विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A इन 14 न्यूज एंकर्स का करेगा बहिष्कार, जारी की लिस्ट

विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (I.N.D.I.A) ने अब कुछ टीवी एंकर्स को बायकॉट करने फैसला किया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 14 September, 2023
Last Modified:
Thursday, 14 September, 2023
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विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (I.N.D.I.A) ने अब कुछ टीवी एंकर्स को बायकॉट करने फैसला किया है। इस कड़ी में विपक्षी गठबंधन ने ऐसे न्यूज एंकर्स की सूची भी जारी कर दी है, जिसमें 14 न्यूज एंकर्स को शमिल किया गया है। अब इन न्यूज एंकर्स के शो पर गठबंधन के नेता नहीं जाएंगे। यह सूची कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक्स पर शेयर किया है।

पवन खेड़ा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, इंडिया मीडिया समिति द्वारा आज दोपहर आयोजित एक वर्चुअल बैठक में निम्नलिखित निर्णय लिया गया। इंडिया पार्टियों के प्रतिनिधि इन एंकर्स के शो में हिस्सा नहीं लेंगे।

विपक्षी गठबंधन  I.N.D.I.A ने जिन टेलीविजन एंकर्स का बायकॉट करने का फैसला लिया है, उनमें अदिति त्यागी, अमन चोपड़ा, अमीश देवगन, आनंद नरसिम्हा, अरनब गोस्वामी, अशोक श्रीवास्तव, चित्रा त्रिपाठी, गौरव सावंत, नाविका कुमार, प्राची परासर, रुबिका लियाकत, शिव अरूर, सुधीर चौधरी और सुशांत सिन्हा का नाम शामिल हैं।

विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार के आवास पर अपनी समन्वय समिति की बैठक के बाद कुछ टेलीविजन एंकरों का बायकॉट करने का ऐलान किया था अब इसके एक दिन बाद यानी गुरुवार, 14 सितंबर को 14 ऐसे टेलीविजन एंकर्स के नाम की लिस्ट भी समाने आ गई है, जिनके शो पर गठबंधन के नेता नहीं जाएंगे।

दरअसल, विपक्षी दलों ने कई बार मीडिया का एक वर्ग पर मुश्किलें खड़ी करने के आरोप लगाएं है।  कांग्रेस ने राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो' यात्रा को जरूरी कवरेज नहीं देने के आरोप भी मीडिया पर लगाए थे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना था कि यात्रा को लोगों का समर्थन मिल रहा है, लेकिन मुख्यधारा की मीडिया ने इसका 'बहिष्कार' करना जारी रखा है।  

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इस न्यूज चैनल में CEO और एडिटर-इन-चीफ बने राणा यशवंत

समाचार4मीडिया से बातचीत में राणा यशंवत ने खुद इसकी पुष्टि की है।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 15 December, 2025
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Monday, 15 December, 2025
Rana Yashwant..

अपनी स्पष्ट सोच, तीखे सवालों और प्रभावशाली प्रस्तुति के लिए पहचाने जाने वाले वरिष्ठ टीवी पत्रकार और लोकप्रिय न्यूज एंकर राणा यशवंत ने अपनी नई पारी की शुरुआत की है। उन्होंने अब हिंदी न्यूज चैनल ‘न्यूज इंडिया’ (News India) में सीईओ और एडिटर-इन-चीफ के पद पर जॉइन किया है। समाचार4मीडिया से बातचीत में राणा यशंवत ने खुद इसकी पुष्टि की है।

वहीं, चैनल के शीर्ष प्रबंधन ने समाचार4मीडिया से बातचीत में कहा कि खबरों की बेहतरीन समझ औऱ भाषा पर मजबूत पकड़ रखनेवाले राणा यशवंत की अगुआई में चैनल अलग पहचान बनाएगा और नई ऊंचाइयां छूएगा, इस बात की पूरी उम्मीद है।

राणा यशवंत ने इसी साल मार्च में ‘आईटीवी नेटवर्क’ में अपनी पारी को विराम देकर ‘लाइव टाइम्स’ (Live Times) जॉइन किया था। यहां उन्होंने साप्ताहिक शो फैक्ट्स एंड फिगर्स शुरु किया और अपने डिजिटल प्लैटफॉर्म पर काफी एक्टिव रहे। उनका यूट्यूब चैनल पर लगभग साढे तीन लाख सब्सक्राइबर्स हैं। हाल ही में बिहार-चुनाव के कवरेज की उनकी कई रिपोर्ट्स ने काफी सुर्खियां बटोरीं।

बता दें कि लाइव टाइम्स से पहले राणा यशवंत वर्ष 2013 से ‘आईटीवी नेटवर्क’ से जुड़े हुए थे। वह इस नेटवर्क के हिंदी न्यूज चैनल इंडिया न्यूज (India News) में एडिटर-इन-चीफ के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। अपनी इस भूमिका में चैनल को लीड करने के साथ-साथ वह यहां ‘अर्धसत्य’ नामक शो होस्ट भी करते थे। नवंबर 2023 में नेटवर्क ने उन्हें एडिटर-इन-चीफ के पद पर प्रमोट किया था। इस प्रमोशन से पहले वह यहां मैनेजिंग एडिटर के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।

राणा यशवंत को टीवी की दुनिया में काम करने का लंबा अनुभव है। पूर्व में वह ‘आजतक’ (AajTak), ‘जी न्यूज’ (Zee News) और ‘महुआ टीवी’ (Mahuaa TV) जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा चुके हैं।

हिंदी पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें अब तक तमाम प्रतिष्ठित अवॉर्ड्स मिल चुके हैं। उनके शो ‘अर्धसत्य’ को रेड इंक और ईएनबीए जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा Bharat Gaurav Samman,रेक्स Karmaveer Global Fellowship & Award और Rajiv Gandhi Global Excellence Award जैसे जैसे अवार्ड से राणा यशवंत नवाजे जा चुके हैं।

समाचार4मीडिया की ओर से राणा यशवंत को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।  

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'ऑपरेशन सिंदूर' में न्यूजरूम की चुनौती: गौरव सावंत और चारु प्रज्ञा का अनुभव

'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान रिपोर्टिंग के अनुभव पर एक्सचेंज4मीडिया न्यूजनेक्स्ट समिट में 'इंडिया टुडे' टीवी के मैनेजिंग एडिटर गौरव सावंत और भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता चारु प्रज्ञा ने चर्चा की।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 15 December, 2025
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Monday, 15 December, 2025
gaurav sawant

'ऑपरेशन सिंदूर' के समय घटनाओं और खबरों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि जानकारी एकदम तेजी से और बड़े पैमाने पर आ रही थी। इस दौरान रिपोर्टिंग के अनुभव पर एक्सचेंज4मीडिया न्यूजनेक्स्ट समिट (e4m NewsNext Summit) में 'इंडिया टुडे' टीवी के मैनेजिंग एडिटर गौरव सावंत और भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता चारु प्रज्ञा ने चर्चा की। उन्होंने इस दौरान जानकारी की सत्यता, न्यूजरूम के प्रोसेस और संकट के समय जानकारी जारी करने के तरीके पर बात की।

गौरव सावंत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को कवर करने के अपने अनुभव के बारे में बताया कि घटनाएं बहुत तेजी से हो रही थीं और जानकारी कई अलग-अलग स्रोतों से एक ही समय में आ रही थी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान से भी काफी जानकारी और विजुअल्स सामने आए। उनके मुताबिक, मुरिडके और बहावलपुर जैसे जगहों पर स्ट्राइक से जुड़े विजुअल्स सीमा पार से भी आए।

गौरव सावंत ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में भारतीय न्यूजरूम बार-बार सरकार से जानकारी की पुष्टि करते थे। उन्होंने इस अवधि को जानकारी की अधिकता वाला समय बताया, जब कई जगहों से एक साथ इनपुट आ रहे थे। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर गलत और भ्रामक जानकारी भी फैल रही थी।

उन्होंने बताया कि इंडिया टुडे टीवी और पूरे भारतीय मीडिया का प्रयास यही था कि जितनी हो सके जानकारी की पुष्टि की जाए और सिर्फ सत्यापित जानकारी ही प्रसारित की जाए। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बहुत सारी जानकारी, सही और गलत दोनों, फैल रही थी और न्यूजरूम का काम था सही तथ्यों को अनसत्यापित दावों से अलग करना।

ऑपरेशन के दौरान संपादकीय निर्णयों पर बात करते हुए सावंत ने कहा कि इंडिया टुडे टीवी का फोकस सबसे पहले खबर देने के बजाय सत्यापित तथ्य प्रसारित करने पर था। उन्होंने माना कि कवरेज में गलतियां हुईं और इन्हें सार्वजनिक रूप से ठीक किया गया। उन्होंने बताया कि 9 बजे के एंकर ने ऑन एयर जाकर गलती स्वीकार की और संगठन ने आंतरिक ऑडिट भी किया।

गौरव सावंत ने कहा, “हमारे लिए सबसे पहले खबर देना जरूरी नहीं है। हम थोड़ी देर से भी सही जानकारी देने में संतुष्ट हैं।”

उन्होंने बताया कि इसके बाद संगठन ने अपने सिस्टम्स की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इंडिया टुडे टीवी के पास एक फैक्ट-चेकिंग टीम है, जो 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान दिन-रात काम कर रही थी और एक ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस टीम थी जो वायरल हो रही वीडियो और तस्वीरों की पुष्टि करती थी। इन टीमों ने हर जानकारी की जांच की, उसे प्रसारित करने से पहले।

गौरव सावंत ने ऑपरेशन के दौरान फैल रही जानबूझकर गलत और भ्रामक जानकारी पर भी बात की। उन्होंने कहा कि शत्रुतापूर्ण तत्वों द्वारा गलत जानकारी और विजुअल्स फैलाए जा रहे थे। उनके मुताबिक, जब भी कोई गलत जानकारी ऑन एयर हुई, तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए गए।

अंतरराष्ट्रीय कवरेज पर बात करते हुए गौरव सावंत ने कहा कि पश्चिमी मीडिया ने ऑपरेशन के दौरान अपने सरकार या रक्षा लबी के दृष्टिकोण को दिखाने वाले नैरेटिव पेश किए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कई पुष्टि हुई घटनाओं, जैसे विभिन्न जगहों पर स्ट्राइक, को अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने कवर नहीं किया और ध्यान केवल भारतीय पक्ष पर रहा। उन्होंने कहा कि भारतीय न्यूजरूम ने अपनी रिपोर्टिंग और सत्यापन पर भरोसा रखा, अंतरराष्ट्रीय कवरेज के बजाय।

सरकारी दृष्टिकोण से बात करते हुए चारु प्रज्ञा ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में पत्रकारों से रिपोर्टिंग रोकने की मांग नहीं की जाती। उन्होंने कहा कि सरकार मीडिया से ऐसे घटनाओं को रिपोर्ट करते समय विश्वसनीयता, जवाबदेही और गंभीरता की उम्मीद करती है। उनके मुताबिक, संकट के समय रिपोर्टिंग को केवल तेजी से खबर तोड़ने की दौड़ नहीं समझा जाना चाहिए।

चारु प्रज्ञा ने कहा कि जानकारी जारी करने में सतर्कता को छुपाने जैसा नहीं समझना चाहिए। उन्होंने कहा, “सावधान रहना यह नहीं है कि आप कुछ छुपा रहे हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि कभी-कभी जानकारी में देरी होती है क्योंकि इसे सत्यापन और मंजूरी से गुजरना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति में जिम्मेदारी केवल पत्रकारों तक सीमित नहीं है, बल्कि राजनीतिक नेताओं और सोशल मीडिया पर सक्रिय नागरिकों तक भी फैलती है। उनके मुताबिक, प्रभावशाली पद पर रहने वाले व्यक्तियों द्वारा दिए गए बयान विरोधी देशों में तेजी से फैल सकते हैं।

पिछले संघर्षों का जिक्र करते हुए प्रज्ञा ने कहा कि कारगिल युद्ध और 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान भारतीय टीवी चैनलों द्वारा प्रसारित जानकारी से शत्रु पक्ष को लाभ हुआ। उन्होंने कहा कि इन्हीं उदाहरणों से यह समझ आता है कि ऐसी परिस्थितियों में सतर्क रहना कितना जरूरी है।

चारु प्रज्ञा ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान कुछ जानकारी तुरंत नहीं दी गई, भले ही पत्रकारों को वह मिल गई थी। उन्होंने कहा कि जानकारी तभी जारी की गई जब सरकार द्वारा आधिकारिक पुष्टि मिल गई।

सरकारी संचार की गति पर बात करते हुए चारु प्रज्ञा ने कहा कि युद्ध के समय निर्णय लेने की प्रक्रिया कई स्तरों के सत्यापन और मंजूरी से गुजरती है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में समय लग सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि जानकारी की गति में सुधार किया जा सकता है, लेकिन सटीकता हमेशा महत्वपूर्ण रहती है।

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‘टीवी9 भारतवर्ष’ ने लीडरशिप टीम को और मजबूती देने के लिए उठाया यह कदम

संस्थान की ओर से जारी इंटरनल मेल के अनुसार, इन कवायद का उद्देश्य एडिटोरियल गुणवत्ता को और मजबूत करना, क्रिएटिव इनोवेशन को बढ़ावा देना और नेटवर्क स्तर पर विजुअल पहचान को सशक्त करना है।

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Published - Sunday, 14 December, 2025
Last Modified:
Sunday, 14 December, 2025
TV9 Bharatvarsh....

‘टीवी9 भारतवर्ष’ (TV9 Bharatvarsh) ने अपने ग्रोथ प्लान और इंटरनल टैलेंट को नई पहचान देने के तहत लीडरशिप टीम में कई फेरबदल किए हैं। संस्थान की ओर से जारी इंटरनल मेल के अनुसार, इन बदलावों का उद्देश्य एडिटोरियल गुणवत्ता को और मजबूत करना, क्रिएटिव इनोवेशन को बढ़ावा देना और नेटवर्क स्तर पर विजुअल पहचान को सशक्त करना है।

इन बदलावों के तहत मोहम्मद सईद आउटपुट टीम के प्रमुख होंगे और सभी आउटपुट ऑपरेशंस की जिम्मेदारी संभालेंगे। वह सीधे मैनेजिंग एडिटर को रिपोर्ट करेंगे। पिछले तीन वर्षों में मोहम्मद सईद ने कंटेंट कंट्रोल और टीम मैनेजमेंट में बेहतरीन नेतृत्व क्षमता दिखाई है। लीडरशिप ट्रांजिशन के दौरान उन्होंने आउटपुट टीम को कुशलता से संभाला और चैनल के एडिटोरियल स्टैंडर्ड को बनाए रखा है। उन्होंने क्रिएटिव एक्सीलेंस और ऑपरेशनल एफिशिएंसी के बीच संतुलन बनाए रखते हुए आउटपुट संचालन को सुचारु रूप से चलाया है।

सुधीर कुमार पांडेय को हेड ऑफ प्रोडक्शन नियुक्त किया गया है। वह प्रोडक्शन टीम का नेतृत्व करेंगे और ऑपरेशंस संभालेंगे। वह सीधे मैनेजिंग एडिटर को रिपोर्ट करेंगे। सुधीर कुमार पांडेय ने चैनल के विशिष्ट लुक और फील को गढ़ने और बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में प्रोडक्शन और प्रोग्रामिंग की गुणवत्ता लगातार बेहतर रही है। नेटवर्क के अन्य चैनलों के साथ उनके सहयोग ने एक समान विजुअल पहचान और ऑपरेशनल स्टैंडर्ड तैयार करने में मदद की है।

आशीष पांडेय को हेड ऑफ प्रोग्रामिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह चैनल की प्रोग्रामिंग स्ट्रैटेजी, खासकर चुनावी प्रोग्रामिंग का नेतृत्व करेंगे। वह मैनेजिंग एडिटर को रिपोर्ट करेंगे। आशीष पांडेय ने चैनल के प्रोग्रामिंग पोर्टफोलियो को सफलतापूर्वक संभाला है, जिसमें प्रमुख राजनीतिक शो, चुनाव कवरेज, कॉन्क्लेव और ‘&5’ तथा ‘दृश्यम’ जैसे सिग्नेचर प्रॉपर्टीज शामिल हैं। उनकी रणनीतिक सोच और मजबूत एडिटोरियल समझ के चलते दर्शकों से जुड़ने वाला प्रभावशाली कंटेंट तैयार हुआ है।

सिद्धार्थ त्रिपाठी को मौजूदा जिम्मेदारियों के साथ-साथ अब ‘नेक्स्ट 9’ प्लान के तहत चैनल की क्रिएटिव कंटेंट स्ट्रैटेजी और भविष्य के लिए तैयार प्रोग्राम्स के विकास का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सिद्धार्थ त्रिपाठी ने ‘सत्ता’ और ‘फिक्र आपकी’ जैसे फ्लैगशिप शो तैयार किए हैं, जिन्होंने चैनल की प्राइम टाइम पहचान को मजबूत किया है। उनकी क्रिएटिव सोच और अलग तरह के शो फॉर्मेट तैयार करने की क्षमता को देखते हुए उन्हें भविष्य की रणनीति में अहम भूमिका दी गई है। वह मैनेजिंग एडिटर को रिपोर्ट करेंगे।

मुकुल पुर्थी को ग्राफिक्स हेड के पद पर पदोन्नत किया गया है। इस भूमिका में वह चैनल के सभी ग्राफिक्स, लुक और फील तथा ऑपरेशंस की जिम्मेदारी संभालेंगे और इंटरनल टीमों के साथ समन्वय करेंगे। वह नेटवर्क हेड–ग्राफिक्स को रिपोर्ट करेंगे और मैनेजिंग एडिटर को डॉटेड लाइन में रिपोर्टिंग करेंगे। मुकुल पुर्थी चैनल की विजुअल लैंग्वेज को नया आकार देने में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। सीनियर विजुअलाइज़र के तौर पर उन्होंने इनोवेटिव ग्राफिक्स के जरिए कंटेंट को ज्यादा आकर्षक और इंटरएक्टिव बनाया है।

विशाल शिबोरा अब नेटवर्क स्तर पर ग्राफिक्स से जुड़े अहम प्रोजेक्ट्स पर फोकस करेंगे। इसके साथ ही उनकी टीम टीवी9 भारतवर्ष में नए इनिशिएटिव्स और बड़े आयोजनों से जुड़े कार्यों को संभालती रहेगी।
विशाल शिबोरा ने मुकुल पुर्थी के साथ मिलकर चैनल के ग्राफिक्स कंटेंट के विकास में अहम योगदान दिया है। अपनी नई भूमिका में विशाल नेटवर्क हेड–ग्राफिक्स को रिपोर्ट करेंगे।

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इंडिया टुडे ग्रुप ने NSE में बजाई गोल्डन जुबली की घंटी, 50 साल की यात्रा का मनाया जश्न

इंडिया टुडे ग्रुप ने अपने गोल्डन जुबली यानी 50 साल पूरे होने पर एक ऐतिहासिक पल दर्ज किया।

Samachar4media Bureau by
Published - Friday, 12 December, 2025
Last Modified:
Friday, 12 December, 2025
IndiaToday652

इंडिया टुडे ग्रुप ने अपने गोल्डन जुबली यानी 50 साल पूरे होने पर एक ऐतिहासिक पल दर्ज किया। शुक्रवार, 12 दिसंबर को ग्रुप की टॉप लीडरशिप ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के एट्रियम में पहुंचकर सेरेमोनियल बेल रिंगिंग की रस्म निभाई। यह खास परंपरा ग्रुप की 50 साल की यात्रा का जश्न मनाने के लिए की गई।

इस मौके पर इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन अरुण पुरी, वाइस चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर कली पुरी, ग्रुप सीईओ दिनेश भाटिया और NSE के एमडी व सीईओ आशीष कुमार चौहान ने मिलकर घंटी बजाई। यह क्षण ग्रुप की पांच दशक की विरासत का बड़ा प्रतीक बना।

अरुण पुरी ने कहा कि किसी देश की ताकत उसकी वित्तीय मजबूती पर निर्भर करती है, और NSE जैसी संस्थाएं उस ताकत को बनाती हैं। वहीं इंडिया टुडे जैसी संस्थाएं सच, पारदर्शिता और भरोसे के साथ उसे सुरक्षित रखती हैं।

कली पुरी ने कहा कि 1975 से ही हमारा मिशन साफ था- देश को सच दिखाना, मुश्किल सवाल पूछना और भारत की असल तस्वीर को दर्ज करना। आज 50 साल बाद भी यह मिशन पहले से ज्यादा मजबूत है। अब हमारी पत्रकारिता डिजिटल है, जहां प्लेटफॉर्म कोई भी हो, ईमानदार कहानी और भरोसा सबसे कीमती चीज है।

पिछले 50 सालों में इंडिया टुडे ने भारत के बदलते समय को सबसे करीब से देखा- 11 प्रधानमंत्रियों, 15 सरकारों और 350 से ज्यादा चुनावों की रिपोर्टिंग की। बड़े घोटालों का खुलासा किया, उथल-पुथल के दौर में पत्रकारों ने जमीनी स्तर से रिपोर्टिंग की और भारत के एक उभरती वैश्विक ताकत बनने के सफर को दर्ज किया। हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का इंटरव्यू भी इसी विरासत का हिस्सा है।

अपने 50 साल पूरे होने पर ग्रुप ने पांच खास फिल्में लॉन्च करने का ऐलान किया, जिनमें हर दशक की यात्रा को दिखाया गया है। कार्यक्रम में एक स्पेशल टीजर, ब्रैंड फिल्म और 50-साल का लोगो भी लॉन्च किया गया।

समारोह के अंत में पूरे ग्रुप ने इस बात को फिर दोहराया कि आने वाले सालों में भी इंडिया टुडे जनता तक सच्ची और जिम्मेदार पत्रकारिता पहुंचाता रहेगा।

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अब राहुल शिवशंकर के हाथों में होगी ‘CNN-News18’ की कमान

अपनी इस भूमिका में वह चैनल की संपूर्ण न्यूज स्ट्रैटेजी और ऑपरेशंस की कमान संभालेंगे। सीएनएन-न्यूज18 की इनपुट, आउटपुट, प्रॉडक्शन और ऑफ प्लेटफॉर्म्स की सभी टीमें उन्हें रिपोर्ट करेंगी।

Samachar4media Bureau by
Published - Friday, 12 December, 2025
Last Modified:
Friday, 12 December, 2025
Rahul Shivshankar

अंग्रेजी न्यूज चैनल ‘सीएनएन-न्यूज18’ (CNN-News18) ने वरिष्ठ पत्रकार और प्रमुख प्राइम-टाइम शो The Hard Facts के एंकर राहुल शिवशंकर को एडिटोरियल अफेयर्स डायरेक्टर नियुक्त किया है।

अपनी इस भूमिका में वह चैनल की संपूर्ण न्यूज स्ट्रैटेजी और ऑपरेशंस की कमान संभालेंगे।

सीएनएन-न्यूज18 की इनपुट, आउटपुट, प्रॉडक्शन और ऑफ प्लेटफॉर्म्स की सभी टीमें उन्हें रिपोर्ट करेंगी। नए बदलाव 15 दिसंबर से प्रभावी होंगे।

'नेटवर्क18' के चीफ कंटेंट ऑफिसर संतोष मेनन के अनुसार, 'राहुल शिवशंकर ने कई टीवी न्यूज रूम का कुशलतापूर्वक नेतृत्व किया है और मुझे पूरा विश्वास है कि वे सीएनएन न्यूज 18 एडिटोरियल अफेयर्स डायरेक्टर के रूप में इसके नेतृत्व को और मजबूत और विस्तारित करेंगे।'

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न्यूज ब्रॉडकास्टर्स ने MIB से की लैंडिंग पेज का नियम रद्द करने की अपील

देश के प्रतिष्ठित न्यूज ब्रॉडकास्टर्स ने सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) से अपील की है कि वे लैंडिंग पेज से जुड़ा प्रस्तावित बदलाव वापस लें।

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 10 December, 2025
Last Modified:
Wednesday, 10 December, 2025
broadcasters

देश के प्रतिष्ठित न्यूज ब्रॉडकास्टर्स ने सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) से अपील की है कि वे लैंडिंग पेज से जुड़ा प्रस्तावित बदलाव वापस लें। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका कहना है कि यह बदलाव ऐसा तरीका वापस लाता है जिसे पहले ही तकनीकी कारणों से अस्वीकार किया जा चुका है और इससे चैनलों को नुकसान होगा क्योंकि पहली बार दर्शकों की सही संख्या को रेटिंग से हटा दिया जाएगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस अपील में NDTV, News18 और Times Now जैसे बड़े नेटवर्क शामिल हैं। उन्होंने MIB को लिखा कि यह प्रस्ताव पूरी तरह रद्द कर दिया जाए क्योंकि यह मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। उनके अनुसार, इस समय कोई प्रशासनिक बदलाव करना सही नहीं होगा और यह नियम कानून के नजरिए से टिकाऊ भी नहीं है।

इन ब्रॉडकास्टर्स का कहना है कि 2018 में TRAI ने इसी तरह की तकनीक को “अनुचित” बताते हुए खारिज किया था। उस समय कहा गया था कि इससे सही दर्शक आंकड़े प्रभावित हो सकते हैं।

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि लैंडिंग पेज वैसे ही काम करता है जैसे सुपरमार्केट में खास जगह पर सामान रखना या अखबार में जैकेट ऐड। यह दर्शकों को पहला अनुभव देता है और उनकी पसंद सही तरीके से दिखाता है। अगर इसे रेटिंग से हटाया गया, तो TRP में गड़बड़ी होगी और छोटे चैनल्स को नुकसान होगा।

इस अपील में All India Digital Cable Federation (AIDCF) और कई छोटे चैनल्स ने भी समर्थन दिया है। विज्ञापन से होने वाली कमाई घट रही है, इसलिए इंडस्ट्री के बड़े और छोटे समूह मिलकर रेटिंग सिस्टम में बदलाव के खिलाफ खड़े हैं। 

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सहारा इंडिया टीवी नेटवर्क को झटका, TDSAT ने दो केबल ऑपरेटर्स का बकाया चुकाने का दिया आदेश

सहारा इंडिया टीवी नेटवर्क के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। दरअसल कंपनी को TDSAT (Telecom Disputes Settlement and Appellate Tribunal) से दो बड़े झटके लगे हैं।

Vikas Saxena by
Published - Wednesday, 10 December, 2025
Last Modified:
Wednesday, 10 December, 2025
sahara

सहारा इंडिया टीवी नेटवर्क के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। दरअसल कंपनी को TDSAT (Telecom Disputes Settlement and Appellate Tribunal) से दो बड़े झटके लगे हैं। ट्रिब्यूनल ने हाल ही में सहारा और उसके डिस्ट्रीब्यूटर ABS Media Services Pvt. Ltd. को दो अलग-अलग मल्टी सिस्टम ऑपरेटर (MSO) कंपनियों- Konark IP Dossiers Pvt. Ltd. और Den New Broad Communication Pvt. Ltd. को मिलाकर 1.10 करोड़ रुपये से ज्यादा की बकाया प्लेसमेंट फीस दो महीने के भीतर चुकाने का आदेश दिया है।

इन दोनों फैसलों में TDSAT के सदस्य जस्टिस राम कृष्ण गौतम ने माना कि सहारा की ओर से पेश किया गया जवाब न केवल प्रक्रिया के हिसाब से गलत था, बल्कि उसमें अपने दावों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत भी नहीं थे।

विवाद किस बात को लेकर हुआ?

Konark और Den, दोनों MSO कंपनियों ने TDSAT में याचिकाएं दायर कर कहा कि वे 2011 से सहारा के चैनल Sahara One और Filmy को अपने नेटवर्क पर चलाते आ रहे हैं। उनकी ओर से यह भी कहा गया कि 2013 में ABS Media, जो सहारा का अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर है, के साथ एक नया एग्रीमेंट हुआ था। दोनों कंपनियों का आरोप था कि सहारा और ABS ने सालों तक प्लेसमेंट फीस का भुगतान नहीं किया, जबकि चैनल लगातार उनके नेटवर्क पर प्रसारित होते रहे। Konark ने ₹66,18,940 और Den ने ₹44,12,627 की वसूली की मांग की थी।

सहारा का दावा- ‘न एग्रीमेंट साइन किया, न कोई बकाया है’

सहारा इंडिया TV नेटवर्क ने दोनों मामलों में लगभग एक जैसी दलीलें दीं। उन्होंने कहा कि 2013 का एग्रीमेंट सहारा ने साइन नहीं किया है। साथ ही उनका कहना था कि केबल कंपनियों ने मनमाने ढंग से इनवॉइस भेज दिए हैं और उन्हें कोई डिमांड नोटिस भी प्राप्त नहीं हुआ। सहारा का यह भी दावा था कि उन पर कोई बकाया नहीं बनता।

लेकिन ट्रिब्यूनल में ये दलीलें टिक नहीं सकीं।

सहारा की सबसे बड़ी गलती- गलत तरीके से दाखिल किया गया जवाब

ट्रिब्यूनल ने पाया कि सहारा ने जो जवाब दाखिल किया, उसमें कई गंभीर प्रक्रियागत खामियां थीं। सबसे पहली बात, जवाब सहारा के अधिकृत प्रतिनिधि की बजाय एक लॉ फर्म की तरफ से दाखिल किया गया था। इसके अलावा जवाब में जरूरी वेरिफिकेशन क्लॉज पर हस्ताक्षर नहीं थे, जो सिविल प्रक्रिया संहिता का सीधा उल्लंघन है। सहारा की ओर से जो हलफनामा लगाया गया था, वह Trilogic Digital Media Ltd. नाम की एक दूसरी कंपनी के व्यक्ति ने दायर किया था, जिसका सहारा से कोई संबंध नहीं था। सबसे अहम बात यह रही कि सहारा का एक भी गवाह अदालत में क्रॉस-एग्ज़ामिनेशन के लिए पेश नहीं हुआ, जिससे उनका पूरा पक्ष कमजोर पड़ गया।

ट्रिब्यूनल ने कहा कि इन सभी खामियों के चलते सहारा का बचाव “कानूनी रूप से अस्वीकार्य” है, क्योंकि बिना सबूत किसी भी दावा या दलील को स्वीकार नहीं किया जा सकता।

MSO कंपनियों ने ठोस सबूत पेश किए

दूसरी ओर, दोनों MSO कंपनियों ने अपने दावों को सही ठहराने के लिए 2011 और 2013 के एग्रीमेंट, लेजर, इनवॉइस, ईमेल बातचीत, अधिकृत दस्तावेज और डिजिटल सबूतों के लिए Section 65B सर्टिफिकेट भी अदालत में जमा किए। सहारा की ओर से इन सबूतों का कोई प्रभावी विरोध नहीं किया गया। ABS Media, जो सहारा का डिस्ट्रीब्यूटर है, ने दोनों मामलों में कोई जवाब ही नहीं दिया और न ही सुनवाई में हिस्सा लिया, इसलिए ट्रिब्यूनल ने उसे एक्स-पार्टी माना।

ट्रिब्यूनल ने यह भी कहा कि भले ही सहारा ने 2013 के एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर न किए हों, लेकिन ABS Media पहले भी सहारा की ओर से इसी तरह के एग्रीमेंट साइन करता रहा है। एग्रीमेंट में पहले जैसी ही शर्तें और फॉर्मैट होने की वजह से इसे वैध और बाध्यकारी माना गया।

ट्रिब्यूनल का आदेश

पहले मामले में Konark IP Dossiers Pvt. Ltd. को ₹66,18,940 के साथ 9% साधारण ब्याज देने का आदेश दिया गया। दूसरे मामले में Den New Broad Communication Pvt. Ltd. को ₹44,12,627 के साथ 9% साधारण ब्याज चुकाने का निर्देश दिया गया। दोनों रकम सहारा और ABS Media को मिलकर चुकानी होंगी और इसके लिए दो महीने की समयसीमा तय की गई है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि ऐसे मामलों में 9% ब्याज दर उचित मानी जाती है, क्योंकि पहले भी कई विवादों में यही दर लागू की गई है।

ट्रिब्यूनल ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि सहारा और ABS Media तय समयसीमा के भीतर भुगतान नहीं करते हैं, तो दोनों MSO कंपनियां कानूनी रिकवरी प्रक्रिया शुरू करने के लिए स्वतंत्र होंगी।

 

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ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर को TRAI से अलग करने पर मंथन तेज

केंद्र सरकार इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है कि क्या ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर को TRAI की निगरानी से हटाकर सीधे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) के नियंत्रण में लाया जाए

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 10 December, 2025
Last Modified:
Wednesday, 10 December, 2025
MIB4

देश में मीडिया रेगुलेशन का ढांचा अगले कुछ वर्षों में पूरी तरह बदल सकता है। 'स्टोरीबोर्ड18' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है कि क्या ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर को TRAI की निगरानी से हटाकर सीधे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) के नियंत्रण में लाया जाए। रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रस्ताव फिलहाल उच्च स्तर पर समीक्षा में है और अगर सब कुछ तय योजना के अनुसार चलता है, तो 2026 के मध्य तक इसका क्रियान्वयन शुरू हो सकता है।

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रॉडकास्टर्स इस प्रस्ताव का खुले तौर पर समर्थन कर रहे हैं। उनका कहना है कि ब्रॉडकास्टिंग को लंबे समय से टेलीकॉम की तरह रेगुलेट किया जा रहा है, जिससे इंडस्ट्री को नुकसान हुआ है। उनका तर्क है कि कंटेंट और संस्कृति से जुड़ा यह क्षेत्र टेलीकॉम ढांचे में फिट नहीं बैठता। सवाल यह है कि क्या सरकार TRAI एक्ट में संशोधन किए बिना सिर्फ एक नए नोटिफिकेशन के आधार पर ब्रॉडकास्टिंग को TRAI के दायरे से बाहर निकाल सकती है। अगर ऐसा हुआ तो संसद की मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ेगी।

रिपोर्ट के मुताबिक, कानूनी विशेषज्ञ बताते हैं कि ब्रॉडकास्टिंग पर TRAI की पकड़ किसी अलग कानून से नहीं, बल्कि 1997 के TRAI एक्ट से आती है। 2004 में सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर ब्रॉडकास्टिंग को TRAI के अधिकार क्षेत्र में जोड़ा था। ऐसे में कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इसी नोटिफिकेशन को वापस लेकर ब्रॉडकास्टिंग को TRAI से हटाया भी जा सकता है। हालांकि, यह तरीका कानूनी रूप से जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि किसी भी पक्ष द्वारा इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है।

इंडस्ट्री जगत की नाराजगी हाल ही में तब और बढ़ गई, जब TRAI ने 10+2 एड कैप के उल्लंघन को लेकर 250 से ज्यादा ब्रॉडकास्टर्स को नोटिस भेज दिए, जबकि इस नियम पर दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से स्टे जारी है। ब्रॉडकास्टर्स का मानना है कि लगातार ऐसे फैसलों ने टीवी इंडस्ट्री को दबाव में डाल दिया है और अब जरूरत है कि ब्रॉडकास्टिंग की जिम्मेदारी पूरी तरह MIB को दी जाए।

यदि सरकार TRAI एक्ट की धारा 2 और 11 में संशोधन करती है, तो यह बदलाव पूरी तरह सुरक्षित और स्थायी माना जाएगा। इतिहास भी यही दिखाता है कि इस स्तर के बड़े रेगुलेटरी सुधार आमतौर पर संसद के जरिए ही किए जाते हैं। दूसरी ओर, सिर्फ नोटिफिकेशन के दम पर बदलाव करने का रास्ता तेज जरूर है, लेकिन इसमें कानूनी उलझनें ज्यादा हैं। इससे पहले भी कई बार ऐसा हुआ है- फिल्म सर्टिफिकेशन से जुड़ा सरकारी नोटिफिकेशन रद्द किया गया, OTT के IT रूल्स अब भी अदालत में अटके हुए हैं, और केबल टीवी नियमों में बदलाव भी मुकदमों तक पहुंचे थे।

सरकार और इंडस्ट्री दोनों ही मानते हैं कि टीवी और OTT को अलग-अलग नियमों के तहत चलाना अब व्यावहारिक नहीं रह गया है। टीवी चैनल जहां एड कैप और रेट कंट्रोल जैसे सख्त नियमों से बंधे हैं, वहीं OTT प्लेटफॉर्म काफी हद तक लचीले दायरे में काम कर रहे हैं। दर्शक भी अब प्लेटफॉर्म से ज्यादा कंटेंट के आधार पर चुनाव कर रहे हैं। इंडस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी के शब्दों में, “हम एक ही दर्शक के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन हमारी नियामकीय दुनिया अलग-अलग है।”

आने वाले महीनों में यह तय होगा कि सरकार कौन सा रास्ता चुनती है- संसदीय संशोधन का स्थायी समाधान या नोटिफिकेशन का त्वरित लेकिन जोखिम भरा तरीका। अगर बदलाव लागू होता है, तो यह 2000 के बाद भारत के मीडिया रेगुलेशन में सबसे बड़ा परिवर्तन साबित हो सकता है। इंडस्ट्री जगत की निगाहें अब इसी पर टिकी हैं।

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अब इस न्यूज चैनल पर नजर आएंगे वरिष्ठ टीवी पत्रकार सुमित अवस्थी

सुमित अवस्थी इससे पहले ‘एनडीटीवी इंडिया’ से बतौर कंसल्टिंग एडिटर जुड़े हुए थे। यहां वह 'हम भारत के लोग' व ‘खबरों की खबर’ नाम से शो होस्ट करते थे।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 08 December, 2025
Last Modified:
Monday, 08 December, 2025
Sumit Awasthi Ji

टीवी न्यूज की दुनिया के जाने-माने चेहरे और सीनियर न्यूज एंकर सुमित अवस्थी के बारे में खबर है कि उन्होंने ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) जॉइन कर लिया है। विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली इस खबर के मुताबिक उन्होंने इस नेटवर्क के हिंदी न्यूज चैनल ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ (Times Now Navbharat) में बतौर सीनियर कंसल्टिंग एडिटर जॉइन किया है।

बता दें कि सुमित अवस्थी ने कुछ दिनों पहले ही ‘एनडीटीवी’ (NDTV) में अपनी पारी को विराम दे दिया था। वह करीब ढाई साल से ‘एनडीटीवी इंडिया’ (NDTV India) में बतौर कंसल्टिंग एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे और 'हम भारत के लोग' व ‘खबरों की खबर’ नाम से शो होस्ट कर रहे थे।

सुमित अवस्थी को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब ढाई दशक का अनुभव है। ‘एनडीटीवी’ में जुलाई 2023 में अपनी पारी शुरू करने से पहले वह ‘एबीपी न्यूज’ में वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज व प्रॉडक्शन) के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। सुमित अवस्थी ने वर्ष 2018 में ‘एबीपी न्यूज’ में बतौर कंसल्टिंग एडिटर जॉइन किया था। इससे पहले वह ‘नेटवर्क18’ (Network 18) में डिप्टी मैनेजिंग एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। वह ‘जी न्यूज’ (Zee News) में रेजिडेंट एडिटर भी रह चुके हैं।

सुमित अवस्थी करीब पांच साल तक ‘आजतक’ (Aaj Tak) में भी रह चुके हैं। यहां वह डिप्टी एडिटर के तौर पर कार्यरत थे। सुमित राजनीति में अच्छी पकड़ और बेहतर रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें अब तक ‘दादा साहेब फाल्के एक्सीलेंस अवॉर्ड‘ और ‘माधव ज्योति अवॉर्ड‘ समेत प्रतिष्ठित ‘एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स’ (enba) से भी नवाजा जा चुका है।

सुमित अवस्थी का जन्म लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में हुआ है। केंद्रीय विद्यालय, इंदौर से अपनी स्कूलिंग पूरी करने के बाद उन्होंने इंदौर में ही ‘होलकर साइंस कॉलेज’ से ग्रेजुएशन की है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली स्थित ‘भारतीय विद्या भवन‘ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। समाचार4मीडिया की ओर से सुमित अवस्थी को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।

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राज टीवी नेटवर्क में दो नए स्वतंत्र निदेशक नियुक्त, शेयरधारकों ने दी मंजूरी

राज टीवी नेटवर्क लिमिटेड के शेयरधारकों ने पोस्टल बैलट के जरिए दो नए इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स (स्वतंत्र निदेशक) की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।

Vikas Saxena by
Published - Monday, 08 December, 2025
Last Modified:
Monday, 08 December, 2025
rajtelevision89

राज टीवी नेटवर्क लिमिटेड के शेयरधारकों ने पोस्टल बैलट के जरिए दो नए इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स (स्वतंत्र निदेशक) की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने यह वोटिंग पूरी तरह से ऑनलाइन ई-वोटिंग के माध्यम से कराई, जिसमें फिजिकल बैलट भेजे नहीं गए।

कंपनी की पोस्टल बैलट प्रक्रिया 5 नवंबर 2025 से शुरू होकर 4 दिसंबर 2025 तक चली। कंपनी ने 5 नवंबर 2025 से 4 दिसंबर 2025 तक यह ई-वोटिंग प्रक्रिया चलायी थी। इस दौरान शेयरहोल्डर्स ने अपनी सहमति या असहमति सिर्फ ऑनलाइन माध्यम से ही दर्ज कराई। इसके तहत शेयरधारकों ने दो विशेष प्रस्तावों पर मतदान किया:

  1. पेचिमुथु उदयकुमार को अगले पांच साल के लिए कंपनी के नॉन-एग्जिक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त करना।

    • इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट: 44 सदस्य, 4,84,46,037 शेयर (99.9995%)

    • विपक्ष में वोट: 4 सदस्य, 238 शेयर (0.0005%)

  2. कृष्ण सिंह बालाजी सिंह को अगले पांच साल के लिए कंपनी के नॉन-एग्जिक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त करना।

    • इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट: 44 सदस्य, 4,84,46,007 शेयर (99.9994%)

    • विपक्ष में वोट: 4 सदस्य, 268 शेयर (0.0006%)

राज टीवी नेटवर्क अब अपने बोर्ड में इन दो नए डायरेक्टर्स के साथ काम करेगा, जिनकी नियुक्ति 18 अक्टूबर 2025 से प्रभावी मानी जाएगी और यह पांच साल के लिए रहेगी।

कंपनी के स्क्रूटिनाइजर ने पुष्टि की कि दोनों प्रस्तावों को आवश्यक बहुमत के साथ पारित किया गया है और वोटिंग पूरी तरह से पारदर्शी और नियमों के अनुसार हुई। किसी भी वोट को अमान्य नहीं माना गया और जिन शेयरों पर वोटिंग अधिकार नहीं थे, उन्हें गिना नहीं गया। वोटिंग के परिणाम और स्क्रूटिनाइजर की रिपोर्ट कंपनी की वेबसाइट www.rajtvnet.in पर भी उपलब्ध कर दी गई है।

इस तरह राज टीवी नेटवर्क ने अपने बोर्ड को और मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। 

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