इस साल हालात गंभीर रूप से बिगड़ने, बच्चों में बीमारियों की तेज़ वृद्धि और प्रशासनिक उपायों की सीमित प्रभावशीलता ने नागरिकों को स्वतः प्रेरित किया है।
ऋचा अनिरुद्ध का यह शो लोगों की जिंदगी से जुड़ीं सच्ची कहानियों को संवेदनशील और मानवीय नजरिये से पेश करता है, जो दर्शकों के दिल को छूता है।
ऋचा अनिरुद्ध की छवि एक गंभीर और जनोन्मुखी पत्रकार व एंकर की है। पूर्व में ऋचा लंबे समय तक ‘आईबीएन7’ (अब न्यूज18 इंडिया) के साथ जुड़ी रहीं।
ऋचा अनिरुद्ध, भारतीय मीडिया का एक प्रतिष्ठित और जाना-पहचाना नाम है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई है।
तुम बस ये सोच कर खबर बताओ जैसे अपनी मां को बता रही हो। बस वो मंत्र हमेशा साथ रहा इसलिए कभी चीखने चिल्लाने वाली एंकरिंग कर ही नहीं पाई।
अली खान महमूदाबाद प्राइवेट यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उन्हें ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया गया है।
ऐसी देशभक्ति किसी काम की नहीं। ऊपर से गाली देने के बाद विक्टिम कार्ड भी खेलो। सब पब्लिसिटी स्टंट हैं। क्या इनके माता पिता को इनकी हरकतें पता नहीं चलती होंगी?
अभी प्रेम संदेश भेजना हमें सकारात्मक/शांतिप्रिय नहीं बनाता। यह हमें मूर्ख बनाता है। हां, हम शांति चाहते हैं लेकिन अपने निर्दोष नागरिकों की जान की कीमत पर नही। और हां, हम नफ़रत नहीं फैला रहे।
मौजूदा और पूर्व सांसदों को दिए जाने वाले वेतन और भत्ते में पहले का संशोधन अप्रैल 2018 में घोषित किया गया था। 2018 में संशोधन में एक सांसद के लिए घोषित आधार वेतन 1,00,000 रुपये प्रति माह था।
इस पहल को इन पत्रकारों ने ‘झप्पी’ (JHAPPI) यानी Journalist Handholding And Professional Partnership Initiative का नाम दिया है।