कोरोनावायरस (कोविड-19) के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे ब्रॉडकास्ट सेक्टर की मदद के लिए ‘इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन’ ने सरकार से मदद की गुजारिश की है।
कोरोनावायरस (कोविड-19) के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे ब्रॉडकास्ट सेक्टर की मदद के लिए ‘इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन’ (Indian Broadcasting Foundation) ने सरकार से मदद की गुजारिश की है। इस बारे में ‘इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन’ की ओर से सूचना-प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर आर्थिक राहत और प्रोत्साहन पैकेज समेत तमाम मांग उठाई गई हैं।
इस बारे में ‘आईबीएफ’ के प्रेजिडेंट एनपी सिंह का कहना है, ‘कोरोना का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए देशभर में किए गए लॉकडाउन के कारण टेलिविजन सेक्टर के सामने तमाम चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। तमाम टीवी शो का प्रॉडक्शन रुक गया है। कई स्पोर्टिंग इवेंट्स और विज्ञापन कैंसल हो गए हैं। एडवर्टाइजिंग बुकिंग भी काफी घट गई है। विज्ञापन एजेंसियों और विज्ञापनदाताओं की ओर से पेमेंट भी नहीं मिल पा रही है। ऐसे में ब्रॉडकास्ट सेक्टर मंदी का सामना कर रहा है।’
एनपी सिंह का यह भी कहना है, ‘सरकार द्वारा 15 अप्रैल को जारी अधिसूचना के तहत दी गई वैधानिक छूट का हम स्वागत करते हैं, इसके साथ ही सरकार से ब्रॉडकास्टर सेक्टर के लिए प्रोत्साहन पैकेज की मांग करते हैं ताकि सभी ब्रॉडकास्टर्स खासकर छोटे बिजनेस को पटरी पर लाने में मदद की जा सके।’
‘आईबीएफ’ का कहना है कि ब्रॉडकास्टिंग बिजनेस में डिमांड और सप्लाई दोनों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। इससे न सिर्फ नकदी (cash flow) की समस्या उत्पन्न हुई है, बल्कि ‘आईबीएफ’ के कई सदस्यों के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में आईबीएफ ने यह मांग भी उठाई है कि ‘विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय’ (डीएवीपी) व राज्यों के स्वामित्व वाली अन्य इकाइयों द्वारा उनके विज्ञापन बिलों का तुरंत भुगतान किया जाए, जिससे आईबीएफ के सदस्यों के सामने नकदी की समस्या न हो।
‘आईबीएफ’ द्वारा प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर सरकार के समक्ष रखी गई मांगों को आप यहां पढ़ सकते हैं।
1- Regulatory moratorium for the sector for at least the next 18 months.
2- Phased resumption of production activities.
3- Extension of moratorium period for GST payment.
4- Mandating Digital Payments of Subscription and Advertising dues to Broadcasters.
5- Advisory to DPOs in respect of the release of payment of subscription fees for the period up to 29th Feb 2020
6- Waiver of Processing Fee and Temporary live uplinking fee for live sporting events for a period of one year from the resumption of normal business activities.
7- Increase in the time period of one year to two years for operationalization of new channels which have been granted permission.
8- Suspension of the requirement of Performance Bank Guarantees in respect of channels sought to be launched for a period of one year.
9- Waiver of Carriage Fee due to Prasar Bharati for 3 months (April, May and June) for FTA Channels on Prasar Bharati’s Free Dish Platform.
10- Deferment of payment due to Prasar Bharati for Free Dish carriage by 31 March 2020 be deferred until July 2020.
11- All pending refunds even exceeding Rs. 5 Lacs should be urgently processed.
12- The 1st instalment of advance tax (due on 15 June 2020) should be done away with and taxpayers be allowed to pay the 2nd instalment (due on 15 September 13- 2020) directly without any interest liability
13- The due date for deposit of TDS for the months of March and April 2020 should be extended to 31 May 2020 without any interest liability.
14- Extension /waiver of permission for FX payments for foreign satellite transponder hiring.
15- Lower rate of TDS from 10% to 2% on subscription revenues
16- Payment of stamp duty on agreements should be deferred up to expiry of ninety (90) days’ from the date of the lifting of nation-wide lockdown.
17- Allow discharge of GST reverse charge obligation through GST input credit rather than paying in cash.
18- Extend all existing stay of income tax demand for the next 6 months without any new hearing.
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टीवी चैनल्स की रेटिंग जारी करने वाली संस्थान बार्क (BARC) न्यूज चैनल्स की रेटिंग के लिए अपनी ब्लैकआउट अवधि को और तीन महीनें बढ़ा सकती है।
टीवी चैनल्स की रेटिंग जारी करने वाली संस्था ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ऑफ इंडिया (BARC) न्यूज चैनल्स की रेटिंग के लिए अपनी ब्लैकआउट अवधि को और तीन महीनें तक बढ़ा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स में इस तरह की खबर निकलकर सामने आई हैं।
टीआरपी से छेड़छाड़ (TRP manipulation) के मामले को लेकर मचे घमासान के बीच BARC ने 15 अक्टूबर 2020 को 12 हफ्ते के लिए न्यूज चैनल्स की रेटिंग्स न जारी करने का फैसला लिया था, जिसकी समय-सीमा का आखिरी दिन 15 जनवरी (शुक्रवार) था। बताया जा रहा है कि इस ब्लैकआउट की समय-सीमा को मुंबई पुलिस द्वारा टीआरपी घोटाले की जांच के चलते बढ़ाया जा सकता है।
वहीं दूसरी तरफ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन के विचारों में भिन्नता दिखाई दे रही है। वरिष्ठ टीवी पत्रकार रजत शर्मा के नेतृत्व वाले ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ (NBA) ने ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) इंडिया को सुझाव दिया है कि न्यूज चैनल्स की व्युअरशिप रेटिंग जारी करने पर लगाए गए प्रतिबंध (blackout period) को कुछ महीनों तक और बढ़ा दिया जाए, जबकि वरिष्ठ टीवी पत्रकार अरनब गोस्वामी के नेतृत्व वाले ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन’ (News Broadcasters Federation) ने ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) से न्यूज चैनल्स की रेटिंग तुरंत प्रभाव से जारी करने की मांग की है। इसके साथ ही एजेंसी से भविष्य के डाटा के लिए सुधारात्मक उपाय (corrective measures) करने का भी अनुरोध किया है।
टीआरपी से छेड़छाड़ को लेकर जब पहली खबर सामने आई तो बार्क ने अपनी टेक्निकल टीम को इस मामले के जांच आदेश दिए थे और तब तक के लिए सभी हिंदी, अंग्रेजी और बिजनेस न्यूज चैनल्स के रेटिंग को यह कहते हुए सस्पेंड कर दिया था कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक रेटिंग प्रकाशित नहीं की जाएगी और यह भी बताया था कि इस पूरी जांच में 8 से 12 सप्ताह लग सकता है।
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पिछले साल जून में निधि राजदान ने 21 साल की पारी के बाद एनडीटीवी से इस्तीफा देने का फैसला लिया था। एक ट्वीट के जरिये उन्होंने इसकी वजह भी बताई थी।
वरिष्ठ पत्रकार निधि राजदान ने शुक्रवार को एक ट्वीट में चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस ट्वीट में निधि राजदान का कहना है कि वह प्रतिष्ठित ‘हार्वर्ड यूनिवर्सिटी’ के फैकल्टी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर अपनी पारी शुरू नहीं करने जा रही हैं। इस ट्वीट में निधि राजदान ने कहा है कि दरअसल, उन्हें ‘हार्वर्ड यूनिवर्सिटी’ ने इस तरह का कोई ऑफर दिया ही नहीं था। निधि राजदान का कहना है कि वह फिशिंग अटैक (ऑनलाइन धोखाधड़ी, जहां ईमेल के जरिये धोखा देकर सारी जानकारी ले ली जाती है) का शिकार हुई हैं।
ट्वीट में निधि ने लिखा है, ' जून 2020 में मैंने यह कहते हुए 21 सालों की एनडीटीवी की नौकरी छोड़ने का फैसला लिया कि मैं हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में जर्नलिज्म के एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में जॉइन करने जा रही हूं। मुझे बताया गया था कि मैं सितंबर 2020 में यूनिवर्सिटी जॉइन करूंगी। मैं अपने नए असाइनमेंट की तैयारी कर रही थी, इसी दौरान मुझे बताया गया कि महामारी की वजह से मेरी क्लासेज जनवरी 2021 में शुरू होंगी।'
यह भी पढ़ें: वरिष्ठ पत्रकार निधि राजदान ने NDTV छोड़ने का लिया फैसला, बताई ये वजह
निधि का कहना है, 'लगातार हो रही देर के बीच शुरू में तो मैंने यह सोचकर इन बातों पर ध्यान नहीं दिया कि महामारी में ये सब नॉर्मल है पर हाल ही में जो कुछ हुआ, वो ज्यादा परेशान करने वाला था। मैंने सीधे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारियों से स्थिति स्पष्ट करने के लिए संपर्क साधा और उनके आग्रह पर मैंने उनसे वे सारे कम्युनिकेशन्स शेयर किए जो तथाकथित रूप से यूनिवर्सिटी की ओर से किए गए थे।’
यूनिवर्सिटी का पक्ष जानने के बाद मुझे पता चला कि मैं साइबर फ्रॉड की शिकार हुई हूं और दरअसल हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने मुझे उनके जर्नलिज़्म डिपार्टमेंट की फैकल्टी बनने का कोई ऑफर भेजा ही नहीं था। राजदान का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इसके साथ ही हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अधिकारियों को लेटर लिखकर उनसे भी इस मामले को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है।
I have been the victim of a very serious phishing attack. I’m putting this statement out to set the record straight about what I’ve been through. I will not be addressing this issue any further on social media. pic.twitter.com/bttnnlLjuh
— Nidhi Razdan (@Nidhi) January 15, 2021
गौरतलब है कि पिछले साल जून में निधि राजदान का एक ट्वीट सामने आया था, जिसमें उन्होंने घोषणा की थी कि वह एनडीटीवी में 21 साल की अपनी पारी को विराम देकर साल के अंत तक ‘हार्वर्ड यूनिवर्सिटी’ के फैकल्टी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर अपनी पारी शुरू करेंगी। निधि राजदान की ओर से उस समय किए गए ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट्स आप यहां देख सकते हैं।
टीवी9 नेटवर्क (TV9 Network) ने अब अपने पंख फैला दिए हैं। इसके तहत उसने बंगाल न्यूज मार्केट में 24X7 की तर्ज पर एक न्यूज चैनल लॉन्च कर दिया है
टीवी9 नेटवर्क (TV9 Network) ने अब अपने पंख फैला दिए हैं। इसके तहत उसने बंगाल न्यूज मार्केट में 24X7 की तर्ज पर एक न्यूज चैनल लॉन्च कर दिया है, जिसका नाम है ‘टीवी9 बांग्ला’ (TV9 Bangla)। यह न्यूज चैनल टीवी9 नेटवर्क का छठा न्यूज चैनल है।
टीवी9 नेटवर्क का दावा है कि यह चैनल प्रदेश की 10 करोड़ जनता की न केवल आवाज बनेगा, बल्कि राज्य की जनता को निष्पक्ष खबरे दिखाएगा, वह भी किसी से डरे बगैर, किसी से प्रभावित हुए बगैर, सिर्फ दर्शकों की फिक्र से जुड़ी खबरों को प्रमुखता देगा।
नेटवर्क के मुताबिक, ‘टीवी9 बांग्ला’ के पास न्यूज इंडस्ट्री के सबसे अनुभवी और संवेदनशील पत्रकारों की टीम है, सबसे हाईटेक स्टूडियो है, पश्चिम बंगाल के सभी 23 जिलों में उसके रिपोर्टर खबरों का सीधा प्रसारण करने के लिए 24 घंटे मुस्तैद हैं।
नेटवर्क ने अनुभवी पत्रकार अंजन बंद्योपाध्याय के हाथों में ‘टीवी9 बांग्ला’ न्यूज चैनल के संपादक की कमान सौंपी हुई है। कलकत्ता विश्वविद्यालय से गोल्ड मेडलिस्ट रहे बंद्योपाध्याय को 32 वर्षों का अनुभव है और उन्होंने तमाम प्रमुख मीडिया घरानों के साथ काम किया है, जिनमें एबीपी, जी, ईटीवी और स्काई बांग्ला आदि शामिल हैं। वे ‘जी24 घंटा’ (Zee 24 Ghanta) के एडिटर (इनपुट) रह चुके हैं। उनका पिछला कार्यकाल एबीपी में डिजिटल के संपादक के तौर पर था।
इसके अलावा अमृतांशु भट्टाचार्य ‘TV9 बांग्ला’ के डिजिटल पोर्टल के संपादक की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। साथ ही वे टेलीविजन चैनल में मैनेजिंग एडिटर (आउटपुट) के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। भट्टाचार्य को प्रिंट, ऑडियो विजुअल और डिजिटल मीडिया में 25 वर्षों से भी ज्यादा का अनुभव है। वे ‘जुगांतर’ (Jugantar), ‘आजकल’ (Aajkaal), ‘ईटीवी’ (ETV) और ‘जी मीडिया कॉर्प’ (Zee Media Corp) के साथ काम कर चुके हैं। उनका पिछला कार्यकाल ‘जी24 घंटा’ (Zee 24 Ghanta) में डिजिटल हेड और असोसिएट एडिटर के तौर पर था।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन’ ने ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ से कुछ निहित स्वार्थों के दबाव में न आने की बात भी कही है।
न्यूज इंडस्ट्री से जुड़े मुद्दे सुलझाने और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स के हितों की रक्षा के लिए गठित ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन’ (News Broadcasters Federation) ने ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) से न्यूज चैनल्स की रेटिंग तुरंत प्रभाव से जारी करने की मांग की है। इसके साथ ही एजेंसी से भविष्य के डाटा के लिए सुधारात्मक उपाय (corrective measures) करने का भी अनुरोध किया है।
इस बारे में ‘एनबीएफ’ की ओर से कहा गया है, ‘न्यूज चैनल्स हजारों मीडिया प्रोफेशनल्स को रोजगार देते हैं और उनकी आजीविका न्यूज चैनल द्वारा उत्पन्न रेवेन्यू पर निर्भर करती है, जो सीधे ऑडियंस मीजरमेंट डाटा (TRPs) से संबंधित है। इसलिए, एनबीएफ BARC के शेयरधारकों (stakeholders) से आह्वान करता है कि वे तत्काल प्रभाव से न्यूज चैनल्स की रेटिंग जारी करने के लिए कदम उठाएं। हमारा मानना है कि ये डाटा विज्ञापन जगत के प्रमुख स्टेकहोल्डर्स ‘इंडियन सोसायटी ऑफ एडवर्टाइजर्स’ (ISA) और ‘एडवर्टाइजिंग एजेंसीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (AAAI) दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं।’
इसके साथ ही ‘एनबीएफ’ ने बार्क से किसी भी तरह के निहित स्वार्थों के दबाव में न आने और रेटिंग्स पर लगाई रोक को तत्काल हटाने को कहा है। ‘एनबीएफ’ के अनुसार, तमाम न्यूज ब्रॉडकास्टर्स ‘फ्री टू एयर’ (FTA) हैं और विज्ञापनों से होने वाली आय पर निर्भर हैं। ऐसे में रेटिंग्स को जारी करने से रोके जाने पर उन पर काफी प्रभाव पड़ेगा।
गौरतलब है कि टीआरपी से छेड़छाड़ (TRP manipulation) के मामले को लेकर मचे घमासान के बीच BARC ने 15 अक्टूबर 2020 को 12 हफ्ते के लिए न्यूज चैनल्स की रेटिंग्स न जारी करने का फैसला लिया था। BARC के इस फैसले को लेकर ब्रॉडकास्टर्स दो खेमों में बंट गए थे। कुछ ब्रॉडकास्टर्स का मानना था कि 12 सप्ताह का यह ब्लैकआउट (blackout) इस प्रणाली में विसंगतियों को दूर कर देगा, वहीं कुछ ने नाखुशी जताते हुए इस फैसले को अनुचित बताया था।
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निजी टेलिविजन न्यूज चैनल्स का प्रतिनिधित्व करने वाले समूह ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ (NBA) ने ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) इंडिया को सुझाव दिया है कि न्यूज चैनल्स की व्युअरशिप रेटिंग जारी करने पर लगाए गए प्रतिबंध (blackout period) को कुछ महीनों तक और बढ़ा दिया जाए। फिलहाल यह समय सीमा 16 जनवरी को समाप्त हो रही है। सूत्रों के अनुसार, एनबीए ने इन तीन महीनों के ब्लैकआउट पीरियड (जिनमें टीवी न्यूज व्युअरशिप का डाटा जारी नहीं किया गया है) के दौरान बार्क द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी ली है।
टीआरपी से छेड़छाड़ (TRP manipulation) के मामले को लेकर मचे घमासान के बीच BARC ने 15 अक्टूबर 2020 को 12 हफ्ते के लिए न्यूज चैनल्स की रेटिंग्स न जारी करने का फैसला लिया था। BARC के इस फैसले को लेकर ब्रॉडकास्टर्स दो खेमों में बंट गए थे। कुछ ब्रॉडकास्टर्स का मानना था कि 12 सप्ताह का यह ब्लैकआउट (blackout) इस प्रणाली में विसंगतियों को दूर कर देगा, वहीं कुछ ने नाखुशी जताते हुए इस फैसले को अनुचित बताया था।
उस समय ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ ने BARC के इस फैसले का स्वागत किया था। ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन’ ने उम्मीद जताई थी कि यह बार्क द्वारा सही दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। ‘एनबीए’ का यह भी कहना था कि बार्क को विश्वसनीयत बनाए रखने के लिए इन 12 हफ्तों का इस्तेमाल अपने सिस्टम को पूरी तरह से दुरुस्त (completely overhaul) करने में करना चाहिए।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।सेबी ने ‘सीएनबीसी आवाज’ के एक कार्यक्रम के होस्ट हेमंत घई, उनकी पत्नी जया हेमंत घई और मां श्याम मोहिनी घई को पूंजी बाजार से प्रतिबंधित कर दिया।
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने धोखाधड़ी वाले व्यापारिक व्यवहार में लिप्त होने के चलते बिजनेस न्यूज चैनल ‘सीएनबीसी आवाज’ के एक कार्यक्रम के होस्ट हेमंत घई, उनकी पत्नी जया हेमंत घई और मां श्याम मोहिनी घई को पूंजी बाजार से बुधवार को प्रतिबंधित कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घटनाक्रम के बाद नेटवर्क18 ने घई को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।
सेबी ने एक अंतरिम आदेश में कहा कि हेमंत घई जिस ‘स्टॉक 20-20’ कार्यक्रम के को-होस्ट थे, उसमें दिये जाने वाले सुझावों के विषय में उन्हें पहले से सूचनाएं होती थीं। उन्होंने उनका प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से व्यक्तिगत फायदे के लिए इस्तेमाल किया।
बता दें कि इस कार्यक्रम में यह सुझाव दिया जाता है कि किसी अमुक कारोबारी सत्र के दौरान किन शेयरों को खरीदा जाए और किन शेयरों का बेचा जाए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेबी ने घई को अगले आदेश तक निवेश के संबंध में कोई भी परामर्श देने और प्रतिभूति बाजार के संबंध में शोध रिपोर्ट प्रकाशित करने से भी रोक दिया। सेबी ने इसके अलावा धोखाधड़ी वाली गतिविधियों से अर्जित 2.95 करोड़ रुपये की आय पर भी रोक लगाने का निर्देश दिया।
रिपोर्ट्स में बताया गया कि सेबी ने जांच में प्रथमदृष्ट्या पाया कि कार्यक्रम ‘स्टॉक 20-20’ के लिए प्राप्त अग्रिम जानकारी के आधार पर हेमंत ने अपनी पत्नी जया हेमंत घई और माता श्याम मोहिनी घई के साथ मिलकर धोखाधड़ी के जरिये धन कमाने की साजिश की। सेबी ने एक जनवरी 2019 से 31 मई 2020 के दौरान हुए व्यापार का विश्लेषण करने के बाद रोक लगाने का आदेश पारित किया।
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दिल्ली हाई कोर्ट ने एक न्यूज एंकर द्वारा दर्ज कराये गये मानहानि के मामले को खारिज करने की आप विधायक सोमनाथ भारती की याचिका पर उनसे (एंकर से) जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने अभियोजन पक्ष और एंकर रंजना द्विवेद्वी को नोटिस जारी किया और उनसे दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी को होगी।
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सोमनाथ भारती ने निचली अदालत के 24 जुलाई, 2019 के आदेश को चुनौती दी है। निचली अदालत ने पत्रकार की मानहानि संबंधी शिकायत पर भारत के विरुद्ध आरोप निर्धारण का आदेश दिया था। नवंबर, 2018 में टीवी बहस मे दोनों के बीच तीखी टीका-टिप्पणी हुई थी।
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दरअसल, हुआ कुछ यूं था कि न्यूज एंकर ने सोमनाथ भारती से लाइव शो के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हुए हमले को लेकर सवाल किया था। इसी सवाल पर सोमनाथ भारती इतना बौखला गए कि महिला एंकर को गालियां देने लगे थे। आरोप है कि सोमनाथ भारती ने महिला एंकर से न सिर्फ बदतमीजी से बात की, बल्कि उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी भी की थी। इसके साथ ही चैनल को भी बंद करवाने की धमकी दी थी।
जिसके बाद दिल्ली के वसंत कुंज की रहने वाली और नोएडा सेक्टर-57 के एक न्यूज चैनल में जॉब करने वाली न्यूज एंकर ने साल 2018 में सोमनाथ भारती के खिलाफ नोएडा के सेक्टर-39 महिला थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके बाद शिकायतकर्ता की ओर से एडवोकेट योगेश स्वरूप ने भारती के खिलाफ दिल्ली की अदालत में मानहानि की याचिका दायर की थी।
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टीवी व्यूअरशिप/टीआरपी की समीक्षा के लिए सरकार द्वारा गठित की गई समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा चार नवंबर 2020 को प्रसार भारती (Prasar Bharati) के सीईओ शशि शेखर वेम्पती की अध्यक्षता में यह कमेटी गठित की गई थी। इस कमेटी में तीन अन्य विशेषज्ञों को शामिल किया गया था।
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इस बारे में सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि कमेटी की ओर से रिपोर्ट मिलने के बाद अब सरकार इसका अध्ययन करेगी और इसी के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी।
प्रकाश जावड़ेकर के अनुसार, ‘मुख्य बिंदु यह है कि टीआरपी में पारदर्शिता होनी चाहिए। आज, टीआरपी पारदर्शिता 55,000 मीटरों पर आधारित है। इसका आधार बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि हेरफेर के लिए कोई जगह न बचे।‘
उन्होंने कहा, ‘सभी लोगों से विचार-विमर्श करने के बाद इसे देश में टेलिविजन दर्शकों की संख्या मापने वाली संस्था ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) को सौंपा जाएगा, क्योंकि सरकार को कुछ गाइडलाइंस और निर्देश देने का अधिकार है, लेकिन यह बाद में तय किया जाएगा। यह अच्छी खबर है कि हमें रिपोर्ट मिल गई है और मुझे उम्मीद है कि सभी संबंधित एजेंसियां इसका स्वागत करेंगी।‘
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— PIB India (@PIB_India) January 12, 2021
कुणाल गौड़ ‘नेटवर्क18’ (Network18) के एमडी राहुल जोशी को रिपोर्ट करेंगे।
मीडिया और एंटरटेनमेंट कंपनी ‘वायकॉम18’ (Viacom 18) ने कुणाल गौड़ (Kunal Gaur) को चीफ कॉमर्शियल ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया है। वह उत्पल दास के स्थान पर यह पदभार ग्रहण करेंगे, जिनकी इस कंपनी में पारी 31 मार्च 2021 को समाप्त हो रही है। कुणाल गौड़ ‘नेटवर्क18’ (Network18) के एमडी राहुल जोशी को रिपोर्ट करेंगे।
बता दें कि कुणाल गौड़ ने चार्टर्ड अकाउंटेंट की पढ़ाई की है। उन्हें ‘स्टार इंडिया’ (Star India), ‘नेटफ्लिक्स’ (Netflix) और ‘पीडब्लूसी’ (PWC) आदि संस्थानों में काम करने का 19 वर्षों से ज्यादा का अनुभव है।
‘वायकॉम18’ को जॉइन करने से पहले कुणाल नेटफ्लिक्स इंडिया की लीडरशिप टीम का हिस्सा थे और यहां बतौर डायरेक्टर (Production Finance) अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
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विभिन्न प्रतिभूति नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में ‘भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड’ (SEBI) द्वारा लगाए गए 27 करोड़ रुपये के जुर्माना आदेश के खिलाफ ‘एनडीटीवी’ (NDTV) के फाउंडर्स-प्रमोटर्स डॉ. प्रणॉय रॉय और राधिका रॉय की अपील पर ‘प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण’ (the Securities Appellate Tribunal) का मानना है कि दलीलों पर सुनवाई की जरूरत है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अंतिम रूप से निपटारे के लिए इस मामले को 10 फरवरी 2021 को सूचीबद्ध किया गया है।
हालांकि, ‘प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण’ ने ‘एनडीटीवी’ को चार हफ्ते के भीतर प्रतिवादी के समक्ष जुर्माने की 50 फीसदी राशि जमा करने का निर्देश दिया है। ‘प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण’ का कहना है कि यदि यह राशि जमा करा दी जाती है तो अपील के लंबित रहने तक शेष राशि की वसूली नहीं की जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ‘प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण’ के इस आदेश के खिलाफ ‘एनडीटीवी’ ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2020 में सेबी ने कुछ ऋण समझौतों पर शेयरधारकों से जानकारी छिपाने के लिए ‘एनडीटीवी’ पर 27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। हालांकि, चैनल का कहना कि एनडीटीवी के फाउंडर्स और प्रमोटर्स प्रणॉय रॉय और राधिका रॉय ने बार-बार यह कहा है कि उन्होंने किसी भी लेन-देन अथवा समझौते के जरिए प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से एनडीटीवी का नियंत्रण हस्तांतरित करने की अनुमति नहीं दी है। दी गई सूचना में कहा गया है कि वह एनडीटीवी की चुकता शेयर पूंजी में अब भी 61.45 प्रतिशत हिस्सेदारी के धारक हैं।
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