प्रसार भारती ने हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म 'Waves' लॉन्च किया है, जिसने केबल और डीटीएच ऑपरेटर्स के बीच गंभीर चिंता पैदा कर दी है।
प्रसार भारती ने हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म 'वेब्स' (Waves) लॉन्च किया है, जिसने केबल और डीटीएच ऑपरेटर्स के बीच गंभीर चिंता पैदा कर दी है।
यह प्लेटफॉर्म वर्तमान में 60 से अधिक लीनियर टीवी चैनल्स की मेजबानी करता है, जिनमें प्रमुख न्यूज नेटवर्क भी शामिल हैं और इसे बिना किसी सब्सक्रिप्शन के मुफ्त में उपलब्ध कराया गया है।
हालांकि इसमें अभी तक शीर्ष चार ब्रॉडकास्टर्स के एंटरटेनमेंट चैनल शामिल नहीं हैं, फिर भी इसने केबल इंडस्ट्री में अशांति पैदा कर दी है।
'वेब्स' (Waves) पर लीनियर टीवी चैनल्स की उपलब्धता ने मौजूदा व्यवस्था को हिला दिया है। इस कदम से पारंपरिक टीवी ऑपरेटर्स ने आपत्ति जताई है, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह उनकी व्यावसायिक रणनीति को कमजोर करेगा और उनके बाजार हिस्से को और अधिक घटाएगा।
एक्सचेंज4मीडिया ने एक्सपर्ट्स की उन चिंताओं की रिपोर्ट दी है, जो Waves द्वारा लीनियर टीवी चैनल्स मुफ्त में उपलब्ध कराने को लेकर हैं।
"सब्सक्राइबर्स का बदलता रुझान
केबल और डीटीएच ऑपरेटर्स की चिंताओं की जड़ में पहले से ही प्रसार भारती के 'डीडी फ्री डिश' का दबाव है, जो मुफ्त सैटेलाइट टीवी सेवाएं प्रदान करता है और तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
नाम न बताने की शर्त पर एक ब्रॉडकास्ट एक्सपर्ट ने कहा, 'अधिकांश दर्शक अब ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की ओर रुख कर रहे हैं, जो ऑन-डिमांड कंटेंट और अधिक लचीलापन चाहते हैं और ऐसे में पारंपरिक टीवी ऑपरेटर्स ने सब्सक्रिप्शंस में गिरावट देखी है। Waves पर टीवी चैनल्स की उपलब्धता इन चुनौतियों को और बढ़ा सकती है, क्योंकि यह उन सब्सक्राइबर्स को भी अपनी ओर खींच सकती है, जो पहले से ही डिजिटल और स्ट्रीमिंग विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं।'
प्रसार भारती का ओटीटी प्लेटफॉर्म Waves अब लीनियर और ऑन-डिमांड कंटेंट का मिश्रण पेश कर रहा है, ऐसे में ऑपरेटर्स को चिंता है कि इससे ओटीटी की ओर बदलाव और तेज़ हो जाएगा, जिससे अंततः उनके सब्सक्राइबर बेस और मुनाफ़े में कमी आएगी।
केबल टीवी ऑपरेटर्स का कहना है कि ब्रॉडकास्टर्स के टीवी चैनल्स का उपयोग करके प्रसार भारती सूचना-प्रसारण मंत्रालय द्वारा निर्धारित डाउनलिंकिंग दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर रहा है। इंडस्ट्री के एक एक्सपर्ट ने कहा कि यह कदम मौजूदा नियमों के विपरीत है, जिसमें कहा गया है कि सैटेलाइट टीवी चैनल रिसेप्शन डिकोडर केवल केबल ऑपरेटर्स को ही दिए जाने चाहिए।
एक्सपर्ट ने कहा, "ओटीटी प्लेटफॉर्म पर लीनियर चैनल पेश करना पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है। यह न केवल अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है, बल्कि केबल ऑपरेटर्स के सामने आने वाली चुनौतियों को भी बढ़ाता है, जो पहले से ही हर साल ग्राहकों की संख्या में भारी कमी का सामना कर रहे हैं।"
नियमों के उल्लंघन को लेकर चिंता
इससे पहले, ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन ने सूचना-प्रसारण मंत्रालय को एक पत्र में कहा है कि प्रसार भारती ने अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर लीनियर टीवी चैनल्स को शामिल करने के लिए आवेदन आमंत्रित करते समय, 2022 की अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग गाइडलाइंस के क्लॉज 11(3)(f) का उल्लंघन किया है।
क्लॉज 11(3)(f) के अनुसार टीवी चैनल सिग्नल रिसेप्शन डिकोडर्स केवल निम्नलिखित संस्थाओं को ही दिए जा सकते हैं:
- एमएसओ/केबल ऑपरेटर्स: जो केबल टेलीविजन नेटवर्क (रेगुलेशन) एक्ट 1995 के तहत पंजीकृत हैं।
- डीटीएच ऑपरेटर्स: जो भारत सरकार द्वारा जारी डीटीएच गाइडलाइंस के तहत पंजीकृत हैं।
- आईपीटीवी सेवा प्रदाता: जो मौजूदा टेलीकॉम लाइसेंस के तहत अधिकृत हैं या जिन्हें दूरसंचार विभाग द्वारा स्वीकृति मिली हुई है।
- एचआईटीएस ऑपरेटर्स: जिन्हें एचआईटीएस ऑपरेटरों के लिए मंत्रालय द्वारा जारी नीति दिशा-निर्देशों के तहत स्वीकृति दी गई है।
सितंबर में लिखे गए एक पत्र में, केबल इंडस्ट्री ने कहा था कि डिस्ट्रीब्यूशन इंडस्ट्री ने पिछले 6 वर्षों में अपने सब्सक्राइबर संख्या में भारी उथल-पुथल देखी है, जिसमें 2018 में, केबल टीवी और डीटीएच इंडस्ट्री का संयुक्त सब्सक्राइबर बेस लगभग 180 मिलियन था, जो 2024 में काफी कम होकर 120 मिलियन रह गया है, जो कुल सब्सक्राइबर बेस का 33% कम है।
केबल टीवी ऑपरेटर, जैसे कि सिटी, हैथवे, डेन और जीटीपीएल, ने सूचना-प्रसारण मंत्रालय से आग्रह किया है कि वह प्रसार भारती को अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर निजी टीवी चैनलों को शामिल करने से रोकें। प्रसार भारती के ओटीटी प्लेटफॉर्म Waves पर फिलहाल लगभग 71 लीनियर चैनल उपलब्ध हैं।
इस मुद्दे पर एक वरिष्ठ ब्रॉडकास्ट एक्सपर्स ने कहा, "प्रसार भारती 'प्रसार भारती एक्ट' के तहत कार्य करता है, इसलिए प्रसारक (ब्रॉडकास्टर्स) को अपने सैटेलाइट टीवी चैनल प्रसार भारती के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रदान करने की अनुमति है।"
What’s on offer?
Prasar Bharati's much-anticipated OTT platform, Waves, was officially launched on Wednesday, marking the broadcaster's foray into the competitive streaming market.
Waves was launched at the 55th International Film Festival of India (IFFI) in Goa by Chief Minister Pramod Sawant, in the presence of Sanjay Jaju, Secretary, I&B Ministry.
The app has stories embracing Indian culture with an international outlook, in 12+ Languages - Hindi, English, Bengali, Marathi, Kannada, Malayalam, Telugu, Tamil, Gujarati, Punjabi, Assamese. It will be spread across 10+ Genres of Infotainment. It will provide Video on demand, free-to-play gaming, Radio streaming, Live TV streaming, 71 live Channels, several App in App integrations for video and gaming content, and online shopping through Open Network for Digital Commerce (ONDC) supported e-commerce platform.
The platform features a lineup of live channels, including entertainment networks like B4U, ABZY, SAB Group, and 9X Media, alongside major news channels such as India Today, News Nation, Republic, ABP News, News24, and NDTV India. It also offers all Doordarshan and Akashvani channels, according to sources.
However, some prominent broadcasters' channels are currently absent from the service.
क्या है खास?
प्रसार भारती के बहुप्रतीक्षित ओटीटी प्लेटफॉर्म Waves का आधिकारिक लॉन्च बुधवार को हुआ, जिससे प्रसार भारती ने प्रतिस्पर्धी स्ट्रीमिंग बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। Waves का उद्घाटन गोवा में आयोजित 55वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू की उपस्थिति में किया।
इस ऐप में भारतीय संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने वाली कहानियां शामिल हैं। यह 12+ भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला, मराठी, कन्नड़, मलयालम, तेलुगु, तमिल, गुजराती, पंजाबी, असमिया) में उपलब्ध है। यह 10+ शैलियों (Genres) में इन्फोटेनमेंट कंटेंट प्रदान करता है।
Waves पर मिलने वाली सेवाएं:
प्लेटफॉर्म में लाइव चैनल्स की सूची भी शामिल है, जिनमें एंटरटेनमेंट चैनल जैसे B4U, ABZY, SAB ग्रुप और 9X मीडिया हैं। प्रमुख न्यूज चैनल जैसे इंडिया टुडे, न्यूज नेशन, रिपब्लिक, एबीपी न्यूज, न्यूज24 और एनडीटीवी इंडिया भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा, इसमें सभी दूरदर्शन और आकाशवाणी चैनल शामिल हैं।
हालांकि, कुछ प्रमुख ब्रॉडकास्टर्स के चैनल वर्तमान में इस सेवा में शामिल नहीं हैं।
'लिमिटेड ऑफर'
अपने लॉन्च को लेकर उत्साह के बावजूद इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स सतर्क हैं और शहरी दर्शकों के बीच इसके तात्कालिक प्रभाव को सीमित मान रहे हैं।
एक सीनियर ओटीटी एक्सपर्ट ने कहा, "यह प्लेटफॉर्म, न्यूज से जुड़े कुछ वर्गों को छोड़कर, सीमित पहुंच रखने वाला है।"
इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य पुराने जमाने की यादों को फिर से ताजा करना है, साथ ही आधुनिक डिजिटल रुझानों को अपनाते हुए क्लासिक और समकालीन कार्यक्रमों का समृद्ध मिश्रण प्रदान करना है।इसकी लाइब्रेरी में रामायण, महाभारत, शक्तिमान और हम लोग जैसे सदाबहार शोज शामिल हैं, जो उन दर्शकों को आकर्षित करते हैं जो भारत के सांस्कृतिक और भावनात्मक अतीत से जुड़ाव चाहते हैं। इसके अलावा, यह न्यू, डॉक्यूमेंट्री और रीजनल कंटेंट भी प्रदान करता है, जो समावेशिता और विविधता के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
लॉन्च के बाद मंत्रालय ने कहा था, "दूरदर्शन का ओटीटी प्लेटफॉर्म परंपरागत टीवी और आधुनिक स्ट्रीमिंग के बीच की खाई को पाटता है और अपनी दशकों पुरानी विरासत व राष्ट्रीय विश्वास का उपयोग करते हुए तकनीक-प्रेमी युवाओं और बुजुर्ग पीढ़ी दोनों तक पहुंच बनाता है।"
पहले, सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने पुष्टि की थी कि प्लेटफॉर्म का एक छोटा हिस्सा सब्सक्रिप्शन-आधारित होगा, जबकि बाकी कंटेंट देखने के लिए मुफ्त होगा।
अगस्त में, प्रसार भारती ने टीवी चैनल्स को अपने नए ओटीटी प्लेटफॉर्म से जुड़ने का निमंत्रण दिया। यह कदम उसकी डिजिटल उपस्थिति को बढ़ाने और एक ऐसा राजस्व-साझाकरण मॉडल पेश करने का प्रतीक था, जो बाजार में विशिष्ट है।
इस मॉडल के तहत ब्रॉडकास्टर्स को विज्ञापन राजस्व का 65% मिलेगा, जबकि प्रसार भारती 35% रखेगा।
सितंबर में, एक्सचेंज4मीडिया को सूत्रों से पता चला कि प्रमुख चार टीवी नेटवर्क ने प्रसार भारती के आगामी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अपने लिनियर चैनल को स्ट्रीम नहीं करने का निर्णय लिया है।
हालांकि सरकार ने आकर्षक राजस्व-साझाकरण मॉडल की पेशकश की थी, इन नेटवर्क्स ने शायद इसलिए भाग नहीं लिया क्योंकि उनकी पहले से ही अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर मजबूत उपस्थिति है।
इन शीर्ष नेटवर्क्स के आवेदन न करने के बावजूद, मामले से परिचित सूत्रों ने एक्सचेंज4मीडिया को बताया कि प्रसार भारती को विभिन्न शैलियों के 106 चैनल्स से आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 44 चैनल्स का चयन किया गया और 40 चैनल्स प्लेटफॉर्म से जुड़ने के लिए सहमत हुए।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने भू-आधारित ब्रॉडकास्टर्स के लिए एक मजबूत विनियामक ढांचा बनाने के उद्देश्य से व्यापक सिफारिशों का सेट जारी किया है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी ट्राई (TRAI) ने भू-आधारित ब्रॉडकास्टर्स के लिए एक मजबूत विनियामक ढांचा बनाने के उद्देश्य से व्यापक सिफारिशों का सेट जारी किया है। इन सिफारिशों का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, उपभोक्ता विकल्पों में सुधार करना और प्रसारण क्षेत्र में निष्पक्षता सुनिश्चित करना है।
सिफारिशों का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि ब्रॉडकास्टर्स को अपने चैनल डायरेक्ट-टू-होम (DTH) ऑपरेटर्स और केबल सेवा प्रदाताओं को à la carte (अलग-अलग चैनल चुनने की सुविधा) आधार पर उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना है ताकि वे केवल वही चैनल चुन सकें और उनके लिए भुगतान करें, जो वे देखना चाहते हैं। अब उन्हें चैनल्स के बंडल पैकेज खरीदने के लिए बाध्य नहीं होना पड़ेगा।
इस ढांचे के तहत ब्रॉडकास्टर्स को à la carte चैनल्स के लिए अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) निर्धारित करना अनिवार्य होगा। यह मूल्य निर्धारण नियम मनमानी मूल्य नीति को रोकने और उपभोक्ताओं के लिए कीमतों को किफायती और स्पष्ट बनाने के लिए लागू किया गया है।
इन बदलावों का समर्थन करने के लिए, TRAI ने सेवा प्रदाताओं द्वारा एड्रेसेबल सिस्टम (addressable systems) अपनाने पर जोर दिया है। यह तकनीक à la carte चैनल्स की सुविधा को लागू करने के लिए जरूरी है, जिससे उपभोक्ता अपनी पसंद को प्रभावी ढंग से लागू कर सकें और समग्र संतुष्टि में सुधार हो।
TRAI की ये सिफारिशें भारत के प्रसारण क्षेत्र को वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप बनाने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा हैं। यह उपभोक्ता-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने, प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और दर्शकों की विविध जरूरतों को पूरा करने पर केंद्रित है, जिससे वे केवल वही सामग्री देखें और उसके लिए भुगतान करें जो वे चाहते हैं।
इन उपायों को लागू करने से एक अधिक न्यायसंगत और पारदर्शी प्रसारण वातावरण तैयार होने की उम्मीद है। साथ ही, यह पूरे देश में उपभोक्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
नेटवर्क18 (Network18) ने मंगलवार को कंपनी का वित्तीय विवरण जारी किया, जिसके अनुसार वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में न्यूज बिजनेस की आय में मामूली वृद्धि दर्ज की है
नेटवर्क18 (Network18) ने मंगलवार को कंपनी का वित्तीय विवरण जारी किया, जिसके अनुसार वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में न्यूज बिजनेस की आय में मामूली वृद्धि दर्ज की है, जबकि विज्ञापन के माहौल में कोई विशेष सुधार नहीं देखा गया।
कंपनी ने बताया कि त्योहारों के दौरान उपभोक्ता मांग में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई, जिससे ब्रैंड्स ने विज्ञापन खर्च कम कर दिए।
कंपनी के मुताबिक, टीवी न्यूज इंडस्ट्री में विज्ञापन वॉल्यूम तिमाही आधार पर मामूली रूप से बढ़ा है, लेकिन वार्षिक आधार पर इसमें 11% की गिरावट आई, जिससे राजस्व वृद्धि पर दबाव पड़ा। डिजिटल क्षेत्र में विज्ञापन आय बढ़ी, लेकिन यह वृद्धि कम आधार पर थी।
कंपनी की कुल आय वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही के ₹1,930 करोड़ से घटकर वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में ₹1,443 करोड़ रही। वहीं, वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में कंपनी का नुकसान बढ़कर ₹1,401 करोड़ हो गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि में ₹102 करोड़ था। ऐसा इसकी सहायक कंपनियों की मान्यता समाप्त होने के कारण हुआ, जिसका लेखा-जोखा तिमाही के दौरान अनंतिम आधार पर किया गया है।
तिमाही के दौरान ऑपरेटिंग खर्च में 4% की वृद्धि हुई, जिससे EBITDA कम हो गया। वित्त वर्ष 2025 की पहली नौ महीनों में EBITDA में सुधार हुआ, क्योंकि राजस्व 7% बढ़ा, जबकि खर्च में 4% की वृद्धि हुई। तिमाही में परिचालन आय ₹476 करोड़ रही, जो वार्षिक आधार पर 2% अधिक है।
14 नवंबर, 2024 को Viacom18 और Star India के विलय के बाद भारत की सबसे बड़ी प्रसारण और डिजिटल स्ट्रीमिंग कंपनियों में से एक का निर्माण हुआ। Reliance Industries ने इस संयुक्त उद्यम के विकास के लिए ₹11,500 करोड़ का निवेश किया। Viacom18 का इस संयुक्त उद्यम में 46.82% हिस्सा है, जबकि RIL का 16.34% और Disney का 36.84% हिस्सा है।
30 दिसंबर, 2024 को Viacom18, Network18 की सहायक कंपनी नहीं रही, क्योंकि RIL ने इसके अनिवार्य परिवर्तनीय वरीय शेयरों को इक्विटी शेयरों में बदल दिया। Network18 के पास Viacom18 के 16.12% इक्विटी शेयर हैं, और पूरी तरह से पतला आधार पर 13.54% हिस्सेदारी है।
नेटवर्क18 (Network18) के चेयरमैन अदिल जैनुलभाई ने कहा, "व्यवसाय का पुनर्गठन अब पूरा हो चुका है, जिससे सभी हितधारकों के लिए कॉर्पोरेट संरचना सरल हो गई है। हमें संचालन के क्षेत्र में हुई प्रगति पर खुशी है, खासतौर पर हमारे टेलीविज़न नेटवर्क के विकास के तरीके पर। राष्ट्रीय बाजारों में नेतृत्व स्थापित करने के बाद, अब हम अगले विकास चरण के लिए चुनिंदा क्षेत्रीय बाजारों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमारा डिजिटल व्यवसाय भी गति पकड़ रहा है, और हम अपने प्लेटफॉर्म्स की संयुक्त ताकत का उपयोग करके उपभोक्ताओं को एक शानदार और निर्बाध अनुभव प्रदान कर रहे हैं।"
इंडिया टुडे में सीनियर एंकर के तौर पर कार्यरत नबिला जमाल ने पांच वर्षों के बाद संगठन को अलविदा कह दिया है।
इंडिया टुडे में सीनियर एंकर के तौर पर कार्यरत नबिला जमाल ने पांच वर्षों के बाद संगठन को अलविदा कह दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक, अब वह न्यूज9 (TV9 नेटवर्क का हिस्सा) में एग्जिक्यूटिव एडिटर और एंकर की नई भूमिका निभाती नजर आएंगी।
'न्यूज9' भारत का पहला पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर केंद्रित अंग्रेजी न्यूज ब्रैंड है।
TV9 नेटवर्क के साथ नबिला जमाल का यह दूसरा कार्यकाल होगा।
न्यूज9, अपनी अत्याधुनिक डिजिटल पत्रकारिता के लिए जाना जाता है, कई प्लेटॉर्म्स के माध्यम से काम करता है, जिसमें प्रकाशन प्लेटफॉर्म www.news9live.com ओटीटी प्लेटफॉर्म News9 Plus और 24 घंटे की वीडियो स्ट्रीमिंग सर्विस शामिल है, जो कनेक्टेड टीवी और सोशल प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है। यह कदम नबिला जमाल के गतिशील करियर को रेखांकित करता है, क्योंकि वह भारत के बदलते डिजिटल न्यूज क्षेत्र में एक प्रमुख नेतृत्व भूमिका निभाने जा रही हैं।
नबिला जमाल को पत्रकारिता में एक दशक से अधिक का व्यापक अनुभव है, जिसमें उन्होंने अपराध, राजनीति और पर्यावरणीय मुद्दों पर गहरी और प्रभावशाली कवरेज के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहचान हासिल की है।
वह सेंट जोसेफ कॉलेज, बेंगलुरु की पूर्व छात्रा हैं और अर्थशास्त्र और राजनीतिक विज्ञान में स्नातक डिग्री तथा मास कम्युनिकेशन में मास्टर डिग्री रखती हैं।
केबल इंडस्ट्री ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) से अनुरोध किया है कि वह पे टीवी चैनल्स पर विज्ञापन-मुक्त प्रोग्रामिंग (ad-free programming) लागू करे।
केबल इंडस्ट्री ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) से अनुरोध किया है कि वह पे टीवी चैनल्स पर विज्ञापन-मुक्त प्रोग्रामिंग (ad-free programming) लागू करे। इंडस्ट्री का तर्क है कि सर्विस का भुगतान करने के बावजूद ग्राहकों का 25% से 35% समय विज्ञापनों के कारण खराब होता है।
इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों के अनुसार, भारतीय पे टीवी सब्सक्राइबर्स औसतन प्रत्येक लोकप्रिय चैनल के लिए प्रति माह ₹19 (करों के अतिरिक्त) तक भुगतान करते हैं। इसके बावजूद, उनके देखने के अनुभव पर अत्यधिक विज्ञापन हावी रहते हैं।
सूत्रों ने हमारी सहयोगी वेबसाइट 'एक्सचेंज4मीडिया' को बताया, “दर्शकों को अक्सर प्रति घंटे 15-20 मिनट तक विज्ञापन देखने को मजबूर होना पड़ता है। इसका मतलब है कि तीन घंटे की फिल्म चार घंटे की हो जाती है। इससे दर्शक कुल समय का 25%-35% विज्ञापन देखने में व्यतीत करते हैं।”
सूत्रों ने कहा कि यह प्रथा केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 के नियम 7(11) का उल्लंघन करती है, जो प्रति घंटे 12 मिनट (10 मिनट व्यावसायिक विज्ञापनों और 2 मिनट चैनल के प्रचार) तक सीमित है।
हालांकि, इस नियम को न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन ने 2013 में चुनौती दी थी, लेकिन मामला अभी भी दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित है।
इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि यदि यह समस्या जारी रही तो पे टीवी प्रासंगिकता खो सकता है, क्योंकि OTT प्लेटफॉर्म जैसे विज्ञापन-मुक्त कंटेंट प्रदान करने वाले विकल्प कस्टमर्स को छीन रहे हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि पे टीवी चैनल्स पर विज्ञापन हटाने से दर्शकों की संतुष्टि बढ़ेगी, पे टीवी मॉडल में विश्वास बहाल होगा और OTT सेवाओं के साथ प्रतिस्पर्धा में मदद मिलेगी।
इंडस्ट्री से जुड़े एक एक्सपर्ट ने कहा, “आज, दर्शक न केवल हाई क्वॉलिटी का कंटेंट चाहते हैं, बल्कि इसे बिना किसी बाधा के देखने की आजादी भी चाहते हैं। इस बदलती प्राथमिकता के साथ, पे टीवी को प्रासंगिक बने रहने के लिए अपने बिजनेस मॉडल का पुनर्मूल्यांकन और नए युग के मनोरंजन की मांगों के अनुसार खुद को ढालना होगा,”
हाल ही में, OTT प्लेटफॉर्म्स ने विश्व स्तर पर विज्ञापन और कंटेंट के प्रति दर्शकों के रिश्ते को बदल दिया है। नेटफ्लिक्स और एमेजॉन प्राइम वीडियो जैसी सब्सक्रिप्शन सेवाओं ने विज्ञापन-मुक्त कंटेंट का चलन शुरू किया है।
“यहां तक कि यूट्यूब, जो मुख्य रूप से विज्ञापन-समर्थित मॉडल पर चलता है, अपने प्रीमियम सब्सक्राइबर्स को एक सब्सक्रिप्शन शुल्क के बदले विज्ञापन-मुक्त अनुभव प्रदान करता है। इन प्लेटफॉर्म्स का संचालन सिद्धांत यह है कि यदि उपभोक्ता कंटेंट के लिए भुगतान कर रहे हैं, तो उन्हें निर्बाध अनुभव मिलना चाहिए। यह मॉडल वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हो गया है, जैसे कि अमेरिका, ब्रिटेन और जापान में OTT सेवाएं अब मानक बन चुकी हैं।
“भारत में, मोबाइल उपकरणों के माध्यम से इंटरनेट सेवाओं की गहरी पहुंच ने इन प्लेटफॉर्म्स को लाखों लोगों के लिए सुलभ बना दिया है। इससे उपभोक्ता खुद से सवाल करने लगे हैं कि जब मैं ऑनलाइन शोज मुफ्त (विज्ञापनों के साथ) या समान/कम सब्सक्रिप्शन लागत पर (बिना विज्ञापन) देख सकता हूं, तो केबल/डीटीएच ऑपरेटर्स को पैसे क्यों दूं?”
केबल इंडस्ट्री ने TRAI को सुझाव दिया कि पे टीवी चैनल्स को विज्ञापन-मुक्त बनाना न केवल दर्शकों को निर्बाध अनुभव प्रदान करेगा, बल्कि अधिक मूल्य भी देगा।
उन्होंने कहा, “दर्शकों की संतुष्टि बढ़ाने के अलावा, यह पे टीवी मॉडल में विश्वास बहाल करेगा। इसके अलावा, विज्ञापन-मुक्त पे टीवी चैनल OTT प्लेटफॉर्म्स के साथ प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे और एंटरटेनमेंट मार्केट में अपनी खोई हुई जमीन वापस पा सकेंगे। यदि अभी भी कोई बदलाव नहीं किया गया तो पे टीवी सब्सक्राइबर्स डिजिटल-फर्स्ट प्लेटफॉर्म्स पर और तेजी से शिफ्ट हो जाएंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत में पे टीवी चैनल अभी भी अपने कंटेंट का अत्यधिक विज्ञापनों के माध्यम से मुद्रीकरण कर रहे हैं, जो उपभोक्ताओं के साथ अन्याय है।
“यह दोहरे राजस्व मॉडल – यानी सब्सक्रिप्शन शुल्क और विज्ञापन से कमाई – न केवल उपभोक्ताओं के लिए अन्यायपूर्ण है, बल्कि शोषणकारी भी है। TRAI की हालिया टैरिफ विनियमनों में ब्रॉडकास्टर्स को मूल्य निर्धारण में स्वतंत्रता देने से स्थिति और खराब हो गई है। परिणामस्वरूप, 2018 में 180 मिलियन पे टीवी सब्सक्राइबर्स की संख्या घटकर 2024 में 120 मिलियन रह गई है।”
इंडस्ट्री के सूत्रों ने कहा कि अब भारतीय उपभोक्ता अपने मनोरंजन अनुभव में अधिक मूल्य, पारदर्शिता और नियंत्रण की मांग कर रहे हैं।
“एमेजॉन प्राइम वीडियो, एमएक्स प्लेयर और यूट्यूब प्रीमियम जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म उपभोक्ताओं को ‘विज्ञापन-समर्थित मुफ्त सामग्री’ और ‘विज्ञापन-मुक्त भुगतान सामग्री’ के बीच विकल्प दे रहे हैं। साथ ही, जियो सिनेमा, एक्सस्ट्रीम प्ले और डिस्कवरी+ जैसे प्लेटफॉर्म कुछ कंटेंट मुफ्त में और अतिरिक्त कंटेंट सब्सक्रिप्शन के माध्यम से उपलब्ध करा रहे हैं।
केबल ऑपरेटर्स ने कहा, "इसलिए, जब भारतीय उपभोक्ता प्रति चैनल ₹19 प्रति माह (करों के अतिरिक्त) का भुगतान करते हैं, तो वे उच्च गुणवत्ता वाले प्रोग्रामिंग की उम्मीद करते हैं, जिसमें विज्ञापनों का हस्तक्षेप न हो। हालांकि, वर्तमान स्वरूप में, पे टीवी इस मानक को पूरा करने में असमर्थ है।"
उपभोक्ता-हितैषी दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए, नियामकों को पे टीवी चैनलों से विज्ञापनों को हटाने के लिए कड़े कदम उठाने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम भारतीय प्रसारण प्रथाओं को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाएगा, उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करेगा और सभी कंटेंट प्रोवाइडर्स के लिए समान अवसर का निर्माण करेगा।
"भारतीय पे टीवी इंडस्ट्री एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। नियामक निगरानी को आधुनिक दर्शकों की जरूरतों को प्राथमिकता देनी चाहिए, जिससे यह सुनिश्चित हो कि पे टीवी डिजिटल कंटेंट के युग में प्रासंगिक और प्रतिस्पर्धी बना रहे। यह तभी संभव है जब भुगतान करने वाले सब्सक्राइबर्स के लिए विज्ञापनों को हटाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि विज्ञापन का राजस्व केवल फ्री टू एयर (FTA) चैनलों के माध्यम से अर्जित हो।
उन्होंने कहा, "इस उपभोक्ता-केंद्रित ढांचे को अपनाने से न केवल पे टीवी इंडस्ट्री अपनी प्रासंगिकता वापस पा सकेगा, बल्कि बदलते मनोरंजन परिदृश्य में फल-फूल भी सकेगा।"
वैसे बता दें कि ब्रॉडकास्टर्स और केबल ऑपरेटर्स के बीच चैनल की कीमतों को लेकर लंबे समय से विवाद बना हुआ है। हाल ही में, ब्रॉडकास्टर्स ने संशोधित रिफरेंस इंटरकनेक्ट ऑफर्स (RIOs) जारी किए हैं, जो मूल्य निर्धारण में मिले-जुले रुझान दर्शाते हैं।
जियोस्टार (JioStar) ने सबसे अधिक बुके की कीमतें पेश कीं, जिसमें 18% की बढ़ोतरी हुई। इसका स्टार वैल्यू पैक (SVP) हिंदी और हिंदी बेसिक SD पैक अब ₹110 में उपलब्ध हैं, जो पहले ₹60 और ₹34 थे। जियोस्टार ने 83 चैनल पैक पेश किए हैं, जिनमें 134 चैनल शामिल हैं, जैसे कि SD, HD, और FTA विकल्प, साथ ही रीजनल भाषा के बुके। लोकप्रिय चैनल जैसे स्टार प्लस और कलर्स हिंदी अभी भी ₹19 प्रति चैनल (à la carte) पर उपलब्ध हैं, जबकि स्टार भारत ₹12 से ₹15 और स्टार प्लस HD ₹22 से ₹25 तक बढ़ गए हैं। वहीं, कुछ कीमतें कम भी हुईं, जैसे कि कलर्स सिनेप्लेक्स, जो ₹19 से ₹15 पर आ गया।
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (SPNI, अब Culver Max) ने भी अपनी कीमतों में बदलाव किया है, जिसमें बुके की कीमतें 12% तक बढ़ गई हैं। जी का ऑल-इन-वन हिंदी SD पैक अब ₹53 में उपलब्ध है, जो पहले ₹47 था, जबकि SPNI का हैप्पी इंडिया स्मार्ट हिंदी पैक ₹48 से बढ़कर ₹54 हो गया। à la carte मूल्य निर्धारण में प्रमुख बदलावों में सोनी पल की कीमत ₹0.50 से ₹1 तक दोगुनी हो गई, जबकि ज़ी कैफे ₹10 से घटकर ₹3 पर आ गया।
ये मूल्य वृद्धि TRAI के NTO 3.0 के कारण हुई है, जिसने बुके में अधिकतम चैनल कीमतों को ₹19 तक बढ़ाने की अनुमति दी। हालांकि, TRAI ने आगामी लोकसभा चुनावों के दौरान स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए जून 2024 तक और मूल्य वृद्धि स्थगित कर दी है।
'इंडिया टीवी' के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा पिछले कुछ दिनों से अपने लाइव शो से दूर हैं, जिसके चलते कई शुभचिंतक परेशान हैं और उनसे दूर रहने की वजह जानना चाहते हैं।
'इंडिया टीवी' के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा पिछले कुछ दिनों से अपने लाइव शो से दूर हैं, जिसके चलते कई शुभचिंतक परेशान हैं और उनसे दूर रहने की वजह जानना चाहते हैं। लिहाजा अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर उन्होंने अपने लाइव शो से ब्रेक लेने की वजह साझा की है। अपनी लोकप्रिय शोज 'आपकी अदालत' और 'आज की बात, रजत शर्मा के साथ' में लगातार नजर आने वाले रजत शर्मा ने बताया कि वह कुछ समय से इन शोज का हिस्सा क्यों नहीं बन पा रहे हैं।
रजत शर्मा ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर एक ट्वीट के जरिए जानकारी दी कि उनकी हाल ही में एक छोटी सी आई सर्जरी हुई है। उन्होंने लिखा, "मुझे अच्छा लगा बहुत से लोगों ने चिंता जाहिर की। पूछा कि मैं कई दिन से लाइव शो क्यों नहीं कर रहा। परेशान होने की कोई बात नहीं है। मेरी एक छोटी सी आई सर्जरी हुई है। पोस्ट केयर की जरूरत है। डॉक्टर्स ने कुछ दिनों के लिये स्टूडियो लाइट्स से दूर रहने को कहा है।"
उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा, "वैसे सब ठीक-ठाक है। अब आपसे अगले हफ्ते मुलाकात होगी, इस ब्रेक के बाद। हैदराबाद का द एलवी प्रसाद आई इंस्टीट्यूट (LVPEI) कमाल का हॉस्पिटल है।" उन्होंने डॉक्टर जीसी चंद्रशेखर और डॉक्टर सिरिषा सेंथिल का धन्यवाद करते हुए उनकी सराहना की।
रजत शर्मा के इस ट्वीट के बाद उनके फैंस और दर्शकों ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की। यह स्पष्ट है कि ब्रेक सिर्फ अस्थायी है और वह जल्द ही अपने दर्शकों के सामने फिर से अपने लोकप्रिय शोज लेकर लौटेंगे।
मुझे अच्छा लगा बहुत से लोगों ने चिंता ज़ाहिर की. पूछा कि मैं कई दिन से Live Show क्यों नहीं कर रहा. परेशान होने की कोई बात नहीं है. मेरी एक छोटी सी Eye Surgery हुई है. Post Care की ज़रूरत है. Doctors ने कुछ दिनों के लिये Studio Lights से दूर रहने को कहा है. वैसे सब ठीक-ठाक है. अब…
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) January 8, 2025
'आपकी अदालत' और 'आज की बात, रजत शर्मा के साथ' जैसे शो के जरिए रजत शर्मा ने भारतीय पत्रकारिता में एक अनोखी पहचान बनाई है। दर्शकों और शुभचिंतको को अब बेसब्री से उनके लौटने का इंतजार है।
असीम अरुण ने कहा कि 2019 का कुंभ अपने आप में अलौकिक था। पीएम मोदी और सीएम योगी ने कुंभ में हर पॉकेट के हिसाब से व्यवस्था दी है। 500 रुपए कमाने वाला भी कुंभ जा सकता है।
यूपी के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने देश के बड़े आयोजन 'महाकुंभ' पर 'एनडीटीवी कॉन्क्लेव' में अपनी राय रखी। उन्होंने महाकुंभ में रोजगार पर कहा कि योगी सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि कोई भी आम इंसान अपने परिवार संग आसानी से संगम पहुंच और स्नान कर सकता है।
ये योगी सरकार के मौलिक काम की वजह से संभव हो पाया है। इसके आर्थिक आयाम भी काफी अहम हैं। महाकुंभ के भव्य और डिजिटल के बहाने रोजगार सृजन की बात और इससे चुनाव पर कितना फर्क पड़ेगा, इस पर असीम अरुण ने कहा कि 2019 का कुंभ अपने आप में अलौकिक था।
पीएम मोदी और सीएम योगी ने कुंभ में हर पॉकेट के हिसाब से व्यवस्था दी है। 500 रुपए कमाने वाला भी कुंभ जा सकता है और ग्लैमरस टेंट की सुविधा भी ली जा सकती है। केंद्र और राज्य सरकार सीधे साढ़े छह हजार करोड़ रुपए इस पर खर्च कर रही है।
यह खर्च इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसपोर्ट पर किया जा रहा है। कुंभ को लेकर CIA की 2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1.2 लाख करोड़ का रेवेन्यू जनरेट हुआ। अभी डेढ़-दो लाख करोड़ के आसपास रेवेन्यू जनरेट होने की उम्मीद जताई जा ही है। कुंभ अपने आप में आर्थिक मंथन का भी अवसर होता है।
प्रमुख ब्रॉडकास्टर्स ने अपने संशोधित रेफरेंस इंटरकनेक्ट ऑफर्स (RIOs) जारी कर दिए हैं, जिनमें चैनलों की कीमतों में मिश्रित रुझान देखा गया है।
प्रमुख ब्रॉडकास्टर्स ने अपने संशोधित रेफरेंस इंटरकनेक्ट ऑफर्स (RIOs) जारी कर दिए हैं, जिनमें चैनलों की कीमतों में मिश्रित रुझान देखा गया है। कुछ चैनलों की दरों में वृद्धि हुई है, जबकि कुछ की कीमतें स्थिर रही हैं या कम कर दी गई हैं।
जियोस्टार ने चैनल बुके रेट्स के मामले में सबसे महंगे ब्रॉडकास्टर के रूप में उभरते हुए कीमतों में करीब 18% की वृद्धि की है। जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (SPNI, अब कल्वर मैक्स) ने भी अपने बुके की कीमतों में लगभग 12% की बढ़ोतरी की है।
जियोस्टार के स्टार वैल्यू पैक (SVP) हिंदी और SVP हिंदी बेसिक पैक की कीमतें अब ₹110 प्रति पैक हैं, जो पहले के स्टार इंडिया और वायकॉम18 के व्यक्तिगत हिंदी बेस पैक की संयुक्त कीमतों ₹60 और ₹34 से 18% अधिक हैं। ये बुके जनरल एंटरटेनमेंट, मूवीज, इंफोटेनमेंट, किड्स और स्पोर्ट्स जैसी विभिन्न कैटेगरीज के चैनल्स को शामिल करती हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज और डिज़्नी स्टार के विलय से बनी जियोस्टार ने 134 चैनलों के साथ 83 चैनल पैक पेश किए हैं, जिनमें 85 स्टैंडर्ड डेफिनिशन (SD), 44 हाई डेफिनिशन (HD), और 5 फ्री-टू-एयर (FTA) चैनल शामिल हैं। इसके अलावा, लाइनअप में नेटवर्क18 के 19 न्यूज चैनल भी शामिल हैं। क्षेत्रीय भाषाओं जैसे मराठी, गुजराती, बंगाली, उड़िया, कन्नड़, तेलुगु, तमिल और मलयालम के लिए भी बुके उपलब्ध हैं। सबसे महंगे पैक SPP मराठी लाइट हिंदी HD और SPP बंगाली लाइट हिंदी HD हैं, जिनकी कीमत ₹240 प्रति पैक है।
आला-कार्टे कीमतों में, जियोस्टार के लोकप्रिय चैनल जैसे स्टार प्लस, स्टार गोल्ड और कलर्स हिंदी ने ₹19 की कीमत बनाए रखी है। कलर्स मराठी की कीमत ₹15 पर स्थिर रही, जबकि स्टार भारत की कीमत ₹12 से बढ़कर ₹15 हो गई, और स्टार प्लस HD की कीमत ₹22 से बढ़कर ₹25 हो गई। वहीं, कुछ चैनलों की कीमतों में गिरावट हुई, जैसे कलर्स सिनेप्लेक्स की कीमत ₹19 से घटकर ₹15 और स्टार उत्सव की कीमत ₹0.50 से घटकर ₹0.10 हो गई।
ZEEL और SPNI ने भी अपने ऑफर्स में बदलाव किए हैं। SPNI के हैप्पी इंडिया स्मार्ट हिंदी पैक की कीमत ₹48 से बढ़कर ₹54 हो गई, और ज़ी के ऑल-इन-वन हिंदी SD पैक की कीमत ₹47 से बढ़कर ₹53 हो गई, जिसमें अंग्रेजी एंटरटेनमेंट चैनल ज़ी कैफे को जोड़ा गया। SPNI अप्रैल में एक नया मूवी चैनल, सोनी मैक्स 1, लॉन्च करने की योजना बना रहा है।
आला-कार्टे SPNI कीमतों में, सोनी पाल और सोनी मैक्स 2 जैसे चैनलों की कीमतें दोगुनी हो गई हैं, ₹0.50 से ₹1 और ₹1 से ₹2 हो गई हैं। सोनी स्पोर्ट्स TEN 4 की कीमत ₹17 से बढ़कर ₹19 हो गई। ज़ी के लिए, &TV की कीमत में 66% की वृद्धि हुई, ₹6 से बढ़कर ₹10 हो गई, जबकि ज़ी कैफे की कीमत में 70% की कमी हुई, ₹10 से घटकर ₹3 हो गई।
जनवरी 2023 में, नेटवर्क18 और ZEEL ने संशोधित RIOs पेश किए, जो 1 फरवरी से प्रभावी हुए। इंडिया कास्ट, नेटवर्क18 के डिस्ट्रीब्यूशन विभाग ने 25 से अधिक बुके बंद कर दिए, जैसे कलर्स वाला हिंदी बजट और बजट प्लस (₹25 प्रत्येक) और कलर्स वाला हिंदी वैल्यू (₹28)। इनकी जगह नए विकल्प पेश किए गए, जैसे कलर्स वाला हिंदी वैल्यू (₹34), कलर्स वाला हिंदी वैल्यू प्लस स्पोर्ट्स (₹45), और कलर्स वाला मराठी वैल्यू (₹40)।
जी ने चैनलों जैसे 'जी सिनेमालु' और 'जी पिच्चर' की आला-कार्टे कीमतों को भी अपडेट किया, जो प्रसारण मूल्य निर्धारण परिदृश्य में व्यापक रुझानों को दर्शाता है।
यह मूल्य संशोधन भारत की ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री की बदलती गतिशीलता को दर्शाता है, जिसमें उपभोक्ता लोकप्रिय पैकेजों के लिए सब्सक्रिप्शन लागत में उल्लेखनीय बदलाव का सामना कर रहे हैं।
ब्रॉडकास्टर्स और केबल ऑपरेटर्स के बीच टीवी चैनलों की कीमतों में वृद्धि TRAI के नए टैरिफ ऑर्डर या NTO 3.0 के तहत लगातार विवाद का विषय बनी रही है। यह आदेश 2023 में लागू हुआ, जिसने ब्रॉडकास्टर्स को बुके में शामिल चैनलों की कीमत ₹12 से बढ़ाकर ₹19 करने की अनुमति दी।
केबल ऑपरेटर, जो कीमतों में वृद्धि का लगातार विरोध कर रहे हैं, ने टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी से मुलाकात की और कीमतों में वृद्धि को लेकर अपनी चिंताओं पर चर्चा की। TRAI ने लोकसभा चुनावों के दौरान ब्रॉडकास्टर्स और केबल ऑपरेटर्स के बीच किसी भी विवाद से बचने के लिए जून 2024 तक टीवी चैनलों की कीमतों में बढ़ोतरी को रोक दिया।
रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और डिज्नी स्टार (Disney Star) के नए जॉइंट वेंचर 'जियोस्टार' (JioStar) ने अपना अपडेटेड रेफरेंस इंटरकनेक्ट ऑफर (RIO) जारी किया है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और डिज्नी स्टार (Disney Star) के नए जॉइंट वेंचर 'जियोस्टार' (JioStar) ने अपना अपडेटेड रेफरेंस इंटरकनेक्ट ऑफर (RIO) जारी किया है। इस ब्रॉडकास्टर ने 83 चैनल पैक्स पेश किए हैं, जिसमें कुल 134 चैनल्स शामिल हैं। इनमें से 85 स्टैंडर्ड डेफिनिशन (SD), 44 हाई डेफिनिशन (HD) और 5 फ्री-टू-एयर (FTA) चैनल्स के विकल्प शामिल हैं।
JioStar द्वारा घोषित पैकेज में Network18 के 19 न्यूज चैनल शामिल हैं।
RIO के अनुसार, 'जियोस्टार' (JioStar) का स्टार वैल्यू पैक (SVP) हिंदी और SVP हिंदी बेसिक पैक (SD चैनलों के लिए) का मूल्य ₹110 प्रति पैक रखा गया है। इन बुके में जनरल एंटरटेनमेंट, मूवी, इंफोटेनमेंट, किड्स और स्पोर्ट्स जैसे विभिन्न जॉनर के चैनल शामिल हैं।
इसके अलावा, क्षेत्रीय भाषाओं जैसे मराठी, गुजराती, बांग्ला, उड़िया, कन्नड़, तेलुगू, तमिल और मलयालम के लिए भी विशेष पैकेज तैयार किए गए हैं।
सबसे महंगे पैक SPP मराठी लाइट हिंदी HD और SPP बांग्ला लाइट हिंदी HD हैं, जिनकी कीमत ₹240 प्रति पैक है।
सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (कल्वर मैक्स) और जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) ने भी अपने चैनलों की कीमतें घोषित कर दी हैं, जो 1 फरवरी, 2025 से लागू होंगी।
नए RIO के अनुसार, SPNI के सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन (SET), सोनी मैक्स 2 और इसके पांच स्पोर्ट्स चैनल्स की कीमत ₹19 प्रति चैनल है। SPNI इस साल अप्रैल में एक और मूवी चैनल 'सोनी मैक्स 1' भी लॉन्च कर रहा है।
SPNI का हैप्पी इंडिया स्मार्ट हिंदी पैक की कीमत अब ₹48 से बढ़कर ₹54 हो गई है। इसी तरह, Zee का ऑल इन वन पैक हिंदी SD, जिसमें अब इंग्लिश एंटरटेनमेंट चैनल Zee Café भी शामिल है, की कीमत ₹47 से बढ़कर ₹53 हो गई है।
इंडस्ट्री से जुड़े एक एक्सपर्ट के अनुसार, DPOs (डिस्ट्रिब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स) इन कीमतों का अध्ययन कर रहे हैं और जल्द ही अपने सुझाव साझा करेंगे।
JioStar प्रमुख क्रिकेट आयोजनों, जैसे इंडियन प्रीमियर लीग (IPL), अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) और भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) द्वारा आयोजित टूर्नामेंट्स के प्रसारण अधिकार रखता है।
यह आंकड़ा दूरदर्शन द्वारा प्रदान की जाने वाली मुफ्त डीटीएच सेवा डीडी फ्री डिश का उपयोग करने वाले सब्सक्राइबर्स को छोड़कर है।
भारत के पे-डीटीएच सेक्टर ने अपने एक्टिव सब्सक्राइबर बेस (सक्रिय ग्राहकों की संख्या) में गिरावट दर्ज की है, जो जून 2024 में 62.17 मिलियन से घटकर सितंबर 2024 में 59.91 मिलियन रह गया है। यह जानकारी भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट में दी गई।
यह आंकड़ा दूरदर्शन द्वारा प्रदान की जाने वाली मुफ्त डीटीएच सेवा डीडी फ्री डिश का उपयोग करने वाले सब्सक्राइबर्स को छोड़कर है। यह बदलाव भारत में टेलीविजन उपभोग के बदलते रुझानों को दर्शाता है।
TRAI की टेलीकॉम सर्विसेज परफॉर्मेंस इंडिकेटर रिपोर्ट में कहा गया, “पे डीटीएच का कुल एक्टिव सब्सक्राइबर बेस लगभग 59.91 मिलियन है। इसमें डीडी फ्री डिश के सब्सक्राइबर्स शामिल नहीं हैं। कुल एक्टिव सब्सक्राइबर बेस जून 2024 के 62.17 मिलियन से घटकर सितंबर 2024 में 59.91 मिलियन हो गया है।''
रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2023 में समाप्त तिमाही में कुल पे डीटीएच सब्सक्राइबर बेस 64.18 मिलियन था। इसके बाद से इसमें हर तिमाही गिरावट देखी गई है। हालांकि, मार्च 2024 से जून 2024 के बीच यह आंकड़ा दो लाख सब्सक्राइबर्स की मामूली बढ़त के साथ बढ़ा था।
वर्तमान में देश में चार प्रमुख पे डीटीएच प्रोवाइडर्स हैं- डिश टीवी, टाटा प्ले, भारती टेलीमीडिया और सन डायरेक्ट। डीडी फ्री डिश प्रसार भारती की निःशुल्क डीटीएच सेवा है। TRAI के अनुसार, बाजार में टाटा प्ले की हिस्सेदारी 31.99%, भारती टेलीमीडिया की 29.38%, डिश टीवी की 19.53% और सन डायरेक्ट की 19.10% है।
रिपोर्ट के अनुसार, कुल मिलाकर 912 निजी सैटेलाइट टीवी चैनल्स को सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) द्वारा केवल अपलिंकिंग/केवल डाउनलिंकिंग/दोनों के लिए अनुमति दी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया, “3 मार्च 2017 के टैरिफ आदेश के तहत प्रसारकों द्वारा की गई रिपोर्टिंग के अनुसार, भारत में डाउनलिंकिंग के लिए उपलब्ध 902 स्वीकृत सैटेलाइट टीवी चैनलों में से 30 सितंबर 2024 तक 362 पे टीवी चैनल हैं। इनमें 258 एसडी सैटेलाइट पे टीवी चैनल और 104 एचडी सैटेलाइट पे टीवी चैनल शामिल हैं। वहीं, 540 फ्री-टू-एयर (एफटीए) चैनल हैं।”
362 सैटेलाइट पे टीवी चैनलों में से 205 चैनल शीर्ष पांच प्रसारकों के हैं – स्टार इंडिया (64 चैनल), जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (49), वायाकॉम 18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड (39), सन टीवी नेटवर्क लिमिटेड (31) और कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (22)।
इसके अलावा, यह भी बताया गया कि डिजिटल एड्रेसेबल सिस्टम (DAS) के माध्यम से केबल टीवी सेवाएं प्रदान करने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा स्थायी पंजीकरण (10 साल) प्राप्त मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर्स (MSOs) की संख्या जून 2024 में 880 से घटकर सितंबर 2024 में 845 हो गई।
एमएसओ में, सितंबर 2024 तक GTPL हैथवे ने 89.74 लाख सब्सक्राइबर्स के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त किया, इसके बाद हैथवे डिजिटल के 51.74 लाख और सिटी नेटवर्क्स के 48.10 लाख सब्सक्राइबर बेस रहे।
अनिल कुमार वर्मा इससे पहले करीब दो साल से ‘न्यूज नेशन’ (News Nation) में अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे, जहां से उन्होंने कुछ समय पूर्व इस्तीफा दे दिया था।
पत्रकार अनिल कुमार वर्मा ने नए साल पर नई पारी का आगाज किया है। उन्होंने ‘जी न्यूज’ (Zee News) में डिप्टी एग्जिक्यूटिव प्रड्यूसर के पद पर जॉइन किया है। ‘जी मीडिया’ के साथ उनकी यह तीसरी पारी है।
अनिल कुमार वर्मा इससे पहले करीब दो साल से ‘न्यूज नेशन’ (News Nation) में अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे, जहां से उन्होंने कुछ समय पूर्व इस्तीफा दे दिया था।
मूल रूप से अंबेडकर नगर (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले अनिल कुमार को मीडिया में काम करने का करीब 21 साल का अनुभव है। मीडिया के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने वर्ष 2003 में ‘ईटीवी’ (ETV) से की थी।
इसके साथ ही वह ‘वॉइस ऑफ इंडिया’, ‘न्यूज24’ और ‘इंडिया न्यूज’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में भी अपनी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। समाचार4मीडिया की ओर से अनिल कुमार वर्मा को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।