पत्रकारों और मीडिया संस्थानों के ट्वीट पर सरकार की टेढ़ी नजर है। यह हम नहीं बल्कि माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने अपनी हालिया पारदर्शिता रिपोर्ट में यह जानकारी दी है
पत्रकारों और मीडिया संस्थानों के ट्वीट पर सरकार की टेढ़ी नजर है। यह हम नहीं बल्कि माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने अपनी हालिया पारदर्शिता रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ट्वीट हटाने की मांग करने में भारत दुनिया में सबसे आगे है। यानी जुलाई से दिसंबर 2021 के बीच वैश्विक स्तर पर भारत ने ट्विटर पर सत्यापित पत्रकारों और मीडिया संस्थानों द्वारा पोस्ट की गई सामग्री को हटाने की कानूनी मांग सबसे ज्यादा की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ट्विटर खातों से जुड़ी जानकारी मांगने में भारत सिर्फ अमेरिका से पीछे था। वैश्विक स्तर पर मांगी गई जानकारी में उसकी हिस्सेदारी 19 फीसदी थी। सर्वाधिक सूचना के लिए सरकारी अनुरोध करने वाले शीर्ष पांच देशों में जापान, फ्रांस और जर्मनी भी शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत जुलाई से दिसंबर 2021 के बीच सभी तरह के यूजर्स के मामले में सामग्री को प्रतिबंधित करने का आदेश देने वाले शीर्ष पांच देशों में शामिल था।
ट्विटर ने अपनी पारदर्शिता रिपोर्ट में कहा, जुलाई से दिसंबर 2021 के बीच उससे दुनियाभर से सत्यापित पत्रकारों और मीडिया संस्थानों से जुड़े 349 अकाउंट पर मौजूद सामग्री को हटाने की कानूनी मांग की गई। कंपनी के मुताबिक, जिन अकाउंट की सामग्री पर आपत्ति दर्ज कराई गई, उनकी संख्या पूर्व की अवधि (जनवरी से जून 2021) से 103 फीसदी अधिक है।
ट्विटर के अनुसार, इस वृद्धि के लिए मुख्य रूप से भारत (114), तुर्की (78), रूस (55) और पाकिस्तान (48) द्वारा दाखिल कानूनी आपत्तियां जिम्मेदार हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल की पहली छमाही (जनवरी से जून 2021 के बीच) में भी भारत 89 मांगों के साथ शीर्ष पर था।
ट्विटर ने कहा कि ‘कानूनी मांगों’ में सामग्री हटाने से संबंधित अदालती आदेश और अन्य औपचारिक मांगें शामिल हैं, जो सरकारी निकायों और व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ताओं से प्राप्त होती हैं।
बिना कोई विवरण देते हुए कंपनी ने बताया कि 2021 की दूसरी छमाही में वैश्विक स्तर पर प्रमाणित पत्रकारों और मीडिया संस्थानों के 17 ट्वीट हटाए गए, जबकि साल की पहली छमाही में ऐसे ट्वीट की संख्या 11 थी।
ट्विटर ने बताया कि उसे भारत के राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से एक नाबालिग के निजता संबंधी मुद्दों को लेकर उससे जुड़ी सामग्री हटाने की कानूनी मांग हासिल हुई है।
हालांकि, कंपनी ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उसका संदर्भ कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा पिछले साल अगस्त में किए गए ट्वीट को लेकर माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की शिकार एक नाबालिग दलित लड़की के माता-पिता से अपनी मुलाकात की तस्वीर साझा की थी।
ट्विटर ने कहा, ‘भारतीय कानून के मुताबिक एक वरिष्ठ राजनेता द्वारा किए गए ट्वीट को भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था।’
जून से 2021 के बीच ट्विटर को यूजर्स के अकाउंट से जुड़ी जानकारी मुहैया कराने के दूसरे सर्वाधिक सरकारी अनुरोध भी भारत से मिले।
कंपनी ने कहा, ‘इस अवधि में अमेरिका से सबसे ज्यादा सरकारी सूचना अनुरोध प्राप्त हुए, जो वैश्विक स्तर पर हासिल अनुरोध का 20 प्रतिशत और निर्दिष्ट वैश्विक खातों का 39 फीसदी हैं।’
ट्विटर के मुताबिक, ‘दूसरे सर्वाधिक सरकारी सूचना अनुरोध भारत से प्राप्त हुए, जो वैश्विक स्तर पर हासिल अनुरोध का 19 प्रतिशत और निर्दिष्ट वैश्विक खातों का 27 फीसदी हैं।’
पारदर्शिता रिपोर्ट में बताया गया है कि जून से दिसंबर 2021 के बीच ट्विटर को भारत से 63 अतिरिक्त (पिछली अवधि से तीन फीसदी ज्यादा) यानी 2,211 नियमित अनुरोध मिले, जबकि इस अवधि में अनुरोधों के लिए निर्दिष्ट नियमित खातों की संख्या 205 (पिछली अवधि से तीन प्रतिशत अधिक) की वृद्धि के साथ 7,768 पर पहुंच गई।
वैश्विक स्तर पर ट्विटर को 11,460 अनुरोध प्राप्त हुए।
भारत से की गई कानूनी मांगों का विवरण देते हुए ट्विटर ने बताया कि जुलाई से दिसंबर 2021 के बीच दुनियाभर में सामग्री हटाने के लिए किए गए कुल 47,572 अनुरोध में से 3,992 यानी आठ प्रतिशत अनुरोध भारत से मिले थे। इनमें 23 अदालती आदेश और 3,969 अन्य कानूनी मांगें शामिल थीं।
इस दौरान ट्विटर ने भारत में 88 अकाउंट और 303 ट्वीट पर रोक लगा दी।
ट्विटर के दिशा-निर्देशों के अनुसार, ‘सरकारी सूचना अनुरोधों’ में कानून प्रवर्तन और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा खाते की जानकारी के लिए जारी आपातकालीन और नियमित कानूनी मांगें शामिल हैं।
वहीं, ‘नियमित अनुरोध’ (यानी गैर-आपातकालीन अनुरोध) में सरकार या कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा जारी कानूनी मांगें (मसलन समन, अदालती आदेश, तलाश वारंट) शामिल हैं, जो ट्विटर को अकाउंट की जानकारी साझा करने के लिए बाध्य करते हैं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे अकाउंट व ट्वीट पर प्रतिबंध के आदेशों को लेकर ट्विटर ने कहा कि अगर यह सब ऐसे ही चलता रहा तो उसका पूरा बिजनेस बंद हो जाएगा।
केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे अकाउंट व ट्वीट पर प्रतिबंध के आदेशों को लेकर ट्विटर ने कहा कि अगर यह सब ऐसे ही चलता रहा तो उसका पूरा बिजनेस बंद हो जाएगा। कर्नाटक हाई कोर्ट के समक्ष यह बात मंगलवार को ट्विटर की ओर से पेश वकील ने अपनी याचिका की सुनवाई के दौरान कही।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने ट्विटर को केंद्र सरकार द्वारा अकाउंट और ट्वीट पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में जारी विभिन्न आदेशों को सीलबंद लिफाफों में उसके समक्ष रखने की अनुमति दी है।
मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित ने सोशल मीडिया कंपनी को यह भी निर्देश दिया कि इसे केंद्र सरकार के वकील के साथ साझा किया जाए।
इस मामले में ट्विटर के वकील ने कहा कि सरकार ने यह तक नहीं बताया है कि वह कुछ खास खातों को क्यों ब्लॉक करवाना चाहती है? आईटी नियम 2009 के अनुसार वजह बताना जरूरी है। खुद ट्विटर को इन अकाउंट यूजर्स को बताना होगा कि उनके अकाउंट क्यों बंद किए जा रहे हैं। उसकी जवाबदेही यूजर्स के लिए खत्म नहीं होती।
केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट से निवेदन किया कि अदालती कार्रवाई बंद कमरे में होनी चाहिए। इससे सुनवाई सार्वजनिक नहीं होगी और जो पक्ष मामले से संबंधित नहीं हैं, उन्हें सुनवाई में नहीं आने दिया जाएगा। वहीं कोर्ट ने इस निवेदन पर विचार करने की बात कही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा रोक के संबंध में जारी किए गए 10 अलग-अलग आदेशों के खिलाफ ट्विटर ने हाई कोर्ट का रुख किया है।
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‘आजतक’ के कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी किसी भी सूरत में अपने फैंस को नाराज नहीं करना चाहते हैं और इसकी शुरुआत वे पहले ही कर चुके हैं, जब उन्होंने अपने नए शो के नाम को लेकर एक ट्वीट कर ऑडियंस से सुझाव मांगे थे। इस कवायद के तहत एक बार फिर वे दर्शकों के बीच गुरुवार यानी आज LIVE चैट करेंगे और उनके सवालों के बेवाकी से जवाब देंगे। उनका यह LIVE चैट शाम 6.30 बजे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर, फेसबुक और यू-ट्यूब पर आएगा।
दरअसल, 'जी समूह’ (Zee Group) के हिंदी न्यूज चैनल ‘जी न्यूज’ (Zee News) से अलग होने के बाद अपने प्रशंसकों की नाराजगी और प्यार भरे उलाहने झेल रहे वरिष्ठ टीवी पत्रकार सुधीर चौधरी ने ठान लिया था कि वह अपने प्रशंसकों को किसी भी तरह से नाराज होने का मौका नहीं देंगे और हर बड़े फैसले में उनकी राय जरूर लेंगे और उनके हर सवालों का बेवाकी से जवाब देंगे। यह बात उन्होंने हाल ही में ‘ऑल इंडिया रेडियो’ के ‘एफएम गोल्ड’ चैनल पर रेडियो उद्घोषिका किरण मिश्रा के साथ बातचीत के दौरान कही थी।
उन्होंने कहा था कि उनके लिए दर्शक ही सब कुछ हैं और शायद यही कारण है कि दर्शक भी उन्हें दिलोजान से प्यार करते हैं। इसी दौरान उन्होंने स्पष्ट कहा था कि प्रशंसक ही उनके लिए सब कुछ हैं और अब वह भविष्य में कोई भी बड़ा फैसला लेने से पहले अपने दर्शकों से उनकी राय जरूर लेंगे, शायद इसीलिए एक बार फिर वे अपने प्रशंसकों के बीच में उनके सवालों का जवाब देनें आ रहे हैं।
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ जारी है। दरअसल 'नेशनल हेराल्ड' मामले में बुधवार यानी आज सोनिया गांधी से तीसरी बार पूछताछ हुई है, जोकि करीब तीन घंटे तक चली। वहीं मंगलवार को छह घंटे पूछताछ की गई थी। इससे पहले 21 जुलाई को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से दो घंटे पूछताछ की गई थी। कांग्रेस के देशभर के बड़े नेता इस समय वर्तमान सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और इस पूछताछ को लोकतंत्र पर हमला बता रहे हैं।
मंगलवार को राहुल गांधी ने ईडी की कार्रवाई का विरोध करते हुए विजय चौक पर धरना दिया था, जिसके बाद कुछ घंटों के लिए उन्हें हिरासत में भी लिया गया था। वहीं, बुधवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने एक प्रेस वार्ता में कहा, 'एक बेचारी औरत को क्यों परेशान करते हैं', लिहाजा मैं सरकार से भी और ईडी से भी निवेदन करूंगा कि इस चीज को ध्यान में रखें और श्रीमती गांधी को बार-बार ईडी के सामने बुलाना उचित नहीं है, ठीक नहीं है।
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट कर कांग्रेस के धरना प्रदर्शन पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, क्या कांग्रेस के पास गलत दृष्टि है? पार्टी का कहना है कि वह मूल्य वृद्धि पर विरोध कर रही है, लेकिन आम जनता के लिए ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस अपने नेतृत्व को ईडी से 'बचाने' की कोशिश कर रही है। भ्रष्टाचार के किसी भी आरोप पर नेताओं के प्रति किसी की सहानुभूति नहीं है। प्रश्न है, क्या कांग्रेस इस प्रकरण के खत्म होने के बाद भी आंदोलन करेगी?' राजदीप सरदेसाई' के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं:
Has Cong got optics wrong? Party says it is protesting on price rise but for aam janta it appears Cong is trying to ‘save’ its leadership from ED. No one has sympathy for netas on any corruption charge. Qs is:will Cong sustain its agitation mode when Sonia din is over??#SoniaED
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) July 27, 2022
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बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह के खिलाफ ठाणे के चेम्बूर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह आज कल सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन रहे है। दरअसल यह चर्चा उनकी किसी फिल्म की नहीं बल्कि एक फोटोशूट की है, जिसे उन्हें हाल ही में एक मैगजीन के लिए करवाया है। दरअसल यह एक 'न्यूड' फोटोशूट था, जिसकी तस्वीरें खुद सोशल मीडिया पर रणवीर ने पोस्ट की थी, लेकिन अब रणवीर इस मामले में फंसते हुए नजर आ रहे हैं।
दरअसल उनके खिलाफ महिलाओं की भावना आहत करने और अश्लीलता को बढ़ावा देने का आरोप है। उनके खिलाफ ठाणे के चेम्बूर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। रणवीर सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 292, 293, 509 और आईटी सेक्शन 67(A) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसमें एक धारा 67 (A) एक गैर जमानती धारा है। इस धारा में पहली बार दोषी पाए जाने पर 5 साल की सजा और 10 लाख का जुर्माना हो सकता है।
इसी विषय पर वरिष्ठ पत्रकार, 'इंडिया टीवी' के चैयरमेन व 'आप की अदालत' के होस्ट रजत शर्मा ने एक ट्वीट कर एफआईआर जैसे कदम को बेहद बचकाना करार दिया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'रणवीर सिंह की तस्वीरों के लिए उनकी आलोचना हो सकती है, पर FIR एक बेतुके कानून का बेजा इस्तेमाल है। IPC का ये सेक्शन, एक थका हुआ, मगर खतरनाक लॉ है। क्या महाराष्ट्र सरकार में कोई पुलिस से पूछने वाला नहीं है कि ये क्या हो रहा है?’ रजत शर्मा के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
रणवीर सिंह की तस्वीरों के लिए उनकी आलोचना हो सकती है, पर FIR एक बेतुके क़ानून का बेज़ा इस्तेमाल है. IPC का ये सेक्शन, एक थका हुआ, मगर ख़तरनाक लॉ है. क्या महाराष्ट्र सरकार में कोई पुलिस से पूछने वाला नहीं है कि ये क्या हो रहा है? @RanveerOfficial @Dev_Fadnavis @mieknathshinde
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) July 27, 2022
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पूर्व ओलंपिक ट्रैक एंड फील्ड एथलीट पीटी उषा ने राज्यसभा में सांसद पद की शपथ ली। यह मौका कुछ कारणों से ऐसा खास बन गया कि इसकी चर्चा सोशल मीडिया पर होने लगी है।
पूर्व ओलंपिक ट्रैक एंड फील्ड एथलीट पीटी उषा ने कल राज्यसभा में सांसद पद की शपथ ली। उन्हें राज्यसभा अध्यक्ष एवं उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शपथ दिलवाई और यह मौका कुछ कारणों से ऐसा खास बन गया कि इसकी चर्चा सोशल मीडिया पर होने लगी है।
दरअसल पिलाउल्लाकांडी थेक्केपरांबिल उषा केरल की रहने वाली है, लेकिन उन्होंने हिंदी में शपथ ली। पीटी उषा ने हिंदी में शपथ लेने की जब शुरुआत की तो सदन में मौजूद सांसदों ने मेज थपथपाकर उनका स्वागत किया। देखते ही देखते उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लोगों का कहना है कि जहां हिंदी भाषी लोग भी हिंदी से दूर भाग रहे हैं, वहीं उन्होंने हिंदी में शपथ लेकर एक नई पहल की है।
दैनिक जागरण के एक पत्रकार संजीव मिश्र ने लिखा, ‘महान खिलाड़ी पिलाउल्लाकांडी थेक्केपरांबिल उषा (पीटी उषा) ने हिंदी में ली राज्यसभा की शपथ। केरल से आई पीटी उषा देश की प्रेरणा रही हैं, उनका हिंदी में शपथ लेना भी निश्चित रूप से प्रेरणास्पद होगा।’
उनके इस ट्वीट पर अमर उजाला के सलाहकार संपादक और वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री ने ट्वीट कर कुछ सवाल खड़े किए। उन्होंने लिखा, ‘गैर हिंदी भाषियों का हिंदी में शपथ लेना हम सबको अच्छा लगता है, लेकिन क्या कभी किसी हिंदी भाषी के किसी अन्य भारतीय भाषा में शपथ लेने की खबर आई? ये गैर हिंदी भाषियों की उदारता है कि वो तो हिंदी बोलना सीख लेते हैं, लेकिन हिंदी भाषी एक भी दूसरी भारतीय भाषा नहीं सीखते। ये कब तक चलेगा? विनोद अग्निहोत्री जी के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते है।’
ग़ैर हिंदी भाषियों का हिंदी में शपथ लेना हम सबको अच्छा लगता है लेकिन क्या कभी किसी हिंदी भाषी के किसी अन्य भारतीय भाषा में शपथ लेने की खबर आई?ये ग़ैर हिंदी भाषियों की उदारता है कि वो तो हिंदी बोलना सीख लेते हैं लेकिन हिंदी भाषी एक भी दूसरी भारतीय भाषा नहीं सीखते।ये कब तक चलेगा ? https://t.co/a91oczA4Dc
— Vinod Agnihotri (@VinodAgnihotri7) July 20, 2022
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देश की राजधानी दिल्ली में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली एक घटना सामने आई है।
देश की राजधानी दिल्ली में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली एक घटना सामने आई है। दरअसल दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में लेबर रूम के गेट के बाहर एक 21 वर्षीय महिला प्रसव पीड़ा के मारे कराहती रही, लेकिन उसे भर्ती नहीं किया गया। इसके बाद आखिरकार सुबह करीब 9 बजे उसने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया। आस पास मौजूद महिलाओं ने साड़ी के कपड़े की सहायता से उसे प्रसव करवाने में मदद की।
घटना का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो मामला तूल पकड़ने लगा और अस्पताल के स्टाफ ने उसके बाद माता और नवजात को अस्पताल के अंदर भर्ती कर लिया।
इस मामले में महिला के परिजनों ने यह आरोप लगाया कि रात भर प्रसूता दर्द के मारे चीखती रही लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी घटना का संज्ञान लेते हुए एक टीम भेजी है और 5 डॉक्टर्स को जांच पूरी होने तक काम करने से रोक दिया गया है।
इस पूरे मामले पर एनडीटीवी के एग्जिक्यूटिव एडिटर, एंकर और वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने एक ट्वीट कर बड़े सवाल खड़े किए है। उन्होंने लिखा, ‘इससे अधिक संवेदनहीन और शर्मनाक क्या हो सकता है? यह देश की राजधानी का हाल है तो सोचिए गांव-देहात में क्या होता होगा। अस्पताल के बाहर सड़क पर प्रसव हुआ क्योंकि अस्पताल में दाखिला नहीं दिया गया। यह पूरे तंत्र की विफलता है।
अखिलेश शर्मा के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते है-
इससे अधिक संवेदनहीन और शर्मनाक क्या हो सकता है? यह देश की राजधानी का हाल है तो सोचिए गाँव-देहात में क्या होता होगा। अस्पताल के बाहर सड़क पर प्रसव हुआ क्योंकि अस्पताल में दाख़िला नहीं दिया गया। यह पूरे तंत्र की विफलता है। pic.twitter.com/gmChhFxttC
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) July 20, 2022
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लोकसभा में दिए गए सवालों के जवाब में अनुराग ठाकुर का कहना था कि मंत्रालय समय-समय पर कार्यक्रम संहिता का पालन करने के लिए निजी सैटेलाइट टीवी चैनल्स को एडवाइजरी भी जारी करता है।
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69A के उल्लंघन को लेकर ‘सूचना और प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) ने वर्ष 2021 और 2022 में 78 यूट्यूब आधारित न्यूज चैनल्स और उनके सोशल मीडिया खातों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें ब्लॉक किया है। सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में यह जानकारी दी है। इसके साथ ही अनुराग ठाकुर ने बताया कि इसी अवधि के दौरान ‘इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय’ (MeitY) ने 560 यूट्यूब यूआरएल को ब्लॉक किया है।
अनुराग ठाकुर के अनुसार, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए केंद्र सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा, देश की एकता और अखंडता और लोक व्यवस्था आदि के हित में कंटेंट को ब्लॉक करने के लिए किसी भी सरकारी एजेंसी या मध्यस्थ को निर्देश जारी करने का अधिकार देती है।
टीवी चैनल्स द्वारा कार्यक्रम संहिता (प्रोग्राम कोड) के उल्लंघन को लेकर पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में सूचना प्रसारण मंत्री का कहना था कि सरकार ने इस तरह के 163 मामलों में एडवाइजरी जारी करने, चेतावनी देने, माफीनामा चलाने का आदेश देने और प्रसारण ऑफ एयर करने तक की कार्रवाई की है।
बता दें कि निजी सैटेलाइट टीवी चैनल्स पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों को केबल टेलिविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 के तहत बनाए गए केबल टेलिविजन नेटवर्क नियम, 1994 में निर्धारित कार्यक्रम संहिता का पालन करना आवश्यक है। इस कार्यक्रम संहिता के अनुसार, टीवी चैनल्स पर इस तरह का कोई भी कार्यक्रम प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए, जिसमें दो समुदायों में किसी भी तरह से वैमनस्यता पैदा होती है।
इसके साथ ही अनुराग ठाकुर ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने टेलिविजन चैनल्स द्वारा प्रसारण के कार्यक्रम संहिता और विज्ञापन कोड के उल्लंघन की शिकायतों/शिकायतों के निवारण के लिए एक वैधानिक तंत्र (Statutory Mechanism) प्रदान करने के तहत जून 2021 में केबल टेलिविजन नेटवर्क नियम, 1994 में संशोधन किया है।
अनुराग ठाकुर के अनुसार, ‘मंत्रालय समय-समय पर कार्यक्रम संहिता का पालन करने के लिए निजी सैटेलाइट टीवी चैनल्स को एडवाइजरी भी जारी करता है। मंत्रालय ने केबल टेलिविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 में निर्धारित कार्यक्रम संहिता और नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए 23.04.2022 को सभी निजी सैटेलाइट टीवी चैनल्स को एक एडवाइजरी जारी की थी।’
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देश के नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए संसद में वोटिंग पूरी हो चुकी है। एक तरफ एनडीए ने द्रोपदी मुर्मू को, तो वहीं विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार बनाया है। भारत के 15वें राष्ट्रपति को चुनने के लिए राष्ट्रपति चुनाव में कुल निर्वाचकों में से 99 प्रतिशत से अधिक ने मतदान किया।
निर्वाचन अधिकारी पी.सी. मोदी ने बताया कि संसद भवन में 98.90 प्रतिशत निर्वाचकों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। हालांकि अगर आकंड़ों पर नजर डालें, तो एनडीए की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू की जीत तय दिखाई दे रही है। इस बीच विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का एक बयान वायरल हो रहा है। दरअसल उन्होंने कहा, यह चुनाव इस मायने में देश की दिशा तय करेगा कि भारत में लोकतंत्र रहेगा या फिर धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा। अभी संकेत यही मिल रहे हैं कि हम लोकतंत्र के खत्म होने की दिशा में बढ़ रहे हैं।
उनके इस बयान का सोशल मीडिया पर कड़ा विरोध हो रहा है। लोगों का कहना है कि भारत देश एक समृद्ध लोकतांत्रिक देश है और देश में आज भी लोकतंत्र सुचारू रूप से काम कर रहा है। इसी मसले पर वरिष्ठ पत्रकार और ‘टीवी9 उत्तरप्रदेश/उत्तराखंड’ के सलाहकार संपादक (कंसल्टिंग एडिटर) अमिताभ अग्निहोत्री का एक ट्वीट वायरल हो रहा है।
उन्होंने लिखा, ‘यशवंत सिन्हा का यह कहना कि अगर वे राष्ट्रपति चुनाव में पराजित होते हैं तो यह लोकतंत्र की समाप्ति का संकेत होगा, अहंकार की भाषा है। क्या सिन्हा जी भारत में लोकतंत्र का पर्याय हैं? सिन्हा जी, देश में आपसे पहले भी लोकतंत्र था और आपके बाद भी रहेगा। अनावश्यक तनाव मत लीजिये।’ अमिताभ अग्निहोत्री के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
यशवंत सिन्हा का यह कहना कि अगर वे राष्ट्रपति चुनाव में पराजित होते हैं तो यह लोकतंत्र की समाप्ति का संकेत होगा, अहंकार की भाषा है --क्या सिन्हा जी भारत में लोकतंत्र का पर्याय हैं ??-- सिन्हा जी , देश में आपसे पहले भी लोकतंत्र था और आपके बाद भी रहेगा --अनावश्यक तनाव मत लीजिये ---
— Amitabh Agnihotri (@Aamitabh2) July 19, 2022
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वरिष्ठ टीवी पत्रकार और हिंदी न्यूज चैनल ‘आजतक’ (Aajtak) में कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी 19 जुलाई की रात नौ बजे से अपना नया शो लेकर आ रहे हैं।
वरिष्ठ टीवी पत्रकार और हिंदी न्यूज चैनल ‘आजतक’ (Aajtak) में कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी 19 जुलाई की रात नौ बजे से अपना नया शो लेकर आ रहे हैं। ‘आजतक’ ने एक ट्वीट के जरिये इस बारे में घोषणा भी कर दी है।
इस ट्वीट में ‘आजतक’ का कहना है- खत्म हुआ इंतजार..आज से अपना नया शो लेकर आ रहे हैं आपके चहेते सुधीर चौधरी, देखना ना भूलें 'आजतक'। वहीं, इस ट्वीट में सुधीर चौधरी भी यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि आपका इंतजार खत्म हुआ और मेरा भी। तो चलिए आ रहा हूं मैं आज से।
खत्म हुआ इंतज़ार..आज से अपना नया शो लेकर आ रहे हैं आपके चहेते सुधीर चौधरी, देखना ना भूलें 'आजतक'#Promo (@sudhirchaudhary) pic.twitter.com/IMYqKp3Omu
— AajTak (@aajtak) July 19, 2022
हालांकि, शो के नाम को लेकर अभी आधिकारिक रूप से किसी तरह का खुलासा नहीं किया गया है। महज कयास लगाए जा रहे हैं कि ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ (Black and White) नाम से इसका प्रसारण किया जाएगा।
इस बीच दिल्ली से संचालित इंटरनेट टीवी चैनल ‘कैपिटल टीवी’ (Capital TV) के चीफ एडिटर डॉ. मनीष कुमार का एक ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अंग्रेजी में लिखे इस ट्वीट में डॉ. मनीष कुमार का कहना है, ‘मुझे यह बताते हुए काफी खुशी हो रही है कि ‘आजतक‘ पर सुधीर चौधरी के नए शो का नाम ब्लैकएंडव्हाइट (BlackAndWhite) है। यह काफी सफल प्रोग्राम है, जिसे मैं कैपिटल टीवी समेत अन्य प्लेटफॉर्म्स पर पिछले 12 वर्षों से कर रहा हूं। शुभकामनाएं।’
I m delighted to inform that the Name of the new show of @sudhirchaudhary on @aajtak is #BlackAndWhite.
— Dr. Manish Kumar (@DrManishKumar1) July 18, 2022
Its a very successful program that I have been doing for the last 12 years on @capitaltvindia and other platforms.
Best of Luck..
वहीं, एक अन्य ट्वीट में पूजा दुबे नाम की एक एंकर और पत्रकार का कहना है कि मैं खुशनसीब हूं कि मैं वर्तमान में ब्लैक व्हाइट शो की एंकरिंग कर रही हूं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।I am blessed that I am presently anchoring the black white show
— Pooja Dubey (@poojadubey888) July 18, 2022
दुनियाभर में टेक कंपनियों और मीडिया हाउस के बीच रेवेन्यू को लेकर लंबे समय से विवाद छिड़ा हुआ है।
दुनियाभर में टेक कंपनियों और मीडिया हाउस के बीच रेवेन्यू को लेकर लंबे समय से विवाद छिड़ा हुआ है। लिहाजा इस बीच केंद्र सरकार ने गूगल और फेसबुक जैसी उन टेक कंपनियों पर अब शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है, जो मीडिया हाउस के कंटेंट का इस्तेमाल तो करती हैं, लेकिन उसका भुगतान नहीं करती हैं।
डिजिटल मीडिया और न्यूज पब्लिशर्स का कहना है कि गूगल और फेसबुक जैसी दिग्गज टेक कंपनियां सोर्स के तौर पर उनका कंटेंट तो इस्तेमाल करती हैं, लेकिन मीडिया हाउस को इसके बदले भुगतान नहीं करती हैं, जबकि वे इससे तगड़ा मुनाफा कमाती हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब इस तरह की टेक कंपनियों पर लगाम कसने के लिए केंद्र सरकार मीडिया हाउस के कंटेंट का इस्तेमाल करने पर भुगतान को लेकर IT कानून लागू करने की दिशा में काम कर रही है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (MeitY) राजीव चंद्रशेखर ने न्यूज चैनल ‘आजतक’ को बताया कि सरकार भारत के मीडिया घरानों को बड़ी टेक कंपनियों से बचाने के लिए IT कानून लाने पर काम कर रही है। यह कानून सुनिश्चित करेगा कि भारतीय मीडिया को गूगल और फेसबुक जैसी टेक कंपनियों से डील करते समय नुकसान न उठाना पड़े।
बता दें कि इस तरह का कानून ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और फ्रांस में पहले से लागू है, जहां टेक कंपनियों को मीडिया संस्थानों से मुनाफा साझा करना पड़ता है।
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