झारखंड में इस बार दो चरणों में मतदान: अवधेश कुमार ने कही ये बड़ी बात

राज्य गठन के बाद अब तक चार बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। इनमें तीन बार पांच चरण में और एक बार तीन चरण में वोट डाले गए थे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 16 October, 2024
Last Modified:
Wednesday, 16 October, 2024
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झारखंड विधानसभा चुनाव दो चरण में होंगे। 13 नवंबर को पहले फेज की वोटिंग होगी, जिसमें 43 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। दूसरे फेज की वोटिंग 20 नवंबर को होगी, जिसमें 38 सीट पर वोट डाले जाएंगे। 23 नवंबर को काउंटिंग होगी और नतीजे आएंगे। जबसे झारखंड राज्य बना है, उसके बाद यह पहली बार है जब चुनाव दो चरण में होंगे।

इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और चुनाव आयोग की तारीफ़ की है। उन्होंने एक्स पर लिखा, चुनाव आयोग ने 2019 में झारखंड में 30 नवंबर से 20 दिसम्बर तक पांच चरणों में चुनाव कराया था। इस बार दो चरणों में मतदान होगा। महाराष्ट्र में एक चरण।

लोकसभा चुनाव में सात चरणों को लेकर आयोग की आलोचना हुई थी। भारत जैसे देश में अब दो-तीन को छोड़ दें तो ज्यादातर राज्यों में कानून व्यवस्था की स्थिति संतोषजनक है। हमारे पास इतने सुरक्षा बल एवं अन्य संसाधन हैं कि कम चरणों में चुनाव कराए जा सकते हैं।

आपको बता दें, राज्य गठन के बाद झारखंड में पहली बार विधानसभा का चुनाव दो चरण में हो रहा है। राज्य गठन के बाद अब तक चार बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। इनमें तीन बार पांच चरण में और एक बार तीन चरण में वोट डाले गए थे।

इस बार दो चरण में ही 81 विधानसभा सीटों पर मतदान होने वाला है। भारत निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव में 2 करोड़ लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इसमें एक करोड़ 29 लाख महिला और एक करोड़ 31 लाख पुरुष मतदाता शामिल है।

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वायुसेना प्रमुख का बयान अमेरिका को अप्रत्यक्ष संदेश : भूपेंद्र चौबे

यह बात अमेरिकी लड़ाकू विमान बनाने वाले उद्योग को बिल्कुल पसंद नहीं आएगी, क्योंकि इससे उनकी अंतरराष्ट्रीय साख और भविष्य के सौदों पर असर पड़ सकता है।

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Published - Monday, 11 August, 2025
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Monday, 11 August, 2025
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वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने खुलासा किया है कि मई 2025 में भारत ने पाकिस्तान के छह सैन्य विमानों को मार गिराया था। इनमें पाँच लड़ाकू विमान और एक बड़ा सर्विलांस विमान शामिल था। सबसे अहम बात यह रही कि इन विमानों में अमेरिकी निर्मित एफ-16 भी थे।

उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार भूपेंद्र चौबे ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, वायुसेना प्रमुख का हालिया बयान, जिसमें उन्होंने कहा कि हमारी टीमों ने पाकिस्तान को मात दी है, सिर्फ पाकिस्तान को संदेश देने के लिए नहीं है। यह अमेरिका को भी अप्रत्यक्ष संदेश है। पाकिस्तान के जिन विमानों को हमने मार गिराया, वे अमेरिकी एफ-16 थे। और यह काम हमने रूसी, फ्रांसीसी और स्वदेशी हथियारों के मिश्रण से किया।

इसका मतलब है कि अमेरिकी तकनीक से लैस विमान भी हमारी विविध और गैर-अमेरिकी हथियार प्रणाली के आगे टिक नहीं पाए। यह बात अमेरिकी लड़ाकू विमान बनाने वाले उद्योग को बिल्कुल पसंद नहीं आएगी, क्योंकि इससे उनकी अंतरराष्ट्रीय साख और भविष्य के सौदों पर असर पड़ सकता है। यानी यहां सैन्य ताकत दिखाने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय राजनीति और रक्षा बाज़ार की रणनीति, तीनों चीज़ें आपस में बड़ी चतुराई से जोड़ी गई हैं।

आपको बता दें, विशेषज्ञों का मानना है कि वायुसेना प्रमुख का यह बयान केवल पाकिस्तान को चेतावनी नहीं, बल्कि अमेरिका को भी संदेश है कि उसकी तकनीक भारत की बहु-स्रोत रक्षा प्रणाली के सामने कमजोर पड़ सकती है। इससे अमेरिकी रक्षा उद्योग की अंतरराष्ट्रीय साख और सौदों पर असर पड़ सकता है।

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राहुल गांधी का कानूनी रूप से सामना करे चुनाव आयोग: राजदीप सरदेसाई

अगर चुनाव आयोग को लगता है कि राहुल गांधी द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़े या आरोप झूठे और भ्रामक हैं, तो फिर आयोग उनके खिलाफ आपराधिक शिकायत (FIR) दर्ज क्यों नहीं करता।

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Published - Friday, 08 August, 2025
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Friday, 08 August, 2025
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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए कर्नाटक की एक लोकसभा सीट के तहत आने वाले एक विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची प्रस्तुत की और दावा किया कि चुनाव आयोग जानबूझकर वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां कर रहा है। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की।

उन्होंने एक्स पर लिखा, राहुल गांधी के 'परमाणु बम' (बड़े खुलासे) पर एक चुभता हुआ सवाल। अगर चुनाव आयोग को लगता है कि राहुल गांधी द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़े या आरोप झूठे और भ्रामक हैं, तो फिर आयोग उनके खिलाफ आपराधिक शिकायत (FIR) दर्ज क्यों नहीं करता और उन्हें अदालत में क्यों नहीं घसीटता?

आखिरकार, राहुल गांधी ने ये आरोप संसद के बाहर लगाए हैं, जहाँ उन्हें कोई संसदीय छूट (immunity) प्राप्त नहीं है। सिर्फ नाम लेकर तंज कसना या अफसरशाही जैसी प्रतिक्रियाएँ देना समाधान नहीं है। अपनी विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए, चुनाव आयोग को चाहिए कि वह राहुल गांधी का कानूनी रूप से सामना करे, राज्य की पूरी ताकत के साथ, है ना?

आपको बता दें, राहुल गांधी का कहना है कि इन गड़बड़ियों के ज़रिए चुनाव परिणामों को प्रभावित किया जा रहा है और इसका सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिल रहा है। उनका आरोप है कि ये सारी अनियमितताएं चुनाव आयोग ने बीजेपी को जिताने की मंशा से की हैं।

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रियंका गांधी का गुस्सा अनुचित : सुधीर चौधरी

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को चीन पर दिए बयान के लिए फटकार लगाई। प्रियंका गांधी ने जवाब में कहा कि न्यायपालिका तय नहीं कर सकती कौन सच्चा भारतीय है।

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Published - Thursday, 07 August, 2025
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Thursday, 07 August, 2025
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5 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को चीन-भारत सीमा विवाद (Border Dispute) पर की गई कथित टिप्पणी के लिए फटकार लगाई। राहुल गांधी ने पहले दावा किया था कि चीन (China) ने भारत की 2,000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्ज़ा कर लिया है, जिस पर अदालत ने नाराज़गी जताई।

इस पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने संसद परिसर में प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'पूरे न्यायपालिका (Judiciary) के प्रति सम्मान के साथ, लेकिन यह तय करना उसका कार्य नहीं है कि कौन सच्चा भारतीय (True Indian) है और कौन नहीं।'

वहीं वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी (Sudhir Chaudhary) ने इस मुद्दे पर तीखा तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष और कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को केवल अपने राजनीतिक लाभ (Political Advantage) के हिसाब से स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा, 'जब फैसला उनके पक्ष में होता है, तब यह सत्य की जीत (Victory of Truth) बन जाता है, और जब नहीं होता, तो वे अदालत की आलोचना करने लगते हैं।'

आपको बता दें, प्रियंका गांधी ने अपने भाई राहुल का बचाव करते हुए यह स्पष्ट किया कि उनका बयान केवल सीमा पर स्थिति को लेकर सरकार की जवाबदेही (Accountability) तय करने के लिए था। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी हमेशा भारतीय सेना (Indian Army) का सम्मान करते हैं और यह आरोप सरासर गलत प्रस्तुतीकरण (Misrepresentation) का नतीजा है।

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मिस्टर ट्रम्प, टैरिफ से भारत को डराने की हिमाकत मत कीजिये : अमिताभ अग्निहोत्री

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस से तेल खरीद पर भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। अमिताभ अग्निहोत्री ने इतिहास की याद दिलाई जब अमेरिका के प्रतिबंध भी भारत को नहीं रोक पाए।

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Published - Thursday, 07 August, 2025
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Thursday, 07 August, 2025
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ (Additional Tariff) लगाने का फ़ैसला केवल आर्थिक नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश भी है। रूस (Russia) से तेल खरीद जारी रखने पर अमेरिकी प्रशासन ने यह कदम उठाया है।

अब कुल मिलाकर भारत से आने वाले निर्यात उत्पादों (Export Products) पर 50 प्रतिशत तक शुल्क (Tariff) देना होगा, जो कपड़ा (Textile), समुद्री उत्पाद (Seafood) और चमड़ा उद्योग (Leather Industry) पर सीधा असर डालेगा।

वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री (Senior Journalist Amitabh Agnihotri) ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया (Social Media) पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ट्रंप को भारत के परमाणु परीक्षण (Nuclear Tests) की याद रखनी चाहिए, जब अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए थे लेकिन भारत ने न अपनी संप्रभुता (Sovereignty) छोड़ी और न ही विकास की गति रोकी। वहीं भारत सरकार ने इस निर्णय को “अनुचित (Unjustified) और अविवेकपूर्ण (Unreasonable)” बताया है।

ट्रंप के इस बयान ने भी आग में घी डाल दिया कि वे भारत पर जल्द ही सेकेंडरी सैंक्शन (Secondary Sanctions) भी लागू करेंगे। लेकिन भारत का इतिहास बताता है कि चाहे आर्थिक प्रतिबंध (Economic Sanctions) हों या राजनीतिक दबाव (Political Pressure), देश ने कभी भी झुकना (Surrender) नहीं सीखा। ऐसे में अमेरिका को सोचना होगा कि क्या टैरिफ डिप्लोमेसी (Tariff Diplomacy) से वह वाकई भारत को रोक सकता है?

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नीतीश कुमार की सियासी हैसियत अब नहीं रही : समीर चौगांवकर

बिहार की राजनीति 2020 से 2025 तक बेहद दिलचस्प रही। तीन सरकारें बनीं, पाँच उप मुख्यमंत्री और तीन विधानसभा स्पीकर बदले, पर मुख्यमंत्री हर बार नीतीश कुमार ही बने रहे।

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Published - Wednesday, 06 August, 2025
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Wednesday, 06 August, 2025
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कभी बिहार की सबसे बड़ी राजनीतिक ताक़त रही जनता दल (यू) अब तीसरे नंबर की पार्टी बन चुकी है और फिलहाल खुद को फिर से खड़ा करने की कोशिश में जुटी है। पार्टी रणनीतिकार अब न सिर्फ़ हार चुकी सीटों का विश्लेषण कर रहे हैं, बल्कि जिन विधानसभा क्षेत्रों में मामूली अंतर से जीत मिली थी, वहां भी नए राजनीतिक समीकरण तलाशकर एक नई रणनीति तैयार करने में लगे हैं।

इस बीच वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर लिखा, बिहार की 2020 से लेकर 2025 तक की पाँच साल की राजनीति अनोखी रही है। इन पाँच सालों में बिहार ने तीन सरकार देखी, पहली एनडीए की, फिर महागठबंधन की और फिर से एनडीए की।

तीन सरकारें बनीं लेकिन तीनों सरकारों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बने रहे। पाँच साल में बिहार सरकार में पाँच उप मुख्यमंत्री रहे। तारा किशोर प्रसाद, रेणु देवी, तेजस्वी यादव, सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा। पाँच साल में तीन स्पीकर भी बने। विजय कुमार सिन्हा, अवध बिहारी चौधरी और नंद किशोर यादव।

पाँच साल में तीन नेता प्रतिपक्ष भी बने। तेजस्वी यादव, विजय कुमार सिन्हा और फिर तेजस्वी यादव। इसी सरकार में ऐसा भी हुआ कि सितंबर 2022 में नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी से नहीं हटने तक पगड़ी नहीं खोलेंगे की प्रतिज्ञा लेने वाले बीजेपी नेता सम्राट चौधरी को नीतीश के मातहत उप मुख्यमंत्री बनना पड़ा। सम्राट चौधरी नीतीश को मुख्यमंत्री से हटा नहीं पाए, लेकिन अपनी पगड़ी सरयू में जाकर ज़रूर बहा आए।

यह सब इसलिए हुआ कि नीतीश कुमार ने पाँच साल में तीन बार पलटी मारी। अब नीतीश कुमार की राजनीतिक हैसियत और ताक़त नहीं बची कि अब कोई उलटफेर कर दे। बिहार विधानसभा चुनाव में 100 दिन से भी कम समय है।

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ट्रंप के धमकाने से और एकजुट होंगे भारतीय : बरखा दत्त

हम आपस में चाहे जितना भी बहस करें, लेकिन जब बात उन नव-औपनिवेशिक ताक़तों की आती है जो खुद को दुनिया का निगरानीकर्ता समझती हैं और हमें बचकाना समझती हैं, तब हम एकजुट हो जाते हैं।

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Published - Tuesday, 05 August, 2025
Last Modified:
Tuesday, 05 August, 2025
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भारत के हितों के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कूटनीतिक की सारी सीमाओं को पार करने की तरफ बढ़ गये हैं। कारोबारी समझौते को लेकर भारत सरकार के अडिग रवैये को देखते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने अब धमकी दी है कि वह भारतीय आयात पर शुल्क की दरों में और बढ़ोतरी करेंगे। इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की।

उन्होंने लिखा, ट्रंप की धमकाने वाली नीति से भारतीय और अधिक एकजुट हो जाएंगे। उन्होंने हमें गलत समझा है। हम आपस में चाहे जितना भी बहस करें, लेकिन जब बात उन नव-औपनिवेशिक ताक़तों की आती है जो खुद को दुनिया का निगरानीकर्ता समझती हैं और हमें बचकाना या कमतर समझती हैं, तब हम एकजुट हो जाते हैं।

आपको बता दें, इस बार भारत ने ट्रंप के पुराने बयानों की तरफ सधी प्रतिक्रिया नहीं बल्कि उसे सीधे तौर पर खारिज करते हुए अन्यायपूर्ण व अकारण करार दिया है। भारत ने अमेरिका व यूरोपीय देशों को यह भी आईना दिखाया है कि कैसे वह अपनी जरूरतों के लिए अभी भी रूस से कारोबार कर रहे हैं।

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देर से मिलने वाला न्याय भी अन्याय : सुधीर चौधरी

मामलों की त्वरित सुनवाई, वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली, तकनीकी सुधार और जजों की नियुक्ति में तेजी जैसे कदम अनिवार्य हैं। अन्यथा न्याय पाने की चाह में इंसान सब कुछ खोकर भी खाली हाथ ही रहेगा।

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Published - Saturday, 02 August, 2025
Last Modified:
Saturday, 02 August, 2025
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महाराष्ट्र के मालेगांव में साल 2008 में बम ब्लास्ट हुआ था। इसी के बाद गुरुवार को 'एनआईए' की स्पेशल कोर्ट ने इस केस में पूरे 17 साल बाद बड़ा फैसला सुनाया। मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित समेत सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया गया है। इस निर्णय पर वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी का कहना है कि इस देश में न्याय पाने वाले की चाहत और ज़िंदगी दोनों खत्म हो जाती है।

उन्होंने अपने शो में कहा, देर से मिलने वाला न्याय भी अन्याय के समान होता है। हमारी न्याय व्यवस्था में लंबित मुकदमों की संख्या देखें तो कोर्ट को न्याय देने में जितना वक्त लगता है उतने में तो न्याय पाने वाले की चाहत और ज़िंदगी दोनों खत्म हो जाती है। वो चाहे मालेगांव केस हो या कोई और।

जब आप सालों बाद बरी भी हुए तो सोचिए आपको मिला क्या? क्या जो समय आपने न्याय के इंतज़ार में गंवा दिया, वो वापस मिलेगा? आपको बता दें, विलंबित न्याय वास्तव में एक मौन अन्याय है, जो समाज को भीतर से खोखला करता है।

अगर देश में न्यायपालिका को जनविश्वास की रीढ़ बनाए रखना है, तो मामलों की त्वरित सुनवाई, वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली, न्यायालयों में तकनीकी सुधार और जजों की नियुक्ति में तेजी जैसे कदम अनिवार्य हैं। अन्यथा न्याय पाने की चाह में इंसान सब कुछ खोकर भी खाली हाथ ही रहेगा।

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ट्रंप समझ ले, यहां धमकी और मोल भाव नहीं चलेगा : अमिताभ अग्निहोत्री

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, टैरिफ के बहाने उन देशों पर अपनी खुन्नस निकाल रहे हैं जो रूस से तेल खरीद रहे हैं और डिफेंस डील कर रहे हैं।

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Published - Saturday, 02 August, 2025
Last Modified:
Saturday, 02 August, 2025
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ को 1 अगस्त से लागू होने का ऐलान किया था, लेकिन अब इस फैसले को 7 दिन के लिए टाल दिया है। अब ये 7 अगस्त से लागू किया जाएगा। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।

उन्होंने लिखा, ट्रम्प चाहे जो कहें, करें, लेकिन यह तय है कि भारत अपनी कृषि और डेयरी उद्योग के दरवाजे अमेरिका के लिए नहीं खोलने जा रहा। यहां ना धमकी चलेगी ना मोल भाव होगा। आप अपने यहाँ गायों को मीट खिलाएं और फिर उनके दूध और दूध से बने उत्पाद भारत में खपाना चाहें तो यह नहीं होने वाला है।

आपको बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, टैरिफ के बहाने उन देशों पर अपनी खुन्नस निकाल रहे हैं जो रूस से तेल खरीद रहे हैं और डिफेंस डील कर रहे हैं। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि वह ऐसे देशों पर 500% तक टैरिफ लगाएगा।

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केजरीवाल मस्त, पंजाब के मुख्यमंत्री पस्त : समीर चौगांवकर

दिल्ली की सुख-सुविधा क्या गई, केजरीवाल ने पंजाब में सारी सुविधाएं ले लीं। जब केजरीवाल दिल्ली में थे, तो मुझे लिखने का भी आनंद आता था। उनके जाने के साथ ही जैसे लेखनी की धार भी चली गई।

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Published - Saturday, 02 August, 2025
Last Modified:
Saturday, 02 August, 2025
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अरविंद केजरीवाल के पंजाब में सक्रिय होने को लेकर वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर ने एक टिप्पणी की है। उन्होंने एक्स पर लिखा, फ़िल्म में जैसे नायक के साथ खलनायक ज़रूरी होता है, वैसे ही राजनीति में भी कुछ लोग विलेन की भूमिका निभाते हैं। बिना विलेन के न फ़िल्म में मज़ा आता है, न राजनीति में रस आता है।

अरविंद केजरीवाल भारतीय राजनीति के ऐसे ही खलनायक हैं, जो राजनीति में अच्छी-खासी खलबली मचाने के लिए जाने जाते हैं। दिल्ली की राजनीति के परिदृश्य से फिलहाल केजरीवाल नदारद हैं। चुनाव क्या हारे, दिल्ली से नौ दो ग्यारह हो गए। उनके बिना दिल्ली की राजनीति का आँगन सुनसान लगता है।

सुना है, आजकल उन्होंने पंजाब में डेरा डाल दिया है और भगवंत मान का मान-सम्मान सब हथिया लिया है। केजरीवाल मस्त हैं और पंजाब के मुख्यमंत्री पस्त। बिना ताज के भी केजरीवाल सरताज बने हुए हैं, पूरे पंजाब को अपनी उंगलियों पर नचा रहे हैं। दिल्ली में मान-सम्मान और एक सशक्त सरकार गंवाने वाले केजरीवाल अब पंजाब में भगवंत मान का सम्मान और सरकार गवाने पर आमादा हैं।

दिल्ली की सुख-सुविधा क्या गई, केजरीवाल ने पंजाब में सारी सुविधाएं ले लीं। जब केजरीवाल दिल्ली में थे, तो मुझे लिखने का भी आनंद आता था। उनके जाने के साथ ही जैसे लेखनी की धार भी चली गई। मैं बेसब्री से उनकी दिल्ली वापसी का इंतजार कर रहा हूँ। केजरीवाल, आई मिस यू। प्लीज़ कम बैक टू दिल्ली। तुम्हारे बिना रहा नहीं जाता और लिखा भी नहीं जाता।

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तेजस्वी यादव का चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप : प्रवण सिरोही ने कही ये बात

बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के मतदाता सूची से नाम कट जाने के दावे को चुनाव आयोग ने झूठा करार दिया है। आयोग ने तेजस्वी को रिप्लाई करते हुए वोटर लिस्ट में नाम दिखाया है।

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Published - Saturday, 02 August, 2025
Last Modified:
Saturday, 02 August, 2025
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आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि उनका नाम वोटर लिस्ट से कट गया है। तेजस्वी ने कहा कि जब मेरा नाम कट सकता है तो बिहार के लाखों गरीबों का नाम कटना तय है। इस बीच चुनाव आयोग ने तेजस्वी को रिप्लाई करते हुए वोटर लिस्ट में नाम दिखाया है। इस मामले पर पत्रकार प्रणव सिरोही ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट कर अपनी राय दी।

उन्होंने लिखा, चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर सवाल और अपने आग्रह हो सकते हैं, लेकिन आयोग वाले इतने मूर्ख तो नहीं ही होंगे कि तेजस्वी का नाम काट दें। नेताओं को कुछ और तरीके आजमाने चाहिए।

आपको बता दें, भारत निर्वाचन आयोग ने कहा कि एसआईआर के बाद जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में 416 नंबर पर तेजस्वी का नाम है। इसलिए, यह दावा कि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल नहीं है, झूठा और तथ्यात्मक रूप से गलत है, और ये दावा शरारतपूर्ण है।

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