ईडी और सीबीआई जैसी विशेष एजेंसियों के इस्तेमाल को लेकर उन्होंने कहा, क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ कारवाई नहीं होनी चाहिए? अगर वहां फैसला आ रहा है तो व्यर्थ का आरोप क्यों?
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को नेटवर्क18 ग्रुप के एडिटर-इन-चीफ राहुल जोशी को दिए एक इंटरव्यू में हर तरह के मुद्दों पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की लीडरशिप में एनडीए आसानी से 400 सीट का आकंड़ा पार करेगा और आम चुनाव में उन्हें एक बार फिर जनता की ओर से बहुमत की सरकार चलाने का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
उन्होंने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर कहा, मेरा मत है कि ये आना चाहिए। लेकिन विपक्ष फिजूल के मुद्दे उठाता है। किसी के धर्म पर यह मुश्किल नहीं आने वाली है। ईडी और सीबीआई जैसी विशेष एजेंसियों के इस्तेमाल को लेकर उन्होंने कहा, क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ कारवाई नहीं होनी चाहिए? लोग कोर्ट जाते हैं।
अगर वहां फैसला आ रहा है तो व्यर्थ का आरोप क्यों? ये विरोध तथ्यों से परे है। एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। जिन्हें गलत लग रहा है वो कोर्ट जा रहे हैं। वहां राहत नहीं मिल रही तो क्या हम थोड़े ही कोर्ट को चला रहे हैं। ये गलत अरोप विपक्ष न लगाए। जब उनसे सीएम केजरीवाल के अरेस्ट को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, केजरीवाल को कोर्ट से क्यों राहत नहीं मिल रही है।
क्या हम आरोप वापस वापस ले लें। आरोप पहले से लगे हैं। अगर एजेंसियों ने गलत आरोप लगाए हैं तो राहत क्यों नहीं मिल रही। एक सकारात्मक सोच के सहारे एनडीए को बढ़ावा मिल रहा है। आप इस बातचीत का वीडियो यहां देख सकते हैं।
डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स जल्द ही सूचना-प्रसारण मंत्रालय से संपर्क करने की योजना बना रहे हैं, ताकि OTT प्लेटफॉर्म्स पर लाइव टीवी चैनलों के प्रसारण को रोकने के लिए एक एडवाइजरी जारी की जा सके।
अदिति गुप्ता, असिसटेंट एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप ।।
डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स (DPOs) जल्द ही सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) से संपर्क करने की योजना बना रहे हैं, ताकि OTT प्लेटफॉर्म्स पर लाइव टीवी चैनलों के प्रसारण को रोकने के लिए एक एडवाइजरी जारी की जा सके। घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इस अनुरोध का मसौदा लगभग तैयार है और जल्द ही इसे मंत्रालय के पास भेजा जाएगा।
OTT पर लाइव टीवी: केबल और DTH के लिए खतरा
एक सीनियर इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने कहा, "OTT प्लेटफॉर्म्स पर टीवी चैनलों के प्रसारण से केबल और DTH इंडस्ट्री पर बुरा असर पड़ रहा है।"
इंडस्ट्री के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, OTT सेवाओं से मिल रही चुनौती के कारण पारंपरिक केबल और DTH सेवाओं का अस्तित्व खतरे में है, जोकि चिंता का विषय है।
घट रहे हैं DTH सब्सक्राइबर्स
2021 से DTH सर्विस प्रदान करने वाली चार प्रमुख कंपनियों के सब्सक्राइबर्स की संख्या में 7.6 मिलियन की गिरावट आई है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की भारतीय टेलीकॉम सेवाओं की वार्षिक प्रदर्शन रिपोर्ट 2023-2024 के अनुसार, 31 मार्च 2024 तक DTH प्रदाताओं के एक्टिव पे सब्सक्राइबर्स की संख्या 61.97 मिलियन थी, जबकि 2021 में यह संख्या 69.57 मिलियन थी। यह गिरावट लगातार जारी है, जो पारंपरिक DTH इंडस्ट्री के लिए चिंता का विषय है।
यह गिरावट पिछले कुछ वर्षों में लगातार बनी हुई है। मार्च 2021 में सब्सक्राइबर्स बेस 69.57 मिलियन था, जो मार्च 2022 तक घटकर 66.92 मिलियन हो गया और मार्च 2023 तक और गिरकर 65.25 मिलियन हो गया। 31 मार्च, 2024 तक, एक्टिव सब्सक्राइबर्स की संख्या 61.97 मिलियन थी। हालांकि इन आंकड़ों से पता चलता है कि डीटीएच सेक्टर में गिरावट का जारी है।
DTH मार्केट में हिस्सेदारी
31 मार्च 2024 तक, टाटा प्ले लिमिटेड ने कुल एक्टिव DTH सब्सक्राइबर्स में 32.53% हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ी हिस्सेदारी प्राप्त की है। इसके बाद भारती टेलीमीडिया लिमिटेड 28.45% हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर है। डिश टीवी इंडिया की हिस्सेदारी 20.46% और सन डायरेक्ट की 18.57% है।
MSOs इंडस्ट्री की स्थिति
31 मार्च 2024 तक, देश में 880 मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर्स (MSOs) सूचना-प्रसारण मंत्रालय में पंजीकृत हैं। इनमें से 11 MSOs और 1 हेडेंड-इन-द-स्काई (HITS) ऑपरेटर के पास एक मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। GTPL हैथवे 9.11 मिलियन सब्सक्राइबर्स के साथ सबसे आगे है, जबकि सिटी नेटवर्क्स लिमिटेड और हैथवे डिजिटल लिमिटेड के क्रमश: 5.30 मिलियन और 5.29 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं और वे क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। थमिग्ज़ा केबल टीवी कम्युनिकेशन लिमिटेड के 3.81 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं और केरल कम्युनिकेटर्स केबल लिमिटेड के 3.50 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं।
OTT का बढ़ता प्रभाव
डिजिटलाइजेशन ने पारंपरिक पे टीवी इंडस्ट्री के लिए पहले से ही बड़ी चुनौती पेश की थी और अब OTT प्लेटफॉर्म्स पर लाइव चैनल्स के प्रसारण ने स्थिति और गंभीर कर दी है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद विविध और अनगिनत कंटेंट और ऑन-डिमांड वीडियो देखने की सुविधा ने दर्शकों की टीवी देखने की आदतों को बदल दिया है। खासकर हाल के दिनों में OTT प्लेटफॉर्म्स पर लाइव चैनलों की उपलब्धता ने इस बदलाव को और तेज कर दिया है। इस वजह से केबल ऑपरेटर्स को अपने सब्सक्राइबर्स बनाए रखने और बदलते माहौल में अपनी प्रासंगिकता बचाए रखने को लेकर गंभीर चिंता हो रही है।
एक अध्ययन के अनुसार, 84% घरों में एक से अधिक लोग कनेक्टेड टीवी (CTV) पर अलग-अलग कंटेंट देख रहे हैं। जैसे पहले टीवी पर लोग चैनल बदलते थे, अब वे OTT, गेमिंग और अन्य चैनलों के बीच स्विच करते हैं। इससे OTT सेवाओं ने भी अपने ऑफर्स का विस्तार किया है।
केबल इंडस्ट्री को अब अपनी लंबी अवधि की स्थिरता को लेकर गहरे संदेह हो रहे हैं। इन प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते प्रभाव ने दर्शकों को अधिक विकल्प दिए हैं और उन्हें कहीं भी, कभी भी अपने पसंदीदा कार्यक्रम देखने की सुविधा प्रदान की है। इस स्थिति में केबल ऑपरेटर्स खुद को एक ऐसे मोड़ पर खड़ा पा रहे हैं, जहां उन्हें तेजी से बदलते इस परिदृश्य के साथ तालमेल बिठाना होगा, जो उनके लिए एक बड़ी चुनौती है।
एक अन्य एक्सपर्ट ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "स्ट्रीमिंग की ओर बदलाव से सब्सक्राइबर्स के पारंपरिक सेवाओं से दूर होने की संभावना है, जिससे उनके सब्सक्राइबर्स बेस में और कमी आएगी। यह चिंता बताती है कि तत्काल ही कोई आवश्यक कदम उठाया जाए, क्योंकि इससे इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान हो सकता है।" उन्होंने कहा, "MIB को प्रस्तुत किया जाने वाला मसौदा इन चिंताओं को रेखांकित करता है।"
वैसे सिर्फ डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स (DPOs) ही नहीं, बल्कि बड़े नेटवर्क्स भी OTT प्लेटफॉर्म्स पर अपनी उपस्थिति से प्रभावित हो रहे हैं। विडंबना यह है कि इन नेटवर्क्स की यू-ट्यूब (YouTube) चैनलों से होने वाली कमाई उनकी पेड टीवी सेवाओं के सब्सक्राइबर्स को कम कर रही है, क्योंकि दर्शक अब कनेक्टेड टीवी पर रिकॉर्ड किया हुआ या पहले से प्रसारित कंटेंट देखना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
हालांकि, ब्रॉडकास्टर्स इस विचार से सहमत नहीं हैं और उनका मानना है कि यह सही नहीं है।
ब्रॉडकास्टर्स का पक्ष
ब्रॉडकास्टर्स इस बात से असहमत हैं कि OTT प्लेटफॉर्म्स पर लाइव चैनल्स दिखाए जा रहे हैं। एक ब्रॉडकास्टर ने बताया, "OTT पर लाइव चैनल्स नहीं दिखाए जा रहे हैं। वहां चयनित कंटेंट दिखाया जा रहा है, जिसके कॉपीराइट ब्रॉडकास्टर के पास हैं। जिसके पास कॉपीराइट है, वह उसे किसी भी प्लेटफॉर्म पर दिखा सकता है और इसे कोई रोक नहीं सकता।"
उन्होंने कहा, "यह पहली बार नहीं है जब केबल ऑपरेटर्स ने यह मुद्दा उठाया है। लेकिन चूंकि सूचना-प्रसारण मंत्रालय अंतर्निहित अधिकारों को समझता है, इसलिए ब्रॉडकास्टर्स को अपने कंटेंट का उपयोग करने से रोक नहीं सकते।''
इस नई जिम्मेदारी को संभालने से पहले शिवम गुप्ता ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में कार्यरत थे, जहां से उन्होंने पिछले दिनों इस्तीफा दे दिया था।
वरिष्ठ टीवी पत्रकार शिवम गुप्ता देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) में एक बार फिर शामिल हो गए हैं। उन्होंने यहां पर ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) में इनपुट एडिटर के तौर पर जॉइन किया है।
इस नई जिम्मेदारी को संभालने से पहले शिवम गुप्ता ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में कार्यरत थे, जहां से उन्होंने पिछले दिनों इस्तीफा दे दिया था। वह यहां पर करीब दो साल से हेड (Content Carousel) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। पूर्व में वह करीब एक साल तक ‘जी न्यूज’ (Zee News) में असाइनमेंट हेड भी रहे हैं।
बता दें कि इनपुट के माहिर खिलाड़ी शिवम गुप्ता की ‘एबीपी न्यूज’ के साथ यह दूसरी पारी है। पूर्व में करीब 16 साल तक वह इस न्यूज चैनल में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। यही नहीं, पूर्व में वह करीब ढाई साल तक ‘सहारा समय’ (Sahara Samay) की टीम का हिस्सा भी रहे हैं।
समाचार4मीडिया की ओर से शिवम गुप्ता को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
केरल हाई कोर्ट ने सोमवार को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के नए नियमों को चुनौती देने वाली ब्रॉडकास्टर्स की याचिका को खारिज कर दिया।
केरल हाई कोर्ट ने सोमवार को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के नए नियमों को चुनौती देने वाली ब्रॉडकास्टर्स की याचिका को खारिज कर दिया। इस नियम के तहत, जो चैनल डीडी फ्रीडिश (DD Free Dish) पर बिना सब्सक्रिप्शन शुल्क के उपलब्ध हैं, उन्हें ब्रॉडकास्टर्स DPO के लिए पेड चैनल घोषित नहीं कर सकते।
सूत्रों के अनुसार, हाई कोर्ट ने याचिका को याचिका को 'अस्वीकार्य' मानते हुए खारिज कर दिया है और कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिए टेलीकॉम डिस्प्यूट्स सेटलमेंट एंड अपीलेट ट्रिब्यूनल (TDSAT) उपयुक्त मंच है। हालांकि विस्तृत आदेश अभी आना बाकी है।
यह याचिका इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (IBDF), वायकॉम18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड (Viacom18 Media Pvt Ltd) और स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Star India Pvt Ltd) ने केरल हाई कोर्ट में दायर की थी, जोकि TRAI द्वारा जुलाई में जारी एक अधिसूचना के खिलाफ थी, जिसमें ब्रॉडकास्टरों को फ्री-टू-एयर (FTA) चैनलों को पे-चैनलों के साथ बंडल करने (यानि एक साथ पैकेज के रूप में पेश करने) से रोका गया है। याचिकाकर्ताओं ने इस नियम को चुनौती दी है, क्योंकि यह उनके चैनल बंडलिंग और प्रसारण के अधिकारों को सीमित करता है।
याचिकाकर्ताओं ने TRAI के 2024 टैरिफ ऑर्डर के उस प्रावधान को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया है कि जो चैनल प्रसार भारती के डीडी फ्रीडिश प्लेटफॉर्म पर बिना सब्सक्रिप्शन शुल्क के उपलब्ध है, उसे ब्रॉडकास्टर्स द्वारा पेड चैनल के रूप में घोषित नहीं किया जा सकता।"
इसके साथ ही, याचिकाकर्ताओं ने उन प्रावधानों का भी विरोध किया, जो ब्रॉडकास्टर्स को FTA चैनलों को पेड चैनलों के साथ बंडल करने से रोकते हैं। उनका तर्क है कि इससे उनकी प्रतिस्पर्धात्मक ऑफर्स प्रभावित होंगे और वे निजी DTH ऑपरेटर्स और MSOs को FTA चैनल्स के साथ पेड चैनल्स की बंडलिंग नहीं कर पाएंगे।
लंबे समय से चल रहा विवाद
केबल ऑपरेटर्स और ब्रॉडकास्टर्स के बीच कंटेंट डिस्ट्रीब्यूशन और कीमत निर्धारण को लेकर लंबे समय से टकराव चल रहा है। ब्रॉडकास्टर्स का कहना है कि उन्हें FTA चैनलों को पेड चैनलों के साथ बंडल करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए ताकि वे बेहतर प्रतिस्पर्धात्मक विकल्प पेश कर सकें। वहीं, केबल ऑपरेटर्स और नियामक निकाय बाजार में पारदर्शिता और उचित मूल्य निर्धारण पर जोर देते हैं।
क्या होगा आगे?
यह विवाद तेजी से बदलते मीडिया परिदृश्य की चुनौतियों को दर्शाता है, जहां उपभोक्ताओं की पसंद और तकनीक पारंपरिक ब्रॉडकास्टिंग मॉडल्स को बदल रही हैं। इस नियामकीय परिवर्तन का परिणाम भारत में कंटेंट डिस्ट्रीब्यूशन की भविष्य की रणनीतियों और व्यापारिक मॉडल्स पर गहरा प्रभाव डालेगा।
मुंबई की एक विशेष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर TRP घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस को खारिज कर दिया है।
मुंबई की एक विशेष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर TRP घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस को खारिज कर दिया है। यह मामला टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (TRP) में हेराफेरी से जुड़ा था, जिसका आरोप कई टीवी चैनलों और न्यूज चैनलों पर लगाया गया था।
टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (TRP), जो एक विशिष्ट समय स्लॉट के दौरान किसी कार्यक्रम के दर्शकों की संख्या को मापता है, किसी शो की लोकप्रियता का प्रमुख संकेतक हैं और विज्ञापन राजस्व को प्रभावित करता है।
यह घटनाक्रम मुंबई पुलिस द्वारा उस मामले को वापस लेने के बाद आया है जिसके कारण ED की मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू हुई थी। 2020 में, मुंबई पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने एक ऐसी योजना का पर्दाफाश किया है जिसमें कुछ टीवी चैनल विज्ञापन राजस्व बढ़ाने के लिए TRP में हेरफेर कर रहे थे, ताकि वे विज्ञापन से अधिक राजस्व कमा सकें। हालांकि, 2023 तक, मुंबई पुलिस ने मजिस्ट्रेट कोर्ट को मामले को पूरी तरह से खत्म करने के अपने फैसले के बारे में सूचित कर दिया।
TRP घोटाले का खुलासा
मुंबई पुलिस के अनुसार, अक्टूबर 2020 में इस घोटाले का खुलासा हुआ था जब यह पता चला कि कुछ चैनल TRP में हेरफेर करने के लिए लोगों को पैसे दे रहे थे। पुलिस ने आरोप लगाया था कि मुंबई के झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले कुछ परिवारों को 400 से 500 रुपये प्रति माह दिए जा रहे थे ताकि वे विशेष चैनलों को चालू रखें।
इस जांच में पाया गया कि 'ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल' (BARC) ने मुंबई में TRP की निगरानी के लिए 1,800 बैरोमीटर की स्थापना की थी, जिसे 'हंसा रिसर्च' नामक कंपनी ने आउटसोर्स किया था। हंसा रिसर्च ने ही बाद में कुछ पूर्व कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की, जिन पर यह आरोप था कि उन्होंने उन घरों के गोपनीय डेटा का दुरुपयोग किया जहां इन TRP बैरोमीटर लगाए थे।
पुलिस जांच और आरोप
मुंबई पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति और कुछ अन्य आरोपी हंसा रिसर्च के कर्मचारी थे, जिन्होंने अपने फायदे के लिए गोपनीय डेटा का दुरुपयोग किया। यह भी पाया गया कि इन व्यक्तियों ने कुछ टीवी चैनलों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए बैरोमीटर उपयोगकर्ताओं को पैसे देकर उन्हें एक विशेष चैनल देखने के लिए प्रलोभित किया था, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न विज्ञापनदाताओं और उनकी एजेंसियों को नुकसान हुआ। पुलिस ने कहा कि कई घरों के लोग इस बात को मान चुके थे कि उन्हें टीवी सेट चालू रखने के लिए पैसे दिए गए थे, भले ही वे वास्तव में उस चैनल को नहीं देख रहे थे।
हंसा रिसर्च के सीईओ प्रवीण निझारा ने कहा, "हंसा रिसर्च और BARC ने पिछले कुछ हफ्तों में इस मामले की जांच की थी, जिसके निष्कर्ष के अनुसार हंसा रिसर्च ने एक पूर्व कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, जो कुछ गलत कामों में लिप्त था। हंसा रिसर्च हमेशा इन मुद्दों को लेकर सतर्क रहा है और जब भी ऐसे मामले हमारे संज्ञान में आए हैं, तो BARC और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सूचित करने में सक्रिय रहा है। हम BARC और अधिकारियों के साथ सहयोग करते रहेंगे।"
मुंबई पुलिस प्रमुख की प्रेस वार्ता के तुरंत बाद 'रिपब्लिक टीवी' ने भी एक बयान जारी किया था जिसमें कहा गया था:
'रिपब्लिक टीवी' का बयान
इस मामले में 'रिपब्लिक टीवी' का नाम सामने आने के बाद चैनल के एडिटर-इन-चीफ अरनब गोस्वामी ने मुंबई पुलिस पर पलटवार करते हुए कहा था कि चैनल पर लगाए गए आरोप गलत हैं। उन्होंने कहा था, “मुंबई पुलिस कमिश्नर पीबी सिंह ने रिपब्लिक टीवी के खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं क्योंकि हमने सुशांत सिंह राजपूत की जांच में उनसे पूछताछ की है। रिपब्लिक टीवी मुंबई पुलिस कमिश्नर पीबी सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करेगा; BARC की एक भी रिपोर्ट में रिपब्लिक टीवी का जिक्र नहीं है। भारत के लोग सच्चाई जानते हैं। सुशांत सिंह राजपूत मामले में श्री पीबी सिंह की जांच सवालों के घेरे में है और पालघर, सुशांत सिंह राजपूत मामले या किसी अन्य मामले पर रिपब्लिक टीवी की रिपोर्टिंग के कारण यह एक हताशा भरा कदम है। इस तरह का निशाना रिपब्लिक टीवी में सभी के सत्य को और भी मजबूती से सामने लाने के संकल्प को मजबूत करता है। पीबी सिंह आज पूरी तरह से बेनकाब हो गए हैं क्योंकि BARC ने किसी भी शिकायत में रिपब्लिक का जिक्र नहीं किया है। उन्हें आधिकारिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए और अदालत में हमारा सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।”
BARC और TRP रेटिंग्स का निलंबन
'ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल' (BARC) ने अक्टूबर 2020 में TRP घोटाले के बाद न्यूज चैनलों की रेटिंग्स को 18 महीनों के लिए निलंबित कर दिया था। इस दौरान किसी भी न्यूज़ चैनल की TRP रेटिंग नहीं दी गई। यह निलंबन तब तक जारी रहा जब तक कि सरकार के हस्तक्षेप के बाद मार्च 2022 में BARC ने रेटिंग्स फिर से शुरू नहीं की।
यह TRP घोटाला एक महत्वपूर्ण मामला था जिसने टीवी चैनलों के विज्ञापन और रेटिंग्स को लेकर कई सवाल खड़े किए थे। ED की मनी लॉन्ड्रिंग जांच अब समाप्त हो चुकी है, लेकिन TRP सिस्टम की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर बहस अभी भी जारी है।
देश की प्रतिष्ठित मैगजीन 'BW बिजनेसवर्ल्ड' के हिंदी डिजिटल प्लेटफॉर्म को लीड कर रहे नीरज सिंह ने यहां से इस्तीफा दे दिया है
देश की प्रतिष्ठित मैगजीन 'BW बिजनेसवर्ल्ड' के हिंदी डिजिटल प्लेटफॉर्म को लीड कर रहे नीरज सिंह ने यहां से इस्तीफा दे दिया है और अब वह 'एबीपी न्यूज' से अपनी नई पारी शुरू कर रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, वह चैनल के आउटडेस्क पर एक बड़ी भूमिका निभाते नजर आएंगे।
'बिजनेसवर्ल्ड' से पहले वह हिंदी न्यूज चैनल ‘इंडिया डेली लाइव’ में आउटपुट हेड के तौर पर कार्यरत थे।
नीरज सिंह के करियर की बात करें तो वह ‘इंडिया डेली लाइव’ से पूर्व 'आजतक' में एडिटर की भूमिका रहे थे। ‘आजतक’ से पहले नीरज सिंह ‘जी हिन्दुस्तान’ के आउटपुट हेड की जिम्मेदारी निभा रहे थे। यहां पर टीवी के साथ ‘जी हिन्दुस्तान’ के डिजिटल और सोशल का प्रभार भी नीरज सिंह के पास ही था, जहां उन्होंने कई सफल प्रयोग किए, जिसके चलते कई बार लाइव व्युअरशिप में ‘जी हिन्दुस्तान’ दूसरे चैनलों से आगे रहा।
‘जी हिन्दुस्तान’ से पहले नीरज सिंह ‘रिपब्लिक भारत’ के साथ बतौर सीनियर एसोसिएसट एडिटर जुड़े हुए थे। यहां पर नीरज सिंह अरनब गोस्वामी के लोकप्रिय शो ‘पूछता है भारत’ को चैनल लॉन्चिंग के दिन से ही प्रड्यूस कर रहे थे। शो के टॉपिक, रिसर्च और आइडिया की पूरी जिम्मेदारी नीरज ही संभालते थे। साथ ही ‘रिपब्लिक भारत’ डिजिटल का भी नेतृत्व करते थे।
‘रिपब्लिक भारत’ से पहले 5 साल तक नीरज सिंह ‘जी न्यूज’ के साथ अलग-अलग भूमिकाओं में जुड़े रहे। ‘जी न्यूज’ से पहले नीरज सिंह कई वर्षों तक अखबारों और डिजिटल मीडिया से जुड़े रहे।
नीरज सिंह की गिनती उन चुनिंदा पत्रकारों में की जाती है, जिन्हें टीवी, प्रिंट और डिजिटल तीनों ही माध्यमों में काम करने करने का अनुभव है।
नीरज सिंह की पढ़ाई-लिखाई प्रयागराज विश्वविद्यालय से हुई है। यहीं से नीरज सिंह हिंदी साहित्य में नेट क्वालीफाइ और पीएचडी हैं।
पंकज झा इससे पहले करीब दो साल से ‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) नेटवर्क के साथ जुड़े हुए थे, जहां से उन्होंने पिछले दिनों इस्तीफा दे दिया था।
वरिष्ठ टीवी पत्रकार पंकज झा ने ‘एनडीटीवी’ (NDTV) समूह के साथ मीडिया में अपनी नई पारी शुरू कर दी है। उन्होंने ‘एनडीटीवी इंडिया’ (NDTV India) में बतौर कंसल्टिंग एडिटर जॉइन कर लिया है। इस बारे में पंकज झा ने अपने ‘एक्स’ (X) हैंडल पर भी जानकारी शेयर की है।
नवरात्र के पहले दिन से ऑफिस का पता अब बदल गया है… pic.twitter.com/5GiDDvpqSG
— पंकज झा (@pankajjha_) October 3, 2024
पंकज झा इससे पहले करीब दो साल से ‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) के साथ जुड़े हुए थे, जहां से उन्होंने पिछले दिनों इस्तीफा दे दिया था। वह इस नेटवर्क के हिंदी न्यूज चैनल ‘टीवी9 भारतवर्ष’ (TV9 Bharatvarsh) में बतौर रोविंग एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
‘टीवी9 नेटवर्क’ से पहले पंकज झा करीब दो दशक से ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) के साथ जुड़े हुए थे। मूल रूप से मधुबनी (बिहार) के रहने वाले पंकज झा को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब 25 साल का अनुभव है।
‘एबीपी न्यूज’ से पहले वह ‘जी न्यूज’ (Zee News) में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं। पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो पंकज झा ने ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। समाचार4मीडिया की ओर से पंकज झा को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
'वायकॉम18' (Viacom18) में रेवेन्यू हेड के तौर पर काम करने के बाद नूपुर श्रीवास्तव ने यहां से 16 साल बाद विदाई ले ली है। वह अब 'सोनी लिव' (SonyLIV) के साथ जुड़ गई हैं।
'वायकॉम18' (Viacom18) में रेवेन्यू हेड के तौर पर काम करने के बाद नूपुर श्रीवास्तव ने यहां से 16 साल बाद विदाई ले ली है। वह अब 'सोनी लिव' (SonyLIV) के साथ जुड़ गई हैं। 'एक्सचेंज4मीडिया' को सूत्रों से इस बात की जानकारी मिली है।
नूपुर श्रीवास्तव के पास मीडिया व एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कई प्लेटफॉर्म्स जैसे ब्रॉडकास्ट, डिजिटल, प्रिंट, रेडियो और नए जमाने के मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफॉर्म पर काम करने का गहरा अनुभव है। उन्होंने Viacom18 में रहते हुए विभिन्न लोकप्रिय ब्रैंड्स जैसे MTV, Vh1, Comedy Central, Colors Infinity, Nickelodeon India और Nick Jr. के जरिए अलग-अलग श्रोताओं को टारगेट किया।
नूपुर श्रीवास्तव ने 2008 से 2019 तक Viacom18 में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और किड्स एंटरटेनमेंट की रेवेन्यू हेड के रूप में काम किया। अगस्त 2019 में उन्हें यूथ, म्यूजिक, इंग्लिश और किड्स के एंटरटेनमेंट के लिए सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और रेवेन्यू हेड के पद पर प्रमोट किया गया, जहां उन्होंने कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ में अहम भूमिका निभाई।
Viacom18 से पहले नूपुर श्रीवास्तव ने सहारा इंडिया टीवी नेटवर्क में डिप्टी सेल्स मैनेजर (ग्रुप हेड) के रूप में अक्टूबर 2005 से फरवरी 2008 तक काम किया। इससे पहले उन्होंने हिन्दुस्तान टाइम्स, स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में सेल्स सीनियर एग्जिक्यूटिव, रेडियो सिटी, मिड-डे मल्टीमीडिया लिमिटेड और कॉर्न प्रोडक्ट्स कंपनी जैसी जगहों पर भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं।
SonyLIV में नूपुर श्रीवास्तव के जुड़ने से कंपनी को उनके व्यापक अनुभव और शानदार रिकॉर्ड का लाभ मिलेगा। उनकी विशेषज्ञता SonyLIV को स्ट्रीमिंग इंडस्ट्री में अपने कंटेंट को और विस्तार देने और प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने में मदद करेगी।
विकास श्रीवास्तव इससे पहले ‘आईटीवी नेटवर्क’ (ITV Network) के हिंदी न्यूज चैनल ‘इंडिया न्यूज’ (India News) में मुंबई के ब्यूरो चीफ की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
वरिष्ठ टीवी पत्रकार विकास श्रीवास्तव के बारे में खबर है कि उन्होंने हिंदी न्यूज चैनल ‘लाइव टाइम्स’ (Live Times) जॉइन कर लिया है। वह मुंबई में ब्यूरो चीफ की जिम्मेदारी संभालेंगे।
विकास श्रीवास्तव इससे पहले ‘आईटीवी नेटवर्क’ (ITV Network) के हिंदी न्यूज चैनल ‘इंडिया न्यूज’ (India News) में मुंबई के ब्यूरो चीफ की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। हालांकि, इस समूह के साथ उनका सफर संक्षिप्त रहा। उन्होंने इसी साल मार्च में यहां जॉइन किया था और कुछ समय पहले यहां से इस्तीफा दे दिया है।
यहां अपनी पारी के दौरान उन्होंने ‘इंडिया न्यूज़’ और इसी ग्रुप के अंग्रेजी चैनल ‘न्यूजएक्स’ के लिए कई बड़े नेताओं के इंटरव्यू किए, जिनमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पीयूष गोयल के अलावा प्रफुल्ल पटेल, डॉ श्रीकांत शिंदे और नवनीत राणा जैसे नाम शामिल हैं।
नवंबर 2002 में ‘आजतक’ (AajTak) के साथ अपने टीवी करियर की शुरुआत करने वाले विकास श्रीवास्तव के पास करीब 22 वर्षों का अनुभव है। इस दौरान वह ‘आईबीएन7’ (अब न्यूज18 इंडिया), ‘मुंबई मिरर’, ‘ टीवी9’ और ‘न्यूज नेशन’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों के लिए काम कर चुके हैं।
‘न्यूज नेशन’ में भी वह एडिटर के तौर पर मुंबई ब्यूरो की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। लेकिन निजी कारणों से उन्होंने अगस्त 2022 में ‘न्यूज नेशन’ से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने कुछ स्टार्ट अप्स के लिए भी काम किया, लेकिन फिर उन्होंने ‘इंडिया न्यूज’ के जरिये मेनस्ट्रीम मीडिया में वापसी की और अब यहां से होते हुए ‘लाइव टाइम्स’ पहुंचे हैं।
बता दें कि विकास श्रीवास्तव अपनी रिपोर्टिंग की अलग शैली, भाषा पर पकड़ और अपनी ग्राउंड रिपोर्ट्स के लिए जाने जाते हैं। समाचार4मीडिया की ओर से विकास श्रीवास्तव को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
वह यहां पर करीब दो साल से हेड (Content Carousel) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। इससे पहले वह करीब एक साल तक ‘जी न्यूज’ (Zee News) में असाइनमेंट हेड भी रहे थे।
वरिष्ठ पत्रकार शिवम गुप्ता ने ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह यहां पर करीब दो साल से हेड (Content Carousel) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। इससे पहले वह करीब एक साल तक ‘जी न्यूज’ (Zee News) में असाइनमेंट हेड भी रहे थे।
विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली खबर की मानें तो वह अब ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) के साथ अपनी नई पारी शुरू करने जा रहे हैं। हालांकि, अभी इस खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
बता दें कि शिवम गुप्ता पूर्व में करीब 16 साल तक ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। यही नहीं, पूर्व में वह करीब ढाई साल तक ‘सहारा समय’ (Sahara Samay) की टीम का हिस्सा भी रहे हैं।
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) ने मंगलवार को अपने 32 साल पूरे होने का जश्न मनाया। इस मौके पर कंपनी ने अपने दर्शकों के प्रति समर्पण और बेहतरीन मनोरंजन प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दोहराया
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) ने मंगलवार को अपने 32 साल पूरे होने का जश्न मनाया। इस मौके पर कंपनी ने अपने दर्शकों के प्रति समर्पण और बेहतरीन मनोरंजन प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दोहराया, जिसने जी को देश की सबसे बड़ी घरेलू मनोरंजन कंपनी के रूप में स्थापित किया है।
एक प्रेस विज्ञप्ति में ज़ी ने कहा, "पिछले 32 वर्षों में, ज़ी ने टेलीविज़न, डिजिटल, फिल्म और संगीत के माध्यम से न केवल भारतीय संस्कृति और परंपराओं को प्रस्तुत किया है, बल्कि पूरी दुनिया में करोड़ों दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई है।"
इस अवसर पर ज़ी के एमडी और सीईओ पुनीत गोयनका ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कंपनी के भविष्य की योजनाओं पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कंपनी अपने व्यवसाय के सभी क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन के जरिए मुनाफे को बढ़ाने और सभी हितधारकों के लिए अधिक मूल्य उत्पन्न करने की दिशा में काम कर रही है।
गोयनका ने कहा, "यह दिन हमारे लिए सिर्फ एक मील का पत्थर नहीं है, बल्कि हमारी कड़ी मेहनत, सफलता और 32 वर्षों की सीख का प्रतीक है। हमने मिलकर चुनौतियों का सामना किया, जीत का जश्न मनाया और इंडस्ट्री में एक प्रतिष्ठित नाम के रूप में उभरे। अगले 32 वर्षों में, मैं ज़ी को समाज के लिए एक नई उम्मीद और बदलाव का प्रतीक बनते हुए देखता हूं।"
कंपनी ने अपने व्यापार में बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित करने और भविष्य में स्थिर विकास के लिए आवश्यक कदम उठाने की योजना बनाई है, जिसमें फोकस गुणवत्ता कंटेंट, किफायत और अनुकूलन पर है।