टेक कंपनी गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने पहली बार बताया कि 2022 के आखिर में जब OpenAI ने ChatGPT लॉन्च किया था, तब कंपनी के अंदर कैसी हलचल मच गई थी।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
टेक कंपनी गूगल (Google) के सीईओ सुंदर पिचाई ने पहली बार बताया कि 2022 के आखिर में जब OpenAI ने ChatGPT लॉन्च किया था, तब कंपनी के अंदर कैसी हलचल मच गई थी। उन्होंने कहा कि उस वक्त Google ने इस चुनौती को इतना गंभीर माना कि उसने 'कोड रेड' (Code Red) घोषित कर दिया और अपनी पूरी AI रणनीति को नए सिरे से तैयार करना पड़ा।
सेल्सफोर्स के ड्रीमफोर्स कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए पिचाई ने माना कि OpenAI को इस बात का श्रेय जाता है कि उन्होंने चैटबॉट को सबसे पहले लॉन्च किया। पिचाई ने कहा, 'आप सही हैं, श्रेय OpenAI को जाता है, उन्होंने इसे पहले लॉन्च किया। हम भी शायद कुछ महीनों बाद ऐसा ही प्रोडक्ट पेश करने वाले थे, लेकिन उस समय यह हमारे गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतर रहा था।'
तेजी बनाम प्रतिष्ठा: Google की दुविधा
पिचाई की यह स्वीकारोक्ति सिलिकॉन वैली की पुरानी दुविधा को उजागर करती है- क्या नई तकनीक को जल्दी लॉन्च करना बेहतर है या पहले गुणवत्ता सुनिश्चित करना। Google जैसे बड़े ब्रैंड के लिए यह संतुलन और भी कठिन था, क्योंकि छोटी कंपनियों की तरह वह जोखिम नहीं उठा सकता था।
संस्थापकों की वापसी: AI की जंग में फिर मैदान में उतरे लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन
ChatGPT के असर ने Google मुख्यालय को हिला दिया। 2019 में दैनिक संचालन से दूर हो चुके कंपनी के संस्थापक लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन को वापस बुलाया गया। यह कदम इस बात का संकेत था कि कंपनी इसे अस्तित्व के संकट के रूप में देख रही थी।
उनकी वापसी ने स्पष्ट कर दिया कि एक छोटी स्टार्टअप कंपनी ने Google के 149 अरब डॉलर के सर्च बिजनेस को चुनौती दे दी है। इसके बाद कंपनी ने तेजी से कदम उठाते हुए अपने कई विभागों की टीमों को फिर से संगठित किया और 20 से ज्यादा AI प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी। Google समझ गया था कि ChatGPT जैसी बातचीत करने वाली तकनीक इंटरनेट पर जानकारी पाने का बिल्कुल नया तरीका पेश कर रही है, जो पारंपरिक सर्च मॉडल को अप्रासंगिक बना सकती है। और जब Google की 80% से ज्यादा आमदनी डिजिटल विज्ञापन से आती है, तो यह खतरा सीधे कंपनी की आय पर असर डाल सकता था।
घबराहट से अवसर तक: सुंदर पिचाई की सकारात्मक सोच
बाहरी दुनिया जहां Google की स्थिति को संकट के रूप में देख रही थी, वहीं सुंदर पिचाई ने इसे अवसर बताया। उन्होंने कहा, 'मैं उत्साहित था, क्योंकि मुझे पता था कि अब खेल का रुख बदल गया है।' पिचाई के मुताबिक ChatGPT का लॉन्च इस बात का सबूत था कि Google का वर्षों से चल रहा AI निवेश सही दिशा में जा रहा था।
Google ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए मार्च 2023 में अपना चैटबॉट ‘Bard’ लॉन्च किया, जिसे बाद में ‘Gemini’ नाम दिया गया। हालांकि, कंपनी ने अपेक्षाकृत सावधानी से कदम बढ़ाया, क्योंकि उसके लिए किसी गलत या पक्षपाती उत्तर से ब्रैंड की साख को नुकसान पहुंचने का खतरा था।
पिछले अनुभवों से मिली सीख
पिचाई ने कहा कि Google पहले भी ऐसे तकनीकी झटके झेल चुका है, जैसे YouTube के अचानक उभरने के समय वह खुद वीडियो सर्च पर काम कर रहा था, या जब Instagram ने फोटो शेयरिंग में Facebook को चुनौती दी थी। लेकिन Google और Facebook ने अंततः इन्हीं प्रतिस्पर्धी प्लेटफॉर्म्स को खरीदकर खतरे को अवसर में बदल दिया।
इस बार भी पिचाई के अनुसार, Google की कोशिश है कि AI की इस नई दौड़ में वही बात दोहराई जाए- जहां प्रतिस्पर्धा डर नहीं, बल्कि इनोवेशन का कारण बने।
नए साल के पहले दिन दिल्लीवासियों को केंद्र सरकार की ओर से बड़ी सौगात मिलने जा रही है। 1 जनवरी से राजधानी में ‘भारत टैक्सी’ ऐप आधारित सेवा शुरू होगी।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
नए साल की शुरुआत के साथ ही दिल्लीवासियों को यात्रा के क्षेत्र में एक नया और भरोसेमंद विकल्प मिलने जा रहा है। 1 जनवरी से राजधानी में केंद्र सरकार समर्थित ‘भारत टैक्सी’ ऐप आधारित सेवा शुरू की जाएगी। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और दिल्ली में इसका सफल परीक्षण भी किया जा चुका है।
‘भारत टैक्सी’ सेवा को ओला, ऊबर और रैपिडो जैसे निजी एग्रीगेटर्स के विकल्प के रूप में पेश किया जा रहा है। इस सेवा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें ड्राइवरों को कम से कम 80 प्रतिशत किराया सीधे मिलेगा। यह मॉडल ड्राइवर-ओन्ड कोऑपरेटिव सिस्टम पर आधारित है, जिससे ड्राइवरों की आय बढ़ेगी और उनके कार्य हालात भी बेहतर होंगे।
यात्रियों के लिए भी यह सेवा कई मायनों में फायदेमंद साबित होगी। इसमें पीक आवर्स के दौरान होने वाली मनमानी सर्ज प्राइसिंग पर रोक लगेगी। इसके साथ ही बुकिंग कैंसिल करना, यात्रा के दौरान अनावश्यक बहस और अन्य आम शिकायतों को कम करने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
इस ऐप का संचालन सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक करीब 56 हजार ड्राइवर इस प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण करा चुके हैं। दिल्ली के बाद गुजरात के राजकोट में भी इसका ट्रायल चल रहा है, जहां 1 फरवरी से सेवा शुरू होने की संभावना है।
भारत टैक्सी में कार, ऑटो और बाइक तीनों सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यह जीरो कमीशन मॉडल ड्राइवरों को निजी कंपनियों पर निर्भरता से मुक्त कर एक न्यायसंगत और आत्मनिर्भर विकल्प देने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह फीचर 2026 में पेश किया जा सकता है, जिसमें वयस्क यूजर्स को सीमित दायरे में एक्सप्लिसिट और NSFW बातचीत की अनुमति मिलेगी।
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OpenAI के लोकप्रिय एआई टूल ChatGPT को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी साल 2026 में ChatGPT का नया Adult Mode लॉन्च करने की योजना पर काम कर रही है। इस मोड के तहत वयस्क यूजर्स को कुछ अतिरिक्त और अधिक एक्सप्लिसिट उपयोग विकल्प मिल सकते हैं, जिनमें सीमित स्तर की NSFW बातचीत और कामुक रोलप्ले भी शामिल हो सकता है।
'The Verge' की रिपोर्ट के मुताबिक, OpenAI की एप्लीकेशन सीईओ फिद्जी सिमो ने संकेत दिया है कि यह फीचर 2026 की पहली तिमाही में लॉन्च किया जा सकता है। हालांकि कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि Adult Mode को लेकर वह बेहद सतर्क है और इसे तभी पेश किया जाएगा जब मजबूत और भरोसेमंद आयु सत्यापन प्रणाली पूरी तरह तैयार हो जाएगी।
OpenAI का कहना है कि यह मोड केवल कानूनी रूप से वयस्क यूजर्स के लिए ही उपलब्ध होगा। इसके लिए कंपनी पारंपरिक ऑप्ट-इन सिस्टम की बजाय एआई आधारित एज वेरिफिकेशन तकनीक विकसित कर रही है। यह सिस्टम यूजर की गतिविधियों और कुछ डिजिटल संकेतों के आधार पर उम्र का अनुमान लगाएगा।
फिलहाल यह तकनीक शुरुआती परीक्षण चरण में है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस आयु सत्यापन सिस्टम का परीक्षण कुछ चुनिंदा देशों में किया जा रहा है, जहां यह उन यूजर्स की पहचान करता है जो खुद को वयस्क बताकर लॉग इन करने की कोशिश करते हैं।
अगर परीक्षण सफल रहता है, तो सबसे पहले यह फीचर अमेरिका में लॉन्च हो सकता है। संभावना है कि ChatGPT का Adult Mode केवल पेड सब्सक्राइबर्स के लिए उपलब्ध होगा। इससे पहले OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन भी संकेत दे चुके हैं कि कंपनी वेरिफाइड एडल्ट यूजर्स के लिए नए और एक्सक्लूसिव फीचर्स पर काम कर रही है।
ओपनएआई ने अपना नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल जीपीटी-5.2 लॉन्च कर दिया है। यह बिजनेस, ऑफिस और प्रोफेशनल कामों को तेज और सटीक बनाने पर फोकस करता है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
दुनिया की अग्रणी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनियों में शामिल ओपनएआई ने अपने नेक्स्ट जेनरेशन मॉडल जीपीटी-5.2 को आधिकारिक तौर पर लॉन्च कर दिया है। यह नया मॉडल इस बात का संकेत है कि कंपनी अब केवल बेहतर चैट अनुभव तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि एआई को सीधे व्यावसायिक और प्रोफेशनल कामों का हिस्सा बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
जीपीटी-5.2 को इस तरह तैयार किया गया है कि यह रियल-वर्ल्ड और प्रैक्टिकल टास्क को पहले से कहीं बेहतर तरीके से संभाल सके। चाहे किसी कंपनी को सेल्स प्रेजेंटेशन तैयार करनी हो, किसी अस्पताल को शेड्यूल मैनेज करना हो या ऑफिस से जुड़े जटिल दस्तावेज बनाने हों, यह मॉडल इन सभी कामों में ज्यादा सटीक और भरोसेमंद साबित होता है।
आंतरिक परीक्षणों में इसकी परफॉर्मेंस ने कई प्रतिस्पर्धी मॉडलों को पीछे छोड़ा है। फिलहाल इस मॉडल को चरणबद्ध तरीके से जारी किया जा रहा है। शुरुआत में इसका एक्सेस पेड यूजर्स को दिया गया है, जिनमें चैटजीपीटी गो, प्लस, प्रो, बिजनेस और एंटरप्राइज सब्सक्राइबर्स शामिल हैं।
फ्री और एजुकेशन अकाउंट्स के यूजर्स को इसके लिए कुछ समय इंतजार करना होगा। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि पेड यूजर्स को सीमित समय तक पुराने वर्जन का एक्सेस मिलता रहेगा। नई क्षमताओं के तहत जीपीटी-5.2 लंबी बातचीत, बड़े डॉक्यूमेंट और मल्टी-स्टेप वर्कफ्लो को बेहतर ढंग से समझता है।
यह अब कैलेंडर, स्प्रेडशीट और कोड जैसे बाहरी टूल्स को भी खुद ऑपरेट कर सकता है। कीमत की बात करें तो इसका बेस और प्रो मॉडल अलग-अलग प्रोफेशनल जरूरतों को ध्यान में रखकर तय किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने भारत में 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया है। यह एशिया में कंपनी का अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्य नडेला ने भारत के लिए एक ऐतिहासिक निवेश की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट भारत में लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है। यह एशिया महाद्वीप में कंपनी का अब तक का सबसे बड़ा निवेश माना जा रहा है।
सत्य नडेला ने इस घोषणा की जानकारी एक्स पर साझा करते हुए प्रधानमंत्री के साथ अपनी तस्वीर भी जारी की। उन्होंने कहा कि यह निवेश भारत के कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित भविष्य को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगा। इस निवेश से देश में डिजिटल ढांचे का विस्तार, तकनीकी कौशल का विकास और नई क्षमताओं का निर्माण किया जाएगा।
वहीं कंपनी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि यह निवेश तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित होगा जिसमें ढांचे का विस्तार, कौशल विकास और तकनीकी संप्रभुता शामिल होगी। माइक्रोसॉफ्ट का लक्ष्य भारत को पारंपरिक डिजिटल ढांचे से आगे ले जाकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित सार्वजनिक ढांचे की दिशा में अग्रसर करना है।
भारत सरकार का मानना है कि इस निवेश से देश में स्टार्टअप, शोध संस्थान, तकनीकी शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा। आने वाले वर्षों में डेटा केंद्रों, एआई प्रयोगशालाओं और डिजिटल प्रशिक्षण केंद्रों का जाल पूरे देश में फैलाया जाएगा। दरअसल, इस ऐलान को भारत के तकनीकी भविष्य की दिशा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है, जो देश को वैश्विक एआई केंद्र बनाने की ओर मजबूत कदम साबित होगा।
Thank you, PM @narendramodi ji, for an inspiring conversation on India’s AI opportunity. To support the country’s ambitions, Microsoft is committing US$17.5B—our largest investment ever in Asia—to help build the infrastructure, skills, and sovereign capabilities needed for… pic.twitter.com/NdFEpWzoyZ
— Satya Nadella (@satyanadella) December 9, 2025
Netflix ने Warner Bros Studios को खरीदकर मनोरंजन जगत में ऐतिहासिक मर्जर कर दिया है। इस डील के तहत HBO, HBO Max और Warner के फिल्म–टीवी स्टूडियोज अब Netflix का हिस्सा बनेंगे।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
Netflix ने 72 बिलियन डॉलर यानी 6.47 लाख करोड़ रुपये में Warner Bros Studios को खरीदने का ऐलान किया है। यह डील न सिर्फ वित्तीय दृष्टि से बहुत बड़ी है, बल्कि मनोरंजन जगत के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ सकती है। बोर्ड मीटिंग के बाद की गई घोषणा के मुताबिक, Netflix अब Warner Bros Discovery के फिल्म और टीवी स्टूडियोज के साथ-साथ HBO और HBO Max को भी अपने प्लेटफॉर्म में शामिल करेगा।
Netflix के CEO टेड सारंडोस ने इसे कंपनी की बड़ी छलांग बताते हुए कहा कि Warner की विशाल फिल्म और शो लाइब्रेरी Netflix यूजर्स को अभूतपूर्व कंटेंट विकल्प देगी। यह डील कैश और Netflix के शेयर से पूरी की जाएगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, Disney और Amazon भी रेस में थे, लेकिन Netflix ने सबसे अधिक बोली लगाई।
डील अगले साल की पहली तिमाही में रेगुलेटरी मंजूरी के बाद पूरी होगी। Netflix के वर्तमान 30 करोड़ वैश्विक सब्सक्राइबर्स और Warner के 13 करोड़ यूजर्स मिलकर अब एक विशाल संयुक्त दर्शक वर्ग बनाएंगे। इससे Netflix का मार्केट शेयर 40% से अधिक हो जाएगा।
Netflix की शुरुआत 1997 में DVD रेंटल सर्विस के रूप में हुई थी, जबकि Warner Bros 1923 से हॉलीवुड का सबसे बड़ा नाम रहा है। बैटमैन, हैरी पॉटर और DC यूनिवर्स जैसी फ्रेंचाइजी अब Netflix के पास होंगी। डील के बाद Netflix 2026 तक Warner Bros की लोकप्रिय IP के साथ 50 नए ओरिजिनल शोज लॉन्च करेगा। कंपनी का अगला बड़ा फोकस भारत और एशियाई बाजार होंगे, जहां तेजी से नए यूजर्स जुड़ रहे हैं।
भारत के स्मार्टफोन निर्यात में जबरदस्त बढ़त दर्ज हुई है। अक्टूबर 2025 में अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात तीन गुना बढ़कर 1.47 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत से अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात में अक्टूबर 2025 में शानदार उछाल देखने को मिला। पिछले वर्ष अक्टूबर में यह आंकड़ा 0.46 अरब डॉलर था, जो अब बढ़कर 1.47 अरब डॉलर हो गया है यानी तीन गुना से अधिक वृद्धि हुई है।
वित्त वर्ष 2025-26 के अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में भारत ने अमेरिका को 10.78 अरब डॉलर के स्मार्टफोन निर्यात किए, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 3.60 अरब डॉलर थे। हालांकि जून से सितंबर के बीच निर्यात में गिरावट देखी गई थी, लेकिन अक्टूबर में इसमें सुधार हुआ है।
महीनेवार आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में 1.65 अरब डॉलर, मई में 2.29 अरब डॉलर, जून में 1.99 अरब डॉलर, जुलाई में 1.52 अरब डॉलर, अगस्त में 0.96 अरब डॉलर और सितंबर में 0.88 अरब डॉलर का निर्यात हुआ था।
एक अधिकारी के अनुसार, टैरिफ संबंधी अनिश्चितताओं और वैश्विक मांग में उतार-चढ़ाव के बावजूद यह वृद्धि भारत की रणनीतिक उत्पादन क्षमता, प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना, और मजबूत सप्लाई चेन नेटवर्क की सफलता को दर्शाती है।
भारत के वैश्विक स्मार्टफोन निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच यह 10.68 अरब डॉलर से बढ़कर 15.95 अरब डॉलर तक पहुंच गया, यानी 49.35% की वृद्धि देखने को मिली। यह रुझान इस बात का संकेत है कि भारत वैश्विक स्मार्टफोन विनिर्माण हब के रूप में अपनी स्थिति को लगातार मजबूत कर रहा है।
केंद्र सरकार के उस निर्देश पर विवाद गहराता जा रहा है, जिसमें नए स्मार्टफोन में ‘संचार साथी’ एप पहले से इंस्टॉल करने को कहा गया था। एपल ने इस आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
केंद्र सरकार द्वारा सभी नए स्मार्टफोन में ‘संचार साथी’ एप को पहले से इंस्टॉल करने के निर्देश दिए जाने के बाद देश में इस मुद्दे पर बहस तेज हो गई है। शुरुआत में यह कहा गया था कि एपल, सैमसंग, वीवो, ओप्पो और शाओमी जैसी कंपनियों को 90 दिनों के भीतर इसे लागू करना होगा, और यह एप यूजर्स द्वारा हटाया या बंद नहीं किया जा सकेगा।
इसी आदेश के बाद सबसे पहले एपल ने इस निर्देश को मानने से इनकार कर दिया, जिसके चलते मामला और अधिक संवेदनशील हो गया। सूत्रों के अनुसार, एपल का कहना है कि वह अपने मोबाइल फोन में किसी भी सरकारी या बाहरी एप को पहले से इंस्टॉल करने की नीति का पालन नहीं करती।
कंपनी का तर्क है कि उसके मोबाइल सिस्टम में केवल अधिकृत स्टोर के माध्यम से ही एप डाउनलोड किए जा सकते हैं। पहले भी एपल देश में इसी तरह के सरकारी एप को लेकर आपत्ति जता चुकी है। इधर विपक्षी दलों ने सरकार के इस कदम को नागरिकों की निजता पर हमला बताया है।
कांग्रेस समेत कई दलों का कहना है कि किसी भी मोबाइल में जबरन एप डलवाना निगरानी बढ़ाने का रास्ता खोलता है और आम नागरिक की निजी जानकारी के दुरुपयोग की आशंका पैदा करता है। विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय संचार मंत्री ने बयान जारी कर कहा कि संचार साथी एप किसी पर थोपा नहीं जाएगा। उन्होंने साफ किया कि यह एप अनिवार्य नहीं है और उपयोगकर्ता चाहें तो इसे हटा सकते हैं।
Meta ने भारत के लिए बड़ा अपडेट जारी किया है। अब Instagram, Facebook और Edits ऐप पर बंगाली, मराठी, तेलुगु, तमिल और कन्नड़ समेत कई भारतीय भाषाओं का सपोर्ट जोड़ा गया है।
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सोशल मीडिया दिग्गज Meta Platforms ने भारत में अपने यूज़र्स और क्रिएटर्स के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कंपनी ने शुक्रवार को मुंबई में आयोजित House of Instagram इवेंट में घोषणा की कि अब Instagram, Facebook और Edits ऐप में नई भारतीय भाषाओं का सपोर्ट जोड़ा जा रहा है।
Meta AI Translations अब बंगाली, मराठी, तेलुगु, तमिल और कन्नड़ भाषाओं में उपलब्ध होगा। इस अपडेट के बाद क्रिएटर्स अपने Reels को इन भाषाओं में डब और लिप-सिंक फीचर की मदद से ट्रांसलेट कर सकेंगे। इससे उनके कंटेंट की पहुंच और भी व्यापक हो जाएगी।
कंपनी के अनुसार, यह Meta AI-पावर्ड डबिंग टूल क्रिएटर की आवाज़ के टोन और नैचुरल साउंड को बनाए रखता है, ताकि अनुवादित वीडियो भी असली जैसा लगे। वहीं, लिप-सिंक फीचर ऑडियो को स्पीकर के होंठों की मूवमेंट के साथ सटीक तरीके से सिंक करता है, जिससे यह लगे कि क्रिएटर वास्तव में उसी भाषा में बोल रहा है।
यह सुविधा पहले से ही अंग्रेजी, हिंदी, स्पेनिश और पुर्तगाली में उपलब्ध थी, और अब इसका विस्तार भारतीय भाषाओं तक कर दिया गया है। इसके साथ ही, Instagram के Edits ऐप को भी भारतीय टच दिया गया है। अब इसमें नई भारतीय फोंट्स जोड़े जा रहे हैं।
यह ऐप एक ऑन-द-गो वीडियो एडिटिंग सॉल्यूशन है, जिसमें कीफ्रेमिंग, ऑटोमैटिक कैप्शन, हाई-क्वालिटी वीडियो कैप्चर और कैमरा सेटिंग्स जैसे एडवांस टूल्स शामिल हैं। Meta का कहना है कि यह अपडेट भारतीय क्रिएटर्स को अपने दर्शकों के और करीब लाने और स्थानीय भाषाओं में वैश्विक स्तर पर कंटेंट पहुंचाने में मदद करेगा।
Google ने अपने एआई मॉडल Gemini 3 Pro के ‘Thinking Mode’ के लिए नए रेट लिमिट्स लागू किए हैं। कंपनी ने स्पष्ट नहीं किया कि लिमिट्स बढ़ाए गए हैं या घटाए, लेकिन बताया कि ये 'बार-बार अपडेट' किए जाएंगे।
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टेक दिग्गज Google ने अपने एडवांस्ड एआई मॉडल Gemini 3 Pro के ‘Thinking Mode’ में बदलाव किए हैं, जिससे अब Free यूज़र्स को सीमित एक्सेस मिलेगी। कंपनी की सपोर्ट पेज पर अपडेट किया गया है कि 'बेसिक एक्सेस डेली लिमिट्स बार-बार बदल सकती हैं।' हालांकि, गूगल ने यह नहीं बताया कि लिमिट्स घटाई गई हैं या बढ़ाई जाएंगी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इन बदलावों का कारण एआई सेवाओं की बढ़ती मांग है। पहले Gemini 2.5 Pro के लिए यूज़र्स को 5 प्रॉम्प्ट्स प्रतिदिन की अनुमति थी, और ऐसा माना जा रहा है कि नई लिमिट्स इससे कम हो सकती हैं। दिलचस्प बात यह है कि यह लिमिट्स प्रॉम्प्ट की संख्या पर नहीं, बल्कि टोकन-बेस्ड सिस्टम पर आधारित हैं।
टोकन सिस्टम का मतलब है कि एआई मॉडल शब्दों और वाक्यों को टुकड़ों में प्रोसेस करता है। जितना जटिल सवाल होगा, उतने ज्यादा टोकन खर्च होंगे। उदाहरण के लिए, एक यूज़र 10 साधारण प्रश्न पूछ सकता है, लेकिन जटिल सवालों की स्थिति में वही यूज़र सिर्फ़ 5-6 क्वेरी ही कर पाएगा।
इसी के साथ, गूगल ने अपने NotebookLM प्लेटफ़ॉर्म पर भी बदलाव किए हैं। कंपनी ने घोषणा की है कि 'Infographics' और 'Slide Decks' जैसी सुविधाएँ फ्री यूज़र्स के लिए अस्थायी रूप से बंद की जा रही हैं। वहीं, Google AI Pro प्लान वाले यूज़र्स के लिए भी कुछ एक्सेस लिमिट्स लागू की गई हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज, ब्रुकफील्ड और डिजिटल रियल्टी ट्रस्ट की संयुक्त कंपनी 2030 तक 11 अरब डॉलर का निवेश कर विशाखापट्टनम में 1 गीगावॉट का एआई डेटा सेंटर कैंपस बनाएगी।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
भारत के तकनीकी क्षेत्र में एक और बड़ी छलांग लगाते हुए Digital Connexion जो मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज, Brookfield Asset Management और Digital Realty Trust की संयुक्त पहल है ने बुधवार को घोषणा की कि वह 2030 तक 11 अरब डॉलर का निवेश करेगी।
इस निवेश से आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में 400 एकड़ में फैला 1 गीगावॉट का एआई-नेटिव डेटा सेंटर कैंपस तैयार किया जाएगा। कंपनी ने बताया कि इस परियोजना के लिए आंध्र प्रदेश आर्थिक विकास बोर्ड (APEDB) के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
यह कदम उस वैश्विक प्रवृत्ति के अनुरूप है, जहाँ सरकारें और टेक कंपनियाँ एआई इंफ्रास्ट्रक्चर को तेज़ी से विस्तार दे रही हैं। दिलचस्प बात यह है कि Alphabet Inc. (Google) ने हाल ही में विशाखापट्टनम में ही 15 अरब डॉलर के निवेश से एआई सेंटर स्थापित करने की घोषणा की थी।
अब Digital Connexion के इस निवेश से यह क्षेत्र भारत का अगला बड़ा टेक हब बनता दिख रहा है। रिलायंस समर्थित यह संयुक्त उद्यम उन अंतरराष्ट्रीय टेक दिग्गजों की सूची में शामिल हो गया है जो भारत में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं।
Amazon पहले ही 2030 तक भारत में 12.7 अरब डॉलर क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करने की घोषणा कर चुका है, जबकि OpenAI भी 1 गीगावॉट क्षमता वाला डेटा सेंटर स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है। इसी बीच, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने भी अपने एआई-आधारित डेटा सेंटर्स को विस्तार देने के लिए TPG Inc. से 1 अरब डॉलर का निवेश प्राप्त किया है।
CBRE Group Inc. के अनुमानों के अनुसार, भारत में डेटा सेंटर निवेश 2027 तक 100 अरब डॉलर के पार पहुंच जाएगा और इस नई पहल से भारत एआई युग की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में एक निर्णायक भूमिका निभाने जा रहा है।