कोरोनावायस (कोविड-19) की वजह से वर्ष 2020 की तरह वर्ष 2021 भी तमाम इंडस्ट्रीज की तरह मीडिया इंडस्ट्री के लिए ज्यादा बेहतर नहीं रहा।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो
कोरोनावायस (कोविड-19) की वजह से वर्ष 2020 की तरह वर्ष 2021 भी तमाम इंडस्ट्रीज की तरह मीडिया इंडस्ट्री के लिए ज्यादा बेहतर नहीं रहा। हालांकि, इन सबके बीच कई मीडिया नेटवर्क्स ने हिम्मत दिखाई और टीवी चैनल्स की लॉन्चिंग की। इस साल तमाम टीवी चैनल्स लॉन्च हुए, जिनमें से कई न्यूज चैनल्स भी शामिल हैं। आइए, एक नजर डालते हैं ऐसे ही चैनल्स की लॉन्चिंग पर।
टीवी9 बांग्ला: इस साल जनवरी में टीवी9 नेटवर्क (TV9 Network) ने अपने पंख फैलाते हुए बंगाल न्यूज मार्केट में 24X7 की तर्ज पर एक न्यूज चैनल लॉन्च किया, जिसका नाम है ‘टीवी9 बांग्ला’ (TV9 Bangla)। यह न्यूज चैनल टीवी9 नेटवर्क का छठा न्यूज चैनल है।
पूरी खबर यहां पढ़ें: TV9 Network ने लॉन्च किया एक और न्यूज चैनल
इंडिया न्यूज जॉय बांग्ला: अप्रैल में आईटीवी नेटवर्क (iTV Network) ने अपने पंख फैलाते हुए बंगाल न्यूज मार्केट में ‘इंडिया न्यूज जॉय बांग्ला’ (India News Joy Bangala) नाम से एक न्यूज चैनल लॉन्च किया। ‘इंडिया न्यूज बांग्ला’ का उद्घाटन पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने किया।
कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, डॉ. जितेंद्र सिंह, गिरिराज सिंह, मुख्तार अब्बास नकवी, पश्चिम बंगाल विधानसभा के कांग्रेस प्रभारी जितिन प्रसाद, बंगाल कांग्रेस के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी, टीएमसी के फरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी जैसे कई बड़े नेता शामिल थे।
पूरी खबर यहां पढ़ें: iTV Network ने फैलाए अपने पंख, लॉन्च किया ये चैनल
जी चित्रमंदिर: इस साल अप्रैल में ‘जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ (ZEE ENTERTAINMENT ENTERPRISES LTD) ने महाराष्ट्र के मार्केट में अपनी मौजूदगी को और मजबूती देते हुए एक और मराठी मूवी चैनल ‘जी चित्रमंदिर’ (Zee Chitramandir) लॉन्च किया। यह समूह का दूसरा मराठी मूवी चैनल है। नेटवर्क ने इससे कुछ दिनों पहले ही रीजनल म्यूजिक स्पेस की दुनिया में भी कदम रखते हुए Zee Vajwa के नाम से एक म्यूजिक चैनल भी शुरू किया था।
पूरी खबर यहां पढ़ें: ZEE ने लॉन्च किया एक और मूवी चैनल
वंदे त्रिपुरा: कोरोना काल के बीच इस साल मई में त्रिपुरा सरकार की ओर से 24x7 एजुकेशनल चैनल (Educational Channel) शुरू किया गया। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब (CM Biplab Deb) ने ‘वंदे त्रिपुरा’ को लॉन्च करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि यह उनकी सरकार द्वारा की गई पहली ऐसी पहल है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि छात्र लंबे समय तक अपने Lessons को मिस न कर पाएं।
पूरी खबर यहां पढ़ें: त्रिपुरा सरकार का बड़ा फैसला, कोरोना काल के बीच लॉन्च किया ये चैनल
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल मई में ‘अर्गस’ (Argus) नाम से सैटेलाइट टीवी न्यूज चैनल लॉन्च किया। वर्चुअल रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने यह चैनल लॉन्च किया। यूएस एडवर्टाइजिंग की ओर से प्रमोटेड इस चैनल को पहले उड़िया डिजिटल चैनल के रूप में चलाया जा रहा था।
पूरी खबर यहां पढ़ें: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लॉन्च किया ये टीवी न्यूज चैनल
संसद टीवी: इस साल सितंबर में केंद्र सरकार द्वारा संचालित 'लोकसभा टीवी' (LSTV) और 'राज्यसभा टीवी' ( RSTV) चैनल्स का विलय कर बने ‘संसद टीवी’ (Sansad TV) का शुभारंभ किया गया। संसद भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संयुक्त रूप से ‘संसद टीवी‘ का उद्घाटन किया। यह चैनल ‘ओवर द टॉप’ (ओटीटी) प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया और ऐप पर भी मौजूद है।
पूरी खबर यहां पढ़ें: लॉन्च हुआ 'संसद टीवी', पीएम बोले- लोकतंत्र देश की ‘जीवन धारा’
गुड न्यूज टुडे: सितंबर में ही इंडिया टुडे ग्रुप ने अपने दर्शकों के लिए एक नई पेशकश शुरू की। दरअसल ग्रुप ने सच्ची और अच्छी खबरें दिखाने के लिए ‘गुड न्यूज टुडे’ (GNT) नाम से नया न्यूज चैनल लॉन्च किया। ग्रुप के मुताबिक, यहां दर्शकों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने वाली खबरें लगातार दिखाई जाती हैं, ताकि उसके दर्शकों को अच्छाई और सच्चाई की फुल डोज मिल सके।
अभी तक ‘आजतक’ और ‘इंडिया टुडे’ के जरिए आपको देश-विदेश की हर खबर सबसे तेज और सटीक अंदाज में बताई जा रही थी, लेकिन अब इंडिया टुडे ग्रुप एक कदम आगे बढ़ गया है। ग्रुप के मुताबिक, अब सिर्फ राजनीति या जुर्म की दुनिया की खबरें दर्शकों तक सबसे पहले नहीं पहुंचाई जाएंगी, बल्कि ‘गुड न्यूज टुडे’ के जरिए हर अच्छी खबर भी आपकी टीवी स्क्रीन पर सबसे पहले आएगी।
टाइम्स नाउ नवभारत: टाइम्स नेटवर्क का हिंदी न्यूज चैनल 'टाइम्स नाउ नवभारत' 1 अगस्त को लॉन्च किया गया। एचडी लाइव में प्रसारित इस चैनल का नेतृत्व देश की जानी-मानी एवं तेज-तर्रार पत्रकार नविका कुमार (एडिटर-इन-चीफ, टाइम्स नाउ नवभारत) कर रही हैं।
लॉन्चिंग के दौरान, टाइम्स ग्रुप ने दावा किया कि 'टाइम्स नाउ नवभारत' ‘अब बदलेगा भारत, बनेगा नवभारत’ की सोच एवं जज्बे के साथ काम करते हुए बदलते और उभरते भारत की आवाज बनेगा। खबरिया चैनलों की दुनिया में यह चैनल शोर-शराबे से दूर सरोकारों की पत्रकारिता करेगा। अपनी पत्रकारिता से 'टाइम्स नाउ नवभारत' वास्तविकता की वह जमीन तैयार करेगा, जहां से नई पीढ़ी अपने सपनों की उड़ान भरेगी। चैनल सिर्फ खबरों को परोसने में भरोसा नहीं रखेगा बल्कि सच और झूठ के बीच का फर्क उजागर करते हुए उसकी तह तक पहुंचेगा। घिसे-पिटे न्यूज फॉर्मेट से अलग ताजगी, पैनापन, धार, रफ्तार और खबरों की सटीकता ही उसकी पहचान होगी।
पूरी खबर यहां पढ़ें: लॉन्च हुआ 'टाइम्स नाउ नवभारत', जानें, किन प्लेटफॉर्म्स पर आएगा नजर
सन मराठी: इस साल अक्टूबर में मराठी टेलीविजन के दर्शकों के लिए सन टीवी नेटवर्क’ (Sun TV Network) ने अपना रीजनल जनरल एंटरटेनमेंट चैनल ‘सन मराठी’ (Sun Marathi) 17 अक्टूबर को लॉन्च किया। चैनल की टैगलाइन 'सोहाला नात्यंचा' (Sohala Natyancha) है, जिसका मतलब 'सेलिब्रेटिंग रिलेशनशिप्स' है।
सोमवार से शनिवार तक हर दिन तीन घंटे के पेश किए जाने वाले अपने ओरिजनल फिक्शन कंटेंट के साथ चैनल ने अपना डेब्यू किया। बता दें कि नेटवर्क अपने घरेलू बाजार दक्षिण भारत के बाहर यह दूसरा चैनल लॉन्च किया है। इससे पहले इसने फरवरी 2019 में ‘सन बांग्ला’ (Sun Bangla) लॉन्च किया था। ‘सन मराठी’ एक फ्री-टू-एयर चैनल है और डीडी फ्री डिश के अलावा प्रमुख डीटीएच और केबल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।
पूरी खबर यहां पढ़ें: ‘सन टीवी नेटवर्क’ ने लॉन्च किया यह नया एंटरटेनमेंट चैनल
ईटी नाउ स्वदेश: इसी साल अक्टूबर में ही भारतीय भाषाओं में अपनी छाप को और मजबूत बनाने के लिए ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) ने हिंदी बिजनेस जॉनर में भी अपना सफर शुरू किया। इसी कड़ी में ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) ने 4 अक्टूबर 2021 को ‘ईटी नाउ स्वदेश’ (ET NOW SWADESH) नाम से हिंदी बिजनेस न्यूज चैनल लॉन्च किया। टाइम्स नेटवर्क के एमडी व सीईओ एम.के. आनंद ने चैनल का शुभारंभ किया।
‘ईटी नाउ स्वदेश‘ को ‘बढ़ो देश के साथ’ स्लोगन के साथ लॉन्च किया गया। नेटवर्क का दावा है कि इस नए बिजनेस चैनल पर कारोबार और फाइनेंस से जुड़ी हर छोटी बड़ी खबरों को एक अलग अंदाज में देखा जा सकता है।
पूरी खबर यहां पढ़ें: Times Network का हिंदी बिजनेस न्यूज चैनल लॉन्च, एमके आनंद ने किया ये वादा
न्यूज इंडिया: बात करें नवंबर की तो इस महीने में नेशनल न्यूज चैनल ‘न्यूज इंडिया’ (News India) ने धमाकेदार एंट्री की। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को इस चैनल की लॉन्चिंग की। इस दौरान केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय के राज्यमंत्री डॉ. लोगनाथन मुरुगन और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी नोएडा में फिल्म सिटी स्थित ‘न्यूज इंडिया’ के दफ्तर में मौजूद रहे। इस मौके पर ओमेगा टीवी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन बी.एस. तोमर ने भरोसा दिलाया कि यह चैनल राष्ट्र की आवाज बनेगा।
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संस्थान की ओर से जारी इंटरनल मेल के अनुसार, इन कवायद का उद्देश्य एडिटोरियल गुणवत्ता को और मजबूत करना, क्रिएटिव इनोवेशन को बढ़ावा देना और नेटवर्क स्तर पर विजुअल पहचान को सशक्त करना है।
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Samachar4media Bureau
‘टीवी9 भारतवर्ष’ (TV9 Bharatvarsh) ने अपने ग्रोथ प्लान और इंटरनल टैलेंट को नई पहचान देने के तहत लीडरशिप टीम में कई फेरबदल किए हैं। संस्थान की ओर से जारी इंटरनल मेल के अनुसार, इन बदलावों का उद्देश्य एडिटोरियल गुणवत्ता को और मजबूत करना, क्रिएटिव इनोवेशन को बढ़ावा देना और नेटवर्क स्तर पर विजुअल पहचान को सशक्त करना है।
इन बदलावों के तहत मोहम्मद सईद आउटपुट टीम के प्रमुख होंगे और सभी आउटपुट ऑपरेशंस की जिम्मेदारी संभालेंगे। वह सीधे मैनेजिंग एडिटर को रिपोर्ट करेंगे। पिछले तीन वर्षों में मोहम्मद सईद ने कंटेंट कंट्रोल और टीम मैनेजमेंट में बेहतरीन नेतृत्व क्षमता दिखाई है। लीडरशिप ट्रांजिशन के दौरान उन्होंने आउटपुट टीम को कुशलता से संभाला और चैनल के एडिटोरियल स्टैंडर्ड को बनाए रखा है। उन्होंने क्रिएटिव एक्सीलेंस और ऑपरेशनल एफिशिएंसी के बीच संतुलन बनाए रखते हुए आउटपुट संचालन को सुचारु रूप से चलाया है।
सुधीर कुमार पांडेय को हेड ऑफ प्रोडक्शन नियुक्त किया गया है। वह प्रोडक्शन टीम का नेतृत्व करेंगे और ऑपरेशंस संभालेंगे। वह सीधे मैनेजिंग एडिटर को रिपोर्ट करेंगे। सुधीर कुमार पांडेय ने चैनल के विशिष्ट लुक और फील को गढ़ने और बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में प्रोडक्शन और प्रोग्रामिंग की गुणवत्ता लगातार बेहतर रही है। नेटवर्क के अन्य चैनलों के साथ उनके सहयोग ने एक समान विजुअल पहचान और ऑपरेशनल स्टैंडर्ड तैयार करने में मदद की है।
आशीष पांडेय को हेड ऑफ प्रोग्रामिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह चैनल की प्रोग्रामिंग स्ट्रैटेजी, खासकर चुनावी प्रोग्रामिंग का नेतृत्व करेंगे। वह मैनेजिंग एडिटर को रिपोर्ट करेंगे। आशीष पांडेय ने चैनल के प्रोग्रामिंग पोर्टफोलियो को सफलतापूर्वक संभाला है, जिसमें प्रमुख राजनीतिक शो, चुनाव कवरेज, कॉन्क्लेव और ‘&5’ तथा ‘दृश्यम’ जैसे सिग्नेचर प्रॉपर्टीज शामिल हैं। उनकी रणनीतिक सोच और मजबूत एडिटोरियल समझ के चलते दर्शकों से जुड़ने वाला प्रभावशाली कंटेंट तैयार हुआ है।
सिद्धार्थ त्रिपाठी को मौजूदा जिम्मेदारियों के साथ-साथ अब ‘नेक्स्ट 9’ प्लान के तहत चैनल की क्रिएटिव कंटेंट स्ट्रैटेजी और भविष्य के लिए तैयार प्रोग्राम्स के विकास का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सिद्धार्थ त्रिपाठी ने ‘सत्ता’ और ‘फिक्र आपकी’ जैसे फ्लैगशिप शो तैयार किए हैं, जिन्होंने चैनल की प्राइम टाइम पहचान को मजबूत किया है। उनकी क्रिएटिव सोच और अलग तरह के शो फॉर्मेट तैयार करने की क्षमता को देखते हुए उन्हें भविष्य की रणनीति में अहम भूमिका दी गई है। वह मैनेजिंग एडिटर को रिपोर्ट करेंगे।
मुकुल पुर्थी को ग्राफिक्स हेड के पद पर पदोन्नत किया गया है। इस भूमिका में वह चैनल के सभी ग्राफिक्स, लुक और फील तथा ऑपरेशंस की जिम्मेदारी संभालेंगे और इंटरनल टीमों के साथ समन्वय करेंगे। वह नेटवर्क हेड–ग्राफिक्स को रिपोर्ट करेंगे और मैनेजिंग एडिटर को डॉटेड लाइन में रिपोर्टिंग करेंगे। मुकुल पुर्थी चैनल की विजुअल लैंग्वेज को नया आकार देने में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। सीनियर विजुअलाइज़र के तौर पर उन्होंने इनोवेटिव ग्राफिक्स के जरिए कंटेंट को ज्यादा आकर्षक और इंटरएक्टिव बनाया है।
विशाल शिबोरा अब नेटवर्क स्तर पर ग्राफिक्स से जुड़े अहम प्रोजेक्ट्स पर फोकस करेंगे। इसके साथ ही उनकी टीम टीवी9 भारतवर्ष में नए इनिशिएटिव्स और बड़े आयोजनों से जुड़े कार्यों को संभालती रहेगी।
विशाल शिबोरा ने मुकुल पुर्थी के साथ मिलकर चैनल के ग्राफिक्स कंटेंट के विकास में अहम योगदान दिया है। अपनी नई भूमिका में विशाल नेटवर्क हेड–ग्राफिक्स को रिपोर्ट करेंगे।
इंडिया टुडे ग्रुप ने अपने गोल्डन जुबली यानी 50 साल पूरे होने पर एक ऐतिहासिक पल दर्ज किया।
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इंडिया टुडे ग्रुप ने अपने गोल्डन जुबली यानी 50 साल पूरे होने पर एक ऐतिहासिक पल दर्ज किया। शुक्रवार, 12 दिसंबर को ग्रुप की टॉप लीडरशिप ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के एट्रियम में पहुंचकर सेरेमोनियल बेल रिंगिंग की रस्म निभाई। यह खास परंपरा ग्रुप की 50 साल की यात्रा का जश्न मनाने के लिए की गई।
इस मौके पर इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन अरुण पुरी, वाइस चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर कली पुरी, ग्रुप सीईओ दिनेश भाटिया और NSE के एमडी व सीईओ आशीष कुमार चौहान ने मिलकर घंटी बजाई। यह क्षण ग्रुप की पांच दशक की विरासत का बड़ा प्रतीक बना।
अरुण पुरी ने कहा कि किसी देश की ताकत उसकी वित्तीय मजबूती पर निर्भर करती है, और NSE जैसी संस्थाएं उस ताकत को बनाती हैं। वहीं इंडिया टुडे जैसी संस्थाएं सच, पारदर्शिता और भरोसे के साथ उसे सुरक्षित रखती हैं।
कली पुरी ने कहा कि 1975 से ही हमारा मिशन साफ था- देश को सच दिखाना, मुश्किल सवाल पूछना और भारत की असल तस्वीर को दर्ज करना। आज 50 साल बाद भी यह मिशन पहले से ज्यादा मजबूत है। अब हमारी पत्रकारिता डिजिटल है, जहां प्लेटफॉर्म कोई भी हो, ईमानदार कहानी और भरोसा सबसे कीमती चीज है।
पिछले 50 सालों में इंडिया टुडे ने भारत के बदलते समय को सबसे करीब से देखा- 11 प्रधानमंत्रियों, 15 सरकारों और 350 से ज्यादा चुनावों की रिपोर्टिंग की। बड़े घोटालों का खुलासा किया, उथल-पुथल के दौर में पत्रकारों ने जमीनी स्तर से रिपोर्टिंग की और भारत के एक उभरती वैश्विक ताकत बनने के सफर को दर्ज किया। हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का इंटरव्यू भी इसी विरासत का हिस्सा है।
अपने 50 साल पूरे होने पर ग्रुप ने पांच खास फिल्में लॉन्च करने का ऐलान किया, जिनमें हर दशक की यात्रा को दिखाया गया है। कार्यक्रम में एक स्पेशल टीजर, ब्रैंड फिल्म और 50-साल का लोगो भी लॉन्च किया गया।
समारोह के अंत में पूरे ग्रुप ने इस बात को फिर दोहराया कि आने वाले सालों में भी इंडिया टुडे जनता तक सच्ची और जिम्मेदार पत्रकारिता पहुंचाता रहेगा।
अपनी इस भूमिका में वह चैनल की संपूर्ण न्यूज स्ट्रैटेजी और ऑपरेशंस की कमान संभालेंगे। सीएनएन-न्यूज18 की इनपुट, आउटपुट, प्रॉडक्शन और ऑफ प्लेटफॉर्म्स की सभी टीमें उन्हें रिपोर्ट करेंगी।
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Samachar4media Bureau
अंग्रेजी न्यूज चैनल ‘सीएनएन-न्यूज18’ (CNN-News18) ने वरिष्ठ पत्रकार और प्रमुख प्राइम-टाइम शो The Hard Facts के एंकर राहुल शिवशंकर को एडिटोरियल अफेयर्स डायरेक्टर नियुक्त किया है।
अपनी इस भूमिका में वह चैनल की संपूर्ण न्यूज स्ट्रैटेजी और ऑपरेशंस की कमान संभालेंगे।
सीएनएन-न्यूज18 की इनपुट, आउटपुट, प्रॉडक्शन और ऑफ प्लेटफॉर्म्स की सभी टीमें उन्हें रिपोर्ट करेंगी। नए बदलाव 15 दिसंबर से प्रभावी होंगे।
'नेटवर्क18' के चीफ कंटेंट ऑफिसर संतोष मेनन के अनुसार, 'राहुल शिवशंकर ने कई टीवी न्यूज रूम का कुशलतापूर्वक नेतृत्व किया है और मुझे पूरा विश्वास है कि वे सीएनएन न्यूज 18 एडिटोरियल अफेयर्स डायरेक्टर के रूप में इसके नेतृत्व को और मजबूत और विस्तारित करेंगे।'
देश के प्रतिष्ठित न्यूज ब्रॉडकास्टर्स ने सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) से अपील की है कि वे लैंडिंग पेज से जुड़ा प्रस्तावित बदलाव वापस लें।
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Samachar4media Bureau
देश के प्रतिष्ठित न्यूज ब्रॉडकास्टर्स ने सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) से अपील की है कि वे लैंडिंग पेज से जुड़ा प्रस्तावित बदलाव वापस लें। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका कहना है कि यह बदलाव ऐसा तरीका वापस लाता है जिसे पहले ही तकनीकी कारणों से अस्वीकार किया जा चुका है और इससे चैनलों को नुकसान होगा क्योंकि पहली बार दर्शकों की सही संख्या को रेटिंग से हटा दिया जाएगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस अपील में NDTV, News18 और Times Now जैसे बड़े नेटवर्क शामिल हैं। उन्होंने MIB को लिखा कि यह प्रस्ताव पूरी तरह रद्द कर दिया जाए क्योंकि यह मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। उनके अनुसार, इस समय कोई प्रशासनिक बदलाव करना सही नहीं होगा और यह नियम कानून के नजरिए से टिकाऊ भी नहीं है।
इन ब्रॉडकास्टर्स का कहना है कि 2018 में TRAI ने इसी तरह की तकनीक को “अनुचित” बताते हुए खारिज किया था। उस समय कहा गया था कि इससे सही दर्शक आंकड़े प्रभावित हो सकते हैं।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि लैंडिंग पेज वैसे ही काम करता है जैसे सुपरमार्केट में खास जगह पर सामान रखना या अखबार में जैकेट ऐड। यह दर्शकों को पहला अनुभव देता है और उनकी पसंद सही तरीके से दिखाता है। अगर इसे रेटिंग से हटाया गया, तो TRP में गड़बड़ी होगी और छोटे चैनल्स को नुकसान होगा।
इस अपील में All India Digital Cable Federation (AIDCF) और कई छोटे चैनल्स ने भी समर्थन दिया है। विज्ञापन से होने वाली कमाई घट रही है, इसलिए इंडस्ट्री के बड़े और छोटे समूह मिलकर रेटिंग सिस्टम में बदलाव के खिलाफ खड़े हैं।
सहारा इंडिया टीवी नेटवर्क के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। दरअसल कंपनी को TDSAT (Telecom Disputes Settlement and Appellate Tribunal) से दो बड़े झटके लगे हैं।
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Vikas Saxena
सहारा इंडिया टीवी नेटवर्क के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। दरअसल कंपनी को TDSAT (Telecom Disputes Settlement and Appellate Tribunal) से दो बड़े झटके लगे हैं। ट्रिब्यूनल ने हाल ही में सहारा और उसके डिस्ट्रीब्यूटर ABS Media Services Pvt. Ltd. को दो अलग-अलग मल्टी सिस्टम ऑपरेटर (MSO) कंपनियों- Konark IP Dossiers Pvt. Ltd. और Den New Broad Communication Pvt. Ltd. को मिलाकर 1.10 करोड़ रुपये से ज्यादा की बकाया प्लेसमेंट फीस दो महीने के भीतर चुकाने का आदेश दिया है।
इन दोनों फैसलों में TDSAT के सदस्य जस्टिस राम कृष्ण गौतम ने माना कि सहारा की ओर से पेश किया गया जवाब न केवल प्रक्रिया के हिसाब से गलत था, बल्कि उसमें अपने दावों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत भी नहीं थे।
Konark और Den, दोनों MSO कंपनियों ने TDSAT में याचिकाएं दायर कर कहा कि वे 2011 से सहारा के चैनल Sahara One और Filmy को अपने नेटवर्क पर चलाते आ रहे हैं। उनकी ओर से यह भी कहा गया कि 2013 में ABS Media, जो सहारा का अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर है, के साथ एक नया एग्रीमेंट हुआ था। दोनों कंपनियों का आरोप था कि सहारा और ABS ने सालों तक प्लेसमेंट फीस का भुगतान नहीं किया, जबकि चैनल लगातार उनके नेटवर्क पर प्रसारित होते रहे। Konark ने ₹66,18,940 और Den ने ₹44,12,627 की वसूली की मांग की थी।
सहारा इंडिया TV नेटवर्क ने दोनों मामलों में लगभग एक जैसी दलीलें दीं। उन्होंने कहा कि 2013 का एग्रीमेंट सहारा ने साइन नहीं किया है। साथ ही उनका कहना था कि केबल कंपनियों ने मनमाने ढंग से इनवॉइस भेज दिए हैं और उन्हें कोई डिमांड नोटिस भी प्राप्त नहीं हुआ। सहारा का यह भी दावा था कि उन पर कोई बकाया नहीं बनता।
लेकिन ट्रिब्यूनल में ये दलीलें टिक नहीं सकीं।
ट्रिब्यूनल ने पाया कि सहारा ने जो जवाब दाखिल किया, उसमें कई गंभीर प्रक्रियागत खामियां थीं। सबसे पहली बात, जवाब सहारा के अधिकृत प्रतिनिधि की बजाय एक लॉ फर्म की तरफ से दाखिल किया गया था। इसके अलावा जवाब में जरूरी वेरिफिकेशन क्लॉज पर हस्ताक्षर नहीं थे, जो सिविल प्रक्रिया संहिता का सीधा उल्लंघन है। सहारा की ओर से जो हलफनामा लगाया गया था, वह Trilogic Digital Media Ltd. नाम की एक दूसरी कंपनी के व्यक्ति ने दायर किया था, जिसका सहारा से कोई संबंध नहीं था। सबसे अहम बात यह रही कि सहारा का एक भी गवाह अदालत में क्रॉस-एग्ज़ामिनेशन के लिए पेश नहीं हुआ, जिससे उनका पूरा पक्ष कमजोर पड़ गया।
ट्रिब्यूनल ने कहा कि इन सभी खामियों के चलते सहारा का बचाव “कानूनी रूप से अस्वीकार्य” है, क्योंकि बिना सबूत किसी भी दावा या दलील को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
दूसरी ओर, दोनों MSO कंपनियों ने अपने दावों को सही ठहराने के लिए 2011 और 2013 के एग्रीमेंट, लेजर, इनवॉइस, ईमेल बातचीत, अधिकृत दस्तावेज और डिजिटल सबूतों के लिए Section 65B सर्टिफिकेट भी अदालत में जमा किए। सहारा की ओर से इन सबूतों का कोई प्रभावी विरोध नहीं किया गया। ABS Media, जो सहारा का डिस्ट्रीब्यूटर है, ने दोनों मामलों में कोई जवाब ही नहीं दिया और न ही सुनवाई में हिस्सा लिया, इसलिए ट्रिब्यूनल ने उसे एक्स-पार्टी माना।
ट्रिब्यूनल ने यह भी कहा कि भले ही सहारा ने 2013 के एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर न किए हों, लेकिन ABS Media पहले भी सहारा की ओर से इसी तरह के एग्रीमेंट साइन करता रहा है। एग्रीमेंट में पहले जैसी ही शर्तें और फॉर्मैट होने की वजह से इसे वैध और बाध्यकारी माना गया।
पहले मामले में Konark IP Dossiers Pvt. Ltd. को ₹66,18,940 के साथ 9% साधारण ब्याज देने का आदेश दिया गया। दूसरे मामले में Den New Broad Communication Pvt. Ltd. को ₹44,12,627 के साथ 9% साधारण ब्याज चुकाने का निर्देश दिया गया। दोनों रकम सहारा और ABS Media को मिलकर चुकानी होंगी और इसके लिए दो महीने की समयसीमा तय की गई है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि ऐसे मामलों में 9% ब्याज दर उचित मानी जाती है, क्योंकि पहले भी कई विवादों में यही दर लागू की गई है।
ट्रिब्यूनल ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि सहारा और ABS Media तय समयसीमा के भीतर भुगतान नहीं करते हैं, तो दोनों MSO कंपनियां कानूनी रिकवरी प्रक्रिया शुरू करने के लिए स्वतंत्र होंगी।
केंद्र सरकार इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है कि क्या ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर को TRAI की निगरानी से हटाकर सीधे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) के नियंत्रण में लाया जाए
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Samachar4media Bureau
देश में मीडिया रेगुलेशन का ढांचा अगले कुछ वर्षों में पूरी तरह बदल सकता है। 'स्टोरीबोर्ड18' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है कि क्या ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर को TRAI की निगरानी से हटाकर सीधे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) के नियंत्रण में लाया जाए। रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रस्ताव फिलहाल उच्च स्तर पर समीक्षा में है और अगर सब कुछ तय योजना के अनुसार चलता है, तो 2026 के मध्य तक इसका क्रियान्वयन शुरू हो सकता है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रॉडकास्टर्स इस प्रस्ताव का खुले तौर पर समर्थन कर रहे हैं। उनका कहना है कि ब्रॉडकास्टिंग को लंबे समय से टेलीकॉम की तरह रेगुलेट किया जा रहा है, जिससे इंडस्ट्री को नुकसान हुआ है। उनका तर्क है कि कंटेंट और संस्कृति से जुड़ा यह क्षेत्र टेलीकॉम ढांचे में फिट नहीं बैठता। सवाल यह है कि क्या सरकार TRAI एक्ट में संशोधन किए बिना सिर्फ एक नए नोटिफिकेशन के आधार पर ब्रॉडकास्टिंग को TRAI के दायरे से बाहर निकाल सकती है। अगर ऐसा हुआ तो संसद की मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, कानूनी विशेषज्ञ बताते हैं कि ब्रॉडकास्टिंग पर TRAI की पकड़ किसी अलग कानून से नहीं, बल्कि 1997 के TRAI एक्ट से आती है। 2004 में सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर ब्रॉडकास्टिंग को TRAI के अधिकार क्षेत्र में जोड़ा था। ऐसे में कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इसी नोटिफिकेशन को वापस लेकर ब्रॉडकास्टिंग को TRAI से हटाया भी जा सकता है। हालांकि, यह तरीका कानूनी रूप से जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि किसी भी पक्ष द्वारा इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
इंडस्ट्री जगत की नाराजगी हाल ही में तब और बढ़ गई, जब TRAI ने 10+2 एड कैप के उल्लंघन को लेकर 250 से ज्यादा ब्रॉडकास्टर्स को नोटिस भेज दिए, जबकि इस नियम पर दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से स्टे जारी है। ब्रॉडकास्टर्स का मानना है कि लगातार ऐसे फैसलों ने टीवी इंडस्ट्री को दबाव में डाल दिया है और अब जरूरत है कि ब्रॉडकास्टिंग की जिम्मेदारी पूरी तरह MIB को दी जाए।
यदि सरकार TRAI एक्ट की धारा 2 और 11 में संशोधन करती है, तो यह बदलाव पूरी तरह सुरक्षित और स्थायी माना जाएगा। इतिहास भी यही दिखाता है कि इस स्तर के बड़े रेगुलेटरी सुधार आमतौर पर संसद के जरिए ही किए जाते हैं। दूसरी ओर, सिर्फ नोटिफिकेशन के दम पर बदलाव करने का रास्ता तेज जरूर है, लेकिन इसमें कानूनी उलझनें ज्यादा हैं। इससे पहले भी कई बार ऐसा हुआ है- फिल्म सर्टिफिकेशन से जुड़ा सरकारी नोटिफिकेशन रद्द किया गया, OTT के IT रूल्स अब भी अदालत में अटके हुए हैं, और केबल टीवी नियमों में बदलाव भी मुकदमों तक पहुंचे थे।
सरकार और इंडस्ट्री दोनों ही मानते हैं कि टीवी और OTT को अलग-अलग नियमों के तहत चलाना अब व्यावहारिक नहीं रह गया है। टीवी चैनल जहां एड कैप और रेट कंट्रोल जैसे सख्त नियमों से बंधे हैं, वहीं OTT प्लेटफॉर्म काफी हद तक लचीले दायरे में काम कर रहे हैं। दर्शक भी अब प्लेटफॉर्म से ज्यादा कंटेंट के आधार पर चुनाव कर रहे हैं। इंडस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी के शब्दों में, “हम एक ही दर्शक के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन हमारी नियामकीय दुनिया अलग-अलग है।”
आने वाले महीनों में यह तय होगा कि सरकार कौन सा रास्ता चुनती है- संसदीय संशोधन का स्थायी समाधान या नोटिफिकेशन का त्वरित लेकिन जोखिम भरा तरीका। अगर बदलाव लागू होता है, तो यह 2000 के बाद भारत के मीडिया रेगुलेशन में सबसे बड़ा परिवर्तन साबित हो सकता है। इंडस्ट्री जगत की निगाहें अब इसी पर टिकी हैं।
सुमित अवस्थी इससे पहले ‘एनडीटीवी इंडिया’ से बतौर कंसल्टिंग एडिटर जुड़े हुए थे। यहां वह 'हम भारत के लोग' व ‘खबरों की खबर’ नाम से शो होस्ट करते थे।
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Samachar4media Bureau
टीवी न्यूज की दुनिया के जाने-माने चेहरे और सीनियर न्यूज एंकर सुमित अवस्थी के बारे में खबर है कि उन्होंने ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) जॉइन कर लिया है। विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली इस खबर के मुताबिक उन्होंने इस नेटवर्क के हिंदी न्यूज चैनल ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ (Times Now Navbharat) में बतौर सीनियर कंसल्टिंग एडिटर जॉइन किया है।
बता दें कि सुमित अवस्थी ने कुछ दिनों पहले ही ‘एनडीटीवी’ (NDTV) में अपनी पारी को विराम दे दिया था। वह करीब ढाई साल से ‘एनडीटीवी इंडिया’ (NDTV India) में बतौर कंसल्टिंग एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे और 'हम भारत के लोग' व ‘खबरों की खबर’ नाम से शो होस्ट कर रहे थे।
सुमित अवस्थी को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब ढाई दशक का अनुभव है। ‘एनडीटीवी’ में जुलाई 2023 में अपनी पारी शुरू करने से पहले वह ‘एबीपी न्यूज’ में वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज व प्रॉडक्शन) के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। सुमित अवस्थी ने वर्ष 2018 में ‘एबीपी न्यूज’ में बतौर कंसल्टिंग एडिटर जॉइन किया था। इससे पहले वह ‘नेटवर्क18’ (Network 18) में डिप्टी मैनेजिंग एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। वह ‘जी न्यूज’ (Zee News) में रेजिडेंट एडिटर भी रह चुके हैं।
सुमित अवस्थी करीब पांच साल तक ‘आजतक’ (Aaj Tak) में भी रह चुके हैं। यहां वह डिप्टी एडिटर के तौर पर कार्यरत थे। सुमित राजनीति में अच्छी पकड़ और बेहतर रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें अब तक ‘दादा साहेब फाल्के एक्सीलेंस अवॉर्ड‘ और ‘माधव ज्योति अवॉर्ड‘ समेत प्रतिष्ठित ‘एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स’ (enba) से भी नवाजा जा चुका है।
सुमित अवस्थी का जन्म लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में हुआ है। केंद्रीय विद्यालय, इंदौर से अपनी स्कूलिंग पूरी करने के बाद उन्होंने इंदौर में ही ‘होलकर साइंस कॉलेज’ से ग्रेजुएशन की है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली स्थित ‘भारतीय विद्या भवन‘ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। समाचार4मीडिया की ओर से सुमित अवस्थी को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
राज टीवी नेटवर्क लिमिटेड के शेयरधारकों ने पोस्टल बैलट के जरिए दो नए इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स (स्वतंत्र निदेशक) की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
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Vikas Saxena
राज टीवी नेटवर्क लिमिटेड के शेयरधारकों ने पोस्टल बैलट के जरिए दो नए इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स (स्वतंत्र निदेशक) की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने यह वोटिंग पूरी तरह से ऑनलाइन ई-वोटिंग के माध्यम से कराई, जिसमें फिजिकल बैलट भेजे नहीं गए।
कंपनी की पोस्टल बैलट प्रक्रिया 5 नवंबर 2025 से शुरू होकर 4 दिसंबर 2025 तक चली। कंपनी ने 5 नवंबर 2025 से 4 दिसंबर 2025 तक यह ई-वोटिंग प्रक्रिया चलायी थी। इस दौरान शेयरहोल्डर्स ने अपनी सहमति या असहमति सिर्फ ऑनलाइन माध्यम से ही दर्ज कराई। इसके तहत शेयरधारकों ने दो विशेष प्रस्तावों पर मतदान किया:
पेचिमुथु उदयकुमार को अगले पांच साल के लिए कंपनी के नॉन-एग्जिक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त करना।
इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट: 44 सदस्य, 4,84,46,037 शेयर (99.9995%)
विपक्ष में वोट: 4 सदस्य, 238 शेयर (0.0005%)
कृष्ण सिंह बालाजी सिंह को अगले पांच साल के लिए कंपनी के नॉन-एग्जिक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त करना।
इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट: 44 सदस्य, 4,84,46,007 शेयर (99.9994%)
विपक्ष में वोट: 4 सदस्य, 268 शेयर (0.0006%)
राज टीवी नेटवर्क अब अपने बोर्ड में इन दो नए डायरेक्टर्स के साथ काम करेगा, जिनकी नियुक्ति 18 अक्टूबर 2025 से प्रभावी मानी जाएगी और यह पांच साल के लिए रहेगी।
कंपनी के स्क्रूटिनाइजर ने पुष्टि की कि दोनों प्रस्तावों को आवश्यक बहुमत के साथ पारित किया गया है और वोटिंग पूरी तरह से पारदर्शी और नियमों के अनुसार हुई। किसी भी वोट को अमान्य नहीं माना गया और जिन शेयरों पर वोटिंग अधिकार नहीं थे, उन्हें गिना नहीं गया। वोटिंग के परिणाम और स्क्रूटिनाइजर की रिपोर्ट कंपनी की वेबसाइट www.rajtvnet.in पर भी उपलब्ध कर दी गई है।
इस तरह राज टीवी नेटवर्क ने अपने बोर्ड को और मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।
RT इंडिया की तैयारी पिछले कुछ समय से चल रही थी और इसकी कमान संभाल रहे हैं भारत के जाने-माने लीगल जर्नलिस्ट अशोक बागरिया।
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Samachar4media Bureau
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नई दिल्ली के दौरे के दौरान आधिकारिक तौर पर RT (Russia Today) के इंडिया चैप्टर की शुरुआत कर दी। यह RT का अब तक का सबसे बड़ा विदेशी प्रोजेक्ट है। लॉन्च कार्यक्रम में भारत और रूस के कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे। इसी के साथ दोनों देशों के मीडिया सहयोग का एक नया अध्याय शुरू हो गया।
RT इंडिया की तैयारी पिछले कुछ समय से चल रही थी और इसकी कमान संभाल रहे हैं भारत के जाने-माने लीगल जर्नलिस्ट अशोक बाग्रिया। वह पहले हिन्दुस्तान टाइम्स और CNN-News18 में लीगल एडिटर रह चुके हैं। बाग्रिया ने मॉस्को स्थित मुख्य टीम के साथ मिलकर भारत में RT का सबसे बड़ा ऑफिस तैयार किया है, जिसमें अत्याधुनिक स्टूडियो, एक आधुनिक न्यूजरूम और 100 से ज्यादा प्रोफेशनल्स की टीम शामिल होगी। इस नेटवर्क का मकसद भारतीय दर्शकों तक ग्लोबल न्यूज पहुंचाना है।
लॉन्च के दिन अशोक बाग्रिया ने रूस की सबसे बड़ी वित्तीय संस्था स्बेरबैंक (Sberbank) के चेयरमैन और CEO हर्मन ग्रेफ के साथ बातचीत और इंटरव्यू किया। इसी दौरान ग्रेफ ने भारत में बैंक के विस्तार के लिए 100 मिलियन डॉलर के निवेश का ऐलान किया। यह निवेश दोनों देशों के आर्थिक और रणनीतिक रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
RT इंडिया शुरुआत में रोज चार इंग्लिश न्यूज शो पेश करेगा, जिनमें भारत-रूस संबंधों, अंतरराष्ट्रीय मुद्दों और बदलती वैश्विक व्यवस्था पर खास फोकस रहेगा। रूस का मानना है कि इस चैनल के जरिए भारतीय दर्शकों को अंतरराष्ट्रीय मामलों पर एक अलग और नया नजरिया मिलेगा।
RT का भारत में आना ऐसे समय हुआ है जब यूक्रेन युद्ध के बाद इस सरकारी नेटवर्क को कई पश्चिमी देशों में बैन कर दिया गया था। ऐसे माहौल में भारत में RT की एंट्री रूस की नई रणनीति भी बताती है और दुनिया के सबसे बड़े मीडिया बाजारों में से एक में अपनी मौजूदगी मजबूत करने की कोशिश भी।
रूस के डिप्टी प्रधानमंत्री दिमित्री पेस्कोव ने इस लॉन्च को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, “मैं शानदार RT टीम और इसके दर्शकों को भारत में प्रसारण शुरू करने पर बधाई देता हूं। कभी-कभी छोटी-छोटी तथाकथित लोकतंत्रों में ब्रॉडकास्ट का अधिकार खो देना बेहतर होता है और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में शुरू करना उससे भी बेहतर।”
केबल ऑपरेटर्स ने सरकार से टीवी रेटिंग में लैंडिंग-पेज व्युअरशिप को छोड़ने के प्रस्ताव पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया है।
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Samachar4media Bureau
अदिति गुप्ता, असिसटेंट एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।
केबल ऑपरेटर्स ने सरकार से टीवी रेटिंग में लैंडिंग-पेज व्युअरशिप को छोड़ने के प्रस्ताव पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि ऐसा करना तकनीकी रूप से सही नहीं है और इससे ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर के लिए नियमों में असमानता पैदा होगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने हाल ही में अपनी नई ड्राफ्ट पॉलिसी में TRP सिस्टम में बड़े बदलाव का प्रस्ताव रखा है।
नई व्यवस्था में राष्ट्रीय रेटिंग पैनल को करीब 1,20,000 घरों तक बढ़ाने, BARC के मॉनोपोली खत्म करने, कई माप एजेंसियों को मान्यता देने, कन्फ्लिक्ट-ऑफ-इंटरेस्ट नियम सख्त करने और डेटा सुरक्षा को मजबूत बनाने जैसे बदलाव शामिल हैं।
एक बड़ा सुझाव है लैंडिंग-पेज इम्प्रेशन को आधिकारिक रेटिंग से हटाना, ताकि चैनल डिफ़ॉल्ट प्लेसमेंट के जरिए दर्शक बढ़ाने का फायदा न उठा सकें। ये प्रस्ताव जनता और इंडस्ट्री की राय के लिए खुले हैं और इन्हीं सुझावों के आधार पर फाइनल रेटिंग सिस्टम तय होगा।
सूत्रों के अनुसार, MSOs ने मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट दी है। उन्होंने मंत्रालय के पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने के प्रयासों की सराहना की और कई बदलावों का समर्थन किया, जैसे कि कंपनियों के पुराने एक्ट 1956 की जगह कंपनियों का एक्ट 2013 लागू करना, रेटिंग एजेंसियों को स्वतंत्र बनाए रखना और न्यूनतम नेटवर्थ की जरूरत को 20 करोड़ से घटाकर 5 करोड़ करना।
लेकिन उन्होंने कनेक्टेड टीवी को मान्यता देने के प्रस्ताव पर चिंता जताई। उनका कहना है कि इससे भ्रम पैदा हो सकता है और कनेक्टेड टीवी ऑपरेटर्स इसका गलत फायदा उठा सकते हैं। कई कनेक्टेड टीवी प्लेटफॉर्म FAST यानी फ्री ऐड-सपोर्टेड स्ट्रीमिंग सर्विसेज के जरिए पेड चैनल मुफ्त दिखा रहे हैं, जो MIB और TRAI नियमों का उल्लंघन कर सकते हैं। इसलिए उन्होंने कहा कि क्लॉज 5.2.1 से कनेक्टेड टीवी हटाया जाए और सभी ब्रॉडकास्टिंग प्लेटफॉर्म को एक एकीकृत लाइसेंसिंग फ्रेमवर्क में लाया जाए।
मंत्रालय ने पैनल को 1.2 लाख घरों तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है, लेकिन MSOs ने इसे कम बताया और 5 लाख घरों तक पैनल बढ़ाने की सिफारिश की। उनका कहना है कि बड़ा सैंपल असली रेटिंग दिखाने और गलत प्रभाव कम करने में मदद करेगा।
सबसे ज़्यादा विरोध लैंडिंग-पेज व्युअरशिप को रेटिंग से हटाने के प्रस्ताव पर था। केबल ऑपरेटर्स का कहना है कि लैंडिंग-पेज व्युअरशिप असल और मापने योग्य संपर्क है और भारत में केबल और सेट-टॉप-बॉक्स सिस्टम का अहम हिस्सा है।
वे कहते हैं कि लैंडिंग-पेज वह पहला चैनल है जो दर्शक टीवी ऑन करते ही देखते हैं। इसे न मानना दर्शकों के असली व्यवहार को नहीं दिखाता। उन्होंने तुलना करते हुए कहा कि जैसे अखबार में फ्रंट-पेज विज्ञापन या रिटेल में प्रोडक्ट का प्रीमियम स्थान गिने जाते हैं, वैसे ही टीवी में लैंडिंग-पेज की व्युअरशिप को भी गिना जाना चाहिए।
केबल इंडस्ट्री ने यह भी कहा कि लैंडिंग-पेज कुछ चैनलों को टॉप रेटिंग देने वाला नहीं है, बल्कि स्थायी लीडरशिप कंटेंट, ब्रांड और लगातार प्रोग्रामिंग पर निर्भर करती है। दर्शक ही तय करते हैं कि चैनल को देखना है या नहीं।
अंत में उनका कहना है कि लैंडिंग-पेज व्युअरशिप को शामिल करना सही और न्यायसंगत है, और इसे पूरी तरह छोड़ देना TRP सिस्टम पर अप्रत्याशित असर डाल सकता है।