वह यहां रात नौ बजे का प्राइम टाइम शो होस्ट करेंगी। चित्रा त्रिपाठी ने हाल ही में 'आजतक' में अपनी पारी को विराम दे दिया था। वह यहां एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट्स) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।
जानी-मानी टीवी पत्रकार और सीनियर न्यूज एंकर चित्रा त्रिपाठी ने 'आजतक' से इस्तीफा देने के बाद एक बार फिर हिंदी न्यूज चैनल ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) जॉइन कर लिया है। उन्होंने यहां पर वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज एंड प्रोग्रामिंग) जॉइन किया है। वह यहां रात नौ बजे का प्राइम टाइम शो होस्ट करेंगी।
‘एबीपी न्यूज’ में चित्रा त्रिपाठी की वापसी चैनल के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि चैनल अपनी प्राइम टाइम प्रोग्रामिंग को मजबूत करने का लक्ष्य बना रहा है। विभिन्न प्रमुख न्यूज आउटलेट्स में काम करने के कारण चित्रा त्रिपाठी की गहरी विशेषज्ञता और ऑन-स्क्रीन उपस्थिति उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक न्यूज परिदृश्य में नेटवर्क की लीडरशिप टीम के लिए उपयुक्त बनाती है।
अब यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि चित्रा के जुड़ने और नए एडिटर रजनीश आहूजा द्वारा किए जा रहे संपादकीय पुनर्गठन के बाद 'एबीपी न्यूज' की व्युअरशिप और रेटिंग में कितना सुधार होता है।
आपको बता दें कि चित्रा त्रिपाठी की ‘आजतक’ में यह दूसरी पारी थी। पहली पारी करीब पौने चार साल तक निभाने के बाद चित्रा ने 2022 में 'आजतक' से इस्तीफा देकर ‘एबीपी न्यूज’ जॉइन कर लिया था। लेकिन कुछ ही समय बाद उन्होंने दोबारा से ‘आजतक’ में बतौर सीनियर एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट्स) जॉइन कर लिया था, तब से वह इसी पद पर कार्यरत थीं। अपनी पहली पारी में वह ‘आजतक’ में एडिटर व सीनियर एंकर अपनी जिम्मेदारी संभाल रही थीं।
चित्रा त्रिपाठी का पत्रकारिता सफर बहुत ही प्रतिष्ठित और प्रभावशाली रहा है। उन्होंने अपनी बेहतरीन पॉलिटिकल एंकरिंग और चुनाव के दौरान फील्ड रिपोर्टिंग के लिए एक अलग पहचान बनाई है। चित्रा ‘आजतक’ पर शाम पांच बजे का डिबेट शो ‘दंगल’ कर रही थीं। इसके अलावा चित्रा शाम सात बजे न्यूज बुलेटिन ‘शंखनाद’ में नजर आती थीं। चित्रा त्रिपाठी को कश्मीर में आई बाढ़ पर रिपोर्टिंग के लिए प्रतिष्ठित ‘रामनाथ गोयनका’ अवॉर्ड भी मिल चुका है। इसके अलावा वह समाचार4मीडिया पत्रकारिता 40अंडर40 के पहले एडिशन के विजेताओं की लिस्ट में भी शामिल रह चुकी हैं।
‘आजतक’ से पहले भी चित्रा त्रिपाठी ‘एबीपी न्यूज’ से जुड़ी हुई थीं। वह ‘एबीपी न्यूज’ में ‘2019 कौन जीतेगा’ शो करती थीं, साथ ही उनके पास 'प्रेस कॉन्फ्रेंस' जैसा बड़ा वीकली प्रोग्राम भी था। ‘एबीपी’ में उन्हें सियाचिन में की गई रिपोर्टिंग के लिए बेस्ट रिपोर्टर का अवॉर्ड भी मिल चुका है, जबकि #कौनबनेगामुख्यमंत्री, #मोदीकेचारसाल और #बिहारकानेता कैसा हो, जैसे फ्लैगशिप शो जो लोगों के बीच जाकर किए गए, के जरिये उन्हें बड़ी पहचान मिली और एबीपी प्रबंधन ने उन्हें सम्मानित किया।
चित्रा त्रिपाठी इंडस्ट्री में अपनी पॉलिटिकल एंकरिंग/रिपोर्टिंग के लिए जानी जाती हैं। चुनाव के दौरान उनका फील्ड में उतरना उनकी यूएसपी (USP) मानी जाती है। कई-कई घंटों तक नॉनस्टॉप काम करके चित्रा ने अपनी अलग पहचान बनाई है। ।
यूपी के एक गांव में आधी रात को की गई उनकी एक बड़ी स्टोरी, जिसमें बीजेपी विधायक के घर बिजली और पूरे गांव में अंधेरे पर रिपोर्टिंग थी, जिसके बाद यूपी सरकार के बिजली मंत्री ने तीन दिन के अंदर गांव में खंभे लगवाए और आजादी के बाद वहां पहली बार लोगों के घरों में बिजली आई। सपा सरकार के बिजली मंत्री के गांव में भी उन्होंने बिजली पर रात के अंधेरे में रिपोर्टिंग की तो पता चला मंत्रीजी ने अपने धर्म के लोगों के घरों में बिजली पहुंचाई और दूसरे घरों में अंधेरा-कार्यक्रम का नाम था हिंदुओं के घर में अंधेरा। जहां बाद में बिजली पहुंची। फेसबुक के माध्यम से अयोध्या की एक बूढ़ी अम्मा के साथ भोजपुरी में की गई राम मंदिर पर उनकी बातचीत को तीन करोड़ से ज्यादा लोगों ने देखा था।
‘एबीपी न्यूज’ के पहले चित्रा ‘इंडिया न्यूज’ चैनल में एसोसिएट एडिटर/प्राइम टाइम न्यूज एंकर थीं। चित्रा ने खास उपलब्धि हासिल करने वाली भारतीय युवा महिलाओं पर आधारित शो ‘बेटियां’ का भी सफलतापूर्वक संचालन किया था। उनका ये शो चैनल के फ्लैगशिप शो में गिना जाता था, जिसके 65 एपिसोड्स प्रसारित हुये थे और उनके द्वारा फेसबुक के माध्यम से भानुमति नाम की यूपी के एक गांव की महिला को राष्ट्रपति पुरस्कार के लिये नॉमिनेट किया गया था, जिसे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली में सम्मानित किया था।
इसके अलावा चित्रा को उनकी स्टोरी ‘हिन्दुस्तान का मिशन जय हिन्द’ के लिए भारतीय सेना की ओर से प्रशंसा पत्र भी मिल चुका है। ‘इंडिया न्यूज’ से पहले ‘सहारा समय’ (Sahara Samay) में न्यूज एंकर/प्रड्यूसर के पद पर कार्यरत थीं। उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से रहने वाली चित्रा त्रिपाठी को मीडिया में काम करने का करीब डेढ़ दशक का अनुभव है। उन्होंने अपना करियर गोरखपुर दूरदर्शन से शुरू किया था। इसके बाद वह विभिन्न चैनल जैसे ‘ETV’ उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड और ‘न्यूज 24’ में भी काम कर चुकी हैं। चित्रा ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से ‘डिफेंस स्टडीज’ में स्नातकोत्तर किया है और इसमें उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला था। एनसीसी सी सर्टिफिकेट प्राप्त चित्रा को वर्ष 2001 में रिपब्लिक डे गॉर्ड ऑफ ऑनर में कमांड करने के लिये गोल्ड मेडल मिल चुका है और उन्हें इसी उपलब्धि के कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से भी उनके आवास जाकर मिलने का मौका मिला था।
सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया (SPNI) ने सिबाजी बिस्वास को अपना नया चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) नियुक्त किया है।
सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया (SPNI) ने सिबाजी बिस्वास को अपना नया चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) नियुक्त किया है। वह जनवरी 2025 से अपनी नई जिम्मेदारी संभालेंगे। इस भूमिका में सिबाजी SPNI की वित्तीय रणनीति, कॉर्पोरेट फाइनेंस और प्लानिंग का नेतृत्व करेंगे, जिसमें कंपनी की परिचालन दक्षता को बढ़ाने और चैनलों एवं डिजिटल प्लेटफार्मों के विविध पोर्टफोलियो में विस्तार में सहयोग करने पर ध्यान दिया जाएगा।
सिबाजी बिस्वास को वित्तीय नेतृत्व और रणनीतिक परिवर्तन में 20 से अधिक वर्षों का अनुभव है। इससे पहले, वह Syngene International (बायोकॉन ग्रुप की सहायक कंपनी) में CFO और एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर कार्यरत थे। वहां उन्होंने कंपनी के राजस्व को दोगुना करने और बाजार पूंजीकरण को तीन गुना करने में अहम भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में सप्लाई चेन और डिजिटल परिवर्तन के कार्य सफलतापूर्वक किए गए, जिससे कंपनी को दीर्घकालिक सफलता के लिए तैयार किया गया।
अपने करियर के शुरुआती दौर में, सिबाजी ने वोडाफोन में 12 साल बिताए, जहां उन्होंने विभिन्न नेतृत्व भूमिकाएं निभाईं। वे वोडाफोन रोमानिया के CFO, कॉर्पोरेट डेवलपमेंट के EVP, और हेड ऑफ प्रोक्योरमेंट जैसे पदों पर रहे। उन्होंने भारत सहित अन्य बाजारों में कंपनी के रणनीतिक विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके अलावा, उन्होंने हचिसन इंडिया में हेड ऑफ कॉर्पोरेट फाइनेंस के रूप में भी कार्य किया, जहां कंपनी की वित्तीय रणनीतियों को मजबूत करने में योगदान दिया।
सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO, गौरव बनर्जी ने सिबाजी के इस नियुक्ति का स्वागत किया और कहा, "सिबाजी की वित्तीय विशेषज्ञता और रणनीतिक दृष्टिकोण SPNI के नेतृत्व टीम के लिए महत्वपूर्ण होंगे। उनका अनुभव परिचालन दक्षता को बढ़ाने और जटिल वित्तीय क्षेत्रों में मार्गदर्शन करने में सहायक होगा, जिससे हम अपने ब्रैंड को मजबूत कर सकते हैं और दर्शकों के अनुभव को और भी बेहतर बना सकते हैं। हमें उनके योगदान का बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि हम विकास के इस नए चरण में प्रवेश कर रहे हैं।"
पत्रकारिता से जुड़े रहे दुबे को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष केसरीनाथ त्रिपाठी ने अपने कार्यकाल के दौरान सूचना अधिकारी के रूप में नियुक्त किया था।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के विशेष सचिव ब्रजभूषण दुबे की एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। हादसे के वक्त उनके साथ उनका बेटा भी कार में मौजूद था, जो गाड़ी चला रहा था। दुर्घटना में बेटे को भी चोटें आई हैं। घटना के अनुसार, अयोध्या के पास ओवरटेक करने के प्रयास में गाड़ी अनियंत्रित हो गई और सामने से आ रहे ट्रक से जा टकराई। इस भयानक टक्कर में कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। बता दें कि ब्रजभूषण दुबे पूर्व पत्रकार थे।
सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार रात को ब्रजभूषण दुबे अपने बेटे कृष्णा दुबे के साथ लखनऊ लौट रहे थे। कृष्णा गाड़ी चला रहा था और ओवरटेक करने की कोशिश में कार का नियंत्रण खो बैठा, जिससे वह डिवाइडर पार कर दूसरी लेन में चली गई और सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार के परखच्चे उड़ गए।
दुर्घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने तुरंत दोनों घायलों को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने ब्रजभूषण दुबे को मृत घोषित कर दिया। बेटे कृष्णा को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। ब्रजभूषण दुबे की मौत की खबर से लखनऊ और उनके गृह जिले बस्ती में शोक की लहर फैल गई है। पत्रकारिता से जुड़े रहे दुबे को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष केसरीनाथ त्रिपाठी ने अपने कार्यकाल के दौरान सूचना अधिकारी के रूप में नियुक्त किया था।
यह दुखद हादसा अयोध्या के थाना पटरंगा क्षेत्र के गनौली कट के पास हाईवे पर रात करीब डेढ़ बजे हुआ। विशेष सचिव रहे ब्रजभूषण दुबे मिलनसार और सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। उनके असामयिक निधन से उनके परिवार में शोक की लहर है और पूरे क्षेत्र में भी गहरा दुख है।
भोजपुरी मनोरंजन के क्षेत्र में पहचान बना चुके 'फीलमची भोजपुरी' चैनल ने अब अपने दर्शकों के लिए एक नए और आकर्षक अंदाज में वापसी की है।
भोजपुरी मनोरंजन के क्षेत्र में पहचान बना चुके 'फीलमची भोजपुरी' चैनल ने अब अपने दर्शकों के लिए एक नए और आकर्षक अंदाज में वापसी की है। चैनल ने अपने ब्रांड और शैली को पूरी तरह से नया रूप दिया है, जो भोजपुरी दर्शकों की बदलती पसंद को दर्शाता है। चैनल ने मनोरंजन की दुनिया में कई नए बदलावों और एक से बढ़कर एक कार्यक्रमों को पेश करने की योजना बनाई है, जिससे दर्शकों को पहले से कहीं अधिक रोचक और खास अनुभव मिलेगा।
फीलमची भोजपुरी चैनल के इस नए रूप का अनावरण 7 नवंबर 2024 को छठ पूजा के अवसर पर किया गया है, जो भोजपुरी समाज का एक महत्वपूर्ण पर्व है। चैनल ने दर्शकों के बीच इस नए रूप की जानकारी पहुंचाने के लिए भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार आम्रपाली दुबे और काजल यादव को प्रचार अभियान का चेहरा बनाया है। इस अभियान के माध्यम से नए बदलाव और आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी जा रही है, ताकि दर्शक इस नए रूप से परिचित हो सकें और इसका हिस्सा बन सकें।
फीलमची भोजपुरी के मैनेजिंग डायरेक्टर आदित्य पिट्टी ने बताया कि चैनल का यह नया रूप आधुनिकता और भोजपुरी संस्कृति का एक शानदार मिश्रण है। नए कार्यक्रमों में वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर, म्यूजिक स्पेशल, और चैनल के अपने प्रोडक्शन में बनी फिल्मों की प्रस्तुति शामिल है। इससे दर्शकों को स्थानीय कहानियों और कलाकारों को देखने का अवसर मिलेगा।
इसके अलावा, चैनल ने संगीत और भक्ति से जुड़े कार्यक्रमों को भी जोड़ने की योजना बनाई है, जिससे सभी आयु वर्ग के दर्शकों का जुड़ाव बना रहे। नए कंटेंट के माध्यम से चैनल का उद्देश्य भोजपुरी दर्शकों के साथ अपने संबंध को और मजबूत करना और परिवारों को एक साथ जोड़े रखना है।
अजय कुमार इससे पहले ‘भारत24’, ‘इंडिया टीवी’, ‘भास्कर न्यूज’, ‘ईटीवी भारत’ और ‘नेटवर्क18’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में विभिन्न पदों पर अपनी भूमिकाएं निभा चुके हैं।
हिंदी न्यूज चैनल ‘इंडिया डेली लाइव’ (India Daily Live) ने वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार को आउटपुट हेड के पद पर नियुक्त किया है। अपनी इस भूमिका में वह आउटपुट से जुड़े समस्त कार्यों के लिए जिम्मेदार होंगे।
बता दें कि इससे पहले वरिष्ठ पत्रकार कुंदन कुमार इस चैनल में आउटपुट हेड की जिम्मेदारी निभा रहे थे, जिन्होंने कुछ समय पहले ही यहां अपनी पारी को विराम दे दिया है।
मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले अजय कुमार को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का करीब 20 साल का अनुभव है। अजय कुमार इससे पहले हिंदी न्यूज चैनल ‘भारत24’ (Bharat24) से जुड़े हुए थे।
पूर्व में वह ‘इंडिया टीवी’ (India TV), ‘भास्कर न्यूज’ (Bhaskar News), ‘ईटीवी भारत’(ETV Bharat) और ‘नेटवर्क18’ (Network18) जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में भी विभिन्न पदों पर अपनी भूमिकाएं निभा चुके हैं।
समाचार4मीडिया की ओर से अजय कुमार को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
समाचार4मीडिया से बातचीत में शशांक विक्रम सिंह ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की है। विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि वह जल्द ही अपनी नई पारी ‘आजतक’ (AajTak) से शुरू कर सकते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार शशांक विक्रम सिंह ने ‘जी न्यूज’ (Zee News) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। फिलहाल वह यहां नोटिस पीरियड पर हैं। समाचार4मीडिया से बातचीत में शशांक विक्रम सिंह ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की है। अपनी नई पारी के बारे में उनका कहना है कि वह जल्द ही जॉइन कर उसके बारे में बताएंगे।
वहीं, विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि वह जल्द ही अपनी नई पारी ‘आजतक’ (AajTak) से शुरू कर सकते हैं। यहां वह जाने-माने पत्रकार और सीनियर न्यूज एंकर सुधीर चौधरी के प्राइम टाइम शो ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ (Black And White) में अहम जिम्मेदारी निभाएंगे। हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
बता दें कि शशांक विक्रम सिंह पूर्व में भी सुधीर चौधरी के साथ काम कर चुके हैं। जिस समय सुधीर चौधरी ‘जी न्यूज’ में प्राइम टाइम शो ‘डीएनए’ (DNA) होस्ट करते थे, शशांक विक्रम उस शो की प्रॉडक्शन टीम का अहम हिस्सा थे।
शशांक विक्रम सिंह ‘जी न्यूज’ से वर्ष 2013 से जुड़े हुए थे। पहले वह ‘डीएनए’ की प्रॉडक्शन टीम का हिस्सा हुआ करते थे और पिछले करीब ढाई-तीन साल से वह यहां प्रॉडक्शन टीम का अहम हिस्सा थे।
मूल रूप से गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले शशांक विक्रम को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का करीब दो दशक का अनुभव है। मीडिया में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने वर्ष 2004 में ‘ईटीवी’ से की थी। इसके बाद वह ‘महुआ’ और ‘पीटीसी पंजाबी’ में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
रिलांयस ने जब अपना चैनल ‘बिग मैजिक’ लॉन्च किया था, तब वह उसकी लॉन्चिंग टीम में भी शामिल रहे थे। पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो शशांक विक्रम ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया है। इसके साथ ही उन्होंने ‘जयपुरिया इंस्टीट्यूट’ लखनऊ से मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई की है।
3 नवंबर को दूरदर्शन न्यूज़ के स्थापना दिवस पर शम्मी नारंग विशेष रूप से फिर से दूरदर्शन न्यूज़ के मंच पर लौटे।
केबल टीवी, डिजिटल टीवी और इंटरनेट के आने से पहले दूरदर्शन हर भारतीय घर का अभिन्न हिस्सा था। उस समय दूरदर्शन के न्यूजरीडर्स और एंकर्स बिना किसी सनसनी के, सरल और निष्पक्ष तरीके से खबरें प्रस्तुत करते थे। इन्हीं में से एक थे शम्मी नारंग, जो जाने-माने न्यूज एंकर और वॉयस ओवर आर्टिस्ट रहे हैं। इस बार 3 नवंबर को 'डीडी न्यूज' के स्थापना दिवस पर शम्मी नारंग विशेष रूप से फिर से 'डीडी न्यूज' के मंच पर लौटे। दूरदर्शन का यह न्यूज चैनल, जो 24 घंटे खबरें प्रसारित करता है, 2003 में शुरू हुआ था।
रविवार को शम्मी नारंग ने दर्शकों के लिए एक “विशेष सरप्राइज” के रूप में बुलेटिन पढ़ा। वीडियो में वे कहते हैं, “यह ऐसा है जैसे दुल्हन अपने मायके लौट रही हो।” उन्होंने इस अनुभव को अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा, “लगभग 23 साल बाद, मैंने @DDNewslive के स्थापना दिवस पर बुलेटिन पढ़ा, जो मेरे लिए भी एक खास अनुभव था।”
यादों का सुनहरा सफ़र !
— Shammi Narang (@iamshamminarang) November 3, 2024
After almost 23 years, I returned to read the bulletin as a special surprise on @DDNewslive‘s foundation day ?#Doordarshan #ShammiNarang #DDNews #Nostalgia #IndianNews @DDNewsHindi pic.twitter.com/kMaVJoArOq
इस वीडियो को 16,000 से अधिक व्यूज मिल चुके हैं और इसे देखकर लोग अपने पुराने दिनों की यादों में खो गए। एक यूज़र ने लिखा, “बहुत सुंदर और भावुक कर देने वाला अनुभव। ये हमें उन दिनों में वापस ले गया जब न्यूज देखना एक खास आयोजन होता था। आपकी आवाज सुनना बहुत भावुक कर गया, ईश्वर आपका भला करे।” एक और यूज़र ने टिप्पणी की, “वो अच्छे दिन थे जब आप, सलमा सुल्तान, मीना तलवार और सरला एम न्यूज़ एंकर हुआ करती थीं। असली खबरें होती थीं, बिना शोर-शराबे के, बिना व्यक्तिगत राय के और बिना किसी बहस के।”
एक तीसरे यूज़र ने लिखा, “अच्छा लगा ये देखना और उन दिनों को याद करना जब मैं 8:40 बजे का समाचार अपने माता-पिता के साथ देखता था।”
बता दें कि 'डीडी न्यूज' हिंदी, अंग्रेज़ी, उर्दू और संस्कृत में रोजाना खबरें प्रसारित करता है। चैनल पर रोजाना 17 घंटे से अधिक का लाइव प्रसारण और 30 से अधिक न्यूज़ बुलेटिन प्रसारित किए जाते हैं, जो दर्शकों को हर भाषा में खबरों से जोड़ने का काम करते हैं।
आशिफ एकबाल इससे पहले 'इंडिया न्यूज' (itv Group) में एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
तमाम नेशनल न्यूज चैनल्स में संपादक की भूमिका निभा चुके आशिफ एकबाल ने अपनी नई पारी का ऐलान कर दिया है। आशिफ एकबाल अब नेशनल न्यूज चैनल ‘प्राइम न्यूज’ (Prime News) में संपादक की भूमिका में नजर आएंगे। अपनी इस भूमिका में आशिफ एकबाल चैनल के मैनेजिंग डायरेक्टर और एडिटर-इन-चीफ मनीष पांडेय को रिपोर्ट करेंगे।
आशिफ एकबाल इससे पहले 'इंडिया न्यूज' (itv Group) में एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। देश के युवा संपादकों की फेहरिस्त में शुमार आशिफ एकबाल ने कई लोकसभा और विधानसभा चुनावों को कवर किया है।
उन्होंने 'न्यूज इंडिया' चैनल में अपने साप्ताहिक शो 'हॉट सीट' और डेली शो '8Pm' के जरिए टीवी पर अपनी अलग पहचान बनाई और टीवी स्क्रीन पर नए-नए प्रयोग किए। अपनी कई टीवी रिपोर्ट्स को लेकर उन्हें तमाम अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है।
पत्रकारिता जगत में 20 सालों से ज्यादा का तजुर्बा रखने वाले आशिफ एकबाल ने विभिन्न न्यूज चैनल में काम किया है। समाचार पत्र 'आज' से पत्रकारिता में करियर शुरू करने वाले आशिफ ने 'महुआ टीवी', 'ईटीवी', 'चैनल वन', 'यूपी न्यूज', 'P7 न्यूज' और 'न्यूज18' जी मीडिया में कई अहम पदों पर कार्य किया है।
'समाचार प्लस', 'न्यूज इंडिया', 'जनतंत्र टीवी' जैसे चैनलों में उन्होंने एडिटर की भूमिका निभाई। समाचार4मीडिया की ओर से आशिफ एकबाल को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
एनडीटीवी (NDTV) ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के मीजरमेंट सिस्टम में फिर से शामिल होने का फैसला किया है।
एनडीटीवी (NDTV) ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के मीजरमेंट सिस्टम में फिर से शामिल होने का फैसला किया है।
BARC इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, 'एनडीटीवी इंडिया' ने हिंदी न्यूज HSM कैटेगरी में 2% बाजार हिस्सेदारी दर्ज की है।
मार्च 2022 में, एनडीटीवी ने BARC सिस्टम से बाहर निकलने का निर्णय लिया था। उन्होंने इसके पीछे कई कारण बताए थे, जैसे कि मीटरों की कमी, सिस्टम में कमजोरियां, पारदर्शिता का अभाव और भ्रष्टाचार की धारणा।
एनडीटीवी ने तब कहा था, "एनडीटीवी ने बार-बार इस ओर इशारा किया है कि यदि बार्क एक ऐसी मापन प्रणाली (measurement process) सुनिश्चित करने के लिए गंभीर है, जिसमें हेराफेरी या छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है, तो एक बड़े सैंपल साइज (मीटर) की आवश्यकता है।‘
उनका कहना था कि रेटिंग में गड़बड़ी उजागर होने से वर्षों पहले से एनडीटीवी इस सिस्टम की तमाम कमजोरियों की ओर इशारा कर रहा है। दुर्भाग्य से, टीआरपी की रिपोर्टिंग फिर से शुरू करने के लिए बार्क जो बदलाव पेश कर रहा है, वे चिंताजनक रूप से अपर्याप्त हैं।
‘एनडीटीवी’ ग्रुप की प्रेजिडेंट सुपर्णा सिंह ने कहा था, "दुर्भाग्यवश, BARC द्वारा TRP रिपोर्टिंग फिर से शुरू करने पर जो बदलाव किए जा रहे हैं वे बेहद अपर्याप्त हैं।"
इसके साथ ही सुपर्णा सिंह का यह भी कहना था कि ब्रॉडकास्टर को बार्क इंडिया की रेटिंग प्रणाली को फिर से शुरू किए जाने पर तक इसे सबस्क्राइब करना सुसंगत नहीं लगता, जब तक कि इसमें आवश्यक सुधार नहीं हो जाते। उन्होंने कहा था कि बार्क को ज्यादा मीटर लगाने और अधिक पारदर्शी बनाने की जरूरत है।
अब एनडीटीवी का वापस आना दर्शाता है कि वे अपने दर्शकों और बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं।
'गुड न्यूज टुडे' (GNT) चैनल इस दीपावली पर अपने दर्शकों के लिए सकारात्मक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध कार्यक्रमों की विशेष प्रस्तुति लेकर आ रहा है।
'गुड न्यूज टुडे' (GNT) चैनल इस दीपावली पर अपने दर्शकों के लिए सकारात्मक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध कार्यक्रमों की विशेष प्रस्तुति लेकर आ रहा है। दीपावली सीजन में ब्रैंड्स और उपभोक्ताओं के बीच जुड़ाव का प्रमुख माध्यम बनने की दिशा में 'गुड न्यूज टुडे' ने एक सप्ताह का विशेष प्रोग्रामिंग शेड्यूल तैयार किया है।
इस दौरान, चैनल विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियों को मान्यता देने वाले विशेष शो का प्रसारण करेगा, जिसमें ऐसे व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा जिनके कार्यों से समाज में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। साथ ही, चैनल लाइव दीपावली पूजा का प्रसारण भी करेगा, जिसमें दर्शक प्रतिष्ठित पंडितों के मार्गदर्शन में पूजा विधि का पालन कर सकेंगे।
चैनल पर एक कवि सम्मेलन भी होगा, जिसमें कवि दीपावली से जुड़े गीत प्रस्तुत करेंगे, जिससे उत्सव का माहौल और रंगीन होगा। “शॉपिंग के साथी” सीरीज के माध्यम से दर्शकों को प्रमुख शहरों में सर्वश्रेष्ठ खरीदारी स्थानों के सुझाव मिलेंगे, जबकि “कैसे करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न” कार्यक्रम में पंडितों से राशि-आधारित सुझाव दिए जाएंगे ताकि समृद्धि आकर्षित की जा सके।
'गुड न्यूज टुडे' अयोध्या में नव-निर्मित राम मंदिर के दीपोत्सव का सीधा प्रसारण भी करेगा, जिसमें सरयू घाट से लाइव रिपोर्टिंग शामिल होगी। चैनल एक खास कार्यक्रम के जरिए आगामी वर्ष के आर्थिक पूर्वानुमान पर चर्चा भी करेगा, जिससे दर्शकों की वित्तीय समृद्धि का मार्गदर्शन किया जा सके।
धनतेरस से पहले 'गुड न्यूज टुडे' एक दैनिक सीरीज पेश करेगा, जिसमें त्योहार के ऐतिहासिक महत्व और खरीदारी के सुझाव दिए जाएंगे और इसका समापन लाइव पूजा के प्रसारण से होगा।
'गुड न्यूज टुडे' का उद्देश्य इस विस्तृत प्रोग्रामिंग के माध्यम से अपने दर्शकों के दीपावली अनुभव को बेहतर बनाना और ब्रैंड्स को दर्शकों से जुड़ने का एक अनूठा मंच प्रदान करना है।
विवादित 'ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल' को लेकर देरी होती दिख रही है, क्योंकि सूचना-प्रसारण मंत्रालय को हितधारकों के बीच सहमति की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
अदिति गुप्ता, असिसटेंट एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप ।।
विवादित 'ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल' को लेकर देरी होती दिख रही है, क्योंकि सूचना-प्रसारण मंत्रालय को हितधारकों के बीच सहमति की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
'एक्सचेंज4मीडिया' को सूत्रों से पता चला है कि मंत्रालय को 13 अक्टूबर की समयसीमा तक बहुत कम इंडस्ट्री से जुड़ी प्रतिक्रिया मिली, खासकर ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स की भागीदारी में कमी के कारण चिंता बढ़ गई है। इन प्लेटफॉर्म्स ने प्रस्तावित नियमों को लेकर कई आपत्तियां जताई हैं। मंत्रालय फिलहाल बिल पर आगे बढ़ने से पहले व्यापक विचार-विमर्श की योजना बना रहा है, ताकि तेजी से बदल रहे मीडिया परिदृश्य में सभी की जरूरतों को ध्यान में रखा जा सके।
OTT प्लेटफॉर्म्स, जो अब कंटेंट डिस्ट्रीब्यूशन के क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहे हैं, प्रस्तावित नियमों को लेकर गंभीर आपत्तियां जता रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय ने फिलहाल इस बिल पर आगे बढ़ने का काम रोक दिया है ताकि इस पर व्यापक विचार-विमर्श किया जा सके। ऐसा इसलिए है क्योंकि तेजी से बदल रहे मीडिया परिदृश्य को नियंत्रित करना और उद्योग के सभी पक्षों की अलग-अलग जरूरतों को पूरा करना चुनौतीपूर्ण है।
मंत्रालय ने अगस्त में बिल का दूसरा ड्राफ्ट वापस ले लिया था, जिससे इसे लेकर सवाल खड़े हो गए थे। इस बिल का उद्देश्य एक ऐसा कानूनी ढांचा बनाना है जो OTT प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन कंटेंट क्रिएटर्स को भी शामिल करे और वर्तमान नीतियों में बदलाव लाए। यह नया कानून 'केबल टेलीविजन नेटवर्क (रेगुलेशन) एक्ट 1995' की जगह ले सकता है।
नाम न बताने की शर्त पर एक इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने कहा कि उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया मंत्रालय को भेज दी है, लेकिन सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। यह बिल फिलहाल रुका हुआ है, मुख्य रूप से OTT प्लेटफॉर्म्स द्वारा समर्थन की कमी के कारण, खासकर प्रस्तावित नियमों और पंजीकरण आवश्यकताओं को लेकर।
बिल के दूसरे ड्राफ्ट के साथ, केंद्र सरकार का उद्देश्य एक एकीकृत कानूनी ढांचा बनाना था जो प्रसारण क्षेत्र, OTT प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन क्रिएटर्स को नियंत्रित कर सके, साथ ही मौजूदा नीतियों में बदलाव ला सके। इस नए कानून से केबल टेलीविजन नेटवर्क (रेगुलेशन) अधिनियम, 1995 की जगह लेने की उम्मीद है।
एक सीनियर ब्रॉडकास्ट एक्सपर्ट ने कहा कि सरकार OTT कंटेंट पर नियंत्रण रखना चाहती है, जिसे OTT प्लेटफॉर्म्स द्वारा अस्वीकार किया जा रहा है। सरकार सेंसरशिप के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर सकती है जैसे "इंटरनल रिव्यू" या "कंटेंट कमेटी"। उन्होंने बताया कि 'IC814 The Kandahar Hijack' के मामले के बाद सरकार इस पर सख्त रुख अपना सकती है।
एक्सपर्ट ने आगे कहा कि बिल पर हितधारकों की प्रतिक्रियाएं और सरकार का रुख वही रहेगा और इससे कुछ नया नहीं निकलेगा। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने बिल को चुनिंदा लोगों के पास भेजकर अनावश्यक विवाद में खुद को उलझा लिया है।
पिछले महीने सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स के ‘IC-814 - द कंधार हाइजैक’ सीरीज को लेकर विवाद के बाद उसके कंटेंट हेड को बुलाया था, क्योंकि इसमें अपहरणकर्ताओं के चित्रण पर आपत्ति जताई गई थी।
वहीं OTT प्लेटफॉर्म्स को चिंता है कि नए बिल में प्रस्तावित नियम उनके कंटेंट पर अत्यधिक सरकारी नियंत्रण ला सकते हैं, जिससे उनकी रचनात्मक स्वतंत्रता बाधित हो सकती है।
OTT इंडस्ट्री से जुड़े एक एक्सपर्ट का कहना है कि ओटीटी प्लेयर्स कंटेंट में सरकारी हस्तक्षेप के लिए क्यों सहमत होंगे? यह निश्चित रूप से हमारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को खतरे में डालने वाला है। जहां तकरजिस्ट्रेशन का सवाल है, सभी पहले से ही उचित नियमों का पालन कर रहे हैं, इसलिए कानून का कोई उल्लंघन नहीं हो रहा है।
बिल के दूसरे ड्राफ्ट के प्रावधानों से मीडिया संगठनों में असंतोष फैल गया, जिन्होंने सेंसरशिप लागू करने और कंटेंट क्रिएटर्स पर अनुपालन के बोझ का विरोध किया। उनकी आशंका थी कि इस नियामक ढांचे से रचनात्मकता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बाधित हो सकती है, खासकर डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर जहां अधिकतर क्रिएटर्स काम करते हैं।
बिल को ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री के कई क्षेत्रों से कड़ा विरोध मिला, जिन्होंने इसे नुकसानदायक बताया। इसके साथ ही, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर खतरे, सरकारी हस्तक्षेप बढ़ने, और प्रसार भारती-प्रबंधित सेवाओं के प्रति पक्षपात को लेकर भी चर्चाएं जारी हैं। इंडस्ट्री के हितधारकों का कहना है कि यह बिल सरकारी मीडिया को निजी ऑपरेटर्स के मुकाबले लाभकारी स्थिति दे सकता है।
इसके अलावा, इस बिल में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को भी "ब्रॉडकास्टर्स" की श्रेणी में शामिल करना एक विवादास्पद मुद्दा बना हुआ है, क्योंकि यह इन्फ्लुएंसर्स के लिए उन नियमों का पालन करना चुनौतीपूर्ण बना सकता है जो पारंपरिक प्रसारणकर्ताओं पर लागू होते हैं।
जब मंत्रालय ने बिल वापस लिया था, तो कहा गया था कि अक्टूबर में एक नया ड्राफ्ट जारी किया जाएगा। हालांकि, अभी तक मंत्रालय की ओर से कोई समयसीमा घोषित नहीं की गई है। जैसे-जैसे चर्चा जारी है, 'ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज बिल' का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है और इंडस्ट्री जगत इस नियामक ढांचे की स्पष्टता का इंतजार कर रहा है जो भारत में कंटेंट निर्माण और वितरण को प्रभावित कर सकता है।