दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को डिजिटल मीडिया पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ को विदेशी फंडिंग के संबंध में गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को डिजिटल मीडिया पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ को विदेशी फंडिंग के संबंध में गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की है। दिल्ली पुलिस ने वर्ष 2020 में मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुरकायस्थ द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने नोटिस जारी कर दिल्ली पुलिस से स्थिति रिपोर्ट मांगी है।
अदालत ने प्राथमिकी के सिलसिले में न्यूजक्लिक के निदेशक प्रांजल पांडेय की अग्रिम जमानत की याचिका पर उन्हें भी गिरफ्तारी से अंतरिक्ष संरक्षण प्रदान किया।
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दायर प्राथमिकी में आरोप है कि पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड ने कानून का उल्लंघन करते हुए वित्त वर्ष 2018-19 में वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स एलएलसी यूएसए से 9.59 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त किया।
पुरकायस्थ की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि अमेरिका स्थित कंपनी से न्यूजक्लिक ने उस साल निधि प्राप्त की थी जब एफडीआई पर कोई सीमा नहीं थी। सिब्बल ने तर्क दिया, ‘वह लोकप्रिय पत्रकार हैं और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म चलाते हैं। डिजिटल मीडिया मंचों को विदेशो से पैसा लेने की अनुमति है। इस पर सीमा अगले साल से प्रभावी हुई थी।’
इसके अलावा उन्होंने दलील दी कि पैसों के हेर-फेर का कोई सवाल नहीं उठता है क्योंकि इसका इस्तेमाल कर्मचारियों को वेतन देने में किया गया और इस प्रक्रिया में कोई राजकोषीय घाटा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच किए जा रहे धनशोधन के मामले में दंडात्मक कार्रवाई से उन्हें पहले ही संरक्षण दे चुका है।
सिब्बल ने अदालत को बताया कि जांच एजेंसी ने पुरकायस्थ को 30 जून को तलब कर आठ जुलाई, गुरुवार को अपने समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है।
सरकार की तरफ से पेश वकील मंजीत एएस ओबरॉय ने अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि पुरकायस्थ ‘सीधे उच्च न्यायालय आए हैं।’
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि डिजिटल न्यूज वेबसाइट में एफडीआई की 26 प्रतिशत की कथित सीमा से बचने के लिए कंपनी के शेयरों का बहुत अधिक मूल्य निर्धारण करके निवेश किया गया था।
इसमें यह भी आरोप लगाया कि इस निवेश की 45 प्रतिशत से अधिक राशि में वेतन, किराया और अन्य खर्चों के भुगतान के लिए हेर-फेर की गई जो भुगतान कथित तौर पर गुप्त कार्यों के लिए किए गए।
इसने आरोप लगाया कि कंपनी ने ऐसा कर एफडीआई और देश के अन्य कानूनों का उल्लंघन किया और सरकारी राजकोष को घाटा पहुंचाया।
अपने दो दशक से ज्यादा के करियर में तमाम बड़ी कंपनियों में प्रमुख भूमिकाएं निभा चुके हैं अविनाश डूगर
घरेलू ओटीटी मीडिया स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ‘उल्लू’ (Ullu) ने अविनाश डूगर (Avinash Dugar) को चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) के पद पर नियुक्त किया है। अपनी इस भूमिका में वह इस ओटीटी प्लेटफॉर्म के विकास और विविधीकरण का नेतृत्व करेंगे।
अपने दो दशक से ज्यादा के करियर में अविनाश डूगर तमाम बड़ी कंपनियों में प्रमुख भूमिकाएं निभा चुके हैं। बता दें कि ‘Ullu’ को विभू अग्रवाल ने वर्ष 2018 में शुरू किया था और यह शुरुआती घरेलू ओटीटी ऐप्स में से एक था।
अविनाश डूगर की नियुक्ति के बारे में विभू अग्रवाल का कहना है, ‘यह विकास की दिशा में एक रणनीतिक कदम है। अविनाश के पास सेल्स, मार्केटिंग और ऑपरेशंस का व्यापक अनुभव है। बिजनेस चलाने के लिए उत्कृष्टता और कौशल हासिल करने की उनकी इच्छा उन्हें ULLU को विकास के अगले चरण में ले जाने के लिए आदर्श विकल्प बनाती है। हमारी कंपनी कंटेंट और प्रॉडक्शन के क्षेत्र में उभरते अवसरों का लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है और मैं अपनी टीम के साथ इन प्रयासों का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह तैयार हूं।’
वहीं, अविनाश डूगर का कहना है, ‘ओटीटी इंडस्ट्री में इस परिवर्तनकारी समय के दौरान इस बेहतरीन टीम में शामिल होना मेरे लिए सम्मान की बात है। हम विकास के नए रास्ते तलाशते हुए और अपने सबस्क्राइबर बेस का विस्तार करते हुए बेहतरीन कंटेंट व यूजर एक्सपीरिएंस प्रदान करना जारी रखेंगे।’
विभू अग्रवाल अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म और जनरल एंटरटेनमेंट चैनल ‘अतरंगी’ (Atrangii) के प्रमुख बने रहेंगे और अब एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में विस्तार और नई रेवेन्यू स्ट्रीम्स की खोज की ओर कदम बढ़ाएंगे।
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‘एमेजॉन’ के अनुसार, वर्ष 2024 की शुरुआत में विज्ञापन सबसे पहले अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी व कनाडा और इसके बाद फ्रांस, इटली, स्पेन, मैक्सिको व ऑस्ट्रेलिया में प्राइम वीडियो कंटेंट पर पेश किए जाएंगे।
तमाम अन्य स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स की तरह जानी-मानी ई-कॉमर्स कंपनी ‘एमेजॉन’ (Amazon) भी अब विज्ञापनों की रेस में कूद गई है। दरअसल, एमेजॉन ने घोषणा की है कि वह वर्ष 2024 में अपनी ‘प्राइम वीडियो’ स्ट्रीमिंग सेवा में विज्ञापन पेश करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ई-कॉमर्स की इस दिग्गज कंपनी ने कहा, विज्ञापनों से उसे आकर्षक कंटेंट में निवेश जारी रखने में मदद मिलेगी।
‘एमेजॉन’ की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, वर्ष 2024 की शुरुआत में विज्ञापन सबसे पहले अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी व कनाडा में और इसके बाद वर्ष के अंत में फ्रांस, इटली, स्पेन, मैक्सिको व ऑस्ट्रेलिया में प्राइम वीडियो कंटेंट पर पेश किए जाएंगे। विज्ञापनों की शुरुआत कब से होगी, फिलहाल उसकी तारीख अभी तय नहीं की गई है।
एमेजॉन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि वर्ष 2024 में अपनी प्राइम मेंबरशिप की वर्तमान कीमतों में बदलाव की फिलहाल उसकी कोई योजना नहीं है। विज्ञापन-मुक्त विकल्प के लिए साइन अप करने के विवरण के साथ विज्ञापन सेवा शुरू होने से कई सप्ताह पहले प्राइम मेंबर्स को इस बदलाव के बारे में सूचित कर दिया जाएगा।
इसके साथ ‘एमेजॉन’ का यह भी कहना है, ‘आकर्षक कंटेंट में निवेश जारी रखने और लंबी अवधि में उस निवेश को बढ़ाने के लिए वर्ष 2024 से शुरू होकर यूके में प्राइम वीडियो शो और फिल्मों में सीमित विज्ञापन शामिल होंगे।’
माना जा रहा है कि एमेजॉन ने विज्ञापन पेश करने का यह फैसला ‘डिज्नी+’ और ‘नेटफ्लिक्स’ सहित तमाम प्रतिद्वंद्वियों द्वारा उठाए गए इस तरह के कदमों को देखते हुए लिया है।
हिंदी न्यूज चैनल ‘भारत24’ (Bharat24) की डिजिटल विंग में करीब एक साल से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे आयुष कुमार जायसवाल अब यहां नई भूमिका में नजर आएंगे।
हिंदी न्यूज चैनल ‘भारत24’ (Bharat24) की डिजिटल विंग में करीब एक साल से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे आयुष कुमार जायसवाल अब यहां नई भूमिका में नजर आएंगे। दरअसल, संस्थान ने उन्हें डिजिटल असाइनमेंट के लिए इनपुट हेड के तौर पर प्रमोट किया है। अपनी इस भूमिका में वह ‘भारत24’ के डिजिटल हेड शशिकेश रंजन को रिपोर्ट करेंगे।
आयुष कुमार जायसवाल इससे पहले तीन साल से ज्यादा समय तक ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) में काम कर चुके हैं, जहां वह टीवी कंटेंट और प्रॉडक्शन की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। आयुष कुमार ने मीडिया में अपने सफर की शुरुआत ‘जी हिंदुस्तान’ (Zee Hindustan) चैनल से बतौर प्रड्यूसर की थी।
मूल रूप से उत्तर प्रदेश में वाराणसी के रहने वाले आयुष कुमार जायसवाल ने वहीं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से पढ़ाई की है। समाचार4मीडिया की ओर से आयुष जायसवाल को उनकी नई जिम्मेदारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
‘जी न्यूज’ (Zee News) के नेशनल यूट्यूब चैनल में लंबे समय से जिम्मेदारी निभा रहे तरुण गौड़ ने वहां से बाय बोल दिया है। तरुण गौड़ ने अपनी नई पारी की शुरुआत ‘भारत24’ (Bharat24) के साथ की है।
‘जी न्यूज’ (Zee News) के नेशनल यूट्यूब चैनल में लंबे समय से जिम्मेदारी निभा रहे तरुण गौड़ ने अब वहां से बाय बोल दिया है। तरुण गौड़ ने अपनी नई पारी की शुरुआत ‘भारत24’ (Bharat24) के साथ की है। वह यहां यूट्यूब मैनेजर की भूमिका निभाएंगे और ‘भारत24’ के डिजिटल हेड शशिकेश रंजन को रिपोर्ट करेंगे।
तरुण गौड़ को मीडिया में काम करने का 15 साल से ज्यादा का अनुभव है। डिजिटल में आकर्षक थंबनेल और खबरों में एंगल निकालने में तरुण को महारत हासिल है। जी न्यूज से पहले तरुण न्यूज24, तहलका और पी7 जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम कर चुके हैं।
समाचार4मीडिया से बातचीत में तरुण गौड़ ने बताया कि वह ‘जी न्यूज’ में लीड की जिम्मेदारी संभाल रहे थे और वहां यूट्यूब चैनल को नंबर वन बनाने में उनकी अहम भूमिका थी।
दिल्ली के रहने वाले तरुण ने ‘पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी’ (PTU) से मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन किया है। समाचार4मीडिया की ओर से तरुण गौड़ को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
इसके साथ ही चैनल ने अपनी ऑनलाइन मौजूदगी को बढ़ाते हुए अपनी वेबसाइट www.newstak.in भी लॉन्च की है।
‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह के डिजिटल फर्स्ट चैनल ‘News Tak’ ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। दरअसल, ‘News Tak’ ने यूट्यूब पर दस मिलियन यानी एक करोड़ सबस्क्राइबर्स का आंकड़ा पार कर लिया है। इसके साथ ही चैनल ने अपनी ऑनलाइन मौजूदगी को बढ़ाते हुए अपनी वेबसाइट www.newstak.in भी लॉन्च की है। इस उपलब्धि के बारे में ‘News Tak’ की ओर से कहा गया है, ‘जब बात राष्ट्रीय खबरों के कवरेज की हो तो News Tak हमेशा सबसे आगे रहा है और बड़े दर्शक वर्ग को अपनी ओर आकर्षित किया है। एक करोड़ सबस्क्राइबर्स तक पहुंचने की यह उपलब्धि सियासत और ट्रेंडिंग टॉपिक पर बेहतरीन कवरेज देने की News Tak की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।’
इसके साथ ही यह भी कहा गया है, ’News Tak की वेबसाइट एक स्पष्ट संपादकीय फोकस के साथ देश भर से भारतीय राजनीति को कवर करेगी। यहां आपको खास तौर पर राष्ट्रीय राजनीति से संबंधित खबरें मिलेंगी, जो पूरी तरह से निष्पक्ष होंगी। पिछले एक साल में Tak समूह के चैनलों ने मुंबई, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़ जैसे अलग-अलग क्षेत्रों के लिए सफलतापूर्वक अपने नेटिव-प्लेटफॉर्म स्थापित किए हैं।’
इस उपलब्धि पर ‘इंडिया टुडे’ समूह की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी का कहना है, ‘हम एक ऐसे युग में हैं, जहां सूचना प्रकाश की रफ्तार से चलती है और इस डिजिटल युग में नॉलेज ही आज की करेंसी है। हमारे मोबाइल फर्स्ट न्यूज चैनल News Tak के लिए इस मील के पत्थर को छूना वाकई बहुत खास है।'
इसके साथ ही उनका यह भी कहना है, 'इस बात को लेकर हमारे सभी 23 Tak चैनलों के बीच आपस में कंपटीशन था कि कौन सबसे पहले एक करोड़ का आंकड़ा छुएगा। मुझे खुशी है कि News Tak ने ऐसा कर दिखाया। ऐसा इसलिए भी, क्योंकि यह हमारी ओर से लॉन्च किया गया पहला Tak चैनल था। आने वाले समय में आप हमारे दूसरे Tak चैनलों के बीच भी ऐसा कर दिखाने की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के गवाह बनेंगे।'
वहीं, ’Tak चैनल्स’ और ’द लल्लनटॉप’ के सीईओ विवेक गौड़ ने बताया, 'सिर्फ पिछली तिमाही में ही हमारे पास 348 मिलियन (34.8 करोड़) से अधिक पेज व्यू और यूट्यूब पर 3.27 अरब वीडियो व्यूज थे। वेबसाइट www.newstak.in के लॉन्च के साथ हम अपने पोर्टफोलियो को और मजबूत करेंगे।' इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'हमारा उद्देश्य अपने दर्शकों और पाठकों को देश में घट रही ताजातरीन घटनाओं की जानकारी देना है। News Tak की वेबसाइट की लॉन्चिंग उन दर्शकों के भरोसे को और मजबूत करने की हमारी कोशिशों का एक हिस्सा है, जिन्होंने अबतक इस यात्रा में हमारा साथ दिया है।'
दूरसंचार विभाग (DoT) ने कथित तौर पर कहा है कि ओटीटी (OTT) प्लेयर्स दूरसंचार विधेयक में दूरसंचार सेवाओं की परिभाषा के दायरे में नहीं आएंगे।
दूरसंचार विभाग (DoT) ने कथित तौर पर कहा है कि ओटीटी (OTT) प्लेयर्स दूरसंचार विधेयक में दूरसंचार सेवाओं की परिभाषा के दायरे में नहीं आएंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, DoT ने कहा कि टेलीग्राफ अधिनियम (Telegraph Act) के तहत दूरसंचार सेवाओं की वर्तमान परिभाषा काफी अच्छी है और नए बिल में ओटीटी जोड़ने की कोई आवश्यकता नहीं है।
सरकार ओटीटी और टेलीकॉम-शेयरिंग प्रोवाइडर्स के बीच रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल को सक्षम नहीं बनाएगी।
रिपोर्ट में एक सरकारी अधिकारी के हवाले से यह भी कहा गया है कि कार्यों में कोई रेवेन्यू शेयरिंग तंत्र नहीं है।
बता दें कि टेलीकॉम कंपनियां ओटीटी प्लेयर्स द्वारा अर्जित रेवेन्यू में हिस्सेदारी की मांग कर रही हैं, जो अपने ऐप्स के परिवहन के लिए पूर्व के नेटवर्क का उपयोग कर रहे हैं।
अपने बचाव में, टेलीकॉम कंपनियों का तर्क है कि स्ट्रीमिंग ऐप्स भारी सेवाएं दे रही हैं और असंगत रूप से उच्च ट्रैफिक उत्पन्न कर रही हैं, जिससे उन्हें अपनी नेटवर्क क्षमता को अपग्रेड करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
कथित तौर पर टेलीकॉम बिल से ओटीटी को हटाने का कदम संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है।
एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की दिग्गज कंपनियों में शुमार 'द वॉल्ट डिज्नी कंपनी' ने कथित तौर पर अपने भारत स्ट्रीमिंग व टेलीविजन बिजनेस को बेचने की तैयारी कर रहा है।
एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की दिग्गज कंपनियों में शुमार 'द वॉल्ट डिज्नी कंपनी' (The Walt Disney Company) ने कथित तौर पर अपने भारत स्ट्रीमिंग व टेलीविजन बिजनेस को बेचने की तैयारी कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वॉल्ट डिज्नी ने अन्य संभावित खरीदारों के बीच मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के साथ बातचीत की है।
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अमेरिका स्थित एंटरटेनमेंट कंपनी डिज्नी स्टार ने संभावित खरीदारों के साथ कई विकल्पों पर चर्चा की है। इसके तहत वह बिजनेस की कुल सेल से लेकर स्पोर्ट्स राइट्स और स्ट्रीमिंग सर्विस 'डिज्नी+ हॉटस्टार' (Disney+ Hotstar) जैसी संपत्तियों के आंशिक लेनदेन तक की डील शामिल हैं।
आईपीएल टूर्नामेंट के अधिकार वायकॉम18 मीडिया के हाथों गंवाने के बाद डिज्नी कई विकल्पों पर विचार कर रहा है, जिसमें एकमुश्त बिक्री से लेकर एक ज्वाइंट वेंचर पर भी विचार करना शामिल है।
डिज्नी अपने कारोबार के लिए स्ट्रैटजिक ऑप्शन पर विचार कर रहा है, जिसमें एकमुश्त बिक्री या एक ज्वाइंट वेंचर स्थापित करना शामिल है।
कथित तौर पर डिज्नी ने बिजनेस में हिस्सेदारी खरीदने के लिए रिलायंस से संपर्क किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बातचीत किसी भी सौदे पर नहीं पहुंच पाई है। वैसे डिज्नी का लंबे समय तक अपनी प्रॉपर्जीज पर अधिकार रह सकता है।
‘ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन’ (AIDCF) की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि इस तरह की कवायद केबल इंडस्ट्री के लिए उचित नहीं है।
’दूरसंचार विवाद निपटान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण’ (TDSAT) ने हाल ही में संपन्न एशिया कप और आगामी क्रिकेट विश्व कप सहित क्रिकेट मैचों की मोबाइल डिवाइसेज पर ‘हॉटस्टार’ पर मुफ्त स्ट्रीमिंग को चुनौती देने वाली याचिका पर ‘ओवर द टॉप’ (OTT) प्लेटफॉर्म ‘डिज्नी स्टार’ (Disney Star) को नोटिस जारी किया है।
‘ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन’ (AIDCF) की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह परंपरा केबल इंडस्ट्री के लिए ठीक नहीं है, जिसने ब्रॉडकास्टर को सिग्नल वितरित करने और प्रसारित करने के लिए भुगतान किया है।
इस याचिका में कहा गया है, ‘एक तरफ प्रतिवादी (डिज्नी स्टार) ने याचिकाकर्ता (AIDCF) और इसी तरह की संस्थाओं को भुगतान के आधार पर लाइव इवेंट (एशिया कप और विश्व कप) के सिग्नल वितरित करने और प्रसारित करने के लिए अनुबंध किया है। दूसरी ओर, अपने प्लेटफॉर्म के उपभोक्ताओं के लिए प्रतिवादी पूरी तरह से मुफ्त में उसी कंटेंट के प्रसारण का कारण बन रहा है।’
याचिका के अनुसार, ‘इसके परिणामस्वरूप गैर-भेदभावपूर्ण सिद्धांत का स्पष्ट उल्लंघन हुआ है जो टेलीग्राफ यानी तार या वायरलेस सिस्टम पर टीवी सिग्नल के प्रसारण को कवर करने और नियंत्रित करने वाले नियामक ढांचे को रेखांकित करता है।’
ऐसे में ‘AIDCF’ ने टीडीएसएटी से डिज्नी स्टार को अपने प्लेटफॉर्म डिज्नी+हॉटस्टार पर क्रिकेट मैचों के प्रसारण को फ्री-टू-व्यू (मुफ्त में दिखाना) से रोकने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की है। बता दें कि ‘AIDCF’ के तहत नौ केबल नेटवर्क हैं।
‘Koo’ के फाउंडर्स का कहना है, हम इसे दुनिया भर में ले जाने और भारतीय तकनीक के साथ इसे सर्वश्रेष्ठ बनाने के अपने सपने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
इस तरह की रिपोर्ट्स सामने आने के बाद कि इंडियन माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ‘कू’ (Koo) मजबूत डिस्ट्रीब्यूशन क्षमताओं वाली पार्टी के साथ सक्रिय रूप से साझेदारी की तलाश कर रहा है, इसके फाउंडर्स ने एक स्टेटमेंट जारी कर मीडिया से इस तरह की अटकलों पर विराम लगाने को कहा है।
‘कू’ के फाउंडर्स की ओर से जारी स्टेटमेंट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि दुनिया भर में स्टार्टअप ईकोसिस्टम के लिए वर्ष 2023 सबसे कठिन वर्षों में से एक रहा है। फंडिंग रुक गई है और ब्रेकईवन (जब न लाभ हो और न हानि) अथवा शुरुआती चरण के कुछ स्टार्टअप ही फंड जुटाने में भाग्यशाली हैं, वह भी कम वैल्यूएशन पर।
स्टेटमेंट के अनुसार, ‘हमारी योजना रेवेन्यू जुटाने से पहले इसे तेजी से और आगे बढ़ाने की थी, लेकिन कू भी दुर्भाग्यवश इस खराब मार्केट के दौर में फंस गया था और उसे रेवेन्यू बढ़ाने की दिशा में ले जाना पड़ा। हमें सिर्फ छह महीने और मिले रहते, तो हम भारत में ट्विटर को पीछे छोड़ देते।'
कू के फाउंडर्स का मानना है कि तेजी से बढ़ने से लेकर ग्रोथ में कटौती करने और इसे आर्थिक रूप से मजबूत साबित करने तक इस प्रयोग में छह महीने के भीतर ‘कू’ ने घुमावदार मोड़ लेते हुए साबित किया कि यह एक रियल बिजनेस है।
इस स्टेटमेंट में यह भी कहा गया है, ‘भले ही मार्केट की स्थिति प्रतिकूल है, हम फाउंडर्स के रूप में ‘कू’ को दुनिया भर में ले जाने और भारतीय तकनीक के साथ इसे सर्वश्रेष्ठ बनाने के अपने सपने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। हमारा मानना है कि भारत को वैश्विक मंच पर एक सीट की जरूरत है, जो वर्तमान में केवल वैश्विक तकनीकी दिग्गजों के लिए आरक्षित है।’
इसके साथ ही ‘कू’ के फाउंडर्स का इस स्टेटमेंट में यह भी कहना है, ‘कू के लिए अगला चरण इसे और ऊंचाई पर ले जाना है और यह फंडिंग अथवा किसी ऐसे व्यक्ति के साथ स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के माध्यम से होगा, जो पहले से ही ऊंचाई पर है। धीमे निवेशक बाजार की वर्तमान वास्तविकता के साथ आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका किसी ऐसे व्यक्ति के साथ साझेदारी करना है जिसके पास ‘कू’ को बड़े पैमाने पर उपयोगकर्ता प्रोत्साहन देने और इसे बढ़ने में मदद करने के लिए डिस्ट्रीब्यूशन की शक्ति है।'
स्टेटमेंट में कहा गया है कि ‘कू अपने प्रतिस्पर्धियों को मात दे सकता है। हम मीडिया में अपने शुभचिंतकों और दोस्तों से आग्रह करते हैं कि वे अटकलें लगाना बंद करें और तब तक धैर्य रखें, जब तक हमारे पास घोषणा करने के लिए कुछ ठोस न हो। फिलहाल हम सिर्फ इतना ही बता सकते हैं कि इन सभी बदलावों के साथ ‘कू’ एक संगठन के रूप में बहुत मजबूत होगा और हम सभी को गौरवान्वित करेगा।’