'अल्फाबेट' बनी 3 ट्रिलियन डॉलर मार्केट कैप तक पहुंचने वाली सबसे तेज कंपनी

अल्फाबेट का यह ऐतिहासिक मुकाम बताता है कि आने वाले समय में टेक्नोलॉजी और खासकर एआई, वैश्विक अर्थव्यवस्था में निर्णायक भूमिका निभाने वाले हैं।

Last Modified:
Thursday, 18 September, 2025
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टेक्नोलॉजी की दुनिया में गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट (Alphabet) ने एक नया इतिहास रच दिया है। कंपनी ने सिर्फ 20 साल में 3 ट्रिलियन डॉलर (लगभग ₹250 लाख करोड़) के मार्केट कैपिटलाइजेशन का मुकाम हासिल कर लिया है। हाल ही में कंपनी का वैल्यूएशन $3.05 ट्रिलियन पर बंद हुआ, जिससे वह इस एक्सक्लूसिव क्लब में शामिल हो गई, जिसमें पहले से ही एप्पल (Apple) और माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) मौजूद हैं।

दिलचस्प बात यह है कि अल्फाबेट सबसे युवा कंपनी है जिसने यह रिकॉर्ड बनाया। गूगल ने साल 2004 में पब्लिक लिस्टिंग की थी, जबकि माइक्रोसॉफ्ट ने 1986 और एप्पल ने 1980 में शेयर बाजार में कदम रखा था। इसी तरह एनवीडिया (Nvidia) का आईपीओ 1999 में आया था। अल्फाबेट के वैल्यूएशन में जबरदस्त उछाल दो बड़े कारणों से देखने को मिला।

पहला एंटीट्रस्ट केस में बड़ी जीत, और दूसरा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर बढ़ती उम्मीदें। दरअसल, हाल ही में अमेरिका की एक जिला अदालत ने गूगल के पक्ष में फैसला सुनाया और Chrome ब्राउज़र को अलग करने की मांग को खारिज कर दिया।

इस फैसले के बाद गूगल के शेयर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। यहां तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसे “बहुत अच्छा दिन” बताया। इसके साथ ही कंपनी की एआई स्ट्रैटेजी ने भी निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। गूगल अपनी फ्लैगशिप एआई मॉडल सीरीज Gemini पर दांव लगा रहा है।

कंपनी की क्लाउड कंप्यूटिंग यूनिट ने दूसरी तिमाही में 32% की शानदार ग्रोथ दर्ज की, जो निवेशकों की उम्मीद से कहीं अधिक रही। इसमें गूगल के इन-हाउस चिप्स और एआई टेक्नोलॉजी में भारी निवेश का बड़ा योगदान है। गौरतलब है कि एआई को लेकर उत्साह केवल गूगल तक सीमित नहीं है।

हाल ही में ओरेकल (Oracle) ने भी एआई फोरकास्ट पेश किया, जिसने टेक सेक्टर में और तेजी ला दी। अल्फाबेट का यह ऐतिहासिक मुकाम बताता है कि आने वाले समय में टेक्नोलॉजी और खासकर एआई, वैश्विक अर्थव्यवस्था में निर्णायक भूमिका निभाने वाले हैं।

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सैमसंग गैलेक्सी 'A06 5G' पर धमाकेदार फेस्टिवल ऑफर : कीमत ₹9,899 से शुरू

कंपनी का कहना है कि इस फोन को 4 जनरेशन तक OS अपडेट्स और 4 साल तक सिक्योरिटी अपडेट्स मिलेंगे। इसके अलावा, यह स्मार्टफोन IP54 रेटिंग के साथ आता है।

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Thursday, 18 September, 2025
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त्योहारी सीजन की शुरुआत में सैमसंग इंडिया ने अपने बजट-फ्रेंडली 5G स्मार्टफोन गैलेक्सी A06 5G पर शानदार ऑफर्स का ऐलान किया है। कंपनी ने इस फोन की कीमत सिर्फ ₹9,899 से शुरू की है। वहीं, ग्राहकों के लिए आसान ईएमआई विकल्प भी उपलब्ध हैं, जिसके तहत फोन को ₹909 प्रति माह की किस्तों पर खरीदा जा सकता है।

सिर्फ इतना ही नहीं, सैमसंग ने फेस्टिव डील के तहत अपने 25W ट्रैवल अडैप्टर (असली कीमत ₹1,399) को मात्र ₹299 में उपलब्ध कराने का भी ऐलान किया है। यह ऑफर स्मार्टफोन खरीदने वाले उपभोक्ताओं को अतिरिक्त फायदा देगा। गैलेक्सी A06 5G फीचर्स के मामले में भी दमदार है।

यह स्मार्टफोन 'MediaTek Dimensity 6300 प्रोसेसर' पर काम करता है और इसमें RAM Plus फीचर दिया गया है, जिसकी मदद से यूज़र 12GB तक RAM का अनुभव ले सकते हैं। कनेक्टिविटी की बात करें तो यह डिवाइस सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स पर 12 5G बैंड्स को सपोर्ट करता है।

साथ ही, इसमें कैरीयर एग्रीगेशन तकनीक भी दी गई है, जो इंटरनेट की स्पीड और कनेक्शन को और बेहतर बनाती है। फोटोग्राफी प्रेमियों के लिए इसमें 50MP का मेन रियर कैमरा, 2MP डेप्थ कैमरा और 8MP फ्रंट कैमरा दिया गया है। फोन में 6.7-इंच HD+ डिस्प्ले मौजूद है, जो बड़े स्क्रीन एक्सपीरियंस के शौकीनों को खासा पसंद आएगा।

बैटरी की बात करें तो इसमें 5000mAh की पावरफुल बैटरी है, जो 25W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट करती है। सुरक्षा और सॉफ्टवेयर अपडेट्स पर भी सैमसंग ने जोर दिया है। कंपनी का कहना है कि इस फोन को 4 जनरेशन तक OS अपडेट्स और 4 साल तक सिक्योरिटी अपडेट्स मिलेंगे।

इसके अलावा, यह स्मार्टफोन IP54 रेटिंग के साथ आता है, यानी यह धूल और पानी की छींटों से सुरक्षित रहेगा। साफ कॉलिंग के लिए इसमें Voice Focus फीचर और डाटा सुरक्षा के लिए Knox Vault Security भी शामिल है।

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'Flipkart Big Billion Days 2025': 'iPhone 16 Pro' पर बड़ा डिस्काउंट

लॉन्च के समय iPhone 16 Pro (128GB) की शुरुआती कीमत ₹1,19,900 थी, जबकि अन्य वेरिएंट्स की कीमत ₹1,29,900 से लेकर ₹1,69,900 तक थी।

Last Modified:
Saturday, 13 September, 2025
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फ्लिपकार्ट (Flipkart) ने अपनी बहुचर्चित Big Billion Days Sale 2025 (23 सितंबर से शुरू) से पहले कई बड़े डील्स का ऐलान किया। इस बार सबसे ज़्यादा सुर्खियों में है Apple iPhone 16 Pro सीरीज़, जिस पर कंपनी ने अब तक का सबसे बड़ा डिस्काउंट देने की घोषणा की है। ई-कॉमर्स दिग्गज के मुताबिक, iPhone 16 Pro ग्राहकों को सिर्फ ₹69,999 में और iPhone 16 Pro Max ₹89,999 में उपलब्ध होगा।

इसमें चुनिंदा बैंक क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाला ₹5,000 का इंस्टेंट डिस्काउंट भी शामिल है। यह कीमतें आईफ़ोन सीरीज़ की लॉन्च कीमत की तुलना में लगभग आधी हैं। लॉन्च के समय iPhone 16 Pro (128GB) की शुरुआती कीमत ₹1,19,900 थी, जबकि अन्य वेरिएंट्स की कीमत ₹1,29,900 से लेकर ₹1,69,900 तक थी।

फिलहाल Flipkart पर यह ₹1,12,900 लिस्टेड है। वहीं iPhone 16 Pro Max (256GB) की लॉन्च कीमत ₹1,44,900 थी, जो अब ₹1,37,900 पर लिस्टेड है। लेकिन BBD सेल में यह पहली बार ₹90,000 से नीचे उपलब्ध होगा।

दोनों डिवाइस Desert Titanium, Natural Titanium, White Titanium और Black Titanium कलर ऑप्शंस में मिलेंगे। टेक एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह ऑफर भारत में Apple के प्रीमियम स्मार्टफोन खरीदने का अब तक का सबसे बेहतरीन मौका साबित हो सकता है।

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गूगल ने लॉन्च किया सस्ता 'Gemini AI Plus' प्लान: 'ChatGPT Go' को टक्कर देने की तैयारी

जहां ChatGPT Go का फ़ोकस versatility और personalization पर है, वहीं Gemini AI Plus गूगल के इकोसिस्टम इंटीग्रेशन को मज़बूत बनाने की रणनीति पर आधारित है।

Last Modified:
Friday, 12 September, 2025
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गूगल ने आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में अपनी पकड़ मज़बूत करने के लिए नया सब्सक्रिप्शन टियर Gemini AI Plus लॉन्च किया है। फिलहाल यह योजना केवल इंडोनेशिया में उपलब्ध है, लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही इसे भारत समेत अन्य बाज़ारों में भी पेश किया जाएगा। यह कदम सीधे तौर पर OpenAI के ChatGPT Go से मुकाबले के लिए माना जा रहा है।

Gemini AI Plus का शुरुआती ऑफ़र IDR 37,500 (करीब ₹200/माह) है, जो बाद में बढ़कर IDR 75,000 (करीब ₹400/माह) हो जाएगा। इस प्लान में उपयोगकर्ताओं को Gemini 2.5 Pro और उसकी Deep Research क्षमता मिलेगी। साथ ही गूगल ने कई एडवांस टूल्स जैसे Veo 3 (वीडियो जनरेशन – लिमिटेड एक्सेस), Flow AI (फिल्ममेकिंग टूल), Notebook LLM (कोडिंग व डेटा एनालिसिस) को भी शामिल किया है।

इसके अलावा यह सब्सक्रिप्शन गूगल वर्कस्पेस ऐप्स—Gmail, Docs, Sheets, Slides और Drive—में एआई इंटीग्रेशन के साथ आएगा। उपयोगकर्ताओं को 200GB क्लाउड स्टोरेज और 128K टोकन कॉन्टेक्स्ट विंडो भी उपलब्ध होगी, जो फ्री वर्ज़न से चार गुना अधिक है।

कीमत के लिहाज़ से यह गूगल के महंगे AI Pro (₹1,950/माह) और AI Ultra (₹24,500/माह) से काफी सस्ता है, जिससे ज़्यादा लोग इसे अफ़ोर्ड कर सकें। वहीं, OpenAI का ChatGPT Go, जिसे हाल ही में भारत में लॉन्च किया गया है, ₹399 प्रति माह पर उपलब्ध है।

इसमें GPT-5 का एक्सेस, इमेज जनरेशन लिमिट्स, लंबी बातचीत की मेमोरी और कस्टम GPT बनाने की सुविधा शामिल है। जहां ChatGPT Go का फ़ोकस versatility और personalization पर है, वहीं Gemini AI Plus गूगल के इकोसिस्टम इंटीग्रेशन को मज़बूत बनाने की रणनीति पर आधारित है।

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Cannes में धूम मचाएगी OpenAI की पहली AI-एनिमेटेड फिल्म ‘Critterz’

इसका ज़्यादातर निर्माण AI से होगा। यह प्रयोग फिल्म उद्योग के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है, हालांकि कॉपीराइट और क्रिएटिविटी से जुड़े सवालों पर बहस भी तेज़ है।

Last Modified:
Tuesday, 09 September, 2025
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OpenAI अब सिर्फ चैटबॉट्स और टेक्नोलॉजी तक सीमित नहीं, बल्कि सिनेमा की दुनिया में भी कदम रख रहा है। कंपनी अपनी पहली एनिमेटेड फीचर फिल्म 'Critterz' बना रही है, जिसे अगले साल 'Cannes Film Festival 2026' में पेश किया जाएगा। इस फिल्म का निर्माण 'OpenAI' के AI टूल्स जैसे GPT-5 और DALL·E की मदद से हो रहा है।

कहानी जंगल के शांतिपूर्ण जीवों पर आधारित है, जिनकी ज़िंदगी तब बदल जाती है जब बाहरी हस्तक्षेप उनके गांव तक पहुंचता है। इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व 'OpenAI' के क्रिएटिव स्पेशलिस्ट 'Chad Nelson' कर रहे हैं। फिल्म को 'Vertigo Films' (लंदन) और 'Native Foreign' (लॉस एंजेल्स) के सहयोग से बनाया जा रहा है, जबकि 'Federation Studios' इसकी फंडिंग कर रहा है।

खास बात यह है कि जहां आमतौर पर एनिमेटेड फिल्म बनने में तीन साल लगते हैं, वहीं 'Critterz' को मात्र नौ महीनों में तैयार किया जाएगा और इसका बजट भी $30 मिलियन से कम रखा गया है। हालांकि इसमें वॉयस ओवर, स्क्रिप्ट और कुछ आर्टवर्क इंसानों द्वारा किया जाएगा, लेकिन इसका ज़्यादातर निर्माण AI से होगा। यह प्रयोग फिल्म उद्योग के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है, हालांकि कॉपीराइट और क्रिएटिविटी से जुड़े सवालों पर बहस भी तेज़ है।

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Apple Event 2025 : आज लॉन्च होगी नई आईफोन 17 सीरीज

iPhone 17 सीरीज में चार मॉडल शामिल होंगे। स्टैंडर्ड iPhone 17, iPhone 17 Air (या स्लिम), iPhone 17 Pro और iPhone 17 Pro Max , इनमें A19 चिपसेट का इस्तेमाल होगा।

Last Modified:
Tuesday, 09 September, 2025
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तकनीकी दुनिया में हलचल मचाने वाली कंपनी एप्पल आज अपने वार्षिक इवेंट में धमाकेदार लॉन्च करने वाली है। 'आवे ड्रॉपिंग' नामक इस स्पेशल इवेंट को कैलिफोर्निया के एप्पल पार्क में सुबह 10 बजे (भारतीय समयानुसार रात 10:30 बजे) शुरू होने वाला है। मुख्य आकर्षण नई iPhone 17 सीरीज का अनावरण होगा, जो स्मार्टफोन बाजार में नई क्रांति लाने का दावा कर रही है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, iPhone 17 सीरीज में चार मॉडल शामिल होंगे। स्टैंडर्ड iPhone 17, iPhone 17 Air (या स्लिम), iPhone 17 Pro और iPhone 17 Pro Max , इनमें A19 चिपसेट का इस्तेमाल होगा, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) फीचर्स को और मजबूत बनाएगा।

कैमरा सिस्टम में 48MP का अल्ट्रावाइड लेंस और बेहतर नाइट मोड अपग्रेड्स की उम्मीद है। डिजाइन में पतला बॉडी और नया स्क्रॉल-थंब व्हील जैसा फीचर iPhone 17 Air को खास बनाएगा, जो फोल्डेबल फोन की तरह पोर्टेबल होगा। बैटरी लाइफ में भी सुधार होगा, साथ ही iOS 26 के साथ लॉन्च होगा जो स्मार्ट होम इंटीग्रेशन और प्राइवेसी फीचर्स को बढ़ावा देगा।

इसके अलावा, एप्पल वॉच सीरीज 11 भी लॉन्च हो सकती है, जिसमें ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग और बेहतर हेल्थ ट्रैकिंग होगी। एयरपॉड्स प्रो 3 में नया चिपसेट और एडाप्टिव ऑडियो फीचर जोर पकड़ेंगे। इवेंट को एप्पल की वेबसाइट, यूट्यूब चैनल या एप्पल टीवी ऐप पर लाइव देखा जा सकेगा।

प्री-ऑर्डर 12 सितंबर से शुरू हो सकते हैं, जबकि डिवाइस 19 सितंबर से स्टोर्स में उपलब्ध होंगे। एप्पल के सीईओ टिम कुक ने कहा है कि यह इवेंट 'आश्चर्यजनक इनोवेशन' से भरा होगा। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि iPhone 17 सीरीज से एप्पल की बिक्री में 20% की बढ़ोतरी हो सकती है।

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एप्पल ने भारत में तोड़ा बिक्री का रिकॉर्ड, 9 अरब डॉलर पहुंचा कारोबार

कंपनी के इस मजबूत प्रदर्शन के बीच, एप्पल के सीईओ टिम कुक ने इस हफ्ते दो नए एप्पल स्टोर खोलने की घोषणा की। ये स्टोर बेंगलुरु के हेब्बाल और पुणे के कोरेगांव पार्क में खोले गए हैं।

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Saturday, 06 September, 2025
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भारत में एप्पल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 9 अरब डॉलर की वार्षिक बिक्री दर्ज की, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13% अधिक है। यह जानकारी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में सामने आई है। भारत एप्पल के लिए दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक बन गया है, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक स्मार्टफोन और डिवाइस बाजार में बिक्री स्थिर हो रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल की भारत में सबसे बड़ी कमाई आईफोन से हुई, जबकि मैकबुक्स की मांग भी लगातार बढ़ रही है। कंपनी के इस मजबूत प्रदर्शन के बीच, एप्पल के सीईओ टिम कुक ने इस हफ्ते दो नए एप्पल स्टोर खोलने की घोषणा की। ये स्टोर बेंगलुरु के हेब्बाल और पुणे के कोरेगांव पार्क में खोले गए हैं।

कुक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, हमें खुशी है कि हम भारत में अपने ग्राहकों के लिए एप्पल का सर्वश्रेष्ठ अनुभव लेकर आ रहे हैं। इन नए स्टोर्स के खुलने के बाद भारत में एप्पल के आधिकारिक स्टोर्स की संख्या चार हो गई है। पहले से ही कंपनी के स्टोर मुंबई और दिल्ली में मौजूद हैं, जबकि 2026 तक नोएडा और मुंबई में दो और स्टोर खोलने की योजना है।

एप्पल ने 2020 में भारत में अपना ऑनलाइन स्टोर लॉन्च किया था और 2023 में पहले फिजिकल स्टोर्स खोले थे। भारत एप्पल के सप्लाई चेन नेटवर्क का भी अहम हिस्सा बन चुका है। वर्तमान में हर पांच में से एक आईफोन भारत में ही बन रहा है। देश में एप्पल की पांच फैक्ट्रियां हैं, जिनमें दो नई यूनिट हाल ही में शुरू की गई हैं। यह रणनीति चीन पर निर्भरता कम करने के कंपनी के बड़े प्रयास का हिस्सा है, क्योंकि वहां मांग धीमी पड़ी हुई है।

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'Sandisk' ने भारत में लॉन्च किया 'WD Blue SN5100 NVMe SSD'

कीमत की बात करें तो 500GB वेरिएंट ₹3,999 से शुरू होता है। साथ ही कंपनी 5 साल की लिमिटेड वारंटी या TBW (Terabytes Written) लिमिट तक की गारंटी भी दे रही है।

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Saturday, 06 September, 2025
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स्टोरेज सॉल्यूशंस की दिग्गज कंपनी Sandisk ने भारत में अपना नया WD Blue SN5100 NVMe SSD लॉन्च कर दिया है। यह ड्राइव खासतौर पर क्रिएटर्स, प्रोफेशनल्स और पावर यूजर्स के लिए डिजाइन की गई है, जिन्हें तेज परफॉर्मेंस और हाई-लोड वर्कफ्लोज़ के लिए भरोसेमंद स्टोरेज चाहिए।

कंपनी का दावा है कि यह SSD पिछले मॉडल WD Blue SN5000 से करीब 30% ज्यादा तेज है। 1TB और 2TB वेरिएंट्स में यह 7,100 MB/s तक की रीड स्पीड देता है। इसमें Sandisk की BiCS8 QLC 3D CBA NAND टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जो ज्यादा स्टोरेज डेंसिटी और बेहतर परफॉर्मेंस देती है।

इसके अलावा nCache 4.0 टेक्नोलॉजी की मदद से बड़े फाइल ट्रांसफर और 4K-8K वीडियो एडिटिंग जैसे हेवी टास्क्स भी स्मूद चलते हैं। यह SSD 500GB, 1TB, 2TB और 4TB कैपेसिटी में उपलब्ध होगा और इसका सिंगल-साइडेड M.2 2280 डिजाइन लैपटॉप और डेस्कटॉप दोनों के लिए उपयुक्त है।

Sandisk ने इसमें Acronis True Image for Sandisk सॉफ्टवेयर और Sandisk Dashboard भी दिया है, जिससे यूजर्स ड्राइव की हेल्थ मॉनिटर कर सकते हैं और फर्मवेयर अपडेट्स इंस्टॉल कर सकते हैं। कीमत की बात करें तो 500GB वेरिएंट ₹3,999 से शुरू होता है। साथ ही कंपनी 5 साल की लिमिटेड वारंटी या TBW (Terabytes Written) लिमिट तक की गारंटी भी दे रही है।

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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ऐलान, सेमीकंडक्टर पर सब्सटैंशियल टैरिफ लगेगा

निचली अदालत ने पहले उनके कई टैरिफ को अवैध करार दिया था, लेकिन सेक्टर-विशिष्ट टैरिफ जैसे स्टील या सेमीकंडक्टर पर कानूनी आधार मजबूत माने जाते हैं।

Last Modified:
Friday, 05 September, 2025
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक घोषणा करते हुए कहा है कि अमेरिका जल्द ही देश में आने वाले सेमीकंडक्टर्स पर 'काफी बड़ा टैरिफ' लगाने जा रहा है। व्हाइट हाउस में टेक इंडस्ट्री के एग्जीक्यूटिव्स के साथ डिनर के दौरान ट्रंप ने कहा, हम बहुत जल्द टैरिफ लगाएंगे। यह 100% नहीं होगा, लेकिन काफी बड़ा होगा। हालांकि उन्होंने इस नए टैरिफ के लिए कोई समयसीमा या विस्तृत जानकारी नहीं दी।

ट्रंप इससे पहले अगस्त की शुरुआत में 100% टैरिफ लगाने की धमकी देकर एशियाई चिपमेकर कंपनियों के शेयरों में हलचल पैदा कर चुके थे। उन्होंने कहा था, अगर आप अमेरिका में निर्माण कर रहे हैं, तो कोई चार्ज नहीं है, लेकिन जो कंपनियां बाहर से सेमीकंडक्टर ला रही हैं, उन पर लगभग 100% टैरिफ लगाया जाएगा।

अमेरिका और चीन फिलहाल हाई-एंड सेमीकंडक्टर्स बनाने की होड़ में हैं, जिनका इस्तेमाल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम्स में किया जाता है। ताइवान इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च की सीनियर सेमीकंडक्टर रिसर्चर अरिसा लियू का कहना है कि अमेरिका का यह भारी टैरिफ ग्लोबल सेमीकंडक्टर कंपनियों की रणनीति को प्रभावित कर सकता है।

ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब उनकी प्रशासन सुप्रीम कोर्ट से अपने पक्ष में जल्द फैसला करवाने की कोशिश कर रही है। निचली अदालत ने पहले उनके कई टैरिफ को अवैध करार दिया था, लेकिन सेक्टर-विशिष्ट टैरिफ जैसे स्टील या सेमीकंडक्टर पर कानूनी आधार मजबूत माने जाते हैं।

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'OpenAI' खुद बनाएगी AI चिप : 'Nvidia' पर निर्भरता होगी कम

वर्तमान में 'Nvidia AI' चिप मार्केट में सबसे बड़ी कंपनी है और बड़े भाषा मॉडल (LLMs) को ट्रेन और रन करने के लिए बेहद बड़ी कंप्यूटिंग क्षमता की जरूरत होती है।

Last Modified:
Friday, 05 September, 2025
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में बड़ा बदलाव आने वाला है। चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी 'OpenAI reportedly' अपनी पहली AI चिप अगले साल पेश करने की तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस चिप को अमेरिकी सेमीकंडक्टर दिग्गज 'Broadcom' के सहयोग से डिजाइन और निर्मित किया जाएगा।

खास बात यह है कि यह चिप केवल 'OpenAI' की आंतरिक जरूरतों के लिए इस्तेमाल होगी और फिलहाल इसे व्यावसायिक तौर पर बाजार में नहीं उतारा जाएगा। यह कदम 'OpenAI' के लिए 'Nvidia' पर निर्भरता कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

वर्तमान में 'Nvidia AI' चिप मार्केट में सबसे बड़ी कंपनी है और बड़े भाषा मॉडल (LLMs) को ट्रेन और रन करने के लिए बेहद बड़ी कंप्यूटिंग क्षमता की जरूरत होती है। पिछले साल से ही खबरें आ रही थीं कि 'OpenAI' अपनी इन-हाउस चिप डिजाइन पर काम कर रही है और 'Broadcom' व 'Taiwan Semiconductor Manufacturing Co.' (TSMC) के साथ मिलकर सिलिकॉन तैयार कर रही है।

'Broadcom' के CEO हॉक टैन ने हाल ही में खुलासा किया था कि कंपनी को 10 बिलियन डॉलर से अधिक का AI इंफ्रास्ट्रक्चर ऑर्डर एक नए ग्राहक से मिला है, जिसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि यह ग्राहक 'OpenAI' ही है।

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डिज्नी पर 10 मिलियन डॉलर का जुर्माना, बच्चों का डेटा कलेक्ट करने का आरोप

यह पहली बार नहीं है जब इस तरह का मामला सामने आया हो। गूगल (यूट्यूब की पैरेंट कंपनी) ने 2019 में इसी तरह के मामले में 170 मिलियन डॉलर का जुर्माना भरकर समझौता किया था।

Last Modified:
Thursday, 04 September, 2025
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वॉल्ट डिज्नी कंपनी (The Walt Disney Co.) को अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) के मुकदमे को निपटाने के लिए 10 मिलियन डॉलर का जुर्माना भरना होगा। FTC का आरोप है कि डिज्नी ने बच्चों की प्राइवेसी से जुड़े संघीय कानून का उल्लंघन किया और 13 साल से कम उम्र के बच्चों का व्यक्तिगत डेटा इकट्ठा होने दिया। FTC ने बताया कि डिज्नी ने चिल्ड्रन ऑनलाइन प्राइवेसी प्रोटेक्शन एक्ट (COPPA) का उल्लंघन किया है।

यह कानून यह सुनिश्चित करता है कि बच्चों से संबंधित ऐप्स और वेबसाइटें 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का डेटा इकट्ठा करने से पहले उनके माता-पिता की अनुमति लें। FTC के मुताबिक, डिज्नी ने यूट्यूब पर डाली गई अपनी कुछ वीडियो को सही तरह से 'Made for Kids' के रूप में लेबल नहीं किया।

इस गलती के कारण यूट्यूब के जरिए उन वीडियो को देखने वाले बच्चों से व्यक्तिगत जानकारी इकट्ठा की गई और बच्चों को टारगेटेड विज्ञापन दिखाए गए। चूंकि ये वीडियो बच्चों के लिए चिह्नित नहीं थे, उनमें विज्ञापन सामान्य तरीके से चलते रहे, जिससे कंपनियां बच्चों का डेटा लेकर उन्हें विज्ञापन दिखा सकीं।

यह सीधे तौर पर COPPA के नियमों का उल्लंघन था। डिज्नी ने इस पर फिलहाल कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब इस तरह का मामला सामने आया हो। गूगल (यूट्यूब की पैरेंट कंपनी) ने 2019 में इसी तरह के मामले में 170 मिलियन डॉलर का जुर्माना भरकर समझौता किया था।

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