‘BAG Convergence’ की टीम में शामिल हुए कपिल बहल, संभालेंगे SEO हेड की जिम्मेदारी

कपिल बहल इससे पहले करीब सात साल से ‘जी न्यूज’ (Zee News) में कार्यरत थे और SEO Lead के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।

Last Modified:
Wednesday, 22 October, 2025
Kapil Bahel


नई नियुक्तियों के क्रम में ‘BAG Convergence’ (न्यूज24 डिजिटल) की टीम में एक और एंट्री हुई है। कंपनी ने कपिल बहल को बतौर एसईओ हेड (SEO Head) नियुक्त किया है। अपनी इस भूमिका में कपिल बहल एसईओ से जुड़े सभी कार्यों का नेतृत्व करेंगे।

कपिल बहल इससे पहले करीब सात साल से ‘जी न्यूज’ (Zee News) में कार्यरत थे और SEO Lead के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे थे। कपिल बहल को डिजिटल मीडिया, एसईओ स्ट्रैटेजी और ऑडियंस ग्रोथ में काम करने का डेढ़ दशक से ज्यादा का अनुभव है।

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2008 में ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagran) से की थी और इसके बाद ‘राजस्थान पत्रिका’ (Rajasthan Patrika), ‘इंडिया टीवी’ (India TV), ‘आजतक’ (AajTak), ‘नेटवर्क18’ Network18 (CNN-IBN) और ‘जी न्यूज’ (Zee News) जैसे प्रतिष्ठित न्यूज संस्थानों में विभिन्न भूमिकाएं निभाते हुए अब ‘न्यूज24’ की टीम में शामिल हुए हैं।

समाचार4मीडिया की ओर से कपिल बहल को नई पारी की ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।

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इस बड़े पद पर ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ (डिजिटल) की टीम में शामिल हुए वरिष्ठ पत्रकार प्रभाष झा

प्रभाष झा इससे पहले करीब छह साल से ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ (Hindustan Times) समूह में कार्यरत थे। यहां से कुछ दिनों पहले उन्होंने अपनी पारी को विराम दे दिया था।

Last Modified:
Friday, 24 October, 2025
Prabhash Jha..

वरिष्ठ पत्रकार प्रभाष झा ने ‘टाइम्स’ (Times) समूह के साथ मीडिया में अपनी नई पारी का आगाज कर दिया है। उन्होंने ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ (डिजिटल) में एग्जिक्यूटिव एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट्स) के पद पर जॉइन किया है।

‘टाइम्स’ से पहले प्रभाष झा ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ (Hindustan Times) समूह में कार्यरत थे। वह करीब छह साल से बतौर एडिटर ‘हिन्दुस्तान’ की न्यूज वेबसाइट livehindustan.com समेत इस समूह की अन्य भाषाओं की वेबसाइट में अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। यहां से कुछ दिनों पहले उन्होंने अपनी पारी को विराम दे दिया था।

प्रभाष झा को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का करीब 25 साल का अनुभव है। मूलरूप से मधुबनी (बिहार) के रहने वाले प्रभाष झा ने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2000 में बतौर इंटर्न ‘जैन टीवी’ (Jain TV) से की थी।

करीब एक साल तक काम करने के बाद उन्होंने यहां से बाय बोलकर ‘नवभारत’ (Navbharat), भोपाल का दामन थाम लिया। यहां बतौर करेसपॉन्डेंट उन्होंने करीब 11 महीने तक अपनी जिम्मेदारी निभाई और फिर यहां से अलविदा कह दिया।

इसके बाद प्रभाष झा ने ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagran), मेरठ में जूनियर सब एडिटर के तौर पर अपनी नई शुरुआत की। करीब सवा साल यहां काम करने के बाद अक्टूबर 2003 में वह ‘अमर उजाला’ (Amar Ujala), देहरादून चले गए। करीब 10 महीने तक इस अखबार से जुड़े रहने के बाद उन्होंने ‘दैनिक जागरण’ में वापसी की। इस बार उन्होंने नोएडा में सीनियर सब एडिटर के तौर पर यहां जॉइन किया। लगभग तीन साल तक ‘दैनिक जागरण’ में अपने सेवाएं देने के बाद उन्होंने यहां से फिर अलविदा बोल दिया और ‘बीबीसी न्यूज’ (BBC News), हिंदी में कॉन्ट्रीब्यूटिंग एडिटर के तौर पर जुड़ गए।

करीब सवा साल तक यह जिम्मेदारी निभाने के बाद प्रभाष झा ने वर्ष 2007 में ‘नवभारत टाइम्स’ (Navbharat Times) का रुख किया। उस समय उन्होंने चीफ सब एडिटर के तौर पर यहां जॉइन किया और फिर करीब साढ़े 12 साल तक इस संस्थान में विभिन्न पदों पर अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए एडिटर के पद पर पहुंच गए। इसके बाद यहां से अलविदा कहकर वर्ष 2019 में उन्होंने अपनी नई पारी ‘हिन्दुस्तान’ की डिजिटल विंग के साथ शुरू की थी, जहां से कुछ दिनों पूर्व अपनी पारी को विराम देकर अब टाइम्स समूह के साथ मीडिया में अपने नए सफर का आगाज किया है।

पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो प्रभाष झा ने नागपुर के एसएफएस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने मेघालय की महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन, एडवर्टाइजिंग और जर्नलिज्म में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। कम्युनिकेशन और मीडिया स्टडीड में ‘नेट’ (NET) क्वालीफाइड प्रभाष झा ने दिल्ली के ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन’ (IIMC) से रेडियो और टीवी जर्नलिज्म में पीजी डिप्लोमा भी किया है।

समाचार4मीडिया की ओर से प्रभाष झा को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।

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Meta अपने AI डिवीजन में 600 एम्प्लॉयीज की करेगी छंटनी

फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) एक बार फिर छंटनी कर रही है। बताया जा रहा है कि इस बार कंपनी के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) डिवीजन में लगभग 600 एम्प्लॉयीज पर यह गाज गिरेगी।

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Friday, 24 October, 2025
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फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) एक बार फिर छंटनी कर रही है। बताया जा रहा है कि इस बार कंपनी के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) डिवीजन में लगभग 600 एम्प्लॉयीज पर यह गाज गिरेगी। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह फैसला कंपनी ने हाल के समय में हुए भारी पैमाने पर भर्ती अभियान के बाद कामकाज को सुव्यवस्थित करने के लिए लिया है।

TBD लैब पर असर नहीं पड़ेगा

रिपोर्ट्स के अनुसार, यह छंटनी मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग द्वारा शुरू किए गए TBD लैब को प्रभावित नहीं करेगी। यह लैब मेटा का एक अहम प्रोजेक्ट है, जहां कंपनी ने OpenAI और Apple जैसी कंपनियों से टॉप रिसर्चर्स को ऊंचे वेतन पैकेज पर लाकर काम पर लगाया था।

AI प्रोडक्ट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर टीम पर असर

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, यह छंटनी AI प्रोडक्ट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करने वाली टीमों पर केंद्रित है। कंपनी का कहना है कि यह कदम दक्षता बढ़ाने (efficiency boost) के लिए उठाया गया है, ताकि बड़े प्रोजेक्ट्स पर असर न पड़े। साथ ही, जिन एम्प्लॉयीज की नौकरियां जा रही हैं, उनमें से कई को मेटा के दूसरे डिवीजन में शिफ्ट किया जा सकता है।

‘ऑर्गनाइजेशनल बोझ’ घटाने के लिए कदम

न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस कदम को कंपनी के अंदर बढ़ते संगठनात्मक बोझ को कम करने की कोशिश बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ महीनों में कंपनी ने AI टीम को मजबूत करने के लिए तेजी से भर्ती की थी, जिससे कामकाज जटिल हो गया था।

कंपनी का संदेश – फैसले जल्दी होंगे

दोनों अखबारों के मुताबिक, मेटा के चीफ AI ऑफिसर एलेक्जेंडर वांग ने अपने मेमो में लिखा, “अब फैसले लेने के लिए कम लोगों से बात करनी पड़ेगी।” यानी कामकाज को और तेज और सीधा बनाने की कोशिश की जा रही है। 

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सोशल मीडिया पर कंटेंट हटाने का नियम हुआ और सख्त, केवल सीनियर अधिकारी देंगे आदेश

केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर गैरकानूनी कंटेंट हटाने के नियमों में बदलाव किया है। अब केवल सीनियर अधिकारी ही कंटेंट हटाने के आदेश जारी कर सकेंगे।

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Friday, 24 October, 2025
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केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर गैरकानूनी कंटेंट हटाने के नियमों में बदलाव किया है। अब केवल सीनियर अधिकारी ही कंटेंट हटाने के आदेश जारी कर सकेंगे। इस बदलाव का उद्देश्य प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना और सिस्टम को सरल बनाना है।

नई आईटी नियमावली 15 नवंबर से लागू होगी। इसके तहत संयुक्त सचिव या उससे ऊपर के अधिकारी और पुलिस में डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल या उससे ऊपर के अधिकारी ही सोशल मीडिया कंपनियों को कंटेंट हटाने का आदेश दे सकेंगे। आदेश जारी करते समय अधिकारी को कारण भी स्पष्ट रूप से बताना होगा कि कंटेंट क्यों हटाया जा रहा है।

आईटी मंत्रालय ने कहा कि यह बदलाव कानूनी पारदर्शिता, स्पष्टता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए किया गया है। इसके तहत नागरिकों के संवैधानिक अधिकार और सरकार की वैध निगरानी शक्ति के बीच संतुलन बनाए रखा गया है।

मंत्रालय ने यह भी कहा कि Rule 3(1)(d) के तहत जारी सभी आदेशों की हर महीने समीक्षा की जाएगी। यह समीक्षा कम से कम सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा की जाएगी ताकि आदेश "आवश्यक, उचित और कानूनी" हों।

आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह आदेश अदालत के फैसले या सरकार की नोटिफिकेशन के आधार पर दिया जाएगा। मंत्रालय ने यह भी कहा कि समीक्षा से वरिष्ठ स्तर की जिम्मेदारी, गैरकानूनी कंटेंट की सटीक पहचान और उच्च स्तर पर आदेशों की समय-समय पर जांच सुनिश्चित होगी।

अधिकारियों को आदेश जारी करते समय यह साफ करना होगा कि यह आदेश किस कानूनी प्रावधान के आधार पर दिया जा रहा है, गैरकानूनी कार्य का स्वरूप क्या है, और हटाए जाने वाले कंटेंट का सटीक URL या अन्य इलेक्ट्रॉनिक स्थान क्या है।

इस नए नियम से सोशल मीडिया कंपनियों पर आदेश देने की प्रक्रिया और जिम्मेदारी दोनों ज्यादा स्पष्ट और नियंत्रित हो जाएगी।

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WhatsApp, Messenger और Facebook पर Meta की नई सुरक्षा पहल, नए एंटी-फ्रॉड टूल्स किए लॉन्च

मेटा (Meta) ने अपने प्लेटफॉर्म्स वॉट्सऐप, मैसेंजर और फेसबुक पर यूजर्स को ऑनलाइन ठगी और साइबर फ्रॉड से बचाने के लिए नई एंटी-स्कैम सुविधाएं और जागरूकता पहल शुरू की हैं।

Last Modified:
Thursday, 23 October, 2025
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मेटा (Meta) ने अपने प्लेटफॉर्म्स वॉट्सऐप, मैसेंजर और फेसबुक पर यूजर्स को ऑनलाइन ठगी और साइबर फ्रॉड से बचाने के लिए नई एंटी-स्कैम सुविधाएं और जागरूकता पहल शुरू की हैं। कंपनी ने वरिष्ठ नागरिकों की डिजिटल सुरक्षा पर भी ध्यान बढ़ाया है और बड़े शहरों में वर्कशॉप और जागरूकता अभियान आयोजित कर रही है।

वॉट्सऐप पर अब यूजर्स को अनजाने संपर्कों के साथ वीडियो कॉल में स्क्रीन शेयर करते समय चेतावनी मिलेगी। स्कैमर अक्सर इस तरीके से बैंकिंग जानकारी या वेरिफिकेशन कोड्स तक पहुंचते हैं।

मैसेंजर में अब AI-आधारित स्कैम डिटेक्शन सुविधा होगी, जो नए संपर्कों से आने वाले संदिग्ध संदेशों पर चेतावनी देगी। यूजर हाल की चैट्स को ऑटोमैटिक स्कैम रिव्यू के लिए भी भेज सकते हैं।

सभी प्लेटफॉर्म्स पर अब यूजर पासकीज़ (Passkeys) का उपयोग करके बायोमेट्रिक या डिवाइस PIN के जरिए सुरक्षित लॉगिन कर सकते हैं। ध्यान दें कि Meta ने जून 2025 में फेसबुक पर iOS और Android डिवाइस के लिए पासकी ऑथेंटिकेशन लागू किया था।

सुरक्षा और प्राइवेसी जांच में सुधार

Meta ने सुरक्षा और प्राइवेसी चेकअप्स को और मजबूत किया है। फेसबुक और इंस्टाग्राम पर यूजर अपनी सुरक्षा सेटिंग्स देख सकते हैं और पासवर्ड अपडेट, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन जैसी व्यक्तिगत सिफारिशें प्राप्त कर सकते हैं।

वॉट्सऐप पर Privacy Checkup टूल मदद करता है कि कौन आपको ग्रुप में जोड़ सकता है, जिससे अनचाहे संपर्क और स्कैमर से बचा जा सके।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए जागरूकता अभियान

Meta सरकार और गैर-लाभकारी संस्थाओं के साथ मिलकर वरिष्ठ नागरिकों में स्कैम जागरूकता बढ़ा रही है। भारत में, कंपनी ने 'स्कैम से बचो' (Scams Se Bacho) अभियान को दूरसंचार विभाग (DoT) के साथ बढ़ाया है। इसमें बहुभाषी शैक्षिक वीडियो शामिल हैं जो खासकर बुजुर्ग दर्शकों के लिए बनाए गए हैं।

यह पहल यूजर्स को ऑनलाइन ठगी, नकली निवेश ऑफ़र और फिशिंग प्रयास पहचानने में मदद करती है। मेटा सक्षम सीनियर (Meta Saksham Senior) पहल का भी समर्थन करता है, जो बुजुर्गों को डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहने, गलत सूचना पहचानने और स्कैम से बचाव के तरीके अपनाने की ट्रेनिंग देती है।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए Meta की सलाह:

  • अनचाहे संदेश और कॉल से सतर्क रहें

  • व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी ऑनलाइन साझा न करें

  • जानकारी को भरोसेमंद स्रोत से सत्यापित करें

  • संदिग्ध अनुरोधों का जवाब देने से पहले परिवार या भरोसेमंद संपर्क से सलाह लें

ऑनलाइन खतरों का बढ़ता दायरा

Meta ने बताया कि क्रॉस-बॉर्डर क्रिमिनल नेटवर्क्स सोशल मीडिया, मैसेजिंग प्लेटफॉर्म और क्रिप्टो सेवाओं के यूजर्स को निशाना बना रहे हैं। PTI की एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 में Meta ने भारत और ब्राजील में यूजर्स को लक्षित करने वाले लगभग 23,000 फेसबुक पेज और अकाउंट्स हटा दिए।

साथ ही, वॉट्सऐप स्पैम और अनचाहे संदेशों को रोकने के लिए एक नई सुविधा विकसित कर रहा है। इसके तहत यूजर उन लोगों के साथ कितनी नई चैट शुरू कर सकते हैं, जिनका जवाब नहीं मिला, इसकी सीमा निर्धारित होगी।

इस सुविधा के तहत व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों प्रकार के अकाउंट शामिल होंगे। यूजर्स को मासिक संदेश सीमा के करीब आने पर नोटिफिकेशन मिलेगा। मौजूदा चैट प्रभावित नहीं होंगी, और यूजर नई संदेश गतिविधि को समर्पित सेटिंग पैनल से मॉनिटर कर सकेंगे।

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Network18 ने बढ़ाया विकास का दायरा, Moneycontrol व Creator18 बन रहे हैं नए ग्रोथ इंजन

Network18 ग्रुप अब सिर्फ विज्ञापन पर निर्भर रहने के बजाय अपने बिज़नेस को नए क्षेत्रों में बढ़ा रहा है। कंपनी की वित्तीय प्लेटफॉर्म Moneycontrol की फिनटेक सेवाएं लगातार रफ्तार पकड़ रही हैं

Last Modified:
Thursday, 16 October, 2025
Moneycantrol84512

Network18 ग्रुप अब सिर्फ विज्ञापन पर निर्भर रहने के बजाय अपने बिज़नेस को नए क्षेत्रों में बढ़ा रहा है। कंपनी की वित्तीय प्लेटफॉर्म Moneycontrol की फिनटेक सेवाएं लगातार रफ्तार पकड़ रही हैं, जिसमें लोन सेगमेंट मुख्य भूमिका निभा रहा है।

ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल 2025 के मंच पर मनीकंट्रोल ने भारत के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC के साथ साझेदारी का ऐलान किया। इस साझेदारी के तहत अब ग्राहक मनीकंट्रोल प्लेटफॉर्म से सीधे HDFC के पर्सनल लोन ऑफर देख और चुन सकेंगे। यह कदम मनीकंट्रोल को भारत का सबसे बड़ा और भरोसेमंद वित्तीय गंतव्य बनाने की दिशा में एक और मजबूत कदम है।

Moneycontrol प्लेटफॉर्म अपनी व्यापक खबरों, गहराई वाले विश्लेषण और विशेषज्ञों की राय के कारण वित्त, कारोबार और पूंजी बाजार से जुड़े मामलों में इंडस्ट्री में सबसे अधिक आकर्षण और यूजर्स सहभागिता बना रहा है।

कंपनी का कहना है कि बीती तिमाही में Moneycontrol की पेज व्यूज (Page Views) अपने निकटतम प्रतिस्पर्धी से 1.8 गुना अधिक और यूजर्स का प्लेटफॉर्म पर बिताया गया समय (Time-Spent) 3 गुना से ज्यादा था।

Moneycontrol Pro देश के सबसे बड़े डिजिटल न्यूज सब्सक्रिप्शन प्लेटफॉर्म्स में से एक है, जिसमें 1 मिलियन से ज्यादा पेड सब्सक्राइबर हैं।

हाल ही में लॉन्च किया गया Moneycontrol Super Pro, जो एक अल्ट्रा-प्रिमियम, इंटेलिजेंस-आधारित मार्केट्स प्रोडक्ट है, उन यूजर्स के लिए डिजाइन किया गया है जो सिर्फ विश्लेषण तक सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि रियल-टाइम ट्रेडिंग और निर्णय लेना चाहते हैं। इसे बाजार में काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और यह कंपनी को सब्सक्रिप्शन-आधारित प्रॉडक्ट्स की दिशा में बढ़ने में मदद कर रहा है।

वहीं, Network18 का नया वर्टिकल Creator18 देश के सबसे बड़े कंटेंट क्रिएटर इकोसिस्टम में से एक तैयार कर रहा है। यह प्लेटफॉर्म इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग कैंपेन, सोशल मीडिया और वीडियो-फर्स्ट ग्रोथ स्ट्रैटेजी पर काम कर रहा है।

Creator18 अभी तक 1,000 से ज्यादा सोशल मीडिया क्रिएटर्स के साथ काम कर चुका है, जिनमें से कई के साथ इसका एक्सक्लूसिव करार है। यह नया वर्टिकल Network18 की विज्ञापन पहुंच को बढ़ा रहा है और कंपनी को कल्चर, कॉमर्स और फैशन जैसे नए क्षेत्रों में विस्तार करने में मदद करेगा।

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ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया प्रतिबंध मुश्किल: Google

टेक कंंपनी गूगल (Google) ने चेतावनी दी है कि ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के लोगों के लिए सोशल मीडिया इस्तेमाल पर रोक लागू करना बेहद मुश्किल होगा।

Last Modified:
Wednesday, 15 October, 2025
Google8745

टेक कंंपनी गूगल (Google) ने चेतावनी दी है कि ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के लोगों के लिए सोशल मीडिया इस्तेमाल पर रोक लागू करना बेहद मुश्किल होगा। कंपनी ने कहा कि सरकार की यह पहल बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षित बनाने में मदद नहीं करेगी।

दिसंबर 2024 में ऑस्ट्रेलिया पहला देश बना जिसने 16 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया उपयोग से रोक दिया। इस कानून के तहत प्लेटफॉर्म्स को इस साल 10 दिसंबर तक अनाधिकृत बच्चों के अकाउंट्स को बंद करना होगा, लेकिन इसके लिए उम्र की पुष्टि (age verification) की जरूरत नहीं होगी।

ऑस्ट्रेलिया की इस कानून में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को AI और यूजर बिहेवियर डेटा का उपयोग कर बच्चों की उम्र का अंदाजा लगाने के लिए कहा गया है। यह कानून युवा लोगों की मानसिक स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया के प्रभाव को देखते हुए नवंबर 2024 में पास किया गया था। कंपनियों को इसे लागू करने के लिए एक साल का समय मिला है।

सोमवार, 13 अक्टूबर को ऑनलाइन सेफ्टी नियमों पर संसद की सुनवाई में YouTube की वरिष्ठ अधिकारी Rachel Lord ने कहा कि सरकार की योजना भले ही अच्छे इरादों से बनाई गई हो, लेकिन इसके अनपेक्षित परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह कानून लागू करना मुश्किल होगा और यह बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षित बनाने का वादा पूरा नहीं करता।

Rachel Lord ने कहा कि बच्चों को सुरक्षित रखने का तरीका यह नहीं कि उन्हें ऑनलाइन आने से रोक दिया जाए। इसके बजाय, ऑनलाइन सुरक्षा टूल्स का इस्तेमाल करके बच्चों की सुरक्षा की जा सकती है और माता-पिता को नियंत्रण दिया जाना चाहिए ताकि वे बच्चों के ऑनलाइन अनुभव को गाइड कर सकें।

उन्होंने यह भी कहा कि जुलाई में ऑस्ट्रेलिया ने YouTube को इस कानून के दायरे में शामिल किया, जबकि पहले इसे शिक्षकों में लोकप्रिय होने के कारण बाहर रखा गया था। Google का कहना है कि YouTube एक वीडियो शेयरिंग साइट है, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म नहीं।

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प्रीतम साहा को मिली न्यूज24 डिजिटल (अंग्रेजी) की कमान

पत्रकार प्रीतम साहा ने ‘BAG Convergence’ (न्यूज24 डिजिटल) के साथ मीडिया में अपनी नई पारी का आगाज किया है। उन्होंने न्यूज24 डिजिटल (अंग्रेजी) में बतौर एडिटर जॉइन किया है।

Last Modified:
Tuesday, 14 October, 2025
Pritam Saha

पत्रकार प्रीतम साहा ने ‘BAG Convergence’ (न्यूज24 डिजिटल) के साथ मीडिया में अपनी नई पारी का आगाज किया है। उन्होंने न्यूज24 डिजिटल (अंग्रेजी) में बतौर एडिटर जॉइन किया है।

यहां उन्हें कंटेंट स्ट्रैटेजी के साथ-साथ एडिटोरियल डायरेक्शन की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। प्रीतम साहा इससे पहले ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) में डिप्टी न्यूज एडिटर के पद पर कार्यरत थे।

प्रीतम साहा को न्यूज, स्पोर्ट्स और एंटरटेनमेंट सेगमेंट में काम करने का 17 साल से ज्यादा का अनुभव है। इस दौरान उन्होंने प्रिंट और डिजिटल दोनों माध्यमों में काम किया है।

इस दौरान वह ‘इंडिया टुडे’, ‘एमएसएन’, ‘जी न्यूज’, ‘रिपब्लिक वर्ल्ड’, ‘एबीपी न्यूज’ और ‘डीएनए’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी भूमिका निभा चुके हैं।

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गूगल क्लाउड के CEO थॉमस कुरियन का दावा: AI आपका काम नहीं छीन रहा, बल्कि उसे बेहतर बना रहा

गूगल क्लाउड के CEO थॉमस कुरियन का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हमारे काम करने के तरीके को बदल रहा है, लेकिन यह किसी का नौकरी नहीं छीन रहा।

Last Modified:
Monday, 13 October, 2025
ThomasKurian4512

गूगल क्लाउड के CEO थॉमस कुरियन का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हमारे काम करने के तरीके को बदल रहा है, लेकिन यह किसी का नौकरी नहीं छीन रहा। उनके मुताबिक AI एक सहायक उपकरण है, जो एम्प्लॉयीज को, आज जो काम करते हैं, उसे कल और बेहतर तरीके से करने में मदद करेगा।  

कुरियन ने Big Technology पॉडकास्ट को दिए इंटरव्यू में कहा कि यह तकनीक इंसानों के काम को बदलने या खत्म करने के बजाय सशक्त बनाने के लिए है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि AI इंसानों की क्षमता को बढ़ाने वाला एक पुल है, न कि उनका विकल्प।”

AI मददगार है, प्रतिस्थापन नहीं 

गूगल के Customer Engagement Suite का उदाहरण लेते हुए कुरियन ने बताया कि यह AI-संचालित टूल्स कंपनियों को ग्राहक सवालों का जवाब तेजी से देने में मदद करता है। जब यह लॉन्च हुआ, तो कई लोग डर गए कि “क्या अब ग्राहक सेवा एजेंटों की जरूरत नहीं रहेगी?” 

लेकिन वास्तविकता इसके विपरीत रही। अधिकांश ग्राहकों ने किसी को नौकरी से नहीं हटाया। AI अब उन सवालों को संभालता है, जिन्हें ग्राहक आम तौर पर पूछने में हिचकते हैं- छोटे, रूटीन या ऐसे सवाल जो इनबॉक्स में फंस जाते हैं। परिणामस्वरूप, कर्मचारी जटिल और महत्वपूर्ण मामलों पर अधिक समय दे पा रहे हैं, जबकि AI सामान्य कार्य संभाल रहा है।

सुंदर पिचाई का समर्थन

गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने भी इस बात को माना है कि AI ने कंपनी में उत्पादकता बढ़ाई है, नौकरियों में कटौती नहीं की। पिचाई ने कहा कि AI ने इंजीनियर्स की कार्यकुशलता लगभग 10 प्रतिशत बढ़ा दी है और कंपनी अब और अधिक भर्ती करने की योजना बना रही है।

उनका कहना है कि AI दोहराए जाने वाले कोडिंग और प्रशासनिक काम संभाले ताकि इंसान रचनात्मक और संतोषजनक कार्यों पर ध्यान दे सकें। 

थॉमस कुरियन का व्यक्तिगत दृष्टिकोण

भारत के स्व-शिक्षित प्रवासी थॉमस कुरियन ने अपनी करियर शुरुआत मैकिन्से में की और फिर ओरेकल में 20 साल से अधिक समय तक काम किया। 2019 में वह गूगल क्लाउड के प्रमुख बने और उनके नेतृत्व में यह विभाग तेजी से विकसित हुआ। उनके जुड़वां भाई जॉर्ज कुरियन भी एक बड़ी डेटा कंपनी NetApp के CEO हैं।

कुरियन का कहना है कि AI भविष्य में नौकरियों के लिए खतरा नहीं, बल्कि काम को बेहतर बनाने का अवसर है। उनका संदेश साफ है- AI आपकी नौकरी लेने नहीं आया, बल्कि उसे अपग्रेड करने आया है।

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PMO समेत 12 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के ईमेल अब Zoho के प्लेटफॉर्म से संचालित

पिछले एक साल में केंद्र सरकार के सभी 12 लाख ईमेल पते अब नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) के पुराने सिस्टम से हटाकर जोहो (Zoho) द्वारा विकसित एक नए प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित कर दिए गए हैं।

Last Modified:
Monday, 13 October, 2025
Zoho4154

पिछले एक साल में केंद्र सरकार के सभी 12 लाख ईमेल पते, जिनमें प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के ईमेल भी शामिल हैं, अब नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) के पुराने सिस्टम से हटाकर तमिलनाडु के तेनकासी में स्थित कंपनी जोहो (Zoho) द्वारा विकसित एक नए प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित कर दिए गए हैं। यानि अब सरकारी कर्मचारियों के ईमेल NIC के सर्वर पर नहीं, बल्कि Zoho के प्लेटफॉर्म पर चलेंगे। 'द हिंदू' पर पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि यह बदलाव डिजिटल सुरक्षा और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक बड़ा कदम है।

एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, Zoho के ऑफिस सूट को भी एक्टिव किया गया है ताकि सरकारी कर्मचारी ओपन सोर्स टूल्स का इस्तेमाल न करें, जिनसे फाइलों की सुरक्षा पर खतरा हो सकता है। पहले यह सूट उपलब्ध तो था, लेकिन बहुत कम लोग इसका उपयोग कर रहे थे। अब इसे सरकारी मेल प्लेटफॉर्म पर प्रमुखता से दिखाया जा रहा है ताकि कर्मचारी इसके फीचर्स को अपनाएं।

शिक्षा मंत्रालय ने जारी किया आदेश

3 अक्टूबर को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया, जिसमें अधिकारियों को Zoho Suite का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया गया। मंत्रालय ने कहा कि यह कदम भारत सरकार की व्यापक नीति के अनुरूप है, जो देश को सेवा-आधारित अर्थव्यवस्था से उत्पादक राष्ट्र में बदलने और तकनीक, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर समाधान में आत्मनिर्भर पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की दिशा में है। 

यानी सरकार चाहती है कि अधिकारी Zoho के टूल्स का इस्तेमाल करें ताकि देश तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर और उत्पादक बन सके।

डेटा अब Zoho पर, डोमेन वही रहेगा

एक अधिकारी के अनुसार, सरकारी ईमेल का डोमेन नाम (जैसे nic.in या gov.in) वही रहेगा, लेकिन अब डेटा की होस्टिंग और प्रोसेसिंग NIC की जगह Zoho प्लेटफॉर्म पर होगी। सरकार ने 2023 में इस परियोजना के लिए Zoho को सात साल का करार किया था।

NIC, जो 1976 में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत स्थापित हुआ था, केंद्र और राज्य सरकारों का तकनीकी भागीदार रहा है। 

डेटा सुरक्षा को लेकर आश्वासन

जब सुरक्षा को लेकर सवाल पूछा गया, तो अधिकारी ने 'द हिंदू' को बताया कि “NIC और CERT-In जैसी एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया गया है। SQS (Software Quality Systems) Zoho प्लेटफॉर्म का नियमित ऑडिट करती है और यह सुनिश्चित किया गया है कि डेटा पूरी तरह सुरक्षित है।”

विशेषज्ञों की राय – सुरक्षा को प्राथमिकता जरूरी

पूर्व IAS अधिकारी के.बी.एस. सिद्धू ने द हिंदू से कहा कि इस तरह के बड़े पैमाने पर बदलाव से पहले मजबूत डेटा सुरक्षा की गारंटी होना जरूरी है। उन्होंने कहा, “सरकार द्वारा Zoho जैसे स्वदेशी उत्पाद को बढ़ावा देने में कोई आपत्ति नहीं, लेकिन जब इसमें कैबिनेट नोट्स और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज शामिल होंगे, तब एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन और स्वतंत्र ऑडिट किए गए भारतीय डेटा सेंटर्स की सुरक्षा अनिवार्य होनी चाहिए।”

Zoho के संस्थापक का जवाब

Zoho के संस्थापक श्रीधर वेम्बू, जिन्हें फरवरी 2021 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) में नियुक्त किया गया था, ने हाल ही में X (पूर्व ट्विटर) पर गोपनीयता से जुड़े एक सवाल पर जवाब दिया। उन्होंने कहा, “हमारा पूरा SaaS बिजनेस इस भरोसे पर आधारित है कि हम कभी ग्राहक डेटा तक पहुंच नहीं बनाते और न ही उसका व्यावसायिक उपयोग करते हैं। एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन जल्द आ रहा है, लेकिन सबसे जरूरी चीज भरोसा है और हम वह भरोसा हर दिन कमाते हैं।”

AIIMS साइबर हमले के बाद हुआ बड़ा बदलाव 

सरकार का यह कदम AIIMS दिल्ली पर नवंबर 2022 में हुए साइबर हमले के बाद आया है, जिसने अस्पताल की ई-सेवाओं को एक महीने से अधिक समय तक ठप कर दिया था। इसके बाद डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (DIC) ने फरवरी 2023 में निजी क्लाउड सेवा प्रदाताओं से बोली आमंत्रित की थी, ताकि मौजूदा सरकारी प्रोजेक्ट्स को सुरक्षित रूप से माइग्रेट किया जा सके।

मंत्रियों ने भी अपनाया Zoho ईमेल

हाल ही में कई केंद्रीय मंत्रियों ने X पर बताया कि उन्होंने अपने निजी ईमेल के लिए Zoho Mail अपनाया है। इनमें गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हैं। हालांकि, अधिकारियों के मुताबिक, यह सिर्फ उनके निजी ईमेल खातों पर लागू है, सरकारी संचार अभी भी nic.in या gov.in डोमेन से ही होता है।

कुल मिलाकर, यह बदलाव भारत सरकार के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को और अधिक स्वदेशी, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। 

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‘JioStar’ से जुड़े रिषिराज श्रीवास्तव, निभाएंगे यह बड़ी भूमिका

रिषिराज श्रीवास्तव इससे पहले ‘टाइम्स इंटरनेट’ (Times Internet) में सीनियर रीजन हेड के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे, जहां से उन्होंने कुछ समय पूर्व इस्तीफा दे दिया था।

Last Modified:
Saturday, 11 October, 2025
Rishiraj

रिषिराज श्रीवास्तव ने ‘जियोस्टार’ (JioStar) से अपनी नई पारी का आगाज किया है। यहां उन्होंने अकाउंट डायरेक्टर (Large Client Solutions) के पद पर जॉइन किया है।

‘जियोस्टार’ में अपनी नई भूमिका में वह प्रमुख एंटरप्राइज क्लाइंट्स के लिए रणनीतिक साझेदारियों (Strategic Partnerships) का नेतृत्व करेंगे। उनका फोकस इनोवेशन, डेटा-आधारित मार्केटिंग और क्रॉस-प्लैटफॉर्म ब्रैंड एक्सपीरियंस पर रहेगा।

बता दें कि रिषिराज श्रीवास्तव इससे पहले ‘टाइम्स इंटरनेट’ (Times Internet) में सीनियर रीजन हेड के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे, जहां से उन्होंने कुछ समय पूर्व इस्तीफा दे दिया था।

‘टाइम्स इंटरनेट’ में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने डिस्प्ले, प्रोग्रामेटिक, वीडियो, बड़े IPs और नैटिव बिजनेस जैसे क्षेत्रों में बिजनेस को आगे बढ़ाया। साथ ही डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को पारंपरिक मीडिया से जोड़ने का काम भी उन्होंने बखूबी निभाया।

रिषिराज श्रीवास्तव को डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 साल से अधिक का अनुभव है। पूर्व में वह ‘एनडीटीवी’, ‘दैनिक भास्कर’ और ‘बिजनेस स्टैंडर्ड’ जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में प्रमुख भूमिकाएं संभाल चुके हैं।

‘जियोस्टार’ में अपनी नई भूमिका के बारे में रिषिराज का कहना है, ‘इस नई यात्रा की शुरुआत को लेकर मैं काफी उत्साहित हूं। यह कंपनी इनसाइट-ड्रिवन स्ट्रैटेजी और क्रिएटिव इनोवेशन के ज़रिए क्लाइंट पार्टनरशिप को नई परिभाषा दे रही है। मैं जियोस्टार के उस विजन में योगदान देने की उम्मीद करता हूं, जो ब्रैंड्स को उद्देश्य, तेजी और प्रभाव के साथ आगे बढ़ने में मदद करता है।’

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