मीडिया इंडस्ट्री के कुछ ऐसे बड़े नाम, जिनका 2022 में बढ़ा 'करियर ग्राफ'

2022 मे कुछ ऐसी यादें, जो मीडिया इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की हैं, जिनके करियर ग्राफ ने एक नए मुकाम को छुआ है। आइए, यहां ऐसी ही कुछ शख्सियतों के बारे में जानते हैं

विकास सक्सेना by
Published - Friday, 23 December, 2022
Last Modified:
Friday, 23 December, 2022
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साल 2023 के आगमन में कुछ दिन ही शेष रह गए हैं। पूरी दुनिया नए साल का बेसब्री से इंतजार कर रही है, लेकिन हर बार गुजरता हुआ साल कुछ ऐसी भी यादें भी दे जाता है, जो किसी के करियर के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। कुछ ऐसी ही यादें मीडिया इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की भी हैं, जिनमें से कई के करियर ग्राफ ने एक नए मुकाम को छुआ है। आइए, यहां ऐसी ही कुछ बड़ी शख्सियतों के बारे में जानते हैं। 

साल 2022 के मार्च में देश के प्रमुख प्रॉडक्शन हाउस में शामिल ‘यशराज फिल्म्स’ ने अक्षय विधानी को तत्काल प्रभाव से चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) के पद पर नियुक्त किया। अक्षय विधानी इससे पहले यशराज स्टूडियो के फाइनेंस एंड बिजनेस अफेयर्स और हेड ऑफ ऑपरेशंस के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के रूप में कार्यरत थे। विधानी ने 17 साल पहले जब 22 साल के थे, तब उन्होंने बतौर स्टूडियो मैनेजर यशराज फिल्म्स जॉइन किया था। उन्होंने यशराज फिल्म्स के लिए कई व्यावसायिक कार्यक्षेत्र स्थापित करने की जिम्मेदारी संभाली है। साल 2005 में अक्षय ने यशराज फिल्म्स में अपने करियर की शुरुआत एक स्टूडियो मैनेजर के रूप में की थी। इसके बाद, उन्होंने धीरे-धीरे कॉर्पोरेट फाइनेंस, स्ट्रैटजी और ऑपरेशंस में लीडरशिप की भूमिकाएं निभाईं।  

अप्रैल में ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) ने दीपक अरोड़ा को सीईओ (Northern Region) के पद पर नियुक्त किया, जहां उन्हें इंडिया न्यूज (हरियाणा), इंडिया न्यूज (पंजाब) और आज समाज की जिम्मेदारी सौंपी गई।  ‘आईटीवी नेटवर्क’ में शामिल होने से पहले दीपक अरोड़ा ‘जनता टीवी’ (Janta TV) में सीईओ के तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इसके अलावा वह ‘बजाज अलांयज’ (Bajaj Allianz),’आईएनजी लाइफ’ (ING Life),’एसटीवी हरियाणा न्यूज’ (STV Haryana News) और ‘फोकस न्यूज ग्रुप’ (Focus News Group) में भी अहम जिम्मेदारी निभा चुके हैं।

वहीं, जुलाई ने जाते-जाते एक ऐसी खबर दे दी, जिसने मीडिया गलियारे में काफी चर्चा बटोरी और ये खबर हिंदी टीवी पत्रकारिता के सबसे चर्चित चेहरों में शुमार रहे वरिष्ठ टीवी पत्रकार संत प्रसाद राय की नई पारी से जुड़ी थी। खबर थी कि संत प्रसाद राय ने टीवी9 समूह के हिंदी न्यूज चैनल ‘टीवी9 भारतवर्ष’ के मैनेजिंग एडिटर के पद से इस्तीफा दे दिया और वह अब 'एबीपी नेटवर्क' में बतौर सीनियर वाइस प्रेजिडेंट अपनी नई पारी शुरू करेंगे। हालांकि इसके बाद 1 अगस्त 2022 को उन्होंने 'एबीपी न्यूज' जॉइन कर लिया।बता दें कि संत प्रसाद पिछले तीन वर्षों से भी अधिक समय से इस चैनल के साथ जुड़े हुए थे। उन्हें टीवी में कई नए प्रयोगों के लिए जाना जाता हैं, इसकी बानगी रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी देखने को मिली, जब उन्होंने यूक्रेन में कवरेज के लिए सबसे पहले अपने रिपोर्टर को वहां भेजा, जिसका फायदा भी उन्हें रेटिंग में बढ़त के रूप में मिला।   

अगस्त में वरिष्ठ पत्रकार पारितोष चतुर्वेदी के बारे में खबर आयी कि उन्होंने हिंदी न्यूज चैनल ‘टीवी9 भारतवर्ष’ (TV9 BHARATVARSH) के साथ अपने नए सफर की शुरुआत की है। उन्होंने बतौर चैनल हेड यहां पर जॉइन किया। बता दें कि पारितोष चतुर्वेदी ने ‘टाइम्स नेटवर्क’ के हिंदी न्यूज चैनल ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ (Times Now Navbharat) में अपनी पारी को विराम देकर यहां पहुंचे थे। वह इस चैनल में आउटपुट हेड की जिम्मेदारी निभा रहे थे।   ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ से पहले पारितोष ‘जी न्यूज’ (Zee News) में एग्जिक्यूटिव एडिटर के तौर पर आउटपुट का काम संभाल रहे थे। ‘जी न्यूज’ में उनकी यह दूसरी पारी थी। इससे पहले वह इस मीडिया संस्थान में करीब पांच साल तक अपनी जिम्मेदारी निभा चुके थे। अपनी पहली पारी में उन्होंने सितंबर 2013 में ‘जी न्यूज’ जॉइन किया था और करीब पांच साल बाद वर्ष 2018 में यहां एसोसिएट एडिटर के पद से इस्तीफा देकर ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) में बतौर एग्जिक्यूटिव एडिटर जॉइन कर लिया था। मूल रूप से बिहार के रहने वाले पारितोष को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का करीब दो दशक का अनुभव है। वह डिप्टी एडिटर के तौर पर ‘इंडिया टीवी’ के साथ लंबी पारी खेल चुके हैं। वह यहां जून 2004 से सितंबर 2013 तक रहे थे। पारितोष ‘नवभारत’ (अक्टूबर 2003 से जून 2004 तक) में सीनियर कॉपी एडिटर और ‘हरिभूमि’ में रायपुर एडिशन के साथ (सितंबर 2002 से सितंबर 2003 तक) कॉपी एडिटर के तौर पर भी काम कर चुके हैं।

अगस्त में ही ‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई कि नेटवर्क ने ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) के एडिटर (क्राइम और एसआईटी) इंद्रजीत राय को Newsgathering टीम की कमान सौंपी। इस बारे में ‘एबीपी नेटवर्क’ की ओर से एक स्टेटमेंट भी जारी किया गया है, जिसमें कहा गया कि वह तत्काल प्रभाव से Newsgathering टीम का नेतृत्व करेंगे। और Newsgathering टीम के सभी संबंधित प्रमुख अब इंद्रजीत राय को रिपोर्ट करेंगे। वहीं, असाइनमेंट, नेशनल और रीजनल की टीमें पहले की तरह काम करती रहेंगी और रीजनल एडिटर्स पहले की तरह तत्कालीन चैनल एडिटर संत प्रसाद को रिपोर्टिंग करते रहेंगे।

अगस्त में ही तीसरी बड़ी खबर सामने आयी ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) से कि यहां वरिष्ठ टीवी पत्रकार अभिषेक उपाध्याय ने अपना नया सफर बतौर सीनियर एडिटर (पॉलिटिकल अफेयर्स) शुरू किया है। इससे पहले अभिषेक हिंदी न्यूज चैनल ‘टीवी9 भारतवर्ष’ (TV9 BHARATVARSH) में एग्जिक्यूटिव एडिटर के पद पर करीब तीन साल से अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। ‘टीवी9 भारतवर्ष’ से पहले अभिषेक ‘इंडिया टीवी’ में एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट्स) के पद पर कार्यरत थे। वैसे ‘टीवी9’ में ये उनकी दूसरी पारी थी। ‘टीवी9’ में अपनी पहली पारी में वह वर्ष 2010 में मुंबई ब्यूरो चीफ रहे थे। प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका अवॉर्ड से सम्मानित अभिषेक ‘दैनिक भास्कर’ ग्रुप के साथ (2011-2012) भी काम कर चुके हैं। यहां वह एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट्स) के पद पर कार्यरत थे। अभिषेक ‘आईबीएन7’ (IBN7) में भी पांच सालों तक काम कर चुके हैं। वह 2005 से 2010 तक यहां रहे और सीनियर स्पेशल कॉरेस्पोंडेंट की भूमिका निभाई। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले अभिषेक ने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट से की थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे 2003 में हिंदी दैनिक ‘अमर उजाला’ (Amar Ujala) से बतौर ट्रेनी रिपोर्टर व सब एडिटर के तौर पर जुड़े थे। अभिषेक एक थिएटर आर्टिस्ट व कवि भी हैं।  

अगस्त में ही वरिष्ठ पत्रकार प्रत्यूष रंजन ने देश की जानी-मानी न्यूज एजेंसी ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ (PTI) के साथ अपने नए सफर की शुरुआत की, जहां उन्हें फैक्ट चेकिंग और डिजिटल सर्विसेज के हेड की जिम्मेदारी सौंपी गई।  प्रत्यूष रंजन ने 'जागरण न्यू मीडिया' में मैनेजिंग एडिटर के पद से इस्तीफा देकर यहां पहुंचे थे।  प्रत्यूष रंजन ने 'जागरण न्यू मीडिया' जनवरी 2019 में बतौर सीनियर एडिटर जॉइन किया था। बाद में उन्हें प्रमोट कर पहले एग्जिक्यूटिव एडिटर और फिर मैनेजिंग एडिटर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। यहां वह 'जागरण डॉट कॉम' (jagran.com) हिंदी में realtime verticals का नेतृत्व कर रहे थे। इसके अलावा वह इसी समूह की वेबसाइट 'विश्वासन्यूज़ डॉट कॉम ' (vishvasnews.com) से भी जुड़े हुए थे। बता दें कि प्रत्यूष ‘जीएनआई इंडिया ट्रेनिंग नेटवर्क’ (GNI India Training Network) के फैक्ट चेकर भी हैं। मूल रूप से सिवान (बिहार) के रहने वाली प्रत्यूष रंजन को मीडिया में काम करने का करीब 18 साल का अनुभव है। इस दौरान वह लंबे समय तक डिजिटल मीडिया में ही रहे हैं। हालांकि, उन्होंने शुरू में प्रिंट और टीवी में भी काम किया है, लेकिन उनकी वह पारी काफी संक्षिप्त रही है।  

सितंबर में ‘हॉटस्टार’ (Hotstar) के पूर्व एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट व हेड ऑफ ऑरिजिनल कंटेंट के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभाल चुके निखिल मधोक को लेकर खबर आयी कि उन्होंने एमेजॉन प्राइम वीडियो में हिंदी ऑरिजिनल कंटेंट के हेड के तौर पर अपनी नई पारी शुरू की। बता दें कि मधोक ने चार वर्षों से अधिक समय तक ‘डिज्नी+ हॉटस्टार’ के ओरिजनल कंटेंट इंजन का नेतृत्व किया। अगस्त 2022 में ‘डिज्नी+ हॉटस्टार’ को अलविदा कह दिया था। इससे पहले वह ‘स्टार टीवी नेटवर्क’ (Star TV Network) में एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट थे। ‘स्टार नेटवर्क’ के साथ मधोक की यह दूसरी पारी थी। ‘दिल्ली यूनिवर्सिटी’ (DU) से ग्रेजुएट निखिल मधोक ने ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट’ (IIM) बेंगलुरु से एमबीए (मार्केटिंग) किया है। 

वहीं सितंबर में वरिष्ठ पत्रकार रमाकांत चंदन ने 'नवभारत टाइम्स' की डिजिटल विंग में बतौर संपादकीय सलाहकार अपना नया सफर शुरू किया। वह इससे पहले ‘राष्ट्रीय सहारा’ में बतौर सलाहकार संपादक अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। बता दें कि ‘राष्ट्रीय सहारा’ से लंबे समय से जुड़े हुए रमाकांत चंदन इससे पहले पटना संस्करण में बतौर स्थानीय संपादक अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। यहां उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद संस्थान ने उनके बेहतर कार्य व सेवाओं को देखते हुए उन्हें सलाहकार संपादक के पद पर नई जिम्मेदारी सौंपी थी। बिहार में लखीसराय जनपद के मूल निवासी रमाकांत चंदन ढाई दशक से अधिक समय से सक्रिय पत्रकारिता कर रहे हैं। रमाकांत ने अपने पत्रकारीय करियर की शुरुआत ‘सहारा मीडिया’ के साथ की थी। इसके पहले एमएससी करने के दौरान ही वे एनबीटी, दैनिक हिन्दुस्तान, सारिका और हंस पत्रिका समेत तमाम अखबारों के लिए लिखते थे। वर्ष 1996 में ‘सहारा मीडिया’ के अखबार ‘हस्तक्षेप’ में बतौर रिपोर्टर नोएडा में जॉइन करने वाले रमाकांत करीब 25 वर्षों तक ‘सहारा मीडिया’ का हिस्सा रहे हैं। एक लेखक के रूप में रमांकांत चंदन की दो पुस्तकें हिंदी अकादमी दिल्ली से ‘नवान्न’ व राजभाषा बिहार से ‘दूसरा पक्ष’ प्रकाशित हो चुकी हैं। इसके अलावा उन्होंने ‘गोएथा थापती लड़की’ नाम से एक काव्य संग्रह भी लिखा है। 

सितंबर में ‘9X मीडिया’ ने भूपेंद्र माखी को चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) के रूप में प्रमोट किया। 9X मीडिया में इससे पहले लंबे समय तक माखी कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) थे, जबकि इसके पहले वे फाइनेंस के वाइस प्रेजिडेंट थे। वह 2007 से इस ऑर्गनाइजेशन के साथ जुड़े हुए हैं। भूपेंद्र अपनी इस भूमिका में कंपनी के लिए स्ट्रैटजिक बिजनेस डेवलपमेंट का नेतृत्व कर रहे हैं, यानी वह भारत में कंपनी के बिजनेस की ग्रोथ को और मजबूत बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। माखी को फाइनेंशियल सेक्टर की गहरी समझ है और मीडिया व एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक प्रभावशाली ट्रैक-रिकॉर्ड है।  

वहीं सितंबर में ‘जी मीडिया' के पूर्व एडिटर (जी-दिल्ली/एनसीआर/हरियाणा) दिनेश शर्मा ने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना नया सफर ‘दैनिक सवेरा’ (Dainik Savera) मीडिया समूह के साथ शुरू किया था, जहां उन्होंने बतौर मैनेजिंग एडिटर जॉइन किया था। हालांकि यहां जॉइन करने के कुछ समय पूर्व ही  दिनेश शर्मा ने ‘जी मीडिया’  में वापसी की थी। ‘जी’ समूह के साथ दिनेश शर्मा की यह तीसरी पारी थी। इससे पहले वह वर्ष 1998 से 2007 और 2009 से 2019 तक ‘जी‘ के साथ जुड़े रहे थे। जी-दिल्ली/एनसीआर/हरियाणा को उनके नेतृत्व में ही लॉन्च किया गया था। दिनेश शर्मा को विभिन्न एडिटोरियल टीमों के साथ काम करने का ढाई दशक से ज्यादा का अनुभव है। पूर्व में वह तमाम प्रतिष्ठित मीडिया कंपनियों जैसे-‘इंडिया न्यूज‘, ‘वॉयस ऑफ अमेरिका‘, ‘हिंदी रेडियो सर्विस‘, ‘अल जजीरा‘ इंटरनेशनल न्यूज चैनल, ‘न्यूजएक्स‘, ‘वॉयस ऑफ इंडिया‘, ‘द स्टेट्समैन‘, ‘इंडियन एक्सप्रेस‘ और ‘द प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया‘ के साथ काम कर चुके हैं।

अक्टूबर में वरिष्ठ पत्रकार प्रखर श्रीवास्तव ने ‘दूरदर्शन’ के साथ दिल्ली में बतौर सीनियर कंसल्टिंग एडिटर अपनी नई पारी का आगाज किया। इससे पहले प्रखर श्रीवास्तव हिंदी न्यूज चैनल ‘न्यूज24’ (News24) में आउटपुट एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। मूल रूप से इंदौर (मध्य प्रदेश) के रहने वाले प्रखर श्रीवास्तव को मीडिया में काम करने का करीब ढाई दशक का अनुभव है। पूर्व में वह ‘न्यूज24’, ‘इंडिया टीवी’, ‘आजतक’, ‘एनडीटीवी’, ‘जी न्यूज’, ‘सहारा समय’ और ‘दैनिक भास्कर’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में वरिष्ठ पदों पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं। इस दौरान उन्होंने हमेशा राष्ट्र और समाज से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता दी है। बता दें कि वर्तमान में प्रखर श्रीवास्तव डिजिटल चैनल में लोकप्रिय शो ‘खरी बात प्रखर के साथ’ होस्ट करते हैं। इस शो को देश-विदेश में विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर करीब 10 करोड़ व्यूज मिल चुके हैं। इस शो में देश के इतिहास से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं को तथ्यों, तर्कों और सबूतों के साथ प्रस्तुत किया जाता है। पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो प्रखर श्रीवास्तव ने इंदौर स्थित ‘देवी अहिल्या विश्वविद्यालय’ से जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स की डिग्री ली है। इसके अलावा उन्होंने इसी यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल बिजनेस में भी मास्टर्स की पढ़ाई की है।

नवंबर में वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश तिवारी (ओपी तिवारी) ने ‘नेटवर्क18’ (Network18) समूह के साथ मीडिया में अपने नए सफर का आगाज किया। उन्होंने इस समूह के हिंदी न्यूज चैनल ‘न्यूज18 इंडिया’ (News18 India) में बतौर डिप्टी एडिटर (सिक्योरिटी अफेयर्स) जॉइन किया बता दें कि ओपी तिवारी इससे पहले करीब 16 साल तक ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) का हिस्सा रहे हैं। इसके अलावा वह करीब 13 वर्षों तक ‘राष्ट्रीय सहारा‘ अखबार में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। मूल रूप से सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले ओपी तिवारी ने वहीं से अपनी पढ़ाई-लिखाई पूरी की है। ओपी तिवारी को मीडिया में काम करने का तीन दशक से ज्यादा का अनुभव है। पत्रकारिता में अपने करियर के शुरुआती दिनों में वह दिल्ली में ‘संडे मेल’ और ’समाचार मेल’ अखबार में भी काम कर चुके हैं। इसके अलावा वह थोड़े समय ’दैनिक जागरण’ में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। 

नवंबर में 'टाइम्स ऑफ इंडिया' डिजिटल के पूर्व एडिटर-इन-चीफ रोहित शरण ने ‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह में वापसी की, जहां उनकी एडिटोरियल एडवाइजर के पद पर नियुक्ति हुई।  बता दें कि शरण इससे पहले ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ (The Times of India) में मैनेजिंग एडिटर और ’द इकनॉमिक्स टाइम्स’ (The Economic Times) में एग्जिक्यूटिव एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। इसके अलावा वह ‘खलीज टाइम्स’ (Khaleej Times), ‘मनी टुडे’ (Money Today), ‘बिजनेस टुडे’ (Business Today) और ‘हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू’ (Harvard Business Review) के इंडिया एडिशन समेत तमाम पब्लिकेशंस में अपनी भूमिका निभा चुके हैं। शरण को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का ढाई दशक से ज्यादा का अनुभव है। वह दो पब्लिकेशंस को री-लॉन्च कराने के साथ देश के पहले न्यूज मीडिया प्रॉडक्ट ‘made for mobile’ को लॉन्च कर चुके हैं। 

रोहित शरण को देश के प्रमुख डेटा जर्नलिस्ट और विजुअलाइजर के रूप में जाना जाता है और उन्होंने अपने करियर में प्रमुख न्यूज ब्रैंड्स के लिए कई डेटा-आधारित स्टोरीटैलिंग प्रॉपर्टीज का शुभारंभ किया है। इनमें प्रमुख पत्रिकाओं और समाचार पत्रों का संपादन और चार प्रमुख पब्लिकेशंस का शुभारंभ शामिल है। इकनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएट रोहित को डाटा साइंस और डिजिटल जर्नलिज्म की गहरी समझ है।

नवंबर में फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा (Meta) इंडिया के कंट्री हेड अजीत मोहन ने आज यानी 3 नवंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह प्रतिद्वंद्वी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘स्नैप’ (Snap) से जुड़ गए थे, जहां वह एशिया-प्रशांत (APAC) के प्रेजिडेंट के तौर पर काम कर रहे हैं। अजीत मोहन ने अपने पद से तत्काल रूप से इस्तीफा दिया था। अजीत मोहन जनवरी 2019 में फेसबुक इंडिया में मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में शामिल हुए थे। उन्होंने उमंग बेदी की जगह ली थी, जिन्होंने अक्टूबर 2017 में पद छोड़ दिया था। मेटा से पहले  मोहन ने चार साल तक स्टार इंडिया की वीडियो स्ट्रीमिंग सेवा हॉटस्टार के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर के रूप में कार्य किया है।

नवंबर में ही जी मीडिया में ‘DNAINDIA.COM’ और ‘जी न्यूज’ (अंग्रेजी) के एडिटर सुशांत मोहन को सीईओ के पद पर प्रमोट किया गया। वह India.com के सीईओ देवदास कृष्णन को रिपोर्ट कर रहे हैं। मोहन को मीडिया में 12 वर्षों से अधिक का अनुभव है। जी मीडिया से पहले वह ‘ओपेरा न्यूज’ (ऐप), ‘नेटवर्क18’, ‘बीबीसी’, ‘फीवर104 एफएम’ और ‘ऑल इंडिया रेडियो’ में काम कर चुके हैं, जहां उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और पिछले ऑर्गनाइजेशन में उन्होंने डिजिटल स्ट्रैटजीस और कई सफल प्रोजेक्ट्स दिए हैं। मोहन आईआईएमसी मीडिया संस्थान के छात्र रह चुके हैं और मास कम्युनेकशन में मास्टर डिग्री होल्डर हैं। 

नवंबर में ‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) समूह ने ‘प्रभात खबर’ (Prabhat Khabar) के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर केके गोयनका को बिहार-झारखंड का ‘चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर’ (COO) नियुक्त किया। बता दें कि केके गोयनका ने ‘प्रभात खबर’ में अपनी तीन दशक से ज्यादा पुरानी पारी को इसी साल सितंबर में विराम दे दिया था। वह इस समूह के साथ वर्ष 1989 में जुड़े थे। ‘प्रभात खबर’ में अपनी पारी को विराम देने के बाद गोयनका ने एक लेटर भी लिखा था। अपने लेटर में केके गोयनका ने लिखा था, ‘इस अखबार के साथ मेरी काफी लंबी पारी रही है और मैं इससे वर्ष 1989 से जुड़ा हुआ था। महज 500 कॉपियों से शुरू होकर 650000 कॉपियों तक पहुंचने की यह काफी चुनौतीपूर्ण और आकर्षक यात्रा रही और हमने तीन शीर्ष समाचार पत्रों की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया।’ इसके साथ ही गोयनका ने लिखा था कि अखबार के साथ अपने लंबे जुड़ाव पर उन्हें गर्व महसूस होता है और इस संस्थान को इसके वर्तमान स्तर पर लाने में भूमिका निभाने के लिए वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं।

21 नवंबर को भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी गौरव द्विवेदी ने प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) का पदभार संभाला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्‍हें पांच वर्ष के लिए नियुक्त किया है। पदभार ग्रहण करने के बाद गौरव द्विवेदी ने कहा कि प्रसार भारती की दो इकाइयां, आकाशवाणी और दूरदर्शन को अब भी सबसे विश्वसनीय माना जाता है। उन्होंने कहा कि इन इकाइयों को और मजबूत करने के प्रयास किए जाएंगे। बता दें कि गौरव द्विवेदी 1995 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। इससे पूर्व गौरव द्विवेदी केरल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विभिन्न जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। वह मसूरी में आईएएस ट्रेनिंग एकेडमी के फैकल्टी मेंबर भी रह चुके हैं। वर्तमान में वह ‘इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय’ (Ministry of Electronics & Information Technology) में बतौर सीईओ तैनात हैं। बेहतर प्रशासन के लिए उन्हें प्राइम मिनिस्टर अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।  

दिसबंर में वरिष्ठ टीवी पत्रकार पशुपति शर्मा ने ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) के नेशनल हिंदी न्यूज चैनल ‘इंडिया न्यूज‘ (India News) के साथ बतौर एग्जिक्यूटिव एडिटर अपनी नई पारी का आगाज किया। ‘इंडिया न्यूज’ के साथ पशुपति शर्मा की यह दूसरी पारी है। पूर्व में भी वह इस चैनल में अपनी भूमिका निभा चुके हैं।  इससे पहले पशुपति शर्मा नोएडा से रीलॉन्च हुए चैनल ‘न्यूज इंडिया‘ (News India) में मैनेजिंग एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे, जहां से कुछ समय पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इस चैनल की रीलॉन्चिंग में अहम भूमिका निभाई थी। ‘न्यूज इंडिया’ से पहले पशुपति शर्मा देश के कई बड़े मीडिया संस्थानों में अपनी भूमिका निभा चुके हैं। वह ‘आजतक’, ‘दिल्ली आजतक’, ‘न्यूज 24’, ‘इंडिया टीवी’ और ‘न्यूज नेशन’ में लंबे समय तक कार्यरत रहे हैं। ज्यादातर संस्थानों में वह कोर टीम का हिस्सा रहे और चैनल की प्लानिंग और उसे अमलीजामा पहनाने में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। ‘जी हिन्दुस्तान’ की रिलॉन्चिंग में भी पशुपति शर्मा की भूमिका थी।

दिसंबर में ‘जी मीडिया’ (Zee Media) से एक और बड़ी खबर निकलकर सामने आई कि ‘जी मीडिया’ ने यहां वरिष्ठ पत्रकार रोशन तमांग को चीफ कंटेंट ऑफिसर (डिजिटल) के पद पर नियुक्त किया है। उन्होंने नोएडा से अपना कामकाज संभाला है। बता दें कि तमांग को विभिन्न मीडिया संस्थानों में डिजिटल बिजनेस को संभालने का दो दशक से ज्यादा का अनुभव है। पूर्व में वह ‘जागरण न्यू मीडिया’ (Jagran New Media), ‘इंडिया अहेड’ (India Ahead), ‘ओटस मीडिया’ (Otus Media), ‘नेटवर्क18’ (Network18), ‘टाइम्स इंटरनेट’ (Times Internet) और ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ (The Indian Express) जैसे प्रतिष्ठित मीडिया हाउसेज में अपनी भूमिकाएं निभा चुके हैं। ‘जी मीडिया’ में अपनी पारी शुरू करने से पहले रोशन तमांग ‘जागरण न्यू मीडिया’ (Jagran New Media) में चीफ इनोवेशन ऑफिसर के तौर पर कार्यरत थे।

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वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा के खिलाफ असम में एफआईआर दर्ज

अभिसार शर्मा ने असम पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को पूरी तरह निराधार करार दिया है। शर्मा ने कहा है कि वे इस मामले का जवाब कानूनी तरीके से देंगे।

Samachar4media Bureau by
Published - Friday, 22 August, 2025
Last Modified:
Friday, 22 August, 2025
abhisaar

गुवाहाटी क्राइम ब्रांच ने पत्रकार और यूट्यूबर अभिसार शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की है। यह कार्रवाई एक स्थानीय निवासी की शिकायत पर की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि शर्मा ने अपने यूट्यूब चैनल पर ऐसा वीडियो अपलोड किया, जिसमें असम और केंद्र सरकार दोनों का उपहास किया गया।

पुलिस के अनुसार, एफआईआर भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 152 (देशद्रोह), 196 और 197 के तहत दर्ज की गई है। शिकायतकर्ता आलोक बरूआ, जो 23 वर्षीय युवक हैं और नयनपुर, गणेशगुड़ी के निवासी हैं, ने कहा कि अभिसार शर्मा ने जानबूझकर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया।

वहीं पत्रकार और यूट्यूबर अभिसार शर्मा ने असम पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को पूरी तरह निराधार करार दिया है। शर्मा ने कहा है कि वे इस मामले का जवाब कानूनी तरीके से देंगे। अभिसार शर्मा के अनुसार, अपने शो में उन्होंने असम के एक न्यायाधीश के उस बयान का जिक्र किया था, जिसमें राज्य सरकार द्वारा महाबल सीमेंट कंपनी को 3,000 बीघा जमीन दिए जाने की बात कही गई थी।

इस फैसले की उन्होंने आलोचना भी की थी। शर्मा ने यह भी कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की सांप्रदायिक राजनीति को तथ्यों के आधार पर उजागर किया, जो खुद मुख्यमंत्री के ही बयानों पर आधारित थे।

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अश्मिता सिंह राजपूत : टीवी एंकर से सोशल मीडिया स्टार तक का सफर

इसके अलावा भोजपुरी सिनेमा के दिग्गज कलाकारों के लाइव शो को देश के विभिन्न हिस्सों में होस्ट करके भी वे दर्शकों के बीच अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं।

Samachar4media Bureau by
Published - Friday, 22 August, 2025
Last Modified:
Friday, 22 August, 2025
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अश्मिता सिंह राजपूत एक जानी-मानी टीवी एंकर और लोकप्रिय सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर हैं। पिछले दस वर्षों के अपने पत्रकारिता करियर में उन्होंने महुआ टीवी, न्यूज 24 और भारत एक्सप्रेस जैसे प्रतिष्ठित चैनलों में बतौर एंकर काम किया है। टीवी पत्रकारिता के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी उन्होंने अपनी मजबूत पहचान बनाई है।

फेसबुक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर उनके 46 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं, जो उनके प्रभाव और लोकप्रियता का प्रमाण है। हाल ही में अगस्त महीने में, माउंट आबू स्थित ब्रह्मकुमारीज़ इंटरनेशनल हेडक्वार्टर में आयोजित सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स कॉन्फ्रेंस में अश्मिता को सम्मानित भी किया गया।

करीब एक साल पहले चैनलों की नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने स्वतंत्र पत्रकारिता की राह चुनी और कई बड़े ब्रैंड्स के साथ मिलकर उनके लिए एंडोर्समेंट किए। अब वे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को पूरी तरह प्रोफेशनल रूप देकर स्वतंत्र पत्रकारिता और कंटेंट क्रिएशन की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।

इसी सिलसिले में हाल के हफ्तों में उन्होंने कई चर्चित हस्तियों के साथ पॉडकास्ट किए हैं। जिनमें जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर उमाकांतानंद जी, बिग बॉस विजेता आशुतोष, भोजपुरी सिनेमा की ‘वायरल गर्ल’ मोनालिसा को ब्रेक देने वाले डायरेक्टर सनोज मिश्रा, चर्चित वैद्य राजेश कपूर और भजन गायक कुमार विशु शामिल हैं।

पॉडकास्टिंग के साथ-साथ अश्मिता मनोरंजन, लाइफस्टाइल और वायरल खबरों से जुड़े कंटेंट भी बना रही हैं। एक दशक लंबे एंकरिंग अनुभव ने उन्हें कंटेंट प्रोडक्शन और प्रेजेंटेशन की गहरी समझ दी है। आने वाले समय में वे राजनेताओं के साथ भी पॉडकास्ट करने की तैयारी में हैं।

दिलचस्प बात यह होगी कि इन पॉडकास्ट्स में राजनीति की बात न्यूनतम होगी और एक राजनेता के जीवन के दूसरे पहलुओं को सामने लाने की कोशिश की जाएगी। अश्मिता का भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से भी गहरा जुड़ाव रहा है। उन्होंने देशभर में आयोजित लगभग हर बड़े भोजपुरी अवॉर्ड शो की मेजबानी की है। इसके अलावा भोजपुरी सिनेमा के दिग्गज कलाकारों के लाइव शो को देश के विभिन्न हिस्सों में होस्ट करके भी वे दर्शकों के बीच अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं।

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RJ मंत्रा: एक आवाज जिसने रेडियो से थिएटर और सिनेमा तक बनाया सफर

इंदौर में 21 अगस्त 1982 को जन्मे पुरनजीत दासगुप्ता, जिन्हें लोग आरजे मंत्रा, वीजे मंत्रा या मंत्रा मुग्ध के नाम से पहचानते हैं, आज 43 साल के हो गए हैं।

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Published - Thursday, 21 August, 2025
Last Modified:
Thursday, 21 August, 2025
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इंदौर में 21 अगस्त 1982 को जन्मे पुरनजीत दासगुप्ता, जिन्हें लोग आरजे मंत्रा, वीजे मंत्रा या मंत्रा मुग्ध के नाम से पहचानते हैं, आज 43 साल के हो गए हैं। रेडियो, थिएटर, टेलीविजन, सिनेमा और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बीच लगातार काम करते हुए उन्होंने खुद को भारतीय मनोरंजन जगत का सबसे बहुमुखी कलाकार साबित किया है।

मंत्रा ने शुरुआत आतिथ्य सेवा क्षेत्र से की थी। 1990 के दशक के अंत में वह इंदौर के ताज होटल में रिसेप्शनिस्ट और मैनेजर रहे। उनकी अलग आवाज और व्यक्तित्व ने उन्हें एफएम रेडियो तक पहुंचाया। 2000 में उन्होंने रेडियो मिर्ची से डेब्यू किया और जल्द ही शहरी रेडियो श्रोताओं के बीच लोकप्रिय हो गए।

2003 में वह दिल्ली आ गए और रेडियो सिटी से जुड़ गए, जहां उन्होंने ‘रूट 91’ जैसे शो किए। इसके बाद ‘मुंबई लोकल’ (रेड एफएम 93.5) ने उन्हें और लोकप्रिय बनाया। इस शो को प्रोमैक्स और रापा जैसे पुरस्कार मिले। 2017 में उन्होंने 92.7 बिग एफएम पर ‘लम्हे विद मंत्रा’ से वापसी की। इस शो ने न्यूयॉर्क फेस्टिवल अवॉर्ड्स में बेस्ट रेडियो पर्सनैलिटी का खिताब जीता और उनकी पहचान को और मजबूत किया।

रेडियो के साथ-साथ उन्होंने टीवी पर भी छाप छोड़ी। ‘इंडियाज गॉट टैलेंट’, ‘कॉमेडी सर्कस’, ‘जरा नचके दिखा’ और ‘प्रो कबड्डी लीग’ जैसे शो उन्होंने होस्ट किए। बिग मैजिक के ‘नारायण नारायण’ में उन्होंने नारद मुनि की भूमिका निभाई और हास्य व पारंपरिक कथन शैली का अनोखा मेल दिखाया।

थिएटर में भी मंत्रा का योगदान खास रहा। शेक्सपियर के ‘ट्वेल्थ नाइट’ के हिंदी रूपांतरण ‘पिया बिहरूपिया’ में उनके अभिनय को लंदन के ग्लोब थिएटर तक सराहना मिली। डिज्नी इंडिया के ‘अलादीन’ में जिनी की उनकी भूमिका ने दर्शकों को खूब प्रभावित किया।

फिल्मों में भी मंत्रा सक्रिय रहे। ‘तुम मिले’ (2009), ‘गेम’ (2011), ‘भेजा फ्राई 2’ (2011), ‘लंदन, पेरिस, न्यूयॉर्क’ (2012), ‘रिबेलियस फ्लावर’ (2016), ‘हाई जैक’ (2018) और ‘पानीपत’ (2019) में उन्होंने काम किया। डिजिटल मंच पर ‘बॉयगिरी’, ‘फोन अ फ्रेंड’, ‘भंवर’, ‘द कैसीनो’ और ‘हाई’ जैसी वेब सीरीज में भी नजर आए।

ऑडियो स्टोरीटेलिंग के क्षेत्र में भी उन्होंने अलग पहचान बनाई। अपने स्टूडियो ‘मंत्रामुग्ध प्रोडक्शंस’ के जरिए उन्होंने ‘भास्कर बोस’ (स्पॉटिफाई पर), ‘काली आवाजें’, ‘माइन एंड यॉर्स’ और ‘लव इन द टाइम ऑफ कोरोना’ जैसी ऑडियो सीरीज बनाई। इन्हें भारतीय मनोरंजन जगत में ऑडियो ड्रामा को फिर से मुख्यधारा में लाने वाला काम माना गया।

मंत्रा को उनके काम के लिए कई पुरस्कार मिले हैं- दो प्रोमैक्स अवॉर्ड्स, दो रापा अवॉर्ड्स, गोल्डन माइक अवॉर्ड्स, रेडियो एंड म्यूजिक अवॉर्ड्स और न्यूयॉर्क फेस्टिवल का बेस्ट रेडियो पर्सनैलिटी अवॉर्ड। पीटा (PETA) ने भी उन्हें तोते को बचाने के लिए ‘हीरो टू एनिमल्स’ की मान्यता दी।

43 साल के हो चुके आरजे मंत्रा का सफर आज भी उनकी विविधता और अनुकूलन क्षमता के कारण अलग और खास बना हुआ है।

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हैप्पी बर्थडे श्वेता सिंह: दर्शकों और न्यूज इंडस्ट्री के भरोसे का दूसरा नाम हैं आप

‘हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' (AajTak) की प्रोग्रामिंग व 'गुड न्यूज टुडे' (Good News Today) की मैनेजिंग एडिटर श्वेता सिंह का आज जन्मदिन है।

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Published - Thursday, 21 August, 2025
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Thursday, 21 August, 2025
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हिंदी न्यूज़ चैनल ‘आजतक’ (AajTak) की प्रोग्रामिंग और ‘गुड न्यूज़ टुडे’ (Good News Today) की मैनेजिंग एडिटर श्वेता सिंह का आज जन्मदिन है।

भारतीय मीडिया जगत में श्वेता सिंह एक जाना-पहचाना नाम हैं। बेबाक अंदाज़, गहरी समझ और पेशेवर दक्षता ने उन्हें लाखों दर्शकों की पहली पसंद बना दिया है। जटिल मुद्दों को सहज भाषा में समझाने की उनकी क्षमता और प्रभावशाली एंकरिंग शैली ने उन्हें अलग पहचान दिलाई है।

लगातार मेहनत और समर्पण के दम पर उन्होंने पत्रकारिता में नए मानक स्थापित किए हैं। करीब दो दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय श्वेता पिछले 18 साल से ‘आजतक’ परिवार का हिस्सा हैं। उनके लंबे अनुभव और संतुलित प्रस्तुति ने उन्हें न्यूज रूम से लेकर दर्शकों तक हर जगह विशेष स्थान दिलाया है।

टीवी न्यूज़ की लगभग हर विधा में दक्ष श्वेता सिंह को अब तक सर्वश्रेष्ठ एंकर, सर्वश्रेष्ठ प्रड्यूसर और सर्वश्रेष्ठ रिपोर्टर जैसे सम्मान मिल चुके हैं। साल 2016 में उन्होंने अलग-अलग आयोजनों में एक ही वर्ष में 12 अवॉर्ड हासिल कर इतिहास रच दिया था। यह उपलब्धि अब तक पत्रकारिता जगत में मिसाल मानी जाती है।

उनकी उपलब्धियों में हाल ही की एक और अहम उपलब्धि जुड़ी है। प्रतिष्ठित ‘एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स’ (enba) 2023 में श्वेता सिंह को ‘बेस्ट एंकर–हिंदी’ कैटेगरी में गोल्ड मेडल से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्पेस में उनके अनुकरणीय योगदान और निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मिला।

वर्तमान में श्वेता सिंह आजतक पर रात 8 बजे प्रसारित होने वाले प्रमुख शो ‘ख़बरदार’ (Khabardar) की एंकरिंग करती हैं। यह शो उनकी संवाद क्षमता, विश्लेषणात्मक सोच और दर्शकों से गहरे जुड़ाव का प्रमाण है।

राष्ट्रीय सुरक्षा, राजनीति, बिज़नेस, खेल और मनोरंजन—हर विषय पर उनकी पकड़ समान रूप से मजबूत है। यही कारण है कि उनकी रिपोर्टिंग हो या एंकरिंग, दर्शक उन्हें भरोसे के साथ देखते हैं। मशहूर टॉक शो ‘सीधी बात’ की मेजबानी से लेकर स्पेशल प्रोग्राम्स तक, उन्होंने अपनी बहुमुखी प्रतिभा से हर मंच पर अपनी छाप छोड़ी है।

श्वेता सिंह ने हमेशा पत्रकारिता को सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि जिम्मेदारी की तरह निभाया है। उनकी निर्भीकता और सटीक विश्लेषण ने उन्हें अलग पहचान दी है। यही वजह है कि वह देश की चुनिंदा पत्रकारों में गिनी जाती हैं, जिनकी बात दर्शक न केवल सुनते हैं, बल्कि उस पर भरोसा भी करते हैं। 

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मीडिया, खेल व वेंचर कैपिटल- तीनों में बदलाव की कहानी रच रहे हैं सौरव बनर्जी

वर्तमान में, सौरव बनर्जी दो अलग-अलग महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रहे हैं। Rules Sport Tech के सह-संस्थापक के रूप में, वह यूरोप में खेलों के एक नए अध्याय की अगुवाई कर रहे हैं।

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Published - Wednesday, 20 August, 2025
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Wednesday, 20 August, 2025
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कुछ करियर बहुत सीधे और तयशुदा रास्ते पर चलते हैं, जैसे एक पन्ने पर खींची गई सीधी रेखा, जिसमें कोई खास मोड़ या बदलाव नहीं होता। लेकिन कुछ करियर बिल्कुल अलग होते हैं, वे कई तरह के अनुभवों, साहसिक बदलावों और लगातार असर पैदा करने की बेचैनी से मिलकर बने होते हैं। ऐसे करियर एक तरह की मोजेक (टुकड़ों को जोड़कर बनी तस्वीर) की तरह होते हैं, जिनमें विविधता और प्रयोग दिखाई देता है।

सौरव बनर्जी का करियर पहले बताए गए दूसरे तरह के रास्ते से जुड़ा है, यानी उनका सफर सीधी लकीर जैसा साधारण नहीं रहा, बल्कि अलग-अलग अनुभवों, उद्योगों और नेतृत्व भूमिकाओं से बना है। आज जब वे अपना जन्मदिन मना रहे हैं, तो यह मौका सिर्फ उनकी उपलब्धियों को याद करने का ही नहीं, बल्कि यह भी मान्यता देने का है कि उन्होंने कितनी स्पष्ट सोच और धैर्य के साथ अलग-अलग उद्योगों, विचारों और नेतृत्व की भूमिकाओं में अपनी राह बनाई है।

वर्तमान में, सौरव बनर्जी दो अलग-अलग महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रहे हैं। Rules Sport Tech के सह-संस्थापक के रूप में, वह यूरोप में खेलों के एक नए अध्याय की अगुवाई कर रहे हैं। उन्होंने क्रिकेट आयरलैंड, क्रिकेट स्कॉटलैंड और रॉयल डच क्रिकेट एसोसिएशन के साथ रणनीतिक साझेदारी की है ताकि यूरोपियन T20 प्रीमियर लीग (ETPL) शुरू की जा सके। यूरोप जैसे महाद्वीप में, जहां क्रिकेट अभी अपनी जगह बना ही रहा है, उनकी यह पहल बदलाव (disruption) और अवसर (opportunity) दोनों का प्रतीक है। उनका विजन केवल खेल को मनोरंजन तक सीमित नहीं करता, बल्कि खेल के इकोसिस्टम को संस्कृति और व्यापार दोनों को गढ़ने वाला बना रहा है।

साथ ही, वनअल्फ़ानॉर्थ कैपिटल में पार्टनर, स्पेशल प्रोजेक्ट्स की भूमिका में, बनर्जी अपनी दो दशक की विशेषज्ञता को उद्यमिता को सक्षम बनाने में लगा रहे हैं। अमेरिका-स्थित साझेदारों और भारतीय वेंचर कैपिटल फर्मों के साथ काम करते हुए, वे स्टार्टअप इकोसिस्टम में निवेश कर रहे हैं, उन विचारों को समर्थन दे रहे हैं जिनमें बाजारों को नए सिरे से गढ़ने और मूल्य बनाने का वादा है। यहां भी उनकी विशिष्ट क्षमता दिखती है- रचनात्मकता और कठोर रणनीति के बीच संतुलन। वे केवल व्यवसायों को फंडिंग ही नहीं दे रहे, बल्कि उन्हें उनकी राह खोजने, स्थायी रूप से विस्तार करने और वैश्विक विकास की जटिलताओं के लिए तैयार होने में मदद भी कर रहे हैं।

सौरव बनर्जी की सोच और काम करने का तरीका दो पहलुओं से जुड़ा हुआ है: एक तरफ बड़े पैमाने पर काम को संभालने की क्षमता और दूसरी तरफ नए अवसरों को विकसित करने की दृष्टि। इसकी जड़ें उनके शुरुआती करियर में हैं, जब उन्होंने मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काम करना शुरू किया।

लगभग 20 सालों तक अलग-अलग क्षेत्रों में नेतृत्वकारी भूमिकाओं में रहते हुए, बनर्जी न सिर्फ फैसले लेने वाले रहे हैं, बल्कि बदलाव लाने वाल भी साबित हुए हैं। उन्होंने भारत के सबसे बड़े मीडिया समूहों में से एक में CEO (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) और CFO (मुख्य वित्तीय अधिकारी) जैसे अहम पदों पर काम किया, जहां उन्हें एक तरफ मजबूत वित्तीय समझ दिखानी थी और दूसरी तरफ कहानी कहने की संवेदनशीलता भी रखनी थी।

इसके अलावा, वे कई मीडिया और टेक्नोलॉजी कंपनियों के बोर्ड में भी शामिल रहे, जहां उन्होंने बड़े बदलावों को सफलतापूर्वक संभालने का अनुभव हासिल किया। चाहे नई कंपनियां शुरू करना हो, मर्जर और अधिग्रहण (M&A) करना हो या मुश्किल समय में बिजनेस की दिशा बदलनी हो, हर जगह उन्होंने ऐसी रणनीतिक सोच दिखाई जिससे अनिश्चित माहौल में भी स्थिरता बनी रही।

सौरव बनर्जी के करियर की खासियत केवल उनके संभाले गए वरिष्ठ पदों में नहीं, बल्कि उस व्यापक अनुभव में है जिसे उन्होंने समय के साथ अर्जित किया है। M&A से लेकर चेंज मैनेजमेंट तक, स्टेकहोल्डर एंगेजमेंट से लेकर रिस्क मिटिगेशन तक, उन्होंने कॉर्पोरेट जीवन के हर जटिल पहलू पर गहरी पकड़ बनाई है। सबसे अहम बात यह है कि वे कभी भी जरूरत पड़ने पर खुद मैदान में उतरने से हिचके नहीं। चाहे सीड, इक्विटी या डेब्ट राउंड्स के जरिए फंडरेजिंग की अगुवाई हो या किसी कठिन परिस्थिति में वित्तीय पुनर्गठन को दिशा देना- उन्होंने दूरदर्शी नेतृत्व और जमीनी कामकाज, दोनों का संतुलन बखूबी साधा है। यही गुण उन्हें उन व्यवसायों के लिए एक विश्वसनीय सलाहकार बनाता है, जो जटिल चुनौतियों का सामना कर रहे होते हैं।

उनकी नींव उतनी ही मजबूत है जितनी उनकी यात्रा। चार्टर्ड अकाउंटेंट की ट्रेनिंग प्राप्त करने के बाद, सौरव ने अपने करियर की शुरुआती दिशा PwC के ग्लोबल कैपिटल मार्केट्स ग्रुप से पाई, जहां उन्होंने सटीकता और जवाबदेही की अनुशासनात्मक समझ को आत्मसात किया। इसके बाद उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल का प्रतिष्ठित एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया। यह एक ऐसा अनुभव है, जिसने न केवल उनके दृष्टिकोण को व्यापक बनाया, बल्कि उन्हें जीवनभर सीखते रहने की प्रतिबद्धता से भी जोड़ा।

फिर भी, प्रोफेशनल विस्तार जितना भी बड़ा क्यों न हो गया हो, वे हमेशा मूल्यों, मेंटरशिप और समुदाय से जुड़े रहे। देहरादून के वेल्हम बॉयज स्कूल के बोर्ड सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल इस विश्वास का प्रतीक था कि नेतृत्व गढ़ने वाले संस्थानों को वापस देना भी उतना ही आवश्यक है। आज भी उनका निरंतर जुड़ाव उद्यमिता और नेतृत्व से जुड़ी पहलों के साथ बना हुआ है, जिससे वे नई पीढ़ी से जुड़े रहते हैं। यही सुनिश्चित करता है कि उनकी विरासत केवल सफलता तक सीमित न रहकर सहयोग और प्रेरणा की भी बने। 

जन्मदिन केवल पड़ाव नहीं होते, कुछ लोगों के लिए वे आईने भी होते हैं। ऐसे क्षण जब इंसान सिर्फ तय की गई दूरी ही नहीं, बल्कि आगे की संभावनाओं को भी देखता है। सौरव बनर्जी के लिए अब तक की यात्रा उद्योगों, उपक्रमों और विचारों की एक रंगीन गाथा रही है, जिसे एक सूत्र ने बांध रखा है- परिवर्तन का साहस। चाहे मीडिया बोर्डरूम हों, वेंचर कैपिटल की गलियारें हों, या यूरोप के क्रिकेट मैदान, उनकी कहानी चुनौतियों को अपनाकर उन्हें अवसरों में बदल देने की मिसाल है।

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अभय ओझा ने ‘आईटीवी नेटवर्क’ में अपनी पारी को दिया विराम

अभय ओझा ने इसी साल फरवरी में इस नेटवर्क में जॉइन किया था और बतौर चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (टीवी, प्रिंट, डिजिटल और स्पोर्ट्स लीग बिजनेस) अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

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Published - Wednesday, 20 August, 2025
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Wednesday, 20 August, 2025
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सीनियर मीडिया प्रोफेशनल अभय ओझा से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली इस खबर के मुताबिक, अभय ओझा ने देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) में अपनी पारी को विराम दे दिया है।

अभय ओझा ने इसी साल फरवरी में इस नेटवर्क में जॉइन किया था और बतौर चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (टीवी, प्रिंट, डिजिटल और स्पोर्ट्स लीग बिजनेस) अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

अभय ओझा ने यह फैसला क्यों लिया और उनका अगला कदम क्या होगा, फिलहाल इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है। ‘आईटीवी नेटवर्क में शामिल होने से पहले अभय ओझा ‘जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (ZMCL) में चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

अभय ओझा को मीडिया, एफएमसीजी और ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में काम करने का 25 साल से ज्यादा का अनुभव है। उन्हें कमजोर प्रदर्शन करने वाली व्यावसायिक इकाइयों को सफलतापूर्वक पुनर्जीवित करने और अभूतपूर्व वृद्धि प्रदान करने का काफी अनुभव है। व्यवसाय प्रबंधन, डिजिटल परिवर्तन, निवेश, नए व्यवसाय अधिग्रहण और स्टार्टअप्स में उन्हें महारत हासिल है।

अपनी गतिशील और एंटरप्रिन्योर कार्यशैली के लिए प्रसिद्ध अभय को डिजिटल परिदृश्य की गहरी समझ है। अभय ओझा पूर्व में ‘जी मीडिया’ के अलावा ‘स्टार इंडिया’, ‘जी एंटरटेनमेंट’, ‘टर्नर’ और ‘हिंदुस्तान यूनिलीवर’ जैसी जानी-मानी कंपनियों से जुड़े रहे हैं। ‘देवी अहिल्याबाई कॉलेज, इंदौर से साइंस ग्रेजुएट अभय ओझा ने ‘इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी’ से एमबीए (मार्केटिंग) की पढ़ाई की है।

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‘NDTV’ की टीम में शामिल हुईं ‘CNN International’ की पूर्व ब्यूरो लीड वेदिका सूद

उन्होंने ‘एनडीटीवी 24x7’ में बतौर कंसल्टिंग एडिटर जॉइन किया है।

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Published - Wednesday, 20 August, 2025
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Wednesday, 20 August, 2025
Vedika Sud

वरिष्ठ पत्रकार और ‘CNN International’ की पूर्व इंडिया ब्यूरो लीड वेदिका सूद ‘एनडीटीवी’ (NDTV) की टीम में शामिल हो गई हैं। उन्होंने ‘एनडीटीवी 24x7’ में बतौर कंसल्टिंग एडिटर जॉइन किया है।

वेदिका को मीडिया में काम करने का लंबा अनुभव है। उनका करियर दक्षिण एशिया के अहम पड़ावों को गहराई, संदर्भ और सटीकता के साथ दर्ज करने के लिए जाना जाता है। फिर चाहे वह राजनीतिक बदलाव हों, मानवीय संकट हों, पर्यावरणीय चुनौतियां हों या फिर सुरक्षा से जुड़े मुद्दे।

‘CNN International’ में अपनी पारी के दौरान वेदिका सूद भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान से रिपोर्टिंग करती रहीं। उन्होंने ब्रेकिंग न्यूज़ पर सीएनएन की ग्लोबल टीमों के साथ काम किया और साउथ एशिया की बड़ी खबरों को अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचाया। उनकी प्रमुख रिपोर्टिंग में कश्मीर आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान टकराव, जी20 समिट, भारत-म्यांमार शरणार्थी संकट, किसान आंदोलन और दिल्ली के लैंडफिल पर पर्यावरण व स्वास्थ्य संकट की पड़ताल आदि शामिल है।

वर्ष 2021 में जब भारत में कोरोना की डेल्टा वेव ने तबाही मचाई, तब अस्पतालों में जगह खत्म हो गई थी, ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई थी और देशभर में परिवार अभूतपूर्व संकट और अनिश्चितता का सामना कर रहे थे। उस दौरान वेदिका सूद सबसे आगे से रिपोर्टिंग कर रही थीं–भीड़भाड़ वाले अस्पतालों से लेकर जीवनरक्षक ऑक्सीजन और दवाइयों की जद्दोजहद तक। इस दौरान वह उन परिवारों का हाल बताती रहीं जो सबसे ज्यादा प्रभावित थे।

वेदिका की यह रिपोर्टिंग उनके 19 साल के पत्रकारिता करियर की सबसे बड़ी खासियतों-साफगोई, संवेदनशीलता और तथ्यों पर आधारित निष्पक्ष पत्रकारिता के प्रति समर्पण को दिखाती है।

‘CNN International’ से पहले इंडिया टुडे ग्रुप में वेदिका ने प्राइम बुलेटिन होस्ट किए, संपादकीय टीमों का नेतृत्व किया और बड़ी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खबरों की कवरेज संभाली। ‘न्यूजएक्स’ में उन्होंने अहम प्रसारण की एंकरिंग की और नए पत्रकारों को मार्गदर्शन दिया। ‘टाइम्स नाउ’ में उन्होंने न्यूज डेस्क से शुरुआत की और फिर प्राइम-टाइम एंकरिंग तक पहुंचीं।

उनके काम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिली है। 2024 में सोसाइटी ऑफ पब्लिशर्स इन एशिया (SOPA) अवॉर्ड्स में उन्हें महिलाओं के मुद्दों पर रिपोर्टिंग के लिए ‘ऑनरेबल मेंशन’ मिला। वहीं 2021 में साउथ एशियन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (SAJA) अवॉर्ड्स में उन्हें निबंध और विचार श्रेणी में फाइनलिस्ट चुना गया।

वेदिका मुंबई के सोफिया कॉलेज से पढ़ी हैं। उनके पास सोफिया पॉलिटेक्निक से सोशल कम्युनिकेशंस मीडिया में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा और तक्षशिला इंस्टीट्यूशन से पब्लिक पॉलिसी में ग्रेजुएट सर्टिफिकेट है।

वेदिका की नियुक्ति के बारे में ‘एनडीटीवी’ के सीईओ और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल ने कहा, ’वेदिका सिर्फ घटनाओं की गवाह नहीं हैं, बल्कि उनके मायने समझाने वाली पत्रकार हैं। उनकी बुद्धिमत्ता, फील्ड अनुभव और वैश्विक दृष्टिकोण ‘एनडीटीवी’ के मिशन को और मजबूत करेगा, जो हर खबर में गहराई, सटीकता और समझ लेकर आता है।’

वहीं, वेदिका सूद का कहना है, ’सबसे सशक्त स्टोरीज सिर्फ यह नहीं बतातीं कि क्या हुआ, बल्कि यह भी समझाती हैं कि क्यों हुआ और किसके लिए मायने रखता है। ‘एनडीटीवी’ की पहचान हमेशा ऐसी ही पत्रकारिता रही है और इसका हिस्सा बनना मेरे लिए सम्मान की बात है। आज के दौर में हमारी जिम्मेदारी है कि शोर-शराबे से परे जाकर तथ्यों को जोड़ें और लोगों तक साफ-सुथरा और संदर्भों से भरा हुआ सच पहुंचाएं।’

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एम क्यू सैयद: भारत की इवेंट्स और प्रदर्शनी इंडस्ट्री के गेमचेंजर

Exhicon ग्रुप के फाउंडर एम.क्यू. सैयद का आज जन्मदिन है। यह मौका है एक ऐसे फर्स्ट-जनरेशन उद्यमी को सम्मानित करने का, जिनकी महत्वाकांक्षा उम्मीदों से कहीं आगे निकली

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Published - Wednesday, 20 August, 2025
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Wednesday, 20 August, 2025
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Exhicon ग्रुप के फाउंडर एम.क्यू. सैयद का आज जन्मदिन है। यह मौका है एक ऐसे फर्स्ट-जनरेशन उद्यमी को सम्मानित करने का, जिनकी महत्वाकांक्षा उम्मीदों से कहीं आगे निकली और जिन्होंने भारत के इवेंट्स, Exhibitions और MICE (मीटिंग्स, इंसेंटिव्स, कॉन्फ्रेंस, एग्जिबिशन) सेक्टर का चेहरा ही बदल दिया।"

करीब दो दशक पहले, जब पूरी तरह एकीकृत MICE एंटरप्राइज का विचार महज एक सपना लगता था, एम.क्यू. ने केवल 2,300 रुपये की पूंजी से Exhicon ग्रुप की शुरुआत की। जो काम एक छोटे से उद्यम के रूप में शुरू हुआ, वह आज भारत की पहली 360-डिग्री इवेंट और एग्जिबिशन कंपनी बन चुकी है, जिसे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया है। यह उनकी धैर्य, लगन और अग्रणी सोच का प्रमाण है।

लेकिन सिर्फ एक ही दिशा में लगातार बढ़ना ही काफी नहीं था। एम.क्यू. सैयद ने नए क्षेत्रों की ओर कदम बढ़ाए। उन्होंने ट्रेडफेयर टाइम्स (भारत और अरबिया संस्करण) की शुरुआत की, जो एशिया का पहला मैगजीन और डिजिटल प्लेटफॉर्म था, पूरी तरह एग्जिबिशन को समर्पित। यह आयोजकों, विजिटर्स और पूरी इंडस्ट्री के लिए एक अहम संसाधन बन गया। प्रभाव को कई गुना बढ़ाने वाली संरचनाएं बनाने की उनकी समझ ने उन्हें वर्ल्डवाइड एग्जिबिशन्स एजेंसी एशिया लिमिटेड (दुनिया की सबसे बड़ी एग्जिबिशन स्पेस-सेलिंग एजेंसी) की सह-स्थापना करने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा, उन्होंने इमामिया चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और काउंसिल ऑफ इंडियन एग्जिबिशन ऑर्गेनाइजर्स जैसे संस्थानों की भी नींव रखी, जिससे इंडस्ट्री के लिए ठोस ढांचे तैयार हुए।

मीडिया, हॉस्पिटैलिटी, रियल एस्टेट, FMCG, हेल्थकेयर और अन्य क्षेत्रों में अपने उद्यमों का विस्तार करने के बावजूद, एम.क्यू. ने समुदाय निर्माण में गहरी भागीदारी निभाई। उन्होंने UNCTAD इंडिया एम्प्रेटेक प्रोग्राम की अध्यक्षता की, इमामिया चैंबर ऑफ कॉमर्स के संस्थापक निदेशक रहे और ABP न्यूज के हौसले की उड़ान व स्टार्टअप कोकण जैसी पहलों के लिए जज की भूमिका निभाई।

सम्मान भी उनके कदमों के साथ चले, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर। एशिया के टॉप 500 ब्रैंड्स (2018) में जगह पाने से लेकर थाईलैंड सरकार से इंटरनेशनल MICE प्रमोशन अवॉर्ड हासिल करने तक और कई अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों से उन्हें सम्मानित किया गया।

समय को पीछे देखें तो उनकी दृष्टि और स्पष्ट नजर आती है। 1997 में उन्होंने Exhicon की नींव रखी। 2005 में ट्रेडफेयर टाइम्स लॉन्च किया। 2014 में इमामिया चैंबर की सह-स्थापना की और 2018 में वर्ल्डवाइड एग्जिबिशन्स नामक वैश्विक इकाई बनाई। हाल ही में, उद्योग के लिए एक ऐतिहासिक क्षण में, उनकी प्रमुख कंपनी Exhicon इवेंट्स मीडिया सॉल्यूशन्स लिमिटेड भारत की पहली पूर्णत: एकीकृत एग्जिबिशन कंपनी बनी, जिसे सूचीबद्ध किया गया।

लेकिन आंकड़ों और पदों से परे, एक मूल सिद्धांत छिपा है- नवाचार और लोगों को बढ़ावा देना। एम.क्यू. स्टार्टअप्स को मेंटर करते हैं, सामाजिक और व्यावसायिक पहलों में निवेश करते हैं और इंडस्ट्री को केवल बाजार नेतृत्व के जरिए नहीं, बल्कि सामूहिक प्रगति के जरिए आकार देते हैं।

उनके जन्मदिन पर हम ऐसे शख्स का जश्न मना रहे हैं जो एक साथ उद्यमी भी हैं और एक पारिस्थितिकी तंत्र (इकोसिस्टम) बनाने वाले भी। उन्होंने इवेंट्स में संभावनाएं देखीं और फिर ऐसे प्लेटफॉर्म बनाए, जिन पर नई संभावनाएं पनप सकें।

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हैप्पी बर्थडे शिरीन भान: आप हैं देश की आर्थिक पत्रकारिता की सशक्त आवाज

देश की सबसे सम्मानित बिजनेस पत्रकारों में शामिल और सीएनबीसी-टीवी18 की मैनेजिंग एडिटर शिरीन भान आज 49 साल की हो गईं हैं।

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 20 August, 2025
Last Modified:
Wednesday, 20 August, 2025
ShereenBhan84512

देश की सबसे सम्मानित बिजनेस पत्रकारों में शामिल और सीएनबीसी-टीवी18 की मैनेजिंग एडिटर शिरीन भान आज 49 साल की हो गईं हैं। 20 अगस्त 1976 को जन्मीं शिरीन पिछले दो दशकों से अधिक समय से बिजनेस न्यूज में एक अहम आवाज रही हैं, जिन्होंने इस बात को आकार दिया कि भारत वित्तीय और उद्यमशीलता से जुड़ी कहानियों को कैसे समझता और ग्रहण करता है।

कश्मीरी पंडित विरासत से आने वाली शिरीन ने अपनी स्कूली शिक्षा कश्मीर के केंद्रीय विद्यालय और नई दिल्ली के एयर फोर्स बाल भारती स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से दर्शनशास्त्र की पढ़ाई की। उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से कम्युनिकेशन स्टडीज में मास्टर्स की डिग्री हासिल की, जिसमें उनका विशेषीकरण फिल्म और टेलीविजन था।

पत्रकारिता में उनकी शुरुआत करन थापर की इंफोटेनमेंट टेलीविजन में न्यूज रिसर्चर के रूप में हुई। इसके बाद उन्होंने स्टार टीवी के लिए 'वी द पीपल' और SAB टीवी के लिए 'लाइन ऑफ फायर' जैसे महत्वपूर्ण शो प्रोड्यूस किए। दिसंबर 2000 में उन्होंने सीएनबीसी-टीवी18 जॉइन किया। समय के साथ वह चैनल के फ्लैगशिप प्रोग्रामिंग का पर्याय बन गईं, जिनमें इंडिया बिजनेस आवर, पावर टर्क्स और यंग टर्क्स (देश का सबसे लंबा चलने वाला उद्यमिता शो) शामिल हैं।

शिरीन भान ने दुनिया के कुछ सबसे प्रभावशाली बिजनेस लीडर्स का इंटरव्यू किया है, जिनमें वॉरेन बफेट, बिल गेट्स, रिचर्ड ब्रैनसन, सत्य नडेला, शेरिल सैंडबर्ग और इंद्रा नूई शामिल हैं। आर्थिक नीतियों पर उनकी कवरेज और भारतीय कैबिनेट मंत्रियों एवं नीति-निर्माताओं से उनकी बातचीत ने देश में गंभीर बिजनेस पत्रकारिता का मानक तय किया है।

दैनिक समाचारों से परे, शिरीन भान ने मिनिस्टर्स ऑफ चेंज और व्हाट वीमेन रियली वांट जैसे विशेष कार्यक्रमों की शुरुआत की, जिससे बिजनेस टेलीविजन का दायरा और विस्तृत हुआ। उनका शो ओवरड्राइव लगातार तीन साल तक बेस्ट ऑटो शो के लिए न्यूज टेलीविजन अवॉर्ड जीत चुका है। उन्होंने यंग टर्क्स: इंस्पायरिंग स्टोरीज ऑफ टेक एन्त्रप्रेन्योर्स नामक किताब का सह-लेखन भी किया, जिसमें भारत की स्टार्टअप वेव को दर्ज किया गया।

अब तक उन्हें कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है, जिनमें फिक्की वुमन ऑफ द ईयर अवॉर्ड (2005), वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का यंग ग्लोबल लीडर टाइटल (2009), ईएनबीए का बेस्ट एंकर और मैनेजिंग एडिटर ऑफ द ईयर (2019–20), और भारत अस्मिता नेशनल अवॉर्ड फॉर बिजनेस जर्नलिज्म (2022) शामिल हैं। वह लगातार इम्पैक्ट की भारत की मीडिया इंडस्ट्री की 50 सबसे प्रभावशाली महिलाओं की सूची में भी शामिल रही हैं।

जहां वह अपनी निजी जिंदगी को निजी ही रखती हैं, वहीं उनके प्रोफेशनल उपलब्धियांं बहुत कुछ कहती हैं। कई युवा पत्रकारों और उद्यमियों के लिए शिरीन भान ईमानदारी, उत्कृष्टता और नवाचारपूर्ण कहानी कहने की मिसाल हैं।

उनके जन्मदिन पर, इंडस्ट्री न केवल उनके बिजनेस न्यूज में लंबे सफर का जश्न मना रहा है बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था, बाजारों और उद्यमशीलता पर बातचीत को आकार देने में उनकी भूमिका का भी सम्मान कर रहा है। 

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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रेस स्वतंत्रता की सुरक्षा व्यवस्था का किया बचाव

सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने हाल ही में देश में प्रेस स्वतंत्रता की रक्षा के लिए मौजूद कानूनी और संस्थागत ढांचे का बचाव किया है।

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Published - Wednesday, 20 August, 2025
Last Modified:
Wednesday, 20 August, 2025
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सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने हाल ही में देश में प्रेस स्वतंत्रता की रक्षा के लिए मौजूद कानूनी और संस्थागत ढांचे का बचाव किया है। यह स्पष्टीकरण राज्यसभा में उस सवाल के जवाब में दिया गया, जिसमें भारत की घटती प्रेस स्वतंत्रता रैंकिंग और पत्रकारों पर हमलों की रिपोर्टों को लेकर सवाल उठाया गया था।

सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने सांसद मनोज कुमार झा के लिखित प्रश्न के उत्तर में कहा कि भारत में “जीवंत प्रेस और मीडिया इकोसिस्टम” मौजूद है, जिसमें करीब 1,45,000 पंजीकृत प्रकाशन और हजारों डिजिटल समाचार माध्यम शामिल हैं, जिनमें प्रिंट, ऑनलाइन और प्रसारण प्लेटफॉर्म भी आते हैं।

डॉ. मुरुगन ने यह भी रेखांकित किया कि भारत का संविधान अभिव्यक्ति और वाक् स्वतंत्रता की गारंटी देता है।

इसके साथ ही उन्होंने उन कई तंत्रों का भी उल्लेख किया जो मीडिया स्वतंत्रता को समर्थन देने के लिए बनाए गए हैं।

यह बयान उस समय आया है जब भारत में पत्रकारों की सुरक्षा और मीडिया की स्वायत्तता को लेकर बहस लगातार जारी है। विभिन्न वकालती संगठनों ने कानूनी उत्पीड़न और रिपोर्टिंग पर बढ़ती पाबंदियों को लेकर चिंता जताई है। 

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