2023 में BARC ने घोषणा की थी कि वह 2025 तक अपने पैनल घरों की संख्या को 55,000 से बढ़ाकर 75,000 करेगा, लेकिन नए पैनल की भर्ती की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो सकी है।
कंचन श्रीवास्तव, सीनियर एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।
टीवी व्युअरशिप मापन प्रणाली को मजबूत करने के लिए जिन प्रमुख पहलों पर कुछ वर्ष पहले गंभीर चर्चा शुरू हुई थी, जैसे- हाउसहोल्ड (HH) पैनल कवरेज का विस्तार, मल्टीस्क्रीन मापन की शुरुआत और कनेक्टेड टीवी (CTV) सर्वे, वो अब तक जमीन पर नहीं उतर सकी हैं। इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक, इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि कुछ ब्रॉडकास्टर्स की ओर से इन पहलों में लगातार रुचि नहीं दिखाई गई।
एक्सचेंज4मीडिया ने पहले रिपोर्ट किया था कि ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) ने 2018 के बाद से अब तक कोई बेसलाइन सर्वे नहीं किया है, जिससे मौजूदा टीवी व्युअरशिप डेटा की सटीकता पर सवाल उठने लगे हैं, खासकर तब जब कोविड के बाद दर्शकों की मीडिया खपत की आदतों में नाटकीय बदलाव आया है।
2023 में BARC ने घोषणा की थी कि वह 2025 तक अपने पैनल घरों की संख्या को 55,000 से बढ़ाकर 75,000 करेगा, जबकि इससे पहले यह 2022 में 30,000 से बढ़ाया गया था। लेकिन नए पैनल की भर्ती की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो सकी है। इंडस्ट्री के अधिकारियों ने बताया कि मल्टीस्क्रीन मापन की योजना भी बनी थी, जिसमें रिटर्न पाथ डेटा का इस्तेमाल कर सटीकता लाई जाती, लेकिन अब तक कुछ नहीं हो पाया है।
इसी तरह, BARC की तकनीकी समितियों में कनेक्टेड टीवी और मल्टीस्क्रीन व्युअरशिप पर चर्चा तो हुई, लेकिन यह योजनाएं कागजों से आगे नहीं बढ़ पाईं। भारत में तेजी से बढ़ती CTV पहुंच के बावजूद अब तक इसे मापने के लिए कोई औपचारिक प्रणाली मौजूद नहीं है।
उद्योग जानकारों का मानना है कि इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (IBDF) के भीतर मतभेद भी टीवी व्युअरशिप मापन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जरूरी पहलों को आगे बढ़ाने में बाधा बन रहे हैं।
इस मसले पर न तो BARC के सीईओ नकुल चोपड़ा और न ही IBDF के चेयरमैन केविन वाज ने e4m के कॉल या मैसेज का जवाब दिया। जैसे ही प्रतिक्रिया मिलेगी, कॉपी को अपडेट किया जाएगा।
यह गतिरोध ऐसे समय में सामने आया है जब भारत के विज्ञापन परिदृश्य में टीवी की पकड़ धीरे-धीरे कमजोर हो रही है। इस साल की शुरुआत में जारी FICCI-EY की मीडिया और एंटरटेनमेंट रिपोर्ट 2025 के अनुसार, पहली बार डिजिटल मीडिया ने टेलीविजन को पीछे छोड़ते हुए 2024 में भारतीय मीडिया उद्योग में सबसे बड़ा सेगमेंट बना, और कुल राजस्व में 32% का योगदान दिया।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि लाइनियर टेलीविजन से होने वाला राजस्व लगातार दूसरे साल गिरा, जबकि व्युअरशिप में ज्यादा बदलाव नहीं आया। पेड टीवी घरों की संख्या में 60 लाख की कमी के चलते सब्सक्रिप्शन राजस्व में 3% की गिरावट दर्ज की गई, वहीं फ्री टीवी और कनेक्टेड टीवी घरों की संख्या में वृद्धि हुई। कनेक्टेड टीवी, जो इंटरनेट से जुड़कर कंटेंट स्ट्रीम करते हैं, 2023 में 2.3 करोड़ से बढ़कर 2024 में 3 करोड़ तक पहुंच चुके हैं।
टीवी का भारत के एडवरटाइजिंग एक्सपेंडिचर (AdEx) में हिस्सा 2022 के 34% से घटकर 2024 में 30% से भी कम (₹34,500 करोड़) रह गया है। इसके विपरीत, डिजिटल विज्ञापन अब कुल बाजार का 50% से अधिक हिस्सा लेकर ₹49,250 करोड़ तक पहुंच चुका है, जैसा कि पिच मैडिसन एडवरटाइजिंग रिपोर्ट 2025 बताती है।
यह बदलाव सक्रिय विज्ञापनदाताओं की संख्या में भी दिखता है। PMAR के मुताबिक, 2023 में जहां टीवी पर 11,127 ब्रांड्स ने विज्ञापन दिए, वहीं 2024 में यह संख्या घटकर 8,653 हो गई—यानी 23% की गिरावट।
एक मीडिया कार्यकारी ने कहा, “डिजिटल पहुंच बढ़ रही है, और कई बार नए टैरिफ ऑर्डर (NTO) लागू हो चुके हैं, ऐसे में BARC इंडिया को अपने पैनल का विस्तार करने और दर्शकों के वास्तविक व्यवहार को प्रतिबिंबित करने के लिए सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता है।”
क्या ब्रांड्स अंधेरे में काम कर रहे हैं?
कई ब्रांड मैनेजर और मीडिया प्लानर मानते हैं कि मजबूत और अद्यतन मापन की अनुपस्थिति से उनके कैंपेन की रणनीति और ROI का आकलन प्रभावित हो रहा है।
एक प्रमुख एफएमसीजी ब्रांड के वरिष्ठ मीडिया प्लानर ने कहा, “पिछले पांच सालों में बड़े स्क्रीन की दुनिया पूरी तरह बदल गई है। अब हाइब्रिड घरों की संख्या बढ़ रही है—जहां कनेक्टेड प्लेटफॉर्म और पारंपरिक टीवी दोनों देखे जाते हैं—लेकिन हम अभी भी पुराने अनुमानों पर काम कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि सैंपल साइज, व्युअरशिप ट्रेंड्स और दशकों पुराने अनुमानों के आधार पर सैकड़ों करोड़ के टीवी मीडिया बजट को जस्टिफाई करना मुश्किल होता जा रहा है।
एक मल्टीनेशनल कंपनी के मीडिया हेड ने कहा, “हमें ऐसा डेटा चाहिए जो दर्शकों के संपूर्ण व्यवहार को माप सके—चाहे वह केबल देख रहे हों, DTH, स्मार्ट टीवी या मोबाइल पर। अभी तो हम अंधेरे में काम कर रहे हैं।”
रुक गए सुधार
व्युअरशिप डेटा की मजबूती पैनल साइज और उसके भौगोलिक व सामाजिक प्रतिनिधित्व पर निर्भर करती है। BARC का पैनल रिक्रूटमेंट एक दो-स्तरीय प्रक्रिया है—पहले ब्रॉडकास्ट इंडिया एस्टैब्लिशमेंट सर्वे किया जाता है (जो 2018 में हुआ था), और फिर उसके आधार पर हाउसहोल्ड्स को पैनल में शामिल किया जाता है।
सूत्र बताते हैं कि इस सर्वे को अपडेट करने, पैनल घरों की संख्या बढ़ाने और मल्टीस्क्रीन और CTV मापन शुरू करने के प्रस्तावों में हाल के वर्षों में कोई खास प्रगति नहीं हुई है। एक फ्री-टू-एयर (FTA) ब्रॉडकास्टर ने बताया कि इंडस्ट्री के भीतर आंतरिक मतभेद भी देरी की वजह हो सकते हैं।
एक्जीक्यूटिव ने कहा, “व्युअरशिप ट्रेंड्स काफी बदल गए हैं, अब ग्रामीण ही नहीं, बल्कि अर्ध-शहरी और शहरी क्षेत्रों में भी FTA चैनल्स की खपत बढ़ रही है। अगर बेसलाइन अपडेट होती है या पैनल का प्रतिनिधित्व बढ़ता है, तो इससे ज्यादा सटीक डेटा मिलेगा—लेकिन यह सभी हितधारकों को अनुकूल नहीं लग सकता।”
FTA चैनलों का कहना है कि EY-FICCI की रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में 11.1 करोड़ से घटकर 2027 तक पेड टीवी घरों की संख्या 9.5 करोड़ रह जाएगी। यह गिरावट मुख्य रूप से CTV की बढ़ती पहुंच के कारण होगी, जो 2024 में 3 करोड़ से बढ़कर 2027 तक 4.8 करोड़ हो जाएगी।
FTA सदस्य कहते हैं, “वहीं फ्री टीवी, जो 2024 में 4.9 करोड़ है, अगले तीन वर्षों में 40 लाख नए घर जोड़ लेगा। इसका मतलब है कि पेड से फ्री टीवी की ओर दर्शकों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है।”
एक इंडस्ट्री लीडर ने कहा कि पैनल विस्तार या यूनिवर्स अपडेट से मुख्य हितधारकों के व्यवसाय पर प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए उन्होंने प्रक्रिया में जानबूझकर देरी की होगी।
FTA चैनल IBDF के सदस्य तो हैं, लेकिन उनका कहना है कि BARC के बोर्ड में उनका कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, इसलिए उनकी बात को ज्यादा तवज्जो नहीं मिलती।
TRAI और Comscore की सक्रियता
बढ़ती चिंताओं के बीच, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने भी टीवी मापन प्रणाली में तत्काल सुधार की मांग की है।
TRAI के चेयरमैन ए.के. लाहोटी ने हाल ही में इस पारिस्थितिकी तंत्र को “विकृत” बताया और कहा कि इसमें कई रेटिंग एजेंसियों का प्रवेश, मजबूत तकनीकी एकीकरण और पारंपरिक टीवी व OTT के बीच समानता लाने के लिए सरकारी हस्तक्षेप आवश्यक है।
उधर, Comscore भारत में Google के साथ साझेदारी में YouTube CTV व्युअरशिप मापन समाधान शुरू करने की तैयारी में है। इससे पहले, वह भारतीय ब्रॉडकास्टर्स के साथ साझेदारी की कोशिश कर चुका था, लेकिन यह योजना फलीभूत नहीं हो सकी, जैसा कि e4m ने इस साल की शुरुआत में रिपोर्ट किया था।
मृदुल शर्मा पहले भी इस शो को होस्ट कर चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने ‘रिपब्लिक भारत’ के शो ‘न्यूज का एक्स-रे’ (News Ka X Ray) के जरिये भी दर्शकों का दिल जीता है।
हिंदी न्यूज चैनल ‘रिपब्लिक भारत’ के लोकप्रिय प्राइम टाइम शो ‘ये भारत की बात है’ (Yeh Bharat Ki Baat Hai) को अब सीनियर न्यूज एंकर मृदुल शर्मा होस्ट करेंगे।
अपने राष्ट्रवादी रुख और पैनी पत्रकारिता के लिए पहचाने जाने वाले मृदुल शर्मा पहले भी इस शो को होस्ट कर चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने ‘रिपब्लिक भारत’ के शो ‘न्यूज का एक्स-रे’ (News Ka X Ray) के जरिये भी दर्शकों का दिल जीता है।
‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ (Republic Media Network) के अनुसार, रिपब्लिक भारत की कोर एडिटोरियल टीम द्वारा तैयार और संचालित यह शो अपने 100 प्रतिशत न्यूज फ़ॉर्मेट और लगातार नंबर-1 रेटिंग के कारण बेहद लोकप्रिय है। चाहे बड़ी खबरों का खुलासा करना हो या छोटे कस्बों से निकलकर राष्ट्रीय पटल पर आने वाली स्टोरीज को आवाज देना—यह शो असली भारत की झलक दिखाता है।
अपनी नई भूमिका के बारे में मृदुल शर्मा, का कहना है, ‘ यह मेरे लिए बेहद रोमांचक मौका है और मैं आभारी हूं कि मुझे यह शो होस्ट करने का अवसर मिला, जिसे रिपब्लिक भारत की कोर टीम ने शुरुआत से बनाया और संभाला है। मेरा वादा साफ है-भारत की कहानी, जैसी है वैसी, हर रात सीधे हमारे दर्शकों तक पहुंचाना।’
वहीं, ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ अरनब गोस्वामी का कहना है, ‘यह शो रिपब्लिक भारत की आत्मा है। यह निर्भीक, गहरा और जनता से सीधा जुड़ा हुआ है। मृदुल इस शो को वहां तक ले जाने की ऊर्जा और विश्वसनीयता रखते हैं, जहां इसे होना चाहिए।’
देश के प्रमुख न्यूज नेटवर्क्स में दो दशकों से भी अधिक का अनुभव रखने वाली पद्मजा जोशी ने विभिन्न फॉर्मेट, भाषाओं और प्लेटफॉर्म्स पर काम किया है।
वरिष्ठ पत्रकार पद्मजा जोशी ने NDTV 24x7 में मैनेजिंग एडिटर और प्राइमटाइम एंकर के तौर पर नई भूमिका संभाल ली है। देश के प्रमुख न्यूज नेटवर्क्स में दो दशकों से भी अधिक का अनुभव रखने वाली पद्मजा ने विभिन्न फॉर्मेट, भाषाओं और प्लेटफॉर्म्स पर काम किया है।
NDTV से पहले वह TV9 नेटवर्क में सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर के पद पर थीं, जहां उन्होंने News9 चैनल पर ‘इन योर इंटरेस्ट’ जैसे लॉन्ग-फॉर्म शो और TV9 भारतवर्ष पर 'परवाह देश की’ जैसे इनोवेटिव कार्यक्रमों का नेतृत्व किया।
पद्मजा जोशी ने कई प्रतिष्ठित संपादकीय टीमों का नेतृत्व किया है और कई लोकप्रिय प्राइमटाइम न्यूज शोज की एंकरिंग की है। इंडिया टुडे ग्रुप में रहते हुए वह 'पीपुल्स कोर्ट' की एंकर थीं और साथ ही पूरे दिन की एडिटोरियल आउटपुट की जिम्मेदारी भी संभालती थीं। टाइम्स नाउ पर उन्होंने 'न्यूजआवर एजेंडा' और 'इंडिया अपफ्रंट' जैसे चर्चित प्राइमटाइम शोज की एंकरिंग की, जो उनके कार्यकाल में नेटवर्क के प्रमुख शो बन गए थे।
उन्होंने दिल्ली दंगे, पश्चिम बंगाल और बिहार विधानसभा चुनावों से लेकर लोकसभा चुनावों तक की बड़ी घटनाओं की लाइव कवरेज का भी सफलतापूर्वक संचालन किया है।
पद्मजा जोशी ने कुछ दिनों पूर्व ही‘टीवी9 नेटवर्क’ में अपनी पारी को विराम दे दिया था। उस समय विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से समाचार4मीडिया ने बताया था कि वह ‘एनडीटीवी’ में शामिल हो सकती हैं।
जानी-मानी न्यूज एंकर और वरिष्ठ टीवी पत्रकार पद्मजा जोशी ने ‘एनडीटीवी’ (NDTV) के साथ अपनी नई पारी का आगाज कर दिया है। उन्होंने यहां पर बतौर मैनेजिंग एडिटर जॉइन किया है। इसके साथ ही वह NDTV 24*7 में प्राइम टाइम एंकरिंग की जिम्मेदारी भी संभालेंगी।
यह भी पढ़ें: जल्द 'NDTV' की टीम में शामिल हो सकती हैं सीनियर न्यूज एंकर पद्मजा जोशी
बता दें कि पद्मजा जोशी ने हाल ही में ‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) में अपनी पारी को विराम दे दिया था। उन्होंने इस नेटवर्क में करीब एक साल पहले बतौर सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर जॉइन किया था। यहां वह ‘टीवी9’ और ‘न्यूज9’ दोनों में अपनी अहम भूमिका निभा रही थीं।
उस समय विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से समाचार4मीडिया ने बताया था कि वह ‘एनडीटीवी’ में शामिल हो सकती हैं। पद्मजा जोशी ‘टीवी9 नेटवर्क’ से पहले ‘टाइम्स नाउ’ (Times Now) में सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर के पद पर अपनी भूमिका निभा रही थीं।
अपने बेबाक अंदाज के लिए पहचानी जाने वाली पद्मजा जोशी की गिनती तेज तर्रार पत्रकारों में होती है। अपने करीब डेढ़ दशक के पत्रकारीय करियर में वह रिपोर्टर, प्रड्यूसर और कमेंटेटर के साथ-साथ प्राइम टाइम न्यूज एंकर के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं। उन्होंने स्टार न्यूज (अब एबीपी न्यूज), हेडलाइंस टुडे, टाइम्स नाउ और ‘टीवी9 नेटवर्क’ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अंग्रेजी और हिंदी दोनों की कमान संभाल चुकी हैं।
वरिष्ठ पत्रकार सुबोध सिंह ने ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह इस समूह के हिंदी न्यूज चैनल ‘जी न्यूज’ (Zee News) में आउटपुट हेड के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
वरिष्ठ पत्रकार सुबोध सिंह ने ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह इस समूह के हिंदी न्यूज चैनल ‘जी न्यूज’ (Zee News) में आउटपुट हेड के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। उन्हें पिछले साल ही इस पद पर प्रमोट किया गया था। इससे पहले वह करीब दो साल से यहां सीनियर एग्जिक्यूटिव प्रड्यूसर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। यह इस मीडिया समूह के साथ उनकी तीसरी पारी थी।
विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार, सुबोध सिंह अब ‘एनडीटीवी’ (NDTV) के साथ अपनी नई पारी शुरू करने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि वह यहां जल्द ही जॉइन करेंगे और उन्हें आउटपुट में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि, फिलहाल इस बारे में न तो एनडीटीवी और न ही सुबोध सिंह की ओर से पुष्टि हो पाई है।
बता दें कि मूल रूप से देवरिया (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले सुबोध सिंह को मीडिया में काम करने का करीब 26 साल का अनुभव है। वह कई न्यूज चैनल्स की लॉन्चिंग टीम का हिस्सा रहे हैं।
सुबोध सिंह ने मीडिया में अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1999 में ‘जी न्यूज’ से ही की थी। इसके बाद वह यहां से अलविदा बोलकर ‘सहारा’ से जुड़ गए और उसकी लॉन्चिंग टीम में शामिल रहे। इसके बाद यहां से वह ‘आजतक’ चले गए और करीब 17 साल तक वहां अपनी जिम्मेदारी निभाई।
बाद में वर्ष 2019 में ‘आजतक’ से अलग होकर वह दोबारा ‘जी न्यूज’ आ गए और करीब दो साल तक यहां कार्यरत रहे। फिर वह टाइम्स समूह में चले गए और ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ की लॉन्चिंग टीम का हिस्सा रहे और एक साल बाद फिर ‘जी न्यूज’ आ गए। ‘जी न्यूज’ के साथ उनकी यह तीसरी पारी थी, जहां से उन्होंने हाल ही में इस्तीफा दे दिया है।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो सुबोध सिंह ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली स्थित ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन’ (IIMC) से पत्रकारिता की पढ़ाई की है।
एनडीटीवी ने अनुभवी मीडिया प्रोफेशनल अनुपम श्रीवास्तव को NDTV इंडिया और उसके रीजनल चैनल्स के लिए चीफ एग्जिक्यूटिव प्रड्यूसर नियुक्त किया है।
एनडीटीवी (NDTV) ने अनुभवी मीडिया प्रोफेशनल अनुपम श्रीवास्तव को NDTV इंडिया और उसके रीजनल चैनल्स के लिए चीफ एग्जिक्यूटिव प्रड्यूसर नियुक्त किया है। अनुपम को ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म, फैक्ट-आधारित लॉन्ग-फॉर्म स्टोरीटेलिंग और चैनल ऑपरेशंस में दो दशकों से भी अधिक का गहन अनुभव है।
अनुपम लाइव न्यूज की तीव्रता और नैरेटिव की गहराई को बखूबी समझते हैं। उन्होंने Times Now, Times Now Navbharat और Times Chronicles जैसे प्लेटफॉर्म्स पर 26/11 मुंबई हमले से लेकर अहम चुनावों तक जैसी कई राष्ट्रीय घटनाओं की कवरेज का नेतृत्व किया है। इतना ही नहीं, उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ दो दुर्लभ और एक्सक्लूसिव इंटरव्यू भी किए हैं।
लॉन्ग-फॉर्म कंटेंट की बात करें तो उनका पोर्टफोलियो Discovery+ के Love Kills, National Geographic India के Tiranga, 1971: Birth of a Nation, Tales of Valour, Kashmir: The Story और Gallantry of Galwan जैसे प्रशंसित शोज से सुसज्जित है। इन प्रोजेक्ट्स में उनकी रिसर्च की गहराई, सिनेमैटिक विजुअल डिजाइन और डिसिप्लिन्ड नैरेटिव स्ट्रक्चर को कई NT अवॉर्ड्स व enba अवॉर्ड्स मिल चुके हैं।
एडिटोरियल कार्य के अलावा अनुपम ने चैनल्स की विजुअल और ऑपरेशनल आइडेंटिटी गढ़ने में भी अहम भूमिका निभाई है- चाहे वह SD से HD में ट्रांजिशन हो, चैनल का पूरा स्थानांतरण, ब्रैंड-डिफाइनिंग डिजाइन प्रोजेक्ट्स का नेतृत्व हो या फिर वैश्विक OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए ओरिजिनल प्रोग्रामिंग की कमिशनिंग। उनके पास आर्काइव फ़ुटेज को नई, असरदार कहानियों में बदलने की खास क्षमता है, जिसके जरिए वे अलग-अलग बजट्स पर प्रीमियम कंटेंट डिलीवर कर चुके हैं।
अपने नए रोल में अनुपम न सिर्फ NDTV इंडिया के फ्लैगशिप प्रोग्रामिंग की जिम्मेदारी संभालेंगे, बल्कि रीजनल चैनल्स की कंटेंट स्ट्रैटेजी, एडिटोरियल डायरेक्शन और ब्रैंड पोजिशनिंग को भी दिशा देंगे। उनके कार्यक्षेत्र में स्थानीय स्तर पर दर्शकों से जुड़ाव बढ़ाना, रीजनल कहानियों को सशक्त बनाना और हर बाजार की भाषाई-सांस्कृतिक विविधता को कवरेज में प्रतिबिंबित करना शामिल है।
अपनी नियुक्ति पर अनुपम श्रीवास्तव ने कहा, “NDTV की सबसे बड़ी ताकत है विश्वसनीय और खूबसूरती से बुनी गई कहानियां। मेरा फोकस इसी ताकत को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दोनों स्तरों पर और निखारने पर रहेगा, ताकि हर कहानी दर्शकों से एक गहरा जुड़ाव बना सके।”
NDTV के CEO और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल ने कहा, “अनुपम अपने साथ वह समझदारी, अनुभव और क्रिएटिव फोकस लेकर आ रहे हैं जो NDTV के प्रीमियम कंटेंट को एक नई ऊंचाई दे सकते हैं। एडिटोरियल विजन को प्रभावशाली क्रियान्वयन में बदलने की उनकी क्षमता उन्हें हमारी टीम का बहुमूल्य हिस्सा बनाती है।”
अनुपम श्रीवास्तव की इस नियुक्ति के साथ NDTV इंडिया और उसके क्षेत्रीय चैनल ऐसी कहानियां पेश करेंगे जो स्पष्टता के साथ सुनाई जाएं, उद्देश्य के साथ गढ़ी गई हों और एक नए भारत की ऊर्जा और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करें।
भारतीय ब्रॉडकास्टिंग और डिजिटल फाउंडेशन (IBDF) के जरिए देश के प्रमुख टेलीविजन ब्रॉडकास्टर्स ने TRAI से घरेलू और कमर्शियल यूजर्स के लिए अलग-अलग टैरिफ स्ट्रक्चर फिर से लागू करने की मांग की है।
भारतीय ब्रॉडकास्टिंग और डिजिटल फाउंडेशन (IBDF) के जरिए देश के प्रमुख टेलीविजन ब्रॉडकास्टर्स ने टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) से घरेलू और कमर्शियल यूजर्स के लिए अलग-अलग टैरिफ स्ट्रक्चर फिर से लागू करने की मांग की है। इस मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा मूल्य निर्धारण प्रणाली को लेकर ब्रॉडकास्टर्स के बीच लगातार असंतोष बढ़ रहा है।
ब्रॉडकास्टर्स का तर्क है कि वर्तमान ढांचा रेस्तरां, होटल और बार जैसे कमर्शियल प्रतिष्ठानों को घरेलू दर्शकों के लिए तय दरों पर टेलीविजन कंटेंट उपलब्ध कराता है, जो उन्हें अनुचित लगता है। इसके अलावा, वे कमर्शियल यूजर्स के साथ अलग से दरें तय करने और डायरेक्टर डील करने की स्वतंत्रता भी मांग रहे हैं, ताकि समान मूल्य निर्धारण नियमों से बंधे न रहना पड़े।
गौरतलब है कि पहले TRAI ने कमर्शियल और रिटेल यूजर्स के लिए अलग-अलग दरों की अनुमति दी थी। लेकिन 2015 में इस अंतर को समाप्त कर दिया गया और ब्रॉडकास्टर्स, डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म्स और कमर्शियल यूजर्स के बीच त्रिपक्षीय व्यवस्था लागू की गई। ब्रॉडकास्टर्स का कहना है कि इस बदलाव से उनकी लचीलापन खत्म हो गया है और यह अन्य इंडस्ट्रीज की तुलना में असंगत है, जहां कमर्शियल यूजर्स से आम उपभोक्ताओं की तुलना में अलग दरें वसूली जाती हैं।
TRAI को दिए गए अपने प्रस्तुतीकरण में IBDF ने मौजूदा रेगुलेटरी ढांचे को पुराना और अप्रासंगिक बताया है, खासकर पारंपरिक टीवी व्युअरशिप में लगातार आ रही गिरावट को देखते हुए। इंडस्ट्री अनुमानों के अनुसार, 2022 में जहां पारंपरिक टीवी की पहुंच लगभग 12 करोड़ घरों तक थी, वहीं अब यह घटकर लगभग 9 करोड़ तक रह गई है, क्योंकि दर्शक तेजी से डिजिटल और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म की ओर रुख कर रहे हैं।
उम्मीद की जा रही है कि ब्रॉडकास्टर्स आगामी बैठकों में TRAI के साथ इस मुद्दे पर और जोरदार पैरवी करेंगे। यह कवायद ऐसे समय हो रही है जब TRAI टीवी प्राइसिंग नियमों की समीक्षा के लिए प्री-कंसल्टेशन पेपर तैयार कर रहा है, ताकि मीडिया खपत के बदलते तरीकों के अनुरूप नीतियों में बदलाव किया जा सके।
TRAI अधिकारियों के अनुसार, यह परामर्श प्रक्रिया अभी शुरुआती चरण में है। अब तक DTH ऑपरेटर्स, केबल प्रोवाइडर्स और टाटा प्ले तथा डिश टीवी जैसे प्लेटफॉर्म्स समेत कई पक्षों से इनपुट मिल चुके हैं। इंडस्ट्री संगठनों में NBDA (न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन) और AIDCF (ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन) भी इस प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं।
ब्रॉडकास्टर्स का कहना है कि यह मुद्दा इसलिए भी ज्यादा जरूरी हो गया है क्योंकि हाल के वर्षों में सब्सक्रिप्शन आधारित कमाई ठहर गई है या उसमें गिरावट दर्ज की गई है।
सूत्रों के अनुसार, IBDF ने मौजूदा रेगुलेटरी सिस्टम को अत्यधिक प्रतिबंधात्मक बताया है, खासकर मूल्य निर्धारण की लचीलापन और चैनलों की बंडलिंग के संदर्भ में।
जानी-मानी न्यूज एंकर और तेजतर्रार पत्रकार अंजना ओम कश्यप को ‘आजतक’ में एक और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जानी-मानी न्यूज एंकर और तेजतर्रार पत्रकार अंजना ओम कश्यप को ‘आजतक’ में एक और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। AT2 की सीनियर मैनेजिंग एडिटर के रूप में अहम भूमिका निभा रहीं अंजना को अब आजतक एचडी का भी प्रभारी बना दिया गया है। यह प्रमोशन न केवल उनके नेतृत्व कौशल की स्वीकारोक्ति है, बल्कि चैनल की संपादकीय दिशा में उनके बढ़ते प्रभाव को भी दर्शाता है।
अंजना इस समय ‘आजतक’ के सबसे चर्चित प्राइम टाइम शो ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ की एंकर हैं, जो विश्लेषण, ग्राउंड रिपोर्टिंग और दर्शकों से सीधे संवाद का अनोखा मेल है। इस शो में उनका AI अवतार ‘अंजना-2’ भी दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय है, जो तकनीक और पत्रकारिता के सम्मिलन का नया उदाहरण बना है।
करीब दो दशक से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय अंजना ओम कश्यप ने रिपोर्टिंग से लेकर डिबेट तक, हर मोर्चे पर खुद को साबित किया है। निर्भीक सवालों, जन-सरोकार से जुड़े मुद्दों और स्पष्ट दृष्टिकोण के लिए जानी जाने वाली अंजना, आज ‘आजतक’ की सबसे भरोसेमंद आवाज बन चुकी हैं।
उनकी नई भूमिका दर्शाती है कि संस्थान न केवल उनके काम पर भरोसा करता है, बल्कि उन्हें आगे की रणनीतिक दिशा का हिस्सा भी बनाना चाहता है। आजतक एचडी की कमान मिलने के बाद उनके कंधों पर अब और बड़ी जिम्मेदारियां होंगी। इस नई जिम्मेदारी के लिए मीडिया इंडस्ट्री में उन्हें बधाईयां मिल रही हैं और माना जा रहा है कि अंजना अपने अनुभव और ऊर्जा से आजतक एचडी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी।
पद्मजा जोशी ने हाल ही में ‘टीवी9 नेटवर्क’ में अपनी पारी को विराम दे दिया था। वह इस नेटवर्क में बतौर सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।
जानी-मानी न्यूज एंकर और वरिष्ठ टीवी पत्रकार पद्मजा जोशी जल्द ही अपनी नई पारी शुरू करने जा रही हैं। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, वह जल्द ही ‘एनडीटीवी’ (NDTV) की टीम में शामिल हो सकती हैं। वह कब यहां जॉइन करेंगी और उनकी भूमिका क्या रहेगी, फिलहाल इस बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है।
बता दें कि पद्मजा जोशी ने हाल ही में ‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) में अपनी पारी को विराम दे दिया था। उन्होंने इस नेटवर्क में करीब एक साल पहले बतौर सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर जॉइन किया था। यहां वह ‘टीवी9’ और ‘न्यूज9’ दोनों में अपनी अहम भूमिका निभा रही थीं।
पद्मजा जोशी ‘टीवी9 नेटवर्क’ से पहले ‘टाइम्स नाउ’ (Times Now) में सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर के पद पर अपनी भूमिका निभा रही थीं।
अपने बेबाक अंदाज के लिए पहचानी जाने वाली पद्मजा जोशी की गिनती तेज तर्रार पत्रकारों में होती है। अपने करीब डेढ़ दशक के पत्रकारीय करियर में वह रिपोर्टर, प्रड्यूसर और कमेंटेटर के साथ-साथ प्राइम टाइम न्यूज एंकर के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं। उन्होंने स्टार न्यूज (अब एबीपी न्यूज), हेडलाइंस टुडे, टाइम्स नाउ और ‘टीवी9 नेटवर्क’ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अंग्रेजी और हिंदी दोनों की कमान संभाल चुकी हैं।
उन्होंने यहां करीब एक साल पहले बतौर सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर जॉइन किया था। पद्मजा जोशी का अगला कदम क्या होगा, फिलहाल इस बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है।
जानी-मानी न्यूज एंकर और वरिष्ठ टीवी पत्रकार पद्मजा जोशी ने ‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। उन्होंने यहां करीब एक साल पहले बतौर सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर जॉइन किया था। यहां वह ‘टीवी9’ और ‘न्यूज9’ दोनों में अपनी अहम भूमिका निभा रही थीं।
विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक, उनका कॉन्ट्रैक्ट यहां पर खत्म हो गया था और अब वह इसे रिन्यू नहीं कराना चाहती हैं। पद्मजा जोशी का अगला कदम क्या होगा, फिलहाल इस बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है। पद्मजा जोशी ‘टीवी9 नेटवर्क’ से पहले ‘टाइम्स नाउ’ (Times Now) में सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर के पद पर अपनी भूमिका निभा रही थीं।
बता दें कि अपने बेबाक अंदाज के लिए पहचानी जाने वाली पद्मजा जोशी की गिनती तेज तर्रार पत्रकारों में होती है। अपने करीब डेढ़ दशक के पत्रकारीय करियर में वह रिपोर्टर, प्रड्यूसर और कमेंटेटर के साथ-साथ प्राइम टाइम न्यूज एंकर के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं। उन्होंने स्टार न्यूज (अब एबीपी न्यूज), हेडलाइंस टुडे, टाइम्स नाउ और अब ‘टीवी9 नेटवर्क’ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अंग्रेजी और हिंदी दोनों की कमान संभाली है।
2 अगस्त 2025 से चैनल पर शुरू हो रहा है एक बेहद दमदार और खोजी शो- 'स्पेशल टास्क', जिसकी मेजबानी करेंगे प्रतिष्ठित व पुरस्कार विजेता पत्रकार जगविंदर पटियाल।
एबीपी न्यूज टेलीविजन पर 2 अगस्त 2025 से शुरू हो रहा है एक बेहद दमदार और खोजी शो- 'स्पेशल टास्क', जिसकी मेजबानी करेंगे प्रतिष्ठित व पुरस्कार विजेता पत्रकार जगविंदर पटियाल। हर शनिवार रात 8 बजे प्रसारित होने वाला यह शो सिर्फ कहानियां नहीं सुनाएगा, बल्कि आम लोगों के अनकहे संघर्षों को सामने लाएगा, सिस्टम की खामियों को उजागर करेगा और उन सच्चाइयों को जनता के सामने रखेगा जिन पर देशव्यापी बहस की जरूरत है।
'स्पेशल टास्क' का मकसद उन मुद्दों की तह तक पहुंचना है जिन्हें अक्सर मुख्यधारा मीडिया में नजरअंदाज कर दिया जाता है। एबीपी न्यूज की यह पेशकश जमीनी स्तर पर की गई गहन रिपोर्टिंग और चश्मदीद गवाहियों के जरिए कड़वी सच्चाइयों को सामने लाती है। इसके पहले सीजन का शीर्षक है ऑपरेशन- बेटा, जिसमें तीन एक घंटे के एपिसोड होंगे, हर एक कड़ी समाज से जुड़े बेहद संवेदनशील और गंभीर मुद्दों को निर्भीकता से उजागर करेगी। भूले-बिसरे समुदायों की पीड़ा से लेकर संस्थागत लापरवाहियों तक, इस सीरीज का हर हिस्सा दर्शकों को सोचने और सवाल उठाने के लिए मजबूर करेगा।
इस शो की सबसे बड़ी ताक़त हैं जगविंदर पटियाल, जिनके पास 27 वर्षों का पत्रकारिता अनुभव है। युद्धग्रस्त इलाकों से लेकर राजनीतिक संकट और प्राकृतिक आपदाओं तक, उन्होंने हर मौके पर फील्ड से बेखौफ और गहन रिपोर्टिंग की है। उन्हें रामनाथ गोयनका पत्रकारिता पुरस्कार और बलराज साहनी राष्ट्रीय सम्मान जैसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड मिल चुके हैं। उनकी रिपोर्टिंग की तीव्रता और सच्चाई से जुड़ाव ही 'स्पेशल टास्क' को एक प्रामाणिक और प्रभावशाली शो बनाता है।
चैनल के मुताबिक, 'स्पेशल टास्क' केवल एक शो नहीं, बल्कि एक पत्रकारिता मिशन है- ऐसा मिशन जो दबे हुए सवालों को उजागर करे, सत्ता से जवाब मांगे, और उन सच्चाइयों को सामने लाए जिन पर पर्दा डाल दिया गया है। यह शो बोलने से वंचित लोगों की आवाज बनेगा, सच्ची और साहसी पत्रकारिता के जरिए जमीनी हकीकतों को देश के सामने रखेगा और हर एपिसोड के साथ एक सार्थक संवाद को जन्म देगा।