जेवर एयरपोर्ट पर विमान की सफल लैंडिंग, अखिलेश शर्मा ने कुछ यूं बढ़ाया हौसला

केंद्रीय नागरिक उड्डयन समेत 6 दिग्गज लोगों ने नारियल फोड़ा। मौके पर खुशी दिखाई दी। नारियल फोड़ने के बाद विमान वापस दिल्ली के लिए टेक ऑफ हुआ।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 10 December, 2024
Last Modified:
Tuesday, 10 December, 2024
akhileshsharma


जेवर की भूमि पर बनने वाले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 9 दिसंबर का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। सोमवार को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विमान लैंड हुआ और टेक ऑफ किया।

इस दौरान केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री समेत काफी दिग्गज लोग मौजूद रहे। दिल्ली से विमान सीधे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का लैंड हुआ। इसी बीच वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी ख़ुशी जाहिर की।

उन्होंने एक्स पर लिखा, नोएडा के जेवर एयरपोर्ट पर आज पहली बार विमान उतरा। कुछ साल पहले तक नोएडा एयरपोर्ट की बात गप लगती थी। ठीक वैसे ही जैसे वैशाली पर खत्म होने वाली मेट्रो को केवल तीन किलोमीटर बढ़ा कर वसुंधरा से जोड़ने की बात आज भी गप ही है। लेकिन कुछ ही साल में नोएडा एयरपोर्ट का सपना साकार हो गया। इस एयरपोर्ट के निर्माण की तेज रफ्तार हैरान कर देती है। इससे जुड़े सभी लोग बधाई के पात्र हैं।

आपको बता दें, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने तमाम सुरक्षा जांच के बाद नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहले विमान की लैंडिंग की अनुमति दी थी। दिल्ली इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नोएडा इंटरनेशनल तक आने में करीब 10 मिनट का समय लगा।

 

 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

आसिम मुनीर ने अपनाई एक नियोजित रणनीति: रजत शर्मा

दूसरी तरफ खुद जनरल मुनीर अधर में लटके हुए हैं। इम्प्रेशन ये है कि नवाज़ शरीफ ने जनरल मुनिर को अपॉइंट करने वाला नोटिफिकेशन अटकाया हुआ है।

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 03 December, 2025
Last Modified:
Wednesday, 03 December, 2025
rajatsharma

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान 2023 से रावलपिंडी के आदियाला जेल में बंद हैं, जहां उन पर भ्रष्टाचार, घोटाले और अन्य राजनीतिक रूप से प्रेरित आरोप लगाए गए हैं। इमरान खान को 8x10 फीट के एक छोटे, खिड़की-रहित सेल में रखा गया है, जहां कोई मानवीय संपर्क नहीं है।

इस बीच इंडिया टीवी के एडिटर-इन- चीफ रजत शर्मा का मानना है कि इमरान को उनकी बहन उजमा खानम से मिलने देना भी एक रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने अपने शो में कहा, इमरान खान से मिलने की अनुमति देकर जनरल मुनीर की फौज ने टैक्टिकल रिट्रीट किया है।

पाकिस्तान में जिस तरह से लोगों में गुस्सा दिखाई दिया, इमरान खान के मरने की अफवाह फैली, जिस तादाद में लोग सड़कों पर उतरे, उसे देखकर जनरल मुनीर का दिमाग ठिकाने पर आ गया। पाकिस्तान की फौज पर इस दबाव को और बढ़ाया पेशावर में मौजूद अमेरिकी कंसल जनरल के साथ इमरान खान की पार्टी के नेता और खैबर पख्तूनख्वा के चीफ मिनिस्टर सोहेल अफरीदी के बीच हुई मीटिंग ने।

इसी के बाद जेल विजिट को अप्रूव किया गया। इमरान की बहन उजमा खानम एक डॉक्टर भी हैं। इसीलिए उन्हें भाई की कंडीशन को असेस करने का मौका मिला। इमरान खान को 8X10 के एक सोलिटरी कन्फाइनमेंट में रखा गया है। जिस कारण वे बेचैन भी हैं और नाराज़ भी।

जनरल मुनीर जानते हैं कि इमरान खान चाहे जेल में बंद हैं, लेकिन पाकिस्तान में उनकी पॉपुलैरिटी बढ़ती जा रही है। दूसरी तरफ खुद जनरल मुनीर अधर में लटके हुए हैं। इम्प्रेशन ये है कि नवाज़ शरीफ ने जनरल मुनिर को अपॉइंट करने वाला नोटिफिकेशन अटकाया हुआ है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

क्या हम विदेशी चीज़ों को ज़्यादा महत्व देते हैं: राहुल शिवशंकर

इन कंपनियों का कहना है कि यह उनकी ग्लोबल पॉलिसी के खिलाफ है और तमाम कंपनियां इस फैसल के खिलाफ कानूनी रास्ता अपनाने पर भी विचार कर रही हैं।

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 03 December, 2025
Last Modified:
Wednesday, 03 December, 2025
rahulshivshankar

संचार साथी ऐप को स्मार्टफोन्स में प्री इंस्टॉल करने के दूरसंचार विभाग के आदेश पर विवाद बढ़ने के बाद मंगलवार को केंद्र सरकार ने स्थिति साफ की है। इसे लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया है कि यह एक ऑप्शनल ऐप होगी। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की।

उन्होंने लिखा, हम विदेशी (चीन, अमेरिका) ऐप्स तो झट से इंस्टॉल कर लेते हैं, लेकिन जब कोई देसी ऐप (आरोग्य सेतु, डिजिलॉकर, संचार साथी) हमें सुरक्षित रखने की कोशिश करता है, तो हम नाराज़ हो जाते हैं। ‘RAW DISPATCH FROM MY DESK’ में मैं यही पूछ रहा हूँ—क्या हमारा गुस्सा चुनिंदा होता है? क्या हम विदेशी चीज़ों को ज़्यादा महत्व देते हैं और देसी को कम? क्या हम डिजिटल नस्लवादी बनते जा रहे हैं?

आपको बता दें, तमाम स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियां जैसे कि ऐपल आदि सरकार के 'संचार साथी' ऐप को फोन में प्री-इंस्टॉल देने के फैसले को लेकर खुश नहीं हैं। इन कंपनियों का कहना है कि यह उनकी ग्लोबल पॉलिसी के खिलाफ है और तमाम कंपनियां इस फैसल के खिलाफ कानूनी रास्ता अपनाने पर भी विचार कर रही हैं।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

मोबाइल ऐप सुरक्षा या ज़बरदस्ती? संकेत उपाध्याय का बड़ा सवाल

भारत में सेकेंड-हैंड मोबाइल डिवाइस का एक बड़ा बाजार है। चोरी हुए या ब्लैकलिस्ट किए गए उपकरणों को फिर से बेचे जाने के मामले भी सामने आए हैं।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 02 December, 2025
Last Modified:
Tuesday, 02 December, 2025
sancharsathi

दूरसंचार विभाग ने सभी नए मोबाइल फोनों में ‘संचार साथी’ ऐप को प्री-इंस्टॉल करना अनिवार्य कर दिया है। यह ऐप फोन सेटअप के दौरान दिखना चाहिए और इसे डिसेबल नहीं किया जा सकेगा और 90 दिन की समय सीमा तय की गई है। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार संकेत उपाध्याय ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय दी है।

उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर लिखा, सरकार ने मोबाइल कंपनियों से कहा है कि वे सभी फ़ोन में इस ऐप को पहले से इंस्टॉल करके दें और उसे हटाने (डिलीट करने) का विकल्प भी न हो। मेरा मानना है कि इसके बजाय सरकार को इस ऐप के फ़ायदों के बारे में लोगों तक जानकारी पहुँचानी चाहिए थी और लोगों को खुद इसे डाउनलोड करने का मौक़ा देना चाहिए था।

आख़िर कौन नहीं चाहेगा कि वह सुरक्षित रहे? आपको बता दें, संचार साथी पोर्टल और ऐप नागरिकों को आईएमईआई नंबर के जरिए मोबाइल हैंडसेट की वास्तविकता की जांच करने की सुविधा देता है। डुप्लीकेट या स्पूफ्ड आईएमईआई वाले मोबाइल हैंडसेट दूरसंचार साइबर सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

सरकार का बड़ा कदम : हर नए स्मार्टफोन में होगा ‘संचार साथी’ ऐप

केंद्र सरकार के निर्देश के बाद जल्द ही भारत में बिकने वाले हर नए स्मार्टफोन में ‘संचार साथी’ ऐप पहले से इंस्टॉल मिलेगा। इसका मकसद साइबर फ्रॉड, फर्जी IMEI और मोबाइल चोरी पर लगाम कसना है।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 02 December, 2025
Last Modified:
Tuesday, 02 December, 2025
sancharsathi

भारत में स्मार्टफोन यूजर्स की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। अब नए स्मार्टफोन में साइबर सेफ्टी ऐप संचार साथी प्री-इंस्टॉल होकर आएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनियों को 90 दिनों के भीतर इस बदलाव को लागू करने को कहा गया है।

इस फैसले के दायरे में Apple, Samsung सहित कई प्रमुख ब्रांड शामिल हैं। ऐप को यूजर न डिलीट कर पाएंगे और पुराने फोन्स में सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह जोड़ा जाएगा। सरकार का उद्देश्य बढ़ते साइबर अपराधों, IMEI क्लोनिंग और चोरी के मामलों पर रोक लगाना है।

‘संचार साथी’ से यूजर संदिग्ध कॉल, मैसेज या चैट की रिपोर्ट कर सकेंगे, वहीं चोरी या गुम मोबाइल को IMEI के जरिए ब्लॉक भी किया जा सकेगा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 7 लाख से ज्यादा खोए फोन इस सिस्टम से रिकवर हो चुके हैं। 1.2 अरब से अधिक यूजर्स वाले भारत में डुप्लिकेट IMEI के चलते ठगी और ट्रैकिंग से बचने की घटनाएं बढ़ रही हैं।

IMEI एक 15 अंकों का यूनिक कोड है, जिसे अपराधी क्लोन कर लेते हैं। यह ऐप पुलिस और नेटवर्क एजेंसियों को डिवाइस ट्रेस करने में मदद देगा। हालांकि, ऐप को अनिवार्य करने से प्राइवेसी पर बहस भी तेज हो सकती है, लेकिन सरकार का दावा है कि यह कदम यूजर्स की सुरक्षा और भरोसे को प्राथमिकता देता है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामेदार: डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कही ये बात

विपक्ष ने संसत्र सत्र की शुरुआत हंगामे वाले एक्शन से की। SIR के मुद्दे पर विपक्ष काफी आक्रोशित है। वो सरकार पर SIR के बहाने वोट चोरी का आरोप लगा रहा है।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 02 December, 2025
Last Modified:
Tuesday, 02 December, 2025
sudhanshutrivedi

संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है। इसके पहले दिन जमकर हंगामा हुआ। सत्र के पहले दिन बैठक शुरू होने से ठीक पहले पीएम मोदी ने संसद भवन के बाहर मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि संसद में ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए। इस बीच एक टीवी डिबेट में बीजेपी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने भी विपक्ष की आलोचना की।

उन्होंने कहा, जनता ने जो जनादेश दिया है पहले हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली और अब बिहार उसके बाद कौन किसकी नजरों में चढ़ा है और कौन गिरा है, यह जनता भली-भांति जानती है। चुनावी हार-जीत अलग बात है, लेकिन चुनाव जीतने के लिए आप क्या-क्या हथकंडे अपनाएंगे?

परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देना, भारतीय सेना में जाति का मुद्दा उठाना, इस तरह की बातें करने वाले लोग जनता की नजरों में गिरेंगे या चढ़ेंगे, यह मैं दर्शकों के विवेक पर छोड़ता हूं। जहां तक ड्रामे की बात है, हमारे विपक्ष के ही एक सांसद थे जो पूर्व उप-राष्ट्रपति महोदय की संसद की सीढ़ियों पर बैठकर मिमिक्री कर रहे थे और राहुल गांधी जी उसका वीडियो बना रहे थे।

यह ड्रामा नहीं तो क्या है? वक्फ बोर्ड की मीटिंग में बोतल उठाकर फेंक दी, यह ड्रामा नहीं तो और क्या था? नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी, जिन्होंने संसद में ईश्वर के नाम की शपथ नहीं ली, लेकिन भगवान की फोटो दिखा रहे थे।

वक्फ बोर्ड की वोटिंग के समय पजामा और टी-शर्ट पहनकर आ गए थे, तो यह ड्रामा नहीं तो और क्या है? बता दें, विपक्ष ने संसत्र सत्र की शुरुआत हंगामे वाले एक्शन से की। SIR के मुद्दे पर विपक्ष काफी आक्रोशित है। वो सरकार पर SIR के बहाने वोट चोरी का आरोप लगा रहा है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

पाकिस्तान को बर्बाद कर देगा आसिम मुनीर: दीपक चौरसिया

हालिया संवैधानिक संशोधन पिछले साल के 26वें संशोधन की तरह, कानूनविदों और बड़े सिविल सोसाइटी के साथ बिना किसी सलाह और बहस के जल्दबाजी में अपनाया गया है।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 02 December, 2025
Last Modified:
Tuesday, 02 December, 2025
deepakchorasiya

पाकिस्तान की सरकार हालिया 27वें संविधान संशोधन को लेकर न सिर्फ देश बल्कि विदेश में भी सवालों के घेरे में है। पाक आर्मी के इशारों पर हुए एमेंडमेंट की चौतरफा आलोचना हो रही हैं। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार दीपक दीपक चौरसिया ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।

उन्होंने लिखा, पाकिस्तान के जबरदस्ती सर्वे सर्वा बने मुल्ला आसिम मुनीर को देखकर UN इस समय गुस्से में है। अब जब UN ने लताड़ा तो पाकिस्तान सहम गया है। पाकिस्तान मुनीर की 'तानाशाही' पर सफाई देता फिर रहा है। पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर का रवैया तानाशाही वाला होता जा रहा है।

एक ओर इमरान खान की मौत की ख़बर उड़ रही है तो दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र की ओर से पाकिस्तान को बुरी तरह से लताड़ा गया है। हालांकि यूएन की प्रतिक्रिया का कारण पाक का 27वां संवैधानिक संशोधन है। UN की चिंता है कि पाकिस्तान अब तानाशानी की तरफ बढ़ रहा है।

ऐसे में सवाल ये है कि मुल्ला मुनीर जितना पाकिस्तान के लिए संकट बनता जा रहा है उतना ही दुनिया के लिए भी। हो सकता है अपनी तानाशाही बढ़ाने के चक्कर में मुनीर पाकिस्तान को पहले से ज्यादा बर्बाद कर दे, जो भविष्य में एशिया की राजनीतिक अस्थिरता का कारण बन सकता है।

आपको बता दें, जिनेवा से जारी बयान में, ह्यूमन राइट्स चीफ ने कहा कि हालिया संवैधानिक संशोधन पिछले साल के 26वें संशोधन की तरह, कानूनविदों और बड़े सिविल सोसाइटी के साथ बिना किसी सलाह और बहस के जल्दबाजी में अपनाया गया है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

अभिनेता विजय अब राजनीति के एक अहम खिलाड़ी: राजदीप सरदेसाई

सेंगोट्टयन की पिछले महीने ही अमित शाह से मुलाकात हुई थी। अब सवाल उठता है -क्या 2026 में तमिलनाडु की राजनीति में DMK बनाम विजय बनाम AIADMK का त्रिकोणीय मुकाबला होगा।

Samachar4media Bureau by
Published - Saturday, 29 November, 2025
Last Modified:
Saturday, 29 November, 2025
rajdeepsardesai

तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के निष्कासित वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री के.ए. सेंगोट्टैयन तमिलगा वेत्रि कझगम (टीवीके) में शामिल हो गए हैं। उन्हें टीवीके संस्थापक और अभिनेता से नेता बने विजय की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता दी गई।

इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, एक खबर जो सबका ध्यान खींच रही हैं। जहाँ कर्नाटक में कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान सुर्खियाँ बना रही है, वहीं तमिलनाडु में चुनाव से पहले बड़े राजनीतिक बदलाव देखने को मिल रहे हैं।

AIADMK के 9 बार के विधायक और बड़े रणनीतिकार के. सेंगोट्टयन का अभिनेता विजय की पार्टी TVK में शामिल होना यह साफ़ संकेत है कि विजय अब राजनीति के एक अहम खिलाड़ी बन चुके हैं। दिलचस्प बात यह है कि सेंगोट्टयन की पिछले महीने ही अमित शाह से मुलाकात हुई थी।

अब सवाल उठता है -क्या 2026 में तमिलनाडु की राजनीति में DMK बनाम विजय बनाम AIADMK का त्रिकोणीय मुकाबला होगा, और भाजपा अपने विकल्प खुले रखेगी?और इससे सबसे ज़्यादा फ़ायदा किसे होगा? तमिलनाडु में अभी तक इस तरह का साफ़ तौर पर तीन-तरफ़ा चुनावी मुकाबला बहुत कम देखने को मिला है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

कांग्रेस का विदेशी कनेक्शन कुछ नया नहीं: डॉ. सुधांशु त्रिवेदी

कंपनी का कहना है कि इससे प्लेटफॉर्म पर पारदर्शिता बढ़ेगी। जैसे ही यह फीचर लॉन्च हुआ, कई यूजर्स हैरान रह गए। दरअसल, भारत के कई बड़े राजनीतिक अकाउंट विदेशों से ऑपरेट हो रहे हैं।

Samachar4media Bureau by
Published - Friday, 28 November, 2025
Last Modified:
Friday, 28 November, 2025
rahulgandhi

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि कांग्रेस विदेशी सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए भारत में गृहयुद्ध भड़काने की साजिश रच रही है। ये अकाउंट पाकिस्तान, बांग्लादेश, मलेशिया, सिंगापुर और अमेरिकी सहित अन्य देशों से चल रहे हैं वहीं कांग्रेस ने इन आरोपों का खंडन किया है। इस मुद्दे पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने भी एक टीवी डिबेट में अपनी राय व्यक्त की।

उन्होंने डिबेट में कहा, कांग्रेस का विदेशी कनेक्शन कुछ नया नहीं है। यह बहुत पुराना और बहुआयामी है। भारत का कौन सा बड़ा नेता है, जो कभी ऐसा नहीं होता कि मौसम बदले और वह हर एक ऋतु में एक बार विदेश न चला जाए। हर पार्लियामेंट सत्र के बाद विदेश चले जाते हैं।

क्या करने जाते हैं, यह भी बताना चाहिए। बहुत सारी चीजें रहस्यमयी हैं। अभी कुछ दिन पहले मलेशिया गए थे और लौटकर आए तो कहा कि हाइड्रोजन बम फोड़ेंगे। फिर कोलंबिया में लेक्चर देने जाते हैं। भारत में आपको कोई यूनिवर्सिटी क्यों नहीं बुलाती? बीजेपी शासित राज्य छोड़िए, कांग्रेस शासित राज्य के विश्वविद्यालय भी क्यों नहीं बुलाते?

क्या आपने कभी सुना है कि जब हम विपक्ष में थे तब भारत के विपक्ष के किसी नेता का बयान विदेश ने भारत के खिलाफ प्रयोग किया हो? पर अब पाकिस्तान ने कांग्रेस और राहुल गांधी का बयान UN में भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया है। हाफिज सईद का वीडियो है कि ये नरेंद्र मोदी और बीजेपी वाले इतना खिलाफ बोलते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने तो मुतालबा कर दिया है कि पाकिस्तान पर खामखा इल्ज़ाम लगा रहे हैं।

कांग्रेस के बारे में KGB के एक रिटायर्ड ऑफिसर ने अपनी किताब मित्रोखिन आर्काइव में यहां तक आरोप लगाया था कि कांग्रेस पार्टी को KGB से पैसा आता था। 1977 में कांग्रेस की हार के बाद क्रेमलिन में गंभीर बैठक हुई। आपको बता दें, एक्स ने हाल ही में नया फीचर शुरू किया, जिससे हर अकाउंट की लोकेशन (देश/क्षेत्र) दिखाई देने लगी है।

कंपनी का कहना है कि इससे प्लेटफॉर्म पर पारदर्शिता बढ़ेगी। जैसे ही यह फीचर लॉन्च हुआ, कई यूजर्स हैरान रह गए। उन्हें पता चला कि भारत के कई बड़े राजनीतिक अकाउंट विदेशों से ऑपरेट हो रहे हैं।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

बंगाल में 26 लाख वोटर संदिग्ध, दीपक चौरसिया ने कही ये बड़ी बात

निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार, मौजूदा एसआईआर प्रक्रिया के तहत बुधवार दोपहर तक पश्चिम बंगाल में छह करोड़ से अधिक गणना प्रपत्र अपलोड कर दिए गए थे।

Samachar4media Bureau by
Published - Friday, 28 November, 2025
Last Modified:
Friday, 28 November, 2025
deepakchorasiya

निर्वाचन आयोग ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मौजूदा मतदाता सूची में लगभग 26 लाख मतदाताओं के नाम 2002 की मतदाता सूची से मेल नहीं खा रहे हैं। निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार, मौजूदा एसआईआर प्रक्रिया के तहत बुधवार दोपहर तक पश्चिम बंगाल में छह करोड़ से अधिक गणना प्रपत्र अपलोड कर दिए गए थे।

इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, बंगाल में 26 लाख वोटर संदिग्ध होने के चुनाव आयोग के दावे से हड़कम मच गया है। अब सवाल ये है कि SIR कैंपेन के दौरान 2002 की वोटर लिस्ट से मैच न करने वाले 26 लाख नामों का क्या होगा?

क्योंकि ये दावा BJP का नहीं बल्कि चुनाव आयोग का है। हालाकि ECI का कहना है कि सभी नामों की दस्तावेज़-आधारित जांच होगी। उधर ममता बनर्जी SIR अभियान के खिलाफ विरोध कर रही हैं, जबकि SIR के बाद बंगाल के सीमा क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोगों के बांग्लादेश लौटने की खबरें सामने आ रही हैं।

अब बड़ी बात ये है कि क्या SIR बंगाल की राजनीति में बड़ा भूचाल साबित होगा? आपको बता दें, शुरुआती निष्कर्षों से पता चलता है कि पश्चिम बंगाल में लगभग 26 लाख मतदाताओं के नामों का मिलान अब भी पिछले एसआईआर चक्र के आंकड़ों से नहीं किया जा सका है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

दिल्ली प्रदूषण प्रोटेस्ट में नक्सली नारेबाजी: राणा यशवंत ने उठाए गंभीर सवाल

इंडिया गेट पर प्रदूषण विरोध प्रदर्शन के दौरान अचानक नक्सल समर्थक नारे लगे। वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने युवाओं की सोच और दिशा पर कड़े सवाल उठाए।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 25 November, 2025
Last Modified:
Tuesday, 25 November, 2025
ranayashwant

राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के खिलाफ चल रहे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन ने अचानक एक विवादित मोड़ ले लिया, जब इंडिया गेट के पास जुटे कुछ युवाओं ने नक्सलियों के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी। प्रोटेस्ट का मुद्दा प्रदूषण था, लेकिन माहौल अचानक बदल गया और भीड़ में से ‘लाल सलाम’ तथा ‘जितने हिडमा मारोगे, हर घर से हिडमा निकलेगा’ जैसे नारे गूंजने लगे।

नक्सली कमांडर हिडमा के समर्थन में उठी इस आवाज़ ने सुरक्षा एजेंसियों से लेकर सामाजिक हलकों तक चिंता बढ़ा दी है। इस घटना पर वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने एक्स पर कड़ा रिएक्शन देते हुए कहा कि इन युवाओं को परिवार ने पढ़ने भेजा था ताकि वे समाज और देश के काम आएं, लेकिन वे गलत दिशा में भटक गए हैं।

उन्होंने सवाल उठाया कि दिल्ली के प्रदूषण का नक्सली हिडमा के मारे जाने से क्या संबंध? क्या ये युवा उसे हीरो मानते हैं? उन्होंने आगे लिखा कि अगर नक्सलवाद इतनी अच्छी व्यवस्था देता है, तो इन लोगों को पहले बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में जाकर देखना चाहिए।

राणा यशवंत ने कहा कि किसी भी विचारधारा का समर्थन करना व्यक्तिगत स्वतंत्रता है, लेकिन खून-खराबे और हिंसा वाली राह को सही मानना इस बात का संकेत है कि युवाओं को भटका दिया गया है। घटना ने एक बड़े सवाल को जन्म दिया है -क्या कुछ युवा सोशल मीडिया और बहकावे में आकर हिंसक विचारधारा को ग्लोरिफाई करने लगे हैं?

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए