने का यही उपयुक्त समय है।
बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (टाइम्स ग्रुप) के मैनेजिंग डायरेक्टर विनीत जैन आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। ऐसे में उनके असाधारण नेतृत्व को याद करने का यही उपयुक्त समय है। उन्होंने भारतीय मीडिया परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (टाइम्स ग्रुप) के मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर जैन ने कंपनी को एक पारंपरिक प्रिंट ब्रैंड से एक गतिशील, बहु-मंच मीडिया साम्राज्य में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
1966 में अशोक और इंदु जैन के घर जन्मे विनीत जैन की मीडिया इंडस्ट्री में यात्रा 1987 में शुरू हुई, जब वे टाइम्स ग्रुप में शामिल हुए और वह भी अपने बड़े भाई समीर जैन के इस उद्योग में प्रवेश करने के एक दशक से अधिक समय के बाद। जहां समीर जैन ने प्रिंट मीडिया में क्रांतिकारी बदलाव लाने पर ध्यान केंद्रित किया, वहीं विनीत जैन ने टेलीविजन, रेडियो, डिजिटल और ओटीटी प्लेटफॉर्म में समूह के विस्तार का नेतृत्व किया। उनकी दूरदृष्टि और रणनीतिक नेतृत्व ने कंपनी को पारंपरिक प्रकाशन से आगे बढ़ने में मदद की, जिससे यह तेजी से बदलते मीडिया परिदृश्य में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखने में सफल रही।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्विट्जरलैंड से ग्रेजुएट रहे विनीत जैन ने शुरू से ही तेज व्यावसायिक समझ का परिचय दिया। उन्होंने भारतीय दर्शकों की बदलती पसंद को समझा और टाइम्स ग्रुप की सेवाओं को आधुनिक बनाने के लिए सक्रिय कदम उठाए। उनके नेतृत्व ने यह सुनिश्चित किया कि कंपनी न केवल नई तकनीकों को अपनाए बल्कि ऐसे नवाचार भी करे जो उद्योग में मानक स्थापित करें।
जैन के नेतृत्व में, टाइम्स ग्रुप ने विभिन्न मीडिया क्षेत्रों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। समूह के प्रमुख समाचार पत्र, टाइम्स ऑफ इंडिया और इकॉनमिक टाइम्स, भारत में सबसे अधिक पढ़े जाने वाले प्रकाशनों में बने रहे, जिन्होंने डिजिटल युग को अपनाते हुए मजबूत ऑनलाइन संस्करण और पाठकों को जोड़ने की रणनीतियां विकसित कीं।
ब्रॉडकास्ट क्षेत्र में, जैन ने टाइम्स नाउ के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो तेजी से भारत के प्रमुख अंग्रेजी न्यूज चैनल्स में से एक बन गया। समूह ने हिंदी और बिजनेस न्यूज सेगमेंट में भी विस्तार किया, जिसमें मिरर नाउ और ईटी नाउ की शुरुआत हुई। इसके अलावा, जूम एंटरटेनमेंट कंटेंट में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरा।
रेडियो के प्रभाव को समझते हुए, जैन ने रेडियो मिर्ची (ENIL) के विस्तार में मदद की, जो भारत के सबसे लोकप्रिय एफएम नेटवर्क में से एक बन गया। उनकी नई संभावनाओं को पहचानने की क्षमता ने कंपनी की डिजिटल मौजूदगी को भी बढ़ाने में मदद की। टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड, जो टाइम्स ग्रुप की डिजिटल शाखा है, MX प्लेयर, गाना और क्रिकबज जैसे कई प्लेटफॉर्म्स का संचालन करता है, जो टेक-प्रेमी दर्शकों की जरूरतों को पूरा करता है।
मीडिया से परे, टाइम्स ग्रुप ने टाइम्स लिटफेस्ट, मिस इंडिया और फिल्मफेयर अवॉर्ड्स जैसे बड़े इवेंट्स का निर्माण किया, जिससे इसका प्रभाव एंटरटेनमेंट और सांस्कृतिक क्षेत्र में और मजबूत हुआ।
मई 2023 में, जैन बंधुओं ने टाइम्स ग्रुप के विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों के पुनर्गठन की एक रणनीतिक पहल शुरू की। इस बदलाव के तहत, समीर जैन ने प्रिंट मीडिया डिवीजन और इससे जुड़े डिजिटल एसेट्स की पूरी जिम्मेदारी संभाली, जबकि विनीत जैन ने ब्रॉडकास्ट, रेडियो और एंटरटेनमेंट बिजनेस के साथ उनके संबंधित डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की कमान अपने हाथों में ली।
यह पुनर्गठन उनके लंबे समय से चले आ रहे नेतृत्व शैली का स्वाभाविक विस्तार था, जहां दोनों ने उन्हीं क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया, जिनमें उन्होंने स्थायी प्रभाव डाला था। इस विभाजन को औपचारिक रूप देने से दोनों क्षेत्रों को स्वतंत्र रूप से बढ़ने का अवसर मिला, जिससे वे अधिक तेजी से नवाचार और विस्तार कर सके।
विनीत जैन का सबसे बड़ा योगदान भारतीय मीडिया के डिजिटल परिवर्तन को अपनाने और नेतृत्व करने की उनकी क्षमता रही है। जब पारंपरिक मीडिया कंपनियों को इंटरनेट युग में ढलने में कठिनाई हो रही थी, तब उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि टाइम्स ग्रुप आगे बना रहे।
डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और पर्सनलाइज़्ड कंटेंट रणनीतियों का उपयोग करके, समूह ने देश के सबसे बड़े डिजिटल ईकोसिस्टम में से एक का निर्माण किया। जैन की भविष्य की प्रवृत्तियों को पहचानने और फिनटेक, ई-कॉमर्स और स्पोर्ट्स एंटरटेनमेंट जैसे नए क्षेत्रों में निवेश करने की क्षमता ने टाइम्स ग्रुप को कई उद्योगों में एक प्रमुख शक्ति बनाए रखा।
जैन के नेतृत्व को व्यापक रूप से सराहा गया है, जिसमें उन्हें 2013 में 'इम्पैक्ट पर्सन ऑफ द ईयर' का खिताब भी मिला। उनकी पत्रकारिता की निष्पक्षता, नवाचार और दर्शकों से जुड़ाव के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें उद्योग में अत्यधिक सम्मान दिलाया है। डिजिटल-नेटिव प्लेटफार्मों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद, वह टाइम्स ग्रुप को एक साहसिक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ा रहे हैं, और बदलते मीडिया परिदृश्य की चुनौतियों के अनुरूप कंपनी को ढाल रहे हैं।
विनीत जैन एक और नए वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। वह एक दूरदर्शी लीडर के रूप में बने हुए हैं, जो लगातार सीमाओं को आगे बढ़ा रहे हैं और मीडिया में उत्कृष्टता की नई परिभाषा गढ़ रहे हैं। उनकी पारंपरिक मीडिया की ताकत को अत्याधुनिक तकनीकों के साथ जोड़ने की क्षमता यह सुनिश्चित करती है कि टाइम्स ग्रुप न केवल अपनी विरासत बनाए रखे, बल्कि भारतीय मीडिया के भविष्य को भी आकार दे।
उनके जन्मदिन के अवसर पर, हम ऐसे नेता का जश्न मना रहे हैं, जिसने केवल बदलाव के साथ तालमेल नहीं बिठाया, बल्कि उसे आगे बढ़ाया, नई मान्यताएं स्थापित कीं, नवाचार को अपनाया और एक ऐसा मीडिया साम्राज्य खड़ा किया, जो आज भी करोड़ों लोगों को प्रभावित कर रहा है।
कंपनी के डिजिटल पोर्टफोलियो ने तीसरी तिमाही (Q3 FY25) में 2 बिलियन पेजव्यू और 231 मिलियन मंथली एक्टिव यूजर्स (MAU) दर्ज किए
जी मीडिया कॉर्प लिमिटेड (ZMCL) ने 31 दिसंबर 2024 को समाप्त तिमाही में ₹159.4 करोड़ का संचालन (operations) से राजस्व अर्जित किया। यह पिछले वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में दर्ज ₹167.3 करोड़ की तुलना में 4.7% की मामूली गिरावट दर्शाता है। हालांकि, यह तिमाही-दर-तिमाही (QoQ) आधार पर 22% की वृद्धि है, क्योंकि दूसरी तिमाही (Q2 FY25) में कंपनी का राजस्व ₹130.7 करोड़ था।
मीडिया दिग्गज ने अपने घाटे को 37% तक कम किया है। पिछले वर्ष की तीसरी तिमाही में कंपनी को ₹35.9 करोड़ का नुकसान हुआ था, जबकि चालू वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही (Q3 FY25) में यह नुकसान घटकर ₹22.42 करोड़ रह गया। दूसरी तिमाही (Q2 FY25) में कंपनी को ₹45.8 करोड़ का घाटा हुआ था।
विज्ञापन से होने वाला राजस्व तीसरी तिमाही में ₹148.4 करोड़ रहा, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही के ₹157 करोड़ की तुलना में 5.5% कम है। हालांकि, तिमाही-दर-तिमाही (QoQ) आधार पर इसमें 24.5% की वृद्धि दर्ज की गई, क्योंकि दूसरी तिमाही (Q2 FY25) में यह आंकड़ा ₹119.2 करोड़ था।
सब्सक्रिप्शन से होने वाला राजस्व सालाना आधार (YoY) पर 7.9% बढ़कर ₹10.9 करोड़ हो गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में ₹10.1 करोड़ था। हालांकि, तिमाही-दर-तिमाही (QoQ) आधार पर यह 3.5% घटा, क्योंकि दूसरी तिमाही (Q2 FY25) में यह आंकड़ा ₹11.4 करोड़ था।
कंपनी की प्रेस रिलीज के अनुसार, "जी न्यूज ने अपनी मार्केट रीच में उल्लेखनीय सुधार किया है और अब यह 53.5 मिलियन दर्शकों के साथ चौथे स्थान पर है। जी बिजनेस 68.8% मार्केट हिस्सेदारी, 1.08 मिलियन औसत वीकली रीच और 34.5 मिनट की औसत दर्शक सहभागिता के साथ हिंदी बिजनेस न्यूज सेगमेंट में अग्रणी है।"
कंपनी के डिजिटल पोर्टफोलियो ने तीसरी तिमाही (Q3 FY25) में 2 बिलियन पेजव्यू और 231 मिलियन मंथली एक्टिव यूजर्स (MAU) दर्ज किए, जैसा कि आधिकारिक प्रेस रिलीज में उल्लेख किया गया है।
BBC Studios ने Banijay Asia के साथ एक बहु-वर्षीय समझौता किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, BBC Studios अब भारत में प्रोडक्शन बंद कर देगा
BBC Studios ने Banijay Asia के साथ एक बहु-वर्षीय समझौता किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, BBC Studios अब भारत में प्रोडक्शन बंद कर देगा और Banijay के साथ इस समझौते पर ध्यान केंद्रित करेगा।
दीपक धर के नेतृत्व वाली Banijay को अब BBC Studios की कंटेंट कैटलॉग का एक्सक्लूसिव एक्सेस मिलेगा, जिसमें स्क्रिप्टेड और अनस्क्रिप्टेड दोनों प्रकार के कंटेंट शामिल होंगे।
Banijay Asia को अब भारत में BBC Studios के फॉर्मेट लॉन्च करने की उम्मीद है।
इस साल जनवरी में हमारी सहयोगी वेबसाइट 'एक्सचेंज4मीडिया' ने ये रिपोर्ट दी थी कि BBC Studios India ने जनरल मैनेजर समीर गोगटे के प्रस्थान के बाद एक अंतरिम नेतृत्व संरचना की घोषणा की थी।
वर्तमान में, दीपा नायर (हेड ऑफ बिजनेस एंड लीगल अफेयर्स, इंडिया और साउथ एशिया) और सचिन महाजन (हेड ऑफ फाइनेंस) मिलकर भारत में प्रोडक्शन टीम का संचालन कर रहे हैं।
अभय ओझा इससे पहले ‘जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (ZMCL) में चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) ने अभय ओझा को चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (टीवी, प्रिंट, डिजिटल और स्पोर्ट्स लीग बिजनेस) के पद पर नियुक्त किया है।
अभय ओझा इससे पहले ‘जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (ZMCL) में चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे, जहां से उन्होंने कुछ समय पहले इस्तीफा दे दिया था।
अभय ओझा को मीडिया, एफएमसीजी और ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में काम करने का 25 साल से ज्यादा का अनुभव है। उन्हें कमजोर प्रदर्शन करने वाली व्यावसायिक इकाइयों को सफलतापूर्वक पुनर्जीवित करने और अभूतपूर्व वृद्धि प्रदान करने का काफी अनुभव है। व्यवसाय प्रबंधन, डिजिटल परिवर्तन, निवेश, नए व्यवसाय अधिग्रहण और स्टार्टअप्स में उन्हें महारत हासिल है।
‘जी मीडिया’ के सीईओ के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अभय ओझा के नेतृत्व में कंपनी ने उल्लेखनीय राजस्व और डिजिटल वृद्धि हासिल की। उन्होंने सभी लीडर्स के साथ मिलकर एक प्रदर्शन-उन्मुख संस्कृति को प्रोत्साहित किया और संपादकीय टीम के साथ समन्वय स्थापित कर बेहतर परिणाम प्राप्त किए। अपनी गतिशील और एंटरप्रिन्योर कार्यशैली के लिए प्रसिद्ध अभय को डिजिटल परिदृश्य की गहरी समझ है।
‘आईटीवी’ से पहले अभय ओझा ज़ी मीडिया, स्टार इंडिया, ज़ी एंटरटेनमेंट, टर्नर और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी जानी-मानी कंपनियों से जुड़े रहे हैं। ‘देवी अहिल्याबाई कॉलेज, इंदौर से साइंस ग्रेजुएट अभय ओझा ने ‘इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी’ से एमबीए (मार्केटिंग) की पढ़ाई की है।
इस नियुक्ति के बारे में आईटीवी फाउंडेशन की चेयरपर्सन ऐश्वर्या पंडित ने कहा, ‘हम अभय ओझा का टीवी, प्रिंट, डिजिटल और स्पोर्ट्स लीग बिजनेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में स्वागत करते हुए बेहद उत्साहित हैं। उनकी असाधारण नेतृत्व क्षमता, व्यावसायिक सूझबूझ और नवाचार के प्रति जुनून उन्हें हमारे संगठन की वृद्धि और सफलता को आगे बढ़ाने के लिए आदर्श बनाता है। हमारे सामने विकास की कई महत्वपूर्ण संभावनाएं हैं, जिनमें यह देखना भी शामिल है कि कैसे तकनीक और क्लाइंट्स अनुभव नए समाधान प्रदान कर सकते हैं और हमारे दर्शकों को अधिक लाभ पहुंचा सकते हैं। अभय एक उत्कृष्ट इंडस्ट्री लीडर हैं, जो हमारी मिशन-प्रेरित संस्कृति के अनुरूप हैं, जिससे वे इस भूमिका के लिए एक आदर्श चयन हैं।’
वहीं अभय ओझा का कहना है, ‘आईटीवी नेटवर्क से जुड़ना मेरे लिए सम्मान की बात है, यह एक ऐसा संस्थान है जिसे मैं लंबे समय से सराहता और सम्मान करता रहा हूं। मैं आईटीवी नेटवर्क की स्पष्ट दृष्टि और उद्देश्य की निरंतरता से प्रभावित हूं और इस उत्कृष्ट लीडरशिप टीम के साथ मिलकर कंपनी को भविष्य की दिशा में आगे ले जाने को लेकर बेहद उत्साहित हूं।’