MX प्लेयर, हॉटस्टार और प्राइम वीडियो जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स से जुड़े मौजूदा कानूनी प्रारूप में बदलाव के लिए ट्राई (TRAI) ने सोमवार को एक परामर्श पत्र जारी किया
नेटफ्लिक्स, MX प्लेयर, हॉटस्टार और प्राइम वीडियो जैसे एंटरटेनमेंट ओटीटी प्लेटफॉर्म्स से जुड़े मौजूदा कानूनी प्रारूप में बदलाव के लिए ट्राई (TRAI) ने सोमवार को एक परामर्श पत्र जारी किया।
ट्राई ने कहा कि मौजूदा दौर में सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, प्रसारण एवं अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़ी प्रौद्योगिकियों के सम्मिलन को संभव बनाने के लिए मौजूदा नियमों में बदलाव करने की जरूरत है। ट्राई ने इसके अतिरिक्त इन नियमों से जुड़ी जटिलताओं को भी दूर करने पर भी ध्यान देने की बात कही।
नियामक ने इन बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए इच्छुक संस्थाओं से परामर्श पत्र पर 27 फरवरी तक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। ट्राई के मुताबिक, प्रसारण क्षेत्र में सामग्री का नियमन ओटीटी मंचों के आगमन से काफी जटिल हो गया है। इसके साथ ही ओटीटी मंचों की लोकप्रियता बढ़ने से सामग्री नियमन के नीतिगत क्षेत्र में कई खमियां भी पैदा हो गई हैं।
हालांकि सरकार ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित की जा रही सामग्री को सूचना-प्रसारण मंत्रालय के तहत लेकर आई है लेकिन मौजूदा व्यवस्था में इस सामग्री का नियमन सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 एवं अन्य कानूनों के ही तहत होता है।
'हिन्दुस्तान' अखबार के नोएडा मुख्यालय में कार्यरत दो समाचार संपादकों ने अलविदा बोल दिया है। इनमें दिल्ली-एनसीआर के न्यूज एडिटर पंकज विशेष और स्पोर्ट्स एडिटर संजीव सिंह शामिल हैं।
'हिन्दुस्तान' अखबार के नोएडा मुख्यालय में कार्यरत दो समाचार संपादकों ने अलविदा बोल दिया है। इनमें दिल्ली-एनसीआर के न्यूज एडिटर पंकज विशेष और स्पोर्ट्स एडिटर संजीव सिंह शामिल हैं। खास बात यह है कि यह दोनों बड़े नाम 'उत्तर प्रदेश टाइम्स' से जुड़ गए हैं। यूपी टाइम्स उत्तर प्रदेश की खबरों को फोकस करते हुए नया डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च होने वाला है, जिसके लिए पिछले दिनों बड़े पैमाने पर भर्तियां की गई हैं।
पंकज विशेष पिछले 18 वर्षों से हिन्दुस्तान अखबार में उत्तराखंड, बरेली और प्रयागराज जैसी यूनिटों में काम कर चुके हैं। फिलहाल वह पिछले 5 वर्षों से नोएडा यूनिट में दिल्ली-एनसीआर के समाचार संपादक थे। संजीव सिंह करीब 12 वर्षों से हिन्दुस्तान अखबार में स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट संभाल रहे थे। अब यह दोनों लोग उत्तर प्रदेश टाइम्स को लीड करेंगे। नवोदित वेंचर के लिए यह बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले दिनों में अलग-अलग मीडिया हाउस से कई और बड़े नाम अलविदा करके उत्तर प्रदेश टाइम्स के साथ जुड़ेंगे।
उत्तर प्रदेश टाइम से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य के सभी 75 ज़िलों में संवाददाता नियुक्त किए जा रहे हैं। नोएडा में मुख्यालय और लखनऊ में ब्यूरो कार्यालय खोला गया है। करीब 120 लोगों की टीम इस नए मीडिया वेंचर में काम करेगी। यह डिजिटल न्यूज पोर्टल पूरी तरह हिन्दी पट्टी की खबरों पर फोकस करेगा। मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश की हर छोटी-बड़ी घटना पर नजर रहेगी। उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों की बड़ी खबरों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
डॉ. दिग्विजय सिंह अपने 22 वर्षों के लंबे करियर में ‘आजतक’, ‘स्टार न्यूज’, ‘आईबीएन7’, ‘जी न्यूज’, ‘न्यूज नेशन’ और ‘इंडिया टीवी’ जैसे चैनलों में अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं।
'जनसत्ता' में डिजिटल की वीडियो टीम को लीड कर रहे वरिष्ठ पत्रकार डॉ. दिग्विजय सिंह ने यहां से विदाई ले ली है। चार दिसंबर को उनका यहां आखिरी दिन था।
डॉ. दिग्विजय सिंह 'जनसत्ता' में सीनियर असिसटेंट एडिटर के तौर पर करीब सवा तीन साल से कार्यरत थे। हालांकि वह अपनी नई पारी कहां से शुरू कर रहे हैं, इसकी जानकारी भी जल्द दी जाएगी।
इससे पहले डॉ. दिग्विजय सिंह बतौर संपादक ‘हिंदी खबर’ चैनल का संचालन कर चुके हैं। वर्ष 2001 में पत्रकारिता की पारी शुरू करने वाले डॉ. दिग्विजय सिंह अपने 22 वर्षों के लंबे करियर में ‘आजतक’, ‘स्टार न्यूज’, ‘आईबीएन7’, ‘जी न्यूज’, ‘न्यूज नेशन’ और ‘इंडिया टीवी’ जैसे चैनलों में अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। वह ‘दैनिक भास्कर’ ग्रुप की रेडियो डिवीजन ‘माई एफएम’ के लिए भी बतौर स्क्रिप्ट राइटर काम कर चुके हैं।
इसके अलावा उन्होंने ‘सोनी टीवी’ के शो प्रायश्चित, अदालत और ‘इमेजिन टीवी’ के चर्चित शो राखी का इंसाफ की क्रिएटिव टीम का नेतृत्व किया है। पत्रकार होने के साथ साथ डॉ. दिग्विजय सिंह कविता और कहानियों का लेखन भी करते हैं।
तपन दिसंबर 2022 में रिपब्लिक में शामिल हुए थे और तब से संगठन में डिजिटल बिजनेस इनिशिएटिव्स का नेतृत्व कर रहे हैं।
रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क (Republic Media Network) ने अपने डिजिटल बिजनेस के लिए तपन शर्मा को चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर नियुक्त किया है। तपन दिसंबर 2022 में रिपब्लिक में शामिल हुए थे और तब से संगठन में डिजिटल बिजनेस इनिशिएटिव्स का नेतृत्व कर रहे हैं।
उन्होंने इन-हाउस टेक्नोलॉजी स्थापित करने, कंपनी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बदलने और रिपब्लिक वर्ल्ड में डिजिटल न्यूज प्रॉडक्ट के निर्माण में और लॉन्च के दौरान डिजिटल बिजनेस प्रक्रियाओं को फिर से परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस खास मौके पर तपन ने कहा कि पिछले वर्ष हमने एक अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी विकसित की, जो हमारे कंज्यूमर डिजिटल न्यूज प्रॉडक्ट को वर्तमान और भविष्य में शक्ति प्रदान करेगा। हमने अपने डिजिटल बिजनेस के केंद्र में ऑटोमेशन और प्रॉडक्ट इनोवेशन को रखा है और हम अपने दर्शकों और यूजर्स को बेहतर डिजिटल न्यूज अनुभव देने के लिए लगातार नए युग की प्रौद्योगिकियों को अपना रहे हैं। अपने प्रमोशन को लेकर तपन कहते हैं कि हमने उन ऐडवर्टाइजर्स को अपने साथ जोड़ने में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जो विभिन्न प्लेटफॉर्म्स और भौगोलिक क्षेत्रों में डिजिटल न्यूज व्यूअर्स को लक्षित करना चाहते हैं।
रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ अरनब गोस्वामी कहते हैं कि तपन ने ग्रुप के बिजनेस व कल्चर में अत्यधिक योगदान दिया है, हम उन्हें उच्च जिम्मेदारियां संभालने और उनके द्वारा ग्रुप के डिजिटल बिजनेस को अगले स्तर पर ले जाने के लिए उत्साहित हैं।
तपन ने यह भी साझा किया कि रिपब्लिक के पास अत्यधिक महत्वाकांक्षी डिजिटल योजनाएं हैं और वह जल्द ही कई और भारतीय भाषाओं मे केवल डिजिटल न्यूज चैनल्स में एंट्री करेगा।
नलिन मेहता को मनीकंट्रोल का मैनेजिंग एडिटर बनाया गया है। वह पिछले एक साल से नेटवर्क18 के ग्रुप में कंसल्टिंग एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं
नलिन मेहता को मनीकंट्रोल का मैनेजिंग एडिटर बनाया गया है। वह पिछले एक साल से नेटवर्क18 के ग्रुप में कंसल्टिंग एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं।
उन्होंने पहले टाइम्स ऑफ इंडिया (ऑनलाइन), मैनेजिंग एडिटर, इंडिया टुडे (अंग्रेजी टीवी चैनल) और कंसल्टिंग एडिटर, 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' में एग्जिक्यूटिव एडिटर जैसी नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाई हैं।
मनीकंट्रोल से पहले, नलिन UPES यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मॉडर्न मीडिया के डीन व प्रोफेसर थे, जहां उन्होंने डिजिटल पत्रकारिता पर पाठ्यक्रमों की अवधारणा और संचालन किया था।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और जिनेवा, स्विट्जरलैंड में ग्लोबल फंड जैसे अंतरराष्ट्रीय फाइनेंसिंग इंस्टीट्यूशंस के साथ भी काम किया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड और भारत के विभिन्न यूनिवर्सिटीज और इंस्टीट्यूशंस में पढ़ाया और रिसर्च पदों पर कार्य किया है।
वह नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज में नॉन-रेजिडेंट सीनियर फेलो हैं।
वे एक सोशल साइंटिस्ट और राइटर भी हैं। उनकी किताब Behind a Billion Screens: What Television Tells Us About Modern India' (HarperCollins, 2015) को टाटा लिटरेरी लाइव (Tata Literary Live) द्वारा ‘बिजनेस बुक ऑफ द ईयर’ खिताब से नवाजा गया था और 2009 में टेलीविजन के लिए उन्होंने एशियन पब्लिशिंग अवॉर्ड जीता था। उनकी को-ऑथर बुक ‘ड्रीम्स ऑफ अ बिलियन’ (Dreams of a Billion) एक नेशनल बेस्टसेलर बुक रही है।
प्रशांत झा इससे पहले करीब पौने दो साल से ‘Brut India’ में मैनेजिंग एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत झा ने ‘लोकमत मीडिया ग्रुप’ के साथ मीडिया में अपने नए सफर का आगाज किया है। उन्होंने इस समूह की डिजिटल विंग में बतौर एडिटर (हिंदी) जॉइन किया है।
प्रशांत झा इससे पहले करीब पौने दो साल से ‘Brut India’ में मैनेजिंग एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। प्रशांत झा को तमाम प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम करने का करीब दो दशक का अनुभव है।
पूर्व में वह ‘प्रभात खबर’ (Prabhat Khabar) में रेजिडेंट एडिटर, ‘जनसत्ता’ (Jansatta) में असिस्टेंट एडिटर और ‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) की डिजिटल टीम में न्यूज एडिटर के तौर पर अपनी पारी खेल चुके हैं।
प्रशांत झा पूर्व में ‘हिन्दुस्तान मीडिया लिमिटेड’ (HT Media Ltd) में साढ़े चार साल से ज्यादा समय तक अपनी जिम्मेदारी निभाने के अलावा ‘नेटवर्क18’ (Network18) समूह और ‘अमर उजाला’ (Amar Ujala) का हिस्सा भी रहे हैं।
मूल रूप से दरभंगा (बिहार) के रहने वाले प्रशांत झा ने ‘जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट’ (JIM) लखनऊ से पढ़ाई की है। समाचार4मीडिया की ओर से प्रशांत झा को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
पत्रकार अखिलेश श्रीवास्तव ने ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) के साथ मीडिया में अपनी नई पारी का आगाज किया है। यहां उन्होंने ‘नवभारत टाइम्स’ (डिजिटल) में बतौर एडिटर जॉइन किया है।
पत्रकार अखिलेश श्रीवास्तव ने ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) के साथ मीडिया में अपनी नई पारी का आगाज किया है। यहां उन्होंने ‘नवभारत टाइम्स’ (डिजिटल) में बतौर एडिटर जॉइन किया है।
इससे पहले अखिलेश श्रीवास्तव आठ भाषाओं में न्यूज कंटेंट उपलब्ध कराने वाले वेब पोर्टल ‘वनइंडिया’ (www.oneindia.com) हिंदी में वर्ष 2016 से एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। ‘वनइंडिया’ से पहले वह करीब तीन साल तक ‘अमर उजाला’ की डिजिटल टीम में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
मूल रूप से ललितपुर (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले अखिलेश श्रीवास्तव को प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का दो दशक से ज्यादा का अनुभव है। अखिलेश ने मध्यप्रदेश के सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातक और स्नातकोत्तर किया है।
करियर की शुरुआत उन्होंने वर्ष 2000 में ‘दैनिक भास्कर‘, भोपाल से की। ‘दैनिक भास्कर‘ की करीब चार साल की पारी में उन्होंने भोपाल, इंदौर और जयपुर संस्करणों में फ्रंट पेज पर काम किया। भोपाल में एन.के. सिंह, इंदौर में श्रवण गर्ग और कल्पेश याग्निक, जयपुर में बाबूलाल शर्मा, देवप्रिय अवस्थी और यशवंत व्यास के नेतृत्व में काम किया।
वर्ष 2004 में वह ‘दैनिक भास्कर‘ जयपुर से ‘सहारा समय‘, नोएडा आ गए और जाने-माने पत्रकार मुकेश कुमार की टीम में शामिल हो गए। टेलिविजन में विभिन्न भूमिकाओं में यहां उन्होंने करीब साढ़े आठ साल की लंबी पारी खेली। प्रिंट में दूसरी पारी के तौर पर उन्होंने दिल्ली में ‘दैनिक भास्कर‘ में रोहित सरन की टीम में काम किया।
समाचार4मीडिया की ओर से अखिलेश श्रीवास्तव को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
इससे पहले गौरव जैन ShareChat और Moj में हेड (Emerging Business) के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘शेयरचैट’ (ShareChat) ने गौरव जैन को प्रमोशन का तोहफा देते हुए उन्हें अब चीफ बिजनेस ऑफिसर (Chief Business Officer) के पद पर नियुक्त किया है।
गौरव जैन अभी तक ShareChat और Moj में हेड (Emerging Business) के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।
इससे पहले गौरव जैन ‘Snap Inc’ में हेड (APAC Business Expansion) के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। इसके अलावा पूर्व में वह गूगल के एशिया पैसिफिक एजेंसी बिजनेस और मेटा इंडिया के मिड मार्केट बिजनेस में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
उन्होंने पिछले साल जून में ही यहां जॉइन किया था। इससे पहले वह स्ट्रीमिंग सर्विस प्लेटफॉर्म ‘डिज्नी+हॉटस्टार’ में अपनी भूमिका निभा रहे थे।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘शेयरचैट’ (ShareChat) में चीफ रेवेन्यू ऑफिसर उदित शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उदित शर्मा पिछले साल जून में देश की सबसे बड़ी घरेलू सोशल मीडिया कंपनी ‘शेयरचैट’ (मोहल्ला टेक प्राइवेट लिमिटेड) में शामिल हुए थे।
इससे पहले वह ‘डिज्नी स्टार‘ के स्वामित्व वाले स्ट्रीमिंग सर्विस प्लेटफॉर्म ‘डिज्नी+हॉटस्टार’ (Disney+Hotstar) से पांच साल से ज्यादा समय से जुड़े हुए थे और बतौर हेड (ऐड सेल्स) अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
उदित शर्मा पूर्व में मीडिया, मोबाइल पेमेंट्स/फिनटेक और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में काम कर चुके हैं।
‘डिज्नी+हॉटस्टार’ (Disney+ Hotstar) से पहले वह ’फ्रीचार्ज’ (Freecharge), ’जोमैटो’ (Zomato), ’ऑक्सीजन सर्विसेज’ (Oxigen Services) और ’सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स’ (Samsung Electronics) आदि में अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
वह यहां एग्जिक्यूटिव एडिटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत थे। दयाशंकर मिश्र इस समय राहुल गांधी पर केंद्रित किताब को लेकर चर्चा में हैं। दयाशंकर मिश्र की किताब का विमोचन दिसंबर में होना है।
वरिष्ठ डिजिटल पत्रकार दयाशंकर मिश्र को लेकर खबर है कि उन्होंने नेटवर्क18 मैनेजमेंट को अपना इस्तीफा दे दिया है। वह यहां एग्जिक्यूटिव एडिटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत थे। साढ़े चार साल से भी ज्यादा समय तक 'नेटवर्क18' के साथ बने रहे वरिष्ठ पत्रकार दयाशंकर मिश्र इससे पहले जी समूह के डिजिटल विंग के एडिटर (लैंग्वेजेस) थे। जी समूह के साथ उनका करीब दो साल का सफर रहा। वे वहां जी न्यूज के हिंदी डिजिटल संस्करण के साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओं के विस्तार में भी अहम भूमिका निभा रहे थे।
आपको यह भी बता दें कि इस समय दयाशंकर मिश्र, राहुल गांधी पर केंद्रित किताब को लेकर चर्चा में हैं। दयाशंकर मिश्र की किताब का विमोचन दिसंबर में होना है।
'जी' समूह से पहले वह एनडीटीवी समूह की हिंदी वेबसाइट से बतौर संपादक जुड़े रह चुके हैं। दयाशंकर मिश्र ने 2016 में 'एनडीटीवी' में रहते हुए सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान युद्ध के विरुद्ध श्रृंखला शुरू की थी, जिसे शिक्षाविदों, समाजशास्त्रियों और आलोचकों ने काफी सराहा था ।
दयाशंकर मिश्र की छवि एक डिजिटल जर्नलिस्ट की है, जो इंडस्ट्री में अलग-अलग ब्रैन्ड की लॉन्चिंग और रिलॉन्चिंग में अहम भूमिकाएं निभा चुके हैं।
दयाशंकर एनडीटीवी से जुड़ने से पहले नेटवर्क18 ग्रुप की हाइपर लोकल हिंदी वेबसाइट News 18 के रीलॉन्च, विस्तार में अहम भूमिका निभा चुके हैं। वे Network 18 से जुड़ने से पहले दैनिक भास्कर, अमर उजाला, राजस्थान पत्रिका और दैनिक भास्कर.कॉम (Dainik Bhaskar.com) में भी शीर्ष भूमिकाओं का निर्वहन कर चुके हैं।
Dainik Bhaskar.com के साथ उन्होंने 2012 में पहली बार प्रिंट मीडिया के साथ डिजिटल मीडिया के इंटीग्रेशन के आधार पर हाइपरलोकल मॉडल के माध्यम से खबरों के रियलटाइम कवरेज में ‘नेशनल हाइपरलोकल हेड’ की महत्वमपूर्ण भूमिका अदा की थी। उन्होंने ‘दिव्य भास्कर डॉट काम’ की लॉन्चिंग और अहमदाबाद, राजकोट, सूरत और वड़ोदरा में हाइपरलोकल मॉडल पर खबरों की रियलटाइम कवरेज की शुरुआत करवाई।
पत्रकारिता में अपने करीब ढाई दशकों के अनुभव के साथ वह मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और जम्मूर-कश्मीर में काम कर चुके हैं। उनकी रुचि अध्ययन, यात्रा और संवाद में है। साथ ही मिश्र को सामाजिक, विकास पत्रकारिता के प्रति उनके योगदान के लिए जाना जाता है। दयाशंकर मिश्र को 2008 में मैला ढोने वाले समाजों पर उनके शोध, अध्ययन के लिए यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड की ओर पुरस्कृत किया जा चुका है। इसके साथ ही उन्हें 2009 में एनएफआई, दिल्ली की ओर से भी इसी विषय पर फेलोशिप मिल चुकी है।
सरकार ने डीपफेक से होने वाले 'गंभीर जोखिम' पर चर्चा के लिए 24 नवंबर को गूगल, फेसबुक, यू-ट्यूब समेत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को बुलाया है।
डीपफेक के बढ़ते मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इससे निपटने के लिए सरकार अलर्ट मोड पर है। सरकार ने डीपफेक से होने वाले 'गंभीर जोखिम' पर चर्चा के लिए 24 नवंबर को गूगल, फेसबुक, यू-ट्यूब समेत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को बुलाया है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के प्रमुखों के साथ 24 नवंबर को चर्चा की जाएगी। इंडिया टुडे से बातचीत में केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर से यह जानकारी दी है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि आईटी में नियम 31बी के तहत 11 मुद्दे ऐसे हैं जिन्हें प्लेटफॉर्म अपने यहां शेयर नहीं कर सकते हैं। उदाहरण के लिए- बाल यौन शोषण सामग्री, इनसाइटफुल कंटेंट, पेटेंट उल्लंघन, हिंसात्मक सामग्री। इसके केंद्र में 31 बी पांच नियम है। इसमें कहा गया है कि गलत सूचना, स्पष्ट रूप से झूठी जानकारी अपने प्लेटफॉर्म पर नहीं ले जा सकते हैं, यदि वे अपने प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना या डीप फेक लाते हैं तो उन पर इस अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है, क्योंकि जो सुरक्षा है, जो इम्युनिटी है, वो खत्म हो जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि यदि किसी भी प्लेटफॉर्म पर कोई डीपफेक है, चाहे वो मैसेंजर प्लेटफॉर्म हो या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म... सूचना मिलने के 36 घंटे के भीतर यदि वे अपने प्लेटफॉर्म से ऐसा कंटेंट नहीं हटाते हैं तो उन्हें अदालत में ले जाया जा सकता है। उस पर आईपीसी और आईटी एक्ट के तहत आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकता है।
सरकार को डीपफेक के खतरे का एहसास है। पीएम ने शुक्रवार को कहा था कि हमारे जैसे विविधतापूर्ण समाज में ‘डीपफेक’ एक बड़ा संकट पैदा कर सकता है। समाज में असंतोष की आग भी भड़का सकता है। कारण है कि लोग मीडिया से जुड़ी किसी भी चीज पर उसी तरह भरोसा करते हैं जैसे आम तौर पर गेरुआ वस्त्र पहने व्यक्ति को सम्मान दिया जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि डीपफेक के कारण एक नया संकट उभर रहा है। समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग है जिसके पास समानांतर सत्यापन प्रणाली नहीं है।
जानिए, क्या होता है डीपफेक
अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस मसले ने सबका ध्यान खींचा, जिसके बाद अब हर तरफ डीपफेक की चर्चा होने लगी है।
वीडियो में किसी व्यक्ति के चेहरे या शरीर को डिजिटल रूप से बदलने की तकनीक को डीपफेक कहते हैं। मशीन लर्निंग और एआई से बने ये वीडियो किसी को भी आसानी से धोखा दे सकते हैं। डीपफेक टर्म को डीप लर्निंग से लिया गया है। यह टेक्नोलॉजी मशीन लर्निंग का हिस्सा है। इस तरह के वीडियो नकली होती है। इसमें कई फेक कंटेंट को असली कंटेंट की तरह दिखाया जाता है।