खबरों की गहरी समझ रखनेवाले राणा य़शवंत आईआईएमसी के छात्र रह चुके हैं और कई जाने-माने चैनलों में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं
आईटीवी नेटवर्क (ITV Network) से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। खबर ये है कि ‘इंडिया न्यूज’ (India News) चैनल के मैनेजिंग एडिटर रह चुके राणा यशवंत ने इस समूह में जोरदार तरीके से वापसी की है। अब उन्हें ‘इंडिया न्यूज नेटवर्क’ (India News Network) का मैनेजिंग एडिटर बनाया गया है। समाचार4मीडिया से बातचीत में राणा यशवंत ने इस खबर पर अपनी मुहर लगा दी है।
बता दें कि राणा यशवंत ने इसी साल अप्रैल में ‘इंडिया न्यूज’ में मैनेजिंग एडिटर (प्रोग्रामिंग और ब्रैंडेड कंटेंट) के पद से इस्तीफा दे दिया था। फिलहाल वे अपने नए वेंचर यूट्यूब चैनल ‘द फ्रंट’ (The Front) में बतौर संपादक अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
खबरों की दुनिया में रहने और खबरों की गहरी समझ रखनेवाले राणा य़शवंत मूलत: बिहार के छपरा जिले के रामपुर कला गांव के रहने वाले हैं और वहीं से उन्होंने दसवीं तक पढ़ाई की है। इसके बाद की पढ़ाई उन्होंने पटना में रहकर की। बाद में वे बनारस आ गए और यहां रहकर उन्होंने उच्च शिक्षा ग्रहण की। वे आईआईएमसी के 1996-97 बैच के छात्र रह चुके हैं और कई जाने-माने चैनलों में भी विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। इनमें ‘जी न्यूज’, ‘आजतक’, ‘महुआ’ और ‘इंडिया न्यूज’ जैसे चैनल शामिल है।
उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। ‘अर्धसत्य’ कार्यक्रम के लिए उन्हें रेड इंक अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। साल 2012 में उन्हें राजीव गांधी ग्लोबल एक्सिलेंस अवॉर्ड भी मिल चुका है। वर्ष 2016 में उनका काव्य संग्रह ‘अंधेरी गली का चांद’ भी मार्केट में आया था, जिसने काफी प्रशंसा बटोरी थी। समाचार4मीडिया की ओर से राणा यशवंत को नई पारी के लिए शुभकामनाएं।
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TDSAT ने टाटा प्ले (TATA PLAY) को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया) की ओर से दाखिल नई याचिका पर जारी किया गया है
टेलीकॉम डिस्प्यूट्स सेटलमेंट एंड अपीलेट ट्रिब्यूनल (TDSAT) ने टाटा प्ले (TATA PLAY) को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया) की ओर से दाखिल नई याचिका पर जारी किया गया है, जिसमें डीटीएच कंपनी के सब्सक्राइबर्स का विस्तृत ऑडिट कराने की मांग की गई है।
चेयरपर्सन जस्टिस धीरुभाई नरनभाई पटेल और सदस्य जस्टिस सुभोध कुमार गुप्ता की डिविजन बेंच ने टाटा प्ले से जवाब मांगा है और मामले की सुनवाई 16 सितंबर तक स्थगित कर दी है।
नोटिस में कहा गया, “प्रतिवादी पर नोटिस जोकि नितिन कला, प्रतिवादी की ओर से पेश अधिवक्ता द्वारा स्वीकार किया गया है, जिन्होंने निर्देश प्राप्त करने के लिए समय मांगा है। इसलिए, यह मामला 16.9.2025 को स्थगित किया जाता है।”
एशिया कप 2025 के दौरान टाटा प्ले की डीटीएच सर्विस पर दर्शक अब भी कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट के चैनल बुक्वे, जिसमें सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क भी शामिल है, नियमित पैक्स में मिस कर रहे हैं, हालांकि ये चैनल आ ला कार्टे आधार पर उपलब्ध बने हुए हैं।
ब्रॉडकास्टर और ऑपरेटर के बीच यह गतिरोध कुछ समय से TDSAT के समक्ष चल रही है। इससे पहले, ट्रिब्यूनल ने टाटा प्ले को अंतरिम राहत देते हुए कल्वर मैक्स द्वारा उठाए गए ₹128.42 करोड़ की मांग के क्रियान्वयन पर रोक लगाई थी, बशर्ते टाटा प्ले दो हफ्तों के भीतर ₹40 करोड़ जमा करे।
TDSAT ने कल्वर मैक्स को यह भी निर्देश दिया था कि वह टाटा प्ले के खिलाफ स्थिर तस्वीरें या स्क्रॉल प्रदर्शित करना बंद करे। अब यह मामला 26 सितंबर 2025 को, कल्वर मैक्स की ओर से किए गए अनुरोध के बाद, आगे सुना जाएगा।
ब्रॉडकास्टर ने ट्रिब्यूनल के आदेश के कुछ हिस्सों को बॉम्बे हाई कोर्ट में भी चुनौती दी है, विशेषकर उस प्रतिबंध को जिसमें टाटा प्ले से सोनी चैनल्स को पैक्स से हटाए जाने पर सार्वजनिक बयान जारी करने पर रोक लगाई गई थी।
हालांकि कोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया, उसने कल्वर मैक्स को सोशल मीडिया पर सीमित स्पष्टीकरण पोस्ट करने की अनुमति दी। स्पष्टीकरण में कहा गया, “टाटा प्ले और सोनी के बीच विवाद माननीय TDSAT के समक्ष विचाराधीन है। हालांकि, सोनी चैनल्स टाटा प्ले पर आ ला कार्टे और सोनी बुक्वे का हिस्सा बने हुए हैं। टाटा प्ले डीटीएच पर सोनी चैनल्स सक्रिय करने के लिए, टाटा प्ले को 1800 208 6633 पर कॉल करें।”
यह विवाद मई 2025 में शुरू हुआ, जब टाटा प्ले ने कथित तौर पर बिना अग्रिम सूचना दिए अपने 106 डीटीएच पैक्स से सोनी के 25 चैनल हटा दिए।
कल्वर मैक्स ने इस कदम को न केवल अपने संविदात्मक अधिकारों का उल्लंघन बताया बल्कि TRAI के इंटरकनेक्शन ढांचे का भी हनन करार दिया। 6 जून 2025 को, ब्रॉडकास्टर ने एक रिट याचिका दायर की, जिसमें 30 मई के पूर्ववर्ती TDSAT आदेश को “अल्ट्रा वायर्स” और अपने संवैधानिक अधिकारों, जिसमें स्वतंत्र व्यापार और अभिव्यक्ति शामिल हैं, का हनन बताया।
ऐसी असहमति पे-टीवी क्षेत्र में असामान्य नहीं है। TDSAT अधिनियम की धारा 14 के तहत, ब्रॉडकास्टर और वितरक इंटरकनेक्शन शर्तों से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए ट्रिब्यूनल का रुख कर सकते हैं। इनमें सब्सक्राइबर रिपोर्टिंग, राजस्व साझा करना और बकाया भुगतान न करना जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
देश के प्रतिष्ठित हिंदी न्यूज चैनल्स में से एक 'इंडिया टीवी' का आधिकारिक यूट्यूब चैनल अज्ञात साइबर अपराधियों द्वारा हैक कर लिया गया, जिनके रूसी मूल का होने का संदेह है
देश के प्रतिष्ठित हिंदी न्यूज चैनल्स में से एक 'इंडिया टीवी' का आधिकारिक यूट्यूब चैनल अज्ञात साइबर अपराधियों द्वारा हैक कर लिया गया, जिनके रूसी मूल का होने का संदेह है। इस साइबर हमले के कारण आर्काइव से 2 लाख से अधिक वीडियो डिलीट हो गए और यूट्यूब लाइव फीड बाधित हो गया।
यह चिंताजनक घटना ऐसे समय हुई है, जब भारतीय संस्थान और मीडिया प्लेटफॉर्म लगातार साइबर अपराधियों और भारत-विरोधी तत्वों के हमले झेल रहे हैं। शुक्रवार सुबह बॉम्बे हाई कोर्ट को भी बम से उड़ाने की धमकी मिली। भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है, लेकिन साइबर अपराधी नहीं चाहते कि भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभरे। भारत की डिजिटल और संस्थागत सुरक्षा पर लगातार खतरे बने हुए हैं।
अपनी एक रिपोर्ट में इंडिया टीवी ने कहा, 'पिछले कुछ वर्षों में भारत इस तरह के साइबर हमलों का केंद्र रहा है। इसके मीडिया, संस्थान, सरकारी संसाधन और डिजिटल अवसंरचना बार-बार निशाना बनाए गए हैं। ये लगातार प्रयास उन भारत-विरोधी ताकतों की चुनौती को उजागर करते हैं, जो स्थिरता को बाधित करना और उस प्रणाली पर विश्वास को कमजोर करना चाहती हैं, जिसने भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव को आगे बढ़ाया है और उसकी मजबूत लोकतांत्रिक भावना को सशक्त किया है।'
इंडिया टीवी की मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ रितु धवन ने कहा, “हमारे यूट्यूब चैनल को हाल ही में एक बड़े साइबर हमले का सामना करना पड़ा है। यह हमारे चैनल पर हमला नहीं है, बल्कि स्वतंत्र और मुक्त पत्रकारिता के महत्वपूर्ण स्तंभों को कमजोर करने का प्रयास है। हम ऐसे प्रयासों की कड़ी निंदा करते हैं, जो हमारी मीडिया आवाज को दबाने और हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं। हमारी टीमें यूट्यूब और साइबर सुरक्षा अधिकारियों के साथ मिलकर हमारे डिलीट किए गए कंटेंट को बहाल करने और हमारी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने पर काम कर रही हैं। हम प्रतिबद्ध हैं कि अपने विशाल दर्शकों को प्रामाणिक, सटीक और समय पर समाचार और विचार निरंतर उपलब्ध कराते रहेंगे, और हमारे अन्य प्रासंगिक प्लेटफॉर्म्स पर किसी तरह की रुकावट नहीं होगी।”
एनडीटीवी (NDTV) लॉन्च कर रहा है Tech360, जो टेक नैरेटिव को नए सिरे से गढ़ेगा।
लंबे समय से टेक जर्नलिज्म सिर्फ नए-नए प्रोडक्ट लॉन्च दिखाने, तकनीकी शब्दों से भरी रिव्यू करने और बार-बार वही पुरानी बातें दोहराने तक सीमित रही है। यह सब थोड़ा सतही, अनुमानित और सिर्फ प्रोडक्ट-केंद्रित होता है। लेकिन इसमें अक्सर वह असली पहलू छूट जाता है, जो तकनीक को मायने देता है, यानी यह हमारे जीने, काम करने, चलने-फिरने और जीवन की कल्पना करने के तरीके को कैसे बदलती है। इसी को ध्यान में रखते हुए एनडीटीवी (NDTV) लॉन्च कर रहा है Tech360, जो टेक नैरेटिव को नए सिरे से गढ़ेगा।
13 सितंबर को लॉन्च हो रहा यह मल्टीमीडिया टेक प्लेटफॉर्म दर्शकों के लिए तकनीक की कहानियों को समझने और उनके हमारे जीवन पर प्रभाव को महसूस करने का नया अनुभव लेकर आएगा। यह शो सिर्फ डिवाइसों या लॉन्च की कैटलॉग नहीं होगा, बल्कि विचारों और उन कहानियों का नैरेटिव होगा, जो टेक्नोलॉजी की संभावनाओं की सीमाओं को दोबारा खींचेंगी और उस भविष्य की कल्पना करेंगी जो यह रचने वाली है।
इस नैरेटिव की अगुवाई एनडीटीवी के टेक & AI एडिटर आयुष ऐलावादी करेंगे। वह एक ऐसे स्टोरीटेलर हैं जो तकनीक को प्रासंगिक, उपयोगी और सरल बनाते हैं।
इस मौके पर एनडीटीवी के सीईओ और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल ने कहा, “Tech360 हमारे लिए इनोवेशन की कहानी को एक अहम नैरेटिव बनाने जा रहा है। आयुष में यह दुर्लभ क्षमता है कि वह तकनीकी शब्दजाल से परे जाकर असली मायने सामने लाते हैं। Tech360 के साथ एनडीटीवी टेक जर्नलिज्म में एक नया मानक तय करेगा, जहां इनोवेशन को इस रूप में समझा जाएगा कि यह लोगों, संस्कृति और समाज को कैसे नया आकार दे रहा है।”
Tech360 का हर एपिसोड एक विजुअली शार्प, आकर्षक और विचारोत्तेजक बातचीत के रूप में सामने आएगा, जो हमारे भविष्य को परिभाषित करेगी। यह स्पेक शीट्स से आगे बढ़कर बड़े और अहम सवाल पूछेगा: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसानियत के भविष्य को कैसे परिभाषित करेगा? क्या इलेक्ट्रिक वाहन उतने ही टिकाऊ हैं जितना दावा किया जाता है? पहनने योग्य डिवाइस स्वास्थ्य और उत्पादकता को आकार देने में क्या भूमिका निभाते हैं? तकनीक हमें सामूहिक भलाई के साझा उद्देश्य तक कैसे ले जा सकती है?
आयुष के लिए यह सिर्फ एक टेक शो नहीं है, बल्कि एक मिशन है। उन्होंने कहा, “टेक स्टोरीटेलिंग स्मार्टफोन की स्क्रीन या डिवाइस की स्पेसिफिकेशंस में कैद नहीं रह सकती। इसे इनोवेशन की चिंगारी, एल्गोरिद्म के भीतर इंसान और कोड के भीतर सपने को सामने लाना होगा। भारत इसी किस्म का नैरेटिव डिजर्व करता है, और यही कहानी हम एनडीटीवी टेक360 में सुनाएंगे।”
यह शो शनिवार शाम 6:30 बजे एनडीटीवी 24x7 पर और शनिवार सुबह 10:30 बजे एनडीटीवी प्रॉफिट पर प्रसारित होगा। इसके अलावा पूरे हफ्ते एनडीटीवी डिजिटल और सोशल मीडिया पर उपलब्ध रहेगा, जिससे यह ‘ऑलवेज-ऑन’ और हर जगह मौजूद अनुभव बन जाएगा। यह मल्टी-प्लेटफॉर्म दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि Tech360 एक जीवंत बातचीत बनी रहे, जो अलग-अलग फॉर्मेट्स और ऑडियंस तक पहुंचे।
इस लॉन्च के साथ, एनडीटीवी भारत की अगली पीढ़ी के तकनीकी नैरेटिव को आकार देने की अपनी दृष्टि को और मजबूत कर रहा है, जो हर महीने दुनिया भर में आधे अरब से अधिक लोगों तक पहुंचती है।
एनडीटीवी प्रॉफिट (NDTV Profit) ने 9 सितंबर को हुए एनडीटीवी जीएसटी कॉन्क्लेव में अपना नया कैंपेन ‘फॉर योर प्रॉफिट’ लॉन्च किया है।
एनडीटीवी प्रॉफिट (NDTV Profit) ने 9 सितंबर को हुए एनडीटीवी जीएसटी कॉन्क्लेव में अपना नया कैंपेन ‘फॉर योर प्रॉफिट’ लॉन्च किया है। चैनल का मकसद है हर भारतीय को देश की तरक्की की कहानी में भागीदार बनाना है।
यह कैंपेन क्रिएटिवलैंड एशिया और एनडीटीवी प्रॉफिट ने मिलकर बनाया है। इसका संदेश है कि अब ‘प्रॉफिट’ यानी लाभ सिर्फ कुछ लोगों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह सबके लिए है। जैसे-जैसे भारत में शेयर मार्केट में निवेश, डिजिटल बिजनेस और पैसों की समझ बढ़ रही है, एनडीटीवी प्रॉफिट लोगों को सही जानकारी देकर अवसरों से जोड़ना चाहता है।
आज पूरे देश में यह बदलाव दिख रहा है। जयपुर का दुकानदार अब ऑनलाइन पूरे भारत में सामान बेच सकता है। कोई भी युवा सिर्फ ₹100 से निवेश शुरू कर सकता है। कोच्चि की महिला उद्यमी सही जानकारी से अपना बिजनेस बड़ा कर सकती है। अब 84% गृहिणियां घर के निवेश के फैसलों में शामिल हैं और हर चार नए निवेशकों में से एक महिला है। यानी यह नई भागीदारी भारत की विकास यात्रा को नई दिशा दे रही है और एनडीटीवी प्रॉफिट इसे सबके लिए आसान बना रहा है।
एनडीटीवी के सीईओ व एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल ने कहा, “प्रॉफिट की शुरुआत लोगों से होती है, उनके सपनों और उनके आने वाले कल से। हमारे लिए प्रगति का मतलब वही है जो जिंदगी को बेहतर बनाए। यही हमारी नई पहचान ‘फॉर योर प्रॉफिट’ का असली मकसद है।”
क्रिएटिवलैंड एशिया के चेयरमैन सज्जन राज कुरुप ने कहा, “अब प्रॉफिट किसी एक का नहीं, सबका है। दलाल स्ट्रीट से लेकर हर गली तक लोग इसमें शामिल हो रहे हैं। नई पीढ़ी के निवेशक और उद्यमी भारत का भविष्य तय कर रहे हैं- ज्यादा युवा, साहसी और सबको साथ लेकर। यही बदलाव ‘फॉर योर प्रॉफिट’ दिखाता है।”
नए कैंपेन के साथ एनडीटीवी प्रॉफिट का वादा है कि वह और गहराई से जानकारी, बेहतर बातचीत और ठोस विश्लेषण देगा ताकि निवेशक, उद्यमी, प्रोफेशनल और गृहिणी, हर कोई सशक्त हो सके।
यह बदलाव बताता है कि चैनल सिर्फ बिजनेस न्यूज नहीं दिखाएगा, बल्कि भारत की साझा तरक्की का साथी बनेगा।
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को जानकारी दी है कि IDBI बैंक लिमिटेड ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में एक आवेदन दायर किया है।
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को जानकारी दी है कि IDBI बैंक लिमिटेड ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में एक आवेदन दायर किया है। इस आवेदन में बैंक ने कंपनी के खिलाफ कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी रेजॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) शुरू करने की मांग की है। बैंक का आरोप है कि ZEEL ने 225.22 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है, यानी इस रकम पर डिफॉल्ट किया है।
यह दावा डेब्ट सर्विस रिज़र्व एग्रीमेंट (कर्ज़ सेवा आरक्षित समझौता) से जुड़ा हुआ है, जो IDBI बैंक ने सिटी नेटवर्क्स लिमिटेड को दी गई क्रेडिट सुविधाओं (यानी उधार/ऋण की सुविधाओं) के संदर्भ में किया था।
ZEEL ने इस कदम को “दुर्भावनापूर्ण, धोखाधड़ीपूर्ण और निराधार” बताया है और आरोप लगाया है कि यह आवेदन कानून की प्रक्रिया के दुरुपयोग का उदाहरण है, जिसका मकसद परेशान करना और बदनाम करना है।
यह पहली बार नहीं है जब IDBI बैंक ने इसी कर्ज को लेकर ZEEL के खिलाफ कार्रवाई की हो।
साल 2022 में, बैंक ने एक आवेदन दायर किया था जिसे एनसीएलटी ने 19 मई 2023 को खारिज कर दिया था। IDBI बैंक ने इस आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली स्थित एनसीएलएटी में अपील की, लेकिन 7 अप्रैल 2025 को अपील भी खारिज कर दी गई, जिससे एनसीएलटी का आदेश बरकरार रहा।
बैंक ने रिकवरी ऑफ डेट्स एंड बैंकरप्सी एक्ट, 1993 के तहत बकाया वसूली की कोशिश भी की और इसके लिए दिल्ली स्थित डेट्स रिकवरी ट्रिब्यूनल (DRT) का रुख किया।
ट्रिब्यूनल ने 13 जनवरी 2025 को आवेदन खारिज कर दिया, और उसके बाद डेट्स रिकवरी अपीलीय ट्रिब्यूनल में की गई अपील का भी वही हश्र हुआ, जिसमें बैंक को कोई अनुकूल आदेश नहीं मिल पाया।
“ZEEL ने हमेशा यह बनाए रखा है कि वह बैंक के दावों का कड़ा विरोध करता है और इस मामले को चुनौती देने के लिए उपयुक्त कदम उठा रहा है,” कंपनी ने कहा।
कंपनी ने यह भी संकेत दिया कि वह बैंक के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण अभियोजन, मानहानि और हर्जाने के लिए कानूनी कार्रवाई कर सकती है।
IDBI बैंक की याचिका में दावा किया गया है कि ZEEL पर 225.22 करोड़ रुपये का डिफॉल्ट है, साथ ही 1 जुलाई 2025 से आगे का ब्याज, दंडात्मक ब्याज और शुल्क, तथा वसूली तक चक्रवृद्धि ब्याज भी शामिल है।
हालांकि, ZEEL ने स्पष्ट किया है कि उसे किसी भी वित्तीय प्रभाव की उम्मीद नहीं है क्योंकि बैंक को लगातार एनसीएलटी और एनसीएलएटी दोनों मंचों पर असफलता ही हाथ लगी है।
भारत का डायरेक्ट-टू-होम (DTH) क्षेत्र लगातार दबाव में है क्योंकि दर्शकों का रुझान डिजिटल और ऑन-डिमांड कंटेंट की ओर बढ़ने से पिछले वर्ष में इसके ग्राहक आधार में तेज गिरावट आई है।
अदिति त्यागी, असिसटेंट एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।
भारत का डायरेक्ट-टू-होम (DTH) क्षेत्र लगातार दबाव में है क्योंकि दर्शकों का रुझान डिजिटल और ऑन-डिमांड कंटेंट की ओर बढ़ने से पिछले वर्ष में इसके ग्राहक आधार में तेज गिरावट आई है।
ट्राई (TRAI) के अनुसार, देश के केवल चार डीटीएच ऑपरेटर्स के सक्रिय ग्राहकों की संख्या 30 जून 2024 को 6.21 करोड़ थी, जो 30 जून 2025 तक घटकर 5.60 करोड़ रह गई। यानी महज 12 महीनों में 60 लाख से अधिक यूजर्स कम हो गए।
यह गिरावट केवल ओटीटी और कनेक्टेड टीवी प्लेटफॉर्म्स के उभार को ही नहीं दर्शाती, बल्कि लागत-संवेदनशील परिवारों को आकर्षित करने वाले मुफ्त प्रसारण विकल्पों जैसे डीडी फ्री डिश की बढ़ती लोकप्रियता को भी उजागर करती है।
ग्राहक संख्या में यह कमी अचानक नहीं बल्कि पूरे साल लगातार रही। जून 2024 के अंत में सक्रिय ग्राहकों की संख्या 6.21 करोड़ थी। सितंबर 2024 तक यह घटकर 5.99 करोड़ हुई। दिसंबर 2024 में यह और घटकर 5.82 करोड़ रह गई। मार्च 2025 तक यह 5.69 करोड़ तक पहुंच गई और जून 2025 के अंत में यह 5.60 करोड़ पर आ गई, जो पूरे साल का सबसे निचला स्तर था।
यह पैटर्न दिखाता है कि उपभोक्ता धीरे-धीरे सैटेलाइट टीवी छोड़कर ब्रॉडबैंड-आधारित ऑन-डिमांड व्यूइंग की ओर बढ़ रहे हैं, खासकर शहरी इलाकों में जहां इंटरनेट की पहुंच गहरी हो चुकी है।
गिरावट के बावजूद चारों डीटीएच ऑपरेटर्स– टाटा प्ले, एयरटेल डिजिटल टीवी, डिश टीवी और सन डायरेक्ट की मार्केट में स्थिति लगभग वैसी ही बनी रही। इससे संकेत मिलता है कि यह चुनौती किसी एक कंपनी की नहीं बल्कि पूरे उद्योग की है। 30 जून 2025 तक टाटा प्ले 31.42% हिस्सेदारी के साथ अग्रणी रहा। भारती टेलिमीडिया (एयरटेल डिजिटल टीवी) 29.33% हिस्सेदारी के साथ उसके करीब रहा। वहीं सन डायरेक्ट 20.13% और डिश टीवी 19.13% हिस्सेदारी पर रहे।
मार्च 2025 की तिमाही के आंकड़े भी लगभग यही तस्वीर पेश करते हैं। उस समय टाटा प्ले 31.42% पर स्थिर रहा, एयरटेल डिजिटल टीवी 30.20%, सन डायरेक्ट 19.32% और डिश टीवी 19.06% पर रहे। यानी कुल मार्केट भले सिकुड़ गया हो, खिलाड़ियों के बीच प्रतिस्पर्धात्मक संतुलन में बड़ा बदलाव नहीं आया, हालांकि टाटा प्ले और एयरटेल के बीच की दौड़ काफी नजदीकी रही।
ऑपरेटर्स के वित्तीय नतीजे भी ग्राहकों की इस कमी को दर्शाते हैं। डिश टीवी, जो इस क्षेत्र के सबसे पुराने खिलाड़ियों में से एक है, ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में तेज गिरावट दर्ज की। उसकी कुल आय 27.7% घटकर 329.4 करोड़ रुपये रह गई, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 455.3 करोड़ रुपये थी। सब्सक्रिप्शन राजस्व 10.8% घटकर 273 करोड़ रुपये पर आ गया, जबकि विज्ञापन आय आधे से भी अधिक घटकर 4.4 करोड़ रुपये रह गई। घाटा काफी बढ़ गया और FY25 की पहली तिमाही में 1.6 करोड़ रुपये से बढ़कर FY26 की पहली तिमाही में 94.5 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। ये आंकड़े दिखाते हैं कि घटते ग्राहक और विज्ञापन राजस्व दोनों ही मुनाफे पर भारी दबाव डाल रहे हैं।
इसके विपरीत एयरटेल डिजिटल टीवी की गिरावट अपेक्षाकृत मामूली रही। FY26 की पहली तिमाही में कंपनी का राजस्व 1.8% घटकर 763 करोड़ रुपये रहा और ग्राहक आधार 1.57 करोड़ रहा। पूरे FY24–25 में कंपनी का राजस्व 3,060 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के लगभग बराबर था। भारती एयरटेल के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक गोपाल विट्टल ने कहा कि चुनौतियों के बावजूद एयरटेल डिजिटल टीवी ने रिकॉर्ड उच्च मार्केट शेयर हासिल किया। उन्होंने बताया कि कंपनी डीटीएच व्यवसाय में सब्सिडी हटाकर संरचनात्मक बदलाव लागू कर रही है, जिससे प्रतिस्पर्धा के बीच भी नकदी प्रवाह मजबूत होने की उम्मीद है।
क्षेत्र की अगुआ कंपनी टाटा प्ले भी दबाव से अछूती नहीं रही। FY24–25 में कंपनी का घाटा बढ़कर 529.43 करोड़ रुपये हो गया, जो FY23–24 में 354 करोड़ रुपये था। राजस्व 5.46% घटकर 4,082 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले साल 4,305 करोड़ रुपये था। FY25 में कंपनी का ग्राहक आधार घटकर 1.8 करोड़ रह गया, जबकि एक समय यह 2.3 करोड़ तक पहुंचा था। क्रिसिल रेटिंग्स के विश्लेषकों का कहना है कि FY26 में टाटा प्ले के लिए राजस्व वृद्धि की संभावना कम है क्योंकि उसके मूल डीटीएच कारोबार में चुनौतियां जारी हैं। गिरावट का बड़ा कारण छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में डीडी फ्री डिश की लोकप्रियता और शहरी दर्शकों का डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की ओर बढ़ता झुकाव है।
वित्तीय दबाव केवल कंपनियों तक सीमित नहीं रहा बल्कि पूरे क्षेत्र पर दिखा। सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) के अनुसार, FY24–25 में डीटीएच सेवाओं से गैर-कर राजस्व घटकर 648.73 करोड़ रुपये रह गया। यह FY23–24 के 692 करोड़ रुपये से 6.2% और FY22–23 के 859.96 करोड़ रुपये से 24.6% की गिरावट दर्शाता है। यह गिरावट दिखाती है कि क्षेत्र को राजस्व सृजन में गहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थिरता का एक और संकेत सैटेलाइट टीवी चैनलों की संख्या से मिलता है। जून 2024 के अंत में भारत में 912 चैनल थे। सितंबर 2024 तक यह संख्या वही रही। दिसंबर 2024 में मामूली बढ़कर 914 हुई और मार्च 2025 में 918 तक पहुंच गई। लेकिन जून 2025 तक यह फिर घटकर 912 पर आ गई, यानी एक साल पहले जितनी ही। चैनल वृद्धि में यह ठहराव बताता है कि प्रसारक अब नए लीनियर चैनल जोड़ने की बजाय डिजिटल-प्रथम कंटेंट रणनीतियों में अधिक निवेश कर रहे हैं, जहां रिटर्न अधिक संभावनाशील लगते हैं।
कुल मिलाकर, ये आंकड़े दिखाते हैं कि यह क्षेत्र एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है। जून 2024 से जून 2025 का समय ग्राहकों में निरंतर कमी, चैनल वृद्धि में ठहराव और ऑपरेटर्स पर बढ़ते वित्तीय दबाव से भरा रहा। टाटा प्ले और भारती टेलिमीडिया जैसे मार्केट लीडर अभी भी उद्योग की रीढ़ बने हुए हैं, लेकिन उनका भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि वे कितनी जल्दी विविधता लाकर बदलते माहौल में ढलते हैं।
ऑपरेटर अब हाइब्रिड सेट-टॉप बॉक्स के साथ प्रयोग कर रहे हैं, जो ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और सैटेलाइट टीवी को जोड़कर बंडल सेवाएं प्रदान करते हैं, ताकि ग्राहकों को बनाए रखा जा सके। ग्रामीण विस्तार भी एक महत्वपूर्ण विकल्प है, क्योंकि शहरी परिवार तेजी से कनेक्टेड टीवी अपना रहे हैं।
जैसे-जैसे दर्शकों की आदतें बदल रही हैं और लोग स्मार्टफोन, स्मार्ट टीवी और हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड के जरिए ऑन-डिमांड कंटेंट देख रहे हैं, डीटीएच उद्योग पर खुद को फिर से गढ़ने का दबाव है। आने वाले साल तय करेंगे कि पारंपरिक सैटेलाइट टीवी भारत के मीडिया परिदृश्य का हिस्सा बना रह पाता है या डिजिटल प्लेटफॉर्म्स उसे पूरी तरह पीछे छोड़ देते हैं। इतना तय है कि डीटीएच के बेकाबू विकास का दौर ख़त्म हो चुका है और इस क्षेत्र को गिरावट रोकने और अपनी जगह मजबूत करने के लिए नवाचार और रूपांतरण अपनाना ही होगा।
टीवी चैनल और केबल ऑपरेटर चेतावनी दे रहे हैं कि इन बदलावों से टीआरपी प्रणाली की विश्वसनीयता ही खतरे में पड़ सकती है।
अदिति गुप्ता, असिसटेंट एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।
भारत सरकार जब टेलीविजन ऑडियंस मीजरमेंट का मार्केट कई एजेंसीज के लिए खोलने की तैयारी कर रही है, तब लंबे समय से चली आ रही नीतियों में बदलाव के सरकारी प्रस्ताव ने ब्रॉडकास्टिंग जगत में तीखे मतभेद पैदा कर दिए हैं।
सरकार यानी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) का मानना है कि यदि कुछ प्रतिबंधात्मक नियम हटा दिए जाएं तो इससे नए विचार, प्रतिस्पर्धा और वैश्विक विशेषज्ञता आएगी। लेकिन टीवी चैनल और केबल ऑपरेटर चेतावनी दे रहे हैं कि इन बदलावों से टीआरपी प्रणाली की विश्वसनीयता ही खतरे में पड़ सकती है।
2 जुलाई को मंत्रालय ने 2014 की “टेलीविजन रेटिंग एजेंसीज के लिए नीति दिशानिर्देश” में संशोधन के मसौदे पर प्रतिक्रिया आमंत्रित की। बहस का मुख्य केंद्र दो धाराओं को हटाने का प्रस्ताव है- धारा 1.5, जो ब्रॉडकास्टिंग या ऐड में सीधे व्यावसायिक हित रखने वाले व्यक्तियों को रेटिंग एजेंसीज के बोर्ड में बैठने से रोकती है और धारा 1.7, जो ब्रॉडकास्टर्स, ऐडवर्टाइजर्स, ऐड एजेंसीज और मीजरमेंट कंपनियों के बीच ओनरशिप ओवरलैप को रोकती है। मंत्रालय ने हितधारकों से 2 सितंबर तक सुझाव मांगे थे।
इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (IBDF) और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (NBDA) जैसे संगठन इन सुरक्षा उपायों को हटाने का कड़ा विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि सुधार आवश्यक हैं ताकि रेटिंग प्रणाली और मजबूत, निष्पक्ष और तकनीकी रूप से अद्यतन बने, लेकिन हितों के टकराव से जुड़े नियमों को ढीला करना पारदर्शिता को कमजोर करेगा।
ब्रॉडकास्टर तर्क देते हैं कि दर्शक मीजरमेंट सिस्टम इंडस्ट्री (टीआरपी) की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए इसे इंडस्ट्री द्वारा संचालित और नॉट-फॉर-प्रॉफिट (not-for-profit) ही रहना चाहिए ताकि स्वतंत्रता बनी रहे। कुछ ब्रॉडकास्टर्स ने तो यहां तक सुझाव दिया कि प्रतियोगिता आयोग (CCI) को भी आवेदकों की जांच में शामिल किया जाए ताकि मार्केट संरचना परपक्षपात से मुक्त रहे।
कुछ ब्रॉडकास्टर्स ने तो यह भी सुझाव दिया है कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) को नए आवेदकों की जांच-परख (vetting) में भूमिका दी जाए, ताकि मार्केट की संरचना किसी पक्षपाती या हितसंपन्न स्वामित्व से प्रभावित या बिगड़ी न जाए।
ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन (AIDCF) ने इन धाराओं को हटाने को “महत्वपूर्ण सुरक्षा कवचों को तोड़ना” बताया है। उसका कहना है कि यदि ब्रॉडकास्टर्स, ओटीटी प्लेटफॉर्म या ऐडवर्टाइजर्स को मीजरमेंट कंपनियों में हिस्सेदारी या बोर्ड पर प्रभाव की अनुमति दी गई, तो “डेटा-आधारित एकाधिकार” बन सकते हैं और रेटिंग में हेरफेर का रास्ता खुल जाएगा।
AIDCF ने चेताया कि ऐसा प्रभाव सिर्फ विश्वास को ही खत्म नहीं करेगा बल्कि प्रतिस्पर्धा और ऐड प्रवाह को भी बिगाड़ देगा। समूह ने यह भी कहा कि यदि ओनरशिप और गवर्नेंस की सीमाएं धुंधली हो जाती हैं तो अनिवार्य प्रकटीकरण ढांचे लागू करने होंगे, जैसे वित्तीय मार्केटों में होते हैं। उसके मुताबिक प्रस्तावित संशोधन इन सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के बजाय कमजोर कर रहे हैं।
फेडरेशन ने चेताया कि क्रॉस-होल्डिंग रोक हटाने से बड़ी टेक कंपनियां, डिवाइस निर्माता, वितरक और कंटेंट प्रदाता अलग-अलग मीजरमेंट मॉडल ला सकते हैं। इससे ऐडवर्टाइजर्स में भ्रम फैलेगा, उपभोक्ता विश्वास घटेगा और मार्केट की स्थिरता प्रभावित होगी।
इसके बजाय AIDCF ने सेट-टॉप बॉक्स से रिटर्न पाथ डेटा (RPD) अपनाने की सिफारिश की। बड़े और अधिक प्रतिनिधिक डेटा सेट से विश्वसनीयता बढ़ेगी, क्षेत्रीय विविधता बेहतर दर्ज होगी और छेड़छाड़ की गुंजाइश घटेगी। समूह ने सुझाव दिया कि भविष्य की रेटिंग एजेंसीज के लाइसेंसिंग शर्तों में RPD को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए।
TARAksh लॉयर्स एंड कंसल्टेंट्स के एसोसिएट पार्टनर विवेक तिवारी ने कहा कि क्रॉस-होल्डिंग पर रोक “सतही प्रावधान नहीं बल्कि संरचनात्मक सुरक्षा है जो दर्शक मीजरमेंट प्रणाली की अखंडता बनाए रखने के लिए जरूरी है।”
उनके अनुसार इसके तीन कानूनी असर होंगे:
हितों के टकराव की रोकथाम: यदि ब्रॉडकास्टर्स को रेटिंग एजेंसीज में हिस्सेदारी की अनुमति दी गई, तो हेरफेर का खतरा सैद्धांतिक से वास्तविक हो जाएगा।
विश्वसनीयता और मार्केट का विश्वास: रेटिंग्स पर हजारों करोड़ रुपये का ऐड खर्च, प्रोग्रामिंग फैसले और इन्वेस्टर्स की धारणा निर्भर करती है। प्रक्रिया से समझौता होने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम या सेबी के तहत कार्रवाई हो सकती है।
नियामकीय तालमेल: जैसे क्रेडिट रेटिंग एजेंसीज और ऑडिटरों में स्वतंत्रता अनिवार्य है, वैसे ही टीवी रेटिंग में भी होनी चाहिए। इसे कमजोर करना नियामकीय ढांचे को असंगत और चुनौतीपूर्ण बना देगा।
विवेक तिवारी ने चेताया कि यदि इन धाराओं को हटा दिया गया, तो पहले से रोकथाम करने वाली निगरानी कमजोर पड़ जाएगी और सिस्टम को बाद में जांच या व्हिसलब्लोअर पर निर्भर रहना पड़ेगा। इससे प्रतिस्पर्धा कानून के तहत मुकदमेबाजी बढ़ सकती है और ऐडवर्टाइजर्स या इन्वेस्टर्स के नुकसान की भरपाई के लिए कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
मंत्रालय का कहना है कि भारत का रेटिंग मार्केट लंबे समय से एकाधिकार में है, क्योंकि 2015 से सिर्फ बार्क (BARC) इंडिया ही लाइसेंस प्राप्त प्रदाता है। अधिकारियों को विश्वास है कि स्वामित्व और गवर्नेंस की पाबंदियां ढीली करने से नए घरेलू और वैश्विक खिलाड़ी आएंगे, जो टीवी, कनेक्टेड टीवी, मोबाइल और ओटीटी दर्शकों को साथ लेकर नई कार्यप्रणालियां लाएंगे।
वैश्विक स्तर पर भी इस क्षेत्र में हलचल है। अमेरिकी संस्था नीलसन हाल ही में बहु-एजेंसी प्रणाली के लिए मान्यता प्राप्त करने वाली पहली राष्ट्रीय टीवी रेटिंग प्रदाता बनी है। सूत्रों का कहना है कि नीलसन भारत में भी लाइसेंस लेने पर विचार कर सकती है।
लड़ाई की लकीर साफ है- सरकार प्रतिस्पर्धा और तकनीक लाने के लिए क्रॉस-होल्डिंग रोक को ढीला करना चाहती है, जबकि ब्रॉडकास्टर और वितरक इसे हितों के टकराव से बचाने वाली ढाल मानकर बनाए रखना चाहते हैं।
इस विवाद का नतीजा तय करेगा कि भारत का रेटिंग मार्केट अधिक खुला और प्रतिस्पर्धी बनेगा या अविश्वास की खाई और गहरी होगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 'बिजनेस टुडे मल्टीवर्स' का नया चैप्टर लॉन्च किया और भारतीय व वैश्विक बाजारों पर रीयल-टाइम और भरोसेमंद जानकारी देने वाले दो खास मार्केट शो पेश किए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 'बिजनेस टुडे मल्टीवर्स' का नया चैप्टर लॉन्च किया और भारतीय व वैश्विक बाजारों पर रीयल-टाइम और भरोसेमंद जानकारी देने वाले दो खास मार्केट शो पेश किए। यह रणनीतिक विस्तार नेटवर्क की इस प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है कि दर्शकों को मल्टीप्लेटफॉर्म मीडिया यूनिवर्स में सही फैसले लेने के लिए सक्षम बनाया जाए।
'द मार्केट ओपनिंग' (सुबह 9:05 से 9:30 बजे) एक 25 मिनट का तेज शो होगा, जिसमें वॉल स्ट्रीट के रातभर के संकेत, एशियाई रुझान और शुरुआती दलाल स्ट्रीट की हलचल दिखाई जाएगी। इसमें ग्लोबल इंडेक्स, सेंसेक्स, निफ्टी और स्टॉक्स व सेक्टर से जुड़ी हलचलें संक्षेप में दी जाएंगी, ताकि बिजनेस डे की सही शुरुआत हो सके। वहीं 'मार्केट क्लोजिंग' (दोपहर 3:00 से 3:30 बजे) दिनभर के सेक्टोरल रुझानों, टॉप गेनर्स और लूजर्स, संस्थागत प्रवाह और मैक्रो ट्रिगर्स का पूरा सार पेश करेगा, जहां केवल आंकड़े ही नहीं, बल्कि उनका संदर्भ भी समझाया जाएगा।
ये दोनों कार्यक्रम बिजनेस टुडे मल्टीवर्स के मिशन को और आगे बढ़ाते हैं, जिसका मकसद है निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित बिजनेस पत्रकारिता पेश करना। कंपनी की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ऐसे समय में जब निवेशकों, प्रोफेशनल्स और आम नागरिकों को साफ और समय पर वित्तीय जानकारी की जरूरत है, यह ओम्नीचैनल ब्रांड भरोसे के साथ वह खबरें प्रस्तुत करना चाहता है जो वास्तव में मायने रखती हैं।
लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए कल्लि पुरी, वाइस चेयरपर्सन और एग्जीक्यूटिव एडिटर-इन-चीफ ने कहा, “आज की कोलैब्स की दुनिया में हम दो पावरहाउस ब्रैंड्स- इंडिया टुडे टीवी और बिजनेस टुडे को साथ ला रहे हैं, क्योंकि लोगों को सबसे ज्यादा जरूरत है साफ जानकारी की, जो विशेषज्ञता पर आधारित हो। यहीं पर बिजनेस टुडे का अनुभव और अधिकार अहम हो जाता है। यह 35 साल पुराना ब्रांड है, जो ईमानदारी और किसी भी औद्योगिक हित से स्वतंत्रता के आधार पर बना है, और यह आपके पैसे से जुड़ी हर बात में अनमोल साबित होता है। ये नए शो हमारे उस वादे को आगे बढ़ाते हैं कि हम दर्शकों को प्रिंट की गहराई, डिजिटल की तेजी, ब्रॉडकास्ट का असर और सोशल मीडिया की बातचीत- सब कुछ एक ही जगह देंगे, वह भी उस भरोसे के साथ जो सिर्फ बिजनेस टुडे और इंडिया टुडे टीवी दे सकते हैं।”
पूर्व में वह ‘समाचार प्लस’ (Samachar Plus), ‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) और ‘राजस्थान पत्रिका’ (Rajasthan Patrika) जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में प्रमुख पदों पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
‘जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (ZMCL) ने डॉ. मनीष शर्मा को ‘जी राजस्थान’ (Zee Rajasthan) का नया एडिटर नियुक्त किया है। वह जयपुर से अपना कामकाज संभालेंगे।
कंपनी के अनुसार, अपनी इस भूमिका में वह चैनल की एडिटोरियल टीम का नेतृत्व करेंगे और दर्शकों से जुड़ाव बढ़ाने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे।
डॉ. मनीष शर्मा को मीडिया इंडस्ट्री में विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर काम करने का 25 साल से ज्यादा का अनुभव है। पूर्व में वह ‘समाचार प्लस’ (Samachar Plus), ‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) और ‘राजस्थान पत्रिका’ (Rajasthan Patrika) जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में प्रमुख पदों पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
गौरतलब है कि कंपनी ने (जी राजस्थान और जी घंटा) के चैनल हेड आशीष दवे के खिलाफ विभिन्न आरोपों में एफआईआर दर्ज कराते हुए उन्हें अपने पद से हटा दिया है।
इसी क्रम में अगले आदेश तक (जी घंटा) की कमान अंतरिम तौर पर डिप्टी एडिटर के तौर पर कार्यरत प्यू रॉय को सौंपी गई है।
पत्रकारिता में आने से पहले वह रेडियो जॉकी भी रह चुके हैं। खेलों में भी उनकी खास पकड़ रही है और वह 100 मीटर दौड़ में स्टेट चैंपियन रह चुके हैं।
हिंदी टीवी पत्रकारिता के लोकप्रिय चेहरों में शुमार वरिष्ठ पत्रकार निशांत चतुर्वेदी का आज जन्मदिन है। वर्तमान में ‘टीवी9 भारतवर्ष’ (TV9 Bharatvarsh) में सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर की जिम्मेदारी संभाल रहे निशांत चतुर्वेदी को मीडिया जगत में ऐसे एंकर और पत्रकार के तौर पर जाना जाता है, जिन्होंने अपनी मेहनत और जुनून के दम पर दो दशकों से भी ज्यादा वक्त में खास पहचान बनाई है।
निशांत चतुर्वेदी ने मीडिया में अपना करियर जून 2000 में देश के पहले निजी न्यूज चैनल ‘जी न्यूज’ (Zee News) से बतौर एंकर/रिपोर्टर किया था। वह इस चैनल के साथ दो साल तक जुड़े रहे। जून 2002 में उन्होंने द्विभाषी एंकर/कॉरेस्पॉन्डेंट के रूप में पब्लिक ब्रॉडकास्टर ‘डीडी न्यूज’ (DD NEWS) जॉइन कर लिया। यहां उनका कार्यकाल एक साल से ज्यादा समय तक चला।
इसके बाद दिसंबर 2003 में उन्होंने प्रिंसिपल करेसपॉन्डेंट और एंकर के रूप में ‘आजतक’ (AajTak) में अपनी पारी शुरू की। जनवरी 2005 में उन्होंने ‘आजतक’ में अपनी पारी को विराम दे दिया और स्पेशल करेसपॉन्डेंट और एंकर के तौर पर ‘सहारा न्यूज’ (Sahara News) जॉइन कर लिया। यहां वह तीन साल से अधिक समय तक कार्यरत रहे और फिर यहां से बाय बोलकर जुलाई 2008 में बतौर एडिटर (न्यूजरूम) और एंकर ‘वॉइस ऑफ इंडिया’ (Voice Of India) में शामिल हो गए।
इसके बाद अप्रैल 2009 से अप्रैल 2012 तक निशांत चतुर्वेदी एंकर/एग्जिक्यूटिव प्रड्यूसर के तौर पर ‘इंडिया टीवी’ (India TV) से जुड़े रहे। निशांत चतुर्वेदी ‘न्यूज24’ (News24) में भी अपनी पारी खेल चुके हैं। हालांकि, यहां उनका कार्यकाल छोटा ही रहा। इसके बाद निशांत चतुर्वेदी अगस्त 2012 से मार्च 2014 तक ‘न्यूज एक्सप्रेस’ (News Express) में चैनल हेड भी रहे हैं।
मार्च 2014 में निशांत चतुर्वेदी ने दोबारा ‘आजतक’ जॉइन कर लिया। यहां बतौर एग्जिक्यूटिव एडिटर/एंकर पांच साल से अधिक समय तक उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाई और फिर यहां से अलविदा कहकर नवंबर 2019 में सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर के रूप में ‘टीवी9 भारतवर्ष’ (TV9 Bharatvarsh) में शामिल हो गए और तब से यहां अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
यहां उन्होंने न सिर्फ प्राइम टाइम फ्लैगशिप शो ‘फिक्र आपकी’ को डिजाइन और लॉन्च किया, बल्कि शाम चार बजे आने वाले शो ‘फुल एंड फाइनल’ की कमान भी संभालते हैं।
निशांत चतुर्वेदी की स्कूली पढ़ाई जबलपुर के क्राइस्ट चर्च स्कूल और दिल्ली के द फ्रैंक एंथोनी पब्लिक स्कूल में हुई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया। उन्होंने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज से कैपिटल मार्केट्स पर प्रोफेशनल कोर्स किया और ‘ऑल इंडिया रेडियो’ व बीबीसी के प्रशिक्षण कार्यक्रमों से न्यूज प्रेजेंटेशन और रिपोर्टिंग की बारीकियां सीखीं।
पत्रकारिता में आने से पहले वह रेडियो जॉकी भी रह चुके हैं। खेलों में भी उनकी खास पकड़ रही है और वह 100 मीटर दौड़ में स्टेट चैंपियन रह चुके हैं।
अपने लंबे करियर में निशांत कई दिग्गजों का इंटरव्यू कर चुके हैं। इनमें एरिक ट्रंप, डोनाल्ड ट्रंप की राजनीतिक सलाहकार केलीनेन कॉनवे, अमेरिकी नेता सारा पॉलिन, शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, अक्षय कुमार और रणबीर कपूर जैसे नाम शामिल हैं।
सोशल मीडिया पर भी उनकी मजबूत मौजूदगी है। ट्विटर पर उनके 3.09 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स, फेसबुक पर 1.78 लाख से अधिक फॉलोअर्स, इंस्टाग्राम पर 30 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स और यूट्यूब पर 83 हजार से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं।
समाचार4मीडिया की ओर से निशांत चतुर्वेदी को जन्मदिन की ढेरों बधाई औऱ शुभकामनाएं।