पुलिस का कहना है कि आरोपी शाहनवाज बद्दो धर्मांतरण का शिकार हुए बच्चों को फ्लाइट से दुबई ले जाने की तैयारी कर रहा था।
दिल्ली से सटे गाजियाबाद में ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में धर्म परिवर्तन कराने का अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां ऑनलाइन गेम की आड़ में दो नाबालिग लड़कों का न सिर्फ धर्म परिवर्तन करा दिया, बल्कि उन्हें पांच वक्त का नमाजी भी बना डाला।
इस मामले में मुख्य आरोपी शाहनवाज उर्फ बद्दो के मोबाइल फोन से भी कई सबूत सामने आए हैं। इस मामले में पुलिस का कहना है कि आरोपी शाहनवाज बद्दो धर्मांतरण का शिकार हुए बच्चों को फ्लाइट से दुबई ले जाने की तैयारी कर रहा था।
इस पूरे मामले पर पत्रकार और एंकर मानक गुप्ता ने ट्वीट कर हैरानी जताई है। उन्होंने लिखा, अन्य धर्मों के लोगों को अपने धर्म में लाने की कोशिश हिंदू क्यों नहीं करते? क्या इसीलिए धर्म परिवर्तन के टार्गेट पर सबसे ज्यादा हिंदू ही होते हैं? बाकी धर्मों में ‘धर्म परिवर्तन’ और प्रचार-प्रसार की मुहिम क्यों इतने बड़े स्तर पर चलाई जाती हैं? बताइए, अब तो वीडियो गेम में भी घुस गए।
आपको बता दें कि पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग के जरिए युवकों के धर्मांतरण के मामले में गाजियाबाद सेक्टर 23 की मस्जिद के मौलवी अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी को गिरफ्तार किया गया है।
पत्रकार और एंकर मानक गुप्ता के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
अन्य धर्मों के लोगों को अपने धर्म में लाने की कोशिश हिंदू क्यों नहीं करते?
— Manak Gupta (@manakgupta) June 8, 2023
क्या इसीलिए धर्म परिवर्तन के टार्गेट पर सबसे ज़्यादा हिंदू ही होते हैं?
बाक़ी धर्मों में ‘धर्म परिवर्तन’ और प्रचार-प्रसार की मुहिम क्यों इतने बड़े स्तर पर चलाई जाती हैं?
बताइए, अब तो वीडियो गेम में भी…
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, नेता साधु के वेश में रहते हैं और अब राजनेता बन गए हैं। मुख्यमंत्री भी बन गए हैं। वे ‘गेरुआ’ कपड़े पहनते हैं और उनके सिर पर बाल नहीं हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुंबई में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष करके कांग्रेस को एक बार फिर मुसीबत में डाल दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, नेता साधु के वेश में रहते हैं और अब राजनेता बन गए हैं। मुख्यमंत्री भी बन गए हैं। वे ‘गेरुआ’ कपड़े पहनते हैं और उनके सिर पर बाल नहीं हैं। उन्होंने भाजपा को संबोधित करके कहा कि उनके नेता सफेद कपड़े पहनें। या अगर वे संन्यासी हैं तो गेरुआ कपड़े पहनें, और राजनीति से बाहर हो जाएं।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का बयान उचित नहीं है। उन्होंने एक्स पर लिखा, मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और वह एक भगवाधारी पर अपमानजनक ढंग से कटाक्ष कर रहे हैं। नेता के रूप में योगी आदित्यनाथ का विरोध और आलोचना स्वाभाविक है लेकिन यह कहना कि भगवाधारी, सिर पर बाल नहीं है, सफेद वस्त्र पहनें क्या सन्यास का अपमान नहीं है?
आपको बता दें, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर सीएम योगी ने भी पलटवार किया है। योगी आदित्यनाथ ने अमरावती में एक चुनावी रैली के दौरान कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़़गे को उन पर नहीं बल्कि हैदराबाद के निजाम पर गुस्सा करना चाहिए, जिसने उनका गांव जला दिया था और उनके परिजनों को भी आग के हवाले करके मार दिया था।
कांग्रेस के अध्यक्ष अगर कह रहे हैं कि भगवाधारी सन्यासी को राजनीति में नहीं होना चाहिए तो यह कांग्रेस का स्टैंड है। अगर एक और से वोट जेहाद कहा गया है तो दूसरी ओर से उसका जवाब वोट का धर्म युद्ध ही हो सकता है। एक गलत नहीं है तो दूसरा गलत नहीं हो सकता https://t.co/RRggVVe2kJ
— Awadhesh Kumar (@Awadheshkum) November 11, 2024
चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी लगातार कह रही है कि ‘बांग्लादेशी घुसपैठिए’ यहाँ की आदिवासी महिलाओं से शादी करके उनको मिलने वाले फ़ायदों का बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं।
झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान शुरू हो गया है। वही एक दिन पहले ईडी की ओर से जानकारी दी गई है कि रांची में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ के सिलसिले में झारखंड और पश्चिम बंगाल के 17 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है।
चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी लगातार कह रही है कि ‘बांग्लादेशी घुसपैठिए’ यहाँ की आदिवासी महिलाओं से शादी करके उनको मिलने वाले फ़ायदों का बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं और उनके नाम की ज़मीन हड़प रहे हैं। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और इस मामले पर अपनी राय दी।
उन्होंने लिखा, त्रिपुरा, असम और पश्चिम बंगाल में जब चुनाव होते हैं, तब बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उठता है। इस बार तो झारखंड के साथ मुंबई में भी उठ रहा है। जो मोदी सरकार यह मुद्दा जोर-शोर से उठाती है, उसे बताना चाहिए कि वह बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ पर रोक क्यों नहीं लगा पा रही है? एक गंभीर समस्या पर शोर मचाने से ज्यादा जरूरी है, उसका समाधान करना।
आपको बता दें, झारखंड में एक चुनावी रैली के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, एक बार झारखंड सरकार बदल दीजिए। मैं आपको वादा करता हूँ कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को चुन-चुनकर झारखंड के बाहर भेजने का काम भारतीय जनता पार्टी करेगी। ये हमारी सभ्यता को नष्ट कर रहे हैं। हमारी संपत्ति को हड़प रहे हैं।
त्रिपुरा, असम और पश्चिम बंगाल में जब चुनाव होते हैं, तब बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उठता है। इस बार तो झारखंड के साथ मुंबई में भी उठ रहा है। जो मोदी सरकार यह मुद्दा जोर-शोर से उठाती है, उसे बताना चाहिए कि वह बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ पर रोक क्यों नहीं लगा पा रही है? एक…
— Rajeev Sachan (@RajeevKSachan) November 12, 2024
छात्र 'वन डे वन एग्जाम' की मांग के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और सीएम योगी आदित्यनाथ से एक ख़ास अपील की।
प्रयागराज में लोक सेवा आयोग के सामने परीक्षार्थियों का प्रदर्शन आज दूसरे दिन भी जारी रहा। छात्र-छात्राएं दूसरी रात भी लोक सेवा आयोग के सामने डटे हुए हैं। अलग-अलग जिलों से आए परीक्षार्थी मोमबत्ती जलाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्र 'वन डे वन एग्जाम' की मांग के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और सीएम योगी आदित्यनाथ से एक ख़ास अपील की। उन्होंने एक्स पर लिखा, प्रयागराज में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। UPPSC इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार है।
छात्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करता है। उसे किसी भी स्थिति में धरना-प्रदर्शन में नहीं जाना होता है, लेकिन उसके हितों को विरुद्ध कुछ हो तभी छात्र सड़कों पर उतरता है। योगी आदित्यनाथ जी, छात्रों को बुलाकर समझिए और ठीक से परीक्षा कराइए। आज तक कोई भी सरकार छात्रों से लड़कर बेहतर नहीं कर सकी है। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग नियमों में बदलाव करने से पहले उसके बारे में ठीक जानकारी छात्रों तक क्यों नहीं पहुँचा सका?
आपको बता दें, दिन भर ताली थाली बजाकर धरना प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने सूरज ढलते ही मोबाइल टार्च जलाकर एकजुटता का प्रदर्शन किया। अब प्रयागराज की सड़कों पर उतर गए छात्र आर या पार के मूड में आ गए हैं।
#Prayagraj में #uppcs_no_normalisation #uppcs_oneshift_onedayexam की माँग के साथ छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। #UPPSC इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार है। छात्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करता है। उसे किसी भी स्थिति में धरना-प्रदर्शन में नहीं जाना होता है, लेकिन उसके हितों को विरुद्ध…
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी ??Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) November 12, 2024
मौसम विभाग के मुताबिक विजिबिलिटी भी बहुत कम है। एक्यूआई के बढ़ने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। साथ ही आंखों में जलन होने से लोग परेशान हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर जाने के बाद लोगो को स्वास्थ्य जुडी समस्या हो रही है। दिवाली के बाद दूसरे सप्ताह भी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 'बहुत खराब' श्रेणी में बना हुआ है। यह कई इलाकों में 400 पार कर गया है और लोगों का दम घुटने लगा है।
ऐसे में वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने एक्स पर लिखा, इसमें कोई संदेह नहीं कि पटाखे पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। लेकिन प्रदूषण का पूरा दोष केवल पटाखों पर डाल कर और उन्हें खलनायक के तौर पर पेश कर असली गुनाहगारों से ध्यान भटकाया जा रहा है।
ऐसा करना उन लोगों को भी रास आता है जो हवा सुधारने की अपनी ज़िम्मेदारी से बचना चाहते हैं। केवल पटाखे ही प्रदूषण फैलाते हैं तो दिल्ली एनसीआर में दीपावली से पहले हवा की गुणवत्ता कैसे ख़राब हो गई और ग्यारह दिन बाद भी क्यों सुधर नहीं सकी?
आपको बता दें, बुधवार को सुबह के समय सबसे ज्यादा पॉल्यूशन शहदरा में 693 दर्ज किया गया। प्रदूषण से लोगों की सांसें फूलने लगी हैं। मौसम विभाग के मुताबिक विजिबिलिटी भी बहुत कम है। एक्यूआई के बढ़ने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। साथ ही आंखों में जलन होने से लोग परेशान हैं। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली के कई इलाकों में जहरीली हवा चल रही है, जो स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।
इसमें कोई संदेह नहीं कि पटाखे पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। लेकिन प्रदूषण का पूरा दोष केवल पटाखों पर डाल कर और उन्हें खलनायक के तौर पर पेश कर असली गुनाहगारों से ध्यान भटकाया जा रहा है। ऐसा करना उन लोगों को भी रास आता है जो हवा सुधारने की अपनी ज़िम्मेदारी से बचना…
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) November 12, 2024
मौलाना तौकीर रज़ा ने कहा, हिंदू समाज को किससे खतरा है। मुसलमान तो थोड़े से हैं। पीएम राजधर्म का पालन नहीं कर रहे हैं। पीएम की हैसियत से जो कर रहे हैं उससे बड़ा अन्याय नहीं है।
मुस्लिम धर्मगुरू और इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रज़ा ने हाल ही में भारतीय राजनीति और मुस्लिम समाज के मुद्दों पर बयान दिया है। उन्होंने मुसलमानों से एकजुट होकर रविवार को दिल्ली का घेराव करने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी के बाप की औकात नहीं है कि हमारी संपत्ति पर कब्जा कर सके।
इतना ही नहीं, वे यहीं नहीं रूके। तौकीर ने कहा कि अगर हम सड़कों पर उतर आए तो तुम्हारी रूह कांप जाएगी। इस मसले पर वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय दी।
उन्होंने एक्स पर लिखा, तौकीर रज़ा का बयान, लठैतों वाला है। वे संसद और संविधान दोनों को धमका रहे हैं। मेरी नहीं मानी तो मनवाने आता है वाली चेतावनी। कोई ये क्यों नहीं पूछता कि देश में अदालतों और संवैधानिक व्यवस्था से स्वतंत्र कोई संस्था कैसे हो सकती है? नरसिंहराव सरकार ने जो किया उसको पलटना तो चाहिए।
आपको बता दें, तौकीर रजा इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष हैं। वे मुस्लिम धर्मगुरू माने जाते हैं। तौकीर ने कहा कि सरकारें हमेशा से बेईमान रही हैं, लेकिन आज की सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि किसी बाप में ताकत नहीं कि हमारी संपत्ति पर कब्जा कर ले।
तौकीर रज़ा का बयान, लठैतों वाला है. वे संसद और संविधान दोनों को धमका रहे हैं. मेरी नहीं मानी तो मनवाने आता है वाली चेतावनी. कोई ये क्यों नहीं पूछता कि देश में अदालतों और संवैधानिक व्यवस्था से स्वतंत्र कोई संस्था कैसे हो सकती है? नरसिंहराव सरकार ने जो किया उसको पलटना तो चाहिए ही.
— Rana Yashwant (@RanaYashwant1) November 11, 2024
अगर अलग-अलग कोच जैसी कोई व्यवस्था हुई तो गौतम गंभीर किसी भी फॉर्मेट में कोचिंग नहीं करेंगे। भारतीय टीम का कोच पद छोड़ देंगे। भारतीय क्रिकेट में इतने बेबाक लोग कम ही हुए हैं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी से पहले टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने मुंबई में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुश्किल सवालों के जवाब दिए। इस दौरान उन्होंने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा की पहले टेस्ट में उपलब्धता से लेकर उनके बैकअप ऑप्शन और विराट कोहली की फॉर्म पर खुलकर बात की।
इस बीच अलग अलग फॉर्मेट में अलग अलग कोच रखने की बातों को भी हवा दी जा रही है। इस मसले पर पत्रकार प्रणव सिरोही ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने एक्स पर लिखा, अगर अलग-अलग कोच जैसी कोई व्यवस्था हुई तो गौतम गंभीर किसी भी फॉर्मेट में कोचिंग नहीं करेंगे। भारतीय टीम का कोच पद छोड़ देंगे। भारतीय क्रिकेट में इतने बेबाक लोग कम ही हुए हैं। पॉलिटिक्स में भी रहे, लेकिन पॉलिटिकल करेक्टनेस से कोई मोह नहीं। बस देखना यही होगा कि मुंबई लॉबी के बाउंसर्स का कैसे सामना करते हैं।
आपको बता दें, मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए गौतम गंभीर ने रिकी पोंटिंग पर निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने विराट कोहली के फॉर्म को लेकर जवाब दिया। गौतम गंभीर ने बताया कि अभिमन्यु ईश्वरन के साथ केएल राहुल रोहित शर्मा के बैकअप के रूप में उपलब्ध रहेंगे।
अगर अलग-अलग कोच जैसी कोई व्यवस्था हुई तो गौतम गंभीर किसी भी फॉर्मेट में कोचिंग नहीं करेंगे। भारतीय टीम का कोच पद छोड़ देंगे। भारतीय क्रिकेट में इतने बेबाक लोग कम ही हुए हैं। पॉलिटिक्स में भी रहे, लेकिन पॉलिटिकल करेक्टनेस से कोई मोह नहीं। बस देखना यही होगा कि मुंबई लॉबी के… https://t.co/VqfSojC9sE
— Pranav Sirohi (@pranavsirohi) November 11, 2024
डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद दुनिया की प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है।
अमेरिका में हाल में हुए राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद ईवी मेकर टेस्ला का शेयर रॉकेट बना हुआ है। शुक्रवार को इसमें 8 फीसदी तेजी आई। एक हफ्ते में यह 29 फीसदी चढ़ चुका है। दरअसल, ट्रंप की जीत के बाद ऑटोमेटिक ड्राइविंग तकनीक को सरकार से रेगुलेटरी अप्रुवल में तेजी मिलने की संभावना है।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, अमेरिकी चुनाव में में सबसे बड़े विजेता एलन मस्क हैं। नतीजे आने के बाद से उनका प्रभाव और संपत्ति बढ़ गई है। टेस्ला का मार्केट कैप 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। मस्क ज़ेलेंस्की के साथ ट्रम्प की कॉल में शामिल हुए, और उस समय कमरे में थे जब अन्य विश्व नेताओं ने ट्रम्प से बात की।
अगर टेस्ला भारत में धमाकेदार एंट्री करे तो आश्चर्यचकित न हों! जब तक भारत और अमेरिका में दोबारा चुनाव होंगे, तब तक आप भारत में साइबर ट्रक चला रहे होंगे। आपको बता दें, राष्ट्रपति चुनावों में मस्क ने जमकर ट्रंप के लिए प्रचार किया और दिल खोलकर चंदा दिया। अब मस्क को अपने इनवेस्टमेंट पर बंपर रिटर्न मिल रहा है। माना जा रहा है कि टेस्ला के शेयर आने वाले दिनों में काफी ऊपर जा सकते हैं।
The biggest winner in this #USElection is Elon Musk! His influence and wealth have soared since the results came in. Tesla market cap has hit $1 trillion. Musk joined Trump’s call with Zelensky, and was in the room when other world leaders spoke to Trump. Don’t be surprised if…
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) November 11, 2024
कहा जा रहा है कि अगर आगामी बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भी टीम इंडिया बुरी तरह हारती है तो गौतम गंभीर को टेस्ट टीम के हेड कोच के पद से बर्खास्त किया जा सकता है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया को मिली 0-3 की करारी हार की विस्तृत समीक्षा की है। बीसीसीआई सचिव जय शाह और अध्यक्ष रोजर बिन्नी भी इस मैराथन मीटिंग में मौजूद थे। इस मीटिंग में गौतम गंभीर ऑनलाइन तरीके से शामिल हुए।
कहा जा रहा है कि अगर आगामी बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भी टीम इंडिया बुरी तरह हारती है तो गौतम गंभीर को टेस्ट टीम के हेड कोच के पद से बर्खास्त किया जा सकता है। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ खेल पत्रकार विक्रांत गुप्ता ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय दी।
उन्होंने एक्स पर लिखा, भारत न्यूजीलैंड से सीरीज निश्चित रूप से अकेले गौतम गंभीर के कारण नहीं हारा। रोहित की कप्तानी और फॉर्म, विराट की फॉर्म और बल्लेबाजी का स्पिन के आगे समर्पण और टर्निंग पिचों पर गंभीर-रोहित-अगरकर के दांव के साथ और भी बहुत कुछ। विश्वास नहीं हो रहा कि पोस्टमॉर्टम के छह घंटे केवल गंभीर पर दोष मढ़ने में खर्च कर दिए गए।
आपको बता दें, सोमवार को यानी आज भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से बातचीत करेंगे। हालांकि कप्तान रोहित शर्मा इसका हिस्सा नहीं होंगे।
India lost the series to New Zealand certainly not because of Gautam Gambhir alone. Rohit’s captaincy and form, Virat’s form, and batting surrender to spin plus so much more to go with Gambhir-Rohit-Agarkar gambling on turning pitches. Can’t believe six hours of post mortem were…
— Vikrant Gupta (@vikrantgupta73) November 9, 2024
बीसीसीआई ने यह बात आईसीसी को बता दी है। इस वजह से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानी पीसीबी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई को कोर्ट में घसीट सकता है।
अगले साल आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 पाकिस्तान की मेजबानी में होगी। हाल ही में भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड ने यह साफ कर दिया है कि वो अपनी टीम को पाकिस्तान दौरे पर नहीं भेजेगा। बीसीसीआई ने यह बात इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) को बता दी है। इस वजह से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानी पीसीबी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई को कोर्ट में घसीट सकता है।
पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फोर स्पोर्ट्स यानी कैस में केस दाखिल करने के बारे में सोच रहा है। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने एक्स पर लिखा, कुछ जल रहा है। पाकिस्तान ICC की चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के पाकिस्तान न आने पर बहुत परेशान है, इसी लिए वो इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में जाने की तैयार कर चुका है। जाहिर सी बात है पाकिस्तान को इस मसले पर न तो ICC का सपोर्ट मिलेगा और न ही अंतराष्ट्रीय समुदाय का, ऐसे में पाकिस्तान एक बार फिर अलग थलग पड़ जाएगा।
आपको बता दें, रिपोर्ट्स की मानें तो राजनीतिक तनाव के कारण भारत ने पाकिस्तान में क्रिकेट खेलने से मना कर दिया है। इसके अलावा सुरक्षा भी एक बड़ा मुद्दा है। ऐसे में आईसीसी इस टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल के तहत कराने का प्लान बना रही है।
कुछ जल रहा है... पाकिस्तान ICC की चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के पाकिस्तान न आने पर बहुत परेशान है, इसी लिए वो इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में जाने की तैयार कर चुका है, जाहिर सी बात है पाकिस्तान को इस मसले पर न तो ICC का सपोर्ट मिलेगा और न ही अंतराष्ट्रीय समुदाय का, ऐसे में…
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) November 10, 2024
जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस इस प्रस्ताव का समर्थन कर रही है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सत्र के तीसरे दिन ही विधानसभा में एक प्रस्ताव पास किया गया।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विशेष राज्य का दर्जा वापस लाने की मांग वाले प्रस्ताव के बाद राजनीती गरमा गई है। जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस इस प्रस्ताव का समर्थन कर रही है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सत्र के तीसरे दिन ही विधानसभा में एक प्रस्ताव पास किया गया, जिसमें फिर से जम्मू-कश्मीर में धारा 370 बहाल करने की मांग की गई है।
इस मामले पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्य सभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और लिखा कि गुजरा हुआ ज़माना दोबारा नहीं आएगा। उन्होंने एक्स पर लिखा, गुज़रे ज़माने की दहशतगर्दी की क़ीमत पर कल की सियासत का ख़्वाब सजाने वालों को याद रखना होगा कि स्वतंत्रता के अमृत काल में दुबारा फिर विष भरने का मंसूबा भारत की जनता कभी सफल नहीं होने देगी।
आतंकवाद के आरोपियों में, कभी अफ़ज़ल गुरु में हालात का मारा तो कभी याकूब मेनन की फांसी में जूडिशियल किलिंग तो कभी बुरहान वानी में भटका नौजवान और ओसामा में जी व हाफिज सईद में साहब दिखाई देने वालों से यह कहना चाहूँगा। गुज़रा हुआ जमाना, आता नहीं दुबारा। हाफिज ‘साहब’ तुम्हारा।
दरअसल, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने चुनावी एजेंडे में अनुच्छेद 370 की बहाली को ही प्राथमिकता दी थी, लेकिन सत्ता में आते ही इस पार्टी ने अपने सुर बदल लिए। जम्मू कश्मीर में एक कंपीटेटिव पालिटिक्स है और उसकी मजबूरी में नेशनल कान्फ्रेंस के लिए यह प्रस्ताव लाना जरूरी था। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने मैनिफेस्टो में पूर्ण राज्य का दर्जा वापस लेने और धारा 370 को बहाल करने का वादा किया था।
गुज़रे ज़माने की दहशतगर्दी की क़ीमत पर कल की सियासत का ख़्वाब सजाने वालों को याद रखना होगा कि स्वतंत्रता के अमृत काल में दुबारा फिर विष भरने का मंसूबा भारत की जनता कभी सफल नहीं होने देगी।
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) November 8, 2024
आतंकवाद के आरोपियों में,
कभी अफ़ज़ल गुरु में हालात का मारा तो कभी याकूब मेनन की फांसी में… pic.twitter.com/akth1B7M8W