पिछले एक साल में SPNI में शीर्ष पदों पर हुए बड़े फेरबदल, कई दिग्गजों ने छोड़ी जिम्मेदारी

पिछले एक साल में Sony Pictures Networks India (SPNI) की टॉप लीडरशिप में काफी बदलाव हुआ है।

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 24 September, 2025
Last Modified:
Wednesday, 24 September, 2025
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पिछले एक साल में Sony Pictures Networks India (SPNI) की टॉप लीडरशिप में काफी बदलाव हुआ है। कंपनी के कई लंबे समय से जुड़े बड़े अधिकारी- जैसे बिजनेस और कंटेंट हेड्स, फाइनेंस, लीगल, टेक्नोलॉजी, ऐड सेल्स और कॉरपोरेट कम्युनिकेशन के लीडर्स अपने पद छोड़ चुके हैं।

हर किसी के जाने की अपनी वजह रही है। कुछ लोग रिटायर हुए, तो कुछ ने अपना खुद का काम शुरू करने का फैसला किया। लेकिन कुल मिलाकर, यह एक बड़ा बदलाव है जो SPNI की लीडरशिप स्ट्रक्चर (नेतृत्व ढांचे) को नए सिरे से गढ़ रहा है।

यह सब ऐसे समय पर हो रहा है जब पूरी ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री तेज़ बदलाव और चुनौतियों के दौर से गुजर रही है।

एन.पी. सिंह ने छोड़ी MD-CEO की जिम्मेदारी

एन.पी. सिंह ने मई 2024 में SPNI के MD और CEO का पद छोड़ने का ऐलान किया। अब वे कंपनी में सिर्फ एक सलाहकार (Advisory Role) के तौर पर जुड़े हुए हैं। उनका यह फैसला उस समय आया था, जब उन्होंने खुद स्वीकार किया था कि वित्त वर्ष 2025 में SPNI के लिए आगे का सफर मुश्किल रहने वाला है।

सिंह ने कंपनी में 25 साल काम किया और इस दौरान SPNI को एक मल्टी-प्लेटफॉर्म एंटरटेनमेंट पावरहाउस बना दिया।

  • 1999 में वे CFO (Chief Financial Officer) बने।

  • फिर COO बने और 2014 में CEO और MD का पद संभाला।

  • उनके नेतृत्व में 2013 में SonyLIV OTT प्लेटफॉर्म लॉन्च हुआ।

  • उन्होंने Zee Entertainment के साथ बड़े स्तर पर मर्जर करने की कोशिश भी की।

दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के पूर्व छात्र रहे सिंह का लगभग 40 साल का कॉर्पोरेट करियर भारतीय मीडिया में एक स्थायी छाप छोड़ गया है।

नीरज व्यास: भानुशाली स्टूडियो में नई पारी

नीरज व्यास ने अगस्त 2024 में SPNI छोड़ा और फरवरी 2025 में भानुशाली स्टूडियोज के CEO बने। लगभग तीन दशक तक SPNI से जुड़े व्यास ने सोनी के हिंदी एंटरटेनमेंट और मूवी क्लस्टर—Sony Entertainment Television, Sony SAB, Sony PAL और Sony MAX—का नेतृत्व किया।
1995 में सोनी से जुड़े व्यास ने सेल्स, प्रोग्रामिंग और बिजनेस ऑपरेशंस में अहम भूमिकाएं निभाईं और SPNI की कंटेंट स्ट्रैटेजी और ब्रांड पहचान को आकार दिया।

अशोक नंबिसन और नितिन नाडकर्णी का रिटायरमेंट

जुलाई 2024 में SPNI ने दो सीनियर लीडर्स (जनरल काउंसिल अशोक नंबिसन और CFO नितिन नाडकर्णी) के 31 अगस्त 2024 से रिटायरमेंट का ऐलान किया।

नितिन नाडकर्णी 2005 में SPNI से जुड़े और CFO, हेड ऑफ ब्रॉडकास्ट ऑपरेशंस और नेटवर्क इंजीनियरिंग और हेड ऑफ कमर्शियल जैसी भूमिकाएं निभाईं। लगभग दो दशकों तक उन्होंने वित्तीय स्थिरता, ऑपरेशनल प्रोसेसेज में नवाचार और सस्टेनेबिलिटी गोल्स में प्रगति सुनिश्चित की।

अशोक नंबिसन 2007 से SPNI के साथ थे और लीगल, रेगुलेटरी व कंप्लायंस मामलों में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने Ten Sports के अधिग्रहण और IPL राइट्स री-नेगोशिएशन जैसे बड़े लीगल मामलों को संभाला। बतौर ऑम्बड्सपर्सन, उन्होंने एथिकल कंडक्ट और गवर्नेंस को बढ़ावा दिया।

राज मोहन श्रीनिवासन का इस्तीफा

जुलाई 2024 में SPNI के चीफ इंफॉर्मेशन ऑफिसर राज मोहन श्रीनिवासन ने पद छोड़ दिया था। 30 साल से अधिक का वैश्विक अनुभव रखने वाले राज ने SPNI की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और IT स्ट्रैटेजी को दिशा दी। इससे पहले वे IBM, Oracle और अन्य ग्लोबल कंपनियों में सीनियर रोल्स में रह चुके थे।

लीना लेले दत्ता ने छोड़ा पद

अक्टूबर 2024 में लीना लेले दत्ता, SPNI की EVP और किड्स बिजनेस हेड, ने पद छोड़ दिया। उन्होंने 2017 में Sony YAY! की लॉन्चिंग से लेकर इसके विस्तार तक अहम भूमिका निभाई। दो दशक से अधिक के मीडिया अनुभव के साथ उन्होंने कंटेंट क्रिएशन, डिस्ट्रीब्यूशन और मोनेटाइजेशन में बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं।

संदीप मेहरोत्रा: सेल्स हेड ने छोड़ा पद

जुलाई 2025 में संदीप मेहरोत्रा, EVP ऑफ सेल्स, ने reportedly हेल्थ कारणों से पद छोड़ा। 25 साल से अधिक SPNI से जुड़े मेहरोत्रा एडवरटाइजिंग रेवेन्यू के मुख्य आधार रहे। क्लाइंट-फर्स्ट एप्रोच और बदलते मार्केट हालातों में उनकी एडॉप्टेबिलिटी ने उन्हें ब्रांड्स और एजेंसियों का भरोसेमंद पार्टनर बनाया।

हुम्सा धीर: कम्युनिकेशंस हेड का एक दशक पूरा

इस साल SPNI की SVP और हेड ऑफ कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस हुम्सा धीर ने भी 10 साल पूरे करने के बाद कंपनी छोड़ी। उन्होंने कंपनी की एक्सटर्नल नैरेटिव और इंटरनल कल्चर दोनों को आकार देने में अहम योगदान दिया।

कई सीनियर लीडर्स का एक साल के भीतर जाना केवल सामान्य एट्रिशन नहीं है, बल्कि SPNI की लीडरशिप में एक जेनरेशनल शिफ्ट को दर्शाता है। दिग्गज नेताओं के एग्जिट के साथ, जिन्होंने दशकों तक कंपनी की दिशा तय की, SPNI अब इंडस्ट्री के बदलावों, डिजिटल इवोल्यूशन और बदलती दर्शक आदतों के बीच नए मोड़ पर खड़ा है। 



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सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया करेगी बिजनेस ऑडिट, BCG को मिली जिम्मेदारी

सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (SPNI) ने अपने बिजनेस की व्यापक समीक्षा (ऑडिट) के लिए बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) को जोड़ा है।

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Published - Wednesday, 24 September, 2025
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Wednesday, 24 September, 2025
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सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (SPNI) ने अपने बिजनेस की व्यापक समीक्षा (ऑडिट) के लिए बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) को जोड़ा है।

यह फैसला गौरव बनर्जी की अगुवाई में लिया गया है, जिन्होंने एन.पी. सिंह के जाने के बाद 2024 में सीईओ और एमडी के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी। इस कदम का मकसद SPNI के टेलीविजन नेटवर्क और उसकी स्ट्रीमिंग सर्विस SonyLIV दोनों में एक ज्यादा प्रभावी और लागत-सचेत संगठन तैयार करना है।

BCG प्रोग्रामिंग, मार्केटिंग, राइट्स मैनेजमेंट और सपोर्ट फंक्शंस की समीक्षा कर रहा है, ताकि दोहराव को कम किया जा सके और प्रक्रियाओं को सरल बनाया जा सके। कंसल्टेंसी की सिफारिशों से उम्मीद है कि कंटेंट पर होने वाला खर्च और उससे होने वाली कमाई के बीच संतुलन बनाया जा सकेगा, साथ ही उन संरचनात्मक कमियों को भी दूर किया जा सकेगा जो कामकाज को धीमा करती हैं।

इस पहल का समय ऐसे दौर में आया है जब ब्रॉडकास्ट सेक्टर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। कंटेंट हासिल करने और बनाने की बढ़ती लागत, डिजिटल-फर्स्ट कंपनियों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा, कीमतों पर नियामकीय पाबंदियां और अनिश्चित विज्ञापन माहौल ने ब्रॉडकास्टर्स के मुनाफे को घटा दिया है।

ये दबाव मीडिया कंपनियों को अपनी रणनीतियों पर दोबारा सोचने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जो पहले बड़े पैमाने और तेज विस्तार पर आधारित हुआ करती थीं।

इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि बनर्जी का यह फैसला अनुशासन और फुर्ती की दिशा में एक बड़ा बदलाव है।

यह ऑडिट कंपनी के लिए बेहतर फैसले लेने की व्यवस्था बनाने, अनावश्यक खर्च कम करने और SPNI को तेजी से बदलते मीडिया माहौल में ज्यादा मजबूती से मुकाबला करने के लिए एक कदम माना जा रहा है।

कंपनी ने हालांकि इस समीक्षा पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन इसके नतीजे SPNI की लंबे समय की विकास रणनीति को प्रभावित करने वाले माने जा रहे हैं। 

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TRAI ने इंटरकनेक्शन नियमों का संशोधित ड्राफ्ट किया जारी, मांगी सार्वजनिक राय

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने टेलीकम्युनिकेशन (ब्रॉडकास्टिंग एंड केबल) सर्विसेज इंटरकनेक्शन (एड्रेसेबल सिस्टम्स) (सातवां संशोधन) विनियम, 2025 का ड्राफ्ट जारी किया है

Last Modified:
Tuesday, 23 September, 2025
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भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने टेलीकम्युनिकेशन (ब्रॉडकास्टिंग एंड केबल) सर्विसेज इंटरकनेक्शन (एड्रेसेबल सिस्टम्स) (सातवां संशोधन) विनियम, 2025 का ड्राफ्ट जारी किया है और इसे सार्वजनिक परामर्श के लिए खोला है। यह कदम इंटरकनेक्शन ढांचे को नया करता है, जो ब्रॉडकास्टर्स और डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स (DTH, MSO, HITS, IPTV) के बीच एड्रेसेबल टीवी सिस्टम्स पर व्यावसायिक और तकनीकी व्यवस्थाओं को नियंत्रित करता है।

यह ड्राफ्ट TRAI की 9 अगस्त 2024 की उस कंसल्टेशन पर आधारित है, जो 2017 इंटरकनेक्शन रेगुलेशंस और डिजिटल एड्रेसेबल सिस्टम्स (DAS) ऑडिट मैनुअल से जुड़े ऑडिट प्रावधानों पर की गई थी। स्टेकहोल्डर्स की राय की समीक्षा के बाद, रेगुलेटर ने संशोधन तैयार किए हैं, जिनका मकसद ऑडिट की सीमा, प्रक्रियाओं और रिपोर्टिंग को कड़ा करना है। अब TRAI ने नोटिफिकेशन से पहले इस पर अंतिम फीडबैक मांगा है।

इंडस्ट्री के लिए ये बदलाव अहम हैं क्योंकि इंटरकनेक्शन ऑडिट सब्सक्राइबर रिपोर्टिंग, रेवेन्यू शेयर, पैकेजिंग और ब्रॉडकास्टर्स व DPOs के बीच अनुपालन के केंद्र में होते हैं। एक स्पष्ट और लागू होने वाला ऑडिट ढांचा विवाद कम करेगा, सब्सक्राइबर डेटा की पारदर्शिता बढ़ाएगा और पे-टीवी वैल्यू चेन में सेटलमेंट अनुशासन को मजबूत करेगा।

मुख्य प्रस्ताव यह है कि हर डिस्ट्रीब्यूटर के एड्रेसेबल सिस्टम्स (SMS, CAS, DRM और संबंधित घटकों) का हर साल ऑडिट किया जाए। यह पिछले वित्त वर्ष के लिए होगा और अंतिम ऑडिट रिपोर्ट हर साल 30 सितंबर तक सभी जुड़े ब्रॉडकास्टर्स को साझा करनी होगी। ऑडिट BECIL या TRAI-एम्पैनल्ड ऑडिटर्स द्वारा कराना होगा, और शेड्यूल व ऑडिटर की जानकारी 30 दिन पहले ब्रॉडकास्टर्स को देनी होगी। एक ब्रॉडकास्टर प्रतिनिधि ऑडिट देख सकता है। छोटे डिस्ट्रीब्यूटर (जिनके पास पिछले वित्त वर्ष के अंत तक 30,000 या उससे कम सक्रिय सब्सक्राइबर हों) ऑडिट को वैकल्पिक मान सकते हैं। ड्राफ्ट में कहा गया है कि ये संशोधन 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगे।

TRAI ने ऑडिट निष्कर्षों पर विवाद सुलझाने के लिए एक ढांचा भी तैयार किया है। अगर कोई ब्रॉडकास्टर रिपोर्ट से असहमत होता है, तो वह सबूतों के साथ आपत्तियां दर्ज कर सकता है। डिस्ट्रीब्यूटर को इन्हें 30 दिन में ऑडिटर तक भेजना होगा, ताकि अपडेटेड रिपोर्ट दी जा सके।

यदि विवाद बना रहता है, तो मामला TRAI तक ले जाया जा सकता है, जो ब्रॉडकास्टर के खर्चे पर एक विशेष ऑडिट की अनुमति दे सकता है। यदि कोई डिस्ट्रीब्यूटर 30 सितंबर तक ऑडिट रिपोर्ट साझा करने में विफल रहता है, तो ब्रॉडकास्टर्स मिलकर या अलग-अलग अपने खर्चे पर ऑडिट करा सकते हैं, जो एक साल में एक बार और उस तारीख से चार महीने के भीतर पूरा होना चाहिए। अगर ऑडिट में सब्सक्राइबर संख्या में गड़बड़ी पाई जाती है, तो निपटारा इंटरकनेक्ट कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार होगा। और यदि कोई एड्रेसेबल सिस्टम तकनीकी मानकों (Schedule III/X) में विफल रहता है, तो ब्रॉडकास्टर्स तीन हफ्ते की नोटिस देकर सिग्नल डिस्कनेक्ट कर सकते हैं।

डिस्ट्रीब्यूशन इकोसिस्टम में व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरिंग को देखते हुए, ड्राफ्ट ने साझा ढांचे के लिए प्रावधान तय किए हैं। जहां SMS/CAS/DRM साझा किया जाता है, वहां हर डिस्ट्रीब्यूटर के लिए अलग-अलग इंस्टेंस होने चाहिए और डेटा अलग-अलग तरीके से रखा जाना चाहिए ताकि एंटिटी-वार सुलह संभव हो सके।

एंटी-पायरेसी पहचान के लिए, पेड चैनलों की वॉटरमार्किंग साझा इंफ्रास्ट्रक्चर में एन्कोडर एंड पर इंफ्रा-प्रोवाइडर द्वारा की जानी चाहिए, जबकि डिस्ट्रीब्यूटर को अपना नेटवर्क लोगो STB/मिडलवेयर के जरिए देना होगा। उपभोक्ता की स्क्रीन पर आदर्श रूप से केवल दो लोगो (ब्रॉडकास्टर + लास्ट-माइल DPO) दिखने चाहिए।

इसके साथ ही, CAS को कम से कम दो साल पुराने लॉग जनरेट और सुरक्षित रखने में सक्षम होना चाहिए, और साझा इंफ्रास्ट्रक्चर सेटअप में हर डिस्ट्रीब्यूटर के लिए अलग-अलग कमांड लॉग (हर एक्टिवेशन/डी-एक्टिवेशन सहित) बनाए रखने चाहिए।

यदि ड्राफ्ट के मुताबिक संशोधन लागू होते हैं, तो सातवां संशोधन वित्त वर्ष-आधारित ऑडिट अनुशासन को मजबूत करेगा, साझा इंफ्रास्ट्रक्चर की पुरानी दिक्कतों को दूर करेगा और गैर-अनुपालन पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। इससे पे-टीवी चेन में साफ-सुथरी सब्सक्राइबर रिपोर्टिंग और बेहतर सेटलमेंट में मदद मिलेगी। DPOs के लिए इसका मतलब होगा ज्यादा प्रोसेस की सख्ती, वहीं ब्रॉडकास्टर्स को सुलह और पायरेसी ट्रेस करने में ज्यादा भरोसा मिलेगा। 

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वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद शर्मा ने ‘Daily Post TV’ में अपनी पारी को दिया विराम

समाचार4मीडिया से बातचीत में प्रमोद शर्मा ने बताया कि पारिवारिक कारणों से वह कुछ समय के लिए मीडिया से ब्रेक ले रहे हैं। जल्द ही वह अपनी नई पारी शुरू कर उसके बारे में बताएंगे।

Last Modified:
Monday, 22 September, 2025
Pramod Sharma

वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद शर्मा ने पंजाब/हरियाणा के प्रमुख न्यूज चैनल्स में शुमार ‘डेली पोस्ट टीवी’ (Daily Post TV) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह करीब पौने तीन साल से इस चैनल में कार्यरत थे और बतौर इनपुट एडिटर और न्यूज रूम डायरेक्टर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

समाचार4मीडिया से बातचीत में प्रमोद शर्मा ने बताया कि पारिवारिक कारणों से वह कुछ समय के लिए मीडिया से ब्रेक ले रहे हैं। जल्द ही वह अपनी नई पारी शुरू कर उसके बारे में बताएंगे।

मूल रूप से बुलंदशहर के रहने वाले प्रमोद शर्मा को मीडिया में काम करने का करीब तीस साल का अनुभव है। इस दौरान उन्होंने प्रिंट, टीवी और डिजिटल तीनों में विभिन्न पदों पर अपनी भूमिकाएं निभाई हैं।

प्रमोद शर्मा ने मीडिया में अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1996 में ‘राष्ट्रीय सहारा’ से की थी। यहां शुरुआत में बतौर रिपोर्टर वह दिल्ली और फिर गाजियाबाद में कार्यरत रहे। बाद में यहां उन्हें ब्यूरो चीफ और फिर नोएडा में रिपोर्टिंग टीम का हेड नियुक्त किया गया। इस दौरान उन्होंने ‘सहारा टीवी’ के लिए भी काम किया।

इसके बाद उन्होंने यहां से बाय बोलकर बतौर एसोसिएट एडिटर ‘समाचार प्लस’ चैनल जॉइन कर लिया। इसके बाद वह ‘के न्यूज’ आ गए और एग्जिक्यूटिव एडिटर (यूपी/यूके) के पद पर अपनी सेवाएं दीं। यहां उन्होंने लोकप्रिय इलेक्शन लाइव शो ‘वोटर तो बोलेगा’ किया।

वर्ष 2018 में प्रमोद शर्मा ‘जी’ मीडिया से जुड़ गए और यहां करीब चार साल तक (फरवरी 2018 से दिसंबर 2022 ) नेटवर्क एडिटर समेत अहम पदों पर अपनी जिम्मेदारी संभाली। यहां वह ‘जी’ (दिल्ली-एनसीआर) को लॉन्च करने वाली कोर टीम का हिस्सा थे। ‘जी’ में वह ‘दास्तान ए जुर्म’ नाम से लोकप्रिय शो भी करते थे।

इसके बाद उन्होंने यहां से इस्तीफा देकर पंजाब/हरियाणा में ‘डेली पोस्ट टीवी’ जॉइन कर लिया था और इनपुट एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे, जहां से अब उन्होंने इस्तीफा देकर दिल्ली वापसी की है और जल्द ही अपनी नई पारी का आगाज करेंगे। 

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देश की धड़कन, युवाओं की आवाज, 20 सितंबर को मुंबई में होगा NDTV YUVA 2025 का आगाज

20 सितंबर 2025 को एनडीटीवी युवा कॉन्क्लेव मुंबई में अपने सातवें एडिशन के साथ वापसी कर रहा है।

Last Modified:
Friday, 19 September, 2025
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20 सितंबर 2025 को एनडीटीवी युवा कॉन्क्लेव मुंबई में अपने सातवें एडिशन के साथ वापसी कर रहा है। यह मंच जनरेशन-जेड की तात्कालिकता और उन लोगों के प्रभाव को एक साथ लाएगा, जो भारत की सोच को आकार देते हैं। अपनी शुरुआत से ही युवा ऐसा संवाद मंच बन गया है जहां युवाओं की ऊर्जा और नेताओं का अनुभव एक-दूसरे से मिलते हैं, ताकि नई संभावनाओं की कल्पना की जा सके, परंपराओं को चुनौती दी जा सके और ऐसे रास्ते खोजे जा सकें जो वर्तमान की सच्चाइयों और भविष्य के वादों दोनों से मेल खाते हों।

युवाओं और चेंजमेकर्स के बीच इंटरैक्टिव एक्सचेंज के रूप में तैयार किए गए इस कॉन्क्लेव में विकसित भारत की दृष्टि को सामने रखा जाएगा, साथ ही नई पीढ़ी के अवसरों और चिंताओं पर भी चर्चा होगी।

अभिनेता ईशान खट्टर एक ऐसे सफर पर बात करेंगे जो उनकी अपनी पहचान को दर्शाता है- ड्रीमर. डूअर. डिसरप्टर.। यह सत्र उन महत्वाकांक्षाओं और दृढ़ता का प्रतिबिंब होगा जो आज के युवा आइकॉन की सांस्कृतिक दुनिया को परिभाषित करती हैं। मनोरंजन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में अभिनेता हरनाज संधू, फिल्ममेकर मोहित सूरी, अभिनेता डायना पेंटी, मानुषी छिल्लर, रिया चक्रवर्ती और वाणी कपूर भी शामिल होंगी।

युवा में राजनीति और गवर्नेंस भी बातचीत का अहम हिस्सा होंगे। इस दौरान स्मृति ईरानी, के.टी. रामाराव, मिलिंद देवड़ा, सुप्रिया सुले और पूनम महाजन जैसे नेता युवा भारत से जुड़ी चर्चाओं में हिस्सा लेंगे। वहीं दृढ़ता और व्यक्तिगत विकास के विषय भी केंद्र में होंगे, जिन पर मनोचिकित्सक डॉ. जिराक मार्कर, मोटिवेशनल स्पीकर रासिक चोपड़ा और अन्य प्रमुख विशेषज्ञ मानसिक स्वास्थ्य और सशक्तिकरण पर अपनी राय साझा करेंगे।

भारत के युवा उद्यमिता की भावना का प्रतिनिधित्व करेंगे रैपिडो के को-फाउंडर पवन गुन्टुपल्ली, जिनकी कहानी महत्वाकांक्षा, नवाचार और संघर्ष का प्रतीक है। कार्यक्रम का समापन सिंगर अरमान मलिक के खास परफॉर्मेंस के साथ होगा।

एनडीटीवी के एडिटर-इन-चीफ और सीईओ राहुल कंवल ने कॉन्क्लेव की दृष्टि पर बोलते हुए कहा, “मुंबई एडिशन का मकसद युवा भारत को ऐसे आइकॉन से जोड़ना है जो प्रेरणा देते हैं और ऐसे नेता जो उनकी दुनिया को आकार देते हैं। हम ऐसी चर्चाएं शुरू करना चाहते हैं जो जनरेशन-जेड को विचार, दृष्टिकोण और अवसर प्रदान करें, और जो विकसित भारत की बड़ी आकांक्षा से मेल खाएं।”

युवाओं की आवाजों, प्रेरक यात्राओं और विचारोत्तेजक बहसों के मेल के साथ एनडीटीवी युवा 2025, मुंबई चैप्टर एक बार फिर खुद को ऐसा अहम मंच साबित करने जा रहा है जो नए भारत का भविष्य तय करने वाली चर्चाओं की दिशा दिखाएगा। 

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सरकारी आलोचना व नए दबाव के बीच रेटिंग सिस्टम सुधारने की तैयारी में BARC

सरकार की आलोचना और अधिक रेटिंग एजेंसियों के लिए बाजार खोलने की मांगों के बीच ऐसा प्रतीत होता है कि ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल आखिरकार अपनी संचालन प्रणाली को सुचारू और मजबूत करने के लिए तैयार है

Last Modified:
Thursday, 18 September, 2025
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कंचन श्रीवास्तव, सीनियर एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।

सरकार की आलोचना और अधिक रेटिंग एजेंसियों के लिए बाजार खोलने की मांगों के बीच ऐसा प्रतीत होता है कि ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) आखिरकार अपनी संचालन प्रणाली को सुचारू और मजबूत करने के लिए तैयार है, ताकि अपने रेटिंग सिस्टम को बेहतर बना सके।

गौरव बनर्जी की अध्यक्षता वाले बोर्ड ने इस दिशा में एक योजना पर पिछले महीने हुई अपनी वार्षिक आम बैठक में चर्चा की थी, ऐसी जानकारी सूत्रों ने एक्सचेंज4मीडिया को दी।

एक उच्च अधिकारी ने कहा, “कुछ इनीशिएटिव्स जो इस साल के अंत तक शुरू किए जाने की संभावना है, जिसमें CTV मीजरमेंट सिस्टम की लॉन्चिंग और लंबे समय से लंबित बेसलाइन सर्वे का फिर से आरंभ करना शामिल है। ये दोनों मुद्दे एक्सचेंज4मीडिया बार-बार उठाता रहा है। इन उपायों को आकार देने की ठोस योजना अगली बोर्ड बैठक में अंतिम रूप से तय होने की संभावना है।”

एक्सचेंज4मीडिया ने ने पहले बताया था कि BARC ने 2018 से अब तक कोई बेसलाइन सर्वे नहीं किया है। इस वजह से टीवी के दर्शकों की संख्या (viewership data) की सटीकता पर संदेह बना हुआ है, खासकर तब जब महामारी के बाद लोगों की मीडिया देखने की आदतें बहुत तेजी से बदल चुकी हैं। इसके अलावा, BARC की जो योजनाएं थीं, जैसे कि घरों (households/HH) के पैनल कवरेज को बढ़ाना, मल्टी-स्क्रीन मीजरमेंट सिस्टम शुरू करना और एक कनेक्टेड टीवी सर्वे कराना, जोकि अभी तक साकार नहीं हो पाई हैं। सूत्रों का कहना है कि इस रुकावट का कारण कुछ ब्रॉडकास्टर्स के बीच इन कामों के प्रति लगातार रुचि की कमी है।

टीवी से जुड़े एक एग्जिक्यूटिव ने कहा, “ये दोनों कदम (बेसलाइन सर्वे और CTV मीजरमेंट) सिस्टम की विश्वसनीयता वापस लाने के लिए बेहद जरूरी हैं। बेसलाइन सर्वे से यह फायदा होता है कि पैनल को भारत की तेजी से बदल रही आबादी और दर्शकों की देखने की आदतों के हिसाब से ताजा और सही दिशा में किया जा सके। वहीं, CTV (कनेक्टेड टीवी) मीजरमेंट को अगला बड़ा कदम माना जा रहा है, क्योंकि भारत में 5 करोड़ से ज़्यादा घरों में अब बिना तार वाले टीवी हैं। 

BARC के सीईओ नकुल चोपड़ा ने इस मामले पर कुछ भी कहने से फिलहाल इनकार कर दिया है। चेयरमैन गौरव बनर्जी ने भी बार-बार किए गए कॉल और संदेशों का जवाब नहीं दिया।

असली परीक्षा

BARC से उम्मीद की जा रही है कि वह नवंबर में प्रस्तावित अपनी अगली बोर्ड बैठक में इन इनीशिएटिव्स के लिए एक ठोस योजना को अंतिम रूप देगा। कई लोगों के लिए यह समय-सीमा BARC की नीयत और कार्रवाई की तत्परता की एक कसौटी होगी।

इंडस्ट्री अब भी 2020-21 के उस भरोसे के संकट को याद करता है, जब न्यूज रेटिंग्स एक साल से अधिक समय के लिए निलंबित कर दी गई थीं, जिससे ऐडवर्टाइजर और ब्रॉडकास्टर असमंजस में पड़ गए थे। शेयरहोल्डर्स का कहना है कि BARC अब और किसी देरी का जोखिम नहीं उठा सकता, जो उसकी स्थिति को कमजोर करे।

यह तत्परता पॉलिसी मेकर्स और ऐडवर्टाइजर्स दोनों की सीधी आलोचना की पृष्ठभूमि में सामने आई है। ब्रॉडकास्टर्स और मार्केटर्स के लिए विश्वसनीय और समय पर दर्शक डेटा उन विज्ञापन खर्चों की नींव है, जिनकी कीमत हजारों करोड़ रुपये है।

हाल ही में TRAI के चेयरमैन ए.के. लाहोटी ने भी इस पारिस्थितिकी तंत्र को “विकृत” बताया और एक से अधिक रेटिंग एजेंसियों के प्रवेश, मजबूत तकनीकी एकीकरण और सरकार के हस्तक्षेप की वकालत की, ताकि पारंपरिक टीवी और ओटीटी के बीच समानता सुनिश्चित हो सके।

एक इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने कहा, “पैनल को ताजा करने और सर्वे शुरू करने में लगातार हो रही देरी ने न केवल ऐडवर्टाइजर्स का टीवी प्लेटफॉर्म पर विश्वास घटाया है, बल्कि BARC के सिस्टम की प्रासंगिकता पर भी असहज सवाल खड़े किए हैं। जितना अधिक BARC इंतजार करेगा, उतना ही वह बाजार की वास्तविकताओं से कटा हुआ माना जाएगा।”

कुछ पर्यवेक्षकों ने कहा, “कुछ हितधारक, खासकर ब्रॉडकास्टर, लंबे समय से इन अभ्यासों को लेकर आशंकित रहे हैं, इस डर से कि यह जो डेटा सामने ला सकता है। जहां वे ब्रॉडकास्ट क्षेत्र में हावी हैं, वहीं CTV क्षेत्र में उनका भरोसा कमजोर है, क्योंकि देखने के पैटर्न बहुत गतिशील बने हुए हैं, जिससे चीजें ऐडवर्टाइजर्स के लिए जटिल हो सकती हैं।” 

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कल्वर मैक्स-टाटा प्ले ने ऑडिट पर जताई सहमति, TDSAT ने दिए डेटा सुरक्षा के निर्देश

Culver Max Entertainment (पूर्व में Sony Pictures Networks India) और Tata Play ने नॉन-डिस्क्लोजर एग्रीमेंट (NDAs) पर हस्ताक्षर किए हैं और एक ऑडिट को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई है।

Last Modified:
Thursday, 18 September, 2025
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Culver Max Entertainment (पूर्व में Sony Pictures Networks India) और Tata Play ने नॉन-डिस्क्लोजर एग्रीमेंट (NDAs) पर हस्ताक्षर किए हैं और एक ऑडिट को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई है। यह कदम उस समय उठाया गया जब Culver Max ने Tata Play द्वारा कराए गए पहले ऑडिट पर असंतोष व्यक्त किया था।

शुरुआत में Culver Max ने टेलीकम्युनिकेशन (ब्रॉडकास्टिंग एंड केबल) सर्विसेज इंटरकनेक्शन (एड्रेसेबल सिस्टम्स) रेगुलेशंस, 2017 के रेगुलेशन 15(2) के तहत ऑडिट कराने के लिए KPMG एश्योरेंस एंड कंसल्टिंग सर्विसेज LLP को नियुक्त किया था, लेकिन Tata Play ने इस पर आपत्ति जताई। इसके बाद, दोनों पक्षों ने मिलकर M/s. MGB & Co. LLP को ऑडिटर नियुक्त करने पर सहमति बनाई।

बुधवार को दूरसंचार विवाद निपटान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण (TDSAT) ने ऑडिट प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के दौरान डेटा हैंडलिंग को लेकर सुरक्षा उपाय तय किए।

न्यायाधिकरण ने आदेश दिया, “ऑडिटर एक शपथपत्र दाखिल करेगा कि वह उत्तरदाता के सब्सक्राइबर मैनेजमेंट सिस्टम (SMS), कंडीशनल एक्सेस सिस्टम (CAS) और अन्य संबंधित प्रणालियों से एकत्र की गई सामग्री या डेटा का खुलासा नहीं करेगा। ऑडिट के लिए रेगुलेशन 15(2) के तहत आवश्यक डेटा की एक प्रति ऑडिटर द्वारा एकत्र की जाएगी और वही उत्तरदाता को वापस कर दी जाएगी।”

इसके साथ ही कहा गया, “यह भी निर्देश दिया जाता है कि उत्तरदाता इस डेटा को तब तक सुरक्षित रखेगा जब तक इस मामले की अंतिम सुनवाई इस न्यायाधिकरण द्वारा नहीं हो जाती। सात दिन की अवधि तक कोई भी डेटा न तो ऑडिटर M/s. MGB & Co. LLP द्वारा, न Culver Max द्वारा और न ही Tata Play द्वारा नष्ट किया जाएगा, या तो ऑडिट पूरा होने के सात दिन बाद तक, या फिर ऑडिटर द्वारा रेगुलेशन 15(2) के तहत अंतिम रिपोर्ट तैयार करने तक, जो भी बाद में हो। इस प्रकार, डेटा को सात दिन तक संरक्षित रखा जाएगा या तब तक जब तक रिपोर्ट तैयार न हो जाए।”

न्यायाधिकरण ने Tata Play की अगली प्रक्रिया पर की गई प्रस्तुति को भी दर्ज किया, “उत्तरदाता की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता, अपने मुवक्किल से मिले निर्देशों के आधार पर प्रस्तुत करते हैं कि 10 दिनों के भीतर, ऑडिट की सटीक तिथि और समय Culver Max को ई-मेल के माध्यम से सूचित किया जाएगा।”

अब इस मामले की सुनवाई 17 दिसंबर तक स्थगित कर दी गई है। 

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भविष्य की सफलता के लिए ZEE का फोकस ओमनी-चैनल बिजनेस मॉडल पर: पुनीत गोयनका, CEO

जी एंटरटेनमेंट का उद्देश्य अपनी क्षमताओं का उपयोग करके एक ओमनी-चैनल बिजनेस मॉडल तैयार करना है, ताकि भविष्य की वृद्धि के लिए और अधिक मजबूत नींव बनाई जा सके।

Last Modified:
Tuesday, 16 September, 2025
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जी एंटरटेनमेंट का उद्देश्य अपनी क्षमताओं का उपयोग करके एक ओमनी-चैनल बिजनेस मॉडल तैयार करना है, ताकि भविष्य की वृद्धि के लिए और अधिक मजबूत नींव बनाई जा सके। यह बात कंपनी के सीईओ पुनीत गोयनका ने कंपनी की 43वीं वार्षिक आम बैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा, “साल भर के दौरान हमारा स्पष्ट फोकस हमारी रणनीतिक विकास योजना के अनुरूप तेज और परिणाम-उन्मुख कदम उठाने पर था। आपकी कंपनी अगले युग के लिए रूपांतरित हो रही है और लंबे समय की सफलता के लिए एक मजबूत रोडमैप के साथ भविष्य की ओर बढ़ने हेतु ठोस आधार तैयार कर रही है।”

गोयनका ने आगे कहा, “हमने विवेकपूर्ण लागत अनुशासन अपनाया, जिसके परिणामस्वरूप कुछ प्रमुख कारोबारी क्षेत्रों की लागत में भी समायोजन हुआ। इससे हमें व्यापार को सुव्यवस्थित करने और इस बदलते परिदृश्य में लाभ अर्जित करने में मदद मिली, जहां हमने कंटेंट क्रिएशन की अपनी मूल ताकत को उभरती तकनीकों के साथ सहज रूप से जोड़ा। आपकी कंपनी का लक्ष्य अपनी क्षमताओं का उपयोग करके एक ओमनी-चैनल बिजनेस मॉडल तैयार करना है, ताकि भविष्य की वृद्धि के लिए मजबूत नींव बनाई जा सके।”

उन्होंने कहा, “कंटेंट क्रिएशन में डाटा-आधारित फैसलों को एकीकृत करने और तकनीक को हमारे परिचालन में और गहराई से शामिल करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए जा रहे हैं। हम भविष्य के लिए तैयार प्रतिभा समूह बना रहे हैं, जिन्हें अत्यधिक प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल और मानसिकता से लैस किया जा रहा है।”

इसी बीच, चेयरमैन आर गोपालन ने शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसी इंडस्ट्री में, जहां बदलाव ही एकमात्र स्थिरता रही है, वहां बदलावों के प्रति तेजी से अनुकूलन करने की ZEE की क्षमता उसकी अनूठी ताकत साबित हुई है।

गोपालन ने कहा, “कंपनी ने कारोबार के सभी पहलुओं में प्रदर्शन पर स्थिर दृष्टिकोण बनाए रखा, जिसमें कंटेंट की गुणवत्ता और लागत प्रभावशीलता पर जोर दिया गया। प्रबंधन टीम ने विभिन्न भाषाओं में पेशकशों को बेहतर बनाने और उपभोक्ताओं की बदलती पसंद को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। इस दिशा में उठाए गए कदम लगातार जारी हैं और मौजूदा वित्त वर्ष में हमें विभिन्न बाजारों में दर्शकों की संख्या में वृद्धि देखने को मिल रही है।”

उन्होंने आगे साझा किया, “डिजिटल सेगमेंट में लाभप्रदता पर दृढ़ फोकस के साथ की गई समन्वित कार्रवाई ने आपकी कंपनी को इस खंड से होने वाले घाटे को काफी हद तक कम करने में सक्षम बनाया है। इन प्रयासों ने आपकी कंपनी को प्रति इक्विटी शेयर 2.43 रुपये का उच्च लाभांश देने में भी सक्षम बनाया है, जो शेयरधारकों के मूल्य को बढ़ाने की उसकी प्रतिबद्धता के अनुरूप है।”

कंपनी की भविष्य की दृष्टि पर बात करते हुए गोपालन ने कहा कि राजस्व सृजन को अधिकतम करने के उद्देश्य से जी ने कुछ नए विकास मार्गों की पहचान की है, जो इसके मुख्य कारोबारी क्षेत्रों के साथ उपयुक्त रूप से मेल खाते हैं।

उन्होंने कहा, “बोर्ड ने भी अपनी क्षमताओं को बढ़ाया है और अपनी संरचना को ऐसे सदस्यों से मजबूत किया है, जिनके पास विभिन्न क्षेत्रों में संतुलित विशेषज्ञता है। हम भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सही कदम उठा रहे हैं, चाहे वह कंटेंट हो, डिलीवरी हो या तकनीक, व्यवसाय के हर पहलू में नवाचार को प्रोत्साहित करके। साल के दौरान, हमने सभी हितधारकों के हित में अनुपालन मानकों, जोखिम प्रबंधन ढांचे, प्रमुख नीतियों और खुलासों को और मजबूत करने के लिए पर्याप्त प्रयास किए हैं।” 

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TDSAT ने कल्वर मैक्स की नई याचिका पर TATA PLAY को जारी किया नोटिस

TDSAT ने टाटा प्ले (TATA PLAY) को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया) की ओर से दाखिल नई याचिका पर जारी किया गया है

Last Modified:
Monday, 15 September, 2025
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टेलीकॉम डिस्प्यूट्स सेटलमेंट एंड अपीलेट ट्रिब्यूनल (TDSAT) ने टाटा प्ले (TATA PLAY) को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया) की ओर से दाखिल नई याचिका पर जारी किया गया है, जिसमें डीटीएच कंपनी के सब्सक्राइबर्स का विस्तृत ऑडिट कराने की मांग की गई है।

चेयरपर्सन जस्टिस धीरुभाई नरनभाई पटेल और सदस्य जस्टिस सुभोध कुमार गुप्ता की डिविजन बेंच ने टाटा प्ले से जवाब मांगा है और मामले की सुनवाई 16 सितंबर तक स्थगित कर दी है।

नोटिस में कहा गया, “प्रतिवादी पर नोटिस जोकि नितिन कला, प्रतिवादी की ओर से पेश अधिवक्ता द्वारा स्वीकार किया गया है, जिन्होंने निर्देश प्राप्त करने के लिए समय मांगा है। इसलिए, यह मामला 16.9.2025 को स्थगित किया जाता है।”

एशिया कप 2025 के दौरान टाटा प्ले की डीटीएच सर्विस पर दर्शक अब भी कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट के चैनल बुक्वे, जिसमें सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क भी शामिल है, नियमित पैक्स में मिस कर रहे हैं, हालांकि ये चैनल आ ला कार्टे आधार पर उपलब्ध बने हुए हैं।

ब्रॉडकास्टर और ऑपरेटर के बीच यह गतिरोध कुछ समय से TDSAT के समक्ष चल रही है। इससे पहले, ट्रिब्यूनल ने टाटा प्ले को अंतरिम राहत देते हुए कल्वर मैक्स द्वारा उठाए गए ₹128.42 करोड़ की मांग के क्रियान्वयन पर रोक लगाई थी, बशर्ते टाटा प्ले दो हफ्तों के भीतर ₹40 करोड़ जमा करे।

TDSAT ने कल्वर मैक्स को यह भी निर्देश दिया था कि वह टाटा प्ले के खिलाफ स्थिर तस्वीरें या स्क्रॉल प्रदर्शित करना बंद करे। अब यह मामला 26 सितंबर 2025 को, कल्वर मैक्स की ओर से किए गए अनुरोध के बाद, आगे सुना जाएगा।

ब्रॉडकास्टर ने ट्रिब्यूनल के आदेश के कुछ हिस्सों को बॉम्बे हाई कोर्ट में भी चुनौती दी है, विशेषकर उस प्रतिबंध को जिसमें टाटा प्ले से सोनी चैनल्स को पैक्स से हटाए जाने पर सार्वजनिक बयान जारी करने पर रोक लगाई गई थी।

हालांकि कोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया, उसने कल्वर मैक्स को सोशल मीडिया पर सीमित स्पष्टीकरण पोस्ट करने की अनुमति दी। स्पष्टीकरण में कहा गया, “टाटा प्ले और सोनी के बीच विवाद माननीय TDSAT के समक्ष विचाराधीन है। हालांकि, सोनी चैनल्स टाटा प्ले पर आ ला कार्टे और सोनी बुक्वे का हिस्सा बने हुए हैं। टाटा प्ले डीटीएच पर सोनी चैनल्स सक्रिय करने के लिए, टाटा प्ले को 1800 208 6633 पर कॉल करें।”

यह विवाद मई 2025 में शुरू हुआ, जब टाटा प्ले ने कथित तौर पर बिना अग्रिम सूचना दिए अपने 106 डीटीएच पैक्स से सोनी के 25 चैनल हटा दिए।

कल्वर मैक्स ने इस कदम को न केवल अपने संविदात्मक अधिकारों का उल्लंघन बताया बल्कि TRAI के इंटरकनेक्शन ढांचे का भी हनन करार दिया। 6 जून 2025 को, ब्रॉडकास्टर ने एक रिट याचिका दायर की, जिसमें 30 मई के पूर्ववर्ती TDSAT आदेश को “अल्ट्रा वायर्स” और अपने संवैधानिक अधिकारों, जिसमें स्वतंत्र व्यापार और अभिव्यक्ति शामिल हैं, का हनन बताया।

ऐसी असहमति पे-टीवी क्षेत्र में असामान्य नहीं है। TDSAT अधिनियम की धारा 14 के तहत, ब्रॉडकास्टर और वितरक इंटरकनेक्शन शर्तों से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए ट्रिब्यूनल का रुख कर सकते हैं। इनमें सब्सक्राइबर रिपोर्टिंग, राजस्व साझा करना और बकाया भुगतान न करना जैसे क्षेत्र शामिल हैं। 

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इंडिया टीवी का आधिकारिक यूट्यूब चैनल हैक, 2 लाख से अधिक वीडियो डिलीट, लाइव फीड बाधित

देश के प्रतिष्ठित हिंदी न्यूज चैनल्स में से एक 'इंडिया टीवी' का आधिकारिक यूट्यूब चैनल अज्ञात साइबर अपराधियों द्वारा हैक कर लिया गया, जिनके रूसी मूल का होने का संदेह है

Last Modified:
Saturday, 13 September, 2025
IndiaTV874

देश के प्रतिष्ठित हिंदी न्यूज चैनल्स में से एक 'इंडिया टीवी' का आधिकारिक यूट्यूब चैनल अज्ञात साइबर अपराधियों द्वारा हैक कर लिया गया, जिनके रूसी मूल का होने का संदेह है। इस साइबर हमले के कारण आर्काइव से 2 लाख से अधिक वीडियो डिलीट हो गए और यूट्यूब लाइव फीड बाधित हो गया।

यह चिंताजनक घटना ऐसे समय हुई है, जब भारतीय संस्थान और मीडिया प्लेटफॉर्म लगातार साइबर अपराधियों और भारत-विरोधी तत्वों के हमले झेल रहे हैं। शुक्रवार सुबह बॉम्बे हाई कोर्ट को भी बम से उड़ाने की धमकी मिली। भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है, लेकिन साइबर अपराधी नहीं चाहते कि भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभरे। भारत की डिजिटल और संस्थागत सुरक्षा पर लगातार खतरे बने हुए हैं।

अपनी एक रिपोर्ट में इंडिया टीवी ने कहा, 'पिछले कुछ वर्षों में भारत इस तरह के साइबर हमलों का केंद्र रहा है। इसके मीडिया, संस्थान, सरकारी संसाधन और डिजिटल अवसंरचना बार-बार निशाना बनाए गए हैं। ये लगातार प्रयास उन भारत-विरोधी ताकतों की चुनौती को उजागर करते हैं, जो स्थिरता को बाधित करना और उस प्रणाली पर विश्वास को कमजोर करना चाहती हैं, जिसने भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव को आगे बढ़ाया है और उसकी मजबूत लोकतांत्रिक भावना को सशक्त किया है।'

इंडिया टीवी की मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ रितु धवन ने कहा, “हमारे यूट्यूब चैनल को हाल ही में एक बड़े साइबर हमले का सामना करना पड़ा है। यह हमारे चैनल पर हमला नहीं है, बल्कि स्वतंत्र और मुक्त पत्रकारिता के महत्वपूर्ण स्तंभों को कमजोर करने का प्रयास है। हम ऐसे प्रयासों की कड़ी निंदा करते हैं, जो हमारी मीडिया आवाज को दबाने और हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं। हमारी टीमें यूट्यूब और साइबर सुरक्षा अधिकारियों के साथ मिलकर हमारे डिलीट किए गए कंटेंट को बहाल करने और हमारी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने पर काम कर रही हैं। हम प्रतिबद्ध हैं कि अपने विशाल दर्शकों को प्रामाणिक, सटीक और समय पर समाचार और विचार निरंतर उपलब्ध कराते रहेंगे, और हमारे अन्य प्रासंगिक प्लेटफॉर्म्स पर किसी तरह की रुकावट नहीं होगी।” 

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NDTV 13 सितंबर को करेगा Tech360 का डेब्यू, टेक नैरेटिव को देगा नया आयाम

एनडीटीवी (NDTV) लॉन्च कर रहा है Tech360, जो टेक नैरेटिव को नए सिरे से गढ़ेगा।

Last Modified:
Friday, 12 September, 2025
NDTV889

लंबे समय से टेक जर्नलिज्म सिर्फ नए-नए प्रोडक्ट लॉन्च दिखाने, तकनीकी शब्दों से भरी रिव्यू करने और बार-बार वही पुरानी बातें दोहराने तक सीमित रही है। यह सब थोड़ा सतही, अनुमानित और सिर्फ प्रोडक्ट-केंद्रित होता है। लेकिन इसमें अक्सर वह असली पहलू छूट जाता है, जो तकनीक को मायने देता है, यानी यह हमारे जीने, काम करने, चलने-फिरने और जीवन की कल्पना करने के तरीके को कैसे बदलती है। इसी को ध्यान में रखते हुए एनडीटीवी (NDTV) लॉन्च कर रहा है Tech360, जो टेक नैरेटिव को नए सिरे से गढ़ेगा।

13 सितंबर को लॉन्च हो रहा यह मल्टीमीडिया टेक प्लेटफॉर्म दर्शकों के लिए तकनीक की कहानियों को समझने और उनके हमारे जीवन पर प्रभाव को महसूस करने का नया अनुभव लेकर आएगा। यह शो सिर्फ डिवाइसों या लॉन्च की कैटलॉग नहीं होगा, बल्कि विचारों और उन कहानियों का नैरेटिव होगा, जो टेक्नोलॉजी की संभावनाओं की सीमाओं को दोबारा खींचेंगी और उस भविष्य की कल्पना करेंगी जो यह रचने वाली है।

इस नैरेटिव की अगुवाई एनडीटीवी के टेक & AI एडिटर आयुष ऐलावादी करेंगे। वह एक ऐसे स्टोरीटेलर हैं जो तकनीक को प्रासंगिक, उपयोगी और सरल बनाते हैं।

इस मौके पर एनडीटीवी के सीईओ और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल ने कहा, “Tech360 हमारे लिए इनोवेशन की कहानी को एक अहम नैरेटिव बनाने जा रहा है। आयुष में यह दुर्लभ क्षमता है कि वह तकनीकी शब्दजाल से परे जाकर असली मायने सामने लाते हैं। Tech360 के साथ एनडीटीवी टेक जर्नलिज्म में एक नया मानक तय करेगा, जहां इनोवेशन को इस रूप में समझा जाएगा कि यह लोगों, संस्कृति और समाज को कैसे नया आकार दे रहा है।”

Tech360 का हर एपिसोड एक विजुअली शार्प, आकर्षक और विचारोत्तेजक बातचीत के रूप में सामने आएगा, जो हमारे भविष्य को परिभाषित करेगी। यह स्पेक शीट्स से आगे बढ़कर बड़े और अहम सवाल पूछेगा: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसानियत के भविष्य को कैसे परिभाषित करेगा? क्या इलेक्ट्रिक वाहन उतने ही टिकाऊ हैं जितना दावा किया जाता है? पहनने योग्य डिवाइस स्वास्थ्य और उत्पादकता को आकार देने में क्या भूमिका निभाते हैं? तकनीक हमें सामूहिक भलाई के साझा उद्देश्य तक कैसे ले जा सकती है?

आयुष के लिए यह सिर्फ एक टेक शो नहीं है, बल्कि एक मिशन है। उन्होंने कहा, “टेक स्टोरीटेलिंग स्मार्टफोन की स्क्रीन या डिवाइस की स्पेसिफिकेशंस में कैद नहीं रह सकती। इसे इनोवेशन की चिंगारी, एल्गोरिद्म के भीतर इंसान और कोड के भीतर सपने को सामने लाना होगा। भारत इसी किस्म का नैरेटिव डिजर्व करता है, और यही कहानी हम एनडीटीवी टेक360 में सुनाएंगे।”

यह शो शनिवार शाम 6:30 बजे एनडीटीवी 24x7 पर और शनिवार सुबह 10:30 बजे एनडीटीवी प्रॉफिट पर प्रसारित होगा। इसके अलावा पूरे हफ्ते एनडीटीवी डिजिटल और सोशल मीडिया पर उपलब्ध रहेगा, जिससे यह ‘ऑलवेज-ऑन’ और हर जगह मौजूद अनुभव बन जाएगा। यह मल्टी-प्लेटफॉर्म दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि Tech360 एक जीवंत बातचीत बनी रहे, जो अलग-अलग फॉर्मेट्स और ऑडियंस तक पहुंचे।

इस लॉन्च के साथ, एनडीटीवी भारत की अगली पीढ़ी के तकनीकी नैरेटिव को आकार देने की अपनी दृष्टि को और मजबूत कर रहा है, जो हर महीने दुनिया भर में आधे अरब से अधिक लोगों तक पहुंचती है। 

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