यह फैसला BARC की उस घोषणा के बाद आया है, जब BARC ने अपनी प्रक्रियाओं, प्रोटोकॉल, निरीक्षण तंत्र को संशोधित करने की पहल की है।
देश में टेलिविजन दर्शकों की संख्या मापने वाली संस्था ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) द्वारा न्यूज चैनल्स के लिए TRP डेटा को लंबे समय तक निलंबित करने के बाद, सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने बुधवार को न्यूज चैनल्स की रेटिंग्स को तुरंत प्रभाव से जारी करने का निर्देश दिया है। यह फैसला BARC की उस घोषणा के बाद आया है, जब BARC ने अपनी प्रक्रियाओं, प्रोटोकॉल, निरीक्षण तंत्र को संशोधित करने की पहल की है।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने टेलीविजन निगरानी एजेंसी BARC से न्यूज चैनल्स की बीते तीन महीने की रेटिंग मासिक आधार पर भी जारी करने को कहा है, ताकि वास्तविक रुझान को निष्पक्ष व न्यायसंगत तरीके से प्रस्तुत किया जा सके।
मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, नई व्यवस्था के अंतर्गत न्यूज और विशिष्ट वर्ग के लिए रेटिंग चार सप्ताह की रोलिंग औसत परिकल्पना पर आधारित होगी।
न्यूज जॉनर के लिए टीआरपी डेटा का ब्लैकआउट ऐसे समय में किया गया था, जब ऐडवर्टाइजर्स पहले से ही कोविड-19 से पड़ने वाले प्रभाव से निपटने में लगे हुए थे और अपने विज्ञापन बजट को कम कर रहे थे। प्रासंगिक रेटिंग के अभाव में यह न्यूज चैनल्स और ऐडवर्टाइजर्स दोनों के लिए समान रूप से एक अंधा खेल था। न्यूज चैनल्स अब ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल को डेटा जारी करने के लिए सूचना-प्रसारण मंत्रालय के फैसले का जश्न मना रहे हैं। उम्मीद है कि उनके स्थिर ऐड रेवेन्यू में वृद्धि होगी।
हमारी सहयोगी वेबसाइट 'एक्सचेंज4मीडिया' ने इस कदम पर न्यूज ब्रॉडकास्टिंग की दुनिया के हेड से बात की और उनकी प्रतिक्रिया जानी, जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं-
'रिपब्लिक टीवी' (Republic TV) के एडिटर-इन-चीफ अरनब गोस्वामी ने कहा कि यह न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन के लिए एक बड़ी जीत है। उन्होंने कहा, 'यह न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन (NBF) के लिए एक बड़ी जीत है। मुझे खुशी है कि NBF के सदस्य इसे पूरा करने के लिए चट्टान की तरह एक साथ खड़े रहे। मुझे NBF पर बहुत गर्व है, जिसका नेतृत्व करने और सेवा करने का मुझे सबसे बड़ा सौभाग्य मिला है।'
रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क (Republic Media Network) के सीईओ विकास खनचंदानी ने कहा कि न्यूज डेटा को फिर से शुरू किए जाने से इस जॉनर में विज्ञापन राजस्व में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि रिपब्लिक नेटवर्क बेहद खुश है कि रेटिंग दोबारा से शुरू हो रही है। एनबीएफ टीम और उसके सदस्य कुछ समय से सभी हितधारकों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। विज्ञापनदाताओं और एजेंसी पार्टनर्स को ट्रांसपेरेंसी देना जरूरी है और डेटा का अभाव एक बड़ी चिंता का विषय रहा है। रेटिंग जारी होने से उन जॉनर के ब्रैंड्स से और ज्यादा बिजनेस लाने में मदद मिलेगी, जो विज्ञापनों में काफी निवेश करते हैं।
न्यूज नेशन नेटवर्क के सेल्स एंड मार्केटिंग के प्रेजिडेंट अभय ओझा सूचना-प्रसारण मंत्रालय के फैसले को एक स्वागत योग्य कदम बताया है, खासकर इसलिए क्योंकि यह फैसला चुनावी मौसम के दौरान आया है। उन्होंने कहा, 'न्यूज नेशन नेटवर्क ने हमेशा ही न्यूज जॉनर के लिए रेटिंग को दोबारा शुरू करने की वकालत की है, जिसे पिछले डेढ़ साल से अनुचित तरीके से रोक दिया गया था। आगामी विधानसभा चुनावों के चलते जनवरी से मार्च 2022, न केवल एडिटोरियल के लिहाज से बल्कि फाइनेंशियल की दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण समय है। वार्षिक डील की योजना और रेटिंग से हमें वास्तविक ROI का आकलन करने में मदद मिलेगी, फिर चाहे वह एडिटोरियल की दृष्टि से हो या फिर सेल्स की।’
बता दें कि गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों में फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं।
TV9 नेटवर्क के सीईओ बरुण दास का कहना है, 'मैं न्यूज जॉनर के लिए रेटिंग फिर से शुरू करने के सरकार के फैसले का स्वागत करता हूं। मैं लंबे समय से निलंबन के फैसले पर सवाल उठाते हुए रेटिंग बहाल करने की आवश्यकता की वकालत कर रहा हूं। इस दिशा में एनबीएफ के प्रयास अनुकरणीय हैं। चार-सप्ताह के रोलिंग एवरेज कॉन्सेप्ट पर अब रेटिंग देने का निर्णय समय की मांग है।
उन्होंने कहा कि जहां बड़े और पुराने मीडिया हाउस ऐडवर्टाइजर्स के भरोसे और वर्षों से विकसित संबंधों के कारण डेटा ब्लैकआउट से प्रभावित नहीं हुए, वहीं डेटा ब्लैकआउट के कारण छोटे चैनलों को एक बड़ा वित्तीय खामियाजा भुगतना पड़ा है। डेटा जल्द ही जारी होने की उम्मीद के बीच इंडस्ट्री अब राहत की सांस ले रही है।
‘राइटमेन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड’ (Writemen Media Private Ltd) [यह कंपनी कन्नड़ न्यूज चैनल ‘पब्लिक टीवी’ का संचालन करती है] के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर एच.आर. रंगनाथ ने कहा, ‘वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए न्यूज रेटिंग की बहाली पूरे इंडस्ट्री के लिए पॉजिटिव संकेत है। इतनी लंबी अवधि के लिए न्यूज रेटिंग को ब्लैकआउट करना स्वीकार्य नहीं था और इसे जारी रख पाना असंभव होता जा रहा था। मुझे इंडस्ट्री के मानक को बढ़ाने वाली नई प्रणाली से काफी उम्मीदें हैं। मेरा मानना है कि आने वाला समय पारिस्थितिकी तंत्र (इको सिस्टम) के लिए उत्सुक और चुनौतीपूर्ण दोनों होगा और उम्मीद है कि जारी होने वाली रेटिंग्स ब्रॉडकास्टर्स की अपेक्षाओं से मेल खाती होगी।
न्यूजफर्स्ट कन्नड़ (Newsfirst Kannada) के बिजनेस हेड दिवाकर एस. ने छोटे चैनलों के लिए खड़े होने के लिए सूचना-प्रसारण मंत्रालय और न्यूज ब्रॉडकास्ट फेडरेशन को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘न्यूजफर्स्ट को खुशी है कि BARC की रेटिंग आखिरकार जारी की जाएगी। हम एक साल से इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। रेटिंग जारी होने के बाद हम खुद को एक महत्वपूर्ण स्थिति में देखते हैं। यह हमें ऐडवर्टाइजर्स से अधिक आत्मविश्वास के साथ संवाद करने और मार्केट में हमारे चैनल की स्थिति के बारे में अस्पष्टता को खत्म करने में भी मदद करेगा।’ वैसे संयोग से, ‘न्यूजफर्स्ट’ के लॉन्च के दो हफ्ते बाद ही रेटिंग ब्लैकआउट को खत्म कर इसे दोबारा से शुरू करने की घोषणा की गई है।
हालांकि, दिवाकर एस. न्यूज चैनल्स की रेटिंग्स साप्ताहिक की जगह मासिक आधार पर जारी करने के फैसले से खुश नहीं है। उन्होंने कहा, 'हम चाहते थे कि रेटिंग्स पहले की तरह साप्ताहिक आधार पर हो। ऐसा इसलिए क्योंकि साप्ताहिक रेटिंग हमें अपने पैरों पर खड़ा होने, नियमित रूप से रणनीति बनाने और साप्ताहिक युद्धाभ्यास करने में मदद करती थी। वैसे निश्चित रूप से बिना रेटिंग से तो बेहतर है मासिक रेटिंग। हम आशा करते हैं कि अब से बिना ब्रेक के, निष्पक्ष तरीके से रेटिंग दी जाएगी।’
24 न्यूज (24 news) और फ्लावर्स टीवी ग्रुप (Flowers TV Group) के सीओओ अनिल अयरूर (Anil Ayroor) ने कहा, 'यह अच्छी खबर है कि न्यूज चैनल्स की रेटिंग जारी की जाएगी। यह छोटे और मझौले चैनल्स के लिए एक पॉजिटिव कदम है, विशेष रूप से हमारे जैसे क्षेत्रीय चैनल के लिए क्योंकि यह एकमात्र मानदंड है, जो नेटवर्क के वॉल्यूम को बढ़ाएगा। NBF के सदस्य के तौर पर, हमने डेटा जारी करने के लिए लड़ाई लड़ी और अब जाकर राहत मिली कि डेटा अंततः जारी किया जा रहा है।’
हालांकि, वह टीआरपी डेटा को मासिक आधार पर जारी किए जाने के पक्ष में हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘पहले के साप्ताहिक के मुकाबले भले ही रेटिंग मासिक रूप से जारी की जाएगी, लेकिन यह इंडस्ट्री में एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा करेगी और हम सभी अच्छे कंटें बनाने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि रेटिंग जिस वजह से रोकी गई थी, उसका समाधान कर लिया गया होगा। रेवेन्यू के संदर्भ में, मासिक डेटा एक अच्छा कदम है क्योंकि पूरा रेवेन्यू RODP के टर्म में आता है और सेल्स टीम अब मासिक रेटिंग पर ध्यान केंद्रित कर सकती है। इसे जनरल एंटरटेनमेंट चैनल्स के क्षेत्र के लिए भी लागू किया जाना चाहिए।’
'सन टीवी' (Sun TV) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (निदेशक मंडल) ने अपने तीन इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स (स्वतंत्र निदेशकों) को फिर से नियुक्त किया है।
'सन टीवी' (Sun TV) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (निदेशक मंडल) ने अपने तीन , (स्वतंत्र निदेशकों) को फिर से नियुक्त किया है। दरअसल, इन तीनों डायरेक्टर्स का कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त हो रहा है।
बोर्ड ने नामांकन एवं पारिश्रमिक समिति (nomination and remuneration committee) की सिफारिश पर श्रीधर वेंकटेश (Sridhar Venkatesh), डेसमंड हेमंथ थियोडोर (Desmond Hemanth Theodore) और मथिपूराना रामकृष्णन (Mathipoorana Ramakrishnan) को इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स के रूप में फिर से नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
श्रीधर वेंकटेश और डेसमंड थियोडोर की नियुक्ति 1 अप्रैल से पांच साल की अवधि के लिए प्रभावी होगी, जबकि मथिपूराना रामकृष्णन की नियुक्ति 21 जून से प्रभावी होगी क्योंकि उनका पांच साल का कार्यकाल 20 जून को समाप्त हो रहा है।
नामांकन एवं पारिश्रमिक समिति की सिफारिश के आधार पर, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 1 अप्रैल 2024 से पांच साल की अवधि के लिए कंपनी के नॉन-एग्जिक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के तौर पर श्रीधर वेंकटेश की पुन: नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने इसकी जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दे दी है।
टाइम्स नाउ समिट-इंडिया अनस्टॉपेबल के मंच पर जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने उम्मीद जताई है कि भारत जब अपनी आजादी के सौ साल पूरे करेगा, तब वह विकसित देश बन सकता है।
टाइम्स नाउ समिट-इंडिया अनस्टॉपेबल के मंच पर जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने उम्मीद जताई है कि भारत जब अपनी आजादी के सौ साल पूरे करेगा, तब वह विकसित देश बन सकता है। अमिताभ कांत ने कहा कि, 2047 तक भारत के विकसित राष्ट्र बनाने पर देश के लोगों की आय 6 गुनी हो जाएगी। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सपना साकार हुआ तो प्रति व्यक्ति आय 3000 डॉलर से बढ़ाकर 18000 डॉलर हो जाएगी।
हर भारतीय अमीर हो जाएगा। हम अब पांचवीं बड़ी इकोनॉमी हैं। तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनने जा रहे हैं। जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ने वाले हैं। साथ उन्होंने मोदी सरकार के विजन को बताते हुए कहा कि अगर भारत साल दर साल तीन दशक तक 9 से 10 प्रतिशत की दर से विकास करता है तो लोगों की आय 18000 डॉलर से अधिक हो जाएगी।
जब उनसे यह पूछा गया कि आखिर इस देश में रहने वाले लोगों की आय कैसे बढ़ने वाली है तो उन्होंने कहा, चुनाव के बाद ग्रोथ में तेजी आएगी। भारत तेजी से आगे बढ़ेगा। निर्यात बढ़ेगा। शहरीकरण में तेजी आएगी। कृषि प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी। सभी बेसिक सेक्टर में तेजी आएगी। अमृतकाल में आप आगे बढ़ेंगे।
हमारा लक्ष्य 2047 में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का है। अगले कुछ सालों में कई बड़े रिफॉर्म होंगे। केंद्र सरकार के रिफॉर्म के बाद राज्य सरकार रिफॉर्म करेंगी।
आप इस बातचीत का पूरा वीडियो यहां देख सकते हैं।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह इंडिया एलायंस नहीं इंडी एलायंस है जो अहंकार और घमंड से भरा है, अगर वो इतने पाक साफ होते तो नाम क्यों बदलते काम तो वही है केवल नाम बदला है।
सूचना प्रसारण और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने 'टाइम्स नाउ समिट 2024' कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहा, कि पीएम मोदी ने जो कहा वो किया उन्होंने देश को आगे बढ़ाने का काम किया है।
'टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर और टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर-इन-चीफ' नाविका कुमार के साथ बातचीत में केंद्रीय सूचना प्रसारण और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मैं 4 बार सांसद रहा हूं, पीएम मोदी और पार्टी ने पांचवीं बार मौका दिया है,जरूर सफलता मिलेगी वहीं उन्होंने बड़े आत्मविश्वास से कहा कि अबकी बार 400 के पार होंगे।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह इंडिया एलायंस नहीं इंडी एलायंस है जो अहंकार और घमंड से भरा है, अगर वो इतने पाक साफ होते तो नाम क्यों बदलते? काम तो वही है केवल नाम बदला है। उस वक्त घोटाले में घोटाले था ना जाने कितने घोटाले थे। इसलिए यूपीए नाम बदलकर इंडी एलायंस रख लिया है।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि बीजेपी हमेशा अभिव्यक्ति की आजादी के पक्षधर रही है, उन्होंने दर्शकों से पूछा क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? कार्रवाई होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए? अगर कार्रवाई होनी चाहिए तो टाइमिंग क्या है, मनीष सिसोदिया जब जेल गए तो क्या चुनाव था?
#TNSummit2024 | Union Minister Anurag Thakur on 'Regulating Information In The Age of AI' | @ianuragthakur | @DreamSportsHQ | @Pernod_Ricard | @Maruti_Corp pic.twitter.com/2qM14hdp62
— ET NOW (@ETNOWlive) March 28, 2024
1996 में पहली बार 72 घंटों के चुनावी कवरेज से लोकसभा चुनावों में बतौर रिपोर्टर, एडिटर और एंकर देश कि राजनीति को समझने और पहचाने का मौक़ा मिला।
वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार की एक बार फिर हिंदी न्यूज़ चैनल 'भारत 24' में वापसी हो गई है। इससे पहले वह इस चैनल की लॉन्च करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। लोकसभा चुनाव को देखते हुए एक बार फिर 'भारत 24' और अजय कुमार एक साथ आए हैं।
अब दर्शकों को एक बार फिर राजनीति और उससे जुड़ी खबरों का धारदार विश्लेषण देखने को मिलेगा जिसके लिए अजय कुमार जाने जाते हैं। उन्होंने इस बाबत अपने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' पर ऐलान भी किया है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, कुछ संबंध इतने गहरे और गाढ़े होते हैं कि दूर हो कर भी फासले, दिलों के बीच नहीं आते।
15 August 2022 को 'भारत 24' के साथ शुरू हुआ सफ़र, एक बार फिर, चुनावों के महापर्व में, हमसफ़र बन गया। 1996 में पहली बार 72 घंटों के चुनावी कवरेज से लोकसभा चुनावों में बतौर रिपोर्टर, एडिटर और एंकर देश कि राजनीति को समझने और पहचाने का मौक़ा मिला।
इस रास्ते में यह आठवा लोकसभा चुनाव है। और यकीन मानिए, यह उन सभी लोकसभा चुनावों का शिखर होगा, जिन्हें मैंने कवर किया है। चुनावों के हर पहलू और देश कि महत्वपूर्ण खबरों के साथ देखियेगा Mr. Analyzer रात 8 बजे 'भारत 24' पर।'
कुछ संबंध इतने गहरे और गाढ़े होते हैं कि दूर हो कर भी फासले, दिलों के बीच नहीं आते। 15 August 2022 को @Bharat24Liv के साथ शुरू हुआ सफ़र, एक बार फिर, चुनावों के महापर्व में, हमसफ़र बन गया। 1996 में पहली बार 72 घंटों के चुनावी कवरेज से लोकसभा चुनावों में बतौर “रिपोर्टर - एडिटर -… pic.twitter.com/Y1N1Unaboj
— Ajay Kumar (@AjayKumarJourno) March 27, 2024
निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम किसी और पार्टी से नेताओं को तोड़ नहीं रहे हैं, बल्कि वो खुद आ रहे हैं और हम उनका बीजेपी में स्वागत कर रहे हैं।
'टाइम्स नाउ समिट' 2024 के मंच पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी उपस्थिति दर्ज कराई। टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर और टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर-इन-चीफ नाविका कुमार के साथ बातचीत में निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम किसी और पार्टी से नेताओं को तोड़ नहीं रहे हैं, बल्कि वो खुद आ रहे हैं और हम उनका बीजेपी में स्वागत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'मैं लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही हूं।' साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए मेरे पास पैसे नहीं हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष ने मुझसे चुनाव लड़ने के बारे में चर्चा की थी और उन्होंने कहा था कि आप जहां से चुनाव लड़ना चाहती हैं, वहां से लड़ सकती हैं। लेकिन मैंने मना कर दिया और उन्होंने मेरा सम्मान रखा।
कंगना रनौत पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत के बयान पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह माइंडसेट की समस्या है। मैं जब भी ऐसी चीजें सुनती हूं तो खुद बहुत असहज महसूस करती हूं। आप जब राजनीति में होते हैं, तो लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं। इस बारे में उन्हें सोचना चाहिए। क्योंकि जो लोग आपको फॉलो करते हैं उनपर इसका असर पड़ता है। ऐसे बयान पर बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।
आप इस बातचीत का पूरा वीडियो यहां देख सकते हैं।
समिट में एमके आनंद ने आगे कहा कि भारत आज ऐसे मोड़ पर खड़ा है, जहां से वह दुनिया की दशा और दिशा तय करने की स्थिति में है।
टाइम्स नेटवर्क के एमडी एवं सीईओ एमके आनंद ने टाइम्स नाउ समिट-2024 के अपने संबोधन भाषण में कहा कि दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। ऐसे में मीडिया की भूमिका बहुत अहम हो गई है। समाज के हित में चीजों को कैसे पेश करना है, यह तय करना मीडिया की जिम्मेदारी है।
इसके साथ ही उनका कहना था कि बीते दो दशकों से टाइम्स नाउ लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में अपनी भूमिका जिम्मेदारी पूर्वक निभाता आ रहा है। दर्शकों को सशक्त बनाते हुए अपने प्रति उनके भरोसे को मजबूत बनाया है। समिट में एमके आनंद ने आगे कहा कि भारत आज ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहां से वह दुनिया की दशा और दिशा तय करने की स्थिति में है।
अर्थव्यवस्था, कृषि, अंतरिक्ष, रक्षा हर क्षेत्र में भारत तरक्की कर रहा है। भारत की यह यात्रा ऐसी है जिसमें अब कोई ठहराव नहीं है। इसे आगे बढ़ते ही जाना है। भारत की इस तरक्की की राह में टाइम्स नाउ सहभागी रहा है। न्यूज मीडिया के रूप में इसने शानदार काम किया है। बदलते और चुनौतीपूर्ण दौर में दर्शकों का भरोसा कायम रखना एक बड़ी चुनौती है लेकिन इस भरोसे पर टाइम्स नाउ हमेशा खरा उतरा है।
टाइम्स नेटवर्क के एमडी एवं सीईओ एमके आनंद के इस सम्बोधन को आप यहां सुन सकते हैं।
टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर और टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर-इन-चीफ नाविका कुमार के साथ बातचीत में उन्होंने भारत, एजुकेशन, शिक्षा और डेवलपमेंट समेत कई अहम मुद्दों पर तमाम सवालों के जवाब दिए।
माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर और पूर्व सीईओ बिल गेट्स ने टाइम्स नाउ समिट 2024 में कहा कि भारत में अपार संभावनाएं हैं। जिस तरह भारत ने 8% ग्रोथ की है यदि 8% या 6% ग्रोथ को दशक तक बनाएं रखा जाता है तो यह बड़ी बात होगी। लेकिन ऐसा करने के लिए एजुकेशन, स्किल डेवलपमेंट और हेल्थ केयर पर काफी काम करना होगा।
टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर और टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर-इन-चीफ नाविका कुमार के साथ बातचीत में उन्होंने भारत, एजुकेशन, शिक्षा और डेवलपमेंट पर कई सवालों के जवाब दिए। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के फाउंडर बिल गेट्स ने नाविका कुमार के साथ बातचीत में कहा कि भारत में तकनीक बहुत तेजी से बढ़ रही है। चाइना में सर्विस काफी बड़े लेवल पर काम करती हैं। लेकिन भारत में यह अलग तरह से काम करता है।
बिल गेट्स ने कहा कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, सरकार की मदद से भारत के कई क्षेत्रों जैसे बिहार और झारखंड में काम कर रहा है। हमने हेल्थ केयर और किसानों को सशक्त बनाने के लिए भी काम किया है और कर भी रहे हैं। इस क्षेत्र में अभी और काम होना बाकी है।
आप इस बातचीत का पूरा वीडियो यहां देख सकते हैं।
दिल्ली में 27 मार्च से होगा दो दिवसीय आयोजन, इस समिट की थीम ‘Anticipating the Unstoppable’ रखी गई है, जिसके तहत भविष्य में आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर प्रकाश डाला जाएगा।
देश के भविष्य को नया आकार देने में अहम भूमिका निभाने वाले तमाम मुद्दों पर चर्चाओं के लिए ‘टाइम्स नाउ’ समिट 2024 का मंच सजने के लिए पूरी तरह तैयार है। दिल्ली में 27 मार्च से इस दो दिवसीय समिट का आयोजन किया जाएगा।
गतिशील सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य की पृष्ठभूमि में आयोजित होने वाले इस समिट में विभिन्न नेताओं, नीति निर्माताओं, इंडस्ट्री लीडर्स और प्रभावशाली लोगों की भागीदारी रहेगी। वह इन मुद्दों पर अपने विचारों से रूबरू कराएंगे, जो देश की प्रगति व समृद्धि की दिशा में एक रास्ता तय करेंगे।
इस समिट की थीम ‘Anticipating the Unstoppable’ रखी गई है, जिसके तहत भविष्य में आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर प्रकाश डाला जाएगा। इस समिट का उद्देश्य देश के विकास की कहानी को चलाने वाले और इसकी वैश्विक स्थिति को आकार देने वाले कारकों पर समग्र परिप्रेक्ष्य प्रदान करना है।
इस समिट के एजेंडे में टेक्नोलॉजी और डिजिटलीकरण, सतत विकास, स्वास्थ्य देखभाल और समावेशी विकास सहित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, जो देश की आकांक्षाओं की बहुमुखी प्रकृति को दर्शाती है।
बातचीत के दौरान जब उनसे कंगना रनौत के पॉलिटिक्स जॉइन करने और चुनाव लड़ने की खबरों पर सवाल किया गया तो मनोज बाजपेयी ने बताया कि उन्हें इस बात से बहुत दुख हुआ।
बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी 'न्यूज24' (News 24) चैनल के स्पेशल संवाद और विश्लेषण कार्यक्रम ‘मंथन’ में पहुंचे। यहां एक्टर ने अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ के बारे में बात की। न्यूज एंकर मानक गुप्ता के साथ बातचीत करते हुए मनोज बाजपेयी ने बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के बारे में भी बात की।
उन्होंने कहा, 'मैं मानता हूं कि कंगना रनौत एक बहुत ही सुपरलेटिव एक्ट्रेस हैं। वह कमाल की हैं। मैंने उनकी कई फिल्में देखी हैं। मैंने जब उन्हें पहली बार गैंगस्टर में देखा और फिर लम्हे में उनकी एक्टिंग स्किल देखी तो हैरान रह गया कि कोई इतनी शानदार, इतनी कमाल एक्टिंग कैसे कर सकता है। वह बहुत ही अच्छी अभिनेत्री हैं।'
बातचीत के दौरान जब उनसे कंगना रनौत के पॉलिटिक्स जॉइन करने और चुनाव लड़ने की खबरों पर सवाल किया गया तो मनोज बाजपेयी ने बताया कि उन्हें इस बात से बहुत दुख हुआ।
उन्होंने कहा, 'मैंने कहीं पढ़ा था कि कंगना चुनाव लड़ सकती हैं। वह बहुत ही शानदार अभिनेत्री हैं, इसलिए जब मुझे उनके चुनाव लड़ने की खबरों का पता चला तो मुझे दुख भी हुआ।' मनोज बाजपेयी ने रैपिड फायर सेशन के दौरान बॉलीवुड के पसंदीदा स्टार्स के बारे में बात की।
एक्टर से जब पूछा गया कि वह बॉलीवुड के किस एक्टर को बेस्ट मानते हैं? इसका जवाब देते हुए मनोज बाजपेयी ने कहा,’वह इंडस्ट्री में नसीरुद्दीन शाह से ज्यादा बेस्ट किसी एक्टर को नहीं मानते हैं। मानक गुप्ता के साथ एक्टर मनोज बाजपेयी की इस बातचीत का पूरा वीडियो आप यहां देख सकते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 'राइजिंग भारत समिट' 2024 में चुनावी बांड पर उठ रहे सवालों का बेबाकी से जवाब दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राइजिंग भारत समिट 2024 में चुनावी बांड पर उठ रहे सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। राहुल गांधी के हफ्ता वसूली वाले बयान पर अमित शाह ने कहा कि उन्होंने फिर 1600 करोड़ का हफ्ता क्यों वसूला? उसका हिसाब देना चाहिए। 1600 करोड़ रुपए उनको भी मिला है। हमें 6000 करोड़ मिला है तो घमंडिया INDI गठबंधन को भी 6000 करोड़ मिला है। एक पैसा कम नहीं मिला है।
शाह ने कहा कि राहुल गांधी सबसे पहले हिसाब दें कि वे कहां से इतना हफ्ता वसूल लाए? हम तो कहते हैं कि भाजपा को मिले चंदे में एक पैसा भी हफ्ता नहीं है, यह शुद्ध रूप से पारदर्शी तरीके से लाया गया चंदा है। राहुल गांधी खुद स्वीकार कर रहे हैं कि चुनावी बांड की व्यवस्था हफ्ता वसूली है तो उनको 6000 करोड़ रुपए का हिसाब देना चाहिए। वे, टीएमसी, एनसीपी कहां से लाई?
अमित शाह ने बताया कि 2014 में भाजपा को जो भी चंदा आता था, उसमें से 81 फीसदी चंदा कैश के माध्यम से आता था। जिसमें किसी का नाम नहीं होता था। 20-20 हजार रुपए करके जमा करते थे। 2018 में ये चंदा 81 फीसदी से 17 फीसदी हुआ। 2023 में कम होकर यह 3 फीसदी पर आ गया। हमारी पार्टी ने इस पर पारदर्शिता अपनाई थी।