रवि प्रशांत और विकास तिवारी ने 'INSHORTS' को बोला बाय, इस चैनल संग शुरू करेंगे नई पारी

पिछले दो साल से एक ही साथ काम कर रहे युवा पत्रकार विकास तिवारी और रवि प्रशांत ने न्यूज ऐप ‘इनशॉर्ट्स’ (Inshorts) को अलविदा कह दिया है।

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Monday, 25 July, 2022
Ravi Prashant Vikash Tiwary


पिछले दो साल से एक ही साथ काम कर रहे विकास तिवारी और रवि प्रशांत ने न्यूज ऐप ‘इनशॉर्ट्स’ (Inshorts) को अलविदा कह दिया है। दोनों ने एक ही साथ करियर की शुरुआत की थी और अब एक ही साथ नए चैनल में पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं।

समाचार4मीडिया से बातचीत में रवि प्रशांत और विकास तिवारी ने बताया कि उनका नया पड़ाव ‘इंडिया टीवी’ (India TV) होगा, जहां वे बतौर डिजिटल जर्नलिस्ट काम करेंगे। दोनों वहां एक्सप्लेनर डेस्क की जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं.

मूल रूप से बिहार के गोपालगंज के रहने वाले विकास तिवारी ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2019 में ‘क्विंट‘ हिंदी के साथ की। इसके बाद उन्होंने ‘जी न्यूज‘ में बतौर सोशल मीडिया स्पेशलिस्ट करीब सात महीने काम किया है। इसके बाद अगस्त 2020 में उन्होंने ‘इनशॉर्ट्स‘ जॉइन किया था।

विकास तिवारी की 12वीं तक की पढ़ाई गांव के ही हाई स्कूल कल्याणपुर में हुई है। उन्होंने बनारस से ग्रेजुएशन कंप्लीट किया है। बचपन से पढ़ने-लिखने के शौकीन विकास ने पत्रकारिता की पढ़ाई ‘जी इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया एंड आर्ट्स‘ से की है। यहां से उन्होंने एक साल का डिप्लोमा किया है।

वहीं, रवि प्रशांत भी बिहार के ही रहने वाले हैं। उनकी 12वीं तक की शिक्षा सासाराम के बाल विकास स्कूल से हुई, जिसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन किया है। नोएडा स्थित ‘जागरण इंस्टीट्यूट‘ से मास्टर ऑफ मास कम्युनिकेशन करने के बाद उन्होंने 2020 में ‘जी मीडिया‘ के साथ अपने करियर की शुरुआत की। करीब छह महीने वहां काम करने के बाद उन्होंने दिसंबर 2020 में ‘इनशॉर्ट्स‘ जॉइन कर लिया था।

समाचार4मीडिया की ओर से रवि प्रशांत तिवारी और विकास तिवारी को उनके आगामी सफर के लिए अग्रिम शुभकामनाएं।

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YouTube ने भारत में पेश किए नए AI विज्ञापन टूल व क्रिएटर हब

यूट्यूब (YouTube) ने भारत के बाजार को ध्यान में रखते हुए नए विज्ञापन समाधान पेश किए हैं, जिनकी मदद से ब्रैंड्स (कंपनियां) क्रिएटर्स (यूट्यूबर्स और इन्फ्लुएंसर्स) के साथ बेहतर तरीके से जुड़ सकेंगे

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Published - Friday, 12 September, 2025
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Friday, 12 September, 2025
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यूट्यूब (YouTube) ने भारत के बाजार को ध्यान में रखते हुए नए विज्ञापन समाधान पेश किए हैं, जिनकी मदद से ब्रैंड्स (कंपनियां) क्रिएटर्स (यूट्यूबर्स और इन्फ्लुएंसर्स) के साथ बेहतर तरीके से जुड़ सकेंगे और अपने दर्शकों तक अधिक असरदार तरीके से पहुंच पाएंगे।

इस पहल का मुख्य हिस्सा है Creator Partnerships Hub, जो Google Ads के भीतर एक नया टूल है। इसकी मदद से ऐडवर्टाइजर सीधे क्रिएटर्स की पहचान कर सकते हैं और उनसे काम कर सकते हैं। अब ब्रैंड्स अपने विज्ञापन अभियानों में इन्फ्लुएंसर-आधारित कंटेंट शामिल कर पाएंगे, जिसे Partnership Ads कहा जा रहा है। इसका मकसद है ब्रैंड और क्रिएटर्स के बीच सहयोग को आसान बनाना और क्रिएटर-संचालित कहानियों (creator-driven storytelling) को विज्ञापन रणनीतियों का अहम हिस्सा बनाना।  

यूट्यूब इंडिया की कंट्री मैनेजिंग डायरेक्टर गुंजन सोनी ने कहा कि प्लेटफॉर्म का बढ़ता पैमाना और एंगेजमेंट ऐडवर्टाइजर्स को एक अनोखा लाभ देता है। उन्होंने कहा, “यूट्यूब अब सिर्फ एक कंटेंट प्लेटफॉर्म नहीं है, यह वह जगह है जहां कम्युनिटी गहराई से जुड़ती है और जहां ब्रैंड्स भरोसा कायम कर सकते हैं, प्रामाणिक स्टोरीटेलिंग के जरिए।”

प्लेटफॉर्म ने पीक पॉइंट्स भी पेश किया है, जो जेमिनी-संचालित फीचर है। यह वीडियो के सबसे आकर्षक हिस्सों की पहचान करता है और ऐडवर्टाइजर्स को उन क्षणों में विज्ञापन लगाने का मौका देता है, जब दर्शकों का ध्यान सबसे ज्यादा होता है। इसके अलावा, यूट्यूब ने पुष्टि की कि मल्टी-लैंग्वेज ऑडियो विकल्प, जिसमें वीडियो डबिंग भी शामिल है, जल्द ही सभी क्रिएटर्स के लिए उपलब्ध होगा। इससे भारत की विविध भाषाई पृष्ठभूमि वाले दर्शकों के लिए कंटेंट की पहुंच और भी बढ़ जाएगी।

भारत, यूट्यूब के सबसे बड़े और सबसे तेज़ी से बढ़ते बाजारों में से एक बना हुआ है। कंपनी के अनुसार, अब 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के यूजर्स प्रतिदिन औसतन 72 मिनट से अधिक समय प्लेटफॉर्म पर बिता रहे हैं। यूट्यूब शॉर्ट्स के मासिक लॉग-इन दर्शकों की संख्या 650 मिलियन को पार कर गई है और कनेक्टेड टीवी के दर्शक मध्य-2025 तक 75 मिलियन से ऊपर पहुंच गए हैं।

इन समाधानों को अपनाना पहले ही शुरू हो चुका है। इंश्योरेंस-टेक कंपनी ACKO ने यूट्यूब के फुल-स्टैक अप्रोच को CTV, शॉर्ट्स और डिमांड जेन में लागू करने के बाद साल-दर-साल 40% की वृद्धि दर्ज की। इसी तरह, मिंत्रा के बिग फैशन फेस्टिवल ने शॉर्ट्स फर्स्ट पोजीशन का उपयोग करके 1.9 करोड़ यूजर्सओं तक बहुत कम लागत पर पहुंच बनाई। वहीं, सेबामेड के क्रिएटर-आधारित अभियानों ने बिक्री में दो गुना बढ़ोतरी और ब्रैंड सर्च में वृद्धि दर्ज कराई।

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NDTV को अलविदा कह आकाश पटेरिया ने 'रिपब्लिक भारत' किया जॉइन

NDTV की डिजिटल टीम से युवा पत्रकार आकाश पटेरिया ने इस्तीफा दे दिया है। आकाश पिछले दो साल से NDTV में जुड़े हुए थे और यहां उन्होंने डिजिटल टीम में बतौर मल्टीमीडिया प्रडयूसर काम किया।

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Published - Friday, 12 September, 2025
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NDTV की डिजिटल टीम से युवा पत्रकार आकाश पटेरिया ने इस्तीफा दे दिया है। आकाश पिछले दो साल से NDTV में जुड़े हुए थे और यहां उन्होंने डिजिटल टीम में बतौर मल्टीमीडिया प्रडयूसर काम किया। उनके पास पत्रकारिता का चार साल का अनुभव है।

आकाश राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर पैकेजिंग और एंकर वीडियो बनाने का काम करते रहे हैं।

मूलरूप से आकाश मध्य प्रदेश के भोपाल के रहने वाले हैं। उन्होंने महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और बाद में AAFT यूनिवर्सिटी से टीवी पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया।

पत्रकार आकाश पटेरिया ने NDTV को अलविदा कहकर रिपब्लिक मीडिया में अपनी नई पारी की शुरुआत की है। यहां उन्होंने बतौर सीनियर सब एडिटर पद संभाला है। आकाश अब रिपब्लिक भारत में डिजिटल टीम के लिए अपनी सेवाएं देंगे। 

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Meta ने CCI के ₹213 करोड़ जुर्माने को NCLAT में दी चुनौती

फेसबुक की पेरेंट कंपनी 'मेटा' (Meta) ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा लगाए गए ₹213 करोड़ के जुर्माने को चुनौती दी है।

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Published - Friday, 12 September, 2025
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फेसबुक की पेरेंट कंपनी 'मेटा' (Meta) ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा लगाए गए ₹213 करोड़ के जुर्माने को चुनौती दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) के सामने तर्क दिया कि यह आदेश 'कानूनी रूप से त्रुटिपूर्ण और प्रतिस्पर्धा कानून के दायरे से बाहर' है। 

नवंबर 2024 में, CCI (भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग) ने माना कि Meta की 2021 की पॉलिसी अपडेट, जिसमें उसने अपने अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स (जैसे Facebook, Instagram, WhatsApp) के बीच डेटा शेयर करने की अनुमति दी थी, उसके मार्केट में दबदबे का दुरुपयोग है।

Meta की ओर से पेश होते हुए कपिल सिब्बल ने दलील दी कि नियामक ने अपने अधिकार क्षेत्र से आगे जाकर गोपनीयता और डाटा-साझाकरण के मुद्दों पर कदम बढ़ाया है। उन्होंने कहा, “CCI ने उस पहलू में दखल दिया है जिसका प्रतिस्पर्धा से कोई संबंध नहीं है। दुरुपयोगी प्रथा का प्लेटफॉर्म की डाटा गोपनीयता नीति से कोई लेना-देना नहीं है।”

रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने आगे कहा कि CCI प्रभाव-आधारित विश्लेषण करने या किसी विशिष्ट प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथा की पहचान करने में विफल रहा।

इस साल जनवरी में, राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय अधिकरण (NCLAT) ने अस्थायी रूप से CCI के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें WhatsApp को विज्ञापन उद्देश्यों के लिए Meta के साथ यूजर्स डेटा साझा करने पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया गया था।

नवंबर 2024 में, भारत के एंटीट्रस्ट नियामक ने WhatsApp की विवादास्पद 2021 की गोपनीयता पॉलिसी के माध्यम से बाजार प्रभुत्व के दुरुपयोग के लिए Meta पर लगभग ₹214 करोड़ ($25.4 मिलियन) का जुर्माना लगाया था।

यह दंड उन चिंताओं को दर्शाता था कि इस पॉलिसी ने अनुचित तरीके से यूजर्स को Meta के प्लेटफॉर्म्स पर अपना डेटा साझा करने के लिए बाध्य किया, जिससे उपभोक्ता गोपनीयता पर व्यवसाय और विज्ञापन लक्ष्यों को प्राथमिकता दी गई। 

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भारतीयों की पहली पसंद YouTube व Google, 84% यूजर्स रोजाना करते हैं विजिट: नीत‍ि वालिया

नीति वालिया ने कहा कि गूगल और यूट्यूब ऐसे पार्टनर बन सकते हैं जो व्यवसायों को बदलते हुए डिजिटल माहौल में यूजर्स को खोजने, समझने और उन्हें ग्राहकों में बदलने में मदद करते हैं।

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Published - Wednesday, 10 September, 2025
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e4m D2C Revolution Summit 2025 में गूगल इंडिया की हेड ऑफ कॉमर्स (मिड-मार्केट सेल्स) नीति वालिया ने ‘Google और YouTube के साथ मार्केटिंग पर पुनर्विचार करें’ शीर्षक से एक मुख्य भाषण दिया। फाउंडर्स और मार्केटर्स से बात करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गूगल और यूट्यूब ऐसे पार्टनर बन सकते हैं जो व्यवसायों को बदलते हुए डिजिटल माहौल में यूजर्स को खोजने, समझने और उन्हें ग्राहकों में बदलने में मदद करते हैं।

वालिया ने कहा, “शॉपिंग का व्यवहार बेहद अप्रत्याशित है।” उन्होंने समझाया कि यूजर्स लगातार “सर्चिंग, स्ट्रीमिंग, स्क्रोलिंग और शॉपिंग” कर रहे होते हैं, कई बार ये सब एक साथ करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि “भारत में 84% लोग रोजाना गूगल या यूट्यूब पर आते हैं, जो किसी भी अन्य प्लेटफॉर्म की तुलना में कहीं ज्यादा है।”

इसके बाद वालिया ने बताया कि सर्च भी बहुत तेजी से बदल रहा है। मल्टीमॉडल सर्च, AI ओवरव्यूज, AI मोड और गूगल लेंस व सर्कल टू सर्च जैसे विज़ुअल टूल्स की मदद से अब सर्च सिर्फ जानकारी तक सीमित नहीं है, बल्कि बुद्धिमत्ता बन चुका है। उन्होंने कहा, “हर पांच विज़ुअल सर्च में से एक का मकसद सीधा खरीदारी से जुड़ा होता है।”

AI पर बोलते हुए वालिया ने इस बात पर जोर दिया कि यह यूजर्स की यात्रा को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा, “AI ओवरव्यूज लोगों को आपकी वेबसाइट पर हाई-क्वालिटी ट्रैफिक में बदलने में मदद कर रहे हैं।”

वालिया ने AI-संचालित विज्ञापन समाधानों (AI powered ad solutions) का भी जिक्र किया, जैसे Performance Max और हाल ही में लॉन्च किया गया Commerce Media Networks (CMN), जिनके जरिए D2C ब्रैंड्स अपनी रीच और सेल्स को क्यू-कॉमर्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स (Flipkart, Myntra, Blinkit, Zepto और Swiggy Instamart) पर बढ़ा सकते हैं।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “RENEÉ Cosmetics ने गूगल ऐड्स पर ब्लिंकिट के साथ कॉमर्स मीडिया नेटवर्क का इस्तेमाल किया और 11.5% बिक्री बढ़ोतरी तथा प्रति ग्राहक लागत में 48% की कमी हासिल की, क्योंकि यूजर्स को बिना किसी रुकावट सीधे खरीद तक ले जाया गया।”

इसके बाद वालिया ने यूट्यूब के बढ़ते प्रभाव पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि “76% दर्शकों का मानना है कि यूट्यूब पर मौजूद क्रिएटर्स अन्य किसी भी प्लेटफॉर्म की तुलना में अधिक भरोसेमंद हैं” और लोग “यूट्यूब पर 9 करोड़ घंटे से ज्यादा शॉपिंग कंटेंट देखते हैं।”

उन्होंने कहा कि शॉपेबल कनेक्टेड टीवी ऐड्स, शॉपेबल मास्टहेड्स और क्रिएटर्स के साथ पार्टनरशिप ऐड्स जैसे इनोवेशन, ब्रैंड्स के प्रभाव और लेनदेन दोनों को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। 

अंत में, वालिया ने मार्केटर्स से AI-चालित अभियानों को अपनाने का आह्वान किया और दोहराया कि गूगल और यूट्यूब वहीं हैं जहां खोज शुरू होती है और निर्णय लिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि शॉपिंग यात्राओं में 87% तक गूगल और यूट्यूब दोनों शामिल रहते हैं, जहां उपभोक्ताओं ने कहा कि उन्होंने किसी नए ब्रांड, उत्पाद या रिटेलर की खोज की। वहीं, GenZ के मामले में, 89% जेन जेड अपनी शॉपिंग यात्राओं में गूगल का इस्तेमाल कर रहे हैं- सर्च करने ने, ब्राउज करने, आइडिया पाने, रिसर्च करने और/या खरीदारी करने में।

उन्होंने अपने सत्र का समापन करते हुए D2C ब्रैंड्स को सलाह दी कि सिर्फ बेहतर विज्ञापन न चलाएं, बल्कि बेहतर बिजनेस चलाएं। 

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OpenAI भारत में 500 अरब डॉलर के Stargate प्रोजेक्ट की तलाश रही संभावनाएं

यह कदम वैश्विक AI इकोसिस्टम में भारत की बढ़ती अहमियत को रेखांकित करता है- एक मार्केट के रूप में भी और संभावित इन्फ्रास्ट्रक्चर बेस के रूप में भी।

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Published - Wednesday, 10 September, 2025
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Wednesday, 10 September, 2025
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ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI ने भारतीय डेटा सेंटर कंपनियों और रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ शुरुआती बातचीत शुरू की है ताकि अपने महत्वाकांक्षी 500 बिलियन डॉलर के Stargate प्रोजेक्ट के कुछ हिस्से भारत में लाने की संभावनाएं तलाश सके। यह कदम वैश्विक AI इकोसिस्टम में भारत की बढ़ती अहमियत को रेखांकित करता है- एक मार्केट के रूप में भी और संभावित इन्फ्रास्ट्रक्चर बेस के रूप में भी।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, OpenAI ने Sify Technologies, Yotta Data Services, E2E Networks और CtrlS Datacenters जैसी कंपनियों से बातचीत शुरू की है। बताया जाता है कि ये चर्चाएं ऊर्जा उपलब्धता, विस्तार क्षमता और स्थान की उपयुक्तता जैसे पहलुओं पर केंद्रित हैं- जो गीगावाट-स्तरीय डेटा सुविधाओं के लिए बेहद जरूरी हैं, जिनका इस्तेमाल अगली पीढ़ी के AI मॉडल्स को ट्रेन करने में किया जाएगा।

समानांतर रूप से, रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ भी छह महीने से अधिक समय से बातचीत जारी है, जो गुजरात के जामनगर में अपने नए ऊर्जा परिसर के साथ एक विशाल डेटा सेंटर बना रही है। इस प्रोजेक्ट का पैमाना OpenAI की हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए इसे एक मजबूत दावेदार बनाता है।

Stargate, जिसे जनवरी 2024 में SoftBank, Microsoft, Oracle और अन्य टेक दिग्गजों के सहयोग से 500 बिलियन डॉलर की संयुक्त पहल के रूप में शुरू किया गया था, का लक्ष्य हाइपरस्केल डेटा सेंटर बनाना है। ये सेंटर एडवांस्ड चिप्स और सतत ऊर्जा से संचालित होंगे। सैकड़ों हजारों GPUs को सपोर्ट करने के लिए डिजाइन की गई ये सुविधाएं OpenAI की दीर्घकालिक कंप्यूटिंग क्षमता सुनिश्चित करेंगी।

भारत के लिए, Stargate का हिस्सा बनना न केवल डिजिटल संप्रभुता को मजबूत करेगा बल्कि अरबों डॉलर का निवेश आकर्षित करेगा और देश की वैश्विक AI हब बनने की दिशा में तेजी लाएगा। हालांकि, चुनौतियां बनी हुई हैं- जैसे बिजली आपूर्ति की स्थिरता, चिप्स की उपलब्धता और कूलिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर।

उम्मीद है कि सैम ऑल्टमैन इस महीने के अंत में भारत का दौरा करेंगे और संभवतः OpenAI की प्रतिबद्धता के पैमाने पर और जानकारी साझा करेंगे। अगर यह योजना साकार होती है, तो यह भारत को सुपरकंप्यूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के वैश्विक मानचित्र पर मजबूती से स्थापित कर सकती है। 

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YouTube के मोनेटाइजेशन एग्रीमेंट को HC में चुनौती, गूगल व महाराष्ट्र सरकार से जवाब तलब

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को गूगल LLC की स्वामित्व वाली यूट्यूब और महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि वे उस रिट याचिका पर अपना जवाब दाखिल करें

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Published - Wednesday, 10 September, 2025
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Wednesday, 10 September, 2025
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कंचन श्रीवास्तव, सीनियर एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को गूगल LLC की स्वामित्व वाली यूट्यूब और महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि वे उस रिट याचिका पर अपना जवाब दाखिल करें, जिसमें यूट्यूब के कंटेंट क्रिएटर्स के साथ किए गए मोनेटाइजेशन एग्रीमेंट्स की वैधता को चुनौती दी गई है।

माननीय न्यायमूर्ति कमल खता के समक्ष हुई सुनवाई में अदालत ने यूट्यूब और महाराष्ट्र सरकार दोनों को 8 सितंबर तक अपना एफिडेविट-इन-रिप्लाई दाखिल करने का आदेश दिया। रेजॉइंडर 22 सितंबर तक दाखिल किए जाने हैं। मामले की अगली सुनवाई 29 सितंबर को निर्धारित की गई है।

यह याचिका पूर्व आईपीएस अधिकारी और अधिवक्ता योगेश प्रताप सिंह ने दायर की है। इसमें आरोप लगाया गया है कि प्लेटफॉर्म के एग्रीमेंट भारतीय कॉन्ट्रैक्ट एक्ट, 1872 की धारा 25 का उल्लंघन करते हैं, क्योंकि इनमें कंटेंट क्रिएटर्स को प्रत्यक्ष वित्तीय प्रतिफल नहीं दिया जाता और इस कारण इन्हें भारतीय कानून के तहत पंजीकृत और स्टांप किया जाना अनिवार्य है।

विवाद के केंद्र में यूट्यूब का “राइट टू मोनेटाइज” क्लॉज है, जिसके तहत प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं द्वारा बनाए गए कंटेंट पर विज्ञापन चला सकता है, लेकिन तब तक विज्ञापन राजस्व साझा करने के लिए बाध्य नहीं है जब तक कि क्रिएटर यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम (YPP) का हिस्सा न हो। सिंह के अनुसार, यह बड़ी संख्या में क्रिएटर्स के लिए “शून्य-प्रतिफल व्यवस्था” बनाता है, जिससे गंभीर अनुपालन चिंताएँ उत्पन्न होती हैं।

एडवोकेट आदित्य प्रताप, फाउंडर–आदित्य प्रताप लॉ ऑफिसेज, जो इस मामले में वाई.पी. सिंह का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, ने एक्सचेंज4मीडिया को बताया, “यूट्यूब का कॉन्ट्रैक्ट प्लेटफॉर्म को मेरे मुवक्किल के कंटेंट को मोनेटाइज करने का पूरा अधिकार देता है, लेकिन उसे किसी भुगतान का हकदार नहीं बनाता।” 

उन्होंने कहा, “चूंकि ऐसा कॉन्ट्रैक्ट वित्तीय प्रतिफल से रहित है, यह धारा 25 के तहत शून्य है, जब तक कि इसे विलेख (डीड) के रूप में निष्पादित कर विधिवत पंजीकृत न किया जाए और लागू स्टांप ड्यूटी का भुगतान न किया जाए। यूट्यूब यह करने में विफल रहा है।”

याचिका में स्टांप्स कलेक्टर और पंजीकरण के महानिरीक्षक पर भी यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने ऐसे एग्रीमेंट्स पर अनिवार्य पंजीकरण और स्टांप ड्यूटी की वसूली लागू करने में लापरवाही बरती है। सिंह के वकील का तर्क है कि भले ही यूट्यूब के क्रिएटर कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या लाखों में हो, राज्य सरकार के पास पहले से ही एक ऑनलाइन मैकेनिज्म तैनात करने की तकनीकी क्षमता मौजूद है, जिससे पंजीकरण और अनुपालन को सहज बनाया जा सकता है।

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले का परिणाम भारत में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और कंटेंट क्रिएटर्स के लिए दूरगामी प्रभाव डाल सकता है।

एक वरिष्ठ टेक्नोलॉजी वकील ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर कहा, “यह देश की क्रिएटर इकॉनमी के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। यदि अदालतें ऐसे एग्रीमेंट्स के लिए, जिनमें प्रत्यक्ष प्रतिफल नहीं है, पंजीकरण और स्टांप ड्यूटी को अनिवार्य कर देती हैं, तो यूट्यूब, मेटा और अन्य प्लेटफॉर्म्स को अपने कॉन्ट्रैक्चुअल फ्रेमवर्क की समीक्षा करनी होगी और संभवतः मोनेटाइजेशन मॉडल्स में बदलाव करना होगा।”

एक अन्य डिजिटल पॉलिसी शोधकर्ता ने जोड़ा, “यह मामला सिर्फ यूट्यूब का नहीं है- यह भारत के डिजिटल इकोसिस्टम में प्लेटफॉर्म गवर्नेंस, क्रिएटर अधिकार और कर-प्रणालियों के विकास को नया रूप दे सकता है।”

फिलहाल खबर लिखे जाने तक गूगल की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है, लेकिन इसका इंतजार है।

इस मामले को क्रिएटर इकॉनमी, कानूनी और टेक-पॉलिसी इकोसिस्टम से जुड़े हितधारक करीबी नजर से देख रहे हैं, क्योंकि इसमें देश में प्लेटफॉर्म और क्रिएटर्स के संबंधों को फिर से परिभाषित करने की क्षमता है।

गौरतलब है कि यूट्यूब ने वर्ष 2024 में वैश्विक स्तर पर विज्ञापन से 35 अरब डॉलर से अधिक का राजस्व अर्जित किया था, जो क्रिएटर्स और रेगुलेटर्स दोनों के लिए इस मुद्दे के महत्व को दर्शाता है। 

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टिकटॉक की वापसी की अटकलों पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लगाया विराम

टिकटॉक की भारत में संभावित वापसी को लेकर चल रही अटकलों के बीच, केंद्रीय आईटी, सूचना-प्रसारण और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया है

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Published - Monday, 08 September, 2025
Last Modified:
Monday, 08 September, 2025
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टिकटॉक की भारत में संभावित वापसी को लेकर चल रही अटकलों के बीच, केंद्रीय आईटी, सूचना-प्रसारण और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया है कि ऐसी किसी भी संभावना पर विचार नहीं किया जा रहा है। मीडिया से बातचीत में वैष्णव ने कहा, “किसी भी पक्ष से इस तरह का कोई प्रस्ताव बिल्कुल नहीं आया है।”

मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और चीन के बीच संबंधों में नरमी की संभावना को लेकर चर्चा हो रही है, जिससे बाइटडांस के शॉर्ट-वीडियो प्लेटफॉर्म की वापसी की अटकलों को बल मिला। पिछले महीने टिकटॉक की वेबसाइट कुछ ब्रॉडबैंड और मोबाइल नेटवर्क, जिनमें एयरटेल और वोडाफोन शामिल थे, पर कुछ समय के लिए फिर से एक्सेस हो गई थी, जिससे अटकलें और तेज हुईं।

टिकटॉक का सबसे बड़ा बाजार था भारत

टिकटॉक जून 2020 में राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को लेकर प्रतिबंधित किए गए शुरुआती 59 चीनी ऐप्स में से एक था। इसे एप्पल के ऐप स्टोर और गूगल प्ले से हटा दिया गया था और जनवरी 2021 में केंद्र सरकार ने इस प्रतिबंध को स्थायी कर दिया। उस समय भारत टिकटॉक का सबसे बड़ा बाजार था, जहां इसके 200 मिलियन से अधिक यूजर्स थे।

सरकार के 2020 के आदेश में बाइटडांस के अन्य ऐप्स जैसे हेलो और कैपकट को भी निलंबित कर दिया गया था, जबकि कंपनी ने आखिरकार जनवरी 2024 में ऐप स्टोर्स से हटाए जाने के बाद अपना म्यूजिक ऐप रेसो भी भारत में बंद कर दिया।

जब वैष्णव से पूछा गया कि क्या चीनी निवेशक भारतीय टेक सेक्टर में दोबारा प्रवेश कर सकते हैं, तो उन्होंने कहा, “जैसा होगा देखा जाएगा। नीतियां सभी के साथ स्पष्ट रूप से साझा की जाएंगी। हम एक बहुत ही पारदर्शी देश हैं।”

2020 तक टेनसेंट, अलीबाबा, एंट फाइनेंशियल और शुनवेई कैपिटल जैसे चीनी दिग्गज भारतीय स्टार्टअप्स के सबसे बड़े निवेशकों में शामिल थे। ये निवेशक ई-कॉमर्स, फिनटेक, फूड डिलीवरी, मोबिलिटी और एडटेक जैसे क्षेत्रों में कंपनियों को सहयोग देते थे। लेकिन अप्रैल 2020 में जारी प्रेस नोट 3 ने भारत की जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों से आने वाले निवेश के लिए पूर्व स्वीकृति अनिवार्य कर दी। इस नीति के कारण चीनी पूंजी का प्रवाह काफी धीमा हो गया और भारतीय स्टार्टअप्स को वैकल्पिक फंडिंग तलाशनी पड़ी या निकास की सुविधा देनी पड़ी।

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत और चीन सेमीकंडक्टर्स और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में मिलकर काम कर सकते हैं, वैष्णव ने वैश्विक वैल्यू चेन की प्रकृति पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हम वैश्विक वैल्यू चेन की इस वास्तविकता का सम्मान करते हैं और इस उद्योग के काम करने के तरीके का सम्मान करते हैं। इसलिए जहां कहीं भी मूल्य जुड़ता है, अंततः लाभ हमारे लोगों और हमारी इंडस्ट्री तक पहुंचना चाहिए।”

भारत और चीन की कई कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग में संयुक्त उद्यम, तकनीकी सहयोग और स्केल दक्षताओं को लेकर बातचीत कर रही हैं, ऐसे समय में जब ट्रंप प्रशासन के दौरान अमेरिकी टैरिफ ने वैश्विक सप्लाई चेन को प्रभावित किया है।

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फाइनेंस जर्नलिस्ट विकास तिवारी ने ‘जी बिजनेस’ को कहा अलविदा

सोशल मीडिया पर लिखी अपनी पोस्ट में उन्होंने इस सफर को याद करते हुए कई अनुभव साझा किए हैं।

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Published - Thursday, 04 September, 2025
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Thursday, 04 September, 2025
vikash Tiwary

फाइनेंस जर्नलिस्ट विकास तिवारी ने देश के प्रमुख बिजनेस न्यूज चैनल्स में शुमार ‘जी बिजनेस’ (Zee Business) की डिजिटल टीम को अलविदा कह दिया है। सोशल मीडिया पर लिखी अपनी पोस्ट में उन्होंने इस सफर को याद करते हुए कई अनुभव साझा किए हैं। विकास ने बताया कि ‘जी बिजनेस’ में काम करते हुए उन्होंने लगातार एक्सपेरिमेंट किए, हेडलाइंस से लेकर एसईओ और जियो-टार्गेटिंग तक, हर दिन नई सीख मिली।

उन्होंने लिखा कि लगभग 200 दिनों की इस जर्नी ने उन्हें कई अहम सबक सिखाए। पहला, बाजार सिर्फ टेक्निकल्स पर नहीं चलता, फंडामेंटल्स भी उतने ही जरूरी हैं। चार्ट्स में दिख रहे ट्रेंड के पीछे कौन सी खबर या वजह है, वहीं असली कहानी छिपी होती है। दूसरा, सही माहौल और टीम का महत्व। उन्होंने कहा कि अच्छा वातावरण और सपोर्टिव कल्चर इंसान के औसत प्रदर्शन से कहीं आगे ले जाता है। तीसरा, मैनिफेस्टेशन की ताकत. अगर आप किसी चीज को सच्चे मन से चाहते हैं और उसकी दिशा में मेहनत करते हैं, तो नतीजे जरूर मिलते हैं।

विकास तिवारी ने अपने साथियों और ‘जी बिजनेस’ की टीम का दिल से आभार जताया। उन्होंने लिखा कि यहां का वर्क कल्चर, टीमवर्क और सीख उन्हें हमेशा याद रहेगा। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, विकास तिवारी जल्द ही ब्रोकरेज फर्म Upstox के साथ बतौर फाउंडिंग मेंबर जुड़ सकते हैं। यह फर्म हिंदी बिजनेस न्यूज में तेजी से अपने पैर पसारने की तैयारी में जुटी है।

करियर की बात करें तो विकास तिवारी इससे पहले ‘टीवी9 भारतवर्ष’, ‘एबीपी न्यूज’ और ‘इंडिया टीवी’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों के साथ भी काम कर चुके हैं। समाचार4मीडिया की ओर से विकास तिवारी को उनके नए सफर के लिए अग्रिम रूप से ढेरों बधाई और शुभकामनाएं। 

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फ्लिपकार्ट ने डिजिटल मीडिया कंपनी 'पिंकविला' का किया अधिग्रहण

ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने डिजिटल इन्फोटेनमेंट प्लेटफॉर्म पिंकविला इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में बहुमत हिस्सेदारी के अधिग्रहण की घोषणा की है।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 02 September, 2025
Last Modified:
Tuesday, 02 September, 2025
Pinkvilla7845

ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने डिजिटल मीडिया कंपनी पिंकविला इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में बहुमत हिस्सेदारी के अधिग्रहण की घोषणा की है। यह अधिग्रहण फ्लिपकार्ट की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत कंपनी अपने कंटेंट की मौजूदगी को बढ़ाना चाहती है और Gen Z और मिलेनियल दर्शकों के साथ जुड़ाव को मजबूत करना चाहती है। इसके लिए फ्लिपकार्ट पिंकविला के स्थापित ब्रैंड, क्षमताओं और लॉयल दर्शक आधार का उपयोग करेगी।

फ्लिपकार्ट का यह अधिग्रहण कंपनी को ट्रेंड इनसाइट्स हासिल करने और कॉमर्स अवसरों के लिए कंटेंट बनाने का मौका देता है, जिससे भारतीय बाजार में कंपनी की स्थिति और मजबूत होगी।

फ्लिपकार्ट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, कॉर्पोरेट, रवि अय्यर ने कहा, “पिंकविला में बहुमत हिस्सेदारी का हमारा अधिग्रहण जेन जेड के साथ हमारे जुड़ाव को गहरा करने के मिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पिंकविला की मजबूत कंटेंट आईपीज और अपने वफादार दर्शकों से गहरा जुड़ाव ऐसे एसेट्स हैं जो कंटेंट को विकास का प्रमुख कारक बनाने के हमारे प्रयासों को और तेज करेंगे।”

पिंकविला की संस्थापक और सीईओ नंदिनी शेनॉय ने कहा, “फ्लिपकार्ट का निवेश उस मजबूत प्लेटफॉर्म और कंटेंट का प्रमाण है जिसे हमने बनाया है। हमें विश्वास है कि फ्लिपकार्ट के सहयोग से हम अपने संचालन का विस्तार कर पाएंगे और उच्च गुणवत्ता वाला कंटेंट लगातार अपने लाखों उपयोगकर्ताओं तक पहुंचा पाएंगे, जिससे हमारी स्थिति इन्फोटेनमेंट में एक अग्रणी के रूप में और मजबूत होगी।”

यह सौदा अंतिम रूप ले चुका है और यह सामान्य समापन शर्तों के अधीन है। दोनों कंपनियों को उम्मीद है कि यह लेनदेन जल्द ही पूरा हो जाएगा। 

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MPL भारत में करेगी बड़े पैमाने पर छंटनी, 60% स्टाफ पर गिरेगी गाज: रिपोर्ट्स

ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) कथित तौर पर भारत में अपने लगभग 60% एम्प्लॉयीज की छंटनी करने जा रही है।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 01 September, 2025
Last Modified:
Monday, 01 September, 2025
MPL7841

ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) कथित तौर पर भारत में अपने लगभग 60% एम्प्लॉयीज की छंटनी करने जा रही है। यह कदम सरकार द्वारा पेड ऑनलाइन गेमिंग पर लगाए गए बैन के बाद उठाया गया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, MPL ने रविवार को अपने एम्प्लॉयीज को एक आंतरिक ईमेल भेजा। इस ईमेल में MPL के सीईओ साई श्रीनिवास ने कथित तौर पर लिखा कि कंपनी ने भारत टीम को "काफी हद तक" छोटा करने का फैसला लिया है। हालांकि इस मेल में किसी संख्या का जिक्र नहीं किया गया।

एक मीडिया रिपोर्ट में कंपनी के एक सूत्र का हवाला देते हुए बताया गया कि MPL अपने भारत स्थित लगभग 500 एम्प्लॉयीज में से करीब 300 को निकालने जा रही है। इनमें मार्केटिंग, फाइनेंस, ऑपरेशंस, इंजीनियरिंग और लीगल जैसी डिवीजन शामिल हैं।

रिपोर्ट की मानें तो मेल में उल्लेख किया गया, "भारत M-League की 50% आमदनी के लिए जिम्मेदार था और इस बदलाव का मतलब है कि निकट भविष्य में हम भारत से कोई राजस्व नहीं कमा पाएंगे।" 

भारत की संसद ने पिछले महीने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 पारित किया था, जिसके तहत आदतों और वित्तीय जोखिमों से निपटने के लिए रियल-मनी ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इस बिल से भारतीय और ऑफशोर ऑपरेटर्स (वो कंपनियां या गेमिंग प्लेटफॉर्म जो भारत के बाहर रजिस्टर्ड हैं, लेकिन भारतीय यूजर्स को अपनी ऑनलाइन गेमिंग सेवाएं उपलब्ध कराते हैं।) पर कड़ा असर पड़ने की संभावना है क्योंकि इसमें विज्ञापन पर भी रोक लगा दी गई है। धारा 6 के तहत पैसों वाले गेम्स के सभी विज्ञापनों पर सख्त प्रतिबंध है। इस नियम को तोड़ने वालों को दो साल तक की जेल और ₹50 लाख तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।

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