डेनमार्क में कानूनों का पालन सख्ती से होता है और भ्रष्टाचार के मामलों में त्वरित कार्रवाई होती है। राजनीतिक संरक्षण या नौकरशाही की ढिलाई जैसी समस्याएं नहीं हैं।
दुनिया का सबसे कम भ्रष्ट देश डेनमार्क है। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर बताया कि आखिर डेनमार्क दुनिया का सबसे कम भ्रष्ट देश क्यों है। उन्होंने लिखा, अधिकांश डेनिश नागरिक मानते हैं कि लोग भरोसेमंद होते हैं।
यहां तक कि अजनबियों पर भी विश्वास किया जा सकता है। यह “Land of Trust” कहलाता है। सरकार, पुलिस, अदालतें और अन्य संस्थाएं जनता के प्रति जवाबदेह हैं। निर्णय लेने की प्रक्रिया खुली और स्पष्ट होती है, जिससे गड़बड़ी की गुंजाइश कम होती है। डेनमार्क में कानूनों का पालन सख्ती से होता है और भ्रष्टाचार के मामलों में त्वरित कार्रवाई होती है।
राजनीतिक संरक्षण या नौकरशाही की ढिलाई जैसी समस्याएं नहीं हैं। नागरिकों को बचपन से ही नैतिकता, जवाबदेही और सार्वजनिक हित की शिक्षा दी जाती है। समाज में “ईमानदारी” एक मूल्य की तरह स्थापित है। न्यायपालिका स्वतंत्र है और मीडिया भ्रष्टाचार को उजागर करने में सक्रिय भूमिका निभाता है। आप वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा की इस पोस्ट को यहां पढ़ सकते हैं।
एक बार फिर डेनमार्क को दुनिया का सबसे कम भ्रष्ट देश का खिताब मिला। लगातार सातवें साल से यह शीर्ष पर है। डेनमार्क को Corruption Perception Index 2025 में 90/100 स्कोर मिला। यह सबसे बेहतर है।
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) October 2, 2025
आखिर क्या कारण है कि डेनमार्क हर पैमाने पर खरा उतरता है और ईमानदारी की मिसाल कायम करता… pic.twitter.com/qNjIf4BBgX
गौरवशाली चारधाम परियोजना को भी उत्तराखंड के पर्यावरण को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाने वाला माना जा रहा है। क्या भागवत जी उन सभी चल रही परियोजनाओं की जांच की मांग करेंगे?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने संघ की 100वीं वर्षगांठ और विजयदशमी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हिमालय की सुरक्षा और प्राकृतिक आपदाओं पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि पिछले 3-4 वर्षों में भूस्खलन और लगातार बारिश जैसी घटनाओं में वृद्धि हुई है। उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपनी राय दी।
उन्होंने लिखा, आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने अपनी विजयादशमी की भाषण में हिमालयी इलाके को हो रहे भारी पर्यावरणीय नुकसान को सही तरीके से सामने लाया। लेकिन 'दुनिया भर के विकास मॉडल' को जिम्मेदार ठहराने के बजाय, उन्होंने देश की अपनी राजनीतिक संस्कृति की आलोचना करनी चाहिए थी, जो पर्यावरण के सारे नियम तोड़ते हुए बेतहाशा निर्माण की इजाजत दे रही है।
यहां तक कि गौरवशाली चारधाम परियोजना को भी उत्तराखंड के पर्यावरण को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाने वाला माना जा रहा है। क्या भागवत जी उन सभी चल रही परियोजनाओं की जांच की मांग करेंगे, जो बड़े स्तर पर जंगलों की कटाई कर रही हैं? या इससे तो सत्ता के अंदरूनी लोगों की पोल खुल जाएगी, जो इन परियोजनाओं को आगे बढ़ाने वाले हैं?
आपको बता दें, भागवत ने संघ की शाखाओं और उनके नियमित आयोजनों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि शाखाओं के माध्यम से स्वयंसेवकों में भक्ति, राष्ट्र निर्माण की भावना और सामाजिक जिम्मेदारी का विकास होता है।
Story that caught the eye: RSS sarsanghchalak Mohan Bhagwat ji rightly chose to highlight the massive ecological damage to the Himalayan region in his Vijayadashmi address. BUT instead of blaming ‘global development models’, he should have called out the desi political culture…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) October 3, 2025
मोहसिन नकवी एशिया कप की ट्रॉफी लेकर भागते हुए नजर आ रहे हैं, जो बताता है कि यह कैसे और क्यों होता है। मांगो, उधार लो, चुराओ लेकिन ट्रॉफी तो लाकर ही रहो।
भारतीय टीम ने एशिया कप जीता लेकिन बिना ट्रॉफी के ही जश्न मनाया। भारतीय टीम ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) और एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के चेयरमैन मोहसिन नकवी के हाथों ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नकवी ने बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला की अपील पर कहा है कि ट्रॉफी लेने के लिए भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव को एसीसी ऑफिस आना होगा।
इस मामले पर पत्रकार गौरव सावंत ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपनी राय दी। उन्होंने पाकिस्तान को चोरिस्तान कहा। उन्होंने लिखा, पाकिस्तान ने 1947 से आज तक कोई भी युद्ध नहीं जीता है। फिर भी पाकिस्तानी जनरल्स अपने सीने पर इतने सारे मेडल क्यों लगाते हैं।
मोहसिन नकवी एशिया कप की ट्रॉफी लेकर भागते हुए नजर आ रहे हैं, जो बताता है कि यह कैसे और क्यों होता है। मांगो, उधार लो, चुराओ लेकिन ट्रॉफी तो लाकर ही रहो। ऐसा आदेश दिया मुनीर ने और मोहसिन ने ठीक वैसा ही किया।
आपको बता दें, बीसीसीआई के सचिव देवजीत सैकिया ने मोहसिन नकवी के इस रवैये को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और खेल भावना के खिलाफ करार दिया। उन्होंने कहा, हमने ये निर्णय लिया था कि मोहसिन नकवी से ट्रॉफी नहीं लेंगे, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वे ट्रॉफी और मेडल्स लेकर भाग जाएं।
#Pakistan has not won a single war since 1947.
— GAURAV C SAWANT (@gauravcsawant) October 1, 2025
Yet Pak Generals wear so many medals.@MohsinnaqviC42 Pak Interior minister running away with #AsiaCup trophy explains the how & why.
Beg, borrow, STEAL but get the Trophy ordered Mullah Munir & Sepoy Mohsin did just that.#Choristan pic.twitter.com/c8MOyLgAFF
डीडी न्यूज पर प्रसारित होने वाले इस शो ने दर्शकों के बीच खासी लोकप्रियता हासिल की है, जो जटिल मुद्दों को सरल और गहन विश्लेषण के माध्यम से समझाने के लिए जाना जाता है।
प्रसिद्ध पत्रकार और प्राइम टाइम एंकर सुधीर चौधरी के लोकप्रिय शो 'Decode' ने अपने 100वें एपिसोड के साथ एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार किया है। डीडी न्यूज पर प्रसारित होने वाले इस शो ने दर्शकों के बीच खासी लोकप्रियता हासिल की है, जो जटिल मुद्दों को सरल और गहन विश्लेषण के माध्यम से समझाने के लिए जाना जाता है।
सुधीर चौधरी ने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक भावुक पोस्ट साझा करते हुए अपने दर्शकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा, आज आपके पसंदीदा शो 'DecodeWithSudhirChaudhary' के 100 एपिसोड पूरे होने पर, मैं आप सभी का धन्यवाद करना चाहता हूं।
आपका विश्वास मेरी सबसे बड़ी ताकत रहा है, आपकी प्रतिक्रिया मेरी मार्गदर्शक बनी है और आपका समर्थन मेरा सच्चा पुरस्कार है। यह पोस्ट सुधीर चौधरी के आधिकारिक हैंडल से शेयर की गई है, जिसमें एक वीडियो भी शामिल है जो शो के सफर को दर्शाता है।
वीडियो की अवधि लगभग 10 सेकंड है और यह शो के विभिन्न हाइलाइट्स को दिखाती है। आपको बता दें, सुधीर चौधरी पत्रकारिता जगत के दिग्गज हैं, जिन्होंने पहले आजतक पर 'Black&White' और जी न्यूज पर 'DNA' जैसे शो होस्ट किए हैं।
Today as your favourite show #DecodeWithSudhirChaudhary completes 100 episodes, I want to thank each one of you.
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) October 1, 2025
Your faith has been my biggest strength, your feedback my guiding light, and your support my real award. ? pic.twitter.com/Qqf9GC30cU
अगर रूस, युद्ध समाप्त करने के लिए कोई समझौता करने को तैयार नहीं होता, तो अमेरिका उस पर कड़े टैरिफ लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिससे रक्तपात बहुत जल्दी रुक जाएगा।
भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष रुकवाने का लगातार दावा करते रहे ट्रंप ने अब संयुक्त राष्ट्र के मंच से यह दावा किया है। ट्रंप ने कहा कि राष्ट्रपति के रूप में अपने इस कार्यकाल के सात महीनों के भीतर उन्होंने भारत-पाकिस्तान समेत सात युद्धों को खत्म कराया है।
ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने वह कर दिखाया है जिसे कई लोग असंभव मानते थे। कहा कि उन्होंने ऐसे युद्ध रुकवाए जिनके खत्म होने की कोई संभावना नहीं थी। उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने हैरानी जताई है। उन्होंने एक्स पर लिखा, डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी अजीबोगरीब बातों से सबको चौंका दिया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में उन्होंने दावा किया कि उन्होंने 7 न खत्म होने वाले युद्ध ख़त्म कर दिए हैं, जिनमें भारत-पाकिस्तान का मुद्दा भी शामिल है। ट्रंप ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने इसमें कोई मदद नहीं की। उनके अनुसार, यूएन से मुझे सिर्फ़ एक खराब एस्केलेटर और खराब टेलीप्रॉम्प्टर ही मिला।
ट्रंप ने यहाँ तक कह दिया कि सब लोग कहते हैं कि उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। सवाल यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति को ज़मीन पर लाने और सच्चाई दिखाने वाला कौन होगा? आपको बता दें, संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, अगर रूस, युद्ध समाप्त करने के लिए कोई समझौता करने को तैयार नहीं होता, तो अमेरिका उस पर कड़े टैरिफ लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिससे रक्तपात बहुत जल्दी रुक जाएगा।
Breaking now: ‘I HAVE ENDED WARS!’ So Donald Trump does it again this time at United Nations General Assembly. Claims that he has ended 7 unending wars INCLUDING India-Pakistan. Says United Nations did nothing to help. ‘All I got from UN was a ‘bad escalator’ and a ‘bad…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 23, 2025
जेल में बिताए कठिन दिनों का बदला लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बदला तो दुश्मनों से लिया जाता है। मैंने तो दुश्मनों के साथ भी अच्छा व्यवहार किया।
सपा नेता आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हुए। आजम ने जेल से निकलने के बाद बसपा में जाने के सवाल पर कहा, यह अटकलें लगाने वाले ही बता सकते हैं। मैं जेल में किसी से नहीं मिला। फोन करने तक की इजाजत नहीं थी। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने लिखा, अखिलेश यादव के लिए जेल में बंद आजम खान ज़्यादा मुफ़ीद थे या जेल से बाहर आकर, यह देखना बाक़ी है। जेल में बंद आज़म ने तय किया होगा कि जेल से बाहर आकर उनकी राजनीति सपा के साथ होगी या फिर कोई नया ठिकाना तलाशेंगे। आजम अखिलेश को कमजोर करेंगे तो बाहर रहेंगे, यदि अखिलेश के हाथ मजबूत करेंगे तो फिर अंदर कर दिए जाएंगे।
यूपी का चुनाव ज़्यादा दूर नहीं है। जिस दिन पाकिस्तान के जन्म को एक साल हुआ था, ठीक उसी दिन भारत में आज़म ख़ान का जन्म हुआ था। 14 अगस्त 1948 को। 77 साल के हो चुके आज़म खान के पास राजनीति करने का ज़्यादा वक़्त नहीं है। सपा में रहेंगे, बसपा में जाएँगे या अपना दल बनाएगे, देखना बाक़ी है।
आज़म खान के लिए अपना राजनीतिक भविष्य सुरक्षित करने से ज़्यादा ज़रूरी अपनी सम्पत्ति बचाना और बेटों की राजनीति सुरक्षित रखना है। जेल में इंसान को आत्मचिंतन करने का पूरा समय मिलता है।आजम खान के जेल के अंदर आत्मचिंतन से क्या निकल कर आता है, वह आज़म के जेल से बाहर आने पर ही मालूम चलेगा।
फिलहाल आज़म की आजादी अखिलेश के लिए क्या लेकर आती है, यह आज़म के आजाद आदमी बनने के बाद पता चलेगा। आपको बता दें, जेल में बिताए कठिन दिनों का बदला लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बदला तो दुश्मनों से लिया जाता है। मैंने तो दुश्मनों के साथ भी अच्छा व्यवहार किया।
समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान आखिरकार 23 महीनों से सलाखों के पीछे रहने के बाद यूपी की सीतापुर जेल से बाहर आ रहे हैं।
— sameer chougaonkar (@semeerc) September 23, 2025
अखिलेश यादव के लिए जेल में बंद आजम खान ज़्यादा मुफ़ीद थे या जेल से बाहर आकर।यह देखना बाक़ी है।
जेल में बंद आज़म ने तय किया होगा कि जेल से बाहर आकर उनकी…
मैं 50 रन बनाने के बाद बहुत ज्यादा सेलिब्रेशन नहीं करता। लेकिन अचानक मेरे मन में आया कि चलो आज सेलिब्रेशन करते हैं। मैंने किया। मुझे नहीं पता कि लोग उसे कैसे लेंगे।
भारत के खिलाफ सुपर 4 मैच में पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज साहिबजादा फरहान ने 45 गेंदों में 58 रन की पारी खेली थी। अर्धशतक जड़ने के बाद फरहान ने बैट को एके-47 के अंदाज में थामकर जश्न मनाया। पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकियों ने सैलानियों का धर्म पूछकर चुन-चुनकर पुरुषों को उनकी पत्नी और यहां तक कि बच्चों के सामने गोली मारी थी।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने भी अपने एक्स हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय दी। उन्होंने कहा, पाकिस्तान में कोई 'सिविल सोसाइटी' नाम की चीज़ नहीं है। अगर होती, तो आम पाकिस्तानी लोग आतंकवाद और युद्ध भड़काने की इस हिमायत की निंदा करते। भारत में जो लोग पाकिस्तानी राज्य और वहाँ के दबे-कुचले नागरिकों के बीच फ़र्क करने की कोशिश करते हैं, उन्हें अब अपनी ग़लतफ़हमी दूर कर लेनी चाहिए।
आपको बता दें, पाकिस्तानी क्रिकेटर साहिबजादा फरहान ने निर्लज्जता दिखाई है। पहले क्रिकेट के मैदान में बल्ले को AK-47 के अंदाज में थामकर 'आतंकी सोच' का प्रदर्शन किया, फिर बेशर्मी में उसका बचाव भी किया। पाकिस्तानी खिलाड़ी ने कहा, मैं 50 रन बनाने के बाद बहुत ज्यादा सेलिब्रेशन नहीं करता। लेकिन अचानक मेरे मन में आया कि चलो आज सेलिब्रेशन करते हैं। मैंने किया। मुझे नहीं पता कि लोग उसे कैसे लेंगे।
THERE IS NO "CIVIL" SOCIETY IN PAK.
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) September 22, 2025
If there was many ordinary Pakistanis would have condemned this endorsement of terrorism & war-mongering. Those in India who like to draw a distinction between the Pak state and its oppressed civilians need to wipe the egg off their faces. pic.twitter.com/XqZbvW1e9D
यह पाकिस्तान की फितरत है। जब मुनीर जंग हार कर फील्ड मार्शल बन सकता है तो फरहान और हारिस को क्रिकेट के मैदान में पिट कर नायक बनने की कोशिश करने से कौन रोक सकता है।
भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने हाल ही में कहा है कि हमें अब भारत बनाम पाकिस्तान मैचों को राइवलरी कहना बंद कर देना चाहिए।अगर दो टीमों ने 15 मैच खेले हैं और स्कोर 8-7 है, तो वह एक राइवलरी है। यहां यह 12-3 है। कोई मुकाबला ही नहीं है। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने भी अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने कहा, सूर्यकुमार यादव की यह बात बिल्कुल सही है कि पाकिस्तान की क्रिकेट टीम में अब पहले जैसा दम नहीं है। खेल के मैदान में हार-जीत होती रहती है, लेकिन पाकिस्तान ने क्रिकेट के मैदान को युद्धभूमि में बदलने की कोशिश की। कभी बंदूक चलाने का संकेत किया तो कभी लड़ाकू विमानों को गिराने का इशारा किया।
यह केवल झुंझलाहट है और कुछ नहीं। यह पाकिस्तान की फितरत है। जब मुनीर जंग हार कर फील्ड मार्शल बन सकता है तो फरहान और हारिस को क्रिकेट के मैदान में पिट कर नायक बनने की कोशिश करने से कौन रोक सकता है। पहले दस ओवर में जब पाकिस्तान की टीम ठीक-ठाक बल्लेबाज़ी कर रही थी, तब पाकिस्तानी टिप्पणीकार अपनी टीम को आक्रामक और अत्यंत प्रतिभाशाली बता रहे थे।
अगले दस ओवर में जब वे रन नहीं बना पाए और जब पहले ही ओवर में अभिषेक शर्मा ने पाकिस्तान के प्रमुख गेंदबाज़ शाहीन अफरीदी की धुनाई की, तब यही टिप्पणीकार पाकिस्तानी टीम के अनुभवहीन होने का रोना रोने लगे।
जब अभिषेक शर्मा और शुभमन गिल ने पाकिस्तान के गेंदबाज़ों पर शानदार क्रिकेटीय प्रहार करते हुए तेज़ी से रन बनाए तो पाकिस्तानी टिप्पणीकारों के पास उनकी प्रशंसा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। हालांकि मेरी राय शुरू से यही रही कि पाकिस्तान की टीम के साथ मैच खेलने की कोई आवश्यकता नहीं है।
लेकिन जिस प्रकार भारतीय टीम ने दो मुकाबलों में पाकिस्तान को रुलाया, उसे देखकर यह शिकायत समाप्त हो गई। ऐसा प्रतीत हुआ कि अधिक उछलने वाले पाकिस्तान को क्रिकेट के मैदान में बुरी तरह हराकर एक सशक्त संदेश दिया गया।
सूर्यकुमार यादव की ये बात सही है कि पाकिस्तान की cricket team में अब पहले जैसा दम नहीं है. खेल के मैदान में हार-जीत होती रहती है लेकिन पाकिस्तानियों ने cricket field को battlefield में बदलने की कोशिश की. कभी बंदूक का इशारा किया तो कभी fighter planes गिराने का इशारा किया. ये… pic.twitter.com/TIUcnlt3cL
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) September 22, 2025
4 अगस्त से 4 सितंबर 2025 तक पहले उनसे 12 करोड़ 84 लाख रुपये लिए गए। फिर 9 करोड़ 90 लाख। ऐसे करते करते उनसे टोटल 22 करोड़ 92 लाख रुपये ठग लिए गए।
दिल्ली के गुलमोहर पार्क निवासी 78 वर्षीय सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी नरेश मल्होत्रा डिजिटल फ्रॉड का शिकार हो गए। धोखेबाज़ों ने खुद को पुलिस, CBI और ED अधिकारी बताकर उन्हें 'डिजिटल अरेस्ट' की धमकी दी और 4 अगस्त से 4 सितंबर के बीच उनसे लगभग ₹22.92 करोड़ की रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवाई।
ठगों ने नकली दस्तावेज़, वीडियो कॉल्स और गिरफ्तारी के फर्जी आदेश दिखाकर उन्हें डराया। दिल्ली पुलिस की IFSO शाखा ने मामला दर्ज कर लिया है। दरअसल, पूर्व बैंकर नरेश मल्होत्रा को 1 अगस्त की शाम 4 बजे खुद को एयरटेल हेडक्वाटर से बताने वाली एक महिला का कॉल आया।
बोली कि आपका लैंडलाइन नंबर कोंप्रोमाइज हो गया है। उससे मुंबई में एक-एक नंबर खुल गया है और बाइक्ला में आपके आधार से बैंक एकाउंट खोले गए हैं और उसी से पुलवामा केस में 1300 करोड़ की टेरर फंडिंग हुई है। 4 अगस्त से 4 सितंबर 2025 तक पहले उनसे 12 करोड़ 84 लाख रुपये लिए गए। फिर 9 करोड़ 90 लाख। ऐसे करते करते उनसे टोटल 22 करोड़ 92 लाख रुपये ठग लिए गए।
इसका कुल अंकगणित यह है कि 45813 करोड साल भर में केवल कर्ज और सूद में ही चले जाएगे। जब तक 'नोट दो और वोट लो' की राजनीति है, यह हालात राज्यों के होना ही है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधासभा चुनाव से पहले बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि सरकार हर विकास मित्र को टैबलेट खरीदने के लिए 25,000 रुपये की एकमुश्त मदद देगी, जिससे उनका काम और आसान हो जाएगा। इसके अलावा, अब विकास मित्रों को हर महीने मिलने वाला भत्ता भी बढ़ा दिया गया है।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, राजनीति में रेवड़ी कल्चर का जनक भले ही अरविंद केजरीवाल को माना जाता हो, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रेवड़ी कल्चर के भीष्म पितामह बनने जा रहे है। रोज़ एक घोषणा कर रहे है।
अब तक 35 से ज़्यादा घोषणा कर चुके है। उधार लेकर घी पीना और राज्य को कर्ज में डूबाना नीतीश का प्रिय शग़ल बन गया है। नोट दिखाकर बस वोट मिलने चाहिए भले ही राज्य कर्ज में दम तोड़ दें। नीतीश सरकार ने पिछले दिनों ही 16 हजार करोड़ कर्ज रिजर्व बैक से लिया है।
राज्य की यह मांग पिछले साल से चार हजार करोड़ ज्यादा है। 2024 के जुलाई सिंतंबर में बिहार ने 12 हजार करोड़ रूपये लोन के तौर पर लिए थे। चुनाव से पहले लोक लुभावन योजनाओं के लिए राज्य सरकार को अतिरिक्त पैसो की जरूरत है। 2024-25 तक बिहार सरकार 3 लाख 62 हजार 36 करोड का लोन ले चुकी है।
2025-26 के बीच लगभग 44 हजार करोड लेने की योजना है। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक बिहार सरकार पर कर्ज 4 लाख 06 हजार 470 करोड का है। बिहार सरकार को हर दिन 63 करोड रूपये सूद के रूप में चुकाने पडेगे।
इसी तरह कर्ज के मूलधन का 22820 करोड रूपये भी इस वित्तीय वर्ष में बिहार सरकार को चुकाना है। इसका कुल अंकगणित यह है कि 45813 करोड साल भर में केवल कर्ज और सूद में ही चले जाएगे। जब तक 'नोट दो और वोट लो' की राजनीति है, यह हालात राज्यों के होना ही है।
राजनीति में रेवड़ी कल्चर का जनक भले ही अरविंद केजरीवाल को माना जाता हो, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रेवड़ी कल्चर के भीष्म पितामह बनने जा रहे है। रोज़ एक घोषणा कर रहे है। अब तक 35 से ज़्यादा घोषणा कर चुके है।
— sameer chougaonkar (@semeerc) September 20, 2025
उधार लेकर घी पीना और राज्य को कर्ज में डूबाना नीतीश का प्रिय…
यह क्षति अपूरणीय है। उनकी कला और यादें हमें हमेशा याद दिलाती रहेंगी कि सच्चा कलाकार कभी जाता नहीं, उसकी धुनें अमर रहती हैं। जुबिन दा को भावभीनी श्रद्धांजलि।
असम के मशहूर गायक जुबिन गर्ग की शुक्रवार को सिंगापुर में ‘स्कूबा डाइविंग’ के दौरान मौत हो गई। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट करते हुए शोक प्रकट किया। उन्होंने लिखा, जुबिन गर्ग के निधन की खबर संगीत जगत के लिए गहरा आघात है।
उनकी आवाज़ ने असमिया और हिंदी संगीत को एक नई पहचान दी। उन्होंने न सिर्फ गायक के रूप में, बल्कि संगीतकार और अभिनेता के रूप में भी अपनी प्रतिभा दिखाई। उनके गीत हमेशा दिलों में गूंजते रहेंगे और नई पीढ़ी को प्रेरणा देते रहेंगे। यह क्षति अपूरणीय है। उनकी कला और यादें हमें हमेशा याद दिलाती रहेंगी कि सच्चा कलाकार कभी जाता नहीं, उसकी धुनें अमर रहती हैं।
जुबिन दा को भावभीनी श्रद्धांजलि। आपको बता दें, जुबिन गर्ग सिंगापुर में 20 और 21 सितंबर को होने वाले चौथे नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में भाग लेने पहुंचे थे। हादसे से कुछ घंटे पहले ही उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा कर प्रशंसकों को कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया था। इस दौरान उन्होंने नॉर्थ ईस्ट की सांस्कृतिक धरोहर, कृषि उत्पाद, हस्तशिल्प, चाय, नृत्य और संगीत कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी थी।
जुबिन गर्ग के निधन की खबर संगीत जगत के लिए गहरा आघात है। उनकी आवाज़ ने असमिया और हिंदी संगीत को एक नई पहचान दी। उन्होंने न सिर्फ गायक के रूप में, बल्कि संगीतकार और अभिनेता के रूप में भी अपनी प्रतिभा दिखाई। उनके गीत हमेशा दिलों में गूंजते रहेंगे और नई पीढ़ी को प्रेरणा देते रहेंगे।… pic.twitter.com/DVEvPE394Z
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) September 19, 2025