नोएडा के होटल रेडिसन ब्लू में आयोजित एक समारोह में टीवी इंडस्ट्री के दिग्गजों को एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स (enba) से सम्मानित किया गया
देश के बड़े मीडिया समूह में शुमार ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) की ग्रुप एडिटर (पॉलिटिक्स) नविका कुमार का कहना है कि देश में टीवी न्यूज बंद होने वाली नहीं है। 22 फरवरी को नोएडा के होटल रेडिसन ब्लू में एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स (enba) 2019 समारोह के उद्घाटन के मौके पर आयोजित न्यूजनेक्स्ट कॉन्फ्रेंस में नविका कुमार ने यह बात कही।
इस मौके पर यह पूछे जाने कि देश में क्या टीवी न्यूज का दौर खत्म हो रहा है? यदि नहीं तो यह डिजिटल मीडिया से मिलने वाली चुनौतियों का सामना किस प्रकार कर रही है? नविका कुमार ने कहा कि टीवी न्यूज का दौर खत्म होने वाला नहीं है।
इस दौरान नविका कुमार ने इस बात पर भी विस्तृत रूप से प्रकाश डाला कि लोगों की बदलती जरूरतों के अनुसार टेलिविजन न्यूज चैनल्स समय के साथ कैसे खुद को बदल रहे हैं। नविका कुमार का कहना था, ‘हमारा सबसे बड़ा दुश्मन रिमोट कंट्रोल है। लोग लगातार एक चैनल से दूसरे चैनल को बदलते रहते हैं। यही कारण है कि आपकी न्यूज दूसरों से अलग होनी चाहिए। जब आपका कंटेंट यूनिक होगा और रोचक होगा, तभी लोग उसे पसंद करेंगे और आपके चैनल को देखेंगे।’ उनका कहना था, ‘मैं डिजिटल मीडिया की बढ़ती ताकत को नजरअंदाज नहीं करना चाहती हूं, लेकिन सोचती हूं कि टीवी न्यूज भी लोगों की जरूरतों को समझ रही है और पूरा कर रही है। यह दर्शकों द्वारा भुलाए जाने के लिए कतई तैयार नहीं है। यानी अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए यह बदलते समय में दर्शकों की जरूरतों के अनुसार खुद में बदलाव ला रही है।’
डिजिटल की ग्रोथ के बारे में नविका कुमार का कहना था, ‘कई लोगों का कहना है कि डिजिटल जल्द ही टीवी को पीछे छोड़ देगा और टीवी न्यूज हमेशा के लिए बदलने वाली है। लगभग सभी मीडिया संस्थान अपनी वेबसाइट पर ज्यादा से ज्यादा पैसा और संसाधन खर्च कर रहे हैं। ऑरिजिनल न्यूज व टीवी न्यूज की क्लिप को छोटे रूप में पेश किया जा रहा है। देश में करीब 150 मिलियन लोगों के यहां इंटरनेट है और लगभग 350-400 मिलयन सोशल मीडिया यूजर्स हैं। इससे पता चलता है कि लोग इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। लोग न्यूज को छोटे और शॉर्ट फॉर्मेट में हासिल करना चाहते हैं। यही कारण है कि हम सभी ऐसा कर रहे हैं। हालांकि मुझे नहीं लगता कि देश में टीवी न्यूज बंद हो जाएगा, जैसा कि कई विकसित देशों में बंद हो चुका है। अभी अपने देश में टीवी न्यूज बंद होने वाला नहीं है।’
कुमार के अनुसार, ‘टेलिविजन, न्यूज की पहचान बन चुका है। लोग स्टोरीज को सुनना चाहते हैं। यह हमारे कल्चर का हिस्सा है। अमर चित्रकथा के समय से हम लोग स्टोरी कहने और सुनने की पूरी प्रक्रिया के शौकीन हैं। स्टीर टैलिंग की प्रक्रिया शुरू से रही है और आगे भी रहेगी। हम पत्रकारों को बस यही करना है कि हमें अपने आप को समय के साथ बदलते रहना चाहिए और अपने दर्शकों की बदलती जरूरतों के अनुसार खुद को ढाल लेना चाहिए।’
नविका कुमार का कहना था, ‘जब शाम को मैं अपना ‘न्यूजऑवर’ (newshour) डिबेट शो करती हूं तो मुझे पता होता है कि कोई भी 50 मिनट का टीवी प्रोग्राम देखने वाला नहीं है लेकिन हम जानते हैं कि पूरे शो के कुछ हिस्से जरूऱ वायरल हो सकते हैं। जब हम अपने शो में होने वाली दो पैनलिस्ट की रोचक बहस को डिजिटल मीडिया पर डालते हैं तो तेजी से लाखों व्यूज मिल जाते हैं और यह संख्या बढ़ती रहती है। इसलिए डिजिटल एक ऐसा माध्यम है, जहां पर हमें अपनी मौजूदगी तो दर्ज करानी ही होगी, साथ ही इस बात को लेकर भी काफी होशियार रहना होगा कि आखिर हम क्या परोस रहे हैं।‘
नविका कुमार के अनुसार दिन में जो भी न्यूज दिखाई जाती है, वो आमतौर पर घटनाक्रमों पर आधारित होती है यानी घटनाएं दिखाई जाती हैं और शाम की न्यूज बिल्कुल किसी अखबार के संपादकीय पेज की तरह होती है, यानी जहां पर हम विभिन्न मुद्दों पर डिबेट और तर्क आदि करते हैं। दूसरे दिन दोबारा से यही पूरी प्रक्रिया दोहराई जाती है। इस बीच हम दूसरे माध्यमों के लिए न्यूज का दूसरा वर्जन तैयार करते हैं। इसलिए न्यूज का दौर कभी भी खत्म होने वाला नहीं है। 402 चैनल्स के बीच अपने आपको दूसरों से आगे रहने के लिए हमें अपनी न्यूज के फॉर्मेट के प्रति और अधिक स्मार्ट रहना होगा। इस मामले में हमारा सीधा सा सिद्धांत यह है कि न्यूज हमेशा पूरे तथ्यों और सूचनाओं से पूर्ण होनी चाहिए। खबरे अपने आप में खबर होती है। अंतर सिर्फ इतना है कि आप इसमें और कितना वैल्यू एडिशन करते हैं।
आखिर में नविका कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि यदि कोई व्यक्ति अच्छा काम करता है तो उसे समय के साथ पहचान मिलती है और एक पत्रकार की असली परीक्षा हर समय होती है, जब भी वह अपने दर्शकों को खबर उपलब्ध कराता है। उसे हर समय अपने दर्शकों को बेहतर और तथ्यों से पूर्ण खबर देनी होती है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।टीवी व्यूअरशिप/टीआरपी की समीक्षा के लिए सरकार द्वारा नवंबर में गठित की गई थी चार सदस्यीय समिति
टीवी व्यूअरशिप/टीआरपी की समीक्षा के लिए सरकार द्वारा गठित की गई समिति ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चार सदस्यीय इस समिति ने सुझाव दिया है कि व्युअरशिप डाटा की गणना के लिए कम से कम पांच लाख घरों से सैंपल लेने चाहिए। फिलहाल टीवी रेटिंग्स के लिए 50,000 घरों का सैंपल लिया जाता है।
यह भी पढ़ें: टेलिविजन रेटिंग सिस्टम की समीक्षा के लिए गठित कमेटी ने सौंपी अपनी रिपोर्ट
रिपोर्ट्स के अनुसार, समिति ने कथित रूप से यह भी सुझाव दिया है कि सर्वे में ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों (untapped areas) को ज्यादा शामिल करना चाहिए। बताया जाता है कि सरकार सिस्टम की सहायता के लिए तकनीकी समाधान (technological solutions) भी तलाश रही है। इसके अलावा यह मोबाइल पर टीवी देखने को भी ध्यान में रख रही है, जिसका इस्तेमाल बड़ी संख्या में लोग इन दिनों कंटेंट देखने के लिए कर रहे हैं।
गौरतलब है कि ‘सूचना प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) द्वारा चार नवंबर 2020 को प्रसार भारती (Prasar Bharati) के सीईओ शशि शेखर वेम्पती की अध्यक्षता में यह कमेटी गठित की गई थी। रेटिंग के कथित रूप से हेरफेर को लेकर हंगामे के बाद इसे देश में टीआरपी सिस्टम को मजबूत करने के लिए नियुक्त किया गया था। इस समिति में तीन अन्य विशेषज्ञों को शामिल किया गया था। समिति ने पिछले सप्ताह सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।मुंबई पुलिस ने ‘महा मूवी’ (Maha Movie) टेलीविजन चैनल के सीईओ संजय वर्मा को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया
मुंबई पुलिस ने ‘महा मूवी’ (Maha Movie) टेलीविजन चैनल के सीईओ संजय वर्मा को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया, उन पर कथित कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप है। मंगलवार को मुंबई क्राइम ब्रांच ने उनसे थोड़ी देर पूछताछ की और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। वह कथित टीआरपी घोटाले में भी एक वांछित आरोपी हैं।
मामले की जानकारी देते हुए एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वर्मा को मुंबई पुलिस की अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) ने गिरफ्तार किया। कॉपीराइट मामलों का उल्लंघन करने की शिकायत संजय वर्मा के खिलाफ मुंबई के जुहू स्थित पुलिस स्टेशन दायर की गई थी। इसके बाद मामले की जांच सीआईयू को सौंपी गई थी। जांच में संजय वर्मा की कथित भूमिका सामने आई, जिसके बाद सीआईयू की टीम ने उनसे पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ के दौरान वर्मा ने अपराध शाखा के अधिकारियों को बताया कि महा मूवी चैनल ने 10 जून से 10 नवंबर 2020 के बीच अवैध रूप से 'जंजीर', 'लावारिस', 'जादूगर', 'मोहब्बत के दुश्मन', 'मुकद्दर का सिकंदर' जैसी फिल्मों का प्रसारण किया।
उन्होंने बताया कि इन फिल्मों के कॉपीराइट पुनीत मेहरा की कंपनी के पास हैं, जोकि प्रसिद्ध फिल्म निर्माता प्रकाश मेहरा के बेटे हैं। मेहरा ने कभी इन फिल्मों के कॉपीराइट किसी अन्य कंपनी या व्यक्ति को नहीं बेचे थे। अधिकारी ने बताया कि इस मामले में नौ और लोग वांछित हैं।
बता दें कि इससे पहले टीआरपी मामले में धांधली करने का भी मुकदमा संजय वर्मा के ऊपर चल रहा है। कथित टीआरपी से हेरफेर करने के मामले में हाल में दाखिल एक आरोप पत्र में कहा गया है कि हंसा रिसर्च एजेंसी के एक अधिकारी ने कुछ घरों को ‘महा मूवी’, ‘बॉक्स सिनेमा’, ‘फक्त मराठी’ और ‘रिपब्लिक टीवी’ चैनल देखने के लिए धन दिया था।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।टीआरपी से छेड़छाड़ के मामले को लेकर इन दिनों 'घमासान' मचा हुआ है।
निजी टेलिविजन न्यूज चैनल्स का प्रतिनिधित्व करने वाले समूह ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ (NBA) ने ‘इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन’ (Indian Broadcasting Foundation) में ‘रिपब्लिक टीवी’ (Republic TV) की सदस्यता को निलंबित करने की मांग की है। ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) इंडिया के पूर्व चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) पार्थो दासगुप्ता और ‘रिपब्लिक टीवी’ (Republic TV) के एडिटर-इन-चीफ अरनब गोस्वामी के बीच वॉट्सऐप चैट का हवाला देते हुए ‘एनबीए’ ने यह भी मांग की है कि जब तक इस मामले में अदालत का अंतिम फैसला नहीं आ जाता, तब तक रिपब्लिक टीवी को BARC के रेटिंग सिस्टम से बाहर रखा जाए।
‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ का कहना है कि पार्थो दासगुप्ता और अरनब गोस्वामी के बीच कथित रूप से किए गए सैकड़ों वॉट्सऐप चैट को देखकर काफी झटका लगा है। ‘एनबीए’ के अनुसार, ‘इस मैसेजों को देखकर स्पष्ट रूप से पता चलता है कि रिपब्लिक टीवी की व्युअरशिप ज्यादा दिखाने और अन्य चैनल्स की व्युअरशिप को कम दिखाने के लिए मिलीभगत कर रेटिंग से छेड़छाड़ की गई। ये वॉट्सऐप मैसेज न सिर्फ रेटिंग्स में हेरफेर को दर्शाते हैं, बल्कि शक्ति के दुरुपयोग (Power Play) को भी दिखाते हैं। इससे पुष्टि होती है कि एनबीए की ओर से जो आरोप लगाए जाते रहे हैं कि बार्क के शीर्ष अधिकारियों की मिलीभगत से एनबीए के गैरसदस्य ब्रॉडकास्टर द्वारा रेटिंग्स में छेड़छाड़ की जा रही है, वह सही हैं।’
एनबीए ने मांग की है कि जब तक टीआरपी से छेड़छाड़ का मामला कोर्ट में है, तब तक रिपब्लिक टीवी की इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन की सदस्यता निलंबित कर देनी चाहिए। एनबीए बोर्ड का यह भी विचार है कि रिपब्लिक टीवी द्वारा रेटिंग में हेरफेर ने ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री की प्रतिष्ठा को बहुत नुकसान पहुंचाया है और इसलिए इस मामले में अदालत के अंतिम आदेश तक इसे BARC की रेटिंग प्रणाली से बाहर रखा जाना चाहिए।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।टीवी चैनल्स की रेटिंग जारी करने वाली संस्थान बार्क (BARC) न्यूज चैनल्स की रेटिंग के लिए अपनी ब्लैकआउट अवधि को और तीन महीनें बढ़ा सकती है।
टीवी चैनल्स की रेटिंग जारी करने वाली संस्था ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ऑफ इंडिया (BARC) न्यूज चैनल्स की रेटिंग के लिए अपनी ब्लैकआउट अवधि को और तीन महीनें तक बढ़ा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स में इस तरह की खबर निकलकर सामने आई हैं।
टीआरपी से छेड़छाड़ (TRP manipulation) के मामले को लेकर मचे घमासान के बीच BARC ने 15 अक्टूबर 2020 को 12 हफ्ते के लिए न्यूज चैनल्स की रेटिंग्स न जारी करने का फैसला लिया था, जिसकी समय-सीमा का आखिरी दिन 15 जनवरी (शुक्रवार) था। बताया जा रहा है कि इस ब्लैकआउट की समय-सीमा को मुंबई पुलिस द्वारा टीआरपी घोटाले की जांच के चलते बढ़ाया जा सकता है।
वहीं दूसरी तरफ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन के विचारों में भिन्नता दिखाई दे रही है। वरिष्ठ टीवी पत्रकार रजत शर्मा के नेतृत्व वाले ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ (NBA) ने ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) इंडिया को सुझाव दिया है कि न्यूज चैनल्स की व्युअरशिप रेटिंग जारी करने पर लगाए गए प्रतिबंध (blackout period) को कुछ महीनों तक और बढ़ा दिया जाए, जबकि वरिष्ठ टीवी पत्रकार अरनब गोस्वामी के नेतृत्व वाले ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन’ (News Broadcasters Federation) ने ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) से न्यूज चैनल्स की रेटिंग तुरंत प्रभाव से जारी करने की मांग की है। इसके साथ ही एजेंसी से भविष्य के डाटा के लिए सुधारात्मक उपाय (corrective measures) करने का भी अनुरोध किया है।
टीआरपी से छेड़छाड़ को लेकर जब पहली खबर सामने आई तो बार्क ने अपनी टेक्निकल टीम को इस मामले के जांच आदेश दिए थे और तब तक के लिए सभी हिंदी, अंग्रेजी और बिजनेस न्यूज चैनल्स के रेटिंग को यह कहते हुए सस्पेंड कर दिया था कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक रेटिंग प्रकाशित नहीं की जाएगी और यह भी बताया था कि इस पूरी जांच में 8 से 12 सप्ताह लग सकता है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।
पिछले साल जून में निधि राजदान ने 21 साल की पारी के बाद एनडीटीवी से इस्तीफा देने का फैसला लिया था। एक ट्वीट के जरिये उन्होंने इसकी वजह भी बताई थी।
वरिष्ठ पत्रकार निधि राजदान ने शुक्रवार को एक ट्वीट में चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस ट्वीट में निधि राजदान का कहना है कि वह प्रतिष्ठित ‘हार्वर्ड यूनिवर्सिटी’ के फैकल्टी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर अपनी पारी शुरू नहीं करने जा रही हैं। इस ट्वीट में निधि राजदान ने कहा है कि दरअसल, उन्हें ‘हार्वर्ड यूनिवर्सिटी’ ने इस तरह का कोई ऑफर दिया ही नहीं था। निधि राजदान का कहना है कि वह फिशिंग अटैक (ऑनलाइन धोखाधड़ी, जहां ईमेल के जरिये धोखा देकर सारी जानकारी ले ली जाती है) का शिकार हुई हैं।
ट्वीट में निधि ने लिखा है, ' जून 2020 में मैंने यह कहते हुए 21 सालों की एनडीटीवी की नौकरी छोड़ने का फैसला लिया कि मैं हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में जर्नलिज्म के एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में जॉइन करने जा रही हूं। मुझे बताया गया था कि मैं सितंबर 2020 में यूनिवर्सिटी जॉइन करूंगी। मैं अपने नए असाइनमेंट की तैयारी कर रही थी, इसी दौरान मुझे बताया गया कि महामारी की वजह से मेरी क्लासेज जनवरी 2021 में शुरू होंगी।'
यह भी पढ़ें: वरिष्ठ पत्रकार निधि राजदान ने NDTV छोड़ने का लिया फैसला, बताई ये वजह
निधि का कहना है, 'लगातार हो रही देर के बीच शुरू में तो मैंने यह सोचकर इन बातों पर ध्यान नहीं दिया कि महामारी में ये सब नॉर्मल है पर हाल ही में जो कुछ हुआ, वो ज्यादा परेशान करने वाला था। मैंने सीधे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारियों से स्थिति स्पष्ट करने के लिए संपर्क साधा और उनके आग्रह पर मैंने उनसे वे सारे कम्युनिकेशन्स शेयर किए जो तथाकथित रूप से यूनिवर्सिटी की ओर से किए गए थे।’
यूनिवर्सिटी का पक्ष जानने के बाद मुझे पता चला कि मैं साइबर फ्रॉड की शिकार हुई हूं और दरअसल हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने मुझे उनके जर्नलिज़्म डिपार्टमेंट की फैकल्टी बनने का कोई ऑफर भेजा ही नहीं था। राजदान का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इसके साथ ही हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अधिकारियों को लेटर लिखकर उनसे भी इस मामले को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है।
I have been the victim of a very serious phishing attack. I’m putting this statement out to set the record straight about what I’ve been through. I will not be addressing this issue any further on social media. pic.twitter.com/bttnnlLjuh
— Nidhi Razdan (@Nidhi) January 15, 2021
गौरतलब है कि पिछले साल जून में निधि राजदान का एक ट्वीट सामने आया था, जिसमें उन्होंने घोषणा की थी कि वह एनडीटीवी में 21 साल की अपनी पारी को विराम देकर साल के अंत तक ‘हार्वर्ड यूनिवर्सिटी’ के फैकल्टी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर अपनी पारी शुरू करेंगी। निधि राजदान की ओर से उस समय किए गए ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट्स आप यहां देख सकते हैं।
टीवी9 नेटवर्क (TV9 Network) ने अब अपने पंख फैला दिए हैं। इसके तहत उसने बंगाल न्यूज मार्केट में 24X7 की तर्ज पर एक न्यूज चैनल लॉन्च कर दिया है
टीवी9 नेटवर्क (TV9 Network) ने अब अपने पंख फैला दिए हैं। इसके तहत उसने बंगाल न्यूज मार्केट में 24X7 की तर्ज पर एक न्यूज चैनल लॉन्च कर दिया है, जिसका नाम है ‘टीवी9 बांग्ला’ (TV9 Bangla)। यह न्यूज चैनल टीवी9 नेटवर्क का छठा न्यूज चैनल है।
टीवी9 नेटवर्क का दावा है कि यह चैनल प्रदेश की 10 करोड़ जनता की न केवल आवाज बनेगा, बल्कि राज्य की जनता को निष्पक्ष खबरे दिखाएगा, वह भी किसी से डरे बगैर, किसी से प्रभावित हुए बगैर, सिर्फ दर्शकों की फिक्र से जुड़ी खबरों को प्रमुखता देगा।
नेटवर्क के मुताबिक, ‘टीवी9 बांग्ला’ के पास न्यूज इंडस्ट्री के सबसे अनुभवी और संवेदनशील पत्रकारों की टीम है, सबसे हाईटेक स्टूडियो है, पश्चिम बंगाल के सभी 23 जिलों में उसके रिपोर्टर खबरों का सीधा प्रसारण करने के लिए 24 घंटे मुस्तैद हैं।
नेटवर्क ने अनुभवी पत्रकार अंजन बंद्योपाध्याय के हाथों में ‘टीवी9 बांग्ला’ न्यूज चैनल के संपादक की कमान सौंपी हुई है। कलकत्ता विश्वविद्यालय से गोल्ड मेडलिस्ट रहे बंद्योपाध्याय को 32 वर्षों का अनुभव है और उन्होंने तमाम प्रमुख मीडिया घरानों के साथ काम किया है, जिनमें एबीपी, जी, ईटीवी और स्काई बांग्ला आदि शामिल हैं। वे ‘जी24 घंटा’ (Zee 24 Ghanta) के एडिटर (इनपुट) रह चुके हैं। उनका पिछला कार्यकाल एबीपी में डिजिटल के संपादक के तौर पर था।
इसके अलावा अमृतांशु भट्टाचार्य ‘TV9 बांग्ला’ के डिजिटल पोर्टल के संपादक की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। साथ ही वे टेलीविजन चैनल में मैनेजिंग एडिटर (आउटपुट) के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। भट्टाचार्य को प्रिंट, ऑडियो विजुअल और डिजिटल मीडिया में 25 वर्षों से भी ज्यादा का अनुभव है। वे ‘जुगांतर’ (Jugantar), ‘आजकल’ (Aajkaal), ‘ईटीवी’ (ETV) और ‘जी मीडिया कॉर्प’ (Zee Media Corp) के साथ काम कर चुके हैं। उनका पिछला कार्यकाल ‘जी24 घंटा’ (Zee 24 Ghanta) में डिजिटल हेड और असोसिएट एडिटर के तौर पर था।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन’ ने ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ से कुछ निहित स्वार्थों के दबाव में न आने की बात भी कही है।
न्यूज इंडस्ट्री से जुड़े मुद्दे सुलझाने और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स के हितों की रक्षा के लिए गठित ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन’ (News Broadcasters Federation) ने ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) से न्यूज चैनल्स की रेटिंग तुरंत प्रभाव से जारी करने की मांग की है। इसके साथ ही एजेंसी से भविष्य के डाटा के लिए सुधारात्मक उपाय (corrective measures) करने का भी अनुरोध किया है।
इस बारे में ‘एनबीएफ’ की ओर से कहा गया है, ‘न्यूज चैनल्स हजारों मीडिया प्रोफेशनल्स को रोजगार देते हैं और उनकी आजीविका न्यूज चैनल द्वारा उत्पन्न रेवेन्यू पर निर्भर करती है, जो सीधे ऑडियंस मीजरमेंट डाटा (TRPs) से संबंधित है। इसलिए, एनबीएफ BARC के शेयरधारकों (stakeholders) से आह्वान करता है कि वे तत्काल प्रभाव से न्यूज चैनल्स की रेटिंग जारी करने के लिए कदम उठाएं। हमारा मानना है कि ये डाटा विज्ञापन जगत के प्रमुख स्टेकहोल्डर्स ‘इंडियन सोसायटी ऑफ एडवर्टाइजर्स’ (ISA) और ‘एडवर्टाइजिंग एजेंसीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (AAAI) दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं।’
इसके साथ ही ‘एनबीएफ’ ने बार्क से किसी भी तरह के निहित स्वार्थों के दबाव में न आने और रेटिंग्स पर लगाई रोक को तत्काल हटाने को कहा है। ‘एनबीएफ’ के अनुसार, तमाम न्यूज ब्रॉडकास्टर्स ‘फ्री टू एयर’ (FTA) हैं और विज्ञापनों से होने वाली आय पर निर्भर हैं। ऐसे में रेटिंग्स को जारी करने से रोके जाने पर उन पर काफी प्रभाव पड़ेगा।
गौरतलब है कि टीआरपी से छेड़छाड़ (TRP manipulation) के मामले को लेकर मचे घमासान के बीच BARC ने 15 अक्टूबर 2020 को 12 हफ्ते के लिए न्यूज चैनल्स की रेटिंग्स न जारी करने का फैसला लिया था। BARC के इस फैसले को लेकर ब्रॉडकास्टर्स दो खेमों में बंट गए थे। कुछ ब्रॉडकास्टर्स का मानना था कि 12 सप्ताह का यह ब्लैकआउट (blackout) इस प्रणाली में विसंगतियों को दूर कर देगा, वहीं कुछ ने नाखुशी जताते हुए इस फैसले को अनुचित बताया था।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।टीआरपी से छेड़छाड़ के मामले को लेकर मचे घमासान के बीच BARC ने 15 अक्टूबर 2020 को 12 हफ्तों के लिए न्यूज चैनल्स की रेटिंग्स न जारी करने का फैसला लिया था।
निजी टेलिविजन न्यूज चैनल्स का प्रतिनिधित्व करने वाले समूह ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ (NBA) ने ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) इंडिया को सुझाव दिया है कि न्यूज चैनल्स की व्युअरशिप रेटिंग जारी करने पर लगाए गए प्रतिबंध (blackout period) को कुछ महीनों तक और बढ़ा दिया जाए। फिलहाल यह समय सीमा 16 जनवरी को समाप्त हो रही है। सूत्रों के अनुसार, एनबीए ने इन तीन महीनों के ब्लैकआउट पीरियड (जिनमें टीवी न्यूज व्युअरशिप का डाटा जारी नहीं किया गया है) के दौरान बार्क द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी ली है।
टीआरपी से छेड़छाड़ (TRP manipulation) के मामले को लेकर मचे घमासान के बीच BARC ने 15 अक्टूबर 2020 को 12 हफ्ते के लिए न्यूज चैनल्स की रेटिंग्स न जारी करने का फैसला लिया था। BARC के इस फैसले को लेकर ब्रॉडकास्टर्स दो खेमों में बंट गए थे। कुछ ब्रॉडकास्टर्स का मानना था कि 12 सप्ताह का यह ब्लैकआउट (blackout) इस प्रणाली में विसंगतियों को दूर कर देगा, वहीं कुछ ने नाखुशी जताते हुए इस फैसले को अनुचित बताया था।
उस समय ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ ने BARC के इस फैसले का स्वागत किया था। ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ ने उम्मीद जताई थी कि यह बार्क द्वारा सही दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। ‘एनबीए’ का यह भी कहना था कि बार्क को विश्वसनीयत बनाए रखने के लिए इन 12 हफ्तों का इस्तेमाल अपने सिस्टम को पूरी तरह से दुरुस्त (completely overhaul) करने में करना चाहिए।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।सेबी ने ‘सीएनबीसी आवाज’ के एक कार्यक्रम के होस्ट हेमंत घई, उनकी पत्नी जया हेमंत घई और मां श्याम मोहिनी घई को पूंजी बाजार से प्रतिबंधित कर दिया।
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने धोखाधड़ी वाले व्यापारिक व्यवहार में लिप्त होने के चलते बिजनेस न्यूज चैनल ‘सीएनबीसी आवाज’ के एक कार्यक्रम के होस्ट हेमंत घई, उनकी पत्नी जया हेमंत घई और मां श्याम मोहिनी घई को पूंजी बाजार से बुधवार को प्रतिबंधित कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घटनाक्रम के बाद नेटवर्क18 ने घई को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।
सेबी ने एक अंतरिम आदेश में कहा कि हेमंत घई जिस ‘स्टॉक 20-20’ कार्यक्रम के को-होस्ट थे, उसमें दिये जाने वाले सुझावों के विषय में उन्हें पहले से सूचनाएं होती थीं। उन्होंने उनका प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से व्यक्तिगत फायदे के लिए इस्तेमाल किया।
बता दें कि इस कार्यक्रम में यह सुझाव दिया जाता है कि किसी अमुक कारोबारी सत्र के दौरान किन शेयरों को खरीदा जाए और किन शेयरों का बेचा जाए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेबी ने घई को अगले आदेश तक निवेश के संबंध में कोई भी परामर्श देने और प्रतिभूति बाजार के संबंध में शोध रिपोर्ट प्रकाशित करने से भी रोक दिया। सेबी ने इसके अलावा धोखाधड़ी वाली गतिविधियों से अर्जित 2.95 करोड़ रुपये की आय पर भी रोक लगाने का निर्देश दिया।
रिपोर्ट्स में बताया गया कि सेबी ने जांच में प्रथमदृष्ट्या पाया कि कार्यक्रम ‘स्टॉक 20-20’ के लिए प्राप्त अग्रिम जानकारी के आधार पर हेमंत ने अपनी पत्नी जया हेमंत घई और माता श्याम मोहिनी घई के साथ मिलकर धोखाधड़ी के जरिये धन कमाने की साजिश की। सेबी ने एक जनवरी 2019 से 31 मई 2020 के दौरान हुए व्यापार का विश्लेषण करने के बाद रोक लगाने का आदेश पारित किया।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।एंकर ने सोमनाथ भारती से लाइव शो के दौरान दिल्ली सीएम केजरीवाल पर हुए हमले को लेकर सवाल पूछा तो सोमनाथ भारती इतना बौखला गए कि उन्हें गालियां देने लगे थे।
दिल्ली हाई कोर्ट ने एक न्यूज एंकर द्वारा दर्ज कराये गये मानहानि के मामले को खारिज करने की आप विधायक सोमनाथ भारती की याचिका पर उनसे (एंकर से) जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने अभियोजन पक्ष और एंकर रंजना द्विवेद्वी को नोटिस जारी किया और उनसे दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी को होगी।
ये भी पढ़ें: एंकर के खिलाफ ‘आप’ नेता के बिगड़े बोल, दी गाली
सोमनाथ भारती ने निचली अदालत के 24 जुलाई, 2019 के आदेश को चुनौती दी है। निचली अदालत ने पत्रकार की मानहानि संबंधी शिकायत पर भारत के विरुद्ध आरोप निर्धारण का आदेश दिया था। नवंबर, 2018 में टीवी बहस मे दोनों के बीच तीखी टीका-टिप्पणी हुई थी।
ये भी पढ़ें: महिला न्यूज एंकर से बदसलूकी मामले में ‘आप’ नेता के खिलाफ कोर्ट ने दिया ये आदेश
दरअसल, हुआ कुछ यूं था कि न्यूज एंकर ने सोमनाथ भारती से लाइव शो के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हुए हमले को लेकर सवाल किया था। इसी सवाल पर सोमनाथ भारती इतना बौखला गए कि महिला एंकर को गालियां देने लगे थे। आरोप है कि सोमनाथ भारती ने महिला एंकर से न सिर्फ बदतमीजी से बात की, बल्कि उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी भी की थी। इसके साथ ही चैनल को भी बंद करवाने की धमकी दी थी।
जिसके बाद दिल्ली के वसंत कुंज की रहने वाली और नोएडा सेक्टर-57 के एक न्यूज चैनल में जॉब करने वाली न्यूज एंकर ने साल 2018 में सोमनाथ भारती के खिलाफ नोएडा के सेक्टर-39 महिला थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके बाद शिकायतकर्ता की ओर से एडवोकेट योगेश स्वरूप ने भारती के खिलाफ दिल्ली की अदालत में मानहानि की याचिका दायर की थी।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।