‘जी उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड’ (ZEE UTTAR PRADESH-UTTARAKHAND) से खबर है कि यहां संदीप श्रीवास्तव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है
जी मीडिया (ZEE MEDIA) के रीजनल न्यूज चैनल ‘जी उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड’ (ZEE UTTAR PRADESH-UTTARAKHAND) से खबर है कि यहां संदीप श्रीवास्तव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने अब ‘न्यूज नेशन’ (NEWS NATION) जॉइन किया है और आउटपुट टीम का हिस्सा बने हैं। संदीप ने जी मीडिया (ZEE MEDIA) में करीब 10 महीने बतौर एसोसिएट प्रड्यूसर (ASSOCIATE PRODUCER) काम किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 के दौरान करीब 3 महीने न्यूज रिपोर्टिंग (NEWS REPORTING) भी की।
जी मीडिया (ZEE MEDIA) से पहले संदीप ने करीब साढ़े तीन साल हैदराबाद से संचालित ‘ईटीवी भारत’ (ETV BHARAT) में बतौर कंटेंट एडिटर काम किया। यहां उन्होंने हिंदी के सभी 10 चैनल में न्यूज एंकरिंग भी की। साथ ही प्रयागराज और लखनऊ में कुछ खबरें कवर कर रिपोर्टिंग भी की। ईटीवी भारत (ETV BHARAT) से पहले संदीप लखनऊ से संचालित होने वाले न्यूज चैनल ‘लाइव टुडे’ (LIVE TODAY) में थे। यहां न्यूज एंकर (NEWS ANCHOR) के तौर पर कार्य करते हुए उन्होंने अपने गृह प्रदेश में खास पहचान बनाई।
करीब 15 साल से पत्रकारिता जगत में सक्रिय और प्रयागराज के रहने वाले संदीप राजनीति शास्त्र और इतिहास में स्नातक होने के साथ ही जनसंचार में परास्नातक हैं। वो इलाहाबाद विश्वविद्यालय में साल 2004-07 और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल (नोएडा कैंपस) में साल 2007-09 बैच के छात्र रह चुके हैं।
संदीप ने अपने करियर की शुरुआत साल 2008 में टीवी 100 (TV 100) और ‘न्यूज 24’ (NEWS 24) इंटर्नशिप (INTERNSHIP) से की थी। इन्होंने साल 2009-10 में दिल्ली से संचालित चैनल ‘ए2जेड न्यूज’ (A2Z NEWS) में जूनियर रिपोर्टर (JUNIOR REPORTER) के तौर पर काम करते हुए अपनी विशेष पहचान बनाई। इसके बाद उन्होंने ‘जीएनएन न्यूज’ (GNN NEWS) में न्यूज एंकर (NEWS ANCHOR) और 4 ‘रियल न्यूज’ (4 REAL NEWS) में संवाददाता (CORRESPONDENT) के तौर पर कार्य किया।
साल 2015- 17 के दौरान संदीप ने जयपुर में राजस्थान पत्रिका ग्रुप के साथ भी काम किया। उन्होंने राजस्थान पत्रिका के डिजिटल वेंचर (rajsthanpatrika.com) में काम करने के साथ ही रीजनल न्यूज चैनल पत्रिका टीवी (PATRIKA TV) की लॉन्चिंग में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वो पत्रिका टीवी की लॉन्चिंग टीम के सदस्य रहे और कई न्यूज बुलेटिन की एंकरिंग की।
इसके अलावा संदीप ने पाक्षिक मैगजीन लोकायत (LOKAYAT) में सब एडिटर (SUB EDITOR) और प्रथम प्रवक्ता में स्वतंत्र संवाददाता (FREELANCE CORRESPONDENT) के तौर पर भी कार्य कर चुके हैं । संदीप को अध्यापन (TEACHING) का भी अनुभव है। इन्होंने साल 2013-14 के दौरान करीब डेढ़ साल प्रताप यूनिवर्सिटी जयपुर (PRATAP UNIVERSITY JAIPUR ) के मॉस कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म विभाग (MASS COMMUNICATION AND JOURNALISM DEPARTMENT) में टीचिंग एसोसिएट (TEACHING ASSOCIATE) के तौर पर भी काम किया है।
बता दें कि एक जून 2017 को इस चैनल का परिचालन बंद कर दिया गया था।
‘नई दिल्ली टेलिविजन लिमिटेड’ (New Delhi Television Ltd) के बिजनेस न्यूज चैनल ‘एनडीटीवी प्रॉफिट’ (NDTV Profit) को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। इस खबर के मुताबिक, छह साल के अंतराल के बाद अगले महीने से इस चैनल का परिचालन फिर से शुरू होने जा रहा है।
बताया जाता है कि आठ दिसंबर, 2023 को यह चैनल पहले की तरह लाइव हो जाएगा। बता दें कि एक जून 2017 को इस चैनल का प्रसारण बंद कर दिया गया था।
कंपनी ने इस बारे में स्टॉक एक्सचेंज को सूचित कर दिया है। स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कंपनी का कहना है कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने एनडीटीवी प्रॉफिट चैनल के रेगुलर ऑपरेशंस को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस खबर के सामने आने के बाद एनडीटीवी के शेयरों में काफी तेजी दर्ज की गई है। विश्लेषकों और निवेशकों ने चैनल की वापसी के निर्णय को स्वागत योग्य कदम बताया है।
पन्नू ने इसी साल जून में कनाडा में भारतीय राजनयिकों की तस्वीरों और उनके नाम के साथ पोस्टर लगवाये और उन्हें मार डालने की धमकी दी।
केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी इस बार 'आप की अदालत' में रजत शर्मा के मेहमान थे। हरदीप पुरी 39 साल तक भारतीय विदेश सेवा में रहे। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिध रहे। अब नरेन्द्र मोदी की सरकार में मंत्री हैं। पुरी ने 'आप की अदालत' में कहा कि गुरपतवंत सिंह पन्नू पाकिस्तान का पिट्ठू है, ISI के इशारे पर काम करता है, इस्लामाबाद से उसे पैसा मिलता है, उसका एक पाकिस्तानी बिजनेस पार्टनर मुहम्मद सलमान युनुस है, और दोनों मिल कर आईएसआई के इशारे पर काम करते हैं। पन्नू भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की लिस्ट में है। पन्नू अमृतसर के पास एक गांव खानकोट का रहने वाला है।
1990 के दशक में वो वकालत करने अमेरिका गया था लेकिन वहां जाकर भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त हो गया। पन्नू ने सिख फॉर जस्टिस के नाम से एक संगठन बनाया। ISI से उसे पैसा मिलता है और ISI के इशारे पर कभी कनाडा में सिखों की छोटी मोटी रैलियां निकालता है, तो कभी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में पैसा बांटकर भारत के खिलाफ प्रदर्शन करवाता है। जैसा हरदीप पुरी कह रहे थे कि वो कनाडा में सड़क पर खड़े होकर भारत के ख़िलाफ पर्चियां बांटता है। 2020 में पन्नू को वैंकूवर में खालिस्तान पर जनमतसंग्रह के नाम पर लोगों को पर्चियां बांटते देखा गया था।
'आप की अदालत' में हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि उन्हें तो कनाडा सरकार की बुद्धि पर तरस आता है, ट्रूडो की मति मारी गई है। हरदीप पुरी ने कहा कि ट्रुडो जिस तरह से आंतकवादियों को पनाह दे रहे हैं, उनका समर्थन करते हैं, उससे तो लगता है कि खालिस्तान अगर कभी बने, तो कनाडा में ही बनना चाहिए। हरदीप पुरी ने अपने 39 साल लंबे डिप्लोमैटिक करियर के बहुत सारे अनुभव शेयर किए, कई राज़ खोले।
हरदीप पुरी ने बताया कि जब उनकी पोस्टिंग कोलंबो में थी, तो कैसे वो उत्तरी श्रीलंका के जाफना के जंगलों में जाकर LTTE के चीफ प्रभाकरण से मिले, रात के अंधेरे में लैंडमाइन के बीच उन्हें जाना पड़ा। कैसे प्रभाकरण को शांति समझौते के लिए तैयार कराया, फिर जान पर खेलकर प्रभाकरण को हेलीकॉप्टर में बैठाकर भारत लाए, राजीव गांधी से उनकी मुलाकात करवाई।
'आप की अदालत' में हरदीप पुरी की पत्नी लक्ष्मी पुरी भी मौजूद थीं। लक्ष्मी उस समय कोलंबो में भारतीय उच्चायोग में प्रेस सचिव थीं। उन्होंने बताया कि जब हरदीप जाफना के जंगलों में गए तो उन्हें डर तो लगा पर उन्हें भगवान पर भरोसा था। हरदीप पुरी ने बताया कि उन्होंने गुरु गोविंद सिंह को याद किया। गुरु की वाणी से उन्हें हिम्मत मिली।
‘एक्सचेंज4मीडिया’ द्वारा दिए जाने वाले ‘इनबा’ अवॉर्ड्स के तहत उन्हें यंग प्रोफेशनल ऑफ द ईयर का खिताब मिल चुका है। वह ‘समाचार4मीडिया पत्रकारिता 40अंडर40’ अवॉर्ड के दो बार विजेता भी रह चुके हैं।
टीवी पत्रकार सौरभ शुक्ला ने ‘एऩडीटीवी’ (NDTV) को अलविदा दिया है। वह यहां करीब 13 साल से कार्यरत थे और इन दिनों सीनियर स्पेशल करेसपॉन्डेंट/एंकर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। सौरभ शुक्ला ने इस्तीफा क्यों दिया और उनका अगला कदम क्या होगा, फिलहाल इस बारे में पता नहीं चल सका है।
मूल रूप से कानपुर के रहने वाले सौरभ शुक्ला ने ‘छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (पूर्व में कानपुर विश्वविद्यालय) से पढ़ाई की है। महज 20 साल की उम्र में वह पत्रकारिता में आ गए थे। उन्होंने ‘एनडीटीवी’ के साथ ही मीडिया में अपने करियर की शुरुआत की थी।
कोविड, दिल्ली दंगों और किसान आंदोलन में सौरभ शुक्ला के काम को बहुत सराहा गया था। यही नहीं, एनडीटीवी में रहते हुए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का परचम लहराते हुए ‘इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट’ (IPI) अवॉर्ड 2022 अपने नाम किया था।
इसके अलावा ‘एक्सचेंज4मीडिया’ द्वारा दिए जाने वाले प्रतिष्ठित ‘इनबा’ (enba) अवॉर्ड्स के तहत उन्हें वर्ष 2018 में यंग प्रोफेशनल ऑफ द ईयर का खिताब मिल चुका है। वर्ष 2020 और 2021 रेड इंक (Red Ink) अवॉर्ड जीतने के साथ-साथ वह ‘समाचार4मीडिया पत्रकारिता 40अंडर40’ अवॉर्ड के दो बार विजेता भी रह चुके हैं।
डिज्नी स्टार ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसके साथ ही यह अब तक का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला मैच बन गया।
19 नवंबर को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल मैच के लाइव प्रसारण को टेलीविजन पर 30 करोड़ से अधिक दर्शकों ने देखा। डिज्नी स्टार ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसके साथ ही यह अब तक का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला मैच बन गया।
आईसीसी पुरुष क्रिकेट वर्ल्ड कप के आधिकारिक प्रसारणकर्ता डिज्नी स्टार ने बार्क के आंकड़ों का हवाला देते हुए एक बयान में कहा कि टूर्नामेंट ने पहली बार 50 करोड़ से अधिक दर्शकों की संख्या को पार किया। वर्ल्ड कप का लाइव प्रसारण 51.8 करोड़ टीवी दर्शकों ने देखा।
बयान में कहा गया कि टूर्नामेंट के लाइव टीवी प्रसारण को कुल 422 अरब मिनट तक देखा गया, जिससे यह सबसे ज्यादा देखा जाने वाला आईसीसी वर्ल्ड कप बन गया।
कंपनी ने कहा कि 30 करोड़ से अधिक प्रशंसकों ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच फाइनल मैच का टीवी पर सीधा प्रसारण देखा, जिससे यह अब तक का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला मैच बन गया।
किसी एक वक्त में सबसे अधिक दर्शक संख्या के लिहाज से फाइनल मैच ने 13 करोड़ आंकड़ा छुआ, जबकि भारत बनाम पाकिस्तान मैच में यह संख्या 7.5 करोड़ थी। फाइनल मैच में भारत ऑस्ट्रेलिया से छह विकेट से हार गया।
इसके अलावा कंपनी ने कहा कि उसकी स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म डिज्नी+हॉटस्टार ने पूरे टूर्नामेंट में अपना ही रिकॉर्ड पांच बार तोड़ा और फाइनल मैच में एक वक्त में अधिकतम 5.9 करोड़ दर्शकों का आंकड़ा हासिल किया।
'सहाराश्री' की याद में ‘भारत एक्सप्रेस’ न्यूज चैनल पर 23 नवंबर की रात 8 बजे उनके जीवन पर आधारित एक फिल्म दिखाई जाएगी और उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी जाएगी।
सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय ने 75 साल की उम्र में बीते 14 नवंबर को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। 14 नवंबर की रात सुब्रत रॉय के निधन की खबर जैसे ही आई, उद्योग जगत में शोक की लहर दौड़ गई। 'सहाराश्री' के रूप में अपने चाहने वालों के बीच लोकप्रिय सुब्रत रॉय ने गोरखपुर से अपने कारोबार की शुरूआत की और ‘सहारा इंडिया परिवार’ की नींव रखी। 'सहाराश्री' की याद में ‘भारत एक्सप्रेस’ न्यूज चैनल पर 23 नवंबर की रात 8 बजे उनके जीवन पर आधारित एक फिल्म दिखाई जाएगी और उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी जाएगी।
‘भारत एक्सप्रेस’ के चेयरमैन उपेन्द्र राय, 'सहाराश्री' के बेहद करीब रहे हैं। 'सहाराश्री' के निधन की खबर सुनते ही उपेन्द्र राय बेहद भावुक हो गए थे। 'सहाराश्री' को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ‘भारत एक्सप्रेस’ के चेयरमैन उपेन्द्र राय ने कहा, ‘सहाराश्री के असमय महाप्रयाण से ऐसा लगा, जैसे जीवन में बनी लय टूट सी गई है। सहाराश्री के जीवन के कुछ पहलू समाज ने देखे, जिसके आलोचक और प्रशंसक दोनों रहे, लेकिन चंदन से सुब्रत रॉय, सुब्रत रॉय से सुब्रत रॉय सहारा और सुब्रत रॉय सहारा से सहाराश्री बनने का उनका सफर बेहद मार्मिक रहा है। इसलिए आज मैं यह तथ्य दुनिया के सामने लाना जरूरी समझता हूं कि जीवन में चमक दमक और शहंशाह सी जिंदगी जीने वाले सहाराश्री के व्यक्तित्व के पीछे एक श्वेत वस्त्रधारी फकीर सदैव खड़ा था। यह बात मैं इसलिए कह रहा हूं कि उनके निधन से करीब 120 घंटे पहले मेरी उनसे विधिवत बात हुई। उस वक्त मुझे एहसास हुआ कि ये जानते हुए भी कि उनके पास जीवन के मात्र कुछ पल बचे हैं, उनमें मृत्यु का किंचित भय नहीं था। इस तरह अपने जीवन के अंत का सामना करते हुए मैंने किसी और को नहीं देखा। भारत एक्सप्रेस पर प्रसारित की जा रही, उनके व्यक्तित्व के अनदेखे पहलुओं को पर्दे पर उकेरती यह फिल्म सहाराश्री को मेरी और भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि है।’
सुब्रत रॉय ने ‘सहारा इंडिया परिवार’ की नींव रखने के बाद उसे बुलंदियों तक पहुंचाया> यही नहीं, सहारा इंडिया के जरिए ये कंपनी देश के घर-घर में पहुंची और सहाराश्री का साम्राज्य देश के बाहर लंदन तक फैला। 'सहाराश्री' का रुतबा ऐसा था कि राजनीति से लेकर बॉलीवुड और खेल जगत से जुड़े कई दिग्गजों का उनके यहां आना-जाना लगा रहता था। इनमें से कई दिग्गजों से उनकी अच्छी दोस्ती थी। एक समय में सहारा ग्रुप की नौकरी को सरकारी नौकरी की तरह देखा जाता था। लोग इस कंपनी के साथ जुड़ने के सपने देखा करते थे।
अब सहाराश्री नहीं रहे, लेकिन जब तक वे इस दुनिया में रहे, हमेशा अपने चाहने वालों के बेहद करीब रहे। बिहार से लेकर बंगाल और गोरखपुर से होकर लखनऊ और लंदन तक... सहाराश्री का सफर निरतंर चलता रहा और वे नित नए कीर्तिमान स्थापित करते रहे। 'सहाराश्री' की बेमिसाल उपलब्धियों के लिए उन्हें कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा गया।
समाचार4मीडिया से बातचीत में प्रसून शुक्ला ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की है। उन्होंने संकेत दिए कि वह जल्द ही एक न्यूज चैनल के साथ अपनी नई पारी शुरू करेंगे और फिर उसके नाम का खुलासा करेंगे।
वरिष्ठ पत्रकार प्रसून शुक्ला ने हिंदी न्यूज चैनल ‘भारत24’ (Bharat24) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह पिछले साल 15 अगस्त को हुई इस चैनल की लॉन्चिंग के समय से ही इसके साथ जुड़े हुए थे और रोमिंग एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। यहां वह कंटेंट की क्वालिटी पर काम कर रहे थे।
समाचार4मीडिया से बातचीत में प्रसून शुक्ला ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की है। उन्होंने संकेत दिए कि वह जल्द ही एक न्यूज चैनल के साथ अपनी नई पारी शुरू करेंगे और फिर उसके नाम का खुलासा करेंगे।
मूल रूप से बस्ती (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले प्रसून शुक्ला को मीडिया में काम करने का करीब दो दशक का अनुभव है। मीडिया में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने वर्ष 2003 में ‘जी न्यूज’ से की थी। इसके बाद वह करीब आठ साल ‘सहारा’ में रहे। फिर उन्होंने यहां से बाय बोल दिया और ‘मैजिक टीवी’ (अब यह ‘के न्यूज’ हो गया है) से जुड़ गए। यहां चैनल हेड के तौर पर उन्हेंने करीब डेढ़ साल की पारी खेली और फिर ‘न्यूज एक्सप्रेस’ में चैनल हेड के तौर पर नई जिम्मेदारी संभाल ली।
इसके बाद प्रसून शुक्ला कंसल्टिंग एडिटर के तौर पर ‘ईटीवी’ में शामिल हो गए। बाद में वह यहां से इस्तीफा देकर ग्रुप एडिटर के पद पर फिर ‘सहारा’ में आ गए और फिर पिछले साल वहां से इस्तीफा देकर उन्होंने ‘भारत24’ जॉइन कर लिया था।
राजनीति के फील्ड पर प्रसून शुक्ला की अच्छी पकड़ है और अब तक वह तमाम प्रमुख राजनेताओं के इंटरव्यू कर चुके हैं। पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो प्रसून शुक्ला ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद आगे की पढ़ाई दिल्ली से की है। उन्होंने जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी से हिस्ट्री से एमए करने के बाद मास कम्युनिकेशन और फिर ह्यूमन राइट्स इन पीजी डिप्लोमा करने के साथ स्पैनिश भाषा का सर्टिफिकेट कोर्स भी किया है।
प्रसून शुक्ला दिल्ली सरकार की ओर से करीब तीन साल तक दिल्ली यूनिवर्सिटी के ‘कमला नेहरू कॉलेज’ और ‘राजधानी कॉलेज’ की गवर्निंग बॉडी के मेंबर रहे। वर्ष 2014 से वह ग्रेटर नोएडा की ’गलगोटिया यूनिवर्सिटी’ में बोर्ड ऑफ स्टडीज के मेंबर भी हैं।
इसके साथ ही वह गंगा और उसकी सहायक नदियों के संरक्षण और संवर्धन के काम में जुटी ‘गंगा संरक्षण समिति’ के मेंबर भी हैं। समाचार4मीडिया की ओर से प्रसून शुक्ला को उनके आगामी सफर के लिए अग्रिम बधाई और शुभकामनाएं।
हिंदी न्यूज चैनल 'एबीपी न्यूज' की डिबेट में बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी पर तीखा प्रहार किया है।
देश में पांच राज्यों के विधानसभा के चुनाव अब अपने अंतिम चरण में हैं। लेकिन सियासत में बोले जाने वाले शब्दों की मर्यादा भी इस दौरान खूब तार-तार हुई। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक रैली के दौरान पीएम मोदी के लिए 'पनौती' शब्द का इस्तेमाल कर दिया जिसको लेकर उनकी खूब आलोचना हो रही है और सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर बवाल मचा हुआ है।
इसी बीच हिंदी न्यूज चैनल 'एबीपी न्यूज' की डिबेट में बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा, 'विराट पर्वत पर जैसे पानी की बूँद कोई असर नहीं डालती वैसे ही पीएम नरेंद्र मोदी जी का व्यक्तित्व विराट है। ऐसे अनर्गल शब्दावलियों से उन पर कोई असर नहीं पड़ता।
रामचरितमानस में कहा गया है “बूँद अघात सहैं गिरि ऐसे, खल के वचन संत सम जैसे।” अर्थात जो खराब विचार वाले व्यक्ति विराट व्यक्तित्व के लिए खराब शब्दों का प्रयोग करता है वह उन पर कोई असर नहीं करता। पनौती जैसे आपत्तिजनक शब्द के संदर्भ में कहना चाहूंगा कि कांग्रेस का नेतृत्व 138 साल के इतिहास में कभी नायक का रहा कभी खलनायक रहा मगर उपहास का पात्र कब बना यह देश जानता है। अपार बहुमत वाली कांग्रेस किसके नेतृत्व में 44 व 52 सीट पर आई। देश की विवेकपूर्ण जनता अच्छी तरह से जानती है कि कौन अपनी पार्टी के लिए पनौती साबित हुआ !'
विराट पर्वत पर जैसे पानी की बूँद कोई असर नहीं डालती वैसे ही PM श्री @narendramodi जी का व्यक्तित्व विराट है ऐसे अनर्गल शब्दावलियों से उन पर कोई असर नहीं पड़ता,
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) November 22, 2023
रामचरितमानस में कहा गया है
“बूँद अघात सहैं गिरि ऐसे,
खल के वचन संत सम जैसे |”
अर्थात जो ख़राब विचार वाले व्यक्ति… pic.twitter.com/yF6TYJvuZP
‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्स काउंसिल’ (BARC) द्वारा मंजूरी मांगे जाने के बाद सरकार ने पिछले हफ्ते व्युअरशिप डेटा जारी करने की अनुमति दी थी।
न्यूज और खास जॉनर के लिए व्युअरशिप डेटा जारी करने की अनुमति देने के एक सप्ताह बाद ‘सूचना प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) ने अब इस अनुमोदन (Approval) पर रोक लगा दी है।
हमारी सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (e4m) को उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ‘सूचना प्रसारण मंत्रालय’ ने सोमवार को ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्स काउंसिल’ (BARC) को एक लेटर भेजा है, जिसमें रेटिंग एजेंसी से अगली चर्चा तक इस कदम को रोकने के लिए कहा गया है। सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय ने इस मामले पर अगली चर्चा के लिए बार्क को अभी तक कोई तारीख नहीं दी है।
गौरतलब है कि ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्स काउंसिल’ द्वारा मंजूरी मांगे जाने के बाद सरकार ने पिछले हफ्ते व्युअरशिप डेटा जारी करने की अनुमति दी थी। ब्रॉडकास्टर्स के एक समूह द्वारा कथित तौर पर डेटा जारी करने की मांग के बाद रेटिंग एजेंसी ने इसकी अनुमति के लिए एमआईबी से संपर्क किया था।
डेटा को जारी करने की अनुमति देने के लिए एमआईबी की मंजूरी बार्क को ब्रॉडकास्टर्स के साथ प्रतिवादी स्तर के डेटा को शेयर करने की अनुमति देने के महीनों बाद मिली थी। यदि एमआईबी ने बार्क को डेटा जारी करने की अनुमति दी, तो न्यूज ब्रॉडकास्टर्स साप्ताहिक स्तर पर रॉ लेवल के डेटा प्राप्त कर सकेंगे। इससे पहले चार सप्ताह का रोलिंग एवरेज तब पेश किया गया था, जब टीआरपी घोटाले के कारण 17 महीने की रोक के बाद न्यूज जॉनर की रेटिंग दोबारा शुरू की गई थी।
12 नवंबर को उत्तराखंड में यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर बन रही एक सुरंग धंस जाने से उसमें काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए हैं। यह सुरंग उत्तरकाशी जिले में सिल्कयारा और डांडलगांव को जोड़ने के लिए बनाई जा रही है।
‘सूचना और प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) ने मंगलवार को टेलीविजन चैनल्स को एडवाइजरी जारी कर उत्तराखंड के सिलक्यारा में चल रहे राहत व बचाव अभियान को सनसनीखेज न बनाने के लिए कहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुरंग स्थल के नजदीक से किसी भी तरह की लाइव पोस्ट या वीडियो करने से बचने की सलाह भी दी गई है।
इसके साथ ही मंत्रालय ने टीवी चैनल्स को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि ऑपरेशन स्थल के पास या आसपास कैमरामैन, पत्रकारों या उपकरणों की उपस्थिति से विभिन्न एजेंसियों द्वारा मानव जीवन बचाने की गतिविधियां किसी भी तरह से बाधित न हों।
मंत्रालय ने कहा है कि सरकार लगातार संपर्क बनाए हुए है और दो किलोमीटर लंबी सुरंग वाले हिस्से में फंसे श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने के लिए सभी संभव प्रयास कर रही है।
अपनी एडवाइजरी में मंत्रालय का कहना है, ‘विभिन्न सरकारी एजेंसियां 41 श्रमिकों की सुरक्षित निकासी के लिए अथक प्रयास कर रही हैं। सुरंग के आसपास चल रहा ऑपरेशन बेहद संवेदनशील प्रकृति का है, जिसमें कई लोगों की जान बचाना शामिल है। टीवी चैनल्स द्वारा ऑपरेशन से संबंधित वीडियो फुटेज और अन्य तस्वीरों के प्रसारण, विशेष रूप से बचाव अभियान स्थल के करीब कैमरे और अन्य उपकरण लगाने से यहां चल रहे बचाव व राहत अभियानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।’
मंत्रालय ने टीवी चैनल्स को सलाह दी है कि वे इस मामले पर रिपोर्टिंग करते समय सतर्क और संवेदनशील रहें, खासकर हेडलाइन, वीडियो और तस्वीरें डालते समय ऑपरेशन की संवेदनशील प्रकृति, परिवार के सदस्यों की मनोवैज्ञानिक स्थिति का भी ध्यान रखें।
बता दें कि उत्तराखंड में यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर बन रही एक सुरंग के धंस जाने से उसमें काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए हैं। यह सुरंग उत्तरकाशी जिले में सिल्कयारा और डांडलगांव को जोड़ने के लिए बनाई जा रही है। 12 नवंबर की सुबह से मजदूर टनल में फंसे हुए हैं। मजदूरों को बचाने का काम जारी है, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन में तमाम रुकावटें आ रही हैं।
सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए चल रहे अभियान में नौ दिन बाद सोमवार को अच्छी खबर आई। दरअसल, बचाव दल ने छह इंच की पाइप लाइन सफलतापूर्वक तैयार कर ली है, इससे श्रमिकों तक भोजना पहुंचाना आसान हो जाएगा।
समाजवादी पार्टी ने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. द्वारा हाल ही में घोषित 14 टेलीविजन न्यूज एंकर्स के बायकॉट करने के फैसले से अपना समर्थन वापस ले लिया है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार अभियान भले ही समाप्त हो गया हो, लेकिन समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच मतभेद अभी खत्म नहीं हुए हैं। इस बीच टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक, समाजवादी पार्टी ने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. द्वारा हाल ही में घोषित 14 टेलीविजन न्यूज एंकर्स के बायकॉट करने के फैसले से अपना समर्थन वापस ले लिया है।
मध्य प्रदेश में सीट बंटवारे पर सहमति न बन पाने के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने 50 से अधिक सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए, इसके बाद से दोनों पार्टियों के बीच विवाद शुरू हो गया। इसी को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने अपना रास्ता अलग कर लिया है।
समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि बायकॉट का पहला फैसला कांग्रेस की ओर से लिया गया था।
टीवी के चुनिंदा एंकर्स के बायकॉट को समाप्त करने का समाजवादी पार्टी का निर्णय निश्चित रूप से I.N.D.I.A. के अन्य सदस्यों को झटका है। वहीं, राजनीतिक हलकों में इस कदम को सपा और कांग्रेस के बीच ताजा खींचतान के तौर पर देखा जा रहा है।
पार्टी के एक वरिष्ठ सपा नेता ने कहा कि हमारे पार्टी नेतृत्व ने सभी प्रवक्ताओं और टेलीविजन डिबेट पैनलिस्ट्स को सूचित कर दिया है कि अब चुनिंदा टेलीविजन एंकर्स का कोई बायकॉट नहीं किया जाएगा। पार्टी के नेता टेलीविजन डिबेट्स में पैनलिस्ट के तौर पर शामिल होने के लिए स्वतंत्र हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि सपा के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि यह निर्णय हाल ही में उन इंटरव्यू को ध्यान में रखते हुए लिया गया है जो मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सीएम उम्मीदवार कमलनाथ ने उन दो न्यूज एंकर्स को दिए थे, जो गठबंधन द्वारा जारी बायकॉट वाली सूची का हिस्सा थे।
सपा नेता का कहना है कि यह निर्णय सितंबर में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार के आवास पर I.N.D.I.A. समन्वय समिति की पहली बैठक में लिया गया था। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने औपचारिक रूप से प्रस्ताव दिया था कि गठबंधन के सभी सहयोगियों को इन 14 एंकर्स के शो से दूर रहना चाहिए। लेकिन एमपी चुनावों के दौरान, कमलनाथ ने इनमें से दो एंकर्स को न केवल इंटरव्यू दिया, बल्कि हेलिकॉप्टर की सवारी की पेशकश भी की। तो फिर अब बहिष्कार कहां है?