फ्री प्रेस जर्नल ग्रुप के डायरेक्टर अभिषेक करनानी ने उपाध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया है।
‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) के सीईओ अविनाश पांडेय को ‘इंटरनेशनल एडवर्टाइजिंग एसोसिएशन’ (IAA) के इंडिया चैप्टर का प्रेजिडेंट चुना गया है। उनका यह चुनाव वर्ष 2022-23 के लिए किया गया है। इसके साथ ही फ्री प्रेस जर्नल ग्रुप के डायरेक्टर अभिषेक करनानी ने उपाध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया है। मीडिया दिग्गज नंदिनी डायस को मानद सचिव जबकि ‘Another Idea’ के जयदीप गांधी को मानद कोषाध्यक्ष के पद पर चुना गया है।
बता दें कि अविनाश पांडेय को मीडिया सेक्टर में काम करने का 26 साल से ज्यादा का अनुभव है। वर्ष 2005 से एबीपी ग्रुप में तमाम भूमिकाएं निभाने के बाद अविनाश पांडेय ने जनवरी 2019 में एबीपी नेटवर्क के सीईओ का पदभार संभाला है।
‘इंटरनेशनल एडवर्टाइजिंग एसोसिएशन’ (IAA) के इंडिया चैप्टर की मैनेजिंग कमेटी में जिन सदस्यों को चुना गया है, उनमें ‘Hansa Group’ के चेयरमैन श्रीनिवासन स्वामी, ‘मातृभूमि‘ समूह के मैनेजिंग डायरेक्टर श्रेयम्स कुमार, ‘ग्रुप एम‘ के सीईओ प्रशांत कुमार, ‘इंडियन एक्सप्रेस‘ समूह के डायरेक्टर अनंत गोयनका और ‘देशदूत‘ समूह के डायरेक्टर जनक सारदा शामिल हैं।
मैनेजिंग कमेटी की पहली बैठक में जिन सदस्यों का सह चुनाव किया गया है, उनमें ‘वायकॉम18’ की हेड (Language content and Kids channels) नीना इलाविया जयपुरिया, ‘हंगामा‘ ग्रुप के चेयरमैन नीरज रॉय, ‘Eros International‘ के सीईओ प्रदीप द्विवेदी, ‘शेमारू एंटरटेनमेंट’ के डायरेक्टर (न्यू प्रोजेक्ट्स) क्रांति गडा और ‘इनाडु’ ग्रुप के डायरेक्टर आई वेंकट का नाम शामिल है।
प्रबंध समिति में आमंत्रित लोगों में ये नाम शामिल हैं:
: Ramesh Narayan, Founder, Canco Advertising Pvt. Ltd.
: Neena Dasgupta, CEO & Director, Zirca Digital Solutions Pvt. Ltd.
: Rana Barua, Chief Executive Officer, Havas Group India
: Partha Sinha, President, The Times of India Group
: Bhaskar Das
: Mitrajit Bhattacharya, Founder & President, The Horologists
: Sam Balsara, Chairman & Managing Director, Madison Communications Pvt. Ltd.
: Alok Jalan, Managing Director, Laqshya Media Group
: Rahul Johri, President -Business South Asia, ZEE Entertainment Enterprises Ltd.
: Rajeev Beotra, Executive Director, HT Media Ltd.
: Kevin Vaz, Head, Network Entertainment Channels, Disney Star
: Kunal Lalani, Managing Director, Crayons Advertising Pvt Ltd.
: Ashok Venkatramani, Founder, Intelligent Insights Pvt Ltd.
: Rani Reddy, Director, Indira Television Ltd.
: Monica Nayyar Patnaik, Managing Director, Sambad Group
विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' की मीडिया कमेटी ने 14 पत्रकारों/एंकर्स द्वारा होस्ट किए जाने वाले शो अथवा इवेंट्स में अपने प्रतिनिधियों को न भेजने का फैसला लिया है।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (I.N.D.I.A) द्वारा 14 प्रमुख टीवी एंकरों के खिलाफ जारी बहिष्कार नोटिस का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। बता दें कि ‘I.N.D.I.A’ की मीडिया कमेटी ने पिछले दिनों ही इन पत्रकारों/एंकर्स द्वारा होस्ट किए जाने वाले शो अथवा इवेंट्स में अपने प्रतिनिधियों को न भेजने का फैसला लिया है।
इस मामले में अब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से खबर मिली है कि 'I.N.D.I.A' गठबंधन में शामिल 11 मुख्यमंत्री कुछ टीवी चैनल्स पर विज्ञापन बंद करने पर विचार कर रहे हैं, जिनके बारे में उनका मानना है कि वे (चैनल्स) भाजपा समर्थक हैं।
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को समर्पित एक सोशल मीडिया फैन पेज के अनुसार, ‘योजना इन चैनल्स पर आर्थिक रूप से प्रहार करने की है।’ इस फैन पेज में कहा गया है, ‘इन चैनल्स को भाजपा के प्रवक्ताओं को आमंत्रित करके भाजपा का एजेंडा चलाने दें और भाजपा शासित राज्यों द्वारा दिए गए विज्ञापनों से अर्जित धन से भी अपना चैनल चलाने दें।’
वहीं, इस तरह की खबरें सामने आने के बाद ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन’ (NBDA) ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जताने के साथ ही चिंता व्यक्त की है।
'दि ऐडवरटाइजिंग क्लब' (The Advertising Club ) ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्रबंध समिति (Managing Committee) की घोषणा कर दी है
'दि ऐडवरटाइजिंग क्लब' (The Advertising Club ) ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्रबंध समिति (Managing Committee) की घोषणा कर दी है। 69वीं वार्षिक आम बैठक में हवास इंडिया के ग्रुप सीईओ राणा बरुआ को निकाय का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है।
बरुआ ने पार्थ सिन्हा की जगह ली है, जो तत्काल तौर पर पूर्व अध्यक्ष के रूप में प्रबंध समिति के सदस्य बने रहेंगे।
अपनी नियुक्ति को लेकर 'दि ऐडवर्टाइजिंग क्लब' के अध्यक्ष राणा बरुआ ने कहा कि लगभग 70 साल पुरानी प्रतिष्ठित संस्था दि एड क्लब में अध्यक्ष के रूप में काम करना सम्मान की बात है, जिसकी विरासत उत्कृष्टता के प्रति इसकी अटूट प्रतिबद्धता में निहित है और हमारी इंडस्ट्री के लिए प्रेरणा का प्रतीक है। हमारा मिशन बहुत बड़ा है। हमारी नई प्रबंधन टीम, जोकि विभिन्न क्षेत्रों के विविध लीडर्स का मिश्रण है और अब असीमित संभावनाओं व अवसरों की यात्रा पर है। साथ मिलकर, हम सार्थक पहल करेंगे, जो हमें इंडस्ट्री में नई प्रतिभाओं को आकर्षित करने, महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने, विविधता, समानता और समावेशन को आगे बढ़ाने व प्रगतिशील गठबंधनों और बातचीत को बढ़ावा देने में सक्षम बनाएगी।
निम्न सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए और वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए ऐडवर्टाइजिंग क्लब के पदाधिकारी हैं -
राणा बरुआ - अध्यक्ष
धीरज सिन्हा - उपाध्यक्ष
डॉ. भास्कर दास - सचिव
शशि सिन्हा - संयुक्त. सचिव
मित्रजीत भट्टाचार्य - कोषाध्यक्ष
प्रबंध समिति के सदस्यों में निम्न लीडर्स भी शामिल हैं, जो तालमेल बढ़ाने और विज्ञापन क्लब सभी इनीशिएटिव्स की सफलता सुनिश्चित करने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे:
अविनाश कौल
मैल्कॉम राफेल
प्रशांत कुमार
पुनिता अरुमुगम
शुभ्रांशु सिंह
सोनिया हुरिया
सुब्रमण्येश्वर संयम
इसके अलावा, यहां देखें को-ऑप्टेड इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स की सूची:
अजय कक्कड़
प्रदीप द्विवेदी
विक्रम सखूजा
नीचे उन लीडर्स की सूची दी गई, जो विशेष आमंत्रित सदस्य हैं और अपनी विशेषज्ञता और संबंधित उद्योग क्षेत्रों की गहरी समझ के माध्यम से 'दि ऐडवर्टाइजिंग क्लब' को अपना योगदान प्रदान करेंंगे:
अजय चांदवानी
आलोक लाल
अनुषा शेट्टी
लुलु राघवन
मंशा टंडन
निशा नारायणन
राज नायक
सत्यनारायण राघवन
विकास खानचंदानी
इस अभियान को आगे बढ़ाने में प्रसार भारती, दूरदर्शन और आकाशवाणी मदद करेंगे
केंद्र सरकार स्वतंत्रता दिवस से पहले 'मेरी माटी मेरा देश' (Meri Maati Mera Desh) अभियान शुरू करने जा रही है। इस बारे में सूचना प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा का कहना है, ‘यह अभियान 'हर घर तिरंगा' अभियान से कहीं अलग और अधिक महत्वाकांक्षी है। 'हर घर तिरंगा' अभियान जारी रहेगा, लेकिन यह उस अभियान से अलग स्तर का है।’
इस अभियान के मार्केटिंग बजट के बारे में अपूर्व चंद्रा का कहना है, ‘यह आजादी का 75वां वर्ष है और हम इसके लिए सशुल्क विज्ञापन (paid advertising) नहीं करना चाहते हैं। यह एक सामाजिक अभियान है और हम चाहते हैं कि हर भारतीय इसका हिस्सा बने। इसलिए, 'हर घर तिरंगा' अभियान की तरह हम इसके लिए किसी तरह के बजट पर विचार नहीं कर रहे हैं।’
वहीं, ‘प्रसार भारती’ के सीईओ गौरव द्विवेदी का कहना है, ‘प्रसार भारती, दूरदर्शन और आकाशवाणी इस अभियान को आगे बढ़ाने में सक्रिय रूप से मदद करेंगे। हम अपने रेडियो और ब्रॉडकास्ट चैनल्स का इस्तेमाल कर इस अभियान को देश के हर कोने तक ले जाने का प्रयास करेंगे।’
इस अभियान के तहत, नागरिक मातृभूमि भारत की 'मिट्टी' को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। इसके तहत अमर बलिदानियों की स्मृति में देश भर में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और देश की लाखों ग्राम पंचायतों में विशेष शिलालेख भी स्थापित किए जाएंगे। इस अभियान के तहत देश भर में ‘अमृत कलश यात्रा’ भी निकाली जाएगी। देश भर से 7500 कलशों में मिट्टी और पौधे लेकर ये ‘अमृत कलश यात्रा’ दिल्ली पहुचेंगी। गांवों की मिट्टी से दिल्ली में एक बड़ा उद्यान तैयार किया जाएगा, जिसमें देश के सभी हिस्सों के पौधों को रोपा जाएगा।
इस वित्तीय वर्ष प्रिंट मीडिया सेक्टर का विज्ञापन राजस्व 13-15% बढ़कर 30,000 करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है।
इस वित्तीय वर्ष प्रिंट मीडिया सेक्टर का विज्ञापन राजस्व 13-15% बढ़कर 30,000 करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है। क्रिसिल रेटिंग्स द्वारा किए प्रिंट मीडिया कंपनियों के एनालेसिस के मुताबिक, प्रमुख क्षेत्रों में कॉरपोरेट्स द्वारा विज्ञापन पर अधिक खर्च और आगामी राज्यों व आम चुनावों के मद्देनजर सरकारी विज्ञापन खर्च में बढ़ोतरी से भारतीय प्रिंट मीडिया क्षेत्र के राजस्व में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
इसमें कहा गया है कि अखबारी कागज की कीमतों में गिरावट के साथ-साथ, इस वित्तीय वर्ष में सेक्टर की प्रॉफिटिबिलिटी 1,000 बेसिस पॉइंट (बीपीएस) बढ़कर 14.5% हो जाएगी। सेक्टर के राजस्व का 40% से अधिक का हिसाब-किताब यही दर्शाता है।
वित्तीय वर्ष 2021 में महामारी के दौरान सेक्टर का राजस्व (विज्ञापनों और सब्सक्रिप्शंस के बीच 70:30 का विभाजन) 40% तक कम हो गया था। हालांकि, वित्तीय वर्ष 2022 और 2023 में इसमें क्रमशः 25% और 15% की उछाल देखी गई, क्योंकि आर्थिक सुधार के कारण दबी हुई डिमांड ने विज्ञापन खर्च को बढ़ावा दिया।
क्रिसिल रेटिंग्स के डायरेक्टर नवीन वैद्यनाथन ने कहा कि घरेलू स्तर पर अधिक डिमांड किए जाने वाले कंज्युमर गुड्स, खुदरा, कपड़े और फैशन ज्वैलरी के साथ नए ऑटोमोबाइल की लॉन्चिंग, उच्च शिक्षा के लिए बढ़ती प्राथमिकता, ऑनलाइन शॉपिंग और बढ़ते रियल एस्टेट सेल्स– ऐसे सेक्टर्स हैं, जो प्रिंट मीडिया के विज्ञापन राजस्व में लगभग दो-तिहाई योगदान देते हैं। ये विज्ञापन राजस्व में वृद्धि की गति को जारी रखेंगे। आगामी चुनावों के मद्देनजर सरकार द्वारा अधिक विज्ञापन खर्च, जो सेक्टर के कुल विज्ञापन का पांचवां हिस्सा योगदान में देता है, भी ग्रोथ को बढ़ावा देगा। इसलिए, हम उम्मीद करते हैं कि विज्ञापन राजस्व 15-17% तक बढ़ेगा, जो इस वित्तीय वर्ष में लगभग महामारी-पूर्व स्तर तक पहुंच जाएगा।
निरंतर सुधार भारत में प्रिंट मीडिया की स्थायी लोकप्रियता को इंगित करता है। इसे लो कवर प्राइजेस, होम डिलीवरी की सुविधा, मूल और विश्वसनीय सामग्री प्रदान करने की क्षमता और अच्छी पढ़ने की आदतों से लाभ मिलता है। पिछले दो वित्तीय वर्षों में सब्स्क्रिप्शन राजस्व में 8-10% की वृद्धि से पता चलता है कि पाठकों का एक बड़ा हिस्सा फिजिकल अखबार को ही प्राथमिकता देता रहा है।
इस वित्तीय वर्ष में, सब्सक्रिप्शन राजस्व 5-7% बढ़ने की उम्मीद है, जिसका मुख्य कारण कवर की कीमतों में मध्यम संशोधन है। इसके अतिरिक्त, प्रिंट मीडिया कंपनियों, विशेष रूप से अंग्रेजी अखबारों ने प्रीमियम डिजिटल कंटेंट की मोनेटाइजिंग शुरू कर दी है, जिसमें अच्छा रुझान देखा जा रहा है। अंग्रेजी अखबारों की स्थानीय अखबारों की तुलना में डिजिटल प्रतिस्पर्धा ज्यादा है। अखबारों के प्रॉडक्शन के लिए प्रमुख कच्चे माल, अखबारी कागज की बढ़ती जरूरतों की वजह से प्रिंट मीडिया कंपनियों के सब्सक्रिप्शन ग्रोथ पर असर पड़ा है, जिसका प्रभाव इसकी प्रॉफिटिबिलिटी पर भी दिखा है। भारत अपनी कुल अखबारी कागजी आवश्यकता का आधे से अधिक आयात करता है और रूस, एक प्रमुख स्रोत है। रूस फरवरी 2022 से यूक्रेन के साथ युद्ध में व्यस्त है। संघर्ष तेज होने के कारण रसद गतिरोध के बीच माल ढुलाई दरें बढ़ गईं, जिसका प्रभाव पिछले वित्तीय वर्ष में अखबारी कागज की कीमतों पर भी पड़ा।
क्रिसिल रेटिंग्स के टीम लीडर रौनक अग्रवाल ने कहा कि अखबारी कागज की कीमतों में भारी उछाल से पिछले वित्त वर्ष में प्रिंट मीडिया कंपनियों का ऑपरेटिंग मार्जिन 850 बीपीएस घटकर 4.5% रह गया है, फिर भले ही राजस्व में वृद्धि हुई हो। हालांकि, बीते कुछ महीनों में अखबारी कागज की कीमतों में गिरावट आई है, जोकि पिछले वित्तीय वर्ष के शिखर से 15-20% तक कम हुआ है और यह वैश्विक मांग में कमी और आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दों में कमी के कारण हुआ है। इससे, राजस्व वृद्धि के साथ, पिछले वित्तीय वर्ष के निम्न आधार पर इस वित्तीय वर्ष में मार्जिन 1,000 बीपीएस बढ़कर 14.5% हो जाना चाहिए। वित्तीय वर्ष के बीच में मार्जिन सही रहना चाहिए, लेकिन अतीत के 20% से अधिक के स्टेट मार्जिन से यह नीचे रहेगा। फिलहाल अखबारी कागज की कीमतों में किसी भी महत्वपूर्ण वृद्धि या सेक्टर की ग्रोथ और प्रॉफिटिबिलिटी को प्रभावित करने वाले व्यापक आर्थिक कारकों पर नजर रहेगी।
समेरा खान इनोवेशन कंसल्टेंट के रूप में शामिल होने के बाद 'स्केयरक्रो M&C साची' (Scarecrow M&C Saatchi ) की क्रिएटिव स्ट्रेटेजी व प्लानिंग पहल का नेतृत्व करेंगी
ऐडवर्टाइजिंग एजेंसी 'स्केयरक्रो M&C साची' (Scarecrow M&C Saatchi) से समेरा खान के जुड़ने की खबर है। वह यहां इनोवेशन कंसल्टेंट के रूप में शामिल हुईं हैं। वह 'स्केयरक्रो M&C साची' की क्रिएटिव स्ट्रेटेजी व प्लानिंग पहल का नेतृत्व करेंगी।
एजेंसी ने कहा कि वह अपने साथ ऐड एजेंसी के प्रति गहन समझ और विश्वस्तरीय अनुभव लायी हैं।
मेनलाइन, डिजिटल और प्लानिंग में विविध अनुभव रखने वाली समेरा को 17 वर्षों से ज्यादा का अनुभव है और उनका एक प्रभावशाली ट्रैक रिकॉर्ड है। उन्होंने UAE, कुवैत, ऑस्ट्रेलिया और भारत जैसे देशों में काम किया है, जहां उन्होंने 21Ogilvy, DraftFCB, Havas और Dentsu Webchutney जैसी एजेंसियों के साथ EVP-स्ट्रेटेजी और B2B बिजनेस हेड के रूप में कार्य किया है।
अपनी इस यात्रा के बीच में उन्होंने मुख्य ऐडवर्टाइजिंग से डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग की ओर रुख किया। ऐसा करने के बाद, उन्होंने रेड बुल, फ्लिपकार्ट, वोडाफोन, एयरटेल, शॉपर्स स्टॉप, बैक्सटर, टीच फॉर इंडिया और कई यूनिलीवर ब्रैंड्स के लिए काम किया।
सामेरा ने मुंबई के जेवियर्स कॉलेज और मायामी एड स्कूल में अतिरिक्त प्रोफेसर के रूप में भी काम किया है। वर्तमान में, उन्होंने MICA, अहमदाबाद में इंटरैक्टिव कंसेप्चुअलाइजेशन, डिजिटल मार्केटिंग, UX/UI, कंज्युमर बिहेवियर और क्रिएटिव स्ट्रेटेजी में अपना योगदान दिया है।
इस मौके पर सामेरा ने कहा, 'मुझे स्केयरक्रो के विस्तार के मिशन का नेतृत्व करने में खुशी हो रही है। एजेंसी की मानवीय अंतर्दृष्टि, संस्कृति और प्रौद्योगिकी की सहज समझ नवाचार के नेतृत्व वाले विकास के अगले चरण के लिए एकदम सही आधार के रूप में कार्य करती है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से ठीक पहले सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए मौजूदा सरकार ने बड़ा ऑफर दिया है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से ठीक पहले सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए मौजूदा सरकार ने बड़ा ऑफर दिया है। राजस्थान सरकार ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को 10 हजार से लेकर 5 लाख रुपए तक के विज्ञापन देने का निर्णय किया है।
सूचना और जनसंपर्क विभाग (डीआईपीआर) द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम या यूट्यूब पर 10,000 से अधिक फॉलोअर्स वाला कोई भी प्रभावशाली व्यक्ति 10,000 रुपए से पांच लाख रुपए प्रति माह तक के विज्ञापन दिए जा सकते हैं। अधिकारियों ने कहा कि डीआईपीआर जल्द ही ऐसे प्रभावशाली लोगों का पैनल बनाएगा और प्रक्रिया एक या दो सप्ताह में शुरू हो जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डीआईपीआर ने फॉलोअर्स की संख्या के आधार पर प्रभावशाली लोगों के लिए चार श्रेणियां बनाई गई हैं, जिसमें फॉलोअर्स के छह महीने के इतिहास का मूल्यांकन किया जा रहा है। हर श्रेणी में पोस्ट व वीडियो की संख्या अलग-अलग निर्धारित की गई है।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के अलावा प्रतिष्ठित व्यक्तियों व सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स विभागीय समिति की अनुशंषा पर बिना किसी कैटेगिरी व दरों को ध्यान में रखते हुए 5 लाख रुपए तक का विज्ञापन मिलेगा।
फॉलोअर्स या सब्सक्राइबर्स की चार श्रेणियां
फेसबुक व इंस्टाग्राम रील के कितने पैसे?
ट्विटर पर कितने पैसे मिलेंगे?
एमफ्लुएंसर के सीईओ भूपेन्द्र सिंह ने मीडिया एजेंसी आईएएनएस को बताया कि कंपनी का आधिकारिक बयान है कि अगला चुनाव सोशल मीडिया के जरिए लड़ा जाएगा। सिंह ने कहा कि यह कोई नई घटना नहीं है। 2014 और 2019 का चुनाव भी सोशल मीडिया के जरिए लड़ा गया था। अब, 2024 में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आईटी सेल के बाद, आप आने वाले वर्षों में पार्टियों के भीतर एक अलग 'इंफ्लुएंसर सेल' देख सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पहले राजनीतिक दल बॉलीवुड सितारों, टीवी हस्तियों और खिलाड़ियों को शामिल करते थे और वे चुनाव के दौरान प्रचार करते थे। यही बात अब सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स पर भी लागू हो गई है। इसका मुख्य कारण उनका फॉलोअर बेस और दर्शक हैं। उन्होंने कहा कि न केवल राजस्थान में कांग्रेस सरकार बल्कि भाजपा भी बड़ी संख्या में ऑनलाइन फॉलोअर्स वाले हास्य कलाकारों, भजन गायकों, फूड व्लॉगर्स, नर्तकों और इंफ्लुएंसरों को लुभाने की योजना बना रही है।
सिंह ने कहा कि उद्देश्य अगले साल के लोकसभा चुनाव अभियान के साथ-साथ आगामी विधानसभा चुनावों में बढ़त हासिल करना है। उन्होंने कहा कि भाजपा मौजूदा वैचारिक सहानुभूति रखने वालों से परे, सार्वजनिक पहुंच वाले सोशल मीडिया आइकनों को लुभाने और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किए गए कार्यों को बढ़ावा देने पर विचार कर रही है।
सिंह ने कहा कि आज हर पार्टी सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के साथ जुड़ना चाहती है क्योंकि अधिकांश युवा आबादी अब टीवी चैनल की बजाय सोशल मीडिया पर रील्स या यूट्यूब वीडियो या ओटीटी देखने में अधिक समय बिता रही है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल इन इंफ्लुएंसर के माध्यम से बड़े पैमाने पर दर्शकों, खासकर युवा आबादी तक पहुंचना चाहते हैं।
सिंह ने कहा कि भारत में 24 करोड़ से ज्यादा लोग इंस्टाग्राम और 25.2 करोड़ से ज्यादा यूट्यूब इस्तेमाल करते हैं। एक औसत भारतीय प्रतिदिन लगभग 2.36 घंटे सोशल मीडिया पर बिताता है। सिंह ने कहा, "सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के साथ जुड़ना कम समय में इतने बड़े दर्शकों तक पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका है और इसलिए प्रवृत्ति में यह बदलाव आया है।
ग्लोबल ऐडवर्टाइजिंग व मार्केटिंग टेक्नोलॉजी कंपनी CitrusAd ने रिटेल मीडिया की वर्तमान और भविष्य की स्थिति पर रिटेलर्स और ब्रैंड्स की विस्तार से ग्लोबल स्टडी की है
आज के अत्यधिक प्रतिस्पर्धी डिजिटल परिदृश्य में, रिटेलर्स और ब्रैंड्स को अपने लक्षित दर्शकों तक प्रभावी ढंग से पहुंचने और उनके साथ जुड़ने में तमाम तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस जटिल वातावरण को नेविगेट करने के लिए कंज्यूमर मीडिया की आदतों, वरीयताओं और प्रवृत्तियों को समझना महत्वपूर्ण है। लिहाजा ग्लोबल ऐडवर्टाइजिंग व मार्केटिंग टेक्नोलॉजी कंपनी CitrusAd ने रिटेल मीडिया की वर्तमान और भविष्य की स्थिति पर रिटेलर्स और ब्रैंड्स की विस्तार से ग्लोबल स्टडी की है। बता दें कि CitrusAd की पैरेंट कंपनी Epsilon है। इस शोध में उसका पार्टनर रहा Phronesis Partners.
इस शोध के तहत जनवरी 2023 और मार्च 2023 के बीच 12 देशों में 689 मध्यम से लेकर बड़े आकार के ब्रैंड्स और रिटेलर्स का सर्वे किया गया।
सर्वे में रिटेल मीडिया के बारे में ब्रैंड्स और रिटेलर्स की धारणा और उनके दृष्टिकोण को बेहतर ढंग से समझाने की मांग की गई और इसके अलावा, उत्तरदाताओं को यह साझा करने को कहा गया कि रिटेल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का मूल्यांकन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले प्रमुख मानदंडों के साथ-साथ रिटेल मीडिया स्ट्रैटजी क्या है और ऑफर में उन्होंने क्या कदम उठाए हैं या फिर उठाने जा रहे हैं।
स्डटी के निष्कर्ष में शामिल प्रमुख बातें :
- विखंडन (fragmentation) से निराश ब्रैंड्स और रिटेलर्स: स्टडी के प्रमुख निष्कर्ष महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि पर प्रकाश डालते हैं कि रिटेलर्स और ब्रैंड्स को अपनी मीडिया स्ट्रैटजी को परिशोधित करते समय विचार करने की आवश्यकता है। उत्तरदाताओं ने रिटेल मीडिया के निष्फल शीर्ष चालकों के रूप में असंगत टार्गेट और चैनलों/ कार्यनीतियों में अलग-अलग रिपोर्टिंग की पहचान की, जिसकी कीमत खरीदारों को चुकानी पड़ती है।
- 64% उत्तरदाता इस बात से सहमत हैं कि कई टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर्स के साथ रिटेल मीडिया नेटवर्क का दुकानदारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
एप्सिलॉन के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर जो डोरान ने कहा, "रिटेल मीडिया के आवेश में कंज्यूमर एक्सपीरियंस को अकसर अनदेखा कर दिया जाता है।" उन्होंने कहा, "हम नए ऑफर्स को लेकर प्रचार में इतने फंस जाते हैं कि हम इस तथ्य को अनदेखा कर देते हैं कि विखंडन (fragmentation) कमजोर विज्ञापन अनुभव और निराश खरीदारों को लीड करने लग जाता है। हमारा मानना है कि चैनलों पर अलग-अलग खरीदारों को मैसेज भेजने पर ध्यान केंद्रित करने वाले समाधान बेहतर प्रदर्शन देते हैं। ब्रैंड्स मौजूदा और संभावित इन-मार्केट शॉपर्स से बात करना चाहते हैं। रिटेलर्स को उन कन्वर्सेंशंस को बड़े पैमाने पर ले जाना चाहिए और चैनलों के माध्यम से सुगम बनाना चाहिए, जो कंज्यूमर जर्नी में कहीं भी इन-मार्केट शॉपर्स तक पहुंच सकें। इसलिए, जब हम इंडिविजुअल शॉपर्स को विज्ञापन के केंद्र में रखते हैं, तो हर कोई जीत जाता है।"
इसके अलावा, सर्वे में पाया गया कि:
- रिटेलर ओपन वेब (ऑफ़-साइट रिटेल मीडिया) पर शॉपर्स तक पहुंचने की क्षमता का दोहन नहीं कर रहे हैं: रिटेल मीडिया मॉनेटाइजेशन के लिए केवल 37% रिटेलर्स ऑफ-साइट का उपयोग कर रहे हैं और 42% ब्रैंड्स ने ऑडियंस टार्गेट कस्टमाइजेशन/एक्यूरेंसी को ही ऑफ-साइट रिटेल मीडिया को अपनाने में आने वाली सबसे बड़ी बाधा के रूप में पहचाना है।
- ब्रैंड्स और रिटेलर्स दोनों द्वारा पहचानी जाने वाली शीर्ष प्राथमिकताओं में ऐडवर्टाइजर्स के अनुभव को बढ़ाना और इन्वेंट्री को अनुकूलित करना शामिल है। सभी उत्तरदाताओं में से 76% मानते हैं कि ऐडवर्टाइजर्स के अनुभव की क्वॉलिटी उनके ऑर्गनाइजेशन के लिए रिटेल मीडिया का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है।
- जबकि 75% मानते हैं कि उपलब्ध इन्वेंट्री की मात्रा सबसे महत्वपूर्ण है।
कर्नाटक में 10 मई को मतदान है और सोमवार यानी आज शाम पांच बजे तक प्रचार थम जाएगा। इसके पहले निर्वाचन आयोग ने रविवार को एडवाइजरी जारी की है
कर्नाटक में 10 मई को मतदान है और सोमवार यानी आज शाम पांच बजे तक प्रचार थम जाएगा। इसके पहले निर्वाचन आयोग ने रविवार को एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि कोई भी पार्टी या उम्मीदवार चुनाव के दिन और एक दिन पहले मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (एमसीएमसी) से मंजूरी के बिना प्रिंट मीडिया में कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं कराएगा।
जारी एडवाइजरी में निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को शिष्ट तरीके से प्रचार अभियान करने पर जोर दिया है। आयोग ने कहा कि आपत्तिजनक और भ्रामक प्रकृति के विज्ञापन पूरी चुनाव प्रक्रिया को दूषित करते हैं।
चुनाव आयोग ने अखबारों के संपादकों को भी एक अलग पत्र लिखा है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) के पत्रकारिता आचरण के मानदंड उनके समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापनों सहित सभी मामलों के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराते हैं। आयोग ने कर्नाटक के समाचार पत्रों के संपादकों को लिखे एक पत्र में कहा, 'यदि जिम्मेदारी से इनकार किया जाता है, तो यह स्पष्ट रूप से पहले ही बता दिया जाए।'
राजनीतिक दलों को जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार या कोई अन्य संगठन अथवा व्यक्ति मतदान के दिन और इससे एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में कोई भी विज्ञापन तब तक प्रकाशित नहीं कराएगा, जब तक कि राजनीतिक विज्ञापन की सामग्री उनके द्वारा राज्य/जिले की एमसीएमसी से पूर्व-प्रमाणित न करा ली जाए।’
इससे पहले सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने मीडिया के एक वर्ग को ऐसे विज्ञापनों को प्रकाशित और प्रसारित करने से बचने का परामर्श जारी किया था।
केंद्र सरकार ने जुए और सट्टेबाजी से संबंधित विज्ञापनों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। इस कवायद के तहत केंद्र ने मंगलवार को सभी राज्य सरकारों से जुए और सट्टेबाजी से संबंधित उन विज्ञापनों पर रोक लगाने का आग्रह किया है, जो देशभर में होर्डिंग्स और ऑटो-रिक्शा पर दिखाई देते हैं।
इस बाबत सूचना-प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है, जिसमें जुए और सट्टेबाजी मंचों से जुड़े होर्डिंग, बैनर और ऑटो-रिक्शा पर दिखने वाले विज्ञापनों पर अंकुश लगाने के लिए उचित कार्रवाई करने को कहा है।
चंद्रा ने कहा कि ऑनलाइन सट्टेबाजी के विज्ञापन भ्रामक हैं, और ये उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019, केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन अधिनियम, 1995 के तहत विज्ञापन संहिता और प्रेस काउंसिल एक्ट, 1978 के तहत प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित पत्रकारिता आचरण के मानदंडों के अनुरूप नहीं दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि सट्टेबाजी और जुआ देश के ज्यादातर हिस्सों में अवैध है, इसलिए वे उपभोक्ताओं, विशेष रूप से युवाओं और बच्चों के लिए वित्तीय और सामाजिक आर्थिक जोखिम पैदा करते हैं।
इससे पहले सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने निजी टेलीविजन चैनल, डिजिटल समाचार प्रकाशकों और ओटीटी मंचों को ऐसे विज्ञापनों को प्रकाशित और प्रसारित करने से बचने का परामर्श जारी किया था। जुए और सट्टेबाजी मंचों के विज्ञापन मीडिया के एक वर्ग- प्रिंट, डिजिटल और टेलीविजन में दिखाई देने के बाद सरकार को यह परामर्श जारी करना पड़ा था, लेकिन मंंत्रालय के पास कई राज्यों में सट्टेबाजी को लेकर होर्डिंग और बैनर लगाए जाने के मामले सामने आए हैं।
अंग्रेजी न्यूज चैनल 'सीएनएन-न्यूज18' (CNN-News18) ने अपनी विज्ञापन दरों में वृद्धि करने का निर्णय लिया है
अंग्रेजी न्यूज चैनल 'सीएनएन-न्यूज18' (CNN-News18) ने अपनी विज्ञापन दरों में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। संशोधित दरें चैनल पर विज्ञापन देने वाले सभी मौजूदा और नए क्लाइंट्स पर लागू होंगी।
चैनल ने अपने बयान में कहा कि यह कदम अंग्रेजी न्यूज जॉनर में उल्लेखनीय उपलब्धि के एक साल बाद उठाया गया है, जिसमें राष्ट्रीय व वैश्विक घटनाओं की बेहतरीन न्यूज कवरेज और पूरा एनालिसिस शामिल है।
विज्ञापन दरों में बढ़ोतरी के फैसले पर टिप्पणी करते हुए 'नेटवर्क18' में बिजनेस क्लस्टर की सीईओ स्मृति मेहरा ने कहा, 'सीएनएन-न्यूज18' को अंग्रेजी न्यूज स्पेस में अपने बेमिसाल नेतृत्व पर गर्व है और भारत व दुनिया भर की स्टोरीज पर सूक्ष्म विश्लेषण और वस्तुनिष्ठ रिपोर्टिंग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। अपने क्लाइंट्स के लिए बेहतरीन विज्ञापन अनुभव के साथ विश्व स्तरीय प्रोग्रामिंग प्रदान करने के लिए हम कुछ साहसिक कदम उठा रहे हैं। जैसे ही हम अपनी विज्ञापन दरों में वृद्धि करेंगे, हम विज्ञापनदाताओं को लक्षित दर्शकों के साथ जुड़ने में मदद करने के लिए इनोवेटिव सॉल्यूशन ऑफर करेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि आने वाले वर्ष में कुछ प्रमुख राज्यों में चुनाव होंगे, सितंबर में नई दिल्ली में 18वां G20 राष्ट्राध्यक्षों और सरकार का शिखर सम्मेलन, अक्टूबर और नवंबर में क्रिकेट विश्व कप और अंत में 2024 में आम चुनाव होंगे और फिर आने वाला साल टीवी न्यूज जॉनर के लिए ढेर सारी संभावनाएं लेकर आएगा और CNN-News18 अपने विज्ञापनदाताओं के लिए वैल्यू ऐड करना जारी रखेगा। हम अपने सभी मौजूदा विज्ञापनदाताओं को धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने हम पर विश्वास बनाए रखा। वहीं हम नए क्लाइंट्स का स्वागत करने के लिए भी तत्पर हैं।
बता दें कि चैनल ने चुनाव प्रोग्रामिंग के लिए देशभर में व्यापक कवरेज की योजना बनाई है, जोकि मई 2023 में कर्नाटक में होने वाले राज्य चुनावों से शुरू होकर जनवरी 2024 में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों और फिर अप्रैल-मई 2024 में आम चुनावों तक चलेगा।