अब अजीत अंजुम के अलविदा कहने के बाद मीडिया गलियारों में कई तरह की बातें सामने आ रही हैं
खरी बात कहने के लिए विख्यात वरिष्ठ टीवी पत्रकार अजीत अंजुम ने अपने साथियों विनोद कापड़ी और हेमंत शर्मा के साथ जिस जोश-ओ-खरोश के साथ 'टीवी 9 भारतवर्ष' लॉन्च किया था, उसी चैनल से पहले विनोद कापड़ी और अब अजीत अंजुम के अलविदा कहने के बाद मीडिया गलियारों में कई तरह की बातें सामने आ रही हैं।
बताया जा रहा है कि अजीत अंजुम ने ये बड़ा फैसला इसलिए लिया, क्योंकि हैदराबाद की मैनेजमेंट टीम ने अब चैनल पर पूरी तरह से अधिकार जमा लिया है। ऐसे में अजीत अंजुम का 7 बजे का शो ‘राष्ट्रीय बहस’ भी लगातार निशाने पर था। बताया जा रहा है कि पहले शो के एजेंडे और विषय को लेकर मैनेजमेंट ने शिकायत करना शुरू किया और फिर अचानक शो का समय एक घंटे से घटाकर आधा घंटा करने का फैसला ले लिया था। अचानक पिछले हफ्ते हुए इस फैसले के बाद से अजीत अंजुम छुट्टी पर चले गए थे और फिर कल नए सीईओ के जॉइन करने के बाद आज उन्होंने आखिरकार भारी मन से ये फैसला लिया है।
वैसे चैनल में कार्यरत कुछ पत्रकारों का ये भी कहना है कि चैनल की लॉन्चिंग के समय ही जब प्रधानमंत्री मोदी ने ये कहा कि आप लोगों के तो खून में ही मुझे गाली देना है, उसी समय प्रबंधन ने एंटी मोदी माने जाने वाले विनोद कापड़ी और अजीत अंजुम की विदाई का मन बना लिया था और पांच महीनों में ही उसे अमलीजामा पहना दिया।
मीडिया का एक बड़ा हिस्सा इसे कॉस्ट कटिंग से भी जोड़ रहा है। बताया जा रहा है कि नए प्रबंधतंत्र ने पाया कि चैनल में चुनिंदा लोग मोटा पैकेज ले रहे हैं और ऐसे में मंदी के इस दौर में चैनल को उतना प्रभावी आउटपुट नहीं मिल रहा है, इसलिए मैनेजमेंट ने इस तरह की स्थितियों का निर्माण किया कि उनके मनमाफिक फैसला अजीत अंजुम मजबूरी में खुद ही ले लें। एक और चर्चा इस बारे में ये भी चल रही है कि अजीत अंजुम का टीवी9 भारतवर्ष के साथ एक साल (सितंबर 2018-अगस्त 2019) का कॉन्ट्रैक्ट था, जो प्रबंधन ने रिन्यू नहीं किया। ऐसे में अजीत अंजुम को चैनल को अलविदा कहना पड़ा।
ये वो कयास हैं, जिनकी चर्चा मीडिया गलियारों में हो रही है। समाचार4मीडिया इनकी पुष्टि नहीं करता है। हमने अजीत अंजुन और टीवी9 भारतवर्ष प्रबंधन से बात करने की कोशिश की पर वहां से जवाब नहीं मिला।
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1996 में पहली बार 72 घंटों के चुनावी कवरेज से लोकसभा चुनावों में बतौर रिपोर्टर, एडिटर और एंकर देश कि राजनीति को समझने और पहचाने का मौक़ा मिला।
वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार की एक बार फिर हिंदी न्यूज़ चैनल 'भारत 24' में वापसी हो गई है। इससे पहले वो चैनल लांच करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए एक बार फिर 'भारत 24' और अजय कुमार एक साथ आए है।
अब दर्शकों को एक बार फिर राजनीति और उससे जुड़ी खबरों का धारदार विश्लेषण देखने को मिलेगा जिसके लिए अजय कुमार जाने जाते है। उन्होंने इस बाबत अपने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' पर ऐलान भी किया है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, कुछ संबंध इतने गहरे और गाढ़े होते हैं कि दूर हो कर भी फासले, दिलों के बीच नहीं आते।
15 August 2022 को 'भारत 24' के साथ शुरू हुआ सफ़र, एक बार फिर, चुनावों के महापर्व में, हमसफ़र बन गया। 1996 में पहली बार 72 घंटों के चुनावी कवरेज से लोकसभा चुनावों में बतौर रिपोर्टर, एडिटर और एंकर देश कि राजनीति को समझने और पहचाने का मौक़ा मिला।
इस रास्ते में यह आठवा लोकसभा चुनाव है। और यकीन मानिए, यह उन सभी लोकसभा चुनावों का शिखर होगा, जिन्हें मैंने कवर किया है। चुनावों के हर पहलू और देश कि महत्वपूर्ण खबरों के साथ देखियेगा Mr. Analyzer रात 8 बजे 'भारत 24' पर।
कुछ संबंध इतने गहरे और गाढ़े होते हैं कि दूर हो कर भी फासले, दिलों के बीच नहीं आते। 15 August 2022 को @Bharat24Liv के साथ शुरू हुआ सफ़र, एक बार फिर, चुनावों के महापर्व में, हमसफ़र बन गया। 1996 में पहली बार 72 घंटों के चुनावी कवरेज से लोकसभा चुनावों में बतौर “रिपोर्टर - एडिटर -… pic.twitter.com/Y1N1Unaboj
— Ajay Kumar (@AjayKumarJourno) March 27, 2024
निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम किसी और पार्टी से नेताओं को तोड़ नहीं रहे हैं, बल्कि वो खुद आ रहे हैं और हम उनका बीजेपी में स्वागत कर रहे हैं।
'टाइम्स नाउ समिट' 2024 के मंच पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी उपस्थिति दर्ज कराई। टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर और टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर-इन-चीफ नाविका कुमार के साथ बातचीत में निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम किसी और पार्टी से नेताओं को तोड़ नहीं रहे हैं, बल्कि वो खुद आ रहे हैं और हम उनका बीजेपी में स्वागत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'मैं लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही हूं।' साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए मेरे पास पैसे नहीं हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष ने मुझसे चुनाव लड़ने के बारे में चर्चा की थी और उन्होंने कहा था कि आप जहां से चुनाव लड़ना चाहती हैं, वहां से लड़ सकती हैं। लेकिन मैंने मना कर दिया और उन्होंने मेरा सम्मान रखा।
कंगना रनौत पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत के बयान पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह माइंडसेट की समस्या है। मैं जब भी ऐसी चीजें सुनती हूं तो खुद बहुत असहज महसूस करती हूं। आप जब राजनीति में होते हैं, तो लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं। इस बारे में उन्हें सोचना चाहिए। क्योंकि जो लोग आपको फॉलो करते हैं उनपर इसका असर पड़ता है। ऐसे बयान पर बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।
आप इस बातचीत का पूरा वीडियो यहां देख सकते हैं।
समिट में एमके आनंद ने आगे कहा कि भारत आज ऐसे मोड़ पर खड़ा है, जहां से वह दुनिया की दशा और दिशा तय करने की स्थिति में है।
टाइम्स नेटवर्क के एमडी एवं सीईओ एमके आनंद ने टाइम्स नाउ समिट-2024 के अपने संबोधन भाषण में कहा कि दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। ऐसे में मीडिया की भूमिका बहुत अहम हो गई है। समाज के हित में चीजों को कैसे पेश करना है, यह तय करना मीडिया की जिम्मेदारी है।
इसके साथ ही उनका कहना था कि बीते दो दशकों से टाइम्स नाउ लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में अपनी भूमिका जिम्मेदारी पूर्वक निभाता आ रहा है। दर्शकों को सशक्त बनाते हुए अपने प्रति उनके भरोसे को मजबूत बनाया है। समिट में एमके आनंद ने आगे कहा कि भारत आज ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहां से वह दुनिया की दशा और दिशा तय करने की स्थिति में है।
अर्थव्यवस्था, कृषि, अंतरिक्ष, रक्षा हर क्षेत्र में भारत तरक्की कर रहा है। भारत की यह यात्रा ऐसी है जिसमें अब कोई ठहराव नहीं है। इसे आगे बढ़ते ही जाना है। भारत की इस तरक्की की राह में टाइम्स नाउ सहभागी रहा है। न्यूज मीडिया के रूप में इसने शानदार काम किया है। बदलते और चुनौतीपूर्ण दौर में दर्शकों का भरोसा कायम रखना एक बड़ी चुनौती है लेकिन इस भरोसे पर टाइम्स नाउ हमेशा खरा उतरा है।
टाइम्स नेटवर्क के एमडी एवं सीईओ एमके आनंद के इस सम्बोधन को आप यहां सुन सकते हैं।
टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर और टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर-इन-चीफ नाविका कुमार के साथ बातचीत में उन्होंने भारत, एजुकेशन, शिक्षा और डेवलपमेंट समेत कई अहम मुद्दों पर तमाम सवालों के जवाब दिए।
माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर और पूर्व सीईओ बिल गेट्स ने टाइम्स नाउ समिट 2024 में कहा कि भारत में अपार संभावनाएं हैं। जिस तरह भारत ने 8% ग्रोथ की है यदि 8% या 6% ग्रोथ को दशक तक बनाएं रखा जाता है तो यह बड़ी बात होगी। लेकिन ऐसा करने के लिए एजुकेशन, स्किल डेवलपमेंट और हेल्थ केयर पर काफी काम करना होगा।
टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर और टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर-इन-चीफ नाविका कुमार के साथ बातचीत में उन्होंने भारत, एजुकेशन, शिक्षा और डेवलपमेंट पर कई सवालों के जवाब दिए। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के फाउंडर बिल गेट्स ने नाविका कुमार के साथ बातचीत में कहा कि भारत में तकनीक बहुत तेजी से बढ़ रही है। चाइना में सर्विस काफी बड़े लेवल पर काम करती हैं। लेकिन भारत में यह अलग तरह से काम करता है।
बिल गेट्स ने कहा कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, सरकार की मदद से भारत के कई क्षेत्रों जैसे बिहार और झारखंड में काम कर रहा है। हमने हेल्थ केयर और किसानों को सशक्त बनाने के लिए भी काम किया है और कर भी रहे हैं। इस क्षेत्र में अभी और काम होना बाकी है।
आप इस बातचीत का पूरा वीडियो यहां देख सकते हैं।
दिल्ली में 27 मार्च से होगा दो दिवसीय आयोजन, इस समिट की थीम ‘Anticipating the Unstoppable’ रखी गई है, जिसके तहत भविष्य में आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर प्रकाश डाला जाएगा।
देश के भविष्य को नया आकार देने में अहम भूमिका निभाने वाले तमाम मुद्दों पर चर्चाओं के लिए ‘टाइम्स नाउ’ समिट 2024 का मंच सजने के लिए पूरी तरह तैयार है। दिल्ली में 27 मार्च से इस दो दिवसीय समिट का आयोजन किया जाएगा।
गतिशील सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य की पृष्ठभूमि में आयोजित होने वाले इस समिट में विभिन्न नेताओं, नीति निर्माताओं, इंडस्ट्री लीडर्स और प्रभावशाली लोगों की भागीदारी रहेगी। वह इन मुद्दों पर अपने विचारों से रूबरू कराएंगे, जो देश की प्रगति व समृद्धि की दिशा में एक रास्ता तय करेंगे।
इस समिट की थीम ‘Anticipating the Unstoppable’ रखी गई है, जिसके तहत भविष्य में आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर प्रकाश डाला जाएगा। इस समिट का उद्देश्य देश के विकास की कहानी को चलाने वाले और इसकी वैश्विक स्थिति को आकार देने वाले कारकों पर समग्र परिप्रेक्ष्य प्रदान करना है।
इस समिट के एजेंडे में टेक्नोलॉजी और डिजिटलीकरण, सतत विकास, स्वास्थ्य देखभाल और समावेशी विकास सहित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, जो देश की आकांक्षाओं की बहुमुखी प्रकृति को दर्शाती है।
बातचीत के दौरान जब उनसे कंगना रनौत के पॉलिटिक्स जॉइन करने और चुनाव लड़ने की खबरों पर सवाल किया गया तो मनोज बाजपेयी ने बताया कि उन्हें इस बात से बहुत दुख हुआ।
बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी 'न्यूज24' (News 24) चैनल के स्पेशल संवाद और विश्लेषण कार्यक्रम ‘मंथन’ में पहुंचे। यहां एक्टर ने अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ के बारे में बात की। न्यूज एंकर मानक गुप्ता के साथ बातचीत करते हुए मनोज बाजपेयी ने बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के बारे में भी बात की।
उन्होंने कहा, 'मैं मानता हूं कि कंगना रनौत एक बहुत ही सुपरलेटिव एक्ट्रेस हैं। वह कमाल की हैं। मैंने उनकी कई फिल्में देखी हैं। मैंने जब उन्हें पहली बार गैंगस्टर में देखा और फिर लम्हे में उनकी एक्टिंग स्किल देखी तो हैरान रह गया कि कोई इतनी शानदार, इतनी कमाल एक्टिंग कैसे कर सकता है। वह बहुत ही अच्छी अभिनेत्री हैं।'
बातचीत के दौरान जब उनसे कंगना रनौत के पॉलिटिक्स जॉइन करने और चुनाव लड़ने की खबरों पर सवाल किया गया तो मनोज बाजपेयी ने बताया कि उन्हें इस बात से बहुत दुख हुआ।
उन्होंने कहा, 'मैंने कहीं पढ़ा था कि कंगना चुनाव लड़ सकती हैं। वह बहुत ही शानदार अभिनेत्री हैं, इसलिए जब मुझे उनके चुनाव लड़ने की खबरों का पता चला तो मुझे दुख भी हुआ।' मनोज बाजपेयी ने रैपिड फायर सेशन के दौरान बॉलीवुड के पसंदीदा स्टार्स के बारे में बात की।
एक्टर से जब पूछा गया कि वह बॉलीवुड के किस एक्टर को बेस्ट मानते हैं? इसका जवाब देते हुए मनोज बाजपेयी ने कहा,’वह इंडस्ट्री में नसीरुद्दीन शाह से ज्यादा बेस्ट किसी एक्टर को नहीं मानते हैं। मानक गुप्ता के साथ एक्टर मनोज बाजपेयी की इस बातचीत का पूरा वीडियो आप यहां देख सकते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 'राइजिंग भारत समिट' 2024 में चुनावी बांड पर उठ रहे सवालों का बेबाकी से जवाब दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राइजिंग भारत समिट 2024 में चुनावी बांड पर उठ रहे सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। राहुल गांधी के हफ्ता वसूली वाले बयान पर अमित शाह ने कहा कि उन्होंने फिर 1600 करोड़ का हफ्ता क्यों वसूला? उसका हिसाब देना चाहिए। 1600 करोड़ रुपए उनको भी मिला है। हमें 6000 करोड़ मिला है तो घमंडिया INDI गठबंधन को भी 6000 करोड़ मिला है। एक पैसा कम नहीं मिला है।
शाह ने कहा कि राहुल गांधी सबसे पहले हिसाब दें कि वे कहां से इतना हफ्ता वसूल लाए? हम तो कहते हैं कि भाजपा को मिले चंदे में एक पैसा भी हफ्ता नहीं है, यह शुद्ध रूप से पारदर्शी तरीके से लाया गया चंदा है। राहुल गांधी खुद स्वीकार कर रहे हैं कि चुनावी बांड की व्यवस्था हफ्ता वसूली है तो उनको 6000 करोड़ रुपए का हिसाब देना चाहिए। वे, टीएमसी, एनसीपी कहां से लाई?
अमित शाह ने बताया कि 2014 में भाजपा को जो भी चंदा आता था, उसमें से 81 फीसदी चंदा कैश के माध्यम से आता था। जिसमें किसी का नाम नहीं होता था। 20-20 हजार रुपए करके जमा करते थे। 2018 में ये चंदा 81 फीसदी से 17 फीसदी हुआ। 2023 में कम होकर यह 3 फीसदी पर आ गया। हमारी पार्टी ने इस पर पारदर्शिता अपनाई थी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कोविड वैश्विक महामारी के समय भारत ने दुनिया के कई देशों को कोविड-19 का टीका मुहैया कराया।
'न्यूज18' के लीडरशिप कॉन्क्लेव के चौथे संस्करण 'राइजिंग भारत समिट' 2024 को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी, भारत में जी20 के आयोजन से लेकर भारत के दूसरे देशों के साथ रिश्तों को लेकर बातचीत की।
उन्होंने कहा, 'भारत में जी-20 का आयोजन बड़ी बात है। उससे भी बड़ी बात यह है कि हमने जी-20 को जनभागीदारी बनाया। यूनिवर्सिटी से लेकर आम लोगों तक ने इसमें भाग लिया है और ले रहे हैं।' कोरोना काल में दुनिया के कई देशों को वैक्सीन मुहैया कराने पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कोविड वैश्विक महामारी के समय भारत ने दुनिया के कई देशों को कोविड-19 का टीका मुहैया कराया।
'राइजिंग भारत समिट' में विदेश मंत्री ने देश में नागरकिता संशोधन अधिनियम-2019 को लागू करने पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि दुनिया में कई जगह इस तरह से लोगों को नागरिकता दी गई है। अमेरिका से लेकर यूरोप तक में धार्मिक या फिर ऐतिहासिक आधार पर नागरिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि हमने अमेरिका से लेकर यूरोप तक के देशों को इसके बारे में बताया।
कार्यक्रम में एस जयशंकर ने अमेरिका और चीन के साथ संबंधों पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि एक वक्त था जब देश में नेहरुवियन बबल था। जवाहरलाल नेहरू को अमेरिका पसंद नहीं था तो उसे खारिज किया गया था और चीन को बेहतर माना जाता था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकारी कर्मचारी, कांग्रेस सांसद के घर नोटों के ढेर निकल रहे हैं। चारों तरफ बौखलाहट नजर आती है।
'न्यूज18' के खास कार्यक्रम 'राइजिंग भारत समिट' के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज सरकारी दफ्तर सेवा केंद्र बन गए हैं। वहीं पहले सरकारी दफ्तर पावर सेंटर बन गए थे। सरकार की ज्यादा खरीद ऑनलाइन होती है। लेकिन, पहले 2जी खरीद पर कितना बड़ा घोटाला हुआ था। पहले के समय में भ्रष्टाचार था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारी, कांग्रेस सांसद के घर नोटों के ढेर निकल रहे हैं। चारों तरफ बौखलाहट नजर आती है। देश की साख गिरी तो स्वाभिमान भी नहीं रहेगा। 2014 से पहले क्या हाल था? भ्रष्टाचार फैला था। सरकार अपने भ्रष्टाचार को डिफेंड करने में लगी रहती थी। आज सरकार भ्रष्टाचार पर एक्शन ले रही है। भ्रष्टाचारी झूठ बोल-बोल कर बचाव कर रहे हैं।
इसके साथ ही पीएम का यह भी कहना था, 'पांच साल पहले मैं जब आया था और शायद उस समिट की तारीफ या घटना आपके ग्रुप में याद रहना स्वाभिक है। पत्रकार मन ने यह सोचा होगा कि एक इंसान कमिटमेंट के कारण शांत मन से आया था और उसी समय मन को दौड़ा रहा था और दूसरे दिन घटना बड़ी खबर बनी थी।
28 फरवरी को बालकोट की स्ट्राइक की गई थी। नया भारत आतंकी हमलों के जख्म देने वालों को सबक सिखाता है। जो आतंकी हमलों के जख्म देते थे, उनकी क्या हालत है, देश भी देख रहा है दुनिया भी देख रही है।'
उनके नए शो 'बैटलग्राउंड' की शुरुआत एनडीटीवी पर हो गई है। इस हफ्ते उन्होंने महाराष्ट्र की अप्रत्याशित राजनीति को डिकोड किया।
चुनाव आयोग के द्वारा लोकसभा की तारीखों के ऐलान के बाद से ही देश में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई हैं। इसी कड़ी में देश में प्रतिष्ठित हिंदी न्यूज़ चैनल 'एनडीटीवी' (NDTV) ने भी अपनी कमर कस ली है। 'एनडीटीवी' के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया ने खुद इस चुनावी महासमर की कमान अपने हाथों में संभाली है। उनके नए शो 'बैटलग्राउंड' की शुरुआत 'एनडीटीवी' पर हो गई है। इस हफ्ते उन्होंने महाराष्ट्र की अप्रत्याशित राजनीति को डिकोड किया।
जैसा कि देश 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए तैयार है ऐसे में संजय पुगलिया के शो को बेहद अहम माना जा रहा है। एनडीटीवी हमेशा से अपनी ग्राउंड रिपोर्टिंग और चुनावी कवरेज के लिए प्रसिद्द रहा है ऐसे में यह माना जा सकता है कि संजय पुगलिया का यह शो एनडीटीवी की चुनावी कवरेज को धार देने का काम करेगा।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चुनाव में NDA के लिए 400 पार सीटों और अकेले BJP के लिए 370 सीटों का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए BJP और उसके सहयोगी दल एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। वहीं, विपक्षी पार्टियों ने BJP को सत्ता की हैट्रिक लगाने से रोकने के लिए INDIA गठबंधन बनाया है। इन दलों ने 2019 में भी BJP को कड़ी टक्कर दी थी। हालांकि, जहां BJP और NDA के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा चेहरा है वहीं, विपक्षी गठबंधन नेतृत्व की कमी से जूझ रहा है। संजय पुगलिया के शो को आप यहां देख सकते हैं।