ChatGPT के बाद कैसे Google में मची थी खलबली, सुंदर पिचाई ने खोले AI बदलाव के राज

टेक कंपनी गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने पहली बार बताया कि 2022 के आखिर में जब OpenAI ने ChatGPT लॉन्च किया था, तब कंपनी के अंदर कैसी हलचल मच गई थी।

Last Modified:
Saturday, 18 October, 2025
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 टेक कंपनी गूगल (Google) के सीईओ सुंदर पिचाई ने पहली बार बताया कि 2022 के आखिर में जब OpenAI ने ChatGPT लॉन्च किया था, तब कंपनी के अंदर कैसी हलचल मच गई थी। उन्होंने कहा कि उस वक्त Google ने इस चुनौती को इतना गंभीर माना कि उसने 'कोड रेड' (Code Red) घोषित कर दिया और अपनी पूरी AI रणनीति को नए सिरे से तैयार करना पड़ा।

सेल्सफोर्स के ड्रीमफोर्स कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए पिचाई ने माना कि OpenAI को इस बात का श्रेय जाता है कि उन्होंने चैटबॉट को सबसे पहले लॉन्च किया। पिचाई ने कहा, 'आप सही हैं, श्रेय OpenAI को जाता है, उन्होंने इसे पहले लॉन्च किया। हम भी शायद कुछ महीनों बाद ऐसा ही प्रोडक्ट पेश करने वाले थे, लेकिन उस समय यह हमारे गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतर रहा था।'

तेजी बनाम प्रतिष्ठा: Google की दुविधा

पिचाई की यह स्वीकारोक्ति सिलिकॉन वैली की पुरानी दुविधा को उजागर करती है- क्या नई तकनीक को जल्दी लॉन्च करना बेहतर है या पहले गुणवत्ता सुनिश्चित करना। Google जैसे बड़े ब्रैंड के लिए यह संतुलन और भी कठिन था, क्योंकि छोटी कंपनियों की तरह वह जोखिम नहीं उठा सकता था।

संस्थापकों की वापसी: AI की जंग में फिर मैदान में उतरे लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन

ChatGPT के असर ने Google मुख्यालय को हिला दिया। 2019 में दैनिक संचालन से दूर हो चुके कंपनी के संस्थापक लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन को वापस बुलाया गया। यह कदम इस बात का संकेत था कि कंपनी इसे अस्तित्व के संकट के रूप में देख रही थी।

उनकी वापसी ने स्पष्ट कर दिया कि एक छोटी स्टार्टअप कंपनी ने Google के 149 अरब डॉलर के सर्च बिजनेस को चुनौती दे दी है। इसके बाद कंपनी ने तेजी से कदम उठाते हुए अपने कई विभागों की टीमों को फिर से संगठित किया और 20 से ज्यादा AI प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी। Google समझ गया था कि ChatGPT जैसी बातचीत करने वाली तकनीक इंटरनेट पर जानकारी पाने का बिल्कुल नया तरीका पेश कर रही है, जो पारंपरिक सर्च मॉडल को अप्रासंगिक बना सकती है। और जब Google की 80% से ज्यादा आमदनी डिजिटल विज्ञापन से आती है, तो यह खतरा सीधे कंपनी की आय पर असर डाल सकता था।

घबराहट से अवसर तक: सुंदर पिचाई की सकारात्मक सोच

बाहरी दुनिया जहां Google की स्थिति को संकट के रूप में देख रही थी, वहीं सुंदर पिचाई ने इसे अवसर बताया। उन्होंने कहा, 'मैं उत्साहित था, क्योंकि मुझे पता था कि अब खेल का रुख बदल गया है।' पिचाई के मुताबिक ChatGPT का लॉन्च इस बात का सबूत था कि Google का वर्षों से चल रहा AI निवेश सही दिशा में जा रहा था।

Google ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए मार्च 2023 में अपना चैटबॉट ‘Bard’ लॉन्च किया, जिसे बाद में ‘Gemini’ नाम दिया गया। हालांकि, कंपनी ने अपेक्षाकृत सावधानी से कदम बढ़ाया, क्योंकि उसके लिए किसी गलत या पक्षपाती उत्तर से ब्रैंड की साख को नुकसान पहुंचने का खतरा था।

पिछले अनुभवों से मिली सीख

पिचाई ने कहा कि Google पहले भी ऐसे तकनीकी झटके झेल चुका है, जैसे YouTube के अचानक उभरने के समय वह खुद वीडियो सर्च पर काम कर रहा था, या जब Instagram ने फोटो शेयरिंग में Facebook को चुनौती दी थी। लेकिन Google और Facebook ने अंततः इन्हीं प्रतिस्पर्धी प्लेटफॉर्म्स को खरीदकर खतरे को अवसर में बदल दिया।

इस बार भी पिचाई के अनुसार, Google की कोशिश है कि AI की इस नई दौड़ में वही बात दोहराई जाए- जहां प्रतिस्पर्धा डर नहीं, बल्कि इनोवेशन का कारण बने।



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टेक दिग्गज Apple ने लॉन्च किया अब तक का सबसे स्लिम iPad

Apple का दावा है कि M5, पिछले M4 से 30% और M1 से 2.5 गुना तेज है। यह चिप Apple Intelligence के लिए बेहतर AI परफॉर्मेंस देती है। डेवलपर्स को भी तेज प्रोसेसिंग अनुभव कराती है।

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Thursday, 16 October, 2025
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टेक दिग्गज Apple ने बिना किसी बड़े इवेंट के अपने नए iPad Pro (M5 Chip) को लॉन्च कर दिया है। कंपनी ने यह डिवाइस अपनी वेबसाइट पर प्रेस रिलीज़ के ज़रिए पेश किया। नया iPad Pro दो साइज 11 इंच और 13 इंच में उपलब्ध होगा, जिसमें Ultra Retina XDR OLED Display दी गई है। डिस्प्ले का रिफ्रेश रेट 120Hz है और यह 1,600 निट्स पीक ब्राइटनेस तक सपोर्ट करती है।

मोटाई की बात करें तो 13-इंच मॉडल 5.1mm और 11-इंच मॉडल 5.3mm पतला है, जो इसे अब तक का सबसे स्लिम iPad बनाता है। इसमें लगा नया M5 चिपसेट चार परफॉर्मेंस कोर, छह एफिशिएंसी कोर, 10-कोर GPU और 16-कोर Neural Engine के साथ आता है। Apple का दावा है कि M5, पिछले M4 से 30% और M1 से 2.5 गुना तेज है।

यह चिप Apple Intelligence के लिए बेहतर AI परफॉर्मेंस देती है और डेवलपर्स को भी तेज प्रोसेसिंग अनुभव कराती है। कनेक्टिविटी के लिए इसमें नया C1X Cellular Modem दिया गया है, जो 50% तेज डाटा स्पीड और 30% कम पावर खपत देता है।

वहीं N1 वायरलेस चिप की मदद से यह Wi-Fi 7, Bluetooth 6 और Thread सपोर्ट करता है। कैमरे के मोर्चे पर, इसमें 12MP वाइड रियर कैमरा है जिसमें 5x डिजिटल ज़ूम और ऑटो स्टेबिलाइजेशन मिलता है।

फ्रंट में 12MP Center Stage कैमरा वीडियो कॉलिंग और सेल्फी के लिए दिया गया है। नया iPad Pro M5 भारत में 22 अक्टूबर से बिक्री के लिए उपलब्ध होगा। इसकी शुरुआती कीमत ₹99,900 (11-इंच) और ₹1,29,900 (13-इंच) रखी गई है।

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Meta बनाएगी टेक्सास में 1 गीगावाट क्षमता वाला नया AI डेटा सेंटर

मेटा के अनुसार, एल पासो डेटा सेंटर को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह मौजूदा पारंपरिक सर्वरों के साथ-साथ भविष्य की AI-सक्षम हार्डवेयर प्रणाली का भी समर्थन कर सके।

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Thursday, 16 October, 2025
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सोशल मीडिया दिग्गज Meta ने अमेरिका के टेक्सास राज्य में एक नया 1 गीगावाट क्षमता वाला डेटा सेंटर बनाने की घोषणा की है। यह डेटा सेंटर एल पासो (El Paso) में स्थापित किया जाएगा और कंपनी का 29वां डेटा सेंटर होगा। इस परियोजना पर 1.5 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया जाएगा, जो 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है।

मेटा के अनुसार, एल पासो डेटा सेंटर को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह मौजूदा पारंपरिक सर्वरों के साथ-साथ भविष्य की AI-सक्षम हार्डवेयर प्रणाली का भी समर्थन कर सके। निर्माण के दौरान लगभग 1,800 श्रमिकों को रोजगार मिलेगा, जबकि संचालन के बाद लगभग 100 स्थायी नौकरियां सृजित होंगी।

कंपनी का कहना है कि यह डेटा सेंटर 100% नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित होगा और मेटा स्थानीय जल संसाधनों में उपयोग किए गए पानी से दोगुना वापस बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। मेटा ने अब तक टेक्सास में तीन डेटा सेंटर्स पर 10 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है और यहां 2,500 से अधिक फुल-टाइम कर्मचारी कार्यरत हैं। एआई क्षेत्र में मेटा लगातार विस्तार कर रहा है और OpenAI, Google, व Anthropic जैसी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा कर रहा है।

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गूगल और अडानी मिलकर बनाएंगे देश का सबसे बड़ा AI डेटा सेंटर

इस परियोजना से देश में तकनीकी, निर्माण और ग्रीन एनर्जी क्षेत्रों में हजारों नई नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। साथ ही, यह भारत की डिजिटल समावेशन और सतत ऊर्जा के लक्ष्यों को भी आगे बढ़ाएगा।

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Wednesday, 15 October, 2025
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अडानी एंटरप्राइजेज और गूगल ने मिलकर आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में देश का सबसे बड़ा एआई डेटा सेंटर कैंपस विकसित करने की घोषणा की है। यह परियोजना 'AdaniConneX' और 'Airtel' के सहयोग से तैयार की जा रही है। गूगल का यह एआई हब लगभग 15 बिलियन डॉलर के निवेश से अगले पांच वर्षों (2026-2030) में विकसित किया जाएगा।

इसमें गीगावाट-स्तरीय डेटा सेंटर ऑपरेशंस के साथ सबसी केबल नेटवर्क और नवीकरणीय ऊर्जा प्रणाली शामिल होंगी, जो भारत में तेजी से बढ़ती एआई कंप्यूटिंग जरूरतों को पूरा करेंगी। अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा कि यह सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश नहीं बल्कि 'उभरते भारत की आत्मा में निवेश' है।

उन्होंने कहा कि विशाखापट्टनम अब वैश्विक टेक्नोलॉजी डेस्टिनेशन बनने की दिशा में अग्रसर है। वहीं, गूगल क्लाउड के सीईओ थॉमस कुरियन ने कहा कि यह हब भारत में एआई-आधारित नवाचार और विकास के लिए मजबूत नींव तैयार करेगा। इस परियोजना से देश में तकनीकी, निर्माण और ग्रीन एनर्जी क्षेत्रों में हजारों नई नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। साथ ही, यह भारत की डिजिटल समावेशन और सतत ऊर्जा के लक्ष्यों को भी आगे बढ़ाएगा।

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Google का भारत में होगा डेटा सेंटर, AI प्रोजेक्ट में करेगी $10 बिलियन का निवेश

आंध्र प्रदेश सरकार मंगलवार को यानी आज टेक कंपनी 'गूगल' (Google) के साथ एक समझौता कर सकती है, ताकि विशाखापत्तनम में 1 गीगावाट का हाईपरस्केल डेटा सेंटर कैंपस बनाया जा सके।

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Tuesday, 14 October, 2025
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आंध्र प्रदेश सरकार मंगलवार को यानी आज टेक कंपनी 'गूगल' (Google) के साथ एक समझौता कर सकती है, ताकि विशाखापत्तनम में 1 गीगावाट का हाईपरस्केल डेटा सेंटर कैंपस बनाया जा सके। यह प्रोजेक्ट लगभग $10 बिलियन की निवेश योजना का हिस्सा है और “AI City Vizag” की नींव रखेगा।

यह परियोजना Google के एशिया में सबसे बड़े प्रोजेक्ट्स में से एक होगी। इसमें अमेरिकी टेक दिग्गज अपनी पूरी AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगा, जिससे भारत में AI-आधारित बदलाव को तेजी मिलेगी।

राज्य के उद्योग मंत्री नारा लोकेश ने कहा, “आंध्र प्रदेश मंगलवार को यह समझौता कर रहा है। भविष्य इसे याद रखेगा- विशाखापत्तनम में हमारा 1 गीगावाट का Google डेटा सेंटर, जो AI City विशाखापत्तनम को भारत का डिजिटल पावरहाउस बनाएगा। यह आंध्र प्रदेश के भविष्य के लिए एक बदलावकारी परियोजना है।”

नए AI हब में शक्तिशाली AI इंफ्रास्ट्रक्चर, डेटा सेंटर क्षमता, बड़े पैमाने पर ऊर्जा स्रोत और विस्तारित फाइबर-ऑप्टिक नेटवर्क एक साथ होंगे। इससे विजाग और आंध्र प्रदेश भारत में AI परिवर्तन के लिए विशेष रूप से तैयार होंगे।

समझौते में भारत के पहले AI हब की रूपरेखा तय की जाएगी, जो 1 गीगावाट डेटा सेंटर पर आधारित होगा, Google के ग्लोबल नेटवर्क से जुड़ा होगा और साफ-सुथरी ऊर्जा के साथ डिजाइन किया जाएगा।

राज्य की गणनाओं के अनुसार, यह परियोजना 2028–2032 के बीच प्रति वर्ष लगभग ₹10,518 करोड़ का GSDP योगदान देगी और लगभग 1,88,220 रोजगार पैदा करेगी। इसके अलावा Google Cloud से जुड़े उत्पादकता लाभ सालाना ₹9,553 करोड़ का अनुमान है, जो पांच वर्षों में कुल ₹47,720 करोड़ बनेंगे।

यह प्रोजेक्ट राज्य निवेश प्रचार बोर्ड द्वारा मंजूर किया गया है और इसे सिंगल-विंडो क्लियरेंस, भरोसेमंद यूटिलिटी, रिन्यूएबल एनर्जी और प्लग-एंड-प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए सुगमता से लागू किया जाएगा।

समझौता दिल्ली में आंध्र प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और Google के बीच होगा, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव और मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू मौजूद रहेंगे। Google की ओर से वरिष्ठ नेतृत्व जैसे थॉमस कुरियन (CEO, Google Cloud), बिकाश कोले (VP, Global Infrastructure), और करन बाजवा (President, Asia-Pacific Google Cloud) मौजूद रहेंगे।

मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें राज्य के दो महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में शामिल होने का निमंत्रण देंगे:

  1. ‘सुपर GST – सुपर सेविंग्स’ कार्यक्रम – कुर्नूल में आयोजित, जिसमें वित्तीय सुधारों और दक्षता पर जोर दिया जाएगा।

  2. ‘CII पार्टनरशिप समिट 2025’ – विजाग में 14 और 15 नवंबर को, जिसमें वैश्विक उद्योग नेता, निवेशक और नीति निर्माता हिस्सा लेंगे और आंध्र प्रदेश में नए निवेश और सहयोग के अवसर तलाशेंगे।

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OpenAI बना रहा है ChatGPT को ‘ऑल-इन-वन सोशल ऐप'

OpenAI जल्द ही ChatGPT को एक सोशल प्लेटफ़ॉर्म में बदलने की तैयारी में है। कंपनी डायरेक्ट मैसेज, ग्रुप चैट और ऐप इंटीग्रेशन जैसे फीचर्स पर काम कर रही है, जिससे यूजर्स एक-दूसरे से कनेक्ट होंगे।

Last Modified:
Tuesday, 14 October, 2025
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OpenAI अब ChatGPT को सिर्फ एक चैटबॉट नहीं, बल्कि एक ‘ऑल-इन-वन सोशल ऐप’ में बदलने की तैयारी कर रहा है। Sora 2 वीडियो जनरेशन मॉडल और TikTok जैसी एआई वीडियो ऐप लॉन्च करने के बाद कंपनी अब ChatGPT में सोशल इंटरैक्शन फीचर्स जोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

हाल ही में OpenAI ने ‘Apps SDK’ पेश किया है, जिससे डेवलपर्स ChatGPT के अंदर ही अपनी एआई आधारित ऐप्स बना सकेंगे। टेक एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कदम Apple App Store और Google Play Store जैसे प्लेटफॉर्म्स को सीधी चुनौती देगा।

जानकारी के मुताबिक, कंपनी ChatGPT में डायरेक्ट मैसेज (DM) फीचर जोड़ने पर काम कर रही है। इससे यूजर्स आपस में बातचीत कर सकेंगे, ग्रुप्स बना पाएंगे और एक साथ आइडियाज, प्रोजेक्ट्स या इमेज क्रिएशन पर काम कर सकेंगे। AIPRM.com के इंजीनियर टिबोर ब्लाहो ने बताया कि यह फीचर सहयोग और क्रिएटिविटी को नई दिशा देगा, लेकिन प्राइवेसी के लिए किसी को भी दूसरे की ChatGPT मेमोरी तक पहुंच नहीं होगी।

रिपोर्ट्स यह भी बताती हैं कि OpenAI ग्रुप चैट्स के लिए इनवाइट लिंक सिस्टम ला सकता है। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि इन चैट्स में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन होगा या नहीं। गौर करने वाली बात है कि पहले शेयर फीचर जोड़ते वक्त कुछ यूजर्स की चैट गूगल पर पब्लिक हो गई थीं, जिसके बाद कंपनी को वह डेटा हटवाना पड़ा था। 

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आंध्र प्रदेश में गूगल करेगा ₹88,000 करोड़ का निवेश, डिजिटल और एआई क्षेत्र में बनेगा नया हब

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने ऐलान किया कि वैश्विक टेक दिग्गज गूगल अगले तीन साल में राज्य में ₹88,000 करोड़ का निवेश करेगा।

Last Modified:
Monday, 13 October, 2025
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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने ऐलान किया कि वैश्विक टेक दिग्गज गूगल अगले तीन साल में राज्य में ₹88,000 करोड़ का निवेश करेगा। यह निवेश खास तौर पर उन्नत डेटा सेंटर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रोजेक्ट्स पर केंद्रित होगा और इसे विशाखापत्तनम में विकसित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री नायडू ने इस निवेश को “भारत की आर्थिक उदारीकरण के बाद का सबसे बड़ा निवेश” बताया और इसे सिर्फ आंध्र प्रदेश ही नहीं, पूरे देश के लिए गेमचेंजर करार दिया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से हजारों उच्च-कुशल नौकरियां पैदा होंगी, डिजिटल कनेक्टिविटी में सुधार आएगा और राज्य दक्षिण एशिया में डेटा और AI इनोवेशन का प्रमुख केंद्र बनेगा।

इस निवेश का उद्देश्य आंध्र प्रदेश को टेक्नोलॉजी-फर्स्ट अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करना है, जिसमें क्लाउड कंप्यूटिंग, ग्रीन एनर्जी आधारित डेटा सेंटर और अगली पीढ़ी की AI एप्लीकेशंस में वैश्विक निवेश आकर्षित करना शामिल है।

गूगल का यह कदम भारत की डिजिटल ग्रोथ स्टोरी में अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का भरोसा भी दिखाता है और विशाखापत्तनम की रणनीतिक स्थिति को एक महत्वपूर्ण कोस्टल टेक कॉरिडोर के रूप में उजागर करता है। परियोजना की समयसीमा, स्थान और साझेदारियों की और जानकारी आने वाले हफ्तों में साझा की जाएगी।

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गूगल ने 'Work from Anywhere' पॉलिसी में किया बदलाव, रिमोट वर्क पर नई पाबंदियां

यह पॉलिसी एम्प्लॉयीज को उनके मुख्य कार्यालय के बाहर किसी भी लोकेशन से साल में अधिकतम चार हफ्ते तक काम करने की अनुमति देती थी।

Last Modified:
Saturday, 11 October, 2025
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टेक कंपनी गूगल (Google) अब रिमोट वर्क पर पाबंदियां बढ़ा रहा है, इस बार अपनी लोकप्रिय पॉलिसी 'Work from Anywhere' (WFA) के तहत, जिसे कोविड महामारी के दौरान लागू किया गया था।

यह पॉलिसी एम्प्लॉयीज को उनके मुख्य कार्यालय के बाहर किसी भी लोकेशन से साल में अधिकतम चार हफ्ते तक काम करने की अनुमति देती थी। CNBC के मुताबिक, आंतरिक दस्तावेजों की में अब सिर्फ एक दिन का रिमोट वर्क भी पूरे एक हफ्ते के बराबर बताया गया है।

दस्तावेज में बताया गया, 'चाहे आप किसी सप्ताह में 1 WFA दिन या 5 WFA दिन काम करें, तो भी 1 WFA हफ्ता आपके WFA साप्ताहिक बैलेंस से घटा दिया जाएगा।' यह बदलाव गर्मियों में दस्तावेज में बताया गया था और तुरंत प्रभाव में आ गया।

गूगल अपनी मौजूदा हाइब्रिड शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं कर रहा, जिसे महामारी के दौरान लागू किया गया था। इसके तहत एम्प्लॉयीज को हफ्ते में दो दिन घर से काम करने की अनुमति थी। WFA दिन इस पॉलिसी से अलग हैं, जो एम्प्लॉयीज को रिमोट वर्क करने की सुविधा देते हैं, लेकिन घर से नहीं।

दस्तावेज में कहा गया, 'WFA हफ्तों का इस्तेमाल घर से या नजदीकी जगह से काम करने के लिए नहीं किया जा सकता।'

टेक कंपनियां अब एम्प्लॉयीज को कार्यालय में अधिक समय बिताने के लिए मजबूर कर रही हैं, क्योंकि कोविड का चरम लगभग पांच साल पहले था। Microsoft ने पिछले महीने कहा कि अगले साल से एम्प्लॉयीज को हफ्ते में तीन दिन कार्यालय में काम करना होगा, जबकि पहले उन्हें मैनेजर की अनुमति से आधे समय या अधिक घर से काम करने की अनुमति थी। Amazon ने और आगे बढ़ते हुए अपने कॉर्पोरेट एम्प्लॉयीज को हफ्ते में पांच दिन ऑफिस में रहने का निर्देश दिया।

गूगल ने 2025 की शुरुआत में कुछ अमेरिकी फुल-टाइम एम्प्लॉयीज को स्वेच्छिक बायआउट की पेशकश शुरू की थी और कई यूनिट्स के रिमोट वर्कर्स को सूचित किया कि अगर वे हाइब्रिड शेड्यूल में लौटकर काम नहीं करेंगे तो उनकी नौकरियां समाप्त की जा सकती हैं।

नवीनतम बदलावों के अनुसार, WFA समय के दौरान एम्प्लॉयी किसी अन्य राज्य या देश के गूगल ऑफिस में काम नहीं कर सकते, क्योंकि 'क्रॉस बॉर्डर वर्क के कानूनी और वित्तीय असर' हो सकते हैं। यदि एम्प्लॉयी किसी अलग लोकेशन में हैं, तो उन्हें उस समय क्षेत्र के बिजनेस आवर्स के अनुसार काम करना पड़ सकता है।

यह WFA अपडेट सभी गूगल एम्प्लॉयीज पर लागू नहीं होता और डेटा सेंटर एम्प्लॉयीज या जिनके लिए फिजिकल ऑफिस में होना अनिवार्य है, उन्हें इसमें शामिल नहीं किया जा सकता। दस्तावेज में कहा गया कि पॉलिसी का उल्लंघन करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई या नौकरी से बर्खास्तगी हो सकती है।

यह मुद्दा हाल ही में आयोजित ऑल-हैंड्स मीटिंग में भी उठा।

गूगल के आंतरिक सिस्टम पर सबमिट किए गए एक टॉप-रेटेड सवाल में इस अपडेट को 'कन्फ्यूजिंग' बताया गया।

सवाल में कहा गया, 'WFA का सिर्फ एक दिन पूरे हफ्ते के बराबर क्यों गिना जाता है और क्या हम WFA हफ्तों का इस्तेमाल घर से काम करने के लिए करने की पाबंदी पर फिर विचार कर सकते हैं?'

रिपोर्ट के बताया गया है कि मीटिंग में गूगल के परफॉर्मेंस और रिवॉर्ड्स के वाइस प्रेसिडेंट John Casey ने कहा कि WFA 'महामारी के दौरान गूगलर्स की स्थिति को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था।' 

Casey ने कहा, 'यह पॉलिसी हमेशा हफ्ते के इंक्रीमेंट में ली जाने के लिए थी और इसे नियमित हाइब्रिड वर्कवीक में घर से काम करने के विकल्प के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।'

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Nvidia का बड़ा फैसला: H-1B वीज़ा के सभी खर्च उठाएगी कंपनी

हुआंग ने कर्मचारियों को संबोधित संदेश में कहा कि 'Nvidia' की सफलता, विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) क्षेत्र में, दुनियाभर से आए प्रवासी प्रतिभाओं की देन है।

Last Modified:
Thursday, 09 October, 2025
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए कार्यकारी आदेश के तहत नई H-1B वीज़ा आवेदन पर 1 लाख डॉलर की अतिरिक्त फीस लगाने के बावजूद, 'Nvidia' ने अपने कर्मचारियों को राहत दी है। कंपनी के सीईओ जेंसन हुआंग ने घोषणा की है कि 'Nvidia H-1B' वीज़ा प्रायोजन जारी रखेगी और इससे जुड़ी सभी लागतें खुद वहन करेगी।

यह कदम ऐसे समय में आया है जब भारतीय और चीनी तकनीकी कर्मचारियों में इस आदेश को लेकर चिंता बढ़ गई है। हुआंग ने कर्मचारियों को संबोधित संदेश में कहा कि 'Nvidia' की सफलता, विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) क्षेत्र में, दुनियाभर से आए प्रवासी प्रतिभाओं की देन है।

उन्होंने कहा, 'Nvidia का चमत्कार आप सब और दुनिया भर के हमारे शानदार सहयोगियों के बिना संभव नहीं होता।' ट्रंप के आदेश के अनुसार, नई H-1B वीज़ा आवेदन पर अतिरिक्त 1 लाख डॉलर का शुल्क देना होगा, हालांकि यह नियम 21 सितंबर 2025 से पहले आवेदन करने वालों या पहले से वीज़ा धारकों पर लागू नहीं होगा।

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मेटा का बड़ा बदलाव: AI चैटबॉट से बातचीत का होगा इस्तेमाल

मेटा ने अपनी एआई सेवाओं से यूजर्स की गतिविधियों का डेटा पर्सनलाइज्ड विज्ञापनों के लिए इस्तेमाल करने का फैसला किया है। 16 दिसंबर से लागू होने वाली यह नीति प्राइवेसी पर सवाल खड़ी कर रही है।

Last Modified:
Saturday, 04 October, 2025
metaai

मेटा प्लेटफॉर्म्स पर एआई का दबदबा बढ़ता जा रहा है, लेकिन अब यह यूजर्स की निजी बातचीत को भी निशाना बना सकता है। कंपनी ने हाल ही में खुलासा किया कि 16 दिसंबर से उसके एआई आधारित चैटबॉट और वर्चुअल सहायकों से होने वाली इंटरैक्शंस का डेटा फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर लक्षित विज्ञापन, पोस्ट तथा सामग्री प्रदर्शित करने में काम आएगा।

इसका मतलब है कि आपकी एआई से की गई चर्चा, जैसे यात्रा योजनाएं या शॉपिंग सुझाव, सीधे आपके फीड में प्रासंगिक प्रचार सामग्री के रूप में प्रकट हो सकती है। यह नीति उन लाखों मासिक सक्रिय यूजर्स को सीधे प्रभावित करेगी जो मेटा एआई का लाभ उठाते हैं। कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह कदम सोशल मीडिया अनुभव को अधिक व्यक्तिगत बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि विज्ञापन आपकी रुचियों से मेल खाएं।

हालांकि, यूजर्स के पास इस डेटा उपयोग को रोकने का कोई विकल्प नहीं होगा। सेटिंग्स में ऐसा कोई टॉगल बटन उपलब्ध नहीं है। यदि आप प्राइवेसी चाहते हैं, तो एआई सेवाओं का उपयोग ही त्यागना पड़ेगा। 7 अक्टूबर से ही यूजर्स को ऐप्स, इनबॉक्स और ईमेल के माध्यम से इस बदलाव की सूचना मिलनी शुरू हो जाएगी, जिससे वे कई सप्ताह पहले ही सतर्क रह सकें।

मेटा का तर्क है कि एआई इनसाइट्स से प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट अधिक प्रासंगिक बनेगा, लेकिन आलोचक इसे डेटा शोषण का रूप मान रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि यह नियम तत्काल वैश्विक स्तर पर लागू नहीं होगा। शुरुआत में ब्रिटेन, यूरोपीय संघ के सदस्य देशों और दक्षिण कोरिया को इससे छूट मिलेगी, जहां सख्त डेटा सुरक्षा कानून हैं।

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शिक्षा मंत्रालय ने अधिकारियों को Zoho Office Suite इस्तेमाल करने का दिया निर्देश

शिक्षा मंत्रालय ने अपने सभी अधिकारियों को अब से सभी आधिकारिक दस्तावेजों के लिए Zoho Office Suite इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है।

Last Modified:
Saturday, 04 October, 2025
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शिक्षा मंत्रालय ने अपने सभी अधिकारियों को अब से सभी आधिकारिक दस्तावेजों के लिए Zoho Office Suite इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। यह कदम डिजिटल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है। यह निर्देश उस समय आया है जब शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही में Zoho के मैसेजिंग ऐप Arattari की सराहना की थी। यह निर्णय सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ विजन के अनुरूप है।

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी सर्कुलर में मंत्रालय ने कहा है कि Zoho का इस्तेमाल करना विदेशी सॉफ्टवेयर पर निर्भरता कम करने और भारत के घरेलू टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को मजबूत करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। आदेश में कर्मचारियों से कहा गया है कि वे अब से अपने दस्तावेज, स्प्रेडशीट और प्रेजेंटेशन Zoho पर ही तैयार करें, संपादित करें और साझा करें और टीमवर्क व संचार के लिए इसके सहयोगी टूल्स का उपयोग करें।

इस सूट को NIC मेल प्लेटफॉर्म में एकीकृत कर दिया गया है, जिससे इसे इस्तेमाल करने के लिए अलग से लॉगिन या इंस्टॉलेशन की जरूरत नहीं होगी। अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से वर्कफ्लो बेहतर होगा, टीम के बीच तालमेल बढ़ेगा और डेटा सुरक्षा मजबूत होगी। वरिष्ठ अधिकारियों ने इस फैसले को सरकार के भीतर एक “सुरक्षित और बड़े स्तर पर काम करने योग्य आईटी इकोसिस्टम” बनाने की दिशा में “साहसिक कदम” बताया है।

स्वदेशी डिजिटल टूल्स को बढ़ावा देने की यह पहल अब कई मंत्रालयों तक फैल रही है। इससे पहले आईटी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी कहा था कि वे अपने आधिकारिक कामों के लिए Zoho Office Suite का इस्तेमाल करते हैं।

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