इस शो का प्रसारण प्रत्येक सोमवार से शुक्रवार रात 9:00 बजे डीडी न्यूज पर किया जाता है। यह दर्शकों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर गहराई से, निष्पक्ष और संतुलित दृष्टिकोण प्रदान करता है।
देश के पब्लिक ब्रॉडकास्टर ‘डीडी न्यूज’ (DD News) ने अपने प्रमुख न्यूज कार्यक्रम 'डिकोड विद सुधीर चौधरी' (Decode with Sudhir Chaudhary) की सफल लॉन्चिंग के बाद व्युअरशिप यानी दर्शकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। वरिष्ठ पत्रकार और जाने-माने न्यूज एंकर सुधीर चौधरी द्वारा होस्ट किया जाने वाला यह शो ‘डीडी न्यूज’ के प्राइम टाइम शेड्यूल का एक मजबूत स्तंभ बन चुका है, जो एक व्यापक दर्शक वर्ग को आकर्षित कर रहा है।
पब्लिक ब्रॉडकास्टर के अनुसार, 'डिकोड विद सुधीर चौधरी' ने डीडी न्यूज पर न्यूज देखने के तौर-तरीकों को पूरी तरह बदल दिया है। कार्यक्रम की गहरी विश्लेषणात्मक शैली और प्रभावशाली चर्चाओं ने दर्शकों को काफी आकर्षित किया, जिसके परिणामस्वरूप पहले ही सप्ताह में टीआरपी (TRP) में ऐतिहासिक बढ़ोतरी देखी गई। इस शो की शानदार कहानी कहने की शैली ने व्युअरशिप में नया कीर्तिमान स्थापित किया, जिससे डीडी न्यूज का सोमवार से शुक्रवार रात 9 से 10 बजे का स्लॉट अभूतपूर्व लोकप्रियता पर पहुंच गया।
यह कार्यक्रम केवल टेलीविजन तक ही सीमित नहीं रहा। 'डिकोड' ने डीडी न्यूज के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी मई 2025 में शानदार प्रदर्शन किया। इसके पहले ही एपिसोड को अब तक लगभग 26 लाख (2.6 मिलियन) व्यूज मिले हैं, जो डीडी न्यूज की यूट्यूब के न्यूज जॉनर में एक नया रिकॉर्ड है।
इस शो की शुरुआत 15 मई 2025 को हुई थी और महीने के अंत तक इसने कुल 2.39 करोड़ (23.9 मिलियन) व्यूज हासिल किए, जो डीडी न्यूज के पूरे महीने के 4.92 करोड़ (49.2 मिलियन) व्यूज का लगभग 48.58% है। इसके साथ ही, 'डिकोड' ने 148 मिलियन इम्प्रेशन्स भी जनरेट किए, जो मई महीने में डीडी न्यूज के कुल 218 मिलियन इम्प्रेशन्स का लगभग 67.89% है। इतना ही नहीं, इसी अवधि में चैनल ने 4.53 लाख नए सब्सक्राइबर्स भी जोड़े।
यह आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि 'डिकोड' ने डीडी न्यूज के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर व्यूज, इम्प्रेशन्स और ऑडियंस एंगेजमेंट में बड़ी भूमिका निभाई। बता दें कि इस शो का प्रसारण प्रत्येक सोमवार से शुक्रवार रात 9:00 बजे सिर्फ डीडी न्यूज पर किया जाता है। यह कार्यक्रम दर्शकों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर गहराई से, निष्पक्ष और संतुलित दृष्टिकोण प्रदान करता है।
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने स्नेहा मोहरीर परेरा को 'जी मराठी' की नॉन-फिक्शन श्रेणी की वाइस प्रेजिडेंट नियुक्त किया है।
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने स्नेहा मोहरीर परेरा को 'जी मराठी' की नॉन-फिक्शन श्रेणी की वाइस प्रेजिडेंट नियुक्त किया है। उन्होंने इस नई भूमिका की जानकारी लिंक्डइन पोस्ट के जरिए साझा की।
स्नेहा ने लिखा, "एंटरटेनमेंट की दुनिया में एक नया अध्याय शुरू करते हुए 'जी मराठी' में नॉन-फिक्शन की वाइस प्रेजिडेंट के रूप में अपनी यात्रा शुरू करके बेहद खुशी हो रही है।"
उन्होंने मराठी कंटेंट की ताकत को रेखांकित करते हुए लिखा, "मराठी कंटेंट दिलचस्प कहानियां और प्रभावशाली ड्रामा पेश करने में अग्रणी रहा है। इस विरासतभरे नेटवर्क के साथ इस रोमांचक सफर के लिए उत्साहित हूं।"
इस नियुक्ति से पहले स्नेहा मोहरीर परेरा Viacom18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ तीन साल से अधिक समय तक सीनियर क्रिएटिव डायरेक्टर –Viacom18 Digital के रूप में जुड़ी रहीं। यहां उन्होंने कंटेंट इनोवेशन में अहम भूमिका निभाई और ग्लोबल दर्शकों के लिए प्रभावशाली स्टोरीटेलिंग अनुभव रचने पर फोकस किया।
स्नेहा एक अनुभवी मीडिया पेशेवर हैं जिन्हें अनस्क्रिप्टेड और ब्रैंडेड कंटेंट प्रोडक्शन में विशेष महारत हासिल है। पिछले 18 वर्षों में उन्होंने रियलिटी, डिजिटल और ब्रॉडकास्ट एंटरटेनमेंट की दुनिया में कंटेंट रणनीतियों को नए सिरे से गढ़ा है, हाई-इम्पैक्ट प्रोडक्शन्स को लीड किया है और मल्टीप्लेटफॉर्म व्यूअर एंगेजमेंट में उल्लेखनीय इजाफा किया है।
उनकी नियुक्ति न केवल जी मराठी के नॉन-फिक्शन कंटेंट पोर्टफोलियो को मज़बूती देगी, बल्कि क्षेत्रीय मनोरंजन के परिदृश्य में नवाचार को भी नया आयाम दे सकती है।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने भारत में टेलीविजन रेटिंग एजेंसीज के लिए मौजूदा पॉलिसी गाइडलाइंस में अहम बदलावों का प्रस्ताव रखा है।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने भारत में टेलीविजन रेटिंग एजेंसीज के लिए मौजूदा पॉलिसी गाइडलाइंस में अहम बदलावों का प्रस्ताव रखा है। 2 जुलाई 2025 को जारी किए गए एक ड्राफ्ट ऑर्डर में मंत्रालय ने इन प्रस्तावित संशोधनों पर सार्वजनिक और हितधारकों से 30 दिनों के भीतर सुझाव आमंत्रित किए हैं। ये गाइडलाइंस सबसे पहले 16 जनवरी 2014 को अधिसूचित की गई थी।
प्रस्तावित संशोधन का मुख्य उद्देश्य हितों के टकराव (conflict of interest) को रोकना और पंजीकरण मानदंडों को अधिक सख्त और स्पष्ट बनाना है।
संशोधित क्लॉज 1.1 के तहत अब कोई भी संस्था जो टेलीविजन रेटिंग सेवाओं के लिए पंजीकरण कराना चाहती है, उसे भारतीय कंपनियों अधिनियम, 2013 के तहत रजिस्टर्ड कंपनी होना अनिवार्य होगा।
इसके अलावा, क्लॉज 1.4 में संशोधन करते हुए यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि रेटिंग एजेंसीज कोई भी ऐसा परामर्श या सलाहकार कार्य नहीं कर सकतीं जो उनके मुख्य कार्य यानी दर्शकों की माप के साथ टकराव पैदा करे। संशोधन में कहा गया है, “कंपनी कोई भी परामर्श या इस प्रकार की सलाह की सेवा नहीं देगी, जो उसके मुख्य उद्देश्य यानी रेटिंग कार्य के साथ संभावित हितों के टकराव की स्थिति उत्पन्न कर सके।”
मंत्रालय ने क्लॉज 1.5 और 1.7 समेत एक संबंधित प्रावधान को भी हटा दिया है ताकि नियामकीय ढांचे को अधिक सरल और स्पष्ट बनाया जा सके। संशोधित प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू होंगे और ये नए आवेदकों के साथ-साथ पहले से पंजीकृत रेटिंग एजेंसीज पर भी समान रूप से लागू होंगे।
सरकार का यह कदम रेटिंग की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। यह संशोधन टेलीविजन न्यूज व एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की कार्यप्रणाली को और अधिक जिम्मेदार व संतुलित बनाने की दिशा में असर डाल सकते हैं।
सचिन सिंह को मीडिया इंडस्ट्री में काम करने का 17 साल से ज्यादा का अनुभव है।
‘एनडीटीवी’ (NDTV) ने सचिन सिंह को एग्जिक्यूटिव एडिटर (असाइनमेंट) के पद पर नियुक्त किया है।
सचिन सिंह को मीडिया इंडस्ट्री में काम करने का 17 साल से ज्यादा का अनुभव है। पूर्व में वह ‘इंडिया टुडे’ ग्रुप, ‘टाइम्स नाउ’, ‘न्यूजएक्स’, ‘डीडी न्यूज’ और ‘वॉयस ऑफ इंडिया’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में वरिष्ठ संपादकीय पदों पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
इस बारे में कंपनी की ओर से जारी एक इंटरनल मेल में कहा गया है, ‘सचिन सिंह अपनी संपादकीय दूरदर्शिता, खोजी पत्रकारिता की दक्षता और न्यूजरूम की गहरी समझ के लिए जाने जाते हैं।
अपने अब तक के करियर के दौरान उन्होंने कई एक्सक्लूसिव खबरों का नेतृत्व किया, रिपोर्टिंग टीमों का मार्गदर्शन किया और टीवी व डिजिटल दोनों प्लेटफॉर्म्स पर व्यापक कवरेज को सुगम बनाया। इसके साथ ही देशभर में ब्यूरोज और रिपोर्टर्स के साथ उनकी करीबी साझेदारी ने समय पर, प्रभावशाली और प्रभाव छोड़ने वाली रिपोर्टिंग सुनिश्चित की है।’
वरिष्ठ टीवी पत्रकार वाशिंद्र मिश्र ने एक बार फिर हिंदी न्यूज चैनल 'जनतंत्र टीवी' में वापसी की है। इस बार उन्हें चैनल में चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है
वरिष्ठ टीवी पत्रकार वाशिंद्र मिश्र ने एक बार फिर हिंदी न्यूज चैनल 'जनतंत्र टीवी' में वापसी की है। इस बार उन्हें चैनल में चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है।
वाशिंद्र मिश्र पहले भी दो बार जनतंत्र टीवी का हिस्सा रह चुके हैं। अपनी पहली पारी के दौरान वाशिंद्र मिश्र यहां एडिटर-इन-चीफ के तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभाली थी। जनवरी 2019 में चैनल को फिर से ऑन-एयर लाने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है। करीब दो साल तक चैनल से जुड़े रहने के बाद उन्होंने 2020 में इस्तीफा दे दिया था। 2023 में अपनी दूसरी पारी के दौरान उन्होंने तब यहां बतौर डायरेक्टर (न्यूज) जॉइन किया था।
जनतंत्र टीवी में वापसी से पहले वे हरिदेव जोशी यूनिवर्सिटी ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन (जयपुर) के गवर्निंग बोर्ड में राज्यपाल द्वारा नामित सदस्य के रूप में योगदान दे रहे थे। साथ ही, उन्होंने विभिन्न पत्रकारिता विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों को मीडिया के व्यावहारिक पक्ष से भी परिचित कराया।
35 वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, टीवी और प्रिंट दोनों में मजबूत पकड़
वाशिंद्र मिश्र को पत्रकारिता के क्षेत्र में 35 वर्षों से अधिक का अनुभव है। इनमें से 24 वर्ष उन्होंने टेलीविजन मीडिया में और 11 वर्ष प्रिंट मीडिया में सक्रिय रूप से काम किया है। उन्होंने प्रभात खबर, अमर उजाला, टाइम्स ऑफ इंडिया, हिन्दुस्तान टाइम्स जैसे प्रतिष्ठित अखबारों में रिपोर्टिंग की है। वहीं, जी न्यूज, इंडिया 24x7, नेटवर्क18, जनतंत्र टीवी जैसे बड़े न्यूज नेटवर्क्स में संपादकीय नेतृत्व संभाला है।
वे जी मीडिया के रीजनल चैनल्स के पॉलिटिकल एडिटर भी रहे हैं और उन्होंने मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान जैसे राज्यों के चैनल्स की लॉन्चिंग में अहम भूमिका निभाई है। नेटवर्क18 में बतौर कंसल्टिंग एडिटर उन्होंने ईटीवी नेटवर्क के एकीकरण का कार्य भी संभाला।
मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले वाशिंद्र मिश्र ने लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी से बेस्टर्न हिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। वाशिंद्र मिश्र ने अपने करियर की शुरुआत रांची के एक अंग्रेजी अखबार से की थी। वर्ष 1988 में वे प्रभात खबर और यहां करीब एक साल तक काम करने के बाद 1989 में अमर उजाला के साथ जुड़ गए।
इसके बाद उन्होंने वर्ष 1995 में टाइम्स ऑफ इंडिया, लखनऊ का रुख कर लिया। इस अखबार में करीब दो साल तक अपनी जिम्मेदारी निभाने के बाद उन्होंने 1997 में लखनऊ में ही हिन्दुस्तान टाइम्स के साथ अपनी नई पारी शुरू की। यहां भी वह करीब दो साल तक ही रहे। इसके बाद उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में जाने के प्रयास शुरू कर दिए। उस दौरान उन्हें पता चला कि जी न्यूज को लखनऊ में रिपोर्टिंग सपोर्ट की जरूरत है। इसके बाद उन्होंने मई 1999 से अगस्त 2000 तक ‘जी न्यूज’ के लिए कई स्टोरी कीं।
वर्ष 2008 में ‘जी मीडिया’ के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्री में लगभग तीन वर्षों तक काम किया है, जहां वे अगस्त 2000 से अप्रैल 2003 तक न्यूज व करेंट अफेयर्स के कंटेंट हेड रहे हैं।
पुस्तक लेखन और सम्मान
पत्रकारिता के साथ-साथ वाशिंद्र मिश्र एक सक्रिय लेखक भी हैं। उन्होंने अब तक तीन किताबें लिखी हैं- ‘Encounter with Politics’, ‘Sach ke Muqabil’ और ‘Duniya ke Tanashahon ki Dastan’। निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के लिए उन्हें काशी विद्वत परिषद (Kashi Vidwat Parishad) द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है।
समाचार4मीडिया की ओर से वाशिंद्र मिश्र को 'जनतंत्र टीवी' में उनकी इस नई पारी के लिए ढेरों शुभकामनाएं।
न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन (NBF) ने हैदराबाद में मोनिका ब्रॉडकास्टिंग के कार्यालय पर हुए हमले की तीव्र निंदा करते हुए इसे पत्रकारिता की स्वतंत्रता और उसकी गरिमा पर सीधा हमला करार दिया है।
न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन (NBF) ने हैदराबाद में मोनिका ब्रॉडकास्टिंग के कार्यालय पर हुए हमले की तीव्र निंदा करते हुए इसे पत्रकारिता की स्वतंत्रता और उसकी गरिमा पर सीधा हमला करार दिया है। मोनिका ब्रॉडकास्टिंग ही लोकप्रिय न्यूज चैनल 'महा न्यूज' (Mahaa News) का संचालन करती है।
शनिवार, 28 जून को दोपहर करीब 1:30 बजे, एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल से जुड़े माने जा रहे 40 से अधिक लोगों की भीड़ ने 'महा न्यूज' के कार्यालय में घुसकर कर्मचारियों को धमकाया, कैमरापर्सन सहित टीम के सदस्यों को डराने की कोशिश की और शारीरिक हमले तक किए, जिसमें दो कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए। हमलावरों ने कार्यालय पर पत्थर फेंककर शीशे तोड़े, प्रसारण उपकरण और अन्य संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा, न्यूज कवरेज के लिए इस्तेमाल होने वाले वाहन और ऑफिस फर्नीचर को भी क्षति पहुंचाई गई।
NBF ने इसे न केवल निंदनीय बल्कि लोकतंत्र के लिए एक गंभीर खतरा बताया है। संगठन ने कहा, “पत्रकार और समाचार संस्थाएं जब जनता के हित में, सत्य और जवाबदेही के उच्चतम मानकों के साथ काम कर रही हों, तब उन्हें डर, हिंसा या दबाव के बिना काम करने की पूर्ण स्वतंत्रता मिलनी चाहिए।”
'महा न्यूज' को सिद्धांतों पर आधारित पत्रकारिता की मज़बूत आवाज़ बताते हुए एनबीएफ ने कहा कि किसी भी स्वतंत्र संपादकीय निर्णय को बलपूर्वक या तोड़फोड़ के ज़रिए दबाने का प्रयास न केवल अवैध है, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा भी है।
NBF ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन से तत्काल जांच कर दोषियों को सख्त सजा देने और मीडिया प्रोफेशनल्स को समुचित सुरक्षा देने की मांग की है।
फेडरेशन ने 'महा न्यूज' के साथ पूरी एकजुटता जताते हुए दोहराया कि वह प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, जो कि किसी भी स्वतंत्र और निष्पक्ष समाज की नींव होती है।
वह यहां पर सीनियर मैनेजिंग एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। निकुंज गर्ग ने यहां पर नवंबर 2023 में जॉइन किया था। वह दिल्ली से अपना कामकाज संभाल रहे थे।
‘एनडीटीवी’ (NDTV) से आ रही एक बड़ी खबर के मुताबिक वरिष्ठ टीवी पत्रकार निकुंज गर्ग ने यहां अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह यहां पर सीनियर मैनेजिंग एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। निकुंज गर्ग ने यहां पर नवंबर 2023 में जॉइन किया था। वह दिल्ली से अपना कामकाज संभाल रहे थे।
यहां अपनी पारी के दौरान ‘एनडीटीवी24x7’ और ‘एनडीटीवी इंडिया’ दोनों चैनलों के कंटेंट की जिम्मेदारी उनके पास थी। वह यहां समाचार संग्रह (news gathering) और विभिन्न माध्यमों पर प्रसारण (broadcast) के लिए जिम्मेदार टीमों का नेतृत्व कर रहे थे।
निकुंज गर्ग का अगला कदम क्या होगा, फिलहाल यह पता नहीं चल सका है। माना जा रहा है कि वह जल्द ही किसी अन्य संस्थान के साथ अपनी नई पारी शुरू कर सकते हैं।
‘एनडीटीवी’ में आने से पहले निकुंज गर्ग ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) से जुड़े हुए थे। वह इस नेटवर्क के अंग्रेजी न्यूज चैनल ‘मिरर नाउ’ (Mirror Now) में एडिटर-इन-चीफ और ‘टाइम्स नाउ’ (Times Now) में मैनेजिंग एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
निकुंज गर्ग ‘टाइम्स नेटवर्क’ के साथ एक दशक से ज्यादा समय से जुड़े हुए थे। उन्हें अक्टूबर 2021 में ‘मिरर नाउ’ के एडिटर पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। राष्ट्रीय राजनीतिक और अंतर्राष्ट्रीय हाई-प्रोफाइल स्टोरीज को कवर करने के साथ-साथ वह अपनी खोजपरक व ब्रेकिंग स्टोरीज के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने ‘स्टार’ और ‘जी नेटवर्क’ के साथ भी काम किया है।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो निकुंज गर्ग ने ‘जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय’ (JNU) से अंग्रेजी में मास्टर्स की डिग्री ली है। इसके अलावा उन्होंने ‘YMCA’ से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी किया है।
इस बीच निकुंज गर्ग के इस्तीफे को लेकर ‘एनडीटीवी’ ने भी एक इंटरनल मेल जारी किया है।
इस मेल में कंपनी का कहना है, ‘हम आपको यह जानकारी देना चाहते हैं कि NDTV 24x7 के सीनियर मैनेजिंग एडिटर निकुंज गर्ग संगठन को अलविदा कह रहे हैं। वे अब नए अवसरों की ओर बढ़ने जा रहे हैं। आपसी सहमति और विचार-विमर्श के बाद यह फैसला लिया गया है। कंपनी में निकुंज का आखिरी कार्यदिवस सोमवार, 30 जून 2025 होगा।’
कंपनी के अनुसार, ‘NDTV में अपने कार्यकाल के दौरान निकुंज ने अपनी लगन, जुनून और संपादकीय दृष्टिकोण से हर पहलू में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने संस्थान पर गहरी छाप छोड़ी है और न्यूजरूम में उनकी कमी जरूर महसूस की जाएगी। हम उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। स्थानांतरण प्रक्रिया की योजना पर काम शुरू हो चुका है और जल्द ही इस संबंध में विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी।’
अब भारत के सबसे अग्रणी खेल पत्रकारों में शुमार बोरिया मजूमदार एनडीटीवी (NDTV) से जुड़ रहे हैं और साथ ला रहे हैं भारतीय खेल पत्रकारिता के लिए एक नई दृष्टि।
आप खेल कवर कर सकते हैं, या फिर यह भी दिखा सकते हैं कि खेल एक देश के बारे में क्या कहते हैं। यह सोच कि खेल सिर्फ प्रदर्शन या तमाशा नहीं बल्कि पहचान, कूटनीति और जनचेतना को देखने का एक जरिया है- यही है वह विचार जो बोरिया मजूमदार को प्रेरित करता है। अब भारत के सबसे अग्रणी खेल पत्रकारों में शुमार बोरिया मजूमदार एनडीटीवी (NDTV) से कंसल्टिंग एडिटर के तौर पर जुड़ रहे हैं और साथ ला रहे हैं भारतीय खेल पत्रकारिता के लिए एक नई दृष्टि।
भारतीय मीडिया में सबसे भरोसेमंद और प्रमुख चेहरों में शामिल बोरिया मजूमदार रोड्स स्कॉलर हैं और Revsportz के संस्थापक भी। वह सिर्फ भारतीय खेलों के इतिहासकार ही नहीं बल्कि उनके सबसे भरोसेमंद व्याख्याकार भी हैं। पिछले दो दशकों से उन्होंने तमाम एक्सक्लूसिव खबरें दी हैं, दुनिया भर के स्पोर्ट्स इवेंट्स से रिपोर्टिंग की है, बेस्टसेलर किताबें लिखी हैं और क्रिकेट की कई दिग्गज हस्तियों के लिए वह हमेशा 'स्पीड डायल' पर रहे हैं। उनका एक्सेस बेजोड़ है और नजरिया गहराई से भरा हुआ।
बोरिया ने सचिन तेंदुलकर की आधिकारिक आत्मकथा Playing It My Way में सह-लेखक के रूप में योगदान दिया, जो भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली खेल पुस्तक बन गई। उन्होंने सौरव गांगुली से लेकर अब तक हर भारतीय क्रिकेट कप्तान का इंटरव्यू किया है, कई वर्ल्ड कप और ओलंपिक से एक्सक्लूसिव कवरेज दी है और खेल पत्रकारिता के क्षेत्र में टीवी और प्रिंट- दोनों में सबसे दमदार कंटेंट पेश किया है।
बोरिया कहते हैं, "यह एक नया एनडीटीवी है और मैं भी पिछले कुछ समय से एक बिल्कुल नई तरह की भारतीय खेल पत्रकारिता की दिशा पर काम कर रहा हूं, एक ऐसी जो पारंपरिक ढांचे को तोड़े, ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों को उनका सही स्थान दे। यह साहसिक है और बहुत पहले हो जाना चाहिए था।"
भारत अगले कुछ सालों में अंतरराष्ट्रीय खेल कैलेंडर को लेकर तैयारियों में जुटा है- 2026 टी20 वर्ल्ड कप, फीफा वर्ल्ड कप, 2028 लॉस एंजेलेस ओलंपिक क्वालिफायर्स और 2036 ओलंपिक की मेजबानी के सपने जैसे मौके सामने हैं। ऐसे में एनडीटीवी की नई खेल संपादकीय रणनीति इन तमाम चर्चाओं को और ज्यादा व्यापक, समावेशी और गंभीर बनाने जा रही है।
बोरिया कहते हैं, "खेल सिर्फ मनोरंजन नहीं हैं। यह पहचान हैं। यह संस्कृति है। यह कूटनीति है। यह वह क्षण होता है जब राष्ट्रगान बजता है और एक देश खड़ा होता है। एनडीटीवी में हमारा मकसद यही है- हर रिपोर्ट में उस नजरिए को लाना। और गहराई में जाना, चीजों को जोड़कर देखना और ज्यादा बेहतर सवाल पूछना।"
इस नई शुरुआत से आप उम्मीद कर सकते हैं बड़े आयोजन, साहसिक चर्चाएं और कुछ सबसे प्रतिष्ठित इंटरव्यू, जिन्हें संभव बनाएगा बोरिया का अपराजेय अनुभव और खेलों की जमीनी समझ।
बोरिया की मौजूदगी इस बात को सुनिश्चित करती है कि उभरते खेल, महिला खिलाड़ियों की भागीदारी, पैरालंपिक उपलब्धियां और ग्रासरूट स्तर की खेल संरचना को सिर्फ कभी-कभार की रिपोर्टिंग तक सीमित न रखा जाए, बल्कि इन्हें राष्ट्रीय खेल विमर्श के केंद्र में लाया जाए।
यह नई संपादकीय दिशा इंफ्रास्ट्रक्चर, फंडिंग, पहुंच और सुधार जैसे अहम सवालों पर भी ध्यान केंद्रित करेगी — वे सवाल जो अक्सर तब छूट जाते हैं जब चर्चा सिर्फ पदकों तक सीमित हो जाती है।
एनडीटीवी के सीईओ और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल ने कहा, “बोरिया मजूमदार आज खेल पत्रकारिता की दुनिया के सबसे प्रभावशाली नामों में हैं। खेलों को लेकर उनकी गहराई और समझ वाकई असाधारण है। एनडीटीवी में हम उनके साथ मिलकर उच्च गुणवत्ता वाली खेल रिपोर्टिंग, गहन विश्लेषण और बड़े आयोजन पेश करने के लिए बेहद उत्साहित हैं।”
NDTV ग्रुप से एक बड़ी खबर सामने आयी है। दरअसल, अनिल उनियाल ने NDTV के मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) पद से इस्तीफा दे दिया है।
NDTV ग्रुप से एक बड़ी खबर सामने आयी है। दरअसल, अनिल उनियाल ने NDTV के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) पद से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों के अनुसार, यह कदम उनके NDTV के साथ दो साल से अधिक के सफर का अंत है, जबकि पूरे मीडिया समूह के साथ उनका नौ साल का जुड़ाव 2016 में Quint और Quint Bloomberg वेंचर की शुरुआत के साथ हुआ था।
पिछले दो वर्षों में अनिल उनियाल ने संजय पुगलिया के साथ मिलकर NDTV के व्यावसायिक पक्ष को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके साथ ही उन्होंने NDTV Profit के लॉन्च में भी अहम योगदान दिया और समूह स्तर पर कई महत्वपूर्ण पहलुओं में सक्रिय भूमिका निभाई।
BloombergQuint (Bloomberg Media और Quintillion Media का संयुक्त उपक्रम) के अस्तित्व के दौरान, अनिल उनियाल के नेतृत्व में यह प्लेटफॉर्म भारत में बिजनेस और फाइनेंशियल न्यूज का एक प्रमुख स्रोत बनकर उभरा। इस प्लेटफॉर्म ने वैश्विक बाजार विश्लेषण को डिजिटल-फर्स्ट अप्रोच के साथ जोड़ते हुए एक मजबूत पहचान बनाई। बाद में, जब Adani Media Group और NDTV ने इस प्लेटफॉर्म का अधिग्रहण किया, तो इसे NDTV Profit में समाहित कर दिया गया।
NDTV से पहले, उनियाल ने Network18 में भी कई शीर्ष पदों पर कार्य किया था। 2011 से 2016 के बीच वे CNBC-TV18, CNBC आवाज, CNBC बाजार और Forbes India के CEO रहे। उससे पहले वे Network18 के Chief Operating Officer और TV18 के मीडिया ऑपरेशंस के प्रमुख रहे, जहां उन्होंने समूह की बिजनेस न्यूज पोर्टफोलियो को खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई।
अनिल उनियाल ने इस खबर के प्रकाशन तक e4m के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। उनके अगले पेशेवर कदम को लेकर कोई औपचारिक बयान अब तक सामने नहीं आया है।
NDTV के Group CEO और Editor-in-Chief राहुल कंवल से भी 'एक्सचेंज4मीडिया' ने संपर्क किया, लेकिन खबर प्रकाशित होने तक उनकी ओर से भी कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई।
प्रसार भारती ने एक नया नोटिस जारी कर दूरदर्शन के पुराने और ऐतिहासिक कार्यक्रमों से जुड़े निर्माताओं, निर्देशकों, कलाकारों और अन्य रचनात्मक सहयोगियों से अपने अधिकारों से जुड़े दावे मांगे हैं।
प्रसार भारती ने एक नया नोटिस जारी कर दूरदर्शन के पुराने और ऐतिहासिक कार्यक्रमों से जुड़े निर्माताओं, निर्देशकों, कलाकारों और अन्य रचनात्मक सहयोगियों से अपने अधिकारों से जुड़े दावे मांगे हैं।
26 जून को जारी नोटिस के मुताबिक, जिन लोगों ने इन कार्यक्रमों में किसी भी रूप में काम किया है (जैसे कि निर्माता, निर्देशक, अभिनेता, संगीतकार या लेखक) वे नोटिस जारी होने की तारीख से 45 दिन के अंदर अपने दावे भेज सकते हैं।
दावे के साथ इन जानकारियों को देना ज़रूरी होगा:
कार्यक्रम का नाम और एपिसोड नंबर
किस भूमिका में जुड़े थे और कितने समय तक
टीम के अन्य सदस्यों की जानकारी
कोई ठोस दस्तावेज़ जैसे अनुबंध या समझौता जो दावे को साबित करे
यह कदम तब उठाया गया जब प्रसार भारती के केंद्रीय अभिलेखागार ने पाया कि कई पुराने कार्यक्रमों (जैसे- शास्त्रीय संगीत, डॉक्यूमेंट्री और सांस्कृतिक शो) के स्वामित्व से जुड़े रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं।
इन कार्यक्रमों में “The Soul of India”, “In Conversation with Rajiv Mehrotra”, “Spectacular India” और “Sikhs and Their Five Takhts” जैसे शो शामिल हैं, जिनमें उस्ताद विलायत ख़ान, शुभा मुद्गल, बिस्मिल्लाह ख़ान, दलाई लामा, जया बच्चन, और पूर्व राष्ट्रपति के. आर. नारायणन जैसे दिग्गज नजर आए थे।
अगर तय समय में किसी भी कार्यक्रम को लेकर कोई वैध दावा नहीं आता, तो प्रसार भारती को उस कार्यक्रम पर पूरा अधिकार मिल जाएगा। इसके बाद वह चाहे तो इन कार्यक्रमों को टीवी पर, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर या किसी अन्य मीडिया चैनल को दिखाने के लिए इस्तेमाल कर सकेगा।
नोटिस में यह भी साफ किया गया है कि समय सीमा के बाद भेजे गए दावे को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
प्रसार भारती ने सभी दावों को दिल्ली स्थित संसद मार्ग पर आकाशवाणी भवन में केंद्रीय अभिलेखागार निदेशक को भेजने का निर्देश दिया है। दावे के साथ प्रमाणित और मूल दस्तावेज भी संलग्न करने होंगे। इन दस्तावेजों की प्रामाणिकता की जांच के बाद ही किसी भी वैध दावे का निपटारा किया जाएगा।
डायरेक्ट-टू-होम (DTH) ऑपरेटर टाटा प्ले (Tata Play) को वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में कंसोलिडेटेड घाटा (consolidated loss) बढ़कर ₹529.43 करोड़ हो गया है
डायरेक्ट-टू-होम (DTH) ऑपरेटर टाटा प्ले (Tata Play) को वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में कंसोलिडेटेड घाटा (consolidated loss) बढ़कर ₹529.43 करोड़ हो गया है, जो पिछले वित्त वर्ष FY24 के ₹353.88 करोड़ के घाटे से कहीं ज्यादा है।
बिजनेस इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म Tofler के आंकड़ों के मुताबिक, कंपनी की परिचालन आय में 5.15% की गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर ₹4,082.5 करोड़ रह गई। कुल राजस्व (रेवेन्यू) भी साल-दर-साल आधार पर 5% गिरकर ₹4,109.3 करोड़ हो गया।
हालांकि घाटा बढ़ा है, लेकिन टाटा प्ले ने अपने शुद्ध कर्ज को घटाकर ₹3,445.60 करोड़ कर दिया, जो FY24 में ₹4,010.21 करोड़ था। कुल खर्चों में भी 3% की कमी आई और यह ₹4,619.22 करोड़ रहा। इस गिरावट में विज्ञापन और प्रचार खर्च में की गई कटौती की बड़ी भूमिका रही। वित्त वर्ष 2024-25 में टाटा प्ले का विज्ञापन प्रचार खर्च 29.2 फीसदी घटकर 124.28 करोड़ रुपये रह गया, जबकि 2023-24 में यह 175.54 करोड़ रुपये था। कुल खर्च तीन फीसदी घटकर 4619.22 करोड़ रुपये रहा। हालांकि, कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 में अपना शुद्ध ऋण एक साल पहले के 4010.21 करोड़ रुपये से घटाकर 3445.60 करोड़ रुपये कर लिया है।
टाटा प्ले भारत के बेहद प्रतिस्पर्धी DTH मार्केट में काम करता है, जहां उसका मुकाबला डिश टीवी, एयरटेल डिजिटल टीवी और सरकारी डीडी फ्री डिश जैसे खिलाड़ियों से होता है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि 3 मई को टाटा प्ले और भारती एयरटेल के DTH व्यवसाय के संभावित विलय को रद्द कर दिया गया, क्योंकि दोनों पक्ष किसी सहमति पर नहीं पहुंच सके। यह मर्जर भारतीय DTH इंडस्ट्री में एक बड़ा बदलाव ला सकता था, लेकिन अब उसके रुक जाने से प्रतिस्पर्धा का परिदृश्य फिलहाल जस का तस बना रहेगा।