अनुराग मिश्रा द्वारा वर्ष 2016 में गए किए देश के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर के इंटरव्यू ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं।
वरिष्ठ पत्रकार अनुराग मिश्रा ने फिर से जी न्यूज को जॉइन किया है और इस बार उन्हें स्पेशल कॉरेस्पोंडेंट की जिम्मेदारी दी गई है।
साल 2003 में ‘स्टार न्यूज’ से अपने करियर की शुरुआत करने वाले अनुराग मिश्र ’सीएनबीसी’, ’आईबीएन7’, ’एनडीटीवी’, ’जी न्यूज’, ’न्यूज18’ और 'राजस्थान पत्रिका' जैसे प्रतिष्ठित मीडिया हाउस में रिपोर्टिंग समेत कई अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। वह ’ईटीवी’ में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और हरियाणा के हेड रह चुके हैं।
अनुराग मिश्रा द्वारा वर्ष 2016 में गए किए देश के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर के इंटरव्यू ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। इस इंटरव्यू में जस्टिस ठाकुर ने कहा था कि केंद्र व राज्य सरकारों की नाकामी की वजह से लोग न्यायालय का रुख करते हैं। अनुराग मिश्र द्वारा लिया गया यह इंटरव्यू देश के तमाम न्यूज चैनल्स और अखबारों समेत कई विदेशी चैनल्स में छाया रहा था।
इसके अलावा इंटरपोल की रिपोर्ट के आधार पर अवैध वेस्ट ई-वेस्ट के जलाए जाने को लेकर उनकी खबर के बाद उत्तर प्रदेश सरकार अलर्ट हुई थी। यही नहीं, अनुराग की खबर पर ‘नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल’ (NGT) ने एक्शन लेते हुए यूपी सरकार पर जुर्माना भी लगाया था।
अनुराग मिश्रा करीब आठ साल से ‘राजस्थान पत्रिका‘ के साथ जुड़े हुए थे। शुरुआती पांच साल उन्होंने नेशनल ब्यूरो में गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के साथ-साथ छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की खबरों पर अपनी नजर जमाए हुए थे, लेकिन 2022 में उन्हें ‘राजस्थान पत्रिका‘ द्वारा अनुराग को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया।
अनुराग मिश्रा के पत्रकारिता करियर पर एक नजर:
अनुराग मिश्रा ने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत 2002 में 'स्टार न्यूज' से की थी, जहां वह अमरमणि मधुमिता केस और सोनिया गांधी के रोड शो के कवर के लिए चर्चा में आए।
2003-2005: CNBC और फिर CNBC आवाज की लॉन्चिंग टीम के साथ काम किया।
2005-2006: चैनल 7 / IBN7 में राजदीप सरदेसाई की टीम का हिस्सा रहे।
2006-2013: एनडीटीवी में कई प्रमुख कार्यक्रमों जैसे विनोद दुआ लाइव और जायका से जुड़े, साथ ही आउटपुट एडिटर रहे।
2013-2014: जी न्यूज में रहे और 2014 लोकसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाई।
2015-2017: न्यूज18 हैदराबाद में आउटपुट हेड और फिर दिल्ली में प्रमुख संवाददाता के रूप में पीएमओ और सुप्रीम कोर्ट कवर किया। इस दौरान उन्होंने तीन सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का इंटरव्यू किया।
2017-2025: राजस्थान पत्रिका में नेशनल टीम के साथ उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रभारी रहे। इस दौरान उन्होंने इंटरपोल और डिफेंस से जुड़ी एक्सक्लुसिव स्टोरी भी की।
2025 में जी न्यूज के मैनेजिंग एडिटर राहुल सिन्हा ने अनुराग मिश्रा पर दोबारा भरोसा जताया और उन्हें स्पेशल कॉरेस्पोंडेंट की जिम्मेदारी दी सौंपी।
मुंबई बेंच-I के नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने Star Television Productions Limited के Star India Private Limited (अब Jio Star India Private Limited) के साथ विलय की योजना को मंजूरी दे दी है।
मुंबई बेंच-I के नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने Star Television Productions Limited (ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में पंजीकृत) के Star India Private Limited (अब Jio Star India Private Limited) के साथ विलय की योजना को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 232, 230 और 234 सहित अन्य प्रावधानों और Companies (Compromises, Arrangements and Amalgamations) Rules, 2016 के तहत लिया गया। इससे BVI कंपनी को भारतीय कंपनी में शामिल करने की प्रक्रिया का एक अहम चरण पूरा हो गया।
मामले की सुनवाई मेबर (टेक्निकल) प्रभात कुमार और मेबर (जूडिशियल) सुशील महादेराव कोचे की बेंच ने की। याचिकाकर्ताओं की ओर से अहमद चूनावाला, हिमांशु तम्बे, मेघना सोमानी (Ahmed Chunawala & Co.) और AZB & Partners पेश हुए। गौरव जयसवाल, कंपनी प्रोसेक्यूटर, ने रीजनल डायरेक्टर (Western Region) की ओर से पैरवी की।
ट्रिब्यूनल ने नोट किया कि योजना के खिलाफ कोई आपत्ति नहीं आई और किसी भी वैधानिक प्राधिकारी ने दावे का विरोध नहीं किया। पहले निर्देशों के अनुसार बुलाए गए अनसिक्योर्ड क्रेडिटर्स की बैठक ने योजना को सर्वसम्मति से मंजूरी दी, और 16 दिसंबर, 2024 को अनुपालन का हलफनामा दाखिल किया गया। रिकॉर्ड की सामग्री के आधार पर, बेंच ने योजना को उचित और न्यायसंगत माना, जो कानून या सार्वजनिक नीति के खिलाफ नहीं है, इसलिए इसे अनविरोधी माना गया।
योजना के तहत नियुक्त तिथि को "प्रभावी तिथि" माना गया है। याचिकाकर्ता कंपनी को निर्देश दिया गया है कि प्रमाणित आदेश और योजना की कॉपी रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, महाराष्ट्र को 30 दिनों के भीतर ई-फॉर्म INC-28 में इलेक्ट्रॉनिक रूप से दाखिल करे, चाहे वह प्रमाणित कॉपी मिलने की तारीख हो या योजना की प्रभावी तिथि। आदेश में सभी संबंधित नियामक प्राधिकरणों को निर्देश दिया गया है कि वे NCLT रजिस्ट्री द्वारा प्रमाणित कॉपियों पर कार्रवाई करें।
ट्रिब्यूनल ने यह भी कहा कि Jio Star India Private Limited (ग्राही कंपनी) बिना किसी अतिरिक्त आवेदन या दस्तावेज के, Transferor कंपनी के प्रत्येक 1 इक्विटी शेयर (USD 1 प्रत्येक पूरी तरह भरा हुआ) के लिए Transferor के शेयरधारकों को 143 इक्विटी शेयर (₹10 प्रत्येक पूरी तरह भरे हुए) जारी और अलॉट करेगा।
योजना में कोर्ट को बताया गया तर्क: कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर को सरल बनाना, पूंजी संरचना और लागत का अनुकूलन, और व्यवसाय संचालन को सुगम बनाना, जिससे BVI कंपनी को भारतीय इकाई में शामिल किया जा सके। याचिकाकर्ता ने दोनों कंपनियों के संवैधानिक दस्तावेज, FY24 के ऑडिटेड वित्तीय विवरण, 30 सितंबर, 2024 तक के अनऑडिटेड वित्तीय विवरण, 24 सितंबर, 2024 की बोर्ड मंजूरी, लेखा उपचार पर स्टैच्यूटरी ऑडिटर्स का प्रमाणपत्र और BDO Valuation Advisory LLP द्वारा शेयर-स्वैप अनुपात की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की।
ट्रिब्यूनल ने याचिकाकर्ता की गारंटी भी रिकॉर्ड में ली, जिसमें शामिल हैं:
Cross-Border Merger Regulations के Regulation 9(2) के तहत घोषणा दाखिल की गई।
BVI में कोई विदेशी सरकार की मंजूरी या NOC की आवश्यकता नहीं।
क्रेडिटर्स के हित सुरक्षित हैं और याचिकाकर्ता को भंग नहीं किया जा रहा।
लेखांकन भारतीय लेखांकन मानकों और लागू कानून के अनुसार होगा।
आयकर और GST विभाग के निर्देशों का पालन किया जाएगा।
योजना MCA सर्कुलर के अनुरूप है।
RBI की पूर्व अनुमति आवश्यक नहीं।
Form BEN-2 लागू नहीं।
आदेश दोहराता है कि विलय के प्रभावी होने पर ट्रांसफरर कंपनी की सभी देनदारियां ट्रांसफ्री कंपनी को हस्तांतरित हो जाएंगी। जबकि विलय से पहले अधिकारियों द्वारा किए गए अपराधों के संबंध में देनदारियां धारा 240 के तहत बनी रहेंगी। आयकर विभाग को भी कर परिणामों की जांच और यदि कर बचत की स्थिति बने तो कार्रवाई करने की स्वतंत्रता दी गई है।
सभी आवश्यक वैधानिक अनुपालन पूरे होने के बाद, ट्रिब्यूनल ने Company Petition CP (CAA) 87/MB/2025 को मंजूरी दे दी, किसी भी संबंधित अनुमोदन के अधीन।
योजना को मंजूरी दी गई है, नियुक्त तिथि को प्रभावी तिथि घोषित किया गया है। योजना लागू होने के बाद Star Television Productions Limited बिना विंडिंग-अप के भंग हो जाएगी और फाइल रिकॉर्ड में रख दी जाएगी।
मीडिया इंडस्ट्री में 30 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले वरुण कोहली जनवरी 2023 में पहली बार 'भारत एक्सप्रेस' से जुड़े थे और CEO व डायरेक्टर के रूप में काम किया था।
'भारत एक्सप्रेस' (Bharat Express) से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आयी है। दरअसल, 'भारत एक्सप्रेस' ने वरुण कोहली को एक बार फिर चैनल का डायरेक्टर व ग्रुप CEO बनाया है। यह वापसी चैनल की दूरदर्शी नेतृत्व और रणनीतिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है। कोहली की वापसी 'भारत एक्सप्रेस' के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत है, क्योंकि चैनल अब अपने विस्तार और भारतीय न्यूज ब्रॉडकास्टिंग में अपनी पकड़ और गहरी करने की तैयारी कर रहा है।
मीडिया इंडस्ट्री में 30 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले वरुण कोहली जनवरी 2023 में पहली बार 'भारत एक्सप्रेस' से जुड़े थे और CEO व डायरेक्टर के रूप में काम किया था। उस दौरान उन्होंने चैनल की एडिटोरियल और बिजनेस रणनीति बनाने, ब्रैंड आइडेंटिटी तैयार करने और संचालन व्यवस्था मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी। उनके नेतृत्व में टीम को जोड़ने, राजस्व बढ़ाने और दर्शकों को आकर्षित करने पर खास ध्यान दिया गया।
'भारत एक्सप्रेस' छोड़ने के बाद वरुण कोहली Times Network से COO के रूप में जुड़े, जहां उन्होंने एक साल से अधिक समय तक अहम संचालन और रणनीतिक पहलों की जिम्मेदारी संभाली।
वरुण कोहली का 30 साल से ज्यादा लंबा करियर मीडिया इंडस्ट्री की बड़ी-बड़ी कंपनियों में लीडरशिप भूमिकाओं में रहा है। इनमें ITV नेटवर्क, डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग्स, Mogae Media, नेटवर्क18, बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (TOI ग्रुप), एचटी मीडिया और अमर उजाला प्रकाशन शामिल हैं। वे अपने सीधे और सक्रिय काम करने के अंदाज और मीडिया ब्रांड्स को लॉन्च करने और उन्हें फिर से खड़ा करने की विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं। उनकी यही क्षमता है कि वे लगातार विकास ला पाते हैं और मजबूत, हाई-परफॉर्मेंस टीम्स बना पाते हैं, जिसकी वजह से उन्हें इंडस्ट्री में बहुत सम्मान मिलता है।”
इस नियुक्ति पर 'भारत एक्सप्रेस' के CMD और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय ने कहा, “हम वरुण कोहली का एक बार फिर 'भारत एक्सप्रेस' में स्वागत करते हुए बेहद खुश हैं। अपनी पहली पारी में वरुण ने चैनल को सफलतापूर्वक लॉन्च करने और उसे भारतीय न्यूज मीडिया में एक भरोसेमंद आवाज के रूप में स्थापित करने में बुनियादी भूमिका निभाई थी। उनकी रणनीतिक सोच और नेतृत्व ने मजबूत टीम बनाने और मजबूत संचालन ढांचा तैयार करने में अहम योगदान दिया। हमें पूरा विश्वास है कि उनकी गहरी इंडस्ट्री समझ और दूरदर्शी नजरिए से 'भारत एक्सप्रेस' और तेजी से आगे बढ़ेगा और नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा।”
देश के सबसे चर्चित और प्रभावशाली न्यूज चैनलों में से एक 'जी न्यूज' ने आज अपनी नई विजुअल पहचान और अत्याधुनिक स्टूडियो अनुभव पेश किया।
देश के सबसे चर्चित और प्रभावशाली न्यूज चैनलों में से एक 'जी न्यूज' ने आज अपनी नई विजुअल पहचान और अत्याधुनिक स्टूडियो अनुभव पेश किया। इस बदलाव के साथ चैनल ने यह दिखाया कि अब खबरें न सिर्फ बनाई और दिखाई जाएंगी, बल्कि नए अंदाज में दर्शकों तक पहुंचेंगी। यह रूपांतरण गहरे संपादकीय बदलाव को दर्शाता है, जो दर्शकों की पसंद, डेटा-आधारित योजना और भरोसेमंद जानकारी देने की प्रतिबद्धता पर आधारित है। इसके साथ ही एक नया एंकरिंग फॉर्मेट भी शुरू किया गया है, जिसमें कहानियां बेहतर स्टोरीटेलिंग, लाइव डेटा विजुअलाइजेशन और इंटरेक्टिव अंदाज में दिखाई जाएंगी।
पिछले दो दशकों से जी न्यूज विश्वसनीय पत्रकारिता का प्रतीक रहा है। इस दौरान चैनल ने तकनीक, संपादकीय नवाचार और सांस्कृतिक प्रासंगिकता में लगातार अग्रणी भूमिका निभाई। डिजिटल ब्रॉडकास्ट फॉर्मेट अपनाने वाला पहला चैनल होने से लेकर साहसिक रिपोर्टिंग तक, जी न्यूज हर कदम पर सबसे आगे रहा है। अब नया एंकरिंग फॉर्मेट इस विरासत को और मजबूत करता है।
चैनल की नई पहचान इसके संपादकीय दर्शन- स्पष्टता, विश्वसनीयता और जुड़ाव को दर्शाती है। नया डिजाइन लाल, नीले और सफेद रंगों के संयोजन पर आधारित है, जो पारंपरिक गहरे लाल और पीले से अलग है। ऑन-स्क्रीन प्रस्तुति अब साफ-सुथरी, आकर्षक और आसानी से समझ आने वाली है।
नया स्टूडियो पूरी तरह से भविष्य की पत्रकारिता के लिए तैयार किया गया है। लाइटिंग, लेआउट, कैमरा वर्कफ़्लो और डेटा वॉल्स सबकुछ इस तरह डिजाइन किया गया है कि कहानियों को और स्पष्ट, रोचक और जुड़ावपूर्ण बनाया जा सके। इसमें ऑगमेंटेड रियलिटी एक्सप्लेनर्स, मॉड्यूलर एंकर जोन्स और डायनेमिक विजुअल टूल्स शामिल हैं।
अब चैनल सिर्फ हेडलाइन पर नहीं, बल्कि गहरी समझ और संदर्भ वाली कहानियों पर जोर देगा। कंटेंट को तैयार करने के लिए डेटा एनालिटिक्स और दर्शक रिसर्च का इस्तेमाल होगा। साथ ही गेस्ट एडिटर और एडिटर ऑफ द डे जैसे फॉर्मेट पेश किए गए हैं, जिनसे विषय-विशेषज्ञों और नागरिकों को भी संपादकीय प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
रिलॉन्च के साथ जी न्यूज ने नया कैम्पेन भी पेश किया: ‘दर्शकों का विश्वास, नई सोच के साथ’, जो दशकों से बनी विश्वसनीयता को नई पीढ़ी से जोड़ता है।
राहुल सिन्हा, मैनेजिंग एडिटर, जी न्यूज ने कहा, “जी न्यूज हमेशा से भारत की विश्वसनीय आवाज रहा है। अब हम उस दौर में हैं जहां खबरें सिर्फ बताई नहीं, बल्कि अनुभव की जाएंगी। हमारी नई पहचान और स्टूडियो हमें भविष्य के लिए तैयार करते हैं।”
करण अभिषेख सिंह, सीईओ, जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने कहा, “हमारे इस बदलाव के केंद्र में हमारे दर्शक हैं। दशकों से जी न्यूज भारतीय परिवारों का भरोसेमंद साथी रहा है। अब हम नई पीढ़ी से भी उसी गहराई से जुड़ने के लिए तैयार हैं।”
इस बदलाव के साथ जी न्यूज ने केवल पैकेजिंग नहीं बदली, बल्कि पूरी तरह से एक इमर्सिव न्यूज अनुभव बनाया है, जिसमें आधुनिक डिजाइन और पत्रकारिता की सच्चाई दोनों का मेल है। यह कदम चैनल को सिर्फ एक न्यूज चैनल ही नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक शक्ति बनाता है।
NDTV ने अपनी तीन दशक पुरानी कहानी को एक नए अंदाज में पेश करते हुए NDTV Good Times लॉन्च किया है।
NDTV ने अपनी तीन दशक पुरानी कहानी को एक नए अंदाज में पेश करते हुए NDTV Good Times लॉन्च किया है। अब यह प्लेटफॉर्म लाइव कॉन्सर्ट और इमर्सिव सांस्कृतिक अनुभवों की दुनिया में भी कदम रखेगा।
NDTV Good Times देशभर के शहरों में प्रतिष्ठित कलाकारों को मंच देगा, जहां हर शाम एक खास और यादगार अनुभव में बदल जाएगी। इस यात्रा में ए.आर. रहमान का संगीत वाराणसी के घाटों पर गूंजेगा, सोनू निगम श्रीनगर के डल झील पर मोहम्मद रफी की 100वीं सालगिरह को श्रद्धांजलि देंगे, शंकर-एहसान-लॉय अपनी एनर्जेटिक परफॉर्मेंस से माहौल को जीवंत बनाएंगे, और जुबिन नौटियाल व नेहा कक्कड़ अपनी लोकप्रिय धुनों से दर्शकों को रोमांचित करेंगे। ये परफॉर्मेंस दर्शकों में गहरा जुड़ाव पैदा करेंगे और हमेशा याद रहने वाली यादें बनायेंगे।
दुनिया में लाइव एंटरटेनमेंट और अनुभव अब एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक ताकत बन चुका है। लोग इन्हें साझा करते हैं, याद रखते हैं और यह सामूहिक पहचान में शामिल हो जाता है। भारत की युवा आबादी इस सांस्कृतिक ऊर्जा को बोल्ड, विविध और वैश्विक नजरिए से नया रूप देने के लिए तैयार है।
नए भारत में संस्कृति और अनुभव की बदलती परिभाषा के बीच, NDTV Good Times एक ऐसा मंच है जो सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि जुड़ाव, प्रेरणा और जश्न का अनुभव देगा।
NDTV के CEO और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल ने कहा, “NDTV हमेशा समाज और कहानी कहने के संगम पर रही है। NDTV Good Times के जरिए हम लाइव कल्चर और अनुभवों की दुनिया में इस प्रतिबद्धता को आगे ले जा रहे हैं। हर प्रस्तुति दर्शकों के लिए सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि प्रेरणा और यादगार लम्हों का जरिया बनेगी।”
NDTV Good Times देश के बेहतरीन कलाकारों को असाधारण मंच प्रदान करेगा ताकि हर परफॉर्मेंस एक यादगार अवसर में बदल जाए। NDTV का व्यापक नेटवर्क और अनुभव इसे टीवी, डिजिटल और सोशल प्लेटफॉर्म्स पर सहज रूप से प्रस्तुत करने में मदद करेगा।
District जैसे भरोसेमंद टिकटिंग पार्टनर के साथ, NDTV Good Times सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं रहेगा। यह अनुभवों को नया रूप देगा, उन्हें अविस्मरणीय और अनोखा बनाएगा। हर कॉन्सर्ट, लाइव परफॉर्मेंस और कार्यक्रम भारत की युवा, आत्मविश्वासी और वैश्विक सोच वाली पीढ़ी की सांस्कृतिक पहचान को आकार देगा – एक नया भारत, जो अपने ‘Good Times’ को पूरी तरह गले लगाने के लिए तैयार है।
पिछले एक साल में Sony Pictures Networks India (SPNI) की टॉप लीडरशिप में काफी बदलाव हुआ है।
पिछले एक साल में Sony Pictures Networks India (SPNI) की टॉप लीडरशिप में काफी बदलाव हुआ है। कंपनी के कई लंबे समय से जुड़े बड़े अधिकारी- जैसे बिजनेस और कंटेंट हेड्स, फाइनेंस, लीगल, टेक्नोलॉजी, ऐड सेल्स और कॉरपोरेट कम्युनिकेशन के लीडर्स अपने पद छोड़ चुके हैं।
हर किसी के जाने की अपनी वजह रही है। कुछ लोग रिटायर हुए, तो कुछ ने अपना खुद का काम शुरू करने का फैसला किया। लेकिन कुल मिलाकर, यह एक बड़ा बदलाव है जो SPNI की लीडरशिप स्ट्रक्चर (नेतृत्व ढांचे) को नए सिरे से गढ़ रहा है।
यह सब ऐसे समय पर हो रहा है जब पूरी ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री तेज़ बदलाव और चुनौतियों के दौर से गुजर रही है।
एन.पी. सिंह ने छोड़ी MD-CEO की जिम्मेदारी
एन.पी. सिंह ने मई 2024 में SPNI के MD और CEO का पद छोड़ने का ऐलान किया। अब वे कंपनी में सिर्फ एक सलाहकार (Advisory Role) के तौर पर जुड़े हुए हैं। उनका यह फैसला उस समय आया था, जब उन्होंने खुद स्वीकार किया था कि वित्त वर्ष 2025 में SPNI के लिए आगे का सफर मुश्किल रहने वाला है।
सिंह ने कंपनी में 25 साल काम किया और इस दौरान SPNI को एक मल्टी-प्लेटफॉर्म एंटरटेनमेंट पावरहाउस बना दिया।
दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के पूर्व छात्र रहे सिंह का लगभग 40 साल का कॉर्पोरेट करियर भारतीय मीडिया में एक स्थायी छाप छोड़ गया है।
नीरज व्यास: भानुशाली स्टूडियो में नई पारी
नीरज व्यास ने अगस्त 2024 में SPNI छोड़ा और फरवरी 2025 में भानुशाली स्टूडियोज के CEO बने। लगभग तीन दशक तक SPNI से जुड़े व्यास ने सोनी के हिंदी एंटरटेनमेंट और मूवी क्लस्टर—Sony Entertainment Television, Sony SAB, Sony PAL और Sony MAX—का नेतृत्व किया।
1995 में सोनी से जुड़े व्यास ने सेल्स, प्रोग्रामिंग और बिजनेस ऑपरेशंस में अहम भूमिकाएं निभाईं और SPNI की कंटेंट स्ट्रैटेजी और ब्रांड पहचान को आकार दिया।
अशोक नंबिसन और नितिन नाडकर्णी का रिटायरमेंट
जुलाई 2024 में SPNI ने दो सीनियर लीडर्स (जनरल काउंसिल अशोक नंबिसन और CFO नितिन नाडकर्णी) के 31 अगस्त 2024 से रिटायरमेंट का ऐलान किया।
नितिन नाडकर्णी 2005 में SPNI से जुड़े और CFO, हेड ऑफ ब्रॉडकास्ट ऑपरेशंस और नेटवर्क इंजीनियरिंग और हेड ऑफ कमर्शियल जैसी भूमिकाएं निभाईं। लगभग दो दशकों तक उन्होंने वित्तीय स्थिरता, ऑपरेशनल प्रोसेसेज में नवाचार और सस्टेनेबिलिटी गोल्स में प्रगति सुनिश्चित की।
अशोक नंबिसन 2007 से SPNI के साथ थे और लीगल, रेगुलेटरी व कंप्लायंस मामलों में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने Ten Sports के अधिग्रहण और IPL राइट्स री-नेगोशिएशन जैसे बड़े लीगल मामलों को संभाला। बतौर ऑम्बड्सपर्सन, उन्होंने एथिकल कंडक्ट और गवर्नेंस को बढ़ावा दिया।
राज मोहन श्रीनिवासन का इस्तीफा
जुलाई 2024 में SPNI के चीफ इंफॉर्मेशन ऑफिसर राज मोहन श्रीनिवासन ने पद छोड़ दिया था। 30 साल से अधिक का वैश्विक अनुभव रखने वाले राज ने SPNI की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और IT स्ट्रैटेजी को दिशा दी। इससे पहले वे IBM, Oracle और अन्य ग्लोबल कंपनियों में सीनियर रोल्स में रह चुके थे।
लीना लेले दत्ता ने छोड़ा पद
अक्टूबर 2024 में लीना लेले दत्ता, SPNI की EVP और किड्स बिजनेस हेड, ने पद छोड़ दिया। उन्होंने 2017 में Sony YAY! की लॉन्चिंग से लेकर इसके विस्तार तक अहम भूमिका निभाई। दो दशक से अधिक के मीडिया अनुभव के साथ उन्होंने कंटेंट क्रिएशन, डिस्ट्रीब्यूशन और मोनेटाइजेशन में बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं।
संदीप मेहरोत्रा: सेल्स हेड ने छोड़ा पद
जुलाई 2025 में संदीप मेहरोत्रा, EVP ऑफ सेल्स, ने reportedly हेल्थ कारणों से पद छोड़ा। 25 साल से अधिक SPNI से जुड़े मेहरोत्रा एडवरटाइजिंग रेवेन्यू के मुख्य आधार रहे। क्लाइंट-फर्स्ट एप्रोच और बदलते मार्केट हालातों में उनकी एडॉप्टेबिलिटी ने उन्हें ब्रांड्स और एजेंसियों का भरोसेमंद पार्टनर बनाया।
हुम्सा धीर: कम्युनिकेशंस हेड का एक दशक पूरा
इस साल SPNI की SVP और हेड ऑफ कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस हुम्सा धीर ने भी 10 साल पूरे करने के बाद कंपनी छोड़ी। उन्होंने कंपनी की एक्सटर्नल नैरेटिव और इंटरनल कल्चर दोनों को आकार देने में अहम योगदान दिया।
कई सीनियर लीडर्स का एक साल के भीतर जाना केवल सामान्य एट्रिशन नहीं है, बल्कि SPNI की लीडरशिप में एक जेनरेशनल शिफ्ट को दर्शाता है। दिग्गज नेताओं के एग्जिट के साथ, जिन्होंने दशकों तक कंपनी की दिशा तय की, SPNI अब इंडस्ट्री के बदलावों, डिजिटल इवोल्यूशन और बदलती दर्शक आदतों के बीच नए मोड़ पर खड़ा है।
सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (SPNI) ने अपने बिजनेस की व्यापक समीक्षा (ऑडिट) के लिए बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) को जोड़ा है।
सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (SPNI) ने अपने बिजनेस की व्यापक समीक्षा (ऑडिट) के लिए बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) को जोड़ा है।
यह फैसला गौरव बनर्जी की अगुवाई में लिया गया है, जिन्होंने एन.पी. सिंह के जाने के बाद 2024 में सीईओ और एमडी के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी। इस कदम का मकसद SPNI के टेलीविजन नेटवर्क और उसकी स्ट्रीमिंग सर्विस SonyLIV दोनों में एक ज्यादा प्रभावी और लागत-सचेत संगठन तैयार करना है।
BCG प्रोग्रामिंग, मार्केटिंग, राइट्स मैनेजमेंट और सपोर्ट फंक्शंस की समीक्षा कर रहा है, ताकि दोहराव को कम किया जा सके और प्रक्रियाओं को सरल बनाया जा सके। कंसल्टेंसी की सिफारिशों से उम्मीद है कि कंटेंट पर होने वाला खर्च और उससे होने वाली कमाई के बीच संतुलन बनाया जा सकेगा, साथ ही उन संरचनात्मक कमियों को भी दूर किया जा सकेगा जो कामकाज को धीमा करती हैं।
इस पहल का समय ऐसे दौर में आया है जब ब्रॉडकास्ट सेक्टर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। कंटेंट हासिल करने और बनाने की बढ़ती लागत, डिजिटल-फर्स्ट कंपनियों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा, कीमतों पर नियामकीय पाबंदियां और अनिश्चित विज्ञापन माहौल ने ब्रॉडकास्टर्स के मुनाफे को घटा दिया है।
ये दबाव मीडिया कंपनियों को अपनी रणनीतियों पर दोबारा सोचने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जो पहले बड़े पैमाने और तेज विस्तार पर आधारित हुआ करती थीं।
इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि बनर्जी का यह फैसला अनुशासन और फुर्ती की दिशा में एक बड़ा बदलाव है।
यह ऑडिट कंपनी के लिए बेहतर फैसले लेने की व्यवस्था बनाने, अनावश्यक खर्च कम करने और SPNI को तेजी से बदलते मीडिया माहौल में ज्यादा मजबूती से मुकाबला करने के लिए एक कदम माना जा रहा है।
कंपनी ने हालांकि इस समीक्षा पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन इसके नतीजे SPNI की लंबे समय की विकास रणनीति को प्रभावित करने वाले माने जा रहे हैं।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने टेलीकम्युनिकेशन (ब्रॉडकास्टिंग एंड केबल) सर्विसेज इंटरकनेक्शन (एड्रेसेबल सिस्टम्स) (सातवां संशोधन) विनियम, 2025 का ड्राफ्ट जारी किया है
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने टेलीकम्युनिकेशन (ब्रॉडकास्टिंग एंड केबल) सर्विसेज इंटरकनेक्शन (एड्रेसेबल सिस्टम्स) (सातवां संशोधन) विनियम, 2025 का ड्राफ्ट जारी किया है और इसे सार्वजनिक परामर्श के लिए खोला है। यह कदम इंटरकनेक्शन ढांचे को नया करता है, जो ब्रॉडकास्टर्स और डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स (DTH, MSO, HITS, IPTV) के बीच एड्रेसेबल टीवी सिस्टम्स पर व्यावसायिक और तकनीकी व्यवस्थाओं को नियंत्रित करता है।
यह ड्राफ्ट TRAI की 9 अगस्त 2024 की उस कंसल्टेशन पर आधारित है, जो 2017 इंटरकनेक्शन रेगुलेशंस और डिजिटल एड्रेसेबल सिस्टम्स (DAS) ऑडिट मैनुअल से जुड़े ऑडिट प्रावधानों पर की गई थी। स्टेकहोल्डर्स की राय की समीक्षा के बाद, रेगुलेटर ने संशोधन तैयार किए हैं, जिनका मकसद ऑडिट की सीमा, प्रक्रियाओं और रिपोर्टिंग को कड़ा करना है। अब TRAI ने नोटिफिकेशन से पहले इस पर अंतिम फीडबैक मांगा है।
इंडस्ट्री के लिए ये बदलाव अहम हैं क्योंकि इंटरकनेक्शन ऑडिट सब्सक्राइबर रिपोर्टिंग, रेवेन्यू शेयर, पैकेजिंग और ब्रॉडकास्टर्स व DPOs के बीच अनुपालन के केंद्र में होते हैं। एक स्पष्ट और लागू होने वाला ऑडिट ढांचा विवाद कम करेगा, सब्सक्राइबर डेटा की पारदर्शिता बढ़ाएगा और पे-टीवी वैल्यू चेन में सेटलमेंट अनुशासन को मजबूत करेगा।
मुख्य प्रस्ताव यह है कि हर डिस्ट्रीब्यूटर के एड्रेसेबल सिस्टम्स (SMS, CAS, DRM और संबंधित घटकों) का हर साल ऑडिट किया जाए। यह पिछले वित्त वर्ष के लिए होगा और अंतिम ऑडिट रिपोर्ट हर साल 30 सितंबर तक सभी जुड़े ब्रॉडकास्टर्स को साझा करनी होगी। ऑडिट BECIL या TRAI-एम्पैनल्ड ऑडिटर्स द्वारा कराना होगा, और शेड्यूल व ऑडिटर की जानकारी 30 दिन पहले ब्रॉडकास्टर्स को देनी होगी। एक ब्रॉडकास्टर प्रतिनिधि ऑडिट देख सकता है। छोटे डिस्ट्रीब्यूटर (जिनके पास पिछले वित्त वर्ष के अंत तक 30,000 या उससे कम सक्रिय सब्सक्राइबर हों) ऑडिट को वैकल्पिक मान सकते हैं। ड्राफ्ट में कहा गया है कि ये संशोधन 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगे।
TRAI ने ऑडिट निष्कर्षों पर विवाद सुलझाने के लिए एक ढांचा भी तैयार किया है। अगर कोई ब्रॉडकास्टर रिपोर्ट से असहमत होता है, तो वह सबूतों के साथ आपत्तियां दर्ज कर सकता है। डिस्ट्रीब्यूटर को इन्हें 30 दिन में ऑडिटर तक भेजना होगा, ताकि अपडेटेड रिपोर्ट दी जा सके।
यदि विवाद बना रहता है, तो मामला TRAI तक ले जाया जा सकता है, जो ब्रॉडकास्टर के खर्चे पर एक विशेष ऑडिट की अनुमति दे सकता है। यदि कोई डिस्ट्रीब्यूटर 30 सितंबर तक ऑडिट रिपोर्ट साझा करने में विफल रहता है, तो ब्रॉडकास्टर्स मिलकर या अलग-अलग अपने खर्चे पर ऑडिट करा सकते हैं, जो एक साल में एक बार और उस तारीख से चार महीने के भीतर पूरा होना चाहिए। अगर ऑडिट में सब्सक्राइबर संख्या में गड़बड़ी पाई जाती है, तो निपटारा इंटरकनेक्ट कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार होगा। और यदि कोई एड्रेसेबल सिस्टम तकनीकी मानकों (Schedule III/X) में विफल रहता है, तो ब्रॉडकास्टर्स तीन हफ्ते की नोटिस देकर सिग्नल डिस्कनेक्ट कर सकते हैं।
डिस्ट्रीब्यूशन इकोसिस्टम में व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरिंग को देखते हुए, ड्राफ्ट ने साझा ढांचे के लिए प्रावधान तय किए हैं। जहां SMS/CAS/DRM साझा किया जाता है, वहां हर डिस्ट्रीब्यूटर के लिए अलग-अलग इंस्टेंस होने चाहिए और डेटा अलग-अलग तरीके से रखा जाना चाहिए ताकि एंटिटी-वार सुलह संभव हो सके।
एंटी-पायरेसी पहचान के लिए, पेड चैनलों की वॉटरमार्किंग साझा इंफ्रास्ट्रक्चर में एन्कोडर एंड पर इंफ्रा-प्रोवाइडर द्वारा की जानी चाहिए, जबकि डिस्ट्रीब्यूटर को अपना नेटवर्क लोगो STB/मिडलवेयर के जरिए देना होगा। उपभोक्ता की स्क्रीन पर आदर्श रूप से केवल दो लोगो (ब्रॉडकास्टर + लास्ट-माइल DPO) दिखने चाहिए।
इसके साथ ही, CAS को कम से कम दो साल पुराने लॉग जनरेट और सुरक्षित रखने में सक्षम होना चाहिए, और साझा इंफ्रास्ट्रक्चर सेटअप में हर डिस्ट्रीब्यूटर के लिए अलग-अलग कमांड लॉग (हर एक्टिवेशन/डी-एक्टिवेशन सहित) बनाए रखने चाहिए।
यदि ड्राफ्ट के मुताबिक संशोधन लागू होते हैं, तो सातवां संशोधन वित्त वर्ष-आधारित ऑडिट अनुशासन को मजबूत करेगा, साझा इंफ्रास्ट्रक्चर की पुरानी दिक्कतों को दूर करेगा और गैर-अनुपालन पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। इससे पे-टीवी चेन में साफ-सुथरी सब्सक्राइबर रिपोर्टिंग और बेहतर सेटलमेंट में मदद मिलेगी। DPOs के लिए इसका मतलब होगा ज्यादा प्रोसेस की सख्ती, वहीं ब्रॉडकास्टर्स को सुलह और पायरेसी ट्रेस करने में ज्यादा भरोसा मिलेगा।
समाचार4मीडिया से बातचीत में प्रमोद शर्मा ने बताया कि पारिवारिक कारणों से वह कुछ समय के लिए मीडिया से ब्रेक ले रहे हैं। जल्द ही वह अपनी नई पारी शुरू कर उसके बारे में बताएंगे।
वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद शर्मा ने पंजाब/हरियाणा के प्रमुख न्यूज चैनल्स में शुमार ‘डेली पोस्ट टीवी’ (Daily Post TV) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह करीब पौने तीन साल से इस चैनल में कार्यरत थे और बतौर इनपुट एडिटर और न्यूज रूम डायरेक्टर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
समाचार4मीडिया से बातचीत में प्रमोद शर्मा ने बताया कि पारिवारिक कारणों से वह कुछ समय के लिए मीडिया से ब्रेक ले रहे हैं। जल्द ही वह अपनी नई पारी शुरू कर उसके बारे में बताएंगे।
मूल रूप से बुलंदशहर के रहने वाले प्रमोद शर्मा को मीडिया में काम करने का करीब तीस साल का अनुभव है। इस दौरान उन्होंने प्रिंट, टीवी और डिजिटल तीनों में विभिन्न पदों पर अपनी भूमिकाएं निभाई हैं।
प्रमोद शर्मा ने मीडिया में अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1996 में ‘राष्ट्रीय सहारा’ से की थी। यहां शुरुआत में बतौर रिपोर्टर वह दिल्ली और फिर गाजियाबाद में कार्यरत रहे। बाद में यहां उन्हें ब्यूरो चीफ और फिर नोएडा में रिपोर्टिंग टीम का हेड नियुक्त किया गया। इस दौरान उन्होंने ‘सहारा टीवी’ के लिए भी काम किया।
इसके बाद उन्होंने यहां से बाय बोलकर बतौर एसोसिएट एडिटर ‘समाचार प्लस’ चैनल जॉइन कर लिया। इसके बाद वह ‘के न्यूज’ आ गए और एग्जिक्यूटिव एडिटर (यूपी/यूके) के पद पर अपनी सेवाएं दीं। यहां उन्होंने लोकप्रिय इलेक्शन लाइव शो ‘वोटर तो बोलेगा’ किया।
वर्ष 2018 में प्रमोद शर्मा ‘जी’ मीडिया से जुड़ गए और यहां करीब चार साल तक (फरवरी 2018 से दिसंबर 2022 ) नेटवर्क एडिटर समेत अहम पदों पर अपनी जिम्मेदारी संभाली। यहां वह ‘जी’ (दिल्ली-एनसीआर) को लॉन्च करने वाली कोर टीम का हिस्सा थे। ‘जी’ में वह ‘दास्तान ए जुर्म’ नाम से लोकप्रिय शो भी करते थे।
इसके बाद उन्होंने यहां से इस्तीफा देकर पंजाब/हरियाणा में ‘डेली पोस्ट टीवी’ जॉइन कर लिया था और इनपुट एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे, जहां से अब उन्होंने इस्तीफा देकर दिल्ली वापसी की है और जल्द ही अपनी नई पारी का आगाज करेंगे।
20 सितंबर 2025 को एनडीटीवी युवा कॉन्क्लेव मुंबई में अपने सातवें एडिशन के साथ वापसी कर रहा है।
20 सितंबर 2025 को एनडीटीवी युवा कॉन्क्लेव मुंबई में अपने सातवें एडिशन के साथ वापसी कर रहा है। यह मंच जनरेशन-जेड की तात्कालिकता और उन लोगों के प्रभाव को एक साथ लाएगा, जो भारत की सोच को आकार देते हैं। अपनी शुरुआत से ही युवा ऐसा संवाद मंच बन गया है जहां युवाओं की ऊर्जा और नेताओं का अनुभव एक-दूसरे से मिलते हैं, ताकि नई संभावनाओं की कल्पना की जा सके, परंपराओं को चुनौती दी जा सके और ऐसे रास्ते खोजे जा सकें जो वर्तमान की सच्चाइयों और भविष्य के वादों दोनों से मेल खाते हों।
युवाओं और चेंजमेकर्स के बीच इंटरैक्टिव एक्सचेंज के रूप में तैयार किए गए इस कॉन्क्लेव में विकसित भारत की दृष्टि को सामने रखा जाएगा, साथ ही नई पीढ़ी के अवसरों और चिंताओं पर भी चर्चा होगी।
अभिनेता ईशान खट्टर एक ऐसे सफर पर बात करेंगे जो उनकी अपनी पहचान को दर्शाता है- ड्रीमर. डूअर. डिसरप्टर.। यह सत्र उन महत्वाकांक्षाओं और दृढ़ता का प्रतिबिंब होगा जो आज के युवा आइकॉन की सांस्कृतिक दुनिया को परिभाषित करती हैं। मनोरंजन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में अभिनेता हरनाज संधू, फिल्ममेकर मोहित सूरी, अभिनेता डायना पेंटी, मानुषी छिल्लर, रिया चक्रवर्ती और वाणी कपूर भी शामिल होंगी।
युवा में राजनीति और गवर्नेंस भी बातचीत का अहम हिस्सा होंगे। इस दौरान स्मृति ईरानी, के.टी. रामाराव, मिलिंद देवड़ा, सुप्रिया सुले और पूनम महाजन जैसे नेता युवा भारत से जुड़ी चर्चाओं में हिस्सा लेंगे। वहीं दृढ़ता और व्यक्तिगत विकास के विषय भी केंद्र में होंगे, जिन पर मनोचिकित्सक डॉ. जिराक मार्कर, मोटिवेशनल स्पीकर रासिक चोपड़ा और अन्य प्रमुख विशेषज्ञ मानसिक स्वास्थ्य और सशक्तिकरण पर अपनी राय साझा करेंगे।
भारत के युवा उद्यमिता की भावना का प्रतिनिधित्व करेंगे रैपिडो के को-फाउंडर पवन गुन्टुपल्ली, जिनकी कहानी महत्वाकांक्षा, नवाचार और संघर्ष का प्रतीक है। कार्यक्रम का समापन सिंगर अरमान मलिक के खास परफॉर्मेंस के साथ होगा।
एनडीटीवी के एडिटर-इन-चीफ और सीईओ राहुल कंवल ने कॉन्क्लेव की दृष्टि पर बोलते हुए कहा, “मुंबई एडिशन का मकसद युवा भारत को ऐसे आइकॉन से जोड़ना है जो प्रेरणा देते हैं और ऐसे नेता जो उनकी दुनिया को आकार देते हैं। हम ऐसी चर्चाएं शुरू करना चाहते हैं जो जनरेशन-जेड को विचार, दृष्टिकोण और अवसर प्रदान करें, और जो विकसित भारत की बड़ी आकांक्षा से मेल खाएं।”
युवाओं की आवाजों, प्रेरक यात्राओं और विचारोत्तेजक बहसों के मेल के साथ एनडीटीवी युवा 2025, मुंबई चैप्टर एक बार फिर खुद को ऐसा अहम मंच साबित करने जा रहा है जो नए भारत का भविष्य तय करने वाली चर्चाओं की दिशा दिखाएगा।
सरकार की आलोचना और अधिक रेटिंग एजेंसियों के लिए बाजार खोलने की मांगों के बीच ऐसा प्रतीत होता है कि ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल आखिरकार अपनी संचालन प्रणाली को सुचारू और मजबूत करने के लिए तैयार है
कंचन श्रीवास्तव, सीनियर एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।
सरकार की आलोचना और अधिक रेटिंग एजेंसियों के लिए बाजार खोलने की मांगों के बीच ऐसा प्रतीत होता है कि ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) आखिरकार अपनी संचालन प्रणाली को सुचारू और मजबूत करने के लिए तैयार है, ताकि अपने रेटिंग सिस्टम को बेहतर बना सके।
गौरव बनर्जी की अध्यक्षता वाले बोर्ड ने इस दिशा में एक योजना पर पिछले महीने हुई अपनी वार्षिक आम बैठक में चर्चा की थी, ऐसी जानकारी सूत्रों ने एक्सचेंज4मीडिया को दी।
एक उच्च अधिकारी ने कहा, “कुछ इनीशिएटिव्स जो इस साल के अंत तक शुरू किए जाने की संभावना है, जिसमें CTV मीजरमेंट सिस्टम की लॉन्चिंग और लंबे समय से लंबित बेसलाइन सर्वे का फिर से आरंभ करना शामिल है। ये दोनों मुद्दे एक्सचेंज4मीडिया बार-बार उठाता रहा है। इन उपायों को आकार देने की ठोस योजना अगली बोर्ड बैठक में अंतिम रूप से तय होने की संभावना है।”
एक्सचेंज4मीडिया ने ने पहले बताया था कि BARC ने 2018 से अब तक कोई बेसलाइन सर्वे नहीं किया है। इस वजह से टीवी के दर्शकों की संख्या (viewership data) की सटीकता पर संदेह बना हुआ है, खासकर तब जब महामारी के बाद लोगों की मीडिया देखने की आदतें बहुत तेजी से बदल चुकी हैं। इसके अलावा, BARC की जो योजनाएं थीं, जैसे कि घरों (households/HH) के पैनल कवरेज को बढ़ाना, मल्टी-स्क्रीन मीजरमेंट सिस्टम शुरू करना और एक कनेक्टेड टीवी सर्वे कराना, जोकि अभी तक साकार नहीं हो पाई हैं। सूत्रों का कहना है कि इस रुकावट का कारण कुछ ब्रॉडकास्टर्स के बीच इन कामों के प्रति लगातार रुचि की कमी है।
टीवी से जुड़े एक एग्जिक्यूटिव ने कहा, “ये दोनों कदम (बेसलाइन सर्वे और CTV मीजरमेंट) सिस्टम की विश्वसनीयता वापस लाने के लिए बेहद जरूरी हैं। बेसलाइन सर्वे से यह फायदा होता है कि पैनल को भारत की तेजी से बदल रही आबादी और दर्शकों की देखने की आदतों के हिसाब से ताजा और सही दिशा में किया जा सके। वहीं, CTV (कनेक्टेड टीवी) मीजरमेंट को अगला बड़ा कदम माना जा रहा है, क्योंकि भारत में 5 करोड़ से ज़्यादा घरों में अब बिना तार वाले टीवी हैं।
BARC के सीईओ नकुल चोपड़ा ने इस मामले पर कुछ भी कहने से फिलहाल इनकार कर दिया है। चेयरमैन गौरव बनर्जी ने भी बार-बार किए गए कॉल और संदेशों का जवाब नहीं दिया।
असली परीक्षा
BARC से उम्मीद की जा रही है कि वह नवंबर में प्रस्तावित अपनी अगली बोर्ड बैठक में इन इनीशिएटिव्स के लिए एक ठोस योजना को अंतिम रूप देगा। कई लोगों के लिए यह समय-सीमा BARC की नीयत और कार्रवाई की तत्परता की एक कसौटी होगी।
इंडस्ट्री अब भी 2020-21 के उस भरोसे के संकट को याद करता है, जब न्यूज रेटिंग्स एक साल से अधिक समय के लिए निलंबित कर दी गई थीं, जिससे ऐडवर्टाइजर और ब्रॉडकास्टर असमंजस में पड़ गए थे। शेयरहोल्डर्स का कहना है कि BARC अब और किसी देरी का जोखिम नहीं उठा सकता, जो उसकी स्थिति को कमजोर करे।
यह तत्परता पॉलिसी मेकर्स और ऐडवर्टाइजर्स दोनों की सीधी आलोचना की पृष्ठभूमि में सामने आई है। ब्रॉडकास्टर्स और मार्केटर्स के लिए विश्वसनीय और समय पर दर्शक डेटा उन विज्ञापन खर्चों की नींव है, जिनकी कीमत हजारों करोड़ रुपये है।
हाल ही में TRAI के चेयरमैन ए.के. लाहोटी ने भी इस पारिस्थितिकी तंत्र को “विकृत” बताया और एक से अधिक रेटिंग एजेंसियों के प्रवेश, मजबूत तकनीकी एकीकरण और सरकार के हस्तक्षेप की वकालत की, ताकि पारंपरिक टीवी और ओटीटी के बीच समानता सुनिश्चित हो सके।
एक इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने कहा, “पैनल को ताजा करने और सर्वे शुरू करने में लगातार हो रही देरी ने न केवल ऐडवर्टाइजर्स का टीवी प्लेटफॉर्म पर विश्वास घटाया है, बल्कि BARC के सिस्टम की प्रासंगिकता पर भी असहज सवाल खड़े किए हैं। जितना अधिक BARC इंतजार करेगा, उतना ही वह बाजार की वास्तविकताओं से कटा हुआ माना जाएगा।”
कुछ पर्यवेक्षकों ने कहा, “कुछ हितधारक, खासकर ब्रॉडकास्टर, लंबे समय से इन अभ्यासों को लेकर आशंकित रहे हैं, इस डर से कि यह जो डेटा सामने ला सकता है। जहां वे ब्रॉडकास्ट क्षेत्र में हावी हैं, वहीं CTV क्षेत्र में उनका भरोसा कमजोर है, क्योंकि देखने के पैटर्न बहुत गतिशील बने हुए हैं, जिससे चीजें ऐडवर्टाइजर्स के लिए जटिल हो सकती हैं।”