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दारुल उलूम देवबंद के फतवे का कमर वहीद नकवी ने किया पुरजोर विरोध : कही ये बात

दारुल उलूम ने यदि ऐसा कोई फ़तवा दिया है, तो यह वास्तव में अति निन्दनीय, शर्मनाक और देश-विरोधी है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 23 February, 2024
Last Modified:
Friday, 23 February, 2024
qamarvahinnakvi

इस्लामिक शिक्षण केंद्र दारुल उलूम देवबंद ने गजवा-ए-हिंद (भारत पर आक्रमण) वाले अपने फतवे को वैध ठहराया है। दारुल उलूम देवबंद ने गजवा-ए-हिन्द को मान्यता देने वाला फतवा अपनी वेबसाइट के जरिए जारी किया था। इसमें गजवा-ए-हिन्द को इस्लामिक नजरिए से वैध बताते हुए महिमा मंडित किया गया है।

इस पूरे मसले पर वरिष्ठ पत्रकार कमर वहीद नकवी ने अपने 'एक्स' हैंडल से एक पोस्ट की और इस प्रकार के नज़रिये की भरसक निंदा की है। उन्होंने लिखा, दारुल उलूम ने यदि ऐसा कोई फ़तवा दिया है, तो यह वास्तव में अति निन्दनीय, शर्मनाक और देश-विरोधी है।

हैरत की बात है कि मुसलिम उलेमा इक्कीसवीं सदी में भी अपनी पुरानी सोच से नहीं उबर पाये हैं। ऐसी मूर्खतापूर्ण ज़हनियत ने मुसलमानों का लगातार बहुत नुक़सान किया है। आपको बता दे, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सहारनपुर के DM और SSP को पत्र भेजकर इस मामले में FIR दर्ज कराने को कहा है।

उन्होंने कहा कि इस फतवे में गजवा-ए-हिंद को महिमामंडित किया गया है। देवबंद का फतवा बच्चों में अपने ही देश के खिलाफ नफरत की भावना पैदा कर सकता है।

 

 

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इस मामले पर बोले विनोद अग्निहोत्री, बीजेपी से सबक ले कांग्रेस

राहुल गांधी ने कहा, हम हरियाणा के अप्रत्याशित नतीजे का विश्लेषण कर रहे हैं। अनेक विधानसभा क्षेत्रों से आ रही शिकायतों से चुनाव आयोग को अवगत कराएंगे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 10 October, 2024
Last Modified:
Thursday, 10 October, 2024
vinodagnihotri

हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं। इस चुनाव में भाजपा ने तीसरी बार जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ ही राज्य में तीसरी बार लगातार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है। इस बीच चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा ने कहा, जब ईवीएम की गिनती शुरू हुई तो कांग्रेस पिछड़ रही थी।

हमें कई शिकायतें मिली हैं। कई जगहों पर वोटों की गिनती में देरी हुई। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, हरियाणा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस को ईवीएम की बैटरी से ज़्यादा अपनी बैटरी को जाँचना दुरुस्त करना चाहिये।

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा की हार से साफ़ है जीता हुआ चुनाव हारने में कांग्रेस को और फिसलता हुआ चुनाव जीतने में बीजेपी को महारथ हासिल है। कांग्रेस ये तो बीजेपी से सीख ले।

आपको बता दें, हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम के सामने आने के बाद राहुल गांधी ने कहा, हम हरियाणा के अप्रत्याशित नतीजे का विश्लेषण कर रहे हैं। अनेक विधानसभा क्षेत्रों से आ रही शिकायतों से चुनाव आयोग को अवगत कराएंगे।

 

 

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कांग्रेस को न तो जीत पचती और न हार हजम करना आता है: राजीव सचान

बैठक के बाद कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग से उन वोटिंग मशीनों को सील करने की मांग की है, जिनके खिलाफ उन्होंने शिकायत दर्ज कराई है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 10 October, 2024
Last Modified:
Thursday, 10 October, 2024
congress

हरियाणा विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और चुनाव के नतीजों पर आपत्ति जताई है। बैठक के बाद कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग से उन वोटिंग मशीनों को सील करने की मांग की है, जिनके खिलाफ उन्होंने शिकायत दर्ज कराई है।

उन्होंने 20 निर्वाचन क्षेत्रों में कथित अनियमितताओं से संबंधित दस्तावेज जमा किए हैं और इन्हें मीडिया में जारी करने की योजना है। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपने विचार व्यक्त किये।

उन्होंने एक्स पर लिखा, कांग्रेस को न तो जीत पचती है और न ही उसे हार हजम करना आता है। लोकसभा चुनाव में 99 सीटें जीतने पर वह ऐसे पेश आ रही थी, जैसे 299 सीटें जीतने के बाद भी उसे सरकार बनाने नहीं दिया गया और अब हरियाणा में 37 सीटें पाने पर वह अपनी गलतियों पर गौर करने के बजाय चुनाव आयोग को दोष दे रही है।

आपको बता दें, बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में 90 में से 48 सीटों पर प्रचंड बहुमत हासिल की है। वहीं, दस साल से सत्ता में रही बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाने में नाकाम रही कांग्रेस 37 सीटें जीत पाई है। इसके अलावा इनेलो ने 2 सीटें जीतीं हैं।

 

 

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भारतीय उद्योग जगत सदैव रतन नवल टाटा का ऋणी रहेगा: प्रणव सिरोही

उन्होंने टाटा समूह का दायरा दुनिया भर में फैलाया। उनके दौर में ही विदेश से होने वाली आय ने समूह के भारतीय कारोबार से होने वाले योगदान को पीछे छोड़ा।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 10 October, 2024
Last Modified:
Thursday, 10 October, 2024
pranav

टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे 86 साल के थे। दो दिन पहले मीडिया में उनके बीमार होने की खबर आई थी, हालांकि उन्होंने एक पोस्ट में कहा था कि वे ठीक हैं और चिंता की कोई बात नहीं है। 28 दिसंबर 1937 को नवल और सूनू टाटा के घर जन्मे रतन टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा के परपोते थे।

उनके निधन पर पत्रकार प्रणव सिरोही ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और उन्हें याद किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, भारतीय उद्यमों को नई आकांक्षाओं के पंख लगाने वाले नवोन्मेषी उद्यमी रतन नवल टाटा को अंतिम नमन। उपलब्धियों का अंबार लगाकर वह एक समृद्ध विरासत पीछे छोड़ गए।

भारतीय उद्योग जगत सदैव उनका ऋणी रहेगा। उन्होंने टाटा समूह का दायरा दुनिया भर में फैलाया। उनके दौर में ही विदेश से होने वाली आय ने समूह के भारतीय कारोबार से होने वाले योगदान को पीछे छोड़ा। मध्य वर्ग के लिए लखटकिया कार का सपना पूरा करने के लिए बहुत कुछ दांव पर लगा दिया।

दिग्गज टी ब्रांड टेटली से लेकर भीमकाय स्टील कंपनी कोरस स्टील का सफल अधिग्रहण किया, जबकि कोरस उस समय दुनिया की दस सबसे बड़ी स्टील कंपनियों में शामिल थी। (शायद छठी सबसे बड़ी थी) उनके दौर में ही आइकॉनिक ब्रिटिश आटो ब्रांड जगुआर लैंड रोवर-जेएलआर का भी अधिग्रहण टाटा मोटर्स ने किया।

एविएशन इंडस्ट्री से दोबारा समूह को जोड़ा। पहले एयर एशिया के साथ और फिर सिंगापुर एयरलाइंस के साथ विस्तारा शुरू की। और अंततः एयर इंडिया के अधिग्रहण में भी सफल रहे। जो कभी टाटा का ही हिस्सा थी। तनिष्क से लेकर टाइटन और टीसीएस से लेकर ट्रेंट। फैशन, रिटेल और आइटी क्रांति के अगुआ बने।

नए दौर के उद्यमों में बिग बास्केट से लेकर टाटा 1mg और अर्बन लैडर में निवेश कर भविष्य को साधने की दिशा में कदम बढ़ाए। टाटा संस में सबसे बड़े एकल अंशधारक परिवार से साइरस मिस्त्री को पहले अपना उत्तराधिकारी बनाया और फिर हटाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। और एन. चंद्रशेखरन के रूप में पहली बार किसी पेशेवर को टाटा समूह का चेयरमैन बनाया। आप जहां रहोगे, उस जहान को रोशन ही करोगे सर। विनम्र श्रद्धांजलि। 

 

 

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महान उद्योगपति रतन टाटा अर्थव्यवस्था के आधार स्तंभ थे: ब्रजेश मिश्रा

भारत के महान उद्योगपति रतन टाटा अनंत यात्रा पर निकल गए। देश की औद्योगिक क्रांति के जनक। देश की अर्थव्यवस्था के आधार स्तंभ। कार्यदक्षता के साथ पेशेवर ईमानदारी।

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Published - Thursday, 10 October, 2024
Last Modified:
Thursday, 10 October, 2024
brajeshmishraa

दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार रात निधन हो गया है। 86 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई के अस्पताल में अंतिम सांस ली। लोग उन्हें यादकर भावुक हो रहे हैं और उनकी उपलब्धियों, उनके व्यक्तित्व को याद कर रहे हैं। दुनिया के कई जाने-माने दिग्गज उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।

इस बीच वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश मिश्रा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और रतन टाटा को याद किया। उन्होंने लिखा, भारत के महान उद्योगपति रतन टाटा अनंत यात्रा पर निकल गए। देश की औद्योगिक क्रांति के जनक। देश की अर्थव्यवस्था के आधार स्तंभ।

कार्यदक्षता के साथ पेशेवर ईमानदारी। अतिशय विनम्रता। शालीनता और सादगी। प्रेम और करुणा से भरे हुए। बेमिसाल व्यक्तित्व।आज के नए अरबपति भले हो रतन टाटा के रास्तों से नही गुजरते लेकिन इस देश में भरोसे का दूसरा नाम टाटा है। सड़क पर टाटा ट्रक और खाने में भी टाटा नमक।

एक भरोसा जो अपने देशवासियों को देकर गए। ऐसे महान रतन टाटा को अलविदा। आप संयुक्त इतिहास का हिस्सा रहेंगे। आपके जाने के बाद आपकी कहानियां बच्चे सुनेगे। हम जैसे पत्रकार आपको एक बेहतर इंसान बताएंगे जो दूसरों से बहुत अलग था। हम सब आपसे प्यार करते हैं। अलविदा। टाटा। आपको बता दें, देश और दुनिया के कई उद्योगपतियों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

 

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कुछ वर्षों में सर्वे एजेंसियों ने अपनी विश्वसनीयता को खत्म कर लिया: ब्रजेश मिश्रा

यही कारण है की मुख्य धारा का मीडिया भी इनकी रिपोर्ट्स की वजह से सवालों के दायरे में है। चुनावी सर्वे और एग्जिट पोल दुनिया भर में होते हैं।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 09 October, 2024
Last Modified:
Wednesday, 09 October, 2024
exitpoll

हरियाणा में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत और जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस को बढ़त देने वाले एग्जिट पोल एक बार फिर मतदाताओं की नब्ज टटोलने में विफल रहे। बीते लोकसभा चुनाव में भी इनके अनुमान फेल साबित हुए थे। लगभग सभी एग्जिट पोल ने 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस को 50 से अधिक सीटें मिलने का अनुमान लगाया था और भाजपा के लिए 30 का आंकड़ा भी पार करना मुश्किल लग रहा था।

इस बीच वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश मिश्रा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की है और सर्वे एजेंसियों को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, जनता सबकी अकड़ निकाल देती है। नीरज जी, आप सच के नजदीक पहुंचे। पत्रकारों का यही दायित्व होता है की जन भावनाओं का विश्लेषण जमीनी सच्चाई पर करें।

पिछले कुछ वर्षों में चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी सर्वे एजेंसियों ने अपनी विश्वसनीयता को लगभग ख़त्म कर लिया है। यही कारण है की मुख्य धारा का मीडिया भी इनकी रिपोर्ट्स की वजह से सवालों के दायरे में है। चुनावी सर्वे और एग्जिट पोल दुनिया भर में होते हैं।

लेकिन उसकी अपनी वैज्ञानिक पद्धति है। पहले वो परिणाम के नजदीक होते थे पर अब उल्टा हो रहा है। आपको बता दें, इस साल की शुरुआत में, कई एग्जिट पोल ने लोकसभा चुनावों में भाजपा की भारी जीत की भविष्यवाणी की थी, जिसमें सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी को 543 सदस्यीय सदन में 350 से अधिक सीटें दी गई थीं। कुछ ने तो 400 के पार जाने की भी भविष्यवाणी की थी लेकिन परिणाम इसके विपरीत थे।

 

 

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इस मामले पर बोले हर्षवर्धन त्रिपाठी, राहुल गांधी मूलतः नेता हैं ही नहीं

वोटिंग के बाद लगभग सभी एग्जिट पोल हरियाणा में बीजेपी की हार की बात कह रहे थे लेकिन हरियाणा की जनता ने एक बार फिर बीजेपी पर भरोसा जताया है।

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Published - Wednesday, 09 October, 2024
Last Modified:
Wednesday, 09 October, 2024
rahulgandhi

भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव परिणाम के दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विदेश में होने पर सवाल उठाए हैं। अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा,  हरियाणा में जलेबी की फैक्ट्री लगाने वाले और हिंदुस्तान के करोड़ों हलवाइयों के पेट पर लात मारने का सपना देखने वाले राहुल गांधी चुनाव परिणाम के दिन विदेश में हैं।

ये कैसा नेतृत्व है, जो हार में अपने कार्यकर्ताओं के साथ नहीं खड़ा है? वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने उनकी इस पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए अपनी राय दी। उन्होंने लिखा, राहुल गांधी अगर विदेश में हैं तो यह गंभीर बात है। विदेश में नहीं भी हों तो आज उन्हें अपने कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा दिखना चाहिए था, लेकिन राहुल गांधी मूलतः नेता हैं ही नहीं।

इस बात को कांग्रेस स्वीकार करने को तैयार नहीं है। आपको बता दे, हरियाणा चुनाव में लगातार तीसरी बार बीजेपी ने जीत हासिल कर ली है। वोटिंग के बाद लगभग सभी एग्जिट पोल हरियाणा में बीजेपी की हार की बात कह रहे थे लेकिन हरियाणा की जनता ने एक बार फिर बीजेपी पर भरोसा जताया है।

विधानसभा की कुल 90 सीटों में से बीजेपी ने 48 सीट जीतकर पूर्ण बहुमत प्राप्त कर लिया है वहीं कांग्रेस को अब लगातार तीसरी बार भी विपक्ष में ही बैठना होगा।

 

 

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किश्तवाड़ से भाजपा की शगुन परिहार जीतीं, राहुल शिवशंकर ने कुछ यूं की तारीफ

6 साल पहले शगुन परिहार ने अपने पिता और चाचा को खो दिया था। उन्हें इस्लामी आतंकवादियों ने कुचल डाला। युवा शगुन की दुनिया अंधकारमय हो गई

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Published - Wednesday, 09 October, 2024
Last Modified:
Wednesday, 09 October, 2024
shagunparihar

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की एकमात्र महिला उम्मीदवार शगुन परिहार जीत गई हैं। मुस्लिम बहुल किश्तवाड़ सीट महत्वपूर्ण राजनीतिक केंद्र है। इसका समृद्ध राजनीतिक इतिहास भी रहा है। इस सीट पर भाजपा से शगुन परिहार, पीडीपी से फिरदौस अहमद टाक और नेकां से सज्जाद अहमद किचलू मैदान में थे। हालांकि, शगुन परिहार ने जीत हासिल कर ली।

इस जीत के बाद वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और शगुन की तारीफ़ की। उन्होंने एक्स पर लिखा, 6 साल पहले शगुन परिहार ने अपने पिता और चाचा को खो दिया था। उन्हें इस्लामी आतंकवादियों ने कुचल डाला।

युवा शगुन की दुनिया अंधकारमय हो गई क्योंकि उसके परिवार को लगभग हर दिन कई आतंकी धमकियाँ मिलती थीं। लेकिन उन्होंने दुनिया को एक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए काम करने के अपने संकल्प को कभी नहीं छोड़ा। आज, वह अपने जेकेएनसी प्रतिद्वंद्वी को हराकर भाजपा के टिकट पर किश्तवाड़ से चुनी गई हैं।

आपको बता दें, निर्वाचित भाजपा उम्मीदवार ने कहा कि उनकी जीत सिर्फ उनकी नहीं है, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर के राष्ट्रवादी लोगों की भी जीत है। उन्होंने कहा कि यह उनका आशीर्वाद है। शगुन ने कहा कि किश्तवाड़ के सामने मौजूद ऐतिहासिक चुनौतियों को देखते हुए सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी शीर्ष प्राथमिकता होगी। 

 

 

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हरियाणा में लगातार तीसरी बार बीजेपी सरकार, राणा यशवंत ने गिनाए कारण

वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और बताया कि आख़िरकार कैसे हरियाणा में बीजेपी ने इतिहास रचा है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 09 October, 2024
Last Modified:
Wednesday, 09 October, 2024
ranayashwant

हरियाणा में बीजेपी लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी। राज्य में ऐसा करने वाली वह पहली पार्टी होगी। राज्य की कुल 90 सीटों में से पार्टी ने 48 सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर लिया है। पिछले चुनाव की तुलना में इस बार 8 सीटों का फायदा हुआ है। वहीं ,कांग्रेस ने 37 सीटें जीती हैं।

चुनाव के बाद लगभग सभी एग्जिट पोल ने कांग्रेस की प्रचंड जीत का अनुमान लगाया था लेकिन परिणाम इसके विपरीत आ गये। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और बताया कि आख़िरकार कैसे हरियाणा में बीजेपी ने इतिहास रचा है।

उन्होंने एक्स पर लिखा, बीजेपी के हरियाणा में जीत के तीन चार बड़े कारण दिख रहे हैं। जाटों के खिलाफ गैर जाट जातियों को लामबंद करने में सफल रही। सामान्य वर्ग का थोक वोट अपने साथ जोड़े रखी। जाटव वोट को हाथ से निकलने नहीं दिया और नायब सैनी को लाकर ओबीसी पर पकड़ बनाए रखी।

नतीजा सामने है। आपको बता दें, हरियाणा में इस बार 67.90% वोटिंग हुई थी। पिछले चुनाव में 68.20% वोटिंग हुई थी। सीएम सैनी ने कहा कि जनता ने कांग्रेस के झूठ को नकार दिया है। BJP की बढ़त के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम सैनी को फोन किया और जीत पर बधाई दी।

 

 

 

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हरियाणा में 'आप' का नहीं खुला खाता, आदित्य राज ने कही ये बड़ी बात

पार्टी ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए मुफ्त और चौबीसों घंटे बिजली, सरकारी स्कूलों और अस्पतालों का कायाकल्प और महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये देने सहित कई "गारंटियों" की घोषणा की थी।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 09 October, 2024
Last Modified:
Wednesday, 09 October, 2024
aapparty

हरियाणा में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। विधानसभा चुनाव में पार्टी खाता भी नहीं खोल सकी है। पार्टी के अधिकांश प्रत्याशी 1000 वोट का आंकड़ा भी नहीं छू सके। पार्टी ने 90 विधानसभा सीटों में से 89 पर चुनाव लड़ा था। कोसली सीट से पार्टी ने उम्मीदवार नहीं उतारा था।

इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार आदित्य राज कौल ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने एक्स पर लिखा, आम आदमी पार्टी ने ने जीरो सीटें जीतकर भी हरियाणा में कांग्रेस को हरा दिया। ऐसा लगता है कि आप ने हरियाणा में कांग्रेस के वोट काटे, जिससे भाजपा को लगभग 50 सीटों पर फायदा हुआ।

कांग्रेस-आप गठबंधन शायद भाजपा के खिलाफ बेहतर दांव होता। हरियाणा में बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई। आपको बता दें, पार्टी ने केजरीवाल को 'हरियाणा का लाल' के रूप में पेश किया और उनके नाम पर वोट मांगे।

पार्टी ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए मुफ्त और चौबीसों घंटे बिजली, सरकारी स्कूलों और अस्पतालों का कायाकल्प, मुफ्त और अच्छी शिक्षा, मोहल्ला क्लीनिक की स्थापना और महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये देने सहित कई "गारंटियों" की घोषणा की थी।

आप ने कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने की कोशिश की। लेकिन भारी विरोध की वजह से बात नहीं बनी और दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनावी रण में उतरने का फैसला लिया।

 

 

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सुप्रिया श्रीनेत ने चुनावी नतीजों के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को दिया साधुवाद, कही ये बात

हरियाणा के परिणाम आशा के विपरीत हैं। मुझे फक्र है कि कांग्रेस ने किसानों, जवानों, युवाओं और पहलवानों के मुद्दे पर यह चुनाव लड़ा। आगे भी इन मुद्दों को हम पुरजोर तरीके से उठाते रहेंगे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 08 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 08 October, 2024
Supriya

जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव का परिणाम आ गया है। जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों में से नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस गठबंधन को बहुमत से ज्यादा सीटें मिली हैं। वहीं, हरियाणा की बात करें तो यहां बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है।

इन परिणामों के सामने आने के बाद पूर्व पत्रकार, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की सदस्य सुप्रिया श्रीनेत ने एक ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा है, ‘जम्मू कश्मीर में INDIA ब्लॉक की बड़ी जीत और BJP की करारी हार हुई है. इस देश में एक राज्य के साथ हुए अन्याय का बदला लोकतांत्रिक तरीक़े से वहाँ की जनता ने बखूबी लिया - इसके लिए वहाँ के लोगों का साधुवाद

हरियाणा के परिणाम आशा के विपरीत हैं. मुझे फक्र है कि कांग्रेस पार्टी ने किसानों, जवानों, युवाओं और पहलवानों के मुद्दे पर यह चुनाव लड़ा. और आगे भी इन मुद्दों को हम पुरज़ोर तरीक़े से उठाते रहेंगे।

जय हिन्द।

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