क्या CEO गौरव बनर्जी के नेतृत्व में हो रहा 'सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन' का कायाकल्प?

कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड अपने प्रमुख हिंदी जनरल एंटरटेनमेंट चैनल सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन में व्यापक बदलाव करने जा रहा है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 10 September, 2024
Last Modified:
Tuesday, 10 September, 2024
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सोनम सैनी, असिसटेंट एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप ।।

कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व में सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया या SPNI) अपने प्रमुख हिंदी जनरल एंटरटेनमेंट चैनल सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन (SET) में व्यापक बदलाव करने जा रहा है। यह रणनीतिक बदलाव चैनल की गिरती हुई दर्शक संख्या को बढ़ाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इस बदलाव का फैसला चैनल की कम TRP और घटती व्युअरशिप को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। हाल ही में SPNI के सीईओ और एमडी बने गौरव बनर्जी इस बदलाव का नेतृत्व कर रहे हैं। उनका मुख्य उद्देश्य चैनल की लोकप्रियता बढ़ाना और दर्शकों की रुचि को पुनर्जीवित करना है।

कई शोज होंगे बंद

चैनल के इस बदलाव के तहत, कई शोज को बंद किया जाएगा, जिनमें पुकार दिल से दिल तक, काव्या - एक जज्बा, एक जुनून, और जुबली टॉकीज शामिल हैं। पुकार दिल से दिल तक और जुबली टॉकीज क्रमशः मई और जून 2024 में लॉन्च हुए थे, जबकि एक जुनून का प्रसारण सितंबर 2023 में शुरू हुआ था।

नाम न बताने की शर्त पर एक इंडस्ट्री ऑब्जर्वर ने बताया, "गौरव बनर्जी ने कार्यभार संभालने के दो हफ्तों के भीतर सोनी टीवी के तीन शोज को उनकी कम रेटिंग के कारण बंद कर दिया है। चैनल फिलहाल नए कंटेंट के लिए कई प्रड्यूसर्स से चर्चा कर रहा है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, चैनल अपने पुराने लोकप्रिय शोज, जैसे CID को वापस लाने पर भी विचार कर रहा है।"

हालांकि, अभी तक इन शोज के ऑफ-एयर होने पर ब्रॉडकास्टर की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। एक्सचेंज4मीडिया ने आधिकारिक टिप्पणी के लिए सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन से संपर्क किया, लेकिन खबर पब्लिश होने तक फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

नॉन-फिक्शन शोज भी खतरे में

फिक्शन शोज के अलावा, कुछ नॉन-फिक्शन शोज भी खतरे में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कम रेटिंग के चलते आपका 'अपना जाकिर' शो को भी बंद किया जा सकता है। यहां तक कि चैनल के सबसे लोकप्रिय शो 'कौन बनेगा करोड़पति' (KBC) की रेटिंग भी कम हो गई है। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के अनुसार, हिंदी भाषी बाजार (HSM) में शो ने 33वें हफ्ते में 0.5 GRP हासिल की थी, जो 34वें हफ्ते में भी स्थिर रही।

तीन साल पहले चैनल 90-100 GRP के बीच काम कर रहा था, लेकिन अब यह 60-70 GRP तक गिर गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, नॉन-फिक्शन शोज की घटती लोकप्रियता और डिजिटल प्लेटफॉर्म की बढ़ती लोकप्रियता इस गिरावट का मुख्य कारण हैं।

दर्शकों की बदलती प्राथमिकताएं

मीडिया विश्लेषकों का मानना है कि रियलिटी शोज की दर्शक संख्या एक संतृप्ति बिंदु पर पहुंच गई है, जिससे प्रसारकों के लिए नए दर्शकों को आकर्षित करना मुश्किल हो रहा है। रियलिटी शोज के दोहराए जाने वाले फॉर्मेट और नए विचारों की कमी से दर्शक थकान महसूस कर रहे हैं।

सोनी टीवी, जो मुख्य रूप से रियलिटी शोज़ पर निर्भर करता है, इसकी व्युअरशिप में गिरावट देखी जा रही है। यह बदलाव व्यापक रूप से दर्शकों की बदलती आदतों को दर्शाता है, जहां पारंपरिक टीवी देखने के मुकाबले ऑन-डिमांड स्ट्रीमिंग सेवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।

CEO गौरव बनर्जी से उम्मीदें

चैनल की व्युअरशिप को पुनर्जीवित करना नए सीईओ के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। एक अनुभवी कंटेंट विशेषज्ञ के रूप में, गौरव बनर्जी से उम्मीद की जा रही है कि वह चैनल में महत्वपूर्ण बदलाव लाएंगे, जिससे इसे नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सके। इंडस्ट्री का मानना है कि यह बदलाव केवल शुरुआत है। भविष्य में और भी दिलचस्प और आकर्षक प्रोग्रामिंग देखने को मिलेगी।

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नए रेटिंग सिस्टम की राह में सबसे बड़ा सवाल– खर्च कितना और कौन करेगा फंडिंग?

टीवी व्युअरशिप तेजी से डिजिटल की ओर बढ़ रही है। अब सवाल यह नहीं कि नया ऑडियंस मीजरमेंट सिस्टम चाहिए या नहीं, बल्कि यह है कि इसकी लागत कौन उठाएगा और क्या यह इंडस्ट्री का भरोसा दोबारा जीत सकेगा?

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 30 July, 2025
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Wednesday, 30 July, 2025
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अदिति गुप्ता, असिसटेंट एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।

भारत में टीवी व्युअरशिप के बदलते दौर में अब बहस यह नहीं रही कि नया ऑडियंस मीजरमेंट सिस्टम चाहिए या नहीं। सवाल अब यह है कि इसकी कीमत कितनी होगी, इसे फंड कौन करेगा और क्या यह भरोसा दोबारा हासिल कर पाएगा?

BARC (ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल) की सीमाओं को लेकर बढ़ती आलोचना के बीच, मीडिया और ऐडवर्टाइजिंग जगत के एक्सपर्ट अब एक साझा सोच की ओर बढ़ते दिखाई दे रहे हैं कि नई, आधुनिक ऑडियंस मीजरमेंट प्रणाली बनाना तकनीकी रूप से संभव भी है और आर्थिक रूप से समझदारी भरा कदम भी, बस शर्त ये है कि इसे सही तरीके से लागू किया जाए।

असली लागत: 3–5 वर्षों में 300 से 500 करोड़ रुपये तक?

BARC की पुरानी व्यवस्था की कमियों को दूर करने वाला नया ऑडियंस मीजरमेंट सिस्टम बनाने में जरूर भारी निवेश की जरूरत होगी। एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस पर आने वाली लागत 300 करोड़ से 500 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है।

Media Care Brand Solutions के डायरेक्टर यासिन हमिदानी के मुताबिक, “भारत में एक भरोसेमंद टीवी रेटिंग्स सिस्टम बनाने के लिए शुरुआती निवेश 300 से 500 करोड़ के बीच हो सकता है, लेकिन क्लाउड कंप्यूटिंग, एआई आधारित मॉडलिंग और रियल-टाइम इंफ्रास्ट्रक्चर लंबे समय में लागत की भरपाई कर सकते हैं।”

एक अन्य इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने, नाम न छापने की शर्त पर, बताया कि यह अनुमानित बजट (जो 500 करोड़ रुपये तक हो सकता है) हार्डवेयर (जैसे पीपल मीटर और राउटर), फील्ड फोर्स की तैनाती, देशव्यापी पैनल मेंटेनेंस, रीयल टाइम डेटा प्रोसेसिंग सिस्टम और थर्ड-पार्टी ऑडिट व डेटा सुरक्षा जैसे अनुपालन ढांचे को कवर करेगा।

हालांकि, यासिन हमिदानी का मानना है कि दीर्घकाल में इस व्यवस्था की लागत-कुशलता सबसे बड़ा लाभ हो सकता है। उन्होंने कहा, “एक बार स्केल हो जाने पर, क्लाउड आधारित सिस्टम और एआई एकीकृत मॉडल स्थायी लागत को काफी हद तक घटा देते हैं। असली चुनौती खर्च नहीं, बल्कि परस्पर तालमेल और वैधता है।”

यह विचार कई स्टेकहोल्डर्स के साथ गूंजता है। एक ब्रैंड एक्सपर्ट ने कहा, “असल में तकनीक तो पहले से मौजूद है। जो चीज सबसे महंगी है, वो है सहमति। हर ब्रॉडकास्टर, एजेंसी और ऐडवर्टाइजर को साथ लाना सबसे मुश्किल हिस्सा है। यदि पैनल डिजाइन, डेटा उपयोग और मेथडोलॉजी को लेकर पारदर्शिता पर सहमति नहीं बनती, तो पूरी कोशिश असफल हो जाती है।”

मौजूदा स्थिति क्यों काम नहीं कर रही?

भारत में फिलहाल 230 मिलियन से अधिक टीवी घर हैं, लेकिन केवल लगभग 58,000 पीपल-मीटर लगे हैं, जो कुल टीवी घरों का महज 0.025% प्रतिनिधित्व करते हैं। इन मीटरों का संचालन केवल BARC करता है, जो पिछले एक दशक से टीवी रेटिंग्स का एकमात्र स्रोत बना हुआ है। उपभोक्ता व्यवहार में भारी बदलाव के बावजूद BARC का पैनल 2018 के बाद से गंभीर रूप से अपडेट नहीं हुआ।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने खुद जुलाई 2025 में माना कि वर्तमान व्यवस्था अपर्याप्त है। यह स्मार्ट टीवी, ओटीटी प्लेटफॉर्म और मोबाइल डिवाइसेज पर होने वाली व्युअरशिप को दर्ज नहीं करती, जबकि आज के दौर में यही दर्शकों का बड़ा हिस्सा हैं।

इसका नतीजा है जिसे ऐडवर्टाइजर और ब्रॉडकास्टर "रेटिंग गैप" कहते हैं यानी वह डेटा गैप जो असल उपभोक्ता व्यवहार और मीडिया बजट की योजना के बीच मौजूद है। Pitch Madison Advertising Report 2025 के अनुसार, भारत में टीवी का ऐडवर्टाइजिंग शेयर 30% से नीचे गिर गया है, जबकि डिजिटल 50% के पार पहुंच गया है।

को-फंडिंग की जरूरत: आगे आने को तैयार हैं ऐडवर्टाइजर

एक बड़ा बदलाव जो सामने आ रहा है, वह यह है कि ऐडवर्टाइजर वैकल्पिक रेटिंग्स प्रोवाइडर की स्थापना के लिए फंडिंग में हिस्सेदारी करने को तैयार हैं।

Jumboking की मार्केटिंग हेड सयंतनी दास के अनुसार, “यदि नया सिस्टम क्रॉस-प्लैटफॉर्म सटीकता और पारदर्शिता दे सके, तो भारतीय ब्रैंड्स और ऐडवर्टाइजर इसके लिए फंडिंग या समर्थन देने के लिए तैयार हैं।”

उद्योग से जुड़े कई लोगों का मानना है कि यदि कुछ शर्तें पूरी की जाएं तो ऐडवर्टाइजर इस पहल का समर्थन करेंगे। इनमें शामिल हैं:

  • वैश्विक मीडिया वैलिडेशन फर्मों से थर्ड-पार्टी ऑडिट

  • ऐडवर्टाइजर्स, एजेंसियों और ब्रॉडकास्टर्स की समान भागीदारी वाला निष्पक्ष गवर्नेंस

  • पायलट स्टडीज के जरिए सिस्टम की विश्वसनीयता और अभियानों से तालमेल का परीक्षण

  • टीवी, मोबाइल और ओटीटी पर डिवाइस-अज्ञेय (device-agnostic) रीयल टाइम मापन

  • और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार स्वतंत्र बेंचमार्किंग

एक ब्रैंड एक्सपर्ट ने कहा, “मुद्दा हमेशा यह रहा है कि खर्च कौन करेगा और किसके हितों की रक्षा होगी। असली बाधा लागत नहीं है, बल्कि भरोसे की कमी है।”

उनका यह भी मानना था कि सबसे उपयुक्त फंडिंग मॉडल संभवतः बड़ी मीडिया एजेंसियों के जरिए आएगा जो ऐडवर्टाइजर्स की ओर से एग्रीगेटर की भूमिका निभा सकें—जैसे कि AAAI या MRUC मॉडल। “ऐसी संस्था चाहिए जहां हर स्टेकहोल्डर को अपनी आवाज और वीटो का अधिकार महसूस हो।”


BARC की संरचनात्मक चुनौतियां और नीति बदलाव

भारत का मौजूदा टीवी रेटिंग्स ढांचा सिर्फ तकनीकी ही नहीं, बल्कि संरचनात्मक बाधाओं से भी जूझ रहा है। 2014 की "Policy Guidelines for Television Rating Agencies" के अनुच्छेदों ने BARC के एकाधिकार को संरक्षित किया था, जिससे नए खिलाड़ियों की एंट्री सीमित हो गई।

हालांकि, जुलाई 2025 में सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी ड्राफ्ट संशोधन में इस स्थिति को बदलने की कोशिश की गई है। इसमें:

  • अनुच्छेद 1.4 में ढील दी गई है ताकि ऑपरेशनल फ्लेक्सिबिलिटी और हितों के टकराव से बचाव हो सके

  • अनुच्छेद 1.5 और 1.7 को हटाया गया है जो नए एंट्रेंट्स के लिए रुकावट थे

  • एकाधिक एजेंसियों को प्रोत्साहन दिया गया है ताकि नवाचार और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिले

  • कवरेज को CTV, मोबाइल और OTT तक बढ़ाया गया है

  • ब्रॉडकास्टर्स और ऐडवर्टाइजर्स जैसे अन्य स्टेकहोल्डर्स को नियंत्रित निगरानी के तहत निवेश की अनुमति दी गई है


कनेक्टेड टीवी और रिटर्न-पाथ डेटा: इन्फ्रास्ट्रक्चर की चुनौती

ऑडियंस मापन को आधुनिक बनाने के लिए रिटर्न-पाथ डेटा और कनेक्टेड डिवाइसेज के साथ बेहतर इंटीग्रेशन भी जरूरी है। एंड्रॉइड सेट-टॉप बॉक्स इस दिशा में अहम हैं, लेकिन इनकी कीमत अब भी बड़ी बाधा है।

केबल इंडस्ट्री के एक वरिष्ठ व्यक्ति ने बताया कि उच्च इंपोर्ट ड्यूटी के कारण ये बॉक्स 3,500 से 4,000 रुपये के बीच महंगे पड़ते हैं।
“यदि इंपोर्ट ड्यूटी घटाई जाए या टैक्स इंसेंटिव दिए जाएं, तो इनका अपनाया जाना तेज हो सकता है,” उन्होंने कहा।

एक अन्य एक्सपर्ट के मुताबिक, चूंकि MSO और DTH प्लेटफॉर्म करीब 10 करोड़ घरों तक पहुंचते हैं, यदि डेटा प्राइवेसी और प्राइसिंग को संतुलित किया जाए तो यहीं से रीयल टाइम डेटा एकत्र करना पूरी तरह संभव है।


कानूनी उलझनें बनी हुई हैं

हालांकि MIB का ड्राफ्ट पॉलिसी सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, लेकिन कुछ कानूनी अस्पष्टताएं अब भी मौजूद हैं।
Singhania & Co. के पार्टनर रोहित जैन ने चेताया कि अनुच्छेद 1.4 की व्याख्या को लेकर भ्रम की स्थिति बन सकती है।
उनके अनुसार, “भले ही अनुच्छेद हटा दिए जाएं, लेकिन रेगुलेशन की भावना बनी रहनी चाहिए। हितों के टकराव से हर कीमत पर बचना होगा।”

आगे की राह: एक ऐसा सिस्टम जो जमीनी हकीकत को दर्शाए

अंततः, भारत में टीवी रेटिंग्स का भविष्य केवल लागत या तकनीक पर नहीं, बल्कि संरेखण (alignment) पर निर्भर करेगा।

सभी एक्सपर्ट्स की एक राय थी कि यदि नया सिस्टम सफल होना है तो:

  • यह सांख्यिकीय रूप से प्रतिनिधिक होना चाहिए, कम से कम 70,000 घरों का पैनल शामिल हो

  • क्षेत्र, भाषा और सामाजिक-आर्थिक वर्गों में संतुलन हो

  • रीयल टाइम डेटा, डिवाइस क्रॉस-अट्रिब्यूशन और मीडिया प्लानिंग टूल्स के साथ एपीआई इंटीग्रेशन हो

  • और मजबूत फ्रॉड डिटेक्शन व डेटा सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाएं

Jumboking की सयंतनी दास ने कहा, “यदि आपका सिस्टम जमीनी सच्चाई को प्रतिबिंबित नहीं करता, तो वह ऐडवर्टाइजिंग खर्चों को प्रभावित नहीं कर पाएगा। ब्रैंड्स ऐसी इनसाइट चाहते हैं जिन पर वे कार्रवाई कर सकें और जिनमें वे यकीन कर सकें।”

भारत के पास तकनीक है, निवेश की क्षमता है—अब जरूरत है तो सिर्फ सामूहिक इच्छाशक्ति की।
2 अगस्त को सार्वजनिक सुझावों की 30-दिनी विंडो बंद होते ही, MIB के ये ड्राफ्ट सुधार भारत में पारदर्शी, आधुनिक और मल्टी-प्लैटफॉर्म ऑडियंस मीजरमेंट के नए युग की राह खोल सकते हैं।

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ZEEL की पहल: तमिलनाडु की संस्कृति व ब्रैंड रणनीति पर हुई विशेष चर्चा

जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEEL) ने हाल ही में एक विशिष्ट पैनल चर्चा “Decoding the TN Playbook – Growth, Granularity & the Power of Regional Love” का आयोजन किया

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 30 July, 2025
Last Modified:
Wednesday, 30 July, 2025
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जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEEL) ने हाल ही में एक विशिष्ट पैनल चर्चा “Decoding the TN Playbook – Growth, Granularity & the Power of Regional Love” का आयोजन किया, जिसमें Nippon Paint India, Thalappakatti Hotels, KTV Health Foods (Sunland) और खुद Zee के चीफ ग्रोथ ऑफिसर आशीष सहगल जैसे दिग्गज मार्केटिंग लीडर्स ने हिस्सा लिया। इस चर्चा का संचालन R.K. Swamy Media Group के वाइस प्रेजिडेंट के. सत्यनारायण ने किया। इस सत्र का उद्देश्य था यह दिखाना कि किस तरह तमिलनाडु की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और मीडिया परिदृश्य को स्थानीय ब्रैंड अपने नेतृत्व की रणनीतियों में प्रभावी ढंग से इस्तेमाल कर रहे हैं- Zee के व्यापक प्लेटफॉर्म्स के सहयोग से।

चर्चा की शुरुआत Sunland के अरविंद नायडू ने की, जिन्होंने बताया कि कैसे उनकी एडिबल-ऑयल ब्रैंड स्थानीय मुहावरों और सीरियल कलाकारों के माध्यम से ओम्नी-चैनल कैंपेन बनाती है। उन्होंने कहा कि Zee के टेलीविजन नेटवर्क ने भरोसे का आधार बनाने में मदद की है, जबकि डिजिटल सहयोगों के जरिए जिले-स्तर पर अत्यधिक लक्षित जुड़ाव संभव हो पाया है। उन्होंने खासतौर से यह उल्लेख किया कि तमिल संस्कृति में गहराई से जुड़ी कहानियों (जैसे कि Zee धारावाहिकों के कलाकारों के साथ विशेष कुकिंग एपिसोड) की मदद से Sunland ने तमिलनाडु में सनफ्लावर ऑयल सेगमेंट में अपनी अग्रणी स्थिति को और भी मजबूत किया है।

Nippon Paint India के हरि हर सुधन ने जापान के टोक्यो से चेन्नई तक के अपने ब्रैंड के सफर की बात करते हुए बताया कि Pongal जैसे त्योहारों और Jallikattu जैसे पारंपरिक आयोजनों के इर्द-गिर्द बनाए गए सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक अभियानों में Zee की भूमिका निर्णायक रही है। उन्होंने कहा कि Zee के तमिल-विशेष चैनलों के जरिए ब्रैंड 98 प्रतिशत दर्शकों तक बिना अपने संदेश को कमजोर किए पहुँच बना सकता है और स्थानीय दर्शकों से सच्चे मायनों में जुड़ सकता है।

Thalappakatti Hotels के ए. सेंथिल कुमार ने अपने ब्रैंड की छह दशकों से अधिक की विरासत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “Be Tamil, Feel Tamil, Act Tamil” केवल नारा नहीं, बल्कि व्यवसाय की आत्मा है। उन्होंने बताया कि कैसे Zee के क्षेत्रीय चैनलों ने मदुरै के रसोईघरों से लेकर तमिलनाडु के विभिन्न शहरों में उनकी बिरयानी श्रृंखला की लोकप्रियता को फैलाने में सहयोग किया। उन्होंने अपने ब्रैंड के ₹1,400 करोड़ मूल्यांकन का श्रेय Zee के ऑडियंस डेटा से मिली गहरी समझ को दिया, जिसने कंटेंट और वितरण दोनों की रणनीति गढ़ने में मदद की।

Zee के Chief Growth Office आशीष सहगल ने कहा, “हमारा हाइपर-लोकल कहानी कहने का प्रयास केवल भाषा तक सीमित नहीं है, यह क्षेत्रीय पहचान की हर बारीकी को समझने का प्रयास है। उन्नत विश्लेषण और Zee के मल्टी-स्क्रीन इकोसिस्टम के जरिए हम ब्रैंड्स को उपभोक्ताओं की आकांक्षाएं पहचानने और भविष्य की प्रवृत्तियों को आकार देने में समर्थ बनाते हैं।”

इस पैनल चर्चा का समापन इस साझा स्वीकारोक्ति के साथ हुआ कि तमिलनाडु जैसे राज्य में सफलता पाने के लिए सांस्कृतिक सूक्ष्मताओं की गहरी समझ, विविध मीडिया का समावेश और ऐसा सहयोगी जरूरी है, जिसके प्लेटफॉर्म्स हर घर तक संदेश को प्रभावी ढंग से पहुंचा सकें।

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इंडिया टुडे ग्रुप में अजय मिश्रा को मिला प्रमोशन, अब संभालेंगे ये जिम्मेदारी

डिजिटल और प्रिंट सब्सक्रिप्शन को बढ़ाने के साथ-साथ 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव' और 'साहित्य आजतक' जैसे प्रमुख आयोजनों से राजस्व अर्जित करने की जिम्मेदारी भी शामिल होगी।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 29 July, 2025
Last Modified:
Tuesday, 29 July, 2025
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इंडिया टुडे ग्रुप में अजय मिश्रा को असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट (कंज्यूमर रेवेन्यू) के पद पर प्रमोट किया गया है। यह जानकारी उन्होंने हाल ही में एक लिंक्डइन अपडेट के जरिए साझा की। इस नई और विस्तृत भूमिका में अजय अब ग्रुप के सभी पब्लिशिंग ब्रैंड्स के लिए कंज्यूमर रेवेन्यू रणनीतियों का नेतृत्व करेंगे। इसमें डिजिटल और प्रिंट सब्सक्रिप्शन को बढ़ाने के साथ-साथ 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव' और 'साहित्य आजतक' जैसे प्रमुख आयोजनों से राजस्व अर्जित करने की जिम्मेदारी भी शामिल होगी।

इसके अलावा, वे सीआरएम (कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट) और कस्टमर केयर से जुड़ी जिम्मेदारियां भी संभालेंगे, ताकि सब्सक्राइबर अनुभव को और बेहतर बनाया जा सके। डिजिटल परफॉर्मेंस मार्केटिंग और रेवेन्यू ऑप्टिमाइजेशन में उनकी विशेषज्ञता के लिए पहचाने जाने वाले अजय मिश्रा ने इंडिया टुडे ग्रुप के सब्सक्रिप्शन और एंगेजमेंट मॉडल्स को प्रभावी ढंग से नया रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब वे एक "सब्सक्राइबर-फर्स्ट" दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने, डिजिटल ग्रोथ को गति देने और ऑडियंस एंगेजमेंट को मजबूत करने की दिशा में काम करेंगे, जिससे ग्रुप की बिजनेस और कंज्यूमर-फोकस्ड नेतृत्व की प्रतिबद्धता और मजबूत होगी।

गौरतलब है कि अजय मिश्रा फरवरी 2014 में इंडिया टुडे ग्रुप से जुड़े थे।

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सपा कार्यकर्ता ने मौलाना साजिद रशीदी को टीवी स्टूडियो में थप्पड़ मारा

नोएडा के टीवी स्टूडियो में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता ने मौलाना साजिद रशीदी को थप्पड़ मारा। मौलाना ने सपा सांसद डिंपल यादव को लेकर बयान दिया था।

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Published - Tuesday, 29 July, 2025
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Tuesday, 29 July, 2025
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नोएडा के सेक्टर‑126 में एक निजी टीवी चैनल के स्टूडियो में समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ताओं ने मौलाना साजिद रशीदी को थप्पड़ मार दिया। विवाद तब शुरू हुआ जब मौलाना साजिद रशीदी ने टीवी डिबेट में समाजवादी सांसद डिंपल यादव की पहनावे पर आपत्तिजनक टिप्पणी की।

उन्होंने कहा, मस्जिद में बिना सिर ढके बैठना 'इस्लामिक मर्यादा के खिलाफ' है। सपा युवा नेता मोहित नागर तथा अन्य कार्यकर्ताओं ने मौलाना को थप्पड़ मारा, क्योंकि वे इस टिप्पणी से गुस्से में थे। लखनऊ के विभूतिखंड थाना में सपा महिला विंग व नेता प्रवेश यादव की शिकायत पर BNS की धाराओं 79, 196, 197, 299, 352, 353 तथा IT Act की धारा 67 के अंतर्गत तहरीर दी गई है। आपको बता दें, भाजपा नेताओं और NDA सांसदों ने संसद परिसर में प्रदर्शन करते हुए इस टिप्पणी को महिलाओं और सांसद का अपमान बताया और सपा नेतृत्व के विरोध में आवाज उठाई।

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वॉशिंगटन पोस्ट ने मानी गलती : TV9 भारतवर्ष से मांगी माफ़ी

जब एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन को तथ्यों के सामने झुकना पड़ा, तो यह साफ़ संदेश जाता है कि भारतीय मीडिया में भी निष्पक्ष, निर्भीक और प्रमाणिक पत्रकारिता आज भी ज़िंदा है।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 29 July, 2025
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Tuesday, 29 July, 2025
Washington Post apology

7 जून 2025 को अमेरिका के प्रतिष्ठित अखबार The Washington Post ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की। इसमें दावा किया गया कि भारत के कई न्यूज़ चैनलों ने इस संवेदनशील विषय पर 'गैर-जिम्मेदाराना' रिपोर्टिंग की। रिपोर्ट में विशेष रूप से TV9 भारतवर्ष का नाम लेते हुए आरोप लगाया गया कि चैनल ने 'तथ्यों से भटकते हुए' भ्रामक समाचार प्रस्तुत किए।

TV9 भारतवर्ष ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह तथ्यहीन बताते हुए Washington Post को कानूनी नोटिस भेजा। चैनल ने अपनी रिपोर्टिंग के तथ्य, वीडियो फुटेज और प्रमाणों के साथ स्पष्ट किया कि उन्होंने पत्रकारिता के सभी मानकों का पालन किया था। इस कानूनी और तथ्यात्मक चुनौती के बाद, वॉशिंगटन पोस्ट ने न केवल गलती मानी, बल्कि TV9 भारतवर्ष से माफ़ी मांगते हुए यह वाक्य लिखा, 'We regret the error' और साथ ही, अपनी वेबसाइट से TV9 भारतवर्ष का नाम पूरी तरह हटा दिया।

TV9 भारतवर्ष ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, जब हम कहते हैं फिक्र आपकी, परवाह देश की, तो हम सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि पत्रकारिता की प्रतिबद्धता निभाते हैं। हमारी फिक्र तथ्यों की है, परवाह देश की छवि और जनता के विश्वास की है।

यह बयान सिर्फ भावनात्मक नहीं, बल्कि एक बड़ी सच्चाई की ओर इशारा करता है। सत्य को उजागर करना TV9 भारतवर्ष की प्रतिज्ञा और प्रतिबद्धता है। इस विवाद का समाधान केवल एक चैनल की प्रतिष्ठा की बहाली नहीं है, बल्कि यह भारतीय पत्रकारिता की एक बड़ी वैश्विक जीत है। जब एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन को तथ्यों के सामने झुकना पड़ा, तो यह साफ़ संदेश जाता है कि भारतीय मीडिया में भी निष्पक्ष, निर्भीक और प्रमाणिक पत्रकारिता आज भी ज़िंदा है।

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TV9: हेमंत शर्मा ने किया ‘&5’ के नए सीजन का ऐलान, बोले– अब शो होगा और भी दमदार

TV9 न्यूज नेटवर्क में न्यूज डायरेक्टर हेमंत शर्मा ने अपने चर्चित शो ‘&5’ के नए सीजन की घोषणा की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक पोस्ट के जरिए इस सुपरहिट शो की अगली पारी का संकेत दिया

Samachar4media Bureau by
Published - Saturday, 26 July, 2025
Last Modified:
Saturday, 26 July, 2025
5tv9

TV9 न्यूज नेटवर्क में न्यूज डायरेक्टर हेमंत शर्मा ने अपने चर्चित शो ‘&5’ के नए सीजन की घोषणा की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक पोस्ट के जरिए इस सुपरहिट शो की अगली पारी का संकेत दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि नया सीजन “नई कसावट, सजावट और तरावट” के साथ लौटने वाला है।

हेमंत शर्मा ने अपनी पोस्ट में लिखा कि ‘&5’ की कामयाबी उसके “पंचतत्व” में छिपी है- सत्य, साहस, सहजता, सार्थकता और सरोकार। यही पांच तत्व इस शो की आत्मा हैं, जो न सिर्फ इसे अलग पहचान देते हैं बल्कि दर्शकों के दिलों में इसकी जगह भी बनाते हैं।

उन्होंने गर्व के साथ इस बात का भी जिक्र किया कि भारत के प्रधानमंत्री तक इस शो में मेहमान बन चुके हैं, जो इसकी साख और विश्वसनीयता का प्रमाण है। राजनीति से लेकर साहित्य, संगीत, कला, खेल, रक्षा, समाज, सत्ता, विचार, अध्यात्म और अनुसंधान तक – हर क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों ने इस मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।

हेमंत शर्मा ने साफ किया कि शो बनाने का उद्देश्य किसी से मुकाबला करना नहीं, बल्कि दर्शकों का भरोसा जीतना है। उनका कहना है कि यही भरोसा अब और बड़ा होने जा रहा है और TV9 भारतवर्ष तथा ‘&5’ मिलकर इसे एक नई ऊंचाई देने जा रहे हैं।

पोस्ट के अंत में उन्होंने लिखा- “इंतजार अब खत्म ही है…”, जिससे संकेत मिलता है कि ‘&5’ का नया सीजन जल्द ही ऑन-एयर होने वाला है।

दर्शकों को अब एक बार फिर उस मंच का इंतजार है, जिसने संवाद की गरिमा और गहराई दोनों को एक साथ मंच पर लाकर रखा।

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NDTV Profit का नया शो 'Spot the Scam', इन मायनों में है खास

NDTV Profit ने इन परछाइयों से आंखें फेरने की बजाय उन्हें उजागर करने का फैसला किया। इन छिपे हुए कोनों पर रोशनी डालने और यह दिखाने की जिम्मेदारी ली कि असलियत में पर्दे के पीछे क्या चल रहा है।

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Published - Friday, 25 July, 2025
Last Modified:
Friday, 25 July, 2025
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हर वह निवेशक जो भारत की विकासगाथा पर भरोसा करता है, यह मानकर चलता है कि शेयर बाजार पारदर्शी है और सुरक्षित भी। लेकिन चमकते ट‍िकर, बड़ी-बड़ी बातों और मुनाफे के सुनहरे वादों के पीछे कुछ परछाइयां भी होती हैं- ऐसे जालसाज जो नए भारत की महत्वाकांक्षाओं और भरोसे का फायदा उठाने को तैयार बैठे हैं।

NDTV Profit ने इन परछाइयों से आंखें फेरने की बजाय उन्हें उजागर करने का फैसला किया। इन छिपे हुए कोनों पर रोशनी डालने और यह दिखाने की जिम्मेदारी ली कि असलियत में पर्दे के पीछे क्या चल रहा है। इसी सोच से ‘Spot the Scam’ की शुरुआत हुई- एक ऐसा वादा जो बाजार की निगरानी करेगा, उसके शोर-शराबे से परे सच्चाई तक पहुंचेगा और उन निवेशकों के साथ खड़ा रहेगा जो ईमानदारी से ट्रेड करते हैं।

कार्यक्रम की पहली ही जांच में यह साबित हो गया कि यह पहल कितनी जरूरी थी। दिल्ली की एक फर्म 'Trade Dost' ने 13 जुलाई को एक प्रमुख हिंदी अखबार में पूरे फ्रंट पेज पर विज्ञापन देकर दावा किया कि वह इंट्राडे ट्रेडिंग में 500 गुना मार्जिन, कैरी फॉरवर्ड में 60 गुना मार्जिन, शून्य ब्रोकरेज, फौरन जमा-निकासी और बिना किसी दस्तावेज के ट्रेडिंग अकाउंट मुहैया करा रही है। इन सभी दावों को लेकर SEBI से कोई मंजूरी नहीं ली गई थी।

NDTV Profit की खोजी पत्रकारिता टीम ने इसकी तह तक जाकर सच्चाई सामने लाई। रिपोर्ट के प्रसारण के कुछ ही दिनों के भीतर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने निवेशकों को Trade Dost और ऐसी अन्य कंपनियों से दूर रहने की चेतावनी दी। जल्द ही भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने उस अखबार को नोटिस भेजा, जिसने यह अवैध विज्ञापन प्रकाशित किया था।

NDTV Profit की मैनेजिंग एडिटर तमन्ना इनामदार ने इस मुहिम को कुछ यूं बयान किया- “जैसे-जैसे भारत के बाजारों में निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है, वैसे-वैसे ठगों के तौर-तरीके भी बदल रहे हैं- कभी AI का सहारा, कभी फिशिंग अटैक और हर बार कुछ और शातिर तरकीबें। हमारी भूमिका सिर्फ रिपोर्टिंग की नहीं, बल्कि पर्दाफाश करने की है। हम खुलासे करते रहेंगे, लोगों को जागरूक करते रहेंगे, और उन निवेशकों के साथ खड़े रहेंगे जो भरोसे के साथ बाजार में आते हैं।”

‘Spot the Scam’ NDTV Profit की ओर से एक ऐसा संकल्प है जो निवेशकों के आत्मविश्वास को मजबूत बनाए, ताकि वे बिना किसी डर के बाजार में अपने सपनों को साकार कर सकें। यह ऐसा बाजार बनाने की दिशा में एक पहल है, जहां हर ईमानदार सपना खुले मन से पनप सके- विश्वास के साथ, निर्भयता के साथ।

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CTV विज्ञापन में जबरदस्त उछाल की उम्मीद, PwC ने जताया 51 अरब डॉलर का अनुमान

PwC की 'ग्लोबल एंटरटेनमेंट एंड मीडिया आउटलुक 2025–29' रिपोर्ट के मुताबिक, कनेक्टेड टीवी (CTV) ग्लोबल एंटरटेनमेंट व मीडिया (E&M) इंडस्ट्री के सबसे बड़े बदलावों में से एक बनकर उभर रहा है।

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Published - Friday, 25 July, 2025
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Friday, 25 July, 2025
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PwC की 'ग्लोबल एंटरटेनमेंट एंड मीडिया आउटलुक 2025–29' रिपोर्ट के मुताबिक, कनेक्टेड टीवी (CTV) ग्लोबल एंटरटेनमेंट व मीडिया (E&M) इंडस्ट्री के सबसे बड़े बदलावों में से एक बनकर उभर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, CTV विज्ञापन राजस्व ने 2020 में पारंपरिक ब्रॉडकास्ट टीवी विज्ञापन का सिर्फ 5.9% हिस्सा बनाया था, जो 2024 में बढ़कर 22% हो गया। 2029 तक यह आंकड़ा 51 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो कुल ब्रॉडकास्ट टीवी विज्ञापन का 45% होगा। इस ग्रोथ को डिजिटल एंगेजमेंट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित हाइपर-पर्सनलाइजेशन बढ़ावा दे रहे हैं।

विज्ञापन रहेगा सबसे बड़ा ग्रोथ ड्राइवर

PwC का अनुमान है कि अगले पांच वर्षों में विज्ञापन ही E&M इंडस्ट्री की सबसे तेजी से बढ़ती ताकत साबित होगा, जिसकी वार्षिक चक्रवृद्धि वृद्धि दर (CAGR) 6.1% होगी, जो उपभोक्ता खर्च (2%) की तुलना में तीन गुना तेज है। रिपोर्ट बताती है कि AI विज्ञापन डिलीवरी को नया रूप देगा, जिससे कंटेंट अनुभव और ज्यादा वैयक्तिकृत होंगे और खासतौर पर रिटेल, सोशल, मोबाइल वीडियो और CTV प्लेटफॉर्म्स पर एंट्री की बाधाएं घटेंगी।

सबसे तेजी से बढ़ते डिजिटल राजस्व स्रोत:

  • रिटेल विज्ञापन: 15% CAGR

  • सोशल व मोबाइल स्ट्रीमिंग वीडियो विज्ञापन: 15% CAGR

  • CTV इन-स्ट्रीम इंटरनेट विज्ञापन: 14% CAGR

2024 में कुल विज्ञापन राजस्व में डिजिटल फॉर्मेट्स की हिस्सेदारी 72% थी, जो 2029 तक बढ़कर 80% तक पहुंचने की संभावना है। ई-कॉमर्स में रिटेल सर्च विज्ञापन 2020 में 32.7% हिस्सेदारी से बढ़कर 2029 तक 45.5% तक पहुंच सकता है। वहीं इन-गेम विज्ञापन 2024 के 32.8% से बढ़कर 2029 में 38.5% होने का अनुमान है।

वैश्विक इंडस्ट्री की स्थिति:

वैश्विक एंटरटेनमेंट और मीडिया इंडस्ट्री का कुल राजस्व 2024 के लगभग 3 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2029 तक 3.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है, जिसकी CAGR 3.7% होगी। यह वैश्विक औसत आर्थिक विकास दर से अधिक है, लेकिन कोविड-पूर्व गति से कम है। PwC इसके पीछे आर्थिक अनिश्चितता, कमजोर उपभोक्ता खर्च और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में वृद्धि को वजह मानता है।

कनेक्टिविटी बना रहेगा सबसे बड़ा सेगमेंट

2029 तक कनेक्टिविटी सेक्टर (मुख्य रूप से मोबाइल इंटरनेट सेवाएं) का खर्च 1.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है (2.8% CAGR)। हालांकि, विज्ञापन की तेज ग्रोथ रेट के कारण यह अंतर तेजी से घटेगा।

उपभोक्ता ऑनलाइन समय बढ़ा, लेकिन खर्च ऑफलाइन पर ज्यादा

2024 में उपभोक्ताओं का 61% खर्च लाइव म्यूजिक, सिनेमा और इवेंट्स जैसे गैर-डिजिटल फॉर्मेट्स पर हुआ और यह ट्रेंड आगे भी बने रहने की उम्मीद है। वैश्विक सिनेमा राजस्व 2024 के 33 अरब डॉलर से बढ़कर 2029 तक 42 अरब डॉलर तक जा सकता है, जहां दर्शकों का रुझान स्थानीय फिल्मों की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। महामारी से पहले जहां अमेरिका की टॉप 5 स्टूडियोज का बाजार में 60% से अधिक दबदबा था, वहीं अब यह गिरकर 51% रह गया है।

वीडियो गेमिंग: सबसे तेजी से बढ़ता क्षेत्र

वीडियो गेमिंग इंडस्ट्री 2024 में 224 अरब डॉलर से बढ़कर 2029 तक लगभग 300 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है (5.7% CAGR)। यह अकेले फिल्म और म्यूजिक इंडस्ट्री को मिलाकर भी पीछे छोड़ देगा।

भारत समेत उभरते बाजारों पर विशेष नजर

क्षेत्रीय दृष्टिकोण से, अमेरिका (कनेक्टिविटी को छोड़कर) अब भी सबसे बड़ा एंटरटेनमेंट बाजार बना रहेगा (3.8% CAGR)। चीन, दूसरा सबसे बड़ा बाजार, 6.1% CAGR से बढ़ेगा, जिसमें मुख्य भूमिका इंटरनेट विज्ञापन (8.9% CAGR) निभाएगा। भारत और इंडोनेशिया जैसे उभरते बाजार सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में शामिल होंगे, जहां दोनों की ग्रोथ दर 7.5% से अधिक होगी।

भारत में इंटरनेट विज्ञापन 15.9% CAGR से बढ़ने की उम्मीद है, जिसका कारण है – बढ़ती इंटरनेट पहुंच, तेजी से फैलता 5G नेटवर्क, और सोशल मीडिया व शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म्स की लोकप्रियता।

PwC की यह रिपोर्ट साफ इशारा करती है कि आने वाले वर्षों में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में सबसे बड़ा बदलाव डिजिटल, AI-संचालित और विज्ञापन-आधारित मॉडल्स के जरिए होगा। CTV और इंटरएक्टिव प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते प्रभाव के साथ, दर्शकों और ब्रांड्स दोनों के लिए एक नया युग शुरू हो चुका है।

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तमन्ना इनामदार का प्रमोशन, बनीं NDTV प्रॉफिट में मैनेजिंग एडिटर

NDTV प्रॉफिट से सितंबर 2023 से जुड़ी तमन्ना इनामदार को अब चैनल में मैनेजिंग एडिटर नियुक्त किया गया है।

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Published - Friday, 25 July, 2025
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Friday, 25 July, 2025
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NDTV प्रॉफिट से सितंबर 2023 से जुड़ी तमन्ना इनामदार को अब चैनल में मैनेजिंग एडिटर नियुक्त किया गया है। उन्होंने संगठन में अपनी पारी एग्जिक्यूटिव एडिटर के तौर पर शुरू की थी।

NDTV से पहले तमन्ना इनामदार ET Now में सीनियर एडिटर -पॉलिसी और पॉलिटिक्स की भूमिका में थीं, जहां वह प्रमुख शो India Development Debate की होस्ट भी रहीं। वह लगभग साढ़े चार साल तक ET Now नेटवर्क का हिस्सा रहीं।

तमन्ना ने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत जी न्यूज में रिपोर्टर के तौर पर की थी, जहां वह एक साल तक रहीं। इसके बाद वह Star News में करस्पॉन्डेंट बनीं और फिर लगभग छह साल तक Times Now में एंकर की भूमिका निभाई। इसके अलावा उन्होंने CNBC आवाज और BloombergQuint जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में लीडरशिप पोजिशन भी संभाले हैं।

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NDTV में जीतेंद्र दीक्षित बने एग्जिक्यूटिव एडिटर

NDTV ने टीवी पत्रकार जीतेंद्र दीक्षित को एग्जिक्यूटिव एडिटर के रूप में नियुक्त किया है।

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Published - Friday, 25 July, 2025
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Friday, 25 July, 2025
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NDTV ने टीवी पत्रकार जीतेंद्र दीक्षित को एग्जिक्यूटिव एडिटर के रूप में नियुक्त किया है। इस नई जिम्मेदारी में वह NDTV मराठी की अगुवाई करेंगे और NDTV इंडिया (हिंदी), NDTV 24x7 (अंग्रेजी), NDTV प्रॉफिट और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के इनपुट विंग की जिम्मेदारी भी उनके हाथों में होगी।

जीतेंद्र पिछले एक साल से NDTV से बतौर कॉन्ट्रिब्यूटिंग एडिटर जुड़े हुए थे।

इससे पहले वह ABP नेटवर्क से दो दशकों से अधिक समय तक जुड़े रहे। ABP में उनका आखिरी पद रीजनल एडिटर - वेस्ट इंडिया का था। उन्होंने करीब 21 साल तक ABP नेटवर्क को अपना योगदान दिया। वर्ष 2003 में इस नेटवर्क से जुड़े थे, जब इसका नाम ‘स्टार न्यूज’ (Star News) हुआ करता था। वह इसकी संस्थापक टीम के सदस्य थे। वर्ष 2007 में तत्कालीन संपादक उदय शंकर ने उन्हें 27 साल की उम्र में मुंबई ब्यूरो का प्रमुख बनाया था। ब्यूरो संचालन के अलावा जीतेंद्र ने चैनल में रहते हुए देश और दुनिया की कई बड़ी खबरों पर रिपोर्टिंग की, जैसे मार्च 1993 में मुंबई बम कांड का मुकदमा, 26 नवंबर 2008 का आतंकी हमला, साल 2011 में सुनामी के कारण जापान में मची तबाही, 2013 में केदारनाथ में आई आपदा, भारत और इटली के बीच कूटनीतिक तनाव, 2015 में इंडोनेशिया में छोटा राजन की गिरफ्तारी, 2019 में महाराष्ट्र का सियासी ड्रामा इत्यादि।

टीवी पत्रकारिता के अपने ढाई दशक से भी ज्यादा लंबे करियर में जीतेंद्र ने मुंबई अंडरवर्ल्ड पर काफी रिपोर्टिंग की और वर्ष 2002 के गुजरात दंगे भी कवर किए। वह स्टार न्यूज के क्राइम शो ‘रेड अलर्ट’ (Red Alert) के एंकर थे।

जीतेंद्र ने एक लेखक के तौर पर भी अपनी पहचान बनायी है और उनकी चार अंग्रेजी किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी किताब ’बॉम्बे आफ्टर अयोध्या’ काफी चर्चित रही।  

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