यह वाराणसी नहीं है और न ही 2014, लेकिन यह चुनावी रण है और इस चुनावी रण में आमने-सामने दिख रहे वही दो चेहरे हैं, जो वाराणसी के चुनावी रण में 2014 में दिख रहे थे
फिल्म की तर्ज पर देश के हालात भी कुछ ऐसे ही हो गए हैं। लोग तौबा कर रहे हैं,खासतौर पर पत्रकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान से 22 दिसंबर को दिए गए भाषण के बाद यूपी पुलिस ने किया था ट्वीट
खुद को हिन्दुस्तान टाइम्स की पत्रकार बताते हुए आरोपित ने की थी प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी
रिपब्लिक भारत की पत्रकार ज्योत्सना बेदी ने रखी मांग-जो करना है, जहां जरूरत है कराइए, क्योंकि इससे देश की छवि बहुत खराब होती है
वरिष्ठ टीवी पत्रकार और ‘आजतक’ की एग्जिक्यूटिव एडिटर ने इस बारे मेंं एक ट्वीट भी किया है
मोदी विश्व के किसी भी देश में पहुंचें, उनकी एक झलक पाने, उनकी मधुर वाणी सुनने के लिये लाखों लोग तत्पर दिखाई देते हैं
पाकिस्तानी रिपोर्टर के सवाल पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाक प्रधानमंत्री इमरान खान से पूछा था, कहां से लाते हो ऐसे रिपोर्टर?