सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गूगल पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है
टेक कंपनी गूगल (Google) को आज सोमवार को फिर झटका लगा है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गूगल पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी।
बता दें कि गूगल नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें NCLT ने CCI द्वारा लगाए गए 1,337.76 करोड़ रुपए के जुर्माने पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में 3 सदस्यी बेंच ने सुनवाई के दौरान याचिका पर अंतरिम राहत देने से साफ इनकार कर दिया है। वहीं, बेंच ने गूगल का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील ए.एम. सिंघवी से कहा कि क्या यूरोप के मानक को भारत में लागू किया जा सकता है या नहीं? इससे पहले गूगल के वकील सिंघवी ने इस अर्जेंट केस बताते हुए सुनवाई की अपील की थी।
बता दें कि CCI की तरफ से गूगल पर 1,338 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है, जोकि मोबाइल इकोसिस्टम में अपने वर्चस्व के दुरुपयोग करने के लिए लगाया है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।नर्सिंग पेपर लीक मामले में कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में माफियाओं का राज है।
मध्य प्रदेश में संविदा स्टाफ नर्स भर्ती का पेपर लीक हो गया है। इसके बाद परीक्षा को निरस्त कर दिया गया। आपको बता दें कि 2284 पदों के लिये 45000 उम्मीदवार परीक्षा देने वाले थे। इसके विरोध में कई सेंटर्स पर परीक्षार्थियों ने प्रदर्शन किया।
वहीं, कांग्रेस ने सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए प्रदेश में माफियाओं का राज बताया। पेपर लीक मामले में परीक्षार्थियों ने कुछ सेंटर और एनएचएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। परीक्षार्थियों ने पूरे मामले की जांच कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
नर्सिंग पेपर लीक मामले में कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में माफियाओं का राज है। प्रदेश में माफिया और सरकार के बीच गठजोड़ है। शिवराज सिंह का न तो सरकार पर कंट्रोल है और ना ही वो माफिया को रोक पा रहे हैं। इस पूरे मामले पर 'एनडीटीवी' में रेजिडेंट एडिटर और पत्रकार 'अंकित त्यागी' ने ट्वीट कर बड़ा सवाल खड़ा किया है।
उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा कि मध्य प्रदेश में आज ही हुए संविदा स्टाफ नर्स भर्ती का पेपर लीक हुआ और अब परीक्षा निरस्त। 2284 पदों के लिये 45000 क़िस्मत आज़मा रहे थे। बार बार युवाओ के भविष्य से कौन खेल रहा है? राज्य सरकारे पेपर लीक रोकने में असमर्थ है या सारा खेल जानबूझकर नौकरियों को टालने का है? जांच ज़रूरी है।
पत्रकार 'अंकित त्यागी' के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
मध्य प्रदेश में आज ही हुए संविदा स्टाफ नर्स भर्ती का पेपर लीक हुआ और अब परीक्षा निरस्त।
— Ankit Tyagi (@Ankit_Tyagi01) February 7, 2023
2284 पदो के लिये 45000 क़िस्मत आज़मा रहे थे।
बार बार युवाओ के भविष्य से कौन खेल रहा है? राज्य सरकारे पेपर लीक रोकने में असमर्थ है या सारा खेल जानमुझकर नौकरियों को टालने का है? जाँच ज़रूरी है। pic.twitter.com/2soU4L1bYQ
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अनुमान है कि इस भूकंप में 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं और भारत समेत दुनिया के कई देशों ने तुर्किये की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है।
तुर्किये (तुर्की) और सीरिया में घातक भूकंपों के कारण अब तक 8000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। बीते दिन तुर्किये में 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के लगातार तीन विनाशकारी भूकंप आए थे। तुर्किये और सीरिया सहित चार देशों में सोमवार को भूकंप ने भारी तबाही मचाई। भूकंप के चलते कंपन इतना तेज था कि हजारों इमारतें ताश के पत्तों की तरह भरभराकर गिर गईं।
वहीं, सरकारी एजेंसी के मुताबिक अभी मरने वालो की संख्या में इजाफा हो सकता है। डब्लूएचओ के वरिष्ठ अधिकारियों का अनुमान है कि इस भूकंप में 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं और भारत समेत दुनिया के कई देशों ने तुर्किये की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। इसी बीच भारत ने बड़ा दिल दिखाया और भूकंप की मार झेल रहे तुर्किये को भूकंप राहत सामग्री की पहली खेप भारतीय वायु सेना के विमान से भेज दी। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से की गई घोषणा के कुछ घंटों बाद ही भारत ने मानवता की मिसाल पेश की।
भारत के द्वारा भेजी जा रही यह मानवीय मदद इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद तुर्किये ने भारत का विरोध किया था। वहीं कश्मीर के मसले पर भी यह देश पाकिस्तान के साथ खड़ा नज़र आता है। इसी आशंका को लेकर पत्रकार सुशांत झा ने ट्वीट किया है।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि, भारत इस आपतकाल में तुर्किये को मानवीय आधार पर मदद तो कर रहा है, लेकिन इसमें संदेह ही है कि कश्मीर को लेकर उसका रवैया बदले। तुर्कियेतुर्किये, कनाडा और अमेरिका-इंग्लैंड के शासनतंत्र का बड़ा हिस्सा भारत को औपनिवेशिक और मजहबी दृष्टि से देखता है। भारत को इसी व्यवस्था में आगे बढ़ना है।
पत्रकार सुशांत झा के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं।
भारत इस आपतकाल में तुर्की को मानवीय आधार पर मदद तो कर रहा है, लेकिन इसमें संदेह ही है कि कश्मीर को लेकर उसका रवैया बदले। तुर्की, कनाडा और अमेरिका-इंग्लैंड के शासनतंत्र का बड़ा हिस्सा भारत को औपनिवेशिक और मजहबी दृष्टि से देखता है। भारत को इसी व्यवस्था में आगे बढ़ना है।#Turkey
— सुशांत झा Sushant Jha (@jhasushant) February 8, 2023
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संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि जिस शब्द का इस्तेमाल किया है, उसके लिए महुआ मोइत्रा को माफी मांगनी चाहिए।
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण प्रस्ताव पर धन्यवाद ज्ञापन के दौरान टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने मंगलवार को कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग किया, जिसके बाद काफी समय तक लोकसभा में हंगामे की स्थिति बनी रही।
दरअसल जब महुआ मोइत्रा ने अपना भाषण खत्म किया, तो उसके बाद तेलुगू देशम पार्टी के राममोहन नायडू बोले लगे, इसी बीच महुआ मोइत्रा ने असंसदीय शब्द का इस्तेमाल किया और उसके बाद भाजपा के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। फिर दोनों तरफ से तीखी नोक-झोंक देखने को मिली।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि जिस शब्द का इस्तेमाल किया है, उसके लिए महुआ मोइत्रा को माफी मांगनी चाहिए। अगर वह माफी नहीं मांगती हैं, तो यह उनकी संस्कृति को दिखाता है। इस पूरे मामले पर 'दैनिक भास्कर' के पत्रकार आदित्य तिवारी ने भी ट्वीट कर अपनी राय व्यक्त की है।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि अब संसद में कुछ होना और बचा हो तो बताए वो भी इतिहास में दर्ज हो जाए। ऐसा शब्द संसदीय कार्यवाही में नहीं सुना था। महुआ मोइत्रा ने असंसदीय शब्द का इस्तेमाल किया है क्या सदस्यता रद्द नही होनी चाहिए?
पत्रकार आदित्य तिवारी के द्वारा किए गए ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
अब संसद में कुछ होना और बचा हो तो बताए वो भी इतिहास में दर्ज हो जाए...
— आदित्य तिवारी / Aditya Tiwari (@aditytiwarilive) February 7, 2023
ऐसा शब्द संसदीय कार्यवाही में नहीं सुना था... Mahua Moitra saying "Harami" inside parliament. सदस्यता रद्द नही होनी चाहिए??!! pic.twitter.com/vdybm4r0RR
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जी20 स्टे सेफ ऑनलाइन कैंपेन के लिए ‘मेटा’ (Meta) ने मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के साथ पार्टनरशिप की घोषणा की है।
जी20 स्टे सेफ ऑनलाइन कैंपेन के लिए ‘मेटा’ (Meta) ने आज मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के साथ पार्टनरशिप की घोषणा की है। MeitY से पार्टनरशिप के तौर पर मेटा विभिन्न चैनलों के माध्यम से ऑनलाइन सुरक्षा उपायों को लेकर कई भारतीय भाषाओं में वीडियो संदेश के जरिए जागरूकता फैलाएगी। बता दें कि मेटा के पास फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्ऐसप जैसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का स्वामित्व है।
इस जागरूकता अभियान के तहत ऑनलाइन धोखाधड़ी से निपटने, नुकसानदेह सामग्री की रिपोर्ट कैसे करें और ऑनलाइन बातचीत करते समय खुद को सुरक्षित रखने के टिप्स जैसे कई अन्य विषयों को शामिल किया जाएगा। मेटा पूरे साल इस अभियान में शिरकत करेगी।
भारत एक ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने के कगार पर है। यह पार्टनरशिप ऐसे समय पर हुई है, जब भारत जी20 की अध्यक्षता कर रहा है। यह रणनीतिक साझेदारी न केवल मौजूदा इंटरनेट यूजर्स को सहायता प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें ऑनलाइन धोखाधड़ी से आगाह करने के लिए तैयार भी करेगी। भारत में तेजी से बढ़ते नए इंटरनेट यूजर्स के लिए यह पार्टनरसिप फायदेमंद साबित होगी।
अंतरराष्ट्रीय सुरक्षित इंटरनेट दिवस के अवसर पर 7 फरवरी को मेटा ने सभी को सुरक्षित और समावेशी इंटरनेट प्रदान करने के लिए #डिजिटलसुरक्षा (#DigitalSuraksha) कैंपेन भी लॉन्च किया। इस कैंपेन के पहले चरण तहत मेटा ने दिल्ली में इंटरनेट यूजर्स को डिजिटल साक्षरता प्रदान करने के लिए दिल्ली पुलिस के साथ भी पार्टनरशिप की है। #डिजिटलसुरक्षा कैंपेन के पहले चरण में युवाओं की भलाई, बाल सुरक्षा, गलत सूचनाओं से निपटने के लिए जागरूगता अभियान चलाया जाएगा। ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करने में कानून प्रवर्तन एजेंसियां एक महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रही हैं। #डिजिटलसुरक्षा अभियान के तहत मेटा दिल्ली के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में 10,000 छात्रों को डिजिटल साक्षरता प्रदान करने के लिए 2 महीने के लंबे कार्यक्रम पर दिल्ली पुलिस के साथ काम करेगा। इसके अलावा मेटा और दिल्ली पुलिस संयुक्त रूप से यूजर्स को ऑनलाइन/डिजिटल स्कैम से खुद को बचाने के बारे में शिक्षित करने के लिए संसाधनों का निर्माण करेगी। इस पार्टनरशिप के तहत मेटा दिल्ली पुलिसकर्मियों को मेटा के विभिन्न सुरक्षा उपकरणों के बारे में भी प्रशिक्षित करेगी।
मेटा ने बाल यौन शोषण संबंधी सामग्रियों की शेयरिंग की रोकथाम और ऐसी सामग्रियों के बारे में जानकारी देने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भी एक जागरूकता अभियान भी शुरू किया है। इसके तहत यूजर्स को बाल यौन शोषण संबंधी सामग्रियों के नुकसान और पीड़ित पर उसके प्रभाव के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही लोगों को ऐसी किसी भी सामग्री के बारे में फेसबुक को तत्काल सूचित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
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आरएसएस के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि मोहन भागवत ने 'पंडित' शब्द का उपयोग ज्ञानियों के लिए इस्तेमाल किया था, न कि किसी जाति धर्म के लिए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत की ओर से पंडितों के खिलाफ दिए बयान के बाद सियासी तूफान मच गया है। संघ प्रमुख के बयान के बाद तमाम भाजपा के ब्राह्मण नेता अब लोगों को समझाने में जुटे हैं।
दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि जाति, वर्ण और संप्रदाय पंडितों के द्वारा बनाए गए थे। आपको बता दें कि ब्राह्मण वोट बैंक भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है।
इसी बीच आरएसएस के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि मोहन भागवत ने 'पंडित' शब्द का उपयोग ज्ञानियों के लिए इस्तेमाल किया था, न कि किसी जाति धर्म के लिए। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत ने भाषण के दौरान 'पंडित' शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसका मतलब विद्वान या ज्ञानी होता है। इस पूरे मामले पर 'आजतक' की सीनियर एंकर और वरिष्ठ पत्रकार 'चित्रा त्रिपाठी' ने ट्वीट कर अपनी राय दी है।
उन्होंने लिखा, ऋग्वेद में कर्म के आधार पर समाज का विभाजन था। इतिहास के प्रवाह ने ताकतवर को श्रेष्ठता और कमजोर को निम्नता के स्तर पर खड़ा कर दिया।ब्राह्मण,क्षत्रिय,शूद्र,वैश्य से बाद में 3000 जातियां निकली।
अपने अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि पंडितों/ब्राह्मणों ने जातियां नहीं बनाई। जिनके हाथ में ताक़त थी वो समाज को समय के साथ बदलते गए। आज भी जो गरीब है क्या उसके साथ भेदभाव नहीं होता? और आज अमीरों की जातियाँ कौन देखता है? मुसलमानों में भी जातियाँ हैंः जो अशरफ़ है वो श्रेष्ठ है.फिर अजलाफ़' और कमजोर अरज़ाल।
उनके इस ट्वीट पर लोग जमकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं और यह ट्वीट वायरल हो रहा है। चित्रा त्रिपाठी के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
पंडितों/ब्राह्मणों ने जातियाँ #नहीं बनाई. जिनके हाथ में ताक़त थी वो समाज को समय के साथ बदलते गए.
— Chitra Tripathi (@chitraaum) February 7, 2023
आज भी जो गरीब है क्या उसके साथ भेदभाव नहीं होता? और आज अमीरों की जातियाँ कौन देखता है?
मुसलमानों में भी जातियाँ हैंः जो अशरफ़ है वो श्रेष्ठ है.फिर अजलाफ़', और कमजोर अरज़ाल.
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'अडानी ग्रुपः हाउ द वर्ल्ड्स थर्ड रिचेस्ट मैन इज़ पुलिंग द लार्जेस्ट कॉन इन कॉर्पोरेट हिस्ट्री' नाम की यह रिपोर्ट 24 जनवरी को प्रकाशित हुई थी।
अमेरिकी फॉरेंसिक फाइनेंशियल कंपनी 'हिंडनबर्ग' ने जबसे गौतम अडानी के खिलाफ अपनी रिपोर्ट जारी की है उसी दिन से उनके बाजार पूंजीकरण में गिरावट जारी है। कुछ हफ्तों पहले तक गौतम अडानी दुनिया के तीसरे सबसे बड़े अमीर थे, लेकिन आज वो टॉप 20 में भी नहीं है।
एक अनुमान के मुताबिक, उन्हें अब तक 9 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। 'अडानी ग्रुपः हाउ द वर्ल्ड्स थर्ड रिचेस्ट मैन इज़ पुलिंग द लार्जेस्ट कॉन इन कॉर्पोरेट हिस्ट्री' नाम की यह रिपोर्ट 24 जनवरी को प्रकाशित हुई थी। दूसरी ओर अडानी समूह पर शेयरों की हेराफेरी के आरोप के बीच अब कांग्रेस पार्टी सरकार पर हमलावर हो गई है।
दरअसल, भारत के जाने-माने उद्योगपति गौतम अडानी पिछले कुछ समय से कांग्रेस के निशाने पर हैं। आपको बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अकसर उनको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते रहते हैं। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार की मेहरबानी से ही अडानी की संपत्ति में बढोतरी हुई थी और अब कांग्रेस ने इस मामले में हर रोज तीन सवालों की एक सीरीज शुरू की है। इसे नाम दिया है- 'हम अडानी के हैं कौन?
इस पूरे मामले पर 'एबीपी न्यू' के वरिष्ठ पत्रकार और एंकर अखिलेश आनंद ने ट्वीट कर एक आशंका जाहिर की है। उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा, जिस तरह गौतम अडानी दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बनने लगे, एक भारतीय कंपनी दुनियाभर में व्यापार करने लगी। क्या दुनिया के बड़े मगरमच्छ बर्दाश्त कर लेते? हिंडनबर्ग की रिपोर्ट कहीं अडानी के खिलाफ साजिश तो नहीं?
अखिलेश आनंद के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
जिस तरह @gautam_adani दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बनने लगे, एक भारतीय कंपनी दुनिया भर में व्यापार करने लगी. क्या दुनिया के बड़े मगरमच्छ बर्दाश्त कर लेते ?#HindenburgReport कहीं #Adani के खिलाफ साजिश तो नहीं ??
— Akhilesh Anand अखिलेश आनंद (@akhileshanandd) February 7, 2023
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तुर्की और सीरिया सहित चार देशों में सोमवार को भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। यहां बीते दिन तीन बार भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए।
तुर्की और सीरिया में घातक भूकंपों के कारण अब तक 4,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। बीते दिन तुर्की में 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के लगातार तीन विनाशकारी भूकंप आए थे।
तुर्की और सीरिया सहित चार देशों में सोमवार को भूकंप ने भारी तबाही मचाई। भूकंप के चलते कंपन इतना तेज था कि हजारों इमारतें ताश के पत्तों की तरह भरभराकर गिर गईं। सरकारी एजेंसी के मुताबिक अभी मरने वालो की संख्या में इजाफा हो सकता है।
इसी बीच भारत ने बड़ा दिल दिखाया और भूकंप की मार झेल रहे तुर्की को भूकंप राहत सामग्री की पहली खेप भेज दी। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से की गई घोषणा के कुछ घंटों बाद ही भारत ने भूकंप राहत सामग्री की पहली खेप तुर्की को भारतीय वायु सेना के विमान से भेजी। इस पूरे मामले पर 'भारत समाचार' के एडिटर-इन-चीफ और वरिष्ठ पत्रकार 'ब्रजेश मिश्रा' ने ट्वीट कर एक अपील की है।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, तुर्की में तबाही है। लाशों का अंबार है। बिल्डिगों में जो रह गए। कब्रगाह वहीं बन गई। इतनी लाशें है की अब तक गिनती नही हो पाई। शक्तिशाली भूकंप के तीन झटको ने तुर्की को उलट दिया। प्रकृति की ताकत का अहसास करवा दिया। राहत और बचाव कार्य में दुनिया भर को आगे आना चाहिए। मदद भी करनी चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार 'ब्रजेश मिश्रा' के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
#Turkey में तबाही है। लाशों का अंबार है। बिल्डिगों में जो रह गए। कब्रगाह वहीं बन गई।इतनी लाशें है की अब तक गिनती नही हो पाई। शक्तिशाली भूकंप के तीन झटको ने तुर्की को उलट दिया। प्रकृति की ताकत का अहसास करवा दिया। राहत और बचाव कार्य में दुनिया भर को आगे आना चाहिए। मदद भी करनी चाहिए
— Brajesh Misra (@brajeshlive) February 6, 2023
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पिछले सप्ताह के अंत में मस्क ने घोषणा की थी कि ट्विटर रिप्लाई थ्रेड्स में दिखाई देने वाले विज्ञापनों के लिए क्रिएटर्स के साथ अपने रेवेन्यू को शेयर करेगा।
खरबपति बिजनेसमैन और अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार कंपनी ‘टेस्ला’ (Tesla) के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) एलन मस्क (Elon Musk) माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) की कमान संभालने के बाद तमाम नए कदम उठा रहे हैं और आए दिन कोई न कोई बयान देकर लगातार मीडिया की सुर्खियों में बने हुए हैं।
अब अपने एक बयान में एलन मस्क ने पिछले तीन महीनों को ‘बेहद कठिन’ बताया है। अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट में मस्क ने कहा है, ‘टेस्ला और स्पेसएक्स को संभालते हुए ट्विटर को दिवालिया होने से बचाना मुश्किल था।’ मस्क ने यह कहते हुए जनता से समर्थन भी मांगा है कि वह नहीं चाहेंगे कि किसी को भी इस तरह के दर्द का सामना करना पड़े।
Thank you for supporting Twitter ♥️♥️
— Elon Musk (@elonmusk) February 5, 2023
पिछले सप्ताह के अंत में मस्क ने घोषणा की थी कि ट्विटर रिप्लाई थ्रेड्स में दिखाई देने वाले विज्ञापनों के लिए क्रिएटर्स के साथ अपने रेवेन्यू को शेयर करेगा। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया था कि यह सुविधा सिर्फ ट्विटर के ब्लू टिक सबस्क्राइबर्स को मिलेगी। हालांकि, मस्क ने यह स्पष्ट नहीं किया कि यूजर्स के साथ कितना हिस्सा शेयर किया जाएगा।
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अडानी समूह पर शेयरों की हेराफेरी के आरोप के बीच अब कांग्रेस पार्टी सरकार पर हमलावर हो गई है। दरअसल, भारत के जाने-माने उद्योगपति गौतम अडानी पिछले कुछ समय से कांग्रेस के निशाने पर हैं। आपको बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अक्सर उनको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते रहते हैं।
कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार की मेहरबानी से ही अडानी की संपत्ति में बढोतरी हुई थी. अब कांग्रेस ने इस मामले में हर रोज तीन सवालों की एक सीरीज शुरू की है. इसे नाम दिया है- 'हम अडानी के हैं कौन?' कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है।
जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में लिखा, अडानी महामेगा घोटाले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी ने हमें 'हम अडानी के हैं कौन' श्रृंखला शुरू करने के लिए मजबूर कर दिया है। हम आज से रोजाना 3 सवाल पीएम से करेंगे।
इस पूरे मामले पर 'भारत एक्सप्रेस' के एडिटर-इन-चीफ और वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र राय ने ट्वीट कर कांग्रेस को नसीहत दी है।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, जो प्रधानमंत्री की अडानी के साथ नाम जोड़कर छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं वो याद रखें कि वह एक फकीर हैं। उनका कोई परिवार नहीं है, कोई राजवंश नहीं है, कोई उत्तराधिकारी नहीं है। वो सिर्फ देश हित के लिए सोचते हैं। विपक्ष को इसे गंदा करने के बजाय बहस की तलाश करनी चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र राय के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं।
Those trying to tarnish the image of Prime Minister @narendramodi by connecting him with @gautam_adani must remember that he is a fakir. He has no family, no dynasty, no successors. His lodestar is national interest. The Opposition must seek a debate rather than making it dirty. pic.twitter.com/HUJA5KT2PZ
— Upendrra Rai (@UpendrraRai) February 6, 2023
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रेल मंत्री ने वंदे मेट्रो की अवधारणा के बारे में बताते हुए कहा कि इन ट्रेनों को दो शहरों के बीच हाई फ्रीक्वेंसी के साथ चलाया जाएगा, जो प्रत्येक करीब 100 किमी से कम हैं।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने एक प्रेस वार्ता में बताया कि अब 'वंदे भारत' ट्रैन की तर्ज पर 'वंदे मेट्रो' ट्रेन लाने की योजना है जो कि छोटे शहरों के बीच चलाई जानी है।
रेल मंत्री ने वंदे मेट्रो की अवधारणा के बारे में बताते हुए कहा कि इन ट्रेनों को दो शहरों के बीच हाई फ्रीक्वेंसी के साथ चलाया जाएगा, जो प्रत्येक करीब 100 किमी से कम हैं। उन्होंने कहा, 'माननीय प्रधानमंत्री ने इस वर्ष लक्ष्य दिया है। वंदे भारत ट्रेन की सफलता के बाद, पीएम मोदी ने एक नई विश्व स्तरीय क्षेत्रीय ट्रेन विकसित करने के लिए कहा, जो वंदे मेट्रो होगी।'
रेल मंत्री ने कहा कि यह ट्रेन भारतीय रेल के लिए क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला साबित होगा। वंदे मेट्रो ट्रेन 1950 और 1960 में डिजाइन किए गए कई ट्रेनों को रिप्लेस करेगा। वहीं अगर सुविधाओं की बात करें तो ऐसा माना जा रहा है कि जो सुविधाएं 'वंदे भारत' ट्रैन में इस समय दी जा रही है वहीं सुविधाएं भी इस ट्रैन में दी जाएगी।
रेल मंत्री के इस ऐलान के बाद वरिष्ठ पत्रकार 'संकेत उपाध्याय' ने ट्वीट कर रेल मंत्री से एक गुजारिश की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'ट्रेन मुझे बहुत पसंद है। नई घोषणा अच्छी लगती है। वंदे भारत के बाद अब वंदे मेट्रो। पर यह ट्रेनें महंगी होंगी। हर वंदे भारत और शताब्दी राजधानी के साथ-उस हर लेट लतीफ़ फ़रक्का एक्सप्रेस या पैसेंजर रेल की सुविधाओं के बारे में भी सोचिए। ट्रेन गरीब ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं।'
वरिष्ठ पत्रकार संकेत उपाध्याय द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं।
ट्रेन मुझे बहुत पसंद है। नई घोषणा अच्छी लगती है। वन्दे भारत के बाद अब वन्दे मेट्रो। पर यह ट्रेनें महँगी होंगी। हर वन्दे भारत और शताब्दी राजधानी के साथ - उस हर लेट लतीफ़ फ़रक्का एक्सप्रेस या पैसेंजर रेल की सुविधाओं के बारे में भी सोचिए। ट्रेन गरीब ज़्यादा इस्तेमाल करते है। https://t.co/NFvUHZ9uff
— Sanket Upadhyay (@sanket) February 4, 2023
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