‘जी’ (Zee) समूह से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। खबर है कि ‘जी न्यूज’ (Zee News) के आउटपुट हेड सिद्धिनाथ विश्वकर्मा ने यहां अपनी पारी को विराम दे दिया है।
‘जी’ (Zee) समूह से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। खबर है कि ‘जी न्यूज’ (Zee News) के आउटपुट हेड सिद्धिनाथ विश्वकर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस बारे में उन्होंने संस्थान के शीर्ष प्रबंधन को एक लेटर भी लिखा है।
बता दें कि सिद्धिनाथ वर्ष 2014 से ‘जी न्यूज’ में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। सिद्धिनाथ को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का करीब 20 साल का अनुभव है। मूल रूप से झारखंड के रहने वाले सिद्धिनाथ ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन से रेडियो-टीवी जर्नलिज्म की पढ़ाई की है।
पत्रकारिता में अपने करियर की शुरुआत सिद्धिनाथ ने ‘दैनिक जागरण’ की वेबसाइट से की थी। इसके बाद उन्होंने ‘सहारा समय’ से टीवी की दुनिया में कदम रखा। ‘सहारा समय’ के बाद सिद्धिनाथ ने ‘आजतक’ में भी लंबे समय तक काम किया। इसके बाद वह करीब छह साल से ’जी न्यूज’ के साथ जुड़े हुए थे। हालांकि, अब उनका अगला कदम क्या होगा, फिलहाल इस बारे में पता नहीं चल पाया है।
‘जी न्यूज’ से अपनी विदाई के बारे में सिद्धिनाथ ने एक लेटर भी लिखा है, जिसे आप हूबहू यहां पढ़ सकते हैं।
मेरे पितातुल्य जवाहर सर इस संस्थान में एक संजीवनी बनकर आए जो बस इतना भर पूछ देते थे 'हां भाई ठीक हो ना' । उनके जैसे बड़े और महान व्यक्ति से इतना सम्मान मिलना मेरे लिए गर्व की बात है और मेरे 20 वर्षों की सबसे बड़ी पूंजी है। आज अगर मेरे पिता होते तो मेरी इस उपलब्धि पर गर्व करते। जवाहर सर को मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि सर आपके इस अटूट और अटल भरोसे के लिए मैं अपनी आखिरी सांस तक आपका ऋणी रहूंगा। आपने मुझे कई बार रोका, कई बार मना किया कि 'नहीं तुम्हें इस्तीफा नहीं देना है'। लेकिन अब मैं उनसे बड़ी ही विनम्रता के साथ क्षमा चाहता हूं, अब यहां रहना मेरे लिए असहनीय है। क्योंकि ये मेरे साथ काम करने वाली हर महिला, हर पुरुष और मेरे आत्मसम्मान की बात है। मेरी टीम ने कई बार मुझसे कहा कि आपको यहां नहीं रहना चाहिए, आपका इस तरह का अपमान हम नहीं देख सकते। पर मैं उनको हमेशा कहता रहा कि ये संस्थान बहुत बड़ा है और यहां ये सब छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं। पर अब मेरे सब्र का बांध टूट चुका है, क्योंकि मैं ये कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता कि मेरी बच्चियों के साथ कोई अभद्र व्यवहार करे। आगे अपने व्यक्तिगत या व्यावसायिक जीवन में मैं कोई भी काम जवाहर सर की अनुमति के बगैर नहीं करूंगा। और जवाहर सर हमेशा कहते हैं, ‘सीखते रहो और बढ़ते रहो’। अब मैं अपने जीवन में इसी उद्देश्य की खोज जारी रखना चाहता हूं।
हमारे संस्थापक डॉ. सुभाष चंद्रा सर से मुझे एक-दो बार मिलने का सौभाग्य मिला, इस दौरान मैंने उनसे बहुत कुछ सीखने और समझने का प्रयास किया। उन्होंने जो भी कार्य मुझे सौंपा मैंने बड़ी ही जिम्मेदारी के साथ उसका अक्षरश: पालन किया। पर मैं अब उनसे इस बात के लिए क्षमा चाहता हूं कि मैं उनकी डिजिटल क्रांति का हिस्सा नहीं बन पाऊंगा।
इस पूरी यात्रा में मैं, मेरे गुरुतुल्य सुधीर चौधरी सर का अपने रोम-रोम से धन्यवाद करना चाहूंगा जिन्होंने मुझे इस लायक बनाया कि मैं 20 वर्षों बाद ही सही अपनी मां, मातृभूमि और महादेव के बारे में सोचने के लायक बना। मैं अपने गुरु और बॉस सुधीर चौधरी से इस बात के लिए क्षमा मांगना चाहता हूं कि वो मुझे अपना अर्जुन बनाना चाहते थे और मैं बुधिया साबित हुआ ।
करीब 20 वर्षों के कठिन परिश्रम और मेहनत के बाद पहली बार पिछले 10 दिनों में मुझे आत्ममंथन करने का समय और अवसर मिला है और अब मैंने यही तय किया है कि आने वाले समय में मेरा जीवन सिर्फ और सिर्फ मां, मातृभूमि और महादेव को समर्पित रहेगा।
हमेशा के लिए आपका
सिद्धिनाथ
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।टीआरपी से छेड़छाड़ के मामले को लेकर इन दिनों 'घमासान' मचा हुआ है।
निजी टेलिविजन न्यूज चैनल्स का प्रतिनिधित्व करने वाले समूह ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ (NBA) ने ‘इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन’ (Indian Broadcasting Foundation) में ‘रिपब्लिक टीवी’ (Republic TV) की सदस्यता को निलंबित करने की मांग की है। ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) इंडिया के पूर्व चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) पार्थो दासगुप्ता और ‘रिपब्लिक टीवी’ (Republic TV) के एडिटर-इन-चीफ अरनब गोस्वामी के बीच वॉट्सऐप चैट का हवाला देते हुए ‘एनबीए’ ने यह भी मांग की है कि जब तक इस मामले में अदालत का अंतिम फैसला नहीं आ जाता, तब तक रिपब्लिक टीवी को BARC के रेटिंग सिस्टम से बाहर रखा जाए।
‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ का कहना है कि पार्थो दासगुप्ता और अरनब गोस्वामी के बीच कथित रूप से किए गए सैकड़ों वॉट्सऐप चैट को देखकर काफी झटका लगा है। ‘एनबीए’ के अनुसार, ‘इस मैसेजों को देखकर स्पष्ट रूप से पता चलता है कि रिपब्लिक टीवी की व्युअरशिप ज्यादा दिखाने और अन्य चैनल्स की व्युअरशिप को कम दिखाने के लिए मिलीभगत कर रेटिंग से छेड़छाड़ की गई। ये वॉट्सऐप मैसेज न सिर्फ रेटिंग्स में हेरफेर को दर्शाते हैं, बल्कि शक्ति के दुरुपयोग (Power Play) को भी दिखाते हैं। इससे पुष्टि होती है कि एनबीए की ओर से जो आरोप लगाए जाते रहे हैं कि बार्क के शीर्ष अधिकारियों की मिलीभगत से एनबीए के गैरसदस्य ब्रॉडकास्टर द्वारा रेटिंग्स में छेड़छाड़ की जा रही है, वह सही हैं।’
एनबीए ने मांग की है कि जब तक टीआरपी से छेड़छाड़ का मामला कोर्ट में है, तब तक रिपब्लिक टीवी की इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन की सदस्यता निलंबित कर देनी चाहिए। एनबीए बोर्ड का यह भी विचार है कि रिपब्लिक टीवी द्वारा रेटिंग में हेरफेर ने ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री की प्रतिष्ठा को बहुत नुकसान पहुंचाया है और इसलिए इस मामले में अदालत के अंतिम आदेश तक इसे BARC की रेटिंग प्रणाली से बाहर रखा जाना चाहिए।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।टीवी चैनल्स की रेटिंग जारी करने वाली संस्थान बार्क (BARC) न्यूज चैनल्स की रेटिंग के लिए अपनी ब्लैकआउट अवधि को और तीन महीनें बढ़ा सकती है।
टीवी चैनल्स की रेटिंग जारी करने वाली संस्था ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ऑफ इंडिया (BARC) न्यूज चैनल्स की रेटिंग के लिए अपनी ब्लैकआउट अवधि को और तीन महीनें तक बढ़ा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स में इस तरह की खबर निकलकर सामने आई हैं।
टीआरपी से छेड़छाड़ (TRP manipulation) के मामले को लेकर मचे घमासान के बीच BARC ने 15 अक्टूबर 2020 को 12 हफ्ते के लिए न्यूज चैनल्स की रेटिंग्स न जारी करने का फैसला लिया था, जिसकी समय-सीमा का आखिरी दिन 15 जनवरी (शुक्रवार) था। बताया जा रहा है कि इस ब्लैकआउट की समय-सीमा को मुंबई पुलिस द्वारा टीआरपी घोटाले की जांच के चलते बढ़ाया जा सकता है।
वहीं दूसरी तरफ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन के विचारों में भिन्नता दिखाई दे रही है। वरिष्ठ टीवी पत्रकार रजत शर्मा के नेतृत्व वाले ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ (NBA) ने ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) इंडिया को सुझाव दिया है कि न्यूज चैनल्स की व्युअरशिप रेटिंग जारी करने पर लगाए गए प्रतिबंध (blackout period) को कुछ महीनों तक और बढ़ा दिया जाए, जबकि वरिष्ठ टीवी पत्रकार अरनब गोस्वामी के नेतृत्व वाले ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन’ (News Broadcasters Federation) ने ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) से न्यूज चैनल्स की रेटिंग तुरंत प्रभाव से जारी करने की मांग की है। इसके साथ ही एजेंसी से भविष्य के डाटा के लिए सुधारात्मक उपाय (corrective measures) करने का भी अनुरोध किया है।
टीआरपी से छेड़छाड़ को लेकर जब पहली खबर सामने आई तो बार्क ने अपनी टेक्निकल टीम को इस मामले के जांच आदेश दिए थे और तब तक के लिए सभी हिंदी, अंग्रेजी और बिजनेस न्यूज चैनल्स के रेटिंग को यह कहते हुए सस्पेंड कर दिया था कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक रेटिंग प्रकाशित नहीं की जाएगी और यह भी बताया था कि इस पूरी जांच में 8 से 12 सप्ताह लग सकता है।
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पिछले साल जून में निधि राजदान ने 21 साल की पारी के बाद एनडीटीवी से इस्तीफा देने का फैसला लिया था। एक ट्वीट के जरिये उन्होंने इसकी वजह भी बताई थी।
वरिष्ठ पत्रकार निधि राजदान ने शुक्रवार को एक ट्वीट में चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस ट्वीट में निधि राजदान का कहना है कि वह प्रतिष्ठित ‘हार्वर्ड यूनिवर्सिटी’ के फैकल्टी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर अपनी पारी शुरू नहीं करने जा रही हैं। इस ट्वीट में निधि राजदान ने कहा है कि दरअसल, उन्हें ‘हार्वर्ड यूनिवर्सिटी’ ने इस तरह का कोई ऑफर दिया ही नहीं था। निधि राजदान का कहना है कि वह फिशिंग अटैक (ऑनलाइन धोखाधड़ी, जहां ईमेल के जरिये धोखा देकर सारी जानकारी ले ली जाती है) का शिकार हुई हैं।
ट्वीट में निधि ने लिखा है, ' जून 2020 में मैंने यह कहते हुए 21 सालों की एनडीटीवी की नौकरी छोड़ने का फैसला लिया कि मैं हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में जर्नलिज्म के एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में जॉइन करने जा रही हूं। मुझे बताया गया था कि मैं सितंबर 2020 में यूनिवर्सिटी जॉइन करूंगी। मैं अपने नए असाइनमेंट की तैयारी कर रही थी, इसी दौरान मुझे बताया गया कि महामारी की वजह से मेरी क्लासेज जनवरी 2021 में शुरू होंगी।'
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निधि का कहना है, 'लगातार हो रही देर के बीच शुरू में तो मैंने यह सोचकर इन बातों पर ध्यान नहीं दिया कि महामारी में ये सब नॉर्मल है पर हाल ही में जो कुछ हुआ, वो ज्यादा परेशान करने वाला था। मैंने सीधे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारियों से स्थिति स्पष्ट करने के लिए संपर्क साधा और उनके आग्रह पर मैंने उनसे वे सारे कम्युनिकेशन्स शेयर किए जो तथाकथित रूप से यूनिवर्सिटी की ओर से किए गए थे।’
यूनिवर्सिटी का पक्ष जानने के बाद मुझे पता चला कि मैं साइबर फ्रॉड की शिकार हुई हूं और दरअसल हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने मुझे उनके जर्नलिज़्म डिपार्टमेंट की फैकल्टी बनने का कोई ऑफर भेजा ही नहीं था। राजदान का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इसके साथ ही हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अधिकारियों को लेटर लिखकर उनसे भी इस मामले को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है।
I have been the victim of a very serious phishing attack. I’m putting this statement out to set the record straight about what I’ve been through. I will not be addressing this issue any further on social media. pic.twitter.com/bttnnlLjuh
— Nidhi Razdan (@Nidhi) January 15, 2021
गौरतलब है कि पिछले साल जून में निधि राजदान का एक ट्वीट सामने आया था, जिसमें उन्होंने घोषणा की थी कि वह एनडीटीवी में 21 साल की अपनी पारी को विराम देकर साल के अंत तक ‘हार्वर्ड यूनिवर्सिटी’ के फैकल्टी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर अपनी पारी शुरू करेंगी। निधि राजदान की ओर से उस समय किए गए ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट्स आप यहां देख सकते हैं।
टीवी9 नेटवर्क (TV9 Network) ने अब अपने पंख फैला दिए हैं। इसके तहत उसने बंगाल न्यूज मार्केट में 24X7 की तर्ज पर एक न्यूज चैनल लॉन्च कर दिया है
टीवी9 नेटवर्क (TV9 Network) ने अब अपने पंख फैला दिए हैं। इसके तहत उसने बंगाल न्यूज मार्केट में 24X7 की तर्ज पर एक न्यूज चैनल लॉन्च कर दिया है, जिसका नाम है ‘टीवी9 बांग्ला’ (TV9 Bangla)। यह न्यूज चैनल टीवी9 नेटवर्क का छठा न्यूज चैनल है।
टीवी9 नेटवर्क का दावा है कि यह चैनल प्रदेश की 10 करोड़ जनता की न केवल आवाज बनेगा, बल्कि राज्य की जनता को निष्पक्ष खबरे दिखाएगा, वह भी किसी से डरे बगैर, किसी से प्रभावित हुए बगैर, सिर्फ दर्शकों की फिक्र से जुड़ी खबरों को प्रमुखता देगा।
नेटवर्क के मुताबिक, ‘टीवी9 बांग्ला’ के पास न्यूज इंडस्ट्री के सबसे अनुभवी और संवेदनशील पत्रकारों की टीम है, सबसे हाईटेक स्टूडियो है, पश्चिम बंगाल के सभी 23 जिलों में उसके रिपोर्टर खबरों का सीधा प्रसारण करने के लिए 24 घंटे मुस्तैद हैं।
नेटवर्क ने अनुभवी पत्रकार अंजन बंद्योपाध्याय के हाथों में ‘टीवी9 बांग्ला’ न्यूज चैनल के संपादक की कमान सौंपी हुई है। कलकत्ता विश्वविद्यालय से गोल्ड मेडलिस्ट रहे बंद्योपाध्याय को 32 वर्षों का अनुभव है और उन्होंने तमाम प्रमुख मीडिया घरानों के साथ काम किया है, जिनमें एबीपी, जी, ईटीवी और स्काई बांग्ला आदि शामिल हैं। वे ‘जी24 घंटा’ (Zee 24 Ghanta) के एडिटर (इनपुट) रह चुके हैं। उनका पिछला कार्यकाल एबीपी में डिजिटल के संपादक के तौर पर था।
इसके अलावा अमृतांशु भट्टाचार्य ‘TV9 बांग्ला’ के डिजिटल पोर्टल के संपादक की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। साथ ही वे टेलीविजन चैनल में मैनेजिंग एडिटर (आउटपुट) के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। भट्टाचार्य को प्रिंट, ऑडियो विजुअल और डिजिटल मीडिया में 25 वर्षों से भी ज्यादा का अनुभव है। वे ‘जुगांतर’ (Jugantar), ‘आजकल’ (Aajkaal), ‘ईटीवी’ (ETV) और ‘जी मीडिया कॉर्प’ (Zee Media Corp) के साथ काम कर चुके हैं। उनका पिछला कार्यकाल ‘जी24 घंटा’ (Zee 24 Ghanta) में डिजिटल हेड और असोसिएट एडिटर के तौर पर था।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन’ ने ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ से कुछ निहित स्वार्थों के दबाव में न आने की बात भी कही है।
न्यूज इंडस्ट्री से जुड़े मुद्दे सुलझाने और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स के हितों की रक्षा के लिए गठित ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन’ (News Broadcasters Federation) ने ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) से न्यूज चैनल्स की रेटिंग तुरंत प्रभाव से जारी करने की मांग की है। इसके साथ ही एजेंसी से भविष्य के डाटा के लिए सुधारात्मक उपाय (corrective measures) करने का भी अनुरोध किया है।
इस बारे में ‘एनबीएफ’ की ओर से कहा गया है, ‘न्यूज चैनल्स हजारों मीडिया प्रोफेशनल्स को रोजगार देते हैं और उनकी आजीविका न्यूज चैनल द्वारा उत्पन्न रेवेन्यू पर निर्भर करती है, जो सीधे ऑडियंस मीजरमेंट डाटा (TRPs) से संबंधित है। इसलिए, एनबीएफ BARC के शेयरधारकों (stakeholders) से आह्वान करता है कि वे तत्काल प्रभाव से न्यूज चैनल्स की रेटिंग जारी करने के लिए कदम उठाएं। हमारा मानना है कि ये डाटा विज्ञापन जगत के प्रमुख स्टेकहोल्डर्स ‘इंडियन सोसायटी ऑफ एडवर्टाइजर्स’ (ISA) और ‘एडवर्टाइजिंग एजेंसीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (AAAI) दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं।’
इसके साथ ही ‘एनबीएफ’ ने बार्क से किसी भी तरह के निहित स्वार्थों के दबाव में न आने और रेटिंग्स पर लगाई रोक को तत्काल हटाने को कहा है। ‘एनबीएफ’ के अनुसार, तमाम न्यूज ब्रॉडकास्टर्स ‘फ्री टू एयर’ (FTA) हैं और विज्ञापनों से होने वाली आय पर निर्भर हैं। ऐसे में रेटिंग्स को जारी करने से रोके जाने पर उन पर काफी प्रभाव पड़ेगा।
गौरतलब है कि टीआरपी से छेड़छाड़ (TRP manipulation) के मामले को लेकर मचे घमासान के बीच BARC ने 15 अक्टूबर 2020 को 12 हफ्ते के लिए न्यूज चैनल्स की रेटिंग्स न जारी करने का फैसला लिया था। BARC के इस फैसले को लेकर ब्रॉडकास्टर्स दो खेमों में बंट गए थे। कुछ ब्रॉडकास्टर्स का मानना था कि 12 सप्ताह का यह ब्लैकआउट (blackout) इस प्रणाली में विसंगतियों को दूर कर देगा, वहीं कुछ ने नाखुशी जताते हुए इस फैसले को अनुचित बताया था।
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निजी टेलिविजन न्यूज चैनल्स का प्रतिनिधित्व करने वाले समूह ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ (NBA) ने ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) इंडिया को सुझाव दिया है कि न्यूज चैनल्स की व्युअरशिप रेटिंग जारी करने पर लगाए गए प्रतिबंध (blackout period) को कुछ महीनों तक और बढ़ा दिया जाए। फिलहाल यह समय सीमा 16 जनवरी को समाप्त हो रही है। सूत्रों के अनुसार, एनबीए ने इन तीन महीनों के ब्लैकआउट पीरियड (जिनमें टीवी न्यूज व्युअरशिप का डाटा जारी नहीं किया गया है) के दौरान बार्क द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी ली है।
टीआरपी से छेड़छाड़ (TRP manipulation) के मामले को लेकर मचे घमासान के बीच BARC ने 15 अक्टूबर 2020 को 12 हफ्ते के लिए न्यूज चैनल्स की रेटिंग्स न जारी करने का फैसला लिया था। BARC के इस फैसले को लेकर ब्रॉडकास्टर्स दो खेमों में बंट गए थे। कुछ ब्रॉडकास्टर्स का मानना था कि 12 सप्ताह का यह ब्लैकआउट (blackout) इस प्रणाली में विसंगतियों को दूर कर देगा, वहीं कुछ ने नाखुशी जताते हुए इस फैसले को अनुचित बताया था।
उस समय ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ ने BARC के इस फैसले का स्वागत किया था। ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ ने उम्मीद जताई थी कि यह बार्क द्वारा सही दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। ‘एनबीए’ का यह भी कहना था कि बार्क को विश्वसनीयत बनाए रखने के लिए इन 12 हफ्तों का इस्तेमाल अपने सिस्टम को पूरी तरह से दुरुस्त (completely overhaul) करने में करना चाहिए।
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बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने धोखाधड़ी वाले व्यापारिक व्यवहार में लिप्त होने के चलते बिजनेस न्यूज चैनल ‘सीएनबीसी आवाज’ के एक कार्यक्रम के होस्ट हेमंत घई, उनकी पत्नी जया हेमंत घई और मां श्याम मोहिनी घई को पूंजी बाजार से बुधवार को प्रतिबंधित कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घटनाक्रम के बाद नेटवर्क18 ने घई को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।
सेबी ने एक अंतरिम आदेश में कहा कि हेमंत घई जिस ‘स्टॉक 20-20’ कार्यक्रम के को-होस्ट थे, उसमें दिये जाने वाले सुझावों के विषय में उन्हें पहले से सूचनाएं होती थीं। उन्होंने उनका प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से व्यक्तिगत फायदे के लिए इस्तेमाल किया।
बता दें कि इस कार्यक्रम में यह सुझाव दिया जाता है कि किसी अमुक कारोबारी सत्र के दौरान किन शेयरों को खरीदा जाए और किन शेयरों का बेचा जाए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेबी ने घई को अगले आदेश तक निवेश के संबंध में कोई भी परामर्श देने और प्रतिभूति बाजार के संबंध में शोध रिपोर्ट प्रकाशित करने से भी रोक दिया। सेबी ने इसके अलावा धोखाधड़ी वाली गतिविधियों से अर्जित 2.95 करोड़ रुपये की आय पर भी रोक लगाने का निर्देश दिया।
रिपोर्ट्स में बताया गया कि सेबी ने जांच में प्रथमदृष्ट्या पाया कि कार्यक्रम ‘स्टॉक 20-20’ के लिए प्राप्त अग्रिम जानकारी के आधार पर हेमंत ने अपनी पत्नी जया हेमंत घई और माता श्याम मोहिनी घई के साथ मिलकर धोखाधड़ी के जरिये धन कमाने की साजिश की। सेबी ने एक जनवरी 2019 से 31 मई 2020 के दौरान हुए व्यापार का विश्लेषण करने के बाद रोक लगाने का आदेश पारित किया।
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दिल्ली हाई कोर्ट ने एक न्यूज एंकर द्वारा दर्ज कराये गये मानहानि के मामले को खारिज करने की आप विधायक सोमनाथ भारती की याचिका पर उनसे (एंकर से) जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने अभियोजन पक्ष और एंकर रंजना द्विवेद्वी को नोटिस जारी किया और उनसे दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी को होगी।
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सोमनाथ भारती ने निचली अदालत के 24 जुलाई, 2019 के आदेश को चुनौती दी है। निचली अदालत ने पत्रकार की मानहानि संबंधी शिकायत पर भारत के विरुद्ध आरोप निर्धारण का आदेश दिया था। नवंबर, 2018 में टीवी बहस मे दोनों के बीच तीखी टीका-टिप्पणी हुई थी।
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दरअसल, हुआ कुछ यूं था कि न्यूज एंकर ने सोमनाथ भारती से लाइव शो के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हुए हमले को लेकर सवाल किया था। इसी सवाल पर सोमनाथ भारती इतना बौखला गए कि महिला एंकर को गालियां देने लगे थे। आरोप है कि सोमनाथ भारती ने महिला एंकर से न सिर्फ बदतमीजी से बात की, बल्कि उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी भी की थी। इसके साथ ही चैनल को भी बंद करवाने की धमकी दी थी।
जिसके बाद दिल्ली के वसंत कुंज की रहने वाली और नोएडा सेक्टर-57 के एक न्यूज चैनल में जॉब करने वाली न्यूज एंकर ने साल 2018 में सोमनाथ भारती के खिलाफ नोएडा के सेक्टर-39 महिला थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके बाद शिकायतकर्ता की ओर से एडवोकेट योगेश स्वरूप ने भारती के खिलाफ दिल्ली की अदालत में मानहानि की याचिका दायर की थी।
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टीवी व्यूअरशिप/टीआरपी की समीक्षा के लिए सरकार द्वारा गठित की गई समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा चार नवंबर 2020 को प्रसार भारती (Prasar Bharati) के सीईओ शशि शेखर वेम्पती की अध्यक्षता में यह कमेटी गठित की गई थी। इस कमेटी में तीन अन्य विशेषज्ञों को शामिल किया गया था।
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इस बारे में सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि कमेटी की ओर से रिपोर्ट मिलने के बाद अब सरकार इसका अध्ययन करेगी और इसी के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी।
प्रकाश जावड़ेकर के अनुसार, ‘मुख्य बिंदु यह है कि टीआरपी में पारदर्शिता होनी चाहिए। आज, टीआरपी पारदर्शिता 55,000 मीटरों पर आधारित है। इसका आधार बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि हेरफेर के लिए कोई जगह न बचे।‘
उन्होंने कहा, ‘सभी लोगों से विचार-विमर्श करने के बाद इसे देश में टेलिविजन दर्शकों की संख्या मापने वाली संस्था ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) को सौंपा जाएगा, क्योंकि सरकार को कुछ गाइडलाइंस और निर्देश देने का अधिकार है, लेकिन यह बाद में तय किया जाएगा। यह अच्छी खबर है कि हमें रिपोर्ट मिल गई है और मुझे उम्मीद है कि सभी संबंधित एजेंसियां इसका स्वागत करेंगी।‘
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— PIB India (@PIB_India) January 12, 2021
कुणाल गौड़ ‘नेटवर्क18’ (Network18) के एमडी राहुल जोशी को रिपोर्ट करेंगे।
मीडिया और एंटरटेनमेंट कंपनी ‘वायकॉम18’ (Viacom 18) ने कुणाल गौड़ (Kunal Gaur) को चीफ कॉमर्शियल ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया है। वह उत्पल दास के स्थान पर यह पदभार ग्रहण करेंगे, जिनकी इस कंपनी में पारी 31 मार्च 2021 को समाप्त हो रही है। कुणाल गौड़ ‘नेटवर्क18’ (Network18) के एमडी राहुल जोशी को रिपोर्ट करेंगे।
बता दें कि कुणाल गौड़ ने चार्टर्ड अकाउंटेंट की पढ़ाई की है। उन्हें ‘स्टार इंडिया’ (Star India), ‘नेटफ्लिक्स’ (Netflix) और ‘पीडब्लूसी’ (PWC) आदि संस्थानों में काम करने का 19 वर्षों से ज्यादा का अनुभव है।
‘वायकॉम18’ को जॉइन करने से पहले कुणाल नेटफ्लिक्स इंडिया की लीडरशिप टीम का हिस्सा थे और यहां बतौर डायरेक्टर (Production Finance) अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
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