नवाज मोदी सिंघानिया ने रेमंड लिमिटेड के निदेशक पद से दिया इस्तीफा

नवाज़ एक पेशेवर फिटनेस ट्रेनर हैं जो दक्षिण मुंबई में एक जिम का प्रबंधन करती हैं। उन्होंने हाल ही में 'पॉज़, रिवाइंड: नेचुरल एंटी-एजिंग टेक्निक्स' नाम से एक किताब लिखी है।

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Thursday, 20 March, 2025
nawazmodi


रेमंड लिमिटेड कंपनी के बोर्ड में निदेशक पद से नवाज मोदी सिंघानिया के इस्तीफे की घोषणा की है। इस्तीफा 19 मार्च, 2025 से प्रभावी हुआ है। सिंघानिया ने अपने एग्जिट मेल में लिखा, व्यक्तिगत कारणों से, मैं तत्काल प्रभाव से रेमंड लिमिटेड के निदेशक के रूप में अपना इस्तीफा देती हूं।

मैं अपने कार्यकाल के दौरान यादगार सहयोग और मेरे पूरे कार्यकाल में मेरा समर्थन करने के लिए निदेशक मंडल की आभारी हूं। नवाज़ एक पेशेवर फिटनेस ट्रेनर हैं जो दक्षिण मुंबई में एक जिम का प्रबंधन करती हैं। उन्होंने हाल ही में 'पॉज़, रिवाइंड: नेचुरल एंटी-एजिंग टेक्निक्स' नाम से एक किताब लिखी है।

उनके इस्तीफे पर टिप्पणी करते हुए, रेमंड लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, गौतम सिंघानिया ने कहा, हम वर्षों से बोर्ड सदस्य के रूप में उनकी सेवाओं के लिए नवाज मोदी सिंघानिया को धन्यवाद देते हैं। बता दें, नवाज गौतम सिंघानिया की पूर्व पत्नी हैं। शादी के 32 साल बाद गौतम ने 2023 में एक्स पर सार्वजनिक रूप से अलग होने की घोषणा की थी। उनके पास रेमंड के 2,550 शेयर हैं, जिनकी कुल कीमत करीब 36 लाख आंकी गई है।

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फेसबुक की घटती सांस्कृतिक प्रासंगिकता को लेकर चिंतित थे जुकरबर्ग, ई-मेल से हुआ खुलासा

सोशल मीडिया की दुनिया में दबदबा रखने वाले फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने खुद एक समय इस प्लेटफॉर्म की गिरती सांस्कृतिक पहचान को लेकर गहरी चिंता जताई थी।

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Saturday, 19 April, 2025
MarkZukerberg7854

सोशल मीडिया की दुनिया में दबदबा रखने वाले फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने खुद एक समय इस प्लेटफॉर्म की गिरती सांस्कृतिक पहचान को लेकर गहरी चिंता जताई थी। यह खुलासा उस वक्त हुआ जब अमेरिकी एंटीट्रस्ट केस के दौरान अप्रैल 2022 में हुए उनके और फेसबुक हेड टॉम एलिसन के बीच के ई-मेल कोर्ट में पेश किए गए।

इन आंतरिक संवादों के मुताबिक, जुकरबर्ग ने कहा था कि "भले ही कई क्षेत्रों में फेसबुक ऐप का एंगेजमेंट स्थिर है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि इसकी सांस्कृतिक प्रासंगिकता बहुत तेजी से घट रही है, और मुझे डर है कि यह भविष्य में आने वाली गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकता है।"

फेसबुक की मूल पहचान को लेकर जताई गई यह चिंता उस समय सामने आई जब मेटा पर इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप के अधिग्रहण को लेकर फेडरल ट्रेड कमीशन ने कोर्ट में गैरकानूनी करार देते हुए केस दायर किया है। इस केस में जुकरबर्ग और एलिसन के बीच हुए कई ईमेल प्रस्तुत किए गए, जिनसे यह स्पष्ट होता है कि कंपनी के भीतर फेसबुक की दिशा को लेकर गहरी मंथन चल रही थी।

जुकरबर्ग ने अपने ईमेल में इस बात पर भी जोर दिया कि भले ही इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अगर फेसबुक की प्रासंगिकता कम होती रही, तो मेटा की सफलता अधूरी रह जाएगी। उन्होंने फेसबुक के फ्रेंडिंग फीचर की गिरती लोकप्रियता की ओर इशारा करते हुए लिखा था कि "लोगों का फ्रेंड ग्राफ़ अब उन लोगों से नहीं भरा होता जिनसे वे वास्तव में जुड़ना चाहते हैं।"

इस बातचीत में जुकरबर्ग ने यह भी स्वीकार किया कि आज के समय में यूजर्स की प्राथमिकता 'फ्रेंडिंग' की तुलना में 'फॉलोइंग' की ओर ज्यादा है- चाहे वह फेसबुक हो, इंस्टाग्राम हो या ट्विटर (अब X)। इस बदलाव को देखते हुए उन्होंने फेसबुक को फिर से प्रासंगिक बनाने के लिए तीन विकल्प सुझाए, जिनमें से एक आइडिया इतना कट्टर था कि उसमें यूज़र्स के पूरे फ्रेंड ग्राफ को मिटाकर उन्हें एकदम नए सिरे से शुरू करवाने की बात थी।

जवाब में फेसबुक ने अपने प्लेटफॉर्म पर ‘कम्युनिटीज’ और ‘ग्रुप्स’ को फिर से केंद्र में लाना शुरू किया। जुकरबर्ग ने अपने मेल में इस दिशा में सकारात्मक रुख जताते हुए कहा था कि "मैं कम्युनिटी मैसेजिंग को लेकर काफी उत्साहित हूं, लेकिन लंबे समय से चल रहे ग्रुप्स को लेकर यह नहीं कह सकता कि उन्हें हम और कितना आगे बढ़ा पाएंगे।"

गौरतलब है कि ये ईमेल उस समय के हैं जब फेसबुक ने 'रील्स' फीचर को लॉन्च किया ही था- एक ऐसा प्रयास जो प्लेटफॉर्म को युवा यूजर्स के बीच दोबारा लोकप्रिय बनाने की दिशा में उठाया गया कदम था। 

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पीएम मोदी मुर्शिदाबाद क्यों नहीं जा सकते: राजीव सचान

गांवों और विभिन्न स्थानों पर केंद्रीय बलों को तैनात किया गया है। विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर नजर रखी गई है। 1093 फर्जी अकाउंट की पहचान की गई है।

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Wednesday, 16 April, 2025
rajeevksachan

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में बीते दिनों जमकर हिंसा हुई। वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन देखने को मिले थे जिसमें कम से कम 3 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान का कहना है कि पीएम मोदी को हिंसा पीड़ितों से मिलने जाना चाहिए।

उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर लिखा, यदि गुजरात दंगा पीड़ितों से मिलने वाजपेयी जा सकते हैं और मुजफ्फरनगर दंगा पीडितों से मिलने मनमोहन सिंह तो मुर्शिदाबाद की हिंसा के शिकार लोगों से मिलने पीएम मोदी क्यों नहीं जा सकते? मुर्शिदाबाद की हिंसा वैसे भी दंगा नहीं, अगस्त 1946 के डायरेक्ट एक्शन डे जैसी बर्बरता है।

आपको बता दें, मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन काननू को लेकर हिंसा की किसी घटना को रोकने के लिए जंगीपुर, धुलियान, सुती और शमशेरगंज में BSF, CRPF, राज्य सशस्त्र पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को बड़ी संख्या में तैनात किया गया है।

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वक्फ कानून पर हिंसा लोकतंत्र और संविधान दोनों के लिए गंभीर : डॉ. सुधांशु त्रिवेदी

हम यह दोहराना चाहते हैं कि 73वें और 74वें संविधान संशोधन के बाद केंद्र, राज्य और ज़िला, तीनों स्तर की सरकारों की शक्तियाँ संविधान द्वारा परिभाषित हैं।

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Tuesday, 15 April, 2025
bangal

वक्फ कानून के खिलाफ हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। केंद्र सरकार भी इस मामले को लेकर काफी गंभीर है। वही बीजेपी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि वक्फ कानून पर हिंसा लोकतंत्र और संविधान दोनों के लिए गंभीर है। 

उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, समस्त संवैधानिक प्रक्रियाओं को पूर्ण करने के बाद बने संशोधित कानून के विरुद्ध जिस प्रकार की अनर्गल, चित्र-विचित्र बातें विपक्षी गठबंधन की सरकारों और नेताओं द्वारा की जा रही हैं, वह अत्यंत चिंताजनक है।

यदि कर्नाटक के मंत्री यह कहते हैं कि वे इस कानून को लागू नहीं करेंगे, यदि पश्चिम बंगाल में इसी प्रकार की बातें उठ रही हैं, और झारखंड के एक मंत्री यहाँ तक कह देते हैं कि उनके लिए संविधान से ऊपर शरिया है तो यह स्थिति लोकतंत्र और संविधान दोनों के लिए गंभीर खतरे की घंटी है। 

मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूँ कि देश की जनता की आँखें अब खुल चुकी हैं। उन्होंने देख लिया है कि यदि ऐसे लोगों के हाथों में सत्ता रही, तो भारत का संविधान खतरे में पड़ सकता है। हम यह दोहराना चाहते हैं कि 73वें और 74वें संविधान संशोधन के बाद केंद्र, राज्य और ज़िला, तीनों स्तर की सरकारों की शक्तियाँ संविधान द्वारा परिभाषित हैं। 

कोई भी ज़िला पंचायत राज्य विधानसभा से पारित कानून की सीमाओं से बाहर नहीं जा सकती, और कोई राज्य सरकार केंद्र सरकार द्वारा पारित कानून को नकार नहीं सकती। ऐसे में यदि कोई नेता या सरकार इस प्रकार की बातें करते हैं, तो इसका सीधा अर्थ है कि वे संविधान को जेब में रखते हैं।

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दिल्ली के प्राइवेट स्कूल अब धंधा बन गए हैं : राणा यशवंत

दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी और पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के कामकाज पर सवाल उठाए।

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Tuesday, 15 April, 2025
ranayashwant

दिल्ली में पिछले कुछ सालों में प्राइवेट स्कूलों में हुई फीस की बढ़ोत्तरी को लेकर बवाल मचा हुआ है। कई अभिभावक स्कूलों की मनमानी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि एसडीएम के नेतृत्व में एक जांच कमेटी बनाई गई है, जो प्राइवेट स्कूलों का ऑडिट करेगी।

इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत का कहना है कि प्राइवेट स्कूल अब धंधा बन गए है। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, प्राइवेट स्कूल धंधा हैं। धंधा का मतलब लूट, अन्याय, अराजकता और अंधेरगर्दी। फीस बढ़ गई। दे दो वरना अपना बच्चा वापस लो। किताब हर साल नई और महंगी होगी। ख़रीदो वरना बच्चा वापस ले जाओ।

यूनिफार्म सस्ती मिल रही है तो क्या हुआ, जहाँ से कहा जा रहा है, वहीं से लो वरना बच्चा वापस बुला लो। माता पिता अपनी जरूरतों और कमाई की लड़ाई निपटाने में हलकान हैं और ये प्राइवेट स्कूल वालों से नींद अलग हराम है। आपको बता दें, दिल्ली में शिक्षा पर सरकार अच्छा-खासा अमाउंट खर्च करती है।

दिल्ली के ओवरऑल बजट की बात करें तो इसमें 21% हिस्सेदारी शिक्षा विभाग की है। पूरे देश की बात करें तो शिक्षा पर कुल खर्च पिछले कुछ सालों में 12 प्रतिशत की दर से बढ़ा है।

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दक्षिण 24 परगना में तनाव : सौरव शर्मा ने सीएम को लेकर कही ये बड़ी बात

इससे पहले शुक्रवार और शनिवार को वक्फ (संशोधन) कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद के सुती, धुलियान और जंगीपुर जैसे इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी।

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Tuesday, 15 April, 2025
sauravsharma

पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ भड़की हिंसा के बाद तनाव का माहौल फैला हुआ है। भाजपा लगातार सीएम ममता बनर्जी पर हिंसा को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगा रही है। वहीं, अब राज्य के दक्षिण 24 परगना में भी तनाव की स्थिति देखने को मिली है। इस बीच पत्रकार और एंकर सौरव शर्मा ने अपने सोशल मीडिया से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की।

उन्होंने एक्स पर लिखा कि सामने मुसलमान हैं तो ममता बनर्जी की सरकार कोई एक्शन नहीं लेंगी। उन्हें पता है कि सरकार में रहने के लिए उन्हें मुसलमान वोट के साथ हिंदुओं का सिर्फ 10-15 पर्सेंट वोट चाहिए,वो मिल ही जाएगा। जब कोई ये सोचता है की मैं हार ही नहीं सकता तो वो किसी की बात क्यों सुनेगा। हार का डर ज़रूरी है।

आपको बता दें, दक्षिण-24 परगना में स्थिति को संभालने के लिए कई अधिकारियों समेत भारी संख्या में पुलिसबल को तैनात किया गया है। भांगर के साथ ही इसके आस-पास के इलाकों में हाई अलर्ट जारी किया गया। इसके कुछ देर बाद प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया गया।

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हिमाचल के अतिरिक्त महाधिवक्ता बने शिवेंद्र द्विवेदी : भूपेंद्र चौबे ने दी बधाई

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने बनारस के शिवेंद्र द्विवेदी को सर्वोच्च न्यायालय में अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया है। शिवेंद्र के पास 20 साल से अधिक का वकालत का अनुभव है।

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Tuesday, 15 April, 2025
bhupendra

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने बनारस के रामापुरा निवासी शिवेंद्र द्विवेदी को सर्वोच्च न्यायालय में हिमाचल प्रदेश के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया है। शिवेंद्र द्विवेदी के पास दो दशकों से अधिक वकालत का अनुभव है। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार भूपेंद्र चौबे ने सोशल मीडिया से एक पोस्ट कर शिवेंद्र द्विवेदी को बधाई दी है।

उन्होने एक्स पर लिखा, दिल्ली के सबसे बेहतरीन वकीलों में से एक को हिमाचल राज्य के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में नियुक्त किया जाता है। उभरते सितारे को शुभकामनाएं। आपको बता दें, दो दशकों के अभ्यास के साथ, द्विवेदी ने नागरिक और आपराधिक मुकदमेबाजी, विवाद समाधान और वाणिज्यिक मामलों में व्यापक काम किया है। वह बार काउंसिल ऑफ इंडिया और सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट के बार एसोसिएशन के सदस्य हैं।

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राष्ट्रपति पर सुप्रीम कोर्ट सख्त : अवधेश कुमार ने कही ये बड़ी बात

कोर्ट ने उल्लेख किया कि सरकारिया आयोग ने इस विषय की ओर संकेत किया था और सिफारिश की थी कि अनुच्छेद 201 के अंतर्गत संदर्भों के शीघ्र निस्तारण के लिए निश्चित समयसीमा हो।

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Monday, 14 April, 2025
avdheshkumar

राज्य विधानसभाओं के विधेयकों पर राज्यपालों को कार्रवाई के लिए समयसीमा तय करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार निर्देश दिया कि राष्ट्रपति को ऐसे विधेयकों पर, राज्यपालों से प्राप्त होने की तारीख से तीन महीने के भीतर फैसला लेना होगा। इस मसले पर वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।

उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, जो सुप्रीम कोर्ट स्वयं वर्षों तक मामले लटकाए रखता है और फैसला नहीं देता है वह राज्यपाल तो छोड़िए राष्ट्रपति को आदेश दे रहा है कि आप विधेयकों पर 3 महीने में फैसला कर दीजिए। दो माननीय न्यायाधीशों जेबी पार्डीवाला और आर महादेवन ने ऐसा करते हुए संसदीय लोकतंत्र में निहित लक्ष्मण रेखा को लांघा है, अपने अधिकारों का अतिक्रमण किया है।

अगर सुप्रीम कोर्ट विधेयकों को मंजूरी देने लगे तो फिर राज्यपाल और राष्ट्रपति की आवश्यकता ही नहीं रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को यदि उच्चतम न्यायालय की सर्वोच्चता का भान कराना है तो राष्ट्रपति के भी सर्वोच्चता गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। यह उन विधेयकों में ऐसा क्या है जिसके लिए राज्यपाल ने राष्ट्रपति तक के पास भेजा?

आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने, तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि द्वारा 10 विधेयकों को राष्ट्रपति के विचारार्थ सुरक्षित रखने की कार्रवाई को अवैध और त्रुटिपूर्ण ठहराया है। जबकि वे विधेयक पहले ही राज्य विधानसभा द्वारा पुनर्विचारित किए जा चुके थे।

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जियो हॉटस्टार की पहल : रामनवमी पर अमिताभ बच्चन सुनाएंगे रामकथा

इसके साथ ही कैलाश खेर और मालिनी अवस्थी जैसे कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी जियो हॉटस्टार पर लाइव दिखाई जाएंगी।

Last Modified:
Saturday, 05 April, 2025
amitabh

इस साल राम नवमी के शुभ अवसर पर, जियो हॉटस्टार और बॉलीवुड मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने मिलकर एक खास पहल की है। यह साझेदारी राम नवमी समारोह को लाखों लोगों तक पहुंचाने के लिए की गई है। जियो हॉटस्टार के माध्यम से देशभर के दर्शक भगवान श्रीराम की कथा को सुनेगे।

जियोहॉटस्टार ने एक वीडियो पोस्ट किया है। वीडिया में अमिताभ बच्चन कहते हैं, युगों-युगों से इस धरती पर, कितने जन्में, कितने आये, उन सभी में बस एक वही क्यों ‘मर्यादा पुरषोत्तम’ कहलाये। इस रामनवमी पर आप सबके सामने राम कथा प्रस्तुत करने का अवसर मुझे दिया गया है।

अमिताभ ने आगे कहा, भगवान श्री राम के जन्मोत्सव का सबसे भव्य उत्सव रामनवमी आरती आप देख सकते हैं लाइव 6 अप्रैल को सुबह 8 बजे से दिनभर जियो हॉटस्टार पर। लाइव स्‍ट्रीमिंग में अयोध्या में की जाने वाली विशेष पूजा, मंदिरों में पवित्र अनुष्ठान, भद्राचलम, पंचवटी, चित्रकूट और आरती की स्‍ट्रीमिंग भी होगी।

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राहुल गांधी का नया एक्शन प्लान : आलोक मेहता ने कही ये बड़ी बात

कांग्रेस संगठन की मजबूती के लिए राहुल गांधी का नया एक्शन प्लान आया है। जिसके तहत कांग्रेस अब प्रोफेशनल नेताओं की नई खेप तैयार करेगी।

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Saturday, 05 April, 2025
rahulgandhi

कांग्रेस संगठन की मजबूती के लिए राहुल गांधी का नया एक्शन प्लान आया है। जिसके तहत कांग्रेस अब प्रोफेशनल नेताओं की नई खेप तैयार करेगी। फैलोशिप प्रोग्राम के जरिए नए नेताओं की फौज खड़ी करेंगे। प्रोग्राम के तहत हर साल देशभर से 50 पेशेवर लोगों का चयन होगा। इस मामले पर पद्मश्री आलोक मेहता ने भी सोशल मीडिया से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने एक्स पर लिखा, आवेदक कृपया पुराना रिकॉर्ड देख लें। 

मिलिंद देवड़ा, जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कैसा व्यवहार राहुल राज में हुआ ? युवा प्रोफेशनल और वफ़ादारों को किनारे किसने किया और घोटालेबाजों को महत्व मिला। शशि थरूर तो प्रोफेशनल भी हैं और चार चुनाव जीते। मनीष तिवारी तो नामी विधिवेत्ता और चुनावों में जीते। लेकिन क्या राहुल गांधी ने उनको पार्टी अध्यक्ष या उपाध्यक्ष बनाया? गौरव वल्लभ मैनेजमेंट गुरु हैं। उनको पार्टी क्यों छोड़नी पड़ी? राज्यों में तो हाल और बुरा है। 

आपको बता दें, पूर्व पीएम डॉ.मनमोहन सिंह के नाम से फैलोशिप प्रोग्राम लॉन्च किया गया है। 10 साल के प्रोफेशनल काम का अनुभव रखने वाले लोग आवेदन कर सकेंगे। टॉप लीडर का एक पैनल पेशेवर लोगों का चयन करेगा।

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इस मामले पर बोले राहुल शिवशंकर- बीजेपी के लिए कोई भी पार्टी से ऊपर नहीं

मिशन 2026 के लिए अन्नामलाई का बलिदान आपको बताता है कि भाजपा की चुनावी सफलता का एक कारण इस सिद्धांत का निर्मम पालन है कि कोई भी पार्टी से ऊपर नहीं है।

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Saturday, 05 April, 2025
rahulshivshankar

तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष बदले जाने की चर्चा पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने ही मुहर लगा दी है। कोयम्बटूर में मीडिया से बातचीत में अन्नामलाई ने कहा कि नए अध्यक्ष के चयन की रेस में वे नहीं है और नए अध्यक्ष का चुनाव सभी नेता मिलकर एक मत से करेंगे।

इस जानकारी के सामने सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होने एक्स पर लिखा, मिशन 2026 के लिए अन्नामलाई का बलिदान आपको बताता है कि भाजपा की चुनावी सफलता का एक कारण इस सिद्धांत का निर्मम पालन है कि कोई भी पार्टी से ऊपर नहीं है। क्या सहमत है?

आपको बता दें, अध्यक्ष पद के लिए फिलहाल थेवर जाति से आने वाले नयनार नागेन्द्रन, दलित नेता और केंद्रीय मंत्री L मुरुगन और नाडार जाति से आने वाली तमिलइसई सौन्दरराजन के नाम की चर्चा चल रही है।

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