मेलबर्न में हमारी क्रिकेट हार पर बहुत सारे पोस्टमॉर्टम पढ़ रहा हूं। यह निराशाजनक है। अगर हमने कल कैच पकड़ लिए होते तो शायद हम शानदार जीत भी हासिल कर लेते।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो
ऑस्ट्रेलिया ने मेलबर्न टेस्ट 184 रनों से जीतकर 5 मैच की बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली है। दूसरी पारी में भारत 155 रन पर ढेर हुआ।जीत के लिए मेजबानों ने भारत के आगे 340 रनों का टारगेट रखा था, इस स्कोर के आगे टीम इंडिया 155 रनों पर सिमट गई। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ऑस्ट्रेलियाई को उनके घरेलू मैदान पर हराना आसान नहीं होता।
उन्होंने अपने एक्स हैंडल से की गई एक पोस्ट में लिखा, मेलबर्न में हमारी क्रिकेट हार पर बहुत सारे पोस्टमॉर्टम पढ़ रहा हूं। यह निराशाजनक है और कौन जानता है कि अगर हमने कल कैच पकड़ लिए होते तो शायद हम शानदार जीत भी हासिल कर लेते। सच तो यह है कि अब हम लाल गेंद की तुलना में सफेद गेंद वाली टीम से कहीं बेहतर हैं।
बुमराह के रूप में खेल का सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाज है। लेकिन जुझारू ऑस्ट्रेलियाई टीम को उनके घरेलू मैदान पर हराना कभी आसान नहीं होता, खासकर तब जब आपके शीर्ष बल्लेबाज खराब फॉर्म में हों। लेकिन यह एक अजीब खेल है जो तेजी से बदल सकता है।
सिडनी में कुछ दिनों में हमारे पास एक और मौका है। अगर हम वहां जीत हासिल कर सके तो हम एक बार फिर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी बरकरार रखेंगे। और अगर हम ऐसा नहीं भी करते हैं, तो भी मैं रिकॉर्ड भीड़ के साथ एक प्रतिष्ठित खेल आयोजन देखने के लिए आभारी हूं। मैच जीते-हारे जाएंगे, क्रिकेट से रोमांस जारी रहेगा।
Am reading a lot of post mortems on our cricket loss in Melbourne. Typical fan over-reaction. Yes, it is disappointing and who knows if we held our catches yesterday, we might even have scored a remarkable come from behind win. Truth is, we are now a much better white ball than… pic.twitter.com/ssohpoJtJb
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) December 30, 2024
सेंगोट्टयन की पिछले महीने ही अमित शाह से मुलाकात हुई थी। अब सवाल उठता है -क्या 2026 में तमिलनाडु की राजनीति में DMK बनाम विजय बनाम AIADMK का त्रिकोणीय मुकाबला होगा।
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तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के निष्कासित वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री के.ए. सेंगोट्टैयन तमिलगा वेत्रि कझगम (टीवीके) में शामिल हो गए हैं। उन्हें टीवीके संस्थापक और अभिनेता से नेता बने विजय की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता दी गई।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, एक खबर जो सबका ध्यान खींच रही हैं। जहाँ कर्नाटक में कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान सुर्खियाँ बना रही है, वहीं तमिलनाडु में चुनाव से पहले बड़े राजनीतिक बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
AIADMK के 9 बार के विधायक और बड़े रणनीतिकार के. सेंगोट्टयन का अभिनेता विजय की पार्टी TVK में शामिल होना यह साफ़ संकेत है कि विजय अब राजनीति के एक अहम खिलाड़ी बन चुके हैं। दिलचस्प बात यह है कि सेंगोट्टयन की पिछले महीने ही अमित शाह से मुलाकात हुई थी।
अब सवाल उठता है -क्या 2026 में तमिलनाडु की राजनीति में DMK बनाम विजय बनाम AIADMK का त्रिकोणीय मुकाबला होगा, और भाजपा अपने विकल्प खुले रखेगी?और इससे सबसे ज़्यादा फ़ायदा किसे होगा? तमिलनाडु में अभी तक इस तरह का साफ़ तौर पर तीन-तरफ़ा चुनावी मुकाबला बहुत कम देखने को मिला है।
Story that caught the eye: while Cong power tussle in Karnataka grabs the headlines, major political moves in TN ahead of elections. With 9 time AIADMK MLA and key strategist K Sengottayan joining Vijay’s TVK, it’s clear that the actor is now an important political player.…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) November 28, 2025
कंपनी का कहना है कि इससे प्लेटफॉर्म पर पारदर्शिता बढ़ेगी। जैसे ही यह फीचर लॉन्च हुआ, कई यूजर्स हैरान रह गए। दरअसल, भारत के कई बड़े राजनीतिक अकाउंट विदेशों से ऑपरेट हो रहे हैं।
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भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि कांग्रेस विदेशी सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए भारत में गृहयुद्ध भड़काने की साजिश रच रही है। ये अकाउंट पाकिस्तान, बांग्लादेश, मलेशिया, सिंगापुर और अमेरिकी सहित अन्य देशों से चल रहे हैं वहीं कांग्रेस ने इन आरोपों का खंडन किया है। इस मुद्दे पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने भी एक टीवी डिबेट में अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने डिबेट में कहा, कांग्रेस का विदेशी कनेक्शन कुछ नया नहीं है। यह बहुत पुराना और बहुआयामी है। भारत का कौन सा बड़ा नेता है, जो कभी ऐसा नहीं होता कि मौसम बदले और वह हर एक ऋतु में एक बार विदेश न चला जाए। हर पार्लियामेंट सत्र के बाद विदेश चले जाते हैं।
क्या करने जाते हैं, यह भी बताना चाहिए। बहुत सारी चीजें रहस्यमयी हैं। अभी कुछ दिन पहले मलेशिया गए थे और लौटकर आए तो कहा कि हाइड्रोजन बम फोड़ेंगे। फिर कोलंबिया में लेक्चर देने जाते हैं। भारत में आपको कोई यूनिवर्सिटी क्यों नहीं बुलाती? बीजेपी शासित राज्य छोड़िए, कांग्रेस शासित राज्य के विश्वविद्यालय भी क्यों नहीं बुलाते?
क्या आपने कभी सुना है कि जब हम विपक्ष में थे तब भारत के विपक्ष के किसी नेता का बयान विदेश ने भारत के खिलाफ प्रयोग किया हो? पर अब पाकिस्तान ने कांग्रेस और राहुल गांधी का बयान UN में भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया है। हाफिज सईद का वीडियो है कि ये नरेंद्र मोदी और बीजेपी वाले इतना खिलाफ बोलते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने तो मुतालबा कर दिया है कि पाकिस्तान पर खामखा इल्ज़ाम लगा रहे हैं।
कांग्रेस के बारे में KGB के एक रिटायर्ड ऑफिसर ने अपनी किताब मित्रोखिन आर्काइव में यहां तक आरोप लगाया था कि कांग्रेस पार्टी को KGB से पैसा आता था। 1977 में कांग्रेस की हार के बाद क्रेमलिन में गंभीर बैठक हुई। आपको बता दें, एक्स ने हाल ही में नया फीचर शुरू किया, जिससे हर अकाउंट की लोकेशन (देश/क्षेत्र) दिखाई देने लगी है।
कंपनी का कहना है कि इससे प्लेटफॉर्म पर पारदर्शिता बढ़ेगी। जैसे ही यह फीचर लॉन्च हुआ, कई यूजर्स हैरान रह गए। उन्हें पता चला कि भारत के कई बड़े राजनीतिक अकाउंट विदेशों से ऑपरेट हो रहे हैं।
कांग्रेस का विदेशी कनेक्शन कुछ नया नहीं है। यह बहुत पुराना और बहुआयामी है ।
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) November 27, 2025
भारत का कौन सा बड़ा नेता है, जो कभी ऐसा नहीं होता कि मौसम बदले और वह हर एक ऋतु में एक बार विदेश न चला जाए। हर पार्लियामेंट सत्र के बाद विदेश चले जाते हैं। क्या करने जाते हैं, यह भी बताना चाहिए। बहुत सारी… pic.twitter.com/zUItVQMev5
निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार, मौजूदा एसआईआर प्रक्रिया के तहत बुधवार दोपहर तक पश्चिम बंगाल में छह करोड़ से अधिक गणना प्रपत्र अपलोड कर दिए गए थे।
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निर्वाचन आयोग ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मौजूदा मतदाता सूची में लगभग 26 लाख मतदाताओं के नाम 2002 की मतदाता सूची से मेल नहीं खा रहे हैं। निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार, मौजूदा एसआईआर प्रक्रिया के तहत बुधवार दोपहर तक पश्चिम बंगाल में छह करोड़ से अधिक गणना प्रपत्र अपलोड कर दिए गए थे।
इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, बंगाल में 26 लाख वोटर संदिग्ध होने के चुनाव आयोग के दावे से हड़कम मच गया है। अब सवाल ये है कि SIR कैंपेन के दौरान 2002 की वोटर लिस्ट से मैच न करने वाले 26 लाख नामों का क्या होगा?
क्योंकि ये दावा BJP का नहीं बल्कि चुनाव आयोग का है। हालाकि ECI का कहना है कि सभी नामों की दस्तावेज़-आधारित जांच होगी। उधर ममता बनर्जी SIR अभियान के खिलाफ विरोध कर रही हैं, जबकि SIR के बाद बंगाल के सीमा क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोगों के बांग्लादेश लौटने की खबरें सामने आ रही हैं।
अब बड़ी बात ये है कि क्या SIR बंगाल की राजनीति में बड़ा भूचाल साबित होगा? आपको बता दें, शुरुआती निष्कर्षों से पता चलता है कि पश्चिम बंगाल में लगभग 26 लाख मतदाताओं के नामों का मिलान अब भी पिछले एसआईआर चक्र के आंकड़ों से नहीं किया जा सका है।
बंगाल में 26 लाख वोटर संदिग्ध होने के चुनाव आयोग के दावे से हड़कम मच गया है. अब सवाल ये है कि SIR कैंपेन के दौरान 2002 की वोटर लिस्ट से मैच न करने वाले 26 लाख नामों का क्या होगा? क्योंकि ये दावा BJP का नहीं बल्कि चुनाव आयोग का है. हालाकि ECI का कहना है कि सभी नामों की…
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) November 27, 2025
इंडिया गेट पर प्रदूषण विरोध प्रदर्शन के दौरान अचानक नक्सल समर्थक नारे लगे। वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने युवाओं की सोच और दिशा पर कड़े सवाल उठाए।
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राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के खिलाफ चल रहे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन ने अचानक एक विवादित मोड़ ले लिया, जब इंडिया गेट के पास जुटे कुछ युवाओं ने नक्सलियों के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी। प्रोटेस्ट का मुद्दा प्रदूषण था, लेकिन माहौल अचानक बदल गया और भीड़ में से ‘लाल सलाम’ तथा ‘जितने हिडमा मारोगे, हर घर से हिडमा निकलेगा’ जैसे नारे गूंजने लगे।
नक्सली कमांडर हिडमा के समर्थन में उठी इस आवाज़ ने सुरक्षा एजेंसियों से लेकर सामाजिक हलकों तक चिंता बढ़ा दी है। इस घटना पर वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने एक्स पर कड़ा रिएक्शन देते हुए कहा कि इन युवाओं को परिवार ने पढ़ने भेजा था ताकि वे समाज और देश के काम आएं, लेकिन वे गलत दिशा में भटक गए हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि दिल्ली के प्रदूषण का नक्सली हिडमा के मारे जाने से क्या संबंध? क्या ये युवा उसे हीरो मानते हैं? उन्होंने आगे लिखा कि अगर नक्सलवाद इतनी अच्छी व्यवस्था देता है, तो इन लोगों को पहले बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में जाकर देखना चाहिए।
राणा यशवंत ने कहा कि किसी भी विचारधारा का समर्थन करना व्यक्तिगत स्वतंत्रता है, लेकिन खून-खराबे और हिंसा वाली राह को सही मानना इस बात का संकेत है कि युवाओं को भटका दिया गया है। घटना ने एक बड़े सवाल को जन्म दिया है -क्या कुछ युवा सोशल मीडिया और बहकावे में आकर हिंसक विचारधारा को ग्लोरिफाई करने लगे हैं?
इन सभी को माता-पिता ने पढ़ने भेजा कि काबिल बनेंगे, परिवार और देश के काम आयेंगे. लेकिन अफ़सोस कि ये दिमाग़ी तौर पर ही बीमार निकले.
— Rana Yashwant (@RanaYashwant1) November 24, 2025
- दिल्ली में प्रदूषण का दुर्दांत नक्सली हिडमा को मारे जाने से क्या लेना देना?
- क्या इनके लिए हिडमा हीरो है? फिर तो बड़ा सवाल है!
- उसके लिए छाती… pic.twitter.com/699ZG1fXfC
यशस्वी ने 97 गेंदों का सामना किया और 58 रन बनाए। उनके बल्ले से 7 चौके और 1 छक्का निकला। उनकी स्ट्राइक रेट 59.79 की रही। मार्को यानसन ने सबसे ज्यादा 6 विकेट चटकाए।
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दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम ने गुवाहाटी में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में अपनी स्थिति बेहद मजबूत कर ली है। तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक उनकी बढ़त 314 रनों की हो गई है। भारत की पहली पारी 489 रन के जवाब में केवल 201 रन पर समाप्त हो गईं। जवाब में स्टंप्स तक दक्षिण अफ्रीका ने अपनी दूसरी पारी में 26 रन बना लिए थे।
इस बीच वरिष्ठ खेल पत्रकार विक्रांत गुप्ता ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय दी। उन्होंने लिखा, दक्षिण अफ्रीका की बढ़त 314 रन की हो गई है। तकनीकी तौर पर मैच में अभी दो दिन बचे हैं। हर दिन खराब रोशनी (Bad Light) के कारण अगर 10–12 ओवर निकल भी जाएँ, तो मेरा मानना है कि बावुमा शायद कल लंच से लगभग एक घंटा पहले भारत को बल्लेबाज़ी के लिए भेज देंगे।
शायद वे 314 की बढ़त में लगभग 160–170 रन और जोड़कर भारत को करीब 480–490 रन का लक्ष्य देंगे जो कि लगभग 120 ओवरों में हासिल करना होगा। आपकी क्या राय है? आपको बता दें, भारत ने दूसरे दिन 9 रन से आगे खेलना शुरू किया और टीम का कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल पाया। भारत की पारी 201 रन पर समाप्त हो गईं।
South Africa lead by 314 runs, technically two days left. And if you take out 10-12 overs to bad light each day, I suppose Bavuma would look at putting India in an hour before lunch tomorrow- maybe try and add 160-170 to 314 and ask India about 480-490 in a possible 120 overs…
— Vikrant Gupta (@vikrantgupta73) November 24, 2025
इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने एक्स पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि आज भारतीय सिनेमा ने अपना सबसे पवित्र हृदय खो दिया है।
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भारतीय सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित और प्रिय चेहरों में से एक धर्मेंद्र अब हमारे बीच नहीं रहे। 89 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली। लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे धर्मेंद्र को कुछ दिन पहले मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत में सुधार के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था और घर पर ही उनका उपचार जारी था।
कल उनकी हालत बिगड़ी और इस महान अभिनेता ने दुनिया को अलविदा कह दिया। यह खबर सामने आते ही पूरी फिल्म इंडस्ट्री, उनके प्रशंसक और देशभर में फैले उनके चाहने वाले गहरे सदमे में डूब गए। इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने एक्स पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा - भारतीय सिनेमा ने अपना सबसे पवित्र हृदय खो दिया है।
धर्मेंद्र जी हमें धीरे से, शालीनता से छोड़कर चले गए जैसे वे जिए थे। वे बिना अहंकार की शक्ति थे, बिना शोर की प्रसिद्धि। ऐसा नायक जिसने दयालुता को वीरता बना दिया और सादगी को दिव्यता। धर्मेंद्र के निधन की खबर सुनते ही बॉलीवुड के कई सितारे, जिनमें अमिताभ बच्चन, आमिर खान, रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण, सलमान खान और अन्य बड़े नाम शामिल हैं, मुंबई के विले पार्ले स्थित पवन हंस श्मशान घाट पहुंचे और उन्हें भावभीनी विदाई दी। बेटे सनी देओल ने अपने पिता को मुखाग्नि दी और अंतिम संस्कार की सभी रस्में निभाईं।
धर्मेंद्र की आखिरी फिल्म ‘इक्कीस’ होगी। इससे पहले वे ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ में दादू की भूमिका में नजर आए थे। धर्मेंद्र भले ही दुनिया से चले गए हों, लेकिन उनकी मुस्कान, उनका सादापन और उनकी अदाकारी आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा बनकर जीवित रहेगी।
इमोशनल बैटल को लड़ते हुए भी उनकी भावुकता कम नहीं होनी चाहिए। यह काम परिवार और टीचर ही कर सकते हैं। मैं जयपुर में नौ साल की बच्ची की मौत की खबर को भी पहले दिन से ट्रैक कर रही हूँ।
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दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले 16 साल के स्टूडेंट ने मंगलवार को सुसाइड कर लिया। वो अशोक पैलेस इलाके के सेंट कोलंबिया स्कूल में पढ़ता था। छात्र ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसमें उसने लिखा कि उसके अंग दान कर दिए जाएं और उसके जैसी पीड़ा किसी भी बच्चों को नहीं मिलनी चाहिए। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार मीनाक्षी जोशी ने भी एक्स हैंडल पर एक पोस्ट कर अपनी पीड़ा व्यक्त की।
उन्होंने लिखा, उस बच्चे पर परफ़ॉर्मेंस का प्रेशर था। टीचर बच्चों की परेशानियों का हल उनके लेवल पर आकर सुलझाने की कोशिश नहीं कर रहे थे, वह शौर्य पर मानसिक दबाव बना रहे थे। बच्चों का मन बहुत कोमल होता है। यह मन अपशब्दों को सहन नहीं कर पाता है। परिवार और टीचर दोनों की भूमिका होती है की बच्चों की परेशानियों को मामूली समझकर नज़रअंदाज़ ना करें।
बच्चों से बात करें, समस्या का हल ढूँढे। इमोशनल बैटल को लड़ते हुए भी उनकी भावुकता कम नहीं होनी चाहिए। यह काम परिवार और टीचर ही कर सकते हैं। मैं जयपुर में नौ साल की बच्ची की मौत की खबर को भी पहले दिन से ट्रैक कर रही हूँ। मेरे जो-जो डर थे वह सब सही साबित होते जा रहे हैं।
जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में 9 साल की छात्रा की मौत की सीबीएसई की जाँच में सुरक्षा, बाल संरक्षण और स्कूल की प्रतिक्रिया में गंभीर खामियाँ पाई गईं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चौथी मंजिल से कूदने के बाद मरने वाली चौथी कक्षा की छात्रा को लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था, जिसमें यौन संदर्भों के साथ मौखिक दुर्व्यवहार भी शामिल था, और घटना वाले दिन अपनी शिक्षिका से दो बार संपर्क करने के बावजूद, उसे कभी भी काउंसलर के पास नहीं भेजा गया।
बच्ची परेशान थी माँ बाप ने उस से बात क्यों नहीं की? टीचर जानती थी तो बच्ची की काउंसलिंग क्यों नहीं कराई? स्कूल सिर्फ़ सर्विस प्रोवाइडर नहीं होना चाहिए। टीचर का 40-45 छात्रों के साथ इमोशनल कनेक्ट बनाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन बच्चा परेशान है फिर भी टीचर आँख बंद कर ले ऐसे टीचर स्कूल में कभी भी नहीं होने चाहिए।
मैं #शौर्य की खबर पढ़ रही हूँ । दसवी के बच्चे ने मेट्रो स्टेशन से कूद कर आत्महत्या कर ली ।
— Meenakshi Joshi (@IMinakshiJoshi) November 21, 2025
उस बच्चे पर परफ़ॉर्मेंस का प्रेशर था । टीचर बच्चों की परेशानियों का हल उनके लेवल पर आकर सुलझाने की कोशिश नहीं कर रहे थे, वह शौर्य पर मानसिक दबाव बना रहे थे ।
बच्चों का मन बहुत कोमल होता…
उन पर राजद्रोह और सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देने सहित कई गंभीर आरोप लगे हैं। उनके खिलाफ यूएपीए की धारा 12 के तहत भी मामला दर्ज है, जिसमें अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है।
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दिल्ली पुलिस ने 2020 दिल्ली दंगे मामले में आरोपी एक्टिविस्ट शरजील इमाम की जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया है। जमानत याचिका का विरोध करते हुए पुलिस ने कोर्ट के समक्ष कई वीडियो पेश किए हैं। दिल्ली पुलिस का कहना है कि इन वीडियो में हिंसा से कुछ दिन पहले शरजील इमाम द्वारा युवा प्रदर्शनकारियों को दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों के अंश हैं।
इस मामले पर वरिष्ठ रक्षा पत्रकार गौरव सावंत ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, बौद्धिक आतंक (Intellectual Terror) तो और भी ज़्यादा खतरनाक होता है। क्या भारत को तोड़ने की बात करना और असम/उत्तर-पूर्व को अलग करने की बात करना, CAA के खिलाफ कोई 'वैध विरोध' कहा जा सकता है?
क्या भारतीय मुसलमानों को भड़काना एक वैध विरोध माना जा सकता है? जो लोग ‘ब्रेक इंडिया फ़ोर्सेज़’ (देश तोड़ने वाली ताकतों) को बौद्धिक सहारा देते हैं, वे देश के साथ बड़ा अन्याय करते हैं। आपको बता दें, शरजील इमाम 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं।
उन पर राजद्रोह और सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देने सहित कई गंभीर आरोप लगे हैं। उनके खिलाफ यूएपीए की धारा 12 के तहत भी मामला दर्ज है, जिसमें अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है।
intellectual terror is even more dangerous.
— GAURAV C SAWANT (@gauravcsawant) November 21, 2025
Talking of cutting off India & separating Assam/N-E legitimate form of protes against CAA?
Is inciting Indian Muslims a legitimate form of protest?
Those who give intellectual cover fire to 'break India forces' do disservice to nation! https://t.co/VB52TpjDz3
मैं तमाम कारणों का सार्वजनिक विश्लेषण नहीं कर सकता, लेकिन आप सभी जानते हैं कि पूर्व में पार्टी के विलय जैसा भी अलोकप्रिय और एक तरह से लगभग आत्मघाती निर्णय लेना पड़ा था।
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बिहार में विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद एक बार फिर से एनडीए की सरकार बन गई है। नीतीश कुमार एक बार फिर से बिहार के सीएम बने। एनडीए गठबंधन में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी भी शामिल हैं। उनके बेटे ने भी मंत्री पद की शपथ ली जिसके कारण विपक्ष उनकी कड़ी आलोचना भी कर रहा हैं। इस बीच पत्रकार और एंकर चित्रा त्रिपाठी से बातचीत के दौरान उन्होंने इसका कारण दिया।
उन्होंने कहा, दीपक को मंत्री बनाने के पीछे एक बड़ी वजह विधायकों का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाना भी है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि 'ऐसी नौबत न आए कि हमारे लोग मेहनत करके सबकुछ खड़ा करें और कोई इधर से उधर हो जाए और पार्टी का नुकसान हो।'
आपको बता दें, उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर भी एक पोस्ट करते हुए लिखा, मेरा पक्ष है कि अगर आपने हमारे निर्णय को परिवारवाद की श्रेणी में रखा है, तो जरा समझिए मेरी विवशता को। पार्टी के अस्तित्व व भविष्य को बचाने व बनाए रखने के लिए मेरा यह कदम जरुरी ही नहीं अपरिहार्य था। मैं तमाम कारणों का सार्वजनिक विश्लेषण नहीं कर सकता, लेकिन आप सभी जानते हैं कि पूर्व में पार्टी के विलय जैसा भी अलोकप्रिय और एक तरह से लगभग आत्मघाती निर्णय लेना पड़ा था।
बेटे दीपक प्रकाश के बिहार सरकार में मंत्री बनने पर उठ रहे सवालों को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने चुप्पी तोड़ी है, उन्होंने बताया कि दीपक को मंत्री बनाने के पीछे एक बड़ी वजह विधायकों का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाना भी है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि "ऐसी नौबत न आए कि हमारे लोग… pic.twitter.com/AqrvuDIn68
— ABP News (@ABPNews) November 20, 2025
एनडीए ने 243 में से 202 सीटें जीतकर एकतरफा जीत हासिल की है। इसमें बीजेपी के 89, जदयू के 85, लोजपा (रामविलास) के 19, हम के 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमा) के 4 विधायक शामिल हैं।
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बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने गुरुवार को 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। नीतीश मंत्रिमंडल में भाजपा कोटे से 14, जदयू कोटे से 8, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) कोटे से 2, जीतन राम मांझी की पार्टी से उनके बेटे डॉ. संतोष सुमन और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोमो से भी उनका बेटा दीपक प्रकाश मंत्री बने हैं।
इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और लिखा कि यह वंशवाद की राजनीति आखिर कब बंद होगी? उन्होंने एक्स पर लिखा, जीतन राम मांझी के बेटे मंत्री बन गए, उपेंद्र कुशवाहा के बेटे- जो न तो विधायक हैं और न ही विधान परिषद सदस्य उन्हें भी मंत्री बना दिया गया। कई और लोग भी इसी तरह शामिल हुए। यानी वंशवाद की राजनीति अभी भी खूब चल रही है। महिलाओं ने एनडीए की बड़ी जीत में अहम भूमिका निभाई, लेकिन 27 सदस्यीय मंत्रिमंडल में सिर्फ 2 महिलाएँ शामिल की गईं। नेता लोग कब अपने कहे पर अमल करेंगे?
आपको बता दें, बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 243 में से 202 सीटें जीतकर एकतरफा जीत हासिल की है। इसमें बीजेपी के 89, जदयू के 85, लोजपा (रामविलास) के 19, हम के 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमा) के 4 विधायक शामिल हैं।
Interesting: Jitan Ram Manjhi son becomes minister, Upendra Khushwaha son (who is not even MLA or MLC) becomes minister. Many others too. Dynasty politics alive and kicking. Mahila played key role in big NDA win but just 2 women in 27 member cabinet. When will netas walk the…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) November 20, 2025