सिख समुदाय पर दिए गए राहुल गांधी के बयान को लेकर बीजेपी उग्र प्रदर्शन में उतर गई है। कांग्रेस सांसद के आवास के बाहर बीजेपी नेताओं ने जमकर हल्ला बोला।
वाशिंगटन के वर्जीनिया उपनगर में हर्नडॉन में भारतीय अमेरिकी समुदाय के सैकड़ों लोगों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है।
कांग्रेस नेता ने कहा, लड़ाई इस बात की है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं ? या एक सिख के रूप में वह गुरुद्वारा जा सकते हैं या नहीं? उनके इस बयान पर पत्रकार और एंकर रुबिका लियाकत ने भी अपने विचार व्यक्त किए और राहुल गांधी को झूठा बताया।
उन्होंने अपने एक्स हैंडल से एक पोस्ट करते हुए लिखा, इस देश में मौजूद करोड़ों सिख भाइयों में से कोई एक सरदार आगे आए और कहे कि मुझे भारत की इस धरती पर अपनी पगड़ी और कड़ा पहनने में डर लगता है ! या कह दे कि मैं पब्लिक में अपनी पहचान छुपाता हूं। हद है झूठ बोलने की भी।
आपको बात दे कि, सिख समुदाय पर दिए गए राहुल गांधी के बयान को लेकर बीजेपी उग्र प्रदर्शन में उतर गई है। कांग्रेस सांसद के आवास के बाहर बीजेपी नेताओं ने जमकर हल्ला बोला। दिल्ली पुलिस ने भाजपा नेता आरपी सिंह और अन्य सिख नेताओं को हिरासत में लिया।
इस देश में मौजूद करोड़ों सिख भाइयों में से कोई एक सरदार आगे आए और कहे कि मुझे भारत की इस धरती पर अपनी पगड़ी और कड़ा पहनने में डर लगता है! या कह दे कि मैं पब्लिक में अपनी पहचान छुपाता हूँ! हद है झूठ बोलने की भी!
— Rubika Liyaquat (@RubikaLiyaquat) September 11, 2024
एक महान दिग्गज व्यक्ति जिन्होंने अपनी दूरदर्शिता और जुनून से भारत को वर्ल्ड मैप पर पहुचान दिलाई। वह व्यक्ति जिसने हजारों उद्योगपतियों को प्रेरित किया।
रतन टाटा का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। मुंबई के वर्ली श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग श्मशान घाट पहुंचे थे। इससे पहले एनसीपीए पार्क में उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था।
साउथ मेगास्टार रजनीकांत ने भी रतन टाटा को याद किया है। उन्होंने टाटा के एक तस्वीर शेयर करते हुए उनके साथ बिताए गए पलों को याद किया है। उन्होंने लिखा, एक महान दिग्गज व्यक्ति जिन्होंने अपनी दूरदर्शिता और जुनून से भारत को वर्ल्ड मैप पर पहुचान दिलाई।
वह व्यक्ति जिसने हजारों उद्योगपतियों को प्रेरित किया। वह व्यक्ति जिसने कई पीढ़ियों के लिए लाखों नौकरियां पैदा कीं। वह व्यक्ति जिसे सभी प्यार करते थे और सम्मान देते थे। उन्हें मेरा शत-शत नमन। मैं इस महान आत्मा के साथ बिताए हर पल को हमेशा संजो कर रखूंगा।
भारत का एक सच्चा बेटा अब हमारे बीच नहीं रहा। आपको बता दें, दिग्गज उद्योगपति और टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार को 86 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्हें इस हफ्ते तबीयत बिगड़ने के कारण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रतन टाटा के निधन से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है।
A great legendary icon who put India on the global map with his vision and passion ..
— Rajinikanth (@rajinikanth) October 10, 2024
The man who inspired thousands of industrialist ..
The man who created lakhs and lakhs of jobs for many generations ..
The man who was loved and respected by all ..
My deepest salutations to… pic.twitter.com/S3yG1G7QtK
जिसकी सीटें ज़्यादा उसका सीएम बनेगा, इतने में हमारे यहाँ मान गये होते तो आज ये हाल नहीं होता, जिस चीज के लिए गये थे उसी के लाले पड़ रहे हैं।
हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भाजपा की बंपर जीत का प्रभाव महाराष्ट्र तक हुआ है। दरअसल, उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वह महाराष्ट्र को 'बचाने' के लिए सहयोगी कांग्रेस या एनसीपी (शरद पवार) द्वारा घोषित किसी भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का समर्थन करेंगे।
इसी मसले पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने एक टीवी डिबेट में अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में शरद पवार और कांग्रेस दोनों कह चुके है नेतृत्व किसी का प्रोजेक्टेड नहीं होगा। जिसकी सीटें ज़्यादा उसका सीएम बनेगा, इतने में हमारे यहाँ मान गये होते तो आज ये हाल नहीं होता, जिस चीज के लिए गये थे उसी के लाले पड़ रहे है।
तथ्य यह है कि जिसने भारतीय जनता पार्टी को छोड़ा उनका हाल क्या हुआ। महबूबा मुफ़्ती ने हमको छोड़ा, अकालियों ने हमको छोड़ा, शिवसेना ने हमको छोड़ा तो क्या हुआ उनका हश्र देश ने देखा है। वहीं अगर हमारा देखें तो हमने बड़ी पार्टी होकर छोटी पार्टी को समर्थन किया है।
हमने बसपा को समर्थन देकर मायावती को सीएम बनाया। कर्नाटक में JDS को समर्थन देकर हमने सीएम बनाया। जब उनकी सिर्फ़ 40 एमएलए थे और भाजपा के 80, हमने शिवसेना के मनोहर जोशी जी को लोकसभा का स्पीकर बनाया।
जब वो 16 सीटों की पार्टी थी और भाजपा 182 पर थी। गठबंधन धर्म निभाने के लिए भारतीय जनता पार्टी से अधिक ईमानदार और उपयुक्त कोई पार्टी नहीं है और हमें झटका या धोखा देने वाले दलों का अंजाम बहुत अच्छा नहीं रहा।
महाराष्ट्र में शरद पवार और कांग्रेस दोनों कह चुके है नेतृत्व किसी का प्रोजेक्टेड नहीं होगा, जिसकी सीटें ज़्यादा उसका सीएम बनेगा, इतने में हमारे यहाँ मान गये होते तो आज ये हाल नहीं होता, जिस चीज के लिए गये थे उसी के लाले
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) October 10, 2024
पड़ रहे है, तथ्य यह है कि जिसने भारतीय जनता पार्टी को छोड़ा… pic.twitter.com/xMUQc5Ra6B
रतन टाटा ने जो कुछ कमाया वो अपने देश पर खर्च किया, सही मायनों में वो सच्चे राष्ट्रवादी थे। रतन टाटा की कंपनियों का भारत की GDP में 2 प्रतिशत का योगदान है।
टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा पंचतत्व में विलीन हो चुके है। वहीं महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी गई है। इस अवसर पर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया, जिसमें केंद्र से रतन टाटा को उनकी उपलब्धियों के लिए भारत रत्न से सम्मानित करने का अनुरोध किया गया है।
दरअसल, प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा को भारत के कुछ सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मानों से सम्मानित किया गया है, जिनमें 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण शामिल हैं। लेकिन उन्हें अभी तक देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न नहीं मिला है।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और रतन टाटा को भारत रत्न देने की मांग की है। उन्होंने लिखा, भारत के 'रतन' यानी 'रतन टाटा' को 'भारत रत्न' मिलना चाहिए। रतन टाटा ऐसे उद्योगपतियों में से हैं जिन्हें अपना धंधा बंद करना मंजूर था लेकिन रिश्वत देना नहीं।
रतन टाटा ने जो कुछ कमाया वो अपने देश पर खर्च किया, सही मायनों में वो सच्चे राष्ट्रवादी थे। रतन टाटा की कंपनियों का भारत की GDP में 2 प्रतिशत का योगदान है। कई देशों की अर्थव्यवस्था से ज्यादा उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर है।
टाटा की कंपनियों ने नमक से लेकर स्टील तक और नैनो, जैगुवार से लेकर एयरलाइंस तक अपनी मेहनत से बनाई औऱ चलाई। हमेशा सादगी से जीने वाले रतन टाटा ने देश को बहुत कुछ दिया है। मैं भी देश के स्वर में स्वर मिलाते हुए उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिए जाने की मांग करता हूं।
भारत के 'रतन' यानी 'रतन टाटा' को 'भारत रत्न' मिलना चाहिए, रतन टाटा ऐसे उद्योगपतियों में से हैं जिन्हें अपना धंधा बंद करना मंजूर था लेकिन रिश्वत देना नहीं, रतन टाटा ने जो कुछ कमाया वो अपने देश पर खर्च किया, सही मायनों में वो सच्चे राष्ट्रवादी थे. रतन टाटा की कंपनियों का भारत की…
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) October 10, 2024
इंग्लैंड के स्टार क्रिकेटर जो रूट ने पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान टेस्ट में 262 रनों की पारी के दौरान इंटरनेशनल क्रिकेट में 20,000 रनों का आंकड़ा पार कर लिया।
इंग्लैंड ने पाकिस्तान के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन सात विकेट पर 823 रन पारी घोषित कर दी। इसी के साथ इंग्लैंड ने पहली पारी के आधार पर 267 रनों की बढ़त बना ली है। टेस्ट क्रिकेट में सिर्फ चार बार ही 800 से ज्यादा का स्कोर बना है। इनमें से भी तीन बार इंग्लैंड की टीम ने ये करिश्मा किया है।
पाकिस्तान की टीम ने पहली पारी में शफीक, मसूद और आगा के शतकों की बदौलत 556 रन बनाए थे। वहीं, वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय लिखी। उन्होंने एक्स पर लिखा, पाकिस्तान ने 3 दिनों के भीतर दिखा दिया कि वह सर्वश्रेष्ठ जेकेल और हाइड क्रिकेट टीम है।
पहले दिन पहले टेस्ट में कुल मिलाकर 556 रन बनाए, लेकिन अब पारी की हार की आशंका है। यह निश्चित नहीं है कि इतने स्कोर बनाने वाली टीम कब टेस्ट में एक पारी से हार गई। इसके विपरीत, इंग्लैंड अब काफी अच्छी टीम है: प्रतिभाशाली, आक्रामक और बिना किसी डर के खेल रही है।
भारत बनाम इंग्लैंड WTC फाइनल अभी भी एक बाहरी मौका? आपको बता दें, इंग्लैंड के स्टार क्रिकेटर जो रूट ने पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान टेस्ट में 262 रनों की पारी के दौरान इंटरनेशनल क्रिकेट में 20,000 रनों का आंकड़ा पार कर लिया। सबसे कम पारियों में 20,000 इंटरनेशनल रन बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड विराट कोहली के नाम दर्ज है, जिन्होंने 417 पारियों में यह कारनामा किया है।
Pakistan showing that it is the ultimate Jekyll and Hyde cricket team within the space of 3 days:. In total command of the first test on day one, racks up 556 but now faces the prospect of an innings defeat. Not sure when a side that scored that many has lost by an innings in a…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) October 10, 2024
उद्योगपति रतन टाटा का गुरुवार शाम को पूरे राजकीय सम्मान और पारसी रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर दिया। इस मौके पर उद्योग जगत के साथ ही समाज के हर तबके लोग मौजूद थे।
देश और दुनियाभर में सम्मानित उद्योगपति रतन टाटा का गुरुवार शाम को पूरे राजकीय सम्मान और पारसी रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर दिया। इस मौके पर उद्योग जगत के साथ ही समाज के हर तबके लोग मौजूद थे। उन्होंने रतन टाटा को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
पद्मश्री और वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने भी रतन टाटा को याद किया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, भारत के कोहिनूर की तरह गौरव श्री रतन टाटा सदा अमर रहेंगे। उनसे यादगार मुलाक़ात और बात 2010 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में रात्रि भोज से पहले हुई।
भारत के भविष्य के लिए उनकी दूरदर्शिता व प्रेस की आज़ादी के विचार प्रेरक रहेंगे। विनम्र नमन। आपको बता दें, उनके अंतिम दर्शन के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से लेकर राजनीतिक, कारोबारी, खेल, मनोरंजन जगत के कई बड़े नाम पहुंचे।
बुधवार को 86 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई के अस्पताल में अंतिम सांस ली। महाराष्ट्र और झारखंड व गुजरात सरकार ने टाटा के निधन पर एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है।
भारत के कोहिनूर की तरह गौरव श्री रतन टाटा सदा अमर रहेंगे । उनसे यादगार मुलाक़ात व बात 2010 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराकओबामा के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में रात्रि भोज से पहले हुई । भारत के भविष्य के लिए उनकी दूरदर्शिता व प्रेस की आज़ादी के विचार प्रेरक रहेंगे ।विनम्र नमन ।
— Alok Mehta (@alokmehtaeditor) October 10, 2024
राहुल गांधी ने कहा, हम हरियाणा के अप्रत्याशित नतीजे का विश्लेषण कर रहे हैं। अनेक विधानसभा क्षेत्रों से आ रही शिकायतों से चुनाव आयोग को अवगत कराएंगे।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं। इस चुनाव में भाजपा ने तीसरी बार जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ ही राज्य में तीसरी बार लगातार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है। इस बीच चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा ने कहा, जब ईवीएम की गिनती शुरू हुई तो कांग्रेस पिछड़ रही थी।
हमें कई शिकायतें मिली हैं। कई जगहों पर वोटों की गिनती में देरी हुई। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, हरियाणा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस को ईवीएम की बैटरी से ज़्यादा अपनी बैटरी को जाँचना दुरुस्त करना चाहिये।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा की हार से साफ़ है जीता हुआ चुनाव हारने में कांग्रेस को और फिसलता हुआ चुनाव जीतने में बीजेपी को महारथ हासिल है। कांग्रेस ये तो बीजेपी से सीख ले।
आपको बता दें, हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम के सामने आने के बाद राहुल गांधी ने कहा, हम हरियाणा के अप्रत्याशित नतीजे का विश्लेषण कर रहे हैं। अनेक विधानसभा क्षेत्रों से आ रही शिकायतों से चुनाव आयोग को अवगत कराएंगे।
हरियाणा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस को ईवीएम की बैटरी से ज़्यादा अपनी बैटरी को जाँचना दुरुस्त करना चाहिये।मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ हरियाणा की हार से साफ़ है जीता हुआ चुनाव हारने में कांग्रेस को फिसलता हुआ चुनाव जीतने में बीजेपी को महारथ हासिल है।कांग्रेस ये तो बीजेपी से सीख ले।
— विनोद अग्निहोत्री Vinod Agnihotri (@VinodAgnihotri7) October 9, 2024
बैठक के बाद कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग से उन वोटिंग मशीनों को सील करने की मांग की है, जिनके खिलाफ उन्होंने शिकायत दर्ज कराई है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और चुनाव के नतीजों पर आपत्ति जताई है। बैठक के बाद कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग से उन वोटिंग मशीनों को सील करने की मांग की है, जिनके खिलाफ उन्होंने शिकायत दर्ज कराई है।
उन्होंने 20 निर्वाचन क्षेत्रों में कथित अनियमितताओं से संबंधित दस्तावेज जमा किए हैं और इन्हें मीडिया में जारी करने की योजना है। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपने विचार व्यक्त किये।
उन्होंने एक्स पर लिखा, कांग्रेस को न तो जीत पचती है और न ही उसे हार हजम करना आता है। लोकसभा चुनाव में 99 सीटें जीतने पर वह ऐसे पेश आ रही थी, जैसे 299 सीटें जीतने के बाद भी उसे सरकार बनाने नहीं दिया गया और अब हरियाणा में 37 सीटें पाने पर वह अपनी गलतियों पर गौर करने के बजाय चुनाव आयोग को दोष दे रही है।
आपको बता दें, बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में 90 में से 48 सीटों पर प्रचंड बहुमत हासिल की है। वहीं, दस साल से सत्ता में रही बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाने में नाकाम रही कांग्रेस 37 सीटें जीत पाई है। इसके अलावा इनेलो ने 2 सीटें जीतीं हैं।
कांग्रेस को न तो जीत पचती है और न ही उसे हार हजम करना आता है। लोकसभा चुनाव में 99 सीटें जीतने पर वह ऐसे पेश आ रही थी, जैसे 299 सीटें जीतने के बाद भी उसे सरकार बनाने नहीं दिया गया और अब हरियाणा में 37 सीटें पाने पर वह अपनी गलतियों पर गौर करने के बजाय चुनाव आयोग को दोष दे रही है। https://t.co/ad5Tld4USO
— Rajeev Sachan (@RajeevKSachan) October 9, 2024
उन्होंने टाटा समूह का दायरा दुनिया भर में फैलाया। उनके दौर में ही विदेश से होने वाली आय ने समूह के भारतीय कारोबार से होने वाले योगदान को पीछे छोड़ा।
टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे 86 साल के थे। दो दिन पहले मीडिया में उनके बीमार होने की खबर आई थी, हालांकि उन्होंने एक पोस्ट में कहा था कि वे ठीक हैं और चिंता की कोई बात नहीं है। 28 दिसंबर 1937 को नवल और सूनू टाटा के घर जन्मे रतन टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा के परपोते थे।
उनके निधन पर पत्रकार प्रणव सिरोही ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और उन्हें याद किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, भारतीय उद्यमों को नई आकांक्षाओं के पंख लगाने वाले नवोन्मेषी उद्यमी रतन नवल टाटा को अंतिम नमन। उपलब्धियों का अंबार लगाकर वह एक समृद्ध विरासत पीछे छोड़ गए।
भारतीय उद्योग जगत सदैव उनका ऋणी रहेगा। उन्होंने टाटा समूह का दायरा दुनिया भर में फैलाया। उनके दौर में ही विदेश से होने वाली आय ने समूह के भारतीय कारोबार से होने वाले योगदान को पीछे छोड़ा। मध्य वर्ग के लिए लखटकिया कार का सपना पूरा करने के लिए बहुत कुछ दांव पर लगा दिया।
दिग्गज टी ब्रांड टेटली से लेकर भीमकाय स्टील कंपनी कोरस स्टील का सफल अधिग्रहण किया, जबकि कोरस उस समय दुनिया की दस सबसे बड़ी स्टील कंपनियों में शामिल थी। (शायद छठी सबसे बड़ी थी) उनके दौर में ही आइकॉनिक ब्रिटिश आटो ब्रांड जगुआर लैंड रोवर-जेएलआर का भी अधिग्रहण टाटा मोटर्स ने किया।
एविएशन इंडस्ट्री से दोबारा समूह को जोड़ा। पहले एयर एशिया के साथ और फिर सिंगापुर एयरलाइंस के साथ विस्तारा शुरू की। और अंततः एयर इंडिया के अधिग्रहण में भी सफल रहे। जो कभी टाटा का ही हिस्सा थी। तनिष्क से लेकर टाइटन और टीसीएस से लेकर ट्रेंट। फैशन, रिटेल और आइटी क्रांति के अगुआ बने।
नए दौर के उद्यमों में बिग बास्केट से लेकर टाटा 1mg और अर्बन लैडर में निवेश कर भविष्य को साधने की दिशा में कदम बढ़ाए। टाटा संस में सबसे बड़े एकल अंशधारक परिवार से साइरस मिस्त्री को पहले अपना उत्तराधिकारी बनाया और फिर हटाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। और एन. चंद्रशेखरन के रूप में पहली बार किसी पेशेवर को टाटा समूह का चेयरमैन बनाया। आप जहां रहोगे, उस जहान को रोशन ही करोगे सर। विनम्र श्रद्धांजलि।
भारतीय उद्यमों को नई आकांक्षाओं के पंख लगाने वाले नवोन्मेषी उद्यमी रतन नवल टाटा को अंतिम नमन। उपलब्धियों का अंबार लगाकर वह एक समृद्ध विरासत पीछे छोड़ गए। भारतीय उद्योग जगत सदैव उनका ऋणी रहेगा।
— Pranav Sirohi (@pranavsirohi) October 9, 2024
----------------
- उन्होंने टाटा समूह का दायरा दुनिया भर में फैलाया। उनके दौर में ही… pic.twitter.com/PMonlgUIiV
भारत के महान उद्योगपति रतन टाटा अनंत यात्रा पर निकल गए। देश की औद्योगिक क्रांति के जनक। देश की अर्थव्यवस्था के आधार स्तंभ। कार्यदक्षता के साथ पेशेवर ईमानदारी।
दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार रात निधन हो गया है। 86 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई के अस्पताल में अंतिम सांस ली। लोग उन्हें यादकर भावुक हो रहे हैं और उनकी उपलब्धियों, उनके व्यक्तित्व को याद कर रहे हैं। दुनिया के कई जाने-माने दिग्गज उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश मिश्रा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और रतन टाटा को याद किया। उन्होंने लिखा, भारत के महान उद्योगपति रतन टाटा अनंत यात्रा पर निकल गए। देश की औद्योगिक क्रांति के जनक। देश की अर्थव्यवस्था के आधार स्तंभ।
कार्यदक्षता के साथ पेशेवर ईमानदारी। अतिशय विनम्रता। शालीनता और सादगी। प्रेम और करुणा से भरे हुए। बेमिसाल व्यक्तित्व।आज के नए अरबपति भले हो रतन टाटा के रास्तों से नही गुजरते लेकिन इस देश में भरोसे का दूसरा नाम टाटा है। सड़क पर टाटा ट्रक और खाने में भी टाटा नमक।
एक भरोसा जो अपने देशवासियों को देकर गए। ऐसे महान रतन टाटा को अलविदा। आप संयुक्त इतिहास का हिस्सा रहेंगे। आपके जाने के बाद आपकी कहानियां बच्चे सुनेगे। हम जैसे पत्रकार आपको एक बेहतर इंसान बताएंगे जो दूसरों से बहुत अलग था। हम सब आपसे प्यार करते हैं। अलविदा। टाटा। आपको बता दें, देश और दुनिया के कई उद्योगपतियों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
भारत के महान उद्योगपति रतन टाटा अनंत यात्रा पर निकल गए।
— Brajesh Misra (@brajeshlive) October 9, 2024
देश की औद्योगिक क्रांति के जनक। देश की अर्थव्यवस्था के आधार स्तंभ। कार्यदक्षता के साथ पेशेवर ईमानदारी। अतिशय विनम्रता। शालीनता और सादगी। प्रेम और करुणा से भरे हुए। बेमिसाल व्यक्तित्व।
आज के नए अरबपति भले हो रतन टाटा के… pic.twitter.com/CIykxBI1Z2
यही कारण है की मुख्य धारा का मीडिया भी इनकी रिपोर्ट्स की वजह से सवालों के दायरे में है। चुनावी सर्वे और एग्जिट पोल दुनिया भर में होते हैं।
हरियाणा में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत और जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस को बढ़त देने वाले एग्जिट पोल एक बार फिर मतदाताओं की नब्ज टटोलने में विफल रहे। बीते लोकसभा चुनाव में भी इनके अनुमान फेल साबित हुए थे। लगभग सभी एग्जिट पोल ने 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस को 50 से अधिक सीटें मिलने का अनुमान लगाया था और भाजपा के लिए 30 का आंकड़ा भी पार करना मुश्किल लग रहा था।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश मिश्रा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की है और सर्वे एजेंसियों को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, जनता सबकी अकड़ निकाल देती है। नीरज जी, आप सच के नजदीक पहुंचे। पत्रकारों का यही दायित्व होता है की जन भावनाओं का विश्लेषण जमीनी सच्चाई पर करें।
पिछले कुछ वर्षों में चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी सर्वे एजेंसियों ने अपनी विश्वसनीयता को लगभग ख़त्म कर लिया है। यही कारण है की मुख्य धारा का मीडिया भी इनकी रिपोर्ट्स की वजह से सवालों के दायरे में है। चुनावी सर्वे और एग्जिट पोल दुनिया भर में होते हैं।
लेकिन उसकी अपनी वैज्ञानिक पद्धति है। पहले वो परिणाम के नजदीक होते थे पर अब उल्टा हो रहा है। आपको बता दें, इस साल की शुरुआत में, कई एग्जिट पोल ने लोकसभा चुनावों में भाजपा की भारी जीत की भविष्यवाणी की थी, जिसमें सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी को 543 सदस्यीय सदन में 350 से अधिक सीटें दी गई थीं। कुछ ने तो 400 के पार जाने की भी भविष्यवाणी की थी लेकिन परिणाम इसके विपरीत थे।
जनता सबकी अकड़ निकाल देती है।
— Brajesh Misra (@brajeshlive) October 8, 2024
नीरज जी, आप सच के नजदीक पहुंचे। पत्रकारों का यही दायित्व होता है की जन भावनाओं का विश्लेषण जमीनी सच्चाई पर करें।
पिछले कुछ वर्षों में चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी सर्वे एजेंसियों ने अपनी विश्वसनीयता को लगभग ख़त्म कर लिया है।
यही कारण है की मुख्य… https://t.co/jxWTj923e6