अहान पांडे और अनीत पड्डा की यह पहली मेनस्ट्रीम फिल्म सिनेमाघरों में धूम मचा रही है, और 13वें दिन के कलेक्शन ने साबित कर दिया है कि सैयारा सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक सिनेमाई तूफान है।
निर्देशक मोहित सूरी की रोमांटिक थ्रिलर सैयारा दर्शकों के दिलों पर लगातार छाई हुई है। फिल्म की कहानी, म्यूज़िक और कलाकारों की परफॉर्मेंस ने ऐसा असर डाला है कि रिलीज के दो हफ्ते पूरे होने के बाद भी सैयारा की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है। अहान पांडे और अनीत पड्डा की यह पहली मेनस्ट्रीम फिल्म सिनेमाघरों में धूम मचा रही है, और 13वें दिन के कलेक्शन ने साबित कर दिया है कि सैयारा सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक सिनेमाई तूफान है।
बुधवार यानी 13वें दिन, सैयारा ने लगभग 8 करोड़ रुपये का बिजनेस कर लिया है, जो किसी भी वीक डे के लिहाज़ से बेहतरीन आंकड़ा माना जाता है। 13वें दिन की कमाई को जोड़ने के बाद सैयारा का कुल नेट बॉक्स ऑफिस कलेक्शन अब 280 करोड़ के पार पहुंच चुका है, जो इसे साल 2025 की टॉप ग्रॉसिंग फिल्मों में शुमार कर रहा है। और खास बात यह है कि इसने दो बड़ी बॉलीवुड फिल्में, तान्हाजी और कबीर सिंह को पीछे छोड़ दिया है जिन्होंने 278 करोड़ की कमाई की थी।
सैयारा अब हिंदी सिनेमा की सर्वाधिक कमाई करने वाली फिल्मों की सूची में 18वें स्थान पर आ चुकी है। फिल्म की मौजूदा रफ्तार और दर्शकों की प्रतिक्रिया को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि सैयारा जल्द ही 300 करोड़ क्लब में शामिल हो सकती है। अगर वीकेंड पर दर्शकों की भीड़ यूं ही उमड़ती रही, तो यह फिल्म कई और सुपरहिट फिल्मों को पीछे छोड़ सकती है।
हालांकि, 2017 में जब उन्हें इस ऐप के प्रचार से जुड़ी नैतिक आपत्तियों का अहसास हुआ, तब उन्होंने इससे स्वयं को अलग कर लिया। इसके बाद से वे किसी भी प्रकार के गेमिंग प्लेटफॉर्म का प्रचार नहीं कर रहे हैं।
बॉलीवुड और दक्षिण भारतीय सिनेमा के जाने-माने अभिनेता प्रकाश राज से बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हैदराबाद स्थित अपने कार्यालय में पूछताछ की। यह कार्रवाई एक ऑनलाइन सट्टेबाजी एप्लिकेशन के कथित प्रचार से जुड़ी जांच के तहत की गई। प्रकाश राज उन 29 चर्चित हस्तियों में शामिल हैं, जिनके नाम साइबराबाद पुलिस द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी (FIR) में सामने आए हैं।
प्राथमिकी में आरोप है कि कई फिल्मी सितारों और प्रभावशाली व्यक्तियों ने ऑनलाइन विज्ञापनों के ज़रिए सट्टेबाजी ऐप्स को बढ़ावा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अभिनेता ‘जंगली रमी’ नामक एक ऑनलाइन गेमिंग ऐप से जुड़े हुए थे और उन्होंने वर्ष 2016 में इस ऐप का प्रचार किया था।
हालांकि, 2017 में जब उन्हें इस ऐप के प्रचार से जुड़ी नैतिक आपत्तियों का अहसास हुआ, तब उन्होंने इससे स्वयं को अलग कर लिया। इसके बाद से वे किसी भी प्रकार के गेमिंग प्लेटफॉर्म का प्रचार नहीं कर रहे हैं। अब ईडी इस मामले में न केवल प्रचार में भागीदारी की जांच कर रही है, बल्कि प्रचार के एवज़ में मिले भुगतान, वित्तीय लेन-देन और डिजिटल गतिविधियों की भी बारीकी से पड़ताल कर रही है।
प्रकाश राज के अलावा कई अन्य लोकप्रिय हस्तियों को भी ईडी ने तलब किया है। ईडी और पुलिस दोनों इस मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रहे हैं कि कैसे ये प्रचार न केवल आर्थिक लेनदेन से जुड़ा है, बल्कि आम जनता को गुमराह करने वाला भी साबित हो सकता है।
सनी देओल और फरहान अख्तर पहली बार एक साथ बड़ी एक्शन फिल्म में काम कर रहे हैं। एक्सेल एंटरटेनमेंट के बैनर तले बन रही यह फिल्म दिसंबर में फ्लोर पर जाएगी। जानिए फिल्म की खास बातें।
सनी देओल, जिनकी पिछली फिल्म 'जाट' ने भले ही बॉक्स ऑफिस पर औसत प्रदर्शन किया हो, लेकिन उनके दमदार एक्शन ने एक बार फिर दर्शकों के दिलों में खास जगह बना ली थी। अब एक बार फिर सनी अपने एक्शन अवतार में लौटने को तैयार हैं और इस बार बॉलीवुड के जाने-माने निर्माता फरहान अख्तर का का साथ उनको मिला है।
सूत्रों के मुताबिक, फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी की प्रोडक्शन कंपनी एक्सेल एंटरटेनमेंट सनी देओल के साथ एक नई एक्शन थ्रिलर फिल्म लेकर आ रही है। इस प्रोजेक्ट का टाइटल फिलहाल सामने नहीं आया है, लेकिन यह तय है कि फिल्म में हाई-वोल्टेज एक्शन सीक्वेंस होंगे।
इस खास फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं बालाजी, जो इससे पहले कई तमिल ब्लॉकबस्टर फिल्मों में बतौर सहायक निर्देशक काम कर चुके हैं। यह उनकी पहली हिंदी डायरेक्टोरियल फिल्म होगी। सनी देओल को स्क्रिप्ट इतनी पसंद आई कि उन्होंने तुरंत इस प्रोजेक्ट के लिए हामी भर दी।
फिल्म की शूटिंग दिसंबर 2025 में शुरू होने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि फिल्म का स्केल बहुत बड़ा है और एक्सेल एंटरटेनमेंट इसे एक यादगार सिनेमाई अनुभव बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। फिल्म की कास्टिंग को लेकर काम तेज़ी से चल रहा है और जल्द ही टाइटल और फर्स्ट लुक के साथ इसका आधिकारिक एलान होने वाला है।
25 साल बाद एकता कपूर का सुपरहिट शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' टीवी पर लौटा है। जानिए सीज़न 2 के पहले एपिसोड में क्या हुआ खास।
एकता कपूर का आइकॉनिक शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' एक नए कलेवर के साथ दोबारा छोटे पर्दे पर दस्तक दे चुका है। वर्षों बाद फिर से शांति निकेतन के दरवाजे दर्शकों के लिए खुल गए हैं और इस बार कहानी में हैं पुराने जज़्बात, नई परछाइयाँ और रिश्तों की ताज़ा परिभाषा। पहले एपिसोड की शुरुआत होती है उसी आंगन से, जहां तुलसी वीरानी (स्मृति ईरानी) हर सुबह तुलसी पूजा किया करती थीं।
वही आंगन, वही संस्कार, लेकिन इस बार कुछ नए चेहरे भी इस पारिवारिक गाथा का हिस्सा बने हैं। तुलसी और मिहिर (अमर उपाध्याय) की शादी की सालगिरह से कहानी फिर से शुरू होती है। जहाँ एक ओर ये जोड़ी अपनी पुरानी केमिस्ट्री से दर्शकों के दिलों में फिर जगह बना रही है, वहीं दूसरी ओर कहानी में पहले ही एपिसोड में कुछ नये मोड़ों और नाटकीय रहस्यों की दस्तक भी मिल जाती है।
विलेन का चेहरा भी सामने आ जाता है और घर की शांत ज़िंदगी में साज़िशों की आहट सुनाई देने लगती है। तुलसी की चाची सास, जो पहले भी तीखे संवादों और चालों के लिए जानी जाती थीं, अब फिर अपने तेवर में नज़र आ रही हैं। पुराने चहेते किरदारों के साथ नए चेहरे भी जुड़ चुके हैं।
रोहित सुचांती, अमन गांधी और शगुन शर्मा जैसे यंग टैलेंट इस सीज़न को नया फ्लेवर दे रहे हैं, जबकि हितेन तेजवानी और गौरी प्रधान की मौजूदगी शो को एक फैमिलियर अहसास देती है। और सबसे बड़ी बात, शो का टाइटल ट्रैक, जिसने 25 साल पुरानी यादें फिर से ज़िंदा कर दीं। सोशल मीडिया पर फैंस का रिएक्शन जबरदस्त है। लोगों को फिर से वही भावनाएं महसूस हो रही हैं जो उन्होंने पहली बार तुलसी और मिहिर को देखा था।
फिल्म 'सैयारा' बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर रही है। इस वजह से अजय देवगन की 'सन ऑफ सरदार 2' को अपनी रिलीज से पहले ही स्क्रीन्स की कटौती का सामना करना पड़ रहा है।
बॉलीवुड की नई पीढ़ी के कलाकार अहान पांडे और अनीत पड्डा ने अपनी फिल्म 'सैयारा' से ऐसा धमाका किया कि इंडस्ट्री को चौंका दिया। इस फिल्म की जबरदस्त सफलता ने बॉक्स ऑफिस पर तूफान खड़ा कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ अजय देवगन की महत्वाकांक्षी फिल्म 'सन ऑफ सरदार 2' इस बवंडर में फंसती नजर आ रही है।
यह पहले से तय था कि अजय देवगन की ये फिल्म 1 अगस्त को देशभर में 3,500 स्क्रीन्स पर रिलीज होगी। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, अब यह संख्या घटकर 2,500 स्क्रीन्स तक सीमित हो सकती है। इसकी बड़ी वजह 'सैयारा' और 'महावतार नरसिम्हा' जैसी फिल्मों की मजबूत पकड़ है, जो फिलहाल थिएटर मालिकों को अच्छा मुनाफा दे रही हैं।
थिएटर संचालकों की मानें तो वो इन हिट फिल्मों को हटाना नहीं चाहते, जिससे 'सन ऑफ सरदार 2' के लिए स्क्रीन्स की उपलब्धता घट रही है। डिस्ट्रीब्यूटर्स की मांग है कि फिल्म को शो टाइमिंग्स का 60% हिस्सा मिले, लेकिन अधिकतर सिनेमाघरों ने सिर्फ 35% तक की सहमति जताई है।
सिंगल स्क्रीन थिएटर तो महज दो शो देने को तैयार हैं। वहीं मल्टीप्लेक्स चेन PVR और INOX ने इस पर नाराजगी जताई है। अब सवाल ये है कि क्या 'सन ऑफ सरदार 2' सीमित स्क्रीन्स के बावजूद दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींच पाएगी? फिल्म से जुड़े सूत्रों के अनुसार, 31 जुलाई की सुबह तक शो अलॉटमेंट पर आखिरी फैसला लिया जा सकता है। फिलहाल निर्माता और थिएटर मालिकों के बीच बातचीत जारी है।
जेनेलिया डिसूजा ने अपनी नई फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी है। इंस्टाग्राम पर वीडियो साझा कर उन्होंने यह जानकारी दी है। जानिये उनके आने वाले प्रोजेक्ट्स की डिटेल्स क्या है।
बॉलीवुड अभिनेत्री जेनेलिया डिसूजा एक बार फिर सिल्वर स्क्रीन पर चमकने के लिए तैयार हैं। लंबे समय तक फिल्मी दुनिया से दूर रहीं जेनेलिया अब लगातार नए प्रोजेक्ट्स साइन कर रही हैं और अपनी एक्टिंग के सफर को फिर से रफ्तार दे रही हैं।
आमिर खान की चर्चित फिल्म ‘तारे ज़मीन पर’ में शानदार अभिनय के बाद उन्होंने एक बार फिर इंडस्ट्री में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई, और अब वह कई नए प्रोजेक्ट्स को लेकर चर्चा में हैं। हाल ही में जेनेलिया ने इंस्टाग्राम स्टोरी के ज़रिए एक वीडियो साझा कर अपनी नई फिल्म की शूटिंग शुरू होने की जानकारी दी।
इस वीडियो में वह मेकअप चेयर पर बैठी नजर आ रही हैं और उनकी टीम उन्हें तैयार कर रही है। इस वीडियो के साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा, नई फिल्म और नया उत्साह। चलिए शुरू करते हैं। हालांकि जेनेलिया ने अपनी इस नई फिल्म का नाम या अपनी भूमिका के बारे में कोई खुलासा नहीं किया है, लेकिन उनके चेहरे की खुशी और उत्साह से साफ है कि वह इस प्रोजेक्ट को लेकर बेहद रोमांचित हैं।
उनके इस ऐलान के बाद सोशल मीडिया पर फिल्म इंडस्ट्री के कई लोग और उनके प्रशंसक उन्हें बधाइयाँ दे रहे हैं। आपको बता दें, जेनेलिया जल्द ही अपनी सुपरहिट कॉमेडी सीरीज ‘मस्ती’ की चौथी किस्त ‘मस्ती 4’ में भी नजर आएंगी। रितेश देशमुख के साथ उनकी केमिस्ट्री हमेशा से दर्शकों को खूब पसंद आई है और फैंस इस जोड़ी को एक बार फिर बड़े पर्दे पर देखने के लिए उत्साहित हैं।
संजय कपूर की मौत के बाद 30,000 करोड़ की संपत्ति पर विवाद छिड़ा हुआ है। जानिए क्यों करिश्मा कपूर को नहीं मिलेगा हिस्सा और कौन हैं असली उत्तराधिकारी।
12 जून 2025 को लंदन में पोलो खेलते समय अचानक दिल का दौरा पड़ने से कारोबारी संजय कपूर का निधन हो गया। इस घटना के बाद से उनकी 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। खासकर यह सवाल उठाया गया कि क्या उनकी पूर्व पत्नी करिश्मा कपूर भी इस संपत्ति में हिस्सा मांग सकती हैं?
हालांकि, परिवार से जुड़े सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, करिश्मा कपूर संजय कपूर की संपत्ति की किसी भी विरासत में शामिल नहीं हैं। वसीयत में उनका नाम कहीं भी दर्ज नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, करिश्मा ने न तो कोई कानूनी दावा किया है और न ही वह ऐसा करने का इरादा रखती हैं।
फिलहाल, उनकी प्राथमिकता सिर्फ अपने बच्चों की भलाई और भविष्य है। संजय कपूर और करिश्मा कपूर के दो बच्चे हैं। समायरा और कियान। रिपोर्ट्स के अनुसार, यही दोनों बच्चे संजय की संपत्ति के कानूनी उत्तराधिकारी हैं और उन्हें इस पर पूरा अधिकार मिलेगा।
संजय कपूर की पहली शादी फैशन डिज़ाइनर नंदिता महतानी से हुई थी। इसके बाद उन्होंने 2003 में करिश्मा कपूर से विवाह किया, लेकिन 2016 में दोनों का तलाक हो गया। संजय कपूर की मौत को लेकर जो विवरण सामने आए हैं, उनके अनुसार, पोलो खेलते समय उन्होंने गलती से एक मधुमक्खी निगल ली थी। मधुमक्खी ने उनके गले में डंक मार दिया, जिससे उन्हें साँस लेने में तकलीफ हुई और दिल का दौरा पड़ गया।
रियलिटी शो 'लाफ्टर शेफ 2' का ग्रैंड फिनाले शानदार रहा, जिसमें करण कुंद्रा और एल्विश यादव की जोड़ी ने जबरदस्त कॉमेडी और कुकिंग के संगम से ट्रॉफी अपने नाम कर ली।
लोकप्रिय कॉमेडी-कुकिंग रियलिटी शो ‘लाफ्टर शेफ 2’ को उसका विजेता मिल गया है। फिनाले एपिसोड में टीम करण कुंद्रा और एल्विश यादव ने दमदार प्रदर्शन करते हुए न सिर्फ दर्शकों का दिल जीता बल्कि ट्रॉफी भी अपने नाम की। फिनाले एपिसोड में इस जोड़ी ने किचन में जहां लाजवाब पकवान बनाए, वहीं मंच पर हंसी का ऐसा तूफान लाया कि निर्णायक मंडल और दर्शक दोनों लोटपोट हो गए।
करण और एल्विश की टाइमिंग, केमिस्ट्री और हास्य संवादों ने उन्हें बाकी प्रतिभागियों से आगे निकाल दिया। शो की होस्ट भारती सिंह ने कहा, ऐसी ट्यूनिंग बहुत कम देखने को मिलती है। ये दोनों न केवल मनोरंजक थे, बल्कि इनकी बनाई डिशेज़ भी बेहतरीन थीं। वहीं एल्विश यादव ने अपनी ट्रेडमार्क स्टाइल में जीत के बाद कहा, हम तो हंसी के मसाले लेकर आए थे, जनता ने उसे टेस्ट कर लिया और मज़ा आ गया।
करण कुंद्रा ने कहा कि, यह शो मेरे लिए अलग अनुभव था। कॉमेडी और कुकिंग का ऐसा कॉम्बिनेशन मैंने पहली बार किया और एल्विश जैसा पार्टनर पाकर मज़ा आ गया। कार्यक्रम का प्रसारण एक प्रमुख टीवी चैनल पर किया गया था और यह हर सप्ताहांत को आता था। शो के पहले सीजन को भी काफी सराहना मिली थी, लेकिन दूसरे सीजन में दर्शकों की भागीदारी और भी अधिक बढ़ी।
फिल्ममेकर आनंद एल राय के प्रोडक्शन हाउस कलर येलो ने विनोद भानुशाली की भानुशाली स्टूडियोज लिमिटेड के साथ साझेदारी की है, जिसके तहत ऐसे सिनेमा को बढ़ावा दिया जाएगा
फिल्ममेकर आनंद एल राय के प्रोडक्शन हाउस कलर येलो ने विनोद भानुशाली की भानुशाली स्टूडियोज लिमिटेड के साथ साझेदारी की है, जिसके तहत ऐसे सिनेमा को बढ़ावा दिया जाएगा जो नए स्वर, पारंपरिक ढांचों को तोड़ती कहानियां और बड़े पर्दे के लायक सशक्त अनुभव लेकर आए। इस सहयोग की शुरुआत हो रही है फिल्म ‘तू या मैं’ से एक हाई-कॉन्सेप्ट, हाई-इमोशन, डेट-फ्राइट फिल्म जो किसी एक शैली में समा ही नहीं सकती।
इस फिल्म में पहली बार साथ नजर आएंगे शनाया कपूर और आदर्श गौरव की नई जोड़ी और इसका निर्देशन कर रहे हैं बेजॉय नाम्बियार। फिल्म एक हल्की-फुल्की मुलाकात से शुरू होकर एक सर्वाइवल थ्रिलर में तब्दील हो जाती है, जिसकी पृष्ठभूमि में संगीत, पागलपन और प्रकृति की अनिश्चितता का अनोखा मेल देखने को मिलेगा।
‘तू या मैं’ एक ऐसी कहानी है जो रोमांस और सर्वाइवल को इस तरह मिलाती है कि वह शैली की हर परिभाषा को चुनौती देती है। इसका संगीत, जिसमें रैप, बीट ड्रॉप्स और बेहद प्रभावशाली साउंड डिज़ाइन शामिल है, फिल्म को युवा दर्शकों के लिए एक बोल्ड सिनेमाई अनुभव में बदल देता है।
इस प्रोजेक्ट को प्रोड्यूस कर रहे हैं आनंद एल राय, हिमांशु शर्मा, विनोद भानुशाली और कमलेश भानुशाली। फिल्म में राय और शर्मा के जमीन से जुड़े मानवीय ड्रामा और नाम्बियार की स्टाइलिश, रफ-एज फिल्ममेकिंग का गजब का संतुलन नजर आएगा। ‘तू या मैं’ को वेलेंटाइन्स डे 2026 पर रिलीज़ किया जाएगा, और इसे पहले से ही अगले साल की बहुप्रतीक्षित फिल्मों में गिना जा रहा है।
फिल्म को लेकर अपने विचार साझा करते हुए आनंद एल राय ने कहा, “हर फिल्म के साथ हम इस बात की सीमा को और आगे ले जाना चाहते हैं कि कहानियां कैसी महसूस हो सकती हैं। ‘तू या मैं’ उसी दिशा में एक साहसी और चौंकाने वाला कदम है। भानुशाली स्टूडियोज के साथ इस साझेदारी की शुरुआत को लेकर मैं बेहद उत्साहित हूं, क्योंकि वे भी हमारी तरह अप्रत्याशित को खोजने में विश्वास रखते हैं।”
वहीं विनोद भानुशाली ने कहा, “हम जो भी करते हैं, उसके केंद्र में ऐसी कहानियों को सामने लाने की चाह होती है जो दर्शकों को भीतर तक छू जाएं। कलर येलो के साथ हमारी यह साझेदारी रचनात्मक जोखिम और सारगर्भित कंटेंट के प्रति साझा जुनून पर आधारित है। ‘तू या मैं’ के साथ हम एक बेहद रोमांचक, भावनात्मक और असाधारण रूप से साहसी अनुभव में उतर रहे हैं।”
कलर येलो और भानुशाली स्टूडियोज की यह साझेदारी एक ऐसी लाइन-अप तैयार कर रही है जो विविधता, निर्देशन की स्पष्ट दृष्टि और हर मोड़ पर चौंकाने वाली कहानी कहने की क्षमता पर केंद्रित है। यदि ‘तू या मैं’ कोई संकेत है, तो यह साझेदारी अभी शुरुआत भर है और ये पारंपरिक रास्तों पर चलने नहीं आई है।
भारतीय टेलीविजन आजकल एक अजीब दौर से गुजर रहा है। 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी', 'CID' और 'बड़े अच्छे लगते हैं' जैसे पुराने शो एक बार फिर टीवी पर लौट आए हैं।
वी.सी. भारती, इंडस्ट्री एक्सपर्ट, तमिल टेलीविजन ।।
भारतीय टेलीविजन आजकल एक अजीब दौर से गुजर रहा है। 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी', 'CID' और 'बड़े अच्छे लगते हैं' जैसे पुराने शो एक बार फिर टीवी पर लौट आए हैं। इसकी एक बड़ी वजह ये है कि लोग अब स्ट्रीमिंग ऐप्स और शॉर्ट वीडियो की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं, जिससे पारंपरिक टीवी की व्युअरशिप घट रही है। ऐसे में चैनल्स दर्शकों को फिर से लुभाने के लिए पुरानी यादों का सहारा ले रहा है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या ये रणनीति समझदारी है या फिर बस इस बात का संकेत कि नए आइडिया ही नहीं बचे? शायद दोनों ही बातें सच हैं।
सच कहें तो लग रहा है कि इंडस्ट्री एक जगह फंस गई है और उम्मीद कर रही है कि पुराने हिट्स फिर से कमाल कर देंगे। नए शोज वो असर नहीं छोड़ पा रहे। इतना तो तय है कि टीवी इस समय अपने दर्शकों की बदलती पसंद के साथ तालमेल बिठाने में जूझ रहा है। यह देखना बाकी है कि ये 'नोस्टैल्जिया' का दांव कितना चलेगा, लेकिन फिलहाल नया कुछ नहीं, सब कुछ जाना-पहचाना ही है।
अब सवाल उठता है कि ये हो क्यों रहा है? जवाब सीधा है- भारतीय टीवी को अपनी पहचान को लेकर असमंजस है। जब ओटीटी और टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म सारे 'कूल' दर्शकों को खींच ले जाएं, तो मेनस्ट्रीम चैनल क्या करें? वही पुराने शो दोबारा लाएं, थोड़ी चमक-धमक दें और TRP के भगवान से प्रार्थना करें कि लोग दोबारा देखने लगें। ये बिल्कुल वैसा है जैसे कोई पुराना म्यूजिक बैंड री-यूनियन टूर पर निकले- चाहे किसी ने मांगा हो या नहीं, टिकट फिर भी बिक ही जाते हैं।
अब दोष पूरी तरह चैनलों का भी नहीं है। नोस्टैल्जिया तो सीधे दिल में घुस जाने वाला शॉर्टकट है। क्योंकि सास... का टाइटल ट्रैक सुनकर या ACP प्रद्युमन का “दया, दरवाजा तोड़ दो!” सुनकर आंखें नम न हो जाएं तो कहना। स्टार प्लस और बाकी चैनल अब आपके बचपन की यादों के सहारे स्क्रीन से आपको जोड़े रखना चाहते हैं- वही लेट नाइट स्लॉट, वही पुराने एपिसोड, अब ओटीटी पर भी।
लेकिन यह नोस्टैल्जिया सिर्फ गर्मजोशी नहीं, चेतावनी भी है। जो नए शो आ रहे हैं, वो भी बस पुराने फॉर्मूलों को दोहराते जा रहे हैं। वही सास-बहू की लड़ाई, वही लव ट्रायंगल और आधुनिक महिला मतलब खलनायिका वाला राग। अनुपमा और कुंडली भाग्य जैसे शो इतनी तेजी से एपिसोड निकाल रहे हैं कि दर्शक सांस भी न ले पाएं, लेकिन IMDB रेटिंग ऐसी जैसे स्कूल के सबसे सख्त मास्टर ने चेकिंग की हो।
लेखकों के पास नए आइडिया की किल्लत साफ झलकती है। खुद ऐक्टर्स भी बोर हो गए हैं। रोहित रॉय तक ने कहानी को “दकियानूसी” कह दिया, यानी सीधे शब्दों में कहें, तो पत्थर युग में अटकी हुई। एकता कपूर ने बदलाव की कोशिश की थी, लेकिन रिस्पॉन्स ठंडा रहा और वो भी वापस पुराने ढर्रे पर लौट आईं।
इस वक्त हम एक ‘रीरन रूटीन’ में फंस चुके हैं। कोई इस चक्र को तोड़ेगा? शायद। पर तब तक पॉपकॉर्न निकालिए, क्योंकि भारतीय टीवी के लिए अतीत ही फिलहाल पूरी स्क्रिप्ट बन चुका है।
जहां टीवी पुराने खाने को फिर से गरम कर रहा है, वहीं ओटीटी तो जैसे फाइव-स्टार किचन बन चुका है। सेक्रेड गेम्स, पाताल लोक, स्कैम 1992—ये शो सिर्फ मनोरंजन नहीं, एक झटका हैं। ऐसे कैरेक्टर्स और ट्विस्ट्स कि असली जिंदगी भी फीकी लगने लगे। अब Gen Z को 2000 एपिसोड वाला ड्रामा देखने कहो, तो जवाब में एक इंस्टा रील भेज देंगे- “कौन देखे इतना लंबा शो?”
संख्याएं भी यही कहती हैं। हां, टीवी चैनल अब भी प्राइम टाइम पर कब्जा जमाए हुए हैं, लेकिन ऑडियंस अब जवान हो रही है और बहुत अधीर भी। वो अब डबल-स्क्रीनिंग करते हैं- एक तरफ टीवी, दूसरी तरफ ओटीटी। क्योंकि अब लोग सिर्फ एक स्वाद पर नहीं टिकते, पूरा कंटेंट का बुफे चाहिए। ब्रॉडकास्टर्स को भी अंदाजा हो गया है, तभी तो CID को नेटफ्लिक्स पर डाला जा रहा है, और क्योंकि... के डिजिटल वर्जन पर काम शुरू हो चुका है। लेकिन सच कहें तो, ये पुराने मारुति पर नई पेंटिंग करने जैसा है और उम्मीद करना कि ये टेस्ला को टक्कर दे देगी।
ओटीटी की दुनिया में कंटेंट क्रिएटर्स खुलकर खेल रहे हैं, जॉनर मिक्स हो रहे हैं, विजुअल्स एकदम धमाकेदार हैं। टीवी के पुराने फार्मूले अब टिक नहीं पा रहे, खासकर जब लोग ब्रेकिंग बैड जैसी एड्रेनालिन-फुल स्टोरीटेलिंग का स्वाद चख चुके हैं। और शॉर्ट-फॉर्म? वो तो जैसे कंटेंट का एस्प्रेसो शॉट हो गया है- छोटा, तीखा, और नींद तोड़ने वाला।
तो टीवी का अगला प्लान क्या है? पुराने शो को नए प्लेटफॉर्म पर लाना और चमत्कार की उम्मीद करना। क्योंकि... जैसे शो वादा कर रहे हैं कि अब वो “मॉर्डन मुद्दों” पर बात करेंगे, लेकिन अगर वही पुराने क्लिशे लौटे, तो ऑडियंस उसे डेटिंग ऐप की तरह स्वाइप कर देगी बिना देखे, बाय-बाय।
भारतीय टीवी को अब रिस्क लेना होगा, नए जॉनर एक्सप्लोर करने होंगे, और सबसे जरूरी- ‘आदर्श बहू’ का खांचा छोड़ना होगा। हमें चाहिए थोड़े गड़बड़ किरदार, अस्त-व्यस्त परिवार, ऑफिस ड्रामा और साइंस फिक्शन। हम वो शो चाहते हैं जो हँसाए, रुलाए और अचानक हमें चीखने पर मजबूर कर दे- “क्या? ऐसा कैसे हो गया?”
लेखकों को थोड़ी छूट दीजिए, एक्टर्स को खुलकर खेलने दीजिए, शायद तब कुछ जादू हो जाए।
अंत में कहें तो, भारतीय टीवी की यह नोस्टैल्जिया वाली स्ट्रैटेजी, दाल-चावल जैसी है। सुकून देती है, पर हर दिन नहीं खाई जा सकती। इस ओटीटी की जंगल-जैसी दुनिया में टिके रहने के लिए इंडस्ट्री को मसाला बढ़ाना होगा, पुराने फ्लेवर में नई रेसिपी मिलानी होगी और नई सोच को गले लगाना होगा। तभी जाकर टीवी एक बार फिर दिल और रिमोट दोनों जीत पाएगा।
(ये लेखक के निजी विचार हैं)
2025 की पहली छमाही में 5,723 करोड़ रुपये की कमाई के साथ भारतीय बॉक्स ऑफिस ने बनाया नया रिकॉर्ड, हिंदी सिनेमा टॉप पर और मंझौली फिल्मों का दबदबा बढ़ा
कंचन श्रीवास्तव, सीनियर एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।
2025 की पहली छमाही में भारतीय घरेलू बॉक्स ऑफिस ने 5,723 करोड़ रुपये की कमाई की, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 14% की वृद्धि को दर्शाता है। Ormax Media की रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी से जून 2025 के बीच 17 फिल्मों ने 100 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया, जबकि 2024 की पहली छमाही में यह संख्या सिर्फ 10 थी।
Ormax का अनुमान है कि अगर यह रुझान जारी रहा, तो भारत 2025 में लगभग 13,500 करोड़ रुपये के साथ अब तक का सबसे बड़ा वार्षिक बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड बना सकता है, बशर्ते साल के दूसरे हिस्से में प्रदर्शन सामान्य रहे।
‘छावा’ ने मारी बाजी, लेकिन मंझोली फिल्मों का बढ़ा प्रभाव
जहां छावा ने 693 करोड़ रुपये की कमाई कर चार्ट में टॉप किया, वहीं इस अवधि में सिर्फ एक ही फिल्म ने 250 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की। इसका अर्थ है कि बॉक्स ऑफिस अब कुछ चुनिंदा मेगा-ब्लॉकबस्टर्स पर निर्भर नहीं रह गया है, बल्कि मंझोले बजट की कई फिल्मों की स्थिर कमाई से समग्र कारोबार को ताकत मिल रही है।
यह संकेत है कि सिनेमा हाल की दर्शक संख्या अब बड़े आयोजनों पर नहीं, बल्कि निरंतर दर्शक खिंचाव वाली विविध फिल्मों पर निर्भर हो रही है, जिससे बॉक्स ऑफिस एक अधिक संतुलित और स्थिर स्वरूप ग्रहण कर रहा है।
तमिल और हॉलीवुड सिनेमा का उभार
2024 की पहली छमाही में जहां एक भी तमिल फिल्म ने 100 करोड़ क्लब में प्रवेश नहीं किया था, वहीं 2025 के पहले छह महीनों में तीन तमिल फिल्मों ने यह मुकाम हासिल किया। इसी तरह, हॉलीवुड फिल्मों की हिस्सेदारी भी दोगुनी हो गई (6% से बढ़कर 13% हो गई) Deadpool & Wolverine और Inside Out 2 जैसी फिल्मों की सफलता की बदौलत।
2025 की पहली छमाही में टॉप-10 फिल्मों का कुल बॉक्स ऑफिस में योगदान 39% रहा, जो 2024 की पहली छमाही के 44% से कम है। Ormax के विश्लेषकों का मानना है कि इससे साफ है कि अब एक ज्यादा स्वस्थ और संतुलित बॉक्स ऑफिस परिदृश्य उभर रहा है।
मंझोली फिल्मों की भागीदारी से जोखिम हुआ कम
मंझोले बजट की फिल्मों की बढ़ती भागीदारी ने ब्लॉकबस्टर फिल्मों के प्रभुत्व को संतुलित किया है, जिससे बड़ी फिल्मों के असफल होने पर बॉक्स ऑफिस को झेलने वाली अस्थिरता में कमी आई है। Ormax के मुताबिक, निर्माता और वितरकों के लिए संदेश स्पष्ट है कि यदि वे रीजनल और जॉनर-केंद्रित फिल्मों पर ध्यान दें तो बिना बड़े सितारों वाली फिल्मों से भी स्थायी मुनाफा कमाया जा सकता है।
हिंदी सिनेमा शीर्ष पर, तेलुगु दूसरे नंबर पर
2025 की पहली छमाही में हिंदी सिनेमा ने एक बार फिर भारतीय बॉक्स ऑफिस में अपना दबदबा कायम किया और 38% हिस्सेदारी के साथ शीर्ष पर रहा, जो 2024 में 33% थी। इस बढ़त का सबसे बड़ा कारण छावा की जबरदस्त सफलता रही, जिसने अकेले 693 करोड़ रुपये कमाए।
तेलुगु सिनेमा दक्षिण भारत में प्रमुख शक्ति बना रहा और पूरे भारत के कुल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में करीब एक-तिहाई का योगदान दिया। तमिल सिनेमा ने भी उल्लेखनीय वापसी की, जहां छह महीनों में ही तीन फिल्मों ने 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई की, जबकि 2024 में यह संख्या शून्य थी।
कन्नड़ और मलयालम सिनेमा की स्थिरता
इस बीच, कन्नड़ और मलयालम भाषा की क्षेत्रीय फिल्मों ने अपने-अपने घरेलू बाजारों में निरंतर प्रदर्शन के साथ अपनी मजबूती बनाए रखी। यह भारत के बहुभाषी सिनेमा परिदृश्य की विविधता और लचीलापन दर्शाता है।
जून में ‘सितारे जमीन पर’ ने की सबसे ज्यादा कमाई
जून 2025 का महीना भी भारतीय बॉक्स ऑफिस के लिए स्थिर रहा, जिसमें कुल कमाई 900 करोड़ रुपये के पार पहुंच गई, जिसमें उन फिल्मों की अनुमानित भविष्य की कमाई भी शामिल है जो अभी भी सिनेमाघरों में चल रही हैं।
आमिर खान की फिल्म सितारे ज़मीन पर जून की सबसे बड़ी हिट रही, जिसने 200 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया। इसके अलावा Kuberaa (तमिल/तेलुगु) और F1: The Movie (हॉलीवुड) ने भी इस महीने की कमाई में अहम योगदान दिया।
2025 की पहली छमाही ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय दर्शक अब सिर्फ बड़े सितारों पर निर्भर नहीं हैं। विविध भाषाओं और शैलियों की फिल्मों को मिल रही सफलता इस बात का संकेत है कि एक अधिक समावेशी, स्थिर और संतुलित फिल्म उद्योग आकार ले रहा है—जहां कंटेंट ही असली स्टार बनता जा रहा है।