द वॉशिंगटन पोस्ट द्वारा बगदादी के बारे में लगाए गए शीर्षक को लेकर सोशल मीडिया पर अखबार की जमकर हो रही है निंदा
अमेरिकी सेना की कार्रवाई में कुख्यात आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट का सरगना अबू बकर अल-बगदादी मारा गया। हालांकि, बगदादी के ठिकाने पर अमेरिका विशेष बलों की कार्रवाई में सेना का उद्देश्य उसे जिंदा पकड़ना था, लेकिन बगदादी ने खुद को विस्फोट से उड़ा लिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक प्रेस कांफ्रेंस में रविवार को इसकी पुष्टि की। बगदादी की मौत के बाद उसे धार्मिक विद्वान बताए जाने पर जाने-माने अखबार ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ (The Washington Post) को काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
दरअसल, बगदादी की मौत को लेकर अखबार ने जो न्यूज पब्लिश की, उसका शीर्षक था, ‘Abu Bakr al-Baghdadi austere religious scholar at helm fo Islamic State, dies at 48’ हिंदी में इसका मतलब है- कट्टर धार्मिक विद्वान अबू बकर अल बगदादी, जो कि इस्लामिक स्टेट का मुखिया था। वह 48 साल की उम्र में मार दिया गया है।
फिर क्या था, जैसे ही सोशल मीडिया पर यह खबर और उसका शीर्षक आया, तब लोग दंग रह गए। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग इसे जमकर ट्रोल करने लगे। हालांकि, कुछ देर बाद अखबार की तरफ से इस खबर की हेडलाइन बदल दी गई। एडिट कर इसे Abu Bakr al-Baghdadi, Islamic State’s terrorist-in-Chief, dies at 48 कर दिया गया, लेकिन तब तक यह मामला सोशल मीडिया में काफी फैल चुका था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अखबार की इस खबर में यह लाइन नेशनल सिक्योरिटी रिपोर्टर जोबी वारिक ने लिखी थी। बगदादी के लिए इस्तेमाल किए गए उनके शब्दों पर खूब हल्ला हुआ। टि्वटर पर रविवार रात से ही इसी कारण वाशिंगटन पोस्ट की निंदा हो रही है।
दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर इस मामले को लेकर एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में उन्होंने कहा है कि वाशिंगटन पोस्ट ने नीच-घिनौने अल बगदादी की मौत पर हमदर्दी जताकर ‘हेडमास्टर के बेटे’ की याद दिला दी !!#alBaghdadi
#WashingtonPost ने नीच-घिनौने अल बगदादी की मौत पर हमदर्दी जताकर "हेडमास्टर के बेटे" की याद दिला दी !!#alBaghdadi
— Rajeev sachan (@Rkumars99) October 28, 2019
दरअसल, राजीव सचान ने इस ट्वीट को उस घटना से जोड़ा है, जब करीब तीन साल पहले जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर बुरहान वानी मारा गया था, तब वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने भी कुछ इसी तरह की हेडिंग दी थी, जिसका काफी विरोध हुआ था।
उस दौरान बरखा दत्त द्वारा किया गया ट्वीट आप यहां पढ़ सकते हैं।
Breaking: Burhan Wani hizbul commander, son of school headmaster who used social media as weapon of war, killed in Anantag. BIG STORY
— barkha dutt (@BDUTT) July 8, 2016
जब उज्जैन पत्थर दिल बना हुआ था तो आचार्य जी आगे आए। पीड़िता की मदद की।
यूपी के वाराणसी में एक मासूम बच्ची करंट की चपेट में आकर जान बचाने की गुहार लगाने लगी, लोगों ने कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। उसी समय एक बुजुर्ग शमीम कुरैशी को बच्ची के करंट लगने का ऐहसास हुआ और वह वहीं से गुजर रहे थे। उन्होंने कोशिश की और सूझबूझ से बच्ची को बचाने के लिए एक लकड़ी का डंडा मंगाया और फिर बच्ची को हिम्मत देकर उसे करंट वाले एरिया से बाहर निकाल लिया।
इसी घटना पर वरिष्ठ पत्रकार संकेत उपाध्याय ने अपने शो में बात की थी। उनके सोशल मीडिया क्लिप पर एक यूजर ने कमेंट किया कि आचार्य राहुल शर्मा के बारे में बात नहीं करोगे, क्योंकि तुम्हारा घर ही ब्राह्मण को गाली देकर उनके खिलाफ झूठ फैलाकर चलता है। हालांकि इस बात में सच्चाई नहीं थी।
उज्जैन के आचार्य राहुल ने जब रेप पीड़िता की मदद की तो वो खबर भी संकेत ने अपने शो में दिखाई और जिस वीडियो पर सवाल खड़ा किया गया, उस वीडियो के शुरू में ही संकेत, आचार्य राहुल की तारीफ कर रहे हैं।
संकेत ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, इसी क्लिप की शुरुआत में उज्जैन के साधु बात हो रही है। इससे ठीक पहले चली स्टोरी में भी पत्थर दिल उज्जैन में साधु की भूमिका पर विस्तार से बात हुई। दिक्कत आप जैसे लोगों के कलेजे में घर कर चुकी नफरत है जिसको सिर्फ खौंखियाना आता है। समाज में अच्छाई देखना नहीं।
इसके अलावा संकेत उपाध्याय ने एक और पोस्ट किया जिसमें उन्होंने लिखा, जब उज्जैन पत्थर दिल बना हुआ था तो आचार्य जी आगे आए। पीड़िता की मदद की। कल हमने आपको काशी के शमीम भाई की कहानी बताई। आज उज्जैन के आचार्य राहुल जी की कहानी देखिए। फरिश्ते जिंदा हैं।
यानी कि उन्होंने बाकायदा उज्जैन के आचार्य राहुल जी पर पूरी स्टोरी की। उसके बाद भी इस तरह के आरोप लगाना और किसी एंकर को जाति विशेष का विरोधी ठहराना उचित नहीं है।
इसी क्लिप की शुरुवात में उज्जैन के साधु की बात हो रही है। इससे ठीक पहले चली स्टोरी में भी पत्थर दिल उज्जैन में साधु की भूमिका पर विस्तार से बात हुई। दिक़्क़त आप जैसे लोगों के कलेजे में घर कर चुकी नफ़रत है जिसको सिर्फ़ खौंखियाना आता है। समाज में अच्छाई देखना नहीं। https://t.co/TFHtNZXDIo
— Sanket Upadhyay (@sanket) September 28, 2023
इस मामले में कांग्रेस राज्यपाल से भी मुलाकात करेगी। कांग्रेस इस मामले में खैरा के साथ खड़ी हो गई है।
पंजाब पुलिस ने पंजाब कांग्रेस के विधायक सुखपाल खैरा को गिरफ्तार कर लिया है। पंजाब के भुलत्थ से कांग्रेस विधायक सुखपाल खैरा को गुरुवार सुबह करीब पांच बजे जलालाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सुबह हुई इस कार्रवाई से पंजाब की सियासत गरमा गई है।
विपक्ष ने सरकार पर बदलाखोरी की भावना से काम करने का आरोप लगाया है। इस मामले में कांग्रेस राज्यपाल से भी मुलाकात करेगी। कांग्रेस इस मामले में खैरा के साथ खड़ी हो गई है। इस पुरे घटनाक्रम पर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने एक्स पर पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की है।
उन्होंने लिखा, मैंने बहुत पहले कहा था कि, केजरीवाल और, कांग्रेस का साथ संभव नहीं है। नीतीश कुमार ने साथ ला दिया, लेकिन अरविंद जी जानते हैं कि, कांग्रेस के साथ उन्हें विशेष लाभ नहीं होने वाला और, दीर्घकालिक नुकसान अधिक है। सुखपाल सिंह की गिरफ्तारी हुई इसलिए कि, कांग्रेस गठजोड़ तोड़ दे।
आपको बता दे, खैरा ने सीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि भगवंत मान खून के प्यासे हो गए हैं। खैरा ने कहा कि मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर मेरी हत्या करवा दी जाए। मुझे बहुत खतरा लग रहा है।
मैंने बहुत पहले कहा था कि, केजरीवाल और, कांग्रेस का साथ संभव नहीं है। नीतीश कुमार ने साथ ला दिया, लेकिन अरविंद जी जानते हैं कि, कांग्रेस के साथ उन्हें विशेष लाभ नहीं होने वाला और, दीर्घकालिक नुकसान अधिक है। सुखपाल सिंह की गिरफ्तारी हुई इसलिए कि, कांग्रेस गठजोड़ तोड़ दे।
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी ??Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) September 28, 2023
एक आश्रम के आचार्य पंडित राहुल शर्मा जब अपने आश्रम से बाहर कहीं जाने के लिए निकले तो उन्होंने खून से लथपथ बच्ची को देखा
उज्जैन में 12 साल की बच्ची के साथ रेप का मामला सामने आया है। बच्ची आधे-अधूरे कपड़ों में सांवराखेड़ी सिंहस्थ बाइपास की कॉलोनियों में ढाई घंटे तक भटकती रही। इसके CCTV फुटेज पुलिस ने खोजे हैं। वह पूरे आठ किलोमीटर चलती गई। ऐसे में एक आश्रम के आचार्य पंडित राहुल शर्मा जब अपने आश्रम से बाहर कहीं जाने के लिए निकले तो उन्होंने खून से लथपथ बच्ची को देखा और स्थिति को भांपते हुए बच्ची पर कपड़ा डाला।
उन्होंने दो से तीन बार 100 नंबर पर कॉल किया गया, लेकिन उज्जैन पुलिस की तरफ से कोई रिस्पोंस या जवाब नहीं मिला। बाद में उन्होंने महाकाल थाने पर अपने कुछ पहचान वाले लोगों से संपर्क किया, जिसके करीब 25-30 मिनट बाद पुलिस वहां पहुंची और बच्ची को अस्पताल ले जाया गया।
आचार्य राहुल की सोशल मीडिया पर लोग जमकर तारीफ़ कर रहे हैं। इसी मसले पर वरिष्ठ पत्रकार मारिया शकील ने एक्स पर पोस्ट कर राहुल की तारीफ़ की। उन्होंने लिखा, 12 साल की एक बच्ची के साथ बलात्कार और उसे लावारिस छोड़ दिए जाने का दृश्य कष्टकारी था।
लेकिन पास के आश्रम के पुजारी का धन्यवाद, जिन्होंने लड़की की देखभाल की, उसे कपड़े पहनाए, खाना खिलाया और पुलिस की सुरक्षा में सौंप दिया। इंसानियत तब तक जिंदा रहेगी जब तक एक भी अच्छा इंसान मौजूद रहेगा। ऐसे कृत्यों से आशा का संचार होता है। बता दे, घटना सामने आने के बाद बच्ची को उज्जैन के चरक अस्पताल से इंदौर भेजा गया था। फिलहाल उसका इंदौर के एमवाय अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
The sight of a 12 year old child, raped and left unattended, was distressing. But thanks to the Good Samaritan, pujari of a nearby ashram, who attended to the girl, clothed her, fed her and handed over to the safety of police. Humanity will continue to live till there is even one… https://t.co/IS1CpRbiZN
— Marya Shakil (@maryashakil) September 28, 2023
लोकप्रिय माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) के दक्षिण एशिया और भारत के पॉलिसी हेड समीरन गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
लोकप्रिय माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) के दक्षिण एशिया और भारत के पॉलिसी हेड समीरन गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, समीरन गुप्ता ने अपने लिंक्डइन पेज पर यह जानकारी शेयर की है। गुप्ता की जगह इस पद पर किसकी नियुक्ति की जाएगी, फिलहाल यह जानकारी सामने नहीं आई है।
बता दें कि एलन मस्क के स्वामित्व वाली इस कंपनी में समीरन गुप्ता फरवरी 2022 में शामिल हुए थे। समीरन गुप्ता का इस्तीफा ऐसे समय में आया है, जब प्लेटफॉर्म से कंटेट हटाए जाने को लेकर कंपनी का सरकार से विवाद चल रहा है। ‘एक्स’ को जॉइन करने से पहले गुप्ता ‘Internet Corporation for Assigned Names and Numbers’ (ICANN) में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
बीजद पार्टी अपनी 42 फीसदी महिलाओं को संसद भेजती है। दूसरी पार्टियां ऐसा क्यों नहीं कर पाती हैं?
महिलाओं को लोकसभा और राज्यों की विधानसभा में 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया गया। नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम का यह विधेयक दोनों सदनों में सर्वसम्मति से पारित हो गया। इसके साथ ही देश के नए संसद भवन में कार्यवाही की शुरुआत हुई। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार गुंजा कपूर ने 'अमर उजाला डिजिटल' के साप्ताहिक शो 'खबरों के खिलाड़ी' में अपनी बात रखी।
उन्होंने कहा, मैं उस भारत में बड़ी हुई हूं, जहां मैंने महिलाओं को सशक्त होते देखा है। ये वो भारत है, जहां परिवारों ने अपने बेटियों को पढ़ाया भी है और बढ़ाया है। मुझे लगता है कि यह आरक्षण शायद थोड़ा देर से लाया गया है। आप देखिए इंदिरा गांधी, जिन्हें उनकी पार्टी ने गूंगी गुड़िया के तौर पर आगे किया, लेकिन वे ऐसी महिला प्रधानमंत्री हुईं, जिन्होंने वो कर दिखाया, जो कोई पुरुष प्रधानमंत्री नहीं कर पाया।
उन्होंने ही पाकिस्तान के दो टुकड़े किए।बीजद पार्टी अपनी 42 फीसदी महिलाओं को संसद भेजती है। दूसरी पार्टियां ऐसा क्यों नहीं कर पाती हैं? यूपी की एक मंत्री हैं गुलाब देवी, जो 1980 के दशक में भारत की राजनीति आईं। आज उनकी बेटियां न सिर्फ पढ़ीं लिखीं हैं, बल्कि अपने-अपने क्षेत्रों में बेहद सफल हैं।
उदाहरण ही अपने आप में सबकुछ कहते हैं। मेरा मानना है कि आरक्षण देने से मेरा भला नहीं होगा। मेरा भला तब होगा, जब विशाखा गाइडलाइन को अच्छी तरह से लागू किया जाए। मेरा भला तब होगा, जब महिलाओं पर अश्लील टिप्पणियां करने वालों पर रोक लग सके।
महिलाएं पिछले नौ साल में लाभार्थी बन गई हैं। वो वोट बैंक नहीं रह गईं। ये बड़ा बदलाव आया है।
दानिश अली ने कहा है कि वह बेहद आहत हैं और अपमान के चलते रात भर सो नहीं सके।
लोकसभा में गुरुवार 21 सितंबर को चंद्रयान पर चर्चा के दौरान दिल्ली से BJP के सांसद रमेश बिधूड़ी ने अमरोहा से BSP सांसद कुंवर दानिश अली को गालियां दीं और अभद्र व्यवहार किया। हालांकि, सदन की कार्यवाही से बिधूड़ी के अपशब्दों को हटा दिया गया है।
जब रमेश बिधूड़ी ये सब बोल रहे थे, तब अध्यक्ष की आसंदी पर कोडिकुन्नील सुरेश बैठे थे। उन्होंने बिधूड़ी से बैठने को कहा, लेकिन वे चुप नहीं हुए। इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने एक्स पर पोस्ट कर बड़ी बात कही है।
उन्होंने पोस्ट किया, शर्मनाक! भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी की देश की पवित्र संसद में ऐसी अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल एक दूसरे चुने हुए सांसद के लिए ना सिर्फ उस क्षेत्र की जनता का अपमान है, जहां से दानिश अली आते हैं बल्कि इस क्षेत्र की जनता का भी अपमान है जहां से बिधूड़ी खुद आते हैं। ये संसद का अपमान है। देश का अपमान है।
ये कैसे संस्कार हैं? ऐसे सांसद देश के लिए कैसे आदर्श प्रस्तुत कर रहे हैं? ये सवाल आज हर भारतीय को अपने आप से भी पूछना चाहिए। सवाल सिर्फ विवादित बयान को हटाने का नहीं बल्कि ये भी है की हम किस दिशा में जा रहे हैं? लोकतंत्र सिर्फ नई इमारत में नहीं बनता।
उसके चुने हुए सांसदों के आचरण में उसका प्रतिबिंब दिखता है। इस बीच दानिश अली ने कहा है कि वह बेहद आहत हैं और अपमान के चलते रात भर सो नहीं सके। उन्होंने यहां तक कहा कि यदि बिधूड़ी के खिलाफ ऐक्शन नहीं लिया गया तो वह संसद छोड़ने पर भी विचार कर रहे हैं।
शर्मनाक!
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 22, 2023
भाजपा सांसद रमेश बिधूरी की देश की पवित्र संसद में ऐसी अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल एक दूसरे चुने हुए सांसद के लिए ना सिर्फ उस क्षेत्र की जनता का अपमान है जहां से दानिश अली आते हैं बल्कि इस क्षेत्र की जनता का भी अपमान है जहां से बिधूरी खुद आते हैं। ये संसद का अपमान है। देश… pic.twitter.com/1lGte3fRrc
इस विधेयक में कहा गया है कि महिलाओं के लिए आरक्षण नई जनगणना के बाद परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद लागू होगा।
नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में महिलाओं के लिए ‘जितना संभव हो सके’ एक तिहाई या 33% सीटें आरक्षित करने का प्रस्ताव किया गया है। दोनों सदनों में यह बिल ध्वनिमत से पारित हो गया है।
इस विधेयक में कहा गया है कि महिलाओं के लिए आरक्षण नई जनगणना के बाद परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद लागू होगा यानी कि बदलाव 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद लागू हो सकते हैं। इस ऐतिहासिक क्षण पर वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश मिश्रा ने एक्स पर पोस्ट कर अपने मन की बात कही।
उन्होंने लिखा, भारत के संसदीय लोकतंत्र के लिए ये महान बेला है। महिलाओं को आने वाले वक्त में लोकसभा और विधानसभाओं में 33% सीटें आरक्षित होंगी। हक और हुकूक मिलेगा। नेतृत्व मिलेगा। नीति बनाएंगी। नीयत। अपने समाज के साथ। सबकी उन्नति, सबका साथ। कानून बन गया है।
अधिकार, आज नही तो कल मिलेगा। कल नही तो परसों मिल जायेगा। कभी तो मिलेगा ही। क्योंकि कानून तो बन गया है। किसी भी देश की प्रगति समझने का एक ही फॉर्मूला है। उस देश की महिलाओं की स्थिति। जहां महिलाएं आगे हैं उन मुल्कों में असाधारण उपलब्धि हासिल की है।
फिनलैंड, नार्वे, स्वीडन जैसे मुल्क इसके उदाहरण है। नारी समाज का अभिनंदन। लेकिन अभी तो आपका संघर्ष शुरू ही हुआ है। गद्दी तक पहुंचने के लिए बड़े बड़े युद्ध लड़ने होंगे। बलिदान देना होगा। मिलकर लड़ेंगे। जीतेंगे। भारत का संविधान अमर रहे।
भारत के संसदीय लोकतंत्र के लिए ये महान बेला है। महिलाओं को आने वाले वक्त में लोकसभा और विधानसभाओं में 33% सीटें आरक्षित होंगी। हक और हुकूक मिलेगा। नेतृत्व मिलेगा। नीति बनाएंगी। नीयत। अपने समाज के साथ। सबकी उन्नति, सबका साथ। कानून बन गया है। अधिकार, आज नही तो कल मिलेगा। कल नही तो…
— Brajesh Misra (@brajeshlive) September 21, 2023
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार पलकी शर्मा उपाध्याय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट कर बड़ी बात कही है।
भारत और कनाडा के बीच तल्खियां और बढ़ती जा रही है। भारी राजनयिक विवाद के बीच कनाडा में भारतीय वीजा सेवाएं निलंबित कर दी गईं। दरअसल दोनों देशों के बीच तनाव उस वक्त बढ़ गया, जब कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाया, जिसे भारत की तरफ से पूरी तरह खारिज कर दिया गया।
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार पलकी शर्मा उपाध्याय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर बड़ी बात कही है।
उन्होंने लिखा, भारत ने कनाडाई लोगों के लिए वीजा निलंबित कर दिया। ये कोई प्रतिक्रिया नहीं है। यह पहला कदम है, जो राष्ट्रीय हित द्वारा निर्देशित भारत की मुखर विदेश नीति का प्रतिबिंब है। यूक्रेन युद्ध में पक्ष लेने से इनकार करने से लेकर कनाडा द्वारा आतंकवादियों के तुष्टिकरण का आह्वान करने तक।
आपको बता दें कि एक दिन पहले ही खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की धमकी के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा में रहने वाले भारतीयों और वहां पढ़ रहे भारतीय छात्रों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की थी।!!
India suspends visas for Canadians. This is not a reaction. This is a first move, a reflection of India’s assertive foreign policy guided by national interest - from refusing to take a side in the Ukraine war to calling out Canada’s appeasement of terrorists. https://t.co/FQl6pZYkZh
— Palki Sharma (@palkisu) September 21, 2023
लोकसभा में बुधवार को बिल पर करीब आठ घंटे तक चर्चा हुई और फिर वोटिंग के दौरान पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े।
महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में सर्वसम्मति से पास हो गया। बिल के समर्थन में 215 वोट और विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा। इससे पहले, लोकसभा में बुधवार को बिल पर करीब आठ घंटे तक चर्चा हुई और फिर वोटिंग के दौरान पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े।
वोटिंग पर्चियों के जरिए की गई। नए संसद भवन में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को महिला आरक्षण से जुड़ा विधेयक पेश किया था। इस विधेयक में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार मीनाक्षी कंडवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया और भावुक कर देने वाली बात कही।
उन्होंने लिखा, दो तिहाई बहुमत के साथ 'महिला आरक्षण बिल' लोकसभा से पास हो गया है। ये कदम भारत के लोकतंत्र और महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक नया अध्याय है। कानून के अमल और नतीजों पर कई बातें हो रही हैं और होनी भी चाहिए... लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि चुनावी फायदा मुख्य मंशा हो भी, लेकिन अगर उससे 'बाए प्रोडक्ट' के रूप में देश की आधी आबादी के लिए सुनहरी संभावनाएं खुलती हैं तो ये एक क्रांति है।
बता दें कि उच्च सदन से पास होनेके बाद अब इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। इस बिल पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा।
दो तिहाई बहुमत के साथ 'महिला आरक्षण बिल' लोकसभा से पास हो गया है। ये कदम भारत के लोकतंत्र और महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक नया अध्याय है। कानून के अमल और नतीजों पर कई बातें हो रही हैं और होनी भी चाहिए... लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि चुनावी फायदा मुख्य मंशा हो…
— Meenakshi Kandwal मीनाक्षी कंडवाल (@MinakshiKandwal) September 20, 2023
इस विधेयक में अनिवार्य हिजाब नहीं पहने महिलाओं को सेवाएं मुहैया कराने वाले प्रतिष्ठानों के मालिकों के लिए सजा का प्रावधान किया गया है।
ईरान की संसद ने सार्वजनिक स्थलों पर अनिवार्य इस्लामी ‘हेडस्कार्फ’ (हिजाब) पहनने से इनकार करने वाली महिलाओं और उनका समर्थन करने वालों के लिए सजा के प्रावधान वाले एक विधेयक को बुधवार को मंजूरी दे दी।
यह कदम 22 वर्षीय महसा अमिनी की बरसी के कुछ ही दिनों बाद आया, जिसे हिजाब का विरोध करने के लिए नैतिक पुलिस ने हिरासत में लिया था। महसा की हिरासत में मौत को लेकर देश में महीनों तक विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार समीर अब्बास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर अपनी राय रखी हैं।
उन्होंने लिखा, फर्क देखिए जरा, एक तरफ भारत की संसद में ऐतिहासिक महिला आरक्षण बिल पास हो रहा है, तो दूसरी तरफ ईरान की संसद में महिलाओं के बिना हिजाब के पाए जाने पर 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान वाला बिल पास कर दिया गया है, वो भी वहां के लगभग सभी सांसदों के वोट से, हक और जुल्म का फर्क !
आपको बता दें कि ईरान की संसद में पारित इस विधेयक में अनिवार्य हिजाब नहीं पहने महिलाओं को सेवाएं मुहैया कराने वाले प्रतिष्ठानों के मालिकों के लिए सजा का प्रावधान किया गया है। यदि अपराध संगठित तरीके से होता है तो उल्लंघनकर्ताओं को 10 साल तक की सजा हो सकती है। विधेयक को ईरान की 290 सीटों वाली संसद में 152 सांसदों द्वारा पारित किया गया है।
फ़र्क देखिए ज़रा, एक तरफ़ भारत की संसद में ऐतिहासिक महिला आरक्षण बिल पास हो रहा है तो दूसरी तरफ़ ईरान की संसद में महिलाओं के बिना हिजाब के पाए जाने पर 10 साल की जेल की सज़ा का प्रावधान वाला बिल पास कर दिया गया है वो भी वहां के लगभग सभी सांसदों के वोट से, हक़ और ज़ुल्म का फ़र्क ! pic.twitter.com/prYvimQNTC
— Samir Abbas ?? (@TheSamirAbbas) September 21, 2023