फिल्म 'इमरजेंसी' को लेकर पत्रकार कूमी कपूर का बड़ा आरोप, करेंगी मानहानि का दावा

वरिष्ठ पत्रकार और 'दि इमरजेंसी: ए पर्सनल हिस्ट्री' की लेखिका कूमी कपूर ने फिल्म प्रोडक्शन कंपनी मणिकर्णिका फिल्म्स और नेटफ्लिक्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का ऐलान किया है।

Last Modified:
Thursday, 24 April, 2025
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वरिष्ठ पत्रकार और 'दि इमरजेंसी: ए पर्सनल हिस्ट्री' की लेखिका कूमी कपूर ने फिल्म प्रोडक्शन कंपनी मणिकर्णिका फिल्म्स और नेटफ्लिक्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का ऐलान किया है। उनका आरोप है कि कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' में उनकी किताब से बिना सहमति के सामग्री ली गई और इससे उनकी प्रतिष्ठा को गहरी ठेस पहुंची है।

कपूर का कहना है कि उन्होंने 3 अप्रैल को मणिकर्णिका फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड और नेटफ्लिक्स को लीगल नोटिस भेजा था, लेकिन उनके जवाब से वह संतुष्ट नहीं हैं और अब वे कोर्ट का रुख करेंगी।

कंगना रनौत द्वारा निर्देशित और सह-निर्मित इस फिल्म में वह खुद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभा रही हैं। फिल्म की शुरुआत में एक डिस्क्लेमर दिया गया है कि यह फिल्म कूमी कपूर की किताब द इमरजेंसी और जयंथ वसंत सिन्हा की प्रियदर्शिनी, साथ ही पब्लिक डोमेन में मौजूद सामग्री से प्रेरित है। लेकिन नेटफ्लिक्स पर दिखने वाले डिस्क्लेमर के आखिर में लिखा गया है कि फिल्म इन दोनों किताबों पर “आधारित” है। कपूर के नोटिस के बावजूद नेटफ्लिक्स पर यह डिस्क्लेमर अब तक बदला नहीं गया है।

कपूर, जो द इंडियन एक्सप्रेस की कंसल्टिंग एडिटर हैं, कहती हैं कि, “एक पत्रकार और लेखक के रूप में मेरी जो साख है, उसे इस फिल्म से अपूरणीय नुकसान पहुंचा है।”

कपूर की किताब 2015 में पेंगुइन रैंडम हाउस द्वारा प्रकाशित की गई थी, जिसमें उन्होंने 1975 की इमरजेंसी के 21 महीनों का दस्तावेजी विवरण दिया है — वो भी बतौर पत्रकार अपने निजी अनुभवों के आधार पर।

उनका कहना है कि 2021 में कंगना के भाई अक्षत रानौत ने मुंबई में उनसे मुलाकात की थी और फिल्म के लिए किताब के अधिकार मांगे थे, खासतौर से उस अध्याय के, जिसमें इंदिरा गांधी पर सामग्री थी। इसके बाद कपूर ने मणिकर्णिका फिल्म्स और पेंगुइन रैंडम हाउस के साथ एक त्रिपक्षीय अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।

हालांकि, अपनी वकील बेटी की सलाह पर उन्होंने अनुबंध में दो शर्तें शामिल करवाईं- पहली, कि निर्माता को फिल्म बनाने की पूरी कलात्मक स्वतंत्रता होगी, लेकिन कोई भी तथ्य ऐसा न हो जो इतिहास से मेल न खाता हो। दूसरी, कि लेखक के नाम और किताब का इस्तेमाल फिल्म के प्रचार में बिना पूर्व अनुमति नहीं किया जाएगा।

कपूर का आरोप है कि उन्हें न तो फिल्म की स्क्रिप्ट दिखाई गई, न ही निर्माण से पहले उनकी राय ली गई। शूटिंग पूरी होने से पहले भी उन्होंने अक्षत को दो व्हाट्सएप संदेश भेजे थे, लेकिन फोन कॉल्स का कोई जवाब नहीं मिला।

वो बताती हैं कि जब फिल्म 17 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हुई, तब वे देश से बाहर थीं और पहली बार 17 मार्च को नेटफ्लिक्स पर ही उन्होंने फिल्म देखी।

कपूर का कहना है कि कई लोगों ने उन्हें फिल्म में तथ्यों की गड़बड़ी को लेकर शिकायतें भेजीं — जिनमें संजय गांधी के करीबी रहे अकबर अहमद डंपी भी शामिल हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि ऑल इंडिया रेडियो पर किशोर कुमार के गानों पर प्रतिबंध लगाने की पहल अकबर अहमद ने की थी। जबकि कपूर की किताब में साफ तौर पर लिखा गया है कि यह प्रतिबंध तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री वीसी शुक्ला ने लगाया था।

कपूर अब अदालत के जरिए न्याय चाहती हैं और कहती हैं कि यह सिर्फ कॉपीराइट का मामला नहीं है, बल्कि उनके पत्रकार और लेखक के रूप में 50 साल की साख पर सवाल खड़ा करने जैसा है।

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'डीडी न्यूज' पर सुधीर चौधरी की धमाकेदार शुरुआत, दर्शकों का दिल जीतने में हुए कामयाब

सोशल मीडिया पर भी उनके इस शो की बेहद चर्चा हो रही है। एक नए अंदाज़ में प्राइम टाइम एंकर सुधीर चौधरी अपने दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब रहे हैं।

Last Modified:
Friday, 16 May, 2025
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जाने-माने पत्रकार सुधीर चौधरी किसी परिचय के मोहताज नहीं है। उन्होंने प्राइम टाइम शो की दिशा और दशा बदलने का कार्य किया है। जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने की बात हो या खबरों का विश्लेषण करना हो इस विधा में सुधीर चौधरी का कोई सानी नहीं है। कल यानी 15 मई को उन्होंने 'डीडी न्यूज़' के साथ अपनी नई पारी का आगाज़ किया है।

‘DECODE’ में कल सुधीर चौधरी ने कई महत्वपूर्ण खबरों का विश्लेषण किया। पाकिस्तान के परमाणु हथियार को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच सुधीर चौधरी ने अपने दर्शकों को समझाया कि आखिर क्यों पाकिस्तान के परमाणु हथियार खतरे में है।

इसके अलावा उन्होंने 'मेक इन इंडिया हथियार' और '1971 के युद्ध' का भी विश्लेषण किया। सोशल मीडिया पर भी उनके इस शो की बेहद चर्चा हो रही है। एक नए अंदाज़ में प्राइम टाइम एंकर सुधीर चौधरी अपने दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब रहे हैं।

यू ट्यूब पर भी हजारों की संख्या में आये हुए कमेंट यह बता रहे है कि सुधीर चौधरी को क्यों मीडिया का 'शाहरुख़ खान' कहा जाता है। आपको बता दें, यह शो सोमवार से शुक्रवार तक हर रात 9 बजे 'डीडी न्यूज' पर प्रसारित होगा।

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आज से 'डीडी न्यूज' पर शुरू हो रहा सुधीर चौधरी का नया शो ‘DECODE’

जाने-माने पत्रकार सुधीर चौधरी आज से 'डीडी न्यूज' पर अपना नया शो ‘DECODE’ शुरू करने जा रहे हैं।

Last Modified:
Thursday, 15 May, 2025
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जाने-माने पत्रकार सुधीर चौधरी आज से 'डीडी न्यूज' पर अपना नया शो ‘DECODE’ शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर दी है।

'एक्स' पर उन्होंने शो का पोस्टर साझा करते हुए लिखा- “खबरों की विश्वसनीयता और विश्लेषण चाहिए, तो जल्द DD News देखिए सुधीर चौधरी के साथ DECODE”

‘DECODE’ एक प्राइम टाइम न्यूज शो होगा, जिसमें सुधीर चौधरी हर दिन की बड़ी खबरों को डिकोड करेंगे यानी उनके पीछे की परतों और सच्चाइयों को सामने लाने का प्रयास करेंगे। शो में खबरों का विश्लेषण तथ्यों और गहराई के साथ किया जाएगा, जिसमें दर्शकों को बिना किसी भ्रामक शोर-शराबे के साफ-सुथरी पत्रकारिता देखने को मिलेगी।

यह शो सोमवार से शुक्रवार तक हर रात 9 बजे 'डीडी न्यूज' पर प्रसारित होगा।

गौरतलब है कि हाल ही में सुधीर चौधरी ने 'डीडी न्यूज' में कंसल्टिंग एडिटर के तौर पर नई पारी की शुरुआत की है। अब वह अपने इस नए शो के जरिए पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग प्लेटफॉर्म पर पत्रकारिता की एक नई शैली पेश करने जा रहे हैं।

हालांकि उन्होंने इस शो का एक प्रोमो भी जारी किया है, जिसे आप नीचे देख सकते हैं-

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नकारात्मकता के शोर में 'अच्छी खबरें' आज की सबसे बड़ी जरूरत: नवज्योत रंधावा

नकारात्मक खबरों और चिंता बढ़ाने वाले न्यूज साइकिल के इस दौर में, Good News Today (GNT) की एडिटर नवज्योत रंधावा एक अलग रास्ता अपना रही हैं।

Last Modified:
Thursday, 15 May, 2025
NavjyotRandhawa

नकारात्मक खबरों और चिंता बढ़ाने वाले न्यूज साइकिल के इस दौर में, Good News Today (GNT) की एडिटर नवज्योत रंधावा एक अलग रास्ता अपना रही हैं। एक ऐसा रास्ता जो पॉजिटिविटी, मकसद और इंसानी जज्बे से जुड़ी कहानियों से होकर गुजरता है।

e4m DoGood Summit and Awards में बोलते हुए नवज्योत ने बताया कि GNT की पत्रकारिता बाकी चैनलों से क्यों अलग है और कैसे वो इस सोच को बदल रहे हैं कि "क्या वाकई कोई खबर बनने लायक है?"

उन्होंने कहा, “Good News Today की शुरुआत इसी सोच से हुई थी कि हर किसी को थोड़ी पॉजिटिविटी की जरूरत होती है। चारों ओर इतनी निराशा और अंधेरा है, लेकिन हम चाहते हैं कि लोग उन कहानियों को भी देखें जो उम्मीद देती हैं, बदलाव लाती हैं और इंसानियत के अच्छे चेहरे को सामने लाती हैं।”

जहां ज्यादातर न्यूज चैनल अपराध, टकराव और विवाद से शुरू होते हैं, वहीं GNT उन कहानियों को चुनता है जो हौसला बढ़ाएं, चाहे वो सामाजिक बदलाव की बातें हों, जमीन से जुड़ी इनोवेशन हों या फिर किसी की रोजमर्रा की भलाई से जुड़ी कोई पहल।

GNT की सोच बिल्कुल साफ है। नवज्योत ने जोर देकर कहा, “अच्छी खबर का मतलब ये नहीं कि वो हल्की खबर है,” । “हम मानते हैं कि अच्छी खबर भी असरदार हो सकती है, ऐसी कहानियां जो वाकई किसी के जीवन को छूती हों और समाज में फर्क लाती हों।”

इसका मतलब आसान और स्वाभाविक भाषा में कुछ इस तरह होगा, बिना भाव बदले और बिना अनुवाद जैसे लगे:

Good News Today की जो ‘people-first’ यानी इंसान और समाज को सबसे पहले रखने वाली सोच है, वो उनकी खबरों में साफ दिखाई देती है। छोटे शहरों के जलवायु योद्धाओं की कहानियों से लेकर समावेशी नीतियों और अनसुने नायकों की सराहना तक, GNT की कोशिश होती है कि भारत के हर कोने, खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों में जो अच्छाई है, उसे सामने लाया जाए।

नवज्योत रंधावा मानती हैं कि सिर्फ अच्छी खबरें दिखाने वाले चैनल को चलाना आसान नहीं होता। उन्होंने ईमानदारी से कहा, “TRP की दौड़ में फंस जाना बहुत आसान है, लेकिन हमने तय किया है कि सनसनी नहीं फैलाएंगे। हमारी जिम्मेदारी अपने दर्शकों और हमारी कहानियों के समाज पर पड़ने वाले असर के प्रति है।”

उन्होंने ये भी बताया कि GNT यह तय करने के लिए डेटा और दर्शकों की प्रतिक्रिया का सहारा लेता है कि कौन सी खबर दिखानी है। “हम हर बार खुद से पूछते हैं- क्या ये कहानी किसी के काम आ रही है? क्या इससे किसी को थोड़ा भी फायदा हो रहा है?”

आज जब ज्यादातर ब्रांड किसी सामाजिक मकसद से जुड़ना चाहते हैं और सिर्फ उत्पाद बेचने के बजाय कोई मतलब वाली बात करना चाहते हैं, रंधावा मानती हैं कि GNT उनके लिए बिल्कुल सही मंच है। उन्होंने कहा, “आज के ब्रांड्स कुछ सार्थक करना चाहते हैं, और GNT उन्हें वो मौका देता है। हमने देखा है कि ऐसे ब्रांड्स के साथ हमारा बहुत अच्छा तालमेल बना है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य या पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में अच्छा काम कर रहे हैं।”

डिजिटल दौर में पत्रकारिता जैसे-जैसे बदल रही है, रंधावा को उम्मीद है कि अच्छी पत्रकारिता की जरूरत हमेशा बनी रहेगी। “सख्त और तीखी पत्रकारिता की जगह हमेशा रहेगी, लेकिन उतनी ही जरूरत उस पत्रकारिता की भी है जो उम्मीद जगाए,”

उन्होंने कहा। “GNT में हम यही संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि खबरें दें, हौसला बढ़ाएं और लोगों को जोड़ें।”

जब मीडिया पर अक्सर डर फैलाने या गुस्सा भड़काने का आरोप लगता है, तब नवज्योत और उनकी टीम एक ऐसा रास्ता दिखा रही हैं जो भरोसे पर टिका है, इंसानियत को आगे रखता है और ‘अच्छा करने’ की हिम्मत दिखाता है।

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'आजतक' के नए चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर बने गौरव वर्मा

टीवी टुडे नेटवर्क से खबर है कि यहां गौरव वर्मा को प्रतिष्ठित हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' का चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) नियुक्त किया गया है।

Last Modified:
Wednesday, 14 May, 2025
GauravVerma451

टीवी टुडे नेटवर्क से खबर है कि यहां गौरव वर्मा को प्रतिष्ठित हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' का चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) नियुक्त किया गया है। कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने उनके प्रमोशन को मंजूरी दी है। यह नियुक्ति 16 मई 2025 से प्रभावी होगी। इस नई भूमिका के साथ गौरव वर्मा अब कंपनी के सीनियर मैनेजमेंट पर्सनेल में भी शामिल हो गए हैं।

गौरव वर्मा को मीडिया इंडस्ट्री में दो दशक से अधिक का नेतृत्व अनुभव है। फिलहाल वे टीवी टुडे नेटवर्क के ही एक अन्य लोकप्रिय डिजिटल ब्रैंड ‘लल्लनटॉप’ में सीओओ की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

इससे पहले वे टाइम्स नेटवर्क और जी मीडिया में चीफ रेवेन्यू ऑफिसर के तौर पर काम कर चुके हैं, जहां उन्होंने बाजार में नेटवर्क की पकड़ को मजबूत किया और प्रभावी सेल्स टीमें तैयार कीं। टीवी टुडे नेटवर्क के साथ उनका पहले भी जुड़ाव रहा है, जब उन्होंने सेल्स के वाइस प्रेजिडेंट रूप में 'आजतक' और तेज जैसे अहम ब्रैंड्स की रेवेन्यू रणनीति का नेतृत्व किया था।

गौरव ने अपने करियर में CNBC-TV18, इंडिया टुडे और बिजनेस स्टैंडर्ड जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में भी वरिष्ठ भूमिकाएं निभाई हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कॉमर्स में स्नातक की डिग्री हासिल की है, साथ ही एनआईएस से सेल्स एंड मार्केटिंग में डिप्लोमा और आईएसबी से एग्जिक्यूटिव एक्सीलेंस प्रोग्राम भी पूरा किया है।

गौरव वर्मा की यह नियुक्ति 'आजतक' के संचालन और व्यवसायिक दिशा को और मजबूती देगी, खासकर ऐसे वक्त में जब डिजिटल और टेलीविजन न्यूज, दोनों में प्रतिस्पर्धा बेहद तेज है।

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डीडी फ्री डिश पर MPEG-2 स्लॉट्स की ई-नीलामी के लिए बढ़ी आवेदन की आखिरी तारीख

डीडी फ्री डिश के खाली पड़े MPEG-2 स्लॉट्स की 87वीं ई-नीलामी के लिए प्रसार भारती ने आवेदन जमा करने की समय सीमा बढ़ा दी है।

Last Modified:
Tuesday, 13 May, 2025
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डीडी फ्री डिश के खाली पड़े MPEG-2 स्लॉट्स की 87वीं ई-नीलामी के लिए प्रसार भारती ने आवेदन जमा करने की समय सीमा बढ़ा दी है। अब ब्रॉडकास्टर्स 15 मई 2025 को दोपहर 3 बजे तक आवेदन कर सकते हैं। ये स्लॉट्स 28 मई 2025 से 31 मार्च 2026 तक वैध रहेंगे। नीलामी की प्रक्रिया फिलहाल 19 मई 2025, सोमवार को ऑनलाइन माध्यम से आयोजित होने की संभावना है।

नीलामी छह चरणों में होगी और प्रत्येक चरण में रिजर्व प्राइस और पात्रता मानदंड चैनल बकेट्स के आधार पर तय किए गए हैं।

पहले राउंड में सभी बकेट्स- A+, A, B, C, D और R के चैनल भाग ले सकते हैं और इसकी शुरुआती कीमत ₹13.75 करोड़ रखी गई है।

दूसरे चरण की बोली ₹10.96 करोड़ से शुरू होगी जिसमें A+ को छोड़ बाकी सभी बकेट्स के चैनल शामिल हो सकेंगे।

तीसरे राउंड में ₹9.32 करोड़ की रिजर्व प्राइस रखी गई है और इसमें B, C, D और R बकेट्स को शामिल किया गया है।

चौथे चरण की बोली ₹6.83 करोड़ से शुरू होगी और इसमें केवल C, D और R बकेट्स के चैनल पात्र होंगे।

पांचवें चरण में ₹5.94 करोड़ की शुरुआती राशि रखी गई है, जिसमें D और R बकेट्स के चैनल भाग ले सकेंगे।

इसके बाद अंतिम यानी छठे राउंड की नीलामी केवल R बकेट के चैनलों के लिए होगी, जिसकी आरंभिक कीमत ₹2.53 करोड़ तय की गई है।

प्रसार भारती ने यह भी स्पष्ट किया है कि 29 अप्रैल 2025 को जारी पूर्व सूचना में उल्लिखित अन्य सभी शर्तें पहले की तरह ही लागू रहेंगी।

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‘DD News’ पर सुधीर चौधरी जल्द करेंगे ‘DECODE’

इस बारे में सुधीर चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर इसके बारे में खुद जानकारी दी है।

Last Modified:
Monday, 12 May, 2025
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जाने-माने पत्रकार सुधीर चौधरी जल्द ही डीडी न्यूज पर अपना कार्यक्रम ‘DECODE’ लेकर आ रहे हैं। इस बारे में सुधीर चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर इसके बारे में खुद जानकारी दी है।

सुधीर चौधरी का कहना है कि 'DECODE' शो के माध्यम से वह खबरों को डिकोड करने और उनके पीछे की सच्चाई को सामने लाने का प्रयास करेंगे। इस शो में खबरों की गहराई से पड़ताल और विश्वसनीय विश्लेषण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

यह शो सोमवार से शुक्रवार तक रात 9 बजे प्राइम टाइम पर प्रसारित होगा।

अपनी पोस्ट में सुधीर चौधरी ने लिखा, 'खबरों की विश्वसनीयता और विश्लेषण चाहिए, जल्द DD News सुधीर चौधरी के साथ DECODE देखिए।' गौरतलब है कि हाल ही में सुधीर चौधरी ने दूरदर्शन न्यूज में कंसल्टिंग एडिटर के तौर पर नई भूमिका संभाली है।

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'NBF’ की सलाह, कवरेज में इस तरह की शब्दावली से परहेज करें मीडिया संस्थान

‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन’ का कहना है कि इस तरह के शब्द अनावश्यक डर पैदा कर सकते हैं, स्थिति को गलत तरीके से पेश कर सकते हैं और सनसनीखेज पत्रकारिता का रूप ले सकते हैं।

Last Modified:
Saturday, 10 May, 2025
NBF

पत्रकारिता में जिम्मेदारी और सटीकता को बढ़ावा देने के लिए  ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन’ (NBF)  ने सभी मीडिया संस्थानों के संपादकों को सलाह दी है कि वे अपनी खबरों में ‘युद्ध शुरू’ (war breaking) जैसे शब्दों का इस्तेमाल हेडलाइन, कैप्शन या ऑन-स्क्रीन ग्राफिक्स में न करें।

‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन’ का कहना है कि इस तरह के शब्द अनावश्यक डर पैदा कर सकते हैं, स्थिति को गलत तरीके से पेश कर सकते हैं और सनसनीखेज पत्रकारिता का रूप ले सकते हैं। खास तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील मामलों में ऐसी भाषा सही नहीं मानी जाती।

फेडरेशन ने मीडिया प्रतिष्ठानों से अपील की है कि वे खबरों को प्रस्तुत करते समय सावधानी बरतें और ऐसी भाषा का उपयोग करें जो जनता में भ्रम या घबराहट न फैलाए। सभी कैप्शन और ग्राफिक्स को संयमित, तथ्यपरक और आधिकारिक जानकारी के अनुरूप रखें।

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मीडिया को सरकार की एडवाइजरी, सैन्य अभियानों की लाइव कवरेज से बचें

रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर अपनी एक पोस्ट में गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं और ऐसी रिपोर्टिंग से जीवन को होने वाले खतरे को रेखांकित किया है।

Last Modified:
Friday, 09 May, 2025
Media Coverage

रक्षा मंत्रालय ने मीडिया चैनल्स, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और लोगों से रक्षा अभियानों व सुरक्षा बलों की गतिविधियों की लाइव या रियल-टाइम कवरेज से बचने की अपील की है। मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर अपनी एक पोस्ट में गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं और ऐसी रिपोर्टिंग से जीवन को होने वाले खतरे को रेखांकित किया है।

अपने ट्वीट में मंत्रालय ने कर्गिल युद्ध, 26/11 मुंबई हमले और कंधार अपहरण कांड जैसी पिछले घटनाओं का हवाला दिया, जहां समय से पहले या अनियंत्रित कवरेज ने ऑपरेशनल प्रभावशीलता को प्रभावित किया।

मंत्रालय ने अपने ट्वीट में कहा है, ‘सभी मीडिया चैनल्स, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और लोगों से रक्षा अभियानों व सुरक्षा बलों की गतिविधियों की लाइव कवरेज या रियल-टाइम रिपोर्टिंग से बचने की सलाह दी जाती है। ऐसी संवेदनशील या स्रोत-आधारित जानकारी का खुलासा ऑपरेशनल प्रभावशीलता को खतरे में डाल सकता है और जीवन को खतरा पैदा कर सकता है। कर्गिल युद्ध, 26/11 हमले और कंधार अपहरण जैसे पिछले घटनाएं समय से पहले की रिपोर्टिंग के जोखिमों को रेखांकित करती हैं।’

मंत्रालय ने 2021 के केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियमों के खंड 6(1)(p) का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि आतंकवाद-रोधी अभियानों के दौरान केवल नामित अधिकारियों द्वारा आवधिक ब्रीफिंग की अनुमति है। सभी स्टेकहोल्डर्स (हितधारकों) से राष्ट्र की सेवा में उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए कवरेज में सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी बरतने की अपील की गई है।

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भारत के टॉप टीवी न्यूज नेटवर्क्स के रेवेन्यू को झटका, बढ़ते घाटे से बढ़ी चिंता

वित्त वर्ष 2024-25 के नतीजों ने भारत के तीन प्रमुख टेलीविजन समाचार नेटवर्क- NDTV, Zee Media और Network18 की वित्तीय स्थिति की जटिल तस्वीर पेश की है।

Last Modified:
Friday, 09 May, 2025
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चहनीत कौर, सीनियर कॉरेस्पोंडेंट, एक्सचेंज4मीडिया ।।

वित्त वर्ष 2024-25 के नतीजों ने भारत के तीन प्रमुख टेलीविजन समाचार नेटवर्क- NDTV, Zee Media और Network18 की वित्तीय स्थिति की जटिल तस्वीर पेश की है। NDTV ने जहां रणनीतिक विस्तार के दम पर राजस्व में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की, वहीं Zee Media और Network18 को टॉपलाइन में गिरावट का सामना करना पड़ा। हालांकि, तीनों कंपनियां घाटे में और गहराई तक फिसलती दिखीं, जो टेलीविजन न्यूज बिजनेस में मौजूदा चुनौतीपूर्ण माहौल और विज्ञापन से जुड़ी बदली प्रवृत्तियों की ओर इशारा करता है।

NDTV ने बढ़ाया राजस्व, लेकिन घाटा भी गहराया

NDTV ने संचालन से प्राप्त राजस्व में 25% से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की—FY24 में 370.01 करोड़ रुपये से बढ़कर FY25 में यह आंकड़ा 465.03 करोड़ रुपये हो गया। कुल राजस्व FY25 में 472.18 करोड़ रुपये पहुंचा, जो पिछले साल के 392.72 करोड़ रुपये की तुलना में 20.2% अधिक है। यह बढ़त NDTV के क्षेत्रीय और वैश्विक विस्तार की रणनीति का परिणाम है। इस दौरान NDTV Marathi और NDTV World की लॉन्चिंग के साथ-साथ NDTV World Summit जैसे इनिशिएटिव्स शुरू किए गए।

हालांकि, ये निवेश NDTV को शॉर्ट टर्म में भारी पड़े। कंपनी ने FY25 में 218.01 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया, जो पिछले साल के 21.35 करोड़ रुपये से कई गुना अधिक है। NDTV के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया ने कहा, “यह साल हमारे लिए दूरदर्शी निवेशों का वर्ष था। हमने भविष्य के लिए नींव रखी है।”

Zee Media को मामूली गिरावट, घाटा बढ़ा

Zee Media का संचालन से राजस्व 2.6% गिरकर 621.91 करोड़ रुपये रहा, जो FY24 में 638.29 करोड़ रुपये था। विज्ञापन से आय में 3.8% की गिरावट आई, जबकि सब्सक्रिप्शन से आय 16.4% बढ़कर 44.73 करोड़ रुपये हो गई। कुल राजस्व FY25 में घटकर 632.97 करोड़ रुपये रह गया, जो एक साल पहले 663.03 करोड़ रुपये था। शुद्ध घाटा 98.43 करोड़ रुपये से बढ़कर 119.42 करोड़ रुपये हो गया।

Network18 को सबसे बड़ी गिरावट, घाटा 1700 करोड़ पार

Network18 को इस साल सबसे बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा। संचालन से प्राप्त राजस्व 25.9% गिरकर 6,887.92 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले साल 9,297.45 करोड़ रुपये था। हालांकि, कंपनी ने अपने न्यूज बिजनेस का राजस्व 4.3% बढ़ाकर 1,896 करोड़ रुपये बताया—जो बेहतर व्यूअरशिप शेयर और एड प्राइसिंग से संभव हुआ। कंपनी ने बताया कि EBITDA में मामूली सुधार हुआ है, क्योंकि ऑपरेशनल कॉस्ट में सिर्फ 3.5% की वृद्धि हुई।

फिर भी, Network18 का घाटा 324.59 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,776.67 करोड़ रुपये पहुंच गया। चेयरमैन अदिल जैनुलभाई ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम देश के सबसे बड़े न्यूज नेटवर्क के रूप में दर्शकों की पहुंच, भाषा विविधता और व्यूअरशिप में मजबूती के साथ इस साल का अंत कर रहे हैं। हम लंबी अवधि में ग्रोथ को लेकर आश्वस्त हैं।”

आगे क्या?

FY25 के नतीजे स्पष्ट करते हैं कि भारत के टेलीविजन न्यूज नेटवर्क अभी भी अस्थिर बाजार परिस्थितियों से जूझ रहे हैं। NDTV ने जहां आक्रामक विस्तार से राजस्व बढ़ाया, वहीं उसका घाटा भी उतना ही बड़ा रहा। दूसरी ओर, Zee Media और Network18 ने घटती विज्ञापन आय और मंद होती मोनेटाइजेशन साइकल के बीच दबाव महसूस किया।

डिजिटल बदलावों की तेज रफ्तार और उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव के इस दौर में, आने वाला वित्तीय वर्ष पारंपरिक न्यूज ब्रॉडकास्टर्स की लचीलापन और नवाचार क्षमता की असली परीक्षा साबित होगा। 

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तेज व स्मार्ट न्यूजरूम के लिए इंडिया टुडे ग्रुप ने उठाया ये रणनीतिक कदम

कामकाज और खबरों की तालमेल को बेहतर बनाने के लिए इंडिया टुडे ग्रुप ने अपनी इनपुट टीम में बदलाव किया है।

Last Modified:
Wednesday, 07 May, 2025
IndiaToday7845

कामकाज और खबरों की तालमेल को बेहतर बनाने के लिए इंडिया टुडे ग्रुप ने अपनी इनपुट टीम में बदलाव किया है। शेखर, सीमा और पार्था की टीम, जिसे ग्रुप में “इनपुट न्यूज टरबाइन का शानदार ट्रिपल इंजन” कहा जाता है, अब अंतरिम रूप से सुप्रिय प्रसाद को रिपोर्ट करेगी।

यह बदलाव इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी की ओर से एक आंतरिक संदेश के जरिए साझा किया गया, जिसमें सुप्रिय प्रसाद को न्यूजरूम का “नींव का पत्थर” बताते हुए उनके अडिग विजन और अजेय जज्बे की सराहना की गई। पुरी ने उम्मीद जताई कि इस नई व्यवस्था से नेटवर्क में समन्वय और कार्यकुशलता दोनों में बढ़ोतरी होगी।

ग्रुप के भीतर यह संपादकीय बदलाव उस बड़े ट्रांजिशन का हिस्सा है, जिसमें AI आधारित वर्कफ्लो को प्राथमिकता दी जा रही है। कली पुरी के मुताबिक, “हम हमेशा से तेजी से ढलने वाले संगठन रहे हैं और मौजूदा वक्त की यही सबसे बड़ी जरूरत भी है।” 

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