साल 2022 में कई ऐसे चैनलों ने दस्तक दी है, जिससे मीडिया इंडस्ट्री में रोजगार के अवसर खुले हैं। इनमें कुछ टीवी चैनल व कुछ डिजिटल चैनल शामिल हैं
by
विकास सक्सेना
वर्ष 2022 समाप्त होने में कुछ दिन ही शेष रह गए हैं और नए साल के स्वागत की तैयारियां जोर-शोर से हो रही हैं। मीडिया इंडस्ट्री के लिहाज से यदि हम वर्ष 2022 की बात करें, तो इस साल कई ऐसे चैनलों ने दस्तक दी है, जिससे इस इंडस्ट्री में रोजगार के अवसर खुले हैं। इनमें कुछ टीवी चैनल व कुछ डिजिटल चैनल शामिल हैं। आइए, एक नजर डालते हैं ऐसे ही चैनलों की लॉन्चिंग पर।
‘जी मीडिया’ ने किए चार डिजिटल चैनल लॉन्च
साल की शुरुआत ‘जी मीडिया’ (Zee Media) से सामने आई है। ‘जी मीडिया’ ने दक्षिण भारत की चार प्रमुख भाषाओं में डिजिटल न्यूज चैनल लॉन्च किया, जिनमें कन्नड़ भाषा में ‘जी कन्नड़ न्यूज’, तमिल भाषा में ‘जी तमिल न्यूज’, तेलुगु भाषा में ‘जी तेलुगु न्यूज’ और मलयालम भाषा में ‘जी मलयालम न्यूज’ शामिल थे। इन चैनलों की लॉन्चिंग जी मीडिया के फाउंडर व राज्यसभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा मंगलवार 25 जनवरी को की। बता दें कि जी मीडिया पहली बार डिजिटल टीवी चैनल लॉन्च किया था।
राजस्थानी जनरल एंटरटेनमेंट चैनल ‘गणगौर टेलिविजन’
‘खम्मा घणी एंटरटेनमेंट’ (Khamma Ghani Entertainment) ने राजस्थानी भाषा दिवस के अवसर पर यानी 21 फरवरी को राजस्थानी भाषा में अपना जनरल एंटरटेनमेंट चैनल ‘गणगौर टेलिविजन’ (Gangaur Television) लॉन्च किया था। ‘खम्मा घणी एंटरटेनमेंट’ के अनुसार, यह चैनल एंटरटेनमेंट प्रदान करने वाला देश का पहला और एकमात्र चैनल है, जिस पर हर कार्यक्रम राजस्थानी भाषा में है। चैनल की ओर से म्यूजिक, मूवीज, रियलिट शो, फिक्शन, पौराणिक कथाओं पर आधारित शो और कॉमेडी शो समेत तमाम जॉनर में दर्शकों के लिए कार्यक्रम मौजूद हैं।
‘डिज्नी किड्स नेटवर्क’ का किड्स चैनल 'सुपर हंगामा'
‘डिज्नी किड्स नेटवर्क’ (Disney Kids Network) ने इस साल एक मार्च को 'सुपर हंगामा' नाम से एक नए किड्स चैनल के लॉन्च किया था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नेटवर्क ने अपने पुराने कार्टून चैनल ‘Marvel HQ’ को बंद करके नए चैनल 'सुपर हंगामा' को लॉन्च किया था। इस नए चैनल को पहले पिछले साल दिसंबर में शुरू किया जाना था, लेकिन ट्राई द्वारा नए टैरिफ में बदलाव के चलते इसकी लॉन्चिंग को स्थगित कर दिया गया था। ‘सुपर हंगामा’ चैनल में आपको हिंदी समेत तीन अन्य भाषाओं में कार्टून देखने का मौका देता है, जिसमें अंग्रेजी, तमिल और तेलुगू भाषा शामिल हैं।
सिद्धि मीडिया प्राइवेट का ‘गुजरात फर्स्ट’ न्यूज चैनल
इस साल मार्च में सिद्धि मीडिया प्राइवेट ने ‘गुजरात फर्स्ट’ न्यूज चैनल लॉन्च किया। गुजरात का यह दसवां न्यूज चैनल था, जिसकी शुरुआत बड़े पैमाने पर की गई थी। ‘गुजरात फर्स्ट’ की शुरुआत हाई-टेक आधुनिक कार्यालय (hi-tech modern office) से हुई थी। पहले दिन ही लोगों के दिलों-दिमाग को छूने वाले बेहद सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ ‘अभिगम थी अव्वल’ स्लोगन के जरिए न्यूज चैनल का गर्मजोशी से स्वागत किया गया था। ‘गुजरात फर्स्ट’ न्यूज चैनल गुजरात के अनुभवी पत्रकार दीपक रजनी के नेतृत्व में लॉन्च किया गया था। चैनल की खास बात यह थी कि यहां इनपुट, आउटपुट और एंकर सहित तमाम विभागों में गुजरात के लोगों का ही चयन किया था। लिहाजा यही वजह है कि ‘गुजरात फर्स्ट’ लॉन्चिंग के पहले ही दिन ही काफी लोकप्रिय हो गया था।
‘वायकॉम18’ (Viacom 18) का स्पोर्ट्स चैनल
‘टीवी18‘ (TV18) और ‘वायकॉमसीबीएस‘ (ViacomCBS) का जॉइंट वेंचर ‘वायकॉम18’ (Viacom 18) ने इस साल 15 अप्रैल को अंग्रेजी के दो स्पोर्ट्स चैनल्स लॉन्च किए। इन चैनल्स में एक Sports18 1 SD और दूसरा Sports18 1 HD है। ये दोनों ही पे चैनल हैं। वहीं, इस पहले कंपनी की डिस्ट्रीब्यूशन शाखा ‘इंडियाकास्ट’ (IndiaCast) ने यह खुलासा किया था कि एक अप्रैल से ‘वायकॉम18‘ के ‘एमटीवी एचडी+ (MTV HD+) और ‘कलर्स सिनेप्लेक्स‘ (Colors Cineplex) का नाम बदलकर ‘एमटीवी एचडी‘ (MTV HD और ‘कलर्स सिनेप्लेक्स सुपरहिट‘ (Colors Cineplex Superhits) कर दिया जाएगा।
‘जी मीडिया’ का न्यूज चैनल ‘जी दिल्ली-एनसीआर हरियाणा’
देश के प्रतिष्ठित मीडिया संगठन जी मीडिया ग्रुप (Zee Media Group) ने 10 अप्रैल को अपना एक नया स्पेशल चैनल लॉन्च किया। यह स्पेशल चैनल दिल्ली-एनसीआर व हरियाणा पर केंद्रित था, जिसका नाम रखा गया ‘जी दिल्ली-एनसीआर हरियाणा’ (Zee Delhi NCR haryana)। इस चैनल का उद्घाटन 10 अप्रैल को 2 बजे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने किया था। नेटवर्क की ओर से बताया गया था कि इस चैनल को लॉन्च करने का मकसद दिल्ली, एनसीआर और हरियाणा की खबरों को विस्तार से लोगों तक पहुंचाना है।
डिज्नी स्टार इंडिया का मराठी मूवी चैनल ‘प्रवाह पिक्चर’
डिज्नी स्टार इंडिया (Disney Star India) ने इस साल 15 मई को नए मराठी मूवी चैनल्स ‘प्रवाह पिक्चर’ (Pravah Picture) और ‘प्रवाह पिक्चर एचडी’ (Pravah Picture HD) लॉन्च किया। नेटवर्क ने अपने ऑफिशियल कम्युनिकेशन में उल्लेख किया था कि ‘प्रवाह पिक्चर’ पर दर्शकों को बेस्ट मराठी मूवीज देखने को मिलेंगी और यह 200 से ज्यादा फिल्मों का प्रसारण करेगा। इसके साथ ही यह हर हफ्ते एक मराठी फिल्म का प्रीमियर करेगा।
डिज्नी स्टार इंडिया का ओडिया चैनल ‘स्टार किरण’
डिज्नी स्टार इंडिया ने छह जून को दो नए ओडिया चैनल लॉन्च किए। नेटवर्क ने टेलीविजन चैनल्स (डीपीओ) के सभी डिस्ट्रीब्यूटर्स को पहले ही सूचित कर दिया था कि चैनल ‘स्टार किरण’ (Star Kiran) और ‘स्टार किरण एचडी’ (Star Kiran HD) 6 जून, 2022 से लाइव होंगे। ओडिशा में नेटवर्क का ‘स्टार किरण’ पहला ऐसा क्षेत्रीय चैनल बना, जो एचडी में था। इस चैनल की लॉन्चिंग के साथ ही डिज्नी स्टार ने देश के स्थानीय भाषाई मार्केट में अपना सातवां कदम रखा था।
हिंदी जनरल एंटरटेनमेंट चैनल्स ‘अतरंगी’
हिंदी के जनरल एंटरटेनमेंट चैनल्स (GEC) की लिस्ट में इस साल 6 जून को एक नाम जुड़ा ‘अतरंगी’ (Atrangii)। हालांकि विभू अग्रवाल द्वारा लॉन्च किए गए इस चैनल की ओर से तब कहा गया था कि इसके कंटेंट लाइन-अप में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और प्रॉडक्शन हाउसेज के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले कुछ शो को शामिल किया जाएगा, जिन्हें दर्शकों के लिए टेलीविजन स्क्रीन पर लाया जाएगा।
‘इंडिया टुडे’ समूह का हिंदी न्यूज चैनल ‘आजतक2’
इस साल अगस्त में ‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह के हिंदी न्यूज चैनल ‘आजतक‘ (AajTak) ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए ‘आजतक2‘ (AajTak 2) चैनल लॉन्च करने की घोषणा की गई। ‘आजतक2‘ की कमान ‘आजतक 1’ की सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर और जानी-मानी न्यूज एंकर अंजना ओम कश्यप के हाथों में दी गई। इस बारे में ‘इंडिया टुडे’ समूह की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने एक स्टेटमेंट भी जारी किया गया था, जिसमें कली पुरी ने कहा था, ‘आजतक2 रैखिक माध्यम (linear medium) की सीमाओं से परे आजतक1 को स्थिरता प्रदान करेगा। इसके द्वारा आजतक ब्रैंड को अधिक समाचारों को लाने का मौका मिलेगा। न्यूज के मामले में हम हमेशा से देश के लोगों की पसंद रहे हैं और डिजिटल के इस तरह के अवसर हमें युवा दर्शकों के लिए न्यूज का समानांतर चैनल बनाने का मौका देते हैं। आजतक2 फिलहाल aajtak.in और आजतक के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध होगा।
नेशनल हिंदी न्यूज चैनल ‘भारत24’
नेशनल हिंदी न्यूज चैनल ‘भारत24’ (Bharat24) को इस साल अगस्त में लॉन्च किया गया। केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने 14 अगस्त को इस चैनल की लॉन्चिंग की। लॉन्चिंग के मौके पर आयोजित एक समारोह में अनुराग ठाकुर ने टीम को शुभकामनाएं देते हुए कहा, ‘मैं इस नए चैनल के लिए सीईओ डॉ. जगदीश चंद्रा और उनकी पूरी टीम को शुभकामनाएं देता हूं। मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और इसे सरकार और जनता के बीच एक पुल का काम करना चाहिए और मुझे विश्वास है कि भारत24 इस जिम्मेदारी को पूरी गंभीरता से निभाएगा।’ चैनल की टैगलाइन ‘विजन ऑफ न्यू इंडिया’ (Vision of new India) है और यह देशभर में अपनी दमदार मौजूदगी के साथ सभी प्रमुख डीटीएच और केबल प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है।
‘नेटवर्क18’ का न्यूज चैनल ‘न्यूज18 जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-हिमाचल प्रदेश’
देश के प्रतिष्ठित मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘नेटवर्क18’ (Network18) ने नया न्यूज चैनल ‘न्यूज18 जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-हिमाचल प्रदेश’ इस साल अगस्त में लॉन्च किया। जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने 15 अगस्त की शाम श्रीनगर में आयोजित एक समारोह में इस चैनल को लॉन्च किया। यह चैनल पूरी तरह से जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश को समर्पित है। लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए समर्पित चैनल की जरूरत थी और यह चैनल दोनों प्रदेशों की जनता की आवाज बनेगा।
अपनी इस भूमिका में वह चैनल की संपूर्ण न्यूज स्ट्रैटेजी और ऑपरेशंस की कमान संभालेंगे। सीएनएन-न्यूज18 की इनपुट, आउटपुट, प्रॉडक्शन और ऑफ प्लेटफॉर्म्स की सभी टीमें उन्हें रिपोर्ट करेंगी।
by
Samachar4media Bureau
अंग्रेजी न्यूज चैनल ‘सीएनएन-न्यूज18’ (CNN-News18) ने वरिष्ठ पत्रकार और प्रमुख प्राइम-टाइम शो The Hard Facts के एंकर राहुल शिवशंकर को एडिटोरियल अफेयर्स डायरेक्टर नियुक्त किया है।
अपनी इस भूमिका में वह चैनल की संपूर्ण न्यूज स्ट्रैटेजी और ऑपरेशंस की कमान संभालेंगे।
सीएनएन-न्यूज18 की इनपुट, आउटपुट, प्रॉडक्शन और ऑफ प्लेटफॉर्म्स की सभी टीमें उन्हें रिपोर्ट करेंगी। नए बदलाव 15 दिसंबर से प्रभावी होंगे।
'नेटवर्क18' के चीफ कंटेंट ऑफिसर संतोष मेनन के अनुसार, 'राहुल शिवशंकर ने कई टीवी न्यूज रूम का कुशलतापूर्वक नेतृत्व किया है और मुझे पूरा विश्वास है कि वे सीएनएन न्यूज 18 एडिटोरियल अफेयर्स डायरेक्टर के रूप में इसके नेतृत्व को और मजबूत और विस्तारित करेंगे।'
देश के प्रतिष्ठित न्यूज ब्रॉडकास्टर्स ने सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) से अपील की है कि वे लैंडिंग पेज से जुड़ा प्रस्तावित बदलाव वापस लें।
by
Samachar4media Bureau
देश के प्रतिष्ठित न्यूज ब्रॉडकास्टर्स ने सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) से अपील की है कि वे लैंडिंग पेज से जुड़ा प्रस्तावित बदलाव वापस लें। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका कहना है कि यह बदलाव ऐसा तरीका वापस लाता है जिसे पहले ही तकनीकी कारणों से अस्वीकार किया जा चुका है और इससे चैनलों को नुकसान होगा क्योंकि पहली बार दर्शकों की सही संख्या को रेटिंग से हटा दिया जाएगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस अपील में NDTV, News18 और Times Now जैसे बड़े नेटवर्क शामिल हैं। उन्होंने MIB को लिखा कि यह प्रस्ताव पूरी तरह रद्द कर दिया जाए क्योंकि यह मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। उनके अनुसार, इस समय कोई प्रशासनिक बदलाव करना सही नहीं होगा और यह नियम कानून के नजरिए से टिकाऊ भी नहीं है।
इन ब्रॉडकास्टर्स का कहना है कि 2018 में TRAI ने इसी तरह की तकनीक को “अनुचित” बताते हुए खारिज किया था। उस समय कहा गया था कि इससे सही दर्शक आंकड़े प्रभावित हो सकते हैं।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि लैंडिंग पेज वैसे ही काम करता है जैसे सुपरमार्केट में खास जगह पर सामान रखना या अखबार में जैकेट ऐड। यह दर्शकों को पहला अनुभव देता है और उनकी पसंद सही तरीके से दिखाता है। अगर इसे रेटिंग से हटाया गया, तो TRP में गड़बड़ी होगी और छोटे चैनल्स को नुकसान होगा।
इस अपील में All India Digital Cable Federation (AIDCF) और कई छोटे चैनल्स ने भी समर्थन दिया है। विज्ञापन से होने वाली कमाई घट रही है, इसलिए इंडस्ट्री के बड़े और छोटे समूह मिलकर रेटिंग सिस्टम में बदलाव के खिलाफ खड़े हैं।
सहारा इंडिया टीवी नेटवर्क के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। दरअसल कंपनी को TDSAT (Telecom Disputes Settlement and Appellate Tribunal) से दो बड़े झटके लगे हैं।
by
Vikas Saxena
सहारा इंडिया टीवी नेटवर्क के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। दरअसल कंपनी को TDSAT (Telecom Disputes Settlement and Appellate Tribunal) से दो बड़े झटके लगे हैं। ट्रिब्यूनल ने हाल ही में सहारा और उसके डिस्ट्रीब्यूटर ABS Media Services Pvt. Ltd. को दो अलग-अलग मल्टी सिस्टम ऑपरेटर (MSO) कंपनियों- Konark IP Dossiers Pvt. Ltd. और Den New Broad Communication Pvt. Ltd. को मिलाकर 1.10 करोड़ रुपये से ज्यादा की बकाया प्लेसमेंट फीस दो महीने के भीतर चुकाने का आदेश दिया है।
इन दोनों फैसलों में TDSAT के सदस्य जस्टिस राम कृष्ण गौतम ने माना कि सहारा की ओर से पेश किया गया जवाब न केवल प्रक्रिया के हिसाब से गलत था, बल्कि उसमें अपने दावों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत भी नहीं थे।
Konark और Den, दोनों MSO कंपनियों ने TDSAT में याचिकाएं दायर कर कहा कि वे 2011 से सहारा के चैनल Sahara One और Filmy को अपने नेटवर्क पर चलाते आ रहे हैं। उनकी ओर से यह भी कहा गया कि 2013 में ABS Media, जो सहारा का अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर है, के साथ एक नया एग्रीमेंट हुआ था। दोनों कंपनियों का आरोप था कि सहारा और ABS ने सालों तक प्लेसमेंट फीस का भुगतान नहीं किया, जबकि चैनल लगातार उनके नेटवर्क पर प्रसारित होते रहे। Konark ने ₹66,18,940 और Den ने ₹44,12,627 की वसूली की मांग की थी।
सहारा इंडिया TV नेटवर्क ने दोनों मामलों में लगभग एक जैसी दलीलें दीं। उन्होंने कहा कि 2013 का एग्रीमेंट सहारा ने साइन नहीं किया है। साथ ही उनका कहना था कि केबल कंपनियों ने मनमाने ढंग से इनवॉइस भेज दिए हैं और उन्हें कोई डिमांड नोटिस भी प्राप्त नहीं हुआ। सहारा का यह भी दावा था कि उन पर कोई बकाया नहीं बनता।
लेकिन ट्रिब्यूनल में ये दलीलें टिक नहीं सकीं।
ट्रिब्यूनल ने पाया कि सहारा ने जो जवाब दाखिल किया, उसमें कई गंभीर प्रक्रियागत खामियां थीं। सबसे पहली बात, जवाब सहारा के अधिकृत प्रतिनिधि की बजाय एक लॉ फर्म की तरफ से दाखिल किया गया था। इसके अलावा जवाब में जरूरी वेरिफिकेशन क्लॉज पर हस्ताक्षर नहीं थे, जो सिविल प्रक्रिया संहिता का सीधा उल्लंघन है। सहारा की ओर से जो हलफनामा लगाया गया था, वह Trilogic Digital Media Ltd. नाम की एक दूसरी कंपनी के व्यक्ति ने दायर किया था, जिसका सहारा से कोई संबंध नहीं था। सबसे अहम बात यह रही कि सहारा का एक भी गवाह अदालत में क्रॉस-एग्ज़ामिनेशन के लिए पेश नहीं हुआ, जिससे उनका पूरा पक्ष कमजोर पड़ गया।
ट्रिब्यूनल ने कहा कि इन सभी खामियों के चलते सहारा का बचाव “कानूनी रूप से अस्वीकार्य” है, क्योंकि बिना सबूत किसी भी दावा या दलील को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
दूसरी ओर, दोनों MSO कंपनियों ने अपने दावों को सही ठहराने के लिए 2011 और 2013 के एग्रीमेंट, लेजर, इनवॉइस, ईमेल बातचीत, अधिकृत दस्तावेज और डिजिटल सबूतों के लिए Section 65B सर्टिफिकेट भी अदालत में जमा किए। सहारा की ओर से इन सबूतों का कोई प्रभावी विरोध नहीं किया गया। ABS Media, जो सहारा का डिस्ट्रीब्यूटर है, ने दोनों मामलों में कोई जवाब ही नहीं दिया और न ही सुनवाई में हिस्सा लिया, इसलिए ट्रिब्यूनल ने उसे एक्स-पार्टी माना।
ट्रिब्यूनल ने यह भी कहा कि भले ही सहारा ने 2013 के एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर न किए हों, लेकिन ABS Media पहले भी सहारा की ओर से इसी तरह के एग्रीमेंट साइन करता रहा है। एग्रीमेंट में पहले जैसी ही शर्तें और फॉर्मैट होने की वजह से इसे वैध और बाध्यकारी माना गया।
पहले मामले में Konark IP Dossiers Pvt. Ltd. को ₹66,18,940 के साथ 9% साधारण ब्याज देने का आदेश दिया गया। दूसरे मामले में Den New Broad Communication Pvt. Ltd. को ₹44,12,627 के साथ 9% साधारण ब्याज चुकाने का निर्देश दिया गया। दोनों रकम सहारा और ABS Media को मिलकर चुकानी होंगी और इसके लिए दो महीने की समयसीमा तय की गई है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि ऐसे मामलों में 9% ब्याज दर उचित मानी जाती है, क्योंकि पहले भी कई विवादों में यही दर लागू की गई है।
ट्रिब्यूनल ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि सहारा और ABS Media तय समयसीमा के भीतर भुगतान नहीं करते हैं, तो दोनों MSO कंपनियां कानूनी रिकवरी प्रक्रिया शुरू करने के लिए स्वतंत्र होंगी।
केंद्र सरकार इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है कि क्या ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर को TRAI की निगरानी से हटाकर सीधे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) के नियंत्रण में लाया जाए
by
Samachar4media Bureau
देश में मीडिया रेगुलेशन का ढांचा अगले कुछ वर्षों में पूरी तरह बदल सकता है। 'स्टोरीबोर्ड18' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है कि क्या ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर को TRAI की निगरानी से हटाकर सीधे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) के नियंत्रण में लाया जाए। रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रस्ताव फिलहाल उच्च स्तर पर समीक्षा में है और अगर सब कुछ तय योजना के अनुसार चलता है, तो 2026 के मध्य तक इसका क्रियान्वयन शुरू हो सकता है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रॉडकास्टर्स इस प्रस्ताव का खुले तौर पर समर्थन कर रहे हैं। उनका कहना है कि ब्रॉडकास्टिंग को लंबे समय से टेलीकॉम की तरह रेगुलेट किया जा रहा है, जिससे इंडस्ट्री को नुकसान हुआ है। उनका तर्क है कि कंटेंट और संस्कृति से जुड़ा यह क्षेत्र टेलीकॉम ढांचे में फिट नहीं बैठता। सवाल यह है कि क्या सरकार TRAI एक्ट में संशोधन किए बिना सिर्फ एक नए नोटिफिकेशन के आधार पर ब्रॉडकास्टिंग को TRAI के दायरे से बाहर निकाल सकती है। अगर ऐसा हुआ तो संसद की मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, कानूनी विशेषज्ञ बताते हैं कि ब्रॉडकास्टिंग पर TRAI की पकड़ किसी अलग कानून से नहीं, बल्कि 1997 के TRAI एक्ट से आती है। 2004 में सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर ब्रॉडकास्टिंग को TRAI के अधिकार क्षेत्र में जोड़ा था। ऐसे में कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इसी नोटिफिकेशन को वापस लेकर ब्रॉडकास्टिंग को TRAI से हटाया भी जा सकता है। हालांकि, यह तरीका कानूनी रूप से जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि किसी भी पक्ष द्वारा इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
इंडस्ट्री जगत की नाराजगी हाल ही में तब और बढ़ गई, जब TRAI ने 10+2 एड कैप के उल्लंघन को लेकर 250 से ज्यादा ब्रॉडकास्टर्स को नोटिस भेज दिए, जबकि इस नियम पर दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से स्टे जारी है। ब्रॉडकास्टर्स का मानना है कि लगातार ऐसे फैसलों ने टीवी इंडस्ट्री को दबाव में डाल दिया है और अब जरूरत है कि ब्रॉडकास्टिंग की जिम्मेदारी पूरी तरह MIB को दी जाए।
यदि सरकार TRAI एक्ट की धारा 2 और 11 में संशोधन करती है, तो यह बदलाव पूरी तरह सुरक्षित और स्थायी माना जाएगा। इतिहास भी यही दिखाता है कि इस स्तर के बड़े रेगुलेटरी सुधार आमतौर पर संसद के जरिए ही किए जाते हैं। दूसरी ओर, सिर्फ नोटिफिकेशन के दम पर बदलाव करने का रास्ता तेज जरूर है, लेकिन इसमें कानूनी उलझनें ज्यादा हैं। इससे पहले भी कई बार ऐसा हुआ है- फिल्म सर्टिफिकेशन से जुड़ा सरकारी नोटिफिकेशन रद्द किया गया, OTT के IT रूल्स अब भी अदालत में अटके हुए हैं, और केबल टीवी नियमों में बदलाव भी मुकदमों तक पहुंचे थे।
सरकार और इंडस्ट्री दोनों ही मानते हैं कि टीवी और OTT को अलग-अलग नियमों के तहत चलाना अब व्यावहारिक नहीं रह गया है। टीवी चैनल जहां एड कैप और रेट कंट्रोल जैसे सख्त नियमों से बंधे हैं, वहीं OTT प्लेटफॉर्म काफी हद तक लचीले दायरे में काम कर रहे हैं। दर्शक भी अब प्लेटफॉर्म से ज्यादा कंटेंट के आधार पर चुनाव कर रहे हैं। इंडस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी के शब्दों में, “हम एक ही दर्शक के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन हमारी नियामकीय दुनिया अलग-अलग है।”
आने वाले महीनों में यह तय होगा कि सरकार कौन सा रास्ता चुनती है- संसदीय संशोधन का स्थायी समाधान या नोटिफिकेशन का त्वरित लेकिन जोखिम भरा तरीका। अगर बदलाव लागू होता है, तो यह 2000 के बाद भारत के मीडिया रेगुलेशन में सबसे बड़ा परिवर्तन साबित हो सकता है। इंडस्ट्री जगत की निगाहें अब इसी पर टिकी हैं।
सुमित अवस्थी इससे पहले ‘एनडीटीवी इंडिया’ से बतौर कंसल्टिंग एडिटर जुड़े हुए थे। यहां वह 'हम भारत के लोग' व ‘खबरों की खबर’ नाम से शो होस्ट करते थे।
by
Samachar4media Bureau
टीवी न्यूज की दुनिया के जाने-माने चेहरे और सीनियर न्यूज एंकर सुमित अवस्थी के बारे में खबर है कि उन्होंने ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) जॉइन कर लिया है। विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली इस खबर के मुताबिक उन्होंने इस नेटवर्क के हिंदी न्यूज चैनल ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ (Times Now Navbharat) में बतौर सीनियर कंसल्टिंग एडिटर जॉइन किया है।
बता दें कि सुमित अवस्थी ने कुछ दिनों पहले ही ‘एनडीटीवी’ (NDTV) में अपनी पारी को विराम दे दिया था। वह करीब ढाई साल से ‘एनडीटीवी इंडिया’ (NDTV India) में बतौर कंसल्टिंग एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे और 'हम भारत के लोग' व ‘खबरों की खबर’ नाम से शो होस्ट कर रहे थे।
सुमित अवस्थी को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब ढाई दशक का अनुभव है। ‘एनडीटीवी’ में जुलाई 2023 में अपनी पारी शुरू करने से पहले वह ‘एबीपी न्यूज’ में वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज व प्रॉडक्शन) के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। सुमित अवस्थी ने वर्ष 2018 में ‘एबीपी न्यूज’ में बतौर कंसल्टिंग एडिटर जॉइन किया था। इससे पहले वह ‘नेटवर्क18’ (Network 18) में डिप्टी मैनेजिंग एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। वह ‘जी न्यूज’ (Zee News) में रेजिडेंट एडिटर भी रह चुके हैं।
सुमित अवस्थी करीब पांच साल तक ‘आजतक’ (Aaj Tak) में भी रह चुके हैं। यहां वह डिप्टी एडिटर के तौर पर कार्यरत थे। सुमित राजनीति में अच्छी पकड़ और बेहतर रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें अब तक ‘दादा साहेब फाल्के एक्सीलेंस अवॉर्ड‘ और ‘माधव ज्योति अवॉर्ड‘ समेत प्रतिष्ठित ‘एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स’ (enba) से भी नवाजा जा चुका है।
सुमित अवस्थी का जन्म लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में हुआ है। केंद्रीय विद्यालय, इंदौर से अपनी स्कूलिंग पूरी करने के बाद उन्होंने इंदौर में ही ‘होलकर साइंस कॉलेज’ से ग्रेजुएशन की है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली स्थित ‘भारतीय विद्या भवन‘ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। समाचार4मीडिया की ओर से सुमित अवस्थी को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
राज टीवी नेटवर्क लिमिटेड के शेयरधारकों ने पोस्टल बैलट के जरिए दो नए इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स (स्वतंत्र निदेशक) की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
by
Vikas Saxena
राज टीवी नेटवर्क लिमिटेड के शेयरधारकों ने पोस्टल बैलट के जरिए दो नए इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स (स्वतंत्र निदेशक) की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने यह वोटिंग पूरी तरह से ऑनलाइन ई-वोटिंग के माध्यम से कराई, जिसमें फिजिकल बैलट भेजे नहीं गए।
कंपनी की पोस्टल बैलट प्रक्रिया 5 नवंबर 2025 से शुरू होकर 4 दिसंबर 2025 तक चली। कंपनी ने 5 नवंबर 2025 से 4 दिसंबर 2025 तक यह ई-वोटिंग प्रक्रिया चलायी थी। इस दौरान शेयरहोल्डर्स ने अपनी सहमति या असहमति सिर्फ ऑनलाइन माध्यम से ही दर्ज कराई। इसके तहत शेयरधारकों ने दो विशेष प्रस्तावों पर मतदान किया:
पेचिमुथु उदयकुमार को अगले पांच साल के लिए कंपनी के नॉन-एग्जिक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त करना।
इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट: 44 सदस्य, 4,84,46,037 शेयर (99.9995%)
विपक्ष में वोट: 4 सदस्य, 238 शेयर (0.0005%)
कृष्ण सिंह बालाजी सिंह को अगले पांच साल के लिए कंपनी के नॉन-एग्जिक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त करना।
इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट: 44 सदस्य, 4,84,46,007 शेयर (99.9994%)
विपक्ष में वोट: 4 सदस्य, 268 शेयर (0.0006%)
राज टीवी नेटवर्क अब अपने बोर्ड में इन दो नए डायरेक्टर्स के साथ काम करेगा, जिनकी नियुक्ति 18 अक्टूबर 2025 से प्रभावी मानी जाएगी और यह पांच साल के लिए रहेगी।
कंपनी के स्क्रूटिनाइजर ने पुष्टि की कि दोनों प्रस्तावों को आवश्यक बहुमत के साथ पारित किया गया है और वोटिंग पूरी तरह से पारदर्शी और नियमों के अनुसार हुई। किसी भी वोट को अमान्य नहीं माना गया और जिन शेयरों पर वोटिंग अधिकार नहीं थे, उन्हें गिना नहीं गया। वोटिंग के परिणाम और स्क्रूटिनाइजर की रिपोर्ट कंपनी की वेबसाइट www.rajtvnet.in पर भी उपलब्ध कर दी गई है।
इस तरह राज टीवी नेटवर्क ने अपने बोर्ड को और मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।
RT इंडिया की तैयारी पिछले कुछ समय से चल रही थी और इसकी कमान संभाल रहे हैं भारत के जाने-माने लीगल जर्नलिस्ट अशोक बागरिया।
by
Samachar4media Bureau
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नई दिल्ली के दौरे के दौरान आधिकारिक तौर पर RT (Russia Today) के इंडिया चैप्टर की शुरुआत कर दी। यह RT का अब तक का सबसे बड़ा विदेशी प्रोजेक्ट है। लॉन्च कार्यक्रम में भारत और रूस के कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे। इसी के साथ दोनों देशों के मीडिया सहयोग का एक नया अध्याय शुरू हो गया।
RT इंडिया की तैयारी पिछले कुछ समय से चल रही थी और इसकी कमान संभाल रहे हैं भारत के जाने-माने लीगल जर्नलिस्ट अशोक बाग्रिया। वह पहले हिन्दुस्तान टाइम्स और CNN-News18 में लीगल एडिटर रह चुके हैं। बाग्रिया ने मॉस्को स्थित मुख्य टीम के साथ मिलकर भारत में RT का सबसे बड़ा ऑफिस तैयार किया है, जिसमें अत्याधुनिक स्टूडियो, एक आधुनिक न्यूजरूम और 100 से ज्यादा प्रोफेशनल्स की टीम शामिल होगी। इस नेटवर्क का मकसद भारतीय दर्शकों तक ग्लोबल न्यूज पहुंचाना है।
लॉन्च के दिन अशोक बाग्रिया ने रूस की सबसे बड़ी वित्तीय संस्था स्बेरबैंक (Sberbank) के चेयरमैन और CEO हर्मन ग्रेफ के साथ बातचीत और इंटरव्यू किया। इसी दौरान ग्रेफ ने भारत में बैंक के विस्तार के लिए 100 मिलियन डॉलर के निवेश का ऐलान किया। यह निवेश दोनों देशों के आर्थिक और रणनीतिक रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
RT इंडिया शुरुआत में रोज चार इंग्लिश न्यूज शो पेश करेगा, जिनमें भारत-रूस संबंधों, अंतरराष्ट्रीय मुद्दों और बदलती वैश्विक व्यवस्था पर खास फोकस रहेगा। रूस का मानना है कि इस चैनल के जरिए भारतीय दर्शकों को अंतरराष्ट्रीय मामलों पर एक अलग और नया नजरिया मिलेगा।
RT का भारत में आना ऐसे समय हुआ है जब यूक्रेन युद्ध के बाद इस सरकारी नेटवर्क को कई पश्चिमी देशों में बैन कर दिया गया था। ऐसे माहौल में भारत में RT की एंट्री रूस की नई रणनीति भी बताती है और दुनिया के सबसे बड़े मीडिया बाजारों में से एक में अपनी मौजूदगी मजबूत करने की कोशिश भी।
रूस के डिप्टी प्रधानमंत्री दिमित्री पेस्कोव ने इस लॉन्च को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, “मैं शानदार RT टीम और इसके दर्शकों को भारत में प्रसारण शुरू करने पर बधाई देता हूं। कभी-कभी छोटी-छोटी तथाकथित लोकतंत्रों में ब्रॉडकास्ट का अधिकार खो देना बेहतर होता है और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में शुरू करना उससे भी बेहतर।”
केबल ऑपरेटर्स ने सरकार से टीवी रेटिंग में लैंडिंग-पेज व्युअरशिप को छोड़ने के प्रस्ताव पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया है।
by
Samachar4media Bureau
अदिति गुप्ता, असिसटेंट एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।
केबल ऑपरेटर्स ने सरकार से टीवी रेटिंग में लैंडिंग-पेज व्युअरशिप को छोड़ने के प्रस्ताव पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि ऐसा करना तकनीकी रूप से सही नहीं है और इससे ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर के लिए नियमों में असमानता पैदा होगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने हाल ही में अपनी नई ड्राफ्ट पॉलिसी में TRP सिस्टम में बड़े बदलाव का प्रस्ताव रखा है।
नई व्यवस्था में राष्ट्रीय रेटिंग पैनल को करीब 1,20,000 घरों तक बढ़ाने, BARC के मॉनोपोली खत्म करने, कई माप एजेंसियों को मान्यता देने, कन्फ्लिक्ट-ऑफ-इंटरेस्ट नियम सख्त करने और डेटा सुरक्षा को मजबूत बनाने जैसे बदलाव शामिल हैं।
एक बड़ा सुझाव है लैंडिंग-पेज इम्प्रेशन को आधिकारिक रेटिंग से हटाना, ताकि चैनल डिफ़ॉल्ट प्लेसमेंट के जरिए दर्शक बढ़ाने का फायदा न उठा सकें। ये प्रस्ताव जनता और इंडस्ट्री की राय के लिए खुले हैं और इन्हीं सुझावों के आधार पर फाइनल रेटिंग सिस्टम तय होगा।
सूत्रों के अनुसार, MSOs ने मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट दी है। उन्होंने मंत्रालय के पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने के प्रयासों की सराहना की और कई बदलावों का समर्थन किया, जैसे कि कंपनियों के पुराने एक्ट 1956 की जगह कंपनियों का एक्ट 2013 लागू करना, रेटिंग एजेंसियों को स्वतंत्र बनाए रखना और न्यूनतम नेटवर्थ की जरूरत को 20 करोड़ से घटाकर 5 करोड़ करना।
लेकिन उन्होंने कनेक्टेड टीवी को मान्यता देने के प्रस्ताव पर चिंता जताई। उनका कहना है कि इससे भ्रम पैदा हो सकता है और कनेक्टेड टीवी ऑपरेटर्स इसका गलत फायदा उठा सकते हैं। कई कनेक्टेड टीवी प्लेटफॉर्म FAST यानी फ्री ऐड-सपोर्टेड स्ट्रीमिंग सर्विसेज के जरिए पेड चैनल मुफ्त दिखा रहे हैं, जो MIB और TRAI नियमों का उल्लंघन कर सकते हैं। इसलिए उन्होंने कहा कि क्लॉज 5.2.1 से कनेक्टेड टीवी हटाया जाए और सभी ब्रॉडकास्टिंग प्लेटफॉर्म को एक एकीकृत लाइसेंसिंग फ्रेमवर्क में लाया जाए।
मंत्रालय ने पैनल को 1.2 लाख घरों तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है, लेकिन MSOs ने इसे कम बताया और 5 लाख घरों तक पैनल बढ़ाने की सिफारिश की। उनका कहना है कि बड़ा सैंपल असली रेटिंग दिखाने और गलत प्रभाव कम करने में मदद करेगा।
सबसे ज़्यादा विरोध लैंडिंग-पेज व्युअरशिप को रेटिंग से हटाने के प्रस्ताव पर था। केबल ऑपरेटर्स का कहना है कि लैंडिंग-पेज व्युअरशिप असल और मापने योग्य संपर्क है और भारत में केबल और सेट-टॉप-बॉक्स सिस्टम का अहम हिस्सा है।
वे कहते हैं कि लैंडिंग-पेज वह पहला चैनल है जो दर्शक टीवी ऑन करते ही देखते हैं। इसे न मानना दर्शकों के असली व्यवहार को नहीं दिखाता। उन्होंने तुलना करते हुए कहा कि जैसे अखबार में फ्रंट-पेज विज्ञापन या रिटेल में प्रोडक्ट का प्रीमियम स्थान गिने जाते हैं, वैसे ही टीवी में लैंडिंग-पेज की व्युअरशिप को भी गिना जाना चाहिए।
केबल इंडस्ट्री ने यह भी कहा कि लैंडिंग-पेज कुछ चैनलों को टॉप रेटिंग देने वाला नहीं है, बल्कि स्थायी लीडरशिप कंटेंट, ब्रांड और लगातार प्रोग्रामिंग पर निर्भर करती है। दर्शक ही तय करते हैं कि चैनल को देखना है या नहीं।
अंत में उनका कहना है कि लैंडिंग-पेज व्युअरशिप को शामिल करना सही और न्यायसंगत है, और इसे पूरी तरह छोड़ देना TRP सिस्टम पर अप्रत्याशित असर डाल सकता है।
केंद्र सरकार ने ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल, 2023 पर सभी स्टेकहोल्डर्स से बातचीत की प्रक्रिया पूरी कर ली है।
by
Samachar4media Bureau
केंद्र सरकार ने ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल, 2023 पर सभी स्टेकहोल्डर्स से बातचीत की प्रक्रिया पूरी कर ली है। यह जानकारी सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने शुक्रवार को राज्यसभा में दी।
यह ड्राफ्ट बिल पहली बार 10 नवंबर 2023 को जनता की राय के लिए जारी किया गया था। शुरुआत में सुझाव भेजने की आखिरी तारीख 9 दिसंबर 2023 रखी गई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 15 जनवरी 2024 किया गया। इसके बाद मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की ओर से बड़ी संख्या में सलाहें आने पर इस प्रक्रिया की समयसीमा एक बार फिर बढ़ाकर 15 अक्टूबर 2024 कर दी गई।
डॉ. मुरुगन ने बताया कि अब तक मिले सभी सुझावों की जांच कर ली गई है। उन्होंने कहा कि सरकार “विस्तृत और व्यापक स्तर पर सलाह-मशविरा करने में विश्वास रखती है।” यह जानकारी उन्होंने सांसद साकेत गोखले द्वारा पूछे गए एक अनस्टार्ड प्रश्न के जवाब में दी।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दिल्ली में RT India की शुरुआत कर दी है। यह रूस की सरकारी फंडिंग से चलने वाले टीवी नेटवर्क RT का भारतीय संस्करण है।
by
Samachar4media Bureau
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दिल्ली में RT India की शुरुआत कर दी है। यह रूस की सरकारी फंडिंग से चलने वाले टीवी नेटवर्क RT का भारतीय संस्करण है। RT India हर दिन चार इंग्लिश न्यूज प्रोग्राम दिखाएगा, जिनमें भारत–रूस रिश्तों और दोनों देशों के बढ़ते वैश्विक प्रभाव पर खास फोकस रहेगा।
शाम को पुतिन ने दिल्ली के एक फाइव-स्टार होटल में बनाए गए अस्थायी स्टूडियो से RT India का औपचारिक लॉन्च किया। दिल्ली में आधुनिक तकनीक वाला स्टूडियो और 100 से ज्यादा लोगों की टीम के साथ, यह RT का अब तक का सबसे बड़ा विदेशी प्रोजेक्ट माना जा रहा है। यह लॉन्च दोनों देशों के बीच अभूतपूर्व मीडिया सहयोग का संकेत देता है।
मॉस्को-आधारित इस ग्लोबल न्यूज नेटवर्क का कहना है कि इससे भारत और रूस के पारंपरिक रिश्ते और मजबूत होंगे और दोनों देश एक बहुध्रुवीय दुनिया में अपनी भूमिका को और आगे बढ़ा सकेंगे।
RT India का कामकाज फिलहाल नोएडा फिल्म सिटी के एक अस्थायी स्टूडियो से चलेगा। यहां सौ से ज्यादा कर्मचारियों की टीम और पूरी तरह तैयार न्यूज रूम बनाया गया है। इस पूरे प्रोजेक्ट को भारत सरकार से मंजूरी भी मिल चुकी है, जो प्रसार भारती के साथ पहले से मौजूद समझौते के तहत दी गई।
RT के 2005 में शुरू होने के बाद से यह उसका सबसे बड़ा विदेशी ऑपरेशन माना जा रहा है। भारत में इसका मकसद अंग्रेजी भाषा में ऐसे न्यूज प्रोग्राम लाना है जिनमें भारत–रूस रिश्तों को मजबूत दिखाया जाए और दोनों देशों के नजरिए को एक बहुध्रुवीय दुनिया के संदर्भ में रखा जाए।
RT India का यह लॉन्च भारत–रूस के बीच इस साल मॉस्को में हुई 26वीं इंटर-गवर्नमेंटल कमीशन मीटिंग में हुई चर्चाओं के आधार पर आगे बढ़ाया गया है।
जिस दिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत में RT (Russia Today) के भारतीय वर्जन की शुरुआत की, उसी दिन भारत और रूस ने प्रसार भारती और रूस की कई मीडिया कंपनियों के बीच 5 बड़े मीडिया समझौते भी किए।
इन समझौतों में Gazprom-media Holding, National Media Group, BIG ASIA Media Group, ANO TV-Novosti और TV BRICS शामिल हैं। विदेश मंत्रालय ने बताया कि ये सभी MoU प्रसार भारती और रूसी मीडिया संगठनों के बीच हुए हैं, जिनमें ब्रॉडकास्टिंग, कंटेंट शेयरिंग और जानकारी के आदान-प्रदान को बढ़ाने पर सहमति बनी है।
प्रसार भारती का पहले से ही TV-Novosti (जो RT India चलाता है) के साथ एक समझौता था, लेकिन शुक्रवार को दोनों देशों के नेताओं की मौजूदगी में उसमें एक नया ऐडेंडम (अतिरिक्त हिस्सा) जोड़ा गया।
इसी मौके पर प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) और रूस की न्यूज एजेंसी TASS के बीच एक बड़ा समझौता भी हुआ। इस करार के तहत दोनों देशों की खबरों और कंटेंट का नियमित आदान-प्रदान किया जाएगा, ताकि खबरों की पहुंच, विविधता और पारदर्शिता बढ़ सके।