ट्राई ने ब्रॉडकास्टर व केबल सर्विस के लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में किए गए संशोधनों को अधिसूचित किया
ट्राई ने मंगलवार को दूरसंचार (प्रसारण और केबल) सेवाएं (आठवां) (एड्रेसेबल सिस्टम्स) टैरिफ (तीसरा संशोधन) आदेश, 2022 (2022 का 4) और दूरसंचार (प्रसारण और केबल) सेवाएं इंटरकनेक्शन (एड्रेसेबल सिस्टम) (चौथा संशोधन) विनियम, 2022 (2022 का 2) जारी किया।
यह स्टेटमेंट ट्राई के सचिव वी. रघुनंदन की ओर से जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि-
1- केबल टीवी क्षेत्र के पूर्ण डिजिटलीकरण के अनुरूप, ट्राई ने 3 मार्च 2017 को प्रसारण व केबल सेवाओं के लिए न्यू रेगुलेटरी फ्रेमवर्क (नया विनियामक ढांचा) अधिसूचित किया। मद्रास उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में कानूनी जांच पारित करने के बाद, 29 दिसंबर 2018 से नया फ्रेमवर्क लागू किया गया।
2- न्यू रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में जैसे ही कुछ व्यावसायिक नियमों को बदला गया, उसमें कई सकारात्मक बातें सामने आईं। हालांकि, न्यू रेगुलेटरी फ्रेमवर्क 2017 के कार्यान्वयन पर, ट्राई ने उपभोक्ताओं को प्रभावित करने वाली कुछ कमियों पर ध्यान दिया। न्यू रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन के बाद उत्पन्न होने वाले कुछ मुद्दों को हल करने के लिए, हितधारकों के साथ उचित परामर्श प्रक्रिया के बाद, ट्राई ने 01.01.2020 को न्यू रेगुलेटरी फ्रेमवर्क 2020 को अधिसूचित किया।
3- कुछ हितधारकों ने टैरिफ संशोधन आदेश 2020, इंटरकनेक्शन संशोधन विनियम 2020 और क्यूओएस संशोधन विनियम 2020 के प्रावधानों को बॉम्बे और केरल उच्च न्यायालयों सहित विभिन्न उच्च न्यायालयों में चुनौती दी। उच्च न्यायालयों ने कुछ प्रावधानों को छोड़कर न्यू रेगुलेटरी फ्रेमवर्क 2020 की वैधता को बरकरार रखा।
4- नेटवर्क कैपेसिटी फी (एनसीएफ) और न्यू रेगुलेटरी फ्रेमवर्क 2020 के लंबी अवधि के सब्सक्रिप्शन से संबंधित प्रावधान पहले ही लागू किए जा चुके हैं और बड़े पैमाने पर उपभोक्ताओं को इसका लाभ दिया जा रहा है। प्रत्येक उपभोक्ता अब अधिकतम एनसीएफ 130 रुपए में 100 चैनलों के बजाय 228 टीवी चैनल प्राप्त कर सकता है। इसने उपभोक्ताओं को 2017 के ढांचे के अनुसार समान संख्या में चैनलों का लाभ उठाने के लिए अपने एनसीएफ को 40 से 50 रुपए तक कम करने में सक्षम बनाया है। इसके अतिरिक्त, मल्टी-टीवी घरों के लिए संशोधित एनसीएफ ने उपभोक्ताओं को दूसरे (और अधिक) टेलीविजन सेट्स पर 60% की बचत करने में सक्षम बनाया है।
5- हालांकि, ब्रॉडकास्टर्स द्वारा नवंबर 2021 में दायर रियो (RIO) के अनुसार, नए टैरिफ एक सामान्य प्रवृत्ति को दर्शाते हैं, यानी स्पोर्ट्स चैनलों सहित उनके सबसे लोकप्रिय चैनलों की कीमतों में 19 रुपए प्रति माह से अधिक की वृद्धि की गई। पे चैनलों को बुके में शामिल करने के संबंध में मौजूदा प्रावधानों का अनुपालन करते हुए, ऐसे सभी चैनल जिनकी कीमत 12 रुपए प्रति माह से अधिक है, को बुके से बाहर रखा जाता है और केवल अ-ला-कार्टे आधार पर पेश किया जाता है। फाइल किए गए संशोधित रियो लगभग सभी पेश किए जा रहे बुके की संरचना में व्यापक पैमाने पर बदलाव का संकेत देते हैं।
6- नए टैरिफ की घोषणा के तुरंत बाद, ट्राई को डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स (DPOs), एसोसिएशन ऑफ लोकल केबल ऑपरेटर्स (LCOs) और उपभोक्ता संगठनों से अभ्यावेदन प्राप्त हुए। डीपीओ ने विशेष रूप से ब्रॉडकास्टर्स द्वारा घोषित पे चैनलों और बुके की दरों में वृद्धि के कारण सिस्टम में नई दरों को लागू करने और लगभग सभी बुके को प्रभावित करने वाले विकल्पों के सूचित अभ्यास के माध्यम से उपभोक्ताओं को नई टैरिफ व्यवस्था में स्थानांतरित करने में आने वाली कठिनाइयों पर प्रकाश डाला। इसलिए, ट्राई ने एलसीओ के प्रतिनिधियों सहित सभी विभिन्न संघों और उपभोक्ता समूहों के साथ बातचीत की।
7- न्यू रेगुलेटरी फ्रेमवर्क 2020 के कार्यान्वयन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करने और आगे का रास्ता तय करने के लिए, ट्राई के तत्वावधान में इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (IBDF), ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन (AIDCF) और DTH एसोसिएशन के सदस्यों वाली एक समिति का गठन किया गया था।
8- समिति का उद्देश्य टैरिफ संशोधन आदेश 2020 के सुचारू कार्यन्वयन के लिए परस्पर सहमत तरीकों पर कार्क करने के लिए विभिन्न हितधारकों के बीच चर्चा की सुविधा प्रदान करना था। हितधारकों को एक कार्यान्वयन योजना के साथ आने की सलाह दी गई, जहां उपभोक्ताओं को न्यू रेगुलेटरी फ्रेमवर्क 2020 को लागू करते समय कम से कम दिक्ततों का सामना करना पड़े।
9- समिति ने न्यू रेगुलेटरी फ्रेमवर्क 2020 से जुड़े कई मुद्दों को विचार के लिए सूचीबद्ध किया। हालांकि, हितधारकों ने ट्राई से उन महत्वपूर्ण मुद्दों को तुरंत दूर करने का अनुरोध किया, जो टैरिफ संशोधन आदेश 2020 के सुचारू कार्यान्वयन के लिए बाधाएं पैदा कर सकते हैं।
10- हितधारकों की समिति द्वारा पहचाने गए मुद्दों को संबोधित करने के लिए; ट्राई ने न्यू रेगुलेटरी फ्रेमवर्क 2020 के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए लंबित बिंदुओं/मुद्दों पर हितधारकों की टिप्पणियां प्राप्त करने के लिए एक परामर्श पत्र जारी किया। परामर्श पत्र में बुके के निर्माण में दी गई छूट, बुके में शामिल करने के लिए चैनलों की अधिकतम कीमत और वितरण शुल्क के अलावा ब्रॉडकास्टर्स द्वारा डीपीओ को दी जाने वाली छूट से संबंधित मुद्दों पर विभिन्न हितधारकों से टिप्पणियां और सुझाव मांगे गए।
11- प्राधिकरण ने हितधारकों की टिप्पणियों का विश्लेषण किया और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए टैरिफ आदेश 2017 और इंटरकनेक्शन विनियम 2017 में संशोधनों को अधिसूचित किया।
संशोधनों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं-
* टीवी चैनलों के एमआरपी पर ढील जारी रहेगी
* केवल उन्हीं चैनलों को बुके का हिस्सा बनने की अनुमति होगी, जिनकी एमआरपी 19 रुपए या उससे कम होगी।
* एक ब्रॉडकास्टर अपने पे चैनलों के बुके का मूल्य निर्धारण करते समय उस बुके में सभी पे चैनलों के एमआरपी के योग से अधिक 45% की अधिकतम छूट की पेशकश कर सकता है।
* किसी ब्रॉडकास्टर द्वारा किसी पे चैनल के अधिकतम खुदरा मूल्य पर प्रोत्साहन के रूप में दी जाने वाली छूट अ-ला-कार्टे और बुके दोनों में उस चैनल की सदस्यता पर आधारित होगी।
12- सभी ब्रॉडकास्टर 16 दिसंबर 2022 तक चैनलों के नाम, प्रकृति, भाषा, चैनलों की प्रति माह एमआरपी और चैनलों के बुके की संरचना और एमआरपी में किसी भी बदलाव की सूचना प्राधिकरण को देंगे और साथ ही साथ अपनी वेबसाइट्स पर भी ऐसी जानकारी प्रकाशित करेंगे। जिन ब्रॉडकास्टर ने न्यू रेगुलेटरी फ्रेमवर्क 2020 के अनुपालन में अपने रियो पहले ही जमा कर दिए हैं, वे भी 16 दिसंबर 2022 तक अपने रियो को संशोधित कर सकते हैं।
13- सभी डीपीओ 1 जनवरी 2023 तक पे चैनलों के डीआरपी, पे चैनलों के बुके और पे व एफटीए चैनलों के बुके की संरचना को प्राधिकरण को रिपोर्ट करेंगे और साथ ही साथ ऐसी जानकारी को अपनी वेबसाइट्स पर प्रकाशित करेंगे। डीपीओ जिन्होंने न्यू रेगुलेटरी फ्रेमवर्क 2020 के अनुपालन में अपने रियो को पहले ही जमा करा दिए हैं, वे भी 1 जनवरी 2023 तक अपने रियो को संशोधित कर सकते हैं।
14- इसके अलावा टेलीविजन चैनलों के सभी वितरक यह सुनिश्चित करेंगे कि 1 फरवरी 2023 से ग्राहकों को सेवाएं उनके द्वारा चुने गए बुके या चैनलों के अनुसार प्रदान की जाएं।
15- वर्तमान संशोधनों में ट्राई ने केवल उन महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित किया है जो टैरिफ संशोधन आदेश 2020 को लागू करते समय उपभोक्ताओं को असुविधा से बचाने के लिए हितधारक समिति द्वारा सुझाए गए थे। हितधारकों की समिति ने अन्य मुद्दों को भी सूचीबद्ध किया, जिन पर बाद में ट्राई द्वारा विचार किया जाएगा।इसके अलावा, प्राधिकरण ने एलसीओ के प्रतिनिधियों के साथ कई बैठकें कीं, जिसमें एक ऑनलाइन बैठक में देशभर से 200 से अधिक एलसीओ ने भाग लिया। इन बैठकों के दौरान कई मुद्दों को रखा गया। ट्राई ने सुझावों को नोट कर लिया है और यदि आवश्यक हुआ तो आगामी मुद्दों के समाधान के लिए और उपयुक्त कदम उठा सकता है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम किसी और पार्टी से नेताओं को तोड़ नहीं रहे हैं, बल्कि वो खुद आ रहे हैं और हम उनका बीजेपी में स्वागत कर रहे हैं।
'टाइम्स नाउ समिट' 2024 के मंच पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी उपस्थिति दर्ज कराई। टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर और टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर-इन-चीफ नाविका कुमार के साथ बातचीत में निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम किसी और पार्टी से नेताओं को तोड़ नहीं रहे हैं, बल्कि वो खुद आ रहे हैं और हम उनका बीजेपी में स्वागत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'मैं लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही हूं।' साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए मेरे पास पैसे नहीं हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष ने मुझसे चुनाव लड़ने के बारे में चर्चा की थी और उन्होंने कहा था कि आप जहां से चुनाव लड़ना चाहती हैं, वहां से लड़ सकती हैं। लेकिन मैंने मना कर दिया और उन्होंने मेरा सम्मान रखा।
कंगना रनौत पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत के बयान पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह माइंडसेट की समस्या है। मैं जब भी ऐसी चीजें सुनती हूं तो खुद बहुत असहज महसूस करती हूं। आप जब राजनीति में होते हैं, तो लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं। इस बारे में उन्हें सोचना चाहिए। क्योंकि जो लोग आपको फॉलो करते हैं उनपर इसका असर पड़ता है। ऐसे बयान पर बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।
आप इस बातचीत का पूरा वीडियो यहां देख सकते हैं।
समिट में एमके आनंद ने आगे कहा कि भारत आज ऐसे मोड़ पर खड़ा है, जहां से वह दुनिया की दशा और दिशा तय करने की स्थिति में है।
टाइम्स नेटवर्क के एमडी एवं सीईओ एमके आनंद ने टाइम्स नाउ समिट-2024 के अपने संबोधन भाषण में कहा कि दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। ऐसे में मीडिया की भूमिका बहुत अहम हो गई है। समाज के हित में चीजों को कैसे पेश करना है, यह तय करना मीडिया की जिम्मेदारी है।
इसके साथ ही उनका कहना था कि बीते दो दशकों से टाइम्स नाउ लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में अपनी भूमिका जिम्मेदारी पूर्वक निभाता आ रहा है। दर्शकों को सशक्त बनाते हुए अपने प्रति उनके भरोसे को मजबूत बनाया है। समिट में एमके आनंद ने आगे कहा कि भारत आज ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहां से वह दुनिया की दशा और दिशा तय करने की स्थिति में है।
अर्थव्यवस्था, कृषि, अंतरिक्ष, रक्षा हर क्षेत्र में भारत तरक्की कर रहा है। भारत की यह यात्रा ऐसी है जिसमें अब कोई ठहराव नहीं है। इसे आगे बढ़ते ही जाना है। भारत की इस तरक्की की राह में टाइम्स नाउ सहभागी रहा है। न्यूज मीडिया के रूप में इसने शानदार काम किया है। बदलते और चुनौतीपूर्ण दौर में दर्शकों का भरोसा कायम रखना एक बड़ी चुनौती है लेकिन इस भरोसे पर टाइम्स नाउ हमेशा खरा उतरा है।
टाइम्स नेटवर्क के एमडी एवं सीईओ एमके आनंद के इस सम्बोधन को आप यहां सुन सकते हैं।
टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर और टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर-इन-चीफ नाविका कुमार के साथ बातचीत में उन्होंने भारत, एजुकेशन, शिक्षा और डेवलपमेंट समेत कई अहम मुद्दों पर तमाम सवालों के जवाब दिए।
माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर और पूर्व सीईओ बिल गेट्स ने टाइम्स नाउ समिट 2024 में कहा कि भारत में अपार संभावनाएं हैं। जिस तरह भारत ने 8% ग्रोथ की है यदि 8% या 6% ग्रोथ को दशक तक बनाएं रखा जाता है तो यह बड़ी बात होगी। लेकिन ऐसा करने के लिए एजुकेशन, स्किल डेवलपमेंट और हेल्थ केयर पर काफी काम करना होगा।
टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर और टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर-इन-चीफ नाविका कुमार के साथ बातचीत में उन्होंने भारत, एजुकेशन, शिक्षा और डेवलपमेंट पर कई सवालों के जवाब दिए। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के फाउंडर बिल गेट्स ने नाविका कुमार के साथ बातचीत में कहा कि भारत में तकनीक बहुत तेजी से बढ़ रही है। चाइना में सर्विस काफी बड़े लेवल पर काम करती हैं। लेकिन भारत में यह अलग तरह से काम करता है।
बिल गेट्स ने कहा कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, सरकार की मदद से भारत के कई क्षेत्रों जैसे बिहार और झारखंड में काम कर रहा है। हमने हेल्थ केयर और किसानों को सशक्त बनाने के लिए भी काम किया है और कर भी रहे हैं। इस क्षेत्र में अभी और काम होना बाकी है।
आप इस बातचीत का पूरा वीडियो यहां देख सकते हैं।
दिल्ली में 27 मार्च से होगा दो दिवसीय आयोजन, इस समिट की थीम ‘Anticipating the Unstoppable’ रखी गई है, जिसके तहत भविष्य में आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर प्रकाश डाला जाएगा।
देश के भविष्य को नया आकार देने में अहम भूमिका निभाने वाले तमाम मुद्दों पर चर्चाओं के लिए ‘टाइम्स नाउ’ समिट 2024 का मंच सजने के लिए पूरी तरह तैयार है। दिल्ली में 27 मार्च से इस दो दिवसीय समिट का आयोजन किया जाएगा।
गतिशील सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य की पृष्ठभूमि में आयोजित होने वाले इस समिट में विभिन्न नेताओं, नीति निर्माताओं, इंडस्ट्री लीडर्स और प्रभावशाली लोगों की भागीदारी रहेगी। वह इन मुद्दों पर अपने विचारों से रूबरू कराएंगे, जो देश की प्रगति व समृद्धि की दिशा में एक रास्ता तय करेंगे।
इस समिट की थीम ‘Anticipating the Unstoppable’ रखी गई है, जिसके तहत भविष्य में आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर प्रकाश डाला जाएगा। इस समिट का उद्देश्य देश के विकास की कहानी को चलाने वाले और इसकी वैश्विक स्थिति को आकार देने वाले कारकों पर समग्र परिप्रेक्ष्य प्रदान करना है।
इस समिट के एजेंडे में टेक्नोलॉजी और डिजिटलीकरण, सतत विकास, स्वास्थ्य देखभाल और समावेशी विकास सहित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, जो देश की आकांक्षाओं की बहुमुखी प्रकृति को दर्शाती है।
बातचीत के दौरान जब उनसे कंगना रनौत के पॉलिटिक्स जॉइन करने और चुनाव लड़ने की खबरों पर सवाल किया गया तो मनोज बाजपेयी ने बताया कि उन्हें इस बात से बहुत दुख हुआ।
बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी 'न्यूज24' (News 24) चैनल के स्पेशल संवाद और विश्लेषण कार्यक्रम ‘मंथन’ में पहुंचे। यहां एक्टर ने अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ के बारे में बात की। न्यूज एंकर मानक गुप्ता के साथ बातचीत करते हुए मनोज बाजपेयी ने बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के बारे में भी बात की।
उन्होंने कहा, 'मैं मानता हूं कि कंगना रनौत एक बहुत ही सुपरलेटिव एक्ट्रेस हैं। वह कमाल की हैं। मैंने उनकी कई फिल्में देखी हैं। मैंने जब उन्हें पहली बार गैंगस्टर में देखा और फिर लम्हे में उनकी एक्टिंग स्किल देखी तो हैरान रह गया कि कोई इतनी शानदार, इतनी कमाल एक्टिंग कैसे कर सकता है। वह बहुत ही अच्छी अभिनेत्री हैं।'
बातचीत के दौरान जब उनसे कंगना रनौत के पॉलिटिक्स जॉइन करने और चुनाव लड़ने की खबरों पर सवाल किया गया तो मनोज बाजपेयी ने बताया कि उन्हें इस बात से बहुत दुख हुआ।
उन्होंने कहा, 'मैंने कहीं पढ़ा था कि कंगना चुनाव लड़ सकती हैं। वह बहुत ही शानदार अभिनेत्री हैं, इसलिए जब मुझे उनके चुनाव लड़ने की खबरों का पता चला तो मुझे दुख भी हुआ।' मनोज बाजपेयी ने रैपिड फायर सेशन के दौरान बॉलीवुड के पसंदीदा स्टार्स के बारे में बात की।
एक्टर से जब पूछा गया कि वह बॉलीवुड के किस एक्टर को बेस्ट मानते हैं? इसका जवाब देते हुए मनोज बाजपेयी ने कहा,’वह इंडस्ट्री में नसीरुद्दीन शाह से ज्यादा बेस्ट किसी एक्टर को नहीं मानते हैं। मानक गुप्ता के साथ एक्टर मनोज बाजपेयी की इस बातचीत का पूरा वीडियो आप यहां देख सकते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 'राइजिंग भारत समिट' 2024 में चुनावी बांड पर उठ रहे सवालों का बेबाकी से जवाब दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राइजिंग भारत समिट 2024 में चुनावी बांड पर उठ रहे सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। राहुल गांधी के हफ्ता वसूली वाले बयान पर अमित शाह ने कहा कि उन्होंने फिर 1600 करोड़ का हफ्ता क्यों वसूला? उसका हिसाब देना चाहिए। 1600 करोड़ रुपए उनको भी मिला है। हमें 6000 करोड़ मिला है तो घमंडिया INDI गठबंधन को भी 6000 करोड़ मिला है। एक पैसा कम नहीं मिला है।
शाह ने कहा कि राहुल गांधी सबसे पहले हिसाब दें कि वे कहां से इतना हफ्ता वसूल लाए? हम तो कहते हैं कि भाजपा को मिले चंदे में एक पैसा भी हफ्ता नहीं है, यह शुद्ध रूप से पारदर्शी तरीके से लाया गया चंदा है। राहुल गांधी खुद स्वीकार कर रहे हैं कि चुनावी बांड की व्यवस्था हफ्ता वसूली है तो उनको 6000 करोड़ रुपए का हिसाब देना चाहिए। वे, टीएमसी, एनसीपी कहां से लाई?
अमित शाह ने बताया कि 2014 में भाजपा को जो भी चंदा आता था, उसमें से 81 फीसदी चंदा कैश के माध्यम से आता था। जिसमें किसी का नाम नहीं होता था। 20-20 हजार रुपए करके जमा करते थे। 2018 में ये चंदा 81 फीसदी से 17 फीसदी हुआ। 2023 में कम होकर यह 3 फीसदी पर आ गया। हमारी पार्टी ने इस पर पारदर्शिता अपनाई थी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कोविड वैश्विक महामारी के समय भारत ने दुनिया के कई देशों को कोविड-19 का टीका मुहैया कराया।
'न्यूज18' के लीडरशिप कॉन्क्लेव के चौथे संस्करण 'राइजिंग भारत समिट' 2024 को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी, भारत में जी20 के आयोजन से लेकर भारत के दूसरे देशों के साथ रिश्तों को लेकर बातचीत की।
उन्होंने कहा, 'भारत में जी-20 का आयोजन बड़ी बात है। उससे भी बड़ी बात यह है कि हमने जी-20 को जनभागीदारी बनाया। यूनिवर्सिटी से लेकर आम लोगों तक ने इसमें भाग लिया है और ले रहे हैं।' कोरोना काल में दुनिया के कई देशों को वैक्सीन मुहैया कराने पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कोविड वैश्विक महामारी के समय भारत ने दुनिया के कई देशों को कोविड-19 का टीका मुहैया कराया।
'राइजिंग भारत समिट' में विदेश मंत्री ने देश में नागरकिता संशोधन अधिनियम-2019 को लागू करने पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि दुनिया में कई जगह इस तरह से लोगों को नागरिकता दी गई है। अमेरिका से लेकर यूरोप तक में धार्मिक या फिर ऐतिहासिक आधार पर नागरिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि हमने अमेरिका से लेकर यूरोप तक के देशों को इसके बारे में बताया।
कार्यक्रम में एस जयशंकर ने अमेरिका और चीन के साथ संबंधों पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि एक वक्त था जब देश में नेहरुवियन बबल था। जवाहरलाल नेहरू को अमेरिका पसंद नहीं था तो उसे खारिज किया गया था और चीन को बेहतर माना जाता था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकारी कर्मचारी, कांग्रेस सांसद के घर नोटों के ढेर निकल रहे हैं। चारों तरफ बौखलाहट नजर आती है।
'न्यूज18' के खास कार्यक्रम 'राइजिंग भारत समिट' के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज सरकारी दफ्तर सेवा केंद्र बन गए हैं। वहीं पहले सरकारी दफ्तर पावर सेंटर बन गए थे। सरकार की ज्यादा खरीद ऑनलाइन होती है। लेकिन, पहले 2जी खरीद पर कितना बड़ा घोटाला हुआ था। पहले के समय में भ्रष्टाचार था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारी, कांग्रेस सांसद के घर नोटों के ढेर निकल रहे हैं। चारों तरफ बौखलाहट नजर आती है। देश की साख गिरी तो स्वाभिमान भी नहीं रहेगा। 2014 से पहले क्या हाल था? भ्रष्टाचार फैला था। सरकार अपने भ्रष्टाचार को डिफेंड करने में लगी रहती थी। आज सरकार भ्रष्टाचार पर एक्शन ले रही है। भ्रष्टाचारी झूठ बोल-बोल कर बचाव कर रहे हैं।
इसके साथ ही पीएम का यह भी कहना था, 'पांच साल पहले मैं जब आया था और शायद उस समिट की तारीफ या घटना आपके ग्रुप में याद रहना स्वाभिक है। पत्रकार मन ने यह सोचा होगा कि एक इंसान कमिटमेंट के कारण शांत मन से आया था और उसी समय मन को दौड़ा रहा था और दूसरे दिन घटना बड़ी खबर बनी थी।
28 फरवरी को बालकोट की स्ट्राइक की गई थी। नया भारत आतंकी हमलों के जख्म देने वालों को सबक सिखाता है। जो आतंकी हमलों के जख्म देते थे, उनकी क्या हालत है, देश भी देख रहा है दुनिया भी देख रही है।'
उनके नए शो 'बैटलग्राउंड' की शुरुआत एनडीटीवी पर हो गई है। इस हफ्ते उन्होंने महाराष्ट्र की अप्रत्याशित राजनीति को डिकोड किया।
चुनाव आयोग के द्वारा लोकसभा की तारीखों के ऐलान के बाद से ही देश में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई हैं। इसी कड़ी में देश में प्रतिष्ठित हिंदी न्यूज़ चैनल 'एनडीटीवी' (NDTV) ने भी अपनी कमर कस ली है। 'एनडीटीवी' के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया ने खुद इस चुनावी महासमर की कमान अपने हाथों में संभाली है। उनके नए शो 'बैटलग्राउंड' की शुरुआत 'एनडीटीवी' पर हो गई है। इस हफ्ते उन्होंने महाराष्ट्र की अप्रत्याशित राजनीति को डिकोड किया।
जैसा कि देश 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए तैयार है ऐसे में संजय पुगलिया के शो को बेहद अहम माना जा रहा है। एनडीटीवी हमेशा से अपनी ग्राउंड रिपोर्टिंग और चुनावी कवरेज के लिए प्रसिद्द रहा है ऐसे में यह माना जा सकता है कि संजय पुगलिया का यह शो एनडीटीवी की चुनावी कवरेज को धार देने का काम करेगा।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चुनाव में NDA के लिए 400 पार सीटों और अकेले BJP के लिए 370 सीटों का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए BJP और उसके सहयोगी दल एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। वहीं, विपक्षी पार्टियों ने BJP को सत्ता की हैट्रिक लगाने से रोकने के लिए INDIA गठबंधन बनाया है। इन दलों ने 2019 में भी BJP को कड़ी टक्कर दी थी। हालांकि, जहां BJP और NDA के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा चेहरा है वहीं, विपक्षी गठबंधन नेतृत्व की कमी से जूझ रहा है। संजय पुगलिया के शो को आप यहां देख सकते हैं।
नितिन गडकरी ने कहा, मोदी जी प्रधानमंत्री बनने ही वाले हैं, यह तय है। दूसरी बात यह है कि हम 400 पार जाने वाले हैं, यह तय है। मैं भी चुनाव जीतने वाला हूं, यह निश्चित है।
न्यूज18 के लीडरशिप कॉन्क्लेव ‘राइजिंग भारत समिट’ के मंच से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने खुलकर कहा कि वह चुनाव जीतने के लिए पोस्टर-बैनर से प्रचार नहीं करेंगे। नितिन गडकरी ने कहा कि उनका काम बोलता है। उनके काम की वजह से लोग उन्हें जानते हैं। इसलिए वह मैन टू मैन कैंपेनिंग करेंगे। अप्रैल से शुरू हो रहे लोकसभा चुनाव को लेकर भी उन्होंने अपने मन की बात कही।
उन्होंने दावा किया, 'मोदी जी प्रधानमंत्री बनने ही वाले हैं, यह तय है। दूसरी बात यह है कि हम 400 पार जाने वाले हैं, यह तय है और मैं भी चुनाव जीतने वाला हूं, यह निश्चित है।' इसके अलावा कई मुद्दों पर भी उन्होने बेबाकी से अपनी राय दी। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, 'मैं जातिवाद और सांप्रदायिकता को नहीं मानता। हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास। मैं अपने क्षेत्र में जितने लोग हैं, सबको परिवार समझता हूं।'
क्या आप प्रधानमंत्री और अमित शाह के सामने भी बेबाक रहते हैं? इस सवाल पर नितिन गडकरी ने कहा, 'जब बातचीत होती है तो प्रधानमंत्री सबसे सुनते हैं। सभी आराम से अपनी बात रखते हैं। कोई अड़चन नहीं होती। मैं भी पार्टी का अध्यक्ष रहा हूं, मेरे पास भी सब लोग अपनी बात रखते थे।'
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ इस बातचीत का पूरा वीडियो आप यहां देख सकते हैं।