मूल रूप से जनपद बस्ती (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले शोएब सलमानी ने मीडिया में अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2021 में JK24X7 से की थी।
युवा पत्रकार शोएब सलमानी ने 'जी न्यूज' (Zee News) जॉइन कर लिया है। शोएब सलमानी इससे पहले 'द क्विंट' (The Quint) में बतौर मल्टीमिडिया प्रड्यूसर अपनी सेवाएं दे रहें थे।
'समाचार4मीडिया' से बातचीत में शोएब सलमानी ने बताया कि उन्होंने 'द क्विंट' में 2 जुलाई 2024 को इस्तीफा दे दिया था, इसके बाद वह 'जी न्यूज' में सोशल मीडिया एग्जिक्यूटिव के तौर पर जुड़ गए हैं।
मूल रूप से जनपद बस्ती (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले शोएब सलमानी ने मीडिया में अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2021 में JK24X7 से की थी। यहां बतौर असिसटेंट प्रड्यूसर अपनी सेवाएं देने के बाद वह 'इनशॉर्ट्स' (Inshort) की टीम का हिस्स बन गए। यहां उन्होंने कम्युनिटी सपोर्ट स्पेशलिस्ट (Community Support Specialist) के पद पर काम किया।
'इनशॉर्ट्स' से इस्तीफा देने के बाद शोएब सलमानी ने 'गुलिस्तान टीवी नेटवर्क' (Gulistan TV Network) में डिजिटल एंकर कम कंटेंट राइटर के रूप में काम किया, जहां वह एक साल तक रहे।
'गुलिस्तान टीवी नेटवर्क' को छोड़ने के बाद शोएब सलमानी ने 'द क्विंट' में बतौर मल्टीमिडिया प्रड्यूसर के पद पर काम शुरू किया, यहां उन्होंने अपना पहला लोकसभा चुनाव 2024 कवर किया।
इसे शुरू में दिल्ली के एक इंजीनियर द्वारा रजिस्टर्ड कराया गया था और बाद में दुबई में रहने वाले दो भाई-बहनों ने इसे हासिल कर लिया। इसके बाद उन्होंने अब इसे ‘वायकॉम18’ को दे दिया है।
कई महीनों के कानूनी और व्यावसायिक विवादों के बाद रिलायंस के स्वामित्व वाली ‘वायकॉम18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड’ (Viacom18 Media Pvt Ltd) ने आखिरकार जियो हॉटस्टार वेबसाइट (jiohotstar.com) डोमेन हासिल कर लिया है। यह डोमेन देश की दो बड़ी एंटरटेनमेंट और टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो और डिज्नी+हॉटस्टार की मर्जर ब्रैंडिंग से जुड़ा हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अपडेटेड WHOIS रिकॉर्ड्स ने पुष्टि की है कि अब कानूनी रूप से इस डोमेन का स्वामित्व अब रिलायंस के पास है। दरअसल, WHOIS, डोमेन नाम, उसके रजिस्ट्रार और रजिस्ट्रार की जानकारी को संग्रहीत करने वाला रिकॉर्ड होता है। बताया जा रहा है कि यह डोमेन ‘वायकॉम18’ के सीनियर डायरेक्टर मनीष पैनुली (Manish Painuly) के नाम पर रजिस्टर्ड है।
बता दें कि रिलायंस जियो और डिज्नी+हॉटस्टार का संयोजन करने वाला यह डोमेन स्वामित्व को लेकर तमाम विवादों का सामना कर चुका है। इसे शुरू में दिल्ली के एक इंजीनियर द्वारा रजिस्टर्ड कराया गया था और बाद में दुबई में रहने वाले दो भाई-बहनों ने इसे हासिल कर लिया।
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, उस इंजीनियर ने शुरुआत में इस डोमेन के बदले अपनी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता की मांग की थी, जिसे रिलायंस ने कथित तौर पर ठुकरा दिया। बाद में यह डोमेन दुबई के भाई-बहनों को ट्रांसफर कर दिया गया। रिपोर्ट्स की मानें तो इन भाई-बहनों ने पिछले महीने यह डोमेन रिलायंस की कानूनी टीम को बिना किसी शुल्क के सौंप दिया है।
गौरतलब है कि न्यूज ऐप के सेक्टर में सुधीर झा को अच्छा खासा अनुभव है और इससे पहले न्यूज ऐप ‘इनशॉर्ट्स’ के ग्रोथ में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।
न्यूज ऐप ‘डेलीहंट’ की पैरंट कंपनी वर्से इनोवेशन से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। वहां पिछले करीब तीन साल से अहम जिम्मेदारी संभाल रहे पत्रकार सुधीर झा ने अपनी पारी को विराम देते हए मैनेजमेंट को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। सुधीर झा ने यहां नॉर्थ इंडिया मैनेजर के पद पर जॉइन किया था और पिछले तीन वर्षों से अलग-अलग भूमिका निभाईं।
गौरतलब है कि न्यूज ऐप के सेक्टर में सुधीर झा को अच्छा खासा अनुभव है और इससे पहले न्यूज ऐप ‘इनशॉर्ट्स’ के ग्रोथ में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।
समाचार4मीडिया से बात करते हुए सुधीर झा ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की है। हालांकि, आगे की योजना का खुलासा उन्होंने अभी नहीं किया है। उन्होंने बताया कि वह अगले कुछ हफ्तों तक नोटिस पीरियड पर रहते हुए पहले की तरह ही अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते रहेंगे और यहां से कार्यमुक्त होने के बाद ही आगे की योजना के बारे में सोचेंगे।
डेलीहंट ग्रुप जॉइन करने से पहले सुधीर मैगनॉन ग्रुप में हिंदी टीम लीड के पद पर कार्यरत थे, जहां उन्होंने करीब तीन साल तक गूगल प्रोजेक्ट्स के लिए अपनी सेवाएं दी थी।
आपको बता दें कि लोकलाइजेशन सेक्टर में कुछ समय बिताने से पहले सुधीर न्यूज ऐप ‘इनशॉर्ट्स’ (Inshorts) में बतौर एसोसिएट एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे, जहां वह करीब तीन साल तक रहे थे।
सुधीर ने ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (आईआईएमसी) से वर्ष 2014-15 में रेडियो एवं टेलिविजन विभाग से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। पत्रकारिता के क्षेत्र में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ‘नेटवर्क18’ से की थी, वहां वह तत्कालीन हिंदी न्यूज चैनल IBN7 (अब News18 India) की डिजिटल विंग में सोशल मीडिया और पॉलिटिक्स सेक्शन संभालते थे।
पाणिनि आनंद ने पिछले साल मार्च में यहां जॉइन किया था। इससे पहले वह बतौर एग्जिक्यूटिव एडिटर ‘आजतक’ (डिजिटल) में अपनी भूमिका निभा रहे थे।
वरिष्ठ पत्रकार पाणिनि आनंद ने ‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। उन्होंने पिछले साल मार्च में ‘टीवी9 भारतवर्ष’ (डिजिटल) में ग्रुप एडिटर के रूप में जॉइन किया था। अपनी इस भूमिका में वह यहां डिजिटल से जुड़े समस्त कार्यों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
पाणिनि आनंद ने इस्तीफा क्यों दिया और उनका अगला कदम क्या होगा, फिलहाल यह जानकारी नहीं मिल सकी है।
बता दें कि पाणिनि आनंद इससे पहले ‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह में कार्यरत थे। यहां वह बतौर एग्जिक्यूटिव एडिटर ‘आजतक’ (डिजिटल) में अपनी भूमिका निभा रहे थे। पाणिनि आनंद इस समूह के साथ करीब सात साल से जुड़े हुए थे। उन्होंने यहां पर बतौर डिप्टी एडिटर (डिजिटल) जॉइन किया था। बाद में संस्थान ने उन्हें प्रमोशन का तोहफा देते हुए एग्जिक्यूटिव एडिटर के पद पर प्रमोट किया था।
‘इंडिया टुडे’ समूह से पहले पाणिनि ‘कैच न्यूज’ के साथ बतौर सीनियर असिसटेंट एडिटर जुड़े हुए थे। यहां वह राज्यसभा टीवी से पहुंचे थे। राज्यसभा टीवी में वह न्यू मीडिया डिपार्टमेंट के हेड थे।
तमाम विषयों पर लिखने में माहिर पाणिनि आनंद मूल तौर पर रायबरेली के हैं। करीब दो दशक से सक्रिय पत्रकारिता कर रहे पाणिनि आनंद ने अपने करियर की शुरुआत ‘बीबीसी’ जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से शुरू की थी। दिल्ली स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेश (IIMC) से पत्रकारिता की पढ़ाई करने के दौरान भी वह ‘नवभारत टाइम्स’, ‘हिन्दुस्तान’ और ‘जनसत्ता’ समेत कई अखबारों के लिए लिखते थे।
‘बीबीसी’ से जुड़ने से पहले 2002-2004 तक उन्होंने दो टैब्लॉयड के संपादन का कार्य भी किया और 2004-2006 तक वे बीबीसी में बतौर कंट्रीब्यूटर जुड़े और उसके बाद 2006-2010 तक वह बीबीसी हिंदी में बतौर कॉरेस्पॉन्डेंट/प्रड्यूसर के तौर पर कार्यरत रहे थे।
यहां करीब 6 साल काम करने के बाद वह तत्कालीन बीबीसी हेड संजीव श्रीवास्तव के साथ 2010 में सहारा मीडिया से जुड़े। यहां वह सहारा की वेब डिवीजन के एडिटोरियल हेड रहे। यहां एक साल काम करने के बाद वह 2011 में यहां से रुखसत हुए। 2011 में उन्हें सीएसडीएस की फेलोशिप मिली। उसके बाद 2012 में उन्होंने बतौर प्रिंसिपल कॉरेस्पॉन्डेंट आउटलुक (अंग्रेजी) मैगजीन के साथ अपनी पारी आगे बढ़ाई।
वैसे पाणिनि आनंद डॉक्यूमेंट्री मेकिंग से भी जुड़े रहे हैं। साथ ही वे एक कवि, ब्लॉगर और थिएटर आर्टिस्ट के तौर पर भी समय-समय पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहते हैं।
राजेश त्रिपाठी इससे पहले तमाम लोकप्रिय टीवी शो में बतौर प्रड्यूसर अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
'अतरंगी' (Atrangii) ऐप ने राजेश त्रिपाठी को अपने नए हेड ऑफ कंटेंट के रूप में नियुक्त किया है।
'अतरंगी' जॉइन करने से पहले राजेश ने ‘सावधान इंडिया’, ‘मौका-ए-वारदात’, ‘कच्चा पापड़ पक्का पापड़’, ‘नागवधू- एक जहरीली कहानी’ और ‘क्राइम एंड कन्फेशन सीजन-3’ जैसे लोकप्रिय टीवी शो में बतौर प्रड्यूसर काम किया है। इसके अलावा उन्होंने ‘स्टार टीवी’ (Star TV) जैसे प्रमुख एंटरटेनमेंट चैनलों के लिए स्क्रिप्ट कंसल्टेंट और शो रनर के रूप में भी काम किया है।
इस नियुक्ति के बारे में ‘अतरंगी’ ऐप के फाउंडर और सीईओ विभु अग्रवाल का कहना है, ‘राजेश त्रिपाठी की नियुक्ति हमारी कंटेंट उत्कृष्टता को फिर से परिभाषित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनका अनुभव, क्रिएटिविटी और लीडरशिप हमारे विजन को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे।’
वहीं, राजेश त्रिपाठी का कहना है, ‘मैं अतरंगी परिवार का हिस्सा बनने के लिए बेहद उत्साहित हूं और उन लोगों के साथ काम करने का इंतजार कर रहा हूं, जो अनोखी और प्रभावशाली स्टोरीज तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मेरे लिए स्टोरीटैलिंग एक कनेक्शन बनाने के समान है और अतरंगी का विजन मेरे इस जुनून से पूरी तरह मेल खाता है। मैं इस सफर के दौरान क्रिएटिविटी और ऐसा कंटेंट तैयार करने की उम्मीद करता हूं जो न केवल मनोरंजन करे, बल्कि दर्शकों के दिल-दिमाग में स्थायी प्रभाव छोड़े।’
एसएन शर्मा को ‘Fastway Transmission Private Limited’ के सीईओ पीयूष महाजन की जगह नियुक्त किया गया है, जिन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस पद से इस्तीफा दे दिया था।
डिजिटल केबल टेलीविजन ऑपरेटर्स की शीर्ष संस्था ‘ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन’ (AIDCF) ने केबल टीवी और ब्रॉडबैंड सर्विस देने वाली कंपनी ‘डेन नेटवर्क्स’ (Den Networks) के सीईओ एसएन शर्मा को अपना नया प्रेजिडेंट नियुक्त किया है।
वह मई 2024 से ‘AIDCF’ में कार्यवाहक प्रेजिडेंट के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। एसएन शर्मा को ‘Fastway Transmission Private Limited’ के सीईओ पीयूष महाजन की जगह नियुक्त किया गया है, जिन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस पद से इस्तीफा दे दिया था।
इस नियुक्ति के बारे में एसएन शर्मा का कहना है, ‘मैं पीयूष महाजन का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव किए, जिससे केबल टीवी इंडस्ट्री को काफी लाभ हुआ। मैं AIDCF के सभी सदस्यों का भी आभारी हूं, जिन्होंने मुझ पर विश्वास जताया। प्रेजिडेंट के रूप में मैं फेडरेशन की पहलों को आगे बढ़ाने, उभरती चुनौतियों का समाधान करने और इंडस्ट्री में स्थायी विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।’
निर्मल जितेंद्र शाह को डिजिटल और मीडिया सेल्स के क्षेत्र में दो दशकों से भी अधिक का अनुभव है। उन्होंने पहले FanCode और SonyLIV जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स पर नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाई हैं।
जी मीडिया समूह से एक बड़ी खबर सामने आयी है। दरअसल, डिजिटल वर्टिकल Indiadotcom Digital Private Limited (IDPL) में डिजिटल के रेवेन्यू हेड (Revenue Head - Digital) के तौर पर निर्मल जितेंद्र शाह का नियुक्त किया है। निर्मल नोएडा स्थित कार्यालय से अपनी नई पारी संभालेंगे।
निर्मल जितेंद्र शाह को डिजिटल और मीडिया सेल्स के क्षेत्र में दो दशकों से भी अधिक का अनुभव है। उन्होंने पहले FanCode और SonyLIV जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स पर नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाई हैं। निर्मल को विभिन्न इंडस्ट्री में क्लाइंट रिलेशनशिप को मजबूत बनाने और नवाचार रणनीतियों को लागू करने में महारत हासिल है।
अपनी नई भूमिका में, निर्मल का मुख्य फोकस देशभर में डिजिटल संपत्तियों के लिए विज्ञापन राजस्व बढ़ाने पर होगा। उनकी नियुक्ति से जी मीडिया के डिजिटल व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की उम्मीद है।
राजस्थान सरकार ने अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अपनी उपस्थिति मजबूत करने की योजना बनाई है।
राजस्थान सरकार ने अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अपनी उपस्थिति मजबूत करने की योजना बनाई है। इस रणनीति के तहत, अब राज्य सरकार का आधिकारिक यूट्यूब चैनल 24 घंटे सक्रिय रहेगा, जो मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों और सरकारी योजनाओं की लाइव स्ट्रीमिंग और प्रचार सुनिश्चित करेगा।
10 करोड़ का टेंडर जारी
राज्य के सूचना और जनसंपर्क विभाग (DIPR) ने यूट्यूब चैनल और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को मैनेज करने के लिए 10 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है। इच्छुक एजेंसियों के लिए बिडिंग की अंतिम तिथि 27 नवंबर तय की गई है।
फॉलोअर बढ़ाने का टारगेट और जुर्माने का नियम
जिस एजेंसी को यह कार्य सौंपा जाएगा, उसे हर तीन महीने में DIPR के सोशल मीडिया हैंडल्स पर कम से कम 5% फॉलोअर बढ़ाने होंगे। यदि एजेंसी यह लक्ष्य पूरा करने में विफल रहती है, तो उसे जुर्माना भरना पड़ेगा।
204 सोशल मीडिया हैंडल्स की देखरेख
टेंडर की शर्तों के मुताबिक, चयनित एजेंसी को DIPR के 204 सोशल मीडिया हैंडल्स का प्रबंधन करना होगा। इनमें शामिल हैं:
राज्य स्तर पर: यूट्यूब चैनल, फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर) और इंस्टाग्राम के आधिकारिक अकाउंट।
जिला स्तर पर: 50 यूट्यूब चैनल्स, 50 फेसबुक अकाउंट्स, 50 एक्स हैंडल्स, 50 इंस्टाग्राम अकाउंट्स
एजेंसी का कार्य केवल अकाउंट्स को अपडेट करना नहीं होगा, बल्कि उनकी रीच, सब्सक्राइबर्स और फॉलोअर्स बढ़ाने पर भी ध्यान देना होगा।
24 घंटे ऑपरेशन और कंटेंट निर्माण
सरकार के इस नए डिजिटल प्रयास के तहत, यूट्यूब चैनल को 24 घंटे सक्रिय मोड में ऑपरेट किया जाएगा।
वीडियो और कंटेंट तैयार करना: यूट्यूब चैनल के लिए विशेष सामग्री का निर्माण।
सोशल मीडिया इंटीग्रेशन: यूट्यूब कंटेंट को फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स जैसे प्लेटफॉर्म्स पर साझा करना।
हर विधानसभा क्षेत्र में प्रतिनिधि की नियुक्ति
राज्य के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक प्रतिनिधि नियुक्त किया जाएगा। ये प्रतिनिधि:
- सरकार के कार्यक्रमों की कवरेज करेंगे।
- वीडियो सामग्री तैयार करेंगे।
- इसके अलावा, संभाग और राज्य स्तर पर भी सोशल मीडिया मैनेजमेंट के लिए अलग-अलग टीमें तैनात की जाएंगी।
मुख्यमंत्री कार्यक्रमों की लाइव स्ट्रीमिंग अनिवार्य
यूट्यूब चैनल पर मुख्यमंत्री के सभी कार्यक्रमों की लाइव स्ट्रीमिंग अनिवार्य रूप से की जाएगी। लाइव स्ट्रीमिंग की सामग्री को तुरंत सोशल मीडिया पर साझा किया जाएगा। इसके लिए एजेंसी को अलग-अलग स्तर के प्रोफेशनल्स की एक मजबूत टीम बनानी होगी।
राजस्थान सरकार का डिजिटल प्रचार: एक नया आयाम
DIPR पहले से ही राज्य और जिला स्तर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और यूट्यूब चैनल्स का संचालन कर रहा है। अब इस पहल को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए चैनलों को निरंतर अपडेट और व्यापक स्तर पर प्रचारित करने की योजना बनाई गई है।
उद्देश्य और लाभ
- योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी जनता तक तेजी से पहुंचाना।
- डिजिटल माध्यमों के जरिए जनता को सरकार की नीतियों और योजनाओं से जोड़ना।
- जनता की भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
राजस्थान सरकार की यह पहल डिजिटल युग में एक आधुनिक और प्रभावी प्रयास है। इससे न केवल सरकारी योजनाओं की पहुंच बढ़ेगी, बल्कि जनता के साथ संवाद स्थापित करने का भी नया मंच मिलेगा।
जागरण न्यू मीडिया ने अपने डिजिटल परिवार का विस्तार करते हुए गुजराती जागरण ऐप लॉन्च किया है। यह नया ऐप बिल्कुल मुफ्त है
जागरण न्यू मीडिया ने अपने डिजिटल परिवार का विस्तार करते हुए गुजराती जागरण ऐप लॉन्च किया है। यह नया ऐप बिल्कुल मुफ्त है और इसे खासतौर पर गुजराती भाषा में खबरें और जानकारी देने के लिए डिजाइन किया गया है। इस ऐप के जरिए अब पाठकों को अपनी स्थानीय भाषा में विश्वसनीय और ताजा समाचार आसानी से मिल सकेंगे।
यह ऐप गुजराती भाषा में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, व्यापार, मनोरंजन, स्वास्थ्य और जीवनशैली जैसी विभिन्न श्रेणियों में समाचार प्रदान करता है। ऐप को आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए इस तरह डिजाइन किया गया है कि पाठक आसानी से नेविगेट कर सकें और अपनी पसंद की खबरें पढ़ सकें। इसमें डार्क और लाइट मोड का ऑप्शन भी दिया गया है, जिससे यूजर्स अपनी सुविधा के अनुसार इसे इस्तेमाल कर सकते हैं।
जागरण न्यू मीडिया के प्रधान संपादक राजेश उपाध्याय ने इस मौके पर कहा, कि गुजराती जागरण ऐप का लॉन्च हमारी चल रही इंडिक भाषा विस्तार रणनीति में एक अच्छा कदम है। प्रौद्योगिकी का फायदा उठाते हुए सिर्फ एक क्लिक करने पर विश्वसनीय और नए अपडेट देता है। हमारा मिशन यही है कि आप तक आसान तरीके से भरोसेमंद समाचार पहुंचाया जाए, वो भी नए गुजराती ऐप के जरिए। यह लॉन्च स्थानीय और वैश्विक स्तर पर गुजराती भाषा समुदाय के साथ हमारे संबंधों को और मजबूत करेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि वे सूचित रहें और अपनी जड़ों से जुड़े रहें।
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हालांकि, जागरण न्यू मीडिया पहले ही अंग्रेजी, हिंदी, पंजाबी, मराठी, तमिल आदि कई भाषाओं में प्लेटफॉर्म के जरिए खबरें प्रदान करता आ रहा है। मगर अब रीडर्स गुजराती जागरण ऐप के जरिए गुजराती भाषा में खबरों को जानेंगे।
बता दें जागरण न्यू मीडिया ने साल 2022 में गुजराती जागरण.कॉम लॉन्च किया था और यह तब से अंतरराष्ट्रीय पाठकों और भारत में गुजराती भाषा आबादी के बीच लोकप्रिय है।
भारत के सार्वजनिक प्रसारक प्रसार भारती ने बुधवार 20 नवंबर को गोवा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में अपने नए ओटीटी प्लेटफॉर्म 'Waves' का उद्घाटन किया
भारत के सार्वजनिक प्रसारक प्रसार भारती ने बुधवार 20 नवंबर को गोवा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में अपने नए ओटीटी प्लेटफॉर्म 'Waves' का उद्घाटन किया। इस प्लेटफॉर्म पर लगभग 40 लाइव चैनल उपलब्ध हैं, जिनमें एंटरटेनमेंट चैनल जैसे B4U, ABZY, SAB Group, और 9X Media शामिल हैं। साथ ही, प्रमुख न्यूज चैनल जैसे इंडिया टुडे, न्यूज नेशन, रिपब्लिक, एबीपी न्यूज, न्यूज24 और एनडीटीवी इंडिया भी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त, सभी दूरदर्शन और आकाशवाणी चैनल भी यहां देखे जा सकते हैं। हालांकि, कुछ प्रमुख ब्रॉडकास्टर्स के चैनल फिलहाल अभी इस सेवा का हिस्सा नहीं हैं।
सूत्रों के अनुसार, सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने पहले ही पुष्टि की थी कि प्लेटफॉर्म का एक छोटा हिस्सा सब्सक्रिप्शन आधारित होगा, जबकि बाकी कंटेंट मुफ्त में उपलब्ध होगा।
बता दें कि प्रसार भारती ने अगस्त 2024 में टीवी चैनलों को अपने नए ओटीटी प्लेटफॉर्म से जुड़ने के लिए आमंत्रित किया था। यह कदम प्रसार भारती की डिजिटल उपस्थिति को बढ़ाने और व्यापक दर्शकों तक पहुंचने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास था।
प्लेटफॉर्म के तहत, प्रसार भारती ने राजस्व साझेदारी का एक आकर्षक मॉडल पेश किया है। इस मॉडल में ब्रॉडकास्टर्स को विज्ञापन राजस्व का 65% हिस्सा मिलेगा, जबकि प्रसार भारती 35% रखेगा।
सितंबर में आई रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख चार टेलीविजन नेटवर्क ने प्रसार भारती के इस ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अपने चैनल स्ट्रीम करने से इनकार कर दिया था। माना जा रहा है कि इन नेटवर्क ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि उनके अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म पहले से ही काफी मजबूत स्थिति में हैं।
हालांकि प्रमुख नेटवर्क ने आवेदन नहीं किया, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, प्रसार भारती को विभिन्न जॉनर के 106 चैनलों से आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 44 चैनलों को चुना गया और 40 चैनलों ने प्लेटफॉर्म पर शामिल होने पर सहमति दी।
गोवा सरकार ने सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स के लिए नई पॉलिसी लॉन्च की है, जिसके तहत वे एक ऑडियो-विजुअल कंटेंट के लिए 50,000 रुपये तक कमा सकते हैं।
गोवा सरकार ने सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स के लिए नई पॉलिसी लॉन्च की है, जिसके तहत वे एक ऑडियो-विजुअल कंटेंट के लिए 50,000 रुपये तक कमा सकते हैं। इस पॉलिसी का उद्देश्य सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों, जैसे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI), का प्रमोशन करना है।
ऐसे होगी कमाई
इंफ्लुएंसर की कमाई उनके फॉलोअर्स की संख्या पर निर्भर होगी:
- 1 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स वाले इंफ्लुएंसर (ग्रेड A) को सबसे ज्यादा भुगतान मिलेगा।
- 10,000-25,000 फॉलोअर्स वाले (ग्रेड D) को कम दरों पर भुगतान होगा।
- कंटेंट के प्रकार के अनुसार ₹2,000 से ₹50,000 तक की कमाई हो सकती है।
नियम व शर्तें
- इंफ्लुएंसर गोवा का निवासी होना चाहिए।
- सोशल मीडिया पर कम से कम एक साल से सक्रिय होना जरूरी है।
- छह महीने में कम से कम 60 पोस्ट करना अनिवार्य है।
- सभी कंटेंट को सरकारी मंजूरी के बाद ही पोस्ट किया जा सकेगा।
सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए बजट भी तय किया है, लेकिन खर्च अपेक्षा से काफी कम रहा है। वहीं, पॉलिसी बनाने के दौरान स्थानीय क्रिएटर्स या विभागों से कोई राय नहीं ली गई, जिससे कुछ सवाल उठे हैं।
अन्य राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश और झारखंड में भी इस तरह की नीतियां पहले से लागू हैं। बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते महाराष्ट्र जैसे राज्य भी ऐसे मॉडल लाने की तैयारी कर रहे हैं।